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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
Last edited:

Rinkp219

DO NOT use any nude pictures in your Avatar
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Sirf humko invitation card nahi diya bhai shadi ka dil se bura laga,,,..... AWESOME UPDATE...

SONAL ka shadi ho gayi ab aayega maza....DONO SAMDHI MILKAR SONAL KO EKSATH...
পরবর্তী পর্বের অপেক্ষায় আছি বন্ধু.... waiting
6aa387801
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Sirf humko invitation card nahi diya bhai shadi ka dil se bura laga,,,..... AWESOME UPDATE...

SONAL ka shadi ho gayi ab aayega maza....DONO SAMDHI MILKAR SONAL KO EKSATH...
পরবর্তী পর্বের অপেক্ষায় আছি বন্ধু.... waiting
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Abhi kaha hui shadi ... bs engagement thi ..😝
Apki pratikriya k liye dhanywaad bhai
 

Alok555

New Member
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दोस्तो आप सभी के प्यार को देखते हुए एक नयी कहानी और लिख रहा हू

:link:
मै सिर्फ तुम्हारा हूँ
20211108-141443

उम्मीद करता हू वहा भी आपका प्यार और सपोर्ट मिलेगा ।
धन्यवाद 😍😍
बहुत प्यार देंगे
 

TharkiPo

I'M BACK
Not Activated
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To shagai ka karyakram poora hua par usme bhi Raj ne bua ko Aur Rangilaal ne Mausi ko ragad hi lia.... Wo to samay nahi mila nahi to nana bhi Ragini ko kahan chhodne wale the...
Par jo aap ne ant mein kaha ki ab bari thi sone ki to Rangilaal ka parivar itana shareef to nahi ki seedha so hi jaye... To kuch to zaroor hoga uska intezar hai.
Mazedaar update
 

Vik1006

Well-Known Member
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UPDATE 103

रात के किसी पहर मे मेरी निद गर्मी से तर बतर होने से खुली ,,, चुकी घर बड़ा था और 8 पंखे और 20 बलब , के लिए ज्यादा बड़े इनवर्टर की जरुरत थी ,उपर से शादी का खर्च देखते हुए पापा ने अभी इनवर्टर नही लगवाया था ।

मेरा बदन चिपचिपाहत दे रहा था और मुझे बर्दाश्त नही हो रहा था ,, मैने आस पास टटोल कर मौसी को आवाज दी ,, लेकिन वो थी ही नही ।

मै उठा और वैसे ही अन्दाजा लगाते हुए बिस्तर से उतर कर दरवाजे तक आया तो दरवाजा भिडका हुआ था ।

मैने खोला उसे तो हाल मे काफी राहत मिली ।
मैने मा के कमरे का दरवाजा चेक किया तो वो भी हाथ लगाते ही खुल गया , मतलब था कोई बाहर आया जरुर था ।
एक तो मैने मोबाईल कहा रख दिया वो नही ध्यान आ रहा था
मै धीरे धीरे अन्धेरे मे सोफे के साइड से होते हुए गेस्टरूम तक आया और उसका दरवाजे पर हाथ लगाया लेकिन वो बंद था ।

मतलब चाची और बुआ सो रहे होगे ,, तभी मुझे गेस्टरूम से कुछ आवाजे आई जो बुआ की थी ,वो चाची से इसी गर्मी को लेके बाते कर रही थी ।
तो चाची कहती है कि नही खिडकी खोलने से बहुत आराम है ।

तो मुझे ध्यान आया कि हा गेस्टरूम मे तो एक बाहर से खिडकी भी है , तभी वो लोग नही आये बाहर ।
मै खुश हुआ कि चलो मेहमानो को दिक्कत कम है लेकिन अभी नही तो शादी से पहले एक बड़ा इनवर्टर लेना ही पडेगा ।


मै ऐसे ही सोचते हुए गैलरी की दिवार पकड कर आगे गया तो गैलरी का दरवाजा ब्नद था ,,मतलब वो लोग उपर गये होगे । मैने सोचा जाने दो अभी थोडे समय मे लाईट आ ही जायेगी तो क्या जाऊ उपर

फिर मै अन्दाजा लगाते हुए वापस हाल की ओर आया और मुझे ना जाने क्या सुझा कि क्यो ना एक बार उपर जाकर देख ही लू

मै फटाक से घुमा और धीरे धीरे सीढ़ी पकड कर निकल गया उपर हाल मे ।
यहा ही चुप सन्नाटा ,,,एक तो मोबाईल ना लाने की वजह से कुछ दिख भी नही रहा था ।

मै बिना कुछ सोचे बगल से उपर वाली सीढि पकड़ ली और मुझे हल्की रोशनी और खुले दरवाजे से आस्माँ दिखा । मै खुश हुआ और बड़े आराम से धीरे धीरे आगे बढ रहा था ।

मै छत पर बहुत हल्की रोशनी थी वो भी ढलती चांदनी की ।
मै धीरे धीरे आगे बढ रहा था और जीने के मुहाने पर जाने से पहले ही मुझे किसी की सरसराहट और महीन सिसकिया सुनाई दी ।

मै चौका और सोचा नही ये लोग खुले आस्माँ के निचे लगे तो नही है ।
मेरे चेहरे पर एक शरारती मुस्कान आई और लण्ड मे नयी जान ।
मै दबे पाव धीरे धीरे दरवाजे तक आया और सामने देखा तो बाथरूम के पास की चारदीवारी पर पापा किसी को झुकाये गचागच उसकी कूल्हो को थामे पेल रहे है और एक और औरत वही बगल मे खड़ी हुई ये सब देख रही है ।

पेतिकोट के रंग से मै जानगया कि पापा जिन्हे चोद रहे है वो रज्जो मौसी है और उनके साथ मा पापा के बगल मे खड़ी है ।

मै मन मे - यार रज्जो मौसी कितनी बड़ी चुदक्क्ड है ,, दो बार मुझसे बुरी तरह चूदने के बाद भी उनका दिल नही भरा , और पापा ,,इनकी तो चांदी है ही ,,घर मे माल और दुकान पर भी माल और अब देखो कल सगाई मे अपनी संधन से क्या रन्गबाजी करते है ।

मै मन मे - लेकिन कुछ भी हो दीदी की सास है एक दम पंजाबी माल ,,,क्या बडी गाड है उसकी आह्ह लण्ड खड़ा कर दिया साली ने तो,,,, लेकिन मेरा बाप छोड़ेगा तब ना मुझे मिलेगी हिहिहिही

मै सामने की ओर उनकी चुदाई देख्कर मन मे - आह्ह मन तो कर रहा है अभी जाके मा को झुका कर चोद दू उम्म्ंम
मै अपने कड़े लण्ड को दबाया और थोड़ी देर बाद मन मार कर निचे हाल मे आ गया और बिजली आने तक हाल मे बैठा रहा ,,थोडी देर बाद बिजली भी आ गयी तो मै जाकर अपने कमरे मे सो गया ।
सुबह 6 बजे का अलार्म मेरे मोबाईल पर ही बजा और निद खुली तो घर मे कौतूहल मचा हुआ था ।
किचन से कुकर की सिटिया बज रही थी तो बाथरूम से नहाने की आवाजे ।

पापा भी हाल से बार बार मा को आवाज देकर सब पुछ रहे थे ।
मै उठा और सोचा यार बाथरूम मे तो कोई गया है तो चलो बाहर किसी के कमरे मे फ्रेश हो लू ।

मै मन मार कर अपना तौलिया लेके बाहर आया और सीधा मा के कमरे का दरवाजे पर जोर दिया तो वो हल्के झटके से तुरंत खुल गया ।
मैने दरवाज बंद किया और बाथरूम की ओर देखा तो बाथरूम खुला मिला
मै फटाक से बाथरूम मे घुस गया तो अन्दर शिला बुआ पेतिकोट पहने नहा रही थी ।

मै - अरे बुआ आप अभी नहा रही हो
बुआ पहले चौकी और फिर बोली - अरे बेटा तू है ,, हा मै बस नहा चुकी हू

मै पेट पकडते हुए - बुआ जल्दी करो आअहह ,,जोर की लगी है
बुआ हसी और साइड होकर बाथरूम मे बने टोइलेट सीट को दिखा कर बोली - हिहिही जा कर ले ना

मै हस कर लेकिन कराह कर - आह्ह बुआ जल्दी करो ना मै वैसे नही कर पाऊन्गा

बुआ हसी - तू दो मिंट बैठ मै बस ये पानी डाल कर नहाना है
मै जल्दी से बाहर आकर बाथरूम मे झाकते हुए चक्कर लगाने लगा ।
और दो मिंट बाद बुआ एक तौलिया लपेटे बाहर आई

बुआ अभी भी गीली थी - हिहिबी जा जल्दी ,,मेरे कपडे पडे अभी अंदर उन्हे भी धुलना है ।
मै हसा और फटाक से दरवाजा बंद कर बाथरूम मे घुस गया ।

5 मिंट बिता तो बुआ ने आवाज दी - क्या हुआ बेटा कितना टाईम लगेगा ,,मेरे कपडे अभी भी अन्दर ही है ।
मै - हा हा बुआ बस हो गया है ।
मै फटाक से फ्रेश हुआ और हाथ धुलने बाद मै बाथरूम की हैंगर पर से तौलिया लेके हाथ पोछ रहा था कि मुझे वहा बुआ का पेतिकोट ब्लाउज ब्रा दिखी

मुझे एक शरारत सुझी और मेरे लण्ड ने उसके लिए अपनी सहमती भी दिखाई ।
मै फटाफट करके अपने सारे कपडे निकाल कर वही बालटी मे डाल कर भिगो दिये यहा तक की अंडरवियर भी ,वैसे भी मेरे कपडे मम्मी ही धुलती थी ।
यहा मेरा लण्ड खड़ा हो गया था आने वाले रोमांच को लेके ।
मै एक बार चेक करने के लिए कि कमरे मे कोई और तो नही आया ना ।
मै हल्का सा दरवाजा खोल कर बाहर झाका और सामने बुआ अभी भी तौलिया लपेटे खड़ी थी

मै - हा बुआ आजाओ
बुआ मुस्कुराई और दरवजा खोल कर अंदर आई
बुआ हस कर - अरे तू ऐसे क्यू है , ऐसे नहाता है क्या

मै बुआ को पकड लिया और उन्के बडी सी गाड पे हाथ फेर कर उन्के होठ चुस्ते हुए बोला - नही अपनी सेक्सी बुआ के साथ नहाना है ।

बुआ मुझसे अलग हुइ- धत्त मै नहा चुकी हू रे ,,,जल्दी से नहा के आ
फिर बुआ अपने कपडे हैंगर से लेके जाने को मुड़ी तो मै लपक कर पीछे से दबोच लिया

आहह क्या नरम और फुली हुई गाड़ थी उम्म्ंम्ं
मै सीधा अपना हाथ बुआ की चुत पर ले गया और उसे तौलिये के उपर से ही दबाते हुए - अह्ह्ह बुआ रुको ना

बुआ सिस्क के - ओह्ह लल्ला मान जा ना ,,बहुत काम है अभी

मै धीरे से पीछे से तौलिया उठाकर लण्ड को बुआ की गाड की लकीरो मे घुसा दिया
बुआ - सीईई उम्म्ंं अह्ह्ह बेटा रहने दे ना उफ्फ्फ

मैने बुआ की एक ना सुनी
और उनको बेसिन की ओर घुमा दिया और दरवाजे के पास लगे एक दरख्कत से तेल की सिशी उतारि

बुआ हाथ मे लिये कपड़े अपने कन्धे पर रखते हुए बोली - ओहह लल्ला क्या करने जा रहा है तू
मै बिना कुछ बोले बुआ का तौलिया उपर किया और उनकी गोरी फैली हुई गाड़ को सहलाते हुए तेल को सीसी से तेल को उनकी गाड़ की मोटी लकीर मे टिपकाना शुरु किया

बुआ सिहरते हुए - उम्म्ं सीईईई ओह्ह बेटा ये क्याह्ह्ह्ह्ह

बुआ आगे कुछ बोलती उससे पहले ही मैने अपना लण्ड तेल मे चुपड़ कर उनकी गाड के मूहाने पर लगा दिया
मै धीरे से एक हाथ से बुआ के मोटी नरम गाड के एक पाट को पकड कर उनकी सुराख को फैलाया और दुसरे हाथ से लण्ड को पकड कर अपनी एड़ियो को उच्काते हुए लण्ड को उनकी गाड़ मे पेल दिया
बुआ - अह्ह्ह लल्लाअह्ह ,,उह्ह्ह आराम से उम्म्ंम्म्ं उफ्फ्फ्फ

मै मुस्कुरा कर सामने बेसिन के उपर लगे सीसे मे बुआ का दर्द और कामुक्ता से भरा चेहरा देख कर और भी उत्तेजना आई और मैने उन्के कुल्हे को थामते हुए धक्के लगाना शुरु कर दिया

अभी मेरा लण्ड तेल मे अच्छे से चिपुडा नही था तो लण्ड सुखी चमडी को बुआ की गाड मानो छील दे रही थी
ऐसे मे मुझे एक आइडिया आया और मैने वैसे ही बुआ की गाड़ मे हल्का हल्का धक्का देते हुए बुआ की गाड़ की लकीर मे तेल फिर से टिपकाना शुरु किया

बुआ को फिर से गुदगुदी मह्सूस हुई सामने आईने मे मुझे हस्ता देख बोली - अह्ह्ज सीई तू हस रहा अह्ह्ह ये तेल क्यू डाल रहा है अह्ह्ह मुझे फिर से नहाना पडेगा ओह्ह्ह बेटा उम्म्ंम्ं आराम से आह्ह

मैने देखा की अब बुआ भी रंग मे आ रही है और मेरे लण्ड की ओइलिंग हो चुकी थी जो बडे आराम से बुआ की गाड की गहराइयों मे जा रहा था

तो मैने भी बुआ के कूल्हो को थामा और उन्हे थोडा झुका कर तेजी से थप्प थ्प्प्प थ्प्प्प लम्बे लम्बे धक्के उनकी गाड मे पेलने लगा

बुआ की आवाज थम सी गयी
सुबह सुबह मोटा लण्ड अपनी गाड़ की जड़ो तक मह्सूस कर वो काफी उत्तेजित हो चुकी थी और मुह खोल कर हाफते हुए सिसिक रही थी
मेरे तेज धक्को से उन्के तौलिये की गाठ खुलने लगी और वो निचे ना गिरे इसिलिए मै थोडा रुक कर उसे निकाल कर अपने गले मे लपेट लिया और अब बुआ पूरी तरह से नंगी थी और मुझे और भी उत्तेजना होने लगी
मेरा एक हाथ धीरे धीरे बुआ की हिलती चुचियॉ पर गया
अह्ह्ह ये नरम ताजी चुची उफ्फ्फ
मै लगातार बुआ की चुची को नोचते हुए बुआ की गाड मे पेल रहा था और झडने के करीब भी था और

मै - अह्ह्ह्ह्ह बुआआअह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ज हा हा ओह्ह्ह

मै झड़ने लगा बुआ की गाड़ मे
बुआ भी ना जाने कबकी झड़ गयी थी और वही मेरा माल बुआ की गाड़ की जड़ो मे भरने लगा , पूरी तरह निचड़ जाने के बाद मै बुआ के उपर ही ढह गया ।

हम दोनो ने थोडी देर अपनी सासे बराबर की फिर मैने अपना लण्ड बुआ की गाड़ ने निकाला और सामने आईने मे बुआ को देखा वो खुश थी और शर्मा भी रही थी ।
मै उनको पीछे से हग कर उन्के चब्बी चब्बी गाल को काट लिया
बुआ हस कर - हट बदमाश कही का ,,चल अब नहा ले
फिर मै और बुआ वापस मे एक साथ नहा कर बाहर आये और मै तौलिया लपेट कर अपने कमरे मे चला गया ।

जहा मौसी नहा कर एक मैक्सि डाल ली थी ।
और बालो को तौलिये से लपेटा हुए बाहर निकल रही थी ।
मै मुस्कुरा कर उनको देखा और कमरे मे चला गया ।

थोडी बाद मै भी टीशर्ट लोवर पहन कर बाहर आया तो पापा गेस्टरूम से कुछ समान निकलवा रहे थे ।

पापा - अरे राज ,तू नहा लिया क्या
मै - हा पापा क्यू
पापा - अरे बेटा ये सब सारा समान जो है सगुन का वो भी तो लेकर जाना है अभी ।

मै - कोई बात नही वैसे भी प्रोग्राम दोपहर तक है ना तो फिर से नहाना ही पडेगा
फिर मैने बारी बारी से समान निकलवाया जो कि दूल्हे को देने के लिए रखा गया था ।
सारे समान को लेकर मै एक टेम्पो मे लादकर मै निकल गया मंदिर की ओर।

अभी सुबह के 7 बज रहे थे फिर भी लड़की वालो की तरफ की तैयारियो मे समय बहुत ही लगता है ।
मै फटाफट 10 मिंट मे मंदिर पंहुचा , जहा चाचा पहले से पहुच कर सारा काम देख रहे थे ।
भंडारी आ चुके थे और रसोई के लिये दिये कमरे मे अपना काम शुरु कर दिये थे ।

टेन्ट स्टेज स्टाल ये सब पे अनुज और राहुल लगे हुए थे ।
मै जाकर उन्से हाल चाल लिया और उन्हे अपने साथ लेके टेम्पो से सामान उतरवा कर लड़की वालो को जो कमरा तय हुआ था उस कमरे मे रखवा दिया ।

इधर हम खाली हुए थे कि पापा भी एक ई-रिक्शा लिये मिठाईया लेके आ गये ।
फिर चाचा और पापा दोनो ने मिल कर वो सारी मिठाईया स्टाल के पास ही रखवा दी ताकि बार बार असुविधा ना हो ।
इधर मै भी एक बार सारा मुआयना किया और फिर पापा को भी दिखाया कि सब काम सही रूप से चल रहा है ।

थोडी देर बाद मैने वहा रुक अनुज और राहुल को भेज दिया कि वो दोनो जाकर नहा ले और कुछ खा पी ले ।
फिर पापा भी चले गये घर के लिए ।

इधर 8 बजने को था कि चंदू ने फोन किया तो मैने बोला कि सीधा मन्दिर पर आजा ।

इधर मैने और चाचा ने मिल्कत धीरे धीरे स्टेज और स्टाल का सारा काम देख लिया । जब चंदू आया तो उसे भी रसोई घर मे भेज दिया कि कुछ काम देख ले ।

10 बजने तक हमारे सारे काम खतम हो गये थे ,,
बस एक ही चीज बाकी था वो था कोल्डड्रिंक लाने का ,,, पापा ने उसे आखिरी मे लाने को कहा था कि जब सारे काम हो जाये तो उसे लेके आऊ ।

फिर मैने चाचा को सुचना दी और चन्दू को बोला की दो बोरी लेले ।
फिर हम लोग मंदिर मे खड़ी एक ई-रिक्से को लेके निकल गये ।
पापा ने आज के पुरे दिन के लिए दो ई-रिक्से को बूक कर दिया । ताकि कोई जरुरत हो तो जल्दी समस्या ना हो ।
इधर हम दोनो निकल गये कोल्ड ड्रिंक के लिये ।

पहले तो हम तय किये हुए शॉप पर गये जहा से कोल्ड ड्रिंक की पैकेट को लादा और फिर हम लोग एक बर्फ वाली फ़ैक्ट्री पर गये । जहा से हमने बर्फ की बडी शिल्ली को बोरे मे भरा और उसे भी लाद लिया ।

मै फटाक से आगे बैठ गया और पीछे सारी जगह फुल हो गयी
चंदू - अबे साले मै कहा बैठू
मै हस कर - अबे बोरी पर बैठ जा ना कितना दुर जाना है

चंदू - साले देख कितना ठन्डा है ,, मेरी गाड बर्फ बन जानी है इसमे

मै थोडा रौब दिखा - अबे बैठ साले ,,बक्चोदी ना कर ,,कितना काम पडा है

वो चुपचाप तुरंत बैठ गया और मै सामने मुह के हसने लगा ।
रास्ते भर चंदू अपनी गाड सिकोड़ते हुए मन्दिर तक आया ।

जब वो उतरा तो उसका पैंट भीग चुका था ,,,जिसका मजा वहा पर चाचा ने भी लिया ।

फिर हमने सारे कोल्ड ड्रिंक के पैकेट उतार और सबको स्टाल के पास ले गये और वही एक बडे भगोने मे बर्फ को तोड कर रखा गया और सारी कोल्ड ड्रिंक की बोतले उसमे रख कर बोरी से धक दी गयी ।

अब लगभग सारा काम खतम हो चुका था और इधर पापा भी एक ई-रिक्से से अपने साथ जमुना ताऊ और अनुज राहुल को लिवा के आये ।

पापा - बेटा तुम ये दोनो ई-रिक्शा लेके चले जाओ और तैयार होकर फटाफट सबको लिवा कर चले आओ ,,,क्योकि 11बज गया है और 12बजे लडके वाले आयेंगे ।

मै - जी पापा ,,चंदू चल तू भी
फिर हम दोनो एक एक ई-रिक्से मे बैठ कर निकल गये चौराहे वाले घर
घर पहुचा तो देखा तो महिला मंडलो का तान्ता लगा हुआ था ।
हाल मे मा , रज्जो मौसी , शिला बुआ , चाची ,रन्जू ताई , शकुन्तला ताई , काजल भाभी ,पंखुडी भाभी ,विमला मौसी , रजनी दीदी ,,, लगभग सभी ने साडी पहनी थी ।

इधर इतनी महिलाओ को देख कर मै और चंदू थोडा शर्माहट फील कर रहे थे ।

मै - मा मेरे कपडे निकाल दो
मा - हा तेरे और चंदू के कपडे तेरे कमरे मे है ,,जल्दी से तैयार होकर आ ।

मै - अबे तू यही नहाएगा
चंदू को वहा हाल मे बात करने मे शर्म आ रही थी तो वो मुझे खिच कर कमरे मे ले गया - हा बे , मम्मी ने सुबह ही बोला था कि यही आकर तैयार हो लू क्योकि घर पर ताला मारना था न ।

मै - ओह्ह मतलब तेरी दीदी भी आई है
चंदू - हा बे ,,चाहिये तो बोल रोक दू क्या
मै ह्स कर - हट बे बाद मे हिहिही
फिर मै और चंदू साथ मे नहा कर अच्छे से तैयार हुए और हाल मे आये ।

हाल मे और भी भीड़ बढ गयी थी ।
क्योकि मामी के यहा से फुल फैमिली आ चुकी थी मामा को छोड कर ।

मै सबसे मुखातिब हुआ और अपनी सेक्सी और चुल्बुली मामी से भी जो आज लाल चन्देरी साड़ी मे कहर ढा रही थी । पूरी महिला मंडली मे सबसे डिफरेंट और सेक्सी लूक मे थी वो ।

गीता बबिता जो कि सेम पैटर्न मे अच्छी सी गाऊन मे थी और मुझ्से मिल कर उपर निकल गयी । जहा सोनल दीदी के कमरे मे कोमल, चन्दू की बहन चंपा , निशा पहले से ही मौजुद थे ।

नाना - रागिनी बेटा सुनो
मा थोडी शर्माई और बोली - हा बाऊजी ।
नाना - ऐसा करो थोड़ा थोडा करके सब लोग निकलते चलो ,,समय ज्यादा नही है ।

मा - हा बाउजी बस आपकी ही राह थी ,,, आईये दीदी आप लोग भी चलिये ।

फिर दो इ-रिक्से मे रज्जो मौसी , चाची , विमला मौसी , रजनी दीदी , शकुन्तला ताई, रंजू ताई , और मेरी दोनो सेक्सी भाभी बैठ कर निकल गयी ।

फिर नाना ने बोलोरो मे मामी ,
गीता बबिता चंदू और मुझे बिठा कर निकल गये ।
बैठते वक़्त नाना ने बताया कि अभी अगले चक्कर मे वो मा कोमल ,निशा और सोनल को लिवा लेंगे ।

इधर 2 मिंट मे ही हम लोग मन्दिर मे पहुच गये और उतर कर अन्दर गये ।
जहा गीता बबिता ने पापा और चाचा से मिली और फिर

पापा खुद जाकर नाना और मामी से मिले ।

नाना हमे छोड कर फीर से निकल गये चौराहे पर मा और बाकी लोगो को लेने ।
इधर लगभग सारी तैयारिया हो चुकी थी ।
खाने का स्टाल तैयार था ,,मिठाईयो का भी
और पानी का इन्तेजाम हो गया था ।
थोडी देर बाद नाना सबको लिवा कर आये और सारी महिला मंडली एक साथ एक कमरे मे थी ।

इधर पापा ने भी अमन के पापा को फोन कर जानकारी देदी और अगले 15 मिंट मे लड़के वाले आ गये 3 बोलोरो की गाडिया आई थी ।

अमन की फैमिली से सब लोग परिचित थे , लेकिन और भी कुछ मेहमान लोग और एक पांडित जी आये थे उनके साथ ।
फिर चाचा पापा और मै मिल कर सबका स्वागत किये ।
सभी जेन्स लोगो बिठाया गया और महिला लोगो को लड़के वालो के लिए जो कमरा मिला था उसमे भेज दिया गया ।

सभी की आव्भगत और मेल मिलाप हुआ और फिर सबको मै , चंदू और अनुज राहुल ने मिल कर पानी पिलाया ।

थोडी देर बाद ही पंडित ने मुहूर्त के हिसाब से काम आगे बढ़ाने को कहा ।

स्टेज पर सबसे पहले अमन के पाव पुज कर पापा ने सगुन की थाली और सारा समान उसके पिता मुरालिलाल को सौपा ,, फिर अमन की मा यानी सोनल की होने वाली सास ने भी अपने होने वाली बहू के पाव पुज कर उसे सगुन के समान दिये ।

फिर सारे कार्यकर्म विधिवत संपन्न हुआ और अब बारी थी अंगूठी बदलने की ।
लड़का लडकी को स्टेज पर लगे सोफे पर बिठाया गया और पुजा , सगुण के सारे सामान को इधर उधर रखा गया ।

फिर तय समय पंडित जी ने मंत्रोच्चारण के साथ रिंग की अदला बदली की गयी ।
फिर थोडे फैमिली फ़ोटो निकाले गये और आशीर्वाद लेन देन भी हुआ दोनो पक्षो से लड़का लड़की का ।
फिर हमने थोडी मस्ती मजाक भी किये।
इधर फ़ोटो शूट के दौरान मेरे तरफ की महिलाओ ने अमन को बुरी तरह से घेर लिया था,,,बाकी मर्द लोग आपसी मेल मिलाप मे लगे थे और पंखुडी भौजी ने कमान सम्भालते हुए

पंखुडी भौजी - तब हो नंदोई जी ,,ब्डा चोखा माल पायिल बाटी रउरे
सोनल और अमन दोनो उनकी बाते सुन कर शर्मा कर मुस्कुरा रहे थे ।
पंखुडी अमन की खिचाई करते हुए - हई देखा हो इनकी बहिनचोदो ,, लजात बाटे

तभी मेरी सेक्सी मामी आई और अमन की गोद मे बैठ गयी और बोली - ये बाबू तनी खिचा हो फोटुवा हमार और इनकी बहिनचोदो के
अमन को बहुत ही अजीब फील हो रहा था ,वही दीदी मजे ले रही थी ।

इधर अमन की खिचाई हो रही थी और मै उछल कूद कर मजे ले ले कर तस्वीरे निकाल रहा था ,कि तभी अमन की मम्मी आई और मुझे पकड ली ।

मेरे गाल खिच कर बोली - बड़ी उछल कूद कर रहे हो आप तो हा ,,,खुद के दोस्त को परेशान करवा रहे हो

ममता एक हसिन सी सेक्सी औरत से - ए बहिनी तनी बाबू के भी खोज खबर ले लीं ,आईं

तभी वो औरत आई और मुझे लेके अपनी गोद मे बैठ गयी और छोटे बच्चे की तरह दुलारते हुए - औरि बाबू , का नाम बाते राऊर

मै हसा और थोडा उसकी गोद से उतरने लगा तो वो वापस मुझे पकड कर अप्नी तरफ खिच ली और बोली - आह्हा , पहिले बोलब फिर हम जाये देब

मै हस कर - वो हम दुल्हन के भाई है
वो औरत बोली - ते हमहू राऊर दीदी के बुआ सास लागब
मै अमन की बुआ के गोद मे छ्टपटा रहा था और वो मुझे अपनी ओर खीच रही थी ,, इसी कसमसाहट मे मेरा पीठ ना जाने कित्नी बार उनकी चुचियो को मिज दिया था

आखिरकार हालत खराब होने पर वो छोड दी और अपनी साड़ी सही करने लगी ,,मौका पाते ही मै वापस भाग गया स्टेज पर

थोडी देर तक ऐसे हसी खुशि भरा माहौल जमा रहा और फिर थोडा दोनो तरफ के मेहमानो ने आपस मे बात चित की और फिर नाना के पहल पर दोनो तरफ के लोगो ने खाना खाने की शुरुवात की ।

इधर पापा ने अमन की मा से जुड़ने का और उन्हे ताड़ने का एक भी मौका नही छोडा ,,,उधर अनुज और राहुल भी लड़के वालो की तरफ से आई कुछ लड़कीयो को ताड़ रहे थे और उधर के लड़के भी हमारी तरफ की हसिन लड़कीयो और भौजाई लोगो की ताड़ रहे थे ।

आज पंखुडी भाभी की मदद से खाने के दौरान ही मै और काजल भाभी काफी खुल गये और थोडी बहुत जान पहचान आगे बढ़ी ।

शाम 4 बजे होते होते सारे प्रोग्राम खतम हुए और लड़के वाले निकल गये ।
इधर हमारी तरफ से आई महिलाए भी निकल गयी चौराहे वाले घर पर ।

फिर हम सब मर्द और लड़को ने मिल कर सारे समान को वापस टेम्पो मे लाद जो कुछ सगुन के थे तो कुछ अपने घर के राशन और अन्य समान ।

सारा समान लाद कर और धर्मशाला खाली करने के बाद हम सब भी निकल गये चौराहे पर ।

हमलोगो को आने मे थोडा वक़त लग गया था तो , शिला बुआ और नाना की फैमिली अपने अपने घर चली गयी ।
विमला और कोमल , पंखुडी भाभी का परिवार , काजल भाभी और शकुन्तला ताई, रजनी दीदी और चंपा , सब के सब निकल गये अपने घर ।

इधर हम आये और सारा समान गेस्टरूम मे रखवा दिया गया ।
फिर पापा ने टेम्पो और ई-रिक्शा वालो का हिसाब किया और हम सब हाल मे आ गये ।

थोडा आराम हुआ और मा ने हम सबके लिये चाय बनवाई ।
सब काम खतम होने के बाद चाचा चाची ने अपने घर जाने की इजाजत मागी तो पापा ने साफ मना कर दिया ।

क्योकि थके सब थे और वैसे भी खाना बनाना नही था ,,क्योंकि काफी सारा खाना बचा था जिसे मा ने सारे मेहमानो के साथ कुछ न कुछ रात के लिए पार्सल करवा दिया था उसी समय ताकि खाना बेकार ना जाये ।

सारे लोगो ने खाना खाया और अब बारी थी सोने की ।

जारी रहेगी
Great update...
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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To shagai ka karyakram poora hua par usme bhi Raj ne bua ko Aur Rangilaal ne Mausi ko ragad hi lia.... Wo to samay nahi mila nahi to nana bhi Ragini ko kahan chhodne wale the...
Par jo aap ne ant mein kaha ki ab bari thi sone ki to Rangilaal ka parivar itana shareef to nahi ki seedha so hi jaye... To kuch to zaroor hoga uska intezar hai.
Mazedaar update
Apki pratikriya k liye dhanywaad bhai

Dekhate hai kya karnaame honge
 
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