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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

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junglecouple1984

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पापा ने मम्मी की चुदाई करके चोदना सिखाया




दोस्तो, मेरा नाम अनुज है, मैं अलीगढ़ शहर, वेस्ट यूपी में रहता हूँ. अभी मेरी उम्र 24 साल है और मैं एक अच्छा दिखने वाला लड़का हूं मैं अभी अपनी पढ़ाई ही कर रहा हूं

दोस्तो, जब मैं 18 वर्ष का था तो पापा मेरे फ्रेंड बनने की कोशिश कर रहे थे.
हम लोग हर बात को शेयर करते थे लेकिन उससे मुझे शिकायत थी कि उन्होंने मुझे चुदाई नहीं सिखाई.

यह स्टोरी मेरे सामने मम्मी पापा की चुदाई की है.

मैं अपने पापा के साथ ड्रिंक करने लगा था. मम्मी भी कभी कभी साथ में ड्रिंक कर लेती थीं.
हम तीनों बिंदास और फ्रेंडली एन्जॉय करते थे.

कभी कभी पापा का मूड बन जाता था, तो वो टीवी पर ब्लू-फिल्म लगाते हुए ड्रिंक करते थे.
मैं भी उनके साथ ब्लू-फिल्म का मजा लेने लगता था.

एक दिन ऐसे ही पापा सनी लियोनी की चुदाई देख रहे थे.
मैं भी बगल में था.

हम दोनों ड्रिंक कर रहे थे. हमारे चार चार पैग हो गए थे. मम्मी दो पैग लेकर किचन में चली गई थीं.

पापा ने सनी लियोनी की चुत देख कर कहा- साली ने न जाने कितने लौड़े खा लिए होंगे.

मुझे सनी लियोनी के दूध बड़े मस्त लग रहे थे और वो एक काले हब्शी का लंड चूस रही थी.

मैंने कहा- पापा, इस साली से मैं अपना लंड चुसवा लूं … तो मजा आ जाए.
पापा हंसने लगे और बोले- अरे बेटा, लंड किसी से भी चुसवा ले और अपने मन में महसूस कर ले कि सनी लियोनी लंड चूस रही है … तो सेम वही मजा आ जाएगा.

मैं हंसने लगा.

इस तरह से हम दोनों सेक्स का खुला मजा लेने लगे थे.

एक दिन मैंने पापा के साथ ड्रिंक करते समय उनसे अपनी पुरानी इच्छा जाहिर की- मुझे अब आप दोनों की चुदाई देखनी है. मुझे चुदाई सीखनी है.

पापा बोले- यह सब चीजें तो अपने आप उम्र के हिसाब से आ जाती हैं, इसको सिखाने की कोई जरूरत नहीं होती है.
मैंने कहा- मुझे आप दोनों को बिल्कुल नंगा देखना है और आप दोनों के अंग छूकर देखना है. यह तो मेरा हक भी है कि मुझे जन्म देने वाले मम्मी पापा को नंगा देखूं.

पापा बोले- ये कोई बड़ी बात नहीं है, तू मेरा बेटा है. मुझे और अपनी मम्मी को नंगी देखने का तुझे पूरा हक है. बस थोड़ा इंतजार करो.
मैंने कहा- ठीक है.

फिर एक रात को मैं अपने कमरे में लेटा था. मुझे नींद नहीं आ रही थी. बगल के कमरे में पापा मम्मी लेटे थे.

मैं पापा मम्मी को नंगी देखने की सोच कर मन ही मन उत्तेजित हो जाता है और पापा द्वारा मम्मी की चुदाई की कल्पना कर रहा था.
मेरा लंड भी तन कर खड़ा था और मेरी चड्डी फाड़ने पर उतारू था.

तभी पापा की कमरे से फुसफुसाने की आवाज सुनाई देने लगी.
मैं पापा के कमरे के गेट के पास जाकर कान लगाकर सुनने लगा.

पापा मम्मी से कह रहे थे- आज हम दोनों को अपने बेटे को इसी कमरे में सोने देना चाहिए.
मम्मी बोलीं- अब वो बड़ा हो गया है और जवान भी हो गया है. उसके साथ एक कमरे में सोना ठीक नहीं है.

पापा बोले- हां मैं जानता हूं कि वह बड़ा हो गया और उसका लंड खड़ा भी होने लगा है. मगर जान, वह हमारा एकलौता बेटा है, हमें उसकी बात मान लेना चाहिए. अपने बेटे से शर्म कैसी … अगर हम लोगों को वह नंगा देख भी लेगा और चुदाई करते देख भी लेगा, तो क्या हो जाएगा. आगे उसको भी तो यही सब करना है. वो ढंग से चुदाई करना भी सीख जाएगा. वैसे भी वो मेरे साथ बैठ कर ब्लू-फिल्म तो देखता ही है. उस वक्त वो तुम्हारी नाइटी से साफ़ दिखने वाले मम्मे भी देखता ही है.

मम्मी मना करने लगीं और कहने लगीं- वो सब मैंने आपके कहने पर एक हद तक मान लिया था. पर उसके सामने आपके लौड़े से चुदाना … न बाबा न … मुझे शर्म आती है.

पापा कहने लगे- अबे यार, वो जब छोटा था, तब मैं उसके सामने ही तुम्हें नंगी करके चुदाई करता था, तब तुम्हें शर्म नहीं आती थी. आखिर वो निकला तो तुम्हारी चुत से ही है ना!

मम्मी- वो बात अलग थी. तब उसे चुदाई का ज्ञान नहीं था. मगर अब वो लंड चुत चुदाई की फिल्में देखता है, तो मुझे उसके सामने नंगी होने में शर्म आएगी.
पापा बोले- यदि हम उसकी शर्म खत्म नहीं करेंगे तो वो कहीं और ये सब करेगा. कहीं रंडियों के चक्कर में पड़ गया, तो कहीं किसी बीमारी में न फंस जाए.

अब मम्मी कुछ नहीं बोलीं.

तो मैं समझ गया कि मामला फिट हो गया है. इसके बाद मैं बिना एक पल की देर करे, पापा के कमरे में घुस गया और सीधा पलंग पर जाकर बैठ गया.

अचानक से मुझे कमरे में आया देखकर पापा मम्मी हड़बड़ा गए.
मैंने देखा पापा मम्मी नंगे लेटे थे.
पापा मम्मी के जिस्म पर केवल चड्डी भर थी. मैंने भी केवल चड्डी ही पहन रखी थी, बनियान तो मैं अपने कमरे में ही उतार आया था.

मैंने पापा के पास जाकर उनके कान में कहा- पापा मुझे यहीं लेटने दो.
पापा बोले- ठीक है.

मैं पापा के पास लेट गया और उनका लंड दबाने लगा.
मम्मी ने अपने शरीर पर चादर ओढ़ ली और पापा के कान में कुछ कहने लगीं.

इससे पहले कि वह कुछ और कह पातीं, पापा ने मम्मी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और होंठों का रस पीने लगे.
इधर मैंने पापा का लंड चड्डी से बाहर निकाला, तो देख कर दंग रह गया.

पापा का लंड एकदम गोरा और साढ़े सात इंच का था. पापा के लंड पर एक भी बाल नहीं था.
मैंने पापा की चड्डी पूरी उतार दी और उनका लंड हिलाने लगा.

थोड़ी देर बाद मैंने मम्मी के ऊपर से चादर हटाना चाही तो मम्मी ने चादर पकड़ ली.

मैंने कहा- पापा, मुझे मम्मी को भी नंगी देखना है.
पापा बोले- ठीक है, जो करना है कर ले.

मैंने मम्मी के ऊपर से चादर खींच कर अलग कर दी और मम्मी की चूचियों को भूखी नजरों से देखने लगा.

पापा ने मम्मी के होंठों पर किस करना जारी रखा और मैंने उसी समय अपनी मम्मी का एक दूध अपने मुँह में ले लिया.
मैंने मम्मी के मम्मे को चूसना शुरू कर दिया.

मेरी देखा देखी दूसरा वाला चूचा पापा ने मुँह में दबा लिया.
अब बाप बेटे दोनों मिल कर मम्मी का दूध चूस रहे थे. मम्मी ने अपनी आंखें बंद कर ली थीं और मजे से हम दोनों से अपने दोनों मम्मे एक साथ चुसवा रही थीं.

कुछ देर बाद पापा ने मम्मी की चड्डी के अन्दर उंगली डाल दी तो मम्मी की एक आह निकल गई.
इससे मेरी नजर उनकी चुत पर चली गई.

पापा ने मम्मी की चुत में उंगली करना शुरू कर दिया था. थोड़ी देर बाद मम्मी भी हम दोनों का साथ देने लगीं.

मैंने मम्मी की चड्डी उतार कर अलग कर दी.
पापा के लंड की तरह मम्मी की चुत गोरी थी और उस पर एक भी बाल नहीं था.
मम्मी की चुत एकदम गुलाबी थी.

मैंने पापा भी उंगली निकालकर मम्मी की चुत जीभ से चाटना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर बाद मम्मी के मुँह से आह आह की आवाज निकलने लगी.

मैंने मम्मी से कहा- मम्मी अपनी दोनों टांगों को फैला दो … मुझे आपकी चुत अन्दर से देखना है.
अब मम्मी ने बिंदास अपनी टांगें फैला दी थीं.

मैंने मोबाइल की टॉर्च जलाकर मम्मी की चुत अन्दर से देखी, मुझे अपनी मम्मी की चुत अन्दर से देखना बहुत मस्त लग रहा था.

चुत के अन्दर रस भरा हुआ था और उनकी फांकों के बीच में दाना एकदम कड़क दिख रहा था.

मम्मी ने मेरे सर पर हाथ फेरा और बोलीं- कैसी दिख रही है बेटा … अच्छी लगी या नहीं?
मैंने कहा- मम्मी आपकी चुत बहुत शानदार है. ऐसी लाल चुत तो मैंने अभी तक ब्लू-फिल्म में भी नहीं देखी.

मम्मी मेरी बात से खुश हो गईं.

अब मैंने अपनी चड्डी भी उतार दी और नंगा हो गया.
मेरा लंड भी पापा की तरह साढ़े 7 इंच का गोरा लंड था. जब भी मैं इस पर अपना हाथ चलाता हूं तो ये गुलाबी हो जाता है.

इससे पहले कि मैं कुछ कर पाता, पापा बोले- चलो, मैं तुझे चुत चोदना सिखाता हूं और बताता हूं कि संभोग कैसे किया जाता है.

अपने लंड पर पापा ने थूक लगाया और मम्मी को पीठ के बल पलंग पर लेटा दिया.

पापा ने अपने लंड को मम्मी की दोनों टांगें फैलाकर पापा ने अपने लंड को सैट किया और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मम्मी की चुत में ठांस दिया.
मम्मी की हल्की सी आह निकली और उन्होंने पापा के लौड़े को अपनी चुत में चबा लिया.

पापा मम्मी के ऊपर लेट गए और कमर आगे पीछे करके मम्मी की चुत में लंड के झटके देना शुरू कर दिए.

मम्मी की चुत चुदाई के साथ ही पापा ने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और अपने दोनों हाथों से मम्मी के दूध दबाने लगे.

मैंने पहली बार इतनी पास से किसी की चुदाई देखी थी.
मेरी तबीयत भी मस्त हो गई.
पापा के लंड को चुत के अन्दर जाते और बाहर आते देख कर मैं बेकाबू होने लगा.

मैंने भी उधर ही पापा मम्मी की चुदाई देखते हुए लंड हिलाना शुरू कर दिया और मुठ मारने लगा.

कुछ देर बाद पापा ने मम्मी की चुदाई पूरी कर ली और झड़ने को आ गए.

पापा ने मम्मी की चुत से लंड खींचा और मम्मी के मम्मों पर लंड झाड़ना शुरू कर दिया.
उसी समय मेरा मुठ भी निकलने लगा और मैंने पापा की तरफ देखा तो उन्होंने हां में इशारा कर दिया.

मैंने अपने लंड का रस भी मम्मी की चूचियों पर झाड़ दिया. चुदाई के बाद हम तीनों सो गए.

एक घंटे बाद पापा ने मम्मी को फिर से जगाया.
इस बार पापा मेरी मम्मी की गांड मारने वाले थे.

मम्मी बोलीं- पीछे की चुदाई मत करो यार … बहुत दर्द होता है.
पापा ने कहा- आज तेल लगा कर तेरी गांड मारूंगा. जब से बेटा पैदा हुआ है, तब से तेरी चुत ढीली हो गई है … चुत चुदाई में मजा नहीं आता. आज जब तक मैं तुम्हारी गांड नहीं मार लूंगा, तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा.

फिर पापा ने मुझसे कहा- जा व्हिस्की की बोतल उठा ला. तेरी मम्मी को पिला दूंगा, तो इसको दर्द नहीं होगा.

मैंने झट से दारू की बोतल ले आया.
पापा ने मम्मी के मुँह से बोतल लगा दी और मैं देख कर हैरान रह गया कि मम्मी ने चार बड़े बड़े घूंट नीट ही लगा लिए थे.

उनके हाथ से बोतल लेकर पापा ने भी चार घूंट खींचे और मुझे बोतल पकड़ा दी.
मैंने भी एक सिप नीट लिया तो मुझे बड़ी कड़वी लगी. मैंने गिलास में पैग बना कर गटक ली.

अब मम्मी मस्त हो गई थीं. पापा ने उनको घोड़ी बना दिया और उनकी गांड में तेल लगाकर उंगली करने लगे.

थोड़ी देर में मम्मी की गांड चुदाई के लिए तैयार हो गई तो पापा ने अपने लंड पर तेल लगाया और एक ही झटके में मम्मी की गांड में डाल दिया.
मम्मी के मुँह से चीख निकल गई, लेकिन पापा ने मम्मी को नहीं छोड़ा.

पापा ने मम्मी की गांड मारना जारी रखा. पापा के लंड के जोरदार झटकों से मम्मी का बुरा हाल हो गया था.
लेकिन पापा को इसकी परवाह नहीं थी.

तभी पापा के इशारे पर मैंने मम्मी की चुत में उंगली करना शुरू कर दी.
बाद में मैंने मम्मी की चुत चाटी.

अब मम्मी को भी मज़ा आने लगा था. मम्मी ने पूरी मस्ती से पापा से अपनी गांड चुदाई करवाई.

 
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junglecouple1984

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देसी मामी को खेत में पेला- 1




दोस्तो, मेरा सचिन है; मैं 23 साल का एक नौजवान युवक हूँ।
आज मैं आपको मेरे और मेरी गांव वाली मामी की देसी कहानी बताने जा रहा हूं।
यह सेक्स विद मामी एक सत्य घटना है ; आशा है कि आपको ये कहानी जरूर पसंद आएगी।

दोस्तो, मैं जलगांव (महाराष्ट्र) जिले में मैं मेरी फैमिली के साथ मामा के गांव रहता हूं। मामा का घर मेरे घर के बगल में ही है।

मेरी मामी का नाम वैशाली है। मेरी मामी 39 साल की एकदम गदरायी हुई औरत है।
दिखने में ज्यादा सुंदर नहीं लेकिन एकदम देसी जवानी से भरी सुडौल काया की मल्लिका है।

मामी का साईज 34-36-38 है। मामी के मम्में और गांड उनकी जवानी को चार चांद लगा देते हैं।
उनकी गांड एकदम उभरी हुई दिखती है। जो भी उनको चलते हुए देखे, उसका लौड़ा खड़ा होना ही होना।

गांव में होने के कारण वह ब्रा नहीं पहनती। उसकी वजह से जब चलती है तब उसके बूब्स और गांड एकदम मटकते रहते हैं।

पहले मेरे मन में मामी के बारे में कोई गन्दे विचार नहीं थे लेकिन पिछले साल कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से उनका और मेरा रिश्ता बदल गया।
उस घटना के बाद हम मामी भांजे से बदलकर वो मेरी रखैल बन गयी।
तब मैं 20 साल का था।

एक दिन दोपहर को मैंने खाना खाया और खटिया पर लेटा हुआ था।
तब ही बाजू वाले घर से मामी ने आवाज लगाई।

उनके मोबाईल में कुछ प्रॉब्लम थी तो वो ठीक करने के लिए मुझे बुलाया था।
मैं गया तब उनके घर में कोई नहीं था, सिर्फ मामी ही थी; मामा खेत में गया था और उनके दो छोटे बच्चे गली में खेल रहे थे।

मैंने मामी से पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- मोबाइल में देख तो जरा, कुछ भी नहीं आ रहा है।
मैं मोबाइल लेकर उसको चेक करने लगा।

मामी- क्या हुआ, कुछ पता चला?
मैं- इसमें स्पेस नहीं है इसलिए हैंग हो रहा है। कुछ फालतू की चीजें इसमें हटानी पड़ेंगी।
मामी- तो कर दे डिलीट!

मैं उनकी मोबाइल में गैलरी में गया और स्पेस डिलीट करने लगा।

तभी मेरी नजर गैलरी के वीडियो पर गई।
मामी के मोबाइल में बहुत सारे सेक्स वीडियो भरे हुए थे।

मैंने मामी के मोबाइल से सारे वीडियो डिलीट कर दिए।
अब मोबाइल थोड़ा हल्का चलने लगा।

फिर मैं वहां से निकल गया।

दूसरे दिन सुबह 5 बजे मैं जब सैर करने के लिए जा रहा था तब मुझे मामी के बाथरूम से कुछ आवाज आई।

गांव के बाथरूम मतलब सिर्फ चार लकड़ियां जमीन में गाड़कर उनको प्लास्टिक के कपड़े से लपेट दिया जाता है।
मतलब ऊपर से ओपन ही था।

मैं धीमे पांव चलकर बाथरूम की तरफ गया तो मैंने देखा कि वैशाली मामी नहा रही थी।
वो पूरी नंगी थी और साबुन अपने बूब्स पर रगड़ रही थी।

उसके वो खरबूजे जैसे विशाल वक्ष नंगे देखकर मैं पागल सा होने लगा।
मेरा लंड मेरी पैंट में हलचल करने लगा।

मामी को अंदाजा नहीं था कि मैं उसको छुपकर देख रहा हूं।
वो अपनी चूचियों को सहला रही थी और साबुन से नहला रही थी।

मैंने पहली बार किसी औरत को नंगी देखा था; मेरा साँप मेरी पैंट में तूफान मचाने लगा।

मैं वहाँ से निकल गया और सीधा अपने बाथरूम में गया और लंड को बाहर निकालकर मामी के नंगे जिस्म और सेक्स विद मामी की कल्पना करके मुठ मारने लगा और कुछ ही देर में मैं स्खलित हो गया।

अब मेरे मामी के प्रति विचार हवस भरे हो गए।
मैं रोज उनको चोदने के सपने देखता था; मुझे वो जब भी सामने आती तो मेरा लौड़ा उनको सलामी देने लगता।
कैसे भी करके मैं उनको पेलना चाहता था।

मामी रोज खेत में जाती थी मामा के साथ; उनके बच्चे स्कूल जाते थे।
इधर मैं मामी को पेलने के लिए मरा जा रहा था मगर मुझे कोई अवसर नहीं मिल रहा था।

फिर एक दिन चमत्कार सा हो गया।
एक रात मामा घर पर आया और बोला कि उसको किसी जरूरी काम से आठ दिनों के लिए राजस्थान में जाना है।

उन दिनों खेत में सिंचाई का काम चल रहा था।
तो मामा मेरे से बोला- तू मामी के साथ खेत में जाया कर और सिंचाई के काम में थोड़ी मदद किया कर।

मैं मामा की बात सुनकर एकदम खुश हो गया।
मामी के साथ पूरा दिन खेत में रहूँगा ये बात सोचकर मुझे बहुत खुशी हो रही थी।
मैंने मामा को हां बोला और मामा उसी रात राजस्थान के लिए निकल गया।

अगली सुबह मैं और मामी जल्दी उठ गए थे।
मामी ने मेरी भी रोटियां बना ली थीं और मुझे आवाज लगाई।

मैं उनके साथ चलने लगा; मामी आगे आगे और मैं उनके पीछे पीछे चल रहा था।

मेरी नजर मामी की गांड पर टिकी हुई थी।
वो चल रही थी तब उसकी गांड मटक रही थी। मंगल ग्रह के वो दो टुकड़े मेरे पजामे के तनाव को बढ़ा रहे थे।

ऐसा लग रहा था कि यहीं इसको नंगी करके पेल दूँ लेकिन मैंने अपने ऊपर संयम बनाकर रखा था।

थोड़ी देर के बाद हम खेत में पहुंच गए।
मामा का खेत बहुत अंदर था, उस तरफ काफी सन्नाटा था।

ज्यादातर खेत गांव के पास ही थे मगर मामा का खेत अड़चन वाली जगह पर था।

मामी ने वहां पहुँचकर मुझे बोला- देख ये है हमारा खेत!
ज्यादा बड़ा नहीं था खेत, मगर एकदम सुंदर जगह पर था।

मामी बोली- चल पहले मोटर चालू कर दे।
तो मैं मोटर की तरफ गया।
मोटर चालू करने के बाद मामी और मैं खेत में जो घास उग रही थी उसको काटने लगे।

मामी नीचे बैठकर काट रही थी जिससे उनकी गांड बहुत बड़ी और कामुक दिख रही थी।
काम के चक्कर में उनका पल्लू भी सरक गया था जिससे उनके आधे से ज्यादा मम्में दिख रहे थे।

पसीना आने के कारण उनका शरीर और भी ज्यादा कामुक लग रहा था।

तभी उनकी नज़र और मेरी नज़र एक हो गयी; उन्होंने मुझे उनके चूचे घूरते हुए देख लिया।

उनकी नजर मेरी पैंट के तनाव पर गयी। मेरे लंड की शेप को वो आंखें फाड़ कर घूर रही थी।
फिर उन्होंने अपना पल्लू ठीक किया और काम में लग गयीं।

मुझे आज कैसे भी करके उनको चोदना था तो मुझे एक आईडिया आया।

मैं जोर जोर से चिल्लाने लगा और अपने कपड़े झटकने लगा।
मामी तभी मेरे पास आकर बोली- क्या हुआ?

मैं- लगता है मेरी पैंट में कोई कीड़ा घुस गया है। मुझे काट रहा है।
मामी- तो पैंट निकालकर देख ले ना!

मैं- मामी मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है, आप ही देख लो न जरा!
नाटक करने लगा मैं!

मामी थोड़ी चौंक गयी लेकिन उसने बाद में मेरी पैंट नीचे करने को बोला।

फिर मैंने मेरी पैंट नीचे की और वो मेरी जांघ और पैर पर देखने लगी कि कोई कीड़े ने काटा है कि नहीं।

तभी मामी की नजर मेरे अंडरवियर में फ़नफनाते हुए लंड पर गयी।
वो मेरे हथियार का साइज देखकर शायद चौंक गयी थी क्योंकि उनकी आंखें मेरे लंड को अंडरवियर के बाहर से ही घूर रही थीं।

तभी मैंने मेरा अंडरवियर नीचे किया और मेरा लंड सीधा मामी के होंठों पर टिक गया।
उनके लिए यह बात अनपेक्षित थी इसलिए पहले वो घबरा गयीं और ऊपर उठकर मुझे डाँटने लगीं।

मामी- ये क्या कर रहा है तू? मैं तेरी मामी हूं। तुझे शर्म नहीं आयी ऐसी हरकत करते हुए?
मैं अभी भी मेरा लंड नंगा करके खड़ा था।

मैं- मामी मुझे आप बहुत पसंद हो, प्लीज मान जाइए ना?
मामी- तू पागल हो गया है क्या? तुझे मैं ऐसी वैसी औरत दिखती हूं क्या? तेरे मामा को घर आने दे, मैं उनको सब बता दूंगी।

मुझे मामी डांट तो रही थी लेकिन उनकी नज़र अभी भी मेरे तने हुए मूसल जैसे लंड पर टिकी हुई थी.

फिर मैंने जल्दी से आगे बढ़ कर उनका हाथ मेरे हाथ में लेकर मेरे लंड पर रखवा दिया।
मामी के हाथ में मेरा लंड जाते ही उसके चेहरे पर एक कामुक चमक आ गयी।
मगर फिर भी उसने लंड से हाथ हटा कर मुझे डांटना चालू कर दिया।

अब मुझे डर भी लगने लगा कि कहीं ये सच में मेरे घर और मामा को सब बता ना दे।
मगर अब जो होगा सो होगा ऐसा सोचकर मैंने ठान लिया कि आज तो इस गदरायी मामी को पेलना है।

मैंने मामी को मेरी बांहों में भींच लिया और उनको किस करने लगा।

फिर मैंने उनके होंठों को अपने होंठों में ले लिया और उनके रस भरे होंठों का रसपान करने लगा।
वो मेरा साथ भी ड़े रही थी पर मामी अभी भी मुझसे छुड़वाने का थोड़ा बहुत प्रयास कर रही थी।

फिर मैंने उनके ब्लाऊज के बटन खोल दिए जिससे उनके आधे मम्में दिखने लगे।
अब मैं एक हाथ से उनके मम्में दबाने लगा और उनके होंठों को भी ताबड़तोड़ किस करने लगा।

मामी धीरे धीरे शांत होने लगी; उनके चेहरे पर एक कामुक लहर छाने लगी।
शायद वो भी अब गर्म होने लगी।

लग रहा था कि अब वो मुझसे छूटने का बस नाटक कर रही थी।

तभी मैंने उनका ब्लाउज पूरा निकाल दिया।
अब उनके पपीते जैसे गोल और बड़े बोबे मेरे सामने नंगे हो गए।

मामी के बोबे नंगे होते ही वो शर्म से लाल होने लगी और अपने हाथों से बोबों को ढकने लगी।
उनके मम्मों को देखकर मेरा लौड़ा और ज्यादा फूल गया।

इधर मामी भी मेरे तने हुए लंड को देखकर हल्की सी मुस्करा रही थी।
मैं उनके चूचों को मसलने लगा तो मामी बोली- सचिन यह गलत है। हमारा रिश्ता क्या है और तू क्या कर रहा है?

मैं- कुछ गलत नहीं है मामी, आप डरिए मत, बस करने दीजिए।
मामी- किसी को पता चल गया तो मेरी बहुत बदनामी होगी।
मैं- किसी को कुछ भी नहीं पता लगेगा।

ये कहकर मैंने फिर से उनको दबोच लिया। उनको खेत में ही लिटा दिया और उनको किस करने लगा।

मामी भी अब ज्यादा नखरे ना करके मेरा साथ देने लगी।
मैंने दस मिनट तक मामी के होंठों का रस पिया।

फिर मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट निकाल दिया।
मामी अब मेरे सामने पूरी नंगी पड़ी थी।

मैं उनके बोबों पर टूट पड़ा। मुझे बोबों को मसलने और काटने में पूरा मजा रहा था।

मामी अब बहुत गर्म हो गयी थी और उनकी सिसकारियां निकल रही थीं- श्स्स … और दबाओ जोर से … खा जा मेरे बोबों को … पी ले पूरा दूध!
उनकी वासना बढ़ गयी.

बोबों को जी भर कर दबाने और मसलने के बाद मैंने मामी की चूत पर मेरी जीभ रख दी और चाटने लगा।

मामी की चूत पानी छोड़ रही थी।
वे मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगी और जोर जोर से आहें भरने लगी- आह … बहुत मजा आ रहा है … तेरे मामा ने कभी ऐसा नहीं किया … आंउच … उईमा … आह …
मामी सिसकारियां निकालने लगी।

बहुत देर तक चूत चुसाई के बाद मैं भी बहुत गर्म हो गया और मामी भी मेरा लंड लेने के लिए तड़प रही थी।

मैंने मेरा लंड उनकी चूत पर सेट किया और मामी की तरफ देखा।
मामी मेरी तरफ वासना भारी नजरों से देख रही थी।

मेरा लंड उनके इस कामुक रूप को देखकर बहुत ज्यादा तन चुका था।

फिर भी मैं मामी को थोड़ा और तड़पाना चाहता था। मैंने मेरे लंड का सुपाड़ा उनकी चूत पर रखा लेकिन अन्दर नहीं डाल रहा था।

मामी ने मेरी तरफ सवालिया नज़र से देखा। वो मेरा लंड खाने के लिए इतना तड़प उठी कि लंड को अंदर लेने के लिए अपनी कमर को उठाने लगी।

उनकी हरकत देख कर मुझे बहुत मजा आ रहा था।

मामी- सचिन … और मत तड़पा … डाल दे अपना लंड मेरी चूत में … मैं मरी जा रही हूं … ओह … आह … पेल दे जल्दी मुझे!
अब मामी की चूत अंगार बरसा रही थी.

फिर मैंने मौके की नजाकत को समझ कर मामी को और तड़पाना ठीक नहीं समझा। लंड चूत पर सेट करके मैंने मामी के दोनों बोबों को हाथ में पकड़ा और नीचे से जोरदार झटका मारा।

एक ही धक्के में मेरा आधे से ज्यादा लंड मामी की फुद्दी को चीरता अंदर चला गया।

लंड के अंदर जाने से मामी को तकलीफ होने लगी; वो जोर से चिल्लाने लगी और अपना सिर इधर उधर पटकने लगी।

मैंने उनको नॉर्मल होने दिया और एक जोरदार झटका मारा जिससे मेरा पूरा का पूरा लंड मामी की चूत में समा गया।
मैं दे दनादन शॉट लगाने लगा।
मेरे हर धक्के के साथ मामी के बोबे झूले की तरह हिल रहे थे।

वैशाली मामी के झूलते बोबों को देखकर मैं और पागल होने लगा और ज्यादा ज़ोर से मामी को पेलने लगा।
मामी को अब बहुत मजा आ रहा था; वो अपनी कमर उठा उठाकर नीचे से मेरा लंड खा रही थी।

खेत में एकदम सन्नाटा होने के कारण हमारी चुदाई की फच-फच की आवाजें आ रही थी।

मामी अब पागल हुई जा रही थी। उन्होंने मेरे होंठों को अपने होंठों में ले लिया और काटने लगी।

उन्होंने अपने नाखून मेरी पीठ में गड़ा दिए, मेरे को उसने कसकर बांहों में ले लिया था और उनके पैर मेरे पैरों को जकड़ चुके थे।

मामी – आह … उईमा … अशsss … करो और जोर से चोदो मुझे … फाड़ दे मेरी चूत … तेरे मामा तो कुछ कर ही नहीं पाते … बरसों से प्यासी हूं … मिटा दे मेरी खुजली … आउच … चोद … जोर से चोद।

जो मामी थोड़ी देर पहले चूत देने से इनकार कर रही थी वो अब मेरे लंड को भूखी शेरनी की तरह अपनी चूत में खा रही थी।
उनकी कामुक बातों को सुनकर मेरा जोश और भी ज्यादा बढ़ रहा था।

मैं और जोर से उसकी ताबड़तोड़ ठुकाई करने लगा।
धक्के मारते मारते मैं उनके बोबों को काट रहा था। मामी मस्ती में उनका बोबा मेरे मुंह में दे रही थी।

उनकी चूत अब पानी छोड़ रही थी।
मैंने स्पीड बढ़ा दी।

25 मिनट की ताबड़तोड़ सेक्स विद मामी के बाद मेरा और मामी का पानी निकलने वाला था।
मामी ने अपना रस छोड़ दिया और निढाल हो गयी।

मेरा निकलने वाला था तो मैंने मामी को पूछा- कहां निकालूं?
मामी बोली- अंदर ही डाल दे, मैं तेरा अमृतरस मेरी चूत में लेना चाहती हूं।

मैंन दो धक्कों के बाद मेरी पूरी टंकी मामी की चूत में खाली कर दी और निढ़ाल होकर उसके ऊपर लेट गया।

हम दोनों एक दूसरे की बांहों में पड़े थे।
जबरदस्त चुदाई की वजह से हम दोनों पसीने से लथपथ पड़े थे।

हम काफी थक गए थे। एक दूसरे की बांहों में थोड़ी देर आराम करने के बाद हम उठ गए।

मेरी वैशाली मामी एकदम खुश थी।
कई दिनों बाद उनकी संतुष्टि हुई थी।

उस पूरे दिन में हमने 4 बार ठुकाई की। मैंने मामी की चूत का भोसड़ा बना दिया।

शाम को हम घर आ गए। हम दोनों काफी खुश थे।
 
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देसी मामी को खेत में पेला- 2





कहानी के पिछले भाग

गाँव वाली मामी को लंड दिखाकर गर्म किया
में आपने पढ़ा था कि मामी को नंगी नहाते देखने के बाद मैंने उनको चोदने की ठान ली।
फिर मामा को काम से बाहर जाना पड़ा और उन्होंने मामी और मुझे साथ में खेत पर सिंचाई करने को कहा।
पहले दिन ही मैंने मामी को अपना लौड़ा दिखा दिया और उसको वहीं खेत में पटक कर चोद दिया।

चार बार चुदाई करके हम लोग शाम को घर पहुंचे। मामी और मैं उस दिन बहुत खुश थे।

अब आगे की कहानी:

मामा एक हफ्ते के लिए बाहर गए थे तो मामी और मैंने रोज खेत में एक दूसरे को चूस चूस कर खाया।
खूब मजे किए … मैंने एक हफ्ते में जी भर कर मामी जी को चोदा।

मामी को मेरा हथियार और मेरे चोदने की स्टाइल पसंद आयी।
वो भी अब बहुत इन्जॉय करने लगीं।

मामी को घोड़ी बनाकर, कंधे पर पैर रखवाकर, ऊपर उठाकर, 69 करके, मुँह में देकर, गांड मारकर … मैंने उनके साथ खूब ठुकाई की।

वो भी अब मेरे साथ फुल मस्ती करने लगी थी और अपनी सारी इच्छा वो मेरे से पूरी करने लगी।

मामी की हवस बहुत ज्यादा थी लेकिन मामा उसकी वासना को शांत नहीं कर पाता था जिसकी वजह से वैशाली मामी कई दिनों से प्यासी थी।
अब मेरा लंड खाने के बाद उसको बहुत संतुष्टि मिल रही थी।

शेरनी के मुँह खून लग गया था।

हफ्ते भर के बाद मामा राजस्थान से वापस आया और फिर वो खेत में मामी के साथ जाने लगा।
इसलिए अब मेरा खेत में जाना बंद हो गया।

मैं मामी को पेलने के लिए तड़पने लगा क्योंकि हफ्ते भर में मुझे भी सेक्स की आदत हो गई थी।
मामी भी मुझसे चुदवाने के लिए तड़प रही थी।

वो मेरे घर के बाजू में रहते हैं तो मेरी खिड़की से उनकी खिड़की दिखती है।
मामी मुझे इशारा करती थी लेकिन हमें अब कोई अवसर मिल नहीं रहा था क्योंकि सुबह मामा मामी खेत में चले जाते थे और मैं कॉलेज को निकल जाता था।

मेरे घर में भी कोई जुगाड़ की गुंजाइश नहीं थी क्योंकि मेरी माँ घर पर ही रहती थी।
अब क्या करें … इस जुगाड़ के चक्कर में महीना निकल गया।

मैं रोज सुबह 4 बजे उठता था और दौड़ लगाने के लिए जाता था और मामा मामी को भी खेत में जाना होता था तो मामी भी 4 बजे उठती थी और बाहर चूल्हे पर पानी गर्म करके नहाती थी।

फिर बाहर चूल्हे पर ही रोटियां और सब्जी बनाती थी।
मामा 6 बजे उठता था तब तक मामी नहा धोकर सब्जी वगैरह बना कर रेडी रहती थी।

एक दिन मैं दौड़ के लिए निकल ही रहा था, तभी मामी भी उनके घर के बाहर चूल्हे पर पानी गर्म कर रही थी।
मामी और मेरी नज़र एक हो गयी।

4:30 बज रहे थे सुबह के!
मुझको देखकर मामी मुस्करा रही थी और मैंने उसको आँख मारी।
वो मुस्करा दी।

मैंने आसपास देखा औऱ उनको बाहर बुलाया।
वो आई और बोली- क्या हुआ?
मैंने मेरे लंड की ओर इशारा करके मेरा हाल बताया।

मामी- सचिन मुझे भी करना है। मुझे तेरी बन्दूक की आदत हो गयी है लेकिन क्या करूँ जुगाड़ के लिए कोई जगह ही नहीं है। सुबह से शाम तक तेरे मामा के साथ खेत में रहती हूँ। समय ही नहीं मिल रहा है।

मैं- मामी मैं कुछ सोचता हूँ, फिर बताऊंगा आपको!
मामी ने हां की और मैं रनिंग करने के लिए चला गया।
दिन भर सोचने के बाद मुझे एक आइडिया आया।

मामी 4 बजे उठती थी, मैं भी 4 बजे ही उठता था। मामा करीबन 6 बजे तक उठता था।
हमारे आजू बाजू वाले घर के लोग भी 6 बजे तक उठते थे।
मतलब सुबह का समय चुदाई करने के लिए जबरदस्त समय था।

जगह का विचार करने के बाद मुझे जगह भी सूझ गयी।
मेरा और मामा का घर साथ सटा हुआ है और पीछे एक गली है पतली सी और उनके घर के पीछे भी दो पुराने घर हैं।

उसकी वजह से वो गली ब्लॉक है मतलब जैसे लकड़ी वगरैह रखने के लिए जगह बनाई हुई थी।
मामी के घर के पिछले हिस्से वाली खिड़की भी उधर से है लेकिन उधर से कोई आता नहीं था।
हमारी तरफ ऐसी गली को शेरी कहा जाता है।

मेरे चेहरे पर चमक आ गयी। मैंने ठान लिया कि अब वैशाली मामी को पीछे वाली शेरी में चोदना है।

मैं शाम को मामी के घर गया तब वो घर में अकेली थी।
मैंने उनको सब बताया लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
वो बोली- सुबह तेरे मामा अगर जग गए तो बड़ी मुसीबत हो जाएगी।

मगर मैं कहां मानने वाला था।
मैंने उनको कहा कि सुबह आ जाना … राह देखूंगा। मैंने मामी जी को 4:30 बजे का टाइम दिया।

अगले दिन सुबह चार बजे मैं उठ गया और रनिंग के बहाने घर से निकल गया।
मामी के घर के बाहर अभी कोई दिखा नहीं।
मेरा मन नाराज हो गया।

तभी मामी के घर का दरवाजा खुला और मामी बाहर आयी।
मैंने उनको पीछे शेरी में आने का इशारा किया लेकिन उन्होंने इशारे से मना कर दिया।

मगर फिर मैंने थोड़ा गुस्से में उनको इशारा किया कि मैं हमारी घर बाजू से पीछे जा रहा हूँ। तुम भी आ जाओ।
मैं जल्दी से मेरे घर के बाजू से पीछे की शेरी में चला गया और वैशाली मामी जी के घर के पीछे वाली खिड़की की तरफ आ गया।

मैं खिड़की से अंदर देखने लगा। उनकी पीछे वाली खिड़की पर जाली लगाई हुई है ताकि उस वीरान गली से कोई साँप वगैरह घर में ना आए।

फिर मैंने खिड़की से अंदर झाँका तो देखा कि मामा सो रहा था। उनका सामने वाला दरवाजा खुला था, मतलब मामी अभी भी बाहर वाले चूल्हे की तरफ थी।

मामा का सिर मेरी तरफ मतलब उनके घर के पीछे वाली गली की तरफ था। इसकी वजह से उसको कुछ दिखने की गुंजाइश ही नहीं थी।
मगर ज्यादा आवाज नहीं करनी थी।

अब मैं तो आ गया लेकिन अभी तक मामी नहीं आई थी।

पांच मिनट के बाद मैंने उनके घर के बाजू से मामी को आते देखा।
मैं मामी को देख कर खुश हो गया।

मामीजी के सेक्सी गदराये बदन को देखकर मेरा नाग फनफनाने लगा।

दबे पांव से चलकर मामी मेरी तरफ आयी और खिड़की से अंदर झाँक कर देखा कि मामा सोया है कि जाग गया।
मामा सो रहा था अभी तक!

उसके बाद मैंने मामीजी को मेरी बाँहों में जकड़ लिया और उसे किस करने लगा।
मामी भी ना नुकर करके मेरा साथ देने लगी।

मैं पूरे जोश के साथ मामी के होंठों का रसपान करने लगा।

अब मामी भी मस्ती में आने लगी और मेरे होंठों को काटने लगी। मामी की हल्की सी सिसकारियां निकल रही थीं।

मामी के होंठों का रस पीने के बाद मैंने मामीजी के बोबों को पकड़ लिया और ब्लाउज के ऊपर से ही मामीजी के खरबूजे जैसे बोबों को मसलने और चूसने लगा।

वो अब गर्म हो गयी थी; वो मेरा सर उसके बोबों पर दबाने लगी।

मेरा लौड़ा तन चुका था।
मैंने मामीजी के ब्लाउज के बटन खोल दिए और उनके कबूतरों को आजाद कर दिया।

उनके मोटे मोटे बोबों को देखकर मैं पागल हो गया और जोर जोर से उनको दबाने लगा, मसलने और चूसने लगा।

मामीजी अब मदहोश हो गयी थी।
वो मेरे सर को बोबों पर दबा कर बोली- श्स्स … दबा मेरे शेर.. अपनी मामी के बोबे चूस … दूध पी ले पूरा … मेरे शेर … काट अपने मामीजी के दूध को … आह … आउच … उइ … चूस जा।

मैंने चूचे दबाते हुए बोला- मेरी जान … जरा धीरे बोल … तेरा पति अगर उठ गया ना तो हमारी खैर नहीं।
फिर मामी ने फिर से खिड़की से अंदर झाँका तो मामा अभी भी घोड़े बेच कर सो रहा था।

अब मैंने उनको मेरा लंड चूसने का इशारा किया।
वो भी झट से नीचे बैठ गयी और मेरी पैंट और अंडरवियर नीचे कर दी और मेरे फ़नफनाते हुए नाग को आजाद कर दिया।

उसके बाद मामीजी ने मेरे लंड को हाथ में लिया और हिलाने लगी।

मुझे बहुत ज्यादा आनंद मिल रहा था। मेरे मुंह से सिसकारियाँ निकल रही थीं। मामी का गर्म मुँह मुझे चरमसुख दे रहा था।

अब मैंने मामीजी को उठाया।
उनकी साड़ी निकालने लगा लेकिन वो बोलीं- साड़ी मत निकालो, ऊपर से ही कर लो।

मैं नहीं माना, मुझे उनको नंगी करके ही चोदना था। मैंने मामीजी को पूरी नंगी कर दिया। वो दीवार से सट कर खड़ी थीं।

फिर मैं नीचे बैठ गया और उनकी चूत में उंगली डाल कर उंगली से चूत सहलाने लगा।
मामीजी सिसकारियां निकालने लगी। उनकी चूत भट्टी की तरह गर्म थी।

मैंने उनकी चूत में मेरी जीभ रख दी और चूत चूसने लगा। मामी की चूत पानी छोड़ रही थी; मैं मामी की चूत का खट्टा रस पी गया।

अब मैंने एक बार खिड़की से अंदर झाँका तो मामा अभी भी सोया हुआ था।
मैंने मामी को दीवार को पकड़ कर खड़ा किया और पीछे से मेरा लंड उनकी चूत पर सेट करने की कोशिश करने लगा।

मगर अंधेरे की वजह से मुझे उनकी चूत का छेद मिल नहीं रहा थ। इसलिए मामीजी ने पीछे हाथ करके मेरा लंड उनकी चूत के छेद पर रखा और धक्का मारने के लिए बोला।

मैंने भी एक जोर का झटका लगाया और मेरा पूरा लंड मामी की चूत में समा गया।
वो दर्द के कारण चिल्लाने वाली थी लेकिन मैंने अपना हाथ उनके मुँह पर रख दिया ताकि उसके पति को आवाज ना आये।

वैसे तो खिड़की से बेड काफ़ी दूर था लेकिन फिर भी मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था।
मैं पूरी ताकत से मामी को खड़े खड़े ही पेल रहा था।
वो भी कमर उठा उठाकर धक्के मार रही थी।

उनके खड़े होने के कारण उनको खिड़की में से मामा दिख रहे थे।
मेरी सेक्सी, गदरायी हुई अधेड़ उम्र की मामी को मैं उनके पति के सामने ही चुपके से चोद रहा था।

इस बात से मुझे बहुत ज्यादा उत्तेजना हो रही थी और मैं पूरी ताकत से मामी की जवानी का आनंद ले रहा था।
मामी भी पति के सामने चुद कर बहुत उत्तेजित हो गयीं थी और आहें भर रही थीं।

उनके मुंह से लगातार मादक सिसकारियाँ निकल रही थीं- ओह … आह … चोद मेरे राजा … अपनी मामी को जोर से चोद … निकाल दे मेरा पानी … महीने से तड़प रही हूँ तेरा हथियार लेने के लिए … इस चूत की प्यास बुझा दे।

उस वक्त सुबह का सन्नाटा था तो पूरी गली में हमारी फच-फच चुदाई की आवाजें आ रही थीं।
हम दोनों खड़े खड़े चुदाई कर रहे थे।

20 मिनट की धमाकेदार चुदाई के बाद मैं और मामी एक साथ झड़ गए।

मामी का अमृतरस उनकी चूत से निकलकर मेरी जांघों से मेरे पूरे पैर पर टपकने लगा।
मैं खड़े खड़े मेरी सेक्सी वैशाली मामी के ऊपर पड़ा पड़ा हांफ रहा था।
वो भी थक गई थी।

हम दोनों पसीने से सने हुए थे।

थोड़ी देर आराम करने के बाद मामीजी ने मेरा लंड उनकी साड़ी से साफ किया।

मामी और मैं दोनों बहुत संतुष्ट हो गए।

फिर मैंने उनको साड़ी पहनने में मदद की।
मैंने भी कपड़े पहने, फिर मामीजी को एक प्यारी सी लम्बी किस की।

मामी ने खिड़की से देखा तो मामा अभी भी सो रहा था।

मामा को तो भनक भी नहीं थी कि मैंने उसके पीछे ही उसकी पत्नी का उपभोग किया।

मामीजी के बोबों को मैंने एक बार चुटकी काटी उसके बाद मामीजी गली से निकलकर घर की आगे की तरफ चली गयी और मैं भी दूसरी बाजू से बाहर निकल गया।

उस दिन के बाद कई बार हम उसी गली में मिलते रहे।

अब करीबन रोज मैं मामीजी को पीछे वाली शेरी में पेलता हूं। रनिंग के बहाने घर से निकलता हूं लेकिन इधर अलग ही रनिंग करके घर लौटता हूं।

आज भी मामी-भांजा चुदाई का हमारा सिलसिला जारी है।

मामीजी के पीरियड्स के दिन निकाल दें तो बाकी के सारे दिन मामीजी को मैंने जी भरकर पेला है।

वो भी मेरी रखैल बन चुकी है। एक बार वो पति को चुदाई के लिए मना कर देगी लेकिन रोज सुबह मेरा केला खाएगी तो मतलब खाएगी।

मेरे साथ चुदाई करने की वजह से मामी का बदन और ज्यादा गदराया और रसीला हो चुका है।
मैं भी मेरी देसी मामी की जवानी का पूरा आनंद ले रहा हूं।
 
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माँ बेटा सेक्स: बेटे ने मेरी हवस मिटाई -1



प्रिय पाठको, मेरी कहानी माँ बेटा सेक्स की है, मेरा नाम प्रभा है, मैं 37 साल की विधवा हूँ. मेरे 2 बच्चे है, एक बेटा सोनू 19 साल का और बेटी शिवानी उससे छोटी है.

काफी दिनों बाद आज मैंने सोचा कि अभी 20 दिन पुरानी घटना को कहानी के माध्यम से आप लोगों के साथ शेयर करूँ!

तो दोस्तो, आज मैं आपको एकदम सच्ची घटना बताने जा रही हूँ जिसमें मैं और बेटा बेटा सोनू है!

मेरे पिताजी को दारू की लत थी, माँ बचपन में ही चल बसी थी तो मेरे पिताजी ने मेरी शादी किशोरावस्था में ही करवा दी. कुछ साल अच्छे से बीते, सोनू और शिवानी का जन्म हुआ और फिर एक रोज़ मेरे पति का एक एक्सीडेंट के वजह से देहांत हो गया करीब 4 साल पहले!

मैं पूरी तरह टूट चुकी थी लेकिन ससुराल के लोगों ने बहुत मदद की और मैंने एक दुकान खोल ली जिससे हमारा गुजारा अच्छे से चलने लगा.
सब ठीक से चल रहा था लेकिन हर औरत और मर्द की कुछ बुनियादी शारीरिक जरूरतें होती हैं, वहां पर आकर मैं बेबस हो जाती थी, बाहर किसी से सम्बन्ध क्या रिश्ता रखने में भी बदनामी का डर सताता था तो इसी बेबसी को अपनी किस्मत मानकर जीवन काट रही रही थी!

Xforum पर कहानियाँ पढ़ती थी, पोर्न वीडियो देखती थी और उंगली से ही चुत की आग मिटाती थी … लेकिन आखिर कितने दिन?

खैर मैंने दिमाग से ये ख्याल ही उतार दिया था लेकिन करीब एक महीने पहले कुछ ऐसा घटा कि मेरी लालसा बढ़ गयी!

एक रोज़ शिवानी स्कूल गयी थी और मेरा बेटा घर पर ही था, मैं दूकान से जब दोपहर को घर आयी खाना बनाने तो एक चाभी जो मेरे पास रहती थी उससे मैंने दरवाजा खोला और अंदर गयी. अंदर सोनू के कमरे का दरवाज़ा आधा खुला था और वो बिस्तर पे सिर्फ अंडरवियर पहन के लेटा था और अंडरवियर के ऊपर से ही उसका लौड़ा लम्बा मोटा और सख्त है, यह मुझे महसूस हो गया था.

लेकिन आखिर है तो मेरा बेटा … यह सोचकर मैं अंदर चली गयी और खाना बनाकर सीधा बेड पे लेट गयी.
मेरे ख्याल में अब भी वही चल रहा था, मैं चाह कर भी खुद को रोक नहीं पा रही थी.

फिर मैंने Xforum की साइट से माँ की चुदाई श्रेणी से माँ बेटा सेक्स कहानियाँ पढ़नी शुरू कर दी, यकीन मानिये … पढ़ने के बाद मैं खुद के काबू में नहीं रही, मैंने उंगली से अपनी चुत को छुआ तो वो पानी पानी हो चुकी थी.

मैंने उस रोज रात में न खाना बनाया न खाया … मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी … मुझे बस चुदना था अब!

उन कहानियों से मैंने सीखा कि कोई भी रिश्ता हो लेकिन असल रिश्ता सिर्फ एक औरत और मर्द का होता है फिर वो चाहे बेटा हो या देवर!

रात के करीब 12 बज रहे थे, मैंने बहुत सारी पोर्न वीडियो देखी एवं हिंदी सेक्स कहानी पढ़ कर धीरे धीरे मैंने उंगली करनी शुरू कर दी अपनी चुत में … मेरा जोश एकदम बर्दाश्त के बाहर हो रहा था, जी कर रहा था कोई भी मर्द आकर मेरे जिस्म को नोच के खा जाए!

तभी एकाएक सोनू आकर सीधा चढ़ गया मुझ पर … वो भी पूरा नंगा!
मैं अचानक हुए इस हमले से भौचक्की रह गयी और हड़बड़ा कर उसे दूसरी तरफ धकेला और खड़ी हो कर अपनी साड़ी ठीक करने लगी!

इतने में सोनू ने मुझे कस के पकड़ कर बिस्तर पे लिटा दिया और बोला- साली कब से उंगली कर रही है … तुझे तो उंगली करते हुए मैं रोज़ ही देखता हूँ और नंगी नहाती है तब भी दरवाज़े के छेद से तुझे देखता हूँ. माँ-बेटे का रिश्ता भूल कर सिर्फ अपनी हवस मिटा माँ! क्यूंकि मैंने भी आज तक सिर्फ मुठ ही मारी है! आ जा मेरी जान … आज तेरे जिस्म की आग मिटाता हूँ मैं! मुझे अपना बेटा नहीं, अपना पति समझ आज की रात! तुझे दिखाने के लिए ही अंडरवियर में लेटा था!
इतना कहकर सोनू मुझे चूमने लगा और मेरे बूब्स दबाने लगा.

अब मैंने शर्म हया सब त्याग दी, मेरा कण्ट्रोल खुद पे नहीं रहा था, बस अब सामने एक हट्टा कट्टा मर्द दिख रहा था जिसका लौड़ा उसके बाप से भी लम्बा था. मुझे अब अपनी प्यास बुझानी थी और सोनू भी हवसी हो चुका था!

मुझे बचपन से ही ज्यादा जोश आया करता था और मुझे वाइल्ड सेक्स बहुत पसंद है जिससे कि कोई मेरा बदन नोच के खाये!
मैंने कहा- सोनू बेटा, मुझे एक रांड समझ और जो दिल में आये वो कर … मुझे मार, गाली दे, जो मन करे वो कर … बस मेरी आग मिटा मेरे बेटे!

यह सुनकर सोनू ने मेरी ब्लाउज को आगे से खींच कर फाड़ दिया और ब्रा को खोलकर मेरे निप्पल चूसने लगा और बूब्स मसलने लगा.
सोनू- साली रांड … तुझे अब मैं सही में रांड बनाऊंगा आज चोद के … कितना चुदवा सकती है तू सच सच बता?
प्रभा- बेटा, मैं तो दस मर्दों से भी चुदवा लूं, इतना भयानक जोश चढ़ा हुआ है मुझे!

इतना सुनते ही सोनू ने मेरी गांड मसल दी और कहा- साली कुतिया, बदन तो एकदम कसा हुआ है तेरा, सिसकारी जोर जोर से ले मम्मी, मैं चाहता हूँ कि पूरा मोहल्ला आज जान जाए कि तू चुद रही है!
इतना कहकर सोनू ने मेरी साड़ी पूरी खोल दी और पेटीकोट का नाड़ा खोल कर मुझे नंगी कर दिया, सिर्फ पैंटी बची थी जिसने मेरी गीली चूत को ढक रखा था!

फिर मेरे बेटे ने मुझे बेड पे लिटाया और मेरे पूरे बदन को चूमने लग गया एकदम हवसी के जैसे … आखिर पहली बार उसे नंगी औरत मिल रही थी चोदने को!
अब सोनू ने अपनी माँ की दोनों जांघों को चूमा और जांघें फैला कर पैंटी के ऊपर से ही मेरी चुत को चाटने लगा. मुझे बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो मैंने सोनू से कहा- बेटा, अपनी माँ की पैंटी उतार के चाट जीभ घुसा के मेरी चुत में!

सोनू ने अपने दांतों से मेरी पैंटी खींच कर उतारी और जैसे ही उसने जीभ मेरी चुत पे लगायी, मेरी हालत ख़राब हो गयी और मैं चिल्ला उठी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… अहहाह!

मेरी सिसकारी इतनी जोर से निकली कि आवाज सुनते ही आधी नींद में मेरी बेटी शिवानी मेरे कमरे में आ गयी और बोली- क्या हुआ मम्मी?
हम दोनों माँ बेटे अपने काम में लगे हुए थे!
मैंने कहा- कुछ नहीं बेटी, तुम जाओ सो जाओ!
शिवानी- मम्मी, भैया क्या कर रहा है आपके साथ? कपड़े भी नहीं पहने हैं उसने!
मैं- बेटा, वो मुझे प्यार कर रहा है, तुम और बड़ी हो जाओगी, तब तुम भी समझ जाओगी!

शिवानी- मम्मी, मुझे अकेले डर लग रहा था, मैं यहीं तुम्हारे बगल में सो जाऊँ?

अब मैं बड़ी मुसीबत में फंस गयी और न चाहते हुए भी शिवानी को अपने पलंग पर सुला लिया मैंने!

इधर सोनू ने मेरी चुत में अपनी जीभ पूरी पेल रखी थी, चुत से झरने की तरह पानी निकल रहा था!
मैंने कहा – सोनू बेटा, अब चोद मुझे … लौड़ा घुसा अपना अपनी मम्मी की चूत में!
इस पर सोनू ने कहा- साली कंडोम नहीं है, ऐसे ही चोदूँ, चलेगा न?

मुझे लौड़ा जल्द से जल्द अपनी चुत में महसूस करना था तो मैंने कहा- कर न साले, सोच क्या रहा है, कंडोम नहीं है तो उसके बिना चोद!
सोनू- मम्मी, मैं पहले तुम्हारी गांड मारूंगा! कुतिया अपनी गांड देखी है तूने कभी? एकदम गोरी गोरी मोटी फूली हुई है!

मैं गांड मरवाने की शौक़ीन रही हूँ तो मैं तुरंत कुतिया बन गयी और कहा- ले बेटा, मार अपनी माँ की गांड जी भर के!

अब सोनू ने पीछे से मेरी गांड अपना लौड़ा घुसना शुरू किया,इतने सालों बाद लौड़ा घुस रहा था तो मैं होश में थी ही नहीं बिल्कुल,धीरे धीरे कर के उसने अपना पूरा मोटा मुसल जैसा लन्ड मेरी गांड में पेल दिया और मेरे बाल पकड़ के मेरी गांड मरने लगा!

वो पहली बार चोद रहा था तो थोड़ा धीरे धीरे चोद रहा था तो मैंने कहा- बेटा कस कस के मार, इतने आराम से गांड और चुत नहीं मारी जाती है! कस के एकदम रांड समझ के पेल मुझे!
अब सोनू जोश से भर गया और मेरी पीठ पे थप्पड़ मारते हुए मेरे बाल खींच कर मेरी गांड मार रहा था. मैं एकदम भयानक जोश में आ चुकी थी! वासना मेरे सर चढ़ कर बोल रही थी.

तभी शिवानी बोली- भैया, मम्मी को क्यों मार रहे हो? उन्हें दर्द हो रहा है!
सोनू- अरे बहन, प्यार करने का यह एक तरीका होता है, तू बड़ी होगी तो समझ जाएगी!
मैंने कहा- शिवानी बेटा, तुम आंखें बंद कर के सो जाओ, भैया को प्यार करने दो मुझे!

अब सोनू मेरी गांड पर भी थप्पड़ मार रहा था जिससे मेरा जोश और बढ़ता जा रहा था. सोनू ने कहा- साली, तेरी गोरी गांड लाल हो चुकी है मेरे थप्पड़ों से और पीठ भी … अब तेरा बेटा अपनी माँ की चुत का मज़ा लेना चाहता है!
मैंने तुरंत कहा- हाँ बेटा, ले न जितना मज़ा लेना है ले! और अब से जब तेरा दिल करे तब मज़े लेना मेरे बदन का!

इतना कहकर मैं सीधी होकर लेट गयी और सोनू मेरी टांगें उठा कर मेरे ऊपर लेट गया और धीरे धीरे अपना लौड़ा मेरी चुत में घुसाने लगा!

सालों बाद मेरी चुत में लौड़ा घुस रहा था, मेरी चूत पानी से लबालब हो चुकी थी.
पूरा लौड़ा घुसाने के बाद जब सोनू ने चोदना शुरू किया तो मैं सातवे आस्मां की मस्ती पर थी, पूरे कमरे में फच फच की आवाज़ हो रही थी और मेरी सिसकारियाँ गूँज रही थी!

सोनू- ले साली, और कस के चुद तू आज, आज तेरे इस कामुक बदन की आग बुझा ही दूंगा!
मैं- हरामी साले, ये आग सालों की है, इतनी जल्दी नहीं मिटेगी. और कस के दम लगा कर चोद मुझे! साले इतना मोटा मुसल जैसा लौड़ा है तेरा कि लग रहा है कि स्वर्ग में हूँ मैं! और चोद बेटा और कस कस के चोद अपनी मम्मी को!
सोनू- ले साली रांड मां मेरी … और कस कस के ले!

सोनू बहुत बुरी तरह से जानवर जैसे मेरे बदन को नोच रहा था और मुझे वो बहुत ही ज्यादा पसंद आ रहा था! जी कर रहा था आज चुदवा चुदवा के मर ही जाऊँ!

काफी देर तक मेरी चुत चोदने के बाद सोनू ने कहा- मम्मी, मेरा गिरने वाला है अंदर ही!
और मैं इतने जोश में थी कि कुछ कहने की हिम्मत नहीं थी. उसका इतना बोलना था कि मैं परमानन्द को प्राप्त हुई, अपने शिखर पर पहुँच कर मेरा माल गिर गया और ओर्गास्म के साथ ही मैं मछली जैसे छटपटाने लगी. जिसे सोनू समझ गया और मेरी यह हालत देख कर जोश में सोनू का भी गिर गया.

मुझे मालूम था कि मेरे सेफ सुरक्षित दिन चल रहे हैं तो निश्चिंत होकर मैंने अपने अंदर ही गिरवा लिया और मेरा सगा बेटा सोनू मेरे ऊपर ही यानि अपनी सगी नंगी मां के ऊपर लेट गया!

करीब दस मिनट बाद सोनू उठा और चुपचाप अपने कमरे में चला गया!

मैंने उठ कर अलमारी से नाइटी निकाल कर पहनी और लेट गयी.
तभी शिवानी उठ कर बैठ गयी और बोली- मम्मी, भैया ने आपको बहुत प्यार किया न?
मैंने- हाँ बेटी, बहुत ज्यादा खुश कर दिया है, चलो अब सो जाओ तुम भी!

मेरे मन में शक पैदा हो चुका था कि शायद शिवानी सब समझ चुकी है क्यूंकि अब वो कोई बच्ची तो रह नहीं गयी, पूरी जवान हो चुकी है!

खैर इस बारे में फिर न शिवानी ने कुछ कहा, न ही मैंने!
और फिर हम दोनों मां बेटी भी सो गए!

सुबह पांच बजे सोनू ने दुबारा से आकर मेरे जिस्म को नोचा और जमकर अपनी माँ को चोदा पर इस बार उसका माल मैंने अपने मुँह में लेकर पी लिया था!

अब मुझे एक मर्द और मेरे बेटे को जवान औरत मिल चुकी थी और इस तरह से हम अपनी शारीरिक जरूरत यानी कामवासना पूरा करते हैं!

तो मित्रो, आपको मेरी यह माँ बेटा सेक्स की कहानी कैसे लगी मुझे मेल कर के जरूर बताइयेगा,
Mast garmagaram update👍👍
 

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घर में ही दो भोसड़े और एक सीलपैक चुत मिली- 1


मेरा नाम शाहबाज़ है और मैं पुणे महाराष्ट्र से हूँ. मैं 21 साल का लंबे मोटे लौड़े वाला युवा हूँ.

मेरे घर में मैं, मेरी अम्मी ज़ाहिरा, खाला और मेरी बहन जेबाँ रहते हैं.

मेरी अम्मी की उम्र 41 साल है. वो बड़े दूध वाली और उभरी हुई गांड की माल किस्म की औरत हैं. वो ज्यादा मोटी भी नहीं हैं.

मेरी खाला मेहर की उम्र 35 साल है. उनके भी बड़े बड़े दूध और बड़ी सी गांड है. खाला भी थोड़ी भरे हुए जिस्म की हैं.

मेरी बहन जेबाँ की उम्र 19 साल है. उसके कड़क दूध, हल्की उभरी हुई गांड है.

मेरी अम्मी का तलाक उस समय हो गया था जब हम दोनों भाई बहन छोटे थे.
गरीब होने के कारण मेरे नाना खाला की शादी नहीं कर पाए थे, जब तक हम अब्बू के साथ रहते थे, तब खाला नाना के यहां थीं.

जब से अम्मी का तलाक हुआ, तब से खाला हमारे साथ रहने लगीं.

मेरा पालन पोषण अम्मी ने ही किया इसलिए अम्मी को हम बहुत प्यार करते हैं.
अम्मी एक फैक्ट्री में काम करती हैं, जिससे हमारा खर्च चलता है.
खाला घर का सारा काम करती हैं.

मैं और मेरी बहन पढ़ाई करते हैं. खाला मेरे साथ हर तरह के मज़ाक करती हैं.

एक दिन की बात है, जब मेरी बहन स्कूल गयी हुई थी और अम्मी काम पर गयी थीं.
घर पर सिर्फ मैं और खाला थे.

उस दिन सुबह के 10 बज चुके थे. खाला ने सारा घर का काम कर लिया था.

फिर वो नहाने के लिए गईं. वो अपने शरीर पर सिर्फ तौलिया लपेटे हुई थीं, जिससे उनके दूध और गांड सही से ढक नहीं पा रहे थे.

मैंने उन्हें देखा तो मुझे अजीब सा लगने लगा जब तक वो गांड मटकाती हुई बाथरूम में घुस गईं.

मैंने मन में विचार किया कि मेरे साथ अभी क्या हुआ. मैंने अपने लंड की तरफ देखा, वो पूरा तन चुका था.

खाला को मैंने कभी भी गंदी नजर से नहीं देखा था पर आज मेरे मन क्यों ऐसा आया.

मैंने मन में कहा कि ये सब गलत है.
मैं टीवी देखने लगा.

थोड़ी देर में खाला बाथरूम से निकलीं, तब भी वो सिर्फ तौलिया लपेटे हुई थीं.
मेरी नज़र फिर से उन पर चली गयी. मैं उन्हें घूरे ही जा रहा था.

तभी उन्होंने मेरी तरफ देखा और मुस्कुराकर चली गईं. मैं घबरा गया कि वो मुस्कुराई क्यों.

मैं सोचता रहा और वो आकर मेरे बगल में बैठ गईं.
फिर खाला हंसकर बोलीं- मेरा शाहबाज़ कब इतना बड़ा हो गया, पता ही नहीं चला.

ये कह खाला ने मुझे गले से लगा लिया, जिससे मेरा मुँह उनके मम्मों के नज़दीक पहुंच गया और मुझे आधे दूध दिखने लगे.
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और पैंट के ऊपर से दिखने लगा.

मेरी खाला ने ये देख लिया और मेरे गाल पर एक चुम्बन कर दिया.
मैं अपने लौड़े को दबाने लगा, पर वो बैठ ही नहीं रहा था.
फिर खाला उठकर चली गईं और अपना काम करने लगीं.

मैंने टॉयलेट में जाकर मुठ मारी. तब जाकर मुझे आराम मिला.
मैं अपने कमरे में जाकर पढ़ने लगा पर मेरा मन नहीं लग रहा था, मुझे बार बार वही याद आ रहा था.

तभी मेरे मोबाइल में एक मैसेज आया कि क्या कर रहे हो?
मैंने पूछा- आप कौन?

उसने कहा- मैं तुम्हें रोज़ देखती हूँ, तुम बहुत हैंडसम हो.
मैं खुश हो गया कि लड़की सैट हो गयी.

मैंने पूछा- तुम कहां रहती हो?
उसने कहा- तुम्हारे काफी नजदीक.

मैंने कहा- अपनी फोटो सेंड करो.
वहां से फ़ोटो आयी, जिसे देख कर मैं भौचक्का रह गया.
उसने जल्दी से आने का लिखा था.

वो मेरी खाला की फ़ोटो थी और बिल्कुल नंगी फोटो थी.
मैं भाग कर खाला के कमरे में गया, वो उधर बिल्कुल नंगी बैठी थीं.

मैं सीधा जाकर उन्हें चूमने लगा.
वो भी मेरा साथ दे रही थीं.

मैंने उन्हें बेड पर लिटाया, उनके दूध को मुँह में लेकर चूसने लगा और उनके निप्पल काटने लगा.
जिससे वो सिहर उठीं और कामुक आवाजें निकालने लगीं ‘आह ऊह ममम आआह …’
इससे मेरा जोश बढ़ने लगा.

फिर उन्होंने मेरे कपड़े उतारना शुरू किए. मैं बिल्कुल नंगा हो गया और मेरा लंड उफान मारे खड़ा था.

मैं खाला की चूत चाटने लगा और जीभ घुसेड़ने लगा जिससे खाला की कामुक सिसकारियां निकलने लगीं- उमम्म अहा आआह मादरचोद चोद मुझे … क्यों तड़पा रहा है साले … आह!

मुझे मज़ा आने लगा.
मैंने खाला के मुँह में अपना लंड घुसा दिया और हम 69 की अवस्था में आ गए.

करीब दस मिनट बाद हम एक दूसरे के मुँह में झड़ गए.
फिर Xxx मोसी मेरा लंड चूसने लगीं, जिससे मेरा लौड़ा खड़ा हो गया.

मैंने खाला की चूत पर लंड सैट किया और एक जोरदार झटका दे मारा.
मेरा आधा लंड चुत के अन्दर चला गया. मैंने एक और झटका मारा, जिससे पूरा लौड़ा चूत में समा गया.

मेरी खाला चिल्ला उठीं- मादरचोद भोसड़ी के … मार डाला साले चुत फाड़ दी मेरी!
मैं कुछ नहीं बोला, बस धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा.

खाला की आवाज़ें निकलने लगीं- उफ्फ आआह उम्मन आआह मार दिया साले हरामी कुत्ता!

थोड़ी देर बाद खाला को मज़ा आने लगा और 15 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला हो गया था.

मैंने खाला से पूछा- माल कहां निकालूं?
उन्होंने कहा- अन्दर ही छोड़ दे.

मेरा माल उनकी चूत में भर गया और मैं उनके ऊपर निढाल हो कर गिर पड़ा.
मेरा लंड अभी भी खाला की चूत में ही था.

कुछ मिनट बाद मेरा लंड चुत के अन्दर ही फिर से खड़ा होने लगा.
मैंने खाला से कहा- एक और बार.
उन्होंने हां में सिर हिला दिया.

मैंने इस बार उनको उठा कर अपने ऊपर बैठाया और घोड़े की सवारी कराई. जैसे ही खाला मेरे ऊपर कूदतीं, उनके भारी वजन से मेरा पूरा शरीर हिल जाता, जिससे मेरा उत्साह और भी बढ़ जाता.

धकापेल चुदाई का मंजर चलता रहा.

काफी देर तक सेक्स हुआ और कई बार झड़ने के बाद हम दोनों ने सोचा कि अब जेबाँ आने वाली होगी.

मैं भी काफी थक गया था तो हमने एक डीप किस किया. फिर मैंने कपड़े पहन लिए और अपने कमरे में जाकर सो गया.
खाला ने भी अपनी चूत साफ कर ली और अपने कपड़े पहन लिए.

वो अपना काम करने लगीं.

जब मैं सो कर उठा, तब शाम के 5 बज चुके थे.
खाला किचन में थीं, जेबाँ मोबाइल में अपनी सहेली से बात कर रही थी.

तभी मैं चुपके से किचन में गया और खाला को पीछे से पकड़ लिया.

खाला बोलीं- हट जा, जेबाँ देख लेगी.
मैंने कहा- वो फ़ोन पर बात कर रही है.

ये कह कर मैंने खाला के दूध दबा दिए.
खाला बोली- बड़ा शरारती है.

मैंने कहा- अगली सर्विस का मौका कब दोगी?
वो बोलीं- जब मौका मिलेगा.

मैंने खाला को किस किया और वहां से चला गया.
थोड़ी देर में अम्मी आ गईं. वो काफी थकी हुई थीं, आकर वो सीधा लेट गईं.

मैंने उनको पानी दिया.
रात को सबने खाना खाया और सोने के लिए जाने लगे.

अम्मी, खाला और जेबाँ एक ही कमरे में उसी बेड पर सोती थीं जिस बेड पर मैंने खाला को चोदा था.
मैं अलग कमरे में सोता था.

खाला अम्मी से बोलीं- मैं आज शाहबाज़ के साथ सो जाती हूं. उसके कमरे में कूलर है.
अम्मी ने मुझसे पूछा- कोई दिक्कत तो नहीं होगी?
मैंने कहा- नहीं, कोई दिक्कत नहीं.

मेरे मन में लड्डू फूटने लगे कि आज पूरी रात चुदाई का मजा मिलेगा.
अम्मी और जेबाँ सोने चली गईं.
मैं भी अपने कमरे में चला गया और खाला के आने का इंतज़ार करने लगा.

थोड़ी देर में खाला आईं, उन्होंने कमरे का गेट लगा दिया और कूलर चालू कर दिया, जिससे चुदाई की आवाज़ें बाहर ना जा पाएं.

मैंने खाला को पकड़ा और जोर से किस करने लगा. खाला भी चुम्मा करने लगीं. हम एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे.

थोड़ी ही देर में हम दोनों नंगे हो गए.
मैंने खाला को लिटाया और उनकी चूत को सूंघने लगा. वाह क्या खुशबू थी और मैं उनकी चूत चाटने लगा.

वो सिहरने लगीं.

फिर मैंने अपना लंड सैट किया और पेल दिया. एक बार में पूरा लंड अन्दर चला गया. खाला की चीख निकल गयी.

मैं रुक गया कि कहीं बाहर आवाज़ न चली जाए.
मैंने खाला के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और धक्के लगाने लगा.

अब आवाज बाहर नहीं आ रही थीं. कुछ देर बाद मैंने होंठ हटा दिए.
खाला की धीमी धीमी आवाज़ निकल रही थी ‘आआह आआह उम्मम अहा उफ्फ्फ और तेज … और तेज.’

इससे मेरा जोश बढ़ने लगा और मैं उन्हें और जोर से चोदने लगा.

कुछ देर बाद हम दोनों झड़ गए.
हमने पूरी रात चुदाई की और मैंने खाला की गांड भी मारी.

सुबह 5 बजे तक चुदाई की और फिर कपड़े पहन कर सो गए.

मैं 9 बजे उठा.
तब तक अम्मी जा चुकी थीं और खाला कपड़े धो रही थीं.

मेरी बहन नाश्ता कर रही थी.
वो मुझसे बोली- इतनी देर तक सोते हो … रात में क्या करते हो?

मैंने उससे कहा- तू अभी तक स्कूल नहीं गयी?
उसने कहा- संडे को भी स्कूल जाया जाता है क्या?

मैंने कहा- तो इतने गुस्से में क्यों है, धीरे बोल न!
फिर वो कुछ नहीं बोली.

मैं फ्रेश होकर नहाने लगा. नहा कर आया तो मैंने जेबाँ से पूछा- खाला कहां हैं?

वो बोली- छत पर कपड़े धो रही हैं.
मैं छत पर गया तो खाला सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में कपड़े धो रही थीं.

मैंने कहा- ये जेबाँ तो आज घर पर है, हम लोग कैसे मजा करेंगे?
वो बोली- मुझे भी समझ नहीं आ रहा है.

मैं उनकी तरफ देखने लगा.
खाला ने कहा- इसको भी अपने साथ शामिल कर लो.

मैंने कहा- वो कैसे?
उन्होंने कहा- ये मुझ पर छोड़ दो.

मैं खुश हो गया कि मुझे दो चूतें मिलेंगी. वो भी एक बिना सील टूटी और इतने कड़क दूध.
तो मैं बहुत खुश था.

मैं नाश्ता करने चला गया और खाला कपड़े धोकर और नहा कर आ गईं.
तब तक 11 बज चुके थे.

खाला ने मुझसे इशारे में कहा कि अपने कमरे में जाओ.
मैं अपने कमरे में चला गया और चुपके से झांक कर देखने लगा.

खाला ने उससे कहा- जेबाँ क्या कर रही हो?
उसने कहा- खाला कुछ नहीं, आइए बैठिए.

खाला उसके बगल में बैठ गईं.
उसके साथ भी खाला हर तरह की बातें करती थीं.

खाला ने सीधे कहा- जेबाँ तुम तो काफी सेक्सी हो, स्कूल में लड़के तुम्हारे पीछे लगे रहते होंगे?
उसने कहा- अरे खाला क्या आप भी …
वो शर्माने लगी.

खाला ने उससे कहा- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है?
उसने सर नीचे झुका लिया और खाला से कहा- धीरे बोलिए, भाईजान सुन लेगा.
खाला ने कहा- वो अपने कमरे में है, नहीं सुनेगा. तुम बताओ.

उसने ना में सर हिला दिया.
खाला ने कहा- तुम हो तो काफी सेक्सी, तुम्हारे दूध भी कड़क हैं और पिछवाड़ा भी निकला हुआ है.

वो शर्माती हुई सिर झुकाने लगी.
खाला ने कहा- मेरा तुम्हारे जैसा शरीर होता, तो 10-15 बॉयफ्रेंड रखती. तुमने कभी सेक्स किया है कि नहीं?

वो कुछ नहीं बोली.
खाला- मैं समझ गयी. अभी तक तुमने सेक्स ही नहीं किया. तुम्हारी उम्र में मैं अपने पड़ोस के लड़के से 25 बार चुद चुकी थी.

मेरी बहन मुँह फाड़ कर खाला को देखने लगी.
खाला बोली- शर्माओ मत अगर तुम्हारा मन करता है तो बताओ, मैं तुम्हारी जुगाड़ लगवा दूंगी.

वो कुछ नहीं बोली.
Awesome update👍
 

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घर में ही दो भोसड़े और एक सीलपैक चुत मिली- 2



कहानी के पहले भाग
मेरी खाला मुझे पटाकर चुद गयी
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरी खाला मेरी बहन को मेरे लौड़े के लिए सैट करने में लगी थीं.

अब आगे अम्मा सेक्स कहानी:

खाला ने कहा- मुझे तो बताओ यार, मुझसे क्या शर्माना … बोलो?
उसने धीरे से कह दिया कि हां कभी कभी मन करता है.

खाला ने कहा- तुम्हें कोई लड़का पसंद है?
उसने कहा- नहीं.

खाला- तुम्हारा भाई तुम्हें कैसा लगता है?
उसने कहा- खाला ये आप क्या बोल रही हैं. भाई के साथ … नहीं नहीं.

खाला ने कहा- अरे पागल तू भी किस जमाने में जी रही है. ले ये पढ़.
खाला ने अपने मोबाइल में Xforum में भाई-बहन की चुदाई कहानी खोल कर मेरी बहन को पढ़ा दी, जिसे पढ़कर वो शर्माने लगी.

खाला ने कहा- आजकल सब होता है. तेरे भाई के साथ मैं रोज़ मजा करती हूं.
ये सुनकर वो हक्की-बक्की रह गयी.

तभी खाला ने मुझे आवाज़ दी और मैं आ गया.
खाला ने कहा- ये मान गयी, इसको भी जन्नत की सैर करवा दे.

मैंने अपनी बहन को गोदी में उठाया और अपने कमरे में ले गया.
वो मुझसे नज़रें नहीं मिला रही थी.

मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और किस करने लगा.
वो पहले तो शर्माई, फिर वो भी मेरा साथ देने लगी.

मैंने धीरे से उसका टॉप निकाला, फिर शॉर्ट्स उतार दिया. उसकी ब्रा का हुक खोला और पैंटी उतार दी.
वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी और हमारे बीच अभी भी किस चल रही थी.

उसकी चूत पर हल्के सुनहरे बाल थे और बिल्कुल टाइट चूत थी. एकदम कड़क दूध थे.
मैंने अपनी बहन के एक दूध को हाथ से पकड़ा और दबाने लगा. दूसरे को मुँह में लेकर चूसने लगा, उसके निप्पल काटने लगा.

वो बीच-बीच में सिहर उठती और वो मादक सिसकारियां भरने लगी ‘उम्मम आआह भाई आआह मज़ा आ रहा है उम्मम्म अअअ आआह …’

फिर मैंने बहन की चूत का रुख किया.
मेरे सामने बिल्कुल सील पैक चूत थी. मैंने उसकी चुत में उंगली घुसेड़ी, तो अन्दर से चूत में पानी आया हुआ था.
उसकी चूत गीली हो गयी थी. मेरी उंगली पूरी अन्दर घुसने लगी. मैं अपनी जीभ भी घुसेड़ने लगा.

अब मैंने उससे अपना लंड चूसने को कहा.
मैं लेट गया. वो मेरे ऊपर थी और हम 69 की पोजीशन में आ गए.

करीब 10 मिनट बाद हम दोनों एक दूसरे के मुँह में झड़ गए.
मैंने उसका सारा माल गटक लिया और वो भी मेरा माल पूरा चाट चाट कर पी गयी.

साली बिल्कुल रंडी की तरह लंड चूस रही थी.

मैंने पूछा- ये कहां से सीखा?
उसने कहा- पोर्न वीडियो देख कर … बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर वो मेरे लंड को चूसती रही, जिससे लंड दोबारा खड़ा हो गया.

मैं लेट गया और मैंने उससे अपने लंड पर बैठने को कहा.
वो मेरे लंड पर बैठी तो बहुत तेज़ चिल्लाने लगी.

मेरा 30 प्रतिशत लौड़ा चुत में घुस चुका था.
उसकी चुत से हल्का सा खून भी आया हुआ था क्योंकि उसकी सील नहीं खुली थी, वो पहली बार चुद रही थी.

उसकी आंखों में आंसू आ गए थे.
मैं थोड़ी देर रुका रहा.

फिर एक और धक्का दे मारा. वो फिर से चिल्लायी.
मैंने धीरे धीरे लंड चुत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर में उसे मज़ा आने लगा.
वो भी मेरा साथ देने लगी, मेरे लौड़े पर उछलने लगी.

मैंने पूछा- कैसा लग रहा है?
उसने कहा- बहुत मज़ा आ रहा है.

मेरी बहन मादक सिसकारियां निकालने लगी- आआह उम्मम्म आआह और जोर से … आआह उफ्फ!

करीब 15 मिनट में हम दोनों झड़ गए.
मैंने उसकी चूत में ही माल छोड़ दिया.

हम दोनों बेड पर लेट गए थे.
तभी खाला आ गईं और जेबाँ से पूछने लगीं- कैसा लगा, तेरा भाई बहुत बढ़िया चोदता है.

फिर वो मेरा लौड़ा हाथ में लेकर चूसने लगीं, जिससे मेरा लौड़ा दोबारा खड़ा हो गया.
जेबाँ भी देख कर गर्म हो गयी.

मैंने जेबाँ से कहा- खाला के कपड़े उतारो.
उसने झट से सारे कपड़े उतार दिए.

फिर खाला मेरे लौड़े पर चूत सैट करके बैठ गईं.
मैंने जेबाँ को अपने मुँह पर बैठने को कहा, जिससे मैं उसकी चूत चाट सकूँ.

खाला मेरे लौड़े पर उछलने लगीं और मैं अपनी बहन की चूत चाटने लगा. इस तरह से बहुत मज़ा आ रहा था.

कुछ मिनट बाद मैं खाला की चूत में झड़ गया. जेबाँ मेरे मुँह में झड़ गयी.
फिर हम तीनों लोग लेट गए.

थोड़ी देर बाद मेरा फिर से खड़ा होने लगा.
मैंने खाला को मुँह पर बैठने को कहा और जेबाँ को लौड़े पर बिठा कर चुदाई की.

ऐसे ही सारा दिन हम तीनों चुदाई करते रहे.
जब शाम के 5 बज गए, तब खाला ने कहा- तेरी अम्मी आने वाली होगी, खाना भी बनाना है.

खाला चली गईं.

जेबाँ पहली बार चुदी थी, तो उसकी चूत सूज गयी थी.
वो चल नहीं पा रही थी.

तभी खाला आई और उन्होंने एक गोली खुद खाई और एक गोली जेबाँ को दी और खाने को कहा.

मैंने पूछा- ये क्या है?
उन्होंने कहा- जो तू अपना माल चूत में छोड़ देता है, उससे हम प्रेग्नेंट हो सकते हैं. इसलिए ये गर्भ निरोधक गोली है.

अब जेबाँ सो गई और खाला काम करने लगीं.

मैं किचन में गया और खाला से कहा- मैं एक बात कहना चाहता हूँ.
उन्होंने कहा- बेझिझक बोल.

मैंने कहा- मुझे मेरी अम्मी को भी चोदना है.
उन्होंने कहा- साले दो चुतों से तेरा मन नहीं भरा क्या?

मैंने कहा- मैं जहां से निकला हूँ, उसमें लंड घुसेड़ना चाहता हूं.
खाला ने कहा- अच्छा ठीक है, मैं प्लानिंग करती हूँ.

फिर शाम को अम्मी आ गईं.
मैंने अपनी अम्मी को ऊपर से नीचे तक देखा, तो मुझे लगा इस उम्र में भी मेरी अम्मी काफी सेक्सी हैं.

फिर हम लोगों ने खाना खाया और मैं और जेबाँ मोबाइल में लग गए.
हालांकि हम लोग चैटिंग एक दूसरे से ही कर रहे थे और सेक्सी बातें कर रहे थे.

तभी मेरी नज़र अम्मी और खाला पर गयी.
वो दोनों पता नहीं क्या बातें कर रही थीं और मेरी तरफ देख कर हंस रही थीं.
मुझे समझ नहीं आया.

मैं अपने कमरे में चला गया और जाकर नंगा बैठ गया.
खाला के आने का इंतजार करने लगा.

थोड़ी देर बाद खाला आ गईं और मैं उन्होंने बेतहाशा चूमने लगा.
वो भी मेरा साथ देने लगीं.

फिर मैंने उनको बेड पर पटक दिया और दूध चूसने लगा, निप्पल काटने लगा.
खाला मादक सिसकारियां भरने लगीं.

फिर खाला नीचे बैठीं और लौड़ा हाथ में लेकर चूसने लगीं.
मुझे बहुत मज़ा आने लगा.

थोड़ी देर में मैं खाला के मुँह में झड़ गया.
खाला ने पूरा माल गटक लिया और लंड चाटकर साफ कर दिया.

वो लगातार लंड चूसती रहीं जिससे मेरा लौड़ा दोबारा खड़ा हो गया.
मैंने खाला से बेड पर लेटने को कहा और उनकी चूत पर लौड़ा सैट करके एक जोरदार झटका दे मारा.

मेरा पूरा लौड़ा खाला की चूत में समा गया.
खाला की हल्की सी आआह निकल गयी.

फिर मैं धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा.
खाला की मादक सिसकारियां निकलने लगीं- आआह उम्मम्म आआह अहा माआह!

थोड़ी देर बाद मैं खाला की चूत में ही झड़ गया और निढाल होकर खाला के ऊपर गिर गया.

जल्दी ही मेरा लौड़ा फिर से खड़ा होने लगा.
मैंने खाला से कहा- मुझे आपकी गांड मारनी है.

खाला ने कहा- नहीं, दर्द होगा.
मैंने ज़िद की तो खाला ने हां कर दी और कहा- बाहर से नारियल का तेल ले आ.

मैं तेल लेने चला गया और लौटा तो देखा खाला गांड खोले उल्टी लेटी हुई थीं, कमरे की लाइट बंद थी. मुझे हल्का हल्का ही दिख रहा था.

मैंने अपने लौड़े पर तेल लगाया और खाला की गांड में तेल भर दिया. फिर एक जोरदार झटका मारा तो मेरा आधा लौड़ा गांड में घुस गया.

खाला की चीख नहीं निकली, तो मुझे अजीब सा लगा.
फिर मैंने एक और झटका मारा तो मेरा पूरा लौड़ा घुस गया.
मैं धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.

थोड़ी देर बाद अचानक से बल्ब जला, मैं घबरा गया. मैंने मुड़कर देखा, तो खाला मेरे पीछे खड़ी थीं.

मैंने आगे देखा तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं. मैं अपनी अम्मी की गांड मार रहा था.
खाला ने कहा- कैसा लगा अम्मा सेक्स का सरप्राइज?

मैं अम्मी की तरफ देखने लगा.
अम्मी ने मुझे एक स्माइल दी और कहा- जल्दी चोदो.

मैं खुश हो गया और धक्के मारने लगा. थोड़ी ही देर में मैं झड़ गया.
फिर अम्मी उठीं और मुझे किस करने लगीं.

खाला मेरे लौड़े को चूसने लगीं.
अम्मी ने कहा- कब मेरा बेटा कब इतना बड़ा हो गया, पता ही नहीं चला.

खाला जाकर जेबाँ को भी बुला लाईं.
अम्मी को नंगी देख कर वो चौंक गयी. उसने कहा- अम्मी आप भी?
अम्मी ने कहा- अरे तुम भी!

मैंने खाला को थैंक्स बोला.
फिर मैंने जेबाँ को चोदने की इच्छा जताई और मैं बेड पर लेट गया.

जेबाँ मेरे लौड़े पर बैठ गयी, अम्मी मेरे मुँह पर, खाला सर के पीछे. अम्मी और खाला एक दूसरे के मम्मों को दबाने लगीं और फिर से चुदाई शुरू हो गयी.

जेबाँ मेरे लौड़े पर उछलने लगी और अम्मी चूत चटवाती हुई सिसकारियां भरने लगीं. वो खाला के दूध दबाने लगीं.
पूरे कमरे में ‘फच्चर फचर आआह उम्मम्म अहा आआह उफ्फ्फ …’ के साथ गालियों की आवाज़ गूंजने लगी.

मैंने सबको बारी बारी से चोदा.
पूरी रात चुदाई करने के बाद सब लोग एक दूसरे के ऊपर नंगे ही सो गए.

फिर हम सुबह दस बजे जागे तो सब लोग नंगे ही थे. तब मैंने अपनी अम्मी को उजाले में अच्छे से देखा.

सच में अम्मी बहुत सेक्सी हैं. आज अम्मी काम पर नहीं गईं और ना ही जेबाँ स्कूल गई.

हम चारों ने सुबह एक राउंड चुदाई की फिर फ्रेश होने लगे. फिर हमने खाना खाया और बातें की.

मैंने खाला से पूछा- आपने आखिरी बार कब सेक्स किया था?
वो बोलीं- पिछले महीने ही.

मैंने कहा- किसके साथ?
उन्होंने बताया- एक अजनबी आदमी से.

फिर मैंने अम्मी से पूछा- आपने कब किया था?
अम्मी ने बताया- मैं तो रोज़ ही करती हूँ.

मैं ये सुनकर हैरान हो गया.
मैंने कहा- किसके साथ?

उन्होंने बताया कि मैं अपने मालिक के साथ सेक्स करती हूँ. वो मुझे काम के नहीं, चुदाई के पैसे देता है. संडे को भी मुझे उसकी सेवा के लिए जाना पड़ता है.
मैं अम्मी की तरफ देखने लगा.

उन्होंने आगे बताया कि जब ज्यादा पैसे की जरूरत होती है तो मैं तेरी खाला को भी ले जाती हूं. हम दोनों बहुत बड़ी चुदैल हैं.
तब मुझे पता चला कि मेरी अम्मी और खाला दोनों एकदम रंडी हैं.

फिर खाला ने मुझसे कहा- अब मुझे भी एक बच्चा पैदा करना है. तुझे जल्दी ही बाप बना दूँगी.

अब हम सब रोज़ चुदाई करते हैं. जब टाइम मिलता तब चुदाई शुरू हो जाती.
मैं खाला को सबसे ज्यादा चोदता हूँ.

दो महीने बाद पता चला कि मेरी खाला मेरे बच्चे की मां बनने वाली हैं. मैं बहुत खुश हुआ.
कुछ महीने बाद खाला को लड़का हुआ.

जब तक खाला प्रेग्नेंट थीं, तब तक मैंने जेबाँ को बहुत चोदा.

ऐसे ही हमारी ज़िंदगी आगे बढ़ने लगी और मैंने जेबाँ से शादी कर ली.
हम सब अम्मी और खाला के साथ दूसरे शहर में रहने लगे.
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अपंग बाप की वासना और मजबूरी




दोस्तो नमस्ते, मेरा नाम अवतार है, और मैं 54 साल का हूँ।
मेरे घर में मेरे सिवा मेरी एक बेटी है जो 25 साल की है।

पहले मेरा भरा पूरा परिवार था। मैं मेरी पत्नी, एक बेटी और एक बेटा।
एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था, बच्चे पढ़ रहे थे, तनख्वाह भी अच्छी थी, सब बहुत बहुत बढ़िया चल रहा था।

फिर ना जाने किसकी नज़र लग गई।
एक एक्सीडेंट मे, मेरी पत्नी और मेरा बेटा मुझे छोड़ कर चले गए, मेरी दोनों टाँगें नकारा हो गई।
जो चार पैसे बचा कर रखे थे, वो सब मेरे इलाज में और बाकी कामो में खर्च हो गए।

शुरू शुरू में तो कुछ दोस्तों रिशतेदारों ने दरियादिली दिखाई, मगर सारी उम्र कौन किसका खर्चा उठा सकता है।
प्राइवेट जॉब थी तो जॉब गई तो घर में खाने के लाले पड़ गए।

कहाँ मैं सोच रहा था कि अपनी बेटी की शादी करूंगा, मगर अब हालात ये थे कि कोई रिश्ता भी नहीं आ रहा था।

उस एक्सीडेंट के 4-6 महीने में ही सारी दुनिया ने जैसे मुझसे मुँह मोड़ लिया।
ना मुझे समझ में आ रहा था कि मैं क्या काम करूँ … क्योंकि चल तो मैं बिलक्कुल नहीं सकता था, सारा दिन व्हील चेयर पर बैठा रहता था।

तो एक दिन अपने एक मित्र से कह कर मैंने अपनी बेटी की नौकरी का इंतजाम कर दिया।

अब जॉब तो उसकी भी प्राइवेट थी।
सुबह साढ़े आठ वो घर के सारे काम निपटा कर चली जाती और शाम को 7 बजे के करीब घर आती।
घर आकर वो मुझे खाना बना कर देती।

मैं भी व्हील चेयर पर बैठे बैठे जितना काम हो सकता था, करता रहता। घर की सफाई कर देता, चाय बना लेता था।

इस एक्सीडेंट से उबरने में और ठीक होने में मुझे करीब एक साल लग गया।

बेटी का काम भी ठीक से जम गया था।

मगर अब मैं नोटिस कर रहा था कि उसमें भी बदलाव आने लगे हैं।

पहले वो सिर्फ सलवार कमीज़ पहनती थी, मगर वो जीन्स टीशर्ट, कैप्री, लेगिंग सब पहनने लगी।
घर में तो वो टीशर्ट और निकर में ही रहती थी।

अब इतनी बुज़ुर्गी तो मुझ पर भी नहीं आई थी, बेशक टाँगें नकारा हो चुकी थी मगर औज़ार एकदम सही था। रोज़ सुबह जब सोकर उठता हूँ तो पूरा कड़क होता है।
अब जब पेट में जाए अन्न तो खड़ा होए लन्न।

मगर इस खड़े का मैं क्या करूँ … कहाँ जाऊँ।
पैसे सारे बेटी के हाथ में होते थे तो उससे तो मांग नहीं सकता था कि बेटी थोड़े पैसे दो, मुझे किसी रंडी के पास जाना है।

तो इसका एक जवाब ये ढूंढा कि घर में काम करने वाली नौकरानी रख लो।
जो काम वाली रखी तो करीब 50 साल की रही होगी।

अब ये लोग अपना ख्याल तो रखती नहीं, तो इसलिये वो 50 में भी काफी बूढ़ी सी लगती थी।
मगर कुछ दिन बाद वो बूढ़ी भी मुझे परी लगने लगी।

अब दिक्कत यह थी कि इससे सेक्स की बात कैसे की जाए, आगे कैसे बढ़ा जाए।
और दूसरी बात अगर वो अपना घागरा उठाएगी, तो पैसे भी तो मांगेगी तो पैसे कहाँ से लाऊँगा।

फिर मैंने और स्कीम सोची कि पहले इसे पटा कर देखते हैं, पैसे का भी कोई न कोई इंतजाम हो ही जाएगा।

वो करीब 11 बजे आती थी, तो मैंने उसके आने का बड़ी बेसबरी से इंतज़ार करना, जब वो आती तो उसे चाय बना कर देनी, उससे बातें करनी, उसके दुख सुख में उसको सलाह देनी!

मतलब थोड़े दिनों में उससे मैंने दोस्ती सी तो कर ली।
अब वो भी चाय पीते वक्त मुझसे बहुत सी बातें कर लेती थी।

एक दिन मैंने उसे बातों बातों में बता दिया कि मुझे और कोई दिक्कत नहीं बस रात को नींद नहीं आती।
बीवी के जाने के बाद रात गुज़ारनी बहुत मुश्किल हो गई है। समझ में नहीं आता कि मैं क्या करूँ।

अब इशारा तो वो मेरा समझ गई … मगर बोली कुछ नहीं!
लगे हाथ मैंने साथ में ये भी कह दिया कि अब मेरे पास कोई पैसे भी नहीं होते, सारी कमाई बेटी के पास होती है, तो इस काम के लिए उससे पैसे मांग भी नहीं सकता।
अपनी बात कहते हुये मैंने अपने चेहरे पर बड़ी मायूसी और बेचारगी के भाव बनाए रखे।

उस दिन तो कुछ नहीं हुआ मगर हर थोड़े दिन बाद मैं घूमा फिरा कर फिर वही बात कहता।
मुझे यकीन था कि अगर ये मेरी बात बार बार सुन रही है तो एक दिन मान भी जाएगी।

अगर इसने ये काम नहीं करना होता तो मेरी बात ही नहीं सुनती; मुझे पहले ही टोक देती।

मेरी मेहनत रंग लाई।
एक दिन फिर चाय पीते पीते मैंने बात छेड़ी।

मैंने यूं ही झूठ ही कह दिया- जानती हो, आज के ही दिन मेरी शादी की सालगिरह है। पिछले साल हम दोनों ने कितना मज़ा किया था, दोनों सारा दिन घूमे, खाया पिया और रात को को कितना एंजॉय किया. और आज मैं अकेला यहाँ सड़ रहा हूँ। कोई भी ऐसा नहीं जो आज मेरा हाथ पकड़ सके, मुझे आज के दिन सांत्वना दे सके।

मैंने जानबूझ कर कुछ रोने की एक्टिंग सी करी।
वो उठी और मेरे पास आकार बोली- साहब मैं कई दिन से आपकी ये दर्द भरी कहानी सुन रही हूँ, आपने हमेशा मेरे सुख दुख में मुझे अच्छी सलाह दी, मैं आपके लिए क्या कर सकती हूँ। आप बताओ?

मैं अंदर से खिल उठा, बोला- तुम क्या करोगी, तुम भी शादीशुदा हो बाल बच्चे वाली हो। तुम्हें मैं कैसे ये सब कह सकता हूँ?
वो बोली- कोई बात नहीं साहब, मैं सब समझती हूँ। आप बहुत अच्छे हैं, रोज़ मुझे चाय पिलाते हैं, मेरे हर दुख दर्द को समझते हैं, बहुत सी कोठी वाली तो औरत होकर भी मेरी बात नहीं सुनती, मगर आप एक मर्द होकर भी मेरी सब बात सुन लेते हो। आपने मुझे इतना मान दिया, अब आपके लिए मुझे भी कुछ करना चाहिए।

मैंने सोचा कि यार क्या कहूँ, इसे कैसे कहूँ।
फिर कुछ सोच कर बोला- अगर तुमसे कुछ मांगूं तो दे सकती हो?
वो बोली- आप कहिए तो सही!

मैंने कहा- मुझे अपनी पत्नी का प्यार चाहिए, उसके तन का, मन का सब सुख चाहिए।
वो खड़ी मुझे देखती रही।

मुझे लगा जैसे ये चाह रही हो कि भोंसड़ी के हाथ आगे बढ़ा कर पकड़ ले अब क्या खुद ही तेरा लौड़ा पकड़ कर अपनी चूत में डालूँ।
तो मैंने अपने दुखी भाव के साथ उसका हाथ पकड़ कर कहा- तुम्हारा साथ ही मेरी ज़िंदगी को संवार सकता है.
कहते हुए मैंने उसका हाथ चूम लिया।

बाद में मुझे ख्याल आया कि यार ये तो झाड़ू लगा रही थी, और अपने हाथ भी धोकर नहीं आई।
मगर कोई बात नहीं … मैंने उसका हाथ सिर्फ ये देखने के लिए चूमा था कि कहीं वो इस बात का विरोध तो नहीं करती।

मगर वो कुछ नहीं बोली, तो मैंने उसके हाथ को फिर से चूमा और उसकी बाजू को सहलाया।
और सहलाते हुये उसे अपनी ओर खींचा।

वो आगे आई तो मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया।
स्त्री का आलिंगन करते ही मन बाग बाग हो गया, खिल उठा।

उसके ढीले मम्मे मेरे सीने से लगे और मैंने उसके गाल पर चूमा।
उसने भी मुझे हल्के से अपनी बांहों में भरा!

बस अब और क्या चाहिए था … तीन महीने की मेहनत रंग लाई, और आज मेरी काम वाली मेरी आगोश में थी।
मैंने बिना कोई और देर किये सीधे उसका मम्मा पकड़ा, थोड़ा ढीला सा नर्म सा था, ब्रा भी नहीं पहना था.
मगर फिर भी पराई औरत के जिस्म अलग ही कशिश होती है।

एक दो बार मम्मे दबा कर मैंने उसका ब्लाउज़ ऊपर उठा कर उसके मम्मे बाहर निकाले और चूस लिए।
मुँह में मम्मे के साथ उसके गंदे पसीने का स्वाद भी आया।

मैंने उससे कहा- एक बात कहूँ, क्या तुम मेरे लिये नहा सकती हो?
वो बोली- हाँ क्यों नहीं!

वह आगे आगे और मैं व्हील चेयर पर पीछे पीछे … वो बाथरूम में घुसी, मैंने भी अपने कपड़े उतारे.
बिलकुल नंगा होकर मैं भी अपने बदन को घसीटते हुये बाथरूम में घुस गया।

उसने अपने कपड़े उतारे तो मैंने अपने मोबाइल पर उसकी वीडियो बनानी शुरू कर दी।
मैं उठ कर खड़ा नहीं हो सकता था तो वो नीचे बैठ गई।

मैंने उसके बदन को अपने हाथों से साबुन लगा कर धोया। गंदमी रंग का भरा हुआ बदन।
करीब 36 साइज़ के मम्मे, बड़ा हुआ पेट, मोटी गाँड, भरी हुई जांघें। अंदर से तो वो बहुत पर्फेक्ट थी।

उसने भी मुझे नहलाया।
उसके हाथ लगाने से मेरा लंड अकड़ गया।
तो मैंने कहा- चूस ले इसे मेरी जान!

उसने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ा और मुँह में लेकर चूसा।
महीनों बाद ऐसा आनंद मिला।

मगर मैंने उसे ज़्यादा देर लंड चूसने नहीं दिया; मुझे डर था कि जैसे वो मज़े ले लेकर चूस रही थी, कहीं मेरा पानी ही न निकल जाए।

उसके बाद मैं उसे अपने बेडरूम में ले आया।
पहले अपने तौलिये से अपना बदन पौंछा, फिर उसका बदन पौंछा।

उसके बाद व्हील चेयर से उतर कर बेड पर बैठ गया, वैसे ही बिलकुल नंगा और लंड मेरा पूरा ताव में!

मैंने उसे कहा- वो अलमारी खोलो.
उसने अलमारी खोली।
मैंने कहा- उसमे ऊपर वाले दराज़ में मेरी बीवी के कपड़े हैं। तुम उनमे से एक ब्रा और पेंटी निकाल कर पहन लो।

उसने एक सफ़ेद ब्रा और एक मेरून कलर की पेंटी निकाल कर पहन ली।
फिर उसने मेरे कहने पर मेरी बीवी की लिपस्टिक लगाई, आँखों में काजल डाला। आने हिसाब से वो थोड़ा साज संवर कर मेरे पास आई।

मैंने कहा- बड़ी सुंदर लग रही हो!
जबकि वो लग नहीं रही थी.
मैंने उसकी झूठी तारीफ करी।

वो खुश हो गई, मुस्कुरा पड़ी.
मैंने उसे अपने पास बुलाया और अपनी कमर पर बैठने को कहा।

वो मेरी कमर पर एक टांग इधर और दूसरी टांग उधर कर करके बैठ गई।
मैंने उसके दोनों कूल्हों को पकड़ कर दबाया और उसको अपनी और खींच कर उसके होंठों को चूस लिया।

लिपस्टिक के स्वाद में उसके बासी मुँह का ज़ायका दब गया.

अब तो मुझे उसके जिस्म में कोई हूर नज़र आ रही थी।
मैंने उसके दोनों मम्मे पकड़े और खूब दबाये और जी भर के उसके होंठ चूसे, गाल चूसे।
वो भी अपनी कमर हिला कर अपनी चूत को मेरे लंड पर घिसा रही थी।

मैंने कहा- ब्रा खोल!
तो उसने अपने ब्रा की हुक खोलकर अपने दोनों मम्मे मेरे सामने आज़ाद कर दिये।

मैंने उसके मम्मे को पकड़ कर उसका निपल चूसा और जोश में आकर काट लिया तो वो सिसक उठी- अरे साहब, निपल पर मत काटो, दर्द होता है, कहीं और काट लो.
तो मैंने उसके मम्मो पर कई जगह काट काट कर निशान बना दिये।

मैंने कहा- जानेमन, बहुत दूध पी लिया, अब ज़रा अपनी मस्त चूत का नमकीन पानी का भी मज़ा दिला दो.
मेरे कहने पर वो उठकर खड़ी हुई और चड्डी उतार दी।

उसकी बालों से भरी चूत के भीगे होंठ मुझे साफ दिखे।

मैं सीधा होकर लेट गया तो वो मेरे ऊपर उल्टी हो कर लेट गई।
अपनी भरी हुई गाँड उसने मेरे मुँह पर रख दी।

मैंने उसके चूत के दोनों फांक खोल कर हल्के से अपनी जीभ से छुआ।
दरअसल मैं उसकी चूत के पानी का स्वाद देखना चाहता था.

अगर मुझे स्वाद अच्छा न लगता तो मैं शायद मैं उसकी चूत ना चाटता. मगर उसकी चूत का स्वाद ठीक था तो मैं अपनी जीभ उसकी चूत के दाने पर और सुराख के अंदर यहाँ वहाँ हर जगह
से चाट गया।

वो भी मेरे लंड को पूरा मज़ा लेकर चूस रही थी।
मेरे लंड टोपा बाहर निकाल कर पूरा गुलाबी टोपा उसने चाटा, चूसा; मेरे आँड ताक चाट गई।

फिर मैंने कहा- बस अब ऊपर आ जाओ, मैं तो तुम्हें चोद नहीं सकता, ये काम तुम्हें ही करना पड़ेगा।
वो बोली- कोई बात नहीं साहब, मुझे कोई दिक्कत नहीं है।

कह कर वो घूमी और मेरे ऊपर आ बैठी। उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चूत में लेने लगी, दो चार बार ऊपर नीचे होकर उसने मेरा सारा लंड निगल लिया।
अब वो अपने पाँव के बल बैठ कर चुदवाने लगी।

मुझे तो स्वर्ग के नज़ारे आ गए।
क्या मस्त चूत थी उसकी … गीली, चिकनी और टाईट।

मैंने पूछा- तेरा पति नहीं करता तेरे साथ?
वो बोली- करता है … पर बहुत कम! कभी कभी ही उसका मन करता है, नहीं रोज़ तो वो दारू में ही धुत्त रहता है।

मैंने पूछ लिया- तो फिर तुम किसी और के पास जाती होगी?
वो हंस कर बोली- हाँ है एक!

मैंने पूछा- कौन है?
वो बोली- जाने दो साहब, बस है कोई!
मुझे भी उससे क्या था।

वो धीरे धीरे मुझे चोदती रही; मैं उसके मम्मों से खेलता रहा।

उसका हुआ या नहीं मुझे पता नहीं … मगर करीब 7-8 मिनट के चुदाई के बाद मेरा ज्वालामुखी उसकी चूत के अंदर ही फट गया।
बहुत माल गिरा। भर भर के उसकी चूत से गाढ़ा सफ़ेद माल बाहर को चू रहा था।

मगर वो नहीं रुकी, तब तक जब तक उसका काम भी नहीं हो गया।
उसके बाद वो मेरे ऊपर ही निढाल होकर गिर गई।

कुछ देर वैसे ही लेटने के बाद वो उठी।
बाथरूम में जाकर अपना मुँह धोकर आई, लिपस्टिक काजल साफ किया, फिर मेरे बदन को साफ किया।

उसके बाद मुझे कपड़े निकाल कर दिये।

मैं कपड़े पहन कर फिर से अपनी व्हील चेयर पर बैठ गया।
वो चली गई।

उसके बाद हमारा तो काम चल निकला।
जब भी दिल करता वो मेरे घर आती; सुबह 9 से 6 बजे के बीच कभी भी।
मेरी सेक्स लाइफ बिलकुल रेगुलर हो गई।
अब तो मैं हर वक्त खुश रहता।

एक दिन रात को मुझे नींद नहीं आ रही थी, बड़ा मन कर रहा था कि काश इस वक्त होती तो साली को पेलता।

नींद नहीं आ रही थी तो मैं बेड से उठ कर अपनी व्हील चेयर पर आ गया।
रात के करीब 11 बजे होंगे।

मुझे अपनी बेटी के कमरे से आवाज़ आई हंसी की।
मुझे लगा किसी से फोन पर बात कर रही होगी।

तो मैं धीरे धीरे से अपनी व्हील चेयर खींचता हुआ, बाहर को आ गया।

जब अपनी बेटी के कमरे के पास गया तो उसके कमरे की बत्ती जल रही थी।

खिड़की से अंदर झाँका तो मेरे पैरों के तले से ज़मीन निकल गई।
मैंने देखा कि बिस्तर पर मेरी बेटी घोड़ी बनी हुई है और एक लड़का उसे पीछे से पेल रहा है. जबकि दूसरे ने उसके मुँह में अपना लंड दे रखा है।

मैं तो जैसे शर्म से ज़मीन में ही गड़ गया … काँप उठा.
अपनी व्हील चेयर चलाते हुये मैं वापिस अपने कमरे में आ गया।

आज पहली बार मैंने अपनी जवान बच्ची को बिलकुल नंगी देखा और वो भी दो मुश्टंडों से एक साथ चुदवाते हुये।
मुझे तो जैसे मरने को जगह नहीं मिल रही थी।

फिर मैंने सोचा कि वो भी जवान है, उसकी भी शादी की उम्र है, उसे भी तो अपने लिए एक साथ चाहिए।
ठीक है अगर उसका एक बॉय फ्रेंड होता तो कोई बात नहीं थी.
मगर ये तो दो थे और दोनों को देख कर लग रहा था के दोनों में से मेरी बेटी को तो कोई भी प्यार नहीं करता होगा।

मैंने सोचा कि इसके बारे में मुझे अपनी बेटी से बात करनी होगी।
एक दो दिन बाद मैंने उससे कहा- बेटा देखो अब तुम्हारी शादी की उम्र हो गई है, अगर मैं किसी काबिल होता तो तुम्हारे लिए कोई अच्छा सा वर खोजता। मगर तुम भी जानती हो, मैं मजबूर हूँ। अगर तुम्हारी कोई पसंद है, तो वो बता दो। मुझे वो भी मंजूर होगा।

बेटी ने पहले हैरानी से मुझे देखा और फिर बोली- ये आज अचानक मेरी शादी की बात कैसे छेड़ दी आपने?
मैंने कहा- बस मैंने सोचा, अब तुम्हें भी शादी कर लेनी चाहिए. चलो जो गलती हो गई सो हो गई, पर आगे से सब ठीक हो जाए तो अच्छा है।

वो मेरे पास आई और बोली- कौन सी गलती कर ली मैंने?
मैंने कहा- अरे जाने दो, छोड़ो उसे! तुम ये बताओ कि तुम्हें कोई लड़का पसंद है?

वो बोली- नहीं … पहले आप ये बताओ कि आपने मेरी कौनसी गलती पकड़ी है?
फिर मुझे मजबूर हो कर उसे कहना पड़ा- परसों रात को मैं वैसे ही बाहर आया था, तो मैं देखा था वो दो लड़के और तुम …
कहते कहते मैं रुक गया।

वो मेरे पास आकर बैठ गई और बोली- पापा, वो दोनों लड़के मेरे बॉय फ्रेंड नहीं थे।
मैंने पूछा- तो फिर तुम उनके साथ ऐसे?

वो सुबकने लगी और खुल कर बताने लगी:

ये सब आपके उस दोस्त ने ही शुरू किया जो आपके सामने मुझे अपनी बेटी कहता था।
मगर जब उसे पता चला कि मुझे आपके इलाज के लिए और पैसे चाहिए, उसी दिन वो अपनी औकात पर आ गया.
उसने मेरे सामने उसने शर्त रख दी कि अगर मुझे पैसे चाहिए तो मुझे उसकी बात माननी पड़ेगी।

मैंने बहुत सोचा, आपसे भी बात करनी चाहिए मगर आप भी मेरी क्या मदद करते।

फिर मजबूर होकर मैंने उसकी बात मान ली।

उसके बाद तो जैसे उसने मुझे अपने लिए ही रख लिया।
जब वो मुझे पैसे देता तो अपने ढंग के कपड़े भी पहनने को कहता, उसके कहने पर ही मैंने जीन्स टी शर्ट वगैराह पहनने शुरू किए।
फिर उसका बेटा विदेश से पढ़ कर वापिस आ गया।

जब उसने फेक्टरी जॉइन की एक उसने मुझे अपने बाप के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया।
उसने अपने बाप को तो कुछ नहीं कहा मगर उसके बाद मेरी रेल बन गई। जब दिल करता बाप पकड़ लेता, जब दिल करता बेटा पकड़ लेता।
मुझे तो उन लोगों ने अपनी रखैल ही बना कर रख लिया।

धीरे धीरे मुझे समझ आने लगा कि ये खेल सिर्फ इसी चीज़ का है।

उसके बाद मैंने अपने दम पर अपने लिए लोग तलाश करने शुरू किए।
इसमें मुझे कोई खास दिक्कत नहीं आई।
और फिर तो मेरे बहुत से दोस्त बन गए।
उस रात जो आपने देखा वो मेरे बॉय फ्रेंड नहीं थे, मेरे क्लाइंट थे।

मैंने कहा- तो क्या तुम धन्धा करने लगी हो?
वो बोली- आप ये भी कह सकते हो. मगर यह मत भूलना कि ये जो आज आप अच्छा खा पीकर बढ़िया कपड़े पहन कर बैठे हो, ये सिर्फ उस फेक्टरी की कमाई है। इसमें मेरा खून पसीना सब लगा है।

इतना कहकर मेरी बेटी रोने लगी।

मैं पत्थर के बुत की तरह वहाँ बैठा रहा, अपनी रोती हुई बेटी को चुप भी न करवा सका।

रोने के बाद वो खुद हही चुप हो गई और मैं अपनी व्हील चेयर खींचता वापिस अपने कमरे में आ गया।

उस रात मुझे नींद नहीं आई, मैंने खुद को बहुत ही मजबूर पाया।

उसके बाद मैंने अपने मन में सोचा कि अगर मैंने समय से उसकी शादी कर दी होती आज मुझे ये दिन न देखना पड़ता!

मगर फिर धीरे धीरे मुझे इस सब की आदत सी हो गई, क्योंकि अब तो हर रात मेरी बेटी के कमरे से मुझे आवाज़ें आती हैं. मगर अब मुझे उनसे कोई परेशानी नहीं क्योंकि दिन में अब मैं अपने कमरे में अपनी कामवाली की आवाज़ें निकलवाता हूँ अपनी ही बेटी के ब्रा पेंटी पहना कर।
 
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junglecouple1984

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सबसे छोटी मामी जी को बीहड़ में पेला- 1



मैं रोहित मेरी उम्र 22 साल है और मेरा लन्ड 7 इंच का है जो किसी भी चूत की बखिया उधेड़ने में सक्षम है।
अगर मेरे लंड के नीचे कोई चूत एकबार आ जाए तो फिर वो चूत फिर से मेरा लन्ड खाए बिना नहीं रह सकती है।

मित्रो, मैंने मेरी पिछली कहानियों में बताया था कि मैं बहुत ही ज्यादा सीधा साधा लड़का था और मुझे चूत चोदने में कोई दिलचस्पी नहीं थी लेकिन जब मैं मेरे मामाजी के यहां आया तो एक दिन मैंने सरिता मामी जी को नहाते हुए देख लिया था।
बस उसी दिन से मेरा लन्ड चूत चोदने के लिए मचल उठा।

उसके बाद मैंने हिम्मत करके सरिता मामी जी को बुरी तरह से खेत में बजा डाला था।
ये तो बस शुरुआत थी देसी मामी सेक्स की … और ये चूत चोदने का सिलसिला शुरू हो गया।
इसके बाद मैंने सीमा मामी और पूजा भाभी को बजा डाला था।

मित्रो, मुझे यहां अब चूत चोदने में कोई परेशानी नहीं हो रही थी और आराम से मेरा लन्ड सीमा मामी जी और पूजा भाभी की चूत में गोते लगा रहा था।
मुझे बारी बारी से दोनों को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

दोनों को चोदते चोदते मुझे लगभग 15 दिन हो चुके थे।
मैं भाभी और मामी जी को अच्छी तरह से चोद रहा था और दोनों ही मेरे लन्ड से चुदकर बहुत ज्यादा खुश थी।

तभी एक दिन पूजा भाभी के पापा की तबीयत खराब हो गई और भाभी उनके मायके चली गई।

अब मेरा लन्ड पूरी भड़ास सीमा मामी जी की चूत पर निकाल रहा था।
सीमा मामी जी मेरे लन्ड से चुद चुदकर थक चुकी थी और मेरा लन्ड भी मामी जी की चूत को बुरी तरह से चोदकर भोसड़ा बना चुका था।

अब मेरे लन्ड को नई चूत की तलाश थी।
तभी मेरी नज़र उर्मिला मामी जी पर पड़ी।

उर्मिला मामी जी मेरी सबसे छोटी मामी जी थी जो लगभग 31 साल की थी।
उर्मिला मामी कोई थोड़ी छोटी कदकाठी की मस्त माल और चुदाई करने के लिए सम्पूर्ण यौवन से भरपूर है।

सीमा मामी जी और पूजा भाभी की चूत की फांकों की गहराई नापने की वजह से उर्मिला मामी जी पर मेरी नजर नहीं पड़ी थी।

उर्मिला मामी एक बच्चे की मम्मी थी लेकिन अभी भी मामी जी के बोबे बहुत ज्यादा कसे हुए थे।
मामी की साइज लगभग 30″ 30″ 32″ की है जो लंड को मज़ा देने के लिए भरपूर है।

पहले मैंने एक दो बार उर्मिला मामी जी पर नजर मारी थी लेकिन उस समय मैंने कुछ ख़ास ध्यान नहीं दिया।
अब मैंने वासना भरी नज़रों से उर्मिला मामी जी को देखा तो मेरी नज़र मामी जी पर ठहर गई।

उर्मिला मामी जी भी कमाल की माल थी। मामी जी के बोबे एकदम से टाइट थे। मामी जी को देखकर लगता ही नहीं है कि इन स्तनों को मामा जी ने रगड़कर चूसा होगा।
अभी भी मामी जी के बोबे दूध से भरे हुए थे।

मामी जी का गोरा चिकना बदन जिस पर मामी जी की मस्त गांड चार चांद लगा रही थी।

अब मेरा ध्यान सीमा मामी जी से हटकर उर्मिला मामी जी पर रहने लगा। अब मेरा लंड उर्मिला मामी जी को चोदने के लिए बेकरार होने लगा।
मैं रोजाना उर्मिला मामी जी को नोटिस करने लगा।

एक दिन जब मैं सीमा मामी को चोद रहा था तभी मैंने सीमा मामी जी से कहा- मामी जी, अगर आप बुरा नहीं मानो तो एक बात कहूं?
मामी जी- मैंने तेरी किसी भी बात का बुरा नहीं माना है तू बेझिझक मुझसे कह सकता है।

मैं- मामी, आप एकदम शानदार जिस्म की मालकिन हो। जब मेरा लन्ड आपकी चूत में गोते लगाता है तो कसम से मज़ा आ जाता है।
मामी जी- ओह! इतनी ज्यादा तारीफ।
मैं- हां मामी जी, सच में। आप के जिस्म के कतरे करते में नशा सा है।

मामी जी- हो सकता है कि जो तू कह रहा है वो सच हो! लेकिन तेरे मामाजी तो कभी कभी ही करते हैं।
मैं- अब मामाजी तो बेचारे खेती बाड़ी में लगे रहते हैं; उन्हें इतना टाइम कहां मिलता होगा।
मामी जी- हां, तेरी बात भी सही है।

मैं- मामी जी, मेरी एक हेल्प और कर दो ना?
मामी जी- बता, क्या हेल्प करनी है?

मैं- मामी जी, उर्मिला मामी जी की चूत दिलवा दो ना!
यह सुनकर सीमा मामी जी एकदम से चौंक गई।

मामी जी- पागल हो गया है क्या तू? तू मुझे और पूजा को चोद रहा है वहीं बहुत है। अब ज्यादा लालच मत कर!
मैं- मामी जी प्लीज, समझो ना! मेरा लन्ड उर्मिला मामी जी को चोदने के लिए तड़प रहा है। अब आप ही मुझे उर्मिला मामी जी की चूत दिलवा सकती हो।

मामी जी- नहीं, मैं कुछ नहीं कर सकती हूं। किसी को पता चल जाएगा तो लेने के देने पड़ जाएंगे।
मैं- मामी जी किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। आप इस बात की चिंता मत करो। आप तो थोड़ी सी हेल्प कर दो; बाकी मैं देख लूंगा।

मामी जी- देख रोहित, रहने दे। कहीं ऐसा नहीं हो कि तुझे मुझसे और पूजा से भी हाथ धोना ना पड़ जाए।
मैं- मामी जी मैंने आपको और पूजा भाभी को भी तो चोदा है ना! लेकिन आज दिन तक किसी को कुछ पता नहीं चल पाया है।

मामी जी कुछ देर तक चुप रही फिर बोली- तू उर्मिला पर भी हाथ साफ करके ही मानेगा। ठीक है कोशिश करके देख ले। मैं तेरी हेल्प कर दूंगी।
मैं- मेरी सबसे प्यारी मामी जी!

और ये कहकर मैंने मामी जी की रसीली चूत में ज़ोरदार धक्का लगाया और चूत में जड़ तक लंड पेल दिया।
मामी जी की एकदम से चीख निकल पड़ी।

अब मैं उर्मिला मामी जी को चोदने का प्लान बनाने लगा।

तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया कि जिस तरह से मैंने पूजा भाभी को बाथरूम में नहाते हुए देखा था; उसी तरह से उर्मिला मामी जी को भी एक बार किसी बहाने से बॉथरूम में नहाते हुए देखा जाए जिससे मामी जी की मेरी प्रति सोच को बदला जा सके।

ये बात मैंने सीमा मामी जी को बताई तो मामी जी ने कहा- लेकिन अगर वो बुरा मान गई तो?
मैंने कहा- मामी जी, कोशिश तो करनी ही पड़ेगी ना, नहीं तो उर्मिला मामी जी इतनी आसानी से हाथ नहीं लगेगी।
मामी जी ने कहा- ठीक है, तू कोशिश करके देख ले।

अब मैं धीरे धीरे उर्मिला मामी जी के नजदीक आने लगा और उनसे प्यार भरी बातें करने लगा।

एक दिन दोपहर में उर्मिला मामी जी घर में टीवी देख रही थी। उसी समय मैं भी उनके घर में पहुंच गया।
उनके साथ बच्चे भी टीवी देख रहे थे।

तभी टीवी में एक किस करने का हॉट सीन आया तो मामी जी चेनल चेंज करने लगी।
मैंने हिम्मत करके मामी जी से कहा- मामी जी, चलने दो ना।
तो मामी जी ने कहा- नहीं, बच्चे भी है यहां।
मैं- तो क्या हुआ? बच्चे अभी छोटे हैं।

मामी जी चेनल चेंज करती करती रुक गई।

हम दोनों हॉट सीन देखने लगे।
तभी मेरी और मामी जी की नजर एकसाथ मिल गई।

और उसी समय मेरा लन्ड तूफान बनकर खड़ा हो गया।
दिल तो कर रहा था कि मामी जी को यहीं के यहीं चोद दूँ. लेकिन फिर सोचा अभी बच्चे यहीं है; थोड़ा सा सब्र रख।
और मैं लंड को मसलकर वापस आ गया।

अगले दिन मैं दोपहर से पहले नहा लिया और प्लान के मुताबिक मैंने मेरी अंडरवियर और बनियान तिरपाल से बने हुए बाथरूम में ही छोड़ दी जो पूरा खुला हुआ था।
अब मैं उर्मिला मामी जी के नहाने का इंतजार करने लगा।

उस समय बड़ी मामी जी खेत पर जा चुकी थी और सीमा मामी जी को मैंने अर्चना भाभी को बिजी रखने के लिए कह दिया था।

अब जैसे ही उर्मिला मामी जी नहाने के लिए बाथरूम में गई तो पीछे से सीमा मामी जी अर्चना भाभी के पास चली गई और भाभी को बातों में लगा लिया।

आंगन में खड़े होकर बाथरूम में देखा जा सकता था।
मेरी नज़र मामी जी पर ही थी।
मैं मामी जी का ब्लाउज खोलने का इंतजार कर रहा था।

थोड़ी देर बाद मामी जी ने ब्लाउज खोल दिया।

बस अब मेरी बारी थी जिसका मैं बहुत देर से इंतजार कर रहा था।
मैं हिम्मत करके बाथरूम में पहुंच गया।

जैसे ही मैं बाथरूम में पहुंचा तो मामी जी को अधनंगी हालत में देखकर मेरा लन्ड मामी जी की चूत को सलामी ठोकने लगा।

उस समय मामी जी बाथरूम के खुले छोर की ओर पीठ करके बदन का मैल उतार रही थी। मामी जी के बड़े बड़े बोबे आगे की ओर लटके हुए थे। मामी जी की गोरी चिकनी पीठ पर पानी की बूंदे ठहरी हुई थी और मामी जी के बाल खुले हुए थे.

किसी के आने की आहट से मामी जी पलटी और एकदम से चौंक गई।
मुझे देखकर मामी जी के चेहरे की हवाइयां उड़ गई। मामी जी ने तुरंत दोनों हाथों से स्तनों को ढक लिया।

मामी जी का ये नशीला नज़ारा देखकर मेरा लन्ड एकदम से टनटना गया और मामी जी को चोदने के लिए तड़प उठा।

होश सम्हालकर मामी जी पूछने लगी- क्या हुआ?
तो मैंने कहा- मामी जी, मैं मेरी अंडरवियर और बनियान यही भूल गया था तो इन्हें लेने आया था।
मामी जी ने कहा- ठीक है, ले जा।

लेकिन मेरा लन्ड तो अभी के अभी मामी जी को चोदने की जिद करने लगा।
जैसे तैसे मैंने मेरे लन्ड को समझाया कि बस एक दो दिन का इंतजार और कर ले; फिर जितना मन करे उतना मामी जी को चोद लेना।

अब जैसे ही मैं मामी जी को अधनंगी देखकर आया तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था।
मैं बहुत ज्यादा खुश हो रहा कि आज तो उर्मिला मामी जी को अधनंगी देख ही लिया है। अब देसी मामी सेक्स का मौक़ा ज्यादा दूर नहीं है।

अब मेरा लन्ड मामी जी को चोदने के लिए तिलमिला रहा था। मामी जी को इस हालत में देखने के बाद मेरे सब्र का बांध टूटने लगा था। मैं अब ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता था।

अगले दिन मैं बड़ी मामी जी का खेत पर जाने का इंतजार करने लगा लेकिन आज बड़ी मामी जी खेत पर नहीं जा रही थी।
दोपहर हो चुकी थी लेकिन अभी तक बड़ी मामी जी घर पर ही थी।

पता चला कि आज मामी जी का पेट दर्द कर रहा है।

तब मुझे लगा कोई दूसरा प्लान तैयार करना पड़ेगा नहीं तो आज बड़ी मामी जी दाल नहीं गलने देगी।
तभी मैं जल्दी से सीमा मामी जी के पास गया और उनसे कहा- मामी जी, आज बड़ी मामी जी यहीं हैं. इसलिए उर्मिला मामी जी को चोदने का कोई मौका नहीं मिल रहा है। अब आप ही मेरी हेल्प करो।

सीमा मामी जी- एक काम कर, उर्मिला को बीहड़ में बेर खाने के बहाने से ले जा और वहां तुझे अच्छे से पूरा मौका मिल जाएगा। सुनसान जगह है वहां कोई आता जाता भी नहीं है।
मैं- हां, मामी जी ये सही प्लान है लेकिन अगर अर्चना भाभी साथ में जाएगी तो फिर मेरी दाल कैसे गलेगी?
सीमा मामी जी- वो सब मैं सम्हाल लूंगी। तू जल्दी जा और उर्मिला को बेर खाने के लिए ले जा।
मैं- ठीक है मेरी प्यारी मामी जी।

तुरंत मैं उर्मिला मामी जी के पास गया और उनसे बेर खाने के लिए बीहड़ में चलने के लिए कहा।
तो उर्मिला मामी जी कहने लगी- अरे आज तो घर का इतना सारा काम है। अगर मैं बेर खाने जाऊंगी तो फिर यहां काम कौन करेगा?
मैं- नहीं मामी जी, प्लीज आज ही चलो ना। हो सकता है कल तो मैं यहां से चला ही जाऊं।
मामी जी- अरे तू कल क्यों जायेगा? अभी तो यहीं रुक!

तभी सीमा मामी जी भी आ गई और कहने लगी- जा चल जा बेचारे को बेर खिलाकर ले आ। घर का सारा काम मैं और अर्चना कर देंगे।

सीमा मामी जी की बात सुनकर उर्मिला मामी जी ने कहा- ठीक है। चल मेरे साथ आज मैं तुझे पूरी बीहड़ में घूमा घुमाकर बेर खिलाऊंगी।

ये सुनकर मेरा लन्ड टनटना गया और मेरे लन्ड की तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।
उसी समय मैंने मेरे लन्ड को मसल दिया और सीमा मामी जी को आंख मार दी।

आज मैं बहुत ज्यादा खुश हो रहा था क्योंकि मुझे लग रहा था कि मामी जी की चूत में आज तो मैं मेरा लन्ड फंसा ही दूंगा।

उर्मिला मामी जी ने बेर भरने के लिए पॉलीथिन ली और बीहड़ में चलने के लिए कहा।
मैं भी मामी जी के साथ चल पड़ा।
 
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