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Romance In Love.. With You... (Completed)

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queen sandhya

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Update 11





“भाभी आपको पता है ये विवेक ने कॉलेज मे झगड़ा किया था”

रिद्धि ने अपना कंप्लेंट का पिटारा नेहा के सामने खोलना शुरू किया

“हा तो किया झगड़ा, भाभी आपको झगड़े का असल रीज़न नही पता है” विवेक ने अपने दात चबाते हुए थोड़े गुस्से से कहा

“क्या हुआ था क्यू हुआ झगड़ा?” शेखर ने पूछा

रिद्धि- आप क्या भाभी हो जो आपको बताए 😏

रिद्धि ने शेखर को चिढ़ाते हुए कहा जिसपर सब मुस्कुराये सिवाय एक के

विवेक- भाभी उसने रिद्धि को प्रपोज किया था अब आप ही बताओ मैं क्या चुप बैठ रहता दिए उसके दो क्या गलत किया

विवेक ने थोड़े गुस्से के कहा

“क्या!!”

अब रूम मे रिद्धि का एक ही भाई नही था ना दो और भी थे और जैसे ही उन्होंने ये सुना दोनों चीख पड़े, राघव जो बेड पर आधा लेटा हुआ था उठ के बैठ गया और उसके नेहा के बाजू मे बैठते ही नेहा भी सीधी बैठ गई वही शेखर विवेक के पास सरका

राघव- कॉलेज मे किसी ने रिद्धि को प्रपोज किया और तु अब बता रहा हमे🤨

राघव ने विवेक को डाटना शुरू किया

रिद्धि- ओ कम ऑन भाई इतनी भी बड़ी बात नहीं थी

रिद्धि ने बात संभालने की कोशिश की लेकिन तभी

शेखर- क्या बड़ी बात नहीं थी चुप तू बिल्कुल बहुत बड़ी बात थी ये के किसी ने तुमको प्रपोज करने की कोशिश की सही किया बे झगड़ के

राघव- और क्या, विवेक तू अभी के अभी मुझे उस लड़के का नाम और पता दे

अब राघव भी झगड़े मे कूद पड़ा था और उसे इन्वाल्व होता देख रिद्धि ने नेहा की ओर रुख किया

रिद्धि – भाभी बचाओ, प्लीज हेल्प!

और रिद्धि की बात सुन उसकी साइड नेहा ने ली

नेहा- अरे अरे रुको सुनो जरा, प्लीज ऐसे गुस्सा मत होइए मैं जानती हु के आप तीनों उसके भाई है यू आपका गुस्सा होना लाजमी है लेकिन ये बहुत कॉमन बात है हर लड़की को कभी न कभी ये फेस करना ही पड़ता है और वैसा ही रिद्धि के साथ भी हुआ, देखो विवेक मैं जानती हु के तुम ने झगड़ा इसीलिए किया क्युकी तुम नही चाहते के तुम्हारी बहन किसी गलत लड़के को चुने जो की सही है लेकिन ये सोचो के अगर तुम किसी को पसंद करते हो और उसका भाई ऐसे ही तुम्हें रोक दे तो क्या तुम उसे पसंद करना बंद कर दोगे?

नेहा के सवाल पर विवेक ने ना मे गर्दन हिला दी

नेहा - शेखर तुमने और श्वेता ने तो कॉलेज मे एकदूसरे को डेट करना शुरू किया था ना सोचो अगर उस टाइम श्वेता का भाई तुम्हें ऐसे ही पीट के रोक देता तो? क्या आज तुम्हारी और श्वेता की शादी होती? नाही ना

नेहा - मैं ये नही कह रही के किसी भी ऐरे गैरे को रिद्धि के पास आने दो लेकिन उसे उसके डिसीजन लेने दो वो इतनी तो समझदार है के उसके लिए कौन सही है कौन नही ये चुन सके और आप लोग तो हमेशा उसके साथ हो ही जो उसे बुरे लोगों से बचाए

नेहा के इस एक्सप्लीनेशन से सब लोगों को उसकी बात समझ आ गई थी

विवेक- आप सही हो भाभी लेट रिद्धि हँडल दिस लेकिन मैं इसका ध्यान तो जरूर रखूँगा के कोई ऐरा गैरा रिद्धि के पास न फटके

जिसपर शेखर ने भी हामी भारी वही राघव बस नेहा को देखता रहा

रिद्धि- भाभी आपको कितने लड़कों ने प्रपोज किया था शादी के पहले ?

रिद्धि ने सवाल पूछा जिससे नेहा तो थोड़ी अनकंफर्टेबल हो गई लेकिन इस सवाल के जवाब के लिए राघव उत्सुक हो गया

विवेक- बता दो भाभी हम लोग ही तो है यहा आप हमसे ये शेयर कर सकती है

शेखर- मेरे हिसाब से कम से कम 40 प्रपोज़ल मिले होंगे भाभी को

शेखर ने ये बात थोड़े कान्फिडन्स मे कही जिसे राघव ने एकदम नेहा को शॉक होकर देखा

नेहा - मैंने कभी गिना नही है

नेहा ने थोड़ा हसते हुए कहा

शेखर - कम ऑन भाभी कोई तो होगा जिसका प्रपोज़ल थोड़ा अलग होगा थोड़ा स्पेशल बताओ ना

नेहा- अरे बाबा कुछ स्पेशल कुछ अलग नही था लेकिन हा एक बंदा था या यू कहू के मेरा एक दोस्त था जिसने मुझे प्रपोज किया था, जो भी एक लड़की अपने बॉयफ्रेंड मे चाहती है न उसका परफेक्ट एग्जांपल था वो

नेहा ने अपने पुराने दिन याद करते हुए मुस्कुराकर कहा और उसकी वो मुस्कान देख कर राघव का दिल बैठा जा रहा था क्यू पता नहीं

‘यार ये कैसे मेरे सामने किसी और की तारीफ कर सकती है’ राघव मन ही मन बोला

(जब तू उसे भाव ही नहीं देगा तो वो तो दूसरों की तारीफ करेगी ही नूबड़े )

रिद्धि- फिर आप ने एक्सेप्ट किया था वो प्रपोज़ल?

और यहां राघव बाबू भगवान से प्रार्थना करने लगे (जिसको ये पसंद ही नहीं करता वो किसी को पसंद न करती हो इसकी प्रार्थना करे जा रहा अजीब आदमी)

नेहा- नही!

नेहा के ना कहतो ही राघव के जान मे जान आई

विवेक- क्यू? आप ही ने तो कहा की वो परफेक्ट था

नेहा- पर्फेक्शन हमेशा सबकुछ नही होता कभी कभी आप के दिल को उसकी चाहत होती है जो उसने कभी सोचा भी नही होता

नेहा की बात सुनकर राघव को लगा मानो नेहा ने वो शब्द उसके लिए कहे थे

नेहा- मैंने ना कभी उसे उस नजर से देखा ही नही वो हमेशा मेरा अच्छा दोस्त ही रहा हालांकि उसने ट्राय बहुत किया था और उसने क्या मैंने भी उसे एक चांस देने का ट्राय किया था पर मेरे दिल ने कभी वो रीलेशन माना ही नहीं और हम बस दोस्त ही रहे

नेहा की बात सुन राघव ने मुट्ठी कस ली जिसे शेखर ने देख लिया

शेखर- बस भाभी आगे का रहने दो लगता है यहा कुछ जल रहा है

शेखर ने राघव को छेड़ा और अब नेहा के ध्यान मे आया के आज तो राघव भी उनके साथ था नेहा को अपने ऊपर राघव की नजरे महसूस हो रही थी लेकिन वो उसकी तरफ नहीं देख रही थी

कुछ टाइम बाद सब मूवी देख रहे थे और जब मूवी खतम हुई शाम हो चुकी थी

राघव- रिद्धि तुम्हारी भाभी को रेडी कर दो आज, समझो आज उसका एक स्पेशल दिन है

राघव ने नेहा को देखते हुए रिद्धि से कहा लेकिन उसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नही थे

राघव- और हा आज तुम मे से कोई भी मेरी डेट डिस्टर्ब नही करेगा समझे ना

राघव ने विवेक और शेखर को घूरते हुए कहा वही नेहा के मन मे तो मानो तितलिया उड़ रही थी उसकी बात सुन के

शेखर- हा हा नही करेंगे डिस्टर्ब जाओ अपनी बीवी के साथ चल बे विवेक अपन फिफा खेलते है

जिसके बाद शेखर और विवेक वहा से चले गए

रिद्धि- भाभी लगता है आज भाई अपने सारे बिजी शेड्यूल की भरपाई करने वाले है

रिद्धि ने नेहा को छेड़ते हुए कहा जिसने उसे और नर्वस बना दिया

कुछ समय बाद राघव अपने फॉर्मल्स पहने तयार था और नेहा की राह देख रहा था, पिछले 15 मिनट से वो नेहा की राह देखते हुए खड़ा था और अगर आज नेहा का बर्थडे ना होता तो वो जरूर उसे डाट देता या ये प्लान कैन्सल कर देता

राघव- यार! ये रिद्धि उसे इतना कितना तयार कर रही है जो इतना समय लग रहा है

राघव का पेशंस अब खतम हो रहा था और वो हॉल मे इधर से उधर घूम रहा था नेहा की राह देख रहा था और जब राघव का पेशंस जवाब दे गया और वो उन्हे आवाज देने सीढ़ियों की तरफ मूडा तब उसकी नजरे वही जम गई

आज पहली बार उसने नेहा को साड़ी के अलावा किसी और आउटफिट मे देखा था, नेहा काले रंग के एक अनारकली ड्रेस मे बहुत ही खूबसूरत लग रही थी उसपर उसकी चाँद बालिया उसकी खूबसूरती मे चार चाँद लगा रही थी, नेहा ने बहुत हल्कासा मेकप किया था और माथे पर एक छोटी सी डायमंड की बिंदी लगाई थी जिससे उसका चाँद सा चेहरा और भी ज्यादा खिल रहा था

राघव की इन्टेन्स नजरों से बचने के लिए नेहा ने अपनी नजरे झुकाई और धीरे धीरे सीढ़ियों से नीचे आने लगी और राघव की नजरे उसके हर कदम का पीछा कर रही थी

नेहा राघव के सामने आकार खड़ी हो गई और अपने बालों की लट को अपने कान के पीछे करते हुए बोली

नेहा- चले..?

नेहा ने एकदम धीमे से पूछा जिसने राघव को वापिस होश मे लाया जिसे वो नेहा को देखते ही खो चुका था और राघव ने हा ने गर्दन हिलाई

विवेक- भाई हेव अ गुड डेट 😉

विवेक ने राघव को आँख मारते हुए कहा

रिद्धि- और आराम से आना भाई आज की शाम पूरी भाभी के नाम कर दो

नेहा- हम नहीं है तो तुम लोग प्लीज लड़ना मत मुझे पता है तुम लोग किसी फालतू बात पर लड़ लोगे और खाना टाइम से खा लेना और घर का खयाल रखना

नेहा ने जाते जाते रिद्धि और विवेक को समझाया

शेखर- अरे आप जाओ और आपकी डेट इन्जॉय करो भाभी हम संभाल लेंगे यहा नही लड़ेंगे

जिसके बाद राघव ने अपना दाया हाथ नेहा की तरफ आगे बढ़ाया और नेहा ने भी उसके हाथ मे अपना हाथ दे दिया और दोनों वहा से निकल गए

आज नेहा को कुछ अलग ही लग रहा था आज वो राघव का नया रूप देख रही थी बहुत सारी भावनाए उसके मन मे उमड़ रही थी

राघव ने जेंटलमैन की तरह नेहा के लिए पैसेंजर सीट का दरवाजा खोला और फिर खुद ड्राइवर सीट पर आकर बैठ गया और कार चल पड़ी

कार अपनी मंजिल की ओर बढ़ रही थी लेकिन कार मे पूरी शांति रही और मन ही मन अपने आप से काफी लड़ने के बाद नेहा ने इस शांति को भंग करने के लिए कहा

नेहा- हम कहा जा रहे है ?

नेहा ने बहुत ही धीमे से प्यार से पूछा था और उसकी टोन मे छुपे इमोशंस कोई भी समझ सकता था सिवाय उसके बाजू मे बैठे इंसान के

राघव- डिनर के लिए

राघव ने पूरा ध्यान रोड पर लगाते हुए कहा

नेहा- क्यू?

राघव ने कोई जवाब नहीं दिया

नेहा- आज मेरा बर्थडे है इसीलिए ना पर मैंने आपसे कहा था मुझे बर्थडे सेलीब्रैट करना नही पसंद

ये बात बोलते हुए नेहा का आवाज नॉर्मल से थोड़ा अलग था

राघव- नही, क्युकी मुझे तुम्हारे साथ जाना था इसीलिए

राघव ने सपाट शब्दों मे कहा, जाहीर था उसे गुस्सा आ रहा था और वो बस नेहा का बर्थडे मनाना चाहता था

अब पता नही इस डेट पर क्या होगा... कुछ बात बनेगी या कोई बड़ा झगड़ा होगा जिससे सब बिखर जाए

जानेंगे अगले अपडेट मे...

क्रमश:
Very nyc
 

park

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Update 17



‘अब कैसे समझाऊ भाभी को, ये भाई भी सुनने को तयार ही नहीं है, यार क्या करने चले थे और क्या हो गया लगा था सब ठीक कर देंगे लेकिन ये अलग रायता फैल गया अब कैसे समेटु इसको... शायद मैं जानता हु भाई ऐसा बिहेव क्यू कर रहा है, मुझे लगा था भाई वो सब भूल गया होगा लेकिन नही उसकी गाड़ी अब भी वहा अटकी है, लगता है अब भाभी को सब सच बताना ही पड़ेगा उन्हे सब कुछ जानने का अधिकार है।

शेखर ने अपनी सोच मे गुम राघव के कैबिन का दरवाजा खोला तो सामने खड़े शक्स को देख वो थोड़ा चौका, उसके सामने राघव का सबसे अच्छा दोस्त विशाल खड़ा था और विशाल को देख के साफ पता चल रहा था के उसे अभी अभी हुई घटना की पूरी खबर है और वो काफी कन्फ्यूज स्टेट मे था.

शेखर - विशाल भाई आप?

विशाल का नाम सुन के राघव अपने केबिन से बाहर आया और शेखर राघव के वहा आता देख बगैर कुछ बोले वहा से निकल गया।

कुछ समय बाद

शेखर- भाभी प्लीज एक बार दरवाजा खोल के बस एक बार हमारी बात तो सुन लिजीए

वो लोग पिछले 10 मिनट से दरवाजा खटखटा रहे थे लेकिन नेहा कोई जवाब नहीं दे रही थी, नेहा ने घर पहुच कर अपने आप को कमरे मे बंद कर लिया था और घर के बाकी लोगों को इसकी खबर भी नहीं थी क्युकी घर मे इस वक्त कोई था ही नहीं

श्वेता- भाभी प्लीज दरवाजा खोलो

शेखर- भाभी सॉरी हम आपको हर्ट नहीं करना चाहते थे हमे नहीं पता था ऐसा कुछ होगा प्लीज दरवाजा खोलो भाभी आगे से ऐसा नहीं होगा

लेकिन जब अंदर से कोई जवाब नहीं आया तब वो लोग थक के चुप हो गए, शेखर और श्वेता वहा से जा ही रहे थे के उन्हे दरवाजा खुलने का आवाज आया लेकिन नेहा बाहर नहीं आई

शेखर और श्वेता ने एकदूसरे को देखा और रूम मे चले गए तो उन्होंने देखा के नेहा बेड पर बैठी थी, उसके चेहरे पर अब भी आँसुओ के निशान थे और वो खयालों मे खोई हुई थी

शेखर जाकर नेहा के बाजू मे उसका हाथ पकड़ कर बैठ गया और श्वेता उसके बाजू मे बेड पर जा बैठी

शेखर- भाभी..

शेखर ने धीमे से कहा

नेहा- मैं क्या इतनी बुरी हु शेखर के तुम्हारे भाई मेरी ओर देखते भी नहीं ?

शेखर- नहीं! आप... आप बेस्ट हो भाभी

नेहा- मैं थक गई हु अब चीज़े छुपाते हुए, हमारे बारे मे सबसे झूठ कहते हुए तुम्हें कुछ नहीं पता है

श्वेता- हम जानते है भाभी दादू से सब बताया है हमे।

श्वेता की बात से नेहा थोड़ी शॉक हुई लेकिन कुछ बोली नही

शेखर- हा भाभी हम सब जानते है और भाई की तरफ से मैं आपसे माफी मांगना चाहता हु

नेहा- तुम लोग क्यू सॉरी कह रहे है तुम्हारी कहा गलती है गलती तो उनकी है, पता है मैं उनसे कुछ नहीं कह पाती हु कोई बात शेयर नहीं कर सकती हु जानते हो क्यू? क्युकी भले ही हम शादी शुदा है लेकिन है अजनबी ही, उन्हे ये समझना चाहिए के मैं पत्नी हु उनकी वो अब एक बैचलर नहीं है ऐसा नहीं है के मैं उनकी फ्रीडम छीनना चाहती हु मुझे बस वो चाहिए, मुझे मेरी जिंदगी मे वो मेरे पति बनकर चाहिए ना की कोई अजनबी, जानते हो उन्होंने दादू से हमारी शादी की रात क्या कहा था.. ‘आपके कहने पर मैंने शादी कर ली और इस घर को बहु दे दी लेकिन मुझे अभी पत्नी नहीं चाहिए इसीलिए मुझसे कोई उम्मीद मत रखिएगा’ अरे वो तो पहली ही रात बाहर चले गए थे

नेहा की बात से शेखर और श्वेता दोनों शॉक थे

नेहा- मुझे भी बाकी कपल्स जैसा रहना है लेकिन मैं तो उनसे बात भी नहीं कर सकती क्युकी उन्हे ये पसंद नहीं आएगा, मैं थक गई हु उन्हे क्या पसंद आएगा क्या नहीं सोचते सोचते, हमेशा मैं ही कोशिश करू इस रिश्ते को सुधारने की? अब थक चुकी हु मैं मुझसे और नही होता।

नेहा बोलते बोलते रोने लागि और श्वेता उसकी पीठ सहला कर उसे शांत करवा रही थी वही शेखर चिंता मे नेहा को देख रहा था उसने नेहा को कभी ऐसे नहीं देखा था वो नहीं जानता था के नेहा हमेशा झूठी मुस्कान लिए रहती थी।

नेहा- हमेशा ऐसा क्यू है के मुझे ही उन्हे समझना पड़ेगा वो कभी मुझे क्यू नहीं समझ सकते? वो तो ऐसे बिहेव करते है जैसे मैं हु ही ना कहने को तो हम लाइफ शेयर कर रहे है लेकिन हम एक बेड भी शेयर नहीं करते क्युकी उन्हे अच्छा नहीं लगेगा, हमेशा सब वैसा ही होता है जैसा उन्हे चाहिए लेकिन मेरा क्या? लेकिन अब बस बहुत हो गया

नेहा रोए जा रही थी, आज वो सारी बाते बाहर निकालना चाहती थी और नेहा की बाते सुन कर शेखर की आँखों से एक आँसू निकला जिसे पोंछ कर वो बोला

शेखर- भाभी आपको कुछ बताना है मुझे, वो जिसे आपको जानने का पूरा हक है, मैं नहीं जानता मैं ये सही कर रहा हु या नहीं लेकिन मैं ये जानता हु के जो मैं आपको बताने जा रहा हु वो भाई को आपको बताना चाहिए लेकिन अब बस हो गया क्युकी मुझे नहीं लगता भाई आपको कभी वो बात बताएगा

नेहा ने उतरे चेहरे के साथ शेखर को देखा, उसकी आँखों मे अब भी आसू थे

शेखर- श्वेता मुझे बस भाभी के बात करनी है

और शेखर ने इशारे से श्वेता को वहा से जाने के लिए कहा श्वेता भी उसका इशारा समझ के वहा से चली गई

नेहा- कहना क्या चाहते हो तुम शेखर

शेखर- भाई के पास्ट के बारे मे आपको जानना चाहिए भाभी आप सभी जिस राघव को जानते है वो इससे बिल्कुल अलग है, ये गुस्से वाला, बाते काम करने वाला किसी पे भरोसा ना करने वाला मेरा भाई हमेशा ऐसा नहीं था इन सब के पीछे कुछ रीज़न है की वो ऐसा क्यू है

नेहा- तो बताओ वो ऐसे क्यू है

शेखर- उसके साथ कुछ हुआ है भाभी जिसने उसे ऐसा बना दिया है........
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(अभी नहीं बताऊँगा :D )


राघव के पास्ट के बारे मे सुनकर नेहा शॉक थी वो ये सब बाते नहीं जानती थी और अब उसे अपने बर्ताव पर पछतावा हो रहा था

शेखर- मैं जानता हु मैं ये बात कह कर स्वार्थी बन रहा हु लेकिन मेरे भाई को आपकी जरूरत है भाभी, मैं ये नहीं कह रहा हु के आप अपने आप को बदल दो लेकिन बस एक और बार इस रिश्ते को एक मौका दे दो, मैं जानता हु आप मेरे भाई को बदल देंगी, मेरे भाई को छोड़ के मत जाना भाभी

शेखर ने नेहा के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा

नेहा- मुझे नहीं पता था उन्होंने इतना सब सहा है और मैं बस उनके स्वभाव की शिकायत करे जा रही थी

नेहा अब और ज्यादा रोने लागि

शेखर- मेरा भाई ऊपर से चाहे जितना टफ बन ले भाभी अंदर से वो बस एक बच्चा है जिसे हमने उस घटना मे खो दिया, भाभी बस आप ही वो हो जो उस पुराने राघव को वापिस ला सकती हो, वो कभी किसी से कुछ कहता नहीं है जो मिल जाए उसी मे खुश रहेगा वो, बगैर बात के नतीजे पर पहुच जाता है, उसे भले ही बिजनस की अच्छी समझ हो लेकिन रिश्ते निभाने के मामले मे बहुत कच्चा है वो, उसे आपकी जरूरत है भाभी और मैं जानता हु के आपने उसके पास जाने की कोशिश की तो वो रोकेगा नहीं आपको क्युकी उसे कोई ऐसा चाहिए जो उसकी केयर करे सिर्फ उसकी, जो उसे प्यार करे, कोई भी इंसान अपने पेरेंट्स से भाई बहनों से, दोस्तों से सब शेयर नहीं कर सकता उसे कोई ऐसा चाहिए जो इन सब को समझे

शेखर- वो बस आपसे इसीलिए दूर भाग रहा है क्युकी वो डरता है, वो ईमोशनली इसीलिए कनेक्ट नहीं कर पाता, उसे रिश्ते जोड़ने से डर लगता है, दादू ने कहा था उसमे थोड़ा समय मांगा है इस रिश्ते को आगे बढ़ाने लेकिन सच तो ये है के वो अपने आप को आपके लिए तयार कर रहा है, वो बताता नहीं है पर उसे चिंता है आपकी, बस उसे ये सब जताना नहीं आता बस आप उससे दूर मत जाइए।

नेहा- ऐसा सोचना भी मत के मैं उनसे दूर जाऊँगी, मुझे बस ये सब पता नहीं था लेकिन अब सब जानने के बात मैं पीछे नहीं हटने वाली, मुझे बस उनका भरोसा जितना है जो मै जीत के रहूँगी

नेहा ने अपने आँसू पोंछते हुए कहा जिसपर शेखर ने भी हा मे गर्दन हिला दी और कमरे से बाहर चल आया और नेहा सोचने लगी

‘मैंने इन्हे कैसे समझ नहीं पाई? वो पहले ही बहुत सह चुके है और उन्हे सपोर्ट करने के बजाय मैं उन्हे ही भला बुरा कह रही थी, वो बस उस बात को मन मे लिए बैठे है और मैंने भी इस बारे मे सही से कोशिश नहीं की, उन्होंने कभी बात करने की कोशिश नहीं की तो मैंने भी कभी कोई ज्यादा इंटेरेस्ट नहीं दिखाया और यही मेरी गलती थी।

मैं पत्नी हु उनकी और मुझे उनके ऐसे बर्ताव के पीछे का रीज़न जानना चाहिए था लेकिन मैं तो खुद ही बेचारी बनी बैठी रही
अगर सब ऐसे ही चलता रहा तो हमारा रिश्ता कभी नहीं सुधर पाएगा, हमने कभी बात करने चीजे सुलझाने की कोशिश ही नहीं की लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, ये आदत किसी को तो बदलनी पड़ेगी और वो मैं करूंगी

अब इन्हे एक नई नेहा मिलेगी...'



क्रमश:
Nice and superb update.....
 

Aakash.

sᴡᴇᴇᴛ ᴀs ғᴜᴄᴋ
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Bechari Neha aaz uske sabra ka bandh tut hi gaya or jo sach tha sabke saamne aa gaya Ek tarah ye tension hai jise Neha apne dewar uski wife or chote bhai bahan ke saath rehkar kuch Palo ke liye hi sahi bhula deti thi lekin baad me to fir wahi sab :verysad:

Past bata dete to kuch bigad jaata writer ka :roll: aakhir aisa hua kya jiski wajh se Ragahv kisi par bharosa nahi karta or emotionally attach nahi hota :sigh2: andar tak jakam hai shayad :approve:

Ab Sach saamne aane ke baad paristhitya or soch badal chuki hai or jab soch or dekhne ka najriya badalta hai to ek naya rup dikhta hi hai lekin Ragav Aka naughty boy (iska asal rang baad me dikhega :lollypop: ) ise bhi khud ko badalna honga aaj ke hissab se
 

Paraoh11

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Oh ho to Raghav bhai PTSD se grasit hain…
Yani Post Traumatic Stress Disorder. Isme bande ko kisi incident se mental aaghaat paunch jata hai jisse us bande ke behaviour Mei permanent negative changes aa jaate hain…

He starts associating certain situations to those incidents and panics..!

For example
- a rape victim suffering from PTSD will have strong aversion to touch and might panic if a male comes too close!!

- a soldier may panic hearing loud sounds reminding of gunfire and explosions.

- a victim of domestic or child abuse will have certain triggers which might inset panic from seemingly innocuous gesture or setting.

- a victim of cheating and gaslighting will always have trust issues and be prone to unjustified paranoia or can either be obrusively obsessive or emotionally detached.

Phew…
Hope you got my point!
Raghav ke saath koi to aisa kand hua jisse vo emotional de-sensitise ho gaya!!

Sahi kaha maine?
 

kas1709

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Update 17



‘अब कैसे समझाऊ भाभी को, ये भाई भी सुनने को तयार ही नहीं है, यार क्या करने चले थे और क्या हो गया लगा था सब ठीक कर देंगे लेकिन ये अलग रायता फैल गया अब कैसे समेटु इसको... शायद मैं जानता हु भाई ऐसा बिहेव क्यू कर रहा है, मुझे लगा था भाई वो सब भूल गया होगा लेकिन नही उसकी गाड़ी अब भी वहा अटकी है, लगता है अब भाभी को सब सच बताना ही पड़ेगा उन्हे सब कुछ जानने का अधिकार है।

शेखर ने अपनी सोच मे गुम राघव के कैबिन का दरवाजा खोला तो सामने खड़े शक्स को देख वो थोड़ा चौका, उसके सामने राघव का सबसे अच्छा दोस्त विशाल खड़ा था और विशाल को देख के साफ पता चल रहा था के उसे अभी अभी हुई घटना की पूरी खबर है और वो काफी कन्फ्यूज स्टेट मे था.

शेखर - विशाल भाई आप?

विशाल का नाम सुन के राघव अपने केबिन से बाहर आया और शेखर राघव के वहा आता देख बगैर कुछ बोले वहा से निकल गया।

कुछ समय बाद

शेखर- भाभी प्लीज एक बार दरवाजा खोल के बस एक बार हमारी बात तो सुन लिजीए

वो लोग पिछले 10 मिनट से दरवाजा खटखटा रहे थे लेकिन नेहा कोई जवाब नहीं दे रही थी, नेहा ने घर पहुच कर अपने आप को कमरे मे बंद कर लिया था और घर के बाकी लोगों को इसकी खबर भी नहीं थी क्युकी घर मे इस वक्त कोई था ही नहीं

श्वेता- भाभी प्लीज दरवाजा खोलो

शेखर- भाभी सॉरी हम आपको हर्ट नहीं करना चाहते थे हमे नहीं पता था ऐसा कुछ होगा प्लीज दरवाजा खोलो भाभी आगे से ऐसा नहीं होगा

लेकिन जब अंदर से कोई जवाब नहीं आया तब वो लोग थक के चुप हो गए, शेखर और श्वेता वहा से जा ही रहे थे के उन्हे दरवाजा खुलने का आवाज आया लेकिन नेहा बाहर नहीं आई

शेखर और श्वेता ने एकदूसरे को देखा और रूम मे चले गए तो उन्होंने देखा के नेहा बेड पर बैठी थी, उसके चेहरे पर अब भी आँसुओ के निशान थे और वो खयालों मे खोई हुई थी

शेखर जाकर नेहा के बाजू मे उसका हाथ पकड़ कर बैठ गया और श्वेता उसके बाजू मे बेड पर जा बैठी

शेखर- भाभी..

शेखर ने धीमे से कहा

नेहा- मैं क्या इतनी बुरी हु शेखर के तुम्हारे भाई मेरी ओर देखते भी नहीं ?

शेखर- नहीं! आप... आप बेस्ट हो भाभी

नेहा- मैं थक गई हु अब चीज़े छुपाते हुए, हमारे बारे मे सबसे झूठ कहते हुए तुम्हें कुछ नहीं पता है

श्वेता- हम जानते है भाभी दादू से सब बताया है हमे।

श्वेता की बात से नेहा थोड़ी शॉक हुई लेकिन कुछ बोली नही

शेखर- हा भाभी हम सब जानते है और भाई की तरफ से मैं आपसे माफी मांगना चाहता हु

नेहा- तुम लोग क्यू सॉरी कह रहे है तुम्हारी कहा गलती है गलती तो उनकी है, पता है मैं उनसे कुछ नहीं कह पाती हु कोई बात शेयर नहीं कर सकती हु जानते हो क्यू? क्युकी भले ही हम शादी शुदा है लेकिन है अजनबी ही, उन्हे ये समझना चाहिए के मैं पत्नी हु उनकी वो अब एक बैचलर नहीं है ऐसा नहीं है के मैं उनकी फ्रीडम छीनना चाहती हु मुझे बस वो चाहिए, मुझे मेरी जिंदगी मे वो मेरे पति बनकर चाहिए ना की कोई अजनबी, जानते हो उन्होंने दादू से हमारी शादी की रात क्या कहा था.. ‘आपके कहने पर मैंने शादी कर ली और इस घर को बहु दे दी लेकिन मुझे अभी पत्नी नहीं चाहिए इसीलिए मुझसे कोई उम्मीद मत रखिएगा’ अरे वो तो पहली ही रात बाहर चले गए थे

नेहा की बात से शेखर और श्वेता दोनों शॉक थे

नेहा- मुझे भी बाकी कपल्स जैसा रहना है लेकिन मैं तो उनसे बात भी नहीं कर सकती क्युकी उन्हे ये पसंद नहीं आएगा, मैं थक गई हु उन्हे क्या पसंद आएगा क्या नहीं सोचते सोचते, हमेशा मैं ही कोशिश करू इस रिश्ते को सुधारने की? अब थक चुकी हु मैं मुझसे और नही होता।

नेहा बोलते बोलते रोने लागि और श्वेता उसकी पीठ सहला कर उसे शांत करवा रही थी वही शेखर चिंता मे नेहा को देख रहा था उसने नेहा को कभी ऐसे नहीं देखा था वो नहीं जानता था के नेहा हमेशा झूठी मुस्कान लिए रहती थी।

नेहा- हमेशा ऐसा क्यू है के मुझे ही उन्हे समझना पड़ेगा वो कभी मुझे क्यू नहीं समझ सकते? वो तो ऐसे बिहेव करते है जैसे मैं हु ही ना कहने को तो हम लाइफ शेयर कर रहे है लेकिन हम एक बेड भी शेयर नहीं करते क्युकी उन्हे अच्छा नहीं लगेगा, हमेशा सब वैसा ही होता है जैसा उन्हे चाहिए लेकिन मेरा क्या? लेकिन अब बस बहुत हो गया

नेहा रोए जा रही थी, आज वो सारी बाते बाहर निकालना चाहती थी और नेहा की बाते सुन कर शेखर की आँखों से एक आँसू निकला जिसे पोंछ कर वो बोला

शेखर- भाभी आपको कुछ बताना है मुझे, वो जिसे आपको जानने का पूरा हक है, मैं नहीं जानता मैं ये सही कर रहा हु या नहीं लेकिन मैं ये जानता हु के जो मैं आपको बताने जा रहा हु वो भाई को आपको बताना चाहिए लेकिन अब बस हो गया क्युकी मुझे नहीं लगता भाई आपको कभी वो बात बताएगा

नेहा ने उतरे चेहरे के साथ शेखर को देखा, उसकी आँखों मे अब भी आसू थे

शेखर- श्वेता मुझे बस भाभी के बात करनी है

और शेखर ने इशारे से श्वेता को वहा से जाने के लिए कहा श्वेता भी उसका इशारा समझ के वहा से चली गई

नेहा- कहना क्या चाहते हो तुम शेखर

शेखर- भाई के पास्ट के बारे मे आपको जानना चाहिए भाभी आप सभी जिस राघव को जानते है वो इससे बिल्कुल अलग है, ये गुस्से वाला, बाते काम करने वाला किसी पे भरोसा ना करने वाला मेरा भाई हमेशा ऐसा नहीं था इन सब के पीछे कुछ रीज़न है की वो ऐसा क्यू है

नेहा- तो बताओ वो ऐसे क्यू है

शेखर- उसके साथ कुछ हुआ है भाभी जिसने उसे ऐसा बना दिया है........
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(अभी नहीं बताऊँगा :D )


राघव के पास्ट के बारे मे सुनकर नेहा शॉक थी वो ये सब बाते नहीं जानती थी और अब उसे अपने बर्ताव पर पछतावा हो रहा था

शेखर- मैं जानता हु मैं ये बात कह कर स्वार्थी बन रहा हु लेकिन मेरे भाई को आपकी जरूरत है भाभी, मैं ये नहीं कह रहा हु के आप अपने आप को बदल दो लेकिन बस एक और बार इस रिश्ते को एक मौका दे दो, मैं जानता हु आप मेरे भाई को बदल देंगी, मेरे भाई को छोड़ के मत जाना भाभी

शेखर ने नेहा के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा

नेहा- मुझे नहीं पता था उन्होंने इतना सब सहा है और मैं बस उनके स्वभाव की शिकायत करे जा रही थी

नेहा अब और ज्यादा रोने लागि

शेखर- मेरा भाई ऊपर से चाहे जितना टफ बन ले भाभी अंदर से वो बस एक बच्चा है जिसे हमने उस घटना मे खो दिया, भाभी बस आप ही वो हो जो उस पुराने राघव को वापिस ला सकती हो, वो कभी किसी से कुछ कहता नहीं है जो मिल जाए उसी मे खुश रहेगा वो, बगैर बात के नतीजे पर पहुच जाता है, उसे भले ही बिजनस की अच्छी समझ हो लेकिन रिश्ते निभाने के मामले मे बहुत कच्चा है वो, उसे आपकी जरूरत है भाभी और मैं जानता हु के आपने उसके पास जाने की कोशिश की तो वो रोकेगा नहीं आपको क्युकी उसे कोई ऐसा चाहिए जो उसकी केयर करे सिर्फ उसकी, जो उसे प्यार करे, कोई भी इंसान अपने पेरेंट्स से भाई बहनों से, दोस्तों से सब शेयर नहीं कर सकता उसे कोई ऐसा चाहिए जो इन सब को समझे

शेखर- वो बस आपसे इसीलिए दूर भाग रहा है क्युकी वो डरता है, वो ईमोशनली इसीलिए कनेक्ट नहीं कर पाता, उसे रिश्ते जोड़ने से डर लगता है, दादू ने कहा था उसमे थोड़ा समय मांगा है इस रिश्ते को आगे बढ़ाने लेकिन सच तो ये है के वो अपने आप को आपके लिए तयार कर रहा है, वो बताता नहीं है पर उसे चिंता है आपकी, बस उसे ये सब जताना नहीं आता बस आप उससे दूर मत जाइए।

नेहा- ऐसा सोचना भी मत के मैं उनसे दूर जाऊँगी, मुझे बस ये सब पता नहीं था लेकिन अब सब जानने के बात मैं पीछे नहीं हटने वाली, मुझे बस उनका भरोसा जितना है जो मै जीत के रहूँगी

नेहा ने अपने आँसू पोंछते हुए कहा जिसपर शेखर ने भी हा मे गर्दन हिला दी और कमरे से बाहर चल आया और नेहा सोचने लगी

‘मैंने इन्हे कैसे समझ नहीं पाई? वो पहले ही बहुत सह चुके है और उन्हे सपोर्ट करने के बजाय मैं उन्हे ही भला बुरा कह रही थी, वो बस उस बात को मन मे लिए बैठे है और मैंने भी इस बारे मे सही से कोशिश नहीं की, उन्होंने कभी बात करने की कोशिश नहीं की तो मैंने भी कभी कोई ज्यादा इंटेरेस्ट नहीं दिखाया और यही मेरी गलती थी।

मैं पत्नी हु उनकी और मुझे उनके ऐसे बर्ताव के पीछे का रीज़न जानना चाहिए था लेकिन मैं तो खुद ही बेचारी बनी बैठी रही
अगर सब ऐसे ही चलता रहा तो हमारा रिश्ता कभी नहीं सुधर पाएगा, हमने कभी बात करने चीजे सुलझाने की कोशिश ही नहीं की लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, ये आदत किसी को तो बदलनी पड़ेगी और वो मैं करूंगी

अब इन्हे एक नई नेहा मिलेगी...'



क्रमश:
Nice update....
 

dhparikh

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Update 17



‘अब कैसे समझाऊ भाभी को, ये भाई भी सुनने को तयार ही नहीं है, यार क्या करने चले थे और क्या हो गया लगा था सब ठीक कर देंगे लेकिन ये अलग रायता फैल गया अब कैसे समेटु इसको... शायद मैं जानता हु भाई ऐसा बिहेव क्यू कर रहा है, मुझे लगा था भाई वो सब भूल गया होगा लेकिन नही उसकी गाड़ी अब भी वहा अटकी है, लगता है अब भाभी को सब सच बताना ही पड़ेगा उन्हे सब कुछ जानने का अधिकार है।

शेखर ने अपनी सोच मे गुम राघव के कैबिन का दरवाजा खोला तो सामने खड़े शक्स को देख वो थोड़ा चौका, उसके सामने राघव का सबसे अच्छा दोस्त विशाल खड़ा था और विशाल को देख के साफ पता चल रहा था के उसे अभी अभी हुई घटना की पूरी खबर है और वो काफी कन्फ्यूज स्टेट मे था.

शेखर - विशाल भाई आप?

विशाल का नाम सुन के राघव अपने केबिन से बाहर आया और शेखर राघव के वहा आता देख बगैर कुछ बोले वहा से निकल गया।

कुछ समय बाद

शेखर- भाभी प्लीज एक बार दरवाजा खोल के बस एक बार हमारी बात तो सुन लिजीए

वो लोग पिछले 10 मिनट से दरवाजा खटखटा रहे थे लेकिन नेहा कोई जवाब नहीं दे रही थी, नेहा ने घर पहुच कर अपने आप को कमरे मे बंद कर लिया था और घर के बाकी लोगों को इसकी खबर भी नहीं थी क्युकी घर मे इस वक्त कोई था ही नहीं

श्वेता- भाभी प्लीज दरवाजा खोलो

शेखर- भाभी सॉरी हम आपको हर्ट नहीं करना चाहते थे हमे नहीं पता था ऐसा कुछ होगा प्लीज दरवाजा खोलो भाभी आगे से ऐसा नहीं होगा

लेकिन जब अंदर से कोई जवाब नहीं आया तब वो लोग थक के चुप हो गए, शेखर और श्वेता वहा से जा ही रहे थे के उन्हे दरवाजा खुलने का आवाज आया लेकिन नेहा बाहर नहीं आई

शेखर और श्वेता ने एकदूसरे को देखा और रूम मे चले गए तो उन्होंने देखा के नेहा बेड पर बैठी थी, उसके चेहरे पर अब भी आँसुओ के निशान थे और वो खयालों मे खोई हुई थी

शेखर जाकर नेहा के बाजू मे उसका हाथ पकड़ कर बैठ गया और श्वेता उसके बाजू मे बेड पर जा बैठी

शेखर- भाभी..

शेखर ने धीमे से कहा

नेहा- मैं क्या इतनी बुरी हु शेखर के तुम्हारे भाई मेरी ओर देखते भी नहीं ?

शेखर- नहीं! आप... आप बेस्ट हो भाभी

नेहा- मैं थक गई हु अब चीज़े छुपाते हुए, हमारे बारे मे सबसे झूठ कहते हुए तुम्हें कुछ नहीं पता है

श्वेता- हम जानते है भाभी दादू से सब बताया है हमे।

श्वेता की बात से नेहा थोड़ी शॉक हुई लेकिन कुछ बोली नही

शेखर- हा भाभी हम सब जानते है और भाई की तरफ से मैं आपसे माफी मांगना चाहता हु

नेहा- तुम लोग क्यू सॉरी कह रहे है तुम्हारी कहा गलती है गलती तो उनकी है, पता है मैं उनसे कुछ नहीं कह पाती हु कोई बात शेयर नहीं कर सकती हु जानते हो क्यू? क्युकी भले ही हम शादी शुदा है लेकिन है अजनबी ही, उन्हे ये समझना चाहिए के मैं पत्नी हु उनकी वो अब एक बैचलर नहीं है ऐसा नहीं है के मैं उनकी फ्रीडम छीनना चाहती हु मुझे बस वो चाहिए, मुझे मेरी जिंदगी मे वो मेरे पति बनकर चाहिए ना की कोई अजनबी, जानते हो उन्होंने दादू से हमारी शादी की रात क्या कहा था.. ‘आपके कहने पर मैंने शादी कर ली और इस घर को बहु दे दी लेकिन मुझे अभी पत्नी नहीं चाहिए इसीलिए मुझसे कोई उम्मीद मत रखिएगा’ अरे वो तो पहली ही रात बाहर चले गए थे

नेहा की बात से शेखर और श्वेता दोनों शॉक थे

नेहा- मुझे भी बाकी कपल्स जैसा रहना है लेकिन मैं तो उनसे बात भी नहीं कर सकती क्युकी उन्हे ये पसंद नहीं आएगा, मैं थक गई हु उन्हे क्या पसंद आएगा क्या नहीं सोचते सोचते, हमेशा मैं ही कोशिश करू इस रिश्ते को सुधारने की? अब थक चुकी हु मैं मुझसे और नही होता।

नेहा बोलते बोलते रोने लागि और श्वेता उसकी पीठ सहला कर उसे शांत करवा रही थी वही शेखर चिंता मे नेहा को देख रहा था उसने नेहा को कभी ऐसे नहीं देखा था वो नहीं जानता था के नेहा हमेशा झूठी मुस्कान लिए रहती थी।

नेहा- हमेशा ऐसा क्यू है के मुझे ही उन्हे समझना पड़ेगा वो कभी मुझे क्यू नहीं समझ सकते? वो तो ऐसे बिहेव करते है जैसे मैं हु ही ना कहने को तो हम लाइफ शेयर कर रहे है लेकिन हम एक बेड भी शेयर नहीं करते क्युकी उन्हे अच्छा नहीं लगेगा, हमेशा सब वैसा ही होता है जैसा उन्हे चाहिए लेकिन मेरा क्या? लेकिन अब बस बहुत हो गया

नेहा रोए जा रही थी, आज वो सारी बाते बाहर निकालना चाहती थी और नेहा की बाते सुन कर शेखर की आँखों से एक आँसू निकला जिसे पोंछ कर वो बोला

शेखर- भाभी आपको कुछ बताना है मुझे, वो जिसे आपको जानने का पूरा हक है, मैं नहीं जानता मैं ये सही कर रहा हु या नहीं लेकिन मैं ये जानता हु के जो मैं आपको बताने जा रहा हु वो भाई को आपको बताना चाहिए लेकिन अब बस हो गया क्युकी मुझे नहीं लगता भाई आपको कभी वो बात बताएगा

नेहा ने उतरे चेहरे के साथ शेखर को देखा, उसकी आँखों मे अब भी आसू थे

शेखर- श्वेता मुझे बस भाभी के बात करनी है

और शेखर ने इशारे से श्वेता को वहा से जाने के लिए कहा श्वेता भी उसका इशारा समझ के वहा से चली गई

नेहा- कहना क्या चाहते हो तुम शेखर

शेखर- भाई के पास्ट के बारे मे आपको जानना चाहिए भाभी आप सभी जिस राघव को जानते है वो इससे बिल्कुल अलग है, ये गुस्से वाला, बाते काम करने वाला किसी पे भरोसा ना करने वाला मेरा भाई हमेशा ऐसा नहीं था इन सब के पीछे कुछ रीज़न है की वो ऐसा क्यू है

नेहा- तो बताओ वो ऐसे क्यू है

शेखर- उसके साथ कुछ हुआ है भाभी जिसने उसे ऐसा बना दिया है........
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(अभी नहीं बताऊँगा :D )


राघव के पास्ट के बारे मे सुनकर नेहा शॉक थी वो ये सब बाते नहीं जानती थी और अब उसे अपने बर्ताव पर पछतावा हो रहा था

शेखर- मैं जानता हु मैं ये बात कह कर स्वार्थी बन रहा हु लेकिन मेरे भाई को आपकी जरूरत है भाभी, मैं ये नहीं कह रहा हु के आप अपने आप को बदल दो लेकिन बस एक और बार इस रिश्ते को एक मौका दे दो, मैं जानता हु आप मेरे भाई को बदल देंगी, मेरे भाई को छोड़ के मत जाना भाभी

शेखर ने नेहा के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा

नेहा- मुझे नहीं पता था उन्होंने इतना सब सहा है और मैं बस उनके स्वभाव की शिकायत करे जा रही थी

नेहा अब और ज्यादा रोने लागि

शेखर- मेरा भाई ऊपर से चाहे जितना टफ बन ले भाभी अंदर से वो बस एक बच्चा है जिसे हमने उस घटना मे खो दिया, भाभी बस आप ही वो हो जो उस पुराने राघव को वापिस ला सकती हो, वो कभी किसी से कुछ कहता नहीं है जो मिल जाए उसी मे खुश रहेगा वो, बगैर बात के नतीजे पर पहुच जाता है, उसे भले ही बिजनस की अच्छी समझ हो लेकिन रिश्ते निभाने के मामले मे बहुत कच्चा है वो, उसे आपकी जरूरत है भाभी और मैं जानता हु के आपने उसके पास जाने की कोशिश की तो वो रोकेगा नहीं आपको क्युकी उसे कोई ऐसा चाहिए जो उसकी केयर करे सिर्फ उसकी, जो उसे प्यार करे, कोई भी इंसान अपने पेरेंट्स से भाई बहनों से, दोस्तों से सब शेयर नहीं कर सकता उसे कोई ऐसा चाहिए जो इन सब को समझे

शेखर- वो बस आपसे इसीलिए दूर भाग रहा है क्युकी वो डरता है, वो ईमोशनली इसीलिए कनेक्ट नहीं कर पाता, उसे रिश्ते जोड़ने से डर लगता है, दादू ने कहा था उसमे थोड़ा समय मांगा है इस रिश्ते को आगे बढ़ाने लेकिन सच तो ये है के वो अपने आप को आपके लिए तयार कर रहा है, वो बताता नहीं है पर उसे चिंता है आपकी, बस उसे ये सब जताना नहीं आता बस आप उससे दूर मत जाइए।

नेहा- ऐसा सोचना भी मत के मैं उनसे दूर जाऊँगी, मुझे बस ये सब पता नहीं था लेकिन अब सब जानने के बात मैं पीछे नहीं हटने वाली, मुझे बस उनका भरोसा जितना है जो मै जीत के रहूँगी

नेहा ने अपने आँसू पोंछते हुए कहा जिसपर शेखर ने भी हा मे गर्दन हिला दी और कमरे से बाहर चल आया और नेहा सोचने लगी

‘मैंने इन्हे कैसे समझ नहीं पाई? वो पहले ही बहुत सह चुके है और उन्हे सपोर्ट करने के बजाय मैं उन्हे ही भला बुरा कह रही थी, वो बस उस बात को मन मे लिए बैठे है और मैंने भी इस बारे मे सही से कोशिश नहीं की, उन्होंने कभी बात करने की कोशिश नहीं की तो मैंने भी कभी कोई ज्यादा इंटेरेस्ट नहीं दिखाया और यही मेरी गलती थी।

मैं पत्नी हु उनकी और मुझे उनके ऐसे बर्ताव के पीछे का रीज़न जानना चाहिए था लेकिन मैं तो खुद ही बेचारी बनी बैठी रही
अगर सब ऐसे ही चलता रहा तो हमारा रिश्ता कभी नहीं सुधर पाएगा, हमने कभी बात करने चीजे सुलझाने की कोशिश ही नहीं की लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, ये आदत किसी को तो बदलनी पड़ेगी और वो मैं करूंगी

अब इन्हे एक नई नेहा मिलेगी...'



क्रमश:
Nice update....
 

parkas

Well-Known Member
30,535
65,861
303
Update 17



‘अब कैसे समझाऊ भाभी को, ये भाई भी सुनने को तयार ही नहीं है, यार क्या करने चले थे और क्या हो गया लगा था सब ठीक कर देंगे लेकिन ये अलग रायता फैल गया अब कैसे समेटु इसको... शायद मैं जानता हु भाई ऐसा बिहेव क्यू कर रहा है, मुझे लगा था भाई वो सब भूल गया होगा लेकिन नही उसकी गाड़ी अब भी वहा अटकी है, लगता है अब भाभी को सब सच बताना ही पड़ेगा उन्हे सब कुछ जानने का अधिकार है।

शेखर ने अपनी सोच मे गुम राघव के कैबिन का दरवाजा खोला तो सामने खड़े शक्स को देख वो थोड़ा चौका, उसके सामने राघव का सबसे अच्छा दोस्त विशाल खड़ा था और विशाल को देख के साफ पता चल रहा था के उसे अभी अभी हुई घटना की पूरी खबर है और वो काफी कन्फ्यूज स्टेट मे था.

शेखर - विशाल भाई आप?

विशाल का नाम सुन के राघव अपने केबिन से बाहर आया और शेखर राघव के वहा आता देख बगैर कुछ बोले वहा से निकल गया।

कुछ समय बाद

शेखर- भाभी प्लीज एक बार दरवाजा खोल के बस एक बार हमारी बात तो सुन लिजीए

वो लोग पिछले 10 मिनट से दरवाजा खटखटा रहे थे लेकिन नेहा कोई जवाब नहीं दे रही थी, नेहा ने घर पहुच कर अपने आप को कमरे मे बंद कर लिया था और घर के बाकी लोगों को इसकी खबर भी नहीं थी क्युकी घर मे इस वक्त कोई था ही नहीं

श्वेता- भाभी प्लीज दरवाजा खोलो

शेखर- भाभी सॉरी हम आपको हर्ट नहीं करना चाहते थे हमे नहीं पता था ऐसा कुछ होगा प्लीज दरवाजा खोलो भाभी आगे से ऐसा नहीं होगा

लेकिन जब अंदर से कोई जवाब नहीं आया तब वो लोग थक के चुप हो गए, शेखर और श्वेता वहा से जा ही रहे थे के उन्हे दरवाजा खुलने का आवाज आया लेकिन नेहा बाहर नहीं आई

शेखर और श्वेता ने एकदूसरे को देखा और रूम मे चले गए तो उन्होंने देखा के नेहा बेड पर बैठी थी, उसके चेहरे पर अब भी आँसुओ के निशान थे और वो खयालों मे खोई हुई थी

शेखर जाकर नेहा के बाजू मे उसका हाथ पकड़ कर बैठ गया और श्वेता उसके बाजू मे बेड पर जा बैठी

शेखर- भाभी..

शेखर ने धीमे से कहा

नेहा- मैं क्या इतनी बुरी हु शेखर के तुम्हारे भाई मेरी ओर देखते भी नहीं ?

शेखर- नहीं! आप... आप बेस्ट हो भाभी

नेहा- मैं थक गई हु अब चीज़े छुपाते हुए, हमारे बारे मे सबसे झूठ कहते हुए तुम्हें कुछ नहीं पता है

श्वेता- हम जानते है भाभी दादू से सब बताया है हमे।

श्वेता की बात से नेहा थोड़ी शॉक हुई लेकिन कुछ बोली नही

शेखर- हा भाभी हम सब जानते है और भाई की तरफ से मैं आपसे माफी मांगना चाहता हु

नेहा- तुम लोग क्यू सॉरी कह रहे है तुम्हारी कहा गलती है गलती तो उनकी है, पता है मैं उनसे कुछ नहीं कह पाती हु कोई बात शेयर नहीं कर सकती हु जानते हो क्यू? क्युकी भले ही हम शादी शुदा है लेकिन है अजनबी ही, उन्हे ये समझना चाहिए के मैं पत्नी हु उनकी वो अब एक बैचलर नहीं है ऐसा नहीं है के मैं उनकी फ्रीडम छीनना चाहती हु मुझे बस वो चाहिए, मुझे मेरी जिंदगी मे वो मेरे पति बनकर चाहिए ना की कोई अजनबी, जानते हो उन्होंने दादू से हमारी शादी की रात क्या कहा था.. ‘आपके कहने पर मैंने शादी कर ली और इस घर को बहु दे दी लेकिन मुझे अभी पत्नी नहीं चाहिए इसीलिए मुझसे कोई उम्मीद मत रखिएगा’ अरे वो तो पहली ही रात बाहर चले गए थे

नेहा की बात से शेखर और श्वेता दोनों शॉक थे

नेहा- मुझे भी बाकी कपल्स जैसा रहना है लेकिन मैं तो उनसे बात भी नहीं कर सकती क्युकी उन्हे ये पसंद नहीं आएगा, मैं थक गई हु उन्हे क्या पसंद आएगा क्या नहीं सोचते सोचते, हमेशा मैं ही कोशिश करू इस रिश्ते को सुधारने की? अब थक चुकी हु मैं मुझसे और नही होता।

नेहा बोलते बोलते रोने लागि और श्वेता उसकी पीठ सहला कर उसे शांत करवा रही थी वही शेखर चिंता मे नेहा को देख रहा था उसने नेहा को कभी ऐसे नहीं देखा था वो नहीं जानता था के नेहा हमेशा झूठी मुस्कान लिए रहती थी।

नेहा- हमेशा ऐसा क्यू है के मुझे ही उन्हे समझना पड़ेगा वो कभी मुझे क्यू नहीं समझ सकते? वो तो ऐसे बिहेव करते है जैसे मैं हु ही ना कहने को तो हम लाइफ शेयर कर रहे है लेकिन हम एक बेड भी शेयर नहीं करते क्युकी उन्हे अच्छा नहीं लगेगा, हमेशा सब वैसा ही होता है जैसा उन्हे चाहिए लेकिन मेरा क्या? लेकिन अब बस बहुत हो गया

नेहा रोए जा रही थी, आज वो सारी बाते बाहर निकालना चाहती थी और नेहा की बाते सुन कर शेखर की आँखों से एक आँसू निकला जिसे पोंछ कर वो बोला

शेखर- भाभी आपको कुछ बताना है मुझे, वो जिसे आपको जानने का पूरा हक है, मैं नहीं जानता मैं ये सही कर रहा हु या नहीं लेकिन मैं ये जानता हु के जो मैं आपको बताने जा रहा हु वो भाई को आपको बताना चाहिए लेकिन अब बस हो गया क्युकी मुझे नहीं लगता भाई आपको कभी वो बात बताएगा

नेहा ने उतरे चेहरे के साथ शेखर को देखा, उसकी आँखों मे अब भी आसू थे

शेखर- श्वेता मुझे बस भाभी के बात करनी है

और शेखर ने इशारे से श्वेता को वहा से जाने के लिए कहा श्वेता भी उसका इशारा समझ के वहा से चली गई

नेहा- कहना क्या चाहते हो तुम शेखर

शेखर- भाई के पास्ट के बारे मे आपको जानना चाहिए भाभी आप सभी जिस राघव को जानते है वो इससे बिल्कुल अलग है, ये गुस्से वाला, बाते काम करने वाला किसी पे भरोसा ना करने वाला मेरा भाई हमेशा ऐसा नहीं था इन सब के पीछे कुछ रीज़न है की वो ऐसा क्यू है

नेहा- तो बताओ वो ऐसे क्यू है

शेखर- उसके साथ कुछ हुआ है भाभी जिसने उसे ऐसा बना दिया है........
.
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(अभी नहीं बताऊँगा :D )


राघव के पास्ट के बारे मे सुनकर नेहा शॉक थी वो ये सब बाते नहीं जानती थी और अब उसे अपने बर्ताव पर पछतावा हो रहा था

शेखर- मैं जानता हु मैं ये बात कह कर स्वार्थी बन रहा हु लेकिन मेरे भाई को आपकी जरूरत है भाभी, मैं ये नहीं कह रहा हु के आप अपने आप को बदल दो लेकिन बस एक और बार इस रिश्ते को एक मौका दे दो, मैं जानता हु आप मेरे भाई को बदल देंगी, मेरे भाई को छोड़ के मत जाना भाभी

शेखर ने नेहा के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा

नेहा- मुझे नहीं पता था उन्होंने इतना सब सहा है और मैं बस उनके स्वभाव की शिकायत करे जा रही थी

नेहा अब और ज्यादा रोने लागि

शेखर- मेरा भाई ऊपर से चाहे जितना टफ बन ले भाभी अंदर से वो बस एक बच्चा है जिसे हमने उस घटना मे खो दिया, भाभी बस आप ही वो हो जो उस पुराने राघव को वापिस ला सकती हो, वो कभी किसी से कुछ कहता नहीं है जो मिल जाए उसी मे खुश रहेगा वो, बगैर बात के नतीजे पर पहुच जाता है, उसे भले ही बिजनस की अच्छी समझ हो लेकिन रिश्ते निभाने के मामले मे बहुत कच्चा है वो, उसे आपकी जरूरत है भाभी और मैं जानता हु के आपने उसके पास जाने की कोशिश की तो वो रोकेगा नहीं आपको क्युकी उसे कोई ऐसा चाहिए जो उसकी केयर करे सिर्फ उसकी, जो उसे प्यार करे, कोई भी इंसान अपने पेरेंट्स से भाई बहनों से, दोस्तों से सब शेयर नहीं कर सकता उसे कोई ऐसा चाहिए जो इन सब को समझे

शेखर- वो बस आपसे इसीलिए दूर भाग रहा है क्युकी वो डरता है, वो ईमोशनली इसीलिए कनेक्ट नहीं कर पाता, उसे रिश्ते जोड़ने से डर लगता है, दादू ने कहा था उसमे थोड़ा समय मांगा है इस रिश्ते को आगे बढ़ाने लेकिन सच तो ये है के वो अपने आप को आपके लिए तयार कर रहा है, वो बताता नहीं है पर उसे चिंता है आपकी, बस उसे ये सब जताना नहीं आता बस आप उससे दूर मत जाइए।

नेहा- ऐसा सोचना भी मत के मैं उनसे दूर जाऊँगी, मुझे बस ये सब पता नहीं था लेकिन अब सब जानने के बात मैं पीछे नहीं हटने वाली, मुझे बस उनका भरोसा जितना है जो मै जीत के रहूँगी

नेहा ने अपने आँसू पोंछते हुए कहा जिसपर शेखर ने भी हा मे गर्दन हिला दी और कमरे से बाहर चल आया और नेहा सोचने लगी

‘मैंने इन्हे कैसे समझ नहीं पाई? वो पहले ही बहुत सह चुके है और उन्हे सपोर्ट करने के बजाय मैं उन्हे ही भला बुरा कह रही थी, वो बस उस बात को मन मे लिए बैठे है और मैंने भी इस बारे मे सही से कोशिश नहीं की, उन्होंने कभी बात करने की कोशिश नहीं की तो मैंने भी कभी कोई ज्यादा इंटेरेस्ट नहीं दिखाया और यही मेरी गलती थी।

मैं पत्नी हु उनकी और मुझे उनके ऐसे बर्ताव के पीछे का रीज़न जानना चाहिए था लेकिन मैं तो खुद ही बेचारी बनी बैठी रही
अगर सब ऐसे ही चलता रहा तो हमारा रिश्ता कभी नहीं सुधर पाएगा, हमने कभी बात करने चीजे सुलझाने की कोशिश ही नहीं की लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, ये आदत किसी को तो बदलनी पड़ेगी और वो मैं करूंगी

अब इन्हे एक नई नेहा मिलेगी...'



क्रमश:
Bahut hi shaandar update diya hai Adirshi bhai....
Nice and lovely update...
 
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