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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

  • माँ - बेटा

  • भाई - बहेन

  • देवर - भाभी

  • दामाद – सासु

  • ससुर – बहु


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junglecouple1984

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junglecouple1984

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junglecouple1984

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Hi Friends please comments .. kya aap hingllish (Hindi story in english ) story padna pasand karenge ???
 

junglecouple1984

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मां की चूदाई का सफर - 1




मेरा नाम हरी है और में यूपी का रहने वाला हु ये कहानी मेरी मां के है ये काल्पनिक है मेरे घर में पापा मम्मी मेरी बहन और में रहते है।

अब आते है कहानी पर मेरे पापा मम्मी को सेक्स में खुश नहीं रख पाते है इसलिए मम्मी थोड़ी उदास और चिड़चिड़ी रहती है।

मई का महीना था मई के महीने में up में शादियां बहुत होती है तो मम्मी को मेरे मामा की लड़की के लिए सोने की चूड़ियां लेनी थी तो उन्होंने पापा को बोला लेकिन पापा ऑफिस के काम की वजह से ना जा पाए तो मम्मी ने निर्णय लिया की वो खुद जाएंगी तब मम्मी ने मेरी बहन को बोला कि वो चिड़िया लेने जा रही है सोनी के पास।

मम्मी ने मुझे बोला की में भी उनके साथ चालू तो मैंने हां कर दी और उनके साथ चल पड़ा।

सोमवार का दिन था दोपहर का टाइम था जो up से है उन्हे पता ही होगा की मई में दोपहर को कैसी लू चलती हैं तो मार्केट में भीड़ बिलकुल नहीं थी।

मम्मी ने एक सोनी की दुकान पे गई वहा पर एक सोनी बैठा था 40 साल का होगा एक दम हट्टा कट्टा और एक दम गोरा था। उसने मम्मी को बोला कि बताइए क्या दिखाई?

मम्मी – सोने की चूड़ियां।

सोनी – किस डिजाइन में?

मम्मी – नई में दिखाना।

सोनी – नई डिजाइन में बहुत आई है लेकिन वो ऊपर है और ये बोल कर उनसे मां को स्माइल दी।

मम्मी ने उसने रिप्लाई में एक सेक्सी स्माइल दी तब वो सोनी ने आपने पेंट के ऊपर लन्ड पर हाथ रखा। उसे देखकर-

मम्मी – चलिए ऊपर देखते है आपकी डिजाइन।

सोनी – हां चलिए।

तभी सोनी की नजर मुझ पर पड़ी तो उसने मुझे बोला की बेटा यही बैठना में आपकी मम्मी को चूड़ी दिखा कर आता हू तो मैंने कहा ओके।

ऊपर जाने के लिए सीढ़ी अंदर से थी थोड़ी तो उसने मुझे कहा कि ऊपर मत आना और कोई आए तो मुझे आवाज दे देना।

फिर मम्मी सीढ़ी से ऊपर गई लेकिन मुझे शक हो रहा था कि कुछ गडबड है।

तो में भी छुप पर ऊपर चला गया।

वहा काफी तग जगह थी दुकान की चोडाई सिर्फ 8 फिट ही थी उसमे फर्नीचर ओर कारीगरो के बैठने की जगह तभी मम्मी ने उपर वाली रेक मे पडे चुडे दिखाने को कहा तो सोनी मम्मी के पीछे चिपककर अपने हाथो को उचा कर के चुडा निकालने तभी शोकत का लंड लुगी से निकलकर मम्मी की गांड पर लगने लगा।

लंड गांड पर लगते ही मम्मी की आह निकल गयी जिसे सुनकर सोनी भी समझ गया रंडी है कोई चुदाई की भूखी शोकत ने अब हिम्मत करते हुए पिछे से लंड का दवाब साडी पर बढा दिया ओर अपना एक हाथ कधे पर रख दिया ओर दूसरे हाथ से रेक मे लगे चुडे के बारे मे बताने लगा।

सोनी पीछे से लंड का दवाब मम्मी की गांड पर डालने लगा तो मम्मी की आहे बेकाबू होने लगी शोकत ने कंधे पर रखे हाथ से कंधे को दबा दिया जोर से जिससे मम्मी के मुह से आह!! निकल गयी। चुदास की आह सुनकर शोकत को अब परमिशन मिल गयी थी। शोकत ने अब अपने हाथ को कंधे से हटाकर ब्लाउज पर रख दिया ओर जोर से चुचि को दबा दिया।

तब मम्मी को दर्द हुआ शायद-

मम्मी – आराम से थोड़ा।।।

तो उस सोनी की हिम्मत बढ़ गई। मम्मी पिछे की तरफ घुम गयी ओर अपनी बेफिक्र होकर साडी खोलने लगी साडी खोलकर मम्मी ने कुर्सी पर रख दी ओर घुटनो के बल बैठकर सोनी की पेंट को खोल दिया।

तब मैंने आपने मोबाइल में recording करना स्टार्ट कर दिया।

पेंट खुलते ही सोनी का 7 इच लंबा ओर 2।5 इच मोटा काला लंड नाग की तरह मम्मी के सामने झुलने लगा मम्मी ने लपककर लंड को मुह मे भर लिया। सोनी के लंड के सुपारे की चमडी के नीचे रस की पपडी बनी पडी थी जैसे स्वपनदोष होने के बाद जम जाती है।

उसका लन्ड मेरे से थोड़ा छोटा था।

ओर सोनी के सामने खडी होकर फटाफट कपडे खोलकर दो मिनट मे ही नंगी हो गयी सोनी भी मम्मी के बदन को देखकर पागल होने लगा। मम्मी की क्लीन चूट देखकर मेरा 8 ईच लंबा और 3 ईच मोटा लन्ड खड़ा हो गया।

सोनी ने कहा – रानी हमारे घर मे बहुत सी ओरतो की गाड बडी है तो बहुत की चुचिया तो जिसकी दोनो तेरी जैसी है, तो उनका पेट भी बहुत बडा निकला हुआ है, तेरी जैसी पतली कमर ओर इतनी बडी गांड ओर चुचि वाली पहली बार मिली है, 40 साल की उम्र मे!!

मम्मी – सिर्फ देखोगे या चोदेगे भी।।

सोनी – चल जल्दी से कुतिया बन जा!

ये सुनकर मम्मी पिछे घुमकर फर्श पर कुतिया बन गयी ओर तभी सोनी ने चुत पर लंड लगाकर एक झटके आधा लंड पेल दिया। मम्मी की हल्की की आह निकल ओर उधर दूसरे झटके मे सोनी ने पूरा लंड मम्मी की चुत मे उतार दिया। मम्मी दर्द से चिल्लाने लगी तो-

सोनी – चुप हो जा नीचे तेरा बेटा बैठा है।

मम्मी – इतना बड़ा लन्ड कोई ऐसे डालता है क्या…

ओर लंड को पूरा बाहर निकाल कर एक झटके पूरा अंदर डाल दिया। इस झटके से मम्मी पूरी तरह हिल गयी ये तो शुरुआत थी उसके बाद सोनी ने इतने तेज झटको से चुदाई करी की मम्मी का रस पांच मिनट मे निकल गया।

रस निकलते ही मम्मी की चुत से फचाफच की आवाजे निकलने लगी इधर सोनी जब चुत मे पूरा लंड अंदर डालता तो मम्मी की आह निकल जाती जोर से इस तरह फर्श कुतिया बनाकर सोनी ने आधे घंटे तक मम्मी की चुत की ठुकाई करी ओर इतनी जबरदस्त चुदाई जिसमे मम्मी ने चार बार कामरस छोड दिया।

आधा घंटे चुदाई के बाद सोनी ने ढेर सारे माल से मम्मी की चुत को भर दिया ओर सोनी ने पेंट पहना तो मैंने recording बंद की और जल्दी से नीचे आ गया। तब सोनी नीचे आया और मम्मी को 6 सेट दिए सोने की चूड़ियां वो हुई एक दम फ्री…

सोनी – मैडमजी आती रहना – मुस्कुरा कर।

मम्मी – बिलकुल आऊंगी।

उसके बाद हमने रिक्शा के लिए थोड़े चले तो मम्मी थोड़ी लगड़ा कर चल रहीं तो मैंने ऐसे ही पूछा कि हुआ तो मम्मी बोली की गिर गई तो पैर में चोट लग गई।

तो मैंने कुछ नही कहा और रिक्शा पकड़ कर घर आ गए घर पर कोई नहीं था।

मेरा लन्ड खड़ा तो मैंने मम्मी के पास जा कर कहा-

में – मम्मी कहा पर चोट लगी है?

मम्मी – पैर में लगी है बताया था न तुझे।

में – पैर में लगी है या कही और…?

मम्मी – थोड़ी सी डर कर तेरा क्या मतलब?

में – पैर में चोट लगी है या चुत मे?

मम्मी ने ये सुनते ही एक चांटा खीच के मारा मुझे। तो मुझे गुस्सा आया तो मैंने वो विडियो उन्हे दिखाए। तो वो एक दम डर गई और बोली की बेटा ये तेरे पास कहा से आई।।








मां की चूदाई का सफर - 2




मैं: मम्मी कहा पर चोट लगी है?

मम्मी: पैर में लगी है बताया था न तुझे।

मैं: पैर में लगी है या कही और?

मम्मी ( थोड़ी सी डर कर): तेरा क्या मतलब?

मैं: पैर में चोट लगी है या चूत मे?

मम्मी ने ये सुनते ही एक चांटा खीच के मारा मुझे। मुझे गुस्सा आया तो मैंने वो विडियो उन्हे दिखाई। इससे वो एक दम डर गई और बोली-

मम्मी: बेटा ये तेरे पास कहा से आई?

मैं: वही से जब आप अपनी चूत का भोसड़ा बनवा रही थी उस सोनी से।

मम्मी: प्लीज ये वीडियो किसी को भी मत दिखाना।

मैं: नहीं मैं ये वीडियो पापा जी को दिखाऊंगा, कि उनकी बीवी उनकी पीठ पीछे किसी से चुद जाती है। वो भी एक रण्डी की तरह।

मम्मी: प्लीज मत दिखाना उन्हें, नहीं तो वो मुझे मार देंगे।

इतने में मम्मी ने झटके के साथ मोबाइल पकड़ कर दीवार से मार कर मोबाइल तोड़ दिया और हंसने लगी।

मम्मी: अब क्या दिखाएगा आपने बाप को?

मैं (थोड़ा सोच कर और थोड़ी सी स्माइल के साथ मम्मी को देखते हुए): नहीं मेरी प्यारी मम्मी, मैंने ये वीडियो पहले से ही आपने कंप्यूटर में और जीमेल पर सेव कर दी थी।

इतना सुनते ही मम्मी एक दम शॉक में हो गई, और उनकी हसी अचानक से गायब हो गई।

फिर वो बोली: क्या चाहिए?

मैं: वही जो तुम उस सोनी को दे रही थी।

मम्मी: क्या?

मैं: तेरी चूत।

मम्मी: नहीं मैं नहीं कर सकती हूं। तू मेरा बेटा है, और मैं तेरी सगी मां हूं, कोई सौतेली नहीं।

तभी मैंने अपना 11 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लंड बाहर निकाल दिया। मेरा तब लंड खड़ा भी नहीं था, तब भी 6 इंच का था। ऐसा लंड देख कर मम्मी बोली-

मम्मी: ये तेरा लंड है?

मैं: हां, क्यों क्या हुआ?

मम्मी: इसलिए क्योंकि बहुत बड़ा है तेरा लंड।‌ इतना बड़ा लंड मैने सिर्फ चुदाई की फिल्म में देखा है। इतना बड़ा ना मैंने कभी लिया है। अभी खड़ा भी नहीं है, फिर भी इतना बड़ा। अगर खड़ा होगा तो कितना बड़ा होगा।

मैं: अच्छा तो चलो इसे खड़ा करके खुद देख लो।

मम्मी इतना सुनते ही नीचे बैठ कर मेरा लंड अपने मुंह में लेकर मेरा लंड चूसने लगी। 10 मिनट मेरा लंड चूसने के बाद मेरा लंड अपनी पूरी औकात में आ गया। मैं मम्मी के जूड़े को पकड़ कर अपना लंड मम्मी के मुंह के अंदर बाहर कर रहा था।

इसके साथ में मेरे मुंह से आह आह आह की सिसकारियां निकल रही थी।

तभी मम्मी मेरा लंड आपने मुंह से निकाल कर मेरे गोटे चूसने लगी। इतने में तो स्वर्ग में पहुंच गया था, ऐसा लग रहा था। तभी मुझे याद आया कि (मैं अभी ये नहीं भूला था की मम्मी ने मेरा मोबाइल तोड़ दिया था, और इसका बदला मुझे मम्मी से लेना था)

फिर मम्मी ने मेरा लंड फिर से मुंह में लेना शुरू कर दिया, और 10 मिनट लंड चूसने के बाद मैंने मम्मी के मुंह में अपना पानी छोड़ दिया। मम्मी मेरा पूरा पानी मुझे दिखाते हुए पूरा पी गई, और मेरे लंड को भी अपने मुंह से साफ कर दिया।

तभी मेरा मन हुआ कि मैं मम्मी की चूत का पानी टेस्ट करुं। तो मैने मां की सारी उठा दी, और उनकी पैंटी की रबर पकड़ी ही थी, कि तभी डोर बेल बजी और बाहर से पापा की आवाज आई। पापा की आवाज सुन कर मेरे और मम्मी की जैसे सांस ही थम गई।

तभी मैंने मम्मी को बोला: आप जाकर गेट खोले, और मुझसे छत पर मिलो।

इतना बोल कर मैं छत पर चला गया। फिर 10 मिनट में मम्मी छत पर आ गई तो मैंने पूछा-

मैं: कहां है पापा?

तो मम्मी ने बताया: वो बाथरूम में है, बताओ क्या काम है (थोड़ी स्माइल के साथ में)?

मैं: काम तो है।

मम्मी: क्या है मेरे राजा?

और वो एक हाथ मेरी जांघ पर फेरने लगी।

मैं: तेरी गांड फाड़नी है ।

मम्मी: वो तो कल कर लेना।

मैं: हां लेकिन कैसा लगा मेरा लंड?

मम्मी: बहुत बड़ा है। ऐसा लंड मैने कभी नहीं देखा।

मैं: अच्छा वैसे लंड बहुत अच्छा चूसती हो तुम।

इतना सुनते ही मम्मी थोड़ी सी हसने लगी और बोली: एक्सपरटाईज़ है बेटा।

मैं: अच्छा?

मम्मी: हां मेरे राजा।

मैं: कल तुम वो काली वाली साड़ी और वो डायमंड वाला जूड़ा पहनना।

मम्मी: ठीक हैं मेरे राजा, पर वो साड़ी ही क्यों?

मैं: उस साड़ी में तुम ना बहुत बड़ी रण्डी लगती हो।

और जूड़ा पकड़ कर तुम्हारे मुंह को चोदने में तो बहुत मजा आता है।

मम्मी: जूड़ा।

मैं: हां मेरी रण्डी, क्योंकि तेरे मुंह की क्या बात है।

मम्मी: तेरे लिए एक ऑफर है मेरे पास। अगर तूने मेरी चूत की आग बुझा दी, तो मैं किसी को भी अपनी चूत देखने तक नहीं दूंगी, जब तक तू नहीं बोलेगा।

मैं: अच्छा।

मम्मी: हां मेरे राजा।

मैं: मैं जिससे चाहूं उससे तेरा भोसड़ा मरवा सकता हूं?

मम्मी: हां, लेकिन उससे पहले मेरी आग बुझा दे। तब अगर आग नहीं बुझी तो तुझे भी नहीं मिलने वाली हूं मैं, समझा?

मैं: ठीक है मम्मी।

इतने में पापा आ जाते है, और पूछते है: क्या बात हो रही है मां बेटे में अकेले-अकेले में? मुझे भी कोई बताओ कि क्या हुआ।

मम्मी: कुछ नहीं जी, ये आपका बेटा बोल रहा था कि उसे आज मुर्गी की टांग खानी है।

पापा: बेटा मुर्गी की नहीं मुर्गे की।

मैं (मम्मी की तरफ स्माइल करते हुए): नहीं पापा, मुझे मुर्गी की ही खानी है।

इतना सुनते ही मम्मी मेरी तरफ शॉक वाली नजर से देखते हुए।

पापा: ठीक है, मैं ले आता हूं एक मुर्गी।

मैं: ठीक है पापा।

मम्मी: ठीक है जी जल्दी लाना। क्योंकि खाना खा कर आपको भी रात में काम पर जाना है।

पापा: हा याद है मुझे कि काम पर जाना है।‌ इसलिए मैं जल्दी मुर्गी लेकर आता हूं।

इतना बोल कर पापा बाहर चले गए

मम्मी ( मेरी ओर देखते हुए): मुर्गी की टांग खानी है?

मैं: हा मेरी रण्डी।

इतना बोलते ही मम्मी की जांघ पकड़ कर बोला: ये वाली खानी है।

मम्मी ( स्माइल करते हुए): हा रात में खा लेना। तेरी आज परीक्षा भी है चुदाई की।

मैं: हा मेरी रण्डी, आज तेरी चूत और गांड दोनो फाड़ने वाला हूं।

तब मैं बाहर चला गया और मैं मेडिकल से विग्रया की 4 टैबलेट ले आया। मैं 1 घंटे तक चोद सकता था फिर भी दवा लेकर आया था। क्योंकि मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था। और मैं साथ में एक दारू की बॉटल भी ले आया।

मैं ये सब छुपा कर घर पर आ गया। 2 मिनट बाद पापा भी आ गए। वो मुर्गी लेकर आए और बोले-

पापा: देख मैं मुर्गी लेकर आ गया हूं। इसकी टांग खाना।

इतना सुनते ही मम्मी चुपके से हंसने लगी, और मैंने भी सोचा अब पापा को कौन बताए की मुर्गी कौन सी वाली है।
 

junglecouple1984

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मां की चूदाई का सफर -2



मैं: मम्मी कहा पर चोट लगी है?

मम्मी: पैर में लगी है बताया था न तुझे।

मैं: पैर में लगी है या कही और?

मम्मी ( थोड़ी सी डर कर): तेरा क्या मतलब?

मैं: पैर में चोट लगी है या चूत मे?

मम्मी ने ये सुनते ही एक चांटा खीच के मारा मुझे। मुझे गुस्सा आया तो मैंने वो विडियो उन्हे दिखाई। इससे वो एक दम डर गई और बोली-

मम्मी: बेटा ये तेरे पास कहा से आई?

मैं: वही से जब आप अपनी चूत का भोसड़ा बनवा रही थी उस सोनी से।

मम्मी: प्लीज ये वीडियो किसी को भी मत दिखाना।

मैं: नहीं मैं ये वीडियो पापा जी को दिखाऊंगा, कि उनकी बीवी उनकी पीठ पीछे किसी से चुद जाती है। वो भी एक रण्डी की तरह।

मम्मी: प्लीज मत दिखाना उन्हें, नहीं तो वो मुझे मार देंगे।

इतने में मम्मी ने झटके के साथ मोबाइल पकड़ कर दीवार से मार कर मोबाइल तोड़ दिया और हंसने लगी।

मम्मी: अब क्या दिखाएगा आपने बाप को?

मैं (थोड़ा सोच कर और थोड़ी सी स्माइल के साथ मम्मी को देखते हुए): नहीं मेरी प्यारी मम्मी, मैंने ये वीडियो पहले से ही आपने कंप्यूटर में और जीमेल पर सेव कर दी थी।

इतना सुनते ही मम्मी एक दम शॉक में हो गई, और उनकी हसी अचानक से गायब हो गई।

फिर वो बोली: क्या चाहिए?

मैं: वही जो तुम उस सोनी को दे रही थी।

मम्मी: क्या?

मैं: तेरी चूत।

मम्मी: नहीं मैं नहीं कर सकती हूं। तू मेरा बेटा है, और मैं तेरी सगी मां हूं, कोई सौतेली नहीं।

तभी मैंने अपना 11 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लंड बाहर निकाल दिया। मेरा तब लंड खड़ा भी नहीं था, तब भी 6 इंच का था। ऐसा लंड देख कर मम्मी बोली-

मम्मी: ये तेरा लंड है?

मैं: हां, क्यों क्या हुआ?

मम्मी: इसलिए क्योंकि बहुत बड़ा है तेरा लंड।‌ इतना बड़ा लंड मैने सिर्फ चुदाई की फिल्म में देखा है। इतना बड़ा ना मैंने कभी लिया है। अभी खड़ा भी नहीं है, फिर भी इतना बड़ा। अगर खड़ा होगा तो कितना बड़ा होगा।

मैं: अच्छा तो चलो इसे खड़ा करके खुद देख लो।

मम्मी इतना सुनते ही नीचे बैठ कर मेरा लंड अपने मुंह में लेकर मेरा लंड चूसने लगी। 10 मिनट मेरा लंड चूसने के बाद मेरा लंड अपनी पूरी औकात में आ गया। मैं मम्मी के जूड़े को पकड़ कर अपना लंड मम्मी के मुंह के अंदर बाहर कर रहा था।

इसके साथ में मेरे मुंह से आह आह आह की सिसकारियां निकल रही थी।

तभी मम्मी मेरा लंड आपने मुंह से निकाल कर मेरे गोटे चूसने लगी। इतने में तो स्वर्ग में पहुंच गया था, ऐसा लग रहा था। तभी मुझे याद आया कि (मैं अभी ये नहीं भूला था की मम्मी ने मेरा मोबाइल तोड़ दिया था, और इसका बदला मुझे मम्मी से लेना था)

फिर मम्मी ने मेरा लंड फिर से मुंह में लेना शुरू कर दिया, और 10 मिनट लंड चूसने के बाद मैंने मम्मी के मुंह में अपना पानी छोड़ दिया। मम्मी मेरा पूरा पानी मुझे दिखाते हुए पूरा पी गई, और मेरे लंड को भी अपने मुंह से साफ कर दिया।

तभी मेरा मन हुआ कि मैं मम्मी की चूत का पानी टेस्ट करुं। तो मैने मां की सारी उठा दी, और उनकी पैंटी की रबर पकड़ी ही थी, कि तभी डोर बेल बजी और बाहर से पापा की आवाज आई। पापा की आवाज सुन कर मेरे और मम्मी की जैसे सांस ही थम गई।

तभी मैंने मम्मी को बोला: आप जाकर गेट खोले, और मुझसे छत पर मिलो।

इतना बोल कर मैं छत पर चला गया। फिर 10 मिनट में मम्मी छत पर आ गई तो मैंने पूछा-

मैं: कहां है पापा?

तो मम्मी ने बताया: वो बाथरूम में है, बताओ क्या काम है (थोड़ी स्माइल के साथ में)?

मैं: काम तो है।

मम्मी: क्या है मेरे राजा?

और वो एक हाथ मेरी जांघ पर फेरने लगी।

मैं: तेरी गांड फाड़नी है ।

मम्मी: वो तो कल कर लेना।

मैं: हां लेकिन कैसा लगा मेरा लंड?

मम्मी: बहुत बड़ा है। ऐसा लंड मैने कभी नहीं देखा।

मैं: अच्छा वैसे लंड बहुत अच्छा चूसती हो तुम।

इतना सुनते ही मम्मी थोड़ी सी हसने लगी और बोली: एक्सपरटाईज़ है बेटा।

मैं: अच्छा?

मम्मी: हां मेरे राजा।

मैं: कल तुम वो काली वाली साड़ी और वो डायमंड वाला जूड़ा पहनना।

मम्मी: ठीक हैं मेरे राजा, पर वो साड़ी ही क्यों?

मैं: उस साड़ी में तुम ना बहुत बड़ी रण्डी लगती हो।

और जूड़ा पकड़ कर तुम्हारे मुंह को चोदने में तो बहुत मजा आता है।

मम्मी: जूड़ा।

मैं: हां मेरी रण्डी, क्योंकि तेरे मुंह की क्या बात है।

मम्मी: तेरे लिए एक ऑफर है मेरे पास। अगर तूने मेरी चूत की आग बुझा दी, तो मैं किसी को भी अपनी चूत देखने तक नहीं दूंगी, जब तक तू नहीं बोलेगा।

मैं: अच्छा।

मम्मी: हां मेरे राजा।

मैं: मैं जिससे चाहूं उससे तेरा भोसड़ा मरवा सकता हूं?

मम्मी: हां, लेकिन उससे पहले मेरी आग बुझा दे। तब अगर आग नहीं बुझी तो तुझे भी नहीं मिलने वाली हूं मैं, समझा?

मैं: ठीक है मम्मी।

इतने में पापा आ जाते है, और पूछते है: क्या बात हो रही है मां बेटे में अकेले-अकेले में? मुझे भी कोई बताओ कि क्या हुआ।

मम्मी: कुछ नहीं जी, ये आपका बेटा बोल रहा था कि उसे आज मुर्गी की टांग खानी है।

पापा: बेटा मुर्गी की नहीं मुर्गे की।

मैं (मम्मी की तरफ स्माइल करते हुए): नहीं पापा, मुझे मुर्गी की ही खानी है।

इतना सुनते ही मम्मी मेरी तरफ शॉक वाली नजर से देखते हुए।

पापा: ठीक है, मैं ले आता हूं एक मुर्गी।

मैं: ठीक है पापा।

मम्मी: ठीक है जी जल्दी लाना। क्योंकि खाना खा कर आपको भी रात में काम पर जाना है।

पापा: हा याद है मुझे कि काम पर जाना है।‌ इसलिए मैं जल्दी मुर्गी लेकर आता हूं।

इतना बोल कर पापा बाहर चले गए

मम्मी ( मेरी ओर देखते हुए): मुर्गी की टांग खानी है?

मैं: हा मेरी रण्डी।

इतना बोलते ही मम्मी की जांघ पकड़ कर बोला: ये वाली खानी है।

मम्मी ( स्माइल करते हुए): हा रात में खा लेना। तेरी आज परीक्षा भी है चुदाई की।

मैं: हा मेरी रण्डी, आज तेरी चूत और गांड दोनो फाड़ने वाला हूं।

तब मैं बाहर चला गया और मैं मेडिकल से विग्रया की 4 टैबलेट ले आया। मैं 1 घंटे तक चोद सकता था फिर भी दवा लेकर आया था। क्योंकि मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था। और मैं साथ में एक दारू की बॉटल भी ले आया।

मैं ये सब छुपा कर घर पर आ गया। 2 मिनट बाद पापा भी आ गए। वो मुर्गी लेकर आए और बोले-

पापा: देख मैं मुर्गी लेकर आ गया हूं। इसकी टांग खाना।

इतना सुनते ही मम्मी चुपके से हंसने लगी, और मैंने भी सोचा अब पापा को कौन बताए की मुर्गी कौन सी वाली है।
 

junglecouple1984

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मां की चूदाई का सफर - 3




तब मैं बाहर चला गया, और मैं मेडिकल से विग्रया की 4 टैबलेट ले आया। मैं 1 घंटे तक चोद सकता था, फिर भी दवा लेकर आया था। क्योंकि मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था। और मैं साथ में एक दारू की बॉटल भी ले आया।

मैं ये सब छुपा कर घर पर आ गया। 2 मिनट बाद पापा भी आ गए। वो मुर्गी लेकर आए और बोले-

पापा: देख मैं मुर्गी लेकर आ गया हूं। इसकी टांग खाना।

इतना सुनते ही मम्मी चुपके से हंसने लगी, और मैंने भी सोचा अब पापा को कौन बताए की मुर्गी कौन सी वाली थी। मम्मी ने मुर्गी बनाई, तब तक मैंने अपनी झांट को साफ कर लिया ।

तभी मुझे मम्मी ने खाने को बुलाया।

लेकिन मैंने बोला: अभी नहीं, बाद में खाऊंगा। पापा को खाना खिला दो, उन्हें नाइट में ड्यूटी पर जाना है।

मैं बताना भूल गया, पापा की नाइट ड्यूटी चल रही थी, रात 10 बजे से सुबह के 10 बजे तक।

फिर भी पापा ने मुझे बुलाया और कहा: खाना बाद में खा लेना, लेकिन साथ में बैठ ना थोड़ा।

तभी मेरे दिमाग में आया और वो विग्र्या की दवा खा कर मैं नीचे गया, और सब के साथ में बैठ गया। मम्मी पापा साथ में खाना खा रहे थे। तभी मम्मी ने अनजाने में वो मुर्गी की टांग पापा को रख दी।

पापा: यार ये टांग मेरे राजा बेटे को खानी थी। ये रहने दो।

इतना सुनते ही मेरी स्माइल निकल गई, और साथ में मम्मी की भी। तभी मम्मी बोली-

मम्मी: आप खा लो, उसके लिए रखी है टांग (धीरे से बोली तांकि सिर्फ मुझे सुनाई दे, कि बेटे के लिए है आज 2 टांगे, देखते है क्या करता है )

मैं: हा पापा, आप खा लो, मैं बाद में खा लूंगा।

पापा: ठीक है।

खाना खा कर पापा ड्यूटी के लिए निकल गए।

तभी मम्मी बोली: बेटा देख कर सब खिड़की बंद कर दे। तब तक मैं काम कर लेती हूं सब।

और मुझे सेक्सी वाली स्माइल पास की। फिर मैंने सब खिड़की और गेट बंद किए, और तब तक मम्मी भी बेडरूम में आ गई।

वो बोली: 5 मिनट रुको, मैं तैयार होकर आती हूं।

उन्होंने 2 पीस वाली नाईटी पहनी थी। क्या कमाल की लग रही थी वो। एक दम गोरी-गोरी टांगे, उस पर मरून कलर की नाइटी। मानो आसमान से कोई हूर आई हो। उन्हें देख कर मेरा मुंह खुला का खुला रह गया।

मम्मी ने मुझे देखा और कहा: सिर्फ देखते ही रहोगे, या कुछ करोगे भी?

तो मैंने तुरंत उन्हे उठा कर बेड पर रखा, और उनके पिंक-पिंक होंठो को चूसने लगा। तभी मम्मी ने रोका और कहा-

मम्मी: याद है, मैंने कुछ कहा था?

मैं: क्या कहा था आपने?

मम्मी: तेरे लिए एक ऑफर है मेरे पास। अगर तूने मेरी चूत की आग बुझा दी, तो मैं किसी को भी अपनी चूत देखने तक नहीं दूंगी, जब तक तू नहीं बोलेगा। याद आया मेरे राजा बेटे?

मैं: हां मेरी जान, आज मैं तेरी ऐसी चुदाई करने वाला हूं, कि तुम मेरी रण्डी बनने की भीख मांगोगी।

मम्मी: अच्छा?

मैं: हां, और कल तुम अगर ठीक से चल पाई ना तो मैं तेरा बेटा नहीं।

मम्मी: देखते है।

इतना बोलते ही वो खुद मुझे स्मूच देने लगी। मैंने मम्मी को किस करते हुए मम्मी की नाइटी को उपर से निकाल दिया, और उनके बड़े-बड़े बूब्स देख कर मैं हैरान रह गया। क्या बूब्स थे यार, एक दम बड़े-बड़े, और उन पर ब्राउन निप्पल।

मैं बिना देर किए उनके बूब्स चूसने लगा, और एक को दबाने लगा। तब मम्मी को भी मजा आने लगा। वो भी आह आह आह करने लगी। तभी मैंने बिना देर किए मम्मी को पूरा नंगा कर दिया, और उनकी क्लीन शेव चूत देख कर मेरी आंखो में चमक आ गई। अब मैं उनकी चूत घूर रहा था।

तभी मम्मी ने बोला: आज मेरे बेटे का टेस्ट है। तो मैदान की घास काट दी।

और वो हसने लगी। लेकिन मैं अभी भी घूर रहा था। तब मम्मी ने कहा-

मम्मी: क्या देख रहा है?

मैं: मेरे जन्मस्थान को‌।

इतना बोलते ही मैं और मम्मी बहुत जोर से हसने लगे, और मैंने बिना देर किए मम्मी की चूत चूसनी शुरू कर दी।

मैंने अपनी जीभ मम्मी की चूत में डालनी शुरू कर दी, और जोर-जोर से चूसने लगा। कभी-कभी मैं उनकी चूत के बाहर निकले हिस्से को आपने दातों से काट देता था धीरे-धीरे,‌तो मम्मी की आह निकल जाती।

तभी मम्मी बोलने लगी: बस कर बस कर।

लेकिन मैं रुका नहीं। तभी मम्मी का शरीर अकड़ने लगा, और एक दम से उन्होंने मेरे सर को अपनी चूत में घुसा लिया। फिर अचानक से मम्मी की चूत से उनका काम रस निकला, जो कि थोड़ा नमकीन था। मैं सारा का सारा पी गया, और उनकी चूत को चाट कर साफ कर दिया।

तब मम्मी ने मेरी चड्डी निकाल दी, और मेरा 11 इंच का लंड देख कर बोली-

मम्मी: इतना बड़ा मैंने अब तक नहीं लिया है।

और फिर वो मेरा लंड चूसने लगी। वो कभी लंड का टोपा चूसती, तो कभी मेरे गोटे। ऐसा करते-करते 30 मिनट में मेरा पानी निकला। वो सब पी गई, और थोड़ा लंड चूसने के बाद मेरा लंड खड़ा हो गया। तब मम्मी ने कहा-

मम्मी: मुझे मम्मी की तरह नहीं, एक रण्डी की तरह चोदना। बेटे तेरी रण्डी तैयार है, चुदाई शुरू करो!

मैं: मम्मी मन तो कर रहा है तुम्हें कुचलने का, मगर तुम्हे देख कर प्यार करने का मन कर रहा है।

तो मम्मी बोली: राजा प्यार करने नहीं, मै तो सिर्फ चुदने आयी हूं तेरे पास। तेरा जैसे मन करे वैसे रगड़ ले मुझे। अगर मुझे खुश नहीं किया ना, तो शर्त याद हैं ना?

मैं: तो फिर तैयार हो जा मेरी जान आज।

तो मम्मी बोली: मैं जान नहीं रंडी हूं, पेल दे बस तू जान बनाने का ख्वाब मत ले। और आजा अब बकचोदी बहुत हो गयी।

मैं: रूक रंडी, अभी तेरी सारी गर्मी निकलाता हूं। बहन की लोड़ी, मुझसे बकवास कर रही है।

तो मम्मी बोली: हा कुत्ते, तेरे जैसे बहुत आए गये, तू भी आजा अब।

तभी मैंने अपने हाथों से मम्मी की दोनों चूचियों को पूरी ताकत से दबा दिया ।

मैं: रंडी, अब रहा नहीं जाता।

तो मम्मी बोली: ठीक है कुत्ते, चढ़ जा, बता किस स्टाइल में करेगा?

मैं: तुझे जैसे चुदना पसंद है वेसै ही।

तो मम्मी बोली: कुत्ते मैं रंडी हूं घरवाली नहीं। तेरा मन करे वैसे पेल, नाटक मत कर।

इतना सुनते ही मैंने बेड पर मम्मी को लिटा दिया, और मम्मी की गांड के नीचे दो तकिये लगा कर उनकी टागों को पूरा फैला कर लंड चूत पर रख कर खिसने लगा।

तो मम्मी भी आहें निकालने लगी। मम्मी की चूत से रस लगातार धीरे-धीरे निकल रहा था, और उधर मम्मी की थूक से मेरा 11 इंच का काला लंड चमक रहा था।

तभी मैंने मम्मी की चूत मे थोड़ा सा लंड पूरी ताकत से घुसा दिया। मम्मी की एक हल्की आह निकली। दूसरे झटके मे लगभग 7 इच से ज्यादा लंड चूत मे घुस चुका था। अब बाकी का जो बचा था, उसके लिए उनके कंधो को कस कर पकड़ लिया। मम्मी भी तैयार थी। तभी मैंने जोर का झटका लगा कर मम्मी की चूत में पूरा लंड फसा दिया।

मम्मी इतनी जोर से चीखी, कि अगर पास में कोई होता तो उसे पता चल जाता कि अंदर जोरदार चुदाई चल रही है। मगर दर्द हुआ तो चीख निकल पड़ी। चीख सुनते ही मैं हसने लगा और कहा-

मैं: तेरी गांड तो अभी से फटने लगी कुतिया।

तो मम्मी ने रोते हुए: कहां कुत्ते, वो तो 20 साल पहले ही फट चुकी है, तू तो बस चोद ले। सील खोलने वाले तो मर्द अलग थे वो।

मैं: कुतिया, उनके लंड से आगे की चूत में आज फाड़ने वाला हूं तेरी।

फिर मैं मम्मी को एक बेहरम की तरह चोदने लगा। करीब 5 मिन में मम्मी मेरा साथ देने लगी, और आह आह आह और जोर से बोलने लगी।

मम्मी को मैं जितनी ताकत से चोदता, उतना ही मम्मी जोर से चोदने को कहती। तो मैं और ताकत से लंड को चूत में डालता, और चूत के इस जोरदार युद्ध में आज भी जीत तो चूत की होनी थी।

ऐसा करते-करते मुझे 1 घंटा हो गया, और मम्मी भी 2 बार झड़ चुकी थी

तभी मम्मी बोली: कुत्ते कितना चोदेगा? मेरी चूत में जलन होने लगी है, अब बस कर।

लेकिन तभी मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है।

मैं: मेरी रण्डी, मेरा पानी निकलने वाला है।

तो वो बोली: कुत्ते, अपने लंड का माल तो चखा दे। अंदर मत डालना।

तभी मैंने लंड बाहर निकाल लिया, और मम्मी के मुंह में डाल कर मम्मी के सर को पकड़ कर उसे चोदने लगा। एक मिनट के बाद मेरे लंड ने तीन लंड जितना वीर्य एक लंड से उगल कर मम्मी के मुंह को पूरा माल से भर दिया। मम्मी ने माल गटक कर मेरा लंड साफ कर दिया।

तभी 10 मिनट के बाद वो उठ कर बाथरूम जाने लगी, तो मैंने देखा कि वो अपनी टांगे फैला कर चल रही थी। फिर वो 5 मिनट में अपनी चूत साफ करके आई।

मैं: क्यों मेरी जान, रण्डी बनना है क्या?

मम्मी: जा मेरे राजा, आज से मैं तेरी हुई। कैसे भी मुझे चोद मैं माना नहीं करूंगी।

मैं: क्या हुआ मम्मी, आप पैर फैला कर चल रही थी?

मम्मी: हां तो तूने ऐसे चूत मारी है, कि मेरी चूत फट गई। तूने सही कहा था, कि मुझे चलने लायक नही छोड़ेगा।

मैं: तो शर्त के हिसाब से मैं जीता या हारा?

मम्मी: तू पूरे नंबर से पास हो गया है मेरे राजा। अब सो जा, मैं बहुत थक गई हूं। और मेरी चूत में जलन हो रही है, और थोड़ी फट भी गई है।

मैं: अभी तो चूत ही फटी है, अभी गांड बाकी है।

इतना सुनते ही मम्मी डर गई और बोली: एक बार चूत में लिया तो चूत फट गई, और गांड में लूंगी तो क्या होगा?

तभी मुझे याद आया कि मैं दारू लाया था।

तो मैंने कहा: मम्मी दारू लाया हूं उसे पीलो, तो दर्द कम होगा।
 

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मां की चूदाई का सफर - 4




मम्मी: हां तो तूने ऐसे चूत मारी है, कि मेरी चूत फट गई। तूने सही कहा था, कि मुझे चलने लायक नहीं छोड़ेगा।

मैं: तो शर्त के हिसाब से मैं जीता या हारा?

मम्मी: तू पूरे नंबर से पास हो गया है मेरे राजा। अब सो जा, मैं बहुत थक गई हूं। और मेरी चूत में जलन हो रही है, और थोड़ी फट भी गई है।

मैं: अभी तो चूत ही फटी है, अभी गांड बाकी है।

इतना सुनते ही मम्मी डर गई और बोली: एक बार चूत में लिया तो चूत फट गई, और गांड में लूंगी तो क्या होगा?

तभी मुझे याद आया कि मैं दारू लाया था।

तो मैंने कहा: मम्मी दारू लाया हूं उसे पीलो, तो दर्द कम होगा।

फिर मैंने और मम्मी ने नंगे ही बैठ कर दारू के 2 पेग पिए। फिर मम्मी को ना जाने क्या सूझा, वो एक ग्लास में दारू और बर्फ डाल कर नीचे बैठ गई, और मेरा लंड पकड़ कर चूसने लगी और ग्लास में डुबा-डुबा कर मेरे लंड से दारू पीने लगी

तब मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने कहा: रण्डी, अभी पूरे मार्क्स मिले है। अब मैं क्लास टॉप करूंगा तेरी गांड़ फाड़ कर।

लेकिन मेरी मम्मी जानती थी, कि अपनी गांड में मेरा हबशी का लंड लेने का मतलब क्या था।

मेरा लंड लेने की वजह से मेरी मम्मी की गांड हमेशा के लिए पाइप जैसी बन कर रह जाएगी।

मम्मी ने कहा: मैं आपका लंड नहीं ले पाऊंगी बिना किसी लुब्रिकेंट के। अगर तेरे पास लुब्रिकेंट है बेटा, तो तू वह लगा कर मेरी गांड जरूर मार ले।

तो मैंने एक लुब्रिकेंट उठाया और आपने 11 इंच लंबे और 3.5 इंच मोटे लंड पर लगाया।‌ फिर मैंने मम्मी को चारपाई के पास खड़ा कर लिया, और मम्मी को चारपाई पर झुका दिया। इस बार मैंने मम्मी को लंड नहीं चूसने दिया, और अपना लंड उसकी गांड पर सेट कर दिया। मम्मी की सांसे अटक गयी थी। फिर मैंने अपने लंड का सुपारा मम्मी की गांड मे घुसा दिया।

तो मम्मी ने चारपाई की चद्दर को अपनी मुट्ठी में भर लिया। मैंने ताकत लगा कर दो झटकों में पूरा गांड में ठोक दिया। तो मम्मी दर्द से बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी।

वो जोर से चिल्लाने लगी: बहन के लोड़े, मारेगा क्या? आराम से डाल दे।

मैं: रंडी की गांड फट गयी क्या सच में?

मम्मी की गांड फट गयी थी। इसकी गवाही मेरे 11 इंच लंबे लंड के सुपारे पर लगा खून बता रहा था।

मैंने लंड बाहर निकाल कर मम्मी को दिखा कर कहा: देख रंडी, आज तेरी गांड फटी है।

मम्मी ने कहा: कुत्ते, फट तो कब की गयी, आज थोड़ी गहरी और हो गयी है।

मैं: अब तो तू गधे का लंड भी ले लेगी पूरा।

और एक बार फिरसे मैंने मम्मी की गांड मे लंड ठोक दिया। मम्मी चाह कर भी कुछ नहीं कर पाई। मगर मम्मी की आंखो से निकलते आंसू उनके दर्द को बयां कर रहे थे। उधर अब मैं अपने लंड पर गुरूर करते हुए मम्मी की गांड की ठुकाई करने लगा।

तो मम्मी की दर्द से हालत खराब होने लगी। मगर मेरे लंड की मोटाई कम होने से मम्मी की तकलीफ जल्द ही खत्म हो गयी। और दस मिनट के बाद लंड की जगह बनने के बाद अब मम्मी गांड हिला कर लंड अंदर लेने लगी, तो मुझे पसीने आने लगे।

वो अब मुझको गाली देने लगी: क्या हुआ बहन के लोड़े? चोद ना, इतना ही है तो अब तू घुस जा मेरी गांड में बहन के लोड़े, पेल जोर से, हरामी, कुत्ते कही के।

मैं गाली सुन कर भड़क गया, और गांड पर थप्पड़ मार कर गांड फाडने में लगा। तो मम्मी भी लगातार चूत से रस बहा कर चुदाई का मजा लेती रही। चूत से छूटते काम रस से मम्मी के शरीर में थकान आ रही थी। तो मैं पूरी ताकत से मम्मी को चोद कर मम्मी को अपने लंड से जीतना चाहता था, और दोंनो जने घमासान चुदाई करते रहे।

मम्मी की चीखों से आस-पड़ोस के लोगों ने अगर सुना होगा, तो उन्हें भी यकीन हो गया होगा कि आज किसी की मां-बहन चुद रही थी। मम्मी मेरे नीचे थी, मगर दोनों को इस बात की कोई परवाह नहीं थी। हम तो एक-दूसरे से बस चुदाई का मजा ले रहे थे भरपूर। करीब एक घंटे तक गांड मरवाने के बाद मम्मी का खड़ा रहना मुश्किल हो चुका था।

मगर मम्मी को पता था, कि मैं जल्दी ही झड़ने वाला था, तो वो हिम्मत करके गांड उठा कर चुदती रही। मैंने मम्मी की चोटी पकड़ कर उनकी गर्दन में भी दर्द कर दिया था। इसी कारण मम्मी भड़क गयी थी, और मुझे लगातार गंदी-गंदी गालीया दे रही थी। मगर मुझे गाली सम्मान लग रहा थी। मम्मी की टांगो में कपकपी छूट गयी थी चुदते-चुदते, और मै़ं ये देख कर हस रहा था।

मगर मम्मी के हौंसले के आगे मैं बैचेन भी था। तभी कुछ देर बाद मेरे लंड ने भी जवाब दे दिया, और मैंने मम्मी की गांड मे अपने लंड का लावा उगल दिया। मम्मी की गांड की अच्छी चुदाई हुई, और मम्मी को भी अब राहत मिली। सारा माल निकलने के बाद मैंने अपना लंड गांड से बाहर निकाला, तो मम्मी घुटने मोड़ कर वही बैठ गयी और इस तरह एक हबशी के साथ मम्मी ने तीन बार चुदाई का चरमसुख प्राप्त किया।

दस मिनट बाद मम्मी खड़ी हुई तो मेरा वीर्य उनकी जाघों पर आ गया और मम्मी चारपाई पर लेट गयी और दस मिनट सुस्ता कर खड़ी होकर बाथरूम गयी। फिर पेशाब करने के बाद मम्मी ने पानी लेकर अपनी चूत ओर गांड को धोकर अच्छे से साफ किया।

फिर मम्मी ने एक पैक पिया, वो भी नीट। और फिर मेरे ऊपर आकर मेरी छाती चूमने लगी।

मैं: क्या हुआ मम्मी?

तो मम्मी बोली: अभी दिल भरा नहीं।

तो मैंने बोला: मम्मी मैंने आपको गाली दी तो आपको बुरा तो नहीं लगा ना?

तो मम्मी ने बोला: नहीं बेटा, मैं बहुत खुश हूं। तुझसे ऐसी गांड़ फाड़ चुदाई करके मजा आ गया। अब से मैं तेरी गुलाम, रण्डी, रखैल, जो तुझे बोलना हो बोलना। तू बोलेगा, तो मैं किसी से भी चुद लूंगी। लेकिन सिर्फ तेरे कहने पर। मैं मेरी कुतिया हूं आज से मेरे मालिक।

एक बार फिर से मेरा लंड अपने पूरे उफान पर आ गया था। और मेरी मम्मी ने उसी कुर्सी पर बैठे-बैठे ही मेरे लंड को अपनी चूत में डाल दिया। मम्मी इस बार भी बहुत ज्यादा चिल्ला रही थी। लेकिन खुद ही मेरे लंड पर अपने आप को उछाल भी रही थी। और करीब 15 मिनट तक मम्मी ने मेरे लंड पर उछल कूद करने के बाद, मेरे लंड का माल अपनी चूत में ही डलवा लिया ।

इतना झड़ने के बाद तो ऐसा लगा मानो मेरे के अंदर शक्ति नहीं बची हो। तब मेरी मम्मी खड़ी हुई। उससे ठीक से खड़ा भी हुआ नहीं जा रहा था, और वह लंगड़ाती हुई अपने कपड़े के पास गई और अपने कपड़ों को पहनने लगी।

मैं: चलो मेरे साथ ऊपर। चलो बाथरूम में, वहां पर एक साथ ही नहाएंगे।

और अब मैं और मम्मी ऊपर की तरफ जाने लगे, और एक बार फिर से ऊपर वाले बाथरूम में चुदाई की। बहुत ज़ोर ज़ोर से आवाज आने लगी, क्योंकि मैंने एक बार फिर से मम्मी की गांड में लंड डाल दिया था, और मेरी मम्मी एक बार फिर से जोर-जोर से चिल्ला कर मेरे लंड को अपनी गांड में ले रही थी। करीब 20 मिनट के बाद मैंने अपना पानी फिरसे मम्मी की गांड में डाल दिया।

थोड़ी देर के बाद दोनों लोग नहा कर नीचे आते हैं, और मेरी मां एक दम गजब की लग रही होती है नहाने के बाद। उसके बाद हम दोनो नंगे ही चिपक कर सो गए।

 

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मां की चूदाई का सफर - 5




अब मैं और मम्मी ऊपर की तरफ जाने लगे, और एक बार फिर से ऊपर वाले बाथरूम में चुदाई की। बहुत ज़ोर-ज़ोर से आवाज आने लगी, क्योंकि मैंने एक बार फिर से मम्मी की गांड में लंड डाल दिया था, और मेरी मम्मी एक बार फिर से जोर-जोर से चिल्ला कर मेरे लंड को अपनी गांड में ले रही थी। करीब 20 मिनट के बाद मैंने अपना पानी फिरसे मम्मी की गांड में डाल दिया।

थोड़ी देर के बाद दोनों लोग नहा कर नीचे आते हैं, और मेरी मां एक दम गजब की लग रही होती है नहाने के बाद। उसके बाद हम दोनो नंगे ही चिपक कर सो गए।

सुबह जब मेरी आंख खुली तो देखा कि मैं बिस्तर पर अकेला लेटा हुआ था, और मम्मी वहा नहीं थी क्योंकि सुबह के 10 बज गए थे। जब में नीचे आया तो देखा कि पापा ड्यूटी पर चले गए थे और पास वाली आंटी मम्मी के साथ गपशप मार रही थी। मुझे देख वो आंटी चली गई, और मम्मी किचन में खाना बनाने के लिए चली गई। तभी मैं भी उनके पीछे-पीछे किचन में चला गया।

मम्मी: क्या कर रहा है, बेटा?

हट मुझे रोटी बनाने दे। तेरे पापा आते ही होंगे।

मैं: क्या मम्मी, जब पापा आएंगे तो मैं हट जाऊंगा।

मम्मी अपना काम करती रही, और मैं उनके दूध से खेलता रहा।

मम्मी: बेटा, अगर तू ऐसे ही करता रहा, तो मैं काम नहीं कर पाऊंगी।

मैंने मम्मी का हाथ ऊपर कर दिया और उनकी बूब्स को चाटने लगा। और मम्मी मुझे देखने लगी। कि तभी किसी ने दरवाजा खटखटा दिया। मैं समझ गया पापा आ गए थे। फिर मैंने जाके गेट खोल दिया और पापा अंदर आ गए।

फिर मम्मी ने पापा और मुझे खाना दिया। और खाना खाके पापा थोड़ी देर लेट गए। और कुछ देर आराम करने के बाद वो चले गए। उसके बाद मम्मी ने भी खाना खा लिया। फिर वो आपने कमरे में आ गई। आज मम्मी ने साड़ी और ब्लाउज पहना था।

मैं: मम्मी, आज आपने मैक्सी क्यों नहीं पहनी?

मम्मी: बेटा, वो धो के डाली है। इसीलिए नहीं पहनी। मगर तू क्यों पूछ रहा है?

मैं: मम्मी, मैक्सी खुली-खुली रहती है। और उसमें आपको भी आराम मिलता है। और मुझे आपको देख कर आराम आता है।

मम्मी मेरी बात सुन के हंसने लगी। फिर वो श्रृंगार दान के सामने कुछ करने लगी। और मैंने उन्हें पीछे से पकड़ लिया। फिर मैं मम्मी की पीठ को चूसने लगा और मम्मी आंखें बंद करके खड़ी रही।

मैं मम्मी की पीठ को चूम रहा था। फिर मैं ब्लाउज के ऊपर से ही उनके दूध दबने लगा। मम्मी मुझे और खुद को शीशे में देख रही थी, और मुझे भी खुद को देख कर अच्छा लग रहा था।

तब भी मैंने मम्मी के ब्लाउज को पकड़ा, और जोर से खींच दिया। इससे ब्लाउज के सारे हुक टूट गए। और ब्लाउज के खुलते ही मम्मी के दूध उछल के बहार आ गए। मम्मी मेरी हरकत से चौक गई है।

मम्मी: ये क्या किया तूने? मेरा ब्लाउज क्यों फाड़ दिया?

मैंने मम्मी की बात का कोई जवाब नहीं दिया, और उनके होंठो को चूसने लगा। फिर मम्मी भी मेरा साथ देने लगी। मैं मम्मी के होंठो को चूसते हुए उनके दूध को दबा रहा था, और अब मम्मी भी गरम होने लगी थी। मम्मी मुझे ये सब करते हुए शीशे में देख रही थी। वो थोड़ी-थोड़ी शर्मा रही थी।

फिर मैंने मम्मी का ब्लाउज और पेटीकोट निकाल दिया,‌और अब मम्मी नंगी शीश के सामने खड़ी थी। फिर मैं भी नंगा हो गया, और मेरा लंड एक-दम टाइट हो गया था।

तभी मम्मी ने मेरा लंड पकड़ा लिया, और आगे-पीछे करने लगी। फिर मम्मी नीचे बैठ गई, और मेरा लंड चुसने लगी। और मेरे 11 इंच बड़े लंड को चूसते हुए उनकी नजर बार-बार शीशे पर जा रही थी। जिसे देख-देख कर उन्हें भी शर्म आ रही थी। कुछ देर चूसने के बाद मम्मी खड़ी हो गई। फिर मैंने मम्मी को शीशे के सामने ही झुक दिया, और पीछे से उनकी छूत और गांड को चाटने लगा।

मम्मी झुकी-झुकी आपने गांड और चूत को चटवा रही थी, और शीशे में उनके चेहरे के बदलते भव मुझे साफ दिख रहे थे। मम्मी खुद को शीशे में देख कर अपनी आंखें बंद कर रही थी। कुछ देर चूत और गांड चाटने के बाद मैं खड़ा हो गया।

फिर मैंने अपना लंड मम्मी की चूत में डाल दिया। मम्मी झुक कर मेरे 11 इंच बड़े लंड को अपनी चूत में लेने लगी। मैं मम्मी को शीशे के सामने चोद रहा था, और मम्मी आह आह कर रही थी। मेरा लंड मम्मी की चूत में जाता शीशे में साफ दिख रहा था, और मम्मी आपने होंठो को काट रही थी। वो मुंह बना रही थी।

मैं: मम्मी, शीशे में देखो, कैसे मेरा लंड आपकी चूत में जा रहा है। और आपके दूध और मंगलसूत्र कैसे उछल रहे है।

मम्मी खुद को बार-बार देखती और फिर आपकी आंखें फेर लेती। मगर मुझे तो सच में बहुत मजा आ रहा था। कुछ देर खड़े-खड़े चोदने के बाद, मैंने मम्मी को बिस्तर के कोने पर लिटा दिया। फिर से मम्मी की टांगे पकड़ के चोदने लगा।

मम्मी को भी मजा आ रहा था। इस चुदाई में मैंने 2 बार मम्मी का पानी निकाल दिया, और उसके बाद हम दोनों ही नंगे सो गए। शाम को जब मेरी आंख खुली, तो मैंने देखा मम्मी अभी भी सो रही थी।

फिर मैंने उनके माथे को चूम लिया और तभी मम्मी भी उठ गई। उन्होंने मेरी आंखों में देखा, और एक मुस्कान उनके चेहरे पर आ गई। फिर मैं मम्मी के लिए बाहर सूख रही उनकी मैक्सी ले आया। और उन्होंने अपनी मैक्सी पहन ली।

नीचे अभी भी मम्मी का पेटीकोट और ब्लाउज पड़ा हुआ था। फिर मम्मी उठ गई और आपने कपड़े उठाने लगी। फिर मम्मी अपना काम करने लगी। कुछ देर बाद उन्होंने मुझे चाय दी, और मैं चाय पीके बाहर आ गया। मैं अपने दोस्तों के साथ घूमने निकल गया।

रात करीब 8 बजे मैं वापस आया, और आते हुए मम्मी के लिए गोलगप्पे और मोमोज लेकर आया, जो उन्हें बहुत पसंद है। फिर मैंने, पापा और मम्मी ने मजे से सब खाया। और उसके बाद मम्मी टीवी देखने लगी। फिर कुछ देर बाद मम्मी ने सबके लिए खाना निकाला, और हम सब खाना खाने लगे। खाना खाने के बाद मैं छत पर चला गया, और मम्मी आपने काम करने लगी।

काम खत्म करके मम्मी भी छत पर आ गई, और मेरे साथ खड़ी हो गई। फिर मैं मम्मी के पीछे आ गया, और उनके कंधे दबाने लगा।

मैं: मेरी मम्मी थक गई क्या?

मम्मी: नहीं बेटा, मैं ठीक हूं।

मैं: मम्मी, आप सारा दिन काम करती हो। थक तो जाति ही हो।

मम्मी: आज बड़ा प्यार आ रहा है आपनी मम्मी पर, क्या बात है बेटा?

मैं: प्यार तो हमेशा से था मम्मी। बस आज आपने भी मुझे वो प्यार करने का मौका दिया है। जिसकी जरूरत आपको भी थी।

मम्मी: ओह मेरा बच्चा। तू सच में इतना प्यार करता है मुझसे।

इतना बोल कर एक नॉटी स्माइल दी।

मैं: आप कहो तो यहां से कूद जाता हूं, सिर्फ आपके लिए।

मम्मी: ये कैसी बात कर रहा है? अगर दुबारा बोला तो थप्पड़ खाएगा। तू क्यों मरेगा? मरे तेरे दुश्मन।

मम्मी की बात सुन के मैंने उनके गाल पर एक किस कर दिया।

मैं: मम्मी, एक बात पूछूं, अगर आप बुरा ना मानो तो?

मम्मी: हां बेटा पूछो क्या बात है?

मैं (हल्की आवाज में): मम्मी पापा भी आपकी गांड मरते हैं?

मम्मी मेरा सवाल सुन के मुझे देखने लगी। फिर वो बोली।

मम्मी: हां बेटा, तेरे पापा भी मेरे पीछे से करते हैं।

मैं: मम्मी, इससे आपको दर्द नहीं होता?क्योंकि मैंने सुना है इससे बहुत दर्द होता है।

मम्मी: हां शुरू-शुरू में हुआ था। और अगर ठीक से किया जाए तो ज्यादा दर्द नहीं होता है।

मैं: वैसे मम्मी, जब मैं आपकी गांड को चाट के गीला कर देता हूं, तो आपको इसमें मजा आता है या नहीं?

मम्मी: हां बेटा, मुझे अच्छा लगता है। जब तू मेरे नीचे चाटता है तो। सच कहूं तो तेरे पापा ने भी कभी मुझे इस तरह प्यार नहीं किया। जैसे तू करता है।

मैं: मम्मी, मुझे भी आपके साथ बहुत अच्छा लगता है। आज सुबह और दोपहर को जो प्यार भरे पल मैंने आपके साथ बिताए है, वो मेरी जिंदगी के सबसे हसीन पल है।

मेरा लंड मम्मी से बात करते हुए खड़ा हो चुका था। और मम्मी ने छत पर ही उस पर हाथ रख दिया, और कच्छे के ऊपर से ही पकड़ लिया।

मम्मी: बेटा, तेरा ये लंड हमेशा खड़ा ही रहता है क्या?

मैं: मम्मी, जब आप मेरे सामने या पास में होती हो। तब ये आपने आप ही खड़ा हो जाता है।

मम्मी ने मेरे कच्छे के अंदर हाथ डाल दिया। वो मेरे लंड को सहलाने लगी।

मैं: एक बात पूछूं क्या?

मम्मी: हां पूछो ना।

मैं: मेरा लंड बड़ा है या पापा का?

मम्मी: तेरा लंड बहुत बड़ा है, और तू बहुत टाइम तक चोदता है। तेरे पापा का लंड तो 4 इंच का है और 2 से 4 मिनट में झड़ जाते है।

तभी मेरा लंड खड़ा होने लगता है

मैं: मम्मी, आप मेरे शैतान को जगा रही हो। फिर सोच लो। इसे सोने के लिए 2 गुफा की जरूरत पड़ेगी।

मम्मी: तो मैंने तुझे कब मन किया है बेटा?

मम्मी की बातों से साफ लग रहा था कि वो मुझसे और चुदवाना चाहती थी। बस वो खुल के नहीं कह रही थी। मगर समझदार को इशारा ही काफी होता है। मैं: मम्मी, पापा जब सो जाएंगे तो आप छत पर ही आ जाना। मैं अभी छत पर ही टहल रहा हूं। फिर मैं नीचे बैठ गया, और मम्मी खड़ी ही रही। फिर मैंने मम्मी की मैक्सी में हाथ डाला, और सीधा उनकी चूत पर पहुंच गया।

मम्मी की चूत पानी-पानी हो रही थी। वो मुझे ही देख रही थी। मैं मम्मी की चूत को सहलाने लगा। फिर कुछ देर चूत सहलाने के बाद मम्मी बोली।

मम्मी: बेटा, अब रहने दे। मैं नीचे जा रही हूं।

मम्मी की बात सुन के मैं खड़ा हो गया।

में: मम्मी, मैं आपका इंतजार करूँगा। जब तक आप नहीं आ जाओगे।

फिर मम्मी नीचे चली गई, और मैं छत पर ही टहलने लगा। मैं लगभग आधा घंटा टहलता रहा और मम्मी अभी तक नहीं आई। इसीलिए मैं नीचे आ गया, और सीधा पीछे खिड़की के पास पहुंच गया। मैंने देखा कमरे की रोशनी जल रही थी। फिर मैंने हल्के से अंदर देखा तो पापा नीचे लेटे हुए, और मम्मी उनके लंड पर चढ़ी हुई थी।

मम्मी पापा के लंड पर उछल रही थी, और उनके दूध और मंगलसूत्र भी उछल रहे थे। पापा मम्मी के दूध दबा रहे थे, और मम्मी बड़े ही आराम से चुदवा रही थी। फिर पापा ने मम्मी को नीचे लिटा दिया। वो उनके ऊपर आ गए। पापा ने अपना लंड मम्मी की चूत में डाल दिया।

फिर से वो धक्के लगाने लगे। मम्मी बस लेटी हुई थी, और पापा धक्के लगा रहे‌ थे। फिर कुछ देर बाद पापा ने अपना पानी मम्मी की चूत में निकाल दिया।

वो उनके ऊपर लेट गए। मम्मी पापा की चुदाई देख कर मैं वापस ऊपर छत पर आ गया, और आंगन की तरफ देखने लगा। फिर कुछ देर बाद मम्मी आंगन में दिखाई दी। वो हैंडपंप के पास जाके बैठ गई। फिर वो पानी से अपनी चूत को साफ करने लगी। अपनी चूत को साफ करने के बाद जब मम्मी वापस आ रही थी, तो उनकी नजर मुझपे पड़ी, और उन्होंने मुझे अपने हाथ से रुकने का इशारा किया।

फिर वो वापस कमरे में चली गई, और मैं वापस टहलने लगा। लगभग 1 घंटा टहलने के बाद मम्मी ऊपर आ गई, और मुझे देखते ही उन्होंने मुझे जमीन पर बैठा लिया। वो मेरे होंठो को चूसने लगी। मैं भी मम्मी के होंठो को चूस रहा था। हम दोनों बिना किसी के डर के लगभग 5 मिनट तक एक-दूसरे के होंठो को चूसते रहे। फिर मम्मी अलग हो गई।

मैं: मम्मी, पापा सो गए क्या?

मम्मी: हां बेटा तेरे पापा सो गए। इसीलिये तो तेरे पास आई हूं।

मैं: मम्मी, आज पापा ने फिर से आपको गरम ही छोड़ दिया?

मम्मी: हां बेटा, वो तो हमेशा से ही ऐसा करते हैं। वैसे क्या आज भी तू हमें देख रहा था?

मैं: हां मम्मी, जब आप ऊपर नहीं आए तो मैं नीचे देखने आया था। तो मैंने आप दोनों को देखा। वैसे अब पापा उठेंगे तो नहीं?

मम्मी: नहीं बेटा, अभी तो कुछ देर नहीं उठेंगे। तब तक हमारे पास टाइम है।

मम्मी ने पास में पड़ी चटाई उठाई, और नीचे बिछा दी। फिर मैं और मम्मी चटाई पर आ गए, और मैंने मम्मी के होंठो को चूसते हुए उन्हें लिटा दिया। फिर मैं मम्मी की मैक्सी ऊपर करने लगा। इस बार मम्मी ने खुद अपनी मैक्सी अपने दूध के ऊपर तक उठा ली। फिर मैं नीचे झुक कर मम्मी की चूत चाटने लगी, और मम्मी ने अपना हाथ मेरे सर पर रख दिया।

यहां मैं मम्मी की चूत चाट रहा था, और वो मेरा सर सहला रही थी। बीच-बीच में मम्मी मेरा सर अपनी चूत पर भी दबा रही थी। उन्हें देखने से साफ़ पता चल रहा था, कि वो अंदर से कितनी गरम थी। और हो भी क्यों ना, पापा ने उन्हें गरम जो छोड़ दिया था।

कुछ देर मैं मम्मी की चूत चाटता रहा। फिर मम्मी ने मुझे लिटा दिया। वो मेरा लंड चूसने लगी। सच में दोस्तों खुली छत पर चुदाई करने में एक अलग ही मजा आ रहा था। मम्मी गपा-गप मेरा लंड चूस रही थी। फिर कुछ देर अपना 11 इंच बड़ा लंड चुसवा के मैंने मम्मी को सीधा लिटा दिया। और उन्होंने खुद अपनी टांगे फैला ली। और इस बार खुद उन्होंने मेरे 11 इंच बड़े लंड पर अपनी चूत डाल दी। फिर मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए। छत पर इतनी रोशनी नहीं थी, जो सब कुछ साफ दिखें। मगर फिर भी मम्मी की चुदाई में मज़ा आ रहा था।

मैं धक्के लगाये जा रहा था, और मम्मी आह आह आह कर रही थी। मम्मी ने अपनी टांगे मेरी कमर में बांध ली थी, और उनका हाथ मेरी गांड पर आ गया था। मैंने देखा मम्मी मेरी गांड को पकड़ के आपने चूत की तरफ धकेल रही थी।

जिससे मेरे धक्के तेज-तेज पड़ रहे थे। मुझे और मम्मी को छत पर मच्छर काट रहे थे, मगर फिर भी हम दोनों चुदाई में लगे हुए थे। और आज देखने से लग रहा था, कि मम्मी कुछ ज्यादा ही गरम थी। शायद मैंने ही एक भूखी शेरनी के मुंह खून लगा दिया था। जब मच्छर ज्यादा काटने लगे, और मम्मी को भी दिक्कत होने लगी, तो मम्मी बोली-

मम्मी: बेटा, यहां मच्छर बहुत काट रहे हैं, चल नीचे चलते हैं।

मम्मी की बात सुन के मैंने अपना कच्छा पहन लिया और मम्मी मेरा हाथ पकड़ के नीचे ले गई। नीचे जाते ही जब मैं मम्मी के कमरे के पास गया और दरवाजा थोड़ा सा खोल के देखा, तो पापा चैन की नींद सो रहे थे।

मैं (हल्की आवाज में): मम्मी पापा तो घोड़े बेच के सो रहे हैं।

मम्मी: हां बेटा, तेरे पापा अपना काम करके ऐसे ही सो जाते हैं। उन्हें दूसरे की कोई परवाह ही नहीं है।

मम्मी की बात सुन के मैंने मम्मी को दरवाजे के पास झुका दिया, और मम्मी भी तुरंत झुक गई और उन्होंने अपनी मैक्सी ऊपर कर ली।

मम्मी: तू आज भी अपने पापा के सामने ही मुझे चोदेगा?

मम्मी के मुंह से चोदेगा शब्द सुन के मजा आ गया। अब मुझे लग रहा था कि मम्मी मेरे साथ खुल रही थी।

मैं: हां मम्मी, आपको पापा के सामने ही चोदूंगा। आपको ना खुश करने की सजा उनको भी तो मिलने चाहिए। वैसे मेरा बस चले तो पापा की आंखों के सामने आपको चोदूं, और उन्हें कहूं कि क्यों मेरी मम्मी को आप गरम ही छोड़ देते हो?

मम्मी मेरे सामने झुकी हुई थी। फिर मैंने अपना 11 इंच बड़ा लंड उनकी छूत में डाल दिया। और मम्मी की कमर को पकड़ के धक्का लगाने लगा। मम्मी अपने मुंह पर हाथ रख कर झुकी हुई थी, और मैं धक्का लगा रहा था।

मैं (हल्की आवाज़ में): देखो पापा, मम्मी को कितना मज़ा आ रहा है मेरे लंड से। काश आप भी मम्मी की इस जन्नत का सही से सुख ले पाते।

मम्मी: बस ऐसे ही आह रुकना मत बेटा। रुकना मत।

मम्मी सच में बहुत गरम हो गई थी। जो इतने खुले-खुले शब्द बोल रही थी। और मैं धक्के पे धक्के लगाये जा रहा था। फिर कुछ देर बाद मम्मी का शरीर कांप गया। वो दीवार पकड़ के आगे होने लगी, और मैं वही रुक गया। और मम्मी का पानी निकल गया।

मम्मी कुछ देर ऐसे ही खड़ी रही। फिर कुछ देर बाद मम्मी अपनी गांड को मेरे मेरे 11 इंच बड़े लंड पर मारने लगी। और मैंने फिर से धक्के लगाना शुरू कर दिया। सच में ऐसी चुदाई करने में बहुत मजा आ रहा था। और अब मेरा भी रुकना मुश्किल हो रहा था।

फिर कुछ और धक्के लगाने के बाद मेरा भी पानी निकल गया। और इस बार मैंने अपना सारा पानी मम्मी की गांड पर निकल दिया। मम्मी और मैं दरवाजे के बाहर खड़े होके हांफ रहे थे, और हम दोनों ही पापा को सोते हुए देख रहे हैं। फिर मैंने मम्मी की मैक्सी से सारा पानी साफ कर दिया।

फिर मैंने मम्मी को गोदी में उठा लिया, और उनको लेके अपने कमरे में आ गया। कमरे में आते ही हम दोनों एक-दूसरे के होंठो को चूसने लगे, और मम्मी मेरा लंड सहलाने लगी। मम्मी के जादू भरे हाथ लगते ही मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा। मम्मी भी देख कर हैरान थी कि मेरा लंड इतनी जल्दी कैसे खड़ा हो रहा था।

मम्मी: बेटा, तेरा ये तो बड़ी जल्दी खड़ा हो गया।

मैं: मम्मी, आपके हाथ में जादू जो है। वैसे मम्मी अब आप खुश तो हो ना? आपकी चूत की थोड़ी गर्मी जो निकल गई।

मम्मी: हां बेटा सच में, अब जाके चैन पड़ा मेरे अंदर। वरना हमेशा तो मैं पानी मार के शांत कर लेती थी खुद को।

मैं: मगर मम्मी आप खुद को उंगली करके भी तो शांत कर सकती थी।

मम्मी: बेटा, मुझे ये सब करना पसंद नहीं है। इससे और भी ज्यादा दिमाग गंदा होने लगता है। अगर मैं वो सब करने लगी, तो पक्का बाहर मेरा किसी से चक्कर हो जाएगा।

मैं: मम्मी, अब मेरे होते हुए आपको कभी किसी और को नहीं देखना पड़ेगा।

मम्मी: हां मेरे बच्चे, मैं जनता हूं। और कल रात से लेकर अभी तक 4 बार तेरे इसका कमाल देख चुकी हूं।

फिर मैं मम्मी की गांड दबाते हुए उनके होंठो को चूसने लगा। मैंने उन्हें बिस्तर पर घोड़ी बना दिया और उनकी गांड को चाटने लगा। मैंने चाट-चाट के मम्मी की गांड को गीला कर दिया। फिर अपनी उंगली मम्मी की गांड में डाल दी। और उंगली को अंदर बाहर करने लगा।

फिर कुछ देर में मैंने अपने 11 इंच बड़े लंड पर थूक लगा दी, और मम्मी की गांड के छेद पर लगा दी। अंधेरे की वजह से मैं लंड अंदर नहीं डाल रहा था। तब मम्मी ने मेरा लंड पकड़ा, और अपनी गांड के छेद पर लगा के दबाने लगी। जैसे ही मेरे 11 इंच बड़े लंड का सुपाड़ा थोड़ा अंदर गया तभी मम्मी एक दम से उछल पड़ी, और आगे हो गई। मगर मम्मी ने मुझे मना नहीं किया। उन्होंने फिर से मेरा लंड पकड़ के अपनी गांड में लगा दिया, और इस बार उन्होंने हल्के-हल्के मेरा सुपाड़ा अपनी गांड में डाल लिया।

मम्मी: बेटा, ऐसे आह रहने दे ना।

मैं वैसे ही खड़ा हुआ था। और मेरे 11 इंच बड़े लंड का सुपाड़ा मम्मी की गांड में था। फिर मम्मी के कहने पर मैं हल्के-हल्के से अपना लंड और डालने लगा, और बीच-बीच में मैं रुक भी जाता था।

फिर कुछ देर बाद मेरा पूरा 11 इंच बड़ा लंड मम्मी की गांड के अंदर समा गया, और मैं मम्मी की गांड पकड़ के धक्के लगाने लगा। मम्मी ऐसे ही झुकी रही और मैं उनकी गांड चोदता रहा।

मैं: मम्मी, आपकी गांड तो बहुत टाइट है। ऐसा लग रहा है‌ पहली बार इसके अंदर मेरा 11 इंच बड़ा लंड जा रहा हो। मम्मी: बेटा, पीछे आह ऐसे ही लगता है।

मैं हल्के-हल्के धक्के लगा रहा था। और मम्मी अपने मुंह पर हाथ रख कर झुकी हुई थी। फिर मैंने अपना 11 इंच बड़ा लंड निकाल लिया, मम्मी की पैंटी से साफ कर लिया।

मैं: मम्मी, मैं आपकी गांड बाहर पापा के सामने मारना चाहता हूं।

वो मुस्कुराने लगी। फिर मम्मी मेरा हाथ पकड़ के मुझे बाहर ले गई, और दरवाजे के पास जाके झुक गई। मैंने अपना 11 इंच बड़ा लंड मम्मी की गांड पर लगा दिया और उन्होंने खुद मेरा मेरे 11 इंच बड़े लंड को आपनी गांड में डाल लिया। मैं पापा को देखते हुए मम्मी की गांड चोद रहा था। और मम्मी भी अपने मुंह पर हाथ रख कर पापा को ही देख रही थी।

मम्मी की गांड मरते हुए मैं उनकी चूत सहला रहा था। देखने से लग रहा था था, कि मम्मी की चूत भी पानी छोड़ रही थी। फिर मैंने अपना 11 इंच बड़ा लंड गांड से निकाल लिया। और साफ करके मम्मी की चूत में डाल दिया। और वही खड़े खड़े मम्मी की चूत मारने लगा।

कुछ देर बाहर चुदाई करके हम दोनों वापस कमरे में आ गए। और मम्मी खुद जाके बिस्तर के कोने पर चली गई। मैं फिर से उनकी चूत मारने लगा, और कुछ ही देर बाद मम्मी ने फिर से पानी छोड़ दिया। फिर मैंने अपना लंड मम्मी की गांड में डाल दिया, और उनकी गांड को चोदते हुए वही अपना पानी निकाल दिया।

मैं और मम्मी हम दोनों हांफ रहे थे। फिर मम्मी ने मेरे होंठो को चूसा। फिर मम्मी ने अपनी मैक्सी ठीक कर ली, और मैंने दूसरा कच्छा पहन लिया।

मम्मी: बेटा, ये चड्डी बाहर डाल देना। मैं सुबह धो दूंगी।

मैं: ठीक है मम्मी। फिर हम दोनों बाहर आ गए। मम्मी हैंडपंप के पास पेशाब करने लगी और मैं उन्हें देखने लगा। पेशाब करने के बाद मैंने वही पर एक बार मम्मी को अपना 11 इंच का लंड चुसवाया।

मैं: मम्मी, आप खुश तो हो ना?

मम्मी: हां मेरे बच्चे, मैं बहुत खुश हूं।

जिस चीज के लिए मैं हमेशा तड़पती थी, वो कमी तूने पूरी कर दी है। अब तू भी जाके सो जा। कही तेरे पापा जाग ना जाए।

मैंने जाते हुए मम्मी के होंठो को चूम लिया। फिर वो अपने कमरे में जाके सो गई, और मैं भी अपने कमरे में आके सो गया।
 

junglecouple1984

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मेरी और मौसी की चुदाई की पहली दास्तान



हेलो दोस्तों मेरा नाम जय है, और मेरी उम्र 27 साल है। और यह कहानी है मेरी और मेरी दूर की मौसी की, जो कि मेरे घर के पास अपनी फैमिली के साथ किराए पे रहती थी। उनका नाम प्रतिभा था। उनकी बॉडी का आकार 32-30-36, और दिखने में रंग गेहुआ है। उनकी कमर पर एक सेक्सी मसा है, जो कि मुझे चुदाई करते समय पता चला। तो चलिए शुरू करते है।

यह बात है आज से चार साल पहले कोविड के समय दिसंबर की है, जब मौसा जी बाहर गए हुए थे, और मुझे घर का और मौसी का ख्याल रखने का बोल के गए हुए थे। वैसे तो मैं मौसी को काफी समय से चोदने का सोच रहा था, पर कभी मौका नहीं मिला।

तो हुआ कुछ ऐसा कि मौसा जी जिस दिन जा रहे थे, तो उस दिन मुझे उनको रात मे रेलवे स्टेशन छोड़ने जाना था। तो मैं उनके घर मे रुक गया। उनके घर में 2 रूम थे, और एक किचन, और जो रूम थे, उनके बीच में एक चार इंची की दीवार थी, जिससे एक रूम की आवाज दूसरे रूम में सुनाई देती थी।

तो जब खाना खा कर थोड़ा आराम करने को बोले, तो मैं दूसरे रूम में और मौसा और मौसी दूसरे वाले रूम में चले गए। मैं अपने रूम में मोबाइल चला रहा था, तभी थोड़ी चुम्मा-चाटी वाली आवाज आनी स्टार्ट हुई। तो मैं समझ गया कि माहोल गर्म हो रहा था। पर उस दिन स्मूच से ज्यादा कुछ करने नहीं दिया मौसी ने। क्योंकि दूसरे रूम में मैं था, तो वह कंफर्टेबल नहीं थी।

अब जब रात को मैं मौसा को छोड़ के वापस आया तो मौसी ने साथ में रूम में सोने को बोला। अब रूम ज्यादा बड़े थे नहीं, तो गांव से बेड लेके नहीं आए थे। तो नीचे ही सोते थे। और आज भी नीचे बिस्तर लगा हुआ था।

रात बहुत हो गई थी तो मौसी को नींद आ रही थी, और वह जल्दी सो गई थी। उन्होंने एक डेली यूज्ड नॉर्मल सारी पहनी हुईं थी, जिसमें ब्लैक कलर का ब्लाउज था। वह मुझे साइड मे सोने का बोल कर फिर से लेट गई, पर मुझे तो नींद आ नहीं रही थी, और इससे अच्छा मौका दूसरी बार मिलने वाला नहीं था।

तो मैं हिम्मत करके अपनी टी-शर्ट निकाल कर बनियान और लोअर में लेट गया, और उनकी कमर पर हाथ रख के लेट गया। उन्होंने मेरा हाथ नहीं हटाया, तो फिर धीरे-धीरे मैं उनके और पास होकर लेट गया, और उनके करवट बदलने का इंतजार करने लगा।

कुछ समय के बाद जब करवट बदली, तो मुझे मौका मिला उनकी गांड में अपने हथियार को सहलाने की। जैसे ही मैंने अपने लंड को मौसी की गांड से टच किया, 6 इंच का लंड हरकत में आ गया। धीरे-धीरे मैंने उसे गांड पर घिसना चालू किया, तो मौसी बोली, “शांति से सो जाओ, यह क्या हरकते है?”

पर मैं नहीं माना और अपने काम में लगा रहा। फिर मौसी एक-दम से उठ के बैठ गई, और मुझे एक थप्पड़ लगा दिया, और चिल्लाने लगी। तो में भी उठा और उनको शांत करने के लिए उनको पकड़ के लिप्स पर किस करने लगा। वह छूटने की कोशिश करने लगी, पर मैंने अपनी पकड़ मजबूत बना रखी थी, और किस करने से थोड़ी वह भी रेडी हो गई थी।

मैंने फिर उनके बूब्स को दबाना चालू किया, और उनके गले को किस करते हुए लव बाइट दे दी। अब हम दोनों ही गर्म थे, तो धीरे-धीरे ओरल करते-करते 15 मिनट हो गए। फिर मैंने उनके ब्लाउस को निकाला, और सारी और पेटीकोट को निकाल फेंक दिया।

अब मौसी व्हाइट ब्रा और ब्राउन चड्डी में थी। फिर जल्दी से मैं अपनी बनियान और लोअर और चड्डी निकाल कर बिल्कुल निर्वस्त्र हो गया। मौसी मुझे देख बोलने लगी कि, “यह नीच के बाल साफ़ भी कर लिया करो।” तो मैंने बोला, “बाद में, अभी तो पास आओ।” और फिर उनकी ब्रा को उठा कर उनके बूब्स को चूसने लगा।

मौसी गर्म होते जा रही थी, तो वह मेरे लंड को हाथ में लेके ऊपर-नीचे करने लगी। फिर थोड़ी देर से अलग हुए और मौसी की चड्डी भी निकाल फेंकी, और नीचे लेट कर उनको उपर आने को बोला। उनको काफी अच्छा अनुभव था ऑनटॉप का, क्यूंकि मौसा जी मोटे है तो ऑनटॉप ही मौसी को पसंद है।

जैसे ही मौसी ने मेरा लंड सेट करके अपनी चूत पे लंड पर बैठी, और एक ही बार में लंड अंदर गया, तो मौसी थोड़ी सिसक उठी और रुक गई। फिर वो मुझे किस करने लगी। थोड़ी देर में मौसी ने अपनी कमर हिला-हिला चुदाई चालू की, और मैंने भी झटके लगाने स्टार्ट किए। मौसी की कामुक आवाज मेरा और जोश बड़ा रही थी, और जैसे-जैसे वह मेरे लंड पर उछल रही थी, उनके बूब्स भी जंप कर रहे थे।

जैसे ही मौसी को दर्द होता, वह मुझे किस करने लगती। अब ऐसा करते हमें 20 मिनट हो गए थे। फिर मैंने मौसी को नीचे उतरने को बोला, और फिर उन्हें नीचे लिटा कर एक टांग को अपने कंधे पर रख उनकी चूत में लंड डाल के धक्के लगाने लगा। अब मौसी को दर्द होने लगा, और 5 मिनट बाद मैं मौसी की चूत में ही झड़ गया।

फिर मैं उनके बाजू में ही लेट गया। मौसी उठी और स्पर्म को साफ किया, और लेट गई। थोड़ी देर बाद फिर से मेरा लंड खड़ा हुआ तो मौसी लेटी हुई थी। तो मैं पीछे से लंड डाल कर चुदाई करने लगा। तभी मौसी ने मुझे रुकने बोला, और डोगी बनने के बाद उनकी डोगी स्टाइल में चुदाई की।

30 मिनिट के बाद दूसरा राउंड खतम हुआ, और फिर हम उठे और नहानी में जा कर साफ करने लगे। मेरा लंड फिर से तन गया तो इस बार मौसी ने हैण्ड-जॉब दी और किस करते हुए बाहर आ गई।

उसके बाद हम बात करते रहे थे तो उन्होंने पूछा कि, “इसके पहले कितनी बार सेक्स किया है?” तो मैंने बताया कि, “मेरी गर्लफ्रेंड के साथ और फिर आप दूसरी है। इसके बाद हम लेट गए और सुबह मैं उठा तो मौसी मेरे बगल में ही थी।

उनकी गांड मेरी तरफ थी। मेरा गांड देख फिर से मन हुआ पर मौसी ने माना कर दिया और मॉर्निंग किस के साथ ओरल करके उठने लगी। पर मैंने उन्हें एक और राउंड के लिए मना लिया। इस बार मैं मौसी को लिटा के, उनकी एक टांग को उनके कंधे तक ले जाके, उनके ऊपर आके धक्के लगाने लगा तेज-तेज जिससे मौसी को दर्द होने लगा और वह छोड़ने के लिए बोलने लगी।

पर मैं नहीं माना और चुदाई करता रहा। पूरा रूम पच-पच की आवाजों से गूंज रहा था। 20 मिनिट बाद मैं मौसी के ऊपर से अलग हुआ और उनको लिप्स पे किस करते हुए उनको काट दिया। और फिर हम थक कर सो गए।

सुबह उठा तो मौसी सीने पर सिर रख कर सोई हुई थी। तो मैंने उन्हें उठाया और किस किए। 5 मिनिट किस करने के बाद एक हैण्ड-जाब के साथ दिन की शुरुआत हुई और उसके बाद हम अपने-अपने काम में लग गए।

तो दोस्तों यह थी मेरी मौसी के साथ पहले सेक्स की दास्तान। इसके बाद मैं उन्हें जब टाइम मिलता है चोदता रहता हूं अपनी पत्नी की तरह।

 
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