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Adultery Pyaar(Bewkoof Hota Hai?)

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Sing is king 42

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नमस्ते दोस्तों।
ये कहानी है एक ऐसे लड़के की ,जिसके प्यार ने ही उसको बेवकूफ बनाया,या ,समझा।जिसके कारण उसकी जिंदगी पूरी बदल गई।
आप सभी पाठकों से सहयोग की आशा है।
इस कहानी का पहला भाग जल्द ही देता हूं।
 

Sing is king 42

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अपडेट-1
इस कहानी के सभी पात्र और घटनाएं काल्पनिक है।इसका किसी भी जीवित या मृत्य व्यक्ति या धर्म से कोई भी संबंध नही है।अगर ऐसा होता है तो ये एक मात्र संयोग होगा।


मैं अभिषेक उम्र 25 साल।मेरे घर में मां,पापा और दादा जी हैं।मेरा घर उत्तर प्रदेश, लखनऊ के पास है।
ये कहानी मेरे और मेरे प्यार यानी की मेरी प्रियतमा, प्यार, गर्लफ्रेंड आप जो समझ सकते हो समझ लो उसकी है।जिससे मैं आपने 10 के कक्षा में मिला था।

वो बहुत ही खूबसूरत है।बिलकुल इनके जैसी।


IMG-20220419-225645

मैं तो जब उसको देखा था तो सारी दुनिया ही भूल गया था।क्योंकि मैं एक आम सा दिखने वाला लड़का था तो मुझे ये समझ आया की ऐसा टॉप का मॉल अपने किस्मत में कहां।

मेरे दो ही दोस्त थे क्लास में, अजय और अमित।अमित की गर्लफ्रेंड भी थी।जिसके साथ तब उसकी थोड़ी बहुत मजे पानी हो ही जाते थे।वो मुझको भी बोलता था की तुम यार किसी को पटा ले।वरना सुखा ही मरेगा साले।और में उससे कहता की साले मुझे अच्छे से पास होना है।बस यही मेरा सपना है। तू मजे कर ,और अजय बस सबके बातों का मजे ही लेता रहता था।

ये साले हर टाइप की बात कर लेते थे।ब्लू फिल्म भी देख लेते थे।मुझे भी एक बार दिखाई थी।लेकिन मुझे इसमें कोई रुचि ही नहीं थी।अमित बोलता था,साले मुठ मार लिया कर दिमाग तेज चलेगा।
मैं बोलता की तुझको ही ये सब काम मुबारक हो।

ऐसे ही मस्त लाइफ कट रही थी।9 में टॉप करके 10 में पहुंचा।तब आई पूजा।
जी हां उसका नाम है पूजा शर्मा।

दूध सी रंगत और बहुत ही खूबसूरत काया की मालकिन।भाई में तो देखते ही उसके प्यार में पड़ गया था।लेकिन फिर अपने आप को देख कर ये समझा लिया की बेटा ये तेरे हाथ नही आने वाली।
इसका लेवल बहुत ही हाई है।तुझ जैसे से तो वो बात भी नहीं करेगी।

स्कूल के पहला दिन था तो पहले क्लास में सिर्फ परिचय ही कराया गया सब का।लेकिन मेरे लिए बहुत ही खास हुआ था वो परिचय जब सिर ने मुझे क्लास के सामने टॉपर कहकर पुकारा था।

जिसके कारण पूजा ने जो सबसे आगे बैठी थी मुझे पलट कर देखा था।क्योंकि में सबसे लास्ट में बैठता था अपने उन चूतिया दोस्तो की वजह से साले मुझे भी सबसे लास्ट में ही अपने साथ बिठाते थे।

पहला दिन बस इसी सब में निकल गया और स्कूल के बाद घर आ गया में।लेकिन मेरे दिमाग से पूजा का चेहरा हट ही नहीं रहा था।मुझे तभी ये आभास हो गया था की मुझे उससे एकतरफा प्यार हो गया है।


दोस्तों पहला भाग लिख दिया है।कहानी कैसी ही अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें।अगर कोई गलती हो तो क्षमा का प्रार्थी रहूंगा।अगला भाग जल्द ही देता हूं।
धन्यवाद।
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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अपडेट-1
इस कहानी के सभी पात्र और घटनाएं काल्पनिक है।इसका किसी भी जीवित या मृत्य व्यक्ति या धर्म से कोई भी संबंध नही है।अगर ऐसा होता है तो ये एक मात्र संयोग होगा।


मैं अभिषेक उम्र 25 साल।मेरे घर में मां,पापा और दादा जी हैं।मेरा घर उत्तर प्रदेश, लखनऊ के पास है।
ये कहानी मेरे और मेरे प्यार यानी की मेरी प्रियतमा, प्यार, गर्लफ्रेंड आप जो समझ सकते हो समझ लो उसकी है।जिससे मैं आपने 10 के कक्षा में मिला था।

वो बहुत ही खूबसूरत है।बिलकुल इनके जैसी।


IMG-20220419-225645

मैं तो जब उसको देखा था तो सारी दुनिया ही भूल गया था।क्योंकि मैं एक आम सा दिखने वाला लड़का था तो मुझे ये समझ आया की ऐसा टॉप का मॉल अपने किस्मत में कहां।

मेरे दो ही दोस्त थे क्लास में, अजय और अमित।अमित की गर्लफ्रेंड भी थी।जिसके साथ तब उसकी थोड़ी बहुत मजे पानी हो ही जाते थे।वो मुझको भी बोलता था की तुम यार किसी को पटा ले।वरना सुखा ही मरेगा साले।और में उससे कहता की साले मुझे अच्छे से पास होना है।बस यही मेरा सपना है। तू मजे कर ,और अजय बस सबके बातों का मजे ही लेता रहता था।

ये साले हर टाइप की बात कर लेते थे।ब्लू फिल्म भी देख लेते थे।मुझे भी एक बार दिखाई थी।लेकिन मुझे इसमें कोई रुचि ही नहीं थी।अमित बोलता था,साले मुठ मार लिया कर दिमाग तेज चलेगा।
मैं बोलता की तुझको ही ये सब काम मुबारक हो।

ऐसे ही मस्त लाइफ कट रही थी।9 में टॉप करके 10 में पहुंचा।तब आई पूजा।
जी हां उसका नाम है पूजा शर्मा।

दूध सी रंगत और बहुत ही खूबसूरत काया की मालकिन।भाई में तो देखते ही उसके प्यार में पड़ गया था।लेकिन फिर अपने आप को देख कर ये समझा लिया की बेटा ये तेरे हाथ नही आने वाली।
इसका लेवल बहुत ही हाई है।तुझ जैसे से तो वो बात भी नहीं करेगी।

स्कूल के पहला दिन था तो पहले क्लास में सिर्फ परिचय ही कराया गया सब का।लेकिन मेरे लिए बहुत ही खास हुआ था वो परिचय जब सिर ने मुझे क्लास के सामने टॉपर कहकर पुकारा था।

जिसके कारण पूजा ने जो सबसे आगे बैठी थी मुझे पलट कर देखा था।क्योंकि में सबसे लास्ट में बैठता था अपने उन चूतिया दोस्तो की वजह से साले मुझे भी सबसे लास्ट में ही अपने साथ बिठाते थे।

पहला दिन बस इसी सब में निकल गया और स्कूल के बाद घर आ गया में।लेकिन मेरे दिमाग से पूजा का चेहरा हट ही नहीं रहा था।मुझे तभी ये आभास हो गया था की मुझे उससे एकतरफा प्यार हो गया है।


दोस्तों पहला भाग लिख दिया है।कहानी कैसी ही अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें।अगर कोई गलती हो तो क्षमा का प्रार्थी रहूंगा।अगला भाग जल्द ही देता हूं।
धन्यवाद।
:congrats: for the story Bhai sandar intro diya aapne
 

Sing is king 42

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प्यार तो प्यार होता है।वो एकतरका हो या दोनो तरफ से बस होता है।

बस यही तो एक अहसास है।जिसे आज लोग हवस में बदल रहे हैं।मुझे क्या,आते हैं अपनी कहानी की ओर।

ऐसे ही दिन कट रहे थे।स्कूल से घर, घर से स्कूल।बस इसमें अच्छा था तो बस पूजा को देख भर लेना।कभी सोचता की बात करूं फिर सोचता क्या बात करूंगा उससे।कुछ समझ ही नही आता था।

एक दिन मैं क्लास से निकला तो मुझे किसी ने पीछे से आवाज दी।मैने पीछे देखा तो वो पूजा थी।मैं एक बार तो हैरान ही हो गया था।फिर संभल कर पूछा।

अभी – क्या मैं

पूजा – हां तुम।मेरा नाम पूजा है और तुम्हारा अभिषेक न।

अभी– जी बिल्कुल।क्या हुआ कोई काम था क्या?

पूजा – जी मुझे तुम्हारी साइंस और इंग्लिश की नोट्स चाहिए थी।

अभी – ठीक है ले लीजिए।लेकिन कोई एक ही दे पाऊंगा।क्योंकि मुझे भी पढ़ना होता है।

पूजा – हां कोई बात नही कोई एक दे दो।

फिर मैंने उसे अपने बैग से साइंस की नोट बुक निकाल कर दी।उसने कहा कल वापस दे कर दूसरी लूंगी।ठीक है।मैं भी ठीक है बोलकर घर को चल दिया।दिल में एक अलग ही खुशी थी की कम से कम आज उससे पहली बार बात तो हुई।

शाम और रात तो उसकी यादों में ही कटी।बस इंतजार था कल का, कल उससे फिर बात होगी।दूसरे दिन जब में स्कूल के लंच टाइम बैठा था तो वो मेरे पास आई और मेरी नोट बुक वापस की और दूसरी नोट बुक ले कर मुझसे बोली की स्कूल छुटने पर मिलती हूं।में भी ठीक है बोल दिया।बस ये अच्छा था की उस समय मेरा कोई भी दोस्त नही थे मेरे साथ।वरना इस बात का तो बतंगड़ ही बना देते।

स्कूल की छुट्टी होने पर में सबसे पीछे निकला ताकि मेरे दोनो चूतिया दोस्त मुझे फसा न ले।जब में बाहर आया तो पूजा मेरा ही इंतजार कर रही थी।

पूजा – क्या हुआ बहुत देर से निकले तुम क्लास से।


अभी – नही बस ऐसे ही।वो क्या है की सबसे लास्ट में बैठना होता है तो इसलिए।

पूजा – तुम तो अच्छे स्टूडेंट हो तो तुमको आगे बैठना
चाहिए।और सर भी तुमको नही बोलते ऐसा
क्यूं?

अभी – शुरू से ही में वहां बैठा हो तो वही ठीक लगता
है और अगर आप पढ़ना चाहें तो कहीं भी पढ़
सकते हैं क्या आगे और क्या पीछे।

पूजा – हां ये तुमने ठीक कहा।चलो फिर चलते हुए
बात करते हैं।तुम्हार घर कहां पर है।मेरा तो
आगे वाली गली से लास्ट में दाहिने हाथ पर है।

अभी – मेरा थोड़ा आगे ही है।पर सीधे ही।तुम यहां पर
कब से हो।क्योंकि पहले तो नही देखा यहां
पर। कौन कौन है तुम्हारे घर पर।

पूजा – हां में यहां पर नई हूं।क्योंकि दीदी का ट्रांसफर
यहां की तहसील में हुआ है।वो सब रजिस्ट्रार
है।
इसलिए मुझे मम्मी को उनके साथ आना पड़ा।

अभी – ओह ये तो बहुत अच्छा है।यानी की तुम्हारी
दीदी की अभी शादी नहीं हुई है।और तुम्हारे
पापा वो कहां है।

पूजा – हां तुमने ठीक कहा।इसलिए हम तीनो अभी
साथ ही रहते हैं।और मेरे पापा और मम्मी का
डाइवोर्स हो गया था कुछ साल पहले।

अभी – मुझे माफ करना।चलो फिर कल मिलते हैं।
तुम्हारी गली भी आ गई।पूजा क्या तुम मुझसे
दोस्ती करोगी।मैने एक दम से ये कह दिया।
और दिल में ये सोचने लगा की अगर इसने
इनकार किया तो बेटा तेरा क्या होगा।लेकिन
जब उसने बोला तो कमाल ही हो गया।

पूजा – अरे क्यूं नही।में तो तुमको अपना दोस्त मान
कर ही तुमसे नोट बुक के लिए कहा।तुमको
क्या अब भी शक है।चलो अब हाथ मिलाओ
और पक्का कर लो हमारी दोस्ती को क्यों।

अभी – ओके ओके।मैने उससे हाथ मिलाया और हम
दोनो अपने अपने घर की ओर चल दिए।

मैं तो आज बहुत खुश था।जैसा लगा सारी दुनिया ही मिल गई हो।अब तो ये सिलसिला ही हो गया।रोज स्कूल जाना उससे बात करना फिर उसकी यादों में खो जाना।पर मैं अपनी पढ़ाई पर इसका कोई असर नहीं पड़ने दिया।क्योंकि इसी ने तो मुझे पूजा के इतने करीब लाया था।

इस तरह से हमारी 10 की परीक्षा हुई और इस बार भी मैने अपने स्कूल में टॉप किया।पूजा ने भी तीसरा स्थान हासिल किया था।क्योंकि हमारा स्कूल 12 तक था तो अभी हमें यहीं पढ़ना था।छुट्टियां हुई तो ऐसा लगा की पूजा से मिले कितने साल हो गए हों।पर फिर जब स्कूल खुला तो उससे मिल कर बहुत खुशी हुई।लेकिन वो मुझसे नाराज़ थी की मैं उससे मिलने क्यों नहीं आया।मैने उससे कहा की तुमने अपना घर ही नही दिखाया था और न ही अपना फोन नंबर दिया था। तो उसने कहा हां ये तो गलती हुई है मुझसे लेकिन तुम भी मुझसे मांग सकते थे।मैने कहा कई बार ऐसा लगा की तुमसे कहूं पर में डरता था की तुम गुस्सा ना हो जाओ।
उसने कहा क्यों में क्यों गुस्सा होती तुमसे।

अभी – क्योंकि मैं तुमसे प्यार करता हूं।

पूजा – बुद्धू कहीं के यही तो सुनना था मुझे।एक साल
लग गए तुमको ये कहने में।मैं भी तो तुमसे प्यार
करती हूं।

अभी – क्या सच में,ये कोई सपना तो नहीं।में इसलिए
ही डरता था की अगर तुमने इनकार कर दिया
तो मैं क्या करूंगा।बस इसलिए नहीं कह पाया
था।एक काम करो तुम अपना नंबर दे दो।मेरे
पास मोबाइल तो नही है पर मेरे घर पर लैंड
लाइन है।हम कभी कभी उससे भी बात कर
लिया करेंगे।

पूजा – ठीक है लाओ अपनी नोट बुक दो उसपर लिख
देती हूं।और आज स्कूल के बाद तुम मेरे घर
चल रहे हो।ठीक है।

अभी – ठीक है।लेकिन ज्यादा देर रुक नही पाऊंगा।


उसने बोला ठीक है आज घर देख लो उसके बाद तो आना जाना लगा रहेगा।मैने भी उसको अपने घर ले जाने के लिए बोला तो उसने बोला जब तुम ले चलो।क्योंकि मैने तो देखा नही है पहले तुमको ही दिखाना होगा।मैने भी ठीक है कहा और हम क्लास के लिए चले गए।जहां कुछ खास नहीं हुआ।

इस क्लास में मेरे मन की मुराद पूरी हुई क्योंकि इसमें बेंच दो लोगों के बैठने के लिए ही थी।और अब हम दोनो साथ ही बैठ सकते थे।फिर स्कूल की छुट्टी हुई।और में चल दिया पूजा के घर।अजय और अमित ने मुझसे पूछा तो मैंने उनको बोल दिया बस फ्रेंडशिप तक ही है।तो उन दोनो ने भी कहा की बेटा आराम से मिलते हैं तुझसे।मैने भी उनसे बाय बोल दिया।

आज यहीं तक आगे की कहानी अगले भाग में तब तक अपना और अपनो का खूब खयाल रखें।आप की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा।

धन्यवाद।
 
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