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Dil nahi manta Asa end hoओह माय गॉड!ये क्या था? ये अपडेट पढ़कर तो मैं पूरी तरह टूट गई हूँ. मेरी आँखें सूज गई हैं रोते-रोते. मैं कहाँ से शुरू करूँ, मुझे समझ नहीं आ रहा. ये सिर्फ एक कहानी नहीं, ये दर्द का दरिया था जिसमें मैं पूरी तरह डूब गई.
जब अक्षिता ने कहा कि वो एकांश की हर बात सुन सकती है, उसकी सिसकियाँ महसूस कर सकती है, पर जवाब नहीं दे सकती... यार, ये सबसे ज्यादा दर्दनाक था."उसने सारी उम्मीदें छोड़ मौत से समझौता कर लिया था... लेकिन तभी... उसने फिर से वही आवाज़ सुनी... एकांश..." - ये पढ़कर मेरा दिल फट गया. उसका प्यार ही था जो उसे ज़िंदा रखे हुए था.
और फिर जब वो होश में आई, खुद को बिस्तर पर लेटा देखा, और उसे लगा कि वो मर चुकी है... "क्या मैं... मर गई हूँ?" "क्या मैं अब... भूत बन गई हूँ?" - ये लाइन्स सुनकर मेरा कलेजा काँप गया. उसकी ये बेबसी और दर्द, बहुत ही मार्मिक था.
एकांश का वो विश्वास कि अक्षिता जागेगी, "वो ज़रूर जागेगी... मेरे लिए...", और उसका डॉक्टरों से लड़ना, "क्या कभी आपके मन में ये सवाल आया... कि वो ज़िंदा है... और मैं बस उसका इंतज़ार कर रहा हूँ?" - ये सब देखकर लगा कि सच्चा प्यार ऐसा ही होता है. उसे किसी बात से फर्क नहीं पड़ता, उसे बस अक्षिता चाहिए.
पर साथ ही, डॉक्टर अवस्थी और अक्षिता के पेरेंट्स का दर्द भी महसूस हुआ. वो उसे आगे बढ़ने के लिए कह रहे थे, क्योंकि वो एकांश को ऐसे टूटते हुए नहीं देख सकते थे. ये सिचुएशन इतनी कॉम्प्लेक्स थी, कि हर कोई सही था अपनी जगह.
वो अंतिम पल...
और फिर जो हुआ... मैं क्या बोलूँ?
जब अक्षिता ने उसे कार में रोते हुए देखा, और वो उसे छू नहीं पाई... "मुझे लग रहा था जैसे कोई मुझे किसी जंजीर से बांधे हुए है... वो जागना चाहती थी, उसकी बाहों में वापस लौटना चाहती थी... पर कुछ था... जो उसे रोक रहा था..." - ये लाइनें पढ़कर ही समझ आ गया था कि कुछ बुरा होने वाला है.
और फिर, जब एकांश का एक्सीडेंट हुआ, और उसे आसमान में अक्षिता का मुस्कुराता चेहरा दिखा, और उसने उसका हाथ थाम लिया... बस, वहीं मेरा दिल टूट गया.
ये सिर्फ एक कहानी का अंत नहीं था, ये दो खूबसूरत जिंदगियों का दर्दनाक अंत था. जिस तरह से अक्षिता की नब्ज गिर रही थी, और एकांश की कार का एक्सीडेंट हुआ, सब कुछ एक साथ... मैं क्या कहूँ, मैं बस रोए जा रही हूँ.
आपने इस अपडेट में इतने इमोशंस डाल दिए कि मैं हिल गई हूँ. ये अपडेट बहुत ही पावरफुल था, दर्दनाक था, और दिल तोड़ने वाला था. एकांश और अक्षिता का प्यार अमर हो गया, लेकिन इस तरह से... ये बिल्कुल भी एक्सपेक्टेड नहीं था.
अब तो बस यही उम्मीद है कि कहानी में कोई चमत्कार हो, क्योंकि ऐसे खत्म तो नहीं हो सकता. मेरा दिल नहीं मानेगा.
प्लीज, प्लीज, प्लीज... इस कहानी को ऐसे खत्म मत करना.मेरा दिल नहीं मानेगा. कुछ तो चमत्कार करो! ऐसे प्यार करने वालों का ऐसा अंत नहीं होना चाहिए. प्लीज, मुझे अभी भी उम्मीद है.
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