SANJU ( V. R. )
Divine
सत्ता की भूख बहुत खराब होती है । सता के लिए लोग अपने सगे तक को धोखा देते है बल्कि लोग अपने सगे की जान भी ले लेते है ।
बलवंत साहब सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष है । उनके फादर बलवान साहब होम मिनिस्टर है । देश के प्राइम मिनिस्टर जगत साहब देश के एक पूर्व प्राइम मिनिस्टर की तरह मौनी बाबा है । मिली जुली सरकार चला रहे है । यह मिली जुली सरकार मतलब गठबंधन की सरकार किस तरह काम करती है यह हमने बहुत देखा है । मेरा हमेशा से मानना है ऐसी सरकार कमजोर होती है । वह बड़े फैसले नही ले सकती है । देश हित मे ऐसी सरकार अच्छी नही मानी जाती ।
होम मिनिस्टर साहब और प्राइम मिनिस्टर साहब पार्टी अध्यक्ष के करतूत से नाराज तो है लेकिन उसके खिलाफ कोई कड़ा एक्शन तक नही ले सकते है । इनकी विवशता तो देखिए , अध्यक्ष साहब ने अपनी मंशा अगर इन्हे पहले जता दी होती तो ये महानुभाव लोग बलवंत साहब को खुशी खुशी प्राइम मिनिस्टर के पद पर नियुक्त कर देते ।
उस बलवंत साहब को जिसका परोक्ष रूप से सम्बन्ध संजय दास से है । संजय दास के नेक काम और उसके बिजनेस से यह महानुभाव लोग अच्छी तरह से वाकिफ भी है ।
दोस्ती , रिश्तेदारी और फैमिली से बढ़कर देश है । देश से ऊपर कोई नही । देश का नेता बलवंत साहब तो दूर , वर्तमान के प्राइम मिनिस्टर और होम मिनिस्टर भी डिजर्व नही करते ।
I want DEVA bhai . देश का प्राइम मिनिस्टर देवा भाई को होना चाहिए । DEVA bhai deserve this post.
सांसद की संख्या फिलहाल देवा भाई के पास अधिक है । ए. पी. खुद सौ डेढ़ सौ सांसद की जुगत कर रहा है । भाई , मेहनत हम करे और फल कोई पारिवारिक पार्टी खाए , यह मंजूर नही है । ऐसा प्राइम मिनिस्टर तो कतई स्वीकार नही है जो किसी के भी हाथ की कठपुतली बन जाए ।
ए. पी. साहब को दक्षिण भारत से काफी सांसद अपने फेवर मे लाने होंगे और इसके लिए काफी लंबी चौड़ी रकम खर्च करनी होगी ।
मुझे याद है , पहली बार सांसद की खरीद फरोख्त पी वी नरसिंहा राव के समय की गई थी । बहुमत से पांच सांसद कम थे । इसके लिए झारखंड प्रदेश के शिबू सोरेन की पार्टी के पांच सांसद को एक एक करोड़ रुपए दिए गए थे । उसके बाद यह खरीद फरोख्त का प्रचलन शुरू हुआ । लेकिन इस गवर्नमेंट के बाद जो दूसरी गवर्नमेंट आई थी उसने ऐसा कोई काम नही किया था और इस वजह से उनकी गवर्नमेंट सिर्फ एक वोट से बहुमत न हासिल कर पाई ।
खैर , अरस्तू की राजनीति और चाणक्य की नीति - साम , दाम , दण्ड और भेद - से देश का भला हो तो कुछ भी बुरा नही है ।
अब बात करते है ए. पी. साहब और भूतपूर्व मिस इंडिया मिसेज आर्या मैडम की ।
ए. पी. साहब को हमने इस अवतार मे पहले कभी नही देखा । मिसेज आर्या के साथ जैसी रंगीनियत मिजाज दिखाई वह पहले कभी दिखाई नही दी । ऐसा नही है कि ए. पी. साहब के लेडीज फैन्स फाॅलोवर की कोई कमी है । अधिकांशतः एक से बढ़कर एक खुबसूरत हसीनों के सर्किल मे उनकी सुबहो - शाम गुजरती है ।
लेकिन इन हसीनाओं की तरफ उनका ध्यान कभी क्यों नही गया ?
शायद इस का जबाव ये पंक्ति हो सकती है -
" मुर्गाबी सिर पर खुद आकर बैठने को पर तोलने लगे तो शिकार का क्या मजा हुआ ! शिकारी का क्या कमाल हुआ ! मजा उसी चीज की जुस्तजू मे होता है जो आसानी से काबू मे नही आती । औरत खुद ही मर्द के गले पड़े तो मर्द की ईगो की तुष्टि नही होती , वो सेंस ऑफ अचीवमेंट का सुख नही पाता ।
राजी ने रजा दिखाई तो क्या तीर मारा ! बहादुरी तो उसे काबू मे करने मे है जो अहद लिए हो कि नही काबू मे आने वाली थी । "
खैर , मिंया बीवी राजी तो फिर किसे आपति ! जब ईश्वर ने ही मर्द को पोलीगेमिस्ट बनाया है तो फिर मर्द क्या कर सकता है !
लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती है जो सात तालों के अंदर दबी हुई रहती है । ये कभी बाहर नही आती । ए. पी. और आर्या मैडम का अंतरंग संबंध इन्ही कैटेगरी मे आता है ।
सभी अपडेट बेहद ही खूबसूरत थे ए. पी. भाई ।
जगमग जगमग अपडेट ।
बलवंत साहब सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष है । उनके फादर बलवान साहब होम मिनिस्टर है । देश के प्राइम मिनिस्टर जगत साहब देश के एक पूर्व प्राइम मिनिस्टर की तरह मौनी बाबा है । मिली जुली सरकार चला रहे है । यह मिली जुली सरकार मतलब गठबंधन की सरकार किस तरह काम करती है यह हमने बहुत देखा है । मेरा हमेशा से मानना है ऐसी सरकार कमजोर होती है । वह बड़े फैसले नही ले सकती है । देश हित मे ऐसी सरकार अच्छी नही मानी जाती ।
होम मिनिस्टर साहब और प्राइम मिनिस्टर साहब पार्टी अध्यक्ष के करतूत से नाराज तो है लेकिन उसके खिलाफ कोई कड़ा एक्शन तक नही ले सकते है । इनकी विवशता तो देखिए , अध्यक्ष साहब ने अपनी मंशा अगर इन्हे पहले जता दी होती तो ये महानुभाव लोग बलवंत साहब को खुशी खुशी प्राइम मिनिस्टर के पद पर नियुक्त कर देते ।
उस बलवंत साहब को जिसका परोक्ष रूप से सम्बन्ध संजय दास से है । संजय दास के नेक काम और उसके बिजनेस से यह महानुभाव लोग अच्छी तरह से वाकिफ भी है ।
दोस्ती , रिश्तेदारी और फैमिली से बढ़कर देश है । देश से ऊपर कोई नही । देश का नेता बलवंत साहब तो दूर , वर्तमान के प्राइम मिनिस्टर और होम मिनिस्टर भी डिजर्व नही करते ।
I want DEVA bhai . देश का प्राइम मिनिस्टर देवा भाई को होना चाहिए । DEVA bhai deserve this post.
सांसद की संख्या फिलहाल देवा भाई के पास अधिक है । ए. पी. खुद सौ डेढ़ सौ सांसद की जुगत कर रहा है । भाई , मेहनत हम करे और फल कोई पारिवारिक पार्टी खाए , यह मंजूर नही है । ऐसा प्राइम मिनिस्टर तो कतई स्वीकार नही है जो किसी के भी हाथ की कठपुतली बन जाए ।
ए. पी. साहब को दक्षिण भारत से काफी सांसद अपने फेवर मे लाने होंगे और इसके लिए काफी लंबी चौड़ी रकम खर्च करनी होगी ।
मुझे याद है , पहली बार सांसद की खरीद फरोख्त पी वी नरसिंहा राव के समय की गई थी । बहुमत से पांच सांसद कम थे । इसके लिए झारखंड प्रदेश के शिबू सोरेन की पार्टी के पांच सांसद को एक एक करोड़ रुपए दिए गए थे । उसके बाद यह खरीद फरोख्त का प्रचलन शुरू हुआ । लेकिन इस गवर्नमेंट के बाद जो दूसरी गवर्नमेंट आई थी उसने ऐसा कोई काम नही किया था और इस वजह से उनकी गवर्नमेंट सिर्फ एक वोट से बहुमत न हासिल कर पाई ।
खैर , अरस्तू की राजनीति और चाणक्य की नीति - साम , दाम , दण्ड और भेद - से देश का भला हो तो कुछ भी बुरा नही है ।
अब बात करते है ए. पी. साहब और भूतपूर्व मिस इंडिया मिसेज आर्या मैडम की ।
ए. पी. साहब को हमने इस अवतार मे पहले कभी नही देखा । मिसेज आर्या के साथ जैसी रंगीनियत मिजाज दिखाई वह पहले कभी दिखाई नही दी । ऐसा नही है कि ए. पी. साहब के लेडीज फैन्स फाॅलोवर की कोई कमी है । अधिकांशतः एक से बढ़कर एक खुबसूरत हसीनों के सर्किल मे उनकी सुबहो - शाम गुजरती है ।
लेकिन इन हसीनाओं की तरफ उनका ध्यान कभी क्यों नही गया ?
शायद इस का जबाव ये पंक्ति हो सकती है -
" मुर्गाबी सिर पर खुद आकर बैठने को पर तोलने लगे तो शिकार का क्या मजा हुआ ! शिकारी का क्या कमाल हुआ ! मजा उसी चीज की जुस्तजू मे होता है जो आसानी से काबू मे नही आती । औरत खुद ही मर्द के गले पड़े तो मर्द की ईगो की तुष्टि नही होती , वो सेंस ऑफ अचीवमेंट का सुख नही पाता ।
राजी ने रजा दिखाई तो क्या तीर मारा ! बहादुरी तो उसे काबू मे करने मे है जो अहद लिए हो कि नही काबू मे आने वाली थी । "
खैर , मिंया बीवी राजी तो फिर किसे आपति ! जब ईश्वर ने ही मर्द को पोलीगेमिस्ट बनाया है तो फिर मर्द क्या कर सकता है !
लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती है जो सात तालों के अंदर दबी हुई रहती है । ये कभी बाहर नही आती । ए. पी. और आर्या मैडम का अंतरंग संबंध इन्ही कैटेगरी मे आता है ।
सभी अपडेट बेहद ही खूबसूरत थे ए. पी. भाई ।
जगमग जगमग अपडेट ।
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