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aap bahut bariki se story ko padhte ho aur waise hi us per comment dete ho achha lagta h jab koi itna man se kahani padhta h, anjali ki soch uske halato ki wajah se h aur duniya me har insan ki soch uske halat ke hisab se hoti h kisi ko pyar me bas hawas dikhti h to kisi ko puri duniya, kuch raaj aise hote hain jo bachho se bhi chupane pate h sahi waqt aane tak jab tak wo un halato ko samjh na sakeअंजली मैडम ने प्रेम पर जो डेफिनिशन दिया , उनका विचार है । लेकिन आपको एक महान राइटर श्रीकांत वर्मा साहब का एक क्वोट सुनाता हूं -
" प्रेम मे सिर्फ चुम्बन और सहवास और सुख - शैया ही नही , सबकुछ है । नरक है , स्वर्ग है , दर्प है , घृणा है , क्रोध है , द्वेष है , आनंद है , लिप्सा है , कुत्सा है , उल्लास है , प्रतीक्षा है , कुंठा है और हत्या भी है ।"
खैर , यह सर्वविदित है कि अंजली मैडम अपने बाल - बच्चों से बहुत कुछ छुपा रही है । जबकि फैमिली के सदस्य के बीच अगर बात बहुत ज्यादा शर्मिंदगी या जिल्लत से सम्बंधित बातें न हो तो उसे अवश्य ही शेयर करनी चाहिए।
और जहां तक बात गांव वालों का है , यह बिल्कुल ही समझ से बाहर है कि वो लोग इस परिवार से इतना अधिक नफरत क्यों करते हैं ! इनकी दरिद्रता , इनका गरीबीपन , इनके अभावग्रस्त जीवन से यदि ये लोग इन्हें हिकारत की नजर से देखते तो यह समझ आता है लेकिन इस वजह से कोई नफरत करने लगे , समझ मे बिल्कुल आने वाली चीज नही है।
अबतक के कथानक के अनुसार यह भी समझ आ रहा है कि इस स्टोरी का प्रमुख नायक तुषार है और अन्य सभी फैमिली मेम्बर नायिका ।
इन्सेस्ट की भावनाएं पनपना स्टार्ट हो गई है और इस का प्रमुख वजह शारीरिक सेक्सुअल जरूरतें और अश्लील बुक्स जो फैमिली व्यभिचार के उपर लिखी हुई है।
आप बहुत खुबसूरत लिख रही है । रीडर्स की परवाह बिल्कुल ही न कीजिएगा । आप सिर्फ अपना काम करते रहिए और इस स्टोरी को अपने अंजाम तक ले जाने की कोशिश कीजिए।
सभी अपडेट बहुत ही बढ़िया लिखा आपने।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट डियर।
bahut bahut dhanyawaad














