Ya she know better and care bhi or kabhi dhoka bhi nhi degi or adjust or life m sath bi no expectations k sath baste shadi zaldi ho toh better h or tabhi jab koi special condition ho like father past , left ,or some family ritual otherwise imts not required
लेकिन हमे शादी नही करनी चाइए इसे में हम बच्चे ठीक से नहीं कर पाएंगे... हर खूबसूरत रिश्ते को शादी के बंधन में बांध देना ये कोई सही बात नही...मेरे लिए तो एक मां का बेटे से और बाप का बेटी से रिश्ता किसी भी शादी से कही गुना अधिक पवित्र और पूजनीय के साथ साथ सब से मजबूत होता है... और दो अंजान औरत मर्द में ऐसा रिश्ता नही हो सकता इस इसलिए तो हम अंजान से शादी नाम का एक कॉन्टैक्ट करते है...
बेटे बेटी को 18 साल के बाद से माता पिता के साथ यौन संबंध बनाना सुरू कर देना चाइए जिस से उनको यौन शिक्षा भी साथ साथ में मिल जायगी और बच्चे अपनी पढ़ाई ठीक से कर पाएंगे और किसी के साथ सिर्फ यौन उत्तेजना में आके ही अपना साधी नही चुनेंगे और खुद को समय देके एक सच्चा और अच्छा जीवन साथी खोख़ पायेंगे...और जब तक वो साथी नही मिलता मां या पापा तो घर पे ही है बेटी बेटे को यौन उत्तेजना से राहत देने को...और साथ में सब में प्यार तो बड़ेगा ही...
इसे में हर जोड़ी को पता होगा कि मेरी पत्नी या पति का रिश्ता था तोह सिर्फ उसके घर में था और किसी से नहीं इस लिए दोनो का रिश्ता बहोत आगे तक कायम रहेगा... न तो मां को बाहर जाना पड़ेगा अगर पापा नहीं ही न पापा को कोई परेशानी होगी...
बच्चे भी हेल्थी होंगे...और घर में प्यार बना रहेगा...
और ये आने वाले समय में आम बात होने ही वाली है... अभी भी कही बड़े लोग ये सब करते ही है लेकिन समाज में अभी बोल नही पाते... धीरे धीरे ये सब भी एक चुम्मे जैसे नॉर्मल होगा...
जैसे कही जगा मां के साथ बेटे जवानी में सो भी नही पाते और बाप अपनी बेटी को कम कपड़ों में देखना भी पाप मानते हे.. होठ से होठ वाले किस तो बहुत बड़ी बात है... वही हाई क्लास सोसायटी में ये सब आम बात होने लगी हे...