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Thanks four your beautiful presence here


















Aaj Ye nain saheb ko kya huaमुझे उन दो सौ स्टूडेंट्स की उपस्थिति और उनका कल्पना मैम के लिए सेंटिमेंट होनेे में कोई दिलचस्पी नहीं है और ना ही उन लगभग हजार स्टूडेंट्स से जो आनलाइन कल्पना मैम को देखकर भावुक हो रहे हैं ।
मैं भावुक हूं तो सिर्फ और सिर्फ कल्पना मैम के लिए । इन्होंने अपनी पुरी जिंदगी बच्चों को पढ़ाने और उनका भविष्य निर्माण में निकाल दी । उन्होंने उन बच्चों को तालीम दी जिनके मुंह में तब तक ढंग से दांत तक नहीं आए थे ।
हम किसी से भी थोड़ा मेल जोल बढ़ा लेते हैं तो उससे एक भावनात्मक लगाव हो जाता है। लेकिन कल्पना जी ने तो उन सारे स्टूडेंट्स पर बचपन से लेकर न जाने कितने सालों तक अपनी ममता और दुलार न्योछावर किया । कैसा लगता होगा जब आप के बच्चे आप को छोड़ कर अपनी दुनिया में चले जाएं ! इतने सालों का साथ और फिर जुदाई ।
न जाने वो कौन सी घड़ी होगी जब उनके उपर विपत्ति का पहाड़ टुटा होगा । उनके बच्चों के बारे में पता नहीं है लेकिन उनका पोता केंसर के चलते मर गया । स्कूल गिरवी हो गई । और उस वक्त कोई भी नहीं था उनके पास जो उन्हें हिम्मत दिला सके । एक भी स्टूडेंट नहीं ।
इस अपडेट में कल्पना मैम के अलावा मैं और किसी के भी बारे में नहीं लिखना चाहता नैन भाई ! इस रेभो के द्वारा मैं उनको नमन करता हूं ।
आउटस्टैंडिंग और अमेजिंग अपडेट नैन भाई ।



Like wiseje bilkul thik nahi ho raha hai...
bhari gadbadi hai kuch to![]()
Bus ye aakhri haiअरे भाई, ऐसा किरदार सोचते कैसे हो।