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Romance In Love.. With You... (Completed)

Yasasvi1

❣bhootni💞
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Update 13




मैं जानती हु ये इतना सब क्यू कर रहे है, ये सब दादाजी की वजह से है।

जब दादाजी ने कहा था के उन्हे इनसे बात करनी है तब वो हमारी तरफ ही देख रहे थे, अच्छा है के ये हम दोनों को एक मौका देनाचाहते है लेकिन जब आप खुद ही पूरे मन से किसी रिश्ते को अपनाने के लिए तयार ना हो तो कोशिश करके क्या फायदा? और ये सब बाते अगर ये खुद से करते तो थोड़ा अच्छा लगता लेकिन सिर्फ दादाजी के कहने से करना.
..
ऐसा नही है के मैं ये सब नही चाहती लेकिन तब जब ये पूरे मन से तयार को ना की तब जब किसी ने इनसे कहा है के मेरा खयाल रखें, वो मेरे लिए इतना सब सिर्फ मुझे अपनी जिम्मेदारी मान कर नही बल्कि प्यार से करते तो अच्छा लगता लेकिन मैं ये उम्मीद किससे लागए बैठी हु ग्रेट राघव देशपांडे से जिनकी डिक्शनरी मे प्यार नाम का शब्द ही नही है।

मैं चाहती हु के वो मुझे सच्चे दिल से अपनाये और फिर मेरे लिए ये सब करे प्यार के लिए ना की जिम्मेदारी निभाने के लिए, मैंने भले ही उनसे वो सब बाते बोली लेकिन जब तक वो शादी का सही मतलब नही समझते मुझे उनसे कोई उम्मीद नहीं है अगर वो ये सब सिर्फ अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए कर रहे है तो मैं भी एक पत्नी होने के नाते अपनी सारी जिम्मेदारिया निभाऊँगी लेकिन अगर वो इससे आगे नही बढ़ते है तो मेरी ओर से भी कोई पहल नहीं होने वाली, मैंने अपनी तरफ से बहुत कोशिश कर ली इस रिश्ते को सवारने की लेकिन उन्होंने हर बार मुझे रोक दिया अब उन्हे ये बात समझनी होगी, अब ऐटिटूड दिखाने की बारी मेरी है उन्हे समझना होगा के मैं भी एक इंसान हु और मुझे भी तकलीफ होती है’


डिनर के बाद से ही नेहा का दिमाग खयालों मे उलझा हुआ था वही राघव के दिमाग मे भी यही सब बाते घूम रही थी।

वो लोग घर लौट आए थे, बस हल्की फुलकी बात चित और एकदूसरे को निहारने के अलावा गाड़ी मे शांति ही छाई हुई थी उसे क्या बात करे समझ नही आता था और वो पहल नही करने वाली थी।

इस वक्त राघव अपने बेड पर बैठा लैपटॉप पर कुछ काम कर रहा था वही नेहा कपड़े बदलने गई हुई थी और जब नेहा रूम मे आई तो उसने देखा के राघव काम मे खोया हुआ था इतना के उसे नेहा के वहा होने का ध्यान भी नही था, नेहा कुछ टाइम बाद बेड की ओर गई तो राघव का ध्यान उसकी तरफ गया, उसने लैपटॉप से नजरे हटा कर नेहा को देखा और बोला

राघव- तुम यहा बेड पर सो जाओ मैं सोफ़े पर सो जाऊंगा

राघव की बात सुन नेहा ने चौक के उसे देखा, ये शब्द सुनते ही नेहा के दिल मे मानो किसी ने सुई चुभो दी हो ऐसे उसे लग रहा था और राघव बेड से उठ ही रहा था के नेहा ने उसे रोक दिया

नेहा- नहीं.. आप सो जाइए यहा, सोफ़े पर आप अनकंफर्टेबल होंगे मेरे लिए सोफ़ा काफी है

नेहा ने बगैर राघव को देखे बेड से तकिया लेते हुए कहा और अलमारी से अपने लिएएक एक्स्ट्रा राजाई ली और सोफ़े की ओर चली गई, तकलीफ तो उसे बहुत हो रही थी राघव के बर्ताव से मतलब ये आदमी कुछ समय पहले इस रिश्ते को चांस देने की बाते कर रहा था और अब ये नेहा के साथ एक बेड भी नही शेयर कर रहा था

राघव- नहीं कोई जरूरत नही है मैं सो जाऊंगा सोफ़े पे तुम बेड पे सो जाओ

राघव ने सोफ़े की तरफ आते हुए कहा लेकिन तब तक नेहा सोफ़े पे फिट हो चुकी थी

नेहा- मैं ठीक हु यहा और वैसे भी बेड आपका है तो आप ही सोइए वहा, गुड नाइट!

नेहा ने थोड़ा हार्शली कहा जो राघव को पसंद नही आया

राघव- मैं कुछ कह रहा हु ना उठो वहा से

राघव ने कडक शब्दों मे कहा लेकिन नेहा ने कोई जवाब नहीं दिया और आखे बंद करके सो गई जिससे राघव को और थोड़ा गुस्सा आ गया

‘अब इसको क्या हो गया यार अभी डिनर के वक्त तक तो सब ठीक था फिर अचानक इसका मूड कैसे बिगड़ा और इतना ऐटिटूड?? कहीं मैंने इसे समझने मे गलती तो नहीं कि ना?’

‘कही ये बेड और सोफ़े वाली बात से तो नहीं? मैंने तो ऐसा इसीलिए कहा के हम कभी सेम बेड पर नहीं सोये है मैं रोज लेट आता था और जब उसे सोते हुए देखता था इसीलिए तब गेस्ट रूम मे सो जाया करता था जिसके बारे मे कोई नहीं जानता क्युकी लेट आके सुबह जल्दी निकल जाओ तो ये बात कीसे पता चलनी थी और कल जब मैं रूम मे सोया था तब मैडम यहा सोने भी नहीं आई उन्होंने सोने के लिए बालकनी को चुना मुझे लगा ये मेरे साथ बेड शेयर करने मे कंफर्टेबल नहीं होगी लेकिन यहा तो मजरा ही अलग है इनके लिए सोचो और इनकी बाते भी सुनो मैं ही गधा हु जो दादू की बात मान के इसे बाहर लेके गया अब नहीं करने वाला मैं कुछ’


ये खयाल तेजी से राघव के दिमाग मे दौड़ने लगे जिससे उसका गुस्सा और भी बढ़ गया और वो तेजी से अपने बेड पर आया वही दूसरी तरफ

‘जब ये मेरे साथ बेड भी शेयर नहीं कर सकते तो फिर इन्होंने इस रीलेशन को चांस देने की बात क्यू कही थी? अब तो मैं कन्फर्म हु के इन्हे वो सब करने दादाजी ने कहा होगा या फिर इन्हे अपने बिहेवियर पर बुरा फ़ील हो रहा होगा के आज मेरा बर्थडे है और किसी ने कुछ नही किया, बस इसीलिए मुझे मेरा बर्थडे पसंद नहीं है। कल को अगर इन्होंने कहा के हमने तो कभी बेड भी शेयर नहीं किया तो इसमे भी कोई चौकने वाली बात नहीं होगी और शायद ये सही भी है क्युकी मैंने कभी उन्हे बेड पर मेरे बाजू मे महसूस ही नहीं किया’

‘मैं ही सबसे बड़ी गधी हु जो मैंने इनकी बातों पे यकीन कर लिया’


सोचते सोचे नेहा की आँखों से आँसू की एक बूंद गिर गई जिसे उसने पोंछ लिया और रूम की खिड़की बंद कर के सो गई

अगली सुबह...

नेहा की आँख आज सुबह जल्दी खुल गई और वो अपनी आंखे मलते हुए सोफ़े पे उठ बैठी, उसने घड़ी की ओर देखा तो इस वक्त सुबह के 6 बज रहे थे और उसकी नजरे बेड की ओर गई तो वो थोड़ा चौकी, राघव अभी घर मे ही था और सो रहा था।

नेहा ने उतरे चेहरे के साथ राघव की ओर देखा और उसकी आँखों के सामने कल रात वाली बात आ गई जिसने उसे उदास कर दिया था नेहा ने एक लंबी सास छोड़ी और उठ कर बाथरूम की ओर चली गई

नहा कर आने के बाद नेहा जब अपने बाल बना थी थी तब उसे आइने मे से राघव को देखा जो सोते वक्त किसी बच्चे जैसे मासूम लग रहा था

नेहा- सोते टाइम चेहरा देखो कितना शांत लगता है पर उठते ही पता नाही कौनसे राक्षस की आत्मा आ जाती है इनमे

नेहा ने खुद से ही धीमी आवाज मे कहा

“रावण” नेहा धीमे से राघव पर अपनी नजरे टिकाए बोली और फिर रेडी होकर रूम से बाहर चली गई

--x--x--

नेहा- मा छोड़िए आप मैं कर लूँगी ये

जानकी- अरे नही बेटा रहने दो मैं कर रही हु ना

नेहा- तो मुझे बताइए मैं क्या करू?

जानकी- राघव घर मे है या चला गया?

नेहा - यही है घर मे सो रहे है

मीनाक्षी- चलो एक चेंज तो आया देखा जीजी काफी दिनों बाद आज वो इस वक्त घर मे है

मीनाक्षी ने किचन मे आते हुए नेहा की बात सुन कर कहा

जानकी- मुझे तो लगता है ना मीनाक्षी नेहा ने ही समझाया होगा उसे

जिसपर नेहा ने एक झूठी मुस्कान दे दी

मीनाक्षी- अच्छा है ना जीजी और मैंने तो सुना है कल कोई डेट पर भी गया था हैना नेहा

मीनाक्षी ने नेहा को छेड़ते हुए कहा जिसपर नेहा कुछ नहीं बोली

नेहा- वो... चाची

जानकी- उसे छेडना बंद करो मीनक्षी देखो तो कैसे शर्म से लाल हुए जा रही है वो लेकिन सच कहू नेहा मैं तुम दोनों के लिए बहुत खुश हु के अब तुम एकदूसरे को समझने लगे हो

‘हम एकदूसरे को कभी नहीं समझ सकते मा और कल की डेट तो बस उनका गिल्ट कम करने के लिए थी’ नेहा ने मन ही मन कहा

जानकी - नेहा एक काम करो तुम ना राघव के लिए लेमन टी बना दो वो जागने वाला होगा और जिम मे जाने के पहले उसे चाय चाहिए होगी

जानकी की बात सुन नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी और वो सब अपने अपने काम मे बिजी हो गए

लेमन टी बनाने के बाद वो अपने रूम की ओर जाने लगी और जब वो रूम मे घुसी तो राघव उसे रूम मे कही नहीं दिखा तभी उसे बाथरूम मे पानी गिरने का आवाज आया तो उसने चाय बेड के बाजू वाले टेबल पर रख दी तभी बाथरूम का दरवाजा खुलने का आवाज आया

नेहा पीछे पलटी तब राघव बाथरूम मे बाहर आ रहा था, उन दोनों की नजरे एक सेकंद के लिए टकराई

नेहा- वो.. वो आपकी लेमन टी

नेहा ने नजरे फेरते हुए कहा और रूम से बाहर चली गई वही राघव बस उसे जाते हुए सुने चेहरे से देखता रहा

पता नहीं क्या होगा इन दोनों का बात बनेगी या.....

क्रमश:
Kya sr kya ho gaye dekhte dekhte....😑kuch nahi ho sakta is ghanchaakar babu ka... agee apun ke sath koi asa kare na apun thok ke aa jayagi usko wahi ich
 

Naik

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Update 10





नेहा ने पूजा की थाली पंडित जी को दे दी जिसे पंडित जी ने भी मुस्कुराकर लिया और बादमे पंडित जी ने आकार उन दोनों को प्रसाद दिया और नेहा के सर पर हाथ रख कर बोले

पंडित- जन्मदिन की बहुत शुभकामनाए नेहा बिटिया

(जन्मदिन है बी अपनी नायिका का :D )


जिसपर नेहा ने भी झुक कर पंडित जी का आशीर्वाद लिया वही राघव शॉक मे खड़ा उन्हे देख रहा था उसे तो आज नेहा का बर्थडे इसका दूर दूर तक कोई अंदाजा नहीं था, राघव को नेहा के साथ देख पंडित जी ने नेहा से पूछा

पंडित- अरे बिटिया ये कौन है ?

पंडित जी के सवाल से नेहा के ध्यान मे आया के आज तो राघव भी उसके साथ था वरना तो वो अकेले ही होती थी

नेहा- वो.. वो पंडित जी ये.. ये मेरे पति है राघव देशपांडे

नेहा ने धीमे से कहा वही राघव अब भी उसे देखे जा रहा था

पंडित- अरे वाह! अच्छा लगा आप से मिल कर। हर साल नेहा बिटिया अकेले ही आती है पर अब आप है उसके साथ उसे प्यार करने वाला जीवनसाथी मिल गया है, बड़ा अच्छा लगा नेहा बेटा तुम्हें खुश देख कर

(खुश :confuse: )



पंडित जी ने राघव और नेहा से कहा वही राघव कुछ नही बोला बस नेहा को देख के मुस्कुरा दिया

प्यार करने वाला जीवनसाथी’ नेहा ने मन मे सोचा मानो अपने आप को चिढ़ा रही हो

राघव- जी पंडितजी अब मैं हु ना अब नेहा अकेली नहीं है

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा वही नेहा ने उसकी बात सुन कर उसे देखा, राघव की नजरे नेहा के मन मे तितलिया उड़ा रही थी और उसकी बात सुन नेहा के गालों पर लाली छाने लगी थी, शायद उसके मन मे कुछ तो उम्मीद जग रही थी लेकिन नेहा भावनाओ मे बहने वाली लड़की तो बिल्कुल नहीं थी वो मानो जानती थी के ये सब शायद दिखावा है

मंदिर मे दर्शन करने के बाद वो दोनों बाहर आए और राघव कुछ बोलता इससे पहले ही नेहा उससे थोड़ा दूर आई और वहा मौजूद कुछ गरीब बच्चों की ओर चली गई और उन्हे लेकर पास वाली दुकान ने उन्हे खाने पीने का सामान दिलाने लगी वही राघव खड़ा खड़ा उसकी हर ऐक्टिविटी देख रहा था।

नेहा वापिस आई और दोनों कर मे आ बैठे लेकिन कार बस खड़ी रही और जब राघव ने कार शुरू नहीं की तो नेहा ने पूछा

नेहा- क्या हुआ?? आप गाड़ी क्यू नाही चला रहे?

राघव- मुझे छोड़ो तुम्हें क्या हुआ है?

राघव ने अचानक से पूछा जिससे नेहा थोड़ा चौकी

नेहा- क.. कहा क्या.. कुछ भी तो नहीं

राघव – तुमने किसी को क्यू नहीं बताया के आज तुम्हारा बर्थडे है, अगर तुम ये बात बताती तो हम कुछ प्लान करते ना

राघव ने नेहा को घूरते हुए कहा

नेहा- अरे इस.. इसमे इतनी बड़ी क्या बात है बर्थडे ही तो है

राघव- लोग अपने बर्थडे के लिए एक्सईटेड रहते है और तुम कह रही हो बर्थडे ही तो है! यार कम से कम बताना तो चाहिए था तुम्हें

राघव ने हल्के गुस्से मे कहा

नेहा- मुझे मेरा बर्थडे मनाना पसंद नहीं है बस इसीलिए नहीं बताया।

नेहा ने इधर उधर देखते हुए कहा

राघव- और ऐसा क्यू भला, बताएंगी आप?

(वैसे तो ये उससे बात नहीं करता अब इतनी पंचायत :sigh: )

राघव ने नेहा के बिहेवियर से इरिटेट होते हुए पूछा और नेहा ने कुछ पल उसे अच्छे से देखा और फिर बोली

नेहा- मैं एक बहुत ही सिम्पल लड़की हु जिसे सिम्पल छोटी छोटी चीज़े पसंद है, मेरी शादी एक बड़े परिवार मे हुई है इसका ये मतलब नही है के सब मुझे अटेंशन दे या मैं कोई गोल्ड डिगर हु, मुझे किसी भी चीज का दिखावा पसंद नही है, मैं जानती थी के मैं अगर ये बात किसी को भी बताती तो घरवाले कुछ न कुछ प्लान जरूर करते और बर्थडे ना मनाना मेरी खुद की चॉइस है और इसीलिए मैंने किसी को नही बताया

नेहा बोलते बोलते कुछ पल रुकी और वापिस बोलना शुरू किया

नेहा- और आप को अचानक मेरी लाइफ मे इतना इंटरेस्ट कहा से आया? आप इस शादी से कभी खुश नही लगे मुझे फिर अब इतना इंटरेस्ट क्यू? मुझे किसी से किसी चीज की एक्सेप्टेशन नहीं है क्युकी भले ही वो मेरे लिए इम्पॉर्टन्ट क्यू न हो पर जब मेरे हसबैंड ही मुझे एक्सेप्ट नहीं करते तो मैं उस फॅमिली को अपना कैसे मानू?

बोलते बोलते नेहा की आँखों मे पानी आ गया था और राघव उसके इस कन्फेशन से शॉक होकर उसे देख रहा था

नेहा- प्लीज घर मे किसी को मेरे बर्थडे के बारे मे मत बताइएगा मैं उसे ही मेरा गिफ्ट समझ लूँगी

नेहा ने अपने आँसू पोंछते हुए कहा, कहना तो नेहा को बहुत कुछ था लेकिन कुछ भी कह कर कोई मतलब नहीं था, राघव इन बातों को कभी नहीं समझेगा ऐसा उसे लगता था।

राघव कुछ नहीं बोला और उसने शांति से गाड़ी घर की तरफ बढ़ा दी, घर पहुचने पर नेहा जल्दी से गाडी से उतरी और घर के अंदर चली गई वही राघव बस कार मे बैठा उसे जाते देखता रहा।

क्या मैंने उसे इतना हर्ट कर दिया? मैंने कभी नहीं सोचा था के मेरे एक्शंस उसे इतनी तकलीफ पहुचा देंगे और वो ऐसा कैसे सोच सकती है के मैं उसे एक गोल्ड डिगर मानता हु’ राघव ने गुस्से मे अपना हाथ गाड़ी के स्टिरिंग व्हील पे दे मार

‘मैं जानता हु मैंने कभी एक अच्छे पति की तरफ बिहेव नहीं किया है लेकिन मैंने कभी उसके बारे मे कुछ गलत भी नहीं सोचा, वही तो है तो जिसके आने से मेरा सारा परिवार खुश है, कितना खयाल रखती है सबका, मेरा भी, जबकि मैंने उसे कितना हर्ट किया है साफ कह दिया था उससे के मुझे उसकी कोई जरूरत नही फिर भी... शायद दादू सही थे नेहा के बारे मे’

एक तरफ राघव अपने खयालों मे गुम था वही नेहा को ऐसा लग रहा था के उसे राघव से वो सब बाते नहीं करनी चाहिए थी

‘हे भगवान क्या हो गया था मुझे? मैंने उनसे ये सब क्यू कह दिया? अब वो और ज्यादा गुस्सा होंगे, कुछ सोच नेहा कुछ सोच’ नेहा सोच मे गुम थी के तभी

“भाभी!!!!!” नेहा को विवेक और रिद्धि का आवाज आया जो उसे पुकार रहे थे और जब उसने पलट कर देता तो पाया के दोनों उसके रूम मे आ चुके थे

“हमने आपको बहुत मिस किया” रिद्धि और विवेक ने नेहा को दोनों साइड से हग करते हुए कहा

“और मैंने भी” उन दोनों की आवाज मे अब एक और आवाज मिल चुकी थी जो शेखर की थी जो कैजुअल कपड़ों मे था

नेहा- तुम्हारी मीटिंग थी ना गए नहीं तुम?

शेखर - हा वो जल्दी खतम हो गई तो लौट आया, बस अभी अभी लौटा हु और कपड़े बदल के आ गया

ये लोग बात कर ही रहे थे के इनको वहा किसी और के होने का भी एहसास हुआ और जब गेट पर नजर पड़ी तो देखा के राघव रूम के दरवाजे पे खड़ा था

विवेक- भाई हमारी भाभी का खयाल रखने का बहुत बहुत शुक्रिया अब अगर आपको ऑफिस जाना हो तो आप जाओ हम है अब यहां 😌

विवेक ने राघव को दूसरे शब्दों ने वहा से जाने के लिए बोल दिया था बोले तो उसे उसके ही रूम से निकाला जा रहा था और राघव विवेक को घूरने लगा लेकिन विवेक पे उसके कुछ असर नहीं हुआ

राघव- ओये चमन चिली! तुझे पता है न वो पहले मेरी बीवी है बाद मे तेरी भाभी

राघव की बात सुन कर नेहा उसे आखे बड़ी करके देखने लगी

शेखर- हा तो हम कहा कुछ कह रहे है भाई ओफकोर्स भाभी आप की ही है

शेखर ने राघव के मजे लेते हुए कहा लेकिन राघव ने कुछ रिस्पॉन्स नही किया और अंदर आकार बेड पर बैठ गया लेकिन मन ही मन वो खुश जरूर हुआ जब शेखर ने बोला के नेहा सिर्फ उसकी है

रिद्धि- भाई हम दिनभर भाभी से बाते करेंगे जैसे हर संडे को होता है आप बोर हो जाओगे

राघव- क्यू?? मैं क्यू बोर हो जाऊंगा मैं कोई 60 साल का नहीं हु समझी ना

विवेक- हा लेकिन बिहेव तो वैसा ही करते हो ना 60 साल वालों जैसा

राघव- विवेक, क्या बोला दोबारा बोलना

राघव मे विवेक को घूरते हुए पूछा

विवेक- क्या... यकीन ना हो तो भाभी से पूछ लो के आप 60 साल वाले अंकल जैसा बिहेव करते हो

विवेक ने मामला नेहा की ओर सरका दिया और नेहा बस राघव को देखने लगी जो अब नेहा के रिप्लाइ की राह देख रहा था

शेखर- हा हा बताओ भाभी

राघव- अब तो मुझे भी सुनना है बताओ

नेहा- वो... मैं... वो

नेहा कुछ बोलती इससे पहले ही रिद्धि बोल पड़ी

रिद्धि- ऑफफो क्या आप लोग भी भाभी से पूछ रहे वो तो भाई का ही साइड लेंगी ना छोड़ो ये बाते आज हमे बहुत कुछ करना है

शेखर- हा पहले बाते करेंगे फिर कोई मस्त फिल्म देखेंगे और फिर शाम मे कुछ बाहर से मंगवालेंगे खाने के लिए और रात.....

शेखर पूरा प्लान बता ही रहा था के राघव ने उसे बीच मे टोक दिया

राघव- उम्हू मूवी के बाद का प्लान रहने दो मैं और तुम्हारी भाभी बाहर जा रहे है

विवेक- क्यू??

विवेक ने राघव को घूरते हुए पूछा

राघव- मुझे अपनी बीवी को बाहर ले जाने के लिए तेरी पर्मिशन नहीं चाहिए

राघव ने भी विवेक को वैसे ही घूरते हुए कहा वही नेहा को राघव की बात सुनकर एक छोटा हार्ट अटैक ही आ गया

रिद्धि- ओहो भाई डेट पे लेजा रहे भाभी को 😉

राघव- यही रूम मे बैठो, बाते करो मैं अभी आता हु चेंज करके

राघव ने सबको इग्नोर किया और बाथरूम की ओर चला गया

शेखर- ये क्या हुआ अभी अभी

शेखर ने शॉक होकर पूछा

विवेक- लगता है मैं सपने मे हु

विवेक ने भी सेम टोन मे कहा

रिद्धि- भाभी भाई का सर वर टकराया है क्या कही ?

नेहा ने अपनी गर्दन ना मे हिला दी क्युकी राघव का ये बिहेवियर सबके लिए शॉकिंग था, वो कभी इनलोगों के साथ टाइम स्पेंड नही करता था, आज बड़ी मुद्दतों बाद राघव उनके साथ थोड़ा टाइम बितानेवाला था...


क्रमश:
Tow Neha ka birthday 🎂 tha jo pandit ji n Mubarak baad di jise sunker hamare hero ka muh khula reh gaya
Baherhal jo bhi tha achcha or Jo ho raha achcha ho raha h lekin sabke liye shocking ho raha h
Ab dekhte h Raat ko bhai sahab apni biwi ko kaha leker jaate h
Badhiya shaandar update
 

Naik

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Update 11





“भाभी आपको पता है ये विवेक ने कॉलेज मे झगड़ा किया था”

रिद्धि ने अपना कंप्लेंट का पिटारा नेहा के सामने खोलना शुरू किया

“हा तो किया झगड़ा, भाभी आपको झगड़े का असल रीज़न नही पता है” विवेक ने अपने दात चबाते हुए थोड़े गुस्से से कहा

“क्या हुआ था क्यू हुआ झगड़ा?” शेखर ने पूछा

रिद्धि- आप क्या भाभी हो जो आपको बताए 😏

रिद्धि ने शेखर को चिढ़ाते हुए कहा जिसपर सब मुस्कुराये सिवाय एक के

विवेक- भाभी उसने रिद्धि को प्रपोज किया था अब आप ही बताओ मैं क्या चुप बैठ रहता दिए उसके दो क्या गलत किया

विवेक ने थोड़े गुस्से के कहा

“क्या!!”

अब रूम मे रिद्धि का एक ही भाई नही था ना दो और भी थे और जैसे ही उन्होंने ये सुना दोनों चीख पड़े, राघव जो बेड पर आधा लेटा हुआ था उठ के बैठ गया और उसके नेहा के बाजू मे बैठते ही नेहा भी सीधी बैठ गई वही शेखर विवेक के पास सरका

राघव- कॉलेज मे किसी ने रिद्धि को प्रपोज किया और तु अब बता रहा हमे🤨

राघव ने विवेक को डाटना शुरू किया

रिद्धि- ओ कम ऑन भाई इतनी भी बड़ी बात नहीं थी

रिद्धि ने बात संभालने की कोशिश की लेकिन तभी

शेखर- क्या बड़ी बात नहीं थी चुप तू बिल्कुल बहुत बड़ी बात थी ये के किसी ने तुमको प्रपोज करने की कोशिश की सही किया बे झगड़ के

राघव- और क्या, विवेक तू अभी के अभी मुझे उस लड़के का नाम और पता दे

अब राघव भी झगड़े मे कूद पड़ा था और उसे इन्वाल्व होता देख रिद्धि ने नेहा की ओर रुख किया

रिद्धि – भाभी बचाओ, प्लीज हेल्प!

और रिद्धि की बात सुन उसकी साइड नेहा ने ली

नेहा- अरे अरे रुको सुनो जरा, प्लीज ऐसे गुस्सा मत होइए मैं जानती हु के आप तीनों उसके भाई है यू आपका गुस्सा होना लाजमी है लेकिन ये बहुत कॉमन बात है हर लड़की को कभी न कभी ये फेस करना ही पड़ता है और वैसा ही रिद्धि के साथ भी हुआ, देखो विवेक मैं जानती हु के तुम ने झगड़ा इसीलिए किया क्युकी तुम नही चाहते के तुम्हारी बहन किसी गलत लड़के को चुने जो की सही है लेकिन ये सोचो के अगर तुम किसी को पसंद करते हो और उसका भाई ऐसे ही तुम्हें रोक दे तो क्या तुम उसे पसंद करना बंद कर दोगे?

नेहा के सवाल पर विवेक ने ना मे गर्दन हिला दी

नेहा - शेखर तुमने और श्वेता ने तो कॉलेज मे एकदूसरे को डेट करना शुरू किया था ना सोचो अगर उस टाइम श्वेता का भाई तुम्हें ऐसे ही पीट के रोक देता तो? क्या आज तुम्हारी और श्वेता की शादी होती? नाही ना

नेहा - मैं ये नही कह रही के किसी भी ऐरे गैरे को रिद्धि के पास आने दो लेकिन उसे उसके डिसीजन लेने दो वो इतनी तो समझदार है के उसके लिए कौन सही है कौन नही ये चुन सके और आप लोग तो हमेशा उसके साथ हो ही जो उसे बुरे लोगों से बचाए

नेहा के इस एक्सप्लीनेशन से सब लोगों को उसकी बात समझ आ गई थी

विवेक- आप सही हो भाभी लेट रिद्धि हँडल दिस लेकिन मैं इसका ध्यान तो जरूर रखूँगा के कोई ऐरा गैरा रिद्धि के पास न फटके

जिसपर शेखर ने भी हामी भारी वही राघव बस नेहा को देखता रहा

रिद्धि- भाभी आपको कितने लड़कों ने प्रपोज किया था शादी के पहले ?

रिद्धि ने सवाल पूछा जिससे नेहा तो थोड़ी अनकंफर्टेबल हो गई लेकिन इस सवाल के जवाब के लिए राघव उत्सुक हो गया

विवेक- बता दो भाभी हम लोग ही तो है यहा आप हमसे ये शेयर कर सकती है

शेखर- मेरे हिसाब से कम से कम 40 प्रपोज़ल मिले होंगे भाभी को

शेखर ने ये बात थोड़े कान्फिडन्स मे कही जिसे राघव ने एकदम नेहा को शॉक होकर देखा

नेहा - मैंने कभी गिना नही है

नेहा ने थोड़ा हसते हुए कहा

शेखर - कम ऑन भाभी कोई तो होगा जिसका प्रपोज़ल थोड़ा अलग होगा थोड़ा स्पेशल बताओ ना

नेहा- अरे बाबा कुछ स्पेशल कुछ अलग नही था लेकिन हा एक बंदा था या यू कहू के मेरा एक दोस्त था जिसने मुझे प्रपोज किया था, जो भी एक लड़की अपने बॉयफ्रेंड मे चाहती है न उसका परफेक्ट एग्जांपल था वो

नेहा ने अपने पुराने दिन याद करते हुए मुस्कुराकर कहा और उसकी वो मुस्कान देख कर राघव का दिल बैठा जा रहा था क्यू पता नहीं

‘यार ये कैसे मेरे सामने किसी और की तारीफ कर सकती है’ राघव मन ही मन बोला

(जब तू उसे भाव ही नहीं देगा तो वो तो दूसरों की तारीफ करेगी ही नूबड़े )

रिद्धि- फिर आप ने एक्सेप्ट किया था वो प्रपोज़ल?

और यहां राघव बाबू भगवान से प्रार्थना करने लगे (जिसको ये पसंद ही नहीं करता वो किसी को पसंद न करती हो इसकी प्रार्थना करे जा रहा अजीब आदमी)

नेहा- नही!

नेहा के ना कहतो ही राघव के जान मे जान आई

विवेक- क्यू? आप ही ने तो कहा की वो परफेक्ट था

नेहा- पर्फेक्शन हमेशा सबकुछ नही होता कभी कभी आप के दिल को उसकी चाहत होती है जो उसने कभी सोचा भी नही होता

नेहा की बात सुनकर राघव को लगा मानो नेहा ने वो शब्द उसके लिए कहे थे

नेहा- मैंने ना कभी उसे उस नजर से देखा ही नही वो हमेशा मेरा अच्छा दोस्त ही रहा हालांकि उसने ट्राय बहुत किया था और उसने क्या मैंने भी उसे एक चांस देने का ट्राय किया था पर मेरे दिल ने कभी वो रीलेशन माना ही नहीं और हम बस दोस्त ही रहे

नेहा की बात सुन राघव ने मुट्ठी कस ली जिसे शेखर ने देख लिया

शेखर- बस भाभी आगे का रहने दो लगता है यहा कुछ जल रहा है

शेखर ने राघव को छेड़ा और अब नेहा के ध्यान मे आया के आज तो राघव भी उनके साथ था नेहा को अपने ऊपर राघव की नजरे महसूस हो रही थी लेकिन वो उसकी तरफ नहीं देख रही थी

कुछ टाइम बाद सब मूवी देख रहे थे और जब मूवी खतम हुई शाम हो चुकी थी

राघव- रिद्धि तुम्हारी भाभी को रेडी कर दो आज, समझो आज उसका एक स्पेशल दिन है

राघव ने नेहा को देखते हुए रिद्धि से कहा लेकिन उसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नही थे

राघव- और हा आज तुम मे से कोई भी मेरी डेट डिस्टर्ब नही करेगा समझे ना

राघव ने विवेक और शेखर को घूरते हुए कहा वही नेहा के मन मे तो मानो तितलिया उड़ रही थी उसकी बात सुन के

शेखर- हा हा नही करेंगे डिस्टर्ब जाओ अपनी बीवी के साथ चल बे विवेक अपन फिफा खेलते है

जिसके बाद शेखर और विवेक वहा से चले गए

रिद्धि- भाभी लगता है आज भाई अपने सारे बिजी शेड्यूल की भरपाई करने वाले है

रिद्धि ने नेहा को छेड़ते हुए कहा जिसने उसे और नर्वस बना दिया

कुछ समय बाद राघव अपने फॉर्मल्स पहने तयार था और नेहा की राह देख रहा था, पिछले 15 मिनट से वो नेहा की राह देखते हुए खड़ा था और अगर आज नेहा का बर्थडे ना होता तो वो जरूर उसे डाट देता या ये प्लान कैन्सल कर देता

राघव- यार! ये रिद्धि उसे इतना कितना तयार कर रही है जो इतना समय लग रहा है

राघव का पेशंस अब खतम हो रहा था और वो हॉल मे इधर से उधर घूम रहा था नेहा की राह देख रहा था और जब राघव का पेशंस जवाब दे गया और वो उन्हे आवाज देने सीढ़ियों की तरफ मूडा तब उसकी नजरे वही जम गई

आज पहली बार उसने नेहा को साड़ी के अलावा किसी और आउटफिट मे देखा था, नेहा काले रंग के एक अनारकली ड्रेस मे बहुत ही खूबसूरत लग रही थी उसपर उसकी चाँद बालिया उसकी खूबसूरती मे चार चाँद लगा रही थी, नेहा ने बहुत हल्कासा मेकप किया था और माथे पर एक छोटी सी डायमंड की बिंदी लगाई थी जिससे उसका चाँद सा चेहरा और भी ज्यादा खिल रहा था

राघव की इन्टेन्स नजरों से बचने के लिए नेहा ने अपनी नजरे झुकाई और धीरे धीरे सीढ़ियों से नीचे आने लगी और राघव की नजरे उसके हर कदम का पीछा कर रही थी

नेहा राघव के सामने आकार खड़ी हो गई और अपने बालों की लट को अपने कान के पीछे करते हुए बोली

नेहा- चले..?

नेहा ने एकदम धीमे से पूछा जिसने राघव को वापिस होश मे लाया जिसे वो नेहा को देखते ही खो चुका था और राघव ने हा ने गर्दन हिलाई

विवेक- भाई हेव अ गुड डेट 😉

विवेक ने राघव को आँख मारते हुए कहा

रिद्धि- और आराम से आना भाई आज की शाम पूरी भाभी के नाम कर दो

नेहा- हम नहीं है तो तुम लोग प्लीज लड़ना मत मुझे पता है तुम लोग किसी फालतू बात पर लड़ लोगे और खाना टाइम से खा लेना और घर का खयाल रखना

नेहा ने जाते जाते रिद्धि और विवेक को समझाया

शेखर- अरे आप जाओ और आपकी डेट इन्जॉय करो भाभी हम संभाल लेंगे यहा नही लड़ेंगे

जिसके बाद राघव ने अपना दाया हाथ नेहा की तरफ आगे बढ़ाया और नेहा ने भी उसके हाथ मे अपना हाथ दे दिया और दोनों वहा से निकल गए

आज नेहा को कुछ अलग ही लग रहा था आज वो राघव का नया रूप देख रही थी बहुत सारी भावनाए उसके मन मे उमड़ रही थी

राघव ने जेंटलमैन की तरह नेहा के लिए पैसेंजर सीट का दरवाजा खोला और फिर खुद ड्राइवर सीट पर आकर बैठ गया और कार चल पड़ी

कार अपनी मंजिल की ओर बढ़ रही थी लेकिन कार मे पूरी शांति रही और मन ही मन अपने आप से काफी लड़ने के बाद नेहा ने इस शांति को भंग करने के लिए कहा

नेहा- हम कहा जा रहे है ?

नेहा ने बहुत ही धीमे से प्यार से पूछा था और उसकी टोन मे छुपे इमोशंस कोई भी समझ सकता था सिवाय उसके बाजू मे बैठे इंसान के

राघव- डिनर के लिए

राघव ने पूरा ध्यान रोड पर लगाते हुए कहा

नेहा- क्यू?

राघव ने कोई जवाब नहीं दिया

नेहा- आज मेरा बर्थडे है इसीलिए ना पर मैंने आपसे कहा था मुझे बर्थडे सेलीब्रैट करना नही पसंद

ये बात बोलते हुए नेहा का आवाज नॉर्मल से थोड़ा अलग था

राघव- नही, क्युकी मुझे तुम्हारे साथ जाना था इसीलिए

राघव ने सपाट शब्दों मे कहा, जाहीर था उसे गुस्सा आ रहा था और वो बस नेहा का बर्थडे मनाना चाहता था

अब पता नही इस डेट पर क्या होगा... कुछ बात बनेगी या कोई बड़ा झगड़ा होगा जिससे सब बिखर जाए

जानेंगे अगले अपडेट मे...

क्रमश:
Biwi jab doosre ki BAAT kerne lagi tow badi jalane hone lagi or khud biwi koyi qader nahi kerte h
Baherhal lagta h yeh dinner 🍽️ kuch tow kand kerne wala h ya achcha ya fir...?
Badhiya shaandar update bhai
 

Naik

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Update 12



राघव- नही क्युकी मुझे तुम्हारे साथ जाना था इसीलिए

राघव ने सपाट शब्दों मे कहा, जाहीर था उसे गुस्सा आ रहा था और वो बस नेहा का बर्थडे मनाना चाहता था।

नेहा- अगर मेरा आज बर्थडे ना होता तो आप मुझे कभी ऐसे बाहर नही ले जाते, आपको बस बुरा लग रहा था दया आ रही थी मुझपर

नेहा ने कहा और बोलते बोलते उसकी आवाज भारी होने लगी थी जिसे सुन कर राघव ने गाड़ी को एक साइड मे रोका और सपाट चेहरे के साथ नेहा को देखा और उसे देखते ही राघव के चेहरे के हावभाव बदनले लगे, नेहा को देख के साफ लग रहा था के वो अभी रो देगी

राघव - पहली बात तो ऐसा बिल्कुल नही है अगर आज तुम्हारा बर्थडे ना भी होता तो मेरे पास तुम्हें ऐसे बाहर लाने के और भी बहाने थे इसीलिए ये बात तुम अपने दिमाग से निकाल दो

राघव ने प्यार से कहा और नेहा ने उतरे चेहरे के साथ उसे कुछ टाइम तक देखा लेकिन कुछ बोली नहीं

राघव- तुम क्यू नहीं चाहती के सब तुम्हारा बर्थडे मनाए क्यू नही बताना चाहती किसी को

नेहा- ऐसा क्यू है के हम किसी के लिए हमारा प्यार हमारी सारी केयर बस उस इंसान के बर्थडे पर ही दिखते है भले ही उससे बाकी दिन बात भी ना करे, मैंने ऐसा करते बहुत लोगों को देखा है और बस यही मुझे पसंद नहीं है

राघव समझ रहा था के नेहा को कोई बात परेशान कर रही है लेकिन उसने अभी के लिए उस बात को इग्नोर किया और बोला

राघव- ठीक है तुम्हें नही पसंद सेलिब्रेट करना तो ना सही लेकिन अभी ऐसा मानो के हम बस एक डेट पर आए है मैं लेकर आया हु तुम्हें तो इस शाम को इन्जॉय करो

राघव ने कार वापिस शुरू करते हुए कहा वही नेहा उसे ऐसे देखने लगी मानो वो कोई एलियन हो क्युकी राघव ने उसके साथ कभी ऐसे प्यार से समझा के बात नहीं की थी, जल्द ही वो लोग एक 5 स्टार रेस्टोरेंट मे पहुचे और साथ ही रेस्टोरेंट के अंदर गए।

उनके रेस्टोरेंट मे एंटर होते ही मैनेजर खुद उन्हे रिसीव करने आया और उन्हे टेरेस मे बने सेक्शन मे ले गया जहा से पूरे शहर का व्यू मिलता था

आज का वो पूरा टेरेस राघव ने उन दोनों के लिए बुक किया हुआ था ताकि कोई उन्हे डिस्टर्ब ना करे

राघव ने नेहा के लिए एक खुर्ची खिची और उसे बैठने कहा और फिर उसके सामने आकार बैठ गया और जल्द ही एक वेटर आया और उनके खाने के ऑर्डर्स लेकर चला गया

नेहा ने देखा के राघव को इटालियन खाना बहुत पसंद है

उन दोनों के बीच एक अजीब खामोशी छाई थी कोई कुछ नहीं बोल रहा था और जल्द ही उनका खाना भी आ गया और उन्होंने चुप्पी साधे ही खाना खाया जिसके बाद राघव ने ही इस शांति को भंग करने का सोचा और बोलना शुरू किया

राघव- उम्म... तुम्हें पता है मैं ना तुम्हारे बारे मे कुछ नही जानता हु.. मतलब देखो ना इन पाँच महीनों मे मैं हमेशा इस शादी से भागता रहा हु

राघव बोल रहा था वही नेहा उसे देख भी नहीं रही थी, उसकी हिम्मत ही नहीं हो रही थी

राघव- लेकिन अब नही..

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा और ये सुन के नेहा ने भी अपनी नजरे उठा कर राघव को देखा तो पाया के वो उसे ही देख रहा था

राघव- मैंने इस बारे मे बहुत सोचा है, हमारे बारे मे सोचा है और ये जाना है के भागने का कोई पॉइंट ही नही है

राघव की बाते अब नेहा को नर्वस कर रही थी

ये ऐसे क्यू कह रहे है ? कही ये मुझे डिवोर्स तो नहीं ना देना चाहते?’ नेहा के मन मे खयाल आया जिससे वो और भी ज्यादा नर्वस हो गई और उसकी आँखों मे पानी जमने लगा था

राघव- लेट्स गिव दिस रिलेशनशिप अ चांस हमे हमारे रिश्ते को सुधारने के लिए एक मौका देना चाहिए

राघव ने अचानक कहा

नेहा- और ऐसा क्या हुआ जिससे आप इस नतीजे पर पहुचे?

राघव की बात सुन अचानक नेहा के मुह से निकल गया

राघव- हूह?? क्या?

नेहा- मतलब आप तो इस शादी को एक्सेप्ट नही करना चाहते थे और ना ही ये मानना के आप शादी शुदा है और मैं इतनी भी गधी नहीं हु के मुझे ये समझ ना आए के आप ये शादी करना ही नहीं चाहते थे तो फिर अब ये सब क्यू?

नेहा की बात सुन अब राघव शॉक मे था

राघव- ये सब अचानक नहीं हुआ है नेहा मैंने इस बारे मे बहुत सोचा है और हा तुम सही हो मैं तयार नहीं था, उस समय मुझे थोड़ा टाइम चाहिए था तुम मुझे बताओ तुम क्या करती जब अचानक तुम्हें पता चलता के तुम्हारी किसी से शादी होने वाली है जिसे तुम जानती तक नहीं, हा मैंने दादू के डिसीजन के बाद शादी के लिए हा कही थी लेकिन मैं इसके बारे मे हमेशा कन्फ्यूज़ ही रहा

राघव- मुझे अपनी प्राइवसी और फ्रीडम बहुत प्यारी है नेहा और मैंने अपने दोस्तों को देखा है कैसे शादी के बाद उनकी लाइफ ही चेंज हो गई है उनकी लाइफ पार्टनर कैसे उन्हें कंट्रोल करती है और बस इसीलिए मैं शादी को लेकर शूअर नहीं था, कन्फ्यूज़ था लेकिन तुम उन सब से अलग हो ये मैं जान गया हु..

राघव आज पहली बार अपने दिल की बात नेहा से कर रहा था इससे पहले उन दोनों के बीच कभी ऐसी बाते नहीं हुई थी

नेहा- आपको क्या लगता है मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ? मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है, मैं भी उस समय आपके बारे मे कुछ नही जानती थी लेकिन मैं कोशिश कर रही हु ना मैंने हमेशा हम दोनों के बीच चीजे बेहतर करने की कोशिश की है लेकिन आपने मुझे हमेशा इग्नोर किया, मैं ये तो जानती थी के मेरी शादी हो रही है लेकिन किससे ? आप एक बहुत अच्छे और बड़े परिवार के बेटे है एक सक्सेस्फूल बिजनेसमैन है लेकिन एक इंसान कैसे है मैंने कभी जाना ही नही, आपको याद है मैंने शादी से पहले आपसे कई बार मिलना चाहा था लेकिन आप हमेशा ही मुझे इग्नोर करते रहे

नेहा के कन्फेशन से राघव शॉक था उसे लगता था नेहा उसके बारे मे सब जानती है लेकिन यहा वो गलत था

नेहा- कुछ ही दिनों मे मेरी भी पूरी लाइफ चेंज हो गई थी मैं कंप्लेंट नही करती इसका ये मतलब तो नही के मुझे कुछ फरक ही ना पड़ा हो, मैंने आपको और दादाजी को इस बारे मे काफी बार बात करते सुना है लेकिन मैंने चुप रहना ही बेहतर समझा

नेहा- और रही बात प्राइवसी फ्रीडम और कंट्रोल की तो मैं आपकी प्राइवसी की बहुत रीस्पेक्ट करती हु और मुझे नही लगता के लाइफ पार्टनर्स हमेशा अपने बेटर हाफ ही लाइफ कंट्रोल करते है लेकिन कभी कभी आपको अपने पार्टनर को कुछ गलत करने से रोकना भी होता है चीजे दोनों तरफ से बैलेंस होनी चाहिए

नेहा- मैं आपको किसी बात के लिए टॉन्ट नहीं मार रही हु मैं बस हम दोनों के बीच कुछ बाते क्लियर कर रही हु जैसे आपने मुझे बताया के उस वक्त आपके दिमाग मे क्या था आपको कैसा लग रहा था वैसे ही मैं भी अपना पॉइंट ऑफ व्यू आपको बता रही थी क्युकी आप मेरे पति है और बस आप ही है जिससे मैं ये सब बाते कर सकती हु और मुझे खुशी है के आप ये सब बाते समझते है

नेहा ने एक स्माइल के साथ कहा, इस वक्त अपनी बात रखते हुए नेहा ऐसे लग रही थी जैसे वो किसी बिजनस प्रेजेंटेशन मे हो फूल कंसंट्रेशन के साथ

राघव- अपने बारे मे कुछ बताओ, मैं कुछ भी नही जानता हु

राघव ने दूसरी तरफ देखने हुए कहा

नेहा- मुझे लगता है मेरे साथ रह कर आप मेरे बारे मे ज्यादा अच्छे से जान पाएंगे न की सिर्फ सुन कर, इससे हमारा रिश्ता और मजबूत हो सकता है हम एकदूसरे को ज्यादा अच्छे से समझ पाएंगे

नेहा ने मुस्कुरा कर कहा

यार मुझे इतनी समझदार बीवी कैसे मिल गई ये कितनी ऑसम है यार और कितनी प्रैक्टिकल है, मिसेस नेहा देशपांडे तुम इस देश के वन ऑफ द बेस्ट बिजनेस टाइकून की पत्नी के रूप मे बेस्ट हो’ राघव ने मन ही मन सोच...

क्रमश:
Yah dinner 🍽️ kuch achcha leker aaya dono ke liye
Kafi khoobsurat pyara update tha yeh wala
 

Naik

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Update 13




मैं जानती हु ये इतना सब क्यू कर रहे है, ये सब दादाजी की वजह से है।

जब दादाजी ने कहा था के उन्हे इनसे बात करनी है तब वो हमारी तरफ ही देख रहे थे, अच्छा है के ये हम दोनों को एक मौका देनाचाहते है लेकिन जब आप खुद ही पूरे मन से किसी रिश्ते को अपनाने के लिए तयार ना हो तो कोशिश करके क्या फायदा? और ये सब बाते अगर ये खुद से करते तो थोड़ा अच्छा लगता लेकिन सिर्फ दादाजी के कहने से करना.
..
ऐसा नही है के मैं ये सब नही चाहती लेकिन तब जब ये पूरे मन से तयार को ना की तब जब किसी ने इनसे कहा है के मेरा खयाल रखें, वो मेरे लिए इतना सब सिर्फ मुझे अपनी जिम्मेदारी मान कर नही बल्कि प्यार से करते तो अच्छा लगता लेकिन मैं ये उम्मीद किससे लागए बैठी हु ग्रेट राघव देशपांडे से जिनकी डिक्शनरी मे प्यार नाम का शब्द ही नही है।

मैं चाहती हु के वो मुझे सच्चे दिल से अपनाये और फिर मेरे लिए ये सब करे प्यार के लिए ना की जिम्मेदारी निभाने के लिए, मैंने भले ही उनसे वो सब बाते बोली लेकिन जब तक वो शादी का सही मतलब नही समझते मुझे उनसे कोई उम्मीद नहीं है अगर वो ये सब सिर्फ अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए कर रहे है तो मैं भी एक पत्नी होने के नाते अपनी सारी जिम्मेदारिया निभाऊँगी लेकिन अगर वो इससे आगे नही बढ़ते है तो मेरी ओर से भी कोई पहल नहीं होने वाली, मैंने अपनी तरफ से बहुत कोशिश कर ली इस रिश्ते को सवारने की लेकिन उन्होंने हर बार मुझे रोक दिया अब उन्हे ये बात समझनी होगी, अब ऐटिटूड दिखाने की बारी मेरी है उन्हे समझना होगा के मैं भी एक इंसान हु और मुझे भी तकलीफ होती है’


डिनर के बाद से ही नेहा का दिमाग खयालों मे उलझा हुआ था वही राघव के दिमाग मे भी यही सब बाते घूम रही थी।

वो लोग घर लौट आए थे, बस हल्की फुलकी बात चित और एकदूसरे को निहारने के अलावा गाड़ी मे शांति ही छाई हुई थी उसे क्या बात करे समझ नही आता था और वो पहल नही करने वाली थी।

इस वक्त राघव अपने बेड पर बैठा लैपटॉप पर कुछ काम कर रहा था वही नेहा कपड़े बदलने गई हुई थी और जब नेहा रूम मे आई तो उसने देखा के राघव काम मे खोया हुआ था इतना के उसे नेहा के वहा होने का ध्यान भी नही था, नेहा कुछ टाइम बाद बेड की ओर गई तो राघव का ध्यान उसकी तरफ गया, उसने लैपटॉप से नजरे हटा कर नेहा को देखा और बोला

राघव- तुम यहा बेड पर सो जाओ मैं सोफ़े पर सो जाऊंगा

राघव की बात सुन नेहा ने चौक के उसे देखा, ये शब्द सुनते ही नेहा के दिल मे मानो किसी ने सुई चुभो दी हो ऐसे उसे लग रहा था और राघव बेड से उठ ही रहा था के नेहा ने उसे रोक दिया

नेहा- नहीं.. आप सो जाइए यहा, सोफ़े पर आप अनकंफर्टेबल होंगे मेरे लिए सोफ़ा काफी है

नेहा ने बगैर राघव को देखे बेड से तकिया लेते हुए कहा और अलमारी से अपने लिएएक एक्स्ट्रा राजाई ली और सोफ़े की ओर चली गई, तकलीफ तो उसे बहुत हो रही थी राघव के बर्ताव से मतलब ये आदमी कुछ समय पहले इस रिश्ते को चांस देने की बाते कर रहा था और अब ये नेहा के साथ एक बेड भी नही शेयर कर रहा था

राघव- नहीं कोई जरूरत नही है मैं सो जाऊंगा सोफ़े पे तुम बेड पे सो जाओ

राघव ने सोफ़े की तरफ आते हुए कहा लेकिन तब तक नेहा सोफ़े पे फिट हो चुकी थी

नेहा- मैं ठीक हु यहा और वैसे भी बेड आपका है तो आप ही सोइए वहा, गुड नाइट!

नेहा ने थोड़ा हार्शली कहा जो राघव को पसंद नही आया

राघव- मैं कुछ कह रहा हु ना उठो वहा से

राघव ने कडक शब्दों मे कहा लेकिन नेहा ने कोई जवाब नहीं दिया और आखे बंद करके सो गई जिससे राघव को और थोड़ा गुस्सा आ गया

‘अब इसको क्या हो गया यार अभी डिनर के वक्त तक तो सब ठीक था फिर अचानक इसका मूड कैसे बिगड़ा और इतना ऐटिटूड?? कहीं मैंने इसे समझने मे गलती तो नहीं कि ना?’

‘कही ये बेड और सोफ़े वाली बात से तो नहीं? मैंने तो ऐसा इसीलिए कहा के हम कभी सेम बेड पर नहीं सोये है मैं रोज लेट आता था और जब उसे सोते हुए देखता था इसीलिए तब गेस्ट रूम मे सो जाया करता था जिसके बारे मे कोई नहीं जानता क्युकी लेट आके सुबह जल्दी निकल जाओ तो ये बात कीसे पता चलनी थी और कल जब मैं रूम मे सोया था तब मैडम यहा सोने भी नहीं आई उन्होंने सोने के लिए बालकनी को चुना मुझे लगा ये मेरे साथ बेड शेयर करने मे कंफर्टेबल नहीं होगी लेकिन यहा तो मजरा ही अलग है इनके लिए सोचो और इनकी बाते भी सुनो मैं ही गधा हु जो दादू की बात मान के इसे बाहर लेके गया अब नहीं करने वाला मैं कुछ’


ये खयाल तेजी से राघव के दिमाग मे दौड़ने लगे जिससे उसका गुस्सा और भी बढ़ गया और वो तेजी से अपने बेड पर आया वही दूसरी तरफ

‘जब ये मेरे साथ बेड भी शेयर नहीं कर सकते तो फिर इन्होंने इस रीलेशन को चांस देने की बात क्यू कही थी? अब तो मैं कन्फर्म हु के इन्हे वो सब करने दादाजी ने कहा होगा या फिर इन्हे अपने बिहेवियर पर बुरा फ़ील हो रहा होगा के आज मेरा बर्थडे है और किसी ने कुछ नही किया, बस इसीलिए मुझे मेरा बर्थडे पसंद नहीं है। कल को अगर इन्होंने कहा के हमने तो कभी बेड भी शेयर नहीं किया तो इसमे भी कोई चौकने वाली बात नहीं होगी और शायद ये सही भी है क्युकी मैंने कभी उन्हे बेड पर मेरे बाजू मे महसूस ही नहीं किया’

‘मैं ही सबसे बड़ी गधी हु जो मैंने इनकी बातों पे यकीन कर लिया’


सोचते सोचे नेहा की आँखों से आँसू की एक बूंद गिर गई जिसे उसने पोंछ लिया और रूम की खिड़की बंद कर के सो गई

अगली सुबह...

नेहा की आँख आज सुबह जल्दी खुल गई और वो अपनी आंखे मलते हुए सोफ़े पे उठ बैठी, उसने घड़ी की ओर देखा तो इस वक्त सुबह के 6 बज रहे थे और उसकी नजरे बेड की ओर गई तो वो थोड़ा चौकी, राघव अभी घर मे ही था और सो रहा था।

नेहा ने उतरे चेहरे के साथ राघव की ओर देखा और उसकी आँखों के सामने कल रात वाली बात आ गई जिसने उसे उदास कर दिया था नेहा ने एक लंबी सास छोड़ी और उठ कर बाथरूम की ओर चली गई

नहा कर आने के बाद नेहा जब अपने बाल बना थी थी तब उसे आइने मे से राघव को देखा जो सोते वक्त किसी बच्चे जैसे मासूम लग रहा था

नेहा- सोते टाइम चेहरा देखो कितना शांत लगता है पर उठते ही पता नाही कौनसे राक्षस की आत्मा आ जाती है इनमे

नेहा ने खुद से ही धीमी आवाज मे कहा

“रावण” नेहा धीमे से राघव पर अपनी नजरे टिकाए बोली और फिर रेडी होकर रूम से बाहर चली गई

--x--x--

नेहा- मा छोड़िए आप मैं कर लूँगी ये

जानकी- अरे नही बेटा रहने दो मैं कर रही हु ना

नेहा- तो मुझे बताइए मैं क्या करू?

जानकी- राघव घर मे है या चला गया?

नेहा - यही है घर मे सो रहे है

मीनाक्षी- चलो एक चेंज तो आया देखा जीजी काफी दिनों बाद आज वो इस वक्त घर मे है

मीनाक्षी ने किचन मे आते हुए नेहा की बात सुन कर कहा

जानकी- मुझे तो लगता है ना मीनाक्षी नेहा ने ही समझाया होगा उसे

जिसपर नेहा ने एक झूठी मुस्कान दे दी

मीनाक्षी- अच्छा है ना जीजी और मैंने तो सुना है कल कोई डेट पर भी गया था हैना नेहा

मीनाक्षी ने नेहा को छेड़ते हुए कहा जिसपर नेहा कुछ नहीं बोली

नेहा- वो... चाची

जानकी- उसे छेडना बंद करो मीनक्षी देखो तो कैसे शर्म से लाल हुए जा रही है वो लेकिन सच कहू नेहा मैं तुम दोनों के लिए बहुत खुश हु के अब तुम एकदूसरे को समझने लगे हो

‘हम एकदूसरे को कभी नहीं समझ सकते मा और कल की डेट तो बस उनका गिल्ट कम करने के लिए थी’ नेहा ने मन ही मन कहा

जानकी - नेहा एक काम करो तुम ना राघव के लिए लेमन टी बना दो वो जागने वाला होगा और जिम मे जाने के पहले उसे चाय चाहिए होगी

जानकी की बात सुन नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी और वो सब अपने अपने काम मे बिजी हो गए

लेमन टी बनाने के बाद वो अपने रूम की ओर जाने लगी और जब वो रूम मे घुसी तो राघव उसे रूम मे कही नहीं दिखा तभी उसे बाथरूम मे पानी गिरने का आवाज आया तो उसने चाय बेड के बाजू वाले टेबल पर रख दी तभी बाथरूम का दरवाजा खुलने का आवाज आया

नेहा पीछे पलटी तब राघव बाथरूम मे बाहर आ रहा था, उन दोनों की नजरे एक सेकंद के लिए टकराई

नेहा- वो.. वो आपकी लेमन टी

नेहा ने नजरे फेरते हुए कहा और रूम से बाहर चली गई वही राघव बस उसे जाते हुए सुने चेहरे से देखता रहा

पता नहीं क्या होगा इन दोनों का बात बनेगी या.....

क्रमश:
Neha ka sochna bhi sahi h Raghav apni marji tow yeh sab ker nahi raha or usne bhi yaha kaha apne man bhi m yeh sab dada ji wajah ker raha hu
Pichla update padhke sabke comment m yaha tha ki dono ki BAAT ban rahai h Mera bhi yahi maan na tha Lekin yeh update m Neha n sab clear ker dia
Baherhal dekhte h kab tak inn dono aise hi chalta rahega
 
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