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Adultery माँ का बदला बेटे ने लिया

maa ka laadla

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Update - 1

हेलो दोस्तो , ये मेरी स्टोरी adultary है। ये कहानी में बेटा माँ को नही चोदने वाला। तो incest वाले को पहले ही बोल देता हूँ। ताकि आपके समय खराब ना हो। इसमें एक बेटा अपनी माँ का बदला लेता है। जो माँ गलत रास्ते पे चली गयी होती है, बाद में उसको अंदाज़ा होता है कि उसने क्या गलत काम कर दिया है और फिर वो अपने बेटे को उसका बदला लेने कहती है।

ये कहानी मुंबई के एक सोसायटी की है। जहाँ सभी अच्छे घर के लोग रहते है। वैसे ही एक घर सोसायटी के आखिर में गेट के बिल्कुल सामने आखिर में है। ये घर कुछ इस प्रकार है कि घर 2 माले का है,नीचे हॉल है,और हॉल के पीछे किचन, और एक तरफ टॉयलेट बाथरूम है,और पीछे की साइड पर थोड़ा खुले एरिया का वरांडा जैसा है। जो दिवालो से घिरा है ,लेकिन उचाई इतनी भी नही की कोई देख या आ न पाए। और उसके पीछे से खेत शुरू हो जाते है।तो पीछे के बाहर की साइड पर बाहर से देखने वाला कोई नही।

उस घर में 3 लोग रहते है।

प्रकाश मिश्रा(पापा), जिसकी उम्र शायद 58 होगी। ये एक बोहोत नेक इंसान है। जो कॉलेज में एक टीचर की नोकरी करते है। ये रोज 10 से 5 बजे तक कॉलेज मैं होते है।

भावना मिश्रा(माँ),ये एक संस्कारी नारी है। ये एकदम सिंपल औरत है। बेटे का जन्म बाद भी इसका फिगर फिट है। ज्यादातर साड़ी और सलवार और लेगिंस पहनती है। ये पूरा दिन घर का काम करती रहती है। भले थकी हुई क्यों न हो। पूरा दिन काम में बिताती है। और ये भोली और बहुत सेंसेटिव औरत है। अगर उसको कुछ प्रॉब्लम हो तो भी वो किसी को नही बताती थी ,ताकि दूसरे टेन्सन न ले।

हर्ष मिश्रा(बेटा, यानी मैं), ये सीधा लड़का है जो पापा और माँ के साथ रहता है। ये मुंबई में नजदीकी कॉलेज में इंजीनियरिंग करता है। ये 9 बजे निकल जाता है घर से और शाम को ही आता है,कॉलेज में होजे के कारण कभी जल्दी आ जाता है तो कभी शाम को 6,7 बजे भी आता है तो कभी कभी मूड बन जाये तो कॉलेज बंक कर के घर आ जाता है।

जैसे कि आपको बताया घर में ऊपर 2 रूम है और एक रूम मैं माँ पापा और एक रूम मैं बेटा रहता है। नीचे हॉल और कीचन ही
है।
 

maa ka laadla

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Update - 2

सुबह की शुरुआत, और घर में पापा और माँ उठ गए है। मैं भी समय पर उठ जाने वालों में से हूँ। सुबह उठ के में तैयार हो गया। मैं उठ के तैयार होके नीचे आया। और हॉल में बैठा।

मैं:-माँ मुझे नास्ता दे दो। माँ:-(मेरे लिए ब्रेकफ़ास्ट लेके आयी) ये ले बेटा आराम से खा लो। पापा:-(अपने रूम से नीचे आते हुए) भावना, याद है ना आज मुझे 2 टिफिन बॉक्स देने है। आज राजेश की पत्नी मायके गयी है तो उसका टिफिन मैं ले जा रहा हूँ। माँ:-(काम करते हुए ) जी वो याद है, टिफिन ही पैक कर रही हूँ।

माँ ने अभी ब्लैक कमीज़ और ब्लू कलर की लेगिंस पहनी थी। माँ किचन में काम ही करती रहती है।


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मैं:-(खाना खत्म करते हुए) चलो माँ में चलता हूँ। माँ:-ठीक है बेटा, संभाल के जाना ठीक है। मैं:-हाँ मा।

और एक बात में घर से ब्रेकफास्ट करके निकलता था और कैंटीन में खा लेता था, टिफिन ले जाना मुझे पसंद नही।

में घर से निकल गया।मेरा ऐसा था कि मेरा दोस्त बाजू की सोसाइटी मैं रहता था, तो मैं अपनी सोसाइटी से बाहर निकल कर उसकी राह देखता ,वो मुझे लेके हम कॉलेज चले जाते। अब मैं और मेरा दोस्त कॉलेज आ जाते है ,और दूसरे दोस्तो के साथ मिल कर मस्ती करते क्लास में चले जाते है।

यहाँ घर मैं प्रकाश भी कॉलेज जाने की तैयारी करता है।

प्रकाश:-भावना चलो,मैं चलता हूँ।मुझे टिफिन दे दो भावना:-(टिफिन लेके आती है) ये लीजिये। प्रकाश:-ठीक है,चलो मैं चलता हूँ। अपना ध्यान रखना। भावना:-जी ठीक है।आप संभल कर जाएगा।

प्रकाश अपनी बाइक पे कॉलेज चला जाता है,और भावना फिर से घर का डोर बंध करके अपने काम में लग जाती है।ये अब रात के सोने के समय तक काम ही काम करती रहेगी। अब भावना घर में बेटे और पति के जाने के बाद सबसे पहले झाड़ू और पोछा लगा रही थी। अब ये करने के बाद किचन की साफ सफाई करने लग गयी। फिर पीछे के वरांडा के तरफ भी सफाई करने लग गयी। ये करने के बाद तुरंत कपड़े धोने बैठ गई, और उसके बाद दोपहर हो गयी थी। फिर उसने खाना खाने के बाद फिर बरतन धोने लग गयी। फिर वो होने के बाद भी वो दूसरे कामो में लग गयी।

यही है भावना जो हर वख्त कामो मैं लगी रहती है। अब शाम को 4 बज रहे होंगे। भावना अपने बेटे के रूम की सफाई कर रही थी, कपड़े घड़ी करके रख रही थी,जो सुबह सुखाने रखे थे वो। और घर की घंटी बजती है। भावना नीचे हॉल मैं जाती है और दरवाजा खोलती है।

माँ:-(दरवाजा खोल के ) आ गया बेटा। मैं:-(अंदर आते हुए) हाँ माँ आ गया। माँ:-चलो अब हाथ मुँह धो लो मैं तुम्हारा बैग रख देती हूँ। मैं:-नही माँ मैं बैग खुद रख दूंगा आप आराम करो। पूरा दिन काम करती हो आप। माँ:-बेटा, काम तो करना ही पड़ता है।

अब मैं ऊपर अपने रूम में जाता हूँ और फ्रेश होके आराम से बैठ जाता हूँ। माँ भी ऊपर आती है,मेरे रूक मैं।

माँ:-कैसा चला रहा है बेटा अपना कॉलेज? मैं:-ठीक चल रहा है,अभी थोड़े महीने बाद एग्जाम होगी। माँ:-अच्छे से पढाई करना बेटा। मैं:-जी माँ। माँ:-(उठ कर रूम से बाहर जाते हुए) चलो बेटा तुम बैठो में काम करने जाती हूँ। मैं:-माँ क्या पूरा दिन काम काम ,बैठो न आराम से। माँ:-बेटा मैं काम नही करूँगी तो क्या तु काम करेगा ?(और हस देती है) मैं:- माँ आप भी ना।

भावना रूम से चली जाती है और हर्ष मोबाइल में लगा रहता है,और थोड़ी देर बाद उपज कॉलेज का काम करने लगता है। अब 5 बज गए और प्रकाश आ गया। अब रात को सबने खाना खाया,और रात को सो गए।

रात को हर्ष उठा और किचन में पानी पीने गया।और रूम में वापस आने के बजाए टॉइलेट मैं चला गया।अब हर्ष था तो सिंपल लड़का। लेकिन अब औजार दिया ही है तो यूज़ तो करना पड़ता है ना, तो वो टॉयलेट मैं जाके मोबाइल में पोर्न शुरू कर के मुठ मारने लगा। अब जैसे ही उसका वीर्य निकला, वैसे ही टॉयलेट का दरवाजा किसी ने खटखटाया।
 

maa ka laadla

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Update - 3

रात को हर्ष उठा और किचन में पानी पीने गया।और रूम में वापस आने के बजाए टॉइलेट मैं चला गया।अब हर्ष था तो सिंपल लड़का। लेकिन अब औजार दिया ही है तो यूज़ तो करना पड़ता है ना, तो वो टॉयलेट मैं जाके मोबाइल में पोर्न शुरू कर के मुठ मारने लगा। अब जैसे ही उसका वीर्य निकला, वैसे ही टॉयलेट का दरवाजा किसी ने खटखटाया। हर्ष ने जल्दी से मोबाइल बढ़ करके लन्ड अंदर डाल के हाथ धोके दरवाजा खोला। तो सामने उसकी माँ (भावना) खड़ी थी।वो रात को मैक्सी ही पहनती थी।

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माँ:-बेटा, ठीक तो है ना। इतनी रात को.........कोई प्रॉब्लम तो नही है ना? पेट में दर्द तो नही है ना?
मैं:-अरे नही माँ, मैं बिल्कुल ठीक हूँ।

अब हर्ष अपने रूम में चले जाता है और भावना भी टॉयलेट मैं जाती है,और दरवाजा लॉक करती है और अपनी मैक्सी खोल के पैंटी नीचे करती है,उसकी चूत पे बाल थे।


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वो भारतीय नारी होने के कारण बाल नही निकलती है।अब वो मूतने लगती है। और फिर पानी लेके अपनी चूत पे पानी मारती है,और हाथ धोके थोड़ी देर में वापस रूम मैं चली जाती है।
 

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Update – 4



अब दूसरी सुबह भी रोज की तरह शुरू होती है।

आज भावना ने पिले रंग की कमीज और वाइट लेगिंस पहनी थी।


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आज वो थोड़ी थकी हुई लग रही थी। उसके पैर और हाथ में दर्द हो रहा था। और माथे मैं भी दर्द हो रहा था। अब हर्ष नीचे आया और

मैं:-माँ ब्रेकफास्ट और चाय दे दो,मुझे लेट हो रहा है।

माँ:-(दर्द से परेशान होके गलती से पापा का टिफिन ले आती है)ये ले बेटा।

मैं:-माँ मैंने अपना नास्ता मांगा, आपका ध्यान कहा है।

माँ:-अरे सॉरी बेटा, आज थोड़ा पैरो मैं दर्द है और थकान लग रही है,तो गलती हो गयी।

मैं:-(थोड़ा गुस्से में) माँ आप काम का इतना प्रेसर मत लो न।

पापा:-(ऊपर से तैयार होक नीचे आते हुये)और क्या पूरा दिन काम करेगी तो ऐसा ही होगा।

माँ:-अरे कुछ नही ,ठीक हूँ। और बेटा ये ले नास्ता।

पापा:-सुनो आज जल्दी मुझे भी टिफिन दे दो।आज कॉलेज मैं मीटिंग है। तो जल्दी जाना पड़ेगा।

माँ:-(टिफिन देते हुए) जी, ये लीजिये,और आपके लिए भी नास्ता लाती हूँ।

और भावना किचन में जाति है और नास्ते की प्लेट लेके हॉल में आती है और नास्ता टेबल पर रखती है कि अचानक वो चक्कर खा के गिर जाती है।


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मैं:-(जल्दी से उठ के) माँ क्या हुआ आपको?

पापा:-(परेशान होते हुए) ये क्या हो गया भावना तुम्हे?

मैं:-(माँ को हाथ पकड़ कर सोफे पे बैठाते हुए) माँ क्या हुआ आंखे खोलो माँ।

पापा:-बेटा तुम्हारी माँ के चहरे पर पानी मारो थोड़ा।

मैं:-(पानी किचन से लाके माँ के चेहरे पर मरते हुए) माँ उठिये ना।

माँ:-(धीरे धीरे आंखे खोलते हुए) ठीक हूँ मैं अब।

पापा:-भावना ठीक हो ना तुम, तुम पूरा दिन काम में लगी रहती हो तो ऐसा ही होगा।

मैं:-माँ पापा सही बोल रहै है।

माँ:-कोई बात नही मैं ठीक हूँ।

पापा:-बेटा तुम माँ को डॉक्टर के पास ले जाओ। मुझे आज मीटिंग में जाना होगा अभी। ये लो बाइक की चाबी आज तुम कॉलज ना जाना और माँ को ले जाओ पहले।

माँ:-(उठते हुए) नही नही,ठीक हूँ मैं।

मैं:-नही माँ आज आपकी बात नही सुन्नी।

पापा:-ठीक है मैं चलता हूँ। बेटा माँ को डॉक्टर के पास ले जाना और डॉक्टर जो भी बोले उसकी बात मानना, वो जो भी बोले करना तुम।

मैं:-जी पापा।








 

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Update – 5



अब प्रकाश बाहर जाके ऑटो लेके कॉलेज पोहोच जाता है।और हर्ष अपने दोस्त को फोन करके बोल देता है कि आज वो नही आ पायेगा। और .......

मैं:-चलो माँ आ थोड़ा हाथ मुँह धो लो मैं आपको डॉक्टर के पास ले चलता हूँ।

माँ:- बीटा कोई जरूरत नही है मैं ठीक हो जाउंगी।

मैं:-(थोड़ा गुस्से में) नही माँ आज मैं आपकी कोई भी बात नही सुनूंगा।

माँ:-अच्छा ठीक है।मैं थोड़ा फ्रेश होकर आती हूँ।

मैं:- हां माँ।

अब भावना फ्रेश होक आती है और हर्ष के साथ बाइक पर बैठ के डॉक्टर के पास चली गयी।

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दोनो थोड़ी देर में एक डॉक्टर के क्लीनिक पर पहुंच गए। और अंदर कोई नही था तो वो सीधा डॉक्टर से मिले।

डॉक्टर:-जी कहिये क्या हुआ है ?

माँ:-जी वो कुछ नही थोडी थकान है और कुछ नही।

मैं:-(थोड़ा गुस्से मैं) नही डॉक्टर माँ की तबियत खराब है।पूरा दिन घर का काम करती है तो आज ये चक्कर खा के गिर गयी थी ।

डॉक्टर:-(माँ का चेकअप करते हुए) हम्म सही है।आपको थोड़ा कम काम करना चाहिए और आपकी हेल्थ का आपको ध्यान रखना पड़ेगा।

माँ:-(धीरे से बोलती है) काम आज नही तो कल करना तो पड़ता है ना।

डॉक्टर:-(हस्ते हुए) जी सही कहां, लेकिन हमको हमारी बॉडी का भी ख्याल रखना पड़ता है।अब आपको ये गोलिया देता हूँ। लेकिन आपको थोड़ा तबियत सुधारने के लिए कसरत करनी होगी।

माँ:-जी जैसे।

डॉक्टर:-मतलब आपको जिम जाना होगा,और अपने बॉडी को फिट करना होगा। आपकी बॉडी काम की वजह से कमजोर हो गयी है।

माँ:-अब इस उम्र में जिम कहाँ जाउंगी।

डॉक्टर:-देखिये मेरा काम तो है इलाज बताना, मैंने आपको बोला कि आप कमजोर हो आपको अपनी सेहत बनानी पड़ेगी। आप अगर ऐसा सोचती हो तो पर्सनल ट्रेनर रख लो ताकि आपको जिम ना जाना पड़े।

माँ:-(सिर्फ सोच रही थी।)

मैं:-जी डॉक्टर हम वैसा ही करेंगे।



अब हर्ष डॉक्टर को फीस देके बाहर आता है,और

मैं:-देखा माँ इतना काम करने का नतीजा।

माँ:-अरे कोई बात नही इतना तो होता ही है। चलो अब घर चलते है।

मैं:-कहाँ घर,,,,,,,,डॉक्टर ने बोला ना कि आपको जिम करना होगा।

माँ:-बेटा मैं अब इस उम्र में कहा जिम जाउंगी।

मैं:-अरे डॉक्टर ने बोला ना पर्सनल ट्रेनर के बारे में,वो देखते है।

माँ:-नही बेटा ,मुझे नही पसंद । तभी प्रकाश का फ़ोन आता है।

पापा:-बेटा क्या कहा डॉक्टर ने?

मैं:-पापा डॉक्टर ने दवाई दी है और बोला है कि अब माँ को जिम करना होगा। कमजोर हो गयी है।

पापा:-पूरा दिन काम जो करती रहती है।

मैं:-हैं और माँ जिम करने से मना कर रही है।

पापा:-नही डॉक्टर ने बोला है तो करना पड़ेगा।

माँ:- मुझे नही पसंद ये।

पापा:-(माँ की बात सुन के) बेटा माँ को बोलो की अपना भी ध्यान रखना जरूरी है।

मैं:- वही बोल रहा हूँ पापा। और डॉक्टर ने ये भी बोला कि अगर जिम जाना पसंद ना हो तो पर्सनल ट्रेनर रख लो।

पापा:- वो बेस्ट रहेगा बेटा।

मैं:-हाँ।

पापा:-चलो मैं फोन रखता हूँ मेरी मीटिंग शुरू होने वाली है।

मैं:-जी पापा।
 

maa ka laadla

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Update – 6

मैं:-देखा माँ पापा भी हाँ बोल रहे है।

माँ:- लेकिन बेटा.........

मैं:-(बात को काटते हुए) माँ ऐसा मत करो।

माँ:-(झिझक कर) ठीक है। लेकिन ये ट्रेनर ढूंढेंगे कहा?

मैं:-चलो आप बैठो बाइक पे,देखते है कही।

माँ:-(बैठ कर) हमम चलो अब।

अब दोनों माँ बेटे दोनो निकल पड़ते है जिम ढूंढने। अब काफि समय हो चुका था लेकिन कोई भी नही मिला।

माँ:-बेटा, रहने दो कोई बात नही।

मैं:-मिल तो नही रहा ,लेकिन थोड़ा आगे और चलते है ,देखते है।

माँ:-जैसी तेरी मर्जी।

और थोड़ा आगे चलते ही।

मैं:-माँ वो देखो वहां पे एक जिम है।

माँ:-ठीक है।

अब दोनों जिम मैं अंदर आते है। वहाँ पे सब मर्द लोग ही थे। वहाँ सब कसरत कर रहे थे।


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जैसे ही दोनों अंदर गए सब लोग उनको देखने लगे। सब लोगो की नजर भावना पे थी। आखिर औरत को कोन नही देखता।

अब जिम मैं जोर जोर से म्यूजिक भी बज रहा था। और भावना ये सब देख के थोड़ा दर जाती है, अब दोनों जिम के आफिस के पास गए, साइड मैं बना हुआ था। वहाँ कोई नही था।

दोनो माँ बेटे देख रहे थे कि कोई नही है। और तभी एक लड़का आता है, जिसने ऊपर कुछ नही पहना था,और सिर्फ नीचे पहना था। उस लड़के के सिक्स पैक थे।


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भावना तो 1 सेकंड के लिए देखती ही रह जाती है। हर्ष के लिए तो नार्मल था।

लड़का:-जी कहिए।

मैं:-जी आप?

लड़का:-मैं निरज, ये मेरा ही जिम है। मैं ही यहां सबको ट्रेंनिग देता हूँ।

मैं:-ओह्ह अच्छा, जी मुझे ये बात करनी थी कि आपके यहाँ जिम ट्रेनर होगा कोई और?

निरज:- जी मैं खुद हूँ।

माँ:-(धीरे से मुझे बोलती है) बेटा, कोई औरत ट्रेनिंग वाली नही होती क्या?

मैं:-जी आपके यहाँ कोई फीमेल ट्रेनर नही है क्या?

निरज:- जी ,उनको भी मैं खुद ट्रेंनिग देता हूँ। अच्छा मतलब ये आपके साथ जो है उनके लिए चाहिए?

मैं:-हाँ सही कहाँ ,ये माँ है मेरी ,और डॉक्टर ने इनको जिम करने को बोला है।

निरज:-ठीक है तो आप जॉइन कर दीजिए ।

माँ:-नही। मैं:-इनका मतलब है कि क्या आप पर्सनल ट्रेनिंग करोगे? निरज:-(कुछ सोचते हुए) देखिये मेरे यहाँ सुबह और शाम को तो मैं यहां से हिल भी नही सकता।

मैं:-कोई भी समय चलेगा। है ना माँ?

माँ:-हाँ।

निरज:-(सोचते हुए)चलो ठीक है। तो मैं 11 से 12:30 तक आ सकता हूँ।

मैं:-जी थैंक यू ,

निरज:- अरे नही उसमें क्या?

मैं:-वैसे फीस क्या है और कितने समय तक करना होगा?

निरज:-(टेबल से एक पेपर देते हुए) ये लीजिये सब है इसमे।

मैं:-जी ठीक है। तो तुम कल से आ जाओगे ना?

निरज:-जी बिल्कुल। जी आप अपना नाम यहाँ लिखवा दीजिये। और साथ मैं आपके घर का पता भी।

मैं:-(माँ का नाम बताते हुए) भावना मिश्रा। और पता भी बता देता है।

निरज:-(लिख के) जी ठीक है। वैसे आपके पास वर्कआउट के कपड़े तो है ना?

माँ:-जी वो तो नही है। कोई बात नही मैं साड़ी मैं ये इन कपड़ो मैं कर लुंगी।

निरज:-जी नही।जिम के लिए स्पेशल कपड़े होते है। देखो ना सबके यह नॉर्मल कपड़े नही पहने।

मैं:-जी कोई नही वो हम ले लेंगे।

निरज:-ठीक है।

मैं:-(बाहर जाते हुए) अच्छा अब हम चलते है। तुम काल आ जाना।

निरज:- जी।

अब हर्ष और भावना दोनो बाहर चले जाते है और बाइक के पास चले जाते है।

इधर जिम में एक लड़का जो निरज का ख़ास दोस्त था,वो उसके पास आता है और बोलता है,

दोस्त:-अबे क्या बे,कोन थे वो लोग?

निरज:-भाई लॉटरी लगी है।

दोस्त:-क्या मतलब ठीक से बोल ना?

निरज:-मस्त माल मिला है।

दोस्त:-को वो जो औरत आयी थी वो?

निरज:-हाँ, दोस्त:-अबे अब तो जिम मैं मजा आएगा। जब वो एक्सरसाइज करेगी तो सबके खड़े हो जाएंगे।

निरज:-(जोर से हसते हुए) नही,मुझे पर्सनली घर पे ट्रेनिंग देनी है।

दोस्त:-(मायुस होते हुए) अबे यार, चल तू मजे ले लेना।

निरज:-हाँ, वो तो लूंगा ही लेकिन समय लगेगा, लगता है बड़ी संस्कारी है।

दोस्त:-वो तो तू उसकी अपने जाल मैं फसा ही लेगा,सबको मालूम है ये बात तो( और दोनों हस देते है)

इस तरफ (माँ बेटे) मतलब हर्ष और भावना.....

मैं:-माँ, आपके पास वर्कआउट के कपड़े है क्या?

माँ:-नही बेटा, वो तो नही है लेकिन चल जाएगा।

मैं:-नही माँ, ऐसा नही होता। इसके लिए आपको प्रॉपर कपड़े चाहिये होते है। नही तो आपको अच्छा नही लगेगा इन कपड़ो मैं।

माँ:-तो बेटा, अब क्या करे?

मैं:-चलो माँ, एक दुकान पे चलते है,उधर आपको सब मिल जाएगा।

माँ:-चलो,ठीक है।

अब दोनों निकल जाते है और सीधा दुकान पे जाते है,और दुकान मैं भी सिर्फ मर्द लोग ही थे,लेकिन अब लेना तो था ही,अंदर जाके दोनो.......








 
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