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आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

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junglecouple1984

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सेक्सी चाची के साथ चूत चुदाई का मज़ा



दोस्तो,
मैं अभिषेक, सभी चूत की मल्लिकाओं और मेरे लण्डधारी भाइयों को प्रणाम.

मेरी उम्र अब 25 साल है और में उत्तरप्रदेश के शहर अलीगढ़ से हूँ. मैं एक बिजनेसमैन हूँ जिससे मेरी अच्छी कमाई हो जाती है.

मेरी लम्बाई 5 फुट 7 इंच है.
जिम जाने के कारण मेरे बदन गठीला है.
मेरा लंड 6 इंच लम्बा और 1.5 इंच मोटा है जो किसी भी लड़की को संतुष्ट करने के लिए काफी है.

आज मैं अपनी पहली चुदाई की कहानी लिखने जा रहा हूँ, यह मेरे और मेरी चाची के बीच हुए एक रोमांचक सेक्स की कहानी है.
यह कहानी आज से दो साल पहले की है.

तो कहानी शुरू करने से चूत की मल्लिका अपनी चूत में उंगली डाल लें और लण्डधारी अपने हाथ में लन्ड पकड़ लें.

इस चाची भतीजा चुदाई कहानी में मैंने चाची व अपना नाम बदलकर रख दिये हैं ताकि गोपनीयता बनी रहे.
और बाकी सब असली है जो घटना मेरे साथ घटित हुई.

मेरे घर में मेरे मम्मी पापा में और मेरा छोटा भाई है.
और पड़ोस में ही चाची का घर है.
यह मेरी सगी चाची नहीं है.

मेरी चाची की उम्र 40 साल है.
चाची एक शानदार हुस्न की मल्लिका है. उनका रंग एकदम दूध सा गोरा, लम्बाई 5 फुट 5 इंची है.

उनके शरीर पर उनकी उभरी हुई गांड और चूचे बुड्ढों का भी लण्ड खड़ा कर दे, ऐसी है चाची के शरीर की बनावट!

उनकी एक लड़की है, उनकी लड़की भी मेरी गर्लफ्रेंड रही है.
लेकिन अब उसकी शादी हो गई तो वो कहानी बाद में!
अभी चाची की चुदाई का आनंद लेते हैं.

मैं चाची को पहले से ही पसंद करता था.

जब मेरी उनकी लड़की से सेटिंग हुई तो उसके बाद उनके घर आना जाना मेरा बढ़ गया.
मैं उनके घर जकार चाची के कामों में भी हाथ बंटाने लगा.
तो सभी मुझको पसंद करते थे.

चाचा कहीं बाहर जाते तो कोई काम होता तो मुझे बता जाते!
और जब भी मैं चाची को देखता तो बस मेरा मन करता कि चाची को यहीं पटक कर चोद दूँ.

ऐसे ही दिन निकले जा रहे थे.

यह बात दिसम्बर 2020 की है.
चाचा के दोस्त के लड़के की शादी दिल्ली में थी. तो वहाँ जाने का प्रोग्राम सभी का था.
लेकिन किसी काऱणवश चाची नहीं जा पाई तो चाची घर पर अकेली रह गयी.

और मैं ही उन्हें सुबह बस में बिठाने गया.

वहाँ से वापस आया तो रास्ते में से सेक्स की गोली ले आया.
सोचा कि यही मौका है, कुछ ट्राय करके देखता हूँ.

ऐसे ही शाम हो गयी और रात के 8 बज गए.
जब मैं चाची के घर गया, चाची खाना खा रही थी.

चाची ने मुझे देखा और खाने के लिए पूछा.
मैंने मना कर दिया.

फिर हमारी इधर उधर की बात चलती रही.

उन्होंने खाना ख़त्म किया और वे उठ कर जाने लगी.
तो मैं भी जाने लगा.

तब उन्होंने मुझे रोका और मुझसे कहा- अगर तुमको कोई परेशानी न हो तो क्या तुम आज रात मेरे यहां सोने आ सकते हो?
मेरे मन लड्डू फूटे और मैंने झट से हां कर दी.

उन्होंने कहा- ठीक है, तुम फ्री होकर आ जाओ. तब तक मैं भी फ्री हो जाती हूँ.
मैंने कहा- ठीक है!
और मैं वहां से मन ही मन खुश होते हुए चला आया.

घर गया, सेक्स वाली गोली निकाली और उन्हें पीसकर कर एक कागज़ में कर लिया.
मैंने घर पर बोल दिया- चाचा के घर सोने जा रहा हूँ.

उसके बाद मैं चाची के घर पहुंचा.
तो चाची किसी से फ़ोन पर बात कर रही थी.

मेरे जाने के करीब 2 मिनट और बात की और फ़ोन काट दिया, और वे मुझसे बोली- तुम आ गये!
मैंने भी हाँ कहा.

वे बोली- तुम बैठो, मैं गाय बांध कर आती हूँ, फिर तुम्हारा बिस्तर लगाती हूँ.

मैं बोला- मेरा चाय पीने का मन है. जब तक आप गाय बांध कर आओ, मैं चाय बना लेता हूँ.
उन्होंने बोला- अरे नहीं, मैं आकर बना देती हूँ, तुम बैठो!

मैं बोला- आज हमारे हाथ की भी चाय पी लो!
उन्होंने ‘ठीक है’ कहा और चली गयी.

मैं रसोई में गया, चाय बनाने लगा.
चीनी के साथ ही मैंने सेक्स की गोली भी मिला दी.

मैं चाय बना ही रहा था, जब तक चाची आ गयी.
उन्होंने मुझसे कमरे जाने के लिए कहा- मैं लेकर आती हूँ.

फिर वे चाय लेकर आयी.
हमने साथ चाय पी और थोड़ी देर इधर उधर की बात की.

दोस्तो, मैं जानकारी के लिए बता दूँ कि सेक्स की गोली को गर्म और मीठी चाय के साथ देने से सेक्स चढ़ने की स्पीड दुगनी हो जाती है.

हमने 10 मिनट इधर उधर की बात की, फिर चाची उठ कर जाने लगी.

मैंने उनकी आँखों की तरफ देखा तो उनमें भी सेक्स का असर सा दिखाई देने लगा था.
फिर वे वहां से चली गयी.

मैं कमरे में बैठ कर इंतज़ार करने लगा, मेरे दिल की धड़कनें भी तेज़ होने लगी.
मन में डर भी था, कहीं चाची को कुछ पता न लग जाये.
गांड भी फट रही थी और मन में लड्डू भी फूट रहे थे.

करीब 5 मिनट तक चाची वापस नहीं आयी, मैंने चाची को आवाज लगाई.
उधर से कोई जवाब नहीं आया.

मैं वहां से उठ कर रसोई की तरफ गया.
वहां जो देखा … बस देखता ही रह गया.

सच में वह नजारा मैं जब भी याद करता हूँ, मेरा लंड खड़ा हो जाता है.

चाची ने अपनी साड़ी को ऊपर पेट पर चढ़ा रखा था, पैंटी पूरी उतार दी थी जिससे उनकी गोरी गोरी जांघ एकदम दूध की तरह दिख रही थी.
उनका सर पीछे की तरफ झुका हुआ था, एक हाथ ब्लाउज के ऊपर से ही चूचे पर था और दूसरा हाथ चूत में उंगली कर रहा था.

चाची की आँखें बिल्कुल बंद थी और उनके मुंह से धीरे धीरे ‘अहह अह्ह्ह’ की आवाज आ रही थी.

ये सब देखकर मैं खुद को रोक नहीं पाया और चाची के पास जाकर नीचे बैठ गया.
उनके हाथ को पकड़ कर चूत से अलग किया, दोनों जांघों को कसकर पकड़कर अपनी तरफ खींचा और चूत पर अपना मुंह रख दिया.

चाची ने इसका बिल्कुल विरोध नहीं किया बल्कि मेरा सर पकड़ कर चूत पर दबा दिया.
वे और तेज तेज चूत रगड़वाने लगी.

चाची की चूत में से नमकीन पानी निकल रहा था.
‘अह्ह्ह अह्ह्ह’ की आवाज उनके मुंह से आरही थी.

थोड़ी देर में चाची मेरे मुँह में ही झड़ गयी, मैंने सारा पानी पी लिया और चूत को साफ़ किया.

फिर मैं उठा, चाची की चेहरे की तरफ देखा.
चाची मुझसे आँख नहीं मिला पा रही थी.

मैंने वहीं उनके होठों पर अपने होंठ रख दिए.
उन्होंने मुझे धक्का दिया और अलग कर दिया.

मैं वहां से कमरे में आ गया और बैठ कर मन ही मन सोचने लगा कि चाची कहीं चाचा को न बता दे!
बहुत डर रहा था मैं!

लेकिन दिमाग में वही सीन चल रहा था.

फिर दो मिनट बाद चाची आई, उन्होंने कमरे के दरवाजे को अंदर से बंद किया और मुझ पर टूट पडी.
उन्होंने मेरे होठों पर होंठ रख दिए.
मैं भी उनका साथ दे रहा था.

5 मिनट तक हमने किस किया.
अब चाची भतीजा चुदाई सही दिशा में आगे बढ़ रही थी.

मैंने चाची के चूचे पर हाथ रखा और जोर जोर से दबाने लगा, एक एक करके दोनों चूचों को दबाने लगा.

उनकी साड़ी को मैंने उनके शरीर से बिल्कुल अलग कर दिया.
चाची मेरे सामने पेटीकोट और ब्लाउज में थी.

फिर मैं चाची की गर्दन पर किस करने लगा.
धीरे धीरे मैंने ब्लाउज के हुक खोल दिए और चूचों को कसकर दबाने लगा.

मैंने ब्लाउज को उतार दिया और पेटीकोट को खोल दिया.
पेटीकोट खुलते ही नीचे खिसक गया.
उन्होंने पेंटी नहीं पहनी थी, अब वे मेरे सामने सिर्फ ब्रा में थी और चूचे भी ब्रा फाड़ कर बाहर निकलने को बेताब थे.

तभी मैंने ब्रा भी हटा दी.
चाची मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी.

सच में वे क्या क़यामत लग रह थी!
एकदम गोरे चूचे!

मैं चाची की चूचियों पर टूट पड़ा.
एक एक करके मैंने दोनों चूचों का रस पिया, ऊपर से नीचे तक सब जगह किस किया.

ये सब करते करते मुझे नहीं पता चला कि उन्होंने मुझे कब नंगा कर दिया.
वे नीचे घुटनों के बल बैठ गयी और मेरे लंड पर किस करने लगी.

मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैं चाची के बाल पकड़ कर लंड पर दबाने लगाने लगा.
चाची गुं गुं की आवाज के साथ मेरा लंड पिए जा रही थी.

कुछ देर बाद मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और हम 69 की पोजीशन में आ गये.

5 मिनट चूत चाटने के बाद चाची ने मुंह से लंड निकाला और मुझसे बोली- जल्दी से इसे मेरी चूत में डाल दो, अब रहा नहीं जाता!
रहा तो मुझसे भी नहीं जा रहा था, मैंने भी देर न करते हुए लंड को उनकी चूत पर रखा.

चूत पहले से ही इतनी गीली थी कि लण्ड अपने आप उसमें जाने लगा.
मैंने भी एक तेज झटका मारा, पूरा लण्ड एक ही बार में अंदर तक उतार दिया.

उनके मुंह से चीख निकल गयी, वे मुझसे बोली- आराम से कर … बहुत दिनों से मैंने किया नहीं है!

मैंने उनकी एक न सुनी, होंठों पर होंठ रखकर मैं तेज तेज झटके मारने लगा.
उन्हें और मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.

सच में दोस्तो, मैंने आज तक 9 लड़कियों को चोदा है लेकिन इतना मज़ा कभी नहीं आया जितना तब आ रहा था.

फिर मैंने चाची को घोड़ी बनाया और पीछे से चोदने लगा.
चाची मुंह से गाली बके जा रही थी- और जोर से चोद मादरचोद … बहुत दिनों से प्यासी है!

तब चाची ने तेज़ झटके देने शुरू कर दिए और वे झड़ गयी.
लेकिन मेरा अभी बाकी था तो मैं उन्हें चोदता रहा.

मैंने चाची को दीवार के सहारे खड़ा किया, एक टांग बेड पर रखी जिससे चूत और चौड़ी हो गई.

तब मैंने अपना लण्ड अन्दर डाला और चोदने लगा.

5 मिनट बाद मेरे होने को आया तो मैं बोला- कहा निकालूँ इसे?
उन्होंने बोला- अंदर ही निकाल दे!

इसके साथ वे भी एक बार और झड़ गयी.
चाची भतीजा चुदाई के बाद हम दोनों बेड पर लेट गए.

उसके बाद हमने उस रात दो बार और चुदाई की.
और अब जब भी मौका मिलता है, हम चुदाई करते हैं.
 

junglecouple1984

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हॉट पंजाबी मामी को चोदा रात भर



नमस्कार दोस्तो!
मेरा नाम सिमरन सिद्धू है।
कैसे हैं आप लोग!
उम्मीद करता हूं कि आप सब अच्छे होंगे.

मेरी उम्र 19 साल है।
मेरी लंबाई 5’11” है।
मेरी बॉडी भी अच्छी है और लंड का आकार 7 इंच है।

यह कहानी मेरी मामी और मेरी है. जानिए कि कैसे मैंने पंजाबी मामी के साथ सेक्स किया।

मेरी मामी का नाम रेनू है।
उनकी उम्र 32 वर्ष है।

मेरी मामी का रंग सांवला है लेकिन शरीर एकदम मस्त है।
उनके बड़े–बड़े मम्में, मटकती हुई गांड क्या ही बताऊं, हर कोई फैन था उनका!

गांव का हर व्यक्ति उनको चोदने के लिए तरसता रहता था।
हालांकि मैंने कभी उनके बारे में गलत नहीं सोचा था लेकिन आपको पता ही है ना कि चढ़ती जवानी क्या कुछ नहीं करवा देती।

बात है पिछले साल की गर्मियों की छुट्टियां की।
जब मैं अपने ननिहाल गया था।

मेरे मामा जी ट्रक चलाते हैं और वे 3-4 दिन के बाद ही घर आते हैं।
नाना–नानी, मामी और उनकी एक 3 साल की बच्ची ही घर पर होते है।

मैं सब का लाडला था वहां पर लेकिन मामी से मैं ज्यादा खुला हुआ नहीं था, शायद शर्माता था।

हम सब ने साथ में डिनर किया और सोने चले गए।

गर्मियों के दिन थे तो नाना–नानी बाहर आंगन में सो गए और कमरे में मैं, मामी और मामी की बच्ची थी।
हमने कूलर लगाया हुआ था।

मैं कूलर के सामने सो रहा था और मेरे बगल में मामी फिर उनकी बेटी।

कुछ घंटों बाद ना जाने मेरा हाथ मामी के पेट पर चला गया।

हालांकि मेरा ऐसा कोई मकसद नहीं था और न ही मेरा चोदने का मन था लेकिन थोड़े वक्त के बाद मेरी नींद उड़ गई और मैंने अपना हाथ पेट के ऊपर फेरना शुरू कर दिया।
मुझे उस वक्त बहुत मजा आने लगा.

तभी मैंने उनकी कमीज थोड़ा सा ऊपर कर दिया और फिर से पेट सहलाना शुरू कर दिया।

मेरी गांड फट रही थी लेकिन वे बहुत गहरी नींद में सो रही थी और तभी मेरे मन का शैतान जाग गया।

फिर मैंने अपना हाथ उनके मम्मों के ऊपर रख दिया लेकिन सूट के ऊपर से ही।
कुछ देर ऊपर से ही दबाने के बाद कमीज के अंदर हाथ डाल कर मम्मों को दबाने लगा।

मैंने पहली बार किसी के मम्में दबाए थे और क्या ही सुख मिल रहा था … क्या बताऊं।

इतना होने के बाद भी वे बिल्कुल भी नहीं हिली और मेरी हिम्मत बढ़ गई।

फिर मैंने मामी की सलवार के अंदर हाथ डालने की कोशिश की लेकिन सिर्फ बालों तक ही जा पाया।
तब तक मेरा हाथ दुखने लगा था तो मैंने हाथ बाहर निकाल लिया.

और तभी मामी ने करवट ले ली।

मैंने अपने लंड को निकाला और मामी की गांड की तरफ कर के मुठ मारने लगा.
लेकिन तभी लाइट चली गई.
मैं डर गया कि मामी कहीं जाग जायेंगी तो दिक्कत हो जाएगी.
इसलिए फ़िर मैं सो गया।

मैं अगली रात का इंतजार करने लगा और अंततः रात आ गई।

मैंने फिर से अपनी मामी के सोते ही उनकी चूचियों को दबाना शुरु कर दिया।

मैं उनकी चूचियों को कमीज के ऊपर से ही जोर–जोर से दबाए जा रहा था।
फिर मैं उनके शर्ट के अंदर हाथ डाल कर दबाने लगा।

मैंने सोचा कि जो होगा देखा जायेगा क्योंकि मेरे सर पर सेक्स चढ़ा हुआ था।

तभी उनकी आँख खुल गई और वे मुझे रोकने लग गई.
लेकिन मैं नहीं रुका।

तब मामी ने मुझे करने दिया और मैं करता रहा।

फिर मैंने उनकी गांड दबानी शुरू कर दी … और क्या मजा आया!

मैं सलवार के अंदर चूत को ढूंढने लग गया और शेव्ड चूत को हाथ लगाकर मजा ही आ गया।

हालांकि वे अब मुझे फिर से रोक रही थी लेकिन मैं नहीं रुका।

मैंने उंगली करनी शुरू कर दिया और मेरा लौड़ा बिल्कुल तंबू बनकर खड़ा था।

अपने लौड़े को मैंने दूसरे हाथ से आजाद कर दिया और मामी का हाथ पकड़ के लौड़े पर रख दिया।

वे उससे खेलने लग गई.
उनके हाथ लगाते ही मेरा लौड़ा और खड़ा हो गया तभी वे उसे हिलाने लग गई।

थोड़ी देर में मेरा निकल गया और मैं थक गया।

लेकिन अभी उनको चोदा नहीं था परंतु मैं थक गया तो सो गया था।

फिर क्या, गर्मी की छुट्टियां खत्म हो गई और मैं अपने घर वापिस आ गया।

अगले महीने मेरे माँ–पापा को कहीं जरूरी दो दिन के लिए जाना था।
उन्होंने मेरी मामी को घर पर बुला लिया क्योंकि मैं घर पर अकेला था।

रात को मैं और मामी बिल्कुल अकेले थे।

जैसे ही रात हुई हम कमरे में सोने आ गए।
मैंने ऐसी ऑन किया।

मामी पलंग के एक तरफ थी बीच में उनकी बच्ची और दूसरी तरफ मैं था।
कुछ समय गुजरा और मैंने तभी अपना हाथ आगे बढ़ाया और उनके पेट पर रख दिया।

उन्होंने कुछ भी नहीं किया।
फिर मैंने अपने पैरों से उनके पैर को जकड़ लिया।

मैंने अपना हाथ उनके छाती पर ला दिया और उनके मम्में दबाने लगा।

कुछ देर में मामी भी मेरा साथ देने लगी।

मैंने पहली बार उस समय लिप किस किया, मजा आ गया।
फिर मैंने उनका कमीज और सलवार उतार दी।

उन्होंने अंदर कुछ नहीं पहना था।
मैं मामी के मम्मे चूसने और दबाने लगा।

मैं उनकी चूचियां का सारा दूध पी गया और मामी सिसकारियां लेती रही।
बीच बीच में मैं मम्मों पर कभी–कभी दांत मार देता था।

फिर उनको मैंने, मुझे नंगा करने को कहा और उन्होंने ऐसा ही किया।
मेरा 7 इंच का लौड़ा उनके चेहरे के सामने आ गया।

मेरे बिना कुछ कहे मेरा लौड़ा उन्होंने अपने मुंह में ले लिया और चूसने लग गई।
यह मेरा पहला अनुभव था और काफ़ी मजेदार था।

15 मिनट तक वे चूसती रही।

फिर मैंने उसकी चूत को छुआ और लंड सेट किया और एक झटका मारा।
लेकिन चूत कसी थी।

बड़ी मुश्किल से अंदर जा रहा था तो उन्होंने अपने हाथ से सेट करवाया।

तभी मैंने एक शॉट मारा और मेरा आधे से ज्यादा लौड़ा मामी की चूत के अंदर चला गया और मामी की आह निकल गई।

मैंने दूसरे शॉट में पूरा ही अंदर कर दिया और शॉट लगाता रहा।

मामी की ‘आह … आह’ और पच–पच की आवाजों से कमरा गूंज रहा था।
फिर मैंने उनको घोड़ी बनाया और फिर से चोदने लगा।

मैंने पूरा आधा घंटा तक उनकी चूत मारी।

फिर मेरी नज़र पड़ी उनकी गांड के छेद पर और मैं अपना लौड़ा गांड पर सेट करने लगा।
तो वे रोकने लगी.

लेकिन मैंने एक न सुनते हुए एक झटके में अंदर डाल दिया.
वे तो जैसे बेहोश हो गई एकदम सुन्न हो गई।

लेकिन मैं चलता रहा कुछ समय बाद वे मेरा साथ देने लगी और मेरा वीर्य उसकी गांड में ही निकल गया।

मैं थक कर उनके ऊपर ही सो गया।
कुछ समय बाद हम उठ कर वाशरूम चले गए और फव्वारे के नीचे नहाने लगे।

वे क्या सेक्सी लग रही थी।
तभी मैं नहाने–नहाते उनकी चूचियों को चूसने लगा।

फिर मैं नीचे बैठ कर चूत को साफ़ करके उस पर जीभ फेरने लगा और क्या ही मजा आया मुझे!
मामी मेरा सिर पकड़ के अंदर दबाने लगी।

फिर हम कमरे में आ गए और फिर से अपना काम शुरू कर दिया।

उस रात हमने 3 बार सेक्स किया।

तो दोस्तो, कैसी लगी कहानी?
 

junglecouple1984

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सगी मामी आसानी से चुद गयी


दोस्तो, मैं राहुल आज आपको अपने जीवन की एक नई और सच्ची सेक्स कहानी बताने जा रहा हूं.

मैं अपने मामा के घर में रहता था.
मामा मामी के चार बच्चे थे.

मेरी मामी जी की उम्र 38 साल है जबकि मेरी उम्र 27 साल है.

मैं मामा के यहां अभी 6 महीने से रह रहा हूं.

यह घटना मेरे और मेरी मामी के बीच की है. यह कहानी अभी चार महीने पहले की है.

रात को हम सब लोग साथ में सोते थे.
वे गर्मी के दिन थे.

रात को मैं और मेरी मामी सो रहे थे.
मैं बेड पर सो रहा था और मामी चारपाई पर सो रही थीं.
उनके साथ उनकी बच्ची सो रही थी.

मुझे रात को देर से सोने की आदत है.
उस वक्त मैं सोया नहीं था, मामी सो चुकी थीं.

उनकी साड़ी पैर से ऊपर को सरक गई, उनकी साड़ी उनकी जांघ पर आ गई.
मेरी नजर मामी की गोरी जांघ पर पड़ी तो मेरे दिल की धड़कन बढ़ गईं.

मामी की गोरी जांघ लगभग पूरी उघड़ चुकी थी और अब बस उनकी चूत देखना बाकी रह गया था.
मैं सारी रात जागा पर मामी की चूत न देख सका.

हालांकि अब मेरी नजरों में मामी की कातिल जवानी बस गई थी और वे मुझे एक चोदने लायक माल लगने लगी थीं.

बस फिर क्या था … मेरे दिन मामी की जवानी छकने की राह देखते हुए निकलने लगे.

फिर एक मस्ती भरी रात आई.

उस रात को मैं और मामी छत पर सो रहे थे.
मामी पेटीकोट और ब्लाउज में सो रही थीं.

रात को करीब 12:30 बजे मेरी आंख खुली.
मैंने देखा कि मामी दोनों पैर घुटनों से मोड़ कर ऊपर करके सो रही हैं.

उस वजह से उनका पेटीकोट ऊपर हो गया था.

चूंकि मेरी मामी पैन्टी और ब्रा नहीं पहनती हैं.
यह बात मुझको पता चली थी जब एक दिन मामी नहा कर अपने कपड़े सूखने के लिए तार पर डालने गई थीं.

अब मैंने मोबाइल की लाईट ऑन की और टांगों के अन्दर झांका.
बस मामी की चूत मुझे दिख गई.

मामी की चूत पर एक भी बाल नहीं था.
उनकी चूत को देख कर ऐसा लग ही नहीं रहा था कि मामी 38 साल की हैं. उनकी चूत तो 25 साल की मस्त लौंडिया के जैसी लग रही थी.

मैं उनके और पास आ गया और उनकी चूत को देख रहा था.
मेरे मन में अजीब अजीब ख्याल आ रहे थे.

मैंने हिम्मत करके मामी की चूत को अपने हाथ से छूकर हाथ अलग कर लिया.

उनकी भट्टी सी तपती हुई चूत के स्पर्श से मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया था.

कुछ पल बाद मैंने वापस से मामी की चूत को छुआ और इस बार मैंने उनकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी.
आह … गर्म चूत के स्पर्श से मन मुदित हो गया.

मैं न जाने किस भावावेश में आकर अपनी एक उंगली को मामी की चूत में अन्दर बाहर करने लगा.

मामी अभी भी नहीं जगी थीं और मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी.
अब मैंने दो उंगलियां डाल दीं और अन्दर बाहर करता रहा.

मेरी मस्ती बढ़ गई थी तो मैं जोर जोर से चूत में उंगली करने लगा था.

कब तक मामी की आंख न खुलती.
उनकी आंख खुली तो मेरे होश उड़ गए.

मामी ने मेरी तरफ देखा और वे बोलीं- राहुल, तुम क्या मेरे साथ सेक्स करने की सोच रहे हो?
मामी के मुँह से सेक्स शब्द सुन कर मैं हैरान रह गया.

मैंने सोचा कि मामी मुझको अब मारेंगी या मुझ पर चिल्लाएंगी.
पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

मैंने मामी से साफ साफ बोल दिया- मामी, आप मुझ बहुत अच्छी लगती हो. मैंने आपकी चूत देखी, तो मैं खुद को रोक नहीं पाया बस. मुझको आपके साथ एक बार सेक्स करना है.
मामी बोलीं- बस इतनी सी बात!
मैंने कहा- आपके लिए इतनी सी बात होगी, मेरे लिए तो ये बहुत बड़ी बात है.

वे हंसने लगीं और बोलीं- आ जाओ न … मैंने कब मना किया है.

मैं हैरान था कि मामी खुद से कह रही हैं कि आ जाओ और चोद लो.

इसका मतलब कहीं यह तो नहीं है कि मामी खुद ही मुझे अपने जाल में फंसा रही थीं और मैं चूतियों सा उनके साथ अब तक कुछ भी न कर सका था.

मामी ने मुझे सोचते हुए देखा तो उन्होंने अपनी दोनों टांगों से पेटीकोट को कमर तक सरकाया और बोलीं- आ भी जाओ, क्या सोच रहे हो!

उनका पेटीकोट तो ऊपर हो ही गया था और चूत सामने भभक रही थी.

मैंने भी उनकी दोनों टांगों के बीच आसन जमाया और उनकी चूत को अपने मुँह से चाटने लगा.

मामी को अपनी चूत चटवाने में मजा आ रहा था.
वे आह आह करती हुई बोलीं- आह राहुल … तुम तो कमाल के लड़के हो … मुझे सब समझ आ गया है कि अब तुम मुझे रात भर सोने ही नहीं दोगे. आज भूल जाओ कि तुम मेरे भांजे हो. बस अपनी गर्ल फ्रेंड समझ कर चोद दो मुझे!

यह सुनते ही मैंने मामी जी का नाम लेते हुए कहा- मीना रानी, आज तुमने मुझको अपनी चूत चोदने को दी है, तो आज सोना क्या है … सोती तो हम तुम रोज ही हैं … आज तो सुहागरात समझो.
मीना मामी बोलीं- हां, तू मुझे चोद रहा है, तो कैसा शर्माना और सोना … आज तो धकापेल चुदाई का मजा ले.

मैंने मीना मामी से पूछा- मीना रानी, एक बात बताओ … क्या मामा जी आपको नहीं चोदते हैं?
इस पर मीना मामी बड़ी उदास स्वर में बोलीं- उनको तो चोदे हुए 4 साल हो गए हैं.

यह सुनकर मेरी तो मानो लॉटरी लग गई.

वे बोलीं- राहुल, जब तू मेरी चूत में उंगली कर रहा था, मुझे तभी पता चल गया था कि यह तू ही होगा. इसलिए तो मैं कुछ नहीं बोली और अपनी चूत तुझे चोदने दे रही हूँ.

बस फिर क्या था दोस्तो, मैंने मीना मामी की चूत खूब चाटी और उनका रस पी लिया.

मीना मामी बोलीं- राहुल, अब तुम अपने लंड की गर्मी को मेरी चूत की गर्मी में मिला दो! मैं 4 साल से नहीं चुदी हूँ. आह जल्दी से चोद!

यह सुनते ही मैंने मीना मामी की चूत में अपने लंड को सैट किया और पेल दिया.
एक ही झटके में लंड चूत के अन्दर घुसता चला गया.

मीना मामी की तो समझो जान निकल गई.
वे कराह कर बोलीं- आह राहुल … तुमने तो एक बार में ही अन्दर डाल दिया … आह मैं तो मर गई. आराम आराम से करो न … पूरी रात बाकी है.

मैंने मामी से कहा- मीना रानी, तेरी चूत 4 साल से नहीं चुदी है न … इसलिए मैं भी इतनी कसी चूत देख कर खुद को रोक नहीं पाया.

अब मैं मीना मामी की चूत में अपने लंड को तेज गति से अन्दर बाहर कर रहा था.
हम दोनों को अब और ज्यादा मजा आ रहा था.

मीना मामी बोलीं- राहुल, अब तुम मुझे रोज रात को चोदना.

मैं मीना मामी को चोदता जा रहा था और उनसे कहता जा रहा था- मीना मेरी रानी … तेरी चूत, गांड और तेरे मुँह को अपने लंड से भर दूंगा.

वे बार बार बस यही बोल रही थीं- राहुल, अब तुम मुझे लंड देना नहीं भूलना. मुझे रोजाना तुम्हारा लंड चाहिए.
मैं बोला- हां मीना रानी, मैं तेरे तीनों छेदों में लंड को भर दूंगा.

मामी खुश हो गईं कि अब उन्हें रोज लंड मिलेगा.

मैं मीना मामी को चोदता रहा और अंत में मैं उनकी चूत में ही छूट गया.
यह मेरे लिए बड़े क्षोभ की बात थी कि मामी अभी भी नहीं झड़ी थीं.

वे हैरान होकर बोलीं- राहुल … तुम तो इतनी जल्दी झड़ गए. अब मेरी चूत की गर्मी कैसे शांत होगी?
मैंने कहा- मामी, यह पहली बार था, मगर आप चिंता न करें … मैं ही आपकी चूत की गर्मी को शांत करूंगा.

बस अब मैं उठ गया और मीना मामी की चूत को चाटने लगा.

मामी ने कहा- अभी चाटने से पूरा मजा नहीं आएगा. तुम्हारा लंड अन्दर जाकर ही मेरी चूत को ठंडी करेगा.
यह कह कर वे 69 में आईं और मेरे लंड को चूसने लगीं.

बस अब मैं मामी की चूत चूसमें लगा था और मीना मामी मेरे लंड को चूसने में लगी थीं.
मेरे लंड में फिर से जान आने लगी और मामी की चूत की आग वापस भड़कने लगी.

हम दोनों को ऐसा मजा आ रहा था मानो चुदाई के बीच में इंटरवल हुआ हो.
कुछ ही देर में फिल्म फिर से शुरू हो गई.

मीना मामी ने जैसे ही लंड का कड़कपन देखा, वे झट से उठ कर सीधी हो गईं और मेरे लंड को अपनी चूत में लेने लगीं.
मैं भी उनकी चूत चोदने में लग गया और अपने लंड को तेजी से मामी की चूत में अन्दर बाहर करने लगा.

मीना मामी आह करती हुई बोलीं- आह … मजा आ रहा है … और तेज पेलो आह और तेज राहुल!
मैंने कहा- आह हां … ले लो मीना रानी मजा ले लो … आह बड़ी सख्त जान है तू साली कुतिया रांड … और ले लौड़ा.

मैं मामी को गाली देते हुए तेज तेज चोदता रहा.
तभी मामी का चरमोत्कर्ष आ गया और वे एकदम से अकड़ कर ‘आह उई आह आ आह उई …’ करती हुई झड़ने लगीं.

उसी समय मैं भी बह गया.
हम दोनों एक साथ ही झड़े.

मीना मामी बोलीं- राहुल, तुमने आज मुझे खुश कर दिया है. आज से तुम मेरी चूत को हमेशा चोदना.

यह सुनकर मैं बहुत खुश हुआ.

उसके बाद मैंने उस रात सेक्सी मामी को दो बार और बजाया.

फिर जब भी मौका मिलता, तो मैं मीना मामी को चोद लेता.
मामी की चूत तो मैंने अब तक बहुत बार मार ली थी.
बस अब उनकी गांड मारना ही बाकी है.

दोस्तो, मैं अब मामी की गांड मारने की सोच रहा था.
मैंने उनसे दो तीन बार कहा भी तो वे कह देती थीं- हां दे दूँगी … पर अभी नहीं.

एक दिन मीना मामी को चोदने के लिए मैं उन्हें गर्म कर रहा था.
तभी वे बोलीं- राहुल, आज तुम मेरी गांड मार लो.
मैं खुश हो गया और बोला- मीना रानी, आज तो तुमने मेरे मन की बात छीन ली.

मीना मामी बोलीं- राहुल, तुम काफी दिनों से मेरी गांड पेलने की फिराक में थे न!
मैं- हां मीना रानी … आज मैं तेरी गांड में लंड डालूँगा.

मामी खुश हो गईं.
मैंने उनके पेटीकोट को ऊपर किया और उसकी गांड में लंड लगा कर एकदम से अन्दर पेल दिया.
मामी की सेक्सी आह निकल गई.

उन्हें दर्द होने लगा.
हालांकि कुछ देर बाद उन्होंने लंड को झेल लिया और मजा लेने लगीं.

मैं तेजी से लंड को मामी की गांड में अन्दर बाहर करता रहा.

करीब 15 मिनट तक मैंने मीना मामी की गांड चोदी.
उनको भी बहुत मजा आ रहा था.

फिर मैं उनके दूध दबाता हुआ उनकी गांड में ही झड़ गया.

मामी अपनी गांड मरवा कर बहुत खुश थीं.
पहली बार मीना मामी ने गांड मरवाई थी.
 

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गर्म मामी की गांड फाड़ चुदाई



नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनुराग है।
मेरी उम्र 24 साल है।
मेरा लंड 7 इंच का है, मैं नागपुर से हूं।

यह दो साल पहले की देसी इंडियन Xxx कहानी है जब गर्मी की छुट्टियाँ हुई थी।

मेरा घर, मेरे मामा के घर से लगभग 4 किलोमीटर दूर है।

मामी मुझे बहुत पसंद करती थी।
हम दोनों में काफ़ी सारी बातें हुआ करती थी।

वे अपने हर गहरे राज़ मुझ से कहती थी, क्लोज फ्रेंड की तरह रहते थे मामी और भांजा।

हम दोनों काफ़ी सारी बातें एक दूसरे से शेयर करते थे, यहाँ तक कि नॉनवेज बातें भी!
कई बार मामी मुझे नहाते समय सामने बैठा लिया करती और दूध के दर्शन करा देती।

बातों ही बातों में मामी के बारे में बताना भूल गया दोस्तो!
मुझे माफ़ करना।

मेरी मामी की उम्र 30 साल है।
वे एक ‌साल की बेटी की माँ है।

उनका गदराया बदन, कामुक आंखें, दूध-सी गोरी बड़ी-बड़ी चूची, बड़ी फूली हुई गांड लगभग 38-40 … आप समझ ही सकते हो!
मैं उनके दूध और गोरी गांड का दीवाना था।

जब भी मौका मिलता, मैं उन्हें दबा कर सुख ले लेता था।

कई बार मामी मुझे सामने बैठा कर आंगन में नहाते समय अपनी चूची को मसल-मसल कर साबुन लगाती और इतराती हुई मुझे दिखाती थी।

मेरा भी जी मचल जाता … लेकिन कभी पास जाकर दबा कर मज़ा लेने की हिम्मत नहीं हुई‌।

एक बार की बात है, मामी की बेटी स्कूल गयी हुई थी।
मम्मी ने मुझे मामी के घर से कुछ सामान लाने भेजा था‌।

मामा काम पर गये हुए थे, मामी घर पर अकेली थी.

मैं जैसे ही घर पहुँचा, गेट पर घंटी बजायी और आवाज़ लगायी.
पर मामी ने कुछ भी जवाब नहीं दिया।

उस समय दिन के 11 बज रहे थे।

मैंने सोचा कि मामी कुछ काम कर रही होगी।
तब मैंने गेट को धक्का दिया तो गेट खुल गया।

मैं जैसे ही अंदर पहुँचा, आंगन में जाकर मामी को आवाज़ लगायी‌।

मैंने देखा कि मामी मादरजात़ नंगी, झुक कर अपनी चूत में उंगली करते हुए साबुन लगा रही थी और उनके एक-एक किलो के नंगे चूचे पेंडुलम की तरह झूल रहे थे।
यह नजारा देखते ही बन रहा था।

मेरा लौड़ा लोहे की रॉड की तरह खड़ा हो गया।
मेरी नजरें रंडी मामी के दूध से हट ही नहीं रही थी.
मैं लार टपका-टपका कर 1-1 किलो के चूचे आंखें फाड़-फाड़ कर देख रहा था।

तभी मामी ने मुझे देख कर हड़बड़ा कर चूत से हाथ बाहर निकाल लिया और कहने लगी- आ गया मेरा रंडवा भांजा, आख़िरकार आज तूने मुझे पूरी नंगी देख ही लिया! अब देखते ही रहेगा या कुछ करेगा भी?

मैं झट से अपने सारे कपड़े निकाल कर नंगा होकर मामी के पास गया और उनके चूचे दोनों हाथों से दबाते हुए उन पर पानी डालने लगा।
पूरे शरीर पर पानी डाल कर उन्हें तौलिये से पौंछ कर नंगी मामी को गोद में उठा कर बिस्तर पर ले जा कर पटक दिया।

पागल कुत्ते की तरह मैंने उनके दूध को नोच-नोच कर चूसा।
मामी सिसकारियाँ निकालती हुई मुझे गाली देने लगी- भड़वे, मादरचोद इतने दिन से मर गया था? इतने इशारे दिये तुझे समझ नहीं आया, आज आख़िर आ ही गया।

मैं उनके होंठ से होंठ मिला कर उसे चूमता, जीभ चबाता‌।
कभी होंठ चूसता, कभी जीभ चबाता.

ऐसा करते हुए लगभग आधा घण्टा तक होंठ और दूध चूसा, उसके बाद मामी का सब्र टूट गया।

मुझे गालियाँ देते हुए वह कहने लगी- मादरचोद, भड़वे, बहनचोद अनुराग … मेरी चूत में खुजली मची है। गांडू, मादरचोद तू चूची चूस रहा है। भड़वे, जल्दी से अपना लंड डाल दे मेरी चूत की भट्टी में और चोद मेरी गांड से टट्टी निकलने तक!

मैं उठा और अपना लंड हिलाते हुए मामी के मुंह के पास ले गया और उनके मुंह पर लौड़ा मारते हुए होंठ पर घिसने लगा।
मामी को घिन आने लगी तो बोली- आज तक तेरे भड़वे मामा का लंड नहीं चूसका मैंने … तेरा चूसूंगी गांडू, बहनचोद अनुराग?

मैं बोला- लंड तो तू चूसेगी रांड, तेरे से ही चुसवाऊंगा छिनाल साली!
फिर वे मुंह बनाते हुए मुड़ गयी।

मैंने अपना लंड मामी के चूत पर रखा और मामी की टांग उठा के चूत को दनादन चोदने लगा।
मामी की सिसकारियाँ बढ़ती जा रही थी और बोल रही थी- अअ … अनुराग फाड़ डाल!
वे एक बार झड़ गयी।

मैं लगातार उसे चोदे जा रहा था.
वे बोल रही थी- आअ अह्ह फ़क मी … फ़क मी तेज़ और तेज़!

उनको पूरा 7 इंच का लंड अंदर बाहर करके चोद रहा था।

पूरी पावर लगा के मैं मामी की चूत का भोसड़ा बना रहा था, साथ ही उनको गाली दे रहा था- रंडी साली, छिनाल तेरी गांड भी मरूंगा आज‌!

लगातार 20 मिनट तक मामी की चूत का भोसड़ा बना कर मैं डिस्चार्ज होने वाला था‌।
उस समय तक मामी भी झड़ चुकी थी।

मामी ने बोला- मेरे चेहरे पर गिरा अपना माल!
मैंने उनके बाल पकड़ के उनके चेहरे को लंड की तरफ़ बढ़ाया।

बाल खींचते ही मामी का मुंह खुल गया.
मैंने तुरंत अपना 7 इंच का लौड़ा उनके मुंह में डाल के पूरा पानी निकाल दिया।

मामी ने उलटी कर दी और मुझे धक्का देते हुए गाली बकने लगी- रंडी की औलाद, मादरचोद मेरे मुंह में डालने किसने बोला तेरे को!
इस तरह मैं डिस्चार्ज हो गया।

फिर हम दोनों थोड़ी देर आराम करने लगे, मैं मामी को नंगी देखता रहा।
मेरे लौड़े में जान गई, मैंने उठकर मामी के चूचे में लंड डाल कर चोदने लगा।

फिर मामी के मुंह में डालने की कोशिश करने लगा.
मामी ने मुंह में लेने से मना कर दिया।

मैं उनकी गांड में उंगली फेरी.
मामी की गांड उठा कर उछली और बोली- नहीं आज नहीं, भले मेरी चूत चोद लो पर गांड मत मारना!

मैंने उनकी एक ना सुनी और नारियल का तेल लेकर आ गया और उनकी गांड पर फैला के डालने लगा।
मैं लंड में तेल लगा कर मसलने लगा मामी के न-न कहते रही।

मैंने लंड उनकी गांड में डालना चाहा तो मामी उठ गयी।

मैं उठा और मामी को खींच के 2 झापड़ मारे और डॉगी स्टाइल में लेटाया।
मामी की गांड ऊपर करके मुंह में कपड़ा बाँध कर उनकी गांड में लंड डालने लगा.

3 इंच लंड अंदर जाते ही मामी फड़फड़ाने लगी।
उनकी आँखों से आंसू आने लगे.

फिर मैंने पूरा का पूरा 7 इंच का लंड उनकी गांड में डाला और रुक गया।

मामी की सांस ही निकल गयी, उन्होंने चिल्लाने की बहुत कोशिश की लेकिन मुंह में कपड़ा ठुंसे और बंधे होने के कारण आँख से आंसू ही निकल पाये।

मैंने धीरे से लंड बाहर निकालकर, तुरंत धीरे से 7 इन्च अन्दर डाला और दनादन चोदने लगा।
काफी देर तक मामी की गांड मारते-मारते, गाली देते-देते उनके दूध को भींचता रहा और उनकी गांड में झड़ गया।

मैंने जैसे ही उनके मुंह से कपड़ा हटाया तो मामी रोने लगी, कहने लगी- आज के बाद मुझे छूने की कोशिश भी मत करना!
वह अपने कपड़े लेकर बाथरूम चली गयी और नहा कर बाहर आयी।

तब तक मैं नंगा बिस्तर पर पड़ा रहा.
और जब मामी आई तो मैं उन्हें मनाने की कोशिश करने लगा, उन्हें किस करने लगा।

वह उठ कर काम करने चली गयी.
फिर मैं भी कपड़े पहन के अपने घर चला आया।

उस दिन के चार दिन बाद मामा ने बुलाया और कहा- मैं बाहर जा रहा हूं, मामी का ध्यान रखना! कल लौटूंगा।

जैसे ही मामा गए, मैं मामी को मनाने की कोशिश करने लगा।

मैंने उन्हें चॉकलेट और गुलाब दिया।
तब वह सामान्य हो गई और काम करने लगी।
मैं टीवी देखने लगा।

मामी की बेटी स्कूल गई हुई थी।

मैं बोर होने लगा तो मामी के पास जाकर उन्हें छूने लगा।
मैंने उसे पकड़ना चाहा तो मामी ने ताना मारते हुए कहा- इसलिए तू यहाँ आया है मेरे पास? तुझे इसके सिवा कुछ दिखता भी है?

मुझे गुस्सा आ गया।
मन तो किया वहीं 2 झापड़ मार के चोद दूं लेकिन मैंने ख़ुद पर काबू किया और उनकी बेटी के आने का इंतजार किया और फिर वहाँ से चला आया।

मैंने 6 महीने तक मामी से बात नहीं की।
जब भी मामा मुझे काम बोलते, मैं मामी से काम पूछता और करके आ जाता।
उसके अलावा, मैंने मामी से किसी भी अन्य विषय पर बात करना बंद कर दिया।

जैसे ही मामी मेरे घर आतीं, मैं उन्हें देखते ही अपने कमरे में जाकर कमरा बंद कर लेता।

धीरे-धीरे मामी को अहसास होने लगा कि मैंने उनसे बात करना छोड़ दिया है।

पांच महीने ऐसे ही निकल गए।
फिर मामी थोड़ी छटपटाने लगी कि मैं उनसे बात क्यों नहीं कर रहा हूं।

वे बार-बार मेरे घर आने लगीं और किसी न किसी बहाने मुझसे बात करने की कोशिश करती.
मगर मैं मुंह फेर लेता था क्योंकि मैं उनसे नाराज था।

वे मुझे मैसेज करती, कॉल करती लेकिन मैं नहीं उठाता था।

उन्होंने मुझे अपने बिना कपड़ों के फोटो भी भेजने शुरू कर दिए लेकिन मैंने उनका कोई जवाब नहीं दिया।
मैं बस उन्हें देखता और अनदेखा कर देता।

6 महीने ऐसे ही बीत गए।

एक दिन मामा, उनकी बेटी, माँ और पापा मेरी नानी से मिलने चले गए।
नानी की तबीयत ज़्यादा ही खराब थी और वे गंभीर थीं।

मेरे मन में दो दिनों के लिए गाँव जाने का बिल्कुल भी इच्छा न थी इसलिए मैं बहाना बनाकर रुक गया।

जब मामी को पता चला कि मैं नहीं जा रहा हूं तो वे भी तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर रुक गई।

अब मामा के घर में सिर्फ़ मामी और मेरे घर में सिर्फ़ मैं ही रह गया था।

मैं उन सबको स्टेशन छोड़ने के बाद अपने दोस्तों के साथ घूमने चला गया था।

दोपहर को मामी ने मुझे फोन किया लेकिन मैंने कॉल रिसीव नहीं किया।

उन्होंने मुझे एक मैसेज भेजा, जिसमें लिखा था- मैं घर पर हूं, गांव नहीं गई। कॉल उठाओ, मुझे बात करनी है।
मैंने उसका भी कोई जवाब नहीं दिया।

करीब आधे घंटे बाद उन्होंने मुझे फिर से कॉल किया।
मैंने कॉल रिसीव किया तो वह रोने लगी।

मैंने पूछा- क्या हुआ? क्या काम है? कुछ गड़बड़ तो नहीं हुई है?

उन्होंने कहा- तुम मुझसे बात क्यों नहीं करते हो?
बोलकर वह रोने लगी और माफ़ी माँगने लगी।
मैंने फ़ोन काट दिया।

फिर 5 मिनट बाद उन्होंने मैसेज किया- अगर तुम आधे घंटे के अंदर में मेरे घर नहीं पहुँचे तो मेरा मरा हुआ मुंह देखोगे।
मैं घबराया और दोस्त को तुरंत मामी के घर छोड़ने को कहा।

20 मिनट में मैं घर पहुँचा और गेट खोलकर भागते हुए अंदर आया।
देखा तो मामी अपने कमरे में अपने बाल खुले करके रो रही थी और बैठी थीं।

मैंने देखा और राहत की सांस ली।

मैं गेट बंद करके मामी के पास गया और बोला- क्या हुआ बोलो?

मामी तुरंत घुटनों पर बैठकर मेरे जाँघ को पकड़कर रोती हुई बिलखते हुए मुझसे माफ़ी मांगने लगी और कहने लगी- कितनी बड़ी सजा दे रहे हो तुम मुझे छोटी सी गलती के लिए? माफ़ कर दो मुझे, मैं नहीं रह सकती तुम्हारे बिना। प्लीज़, मुझे माफ़ कर दो।

वे रोते हुए कहने लगी- प्लीज़, तुम मुझे इतनी बड़ी सजा मत दो। भले तुम मुझे बंद कमरे में, नंगी कर के मारो पीटो, बेल्ट-जूते जो भी मिले, उससे मारो। जो मर्जी आए वह सजा दो, बस तुम मुझसे बात करो, मुझे प्यार करो, नाराज मत हो मेरे से, मैं तुम्हारे नाराजगी को लेकर नहीं जी सकती।

रोते हुए अपना पल्लू बूब्स से हटा दी और कहने लगी- चाहो तो मुझसे बदला लेने के लिए धंधा करवा लो, अपने दोस्तों से चुदवा लो, कुत्तो से चुदवा लो। मैं तुम्हारे लिए मैं कुछ भी कर सकती हूं।

अपना ब्लाउज फाड़ते हुए मामी कहने लगी- मेरा सब कुछ तुम्हारा है। तुम मेरे साथ कुछ भी कर सकते हो। तुम जिसके सामने भी नंगी होकर चुदने बोलोगे, चुद जाऊंगी, अपना लंड चुसवाना हो, मैं चूसूंगी। केवल तेरे मामा और दीदी के सामने नहीं कर सकती।

वे बोलती रही- तुम अपने दोस्तों के सामने अपना लंड चूसने बोलोगे, मैं चूसूंगी। गांड मारना चाहोगे, मैं मरवाऊंगी। बीच बाज़ार में नंगी हो कर चूसने बोलोगे, मैं तैयार हूं। बस मुझे तुम अपनी रांड बना लो। मैं तुम्हारी रखैल बनना चाहती हूं। चाहो तुम कितनी गर्लफ्रेंड बना लो, मुझे कोई परवाह नहीं। मुझे बस तुम्हारी रांड बनना है। अपनी रखैल बना कर रख लो मुझे प्लीज़! मेरे साथ जो मर्जी आए वह करो, नंगी करके मारो, लंड मुंह में डाल के चोदो, मेरी गांड फाड़ो, कुछ भी करो। मैं आपके लिए सब सहने को तैयार हूं। बस आप मुझसे नाराज़ मत रहो।

उनकी बातें सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया.

फटे हुइ ब्लाउज में से काली ब्रा दिख रही थी.
रोते हुए उनकी शक्ल किसी रांड की ही तरह हो गयी थी‌‌।

यह देख के मेरा लंड लोहे का रॉड बन गया।
मैं उनके खुले हुए बाल ज़ोर से पकड़ के बोला- ठीक है रांड!

बोलकर उनके मुंह में थूका और बोला- मेरा पैंट उतार रंडी साली छिनाल!

उन्होंने जैसे ही मेरी पैंट उतारी और चड्डी नीचे करी, मैंने उनके खुले हुए बालों को ज़ोर से खींच कर उनके मुंह में थूक कर अपना लंड उनके मुंह में डाला और दनादन रंडी की चूत समझ कर उनका मुंह चोदने लगा।
उनके मुंह से- गु गु गु गुगूँ की आवाज़ आने लगी।

मैंने बिना सांस लिये उनके मुंह पर 2 झापड़ मार कर लंड बाहर निकाला और जोर-जोर से 3 झापड़ और मारे‌।
रांड के मुंह में थूक कर मैं फिर से लंड डाल कर मुंह को चोदने लगा।

उनके बाल पकड़ कर उनके सिर पर जोर-जोर से मार-मार कर उसके मुंह में अंडकोश तक घुसाया और चोदने लगा।

लगातार काफी देर तक मैं उनको बेदर्दी से रंडी की चूत समझ कर उनके मुंह को चोदा।
उनका चेहरा पूरा थूक से सना हुआ था और गीला हो चुका था।
झापड़ की वज़ह से उंगलियो के चेहरे पर निशान बन गये थे।
पूरा मुंह लाल हो गया था।

अब मैं झड़ने के करीब था तो और जोर-जोर से गुस्सा निकालने के लिए कभी सिर पर मारता, कभी गाली देता- रांड मादरचोद चूस मेरा लौड़ा … तूने 6 महीनों तक तरसाया है। मादरचोद, बहनचोद रंडी!

मैं देसी इंडियन Xxx गालियाँ दे देकर उसका मुंह चोदने लगा, मेरा 7 इंच का लौड़ा पूरे उसके गले को चोद रहा था।

मेरा माल निकलने वाला था, मैंने उसके मुंह में थूक फेंकते हुए और बेदर्दी से वीर्य को उनके गले में उतार दिया।
मुंह से लंड बाहर निकल कर अपने लौड़े से उसके थूक और आंसू से सने हुए चेहरे को मारने लगा।

उससे भी मेरा जी नहीं भरा तो उनके मुंह में थूक कर, झापड़ मार कर, मैं बिस्तर पर लेट गया और वे ज़मीन पर किसी रंडी की तरह अधनंगी पड़ी थी।


 

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रात में नंगी दीदी मेरे लंड पर बैठ गयी




हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम रॉबिन है और यह मेरी पहली सेक्स कहानी है. मेरी उम्र 23 साल है.

यह कहानी मेरी बुआ की बेटी कजिन सिस्टर की है.
उनका नाम शिवानी है और उनकी उम्र 29 साल है.‌‌‌‌

वैसे तो मुझे पक्का नहीं पता … लेकिन बाकी लड़कियों की तुलना में वे बहुत ही कामुक और भरे बदन की मालकिन हैं.
उनका फिगर 34-30-36 से कम का तो हो ही नहीं सकता है.

वे अभी पढ़ाई कर रही हैं इसलिए उन्होंने शादी नहीं की.
मैं उन्हें दीदी कह कर बुलाता हूँ.

यह भाई बहन घर सेक्स कहानी तब की है जब दीदी स्कूल की छुट्टियों में हमारे घर घूमने आया करती थीं.

उस वक्त हमारे घर में दो ही कमरे थे.
एक में मम्मी पापा और एक में मैं रहता था.

एक रूम ऊपर था और एक नीचे था.
मम्मी पापा को सीढ़ी चढ़ने में दिक्कत न हो, इसलिए मैं ही ऊपर वाले कमरे में रहता था.

जब कभी दीदी घर आतीं, वह मेरे कमरे में ही रहती थीं.
मैंने कभी दीदी के बारे में ऐसा नहीं सोचा था कि मैं उनके साथ सेक्स करूँगा.

हालांकि वे खुले विचारों की थीं और मुझसे काफी हंसी मज़ाक किया करती थीं.

वे मुझसे अपनी ज्यादातर बातें साझा करती थीं और मेरे साथ इतनी ज्यादा सहज थीं कि कई बार तो मेरे सामने ही कपड़े चेंज कर लेती थीं.

मेरे ख्याल से शायद उन्होंने भी मेरे साथ सेक्स के बारे में नहीं सोचा होगा.

एक बार की बात है.
उस वक्त मेरे दादाजी की तबीयत खराब हो गयी थी तो मम्मी पापा को गांव जाना पड़ा था.
उन्होंने दीदी और मुझे घर पर ही रहने को कहा और चले गए.

अब मम्मी पापा घर नहीं थे तो हमारा भी मन नहीं लग रहा था.
हम लोग टीवी देखने लगे.
काफी देर तक यूं ही टाइम पास करते रहे.

टीवी पर हॉलीवुड मूवी चल रही थी और अचानक उसमें एक बोल्ड सीन आ गया.
उसके बाद नायक नायिका में किस होने लगी.

वैसे तो मम्मी पापा के रहते हम ये सब नहीं देख सकते थे, पर आज तो कोई रोक-टोक थी ही नहीं.

यह सब देख कर दीदी को उनके बॉयफ्रेंड की याद आ रही थी.
उन्होंने बाहर जाकर अपने बॉयफ्रेंड को कॉल किया और बातें करने लगीं.

मैं आराम से टीवी देखता रहा.
दीदी काफी देर तक बात करती रहीं.
रात के दस बज चुके थे.

फिर दीदी अन्दर आ गईं.

अब मुझे भी नींद आ रही थी.
मैंने दीदी से कहा- मैं सोने जा रहा हूँ.
दीदी ने हां में सिर हिला दिया.

मैं ऊपर जाने लगा.
तभी दीदी ने आवाज लगाई- रुक, मैं भी चल रही हूँ.

फिर हम दोनों रूम में आ गए.

मैं सोने लगा और दीदी फोन चला रही थीं.

रात के करीब 2 बजे मुझे अचानक आवाज सुनाई दी.
यह दीदी के फोन की आवाज थी.

मुझे समझ आ गया कि दीदी पोर्न मूवी देख रही हैं.

मेरी नींद तो उड़ ही गयी थी लेकिन मैं उठा नहीं और लेटे लेटे ही आह आह वाली आवाजें सुनने लगा.
मैं कान खड़े करके अंदाज लगा रहा था कि क्या चल रहा होगा.

मेरी पीठ दीदी की तरफ थी तो मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था.
कुछ देर ध्यान से सुना तो समझ आ गया कि यह आवाज मोबाइल से नहीं आ रही है बल्कि दीदी की आवाज है.

दीदी शायद चूत में उंगली कर रही थीं क्योंकि मुझे उनकी गीली चूत की चप चप की आवाज साफ सुनाई दे रही थी.

मैं लेटा रहा.
अब मेरा लंड भी अब फुंफकार मार रहा था.
लेकिन मैं हिल भी नहीं सकता था क्योंकि हिलने से दीदी को पता चल जाता कि मैं जाग रहा हूँ.

काफी देर तक यूं ही पड़ा रहने के बाद कब मुझे नींद आ गयी, कुछ पता ही नहीं चला.

सुबह जब उठा तो देखा दीदी उठ चुकी थीं और काम कर रही थीं.
पर अब मेरे दिमाग में वही बात घूमने लगी कि रात को दीदी पोर्न देख कर चूत में उंगली कर रही थीं.

मेरा लंड बिस्तर में ही फुंफकार मार रहा था.
मैं तुरंत बाथरूम में गया और दीदी के नाम की मुट्ठी मारने लगा.
कुछ देर में ही मैं झड़ गया और मेरे लंड से ढेर सारा माल निकला.

तभी दीदी ने चाय के लिए आवाज लगाई.
मैं फ्रेश होकर बाहर चला गया और चाय पीने लगा.
दीदी बाथरूम में नहाने चली गईं.

थोड़ी देर बाद दीदी की जोर से आवाज आई- रॉबिन इधर आ!
मैं गया तो देखा कि दीदी टॉवल बांधकर खड़ी हैं.

मुझे तो अपनी किस्मत पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि इतनी जल्दी मेरा सपना पूरा होने वाला है.
पर दीदी के चेहरे पर गुस्सा साफ दिख रहा था.

तभी दीदी ने फर्श की तरफ इशारा करते हुए कहा- ये क्या है?

मुझे याद ही नहीं रहा कि मैंने फर्श साफ ही नहीं किया था, मेरा माल वहीं गिरा हुआ था.
मैंने घबराते हुए कहा- ये तो मैंने नाक साफ की थी.

दीदी कहने लगीं- मुझसे झूठ मत बोल … मुझे नहीं दिख रहा है कि यह क्या है?
मैं घबरा गया और दीदी से बोलने लगा- प्लीज दीदी पापा को कुछ मत बोलना.

मेरी हालत खराब थी.
दीदी के सामने गांड फट रही थी कि पापा को न पता चल जाए.

तभी दीदी मेरी हालत देखकर हंसने लगीं.
मुझे समझ नहीं आया कि यह हो क्या रहा है?

फिर वे बोलीं- अरे पागल मैं मुट्ठी मारने के बारे में नहीं बोल रही हूँ. यह साफ तो कर देता कम से कम … गधा!
वे जोर जोर से हंसने लगीं.

दीदी के मुँह से मुट्ठी मारना शब्द सुन कर मैं दंग रह गया.
वे आगे बोलीं- अभी मैं फिसल कर गिर जाती पगले … आगे से सफाई का ध्यान रखा कर! चल अब जा, यह मैं साफ कर दूँगी.

मैं वहां से बाहर हॉल में आ गया.

ये सारी बातें जो दीदी ने मुझसे कहीं, मेरे लिए ये सब एक ग्रीन सिग्नल की तरह थीं.
अब तो मैं बेसब्री से दीदी को चोदने के लिए तैयार था.

दीदी नहा कर बाहर आईं तो सब कुछ ऐसे सामान्य था, जैसे कुछ हुआ ही नहीं.

कुछ देर बाद दीदी ने किचन से आवाज लगाई- रॉबिन इधर आ!
मैं अन्दर गया तो दीदी ने हेल्प करवाने के लिए कहा.

वह ऐसे बर्ताव कर रही थीं, जैसे कुछ हुआ ही न हो.
दिन भर इधर उधर की बातें और काम करते हुए मैं सिर्फ रात का इंतज़ार कर रहा था क्योंकि मुझे रहा नहीं जा रहा था.

और दीदी थीं कि सिग्नल ही नहीं दे रही थीं.

मैंने कोशिश तो की सेक्स के बारे में इधर उधर की बातें करने की.
पर कोई सिग्नल नहीं मिला तो मैं आगे नहीं बढ़ पा रहा था.

खैर … जैसे तैसे दिन निकल गया और हम खाना खाकर टीवी देखने लगे.

आज मेरे हाथ में रिमोट था और मैं ऐसी मूवी तलाश कर रहा था जिसमें बोल्ड या किसिंग सीन हों.

एक हॉलीवुड हॉरर मूवी मिली जिसमें काफी ज्यादा सीन थे.
कुछ देर देखने के बाद दीदी बाहर अपने बॉयफ्रेंड से बात करने चली गईं.

मैं समझ गया कि दीदी का मूड बन रहा है.
आज दीदी काफी देर तक बात करती रहीं.

करीब 11 बजे दीदी वापस आईं.
तब तक मैं टीवी देख रहा था.

दीदी ने कहा- चल सोते हैं, रात काफी हो चुकी है.
हम दोनों ऊपर आ गए.

पर मुझे कहां नींद आने वाली थी.
इस बार मैं दीदी की तरफ सिर करके सोया ताकि सब देख भी सकूं.

लेकिन काफी देर जगने के बाद भी दीदी आज अपनी चूत में उंगली नहीं कर रही थीं.

आज मुट्ठी मारने की वजह से मुझे भी नींद आ रही थी.
तो मुझे नींद लग गयी और दीदी अपने फोन में कुछ चला रही थीं.

करीब आधी रात को मेरी नींद खुली क्योंकि दीदी मेरे लोवर में हाथ डालने की कोशिश कर रही थीं.
मेरी तो खुशी का ठिकाना नहीं था.

लेकिन मेरा थोड़ा सा खुद पर से नियंत्रण खो देने का मतलब था सर्वनाश … क्योंकि सारा कार्यक्रम खराब हो सकता था.

मैं आधी खुली आंखों से सब देख रहा था.
दीदी बड़ी सावधानी से मेरे लोवर में हाथ डाल रही थीं.

उन्होंने मेरे लंड को हल्के से हाथ लगाया और मेरा लंड खड़ा होने लगा.
मेरा खुद पर नियंत्रण ही नहीं रहा.

अचानक ही दीदी उठ कर बाहर चली गईं.
मैं वही पड़ा सब देख रहा था कि अब क्या होने वाला है.

तभी दीदी हाथ में तेल की शीशी ले आईं और इस बार उन्होंने मेरी लोवर उतारने की कोशिश की.

मैं भी तैयार था, मैंने हल्का सा ऊपर उठकर उनको लोवर नीचे करने दिया.
हालांकि उनको मुझ पर कोई शक नहीं हुआ कि मैं जाग रहा हूँ.

अब वह मेरे लंड पर तेल की धार डालने लगीं और दूसरे हाथ से हल्के से लंड सहलाने लगीं.

मेरा लंड काफी गीला और चिकना कर देने के बाद दीदी थोड़ा नीचे सरक कर आईं.
अब वे मेरे लंड को चूमने लगीं.

मैं आपको बता नहीं सकता कि मैं कैसे सब्र कर रहा था.
ऐसा लग रहा था कि अभी दीदी के मुंह में लंड डाल दूँ.

पर मुझे लग रहा था कि इसे सब खराब हो जाएगा इसलिए मैं ऐसे ही पड़ा रहा.

अब दीदी ने एक हाथ अपनी चूत पर फेरना चालू किया और मेरा लंड धीरे धीरे चूसने लगीं.
मैं तो जैसे स्वर्ग में था.

पर मैं भी कहां इतनी जल्दी झड़ने वाला था.

अब तो न दीदी से रहा जा रहा था और ना मुझसे …
दीदी ने अपनी सलवार और पैंटी निकाल कर साइड में रख दी और बड़ी सावधानी से मेरे ऊपर आने लगीं.

मैं समझ गया कि आज दीदी मुझसे चुद कर ही मानेंगी.

उन्होंने अपने दोनों पैर के बीच मुझे लिया और चूत पर लंड को सहलाने लगीं.

दीदी की चूत काफी गीली और गुलाबी थी.
अब तक मेरा लंड भी काफी गीला और चिकना हो चुका था.

मेरे लंड का साइज़ लगभग साढ़े छह इंच का है और खासी मोटाई लिए है.
दीदी धीरे धीरे लंड अन्दर लेने की कोशिश कर रही थीं.

एक तरफ उनको लग रहा था कि कहीं मैं जग न जाऊं, दूसरी तरफ लंड की मोटाई ज्यादा होने से वह धीरे धीरे उसे अन्दर डाल रही थीं.
अब वह सुपारे पर ही ऊपर नीचे होने लगीं.

मैं आपको बता नहीं सकता दोस्तो कि मैं किस तरह का आनन्द ले रहा था.

धीरे धीरे उन्होंने पूरा लंड अन्दर कर लिया और उस पर धीरे धीरे चुदने लगीं.

अब मेरे सब्र का बांध टूट चुका था और मुझसे रहा नहीं गया.
मैंने उनके हाथों को पकड़ा और बिजली की गति से उनको नीचे ले लिया.

मैं खुद उनके ऊपर आ गया और बोला- धीरे धीरे कब तक चुदोगी दीदी, आओ मैं तुम्हें अपने रॉकेट से तारे दिखा लाऊं!
दीदी तो शर्म के मारे लाल हो गईं- हट … ये क्या कर रहा है पागल! कब जागा?

मैंने कहा- मैं सोया ही कहां था दीदी … तब से जाग ही तो तो रहा हूँ … और अब काहे की शर्म. अब तो बस रोज ही चुदना है.
मैं अपनी दीदी को जोर जोर से चोदने लगा.

दीदी की चूत गीली हो गई थी तो चप चप की आवाज आ रही थी.

अब मैंने उनको पूरी नंगी कर दिया और अपने भी सारे कपड़े उतार दिए.

मैंने दीदी को घोड़ी बनाया और चोदने लगा.
इसी तरह से कई पोज में धमाकेदार चुदाई की.

उस रात को हम दोनों कई बार झड़े.

अगले 3 दिन तक रात और कभी कभी दिन में भी मैंने दीदी को हचक कर चोदा और घर सेक्स का मजा लिया.

फिर गांव से मम्मी पापा आ गए.
लेकिन तब भी रात में हम दोनों चुदाई जरूर करते.

तब से लेकर अब तक जब भी शिवानी दीदी घर आती हैं, मैं रात में उनको चोदता हूँ.

 
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स्टेप मॉम की चुदाई से किया सेक्स सफर शुरू



नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम कुणाल है. मेरी उम्र तीस साल की है. अब तक मैं 130 लड़कियां 65 भाभियाँ, 60 आंटियां, 52 बार अपनी मॉम को चोद चुका हूं. यह मेरी पहली सेक्स कहानी है.

चलिए दोस्तो, पहले मैं आपको अपने परिवार के बारे में बताता हूं. मेरे परिवार में मेरी मॉम, मेरा बड़ा भाई और पापा रहते हैं. मेरी ये वाली मॉम मेरे पापा की दूसरी शादी से हैं. बहुत सुंदर और सेक्सी हैं. उनके लंबे और काले बाल हैं और उनके स्तन काफी बड़े हो गए हैं.

मेरी मॉम की गांड फूली हुई है. मेरे पापा रोज मेरी मॉम की गांड मारते हैं. माफ करना दोस्तो, मैंने अपनी मॉम का नाम नहीं बताया, मेरी मॉम का नाम नीलम है. जब मॉम की चूत मारी थी, तब मेरी मॉम की उम्र 39 साल की थी. उनका फिगर 34-26-38 का है. उनके इस फिगर को देख कर मेरा लौड़ा रोज खड़ा हो जाता था. ऊपर से वह बहुत खूबसूरत थीं तो वह मुझे मेरी मॉम नहीं, मुझे अपनी पत्नी जैसी लगती थीं.

मेरी मॉम को आसपास के सभी लोग चोदना चाहते थे. लेकिन मेरी मॉम केवल परिवार वालों से ही चुदवाती हैं. जी हां, परिवार के मर्द ही उनको चोदते हैं, ये खुलासा आपको कहानी के अंत में हो जाएगा.

जब मैं 19-20 साल का था, जब मैंने पहली बार अपनी मॉम को जमकर चोदा था. उस दिन पापा घर से बाहर गए हुए थे और मेरा भाई कॉलेज के टूर पर गया था. घर पर केवल मैं और मेरी मॉम थे.

मैंने उस दिन तय कर लिया था कि आज रात अपनी मॉम को अपना बना लूंगा उन्हें अपनी पहली पत्नी का दर्जा दूंगा. रात को जब मैं सेक्स फिल्में और कहानी पढ़कर घर आया, तो मुझे मेरी मॉम मेरी पत्नी के रूप में दिख रही थीं और ऐसा लग रहा था कि उन्हें अभी पकड़ कर चोद दूं.

उस समय मेरी मॉम खाना बना रही थीं. खाना बनाने के बाद उन्होंने मुझे आवाज दी- कुणाल आ जा, खाना खा ले बेटा.

मैंने अपनी मॉम के साथ खाना खाया और अपने कमरे में चला गया. मॉम भी सारा काम खत्म करके अपने कमरे में चली गईं.

मुझे रात को नींद नहीं आ रही थी. रात को जब मैं अपने मॉम के कमरे में गया तो उन्हें देखकर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया. मॉम ने नाइटी पहनी हुई थी. मैंने मॉम के होंठों को देखा और उनके होंठों पर अपने होंठ लगा दिए और जोर जोर से किस करने लगा. इससे मेरी मॉम की आंख खुल गई.

उन्होंने मुझे यह करता देख कर पीछे धक्का दिया और कहा- मैं तेरी मॉम हूं. यह सब गलत है, जा अपने कमरे में चला जा … मैं तेरे साथ ऐसा वैसा कुछ नहीं करूंगी.

मैंने कहा- मॉम तो तू मेरी है पर मॉम से पहले तू एक औरत है. और मैं तेरे बेटे से पहले एक मर्द हूं. इसमें कुछ भी गलत नहीं है, मर्द हमेशा औरत को चोदता है. आज मैं तुझे चोद कर अपनी पहली पत्नी का दर्जा दूंगा. तू बहुत खूबसूरत और सेक्सी है. आज मैं तुझे नहीं छोडूंगा, तेरी गांड में अपना लंड दे कर रहूंगा.

कुछ देर की ना नानुकुर के बाद जब मैंने अपना लम्बा लंड खोल कर मॉम के सामने लहराया, तो मेरी मॉम मेरा लंड देख कर हैरान रह गईं. उन्होंने मेरे लंड को बड़ी बेताबी से देखा. मुझे मालूम था कि मेरे पापा का लंड मुझसे काफी छोटा है.

अब मॉम भी लंड देख कर खुश हो गई थीं. चूंकि उनको भी रोज रात को लंड की आदत थी. मॉम ने कहा- तुमको मुझे चोदने के लिए मुझे पकड़ना होगा.
यह कह कर मॉम कमरे में पलंग के चारों तरफ भागने लगीं. मैंने बड़ी मेहनत के बाद आखिरकार मॉम को पकड़ ही लिया.

उसके बाद मैंने मॉम को अपनी बांहों में जकड़ा और उन्हें लिप किस करने लगा. अब मॉम भी मेरा साथ देने लगीं. वह भी मुझे लिप किस करने लगीं. किस करते करते मैं मॉम के स्तनों को भी दबा रहा था. मॉम को अपने मम्मों को मिंजवाने में बड़ा मजा आ रहा था. वह भी बड़े मजे से मुझे किस कर रही थीं.

मैंने मॉम को बेड से उठाकर उन्हें खड़ा कर दिया और‌ उनकी नाइटी खोल दी. मेरी मॉम ने भी मेरी शर्ट खोल दी. मेरी मॉम अब मेरे सामने पैंटी और ब्रा में थीं. दोस्तों मैंने कभी अपनी मॉम को पैंटी और ब्रा में इस तरह नहीं देखा था. आज मैंने पहली बार मॉम को इस तरह से देखा था.

उसके बाद मैं अपनी मॉम को फिर से किस करने लगा और उनके बालों पर हाथ फेरने लगा. मॉम के बाल बहुत लंबे थे इसलिए मैं उन्हें खींच भी रहा था.
वह ‘आह आआहह …’ कर रही थीं.

मैं 5 मिनट तक मॉम को किस करता रहा और उनके मुँह का सारा पानी अपने मुँह में ले लिया. मॉम को किस करने के बाद में उनके स्तनों को दबाने लगा और चूमने लगा.

थोड़ी देर बाद मैंने उनकी ब्रा को एक झटके में फाड़ दिया. अब मेरी मॉम मेरे सामने ऊपर से पूरी नंगी थीं. मैंने अपनी मॉम के स्तनों का दूध पीना शुरू किया.

मॉम जोर जोर से आवाज निकाल रही थीं- आह आई … और जोर से दबा कर पी … आई … पी ले बेटा … यह तेरे लिए ही हैं. बचपन में अपनी मॉम का बहुत दूध पिया था. अब जवानी में भी चूस ले..’

थोड़ी देर बाद मैंने मॉम को दीवार के सहारे खड़ा कर दिया और उनकी पैंटी भी फाड़ दी. मॉम ने भी मेरे सारे कपड़े केवल अंडरवियर को छोड़कर उतार दिए.

अब मेरे सामने मेरी मॉम पूरी नंगी खड़ी थीं. जब मैंने मॉम के नंगे बदन को देखा, तो मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि कोई मेरे सामने एक ही बहुत खूबसूरत लड़की खड़ी हो.

फिर मैंने मॉम को गोदी में उठाया और बेड पर पटक दिया. बेड पर पटकने के बाद मैंने उनकी चुत को देखा, उनकी चुत पर एक भी बाल नहीं था.

जब मैंने उनसे चूत की झांटों के बारे में पूछा कि आपकी चुत पर बाल क्यों नहीं हैं?

तो उन्होंने कहा कि तुम्हारे पापा मुझे रोज चोदते हैं, इसलिए मैं सुबह ही अपने बाल साफ कर लेती हूं.

फिर मैंने मॉम के दोनों पैर खोले और इशारा किया. मैंने उनका इशारा समझ लिया और उनकी चुत में अपना सिर दे दिया. मैं जोर जोर से मॉम की चुत चाटने लगा. उनकी चूत बिल्कुल मक्खन जैसी मुलायम थी. मैं अपनी मॉम की चुत से निकलता हुआ लिसलिसा पानी पी रहा था और वह जोर-जोर से आवाज निकाल रही थीं.

‘आह उई आई मर गई अम्मा … चोद दे मादरचोद … अपनी मॉम की चुत का सारा पानी पी ले … आह आई आई रे … मर गई मैं तो..’

उनकी आवाज ने मेरे अन्दर उन्हें चोदने का जुनून बना दिया था. मैंने 10 मिनट के अन्दर उनकी चुत का सारा पानी अपने मुँह में पी लिया. उसके बाद मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया. मेरा लौड़ा अंडरवियर से बाहर निकलने के बाद मेरी मॉम ने उसे देख कर कहा कि तेरा लौड़ा तो तेरे बाप से भी ज्यादा मोटा और लम्बा है. आज तू इसे मेरी चुत में डाल दे, जिससे मेरी चुत की प्यास शांत हो जाए. अपनी मॉम की चुत में घुसा दे बेटा.

फिर मैंने मॉम की चुत को चुदाई के लिए खोला और निशाना लगाते हुए एक ही झटके में अपना आधा लौड़ा मॉम की चूत में घुसा दिया.
मॉम एकदम से हुए इस दर्द से चीख उठीं.

मैंने उनकी चीख पर ध्यान ही नहीं दिया और अपना बचा हुआ आधा लौड़ा दूसरे झटके में अन्दर घुसा दिया.

पूरा लंड घुसने के बाद मॉम और जोर से चीख उठीं. अब मेरा पूरा का पूरा लौड़ा मॉम की चूत में घुसा हुआ था … और मैं लंड पेल कर रुक गया.

मॉम दर्द से चीख रही थीं, क्योंकि मेरा लौड़ा लंबा और मोटा था. फिर मैंने धीरे-धीरे धक्का मारना शुरू किया. मॉम दर्द से कलपते हुए भी चोदने के लिए कह रही थीं- आह उम्म्ह … अहह … हय … ओह … अई आह … चोद अपनी मॉम को बेटा चोद दे.

मैंने आराम आराम से धक्का मारना शुरू किया. मॉम को दर्द हो रहा था इसलिए मैंने उनका एक पैर उठाया और अपने कंधे पर रख दिया. उसके बाद मैंने मॉम की चुदाई जोर जोर से करनी शुरू किया.

मॉम की सेक्सी आवाजें रुकने का नाम नहीं ले रही थीं. वे अब तक एक बार झड़ चुकी थीं. थोड़ी देर की धकापेल चुदाई के बाद मैंने मॉम की‌ चुत में से लौड़ा निकाला और उनके मुँह में दे दिया.

मॉम ने मेरा लौड़ा 10 मिनट तक चूसा. जब मॉम मेरा लौड़ा चूस रही थीं, तब मैंने उनकी चुत में उंगली की.

लौड़ा चूसने के बाद मैंने मॉम की चुत का माल उन्हें खिलाया. फिर किस करने लगा.

किस करने के बाद मैंने मॉम की घोड़ी बना कर चुदाई की. कुछ मिनट की चुदाई के बाद मॉम फिर से झड़ गईं. बाद में मैं भी झड़ गया. इस बार मैंने अपना सारा पानी में मॉम की चुत में छोड़ दिया.

दो बार मॉम की चुदाई करने के बाद मैं सोने के लिए अपने कमरे में जाने लगा. तभी मॉम ने मेरा हाथ पकड़ा और खींच कर मुझे तरह तरह की गाली देने लगीं और कहने लगीं- मेरी गांड क्या तेरा बाप मारेगा … साले गांड मार … फिर सोने जाना.

मैंने मॉम की गांड चाटना शुरू किया. मॉम की गांड चाटते चाटते बीच में मैं उनकी गांड में उंगली भी कर रहा था. मॉम फिर से आवाज निकालने लगीं- आआह अई अई आह मर गई मैं तो!
कुछ देर तक गांड चाटने के बाद मैंने अपना लौड़ा उनकी गांड में दे दिया और उनकी गांड चोदने लगा.

मैं मॉम के चूचे पकड़ कर कहने लगा- नीलम साली … आज से तू मेरी रखैल है. मैं तुझे जब चाहे चोद दूंगा. तुझे चोदे बिना मैं कभी नहीं सोऊंगा.

गांड मारने के बाद में मॉम ने पूछा- तू मुझे अपने बच्चे की मॉम कब बनाएगा.
मैंने मॉम से कहा- मैं तुझे 40 दिन में अपने बच्चे की मॉम बना दूंगा.

उस रात मैंने मॉम की 4 बार चुदाई की और उन्हें मैंने अपनी पहली पत्नी बना दिया.

अगले दिन जब हम सुबह उठे … तो मैंने मॉम से कहा- पापा मुझ पर बहुत गुस्सा करेंगे, अगर मैंने आपको अपने बच्चे की मॉम बना दिया.
तब मॉम ने कहा- हमारा परिवार चुत मारने वाला परिवार है … तुझसे पहले तेरा भाई मुझे चोद चुका है. तेरे पापा को यह बात पता है कि उनके बाद मैं तेरे भाई से चुत चुदवाती हूं. अगर तूने मुझे माँ बना दिया, तो कोई दिक्कत नहीं.

फिर मैंने मॉम को लिप किस किया और पूछा- तुम्हें सबसे पहले किसने चोदा था?
मॉम ने कहा- सबसे पहले मुझे तेरे बाप ने चोदा था. तेरे बाप ने मुझे रुला दिया था.
“फिर उसके बाद?”
मॉम ने कहा- मैंने तेरे बाप से शादी की थी. उस साले ने मुझे चोद चोद कर मार दिया था. अगर तुम मुझे अपने बाप के सामने भी चोदेगा, तो उसे कोई दिक्कत नहीं होगी.

उसके बाद मैंने फिर से सुबह अपनी मम्मी की चुदाई कर डाली. अब मैं अपनी मॉम को रोज़ चोदता हूं. अब तो मम्मी एकदम बिंदास नंगी ही घर में घूमती हैं. मैंने अपने पापा के साथ भी उनको चोदा है. उसकी कहानी मैं बाद में लिखूंगा.

इस तरह मैंने अपनी मॉम की चुदाई करके अपनी सेक्स सफर की शुरूआत की.


 

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माँ की चूत की सफाई और चुदाई



दोस्तो नमस्कार, मेरा नाम पंकज है. मेरी उम्र 23 साल है और मैं जयपुर का रहने वाला हूं. आज मैं जो कहानी आप लोगों को बताने के लिए जा रहा हूं वो मेरी मां की कहानी है. मेरी मां का नाम सरिता है. उनकी उम्र 44 साल है. उनको देख कर कोई भी यह नहीं कर सकता है कि वो मेरी मां है. उनको देख कर उनकी उम्र का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है. इसके दो कारण हैं.

पहला कारण यह कि मेरी मां की शादी छोटी उम्र में ही हो गई थी और इस वजह से उनको बच्चा भी जल्दी हो गया. दूसरा कारण यह कि मेरी मां ने अपने बदन को काफी मेंटेन करके रखा हुआ है. वो देखने में अपनी उम्र से दस साल कम ही लगती हैं. उनका साइज 32-30-36 है. रंग एकदम दूध के जैसा बिल्कुल सफेद है और घर में साड़ी पहनती हैं लेकिन जब चलती हैं तो उनकी साड़ी में उनकी गांड में फंस जाती है. आप इस बात को समझ ही सकते होंगे की मेरी मां की गांड कितनी शेप में होगी.

मेरी मां की जवानी की तारीफ मैं ही नहीं कर रहा बल्कि उनको देखने वाला हर आदमी दीवाना हो जाता है. मैंने कई बार देखा था कि घर पर चाहे कोई रिश्तेदार आये या फिर कोई और मर्द आये वो मेरी मां को देखता ही रह जाता था. सबकी नजर मेरी मां के बदन पर जाकर रुक जाती थी. हर मर्द मेरी मां के साथ सोने के सपने देखता था. यहां तक कि मेरे दोस्त भी मेरी मां के बदन को घूरते रहते थे.

मुझे पता था कि मेरे पापा मेरी मां को सेक्स में संतुष्ट नहीं कर पाते हैं.
सेक्स की प्यास के बारे में कई बार मैंने अपने मां और पापा को बातें करते हुए अपने ही कानों से सुना हुआ था. वो बातें करते थे तो मां कहती थी कि मुझे अभी भी मजा नहीं आया. रात को अक्सर इस तरह की आवाजें मुझे उनके कमरे से सुनाई दिया करती थीं.

कई बार तो मेरी मां की प्यास अधूरी रह जाने के कारण वो चिड़चिड़ी हो जाया करती थी. इस वजह से मैंने मां और पापा को कई बार लड़ाई करते हुए भी देखा था.

मगर मां किसी को इस बारे में नहीं बताती थी क्योंकि वो घर की बात को घर में रखना चाह रही थी. जब उन दोनों के बीच का झगड़ा बहुत ज्यादा बढ़ जाता था तो मुझसे रहा नहीं जाता था.

एक दिन तो मैंने मां से पूछ भी लिया- आपको अगर पापा के साथ खुशी नहीं मिलती है तो मैं कुछ मदद करूं आपकी?
लेकिन उस बात को सुन कर मेरी मां को इस बात पर गुस्सा आ गया कि मैं चुपके उन दोनों के बीच की बातें सुनता रहती हूं. उस दिन मां ने मुझे डांट भी दिया था लेकिन बाद में सब कुछ नॉर्मल होता चला गया.

उस दिन के बाद से मां मेरे साथ दोस्त की तरह रहने लगी थी. मां मुझसे कई बार अपनी ब्रा और पैंटी के सेट को दिखा कर पूछ लेती थी कि कौन सा रंग सही रहेगा और मैं मां की मदद भी कर दिया करता था. मगर मैं मन ही मन सोच रहा होता था कि जब वो खुश ही नहीं हो पाती तो यह सब अच्छे सेट पहनने का क्या फायदा है. ऐसे ही दिन गुजर रहे थे.

एक दिन की बात है जब मां ने मुझसे अपने साथ मार्केट में चलने के लिए कहा. मैंने उनके साथ जाने के लिए हां कर दी. मां को अपने लिये कुछ कपडे़ लेने थे.

हम बाजार में एक गार्मेंट शॉप में चले गये. वहां पर जाकर मेरी मां अपने लिये ब्रा और पेंटी का सेट देखने लगी. मुझे तो अंदर जाकर काफी शर्म आ रही थी लेकिन मैं मां के साथ ही रहना चाह रहा था इसलिए मेरे पास कोई चारा नहीं था.

अंदर जाकर देखा तो मैंने पाया कि वो दुकानदार भी मेरी मां के चूचों को ही घूर रहा था. वो शक्ल से देखने में भी हरामी लग रहा था.

मां ने एक सेट पसंद कर लिया और उसके बाद वो उसको ट्राई करने के लिए अंदर चली गई. मगर फिर अंदर आवाज आई और मां मुझे अपने पास बुलाने लगी.

मैंने जाकर देखा तो मेरी मां ब्रा और पैंटी पहने हुए खड़ी थी. उनके बदन को देख कर मेरी तो आंखें खुली की खुली रह गईं. उस दिन मैंने अपनी मां को पहली बार ऐसी हालत में देखा था. मां को देख कर मेरे मुंह में भी एक बार तो पानी सा आ गया और मेरा लंड भी खड़ा हो गया.

अपने बदन पर ब्रा को एडजस्ट करते हुए मां मुझसे पूछ रही थी कि कैसी लग रही है. कलर कैसा लग रहा है. लेकिन मैं तो मुंह फाड़ कर अपनी मां को ही देखता जा रहा था. उस दिन जब मैंने अपनी मां के दूध से श्वेत बदन को देखा तो मुझे पता चला कि क्यों सारे मर्द मेरी मां को इस तरह से हवस भरी नजरों के साथ घूरते रहते हैं. मेरी मां की जवानी देख कर मेरा लंड उछलने लगा लेकिन मां को अपनी गार्मेंट के ध्यान में मेरे लंड का तनाव दिखाई नहीं दिया.

बहुत देर तक मां को देखने के बाद उन्होंने मेरी तंद्रा को तोड़ कर कहते हुए फिर से पूछा- हरामी कहां पर खोया हुआ है. मैं तुझसे पूछ रही हूं कि ये सेट मेरे ऊपर कैसा लग रहा है?
मां के दोबारा पुकारने पर मैं होश में आया और मैंने कहा- अच्छा लग रहा है.

मगर उसके बाद जो हुआ उसको देख कर तो मैं पसीना-पसीना हो गया.
मां ने कहा- रुक अभी यहीं पर!
यह कह कर मेरी मां ने ब्रा और पैंटी को उतारना शुरू कर दिया. देखते ही देखते मेरी मां का बदन मेरी आंखों के सामने नंगा हो गया.

मेरी मां की चूत देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया लेकिन साथ ही मुझे शर्म भी आ रही थी इसलिए मैंने मुंह को दूसरी तरफ कर लिया.

फिर जब मां ने दूसरा सेट पहना तो कहने लगी- इसको देख कर बता कि ये कैसा लग रहा है?
मैंने देखा तो मां की चूत पर आये हुए बाल उनकी पैंटी से बाहर की तरफ झांक रहे थे. मैंने कहा- मां, यह कुछ ठीक नहीं लग रहा है. इसमें तो आपके नीचे के बाल भी वैसे के वैसे ही दिखाई दे रहे हैं. बालों के साथ में ये बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा.

फिर मैंने मां से कहा कि वह अपनी चूत के बालों की सफाई कर लिया करे.
इस पर मां ने पूछ लिया- वो कैसे करते हैं?
मैंने बताया- दो तरीके से हो सकती है. एक तो रेजर से करते हैं और दूसरा एक बाल हटाने के लिए क्रीम भी आती है.

मां बोली- मैं अपनी चूत पर रेजर नहीं लगा सकती. मुझे तो बहुत डर लगता है.
फिर मैंने कहा- अगर रेजर से डर लग रहा है तो आप क्रीम से अपने बालों को हटा लिया करो.
मां ने पूछा- वो कहां मिलेगी?
मैंने बताया- यहीं पर मार्केट में ही मिल जाती है.

उसके बाद हम दोनों वो सेट ले कर वहां से आ गये. साथ में उस दिन मां ने वो बाल हटाने वाली क्रीम भी ले ली.

हम दोनों घर आ गये. घर पर उस वक्त मेरे और मां के अलावा कोई नहीं था. घर पर आते ही मां बाथरूम के अंदर चली गई. मेरे मन में मां की चूत देखने के बाद एक कौतूहल सा उठा हुआ था. दुकान में मां की चूत देख कर मेरा लंड मुझे चैन से बैठने नहीं दे रहा था.

मैंने बाथरूम की तरफ देखा तो दरवाजा अंदर से बंद किया हुआ था. लेकिन मैं मां को फिर से नंगी देखना चाह रहा था. फिर मैं दरवाजे के पास गया तो मुझे वहां पर एक छेद मिल गया. मैंने उस छेद पर आंख जमा दी और अंदर चल रहे नजारे को देखने की कोशिश करने लगा.

मैंने देखा कि अंदर जाने के बाद मां ने गाउन को ऊपर करके पैंटी उतार ली थी. उन्होंने गाउन को उठा कर ऊपर किया और अपनी चूत पर क्रीम लगाने लगी. क्रीम लगाने के बाद मां एकदम से चिल्लाने लगी. मां बोली- स्स्स् … मुझे जलन हो रही है. जल्दी कोई कुछ करो.

मैं तो वहीं पास में ही खडा़ हुआ था, मैंने मां से कहा- मां, आपने दरवाजा बंद किया हुआ है. मैं अंदर आकर आपकी मदद नहीं कर सकता.
मेरे कहने पर मां ने दरवाजा खोल दिया.

मेरे मन में पहले से लड्डू फूट रहे थे. मैं झट से अंदर घुस गया. मुझे जो चाहिए था वो मुझे मिल रहा था.
अन्दर जाते ही मां कहने लगी- इस क्रीम ने तो मेरी जान ही निकाल दी. मुझे बहुत तेज जलन हो रही है.

मैंने कहा- सब ठीक हो जायेगा. मुझे दिखाओ.
मैंने देखा तो मां की चूत लाल हो चुकी थी. मैंने कहा- आपने सही तरीके से क्रीम का प्रयोग नहीं किया. ये क्रीम मुझे दो. मैं आपके बालों की सफाई करने में आपकी मदद कर देता हूं.

यह कह कर मैं मां को बाहर ले आया.

बाहर आने के बाद मैं अपनी शेविंग क्रीम ले आया. पहले मैंने मां के बालों को कैंची से छोटा किया. मां ने जो गाउन पहना था वो गीला हो गया था. मैंने मां से गाउन निकालने के लिए कह दिया. पहले तो मां ने मना कर दिया लेकिन फिर बाद में मां ने गाउन निकाल दिया.

ध्यान से मैंने मां की चूत को देखा तो उनकी चूत से गीला सा पदार्थ निकल रहा था. मेरा मन तो कर रहा था कि चूत को अभी चोद दूं. लेकिन मैं रुका रहा.

चूत पर क्रीम लगाने के बाद मैंने कुछ देर इंतजार किया कि ताकि चूत के बाल नर्म हो जायें. उसके बाद मैंने रेजर लिया और धीरे से मां की चूत पर रेजर चलाने लगा. हल्के हाथ से मैं बालों को रेजर से हटाता गया और चूत से बाल साफ होते गये.

बीच में मैं मां की चूत में उंगली भी कर रहा था. मगर अभी मैं यह नहीं दिखा रहा था कि मैं उनकी चूत को चादने की फिराक में हूं. मैं बस बहाने से मां की चूत को उंगलियों से सहला रहा था.
कुछ देर के बाद मेरी माँ की चूत बिल्कुल साफ हो गई. मैंने उनकी चूत को एक कपडे़ से पोंछ दिया. मैं जब चूत पर कपड़ा फेर रहा था तो मैंने मां के चेहरे को देखा. मुझे पता चल गया था कि मां को अपनी चूत के साथ इस तरह से छेड़खानी करवाने में मजा आ रहा है.

मैंने जानबूझ कर अपनी माँ की चूत को रगड़ना जारी रखा. मां की चूत धीरे-धीरे फूलती हुई सी मालूम पड़ी. उनकी चूत को को पोंछते हुए मेरे लंड का भी बुरा हाल हो रहा था. फिर जब मुझसे न रहा गया तो मैंने मां की चूत में उंगली करना शुरू कर दिया.
मां ने भी इस हरकत का कोई विरोध नहीं किया. वो अब धीरे-धीरे सिसकारियां लेने लगी.

तभी पापा का फोन आ गया. मां ने बात की तो पापा ने कहा कि वो आज रात को घर नहीं आने वाले हैं.
यह सुन कर मैंने मां के चेहरे की तरफ देखा तो वो मुस्करा रही थी.

मैं भी खुश हो गया. मैं तो पहले से अपनी मां की चूत की चुदाई करने की फिराक में था. उसके बाद हम दोनों ने जल्दी से घर का काम खत्म किया और शाम का खाना खाने के बाद फ्री हो गये.
फिर रात को असली खेल शुरू होने से पहले मां ने कहा- चलो, पहले नहा लेते हैं.

मैं और मां दोनों बाथरूम में चले गये. अंदर जाते ही मां और मैं पूरे नंगे हो गये. मेरा लंड तन कर ऊपर आ गया था. मां ने मेरे लंड को हाथ में ले लिया. ऊपर से शावर का पानी गिर रहा था और नीचे से मां ने मेरे गर्म लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया था.

मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैंने मां के चूचों वहीं पर पीना शुरू कर दिया. उनके चूचों पर गिर रहा पानी मेरे मुंह में जा रहा था. अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मन कर रहा था कि मां की गीली चूत को अभी चोद दूं. लेकिन मां ने मना कर दिया. मां मेरे लंड को पकड़ कर सहलाती रही जैसे बहुत दिनों से उन्होंने लंड का स्पर्श मिला ही न हो.

नहाने के बाद फिर हम दोनों बाहर आ गये. फिर एक घंटे के बाद मां मेरे कमरे में आ गयी. उन्होंने नाइट ड्रेस पहनी हुई थी जो कि उनके बदन पर बहुत ही सेक्सी लग रही थी. मेरे पास आते ही मैंने मां को अपनी बांहों में भर लिया और फिर दोनों ही एक दूसरे को चूसने लगे.

मेरा लंड खड़ा होते ही मां ने उसको मेरे पजामे के ऊपर से ही पकड़ लिया और मेरे लंड को अपने हाथ में भर कर मसलने लगी. अब मैंने भी मां की नाइट ड्रेस को निकलवा दिया और उसकी चूत में उंगली करने लगा.

वो जल्दी से सेक्स के लिए बावली सी हो गयी, कहने लगी- बेटा, अब उंगली से काम नहीं चलेगा. अपनी माँ की चूत को लंड का मजा दे दे.
मैंने मां को बेड पर गिरा लिया और उनकी टांगों को फैला कर अपना आठ इंच का लंड मां की चूत पर सेट कर दिया. मैंने धक्का लगाया तो मां की चीख निकल गयी- उम्म्ह … अहह … हय … ओह … मैं मर गयी … जान निकल गयी.

मैंने उनकी गांड को अपने हाथ से उठा लिया और माँ की चूत में और जोर से धक्के मारने लगा. साथ ही मैं उनकी गांड के दोनों पहाड़ मस्ती से मसल रहा था. वैसे तो चूत में धक्के मारते टाइम बूब्स ही मसलते हैं … किंतु मैं थोड़े अलग अंदाज में उनकी गांड मसल रहा था.

काफी देर की चुदाई के बाद मेरी माँ चरम पर आ गई थी. हम एक दूसरे को होंठों में किस करते हुए बस अपने जोश का मजा ले रहे थे. ऊम्म्म्म … आआह …

जब मेरी मान की चूत ने पानी छोड़ दिया तो मैंने अपना लंड निकाला और माँ की चूत का पानी मुँह से चाटना शुरू कर दिया.
मां बोली- आह्ह … मैं तो बहुत दिनों से इस तरह की चुदाई के लिए प्यासी थी बेटा. तू तो बहुत ही मस्त चुदाई करता है.

मगर मुझे मां की गांड बहुत अच्छी लगती थी और मेरा मन मां की गांड मारने का कर रहा था. अभी मेरा वीर्यपात नहीं हुआ था. मैंने मां को ये इच्छा बताई तो वो कहने लगी- मैंने कभी गांड नहीं मरवाई है.
लेकिन मेरे जोर देने पर फिर वो मान गई, बोली- अगर दर्द हुआ तो निकाल देना.

मैंने मन ही मन कहा- एक बार अंदर जायेगा तो फिर कौन निकालने वाला है.

मैंने मां की गांड को ऊपर करवा दिया और उनकी गांड पर हाथ लगा कर उसको दबाते हुए अपने लंड के टोपे को गांड पर सेट कर दिया. फिर एक धक्का मारा तो मां को जैसे बेहोशी सी आ गई. कई मिनट में मां संभली और मुझे पीछे धकेलने लगी लेकिन तब तक मैंने पूरा लंड गांड में घुसा दिया था. मैं मां के ऊपर लेट गया और उनके चूचे दबाने लगा. कुछ ही देर में मां शांत हो गई. फिर मैंने मां की गांड को चोदना शुरू कर दिया.

उनकी गांड बहुत ही ज्यादा टाइट थी. मेरे पापा ने तो कभी चूत भी ढंग से नहीं मारी थी तो फिर गांड तो बिल्कुल कुंवारी ही थी. मुझे गांड चोदने में बहुत मजा आ रहा था. 15 मिनट तक मैंने गांड की चुदाई की और फिर दोबारा से लंड को निकाल कर चूत में पेल दिया.
मां बोली- आज ही जान निकाल देगा क्या हरामी.

मैंने मां की बात नहीं सुनी और अपनी ही मस्ती में लगा रहा. मां की चिकनी हो चुकी चूत को पांच मिनट तक जम कर चोदा और फिर मेरा माल मां की चूत में ही निकल गया. मैं बुरी तरह से हांफ रहा था और मां की हालत भी खराब हो गयी थी. मां को उस रात मैंने कई बार चोदा. उस दिन रात भर हम मां-बेटे की चुदाई चली. इस दौरान मां कई बार झड़ी और वो बिल्कुल खुश हो गई.

उसके बाद तो जब भी मुझे मौका मिलता रहा मैं माँ की चूत चुदाई का मजा लेता रहा.


 

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सगी भाभी की वासना की कहानी




दोस्तो, मेरा नाम मनीष है … और मैं इंदौर से हूं. आज मैं आपको अपनी लाइफ की सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूं. यह मेरी पहली वासना की कहानी है. मेरी उम्र 25 साल है और मेरा कद 5 फिट 5 इंच है, मेरा रंग सांवला है.

हम अपने परिवार में 6 लोग रहते हैं. मम्मी पापा, भैया भाभी और छोटी बहन हैं. मेरी छोटी बहन का नाम रानी है, जो कि अभी 20 साल की है. मेरी बहन देखने में काफी खूबसूरत है और अभी अभी उसने जवानी की दहलीज पार की है. मेरे पिताजी सरकारी कर्मचारी हैं और मां हाउस वाइफ हैं. मेरे भैया की मोबाइल की दुकान है, जो कि घर से एक किलोमीटर दूर है. भैया की अभी अभी शादी हुई है.

मेरी भाभी का नाम निधि है. निधि भाभी देखने में बहुत ही खूबसूरत हैं. उनकी फिगर साइज 32-26-34 की है. भाभी इतनी अधिक कमनीय और मस्त दिखती हैं कि उनको देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.

जब भाभी की शादी हुई थी, तब मैं भाभी की ओर उतना ज्यादा आकर्षित नहीं था. मैं भाभी की बहुत सम्मान करता था और मैंने उनको शुरुआत में कभी मैली नजर से देखा ही नहीं था. भाभी भी घर के सभी सदस्यों का आदर करती थीं. कुछ ही दिनों में मैं भाभी के साथ इतना घुल मिल गया था, जैसे हम दोनों क्लोज फ्रेंड हों. भाभी भी मुझसे अपनी पर्सनल बातें शेयर करने लगी थीं.

एक बार ऐसे ही बात करते करते भाभी ने मुझसे पूछ लिया कि आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं है भाभी.
भाभी बोलीं- अरे यार अभी गर्लफ्रेंड नहीं बनाओगे … तो कब बनाओगे?
मैंने कहा- भाभी, मुझे तो कोई लड़की भाव ही नहीं देती.

भाभी हंस पड़ीं और बोलीं कि तुमने इस बात पर ज्यादा गौर नहीं किया होगा. कोई भी लड़की अपनी तरफ से कुछ नहीं कहती. ये तो लड़के को ही कहना पड़ता है.

मुझे उनकी बात सुनकर लगने लगा कि हां ये बात तो सही है, मैंने खुद ही कभी किसी लड़की को प्रपोज नहीं किया है. मैंने सोच में डूब गया.

मुझे देख कर भाभी फिर से हंसने लगीं और बोलीं कि अब जब भी किसी को पसंद करो, तो खुल कर इजहार कर देना.
मेरे मुँह से निकल गया कि मैं तो अपनी भाभी को ही पसंद करता हूँ.
भाभी हंसने लगीं और बोलीं- मगर मैं तो शादीशुदा हूँ.

इस तरह से मैं भाभी से अब लड़की को लेकर खुल कर बात करने लगा. मुझे वो लड़कियों की पसंद नापसंद के बारे में बताने लगीं. मेरा उनसे इस टॉपिक पर बात करने में बड़ा मन लगता था.

एक बार अचानक कुछ काम से भैया को एक महीने के लिए मुंबई जाना हुआ. उस दिन मैंने भाभी को बहुत उदास होता हुआ देखा.
मैंने पूछा- क्या हुआ भाभी … आप इतनी उदास क्यों हो?
भाभी बोलीं- कुछ नहीं … बस ऐसे ही.
मैंने कहा- भाभी आप तो मेरी बेस्ट फ्रेंड हो ना … आप मुझे भी नहीं बता सकतीं क्या?
भाभी बोलीं- तुम्हारे भैया एक महीने के लिए मुंबई जा रहे हैं, तो मुझे अच्छा नहीं लग रहा है. मैं क्या करूं … मेरा कुछ भी करने का मन नहीं कर रहा है.
मैंने बोला- डोंट वरी भाभी … मैं हूं ना … वैसे भी भैया एक ही महीने के लिए तो जा रहे हैं ना. एक महीने तो वे बाद वापस आ ही जाएंगे.

भाभी मेरी बात सुनकर कुछ नहीं बोलीं, लेकिन वे मुस्कुरा दीं.

उनकी इस मुस्कराहट के अर्थ को समझ नहीं पाया. बस मुझे लगा कि भाभी खुश हो गई हैं, ये बहुत है.

फिर ऐसे ही एक हफ्ता गुजर गया. भाभी की बेचैनी और भी ज्यादा बढ़ती गई. अब तो मुझे भी भाभी को अकेला छोड़ना अच्छा नहीं लगता था.

फिर एक दिन में भाभी के कमरे में बिना दरवाजा खटखटाए अन्दर चला गया, तो मैं देख कर दंग रह गया. भाभी पलंग में लेटी थीं और वासना के वशीभूत जोर-जोर से अपनी चूचियों को दबा रही थीं. लेकिन मेरे इस तरह से अन्दर आ जाने से भाभी भी सकपका गईं और उन्होंने शर्म से सिर झुका लिया.

मैंने उनसे पूछा- भाभी आप ये क्या कर रही थीं?
भाभी- कुछ नहीं देवर जी … तुम्हारे भैया की याद बहुत सता रही थी.

अब मुझे भी लगा कि भाभी को भैया की जरूरत नहीं … बल्कि लंड की जरूरत है.

मैंने भाभी से कहा- भाभी मैं आपकी समस्या दूर कर सकता हूं, पर उसके लिए आपको एक काम करना पड़ेगा.
भाभी बोलीं- कौन सा काम?
मैंने बोला- अभी नहीं शाम को बताता हूं.

फिर मैं शाम होने का इंतजार करने लगा. शाम को हम सभी ने खाना खाया और मैं टीवी देखने लगा. जब सब सोने चले गए, तो मैं भाभी के पास उनके कमरे में चला गया.

जब मैं अन्दर गया, तो देखा कि भाभी मोबाइल में कुछ देख रही थीं. मेरे अन्दर जाते ही भाभी चौंक गईं और उन्होंने मोबाइल को नीचे रख दिया.

मैंने कहा- क्या कर रही हो भाभी?
भाभी बोलीं- कुछ नहीं … गेम खेल रही थी, वैसे आप कुछ बताने वाले थे ना!
मैं- हां भाभी मैं आपको इस तरह से उदास नहीं देख सकता … भाभी मुझे पता है कि आप पर क्या बीत रही है.

इतना कह कर मैं भाभी की तरफ देखने लगा. भाभी भी मेरी ही बात को पूरा सुनने के लिए बेचैन सी दिखीं.

मैंने अपनी बात को जारी रखा. मैंने कहा- भाभी अगर आप बुरा न मानो, तो मैं आपकी समस्या को दूर कर सकता हूँ.
भाभी- आपको जो भी कहना है, साफ़ साफ़ कहो.
मैंने कहा- पहले आप वायदा करो कि आप मेरी बात से बुरा नहीं मानेंगी. यदि मेरी बात आपको पसंद न आए, तो मुझसे साफ़ बता देना.

भाभी कुछ कुछ समझ गई थीं.

वे बोलीं- हां हां आप मेरे बेस्ट फ्रेंड हो … मैं आपकी किसी बात का बुरा नहीं मानूँगी.
मैंने कहा- भाभी, मैं आपके साथ सेक्स करना चाहता हूं.

तब भाभी एक पल के लिए चुप हो गईं, फिर बोलीं- मैं तो खुद भी यही चाहती थी … पर आपसे बोल नहीं पा रही थी.
मैंने कहा- हां भाभी, मुझसे आपका दुःख देखा नहीं जा रहा था. मगर मैं कुछ कह भी नहीं पा रहा था. मगर मुझे आपकी वो बात याद आ गई, जब आपने कहा था कि लड़कियां अपनी तरफ से पहल नहीं करती हैं. लड़के को ही पहल करना चाहिए.

ये कहते हुए मैंने भाभी को अपने गले से लगा लिया. इस पर भाभी ने भी मुझे सहयोग किया. मैं अब भाभी को चूमने लगा. भाभी ने भी मुझे कसकर अपनी बांहों में जकड़ लिया.

मैं भाभी के होंठों को बेइंतेहा चूमने लगा. भाभी भी होंठों से होंठों को चिपका कर मेरा पूरा साथ दे रही थीं. हम दोनों ने कम से कम दस मिनट तक एक दूसरे से चूमाचाटी करते रहे. फिर मैंने पहले कमरे की कुंडी लगाई और उनके पास आ गया.

मैंने भाभी की साड़ी उतारी और उनका ब्लाउज भी निकाल दिया. उनकी ब्रा देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था. एकदम झीनी सी जाली वाली स्किन कलर की ब्रा थी. उसमें से भाभी के मम्मे एकदम साफ़ दिख रहे थे. मैंने पहले नीचे का पेटीकोट भी निकाला और भाभी को ब्रा पेंटी में ला दिया.

भाभी के गोरे बदन को देख कर मेरा तो और भी नशा बढ़ गया था. भाभी ने अपने हाथों से मेरी टी-शर्ट और लोअर उतार दिया. अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था और भाभी पैंटी और ब्रा में थीं. मैं भाभी के पूरे बदन को चूमने लगा.

फिर मैंने भाभी की ब्रा का हुक खोल दिया और उनके दोनों मम्मों को आजाद कर दिया.

उनके मस्त रसभरे चूचे हवा में फुदकने लगे थे. मैंने उनके दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसना शुरू कर दिया. भाभी खुद अपने हाथ से मुझे अपने दूध चुसवा रही थीं. निप्पल चूसे जाने से भाभी की वासना शिखर पर आ गई थी. वे मेरा सर पकड़ कर अपने मम्मे चुसवाते हुए मस्त सीत्कार कर रही थीं. मैंने भाभी के मम्मों को इतना ज्यादा चूसा कि भाभी की चूचियां एकदम लाल हो गईं.

अब मैंने अपना लंड निकाला और भाभी के हाथ में रख दिया. भाभी मेरा लम्बा लंड देखकर एकदम से चौंक गईं.
मैंने पूछा- क्या हुआ भाभी?
वे बोलीं- इतना बड़ा लंड … ओ माइ गॉड … तुम्हारे भैया का तो इससे बहुत छोटा है.
मैंने कहा- आपको पसंद आया?

भाभी मेरे लंड को प्यार से सहलाने हुए उससे खेलने लगीं. वे बोलीं- इस प्यारे से औजार से कौन लड़की प्यार न करेगी.
मैंने कहा- लंड को प्यार करने का क्या ये तरीका ठीक है?
भाभी बोलीं- मतलब?
मैंने कहा- यदि आपको लंड प्यारा लग रहा है, तो इसे मुँह में लेकर प्यार करो न.

भाभी तो शायद मेरे मुँह से यही सुनना चाह रही थीं. उन्होंने मेरा लंड झट से अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं. भाभी ने मेरे पूरे लंड को अपने गले तक उतार लिया और 10 मिनट तक चूस चूस कर आगे पीछे करती रहीं. मुझे भाभी के मुँह की गर्मी से अपने लंड की मालिश करवाना बड़ा अच्छा लग रहा था.

कोई दस मिनट की लंड चुसाई के बाद मेरा माल निकल गया. भाभी ने मेरे लंड रस को अपने मुँह में ही पूरा ले लिया और गटक लिया.

अब मैंने भाभी की पेंटी निकाली और अपने मुँह से उनकी चूत को चाटने लगा. मेरी जीभ के स्पर्श से भाभी की सिहरन ने मुझे बता दिया था कि भाभी कितनी अधिक चुदासी हो गई हैं. मैंने अपनी पूरी जीभ को भाभी की चूत की गहराई तक डाल दिया और चूत को चूसने लगा.

भाभी ने भी अपने हाथों से मेरा सिर जोर से अपनी चुत में दबा लिया और सेक्स भरी आवाज से कहने लगीं- आह कितना मस्त चूत चूसते हो … आह खा जाओ देवर जी … मेरी चूत को खा जाओ … आहह … चूसो चूसो खा जाओ अअम्म … आंह … मर गयी … देवर जी अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है … अब मेरी चुत में अपना लंड पेल दो.

फिर मैंने अपना लंड भाभी की चुत में रखा और एक ही धक्के में आधा लंड पेल दिया. भाभी की चीख निकल गई. उनके मुँह से गाली निकलने लगी- अबे भाभीचोद कमीने … साले आराम से पेल न … मैं कहीं भाग नहीं रही हूँ.

भाभी की ऐसी बात सुनकर मुझे और जोश आ गया और मैंने फिर से एक जोरदार धक्का दे दिया. इस बार के धक्के से मेरा पूरा का पूरा लंड भाभी की चुत में समा गया.

भाभी फिर से चीख पड़ीं- उम्म्ह … अहह … हय … ओह … बहनचोद … जान लेगा क्या …

फिर मेरे मुँह से भी गाली निकलने लगी- साली रंडी कुतिया … आज तो तेरी इतनी चुदाई करूंगा कि फिर कभी किसी और के लंड को लेने का नाम नहीं लेगी.

भाभी बोलीं- अबे चूतिये … साले गंडफट … तेरी भाभी तो कब से तेरी रंडी बनने को तैयार थी … तू ही चूतिया था … इतने दिन लगा दिए अपनी भाभी को रंडी बनाने में … आह अब जरा धीरे चोद … मेरी चूत चोदना है … फाड़ना नहीं है.

मैं भाभी की बात सुनकर मस्त हो गया. अब मैं उनकी इतनी जोर से चुदाई कर रहा था कि मेरे हर धक्के में उनकी आह निकल रही थी. पूरा कमरा में फच्च फच्च की आवाज से गूँजने लगा था.

फिर मैंने भाभी को बोला- भाभी मुझसे ही पूरी मेहनत करवाओगी. मैं ऊपर से नहीं … अब नीचे से चोदना चाहता हूँ … अब आप मेरे लंड के ऊपर आओ.

भाभी मेरे ऊपर मेरे लंड पर बैठकर ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे करने लगीं. इस दौरान भाभी की चूचियां भी जोर जोर से हिल रही थीं. मैं उनके मम्मे मसलता हुआ उनकी चुदाई कर रहा था.

करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद भाभी झड़ने लगीं. भाभी की मुँह से एक मदहोशी से भरी तेज आवाज निकली- आह … मैं गई … आह. … मर गई..
उनका रस निकलने लगा. इस वक्त भाभी की चूत इतनी गर्म लग रही थी जैसे ज्वालामुखी से लावा फूट रहा हो.

झड़ने के बाद भाभी मेरे ऊपर ही निढाल पड़ गईं. फिर मैंने भाभी को नीचे किया और मैं उनकी चुदाई करने लगा. पर मैं उनकी गर्मी को ज्यादा समय तक नहीं झेल पाया और मैं भी झड़ने वाला हो गया था.

मैं- भाभी मेरा निकलने वाला है … कहाँ डालूं?
भाभी बोलीं- मेरी चूत की गहराई में ही डाल दे.

फिर मैंने 10-12 झटके देने के बाद भाभी की चूत में अपना पानी छोड़ दिया.

इस घमासान चुदाई के बाद भाभी की आँखों में एक अलग ही खुशी दिखी.

मैंने कहा- भाभी आप खुश तो हो न!
भाभी बोलीं- हाँ मैं आज बहुत खुश हूं, लेकिन मुझे एक बात का अफसोस है.
मैं- क्या बात भाभी?
भाभी बोलीं- मैं तुमसे पहले ही क्यों नहीं चुद गई.
मैंने कहा- डोंट वरी मेरी जान … अब तो हम रोज चुदाई करेंगे.

उस रात मैंने भाभी को पांच बार चोदा.
 

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चुदक्कड़ सेक्सी पंजाबन भाभी की चूत



दोस्तो, मेरा नाम गुरी सिंह है. मैं चंडीगढ़ (पंजाब) का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 28 साल है। मेरी हाइट 5 फीट और 7 इंच है और मेरा रंग साफ है. मेरा वजन 84 किलो है। शरीर के वजन के हिसाब से मैं काफी भारी भरकम हूं. मेरे लंड का साइज 6 इंच है और लंड खड़ा होने के बाद इसकी मोटाई 3 इंच हो जाती है.

बात पिछले ही कुछ दिन पहले की है जब मेरी मुलाकात फेसबुक पर एक भाभी से हुई. बातें करने के बाद पता लगा कि वह अपने हस्बैंड से खुश नहीं थी. उसकी उम्र उसने 32 साल बताई. उसका नाम मंजीत कौर (बदला हुआ) है और उसका एक बेटा भी है।

बातें करने के पश्चात् हमने मिलने का प्रोग्राम भी बना लिया. उसने बताया कि कई बार उसका पति काम के सिलसिले में घर से बाहर रहता है. इसलिए उसने मुझे अपने घर आने के लिए कह दिया.

हमारी मीटिंग का दिन फिक्स हो गया था. उस दिन मैं एक घंटे के अंदर ही उसके घर पर पहुंच गया था. उसका बेटा भी घर पर नहीं था और वो उस वक्त स्कूल में गया हुआ था. इसलिए उससे मिलने का यह सबसे अच्छा समय था.

जब मैं उसके घर पहुंचा तो उस महिला ने दरवाजा खोला. उसको देखा तो देखता ही रह गया. वो देखने में काफी सुंदर थी और उसने पंजाबी सूट डाला हुआ था. उसकी हाइट पांच फीट और तीन इंच के करीब रही होगी.

वह शरीर से देखने में थोड़ी सी मोटी थी लेकिन नैन नक्श से सुंदर थी. गुदाज शरीर होने के कारण उसका बदन काफी आकर्षक लग रहा था. रंग की बिल्कुल गोरी थी और पंजाबी जट्टी लग रही थी.

उसने मुझे अंदर आने के लिए कहा और फिर हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे. कुछ मिनट बातें करने के बाद वो मेरे लिये चाय बना कर ले आई. फिर चाय पीने के बाद उसने मुझे बेडरूम का रास्ता दिखा दिया और मैं उसके बेडरूम में जाकर बैठ गया.

मुझे बेडरूम में बैठाने के बाद उसने मुझे दस मिनट इंतजार करने के लिए कहा. मैं वहीं पर बैठ कर उसका इंतजार करने लगा. फिर दस मिनट के बाद वो वापस आई और तब उसने एक काले रंग की मैक्सी डाली हुई थी.

गोरे बदन पर काली मैक्सी काफी जंच रही थी. आते ही मैंने उस पंजाबन भाभी को अपनी बांहों में भर लिया. उसको अपनी बांहों में लेकर चूमना शुरू कर दिया. उसके बदन से भीनी भीनी खुशबू आ रही थी. मैं उसकी गर्दन को चूम रहा था तो कभी उसके गालों को चूम रहा था.

वो भी मेरा भरपूर साथ दे रही थी. हम दोनों ही एक दूसरे के बदन को बांहों में भरने लगे. उसकी हरकतों से मुझे यह आभास हो गया था कि वह मर्द के साथ संभोग के लिए बहुत दिनों से काफी प्यासी है और पूरा इंजॉय करना चाहती है.

फिर मैंने पीछे से उसकी मैक्सी को उठा दिया और उसके चूतड़ों को दबाने लगा. उसने नीचे से पैंटी पहनी हुई थी लेकिन उसके चूतड़ बहुत ही गद्देदार थे जिनको दबाने में मुझे गजब का मजा आ रहा था.

मेरा लंड तन कर उस प्यासी औरत के जिस्म में घुसने को बेताब होता जा रहा था. वो भी सिसकारियां भरते हुए मेरा पूरा साथ दे रही थी और मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहला रही थी. वो बार-बार मेरे लंड को अपने हाथ में भर कर उसका नाप ले रही थी.

उसके बाद मैंने उसकी मैक्सी को उतार दिया. उसने नीचे से ब्रा नहीं डाली हुई थी और उसके गोरे स्तन एकदम नंगे थे. उसके निप्पलों के बीच का घेरा बड़ा सा था और भूरे रंग का था. उसके निप्पल भी एकदम से तन चुके थे.

एक बच्चे की मां होने के बाद भी उसके स्तनों में ऐसा तनाव था जैसा किसी 22-23 साल की जवान लड़की के चूचों में कसाव होता है. उसके चूचे एकदम आगे की तरफ थे उनमें जरा भी लटक नहीं थी. मैं भी देख कर हैरान था कि इसने अपने चूचों को इतना टाइट कैसे रखा हुआ है.

आमतौर पर शादी और बच्चा होने के बाद महिलाओं के जिस्म में वो कसाव नहीं रह जाता है. लेकिन उसके चूचों की तो बात ही कुछ और थी. मैंने उसके नंगे चूचों को अपने हाथों में भर लिया. आह्हह … उसके चूचों पर हाथ जाते ही मेरे मुंह से सिसकारी निकल गई.

एक दो बार मैंने उसके चूचों को दबा कर देखा और फिर उनको जोर से मसलने लगा. मेरा खुद पर कंट्रोल नहीं हो पा रहा था. वो भी अब जोर जोर से मेरे लंड को दबाने और मसलने लगी थी. उसके स्तनों पर मेरे हाथों की पकड़ और मजबूत होती जा रही थी.

उस सेक्सी औरत के स्तन अब तनकर एकदम टाइट हो गये थे. उनको दबाने में अब अलग ही आनंद मिल रहा था मुझे. फिर मैंने उसके 36 के साइज के बोबों को अपने मुंह में भर लिया और उसके तने हुए निप्पलों को दांतों से काटते हुए उसके चूचों को पीने लगा.

उसके बदन की खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी. उसने अब मेरी शर्ट के बटन खोलना शुरू कर दिये थे. धीरे-धीरे उसने मेरी शर्ट को उतरवा दिया और फिर उसके हाथ मेरी पैंट के हुक तक पहुंच गये. मेरी पैंट को खोलने के बाद मैंने खुद ही अपनी पैंट को निकाल कर अलग कर दिया.

अब मेरे अंडरवियर में तना हुआ लौड़ा उसके सामने थे. उसने एक दो बार मेरे तने हुए लौड़े को अपने हाथ में लेकर अंडरवियर के ऊपर से ही सहलाया और फिर मेरे होंठों को चूसने लगी. उसका एक हाथ मेरी गर्दन पर पीछे आ गया था और दूसरा हाथ नीचे से मेरे लंड को सहला रहा था.

मेरा लंड उसके हाथ में तड़प तड़प कर बाहर आने की भीख मांग रहा था. फिर उस चुदक्कड़ सेक्सी पंजाबन ने मेरे कच्छे को उतार दिया और मेरे तने हुए लौड़े को अपने हाथ में लेकर उसके टोपे को आगे पीछे करने लगी.

अब मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी पैंटी को खींच कर निकाल दिया. उस चुदक्कड़ भाभी की चूत को देख कर मेरी आंखों को बहुत खुशी मिली. भाभी की चूत ज्यादा गोरी तो नहीं थी लेकिन काली भी नहीं थी. मगर उसके बदन के रंग के मुकाबले में थोड़ी सी सांवली लग रही थी देखने में जैसी कि देसी चूत होती हैं.

मैंने भाभी की चूत को अपने हाथ से मसला तो उसकी चूत काफी गर्म लग रही थी. उसके बाद मैंने उसके पैरों से उसको चाटना शुरू किया. चाटते हुए मैं ऊपर की ओर बढ़ने लगा.

पहले उसकी पिंडलियों से होते हुए उसके घुटनों और फिर उसकी जांघों पर किस करते हुए उस पंजाबन भाभी की चूत तक जा पहुंचा था. वो नंगी औरत बेड पर लेटी हुई अब कामुक अंदाज में सेक्सी आहें भर रही थी.
भाभी की चूत की गर्मी पूरे उबाल पर थी.
मैंने भाभी की चूत के ऊपर नाक रखी और उसको सूंघा तो उससे एक मजेदार खुशबू आ रही थी.

उसके बाद मैंने भाभी की चूत में अपनी जीभ को डाल दिया और उसकी चूत में जीभ को देकर उसे जोर जोर से चूसने लगा.
वो चुदक्कड़ भाभी तड़पते हुए कहने लगी- सरदार जी, इतना मत तड़पाओ, मैं बहुत दिनों से प्यासी हूं. अगर ऐसे करोगे तो मैं मर ही जाऊंगी. अब अपने लंड को मेरी चूत में डाल कर मेरी इस भट्टी की आग को शांत कर दो.

मैंने उसकी बात को अनसुना कर दिया क्योंकि मुझे अभी उसको और गर्म करना था. मैंने उसकी टांगों को फैला दिया और भाभी की चूत की फांकों को अपने दोनों हाथों से खोलते हुए उसकी चूत में झांक कर देखने लगा.

उस सेक्सी भाभी की लाल चूत अंदर से गीली हो चुकी थी. मैंने उसकी खुली हुई चूत में जीभ डाल दी और तेजी से जीभ को अंदर बाहर करने लगा. वो एकदम से तड़पते हुए मेरे सिर को अपनी चूत में घुसाने लगी. उसके मुंह से जोर जोर की आवाजें होने लगी.

अभी भी मैंने भाभी की चूत की चुसाई जारी रखी. फिर उससे जब बर्दाश्त न हुआ तो उसने मुझे बेड पर गिरा लिया और मेरे खड़े हुए लंड पर अपनी चूत को रख कर लेटते हुए मेरे होंठों को जोर से काटने लगी. मेरा लंड उसकी चूत की गर्मी को महसूस करने लगा.

गर्म चूत की गर्मी से लंड में और उबाल आने लगा. मैंने चुदक्कड़ पंजाबन की गांड को जोर से दबाते हुए उसके होंठों को काटना शुरू कर दिया. फिर वो उठी और मेरे गीले हो चुके लंड को अपने मुंह में लेकर उसको तेजी के साथ चूसने लगी.

उसकी चुसाई किसी एक्सपर्ट की तरह थी. मुझे लगने लगा कि अगर मैंने इसको नहीं रोका तो मैं कुछ ही देर में कंट्रोल खो दूंगा. मैंने उसको दोबारा से नीचे गिरा लिया. फिर उसके ऊपर आकर उसके चूचों को चूसने लगा. वो मेरे सिर को अपने चूचों में धंसाने लगी.

अब मुझसे भी कंट्रोल करना बहुत मुश्किल हो रहा था. मैंने उसको डॉगी स्टाइल में आने के लिए कहा और वो जल्दी से उठ कर बेड पर मेरे सामने झुक गई. उसकी गीली चूत मेरे सामने थी. मैंने एक दो बार भाभी की चूत पर लंड को रगड़ा और फिर उसकी चूत में एक धक्का दे दिया. मेरा मोटा लंड उसकी चूत में घुसा तो उसकी चीख सी निकल गई ‘उम्म्ह … अहह … हय … ओह …’

मैंने भाभी की चूत में दूसरा धक्का दिया और अपना पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया. मैं उसको रंडी बना कर चोद देना चाहता था. वो भी मुझसे कुछ ऐसी ही उम्मीद कर रही थी. उसने मेरे पूरे लंड को अपनी चूत में ले लिया और मैंने उसकी गांड को अपने हाथों में थाम लिया और फिर उसकी गीली चूत में धक्के लगाने लगा.

वो मेरे लंड को चूत में लेते हुए जोर-जोर से आवाजें करने लगी- आह्ह … आह्ह … चोदो मुझे सरदार जी … उम्म माह्ह … याह … हाह … और जोर से चोदो. मेरी चूत को चोद कर इसे फाड़ दो. आह्ह बहुत मजा आ रहा है. पूरा घुसा दो अपना लंड मेरी चूत में. बहुत दिनों से इसको ऐसा दमदार लंड नहीं मिला है.

वो मेरे लंड के पूरे मजे ले रही थी. मुझे भी भाभी की चूत चोदने में मजा आ रहा था. फिर मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और उसकी चूत में तेजी के साथ धक्के लगाने लगा. मेरे धक्कों की वजह से पूरा बेड हिलने लगा.

उसको भी और मजा आने लगा. उसने अपनी गर्दन को बेड पर टिकाते हुए मेरी गांड को अपने हाथों में भींच लिया और अपनी गांड की तरफ मेरे लंड को धकेलने लगी. उसके नर्म हाथों में मेरी गांड को और मजा आ रहा था.

अब मेरा जोश सातवें आसमान पर पहुंच चुका था. उसकी चुदाई करते हुए कमरे में पच-पच … फच-फच … की आवाज होने लगी थी. कुछ देर तक ऐसे ही दबा कर मैंने भाभी की चूत में धक्कम-पेल की.

उसके बाद मैंने उसके हाथों को हटा लिया और उसके चूचों को पकड़ते हुए उसकी पीठ पर झुक गया. उसके चूचों को खींचते और जोर से दबाते हुए उसकी चूत में पूरी गहराई तक लंड को उतारने लगा. वो मेरी इस हरकत से जोर से चीखती हुई झड़ने लगी.

उसकी चूत का गर्म पानी मुझे अपने लंड पर महसूस हो रहा था. उसके बाद भी मेरी गति में कोई बदलाव नहीं आया. मैं इतने ही वेग से उसकी चूत को चोदता रहा. वो अब कराहने लगी थी लेकिन उसमें भी उसको आनंद आ रहा था.

मैंने करीबन पच्चीस मिनट तक उस भाभी की चूत को खूब चोदा और फिर दो-तीन जोर के धक्कों के बाद मेरे पूरे बदन में अकड़न होने लगी. मैंने उसको जोर से अपनी बांहों में कस लिया और पूरा लंड जड़ तक उसकी चूत में घुसा दिया और मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी उसकी चूत में गिरने लगी.

लगभग 10-15 झटकों के साथ भाभी की चूत में वीर्य गिराते हुए मैंने उस चुदक्कड़ सेक्सी पंजाबन भाभी की चूत को अपने वीर्य से भर डाला. वो भी बुरी तरह से हांफ रही थी और कुछ ऐसा ही हाल मेरा हो गया था.

मैं उसको लेकर उसके ऊपर ही निढाल हो गया. काफी देर तक हम दोनों पड़े रहे. उसकी चूत से लंड सिकुड़ कर बाहर निकल आया. फिर मैं उठा तो मैंने देखा कि उसकी चूत से उसका पानी और मेरे वीर्य का पानी दोनों का ही मिश्रण बन कर बेड की चादर को भिगो चुका था.

वो भी उठ गई और पलट कर उसने फिर से मेरे होंठों को चूसा और चूमा. मुझे काफी देर तक प्यार करती रही. वो पूरी तरह से संतुष्ट हो गई थी और मुझे भी उसकी गर्म चूत को ठंडक पहुंचाने में बहुत आनंद आया.

उसके बाद भी कई बार मौका पाकर मैंने उस सेक्सी औरत की प्यासी चूत को चोदा. वो हर बार बिना कॉन्डम के ही मुझसे अपनी चूत मरवा लेती थी. मुझे भी भाभी की चूत को चोद कर असीम आनंद मिलता था.
 

junglecouple1984

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मेरी स्टेप मम्मी की चुदाई का खेल



दोस्तो, मेरा नाम सोनू है. मैं 20 साल का हूँ. मेरे घर में कुल 4 लोग हैं. मेरी दीदी कुसुम 22 साल की, मम्मी कुन्ती 36 साल की और पापा. मेरे पापा की उम्र 48 साल है, वे दूसरे शहर में जॉब करते हैं तो वो महीने में दो दिन के लिए ही घर आते हैं.

मम्मी मेरी सगी मम्मी नहीं हैं. मेरी सगी मम्मी लापता हो गयी थी तो मेरे पापा ने अपने से 12 साल छोटी लड़की जो गरीब घर की थी, से शादी कर ली थी.

मेरी मम्मी देखने में एक 30-32 साल की सेक्सी औरत लगती हैं. उसे देखकर किसी बूढ़े के दिल में भी अरमान जाग जाएं. उनका साइज 38-24-36 है.
फिर मैं तो एक जवान लड़का हूँ, जो उसे हमेशा देखा करता था. मेरी इस बात से आप लोग सोच सकते हैं कि मेरी क्या स्थिति हो रही होगी. मैं हमेशा उसे घूरता रहता था.

घर में मम्मी साड़ी पहनती हैं, उनके सभी ब्लाउज डीप कट वाले होते हैं. उनको पीछे से देखने पर उनके बड़े बड़े चूतड़ों के पहाड़ दिखते हैं. पीछे से ब्लाउज की एक पतली सी पट्टी होने के कारण पूरी पीठ लगभग नंगी रहती है. गहरे गले के ब्लाउज में से उनकी चूचियां ऐसी नजर आती हैं मानो बाहर निकलने को मचल रही हों.

मैं उन्हें अक्सर घूरता रहता था और यह बात मेरी मम्मी को भी पता थी. लेकिन वह ना ही मेरा कभी विरोध करतीं और ना ही अपने मम्मों को मुझसे छुपाने की कोशिश करतीं.
इससे मेरी हिम्मत और बढ़ती गई.

एक दिन मम्मी शाम को रसोई में रात का खाना बना रही थीं और दीदी अपने रूम में थी. मैं मौका पाकर रसोई में गया और मम्मी की कमर को पीछे से सहलाने लगा.
मम्मी बोलीं- क्या बात है बेटा आज बहुत प्यार आ रहा है.
मैंने कहा- मम्मी, आप हमें इतना प्यार करती हैं, तो थोड़ा सा प्यार तो हम भी कर सकते हैं.

मेरे हाथ अभी भी मम्मी की कमर पर थे और मैं उसे सहला रहा था. मैं सोच रहा था कि अगर मम्मी की चुदाई का मौक़ा मिल जाए तो मजा आ जाए.

मम्मी बोलीं- वो तो ठीक है … लेकिन मुझे अभी बहुत काम है. बेटा तुम्हें बहुत प्यार आ रहा है, तो जब काम खत्म हो जाए … तो जितना मन हो प्यार कर लेना.

मैं उनकी इस बात को सुनकर वापस हॉल में आ गया और सोचने लगा कि मम्मी के ये कहने का मतलब क्या था. क्या यह मेरे लिए हरी झंडी थी या फिर ऐसे ही कह दिया था.

फिर मैंने सोच लिया कि जो भी हो, आज खतरा उठा ही लिया जाए. अगर मम्मी मान जाती हैं, तो मेरे लिए स्वर्ग का दरवाजा खुल जाएगा … और अगर नहीं, तो ज्यादा से ज्यादा मुझे डांट ही तो पड़ेगी.

रात में खाना खाने के बाद हम सब अपने अपने रूम में सोने चले गए. थोड़ी देर बाद मैं अपनी स्टेप मम्मी के कमरे में आ गया.

मेरी मम्मी बेड पर लेटी हुई थीं. रूम में धीमी रोशनी का नाइट बल्ब जल रहा था. मैं मम्मी की चुदाई के अरमान दिल में लेकर उनके बगल में जाकर लेट गया और अपना हाथ मम्मी के पेट पर रख कर सहलाने लगा.

मम्मी ने मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा कर कहा- बेटा, तुम मुझसे कितना प्यार करते हो?
मैं बोला- मम्मी जी, मैं आपसे इतना प्यार करता हूं … अगर आप इजाजत दो, तो बेटा के प्यार के साथ साथ पापा की कमी पूरी कर दूँ.
मम्मी हंस कर बोलीं- अच्छा बच्चू … अब तू इतना बड़ा हो गया है, जो अपने पापा की कमी पूरी कर देगा … और तू कैसे करेगा अपने पापा की कमी पूरी, जरा बता तो?

मम्मी की चुदाई की पहली कोशिश
इस बात पर मैंने अपने होंठों को मम्मी के होंठ रख दिए और उनको जोरदार किस करने लगा. साथ ही अपने हाथों से उनके मम्मों को दबाने लगा.

मम्मी ने नाममात्र का विरोध किया, फिर शांत हो गईं. वो भी मुझे सहयोग करने लगीं. कोई पांच मिनट के बाद हमारी चूमाचाटी खत्म हुई.

फिर मैंने मम्मी से कहा- मैं ऐसे करूंगा कमी पूरी, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं.
मम्मी बोलीं- इतने से तेरे पापा की कमी पूरी नहीं होगी … तुम्हें बहुत मेहनत करनी पड़ेगी.
मैंने कहा- मम्मी आप हुक्म तो करो, मैं इतनी मेहनत करूंगा, इतनी मेहनत करूंगा कि आप पापा को भूल जाएंगी.
मम्मी हंसने लगीं और बोलीं- बेटा तू आज कर मेहनत … मैं देखती हूं कि मेरा बेटा कितना जवान हुआ है.

ये सुनकर मेरी तो मानो जैकपॉट लग गई. मैं मम्मी के होंठों को चूसने लगा. इस बार मम्मी ने भी पूरा साथ दिया. हम दोनों की जीभ एक दूसरे के मुँह में जा रही थी और दोनों ही उसे चूस रहे थे.

इस बार हमारी किस लगभग 12 से 15 मिनट तक चली. फिर मैं मम्मी के मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से ही काटने लगा.
मम्मी सिहरते हुए बोलीं- बेटा इतना उतावला क्यों हो रहा है … पहले कपड़े तो खोल लेने दे … फिर जी भर कर दूध पीना.

मैं रुक गया. मम्मी ने पहले अपना ब्लाउज खोला. ब्लाउज के अन्दर मम्मी ने लाल रंग की ब्रा पहनी थी. मम्मी का गोरा बदन लाल ब्रा में क्या कामुक रहा था … ऊपर से नाइट बल्ब की धीमी रोशनी में उनकी चूचियां और भी ज्यादा चमक रही थीं.

फिर मम्मी ने अपनी ब्रा को खोल कर मम्मों को आजाद कर दिया. मैं भी उनके मम्मों पर टूट पड़ा और जोर जोर से पीने लगा. मैं बीच बीच में उसके दूध को काट भी लेता था, जिससे मम्मी एकदम से मचल जाती थीं.
मम्मी मेरे सर पर हाथ फेरते हुए बोल रही थीं- आह … पी जा बेटा … अपनी मम्मी की चूची को पूरा पी जा … खा जा इनको.

मैं भी पूरा जोर से दूध पिए जा रहा था. इसके बाद मैंने मम्मी के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और अलग कर दिया. अब मम्मी मेरे सामने केबल छोटी सी पेंटी में थीं.

मम्मी बोलीं- बेटा अपने कपड़े भी तो उतारो.
मैं बोला- क्यों नहीं मम्मी … अभी उतार देता हूं.

अपने सारे कपड़े खोल कर मैं मम्मी के सामने नंगा हो गया. मम्मी मेरा मोटा लंबा लंड देखकर बोलीं- वाह बेटा तेरा सामान तो तेरे पापा से भी बड़ा हो गया है. तू तो सच में जवान हो गया है.

मैं बोला- हां मम्मी … आज तुम्हें अपनी जवानी का जलवा दिखा ही दूँगा.
मैंने मम्मी की पेंटी उतार दी और मम्मी को पूरा नंगी कर दिया.

मम्मी की चूत पर बहुत बड़े बड़े और घने बाल थे और धीमी रोशनी में उनकी चूत बिल्कुल नजर नहीं आ रही थी.
मैंने बोला- मम्मी, आप बाल क्यों नहीं काटती हो.
मम्मी बोलीं- तेरे पापा आते हैं तो एक दिन पहले साफ़ कर लेती हूँ. उनके जाने के बाद जरूरत ही नहीं पड़ती. मुझे क्या पता था तू मुझे चोदेगा. चल आज ऐसे ही मम्मी की चुदाई कर ले … कल से चिकनी चूत मिलेगी.
मैं बोला- मम्मी वो तो मैं आज चोद ही दूंगा … लेकिन आप पहले मेरी लॉलीपॉप तो चूस लो.

मम्मी ने मेरे लंड को पकड़ लिया और मैंने अपना लंड मम्मी के मुँह में डाल दिया. वो भी पूरा लंड मुँह में लेकर मजे से चूसने लगीं. लंड चुसाते समय मैं उनकी चूत को सहला रहा था.

थोड़ी देर बाद मैं बोला- मम्मी मैं झड़ने वाला हूं.
मम्मी बोलीं- बेटा निकाल दे अपना पानी मेरे मुँह में … मैं इसे पीना चाहती हूं.

मैंने भी अपना सारा पानी मम्मी के मुँह में डाल दिया और वो भी पूरा वीर्य पी गईं.

अब पानी पीने की मेरी बारी थी. मैंने मम्मी की चूत पर मुँह लगाया, लेकिन घने बाल के कारण मुझे अजीब सा लगा. मम्मी भी अब इतनी गर्म हो गई थीं कि वो रुक ही नहीं पा रही थीं.

वो बोलीं- बेटा अब मुझे मत तड़पाओ … जल्दी से अपना मोटा मूसल लंड अन्दर डाल दो और मेरी चूत को चोद दो.
मैंने भी अब मम्मी की चुदाई शुरू करना सही समझा और मम्मी की दोनों टांगों को फैला कर बीच में आ गया. अपने लंड को चूत पर सैट कर धक्का लगाया, तो लंड फिसल गया.

मम्मी बोलीं- बेटा बेटा पहले आराम से धक्का लगा, जब थोड़ा अन्दर चला जाए, तो पूरा दम से पेलना.

मैंने फिर से लंड को सैट किया. अबकी बार मम्मी ने खुद लंड को पकड़ कर चूत के मुँह पर रखा और बोलीं- हां बेटा, अब आराम से धक्का लगा.

जब मैंने पहली बार धक्का लगाया, तो थोड़ा अन्दर चला गया. फिर मैंने एक जोरदार धक्का दिया, तो मेरा लंड आधा से ज्यादा अन्दर चला गया.

मम्मी को दर्द हुआ उनके मुख से निकला- उम्म्ह … अहह … हय … ओह …
तो मैंने पूछा- मम्मी आपकी तो बहुत बार चुदाई हो चुकी है, तो आपको दर्द क्यों हो रहा है … आपकी चूत तो बहुत टाइट भी लग रही है.
मम्मी बोलीं- बेटा बहुत दिन तक अगर चूत की चुदाई ना हो, तो चूत का मुँह चिपकने लगता है … इसलिए चूत टाईट हो गई है. पर तू अपना काम शुरू कर, इसी दर्द में तो चुदाई का मजा है.

फिर मैं मम्मी की चूत में लंड आगे पीछे करने लगा.
मेरी मम्मी भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थीं और बोल रही थीं कि आह चोद बेटा और जोर से चोद पेल दे अपना पूरा लंड … फाड़ दे मेरी चूत फाड़ दे बेटा … अपनी मम्मी की चूत.

मैं भी ताबड़तोड़ मम्मी की चुदाई रहा था, लेकिन मेरा पूरा लंड मम्मी की चूत में जा नहीं रहा था.

मैंने मम्मी की नीचे तकिया लगाया और उनके पैरों को अपने कंधे पर रख लिया. अब जब मैंने दोबारा मम्मी की चुदाई शुरू की, तो मेरा पूरा लंड मम्मी की चूत में जा रहा था.

मम्मी को भी अब पूरा मजा आ रहा था. मम्मी धीमी धीमी सिसकरियां ले रही थीं. वो ‘आह आह आ..’ किए जा रही थीं. कुछ देर बाद उनका बदन अकड़ने लगा था … और उनकी सिसकरियां और बोलना भी तेज हो गया था.

मम्मी बोलने लगी थीं- आह … चोदो बेटा और जोर से चोद दे … आह और जोर और जोर से चोद … पेल दे पूरा लंड फाड़ दे मेरी बुर.

मैं भी पूरे जोर से धक्का लगाने लगा. थोड़ी देर में मम्मी झड़ गईं और शांत हो गईं … लेकिन मेरा अभी भी पानी नहीं निकला था. मैं मम्मी की चूचियों को चूसने और दबाने लगा. उनके होंठों को चूमने लगा. थोड़ी देर बाद फिर से मम्मी में जान आ गई.

इस बार मैंने मम्मी को घोड़ी बनने को कहा.
मम्मी बोलीं- नहीं बेटा, गांड में नहीं लूंगी.
मैंने कहा- मम्मी, मैं चूत में ही पेलूँगा … लेकिन पीछे से करने का मन है.

मम्मी पीछे से चुदाई के लिए मान गईं और घोड़ी बन गईं.

मैंने अपने लंड को चूत पर सैट किया और एक ही धक्के में पूरा लंड अन्दर डाल दिया. मम्मी की चूत गीली होने के कारण आसानी से चूत में लंड चला गया. मैंने मम्मी की डॉगी स्टाइल में चुदाई चालू कर दी. मम्मी भी पूरा साथ दे रही थीं.

कोई बीस मिनट की इस चुदाई के बाद हम दोनों झड़ने वाले थे.
मम्मी बोलीं- बेटा अन्दर ही डाल दो, मैं अपने बेटा का वीर्य महसूस करना चाहती हूं.
मैंने भी अपना सारा वीर्य मम्मी की चूत में छोड़ दिया. मम्मी की चूत ऊपर तक भर गई और वीर्य बाहर निकलने लगा.

मम्मी की चुदाई के बाद मैं थोड़ी देर उनके पास लेटा रहा. फिर मैंने मम्मी से पूछा- कैसा रहा मम्मी … पापा की कमी पूरी हुई या नहीं?
तो मम्मी बोलीं- अरे बेटा, तेरे पापा में इतना दम कहां बचा है. उनको अब सुगर की बीमारी हो गई है न … इसलिए अब तो उनका खड़ा ही नहीं होता है. तू तो अब अपनी मम्मी की चुदाई करके मजा दिया कर … लेकिन अभी तू अपने रूम में जा … नहीं तो सुबह कुसुम तुम्हें यहां देखकर न जाने क्या सोचेगी.

फिर मैंने बाथरूम में जाकर अपना लंड साफ़ किया और कपड़े पहन कर अपने रूम में जा कर सो गया.
 
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