• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest All short story collected from Net

आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

  • माँ - बेटा

  • भाई - बहेन

  • देवर - भाभी

  • दामाद – सासु

  • ससुर – बहु


Results are only viewable after voting.

Premkumar65

Don't Miss the Opportunity
7,075
7,498
173
मौसी के साथ डर्टी सेक्स का मजा



मित्रो, आपने मेरी सेक्स कहानी

मौसी-मौसा के साथ थ्री-सम सेक्स का मजा

में पढ़ा था कि कैसे मैंने अपनी मौसी मौसा के साथ थ्रीसम सेक्स किया था.

दोस्तो, अब आगे गन्दा सेक्स:

उस दिन मौसा अपनी ड्यूटी पर गए थे और मैं और मौसी चुदाई में लगे थे.

चुदाई के बाद हम दोनों काफी थक गए थे इसलिए सेक्स करके हम दोनों बेडरूम में आकर सो गए.

मौसी ने नीली ब्रा और लाल पैंटी पहनी और मैंने मौसी की पिंक पैंटी पहन ली.
केवल इन्हीं कपड़ों में हम दोनों सो गए.

थकान की वजह से पता ही नहीं चला कि कब मौसा जी आ गए.
वे आकर फ्रेश हुए और खाना खाकर हमारे बाजू में ही आकर सो गए.

मौसा मौसी मेरे दोनों अगल बगल में सोये हुए थे और मैं बीच में था.
हम तीनों चड्डी में सोए हुए थे.

जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि मौसा जी हॉल में सोफे में चड्डी में बैठे थे और मौसी किचन में गाउन पहने हुई खाना बना रही थी.
उनकी पीजी की लड़कियां ऊपर से नीचे आकर मौसी से बात कर रही थीं.

मैं उठा और बाथरूम से फ्रेश होकर किचन में आकर पानी पीने लगा.
मौसी ने मुझे देख कर स्माइल दी और मैं वापस आ गया.

फिर लड़कियां अपने रूम में चली गईं.
हम तीनों सोफे में आकर बैठ गए.

मैं मौसा जी से बोला- मेरी गांड दर्द हो रही है.
वो हंस दिए जबकि मौसी बोलीं- मुझे तो बहुत मज़ा आया.

इसी तरह से हम तीनों की फिर से सेक्स के टॉपिक में बात होने लगी.
अब मैं भी मौसी मौसा से खुल कर बातें करने लगा.

मैंने पूछा- आप लोगों की पहली सुहागरात कैसी रही थी?
मौसी बोलीं- इन्होंने तो मुझे इतना पटक कर चोदा था कि मेरी सील तोड़ कर खून की नदी बहा दी थी.

मैंने पूछा- अरे वाह मौसी जी, इसका मतलब ये हुआ कि आपको शादी से पहले किसी और ने नहीं चोदा था?
मौसी- हां, मैंने किसी से नहीं चुदवाया था.

मैंने कहा- चुदवाया नहीं था आ कोई मिला नहीं था?
उन्होंने हंस कर कहा- मन तो बहुत था मगर कोई ढंग का मर्द मिला ही नहीं था. मेरा बहुत मन था कि कोई ऐसा अपना दोस्त रहे, जिसके साथ फ्री होकर सेक्स कर सकूँ.

मैंने पूछा- ओके मौसी, इसका मतलब ये था कि आपका मन तो था मगर लंड नहीं मिला जिसके वजह से आप मौसा को पैक माल के जैसी मिल गई थीं.
मौसी- हां.

अब मैंने मौसा जी से पूछा- और आपका क्या सीन था मौसा जी? क्या आपने शादी से पहले किसी की ली थी?
मौसा जी ने कहा- हां. एक की क्या … मैंने तो कई को अपने नीचे से निकाला था.

मेरे मौसा की पर्सनॅलिटी बहुत मस्त थी; पीजी में रहने वाली लड़कियां उनसे सैट हो जाती थीं.

फिर मौसी किसी भी बहाने से उन लड़कियों को किचन में बुला लेती थीं और उनसे कहती थीं- जा, मैं काम करती हूँ. तू जब तक तेरे अंकल के पैर दबा दे. उन्हें बहुत तकलीफ़ हो रही है.
बस लड़कियां रूम में जाकर मौसा जी के पैर दबा देती थीं.

उस समय मौसा जी चड्डी में सोए रहते थे.
मौसा जी धीरे से लड़कियों को पकड़ कर अपने ऊपर भी तेल लगाने बोलते थे.

वे तेल लगाने लगती थीं तो मौसा जी धीरे धीरे लड़कियों को टच करके पकड़ लेते थे और अपनी बातों में फंसा कर उनके साथ सेक्स करते थे.

फिर मैंने पूछा- मौसी आप कहां रहती थीं उस टाइम?
वो बोलीं- मैं अपनी सहेली के घर चली जाती थी. मैं तुम्हारे मौसा के लिए कुछ भी कर सकती हूँ.

इसी तरह से हमारे बीच चुदाई की बातें होती रहीं.

शाम हुई तो महफ़िल जम गई.
मौसा जी ने शराब की बोतल खोल ली और हम तीनों दारू का मजा लेने लगे.
धीरे धीरे पैग चलते रहे और दो घंटे में हम तीनों के चार चार पैग हो गए थे.

अब हम तीनों खाना खाकर न्यूड हो गए. नशा काफी ज्यादा हो गया था तो हम सब एक दूसरे को चिपक कर सो गए.

मैंने मौसी के एक दूध को मुँह में दबा लिया और उनकी चूत में उंगली डाल कर सो गया.

सुबह को मौसा जी अपनी ड्यूटी पर चले गए.
मैं ट्रैनिंग पर चला गया.
मौसी घर के काम में बिज़ी हो गईं.

फिर मैं वापस आया और फ्रेश होकर बेडरूम में आ गया.
मौसी लेटी हुई थीं.

मैंने मौसी के ऊपर चढ़ कर प्यार से उन्हें किस किया और बाजू में लेट गया.
मैंने अपना मोबाइल निकाला और मौसी और मैं साथ में पॉर्न देखने लगे.
पॉर्न देखते हुए बहुत मजा आ रहा था.

मौसी मुझे किस करने लगीं.
मैंने पूछा- मौसी, आप पॉर्न देखती हो?
मौसी ने मुझसे कहा- हां तेरे मौसा मुझे दिखाते हैं, जब हम दोनों बेड में न्यूड लेटे हुए होते हैं.

मैंने मौसी से पूछा- आपको किस केटेगरी की पॉर्न वीडियो पसन्द है?
मौसी ने कहा- मुझे थ्रीसम और बाथरूम सेक्स बहुत पसंद है.

मैंने कहा- अच्छा तो आपने कभी थ्रीसम सेक्स किया है?
मौसी ने हां कहा.

अब मौसी ने मुझसे पूछा- तुझे किस टाइप की चुदाई की फिल्म देखना पसन्द है?
मैंने कहा- मौसी, मुझे तो दो ही केटेगरी बहुत पसंद हैं. एक है बंगाली वाइट रेड साड़ी वाली औरत के साथ चुदाई होते देखना और दूसरी फिल्म वो, जिसमें बुरका और हिजाबी लड़की की चुदाई हो रही हो. ये दो तरह की सेक्स वीडियो मुझे बहुत पसंद आती हैं.

अब मेरी प्यारी मौसी ने मुझसे कहा- चल आज मैं तेरी ये दोनों ख्वाहिशें पूरी कर देती हूँ. पहले तू मुझे हिजाब पहनना सिखा दे.
मैंने कहा- हिजाब बाजार से लाना पड़ेगा.

मौसी ने ओके कहा और मैं बाजार चला गया.

मैंने मौसी के लिए हिजाब और बुरका की शॉपिंग की.
साथ ही मैंने मौसी के लिए सेक्सी ब्रा पैंटी भी खरीद लीं.
हॉट सी नाइटी के साथ कुछ मेकअप का सामान भी ले लिया जैसे आइ-लाइनर, काजल और फेसक्रीम आदि.
उसके अलावा मैंने कुछ मोगरा के गजरा आदि भी ले लिए.

जब तक मैं घर आया तो मौसा भी आ गए थे.
मैंने बाजार से खरीदा हुआ सब सामान मौसा जी को भी दिखाया और आज रात का प्लान भी बताया.

मौसा जी ने कहा- आज तो मैं बेहद थक गया हूँ. तुम दोनों मजा करो.
हम दोनों ने एक साथ ही उनसे कहा- कोई बात नहीं.

जब एक साथ हमारे मुख से ये बात निकली, तो मैंने मौसी की तरफ देखा और उनकी हल्की सी मुस्कान ने बता दिया था कि वो मेरे साथ ये सब करने में कितनी उत्सुक थीं.

फिर रात में हम सब डिनर आदि से फ्री हुए.
मैंने मौसी को वीडियो में सारा हिजाब और बुरका पहन कर तैयार होने का बता दिया था.

मौसी ने मुझसे कहा- तू रूम में जाकर इन्तजार कर … मैं आधे घंटे में तैयार होकर आती हूँ.

मैं रूम में जाकर खुद भी तैयार हुआ और लेट कर मौसी का इंतजार करने लगा.

तब तक मैं हिजाब वाली पॉर्न देखता रहा और साथ में अपने लौड़े के साथ खेलना शुरू कर दिया.

मौसी ने रूम में सारा मेकअप किया और नई चड्डी ब्रा पहन ली.
उसके बाद उन्होंने काला बुरका पहना और मेरे कमरे में आ गईं.

मैं तो मौसी को देख कर एकदम से चौंक गया और खड़ा हो गया कि ये कौन सी मोहतरमा आ गई हैं.
मौसी मेरे पास आईं तो उनकी चाल से मैं समझ गया कि ये मौसी हैं.

मैंने आगे बढ़ कर मौसी को अपनी बांहों में ले लिया और किस किया, उनसे कहा- आओ मेरी बेगम … बड़ी देर से आपका इंतजार कर रहा था.
मैं उनकी गर्दन में किस करने लगा.
मौसी भी मुझे चूमने लगीं.

कुछ मिनट तक किस करने के बाद मौसी ने मुझे अपने बुरके के नीचे से अन्दर ले लिया और मैंने मौसी की चूत चाटना शुरू कर दिया.

मौसी मुझसे कामुक आवाज में कहने लगीं- आह चाट ले … आह आज तो अपनी हिजाबी मौसी को खा जा पूरा!

मैं कुछ देर तक चूत चाटने के बाद बाहर निकला और मौसी को खड़ी करके बुर्क़े के ऊपर से ही उनके बूब्स दबाने लगा और गांड दबाने लगा.
कुछ मिनट तक मौसी को चाटने चूमने और दूध मसलने के बाद मैंने काम आगे बढ़ाने की सोची.

मौसी बुर्क़े में खड़ी थीं.
उनका चेहरे का नकाब होंठों से नीचे सरक आया था.

मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और मौसी के सामने नंगा हो गया.
मौसी मेरे सामने हाथ बांध कर खड़ी थीं.

मैं मौसी के पीछे आ गया और उनके बुर्क़े के ऊपर से ही उनकी फूली हुई गांड को दांतों से चबाना और दबाना शुरू कर दिया.

मौसी लगातार आहें और कराहें भर रही थीं.
मैं अपना काम आगे बढ़ाता हुआ उनके दूध तक आ गया और पीछे से हाथ आगे लाकर उनके मम्मों का मलींदा बनाने लगा.
धीरे धीरे एक हाथ से मौसी की चूत को भी दबाना शुरू कर दिया.

कुछ देर के बाद मैंने मौसी का बुरका उठाना शुरू कर दिया.
सबसे पहले उनकी गांड दिखी तो मैं चड्डी के ऊपर से ही गांड को चाटने लगा.

मौसी लगातार अपने पैर आगे पीछे करती हुई हटा रही थीं.
फिर मैंने मौसी की गांड के छेद के पास से चड्डी हटाई और अपनी जीभ मौसी की गांड में घुसेड़ दी.

मौसी की मादक आह निकल गई और मैंने उनकी गांड के छेद को चाटना शुरू कर दिया.
वे खड़ी खड़ी ही ‘आह आह …’ की आवाज़ करने लगीं.

मौसी की गांड चाटने के बाद मैंने चूत को चाटना शुरू किया.
मैंने मौसी की चूत चाटना चालू ही किया था कि मौसी ने मुझे हटने के लिए कहा.

तब मैंने कहा- अभी तो मजा आना शुरू हुआ है मौसी, आप मुझे क्यों हटा रही हैं?
मौसी ने कहा- मुझे सुसू आ रही है. जरा हटो मुझे पहले मूत आने दो.

मैंने चूत से मुँह नहीं हटाया तो मौसी की चूत से उनकी पेशाब की कुछ बूंदें चूत से टपक आईं.

मैंने चूत से निकला मूत चाट कर गन्दा सेक्स किया.
मुझे उनकी सुसू का स्वाद बहुत ही मस्त लग रहा
था.

मैंने अपनी पूरी जीभ मौसी की चूत में डाल दी और मुँह से लगभग चूत को अपने मुँह से ढक कर ऐसे मुँह लगा दिया मानो मैं उनकी चूत से निकली हर एक बूंद को खराब नहीं होने दूंगा.

मौसी मुझे हटाने कि चेष्टा कर रही थीं और लगातार ‘पेशाब आ रही है, हट जाओ …’ कह रही थीं.
मैंने हाथ के इशारे से उन्हें कह दिया कि आ जाओ मेरे मुँह में ही मूत दो.
और मैंने मौसी उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.

मौसी की पेशाब रोक पाने की क्षमता खत्म हो गई और उन्होंने अपनी चूत का नल खोल दिया.
चूत से मूत टपकना शुरू हो गया.
मैं मौसी की चूत का सारा पानी पी गया.

पेशाब पीने के बाद मैं कभी मौसी की चूत चाट रहा था तो कभी मौसी की चूत का पानी उनकी जांघों पर जीभ से लगा रहा था.

उसी दरमियान मेरी एक उंगली मौसी की गांड में भी अन्दर बाहर हो रही थी.
फिर मैंने मौसी से कहा- आज आपकी गांड भी मारनी है.

मौसी ने अपनी पेशाब से गीला हो चुका बुर्क़ा उतार कर फर्श पर फेंक दिया और अपनी गीली चड्डी को मेरे मुँह में डाल दी.
तब मौसी सिर्फ़ नकाब और ब्रा में थीं और फर्श पर मौसी की पेशाब फैली हुई थी.

मैंने मौसी से कहा- आप फर्श पर लेट जाओ.
मौसी अपनी पेशाब के ऊपर लेट गईं.

मैं आज उनके साथ पूरी मस्ती करने के मूड में आ गया था इसलिए कुछ सोच कर मैं किचन में गया और केक पर लगाने वाली क्रीम लेकर आ गया.
मैंने क्रीम को मौसी की चूचियों और चूत में लगा दी.
फिर कुछ क्रीम मैंने अपने लंड में लगा ली.

अब मैंने मौसी के ऊपर उनकी पेशाब को हाथ से समेट कर डाला और मौसी को चाटना शुरू कर दिया.
मौसी ने मेरे लंड को चूसना शुरू किया और लंड पर लगी सारी क्रीम खा ली.

मैंने कहा- आपकी क्रीम में कुछ स्वाद की कमी रह गई है शायद.
मौसी समझ नहीं सकीं कि क्या कमी रह गई है.

मैंने मौसी के मुँह में लंड दिया और पेशाब टपका दी.
उन्होंने जरा सी पेशाब पी और लंड हटा दिया.

अब फर्श पर हर तरफ़ हम दोनों की पेशाब फैल गई थी और हम दोनों गीले हो गए थे.

फिर मैंने उसी पेशाब में मौसी को चुदाई की पोजीशन में लेकर उनकी चूत में लंड पेल दिया और धकाधक चोदना शुरू कर दिया.

हम दोनों गीले थे इसी लिए फछ फछ की आवाज़ आने लगी थी.

कुछ ही देर में वासना का सैलाब बढ़ने लगा और मैंने मौसी को घोड़ी बना कर चोदना चालू कर दिया.
काफी देर तक ताबड़तोड़ चुदाई करने के बाद मेरा लंड पानी फेंकने वाला हो गया था.

मैंने मौसी की चूत से लंड खींचा और उनके मुँह में दे दिया.
लंड अपनी चरम सीमा पर था तो ज्यादा देर रुक नहीं सका और मौसी के मुँह में ही फट पड़ा.

मैंने लंड का सारा माल मौसी के मुँह में निकाल दिया.
मौसी ने भी लंड को चूस कर सारा माल चाट लिया और खा लिया.

उसके बाद हम दोनों बाथरूम में गए और फव्वारे के नीचे खड़े होके नहाने लगे.
फिर वापस रूम में आकर बेड पर लेट गए.

कुछ ही देर में हमें नींद आ गई और हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए.
Mausi ki chut ka maja hi alga hai. Ek saal pura maine maje liye hain.
 

Premkumar65

Don't Miss the Opportunity
7,075
7,498
173
मौसी मॉम और बहन के साथ चूत चुदाई


दोस्तो और मेरी सहेलियो, ये बात उन दिनों की है, जब सभी जगह लॉकडाउन लगा हुआ था.
हम सभी लोग अपने अपने घरों में ही रहते थे.

मेरे घर में सिर्फ 3 लोग ही रहते हैं. मॉम और बहन और मैं.
मेरे पापा नेवी की जॉब में हैं तो वो घर पर नहीं थे.

उन्हीं दिनों कुछ ऐसा हुआ जो मैंने कभी नहीं सोचा था.
इस हॉट कहानी को पढ़ कर आप भी नहीं सोच सकेंगे कि ऐसा हुआ होगा.

मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. सदर बाजार के पास में ही मेरा घर है.

उस दिन सुबह का समय था तो सभी लोग सो रहे थे.
मैं भी सो रहा था.

मॉम ने मुझे जगाया पर मैं नहीं जागा. मैं उस टाइम गहरी नींद में था.

मम्मी ने बार बार आवाज देकर मुझे जगाया- आदर्श आदर्श उठ जा. चाय पी ले.
पर मैंने कुछ नहीं सुना.

कहीं जाना होता नहीं था तो रात देर तक मोबाइल चलाता रहता था, सुबह जल्दी उठने की कोई चिंता नहीं रहती थी.
इसलिए उस टाइम मैं मस्ती से सो रहा था.

उन दिनों सभी के घरों में सभी लोग नाइट में पहनने वाले कपड़ों में ही सारे दिन रहते थे.

मेरी मॉम भी सारे दिन नाइट में पहनने वाली मैक्सी पहनती थीं और बहन पजामा और टी-शर्ट पहनती थी. मैं लोवर और टी-शर्ट पहन रहता था.

मैं मॉम के जगाने के काफी देर तक सोता रहा.

मेरी बहन के साथ मॉम थोड़ी देर बाद फिर से आईं.
उन्होंने मेरे पंखे का स्विच ऑफ कर दिया और चादर भी खींच ली.

मुझसे मॉम ने जागने के लिए कड़क आवाज में बोला, तभी मैं जागा.
मैंने देखा कि मेरा लोअर गीला था.

मॉम ने चादर खींच ली थी, तो मेरा गीला लोअर मेरी बहन ने भी देख लिया.

वो मम्मी से बोली- मम्मी, आदर्श सोते सोते ही सुसु कर रहा है.
तभी मॉम करीब को आईं, तो देखा कि मेरा लोअर गीला ही था.

वो कुछ नहीं बोलीं और चली गईं.

मुझे काफी झेम्प सी लगी तो मैंने जल्दी से उठ कर बाथरूम में जाकर अपने कपड़े चेंज किए और नहाने के लिए शॉवर चालू कर दिया.
कुछ देर बाद मैं नहाकर आया और चाय पीने लगा.

कुछ टाइम बाद मॉम ने मुझसे पूछा- तुम रात को कौन सा सपना देख रहे थे?
मैंने बोला- मैंने तो कुछ भी नहीं देखा.

तभी मॉम ने मेरा फोन देखा और तो गूगल की हिस्ट्री निकाली.
उसमें कुछ पोर्न साइट्स उन्हें दिख गईं.

अब मॉम बोलीं- हम्म … ये सब देख रहा था, तभी रात को तूने कपड़े गंदे किए थे.
मैं चुप था.
मॉम ने मुझे डांटा भी.

मेरी बहन तब उधर नहीं थी, वो छत पर चली गई थी.
मैं कमरे में आ गया और टीवी देखने लगा.

फिर दो घंटा बाद मॉम ने मुझसे कहा- चलो खाना खा लो.
मैं खाना खाने गया, तो मॉम नहाने की तैयारी कर रही थीं.

वो उस समय ब्रा और पेटीकोट में थीं.
उन्होंने अपने पेटीकोट को अपने मम्मों तक चढ़ाया हुआ था.
ये उनका रोज का काम था तो मैंने भी कुछ ज्यादा ध्यान नहीं दिया.

मैं खाना खाने लगा और मॉम नहाने चली गईं.

उनको ध्यान नहीं रहा और वो अपनी पैंटी और ब्रा आदि लेकर बाथरूम में नहीं गई थीं.

उन्होंने नहाने के समय ही आवाज दी कि आदर्श मेरे कपड़े दे दो. मैं लाना भूल गई हूँ.

मैंने कहा- मैं खाना खा रहा हूँ मॉम.
वो बोलीं- खाना बाद में खा लेना.

मैं उठा और मॉम की नई वाली ब्रा पैंटी लेकर गया.
वो बोलीं- मैंने कपड़े मांगे थे ना कि ब्रा पैंटी मांगी थी. पेटीकोट भी ले आ.

मैं वापस गया और पेटीकोट लेकर मॉम को देने के लिए बाथरूम के बाहर रख आया.
थोड़ी देर बाद मॉम की फिर से आवाज घबराई हुई आई- आदर्श जल्दी से आ … बाथरूम में बिच्छू निकल आया है.

मैं जल्दी से गया और बाथरूम में घुस कर मैंने बिच्छू को मार डाला.

तभी मेरा ध्यान मॉम की तरफ़ गया तो देखा कि वो बिल्कुल नंगी होकर नहा रही थीं.
मेरे अन्दर आ जाने की वजह से मॉम ने अपने बदन पर तौलिया लपेट ली थी.

मुझे न जाने क्या हुआ, मैं मॉम की तरफ पीठ करके बिच्छू को उठाने का ड्रामा करता रहा और अपने फोन को वीडियो रिकॉर्डिंग मोड पर करके साबुन रखने वाली जगह के पास एक कोने में रख दिया.

मैं बाहर आ गया और जब मॉम नहा ली, तब मैं बाथरूम में आ गया और अपना फोन उठाकर ऊपर आ गया.
अपने रूम में मैं इयरफोन लगाकर वीडियो देखने लगा.

तभी मॉम मेरे कमरे में आईं.
मगर इयरफोन लगे होने से मैं ध्यान नहीं दे पाया.
मैं वीडियो देख रहा था तो उन्होंने मुझे देख लिया.

उन्होंने गेट को लॉक कर दिया और बोलीं- आदर्श, मेरे पैर शायद उसी बिच्छू ने काट लिया है या पता नहीं क्या हुआ है. मुझे बड़ी जलन हो रही है. तुम उस पर ये दवा लगा दो.
मैं मॉम के पैर में दवा लगाने लगा.

मैं कुछ डर डर कर दवा लगा रहा था तो वो बोलीं- मिर्ची सी लग रही है, धीरे धीरे लगाओ.
मैंने कहा- मॉम तेल भी लगवा लो.

वो हां कहती हुई रसोई में गईं और तेल लेकर आईं.
मॉम बोलीं- ये लो, अभी ये काम में आएगा.

ये कह कर उन्होंने अचानक से मुझे दो झापड़ खींच कर लगा दिए और बोलीं- तू इतनी गंदी वीडियो देखता है और नहाने की रेकॉर्डिंग भी कर ली. ले आज सच में देख ले.
इतना कह कर उन्होंने सामने से खुलने वाली अपनी नाइटी का फीता खोल कर उसे अलग कर दी.

मैं मॉम को देखने लगा.
तभी मॉम ने अपनी ब्रा भी उतार दी.

मेरी मॉम अब सिर्फ एक पैंटी में रह गई थीं.
एक पल बाद उन्होंने वो भी उतार दी.

फिर मॉम अपनी कमर पर हाथ रख कर एकदम नंगी खड़ी होकर बोलीं- ले देख ले … क्या देखना है.

मेरे मुँह से कुछ निकल ही नहीं रहा. मैंने एक झलक मॉम की बालों वाली चूत को देखा और सर झुका लिया.

फिर मॉम मेरे पास आईं और मेरे मुँह पर अपनी चूत लगाकर बोलीं- देख ले मादरचोद … और चाट ले अपनी मॉम की चूत.
मैं एक पल के लिए अपनी मॉम की इस भाषा को सुनकर चौंक गया था.

मॉम ने कहा- तू मेरी चूत से नहीं निकला है तो क्या हुआ … तू अब हो तो मेरा बेटा ही गया है. साले रात को मां बेटे की चुदाई देखता है और लंड झाड़ देता है.

दोस्तो, अब वक्त आ गया है कि मैं आपको अपनी मॉम के बारे में कुछ बता दूँ.

दरअसल मेरी मॉम की एक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी.
उस वक्त हम दोनों भाई बहन छोटे थे, तो डैडी ने मौसी से शादी कर ली थी और मौसी हम दोनों भाई बहन की नई मॉम बनकर घर आ गई थीं.

डैडी नेवी में हैं तो उन्होंने मॉम यानि मेरी मौसी के साथ ज्यादा वक्त नहीं गुजारा था.

शायद इसी वजह से मेरी नई मॉम को जिस्मानी भूख बनी रहती थी.

मैंने ये सब सोचते ही समझ लिया कि अब वक्त आ गया है कि अपनी Xxx माँ को अपनी माशूका बना लूं.

मैंने मॉम से कहा- आपकी इस पर बाल हैं.
वो बोलीं- तो क्या हुआ … ब्लू फिल्म में झांटों वाली चूत को चूसते हुए नहीं देखा क्या?

मैंने फिर मॉम की चूत चाटना शुरू कर दी. मैंने पूरे दस मिनट तक मॉम की चूत चूसी और उनकी प्यासी चूत से रस झड़वा दिया.
फिर मॉम ने मेरे कपड़े उतारे.

अब तक मॉम की चूत चाट कर मेरा पानी निकल गया था.
मॉम ने मेरा लंड खड़ा किया और चूत खोल कर लेट गईं.

मैंने मॉम की चूत में अपना लंड लगाया और झटका मारकर पूरा लौड़ा पेल दिया.
मॉम की मादक कराह निकलने लगी और मैं धकापेल चुदाई करने लगा.

मेरा तो कुछ टाइम बाद फिर से रस निकल गया और मुझे दर्द भी होने लगा था.
पर मॉम अभी भी गर्म थीं और उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा था.

मॉम बोलीं- चोद साले ओर चोद … आज मैं तेरा सारा सेक्स निकाल दूँगी.
मैं कुछ देर बाद फिर से लंड खड़ा करके मॉम को चोदने में लग गया.

तभी मेरी बहन मेरे कमरे के गेट को बजाने लगी.

मैं- मॉम कोई आया है.
जब मॉम बिस्तर से उठी थीं तब उनकी चूत से ढेर सारा पानी निकला था जो मेरे बिस्तर की चादर को गीला कर गया था.

मॉम ने न जाने क्या सोचा और नंगी ही जाकर गेट खोल दिया.
नंगी मॉम को देख कर बहन ने आंख बंद कर ली … क्योंकि मैं और मॉम दोनों नंगे थे.
मॉम की चूत से पानी टपक रहा था.

मेरी बहन ये सीन देख कर कुछ नहीं बोली और नीचे चली गई.

मॉम दरवाजा खुला छोड़ कर मेरे कमरे के बाथरूम में चली गईं.
मैं भी उनके पीछे पीछे बाथरूम में आ गया.
इधर मैंने उनकी चूत में हाथ डाला और उंगली से सारा पानी निकाल दिया.

तभी मॉम के मुँह से एकदम से दर्द भरी आवाज निकली- आ आह.

तब तक मेरी बहन भी वापस कमरे में आ गई थी और बाथरूम के अन्दर आ गई थी.
वो भी हम दोनों को देख रही थी.

तभी बाहर से किसी कि आवाज आई. मैं तौलिया लपेट कर देखने चला गया.

मगर उधर कोई नहीं था जो कोई भी आया था, वो मेरे देर से आने से बाहर से ही वापस चला गया था.

उधर मॉम बाथरूम में थीं.
मैंने रसोई से एक चम्मच लिया और बाथरूम में आ गया. मैंने मॉम की चूत में चम्मच डाली और उनकी चूत से सारा सफ़ेद पानी निकालने लगा.

मुझे डर था कि कहीं मॉम प्रेग्नेंट ना हो जाएं.
चम्मच डालने से मॉम की चूत से खून भी आने लगा था और वो चीख भी रही थीं.

तभी मॉम ने एकदम से पिचकारी छोड़ी और मेरे मुँह पर ही मूत दिया.
उनकी पेशाब में खून भी था तो लाल पेशाब से मेरा मुँह खराब हो गया था.
तभी मेरी बहन रोने लगी.

मॉम- तुम्हें क्या हुआ?
वो मॉम की चूत से खून देख कर रोने लगी थी.
मॉम बोलीं- कुछ नहीं हुआ … मैं ठीक हूँ.

फिर मैं और बहन दोनों ने मिलकर मॉम को सहारा दिया और रूम में ले लाए.
मैंने मॉम को लिटा दिया और अपने कपड़े पहन लिए. फिर मैं मॉम को कपड़े पहनाने लगा.

तब तक मॉम का दर्द बंद नहीं हुआ था.
मॉम मुझसे बोलीं- ऐसा तो होता ही रहता है, तुमने चम्मच क्यों डाली थी, ये बताओ?

मैं बोला- कहीं आप प्रेग्नेंट ना हो जाओ इसलिए.
मॉम हंस कर बोलीं- इतनी उम्र के बाद औरत प्रेग्नेंट नहीं होती है समझे.

मॉम बिस्तर पर लेट गईं.

उसी टाइम मैंने देखा कि मेरी बहन की चूत से भी कुछ निकल रहा था और उसकी हाफ पैंट गीली होने लगी थी.

मैंने उससे कहा- अब तेरी पैंट क्यों गीली होने लगी है?
वो भी अपनी हाफ पैंट उतारती हुई नंगी होने लगी. वो मॉम के सामने ही नंगी हो गई.

तभी मॉम ने मुझसे कहा- आदर्श इसकी भी ले ले … और ध्यान रखना इसकी चूत में पानी नहीं जाने देना, नहीं तो ये प्रेग्नेंट हो जाएगी.
मैंने हामी भरी और अपना लंड सहलाने लगा.

तभी मॉम बोलीं- आदर्श मेरे कमरे में बेड के नीचे कुछ रखा है, पहले उसे लेकर आ.
मैं मॉम के कमरे में गया तो उधर काफी कुछ रखा था. एक नकली लंड और कंडोम के पैकेट थे. मैं सब ले आया.

मैंने मॉम को सब सामान दे दिया.
मॉम बोलीं- मैंने तो कंडोम की कही थी, तू सब ले आया.

अब मॉम ने मेरी बहन स्वीटी से कहा- स्वीटी, तुम आदर्श का लंड मुँह में ले लो और चूसो.
मगर उसने नहीं लिया तो मॉम ने मेरा मुँह में ले लिया और चूसती हुई बोलीं- लो अब साफ़ हो गया, अब चूसो.

वो मेरा लंड चूसने लगी.
इधर मैं भी मॉम की चूत का पानी पीने लगा.

मेरी मॉम बहुत खुश हो रही थीं.
फिर मॉम ने स्वीटी की चूत चाटी और उसकी चूत का पानी निकाल दिया.

मॉम मुझसे बोलीं- आदर्श, ये लो तेरी बहन की चूत का दही निकल गया.
स्वीटी की चूत का पानी बहुत ही गाढ़ा था, एकदम दही जैसा.
मगर उसकी चूत के पानी से कुछ बदबू भी आ रही थी.

मॉम ने कहा- लो इसकी चूत चूसो.
मैंने बहन की चूत को चाटा, तो मेरे मुँह का स्वाद खराब हो गया.

मैंने मुँह हटाया तो मॉम ने पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- आपकी चूत जैसा स्वाद नहीं है.

मॉम ने ज़बरदस्ती चूत चाटने को बोला.

मैंने 69 में आकर अपनी बहन चूत कुछ देर चाटी तो बहुत ही नमकीन स्वाद आने लगा.

कुछ देर बाद चूत से रस टपकना बंद हो गया.
अभी तक स्वीटी मेरा लंड चूस रही थी और मेरा पानी भी निकलने वाला था.

मॉम ने स्वीटी से कहा- इसका आधा पानी तू पी लेना और आधा मुझे पीने देना.
जब मैं झड़ा तो स्वीटी के मुँह में ही झड़ गया.

स्वीटी ने मेरे लंड का पानी अपने मुँह में भर लिया और अपना मुँह मॉम के मुँह से लगा दिया.
उसने मुँह से मुँह लगाकर पानी टपका दिया और दोनों ने पी लिया.

कुछ पल बाद मॉम ने बहन की चूत में उंगली डाली, तो उंगली गर्म हो गई.

मॉम ने नकली लंड चूत में डाला तो वो स्वीटी रोने लगी.
उसकी चूत से खून आने लगा.
मॉम ने मुझसे कहा- चूस इसकी चूत को और पी ले इसका खूनी रस.

मैंने बहन की चूत का रस पिया और स्वीटी की चूत की चुदाई करने लगा.

उस दिन हम तीनों ने बहुत देर तक चुदाई की.
मेरी मॉम ने मेरे लंड का खूब मजा लिया था मगर मेरी बहन स्वीटी की चूत का तो हलुआ बन गया था.

उस दिन मौसी मॉम और बहन की चूत चोदकर उनका पानी निकाल कर मुझे बहुत मजा आया.

फिर तो पूरे लॉकडाउन में हम तीनों ने जम कर सेक्स का मजा लिया.
mast mast story hai.
 

Premkumar65

Don't Miss the Opportunity
7,075
7,498
173
होटल में सगी चाची की चूत चुदाई की



मेरा नाम रवि है. मैं 19 साल का हूँ. आज मैं आपको अपनी न्यूड आंटी कहानी बताने जा रहा हूँ.

मेरे मम्मी पापा के देहांत के बाद मैं अपने चाचा चाची के साथ रहने लगा था.
मेरी चाची बहुत ही सुंदर हैं और वो तकरीबन 35 साल की हैं.

हम सब शहर में रहते हैं इसलिए चाची साड़ी की जगह सलवार सूट पहनना पसंद करती हैं.
गांव में विवाहितों को सलवार सूट पहनना उधर के रीति रिवाज के खिलाफ है.
शहर में चाची बिंदास सलवार सूट पहनती थीं. सलवार सूट में चाची बहुत सेक्सी भी लगती हैं.

मेरे चाचा ट्रांसपोर्ट का काम करते हैं, इसलिए वो काम के सिलसिले में अधिकतर बाहर रहते हैं.
उनकी एक लड़की है, जो लगभग मेरी ही उम्र की है मगर वो दिखने में सुंदर नहीं है.
वो पढ़ाई के लिए दिल्ली में रहती है इसलिए मैं और चाची ज्यादातर अकेले रहते हैं.

चाची मेरे सामने अक्सर नाइटी में रहती थीं.
मैं देखता था कि चाची नाइटी के नीचे ब्रा पैंटी नहीं पहनती थीं.

चाची अक्सर मुझे अपने लिए नैपकिन मंगाती थीं.
मैं भी बिना कुछ कहे ले आता था.

मैंने महसूस किया था कि चाची मुझसे खुलने की कोशिश करती हैं मगर मैं जरा सी भी कोशिश नहीं करता था क्योंकि मुझे डर लगता था.
जबकि चाची को मैं vasna की नजर से देखता था, मैं अक्सर उनको सोचते हुए मुठ मारता था.

जब वो नहाने जाती थीं, तो मैं अक्सर दरवाजे में बने एक होल से उनको नंगी नहाते हुए देखता रहता था.

हमारे घर में सिर्फ एक ही बाथरूम था.
घर में हम दोनों के अलावा कोई नहीं रहता था तो मैं आराम से उन्हें देख लेता था.

एक दिन शाम को उन्होंने साड़ी पहनी थी और साड़ी में चाची इतनी ज्यादा सुंदर लग रही थीं कि क्या बताऊं.
मेरा जी कर रहा था कि अभी के अभी उन्हें चोद दूँ.
मगर मैं डरता था इसलिए कुछ नहीं करता था.

चाची बोलीं- रवि, मैं कैसी लग रही हूँ.
मैंने उनसे कहा- चाची, आप साड़ी में बहुत सुंदर लग रही हैं.

वो मेरी बात से बड़ी खुश हुईं और बोलीं- क्या मैं सलवार सूट में अच्छी नहीं लगती?
मैंने कहा- हां आप सलवार सूट में भी बहुत सुंदर लगती हैं … पर आज आपने काफी दिनों बाद साड़ी पहनी है न, तो आप साड़ी में बहुत सुंदर लग रही हैं.

चाची ने हंस कर कहा- हां रवि, मेरे भाई के घर में शादी है न … तो आज साड़ी पहन कर देख रही थी कि कौन कौन सी साड़ी ले जाना ठीक रहेगा.
मैंने कहा- शादी कब है चाची?

चाची- अगले सप्ताह पटना जाना है.
मैंने कहा- ओके … पर चाचा तो एक महीने के लिए मुंबई गए हैं. क्या वो शादी में सीधे मुंबई से ही पटना आ जाएंगे?

चाची- नहीं, वो शादी में नहीं जाएंगे. तेरी बहन को भी पढ़ाई के कारण आने में दिक्कत है. तू ही मेरे साथ पटना चलना.
मैंने हामी भर दी.

तभी उन्होंने मुझसे कहा- आज मेरे साथ तू बाजार चलना. मेरे भाई की लड़की की शादी है तो कुछ खरीदारी करना है.
मैंने कहा- ठीक है चाची.

दोपहर को हम दोनों बाजार गए और चाची ने अपने लिए साड़ी खरीदीं.
और उसके बाद वो एक लेडीज सामान की दुकान पर आ गईं.

उधर वो अपने लिए ब्रा पैंटी देखने लगीं.
मैं बाजू में ही खड़ा था.
चाची मुझसे कहने लगीं- बता कौन सी वाली ले लूं?

मैं सकुचा रहा था.

सामने एक लड़की चाची को ब्रा पैंटी दिखा रही थी.
वो कुछ और सैट लेने नीचे झुकी तो चाची मुझे एक जाली वाली ब्रा दिखाती हुई बोलीं- ये कैसी रहेगी?
मैंने कहा- मैं क्या कह सकता हूँ. आपको जो पसंद हो वो ले लीजिए.

चाची हंस दीं और बोलीं- एकदम बुद्धू हो … बता नहीं सकता क्या?
मैंने कहा- चाची, मैं अभी छोटा हूँ, मैं इन सबके बारे में नहीं जानता हूँ.

चाची बोलीं- कहां से छोटा है तू?
मैं सकपका गया और चुप रहा.

चाची धीमे से बोलीं- नहाते वक्त तो छोटा नहीं दिखता.
मैं एकदम से घबरा गया है और चाची हंसने लगीं.

फिर वो मेरे साथ वापस घर आ गईं.
शाम को चाची बोलीं- अपने कपड़े एक अटैची में लगा लेना. शनिवार को पटना जाना है.

मैंने कहा- ठीक है चाची.
चाची बोलीं- दो टिकट भी बुक करवा लेना.
मैंने कहा- ओके.

मैंने ट्रेन में टिकट सर्च किए तो जगह खाली नहीं थी, लम्बी वेटिंग आ रही थी.
मैंने चाची को बताया तो चाची ने कहा- बस से देख ले.

मैंने बस में देखा तो एक लग्जरी स्लीपर बस में जगह मिल गई.
तो मैंने जल्दी जल्दी में दो बर्थ बुक कर लीं.

शनिवार शाम को बस थी.
उस दिन हम दोनों की तैयारी पूरी हो गई थी.

बस के समय से आधा घंटा पहले हम दोनों बस स्टैंड आ गए.

बस में अन्दर गए तो पता चला कि हम दोनों को जो दो बर्थ मिली थीं, वो एक दो बर्थों वाली सीट थी.
मैं मन ही मन में तो काफी खुश था कि आज चाची के साथ लेटने का अवसर मिलेगा. बस में झटके भी लगते हैं तो कुछ रगड़ सुख भी मिल जाएगा.

मैंने चाची से कहा- ये बर्थ तो दोनों के लिए मिली है.
चाची बोलीं- तो क्या हुआ … अपन को कौन सा इसी में रहना है. सुबह पटना पहुंच जाएंगे.
मैंने भी कुछ नहीं कहा.

चाची बोलीं- चलो मुझे ऊपर चढ़ने में जरा मदद कर दो.
मैंने चाची को सहारा देकर ऊपर चढ़ाया तो चाची का मुलायम जिस्म छूने का मौक़ा भी मिल गया.

अब हम दोनों रात को एक साथ ही सोने वाले थे.
बस चल दी, चाची सो गईं.

रात के बारह बजे थे, मुझे नींद नहीं आ रही थी.
तभी मैंने देखा कि चाची ने करवट ली तो उनकी साड़ी पूरी तरह से गांड के ऊपर आ चुकी थी.

उन्होंने अन्दर पैंटी नहीं पहनी थी.
मुझे पीछे से उनकी गांड और थोड़ी थोड़ी गोरी चूत भी दिख रही थी.

चाची की चूत देखने के बाद मेरा लंड पूरा तन गया था.
मगर गांड फटी हुई थी तो बस लंड सहलाते हुए देखता रहा.

मैं उन्हें देखते देखते कब सो गया, मुझे पता ही नहीं चला.

अगली सुबह हम दोनों पटना पहुंच गए थे.

सभी मेहमानों को एक होटल में ठहराया गया था.
हम चाची भतीजे को एक रूम मिला था. वहां से फ्रेश होकर शादी में गए.

रात को हम सोने के लिए वापस होटल आए.

रात को चाची अपनी नाईटी, ब्रा और पैंटी निकाल कर कुर्सी पर रख गईं और नहाने चली गईं.
मैं बेड पर लेट गया.

चाची तौलिया लपेट कर बाहर आईं.
उन्हें लगा कि मैं सो गया हूँ मगर मैं जाग रहा था.

तभी उन्होंने अपना तौलिये को निकाल दिया और पूरी नंगी हो गईं.

वो मेरी ओर देख रही थीं कि मैं सो रहा हूँ या नहीं.
मैं सोने का नाटक कर रहा था.

चाची कुछ सोचने लगीं और फिर से बाथरूम में चली गईं.
चाची ने दरवाजा पूरा नहीं लगाया था.

झिरी में से मैंने उन्हें देखा.
अन्दर वो अपनी चूत में उंगली डाल रही थीं.

मुझे लगा कि चाची आज चुदाई के मूड में हैं.

फिर वो बाथरूम से बाहर आने लगीं तो मैं झट से पलंग पर जाकर सो गया.
तभी अचानक से वहां बिजली चली गई. कमरे में अन्धेरा हो गया. मैंने सोने का नाटक जारी रखा.

चाची बाहर आईं और उन्होंने अपनी ब्रा और पैंटी पहन ली थी. उन्होंने नाईटी नहीं पहनी, वो बस ब्रा पैंटी में ही मेरे पास आकर सो गईं.
मैं उन्हें देख रहा था और मेरा लंड तन गया था.

कुछ देर बाद मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनकी कमर पर हाथ रखा और धीरे धीरे उनकी चूचियों की तरफ हाथ बढ़ाने लगा.
तभी मुझे लगा कि चाची जाग रही हैं मगर सोने का नाटक कर रही हैं.

मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए.
मैं चाची से चिपक गया और उनकी चूचियों को मसलने लगा.

चाची की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मैं अपने तने लंड को उनकी गांड पर रगड़ने लगा.

मेरा लंड एकदम से हार्ड हो गया था.
अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने पीछे से उनकी ब्रा का हुक खोल कर उसको उतार दिया.

फिर चाची को सीधा करके उनको किस करने लगा.
तभी चाची ने आंखें खोल दीं और मुझे धक्का मारती हुई कहने लगीं- ये क्या कर रहे हो. मैं तुम्हारी चाची हूँ.

मगर मैंने कुछ नहीं सुना और उनको किस करने लगा.
वो थोड़ा विरोध कर रही थीं मगर मुझे पता था कि वो भी चुदना चाहती हैं इसलिए मैं लगा रहा.

धीरे धीरे चाची भी मेरा साथ देने लगीं.

वो कराहने लगीं- कबसे तुझे गर्म करने की कोशिश कर रही थी. अब जाकर मेरे काम का हुआ है.
मैंने उन्हें चूमते हुए कहा- मेरी हिम्मत नहीं होती थी चाची. वरना तो कब का चोद चुका होता.

चाची बोलीं- हां, मुझे याद करके बाथरूम में मुठ मारता था न, मैं सब देखती थी. चल … आज मेरे ऊपर चढ़ जा और चोद दे मुझे!
यह सुनकर मैं चाची की चूचियों को चूसने लगा और वो हल्की आवाज में कामुक सिसकिरियां भरने लगीं.

मैं धीरे धीरे चाची की चूचियां चूसते चूसते उनकी चूत पर अपना हाथ ले गया और पैंटी के ऊपर से ही चूत को रगड़ने लगा.

इतने में बिजली आ गई और सब कुछ उजागर हो गया.
मैं अब चाची को ठीक से देख पा रहा था.
वो इतनी सेक्सी लग रही थीं कि मैं रुक नहीं पाया.

मैंने झट से चाची की पैंटी को खींचा और उनको नंगी करके उनकी चूत पर लंड टिका दिया.

अभी चाची कुछ समझ पातीं कि मैंने धक्का लगा दिया और मेरा पूरा लंड चूत में अन्दर घुसता चला गया.
चाची जोर से चीख पड़ीं मगर मैं रुका नहीं … जोर जोर धक्के लगाने लगा. चाची जोर जोर से सिसकारियां भरने लगीं.

हमारे बीच मस्त चुदाई चलने लगी.

कोई दस मिनट तक धकापेल चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और वैसे ही चिपक कर सो गए.
सुबह मैं उठा और देखा कि न्यूड आंटी Xxx चूत पसारे सो रही हैं.

मेरा लंड एकदम अकड़ा हुआ था और उनकी चूत के पास हिल रहा था.
चाची कुछ बोले ना इसलिए मैंने अपने फोन से उनकी नंगी वीडियो और फोटो निकाल ली.

अब मैं फिर से चाची के ऊपर चढ़ गया और चूत में लंड पेल कर उनको चोदने लगा.
लंड अन्दर जाते ही चाची जाग गईं और मेरा पूरा साथ देने लगीं.

चाची ने गांड हिलाते हुए कहा- आज मैं पूरा दिन और रात तुमसे चूदूंगी.
मैंने उनसे कहा- फिर शादी मैं कौन जाएगा?

उन्होंने कहा- मैं बीमार होने का बहाना कर दूँगी.
मैंने मुस्कुरा कर उन्हें चूमा और कहा- हां, मैं आपकी देखभाल करने की कह दूंगा.

चाची हंस दीं और बोलीं- अब जोर जोर से चोदो.
मैंने उनको घोड़ी बनाया और पीछे से लंड पेल कर चोदने लगा.

थोड़ी ही देर में मैं झड़ गया और चाची के बाजू में लेट गया.
न्यूड आंटी मेरे लंड को चूसने लगीं.

थोड़ी देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और वो मेरे ऊपर चढ़ कर लंड चोदने लगीं.
मैं फिर से झड़ गया.

उस दिन मैंने चाची को सारे दिन में कई बार चोदा.
दूसरे दिन हम घर चले गए.

उसके बाद तो मैंने चाची को न जाने कितनी बार चोदा और अभी भी चोदता हूँ.
sexy story.
 

Premkumar65

Don't Miss the Opportunity
7,075
7,498
173
अम्मी की चूचियां चूसकर चूत चुदाई की



हाय दोस्तो, मेरा नाम इमरान है. मैं एक छोटे से गांव का लड़का हूँ.

हमारे घर में हम चार लोग रहते हैं.
मैं, अब्बा अम्मी, दादी जी और बड़ी बहन.

मेरी अम्मी का नाम रेशमा है.
अम्मी दिखने में बहुत हॉट हैं.
उनकी चूचियां बहुत मस्त हैं, गांड भी बहुत प्यारी है. रंग गोरा है.

मेरी अम्मी बहुत भोली औरत हैं.
अम्मी मेरे सामने ही हमारे सहन में नहाती हैं.

हमारे यहां बाथरूम नहीं होता है बल्कि नहाने के लिए एक खुला सा स्थान होता है और उसे हम लोग अपनी भाषा में सहन कहते हैं.
गांव में अक्सर औरतें सहन में ही नहाती हैं. अम्मी मेरे सामने ही कपड़े बदली भी करती हैं.

अब जरा मैं अपने बारे में बता देता हूँ. मैं 20 साल का लड़का हूं और अभी बीए कर रहा हूं.
मैं पोर्न देखने का काफी शौकीन हूँ. खासकर मॉम सन और इंसेस्ट मैं खूब देखता हूँ.

मैं रोज नंगा होकर पोर्न देखता हूं, लेकिन अभी तक किसी की चुदाई नहीं की.
मेरे दोस्त बड़े हरामी किस्म के हैं. उन्होंने ही मुझे पॉर्न देखने की आदत लगाई.

एक दिन मैंने एक मूवी देख रहा था. उसमें बेटा अपनी अम्मी को चोद रहा था.
यहीं से मैं अपनी अम्मी के लिए सोचने लगा.

अब जब भी अम्मी मेरे सामने नंगी नहाती थीं, तो मैं उनका शरीर घूरने लगता था.
वे भी मुझे अपना बदन घूरते हुए देख लेती थीं, लेकिन कुछ नहीं कहती थीं.

शायद वे मुझे अभी छोटा ही समझती थीं.

हम सब एक ही कमरे में सोते हैं, तो मैं अम्मी और अब्बू की कई बार चुदाई देख चुका हूं.

अब तो मुझे अपनी अम्मी चोदने के इतने ज्यादा ख्याल आने लगे थे कि मैं हर दिन अपनी अम्मी की चूचियों के नाम की मुठ मार लेता हूं.

मुझे अम्मी के बूब्स बहुत अच्छे लगते हैं.
मेरी अम्मी की उम्र 45 साल है, अब्बू मेरी हॉट अम्मी को अब भी रोज चोदते हैं.

मैं अब्बू अम्मी सेक्स देखकर गर्म हो जाता हूँ.

मेरे बाजू में मेरी बहन सोया करती है, मैं जब गर्म हो जाता हूं तो अपनी बहन की गांड पर लंड लगाने लगता हूं.

मेरी बहन की उम्र 19 साल है और मेरी बहन की चूचियां भी बड़ी मस्त हैं.

यही सब सोचते सोचते मैंने कल्पना में अपनी अम्मी को चोद दिया.
कैस छोड़ा, आप इस हॉट अम्मी सेक्स कहानी में पढ़ें और मजा लें.

एक दिन अब्बा कुछ काम से शहर गए थे.
घर में सिर्फ मैं, अम्मी और बहन थी.

रात को हम तीनों खाना खाकर बैठे टीवी देख रहे थे.
हमने कुछ देर बातें की, फिर मैंने बिस्तर बिछा लिया.

अम्मी बीच में लेट गईं और हम दोनों अम्मी के आजू-बाजू में लेट गए.

मुझे अम्मी के पास सोने का बहुत दिन बाद मौका मिला था.
हमने कुछ बातें की फिर हम सो गए.

आधी रात में अचानक से मेरा लंड खड़ा हो गया.
आज मैंने मुठ नहीं मारी थी इसलिए लंड से भी रहा न गया होगा.

मैंने अम्मी की तरफ देखा.
अम्मी मेरी तरफ पीठ करके सो रही थीं.

मैं अम्मी की गांड को घूरने लगा.
अम्मी की गांड बड़ी गदराई हुई है.

मुझे अम्मी के पेट की सिलवटें बड़ी अच्छी लग रही थीं.
अम्मी का पल्लू भी उनकी छाती से हटा हुआ था.
उससे अम्मी का ब्लाउज उनके रसभरे मम्मों से भरा हुआ बड़ा मस्त नजारा दिखाई दे रहा था.

मेरा तो बहुत बुरा हाल था.
मेरा 6 इंच का लंड झटके मार रहा था.

मैंने अम्मी की पीठ से अपना सीना चिपका दिया और सोने का नाटक करने लगा.
कुछ देर तक कुछ भी हलचल नहीं हुई, तो मैंने अम्मी की गांड की दरार में अपना लंड घुसा दिया और अम्मी से चिपक कर सोने लगा.

कुछ देर में मैंने अम्मी की गांड में अपना कड़क हो चुका लंड रगड़ा, तो अम्मी की आंख खुल गई.
मैं सोने का नाटक करता रहा.

अम्मी ने करवट बदली और वे मेरी तरफ मुँह करके सो गईं.
अब अम्मी की चूचियां मेरे नजरों के सामने थीं.
उनका ब्लाउज बहुत टाइट था.

मुझे तो नींद ही नहीं आ रही थी.

मैंने एक हाथ अम्मी के नंगे पेट पर रखा और पेट को सहलाने लगा.
मैं आंख बंद करके ही यह सब कुछ कर रहा था.

मुझे अम्मी का पेट सहलाने में बड़ा मजा आ रहा था.
उनका पेट बहुत नर्म था और उस पर सिलवटें भी बड़ी गदराई हुई मांसल थीं.

जब अम्मी को अपने पेट पर मेरे हाथ का अहसास हुआ तो वे जाग गईं.
मैं वैसे ही सोने का नाटक करता रहा.

अम्मी को लगा कि मैं नींद में हूं और कोई सपना देखते हुए ही यह सब कर रहा हूँ.

उन्होंने फिर से करवट बदली और वे वापस मेरी तरफ पीठ करके लेट गईं.
मैं भी फिर से अम्मी से चिपक कर सोने लगा और अम्मी की गांड पर लंड रगड़ने लगा.

इस बार अम्मी ने कुछ नहीं किया.
उन्हें लगा कि मैं यह सब नींद में कर रहा हूं.

कुछ देर के बाद जब वे गहरी नींद में सो गई.
तब मैंने अम्मी के ब्लाउज के बटन खोल दिए.

अम्मी की नंगी चूचियां देखकर मेरा लंड फड़फड़ाने लगा.
मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं बहन ना जाग जाए.

मैंने धीरे से अपनी अम्मी का एक दूध अपने मुँह में ले लिया और पीने लगा.
मैं अम्मी के थन को ऐसे चूस रहा था, जैसे कोई बच्चा अपनी अम्मी के दूध चूसता है.

अम्मी का दूध काफी बड़ा था और मेरे मुँह में नहीं समा रहा था.
इतना बड़ा दूध चूसने में मुझे बहुत मजा आ रहा था.

मैं आंखें बंद करके अम्मी के दूध चूस रहा था ताकि अम्मी जाग भी जाएं तो समझें कि मैं यह नींद में कर रहा हूं.

अम्मी के मम्मों को मैं खूब चूसने लगा.
कुछ देर बाद अम्मी अचानक से जाग गईं.

मैं बहुत डर गया था लेकिन मैंने अपनी आंखें नहीं खोलीं.

अम्मी का दूध उस वक्त भी मेरे मुँह में ही था.
तब अम्मी ने मेरे मुँह से अपना दूध निकाला और खुद से ही कहने लगीं- यह ब्लाउज भी ना बहुत कसा सा है, अचानक से खुल जाता है.

यह सुनते ही मुझे चैन आया कि अम्मी को मुझ पर शक नहीं हुआ.
उसके बाद अम्मी सो गईं.

मैं उनके एक दूध को मुँह लेकर चूसने लगा और लंड की मुठ मारने लगा.

कुछ देर बाद लंड से रस टपक गया तो मैं उनके दूध को मुँह में लिए हुए ही सो गया.

जब मैं सुबह जागा, तो अम्मी सहन में नंगी नहा रही थीं.
जैसे ही मेरी नजर अम्मी पर पड़ी, मेरा लंड खड़ा हो गया.

अम्मी ने मुझे आवाज लगाई- इमरान बेटा जरा इधर आना!

मैं अम्मी के पास चला गया और पूछा- हां अम्मी, क्या काम है?
अम्मी ने कहा- बेटा आज तेरी बहन क्लास चली गई है, तो तू मेरी पीठ पर साबुन लगा दे.

यह सुनते ही मैं मन ही मन में खुश हो गया.
मैंने झट से हां कह दिया.

मैं अम्मी की गोरी पीठ पर साबुन लगाने लगा.
अम्मी के पेट और कमर की सिलवटें देखकर मेरा बुरा हाल हो रहा था.

मैं बीच-बीच में अपने लंड पर हाथ फेर रहा था.
अम्मी की पीठ बड़ी कोमल थी.

मेरी अम्मी बड़ी भोली औरत हैं.
वे मुझे बड़ा नेक लड़का समझ रही थीं.
लेकिन मैं बड़ा हरामी किस्म का बालक हो गया था.

अम्मी मुझसे कहने लगीं- बेटा रात को मेरा ब्लाउज खुल गया था. इस वजह से मेरा एक दूध तेरे मुँह में आ गया था. तू सोया हुआ था, इसलिए तुझे पता नहीं चला होगा. उसके लिए मैं तुझे सॉरी कहती हूं.
मैंने अम्मी से कहा- अरे सॉरी किस बात का अम्मी … मैं आपका यह दूध पीकर तो बड़ा हुआ हूं!

अम्मी ने कहा- हां पर तब तो तू बच्चा था न … अब तो बड़ा हो गया है. इसलिए मुझे अच्छा नहीं लगा.

मैंने हंसते हुए कहा- यह क्या बात हुई मां. मैं तो आपके लिए अभी बच्चा ही हूं. मैं तो चाहता हूं कि मैं अब भी आपका दूध पी लूं!

अम्मी ने कहा- लेकिन बेटा अब मेरी छातियों में कहां दूध आता है. मेरी छातियां सूख चुकी हैं.
मैंने कहा- नहीं मां, दूध तो अब भी आता होगा.
अम्मी ने हंस कर कहा- नहीं रे, अब कहां का दूध आएगा!

बात चलती रही और अम्मी मेरे साथ चूचियां चुसवाने को लेकर बात करती रहीं.
उसी बीच मैंने अम्मी की पीठ पर साबुन मलने के बहाने उनकी चूचियों को दबा कर देख लिया था.

उस वक्त अम्मी को पता चल गया था कि मैंने उनकी चूची को दबाया है, पर वे कुछ नहीं बोलीं.
उसी दिन दोपहर में मैंने अम्मी से कहा कि अम्मी क्या मैं आपकी छातियां एक बार चूस कर देख सकता हूँ?

अम्मी ने कहा- अरे तू तो बहुत जिद्दी है!
मैंने कहा- अम्मी प्लीज.

वे बोलीं- अभी नहीं, आज रात जब हम सोएंगे … तब देख लेना.
मैंने कहा- आप झूठ तो नहीं कह रही हैं?

वे- नहीं, मैं तुझसे झूठ नहीं कह रही हूँ.
मैंने कहा- ठीक है मां, सोते समय मैं और बहन आपकी छातियां चूस कर देखेंगे.

अम्मी ने कहा- ठीक है बाबा ठीक है … देख लेना चूस कर … बस अब खुश!
मैंने हंस कर अम्मी के गाल पर चुम्मी ले ली.

वे हंसने लगीं.
उसी रात को मैं अम्मी और बहन सोने की तैयारी करने लगे.

मैंने अम्मी से कहा- चलो खोलो अपना ब्लाउज, हम देखते हैं आपकी छातियों में दूध है या नहीं?
मेरी बहन को यह सुनते ही कुछ हैरत हुई.

फिर मैंने और अम्मी ने उसे सारी बात बताई.
अब वह भी राजी हो गई.

अम्मी ने अपना ब्लाउज उतार दिया. अम्मी की चूचियां आजाद हो गईं.
उनकी चूचियों के निप्पल थोड़े काले थे.
मेरा तो लंड एकदम खड़ा हो गया.

फिर एक दूध मेरी बहन ने अपने मुँह में ले लिया और एक मैंने.

हम दोनों बहन भाई अम्मी के मम्मों को चूसने लगे.
मुझे तो बड़ा मजा आ रहा था.

कुछ देर के बाद अम्मी ने कहा- बताओ आ रहा है दूध?
मैं तो बड़े मजे से अम्मी की चूची को चूस रहा था.
उधर बहन भी लगी हुई थी.

मैंने कहा- अम्मी दूध तो नहीं आ रहा है लेकिन मजा बहुत आ रहा है. कितनी मुलायम है आपकी चूचियां … मेरा तो दिल कर रहा है कि बस पीता ही रहूं.

अम्मी ने कहा- अब बस भी कर बेटा, मेरी चूचियां दुख रही हैं.
मैंने कहा- कल फिर से चुसवा लेना!
अम्मी ने कहा- हां, कल और चूस लेना.

फिर अम्मी ने अपना ब्लाउज बंद कर दिया और सोने लगीं.
लेकिन मुझे अब नींद कहां आने वाली थी. मैं तो अब अम्मी को चोदना चाहता था.

फिर कुछ देर बाद मुझे भी नींद आ गई.

रात के करीब 2:00 बजे मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि मेरी बहन अपनी चूत में उंगली कर रही है और अपनी चूचियां मसल रही है.
यह देखकर मेरा लंड भी खड़ा हो गया.

उसकी आंखें बंद थीं.

मुझसे रहा नहीं गया, मैं उसके बाजू में चला गया और उसे अपनी बांहों में ले लिया.
वह झट से उठ गई.

मैंने उसे इशारे से चुप रहने को कहा, तो वह चुप हो गई.
मैंने अपना लंड बाहर निकाला और बहन के मुँह पर रख कर इशारे से कहा- इसे चूस!

वह मना करने लगी.
मैंने उसके कान में कहा- मैंने तुम्हें चूत में उंगली करते देख लिया है, अब नाटक मत करना.
उसने मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.

वह बड़ी कामुक हो चुकी थी और किसी रंडी की तरह लंड चूसने लगी थी.
अब मैंने बहन को नंगी कर दिया और उसके बूब्स चूसने लगा.

वह सिसकारियां लेने लगी, उसकी चूत से पानी बहने लगा.
फिर मैंने कुछ देर उसकी चूत को चाटा और बाद में उसकी चूत में अपना लंड लगा दिया.

मेरी बहन की चूत बहुत टाइट थी, लंड जा ही नहीं रहा था.
मैं किचन से तेल लाया और लंड पर मला और उसकी चूत पर भी डाल दिया.

अम्मी बाजू में ही सो रही थीं, वे गहरी नींद में थीं.

मैं बहन की चुदाई कर रहा था और डर भी रहा था कि कहीं अम्मी जाग ना जाएं.

कुछ देर बाद मैंने बहन की चूत में ही अपना पानी गिरा दिया और अम्मी के बाजू आकर सो गया.

कुछ देर बाद मेरा लंड दुबारा से खड़ा हो गया तो मैं अम्मी से चिपक गया और उनकी गांड में लंड रगड़ने लगा.

मैंने अम्मी का पेटीकोट ऊपर उठा दिया और अपना लंड अम्मी की चूत पर सैट करने लगा.
अम्मी की चूत खुली थी, तो लंड आसानी से अन्दर घुस गया.

मैं धक्के देने लगा.

अम्मी अचानक से जाग गईं और कहने लगीं- यह क्या कर रहा है बेटा … छोड़ मुझे!
मैं डर गया और मैंने लंड बाहर निकाल लिया.

अम्मी ने कहा- बेटा यह सब क्या है?
मैंने रोने का नाटक किया और कहने लगा कि अम्मी मुझसे गलती हो गई. मैं खुद को संभाल नहीं पाया.

अम्मी को मुझ पर तरस आ गया.
अम्मी ने कहा- चुप हो जा बेटा … जवानी में यह सब होता है.

मैंने अम्मी से कहा- सॉरी मां, मैंने आज तक किसी को नहीं चोदा. बस एक बार मुझे चोद लेने दो अम्मी … बस एक बार मां!
वे कुछ पल रुकीं, फिर उन्होंने कहा- ठीक है बेटा, तू एक बार मुझे चोद लो. लेकिन किसी को बताना मत. तेरे अब्बा को भी पता नहीं चलना चाहिए और ना ही तेरी बहन को!

मैंने कहा- ठीक है अम्मी किसी को पता नहीं चलेगा.
अम्मी ने कहा- चल ठीक है … आ जा. लेकिन आराम से चोदना, कहीं तेरी बहन ना जाग जाए.

मैंने कहा- हां, मैं आहिस्ता आहिस्ता करूंगा मां!
फिर मैंने अम्मी को नंगी कर दिया और उनके शरीर को चूमने लगा.

अम्मी ने कहा- अभी ज्यादा समय नहीं है, जल्दी से चोद लो बेटा, वर्ना तेरी बहन उठ जाएगी.
मैं अम्मी की चूत में अपना मोटा लंड पेल कर उन्हें चोदने लगा.

कुछ समय बाद मैं अम्मी की चूत में ही झड़ गया.
अम्मी को भी एक जवान लंड से चुदवा कर मजा आ गया था.

हॉट अम्मी सेक्स के बाद अब हम दोनों सो गए.
उसके बाद मैंने किस तरह से अम्मी के सामने ही बहन को चोदा और अम्मी ने भी उसकी चुदाई देख कर अपनी चूत खोल दी.

उस दिन से मैं अपनी अम्मी और बहन दोनों को जब चाहे चोद लेता हूँ.
Very very sexy story.
 

Premkumar65

Don't Miss the Opportunity
7,075
7,498
173
दो दोस्तों ने अपनी अपनी अम्मी को चोदा- 2




दोस्तो, मैं अल्ताफ आपको अपनी अम्मी की चुदाई की कहानी में पुन: स्वागत करता हूँ.
हॉट मॅाम फक कहानी के पहले भाग
मेरे दोस्त ने अपनी अम्मी को चोदा
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे दोस्त अशफाक ने मुझे अपनी अम्मी की चुदाई की कहानी सुनाई थी.
जिस वजह से मैं भी अपनी मां चोदने को लालायित हो उठा था.

अब आगे हॉट मॅाम फक स्टोरी:

एक दिन मैं मॉम सन पोर्न देख रहा था, सुबह के 8:00 बज रहे थे.

तभी अम्मी ने आवाज लगाई- अल्ताफ बेटा अल्ताफ … इधर आओ!
मैंने कहा- क्या हुआ अम्मी?

अम्मी ने कहा- बेटा, भाई की तबीयत खराब है, अभी खबर मिली है. तेरे पापा शहर जा रहे हैं. उनके खेत का कुछ काम बाकी है … चलो हम दोनों खेत चलते हैं. तेरे पापा को शहर भेज देती हूँ, वे भाई के पास जाकर उसकी तबियत का देख लेंगे.
मैंने कहा- ठीक है अम्मी.

फिर मैं कपड़े पहन कर तैयार हो गया.
अम्मी ने घर को ताला लगाया और हम दोनों खेत में आ गए.

उधर पापा घर से निकल गए थे.
अम्मी और मैं खेत में आकर उधर का कुछ बचा हुआ काम करने लगे.

हमारा खेत जंगल के करीब था और हमारे खेत के करीब कोई अन्य खेत नहीं थे.
खेत से लगा हुआ घना जंगल था.

सुबह से ही हल्की हल्की बारिश हो रही थी तो मिट्टी में पैर धंस रहे थे.

हमारी फसल अच्छी बढ़ गई थी.
हमारे खेत में एक छोटी सी झोपड़ी भी थी, जिसमें पापा रात को आराम करते थे.
उसमें एक खटिया थी, फसल बड़ी होने पर पापा रात भर वहीं सोते थे ताकि जानवर फसल को नुकसान ना पहुंचाएं.

पापा पिछले कुछ दिनों से वहीं सो रहे थे.
काम खत्म करने के बाद मैं और अम्मी उसी झोपड़ी में आ गए.

बारिश थोड़ी तेज हो गई थी. अम्मी और मेरे कपड़े पहले ही गीले हो चुके थे.
जल्दी जल्दी में अम्मी अपने कपड़े साथ लाना भूल गई थीं.

हम दोनों के कपड़े बहुत ज्यादा गीले हो चुके थे.
अम्मी ने कहा- बेटा अल्ताफ, अपने कपड़े उतार दो, वर्ना सर्दी हो जाएगी और सर भी पौंछ लो.

वहां अब्बू का गमछा लटका हुआ था.
मैंने अम्मी से कहा- लेकिन अम्मी मैं अपने कपड़े साथ में नहीं लाया?

अम्मी ने कहा- अरे तो सारे कपड़े उतार दो न … और गमछा से जिस्म पौंछ लो.
मैंने कहा- आप भी तो गीली हो चुकी हैं, आप कैसे करेंगी?
अम्मी ने कहा- मैं भी कपड़े उतार रही हूं बेटा.

यह सुनकर मैं अन्दर ही अन्दर बहुत खुश हुआ.
मैं सोचने लगा कि आज अम्मी का गदराया हुआ शरीर देखने को मिलेगा.

यही सोच कर मेरा लंड टाइट होने लगा; मुझे नशा सा होने लगा.

अम्मी ने कहा- क्या सोच रहा है अल्ताफ … उतार दे ना अपने कपड़े!

मुझे अब अशफाक की तरकीब याद आने लगी.

मैं अपने कपड़े उतारने लगा.
कुछ ही पलों बाद मैं सिर्फ चड्डी में ही रह गया था.
चड्डी में मेरा लंड बिल्कुल अकड़ा हुआ खड़ा था.

उधर अम्मी भी अपने कपड़े उतार रही थीं.
मैं अम्मी को आंखें चुरा कर देख रहा था.

पहले अम्मी ने अपनी साड़ी उतार दी और मुझसे कहा- अल्ताफ यह साड़ी टांग दो.

मेरी चड्डी भी बहुत गीली थी.
अम्मी ने कहा- अल्ताफ बेटा तुम्हारी चड्डी बहुत गीली हो चुकी है, इसे भी उतार दो वर्ना खुजली हो सकती है.

यह सुनते ही मुझे अशफाक की याद आ गई.
तभी अम्मी ने कहा- क्या सोच रहा है … शर्मा मत बेटा, मैं तेरी अम्मी हूं. मेरे सामने कैसी शर्म! उतार दे बेटा अपनी चड्डी!

मैंने हिम्मत करके अपनी चड्डी नीचे खींच दी.
मेरा तना हुआ लंड अम्मी के सामने आ गया लेकिन अम्मी ने कुछ ना कहा.

अम्मी का ब्लाउज और पेटीकोट भी भीगा हुआ था.
मैं नंगा चारपाई पर बैठ गया और अपने लंड को हाथों से छुपाने लगा.

अम्मी ने कहा- मुझे ब्लाउज और पेटीकोट भी उतारना ही पड़ेगा, नहीं तो खुजली हो सकती है. वैसे भी हमारे अलावा यहां कोई नहीं है और बारिश में कोई आएगा भी नहीं … और तू तो मेरा बेटा है, तुझसे कैसी शर्म!
और अम्मी अपना ब्लाउज उतारने लगीं.

मेरा लंड और खड़ा होने लगा.

अम्मी ने अपना ब्लाउज उतारकर मेरी तरफ फेंकते हुए कहा- ले इसे भी लटका दे बेटा!

अब अम्मी ने अपना पेटीकोट भी उतार दिया और मेरी तरफ फेंक दिया.
उनका पेटीकोट बहुत भीगा हुआ था. अम्मी अब सिर्फ ब्रा और पैंटी ही पहनी थीं.

मैं अम्मी का कामुक शरीर घूर रहा था.
अम्मी गोरा बदन मुझे मदहोश कर रहा था.

अब अम्मी ब्रा उतारने की कोशिश कर रही थीं लेकिन हुक नहीं खुल रहा था.
उन्होंने मुझे आवाज लगाई- बेटा जरा मेरी ब्रा खोल दो.

मैं अपना लंड हाथों से छुपाता हुआ चलने लगा.
यह देखकर अम्मी ने कहा- क्यों छुपा रहा है इसे हाथों से … मैं तेरी अम्मी हूं बेटा मुझसे क्या शर्माना. अपने हाथों को हटाओ और जल्दी मेरी ब्रा खोलो.

मेरा लंड बहुत तना हुआ था.
मैं अम्मी की ब्रा खोलने लगा.

मेरा लंड अम्मी की गांड से टच हो रहा था.

मैंने अम्मी की ब्रा खोल दी.
अम्मी की बड़ी-बड़ी चूचियां एकदम से आजाद हो गईं.

तब अम्मी ने मुझसे ब्रा सुखाने के लिए कहा.
अम्मी की चूचियां एकदम टाइट थीं … मेरा मन कर रहा था कि उन्हें मुँह में भर लूं. लेकिन मैं कंट्रोल कर रहा था.

अम्मी ने अपने पूरे बाल खोल दिए.

अब अम्मी सिर्फ पैंटी में ही थी.
पैंटी भी बहुत शॉर्ट थी, जिससे अम्मी की गांड मुझे साफ नजर आ रही थी. उनकी सिर्फ चुत ढकी हुई थी.

अम्मी की गांड भी बहुत गोरी और मोटी थी.
मेरा जी कर रहा था कि मैं अम्मी की गांड पर टूट पड़ूँ.

अम्मी अपना शरीर पौंछने लगीं.
मेरा लंड तो सलामी दे रहा था.

इसी सबमें कब शाम हो गई, हमें पता ही नहीं चला. हम दोनों को साथ में लाया हुआ खाना खाना था और आज की रात खेत में ही सोना था.
बहुत अंधेरा हो चुका था, बारिश भी अच्छी खासी शुरू हो गई थी.

अम्मी ने कहा- बेटा, अपने मोबाइल की टॉर्च तो जला दे.
मैंने टॉर्च लगा दी. अम्मी का नंगा शरीर मुझे नजर आ रहा था.

मैं भी अम्मी को नजर आ रहा था.

फिर हम नंगे बैठकर ही खाना खाने लगे.
हमारे कपड़े अभी तक सूखे नहीं थे.

हम दोनों ने खाना खा लिया.

अम्मी ने कहा- चलो ऐसे ही सो जाते हैं. कपड़े तो सूखेंगे नहीं.
हमारी झोपड़ी में एक ही चारपाई थी.

अम्मी ने कहा- चलो अपन दोनों इसी चारपाई पर सो जाते हैं.
मैंने कहा- अम्मी, मैं नीचे सो जाता हूं.

अम्मी ने कहा- नहीं बेटा, कोई कीड़ा बिच्छू ना काट ले तुम्हें! ऊपर ही सो जाओ मेरे साथ … और यहां रजाई भी एक ही है. ठंडी भी लग रही है. ऊपर से हम दोनों नंगे हैं, बुखार हो जाएगा.

चारपाई थोड़ी बड़ी थी, उस पर दो लोग सो सकते थे.
शायद अब्बू अपनी किसी सैटिंग को खेत में बुला कर उसके साथ चुदाई की मस्ती करते थे.

मैं अम्मी के पास लेट गया.
अम्मी ने मेरे लंड की तरफ देखा और कहा- कब से खड़ा है?
मैंने कुछ नहीं कहा.

अम्मी ने कहा- कोई बात नहीं, तू भी तो एक मर्द है. मुझे नंगी देखकर खड़ा हो गया शायद … तू भी क्या कर सकता है, चल सो जा.

मैं सोने का नाटक करने लगा.
मुझे कहां नींद आने वाली थी.

मेरी अम्मी मेरे साथ में नंगी लेटी थीं और मेरा लंड खड़ा हुआ था.
बाहर हल्की हल्की बारिश हो रही थी. हमारा खेत जंगल में होने के कारण ठंड भी लग रही थी.

कुछ देर बाद अम्मी सो गईं. मेरे दिल की धड़कन तेज होने लगी.
अम्मी की नंगी चूचियां मेरे सामने थीं, मुझे कैसे नींद आती.

फिर मुझे अशफाक और उसकी अम्मी की चुदाई की कहानी याद आने लगी.
मैं तो बेहाल होने लगा; मेरा लंड झटके मारने लगा.

मैंने मोबाइल अपने हाथ में लिया और उसकी टॉर्च से अम्मी के शरीर को देखने लगा.
पहले अम्मी की चूचियों को देखा, फिर नाभि को देखने लगा.

अम्मी की नाभि बहुत गहरी थी. मेरा दिल कर रहा था कि चूम लूं लेकिन डर भी लग रहा था.

फिर मैं अम्मी की जांघों को देखने लगा.
क्या मुलायम जांघें थी मक्खन की तरह सफेद.

मुझसे अब जरा भी कंट्रोल नहीं हो रहा था.
मैंने अपने लंड पर बहुत सारा थूक लगाया. फिर एक हाथ अम्मी के बूब्स पर रखा और सहलाने लगा.
क्या मुलायम अहसास हो रहा था.

फिर मैं अम्मी से चिपक कर सोने लगा. मैंने अम्मी का एक दूध मुँह में ले लिया और पीने लगा.
मैं अब अपना आपा खो चुका था.

मुझे जन्नत का मज़ा आने लगा था.
मैं अपनी अम्मी की चूचियों को पी रहा था.
अम्मी बहुत थकी हुई थीं इसलिए बहुत गहरी नींद में थीं.

मैंने अम्मी के नंगे शरीर से अपना नंगा शरीर चिपका दिया और हिम्मत करके अम्मी की पैंटी में हाथ डाल दिया.

अम्मी की चुत के बाल कटे हुए थे.
मेरा हाथ अम्मी की चुत के दाने को महसूस कर रहा था.
उनकी चुत फूली हुई थी.

मैं अम्मी की चुत सहलाने लगा.
साथ में मैं अम्मी की चूचियां भी चूस रहा था और चुत को सहला रहा था.

अचानक से अम्मी थोड़ा हिलीं, मैं डर गया और चुत से हाथ निकाल दिया.

मैं सोने का नाटक करने लगा.

फिर अम्मी मेरी तरफ पीठ करके सोने लगीं.
मैंने ठान लिया कि आज अम्मी को चोद कर ही रहूंगा चाहे कुछ भी हो जाए.
यह नहीं मौका फिर नहीं मिलेगा.

मैं कुछ देर रुका.
फिर मैं अम्मी की गांड सहलाने लगा.
बहुत मुलायम गांड थी.

मैंने धीरे धीरे अम्मी की पैंटी उतार दी.
अब अम्मी पूरी नंगी हो गई थीं.
अम्मी की बाहर निकली हुई गांड मेरे लंड से टच हो रही थी.

मैंने अम्मी की गांड पर लंड रगड़ना शुरू किया, मुझे बहुत मजा आ रहा था.

मैं उनकी पैंटी सूंघ रहा था, उनकी गांड पर लंड पर रख रहा था.
मैंने अपनी अम्मी की गांड की फांक खोली और टॉर्च से अम्मी की चुत देखने लगा.

मस्त नजारा था.
मुझसे रहा नहीं गया, मैंने अम्मी की चुत पर मुँह रख दिया और चाटने लगा.

अम्मी सिसकारियां लेने लगीं और कहने लगीं- आह नूर और चाटो मेरी चुत को.

नूर मेरे अब्बू का नाम था.

अम्मी नींद में थीं, उन्हें लगा कि अब्बू उनकी चुत चाट रहे हैं.

मैं अम्मी की चुत को कुत्तों की तरह चाटने लगा.
वे कामुक सिसकारियां लेने लगीं.

अम्मी की चुत से रस बहने लगा.

मैंने देर ना करते हुए अपना 6 इंच का लौड़ा अम्मी की फूली हुई चुत पर रख दिया.
अम्मी नींद में बड़बड़ा रही थीं- चोदो मुझे चोदो नूर … बहुत दिनों से मुझे चोदा नहीं तुमने … डाल दो मेरी चुत में अपना लंड.

मैंने अम्मी की चुत में अपना लंड डाल दिया.
अम्मी की चीख निकल गई- आह आराम से डालो नूर … आज तेरे लौड़े को क्या हो गया है!

अम्मी की चुत काफी टाइट थी. मेरा लंड तो मौज कर रहा था.
अम्मी कहने लगीं- नूर मेरी चूचियों को मसल डालो.

मैं अम्मी की चूचियों को मसलने लगा, तो वे मादक सिसकारियां भरने लगीं- आह … आह उम … और जोर से चोदो नूर … मेरी चुत को फाड़ दो.

शायद अम्मी नींद में यह भूल गई थीं कि आज वे मेरे साथ सोई हुई हैं और मैं उन्हें चोद रहा हूं.
फिर मैं दस मिनट के बाद अम्मी की चुत में झड़ गया और मेरे लंड को आराम मिल गया.

अम्मी भी झड़ चुकी थीं.
फिर मैं अम्मी से चिपक कर सो गया.

सुबह जब अम्मी जागीं, तो अम्मी की पैंटी उनकी चुत पर नहीं थी.

अम्मी ने मुझसे पूछा- अल्ताफ क्या रात को तुमने मेरी पैंटी उतारी थी?
मैंने कहा- नहीं अम्मी, मैं भला क्यों उतारूँगा आपकी पैंटी, आप रात में बहुत बड़बड़ा रही थीं.

अम्मी ने कहा- क्या कह रही थी मैं?
मैंने कहा- मैं कह नहीं कर सकता.

अम्मी ने कहा- बताओ बेटा.
मैं कहने लगा- अम्मी, आप गंदी गंदी बातें कह रही थीं.

अम्मी ने कहा- क्या क्या कहा मैंने?
मैं कहने लगा- बता दूँ?
अम्मी बोलीं- हां बताओ.

मैं कहने लगा कि अम्मी आपने पहले अपनी पैंटी उतार कर फेंक दी और पूरी नंगी हो गईं. फिर आपने मेरा लंड पकड़ लिया और उस पर मालिश करने लगीं, जिससे मेरा लंड टाइट हो गया. मैं आपको रोकता, लेकिन मैंने सोचा आप मुझ पर गुस्सा होंगी तो मैंने आपको नहीं रोका.

फिर आपने मेरा लंड अपनी चुत में घुसवा लिया.
फिर मैं भी गर्म हो गया और आपको चोदने लगा.
आपने मेरे हाथों को अपनी चूचियों पर रगड़ा.

हॉट मॅाम फक स्टोरी सुनकर अम्मी परेशान हो गईं और कहने लगीं- बेटा, प्लीज यह बात किसी को मत बताना. चलो अब जल्दी अपने कपड़े पहन लो.

मैंने कहा- अम्मी जब से मैंने आपको चोदा है, मेरा लंड बैठ ही नहीं रहा है. प्लीज एक बार और चोद लेने दो ना! कल रात आपने मुझसे जबरदस्ती चुदवाया था, इसलिए अब मेरा लंड मांग कर रहा है. प्लीज अम्मी एक बार करने दो.
अम्मी नंगी थीं.

उन्होंने कहा- ठीक है बेटा, लेकिन किसी को मत बताना.
अम्मी घोड़ी बन गईं और उन्होंने गांड हिलाते हुए कहा- ले जल्दी से चोद ले मुझे. वैसे तेरे लंड से मुझे रात को भी बड़ा आराम मिला था. तेरे अब्बू से भी बुर चुदवाने में इतना मजा नहीं मिलता है. रात में भी मुझे अहसास था कि मैं तेरे अब्बू से नहीं बल्कि तुझसे ही चुदवा रही हूँ. पर एकदम से कैसे खुल जाती, इसलिए तेरे अब्बू के नाम को लेकर तुझसे चुद रही थी.

मैंने फिर से अम्मी को चोदना शुरू कर दिया.

अम्मी सिसकारियां लेने लगीं- आह्ह्ह आआह … तू तो बड़ा मस्त चोदता है रे बेटा … कहां से सीखा यह सब?
मैंने कहा- मैं कभी-कभी पॉर्न देख लेता हूं अम्मी … वहीं से सीखा है.

फिर मैंने अम्मी की चुत में अपना पानी छोड़ दिया और हम दोनों खेत का काम करने लगे.

हम दोनों जितने दिन खेत में रहे, मैं अम्मी को चोदता रहा.
अब तो दिन में खुले खेत में भी मैं अम्मी की ले लेता था.
Sexy story.
 

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
खाली घर में बहन की बुर गांड चोदी




दोस्तो, मेरा नाम शार्दुल पाठक है.
वैसे तो मैं जन्म से ही हरामी और चोदू किस्म का रहा हूँ पर मैंने अपनी बहन की चुदाई की अब तक कभी नहीं सोची थी.

यह भेनचोद ब्रो सेक्स कहानी मेरी बहन और मेरी है.

अब मैं अपनी बहन के बारे में बताता हूँ.

मेरी बहन का नाम अंजलि है. वह एक मस्त माल है.
उसकी हाइट 5 फुट 9 इंच है.
यह लंबाई आम तौर पर लड़कियों के मामले में काफ़ी लंबी है.

उसका फिगर 32-28-34 का है.
अंजलि काफ़ी गोरी लड़की है और तब से पहले कभी चुदी नहीं थी.

जैसा कि मैंने ऊपर भी बताया कि मेरे ख्यालों में अंजलि को चोदना कभी था ही नहीं.
वह मेरे लिए मेरी प्यारी बहन थी.

अंजलि और मैं आपस में बहुत खुले हुए हैं.

घर में अंजलि अक्सर पैंटी और टी-शर्ट में रहा करती है.
उसी वजह से मुझे उसकी नंगी जांघों को देखने की आदत हो गई थी और कुछ गंदा नहीं लगता था.

यह घटना तब की है, जब मैं 22 साल का था और अंजलि 19 की.

एक दिन हमारे पेरेंट्स शादी में कहीं बाहर जाने वाले थे.
उनका यह टूर पूरे एक सप्ताह का था.

मुझे और अंजलि को एक ही रूम में सोना था.
मम्मी पापा के जाने के बाद जब रात हो गई, तब अंजलि मेरे कमरे में आई.

वह बोली- भाई आप बाहर जाओ, मुझको नाइट ड्रेस पहनना है!
मैं बोला- तो क्या हुआ, तुम चेंज कर लो मुझको कोई प्राब्लम नहीं है.

अंजलि बोली कि ठीक है, पर एक शर्त है कि तुम मेरी तरफ नहीं देखोगे!
मैं बोला- ओके.

अब अंजलि ने सबसे पहले अपनी जीन्स उतारी तो मैंने उसकी गोरी टांगों को देखा.
वैसे तो मैं रोज ही उसकी नंगी टांगों को देखता था पर आज न जाने क्यों ऐसा विचार मन में आया कि जब इसकी टांगें ही इतनी ज्यादा गोरी हैं, तो इसके दूध कैसे होंगे!

बस यह विचार आते ही मेरे मन में अपनी बहन को लेकर सेक्सी विचार आने लगे.
आज वह मुझे एक चोदने लायक माल लगने लगी.

अब अंजलि ने अपनी पैंटी भी उतार दी जिसकी मुझको बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी.
मैं उसकी बुर तो नहीं देख पाया पर गांड ज़रूर देख ली.

उसने ऐसा क्यों किया था कि मुझे समझ ही नहीं आया.

तभी अंजलि ने एक निक्कर पहन लिया और अब उसने अपना टॉप निकाला.
फिर अपनी ब्रा उतार दी.

वह ऐसा सब इतनी बिंदास होकर कर रही थी कि मुझे लगने लगा कि यह भी मेरे लिए कुछ सेक्सी सोच रही है.

अंजलि ने जब अपनी ब्रा उतारी तो वह मेरी तरफ़ पीठ किए हुई थी.
मैं उसके बूब्स नहीं देख सका.

फिर अंजलि ने जल्दी से एक टी-शर्ट पहन ली.

मेरा लंड भी अब झटके देने लगा था. मेरा लौड़ा एकदम टाइट हो गया था.

अंजलि मेरे लंड को देखती हुई बोली- भाई, अब तू भी चेंज कर ले.
मैंने भी उसकी चूचियों को घूरते हुए कहा- हां ठीक है, मैं भी यहीं कर लेता हूँ.
वह भी बिंदास बोली- तुझे जैसा ठीक लगे.

मैंने ज्यादा देर ना करते हुए अपना ट्राउज़र नीचे किया, फिर अपना अंडरवियर उतार दिया.

अभी लंड कड़क पोजीशन में था तो वह मेरा लंड देखकर हैरान रह गई.

मेरा 7 इंच लंबा लंड देख कर उसकी बुर में खुजली बढ़ गई थी.
वह मेरे सामने ही अपनी बुर खुजाने लगी.

उसकी उंगलियां गीली हो गई थीं.
शायद बुर से पानी निकलने के कारण ऐसा हो गया था.

मैंने अपना निक्कर उठाया और उसे नजरअंदाज करते हुए पहन लिया.

अंजलि ने मेरे लंड को देखते हुए कहा- मुझे नींद आ रही है, मैं सो रही हूँ.

मुझको अभी कहां नींद आने वाली थी, मैं झट से बाथरूम में गया और अपनी बहन की मादक जवानी के नाम की मुठ मारने लगा.

लंड से पानी फेंकने के बाद जब मैं बाहर आया तो अंजलि सो चुकी थी.
मैं भी उसकी चुदाई के बारे में सोचते हुए सो गया.

अगले दिन अंजलि जब नहाने गई.
तो मैं उसके पीछे पीछे चला गया.

अंजलि ने मेरे सामने कपड़े उतारे और वह बेपरवाह होकर अपनी बुर सहलाने लगी.
मैंने उसकी बुर देखी. बहन की बुर पर एक भी बाल नहीं था.
अंजलि बहुत हॉट माल लग रही थी.

मेरा मन कर रहा था कि उसको वहीं लिटा कर चोद दूं.
मगर मैंने उसके सामने ही अपने लंड निकाला और हिलाने लगा.

वह मुझे मुठ मारते हुए देखने लगी.
मैंने लंड की मुठ मारी और माल टपका कर वहां से बाहर आ गया.

अंजलि ने दरवाजा बंद नहीं किया.
मैं एक बार फिर से अन्दर झाँकने लगा तो वह मेरे वीर्य को उंगली से उठा रही थी.

फिर उसने अपनी उंगली को अपने मुँह में लेकर लंड से निकले वीर्य को चाट लिया.
यह देख कर मुझे मजा आ गया.

वह नंगी होकर नहाने लगी और अपनी बुर में उंगली करने लगी.

कुछ देर बाद मेरे सामने एक तौलिया बांध कर बाहर आ गई.
वह उस वक्त पानी में पूरी भीगी हुई थी और एकदम चुदासी रांड सी लग रही थी.

मेरा उसको यूं देखकर लंड खड़ा हो गया.

अंजलि ने खड़ा लंड देखा और बोली- भाई, आपका इतना बड़ा कैसे है!
मैं बोला- तू ऐसे हॉट बन कर आएगी, तो मेरा क्या … किसी मुर्दे का हथियार भी खड़ा हो जाएगा.

अंजलि हंस कर बोली- भाई मुझको हाथ से पकड़ कर देखना है.
तो मैं बोला- हां मैं दिखा तो दूंगा, पर बदले में मुझे क्या मिलेगा?
वह बोली- जो आप माँगो!

मैंने भी झट से बोल दिया- मुझको भी तेरी बुर देखनी है.
अंजलि ने देर ना करते हुए अपना तौलिया नीचे गिरा दिया.

वह एकदम नंगी मेरे सामने अपनी जवानी की छटा बिखेरने लगी.
उसकी मस्त चूचियां और साफ बुर देख कर मेरा लंड हिनहिनाने लगा.

मैंने भी अपना निक्कर नीचे किया और आगे बढ़ कर अंजलि को अपनी बांहों में ले लिया.

हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.
हमारे नंगे बदन एक दूसरे में समा जाना चाहते थे.

वह मेरे होंठों से अपने होंठ लगा कर मुझे चूमने लगी.
मैंने अपनी बहन के मुँह में अपनी जीभ डाल दी.

वह मेरी जीभ को चूसने लगी और अति कामुक होने लगी.
उसी वक्त मैंने अंजलि की बुर में उंगली कर दी.

उसने पहले तो मेरा विरोध किया और धीमे से बोली- आह भाई, ये क्या कर रहे हो … प्लीज मत करो.

मैंने अंजलि का हाथ में अपना लंड दे दिया और कहा- तुम बस इसको हिलाओ.

अंजलि ने भी वैसा ही किया.
उसने अपने हाथ से मेरे लंड की मुठ मारी.

मेरे माल से अंजलि का हाथ सन गया था.
वह बोली- ये क्या निकल रहा है भाई?

मैंने कहा- इसको मुँह में लेकर देखो, जैसे तुमने अभी बाथरूम में किया था.

यह सुनकर अंजलि पहले शर्मा गई.
पर बाद में उसने मेरे वीर्य को चखा तो उसे टेस्टी लगा.
अब उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.

मैंने कहा- मजा आया.
वह बोली- हां बहुत अच्छा लग रहा है.

मैंने कहा- चलो पूरा मजा दिलाता हूँ. पहले बेड पर चलो.
उसको मैंने अपनी गोद में उठाया और उसके एक दूध को अपने मुँह में लेकर चूसता हुआ मैं पलंग पर आ गया.

मैंने उसको बेड पर लुड़का दिया और उसके मम्मे जोर जोर से दबाने लगा.
उसकी मस्ती भरी चीखें निकालने लगीं ‘आहा आहह अया अया उफ़फ्फ़ ना करो भाई … दर्द हो रहा है.’

तो मैं रुक गया और 69 की पोज़िशन में आ गया.
मैं अपनी सगी बहन की बुर को चाटने लगा.

वह भी मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चाट रही थी, चूस रही थी, चूम रही थी.

‘आआ आह आआ अहह.’

मैंने उसको अलग किया और अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया.
मैं अपनी बहन का मुँह चोदने लगा.

वह भी किसी देसी रंडी की तरह लंड को मस्ती से चूसने चाटने लगी.

मैं आह आह करने लगा.
मैंने कहा- ले रंडी साली पूरा लंड मुँह में ले.

अंजलि ने अपने लिए रंडी शब्द सुना तो वह गुस्सा हो गई और उसने मेरे लंड को काट लिया.
वह मेरी गांड पर नाख़ून गाड़ने लगी.

मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाला, और उसकी तरफ गुस्से से देखा.

वह बोली- हट मादरचोद … गाली मत दे साले भड़वे … मुझको रंडी बोलता है मादरचोद!
मैंने बोला- तू है रंडी गांडू साली … अपने सगे भाई से चुद रही है कुतिया. हरामजादी.

अंजलि ने मुझको धक्का दिया और उठकर अपने कपड़े पहनने लगी.

मैं बोला- अब ये क्या कर रही है?
तो वह बोली- मुझको नहीं करना.

मैंने उसकी बुर में उंगली करते हुए उसके होंठ भींच लिए और जोरदार किस करने लगा.
अंजलि वापस मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी.

मैंने उसको बेड पर धकेला और इस बार मस्ती न करते हुए मैंने अपना लंड उसकी बुर में पेल दिया.
उसकी चीख निकल गई.

मैं नहीं रुका और अपनी बहन को चोदता गया.
वह चीखती रही.

उसकी बुर से खून आने लगा.
उसका रो रो कर बुरा हाल था.

मैंने उसका मुँह अपने मुँह से बंद कर लिया और उसे किस करते करते चोदने लगा.
कुछ ही देर में उसकी आवाज़ निकलना बंद हो गई.

कुछ देर बाद उसकी बुर का पानी निकल गया.

मैंने कुछ करारे झटके और दिए और अब मेरा भी रस निकलने वाला था.
तो मैंने लंड निकाल कर उसके मुँह में डाल दिया.
वह दर्द की वजह से बहुत रो रही थी.

मैं उसका मुँह चोद रहा था और आखिर में मैंने अपने लंड माल अपनी बहन के मुँह में ही गिरा दिया.

वह अपने भैया के लंड से निकले वीर्य को पी गई और लंड को चाट कर साफ करने लगी.

इस तरह से मैं भेनचोद ब्रो बन गया.

मैं अब उससे अलग होकर उसके बाजू में लेट गया.
ब्रो सेक्स के बाद मेरी बहन बोली- तुम बहुत खराब हो, इतना बुरा चोदते हो. मैं तुम्हारी रंडी नहीं हूँ, बहन हूँ!

मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया और उसके बूब्स दबाने लगा.
अब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.

मैंने उससे कहा- चल अब घोड़ी बन जा!
तो वह नहीं मानी. वह बोली- मेरी बुर में दर्द हो रहा है.

मैंने उसको पलटा दिया और अपना लंड उसकी गांड पर रगड़ने लगा.
उसने अपनी गांड में लंड की रगड़ से मजा लेना शुरू किया तो मैंने अपने थूक से लंड गीला किया और एक ही झटके में अपना आधा लंड उसकी गांड में पेल दिया.

वह फिर से चीखने लगी.
मैं नहीं रुका और अपनी बहन की गांड में लंड पेलता गया.

अब उसे मज़ा आने लगा था.
वह बोली- भोसड़ी वाले, और जोर से चोद … अपनी रंडी की गांड फाड़ दे साले … हरामी के पिल्ले अपनी कुतिया की मां चोद दे हरामखोर. मुझको लंड लेने में मजा आ रहा है.

उसके मुँह से ऐसी आवाजों ने मेरे जोश को और बढ़ा दिया.
मैंने अपनी बहन की गांड को खूब देर तक चोदा.

अब हम दोनों बिंदास चुदाई का मजा लेने लगे थे.

जब तक हमारे पेरेंट्स वापस नहीं आए, हम दोनों ने खूब चुदाई की.
दिन रात सेक्स का मजा लिया.

मम्मी पापा के आने तक हम दोनों ने एक भी कपड़ा नहीं पहना.
सारा दिन सारी रात नंगे ही रहे.

फिर जब मम्मी पापा आ गए, तब हम दोनों छुप छुप कर सेक्स करने लगे.
अब भी हम दोनों चुदाई करते हैं.
 

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
विधवा मामी की गांड और चूत मारी



दोस्तो, मेरा नाम राज है, मैं बिहार से हूँ.
मैं दिखने में फिट हूँ. मेरी उम्र 24 साल है.

आज मैं आपको अपनी मामी के साथ हुई चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूँ.

यह सेक्सी मामी की वासना वाली घटना तब हुई थी जब मैं अपने मामा के घर अपनी छुट्टियां बिताने गया था.

मेरे तीन मामा हैं, जिसमें से बड़े वाले मामा जी अब नहीं हैं, उनकी मृत्यु हो चुकी है.
वे अपनी शादी के 3 साल बाद ही इस संसार को छोड़ कर चले गए थे.

आज उनको गए हुए दस साल हो गए हैं.
चूंकि गांवों के रिवाज के अनुसार मामी की दूसरी शादी नहीं हुई थी.

मैं जब वहां पहुंचा तो सबसे मिला.
सब खुश थे, मैं भी सभी से मिल कर बहुत खुश था.

मैं देर शाम में उधर पहुंचा था तो काफी थक गया था इसलिए मैं खाना खाकर सो गया.

उस रात मैं बड़ी मामी के बगल वाले कमरे में सोया था.
रात को मैं पूरे कपड़े उतार कर सोता हूँ क्योंकि मैं अपने घर में अपने कमरे में अकेला ही सोता हूँ, तो उधर मुझे कोई प्राब्लम नहीं थी.

वहां मैं ऐसे ही रात को कपड़ा हटा कर कंबल में सो गया था.

सुबह बड़ी मामी मुझको उठाने आईं.

उनकी उम्र 36 साल की रही होगी. उनकी बॉडी पूरी भरी हुई है, बूब्स 36 साइज़ के हैं और गांड की साइज़ 42 है.
वे एकदम माल लगती हैं.

जब वे मेरे कमरे में आई थीं तब मैं सो रहा था.

उन्होंने मेरा कंबल उठाने के लिए उसे मेरे ऊपर से हटाया.
अन्दर मैं नंगा सो रहा था और सुबह के समय मेरा लंड एकदम खड़ा था.

उन्होंने खड़ा लंड देखा और वापस कंबल मेरे ऊपर रख कर चली गईं.

मैं नींद में था, मुझको पता ही नहीं चला कि क्या हुआ.

कुछ देर बाद मैं उठा और अपने कपड़े पहन कर कमरे से बाहर आ गया.
बाहर आकर मैं फ्रेश हुआ और नहा कर आ गया.

मामी ने नाश्ता के लिए पूछा तो मैं बोला- सीधे खाना ही खाऊंगा.

फिर मैं छोटे मामा के साथ बाहर चला गया.

वापस आया तो मामा अपने दोस्त के पास रुक गए और उन्होंने मुझको घर जाने के लिए कह दिया.

मैं घर आया तो उस टाइम बड़ी मामी बाथरूम में नहा रही थीं.
उन्होंने बाथरूम का गेट लॉक नहीं किया था.

मैं बाथरूम में घुसता चला गया क्योंकि मुझको ज़ोर की सुसू लगी थी.

अन्दर गया तो मामी बिना कपड़ों की थीं और नंगी होकर नहा रही थीं.

अचानक से घुस जाने से मेरी नज़र उन पर पड़ी.

वे भी मुझको देख कर सकपका गईं और एकदम से शर्मा गई थीं.
मैं तुरंत वापस बाहर आ गया.

उनका फिगर मेरी आंखों में बस गया था।
उनके बड़े बड़े बूब्स, झांटों वाली चूत की फुलवारी और उठी हुई गांड मेरी आंखों से हट ही नहीं रही थी.

तभी बाहर से छोटे मामा का कॉल आया- मैं किसी काम से दोस्त के साथ बाहर जा रहा हूँ, देर रात तक या सुबह तक घर आऊँगा.

बीच वाले मामा अपनी वाइफ के साथ अपने ससुराल गए हुए थे.
अब घर पर मैं और बड़ी मामी ही बच गए थे.

मैंने रात को खाना खाया और मैं मामी से सोने की बोल कर कमरे में चला गया.

मुझको नींद नहीं आ रही थी.
मेरी आंखों में सुबह का बाथरूम का दृश्य ही आ रहा था; मामी के बड़े बड़े बूब्स, चूत और गांड बार बार याद आ रही थी.

रात को एक बजे थे कि मामी की हल्की हल्की सी आवाज़ सुनाई दी.

मैं धीरे से कमरे से बाहर आया और मामी के दरवाजे के पास जाकर खड़ा हो गया.

मैं उनके दरवाजे से कान लगा कर सुनने लगा.

मामी अपनी गांड और चूत में खीरा डाल कर हस्तमैथुन कर रही थीं और ‘अहह अहह’ की आवाज़ निकाल रही थीं.

थोड़ी देर बाद उनकी आवाज़ आना बंद हो गई.
मैं जल्दी से अपने कमरे में चला गया.

कुछ देर बाद वे अपने कमरे से बाहर आईं और बाथरूम में चली गईं.
मैं रात भर सो नहीं पाया; बार बार उनको चोदने का ख्याल मेरे मन में आ रहा था.

फिर अगली सुबह मैंने जानबूझ कर उनसे पूछा- रात में आपकी बड़ी वैसी सी आवाज़ आ रही थी. आपकी तबियत खराब है क्या?
वे बोलीं- नहीं, मैं तो एकदम ठीक हूँ.

फिर मैं बाथरूम में गया तो रात वाला खीरा बाथरूम में ही रखा हुआ था.
मैंने मामी से पूछा- ये खीरा बाथरूम में क्यों रखा है?
तो वे कुछ नहीं बोलीं, बस शर्मा कर सर नीचे कर लिया और किचन में चली गईं.

एक मिनट बाद किचन से कुछ गिरने की आवाज़ आई.
मैंने जाकर देखा तो मामी स्लिप कर गई थीं.

उनको मैंने उठाया और उनको कमरे में ले जाकर बिस्तर पर बैठा दिया.
उनके घुटने के ऊपर और कमर में चोट लगी थी.

मैंने तुरत दर्द खत्म करने वाला तेल लिया और उनके घुटने में लगाने लगा.
वे बोलीं- नहीं, मैं खुद से लगा लूँगी.
मैंने कहा- आपको चोट लगी है. आप आराम करो, मैं लगा देता हूँ.

मैंने उनकी साड़ी ऊपर कर दी और घुटने के ऊपर तेल लगाने लगा.

तब मैंने मामी से कहा- आपकी कमर में भी चोट लगी है, आप पेट के बल हो जाओ, मैं कमर में मालिश कर देता हूँ.
तो वे बोलीं- नहीं, रहने दो. वहां मैं खुद लगा लूँगी.

मैंने कहा- आपका हाथ सही से नहीं पहुंचेगा. आप लेट जाओ, मैं सही से मालिश कर देता हूँ.
वे मान गईं.

मैंने उनकी साड़ी कमर से थोड़ी नीचे करने को बोला तो उन्होंने कहा- तुम ही कर दो.
तो मैंने उनकी साड़ी को नीचे कर दिया.

अब मामी की गांड की दरार का गुच्चू थोड़ा थोड़ा दिखने लगा था.

मैं उनकी गांड की दरार का गुच्चू देखते हुए कमर पर मालिश करने लगा.

कभी मैं उनकी गांड के गुच्चू पर भी एक उंगली को फेर दे रहा था.
उन्होंने भी कुछ नहीं कहा.

फिर मामी बोलीं- तुम अच्छी मालिश कर लेते हो. मेरी जाँघ में भी थोड़ी चोट आई है. उधर भी मालिश कर दो.
मैंने यह सुनते ही ओके कहा और बिंदास उनकी साड़ी को ऊपर कर दिया.

आह … जन्नत की घाटी का दीदार होने लगा था.
मैं मामी की जाँघ की मालिश करने लगा.

उनको भी मज़ा आने लगा, उन्होंने अपनी दोनों टांगें किसी रंडी की तरह फैला दीं.

मैं उनकी जाँघ की मालिश करते समय हाथ को चूत तक ले जाने लगा और चूत को टच करने लगा.
वे भी कुछ नहीं कह रही थीं.

मैंने धीरे में उनकी साड़ी को पूरा उठा दिया था.
अब उनकी नंगी चूत का पूरा नजारा दिखाई देने लगा था.

आज मामी की चूत एकदम चिकनी थी.
उसकी झांटों का जंगल साफ हो गया था और एकदम गुलाबी चूत सामने थी.

मैंने अपनी एक उंगली से उनकी चूत को सहलाया.
पहले तो वे मना करने लगीं कि यह क्या कर रहे हो!

मैंने कहा- उस दिन मैंने आपको खीरा अपनी चूत और गांड में करते देखा था. मैं तभी से आपको चोदने का सपना देख रहा हूँ. मामी मैं आपको खुश कर दूँगा.
उन्होंने एकदम से मेरा सर पकड़ कर अपनी दोनों जांघों के बीच में दबा लिया और बोलीं- मेरी दस साल की प्यास को आज बुझा दो.

मैंने मामी की चूत को चूसना शुरू कर दिया.
वे मादक आहें भरने लगीं- आह … आह.

कुछ ही पलों बाद मामी झड़ गईं.
मैंने उनकी चूत का सारा पानी पी लिया और चूत चाट कर चमका दी.

फिर मैंने अपने भी कपड़े खोल दिए और मामी को भी पूरा नंगी कर दिया.

मेरा फनफनाता लंड देख कर वे खुश हो गईं.
मैंने उनके दोनों मम्मों को बहुत चूसा और ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा.

वे मज़े में आ गई थीं और उन्होंने अपनी आंखों को बंद कर लिया था.
मैंने उनके बूब्स पर अपने दांत से काटा, तो वे सिसिया उठीं.

उनको बड़ा मज़ा आने लगा था.
उसके बाद मैंने उनसे अपना लंड चूसने को बोला.

पहले उन्होंने मना किया.
मैंने उनसे रिक्वेस्ट की तो वे मान गईं.

मामी ने मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया और रंडी की तरह चूसने लगीं.

करीब दस मिनट तक मेरा लंड चूसने के बाद मेरा पानी मामी के मुँह में ही गिर गया.

वे पूरा वीर्य पी गईं.
अब मामी बोलीं- और ना तड़पाओ राजा … अपने लंड से मेरी दस साल की प्यास को बुझा दो.

मैंने मामी के दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उनकी चूत पर सैट कर दिया।

फिर धीरे धीरे सुपारा चूत के मुँह पर रगड़ा.
तो वे पागल होने लगी थीं.

वे निरंतर बोल रही थीं- चोद दे अब मुझको … मेरी चूत फाड़ दे जल्दी से!

मैंने अपने लंड को उनकी चूत के अन्दर फंसा कर एक ज़ोर का धक्का दे दिया.
मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुसता चला गया.

मामी लंड चूत में लेते ही दर्द से पगला गईं और कुछ पल बाद बोलने लगीं- आह चोद दे मुझको … ज़ोर ज़ोर से चोद!
मैंने जोर जोर से धक्का देना शुरू कर दिया.

मामी के मुँह से मादक आवाजें आने लगीं- आहह … यसस्स चोदो … फाड़ दो मेरी चूत को.
मैं और तेज़ी से धक्के लगाने लगा.

पूरे कमरे में फच फच की आवाज़ आने लगी.

करीब 15 मिनट तक चूत चोदने के बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया और उनके ऊपर ही लेट गया.

थोड़ी देर बाद मामी मेरा लंड सहलाने लगीं.
मेरा लंड मामी को चोदने के लिए फिर से खड़ा हो गया था.

मैंने मामी की पूरे जिस्म को चूसा … पागलों की तरह उनके मम्मों को मसल मसल कर लाल कर दिया था.

अब मैंने मामी को घोड़ी बनने को बोला.
मामी तुरंत घोड़ी बन गईं.

उनकी विशालकाय गांड देख कर मैं पागल हो रहा था.
पहले मैंने उनकी गांड को कुछ देर चाटा और अपने हाथों से चूतड़ों की मालिश की.

फिर गांड के छेद पर तेल लगाया, तो वे बोलीं- दर्द करेगा क्या?
मैंने कहा- नहीं करेगा … तेल से दर्द नहीं होता है.

वे बोलीं- तुमको कैसे पता है?
तो मैंने कहा- मैं अपनी जीएफ की गांड मारता हूँ तो मुझको सब पता है.

अब मैंने तेल उनकी गांड के छेद में अच्छे से लगाया और अपने लंड पर भी लगा लिया.
उसके बाद गांड के छेद पर अपना लंड सैट करके एक हल्का सा धक्का दिया, तो थोड़ा लंड अन्दर घुस गया.

मामी दर्द से कराहने लगीं और बोलने लगीं- बाहर निकालो, मुझे दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- बस शुरू में थोड़ा दर्द होगा उसके बाद मज़े ही मज़े हैं.

फिर मैंने दूसरा धक्का कुछ जोरदार तरीके से लगा दिया. इस बार मेरा पूरा लंड उनकी गांड में अन्दर जाकर फंस गया.
वे दर्द से चिल्लाने लगीं, रोने लगीं.

मैंने उनके आंसू और रोना पीटना नजरअंदाज किया और उनकी गांड में जोरदार धक्के देने लगा.

थोड़ी देर बाद उनको भी मज़ा आने लगा.

मैंने उनकी गांड दस मिनट तक मारी.
चूतड़ बड़े होने से गांड मारने में बड़ी आवाज हो रही थी.

जब भी मैं धक्का मारता तो गांड पूरी हिल रही थी.

दस मिनट तक गांड मारने के बाद मैं उनकी गांड में ही झड़ गया.

फिर हम दोनों काफ़ी देर तक वैसे ही बेड पर पड़े रहे.

मामी बोलीं- मेरी चूत और गांड दर्द कर रही है … लेकिन तुमने मेरी दस साल की प्यास को बुझा दिया है.

अब हम दोनों फ्रेश हुए और अपने अपने कपड़े पहन लिए.

मामी से गांड और चूत के दर्द के कारण सही से चला नहीं जा रहा था लेकिन वे खुश नज़र आ रही थीं.

तभी डोरबेल बजने की आवाज़ आई.
मैंने दरवाजा खोला तो छोटे मामा आ गए थे.

मैं दस दिन वहां रहा.

जब भी मुझे मौका मिलता, मैं मामी की जोरदार चुदाई करके सेक्सी मामी की वासना ठण्डी कर देता था.
मैं अब अपने घर वापस आ गया.

उसके बाद से मैं उधर बस एक बार दो दिन के लिए गया था, उनकी चुदाई करके आया था.
वे अब काफ़ी खुश रहने लगी थीं.
 

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
सगी मामी का दूध पीकर चोदा



आप सभी को नमस्कार!
आज मैं अपनी और अपनी मामी के बीच हुई चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ.

यह मामी सेक्स ओर्गास्म स्टोरी आज से तीन साल पहले की है, जब मैं बी एस सी के प्रथम वर्ष का छात्र था.

मैं अपने मामा के घर में रह कर कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था.

मेरे मामा के घर में मामा-मामी, उनकी छोटी सी बच्ची, मौसी, नानी और मैं रहा करते थे.
मैं काफी हृष्ट-पुष्ट हूँ और किसी भी लड़की को काफी देर तक बिस्तर में चोद सकता हूँ.

मेरा लंड भी काफी मोटा है. यह सात इंच लंबा है और जब लंड खड़ा होता है तो इसकी नसें फूल कर उभर आती हैं … जिस वजह से लंड चूत के अन्दर गजब की रगड़ मारता है.
लड़कियों को उनकी चूत में रगड़ देने वाला लंड ही ज्यादा मजा देता है.

अब मैं आपको अपनी मामी के बारे में बता देता हूँ.
मेरी मामी की उम्र 38 साल थी.
वे बहुत सेक्सी औरत हैं.
देखने में वे उतनी सुंदर तो नहीं हैं, पर उनके 38 डी साइज़ के बूब्स और 40 इंच की गांड बहुत सेक्सी लगती है.
वे सांवले रंग की हैं.

उनके गांड दूध देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.

एक दिन मैं खाना खा रहा था और मामी मुझे खाना परोस रही थीं.
जैसे ही वह खाना परोसने के लिए झुकतीं, तो मुझे उनके आधे से ज्यादा दूध दिखने लगते.

मामी हमेशा गहरे गले वाला ब्लाउज पहनती थीं तो उनके बबले मेरे लंड में तनाव भरने लगे.
उनके दूध देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरी हवस जाग गई.
मैं सोचने लगा था कि इनको यहीं पटक कर चोद दूँ.
पर मैंने किसी तरह अपने आप पर काबू किया और उनके दूध व गांड देखते हुए खाना खाने लगा.

कुछ देर बाद मैं खाना खाकर वहां से बाथरूम में गया और मुठ मारने लगा.
मेरे दिमाग में मामी के नंगे दूध ही झूल रहे थे.
उनके नंगे दूध चूसने की कल्पना करते हुए लंड कड़क हो गया और मैंने लंड की मुठ मार कर माल झाड़ दिया.

अब मैं काफी हल्का महसूस कर रहा था.
मैं बाहर आया और सोचने लगा कि मामी को कैसे चोदा जाए.

यही सोचते सोचते मैं अपने बिस्तर पर आ गया और सो गया.

एक दिन घर के सभी लोगों को किसी शादी में जाना था.
मुझसे भी कहा गया कि चलो.

पर उस वक्त मेरे बीएससी के एग्जाम चल रहे थे, तो मैं नहीं जा पा रहा था.

तभी मामी ने भी जाने से मना कर दिया कि वे अपनी छोटी बच्ची को लेकर नहीं जा सकतीं.

सब मान गए और सब चले गए.

अब घर में सिर्फ़ मैं, मामी और उनकी दूध पीती बच्ची ही रह गए थे.
मामी घर का काम ख़त्म करके अपने कमरे में आ गईं.

उधर मैं बैठ कर टीवी देख रहा था.

मैं सोफे पर बैठा हुआ था.
मामी बिस्तर पर बैठ गईं और टीवी देखती हुई वे अपनी बच्ची को दूध पिलाने लगीं.

मैंने देखा कि मामी ने एक तरफ से अपना ब्लाउज ऊपर किया हुआ था.

मैं उनके ब्लाउज से बाहर निकले दूध को देख रहा था.

मामी ने मुझे बूब्स को घूरते हुए देख लिया और कहने लगीं- क्या देख रहा है?
मैंने अनजान बनते हुए कहा- क्या … मैं तो कुछ भी नहीं देख रहा?

मामी- झूठ मत बोल, मैंने तुझे देख लिया है.
मैं- सॉरी मामी ग़लती हो गई, दुबारा ऐसा नहीं होगा!

मामी- कोई बात नहीं. पर क्या मैं तुमसे एक बात पूछ सकती हूँ?
मैं- हां पूछिए ना आपको जो भी पूछना है बिंदास पूछ लीजिए.

मामी- तेरी कोई जीएफ है या नहीं?
मामी का सवाल सुनकर मैं हैरान हो गया कि यह कैसा सवाल!

पहले मैं चुप रहा. पर उनके दुबारा से पूछने पर मैंने कहा- नहीं मामी, मेरी ऐसी कोई दोस्त नहीं है!

मामी- अच्छा इसी लिए तुम यहां देख रहे थे!
मैं- नहीं मामी, ऐसा कुछ नहीं है … व…वह तो …
मैं कुछ कह ही न पाया और शांत हो गया.

मामी- वह तो क्या … हूम्म …?
मैं- मुझे आपसे एक बात कहनी थी … पर आप मामा से बता दोगी इसलिए मैं …

मामी- क्या मैं … बोल ना … जब तू कहेगा, तभी तो मुझे मालूम होगा कि वह बात तेरे मामा से बताना है या नहीं!
मैं- तो फिर रहने दीजिए.
मामी- चल ठीक है, नहीं बताऊंगी, बोल क्या बोलना है?

मैं- आप मेरे को बहुत ज्यादा सेक्सी लगती हो … मन करता है कि …
मामी- क्या करने का मन करता है??
मैं- मुझे आपको किस करना है.

मामी- ठीक है, बस किस करना … इसके अलावा कुछ नहीं!
मैं- ठीक है.

तब मैं आगे आया और मैंने मामी का मुँह पकड़ कर उनके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया.

मैं जोर जोर से चूसने लगा.
मामी भी अब जोश में आ चुकी थीं और वे मेरा अच्छे से साथ दे रही थीं.

उन्हें किस करते करते मैंने अपना एक हाथ आगे बढ़ाया और उनके बूब्स को दबाते हुए मसलने लगा.

मामी ने कुछ नहीं कहा, तो मेरी हिम्मत बढ़ गई.
मैंने धीरे से उनकी साड़ी का पल्लू सरका दिया.

मामी भी अब फुल जोश में आ गई थीं.
उन्होंने भी मेरे लंड को हाथ से टटोला. लंड ने औकात दिखानी शुरू कर दी थी.

मेरी आंखों ने मामी की आंखों में झांका, तो उनकी आंखों में चुदास दिखने लगी थी.
मैंने उनके होंठों से होंठ हटाए और उनकी गोद से बच्ची को उठा कर बिस्तर पर लेटा दिया.

वह सो चुकी थी.
उनका एक दूध अब भी बाहर निकला हुआ था.

मैंने दूध की तरफ देखा तो मामी ने मुझे अपनी तरफ खींचा और अपने मम्मे से मेरा मुँह लगा दिया.

आह मस्त था वह सब …
उनके मम्मे को जैसे ही मैंने चूसा, उसमें से मीठे दूध की धार निकल कर मेरे मुँह में आ गई.

मैं दबा दबा कर दूध पीने लगा.

मामी मेरी टांगों के बीच में हाथ चला रही थीं और वे पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहला रही थीं.

कुछ देर बाद हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतारना चालू कर दिए.
जल्दी ही मैं अंडरवियर में और मामी ब्रा-पैंटी में आ गई थीं.

मैं मामी की लटकी हुई ब्रा को और ऊपर करके उनके मम्मों को चाटने लगा और चूसने लगा.
मेरा लंड इतना ज्यादा कड़क हो गया था कि वह चड्डी में नहीं समा रहा था.

मामी ने मेरी चड्डी में हाथ डालकर लंड को बाहर निकाला और उसे सहलाने लगीं.
मैंने भी मामी की ब्रा और चड्डी को उतार दिया और उन्हें बिस्तर पर धकेल कर लिटा दिया.

मैं उनके ऊपर चढ़ गया और पागलों की तरह उनके ऊपर टूट पड़ा.

मैंने कुछ देर बाद नीचे को खिसक कर अपनी जीभ से उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
वे आह आह करने लगीं और मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगीं.

मैं समझ गया कि मामी की चूत चटवाने के सुख से अब तक वंचित थी.
जीभ को नुकीली करके मैं उनकी चूत को चोदने लगा.

कुछ ही देर में वे अति उत्तेजित हो गईं और आह आह करती हुई झड़ने लगीं.
झड़ने के बाद मामी शिथिल हो गईं और लंबी लंबी सांसें लेने लगीं.

मैं और जोश में आ गया था और मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
अपना लौड़ा मैं मामी के मुँह में डालने लगा, तो वे लंड चूसने से मना करने लगीं.

मामी- मैंने मुँह में आज तक नहीं लिया!
मैं- तो आज लेकर देखो मामी … कुल्फी चूसने का मजा आ जाएगा.
मामी- नहीं यार.

अब मैं उनका सर पकड़ कर अपना लंड उनके मुँह में डालकर मुँह चोदने लगा.
उनके मुँह से ‘गों … गों …’ की आवाज़ आ रही थी.

थोड़ी देर में वे भी मस्त हो गईं और जीभ घुमाती हुई लंड चूसने लगीं.
उनकी आंखों में रंडी की सी चमक थी.

कुछ ही देर बाद मैं उनके मुँह में ही झड़ने लगा.
वे भी बिना किसी हिचकिचाहट के मेरे लौड़े का पूरा माल पी गईं.

मामी- आह तेरा रस तो अमृत है.
मैं- ये तो शुरुआत है मामी जी!

मैं अब उनके एक दूध को मुँह में लेकर दूध चूसने लगा और दूसरे हाथ से उनकी चूत में उंगली करने लगा.

मामी- अब और नहीं सह सकती, जल्दी से पेल दे अपना लंड और फाड़ दे मेरी चूत … चोद दे मुझे बहन के लौड़े!

उनके मुँह से गाली सुनकर मैं और ज्यादा जोश में आ गया.
मैं झट से उन्हें धक्का देकर चित लिटाया और अपना लौड़ा उनकी चूत में सैट कर दिया.

वे अभी कुछ सोच या समझ पातीं कि मैंने एक जोरदार झटका दे दिया.
मामी की चूत पहले से पूरी गीली थी तो उसी वजह से मेरा लंड मामी की चूत में जड़ तक घुसता चला गया.

एकदम से मोटा लंड उनकी चूत को फाड़ता हुआ घुसा तो वे दर्द के कारण चीख पड़ीं और उनकी चीखने की आवाज़ से उनकी बच्ची जाग गई और रोने लगी.

मामी की आंखों दर्द के कारण आंसू आ गए और वे कराहने लगीं- आह रुक जाओ … मेरी बच्ची उठ गई है … और मुझे भी बहुत तेज दर्द हो रहा है.
मैं- उसके मुँह मे निप्पल देकर उसको शांत करवाओ … मैं तो अब नहीं रुकने वाला.

मैं मामी को जोर जोर से चोदता रहा और उनकी बच्ची दूध पीती रही.
थोड़ी देर बाद उनकी बच्ची वापस सो गई और उन्होंने उसे अपने से दूर सुला दिया.

अब मामी भी कमर हिला हिला कर चूत में लंड लेने लगीं और मादक सिसकारियां लेने लगीं- एयेए … आवव … अम्म … फाड़ दे मेरी चूत … बन जा मेरे बच्चे का बाप!

ये सब सुनकर मैं और ज्यादा जोश में आ गया और पूरी ताक़त से मामी की चूत चोदने लगा.

इतनी देर में मामी सेक्स ओर्गास्म प्राप्त चुकी थीं और अब मैं भी झड़ने वाला हो गया था.

मामी के कहने पर मैंने उनकी चूत में ही अपने लंड का पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.
‘आह मामी क्या मस्त चूत है आपकी आह … मजा आ गया.’

मैं झड़ कर मामी के ऊपर ही ढेर हो गया.

फिर मैं उठा और बाथरूम में जाकर लंड साफ करने लगा.
मामी बच्ची को पुनः दूध पिलाने लगीं.

वे नंगी ही बिस्तर में लेटकर उसे दूध पिला रही थीं.
फिर मैं उनके पास आया और मैंने भी उनका एक दूध अपने मुँह में ले लिया और पीने लगा.

मामी- बच्ची को तो पी लेने दो. उसके पापा का हक मार कर भी तेरी प्यास नहीं बुझी क्या? अब उसका भी हक मार रहे हो!
मैं- ऐसी मस्त मामी हो, तो किसका मन भर सकता है.

उसके बाद जब तक घर वाले वापस नहीं आ गए, तब तक मैं और मामी दिन रात चुदाई का मजा लेते रहे.

दो दिन बाद सब लोग शादी से वापस आ गए.
अब जब भी हम दोनों को मौका मिलता है, हम चुदाई कर लेते हैं.

मैं मामी को कभी खाना बनाते वक़्त, तो कभी कपड़े धोते समय पेलने लगता हूँ.
 

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
गाँव वाली बुआ की गांड चुदाई का मजा




दोस्तो,
मेरा नाम सत्यम है.
मैं 19 साल का हूँ.

मेरी बुआ का नाम रेखा है. वे बहुत सेक्सी व हॉट हैं. उनका फिगर 34-32-38 का है.

बुआ फूफा जी के साथ दिल्ली में रहती हैं. जबकि मेरा गांव फ़ैज़ाबाद जिले में है.
आज मैं अपनी देसी बुआ गांड चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूँ.

पिछले साल लॉकडाउन से पहले मैं गांव गया था, तभी लॉकडाउन लग गया था.
उन दिनों मेरी बुआ भी गांव में ही थीं.

यह उस दिन की बात है, जब मेरी बुआ गांव आई थीं.
मैंने ही उन्हें सबसे पहले देखा था.

उनके घर में आते ही मैंने उन्हें नमस्ते किया.
बुआ ने मुझे अपने सीने से लगा लिया.

उनके सीने की नर्मी से कलेजा हिल गया; उनके ठोस दूध मेरे सीने में गड़ से गए.
मुझे बेहद सुखद लगा और लंड में झनझनी सी आ गई.

एक दो पल के इस मीठे अहसास से मेरे जवान लंड ने एकदम से उठ कर बुआ की टांगों के बीच में फन मारा तो बुआ ने मुझे अलग कर दिया और मेरी आंखों में देखती हुई मुस्कुरा दीं.

मैं झेंप गया और बुआ का सामान लेकर अन्दर वाले कमरे में रखने लगा.

बुआ सबसे बातचीत करने लगीं.
उसके बाद लॉकडाउन लग गया तो सब कुछ बदल गया.
यूं ही दिन बीतते गए.

एक दिन घर पर कुछ कार्यक्रम था.
गाँव का माहौल था तो लॉकडाउन में भी किसी तरह से आस पास के गांवों से सब रिश्तेदार आ गए थे.

मेरी बुआ की बहुत जमती थी. हम दोनों खूब मस्ती करने लगे थे.

उस रात सोने के लिए घर में जगह कम पड़ गई थी.
मैं, बुआ, मेरी चाची की बेटी हम सब एक ही कमरे में सो गए.

बुआ और चचेरी बहन बगल में एक खाट पर सो गई थीं.
मैं पलंग पर लेटा था.

मुझे उस दिन बुआ के मम्मों का अहसास करके लंड हिलाने का बहुत मन कर रहा था.

मैंने पॉर्न देख कर मुठ मारी और स्पर्म गद्दे पर गिरा दिया.
गद्दे पर वीर्य के दाग पड़ गए.

सुबह हुई.
बुआ ने गद्दे पर देखा और बोलीं- यह क्या है … किस चीज़ का दाग है.

मैं कुछ नहीं बोला.
लेकिन बुआ शायद समझ गई थीं.

अब हम लोग टीवी देख रहे थे.
बुआ लेटी थीं, उनके पैर बेड के नीचे लटक रहे थे.

मेरी बुआ उल्टी लेटी थीं.
मैंने बुआ की गांड पर सर रख दिया.
वे कुछ नहीं बोलीं.

इतना हम दोनों के बीच चलता था.
मेरी बुआ हंस कर बोलीं- देखते रहना, कहीं गैस न निकल जाए!

मैं एक बार तो उठ गया और उनकी गांड पर हल्के से एक थप्पड़ मारा.
मेरी बुआ उन्ह बोलीं और हंसने लगीं.

शाम को मैं और बुआ एक साथ बेड पर लेटे थे.
मैं सोने का नाटक कर रहा था.

बुआ टीवी देख रही थीं.
मैं करवट लेकर बुआ से सट गया.
मेरा लंड बुआ की गांड की दरार में लग रहा था.

बुआ की गांड कुछ कुछ हिलने लगी थी.
उससे मेरा हथियार खड़ा होने लगा.

उसी वक्त मुझे बुआ के मम्मों की फिर से याद आ गई और मेरा लंड एकदम कड़क हो गया.

बुआ को मेरे कड़क लंड का अहसास होने लगा.
उस वजह से बुआ थोड़ा आगे को हुईं तो मैं नाटक करते हुए फिर से बुआ से सट गया.
वे कुछ नहीं बोलीं.

कुछ देर में ही हम दोनों अपने अपने सामान हिलाने लगे.
बुआ गांड हिला रही थीं और उनके दोनों चूतड़ों के बीच में मेरा कड़क लंड चल रहा था.

अब जवान लंड था तो गर्मी जल्दी भड़क गई और मैं भी अपनी कमर चलाते हुए बुआ की गांड में कपड़ों के ऊपर से ही लंड पेलने लगा.

ऐसे करते करते मेरा पानी निकल गया.
सारा पानी मेरी चड्डी और पजामे में निकला था, तब भी पानी की नमी का अहसास बुआ को अपनी गांड में हो गया था.

मैं सो गया.
कुछ देर बाद मैं उठा, तो बुआ जा चुकी थीं.

मैंने कमरा बंद किया.

कपड़े उतारे और लंड को साफ किया, फिर बाहर गया.

दूसरे दिन फूफा जी आ गए थे.
रात को फूफा जी भी कमरे में थे.

मैं बुआ और चचेरी बहन खाट पर लेटी थीं.
फूफा जी पलंग पर थे.

रात के एक बजे का समय हुआ था.
मैं जग रहा था.

बुआ खाट से उठीं और फूफा जी के पास आ गईं.
कुछ देर बाद दोनों में चुदाई चलने लगी.

बुआ के मुँह से धीरे धीरे ‘आ आ उः उः उः.’ निकल रहा था.
मुझे सब सुनाई दे रहा था.

मैं गर्म हो गया.
लाइट ऑफ होने की वजह से मैं सारा खेल थोड़ा थोड़ा ही देख पा रहा था.

मेरा मन तो कर रहा था कि अभी बुआ को चोद दूँ, पर नहीं कर सकता था.
रात को चुदाई के बाद सब सन्नाटा छा गया. हम सब सो गए.

सुबह हुई.
मैं जल्दी 6 बजे ही उठ गया.

तब बुआ सोई हुई थीं.
फूफा जी बाहर चले गए थे.

मैंने बुआ की गांड को ऊपर से सूँघा, तो मस्त महक आ रही थी.
बुआ ने लैगी पहनी थी.
मैं बस हाथ फेर कर बाहर आ गया.

दोपहर में फूफा जी वापस चले गए थे.
मैं, बुआ और चचेरी बहन लूडो खेल रहे थे.

रात हुई, तो बुआ बोलीं- सत्यम तुम पलंग बाहर कर दो और खाट पर ही आ जाओ. सब मिल कर लूडो खेलते है. फिर तीनों लोग यहीं सो जाएंगे.
मैंने कहा- ठीक है.

हम सबने लूडो खेला, फिर सोने की बारी आई.
मैं बुआ के बगल में लेट गया था.

सब सो गए.
मैं बुआ की गांड पर हाथ फेर रहा था.

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
मैंने अपना लंड लोवर के अन्दर से ही बुआ की गांड पर सटा दिया और उनसे चिपक गया.
मैं उनकी पीठ को भी चूम रहा था.

सुबह हुई, बुआ छत पर थीं.

चचेरी बहन स्कूल गई थी.
मैं दूसरे रूम में गया, जिसमें बुआ का बैग रखा था.

मैंने उनका बैग खोला और पैंटी निकाल कर सूंघने लगा.

आह क्या मस्त महक आ रही थी.
मैंने एक हाथ से पैंटी नाक से लगाई और दूसरे हाथ से लंड की मुठ मारी.
रस झाड़ कर मैं दूसरे कमरे में आ गया.

बुआ नहाने जा रही थीं.
मैंने देखा कि बुआ आज पैंटी नहीं पहनी थी क्योंकि उनके हाथ में पैंटी थी ही नहीं.

उन्होंने ब्रा भी नहीं ली थी. बस लोवर और टी-शर्ट ली थी.

जब वे नहा कर सिर्फ लोअर और टी-शर्ट पहन कर निकलीं तो क्या मस्त गांड दिख रही थी.
मेरा मन कर रहा था कि दौड़ कर जाऊं और बुआ की गांड को मसल दूँ.

कुछ देर बाद दोपहर हुई तो बुआ फूफा जी से वीडियो कॉल पर बात कर रही थीं.
मैं उस वक्त उनके पीछे लेटा था.

मैं अपना फोन चला रहा था.
बुआ का मुँह दूसरी तरफ था.

बुआ को वीडियो में देखने के बहाने से मैं बार बार अपना लंड बुआ की गांड को टच करा रहा था.
इससे बुआ को भी शायद मज़ा आ रहा था.
उन्होंने अपनी गांड और पीछे को कर ली.

अब मैं बुआ से सटा हुआ था.
काफी देर तक लंड की रगड़ का मजा लेने के बाद बुआ सो गईं और मैं बाथरूम में जाकर लंड हिला आया.

उसी रात को हम लोग साथ में सोने लगे.
मैं सो गया था.

अचानक रात को मुझे महसूस हुआ कि मेरा लंड कोई छू रहा है.
मैं समझ गया कि ये बुआ हैं.
क्योंकि दिन में लंड की गर्मी से बुआ भी गर्म हो गई थीं.

मैं चुपचाप लेटा रहा.
मैंने कुछ भी अहसास नहीं दिलाया कि मैं जाग रहा हूँ.
मैं बस मज़े ले रहा था.

बुआ कुछ देर बाद सो गईं, पर मैं गर्म हो गया था.
तब रात के एक बजे का समय हो रहा था.

मैंने बुआ की चूचियों पर हाथ रख दिया और धीरे धीरे उनके दूध सहलाने लगा.
बुआ मेरे हाथ के स्पर्श से शायद जाग गई थीं, पर उन्होंने कुछ नहीं बोला.
मैं समझ गया कि बुआ भी मजा लेना चाहती हैं.

तब मैं बुआ से सट गया और अपना लोवर नीचे सरका कर उतार दिया.
अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में ही था.

मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर बुआ की गांड से सटा दिया और कड़क हो चुके लौड़े को बुआ की गांड की दरार में घिसने लगा.

बुआ को कड़क लंड से अपनी गांड रगड़वाने में मज़ा आ रहा था.
मैंने अपना हाथ बुआ की चूचियों से हटाया और उनके लोवर के पास ले गया.

मैंने बुआ का लोअर उतारने की कोशिश की.
बुआ कुछ नहीं बोलीं तो मैंने एक झटके में लोवर नीचे सरका दिया.

बुआ ने आज पैंटी नहीं पहनी थी तो सीधे गांड की दरार का मखमली अहसास हुआ.

मैंने अपना लंड बुआ की गांड में दरार में कुछ अन्दर को पेला और उनकी गांड के छेद पर रगड़ने का मजा लेने लगा था.

बुआ अभी भी सोने का नाटक कर रही थीं.

उसी समय बुआ थोड़ा और पीछे को हुईं भी, जिससे मैं बुआ की गांड का छेद महसूस करने लगा था.
उनके छेद की गर्मी लंड के सुपारे को भकभकाने लगी थी.

मैंने थोड़ी ताक़त लगाई और लंड को गांड के छेद पर रख कर ठेला.
गांड टाइट होने की वजह से लंड अन्दर नहीं गया.

मैंने लौड़े के टोपे पर थूक लगाया और दुबारा पेलने की कोशिश की.

इस बार बुआ ने भी अपनी टांगों को कुछ फैला कर छेद खोल दिया था, तो लंड का टोपा बुआ की गांड में घुस गया.
बुआ के मुँह से उहह की आवाज़ आई.

तब मैं समझ गया कि देसी बुआ गांड चुदाई की शौकीन हैं.
लंड के घुस जाने के बाद भी बुआ कुछ नहीं बोल रही थीं.

मैं बुआ के ऊपर चढ़ने की कोशिश करता हुआ उनकी गांड मारने लगा.
बुआ भी सही से औंधी हो गईं.

अब मैं बुआ के ऊपर चढ़ गया और उनकी गांड में पूरा लंड पेल कर चोट मार रहा था.
अब बुआ बोलीं- आराम से चोद भोसड़ी के … कहीं भाग नहीं रही हूँ.

मैं हंसने लगा और मैंने स्पीड बढ़ा दी.

बुआ चीख नहीं सकती थीं क्योंकि मेरी चचेरी बहन भी बगल की खाट पर लेटी थी.
मैंने बुआ के मुँह को दाब दिया और धकापेल गांड मारते हुए झड़ने वाला था.

मैं धीरे से बोला- पानी किधर टपकाऊं!
बुआ बोलीं- गांड में ही निकाल दे.

मैंने सारा माल बुआ की गांड में निकाल दिया और सीधा लेट गया.
कुछ देर बाद हम दोनों सो गए.

सुबह हुई, तो बुआ थोड़ा मटक कर चल रही थीं.
मैंने पूछा- क्या हुआ?

बुआ हंस कर बोलीं- मादरचोद ने गांड मार ली और पूछ रहा है कि क्या हुआ?
मैं हंसने लगा- मेरा कैसा लगा?

बुआ बोलीं- तुम्हारा तो फूफा से भी बड़ा है.
मैंने कहा- सच?

उन्होंने कहा- हां.
मैंने कहा- आज चूत चोदूंगा.

बुआ मुस्कुरा कर चली गईं.

फिर जब बुआ नहाने जा रही थीं, तब मैंने बुआ के कान में कहा- बुआ आज नई वाली पैंटी पहनो, मज़ा आएगा.
बुआ बोलीं- मेरे पास नई नहीं है.

मैं बोला- है, नेट वाली पहनो न!
बुआ बोलीं- साले तुम्हें कैसे पता!
मैं मुस्कुरा दिया.
वे बोलीं- ठीक है.

उसी दिन दुपहर में सब अपने अपने कमरे में सो रहे थे.
मैं और बुआ छत पर थे.

छत पर एक किचन है, जो अभी नया बना है.
उसमें अभी खाना नहीं बनता है.

मैं और बुआ धूप की वजह से उसी में लेटे थे.
मैंने बुआ से कहा- बुआ मुँह में लो ना! बहुत मन कर रहा है.

बुआ बोलीं- भक … मैं मुँह में नहीं लूँगी.
मैंने अपना लंड निकला और बुआ के होंठों के पास ले गया.

मैं ज़बरदस्ती बुआ के मुँह में अपना लंड देने की कोशिश करने लगा.
वे मुँह हटाने लगीं.

मैंने उनका मुँह पकड़ा और अन्दर दे दिया.
बुआ घूँ घूँ करके लंड चूसने लगीं.

लंड चूसने में वे पुरानी रांड जैसी थीं.
एक बार चूसना शुरू किया तो दस मिनट तक लंड चूसती ही रहीं.

अब मैं झड़ने वाला था पर मैंने बताया नहीं और जैसे ही झड़ने वाला हुआ कि तभी मैंने अपना लंड निकाला और उनके मुँह पर रस झाड़ दिया.
सारा माल बुआ के गालों पर टपक गया.

वे छी छी करके गाली देने लगीं- मादरचोद हरामी साले … फर्श पर टपका देता!
मैं बोला- चाट लो बुआ, देसी घी है.

वे बोलीं- हट साले … चल अब मेरा मुँह पौंछ!
मैंने बुआ की टी-शर्ट से ही उनका मुँह पौंछ दिया.

उसके बाद चुदाई शुरू हुई.

मैंने बुआ को नंगी करके खूब चोदा.
 
Top