• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest All short story collected from Net

आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

  • माँ - बेटा

  • भाई - बहेन

  • देवर - भाभी

  • दामाद – सासु

  • ससुर – बहु


Results are only viewable after voting.

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
अनजान बनकर अंधेरे में चूत चुदाई का मजा



दोस्तो, यह कोई सेक्स कहानी नहीं है बल्कि मेरे जीवन की एक सच्ची घटना है.

मेरा नाम आकाश है और मैं दिल्ली में रहता हूं.
मैं शहर और मोहल्ला नहीं लिख सकता, उसकी वजह आप सब जानते हैं.

मेरे परिवार में 5 लोग हैं, मेरे पापा विक्की उम्र 47 साल.
वे रेलवे में नौकरी करते हैं.

मेरी मम्मी गोमती उम्र 44 साल, सरकारी स्कूल में टीचर हैं.
मेरा बड़ा भाई सोनू उम्र 23 साल, गोरा हैन्डसम लड़का.

फिर मैं आकाश, मेरी उम्र 21 साल है. रंग काला और शरीर में तगड़ा हूँ.
मेरे बाद मेरी छोटी बहन मीना है. उसकी उम्र 19 साल है और उसका रंग एकदम दूध सा गोरा है.

यह बात तब की है, जब मैं 12वीं में दोबारा फेल हो गया था.
मेरे भाई बहन सब पढ़ाई में ठीक थे, पर पता नहीं मैं ही उनसे हमेशा पीछे था.

घर वालों की नजर में मैं बिल्कुल निकम्मा था.
हर समय वे मुझे ताने देते थे.

और मैं अपनी जिंदगी में हर तरफ फेल होता जा रहा था; पढ़ाई में, गर्लफ्रेंड बनाने में.
क्योंकि मेरे काले रंग और पढ़ाई में कमजोर होने से मेरे स्कूल में मुझे कोई लड़की लाइन नहीं देती थी.

मैंने भी अपना काम अपने हाथ से चलाना चालू कर दिया था.
मैं हर रोज मुठ मारने लगा था.

मैंने सोच लिया था कि मुझे कभी भी चूत नहीं मिलने वाली है तो क्यों ना हाथ से ही काम चलाया जाए.
मैं छुप छुप कर मुठ मारने लगा.

मगर अब हमारे घर में एक बात और नयी होने लगी.
जब भी मेरे पापा काम से आते, मम्मी उनसे लड़ने लगतीं.

मैंने सोचा पता नहीं, होगा कुछ उनका आपसी मसला.

एक दिन मम्मी ने मुझे बताया कि उनकी सहेली की मैरिज एनवर्सरी है और उनको उधर जाना है.
जिस जगह मम्मी को जाना था वो पास के शहर में थी. उधर एक रात रुकना था और सुबह वापस आना था.

मैंने कहा- मम्मी, आप भाई को या पापा को ले जाओ.
पर मम्मी बोलीं- तेरे पापा घर पर नहीं हैं और तेरा भाई को भी कुछ काम है. अगर उन दोनों में से कोई जाता, तो मैं तुझसे नहीं बोलती. अब कोई बहाना नहीं और चुपचाप तैयार हो जा!
अब जाने की मेरी मजबूरी बन गई थी.

मैं और मम्मी रेडी होकर घर से निकल गए.
कुछ देर बाद हम दोनों मम्मी की सहेली की पार्टी में पहुंच गए.

पार्टी एक बैंक्वेट हॉल में थी.
जब हम वहां पहुंचे तो आंटी को मैंने नमस्ते किया और पार्टी में घुल मिल गया.

आंटी ने वहां आये सभी मेहमानों को रूम दे रखे थे.
हमें भी एक रूम दे दिया और कुछ देर में हम दोनों पार्टी में आ गए.

मेरी मम्मी तो आंटी और अपनी और सहेलियों से बातें करने लगीं मगर मैं किसी पागल की तरह यहां वहां घूमने लगा.

मुझे उधर एक आदमी मिला और उसने मुझे एक कार्ड दिया.
वो मुझसे बोला- ये कार्ड उनको दे दो.

वो कोई 32 साल की महिला थीं.
मुझे लगा कि ये आदमी उनका परिचित होगा.

मैंने वो कार्ड जाकर उस महिला को दे दिया.
उस लेडी ने मुझे देखा और वो कार्ड लेती हुई मुझसे बोली- सुनो कितना चार्ज करते हो? मेरा तो आज मन नहीं है, फिर भी तुम्हारा कहीं पर जुगाड़ करती हूं.

यह कह कर वह वहां से चली गई मगर मेरी समझ में कुछ नहीं आया.

फिर मैं उस कार्ड वाले आदमी को ढूंढने लगा.
मैंने सोचा कि पूछूंगा यार उस कार्ड में क्या लिखा था.

फिर कुछ देर घूमने के बाद मुझे वो आदमी तो नहीं मिला मगर वह लेडी मिल गई.
वह मेरे पास आकर बोली- सुनो तुम्हारा काम हो गया है मगर पैसे जो मिलें, रख लेना. ज्यादा ना-नुकुर मत करना.

मैं चूतियों की तरह उसे देख रहा था.

वह वापस एक बड़ा सा स्कार्फ देती हुई बोली- दूसरे फ्लोर पर कमरा नंबर 32 में मुँह पर ये कपड़ा बांध कर जाना है … और सुनो बढ़िया से सर्विस देना. अगर सर्विस पसंद आयी तो अगली बार और भी कस्टमर मिलेंगे.
बस ये कह कर वो वहां से चली गई.

मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि क्या मामला है.

फिर कुछ देर बाद मैंने सोचा कि कम से कम चलकर तो देखना चाहिए कि क्या माजरा है.
मैं मुँह बांध कर बताए हुए कमरे के बाहर पहुंच गया और दरवाजे पर दस्तक दे दी.

अन्दर से एक घरघराती सी आवाज आई- खुला है … आ जाओ.
मैं जब अन्दर गया तो अन्दर रूम में अंधेरा था.

फिर एक साए ने दरवाजा बंद किया और मेरा हाथ पकड़ कर उस पर पैसे रख दिए.
वह दबी हुई आवाज में बोली- ये 5 हजार हैं … चाहो तो गिन सकते हो.

फिर उसने मेरी पैंट पर हाथ डालकर मेरे लंड को टटोला और हाथ से सहलाने लगी.

मुझे इसमें इतना ज्यादा मजा आया कि मैं उसका हाथ अपने लंड पर दबाने लगा.
फिर वह मेरे कपड़े उतारने लगी.

कुछ देर बाद उसने मुझे बिल्कुल नंगा कर दिया और मेरा लंड पकड़ कर अपने मुँह में डाल कर चूसने लगी.

मुझे अब जन्नत का मजा आने लगा और मैं उसके मुँह में आगे पीछे करने लगा.

फिर उसने खाँसते हुए मेरा लंड मुँह से बाहर निकाल दिया और मेरे सामने खड़ी होकर कान में फुसफुसाई- बहुत बड़ा है तुम्हारा … अब तुम्हारी बारी.

उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने शरीर पर रख दिया.
मुझे लगा कि वो अपने कपड़े निकालने को कह रही है.

मैंने उसके कपड़े निकाल दिए.
फिर वो बिस्तर पर लेट गई.

मैंने उसके ऊपर चढ़ कर उसकी टांगें अपने कंधों पर रख लीं, अपना लंड उसकी चूत पर लगाना शुरू किया.

इस पर उसने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रखा और थपकी देकर हां कहा.

फिर मैंने जैसे ही धक्का मारा तो उसकी ‘आह मर गई धीरे पेल साले …’ की आवाज निकल गई.

मुझे मजा आने लगा था तो मैंने उसकी आवाज सुनी ही नहीं और दूसरे धक्के में अपना पूरा लंड उसकी चूत में ठेल दिया.

वो चीख उठी- आह मादरचोद … फाड़ेगा क्या आह आराम से कर ना … तेरा इतना बड़ा है.
अब मैं आराम आराम से उसकी चुदाई करने लगा.

वो मस्ती में अपनी गांड उठा कर मुझसे चुदने का मजा लेने लगी.
उसकी ‘आह आह और तेज … आह और तेज …’ की मादक आवाजें निकलती रही’.

मैं भी उसको तेज तेज चोदने लगा.

लगभग 25 मिनट बाद वो बोली- तुम कोई दवाई खाकर आए हो क्या … इतनी देर हो चुकी है, तुम्हारा पानी नहीं निकला?
मैं कुछ नहीं बोला और उसकी चुदाई करता रहा.

वह बोली- यार एक बात बताओ, मैं यहां लड़की होकर बोले जा रही हूं और तुम हो कि मर्द होकर भी शर्मा रहे हो!

इस बार मुझे वो आवाज जानी पहचानी सी लगी.
अगले ही पल मैं घबरा गया था.

मैंने सोचा कहीं ये मेरी मम्मी तो नहीं हैं … और ये ख्याल मेरे दिमाग में आते ही मैंने जल्दी से अपनी स्पीड बढ़ा दी और जल्द से जल्द झड़ने की कोशिश करने लगा.
वह ‘अब आराम से … आराम से …’ कहती रही.
मैं अब उसकी कोई बात सुने बिना उस और तेज चोदने लगा.

फिर लगभग 10 मिनट के बाद मेरा पानी निकल गया और मैं उस लेडी के ऊपर गिर पड़ा.

मैं हांफने लगा और वो मुझे बड़े प्यार से मेरी पीठ सहलाने लगी … मुझे चूमने लगी.

जब मुझे कुछ होश आया, तो मैं जल्दी से उठकर अपने कपड़े ढूंढने लगा.

वो बोली- क्या हुआ यार … कहां चल दिए?
फिर जब मैं कपड़े पहनने लगा.

तब वह बोली- सुनो मेरी फ्रेंड ने 5 हजार पूरी रात के बताए थे … और तुम अभी से जा रहे हो?

उसकी इस बात पर मैंने उसके पैसे उसके हाथ पर रख दिए.

वह बोली- यार हुआ क्या है तुम्हें? तुम ऐसा क्यों कर रहे हो. मेरी कोई बात बुरी लगी हो, तो मुझे माफ़ करना … पर जा क्यों रहे हो? अगर तुम्हारा मन अब और नहीं है तो कम से कम हम कुछ देर बातें ही कर लेंगे.
पर मैंने उसकी एक न सुनी और दरवाजे की ओर चल दिया.

वह एकदम से मेरे पीछे आ गई और मुझे रूम में वापस ले जाने लगी, बोली- सुनो तुमको और पैसे चाहिए तो मैं दे दूंगी, पर अभी मत जाओ.

मैंने एकदम से उसके कान में आवाज बदल कर कहा- सुनो पैसों की कोई बात नहीं है. अब आप क्यों जिद कर रही हैं मैडम? अगर आपको कोई पूरी रात के लिए चाहिए, तो किसी और को देख लीजिए.

वह बोली- सुनो, चलो पूरी रात नहीं … एक बार तो और कर सकते हो ना … और तुम जैसा बोलोगे, मैं वैसा ही करूंगी.
मैंने बोला- ठीक है तो सुनो, मुझे बातें करना पसंद नहीं है … और मैं सिर्फ एक और बार करूंगा. उसके बाद कुछ नहीं और ड्रामा नहीं होना चाहिए.

वह बोली- ठीक है.
और वह मुझे फिर से चूमने लगी.

मैंने सोचा कि जो होना था, वो तो हो ही गया है. पर एक बार और कर लेता हूँ. उससे क्या बिगड़ जाएगा.
फिर अगर मैं ऐसे ही चला गया, तो ये पता नहीं क्या करेगी.

मैंने 69 की पोजीशन में लेटकर उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरा लंड चूसने लगी.

फिर लगभग 20 मिनट बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैंने उठकर उसे कुतिया की तरह बनने का इशारा कर दिया.
वो समझ गई कि कुतिया बनाकर चुदाई होनी है.
और मैंने पीछे जाकर अपना लंड रख कर धक्का देना चाहा, तो वो बोली- रुको गलत छेद है.

उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रख कर कहा- अब करो.
जैसे मैंने धक्का दिया, उसकी आ आअ अआ इ ई सिसकारी निकल पड़ी.

मगर मैंने बिना रुके उसकी चूत चुदाई चालू कर दी.
वो ‘आह आह आई …’ करती रही.

कुछ देर बाद उसने झड़ कर कहा- अब थोड़ी देर रुक जाओगे क्या?
मैंने सीधा लेटते हुए कहा- सुनो इसी नाटक की वजह से मैं जा रहा था.

उसने कहा- चलो मत रुको, करो जो करना है.
मैंने कहा- मुझे नहीं करना है … अब तुम्हें करना है.

मैं बेड पर लेट गया और बोला- अब तुम मेरे ऊपर आकर करो.
वह मेरे ऊपर चढ़ गई और अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत में डालकर मेरे ऊपर उछलने लगी, मुझे चूमने लगी.

तब वह बड़बड़ाने लगी- आह आह … तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले … बड़ा मजा दे रहे हो.
मुझे लगा कि अब जल्दी करनी चाहिए.

मैंने उसको अपने ऊपर से हटाया और उसकी टांगों के बीच आ गया.

उसकी टांगें फैला कर मैंने अपने कंधों पर रख लीं और अपना लंड उसकी चूत में एक झटके में पूरा लंड घुसा दिया, लंड पेला और उसकी चुदाई चालू कर दी.
उसके बड़े बड़े मम्मे दबाने लगा और वो चीखने लगी.

लगभग 15-20 मिनट बाद मैंने अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया और उसके ऊपर गिर पड़ा.

वो बोली- आह मजा आ गया … सुनो अब कब मिलोगे?
मैंने कहा- मैं एक बार के बाद किसी से दोबारा नहीं मिलता.

मैं उठकर अपने कपड़े पहनने लगा और वो लेडी मुझसे बोली- कितने पैसे दूँ आपको?
मैंने कहा- जो देना हो, दे दो.

उसने अपना पर्स ढूंढते हुए कहा- जरा लाइट तो जलाना, मुझे अपना पर्स ढूंढना है.

ये सुनकर मैंने जल्द रूम का दरवाजा खोला और एकदम से बाहर आ गया ताकि मॅाम एंड सन चुदाई का भेद ना खुल जाए.

दोस्तो, उसके बाद मैं अपने रूम में आकर लेट गया और सो गया.

करीब दो घंटे बाद मेरी मम्मी रूम में आईं तो मैंने उनसे पूछा कि आप कहां थीं?

तो उन्होंने कहा- जहां तुम थे.
मैंने कहा- क्या मतलब?

मम्मी ने मेरा मोबाइल फोन मेरे हाथ में रख दिया और बोलीं- ये कहां मिला, पता है तुम्हें?
मैंने बोला- पता नहीं, ये तो पार्टी में कहीं गुम गया था.

दोस्तो, कैसी लगी मेरी मॅाम एंड सन चुदाई कहानी?
 

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
मम्मी पापा की चुदाई देखी



दोस्तो, मेरा नाम सुमित्रा है और प्यार से मुझे सुमी कहते हैं.

मैं अभी 19 साल की कुंवारी चूत वाली हूँ.
मेरी मम्मी की उम्र 39 और पापा की 43 साल है.

हॉट मॅाम डैड फक कहानी कुछ ऐसे शुरू हुई थी.
उस दिन हमारे गाँव में शादी थी तो मैं रात को वहां मेहँदी लगाने चली गयी.

रात करीब 12 बजे मैं वापस आई तो मम्मी पापा की खुसफुसाहट सुनाई दे रही थी.

उनके कमरे की खीडकी हलकी सी खुली हुई थी तो मैं उसमें से झाँकने कर देखने लगी कि ये क्या बातें कर रहे हैं.

मेरे पापा का नाम यशवंत है, प्यार से लोग उन्हें यश कहते हैं.

अंदर देखा तो मम्मी पापा नंगे लेटे हुए थे और पापा ने एक टांग मम्मी के ऊपर रखी हुई थी.
वे मम्मी की एक चूची दबा और चूस रहे थे.
मम्मी ने आखें बंद कर रखी थी.

तभी पापा ने कहा- मेरी रांड … मेरा लंड चूस ना!
तो मम्मी ने मना कर दिया- हट … मैं नहीं चूसती.

पापा ने जिद की- चूस ना!
मम्मी टाल मटोल करने लगी.

इतने में पापा ने मम्मी के ओंठ चूसने शुरू कर दिए.
मैंने सोचा कि चलो चलती हूँ. उन्हें करने दो जो कर रहे हैं.

पर फिर मन में आया कि देखती हूँ कि क्या क्या करते हैं.

तब पापा ने मम्मी का हाथ पकड़ उन्हें अपना लंड पकड़ने कहा.
अब मम्मी पापा का लंड हिला रही थी.

क्या मस्त लंड था पापा का!
अब मम्मी नीचे झुकी और पापा का लंड मुख में लेकर चूसने लगी.
छी: कितना गन्दा था.

अब मम्मी मजे लेकर पापा का लंड चूसने लगी.
पापा कहने लगे- चूस मेरी रांड चूस … और जोर से चूस. ये लंड तेरा ही है!

अपने पापा की ऐसी बातें सुनकर मुझे अजीब महसूस हो रहा था.

अब मम्मी पापा के ऊपर आई और उनका लंड पकड़ के अपनी चूत में सटा दिया और ऊपर से धक्के मारने लगी.
मम्मी जोर जोर से धक्के मारने लगी और सिसकारी लेने लगी.

पापा कहने लगे- ओह्ह्ह मेरी रांड प्यारी!

अब पापा ने मम्मी को नीचे किया और उनकी टाँगें चौड़ी करके अपने लंड उनकी चूत में घुसा दिया और धक्के मारने लगे.

मम्मी ने उनका सर नीचे खींचा और पापा के ओंठ चूसने लग गयी और कहने लगी- और जोर से धक्के मारो … मेरे राजा चोदो आज जी भरके … आज अपनी रांड प्यारी को पूरी रात चोदना. निचोड़ दो मुझे!

अपनी मम्मी की ऐसी बातें सुनके मेरे जिस्म में सनसनी दौड़ने लगी, करंट सा लगने लगा.
पहले मैंने कभी सेक्स के बारे में सोचा नहीं था.
एक दो बार पोर्न मूवी देखी थी पर ऐसा फील नहीं हुआ था.

पता नहीं कब मेरी कुंवारी चूत ने पानी छोड़ दिया था.

उधर पापा की स्पीड रुक ही नहीं थी … वे मम्मी को जमकर चोद रहे थी.

पापा कहने लगे- अगर सुमी आ गयी तो?
मम्मी कहने लगी- आने दो … तुम्हारे चोदने से ही तो पैदा हुई है. तो देखने दो हमें चुदाई करते हुए!

पापा कहने लगे- हाँ, अब वो भी तैयार हो गयी है चुदने के लिए … उसके बूब्स बड़े बड़े हो गये.
तो मम्मी कहने लगी- आपका दबाने का मन हो रहा है?

तभी पापा ने हाँ में मुंडी हिला दी और कहने लगे- अगर तू इज़ाज़त दे तो!

इतने मम्मी ने ‘आह्ह्ह उह्ह्ह्ह’ किया और पापा के ओंठ चूसती हुई बोली- मेरी इज़ाज़त है मेरे राजा!

यह सुनकर पापा और जोश में आ गये.

ये सुनकर मुझे अच्छा भी फील हो रहा था और अजीब भी लग रहा था.

मैंने उस दिन हरे रंग की साड़ी और ब्लाउज पहन रखा था.

उसी समय मैंने अपने ब्लाउज के बटन खोल कर चूची बाहर निकाल दी और साड़ी ऊपर करके अपनी चूत में उंगली देने लगी.

‘ओह्ह्ह आह …’ क्या मजा आ रहा था … मन कर रहा था कि जो लंड मम्मी की चूत में है, वही अपनी चूत में ले लूँ.
मैं सोच रही थी कि काश मम्मी पापा का लंड पकड़ कर मेरी चूत में घुसा देती.
और फिर पापा मुझे चोदते.

‘आह्ह्ह’ सोच कर ही मस्त फील हो रहा था.

अब पापा ने कहा- प्यारी कुतिया बन!
फिर मम्मी कुतिया बनी और पापा कुत्ता बनकर चोदने लगे.

अब मम्मी पापा की सिसकारी तेज़ होने लगी … पूरा रूम गूंजने लगा.

फिर पापा ने मम्मी की दोनों टांगें फैलाई और उनकी दोनों टांगों के बीच में जाकर बैठ गये और अपना लंड सेट करके मम्मी की चूत के मुँह पर रख दिया.
तब मम्मी के मुँह से ‘आअहह ऑश’ की मीठी आवाज निकल गयी.

फिर पापा ने धीरे से अपने लंड से एक झटका मारा तो उनका लगभग आधा लंड मम्मी की चूत में अंदर तक धँस गया था.

तब मम्मी के मुँह से ‘आआहह’ की आवाज आई.
लेकिन साफ-साफ़ पता लग रहा था कि यह दर्द की आवाज नहीं है, यह तो मजे लेने की आवाज थी.

तब पापा ने मम्मी से पूछा- क्यों मेरी रानी मज़ा आया?
तो तब मम्मी बोली- हाँ मेरे राज़ा, मेरे चोदू राजा पूरा अंदर डालो ना, मज़ा तो पूरा तभी आएगा जब तुम्हारा गधे जैसा मूसल लंड मेरी चूत में अंदर बच्चेदानी तक ठोकर मारेगा. मेरी चूत की प्यास तो तभी बुझती है.

तब पापा ने कहा- लो मेरी रानी, अभी लो … मैं तुम्हारी प्यासी चूत की प्यास बुझाता हूँ. लो मेरा पूरा लंड लो!

और यह कहकर मेरे पापा ने मेरी मम्मी की चूत में एक जोरदार धक्का मारा.

अब इस बार मेरे पापा का मूसल लंड जड़ तक मम्मी की चूत में घुस गया था.

फिर पापा ने मम्मी के दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथों में लेकर ज़ोर से दबाया जैसे मम्मी के बूब्स में से संतरों जैसे रस निकालना चाहते हों.
तो तब मम्मी के मुँह में से आवाज़ें निकली- आआ अहह मेरे राजा, यह हुई ना मर्दों वाली बात! आआआ, अब रूको मत, ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारो! पूरी स्पीड से जैसे एक कुत्ता अपनी कुत्ती को चोदता है, वैसे ही चोदो मेरे दिल के राज़ा! फाड़ दो मेरी इस प्यारी चूत को … अयाया वूऊव … हाए आह … ऐसे ही … ऐसे ही मारो मेरी चूत! मारो मेरे राज़ा!

फिर पापा ने ज़ोर-ज़ोर से मम्मी की चुदाई करनी आरंभ कर दी.

हॉट मॅाम डैड Xxx फक देख कर अब मेरी चूत में भी बुरी तरह से खुजली हो रही थी … अब मैं चाह रही थी कि कोई पापा की तरह मेरे भी बूब्स दबाए और मेरी चूत में अपना लम्बा मूसल लंड डालकर मजे दे.

‘अआह्ह्ह’ अब मेरी उंगलियाँ मेरी चूत की तरफ चली गयी थी.
अब मेरा एक हाथ मेरे दोनों मोटी चूची पर को बारी-बारी से दबाने लगा था.
मेरी साँसें और तेज-तेज चलने लगी थी.
मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी थी- अयाया … आह्ह्ह आअहह!

मैं ऐसा महसूस कर रही थी जैसे मेरी चूत में मेरे पापा का मोटा लंड अंदर जा रहा हो. और पापा मुझे जोर जोर से चोद रहे हैं.
अब मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया था.

मेरी उंगलियाँ तेज़ी से मेरी चूत में अंदर बाहर फिसलने लगी थी.
अब मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था, मैं महसूस कर सकती थी कि किसी लड़की को पहली बार अपनी चूत में उंगली करते हुए जब झड़ती है तो किस तरह का मज़ा आता है.

‘आअहह’ में बयान नहीं कर सकती कि किस तरह का मजा आता है.
शायद कोई लड़का या आदमी यह महसूस नहीं कर सकता, सिर्फ़ एक लड़की ही इस मजे को महसूस कर सकती है.

उधर पापा मम्मी को जोर जोर से चोद रहे थे.
मम्मी को भी चुदते हुए पूरा मजा आ रहा था और वे हल्के हल्के सिसकार रही थी- अम्म … आह्ह … स्स्स!
ऐसे करते हुए मम्मी-पापा का पूरा साथ दे रही थी और उनसे लिपटने की कोशिश कर रही थी.

इस पोजीशन में कुछ देर चोदने के बाद पापा ने उनको घोड़ी बना लिया और पीछे से उनकी चूत में लंड को पेल दिया.
वे तेजी से मॉम को घोड़ी की पोजीशन में चोदने लगे.

मम्मी की चूत फूली हुई सी दिख रही थी.
अब मम्मी पापा की सिसकारियां बहुत तेज हो गयी.

पापा फुल स्पीड में मम्मी की चुदाई करने लगे और कहने लगे- मेरी जान, लंड का माल कहाँ गिराऊं?
तो मम्मी ने कहा- आज चूत में छोड़ दो. मेरी गर्म चूत की ज्वाला अपने लंड के पानी से बुझा दो … आह्ह्ह मेरे राजा!

और पापा ने सारा माल मम्मी की चूत में ही गिरा दिया और मम्मी को कस कर पकड़ लिया.

मैं भी इस दौरान दो बार झड़ चुकी थी.
पर मन को शांति नहीं मिली थी.
मुझे भी लंड लेने की तलब लगाने लगी.

इस कहानी में इतना ही!
 

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
भाभी की चुदाई देखी पहली बार



नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रजत है.
मैं मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ.


यह वाकया 100% असली है और मेरे जीवन के सर्वोत्तम पल हैं.

तो चलिए मुद्दे पर आता हूँ.
यह लाइव सेक्स कहानी है मेरी भाभी की जिनका नाम रानी है.

उनकी उम्र 36 साल है, ऊंचाई 5’2″ और उनका बदन 32-30-36 है.
वे बस 5वीं तक पढ़ी हैं.
कहा जाये तो वे बिल्कुल एक देहाती भाभी है, मगर देखने में गाँव की सब औरतों को पीछे छोड़ देती हैं.

वे इतनी गोरी हैं कि क्या बताऊं … बहुत ज्यादा गोरी!

उनका व्यवहार तो चुदक्कड़ औरत की तरह ही है.

मैंने सैकड़ों बार उनकी चड्डी में मुठ मारी है उनके नाम की!
मुझे उनकी गांड बहुत पसंद है.

मैंने उनकी गांड सिर्फ पेटीकोट में ही देखी थी इस मामले के पहले!

बात गर्मी के मौसम की है.
हम लोग छत पर 3 कमरे बनवा रहे थे.

कमरे तो बन गये थे, बस उसका प्लास्टर करना बचा था तो वही काम चल रहा था जिसे एक मिस्त्री कर रहा था गांव के दो मजदूर के साथ!

मिस्त्री का नाम मोहन था.
वह थोड़ी दूर से आता था लगभग 25 किलोमीटर दूर से.

उसकी उम्र 28 साल के आस पास होगी.
दाढ़ी वाला बंदा था.

एक दिन की बात है, दोपहर का समय था, सभी मजदूर खाना खाने अपने अपने घर चले गए थे.
मोहन टिफिन साथ लाता था तो वह यहीं खाना खाकर थोड़ी देर आराम करता था.

मगर उस दिन कुछ अलग ही नजारा था.
मैं दोपहर में छत में बने स्टोर रूम में वायर खोजने गया हुआ था.
घर वाले नीचे आगे वाले रूम में सो रहे थे.
भाई शॉप में था.

अचानक मुझे फट फट की हल्की सी आवाज आयी.
मैं देखने गया कि क्या हो रहा है, कैसी आवाज है!

भाई … फिर मैंने जो नजारा देखा … देख के मेरे दिल की धड़कन इतनी तेज हो गयी कि क्या बताऊं!

जिंदगी में पहली बार ऐसा Xxx लाइव सेक्स का नजारा जो देख रहा था.
मैंने देखा जो कमरे नए बने थे, उनके बीच वाले रूम में भाभी दीवाल पकड़ के झुकी हुई हैं साड़ी पेटीकोट ऊपर करके और चड्डी पूरा नीचे!
और मोहन अपना बालों से घिरा लंड पीछे से भाभी की चूत में जोर जोर से पेले जा रहा था.

भाभी हल्की हल्की आवाज में अहह ह्ह्ह कर रही थी.

मैं झट से वहीं रखे ड्रम के पीछे बैठ गया और दोनों ड्रम के बीच से दोनों की चुदाई का मस्त नजारा देखने लगा.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.

साली मेरी रंडी भाभी की गांड एकदम दूध जैसी सफ़ेद, क्या क़यामत लग रही थी!

कुछ देर बाद ऐसे ही चोदने के बाद मोहन ने अपना मुँह भाभी की गांड में घुसा दिया.
भाभी भी उसके सर को पकड़ के खींच रही थी.

इधर मेरा लोडा तना जा रहा था.
फिर मैंने अपना मोबाइल निकाला और जितना हो सके उतना रिकॉर्ड करने लगा.

कुछ देर बाद मोहन नीचे लेट गया और भाभी उसकी ऊपर आकर साड़ी ऊपर करके मोहन के लंड पे आराम से बैठ गयी.

साली रंडी की गांड मेरे सामने थी.
देख कर मैं भी अपना लंड सहलाने लगा.

भाभी मस्त उछलती जा रही थी.
ऐसे ही मोहन के लंड पर बैठ बैठ कर मजे लिए जा रही थी.
और मोहन उसकी दोनों दूदू पकड़ के लेटा था.

फिर अचानक भाभी उठ गयी और बाहर जाकर नीचे देखने लगी.
सब शांत था.

तो वापस आकर मोहन के लंड को हाथ में पकड़ के आगे पीछे की एक दो बार फिर सीधे उसके लंड को अपने मुँह के अंदर ले ली और जोर जोर से चूसने लगी.

साले हरामी का लंड मोटा तो नहीं था पर लम्बा मस्त था 6-7 इंच के आस पास होगा.

भाभी आधा लंड मुंह में ले रही थी.

तब मुझे पता चला कि साली रंडी बस दिखती शरीफ है लेकिन है एक नंबर की चुदक्कड़ रंडी.

कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मोहन ने उसे कुतिया बना दिया और उसके पीछे जाकर उसकी गांड में अपना लंड डाला.

भाभी सीधी हो गयी और कम आवाज में बोली- धीरे धीरे!

उसके बाद मोहन ने भाभी की गांड मस्त चाटा और उसकी गांड में थूक के अपना लंड आराम आराम से घुसाने लगा.
भाभी भी मस्त साथ दे रही थी.

वे ‘अइईई ऊऊ आह्हः आह्ह ह्हह’ कर रही थी.
धीरे धीरे मोहन भाभी की गांड मार रहा था.

ये Xxx लाइव सेक्स देखकर मुझे इतना ज्यादा मजा आ रहा था कि क्या बताऊं!

दूध जैसे सफेदी वाली गोरी गांड में काले बालों वाला लंड … क्या लग रहा था.
कुछ देर गांड मारने के बाद मोहन ने लंड चूत में घुसा दिया और जोर जोर से चोदने लगा.

जब मोहन की जांघें भाभी के दोनों चूतड़ों में जोर जोर से लग रही थी तो मस्त मनमोहक ‘फट फट फट फट’ की आवाज आ रही थी जिसे सुनकर मेरा लंड और भी तना जा रहा था.

ऐसे ही चोदते चोदते मोहन झड़ने लगा और अपना लंड निकाल के भाभी की गांड में टिका दिया.
उसमें से बहुत सारा सफ़ेद मलाई निकली.

भाभी भी सीधी हुई और मोहन की लंड को कुतिया के जैसे चूसने लगी.

मोहन का लंड पूरा साफ कर दिया भाभी ने तो चूस चूस कर!

फिर मेरी कुतिया भाभी खड़ी हुई और अपनी चड्डी पहन ली.
मोहन ने भी अपने कपड़े पहन लिये.

वे दोनों खड़े हुए और किस करने लगे.

किश करने के बाद भाभी जल्दी से नीचे चली गयी.
मैं भी पीछे से लटक के घर के बाहर पहुंच गया.

उस दिन के बाद मेरे सेक्स जीवन में जो बदलाव हुआ आज भी मस्त है. उस दिन का मूवमेंट मेरे जीवन का बेस्ट मूवमेंट था.

मैंने कैसे उसी भाभी को चोदा, आने वाले स्टोरी में बताऊंगा.
 
  • Like
Reactions: Premkumar65

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
बेटे से पहले मैं चुदी फिर मेरी बेटी चुदी




मैं 44 साल की एकमद मस्त खूबसूरत और सेक्सी महिला हूँ।
मेरा नाम मिसेज हेमा सिंह है।

मेरा रंग गोरा है, कद 5′ 2″ का है, बदन गदराया हुआ है. चेहरा गोल है, मेरी चूचियाँ बड़ी बड़ी और सुडौल हैं।
मेरे होंठ गुलाबी हैं और मेरे निप्पल भी गुलाबी हैं।

मैं एक उच्च पद पर काम करती हूँ. मैं सेक्स की बहुत बड़ी खिलाड़ी हूँ.

आज मैं आपको अपनी एक सच्ची बैड फॅमिली फक स्टोरी सुना रही हूँ.

मुझे नंगी रहने का बड़ा शौक है।
मेरी बेटी स्मृति ने जब अठारहवें साल में कदम रखा तो एक दिन रात में मैं अपनी बेटी के सामने एकदम नंगी हो गयी।

वह बोली- मम्मी ये क्या?
मैंने कहा- तुम भी मेरी तरह नंगी हो जा, तब बताती हूँ।

जब वह नंगी हुई तो मैंने कहा- देख बेटी, अब टू जवान हो गयी है। तेरी चूत बिल्कुल मेरी चूत जैसी हो गयी है। मैं तुझे सेक्स की शिक्षा देना चाहती हूँ.

फिर मैंने उसे लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा, चोदा चोदी, पेला पेली सबके बारे में खुल कर बताया और कहा- आज से तू मेरी फ्रेंड है। हम दोनों नंगी नंगी खूब गन्दी गन्दी बातें करेंगीं और मज़ा करेंगी। मैं तुझे अपनी चुदक्कड़ सहेली बना लूंगी।

आज वह 20 साल की हो गयी है और मेरे साथ लण्ड का मज़ा खूब लेती है।
मेरे साथ ही लण्ड चूसती है लण्ड पेलवाती और पेलती हैं।
हम दोनों को गांड और चूत चटवाने का जबरदस्त शौक है.

एक दिन हम दोनों बैठ कर शराब पी रही थीं और खूब मसालेदार बातें भी कर रही थी।

स्मृति बोली- यार हेमा, तुम 20/22 लण्ड ले चुकी हो लेकिन तुम्हारी चूत ससुरी अभी भी बड़ी टाइट बनी हुई है बिल्कुल मेरी चूत जैसी! इसका कारण क्या है?
मैंने कहा- अरे मेरी बुर चोदी पूजा, जब तू मेरे उम्र की होगी तो तेरी भी चूत इसी तरह टाइट बनी रहेगी। बस जितनी शराब तू पीती है उतनी ही शराब अपनी चूत को भी पिलाया कर!

स्मृति बोली- अच्छा यह बताओ तुमने बड़े लोगों के लण्ड लिए हैं?
मैंने कहा- हां, मैं कई बड़े लोगों के लण्ड ले चुकी हूँ। एक राज़ की बात बताऊँ। मैं पिछले 10 साल से अपने ससुर से चुदवा रही हूँ। बड़ा मोटा लण्ड है उसका!

वह बोली- मुझे भी उसका लण्ड दिलवाओ न मम्मी!
हां हां जरूर दिलवा दूँगी।
तभी अचानक बेटे का दोस्त रोहित आ गया।

स्मृति उसे अच्छी तरह जानती थी।

मेरा बेटा रोहित के साथ लंदन में पढ़ता है।
मैंने पूछा- बेटा रोहित, मेरे बेटे समर सिंह की सेक्स लाइफ कैसी है? तुम तो उसके पक्के दोस्त हो बताओ न?
वह बोला- अरे आंटी, वह आजकल लड़कियां खूब चोद रहा है। वह तो लड़कियों की माँ भी चोदता है। अब तक 8/10 लड़कियां चोद चुका है। वह अगले हफ्ते यहाँ आ भी रहा है।

यह सुनकर मेरी चूत गीली हो गयी।
तब मैंने ठान लिया कि अब मैं अपने बेटे से जरूर चुदवाऊंगी।
जब वह दूसरों की माँ चोद सकता है तो अपनी माँ क्यों नहीं चोदेगा? अपनी बहन क्यों नहीं चोदेगा?

उसके जाने के बाद मैंने स्मृति को बताया- मैं रोहित से दो बार चुदवा चुकी हूँ.
स्मृति बोली- तू सच में बहुत बड़ी रंडी है हेमा!

उस दिन मेरा बेटा समर सिंह 2 साल बाद लंदन से आया तो मैं उसे देख कर गदगद हो गयी।

वह मेरे गले लग गया और बोला- मम्मी तुम तो पहले से ज्यादा अच्छी लग रही हो!

अपनी बहन स्मृति से मिला तो बोला- अरे स्मृति, तुम तो बड़ी मस्त जवान हो गयी हो। बड़ी सेक्सी और हॉट लग रही हो।
उसने कहा- भैया आप भी बड़े स्मार्ट और हैंडसम हो गए हो।

हम दोनों ने उसका वेलकम किया, ढेर सारी बातें की और फिर बाहर घूमने फिरने निकल पड़े।

रात को हम तीनों एक ही कमरे में बैठ कर बातें करने लगे।
मैंने कहा- पिछले हफ्ते रोहित आया था वह तेरे बारे में बता रहा था।
उसने पूछा- अच्छा तो क्या बता रहा था रोहित?
मैंने कहा- यही सब कि समर आजकल खूब सेक्स कर रहा है, लड़कियां चोद रहा है।

बेटा बोला- बस यही बताया मम्मी, तुमको?
मैंने कहा- हां बस यही बताया था और कुछ नहीं।

फिर वह तपाक से बोला- अरे मम्मी, मैंने तो रोहित की माँ भी चोदी है जब वह लंदन आयी थी।
यह सुनकर मेरी चूत में आग लग गयी।
स्मृति की चूत भी गीली हो गयी।

तभी स्मृति बोल पड़ी- अरे भैया, जब दूसरे की माँ चोदते हो तो क्या अपनी माँ नहीं चोदोगे?
उसने मेरी तरफ देखा तो मैं मुस्कराकर बोली- हां सच ही तो कह रही है।

यह सुनकर वह कुछ बोला नहीं, बस मुझसे लिपट गया और फिर हाथ बढाकर स्मृति को भी लिपटा लिया।

हम तीनों एक साथ बड़ी देर तक एक दूसरे से लिपटे रहे।

रात के 10 बज चुके थे।
मैं काफी उत्तेजित हो चुकी थी।
स्मृति भी गर्म हो चुकी थी।

मैंने अपनी मैक्सी उठा कर उसे अपनी चूत और गांड दिखा दी।
वह बोला- वाओ मम्मी, तुम तो सच में बहुत हॉट हो।

मैंने उसके मुंह के सामने अपनी चूत खोल दी।
वह अपने दोनों हाथों से मेरे चूतड़ पकड़े हुए मेरी चूत चाटने लगा।

तब तक स्मृति ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और एकदम नंगी हो गयी।

उसने अपने भईया की पैंट खोली और लण्ड बाहर निकाल कर हिलाने लगी, बोली- अरे मम्मी, भइया का लण्ड तो शेखर अंकल के लण्ड से बड़ा है। बड़ा मस्त और मोटा लण्ड है भईया का। अब तो भइया से चुदाने में बड़ा मज़ा आएगा।

मैंने कहा- उसे अपनी बहन चोदने में भी बड़ा मज़ा आएगा बेटी!

ऐसा कह कर वह नंगी नंगी बड़े प्यार से लण्ड चूसने लगी और मैं अपनी गांड चटवाने लगी।
बेटी की चूत मेरे मुंह के सामने आ गयी तो मैं झुक कर उसकी चूत चाटने लगी।

फिर थ्रीसम का खेल बन गया।
बेटा मेरी गांड चाटने लगा, मैं बेटी स्मृति की चूत चाटने लगी और बेटी अपने भईया का लण्ड चाटने लगी।

हम तीनों एकदम नंगे नंगे सेक्स का मज़ा लूटने लगे।

बेटा बोला- मम्मी, तेरी चूत बड़ी स्वादिस्ट है, तेरी गांड बड़ी मस्त है। कितने लण्ड ले चुकी हो तुम मम्मी?
मैंने कहा- ज्यादा नहीं बेटा, यही कोई 20/22 ही लण्ड ले पाई हूँ अब तक!

उसने कहा- अच्छा तब तो बिल्कुल रंडी बन चुकी हो तुम! स्मृति कितने लण्ड ले चुकी है मम्मी?
मेरे बोलने के पहले स्मृति ही बोल पड़ी- अरे भईया, अभी तो शुरुआत है। मैं तो अभी तक 8 ही लण्ड ही ले पाई हूँ, अब तेरा लण्ड 9वां होगा भईया!

बेटा बोला- तो तुम भी लण्ड खूब ले रही हो स्मृति! तुम भी बिल्कुल मम्मी की तरह हो गयी हो।

इन बातों से हम तीनों बुरी तरह उत्तेजित हो चुके थे।
मेरे बेटे का लण्ड पूरे ताव पर आ चुका था।

उसने मुझे चित लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे घपाघप चोदने लगा, लौड़ा पूरा घुसेड़ कर चोदने लगा, फच्च फच्च धच्च धच्च की आवाज़ आने लगी।

स्मृति एक बेटे को अपनी माँ चोदते हुए बड़े गौर से देखने लगी।
अपने भइया के पेल्हड़ सहलाने लगी और चाटने भी लगी।

कुछ देर बाद स्मृति ने मेरे मुँह पर अपनी चूत रख दी।
मैं बेटी की चूत चाटते हुए बेटे के लण्ड से चुदवाने लगी।

मुझे ज़न्नत का मज़ा मिलने लगा।
मैं सातवें आसमान पर पहुँच गयी।

बेटे से चुदवाने का क्या मज़ा होता है, उसका अनुभव होने लगा मुझे!

मेरी चूत को एक नया लण्ड मिला तो वह भी बहुत उत्तेजित थी।
मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं- ऊऊ, हां हां हां हूँ ओ हां … बड़ा मज़ा आ रहा है बेटा समर! चोद ले अपनी माँ की चूत, फाड़ दे मेरी चूत। क्या मस्त लौड़ा है तेरा। हाय रे तूने मुझे पहले क्यों नहीं चोदा।

मेरा बेटा मेरी चूची पर हाथ मार मार कर, मेरे गाल सहला सहला कर चोद रहा था.
वह बोला- मम्मी, तू सच में चुदवाने में बड़ी मस्त है, रंडी की तरह चुदी हुई है तू! आज मैं तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा।

स्मृति बीच बीच में लण्ड निकाल निकाल कर चाट लेती थी।
वह अपना मज़ा ले रही थी, बोली- भईया माँ चोदने में मज़ा आ रहा है न?
वह बोला- हां, बड़ा मज़ा आ रहा है। मुझे तुझे चोदने में भी मज़ा आएगा पगली तू चिंता न कर। अभी तुझे भी चोदूंगा मैं!

उसने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी.
बेटे से चुदाई का यह पहला मौका था तो मैं जल्दी खलास हो गयी.

कुछ देर में उसके लण्ड ने भी उगल दिया.
वीर्य हम दोनों माँ बेटी ने खूब मस्ती से चाटा.

उसके बाद हम तीनों नंगे नंगे बाथ रूम चले गए।
स्मृति लण्ड पर साबुन लगा लगा कर उसे नहलाने लगी।
मेरा बेटा मेरी चूत और गांड धोने लगा।

इतने में स्मृति बोली- अरे मम्मी, भइया का लौड़ा तो फिर से खड़ा हो गया है।
मैंने कहा- अब तो ये लौड़ा तेरी चूत में घुसेगा बेटी!

फिर हम तीनों बाहर निकल आये।

बेड पर आते ही समर ने अपनी बहन को अपने बदन से चिपका लिया, उसकी चूचियाँ दबाने लगा, उसकी चुम्मियाँ लेने लगा, उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा.

वह बोला- स्मृति, मम्मी ने तेरी चूत में लण्ड पेलवा पेलवा कर तुझे भी रंडी बना दिया है।
तो वह बोली- तुमने भी तो खूब लड़कियां चोदी हैं भईया। लड़कियों की माँ भी चोदी है। आज तुम अपनी माँ चोद कर पूरे मादरचोद बन गए हो तुम!

इस पर हम तीनों हंस पड़े।

स्मृति बोली- भईया, मुझे पहले लौड़ा ठीक से चूस लेने दो, फिर बाद में चोदना।

तब स्मृति बेटे का लण्ड चूसने में जुट गयी और बेटा उसकी बुर!
मैं दोनों को ऐसा करते हुए देख देख कर फूली नहीं समा रही थी।

15 मिनट बाद स्मृति बोली- भईया अब पेल दो लण्ड मेरी चूत में! अब रहा नहीं जा रहा।

मेरे बेटे ने लण्ड अपनी बहन की चूत पर रगड़ा और फिर गच्च से पूरा घुसा दिया अंदर!
स्मृति के मुंह से चीख निकल पड़ी- उई माँ फट गई मेरी चूत … बड़ा मोटा है इसका लण्ड मादरचोद! अपनी माँ चोद कर साला और मोटा हो गया है।

समर ने भकाभक चोदना शुरू कर दिया और मैं वहीं नंगी नंगी बैठी हुई अपने बेटे से अपनी बेटी चुदवाने लगी।
स्मृति बड़े मजे ले ले कर चुदवा रही थी।

समर बोला- मम्मी, स्मृति की चूत सच में बड़ी टाइट है। लौड़ा बिल्कुल चिपक कर घुस रहा है। स्मृति को चोदने में ज्यादा मज़ा आ रहा है मम्मी!

उधर स्मृति बोली- हाय मेरे राजा भईया, बातें मत करो, मुझे चोदो मन लगाकर! हचक हचक कर चोदो, मुझे भी रंडी की तरह चोदो. मैं बहुत चुदासी हूँ।

समर ने चोदने की रफ़्तार बढ़ाई तो स्मृति की गांड थिरकने लगी।
वह पूरा लौड़ा पेलवाकर खूब तूफ़ान मेल की तरह अपने माँ के सामने अपने भाई से झमाझम चुदवा रही थी; बड़ी बेशर्मी से और बड़े मन से चुदवा रही थी।

बैड फॅमिली फक में दोनों की चुदाई बड़ी देर तक होती रही।
चुदाई की महक बहुत अच्छी लग रही थी।

स्मृति बोली- हाय दईया, बड़ा मज़ा आ रहा है मम्मी!तू नहीं होती तो आज मुझे इतना बढ़िया लण्ड नहीं मिलता।

ऐसा कहते ही उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.

फिर उसने भइया का लण्ड मुट्ठी में लेकर उसे भी खलास कर दिया।
स्मृति की चुदाई देख कर सच में मुझे गर्व महसूस हुआ।

रात में मैंने फिर बेटे से अपनी गांड मरवाई, एक बार नहीं 3 बार मरवाई।

बेटे ने स्मृति की भी गांड मारी और उसे रात भर खूब अच्छी तरह चोदा।
जब तक मेरा बेटा समर यहाँ रहा तब तक हम दोनों माँ बेटी उससे खूब चुदवातीं रहीं और गांड भी मरवातीं रहीं।
 
  • Like
Reactions: Premkumar65

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
लॉकडाउन में सासू माँ को चोदा



मदर इन लॉ फक स्टोरी में पढ़ें कि कैसे सासू माँ हमारे घर आई तो उनकी बेटी को चोद रहा था. उन्होंने देख लिया. तभी लॉक डाउन लग गया. उन दिनों में मेरी सास मुझसे चुद गयी.

‘उन्ह आन्ह मर गई …’ मेरी बीवी मोना घोड़ी बनी चिल्ला रही थी, मैं पीछे से उसकी चूत में लंड पेले हुए उसे ताबड़तोड़ चोद रहा था.
मैंने उसकी आंखों पर काली पट्टी बांध रखी थी.

तभी मैंने देखा, कमरे के दरवाजे पर मेरी सास श्वेता खड़ी थीं.

मैं और मोना घर पर अकेले थे, बाहर मेनडोर लॉक किया था इसलिए बेडरूम का दरवाजा खुला था.
लेकिन सासु मां के पास हमारे फ्लैट की एक चाबी थी, शायद उसी से वो अन्दर आ गई थीं.

मैं सासू माँ को देख कर रूका … पर वो मुझे ‘कैरी ऑन’ का इशारा करके चली गईं.
तब मैं जल्दी से खलास हुआ.

सासू माँ बाहर निकल गईं. उन्होंने बाहर जाकर फिर से डोरबेल बजाई.
मैं मोना को नंगी छोड़कर, बेडरूम का दरवाजा बंद करके बाहर आ गया.

सासू माँ दरवाजे पर थीं.
उनके चेहरे पर मुस्कान थी.

मैं अपनी पत्नी को आवाज देते हुए बोला- मोना, मम्मी जी आई हैं.
मोना की आवाज आई- ठीक है, मैं आती हूँ.

वो गाउन पहन कर बाहर आ गई.
माँ बेटी गले मिलीं.

उस वक्त दोपहर के 4 बजे थे.

मोना बोली- मम्मी, कॉफी बना रही हूँ.
सासू माँ ने हामी भरी- ठीक है.

घर पर दूध नहीं था, मैं नीचे जाकर लाने को हुआ तो मोना बोली- मैं खुद जा रही हूँ. मुझे नीचे दुकान वाली आंटी से कुछ पुराना हिसाब करना है.
यह कह कर मोना नीचे चली गई.

मैं और सासू माँ घर पर अकेले रह गए थे. मैं उनसे नज़रें नहीं मिला पा रहा था.

वे बोलीं- सॉरी … मुझे ऐसे अचानक नहीं आना चाहिए था.
मैं बोला- कोई बात नहीं मम्मी जी, आपका ही तो घर है.

वे मंद मंद मुस्कुराती हुई बोलीं- शर्माओ मत ज़्यादा, मैं मोना से कुछ नहीं कहूंगी.

हम दोनों शांत बैठे रहे.

मोना कॉफी बना लाई.

सासू माँ, मेरे हाल में स्वर्गवासी हुए ससुर जी की कुछ प्रोपर्टी और बैंक के काम से यहां आई थीं.
कल मुझे उन्हें ले जाना था.

उस रात मैंने और मोना ने सेक्स नहीं किया.
अगले रोज देश भर में लॉक डाउन लग गया; कोई कहीं नहीं जा सकता था.
हमारी अपार्टमेंट भी कोरोना के कारण सील कर दी गई.

सासू माँ अब यहीं फंस गई थीं.

शुरू के 4-5 दिन तो जैसे तैसे कटे, फिर ऊब शुरू हो गई.
हम टीवी देखते रहते, मोबाइल देखते रहते. मैं घर में पूरे कपड़े पहने रहता, सासू माँ साड़ी.
मोना ज़रूर हल्के कपड़े पहने रहती.

मेरे फ्लैट में दो ही कमरे थे.
एक में मैं और मोना रहते, दूसरे में सासू माँ.
एक हॉल था, जहां टीवी लगी थी.

मोना को चोदे हुए सात दिन हो गए थे, अब मेरा लंड तन्ना रहा था.

सासू माँ जब बाथरूम में थीं, तब मैंने मोना को धर दबोचा.
वो छटपटा उठी- मम्मी हैं अभी!

मैं मुँह बना कर वापस आ गया. मैं फिर मोना से बोला ही नहीं.

पहले बॉलकनी में बैठा रहा मैं … फिर अन्दर कमरे में आ गया.
मेरा फ्लैट टॉप फ्लोर पर था तो छत पर घूम आया जबकि ऊपर जाने की मनाही थी.
मोना समझ रही थी कि मैं नाराज़ था, वो भी क्या करती.

एक दिन मुझसे रहा नहीं गया.
सुबह के दस बजे थे, रामायण खत्म हुई.

मैंने सासू माँ के सामने ही मोना को गोद में उठाया, बेडरूम में जाकर दरवाजा बंद किया.

मोना चिल्लाती रह गई- ये क्या बदतमीजी है?
मैंने उसकी गाउन ऊपर चढ़ा कर उसकी चूत में लंड पहुंचा दिया.

दो मिनट में वो भी मेरा साथ देने लगी.
प्यासी वो भी थी 7 दिनों से … साली खुल कर चिल्लाई, सिसकारियां ले लेकर खूब चुदी वो!

सासू माँ शर्तिया बाहर से सुन रही थीं.
बाथरूम होकर मैं केवल अंडरवियर पहने बाहर गया.

सासू माँ कुछ बेचैन सी बैठी टीवी देख रही थीं.

मैं अधिकार से बोला- आप खाना बना लेना और हमें भी पहुंचा देना. आज दिन भर आपकी बेटी के साथ यही होगा.

मोना मेरे पीछे आकर बोली- ये क्या बदतमीजी है सुंदर, मेरी मम्मी से ऐसी बात कर रहे हो?
मैं पलटा और मोना को फिर बेडरूम में ले गया, उसकी गाउन उतार दी और ब्रा भी.

उसे बेड के सिरहाने टिका कर घोड़ी बनाया और फिर से चोदने लगा.
मैं बोला- भोसड़ी की, आज दिन भर चुदेगी तू … तो खाना कब बनाएगी?

मोना को फिर मज़ा आने लगा था.
अबकी बार मैंने कमरे का दरवाजा भी नहीं बंद किया था, मैं पूरे दम से चोद रहा था.

अबकी बार 20 मिनट मैंने मोना को चोदा.
वो निढाल पड़ी थी.

मैं बाहर निकला.
सासू माँ खाना बना रही थीं.
मेरे बदन पर केवल अंडरवियर था.
अन्दर मोना नंगी पड़ी थी.

मैं टीवी देखने लगा.
थोड़ी देर में गाउन पहन कर मोना भी बाहर आई.

सासू माँ साड़ी में ही थीं.
जब वे खाना लाईं, तब मैं बोला- आई एम सॉरी सासू माँ. मैं खुद पर काबू नहीं रख पाया.
वे मुस्कुरा कर बोलीं- कोई बात नहीं. मैं टिपिकल कंजरवेटिव सासू माँ नहीं हूँ. कॉन्वेंट में इंग्लिश टीचर हूँ, फ्रांस, इटली और डेनमार्क रही हूँ. बगैर सेक्स के इतने दिन कैसे रहोगे, अभी तो ये लॉक डाउन कम से कम दो महीने रहेगा.

मैंने आज गौर से सासू माँ को देखा.
सामान्य से लम्बा कद, थोड़ा मांसल शरीर, सुंदर चेहरा, हमेशा मुस्कुराती रहती थीं.
स्टाइलिश साड़ी पहनती थीं. फिगर श्वेता तिवारी से कम नहीं था और उनका नाम भी श्वेता तिवारी ही था.

मेरी सासु मां श्वेता तिवारी 43 साल की लखनऊ के टॉप कॉन्वेंट स्कूल में इंग्लिश टीचर थीं.
उनके पति का खेती के अलावा सरकारी टीचर थे, स्वर्गलोक सिधार गए थे.

बड़ी बेटी टीना 22 साल की विशेष नाम के एक बिजनेसमैन से शादीशुदा थी.
छोटी बेटी मोना मेरी बीवी थी. वो 20 साल की है.

श्वेता अपनी दोनों बेटियों से ज़्यादा सुंदर और सेक्सी दिखती थीं.

मैंने पूछा- आप फ्रांस कब गई थीं?
“हनीमून पर तुम्हारे पापा ले गए थे. शादी के पहले फैशन कॉम्पटीशन में पार्टिसिपेट किया था. मैं मिस इंडिया में तीसरे नम्बर पर थी, मॉडल थी.”

मैं बोला- तभी आप इतनी स्टाइलिश हो, कमाल की दिखती भी हो.
श्वेता बोलीं- मैं पहले ही दिन से कहना चाह रही थी कि तुम लोग खुल कर रहो. मेरा लिहाज मत करो. तीन महीने कम से कम हम फ्लैट से नहीं निकल पाएंगे. सो हमें खुलना ही पड़ेगा.

एक पल रुक कर उन्होंने मुझे देखा और आगे कहा- मनोरंजन के नाम पर टीवी मोबाइल लूडो … और करने के नाम पर खाना पीना सेक्स ही तो बचे. अगर तुम दोनों की इजाज़त हो तो मैं भी साड़ी पहनना छोड़ दूँ! मैं घर पर कभी साड़ी नहीं पहनती, मोना को पता है.

मोना बोली- इट्स ओके मॉम.
मैं भी बोला- हां मुझे क्या दिक्कत है!
श्वेता बोलीं- ठीक है.

वो अन्दर गईं फिर जब थोड़ी देर बाद वो बाहर आईं तो मेरी आंखें फ़टी की फटी रह गईं.

सासु मां के शरीर पर एक हद से ज़्यादा छोटी जिम शॉर्ट्स और स्पोर्ट्स ब्रा थी.
वो मुश्किल से उनके चूतड़ ढाँप रही थी. ऊपर ब्रा से उनके दूध छलक रहे थे

मेरे गले में कुछ फंस सा गया; मैं बोल नहीं पा रहा था.

वे आकर हम दोनों के सामने खड़ी हुईं- अब रिलैक्स लग रहा है. मैं साड़ी पहने पहने परेशान थी.

काले रंग के प्यूमा के इस लेडीज़ एथलेटिक्स ड्रेस में वो कमाल लग रही थीं.
लम्बी चिकनी टांगें, पतली कमर, भारी चूचे, बड़े बड़े हिप्स.

वो बोलीं- उफ्फ … अब आराम मिला. मैं साड़ी पहने पहने मरी जा रही थी.
मोना बोली- मम्मी घर पर इसी ड्रेस में रहती हैं… किसी के आने पर ऊपर गाउन डाल लेती हैं, बस!

सासू माँ मुस्कुराती हुई बोलीं- क्या हुआ … शॉक हुए सुंदर?
मैं कुछ न बोला.

उस दिन एक बार शाम को मोना को फिर से चोदा और उस वक्त मैंने अपनी सासू मां की चूचियों को याद करके उसे चोदा.

अचानक से एक दिन हमारे घर पर कोरोना टीम आई.
पूरे अपार्टमेंट में केस बढ़े थे इसलिए हमारी चैकिंग हुई और मोना को कोरोना पॉजिटिव बता दिया गया.

हमारे अपार्टमेंट के नीचे एक अस्थायी कोरोना हॉस्पिटल चालू किया गया था.
मोना को उसमें जाना पड़ा.

अब घर पर केवल मैं और सासू माँ थे.
दोपहर में मोना नीचे शिफ्ट हुई, शाम को मैं परेशान बैठा था.

सासू माँ कॉफ़ी लाईं- परेशान मत हो, डॉक्टर बोला है हल्के लक्षण हैं… बस 14 दिन रखेंगे.
वो अभी साड़ी में थीं.

हम लोगों ने 8 बजे डिनर किया.
फिर मैं टीवी देखने लगा.

सासू माँ अब केवल शॉर्ट्स ब्रा में थीं. उन्होंने मुझसे रिमोट लेकर नेटफ्लिक्स लगाया और उस पर एक वेब सीरीज़ लगा दी.

दस मिनट बाद ही उसमें चुदाई का सीन आने लगा.
माहौल में तनाव बढ़ रहा था.

मैं उठ कर अपने कमरे में चला गया और लेट गया.
मोना की वजह से मेरा मूड खराब था.

पता नहीं कब सो गया.
गर्मी थी, मैं अधजगा था.

आज सुबह मेरा लंड अचानक टन्ना गया था.
मैं फ्रेंचकट ब्रीफ पहने था.

मैंने आंखें खोलीं, सासू माँ मेरे लंड पर झुकी लंड को बहुत गौर से देख रही थीं.

उन्होंने मेरी चाय लाकर बेड के पास की रैक पर रखी थी.
वो बेड के नीचे बैठी लंड को घूर रही थीं.
उनका चेहरा मेरे खड़े लंड से थोड़ी ही दूर था.

मेरे दिमाग में शैतान आ गया था. मैंने एक हाथ उनके सर पर ले जाकर उनका सर अपने लंड पर झुका दिया.

उनके मुँह से ब्रीफ के ऊपर से लंड टच हुआ, तो वो हड़बड़ा उठीं.
मैं उनके बाल पकड़े पकड़े बोला- रिलैक्स सासू माँ, रिलैक्स.
वो मेरी तरफ देख नहीं रही थीं.

मैंने लेटे लेटे अपनी ब्रीफ के एक कोने से लंड बाहर निकाल दिया और ज़बरदस्ती सासू माँ का मुँह अपने लंड पर झुकाया.

मैं बोला- ले लो सासू माँ … अब शर्माओ मत!
वो मेरा हाथ अपने सर से हटाकर वहां से बाहर चली गईं.
उनकी बदन पर शॉर्ट्स ब्रा ही थी बस!

मैंने बस एक पल सोचा और फिर उठा. ब्रीफ उतार कर एक हाथ से अपना लंड पकड़े मैं बाहर आया.
सासू माँ बाहर किचन में खड़ी चाय पीने जा रही थीं.

मैं अपना लंड लेकर उनके सामने पहुंचा.
सासू माँ कहते हुए मैंने उनके हाथ से चाय ली, एक सिप लगाया और उन्हें घूरा.

मैं दरवाजे पर रास्ता खड़ा था तो वो बाहर नहीं निकल सकती थीं.
वे घूम गई थीं.

‘सासू माँ.’ मैंने उनके चूतड़ थपथपा दिए- चाय मैं पी लूँगा. आज आपको आपका लॉलीपॉप चूसना है.
वे चुपचाप खड़ी थीं.

मैं बोला- देखिए, मैं औरतों की बहुत इज़्ज़त करता हूँ. कभी ज़बरदस्ती नहीं करता. मुझे आप पसन्द हैं अगर आपको भी मैं पसन्द हूँ तो बाहर आकर अपना लॉलीपॉप ले लीजिए. वरना आज मैं भी नीचे हॉस्पिटल में क्वारन्टीन हो जाऊंगा.

मैं वापस जाने को हुआ कि वो पलटीं.
उनके चेहरे पर स्माइल थी.

नज़रें झुका कर उन्होंने मुझे देखा, फिर मेरे आगे घुटनों के बल बैठ गईं और मेरा लंड पकड़ कर मेरी आंखों में झांका.
इतना सब किया मगर वो बोलीं कुछ नहीं.

मैंने प्यार से उनके सिर पर हाथ फेरा और दोनों हाथों से उनका सर पकड़ कर अपने लंड पर लगा दिया.
‘उम्म पुच्च..’ उन्होंने मेरा लंड चूमा और फिर मुँह में भर लिया.

आह… मैंने संतुष्टि से आंखें बंद कीं और वो मेरा लंड चूसने लगीं.
मैं दोनों हाथों से उनका चेहरा पकड़े लंड उनके मुँह में अन्दर बाहर कर रहा था.

कुछ मिनट में ही मेरा लावा उबला और उनके मुँह में मेरा वीर्य भर गया.
वो पी गईं, थोड़ा पौंछ लिया.

फिर वो उठ कर बाथरूम में गई और मुँह धोकर लौट आईं.
उन्होंने शिकायत की- मैं नहा चुकी और तुम फ्रेश भी नहीं हुए!
तो मैं बोला- अब जा रहा हूँ न!

मैं नहा कर लौटा.
मेरे बदन पर ब्रीफ और बनियान थी.

हमने नाश्ता किया, मोना से मिलकर आए.
अब 10 बजे थे.

आते ही सासू माँ ने साड़ी उतार दी.
अगले कुछ पलों में वो अपनी पसन्दीदा शॉर्ट्स ब्रा में थीं.

मैं भी ब्रीफ में आ गया था.
वो मुझे देख रही थीं.

मैंने उन्हें बांहों में भरा और चूमने लगा.
मैं चूमता हुआ बोला- उफ्फ सासू माँ यू आर टू हॉट … आई जस्ट लव यू!
वे भी मुझसे चिपटती हुई बोलीं- प्लीज लव मी सुंदर. लव मी प्लीज … और मुझे श्वेता कहो, सासू माँ नहीं.
वे फुसफुसा रही थीं.

‘ओह श्वेता माय डॉल.’ मैंने कहके उनकी ब्रा खोल दी.

उनके बड़े बड़े चूचे अब मेरे सामने एकदम नंगे थे.
मैंने उनके एक निप्पल को मुँह में भर के चूसना शुरू किया.
उनकी मादक आहें और कराहें घर को मादक बनाने लगीं.

मैं उनको गोद में उठाकर बेडरूम के अन्दर लाया और उन्हें बेड पर औंधा लिटा दिया.

मैंने पीछे से आकर उनकी शॉर्ट्स उतार दी.
अब वो मादरजात नंगी थीं.

मैंने उनके उठे हुए गोल गोल चूतड़ों पर किस किया और कहा- सासू माँ, आपके जितने अच्छे हिप्स आज तक नहीं देखे. मस्त फिगर आपका, पतली कमर चौड़े चूतड़.
सासू माँ कुछ ऐसा बोलीं- उम्ममह लव यू!

मैंने उन्हें पलट दिया.
उनकी चूत शेव्ड थी, लगता था कल ही चिकनी की थी.
मैंने उनकी चूत को प्यार से थपथपाया और उनकी चूत में एक उंगली घुसेड़ दी

‘आह…’ वो सिसकारियां भरने लगीं.
मैंने कुछ देर उंगली से उनकी चूत खोदी.

वे तड़पती रहीं, बोलीं- प्लीज अब करो ना!

मैंने अपनी ब्रीफ उतारी और उनकी टाँगों के बीच आ गया.

उनकी चूत गीली थी, मैंने लंड उनकी चूत पर टिकाया.

वे बोलीं- क्रीम लगा लो.
मैंने क्रीम ले ली, उनकी चूत में भरी, अपने लंड पर भी लगाई.

उनकी टाँगें ऊपर उठा कर चौड़ी कीं.
चूत पर लंड सैट किया और अन्दर धकेल दिया.

‘आन्ह…’ वो चिहुंकी.
थोड़ा सा लंड अन्दर घुस गया था.
उनकी चूत मुझे एकदम कसी लग रही थी.

मैं दांत पर दांत भींच कर लंड उनकी चूत में घुसेड़ता गया.
वो चीख ही पड़ीं. उनकी आंखों में आंसू थे.

‘बस बस.’

मैंने उन्हें पुचकारा, चूमा और उनकी चूची को चूमने लगा चूसने लगा.

उनकी चूत बहुत ज़्यादा कसी लग रही थी.
मैं बोला- आपकी चूत बहुत कसी है सासू माँ. मोना से भी ज़्यादा!

वे मुझे देखती हुई बोलीं- हां कुदरती है. लेकिन मुझे सासू माँ नहीं, श्वेता कहो.

‘ओके श्वेता. लेकिन तुमको श्वेता नहीं कहूंगा सासू माँ, आज से तुम्हें अपने दिए नाम से पुकारूँगा.’
मैंने उन्हें चूमा.

उन्होंने पूछा- क्या नाम दोगे?
‘छम्मक छल्लो … छमिया, मेरी छमिया.’
मैं उन्हें होंठों पर चूमते हुए बोला.

मैं उनकी चूची पकड़ कर लगातार उन्हें चोद रहा था.
‘आह ओह …’ वो भी सिसकारियां भर भर कर मुझे उकसा रही थीं.

कुछ देर बाद मैंने उन्हें ऊपर किया, उनके गोल चूतड़ हाथों में पकड़े और उन्हें अपने लंड से उछालने लगा.

वो रूक रूक कर मेरे मुँह में अपने निप्पल भर दे रही थीं.

‘आह मेरी छमिया, तेरी चूत बहुत प्यारी है रे … उछल कुतिया, लंड पर उछल मेरे!’ मैं अंडबंड बक रहा था.
‘ले ले मादरचोद, चोद ले अपनी छमिया.’ वो गाली देती हुई मेरे लंड पे उछल रही थीं.

थोड़ी देर में वो थक गईं.
मैंने उन्हें नीचे किया.

कुछ ही देर में वीर्य का फव्वारा मैंने उनकी चूत में उड़ेल दिया.
वे संतुष्ट थीं.

मैं थक कर सो गया था.

दो बजे उठा, हमने खाना खाया.
शाम को हम दोनों फिर से मोना मिले.

डिनर के बाद मैं छत पर टहलने गया.
लौटा तो देखा सासू माँ मेरे बेड पर बिना कपड़ों के घोड़ी बनी हुई थीं,

वे अपने चूतड़ हिलाते बोलीं- कम ऑन बच्चे, आई एम वेटिंग!
मैंने उनके गोल गोरे चूतड़ सहलाये, चूमे फिर उनके पीछे आकर उनकी चूत में लंड घुसेड़ा.

वे फक में सिसकारी लेती हुई बोलीं- आह पागल … बहुत सीधा है रे तू!
मैं बोला- क्या हुआ?

उन्होंने पलट कर मुझे चूमा- मैं समझती थी, तू मेरी गांड मारेगा.
वे बोलीं और मुझे इनविटेशन दे रही थीं.

‘तो अभी क्या हुआ? ये बोलकर मैंने चूत से लंड निकाला, उनकी गांड में क्रीम लगाई और अपना लंड गांड में घुसेड़ दिया.
‘आह …’

वो केवल हल्के से चीखीं.
मेरा लंड उनके गांड में आसानी से घुस गया था.

मैं बोला- सासू माँ, आपकी गांड में बहुत ईजिली घुस गया!
‘हां, बेटा.’ वो हंसी.

ऐसे ही इन हिप्स की ये शेप नहीं आई है. मेरे सारे लवर्स अपना सारा प्यार मेरी गांड में ही घुसेड़ते थे. मुझे भी आदत हो गई.
सासू माँ बोलीं- तुम्हारे पापा भी इसी के शौकीन थे. अब तुम भी मज़े लो.

मैं आराम से हल्के हल्के धक्के दे रहा था.
वे बोलीं- अभी कच्चे खिलाड़ी हो बेटे, तुम्हें बहुत कुछ सिखाना पड़ेगा. गांड मारी जाती है. चोदी नहीं जाती.

फिर वो पलट कर मेरी आंखों में देखकर फुसफुसाती हुई बोलीं- एक बात और सुनो. बिस्तर पर औरत पर रहम खाने वाले लोग मुझे पसन्द नहीं आते. यही वो जगह होती है, जहां मर्द औरत को उसकी जगह दिखाता है. एंड आई लव डर्टी टाक.

‘अच्छा मेरी रानी …’ कह कर मैंने उन्हें नीचे किया और उनको कायदे से घोड़ी बनाया, मुँह नीचे चूतड़ ऊपर करके और दोनों चूतड़ पकड़ कर दे दनादन उनकी गांड में लंड पेलने लगा.
साथ ही मैं रह रह कर उनके चूतड़ों पर चपत मारता, उनके बाल पकड़े खींचता.

मैं बोल रहा था- देख भोसड़ी की, देख … गांड मरवा रही है अपने दामाद से तू कुतिया. तेरी माँ की चूत, साली रंडी, मादरचोदी, तेरी बेटी चोद दी, अब माँ को लगा दिया.

वो चूतड़ पीछे करके लगातार जवाब दे रही थीं- मेरी माँ भी चोद देगा हरामी तू, गांड भी मारेगा न सासुचोद साले!

पन्द्रह मिनट तक मैंने उनकी गांड मारी फिर उनकी गांड में वीर्य छोड़ दिया.

चौदह दिन मोना कवरन्टीन रही और 14 दिनों तक मैंने मदर इन लॉ Xxx फक का मजा लिया.

मोना के आने के बाद सासू माँ अपने घर चली गईं.
मेरी सास और मेरे यौन सम्बन्धों का मोना को कुछ पता नहीं चला था.
 

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
ससुर ने मेरी ननद की चूत में लंड पेला



मेरा नाम रेशमा बेगम है। मेरी शादी एक साल पहले हो चुकी है और इस एक साल में मैं अपनी ससुराल के सभी लोगों को अच्छी तरह जान गई हूँ; घुल मिल गई हूँ मैं सबसे!
मुझे अब ऐसा लगने लगा है कि जैसे मैं इस घर में वर्षों से रह रही हूँ।

मेरी सास और ननद तो मेरे लिए बहुत ही अच्छी हैं; उनकी जितनी तारीफ की जाये उतनी कम है।

मेरी सुहागरात के दूसरे ही दिन मेरी ननद ने रात में अपने शौहर का लंड मेरी चूत में पेल दिया था।
ऐसा बहुत कम होता है जब कोई बीवी अपने ही शौहर का लंड अपने हाथ से किसी और की चूत में पेल दे।

उसका लंड मेरे शौहर के लंड से मोटा भी है और हैंडसम भी!
ननद मेरे बगल में नंगी बैठी उसका लंड पेलती रही और मेरे नंगे जिस्म पर हाथ भी फेरती रही।
वह अपने मियां के चूतड़ सहला सहला कर मेरी चूत मजे से चुदवाती रही।

उसने अपने मियां से कहा- मेरी चूत चोदी भाभी जान की चूत चोद चोद कर हलवा बना दो। फाड़ डालो इसकी चूत … जैसे तुम मेरी माँ का भोसड़ा फाड़ते हो!

तब मुझे मालूम हुआ कि मेरी ननद अपने शौहर से अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाती है।
यह जानकर मैं और ज्यादा उत्तेजित हो गयी।
मुझे चुदवाने में दुगुना मज़ा आने लगा।

आखिर में जब उसका लंड झड़ने लगा तो उसने मेरे साथ बड़े प्यार से झड़ता हुआ लंड चाटा।

बस उसी दिन से मैं ननद की गुलाम हो गयी, मेरी ननद से दोस्ती पक्की हो गई।

एक दिन मेरी सास आ गई।
वह बड़े मूड में थी- बहू, मैं तुमसे एक सवाल पूछ रही हूँ। जवाब सच्ची सच्ची देना?
मैंने कहा- पूछो।

वह बोली- तुम शादी के पहले चुदी हुई थी या नहीं?
मैंने कहा- चुदी हुई तो खूब थी मैं शादी के पहले सासू जी!

बस उसने मुझे गले लगा लिया और बोली- मैं चुदी हुई बहू चाहती थी क्योंकि चुदाई का मज़ा जितना चुदी हुई बहू देती है उतना बिना चुदी हुई दे ही नहीं सकती। मैं भी शादी के पहले खूब चुदी हुई थी. और तेरी ननद तो खूब जमकर चुदी हुई थी। असल बात यह है कि चुदी हुई बहू अपनी सास के भोसड़ा का और ननद की चूत का बड़ा ख्याल रखती है. चुदी हुई सास अपनी बेटी बहू को बड़े बड़े लंड का मज़ा देती है और चुदी हुई ननद अपनी माँ की चूत और भाभी की चूत खूब मजे से चुदवाती है।

सास की ये बातें सुनकर तो मैं ख़ुशी से पागल हो गई।
मुझे यकीन हो गया कि अब मुझे नए नए लंड का मज़ा खूब मिला करेगा।
तब तक मेरी ननद आ गयी।

उसको देख कर सास बोली- बहू, तेरी ननद की माँ का भोसड़ा!
ननद बोली- तेरी बहू की ननद की चूत अम्मी जान!

फिर मुझे भी जोश आ गया तो मैं बोली- तेरी माँ की बहू की चूत ननद रानी!
मैंने सास से कहा- तेरी बेटी की भाभी की चूत सासू जी!

फिर हम तीनों खिलखिलाकर हंसने लगीं।
सास बोली- मैं जानना चाहती थी कि मेरी बहू को गालियां देना आता है या नहीं … इसलिए मैंने गालियां देना शरू किया। बहू, तू तो बड़ी मस्त मस्त गालियां देती है। तू बुरचोदी सच में बड़ी मजेदार है। मैं अपनी बेटी बहू से गालियों के रिश्ते और चोदा चोदी के रिश्ते इसीलिए रखती हूँ कि मुझे अपनी बढ़ती उम्र का पता ही न चले। मेरी जवानी का राज़ है अपनी बेटी बहू के साथ लंड का मज़ा लेना, लंड पेलना और पेलवाना।

इतनी मस्ती और खुल्लम खुल्ला चोदा-चोदी की बातें करने से मुझे कुनबे के सारे लोगों के लंड के बारे में मालूम हो गया।
कुछ ननद ने बताया, कुछ सास ने बताया, कुछ मेरी जेठानी ने बताया.
और बचा खुचा वहां की मस्त जवान लड़कियों ने बता दिया।

बातों बातों में एक दिन ननद बोल भी गई- मेरे अब्बू के लंड के मुकाबले यहाँ किसी भोसड़ी वाले का लंड नहीं है.
ससुर बहू सेक्स कहानी की नींव यहीं से पड़ गयी.

यह बात मेरे दिमाग घुस गई बहनचोद कि यहाँ सबसे बढ़िया और मस्त लौड़ा तो मेरे ससुर का ही है।
बस मैं जल्दी से जल्दी अपने ससुर का लंड खाने की फ़िराक में घूमने लगी।

मुझे यह तो मालूम हो गया कि मेरे ससुर को बहू बेटियां चोदने का शौक है।
ऐसे में मुझे उसका लंड पकड़ने में कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि मैं तो उसकी बहू हूँ।
अगर उसे बहू बेटियां चोदने का शौक है तो मुझे भी अब्बू और ससुर से चुदवाने का शौक है; उनके लंड पकड़ने का शौक है।

मैं बस मौके की तलाश में थी।

एक दिन जब वह अपनी लुंगी बदल रहा था तो मुझे उसके लटकते हुए लंड की एक झलक मिल गयी।
मैंने सोचा जब लटकता हुआ इतना बड़ा और हैंडसम है तो खड़ा होने पर कितना बड़ा हो जाएगा बहनचोद!

लंड के बाहर निकले हुए गोल गोल सुपारे ने तो मेरी जान ले ली।
मेरे मुंह में पानी आ गया और मेरी चूत गीली हो गई।
बस मैं मौक़ा की खोज में घूमने लगी।
मेरे दिमाग में उसका लंड घूमने लगा।

एक दिन जब मैं रात को लगभग 12 बजे उठी तो देखा कि मेरा ससुर मेरी जेठानी की चूत में लंड पेले हुए बड़ी मस्ती से चोद रहा है।

मुझे उसे देख कर जलन होने लगी।
मैंने मन में कहा- भोसड़ी के ससुर मैं भी तेरी बहू हूँ। तू मुझे क्यों नहीं चोदता? मेरी चूत में लंड क्यों नहीं पेलता? मैं तो जेठानी से ज्यादा जवान हूँ। मेरी भी चूचियाँ बड़ी बड़ी है, मेरी भी गांड बड़ी चौकस है।

फिर मैंने सोचा कि आज वह मेरी जेठानी की चूत ले रहा है तो कल मेरी भी चूत लेगा।
मैं चुपचाप अपनी जेठानी की चुदाई देखती रही।

मेरी जेठानी भी बड़ी खूबसूरत और बड़े बड़े मम्मों वाली है।
वह अपने मियां के साथ पड़ोस के घर में रहती है।

आज ही शाम को आई थी और आज ही रात को अपने ससुर से चुदवाने लगी।
मुझे लगा कि वह ससुर से चुदवाने ही आई थी।

ससुर बोला- बहू, किसी दिन अपनी छोटी बहन को ले आना. मैं उसकी चूत में अपना लंड पेलना चाहता हूँ। वह मुझे बड़ी सेक्सी और हॉट लगती है।
जेठानी ने कहा- हां वह भी चूतचोदी ग़ैर मर्दों से खूब चुदवाती है जैसे मैं चुदवाती हूँ। अभी वह अपनी ससुराल में है. जब आएगी तब तेरे पास भेज दूँगी। वह खुद ही पकड़ लेगी तेरा लंड!

उसकी बात सुनकर मेरी झांटें सुलगने लगीं।
मैंने मन में कहा- भोसड़ी के ससुरे … तुझे जेठानी की बहन की चूत याद आ रही है लेकिन अपनी छोटी बहू की चूत याद नहीं आ रही है?

थोड़ा दूर से ही सही पर मैंने ससुर का लंड देख तो लिया।
मैंने मन में कहा- लंड तो भोसड़ी का बड़ा हक्कानी है.

फिर क्या … सारा मज़ा मेरी चूत चोदी जेठानी लेकर चली गई.
अब उसका लंड पकड़ने की मेरी तमन्ना और बढ़ गयी।

मैंने उस दिन की रात बिना लंड के गुज़ार दी।

दूसरे दिन मैं सवेरे से ही ससुर के आगे पीछे घूमने लगी, उसे अपने जिस्म का जलवा दिखाने लगी, कभी अपनी नंगी नंगी टांगें दिखाती कभी अपनी उछलती हुई चूचियाँ दिखाती और कभी अपनी मटकती हुई गांड दिखाती।

वह भी मुझे बड़े गौर से देखने लगा।

मैं कभी उससे आँखें मिलाती, कभी सेक्सी अदा से मुस्करा देती, कभी उसे तिरछीं निगाहों से देखती तो कभी उसके बदन से छू करके आगे निकल जाती।

किसी न किसी तरह मैं उसके लंड में आग लगाना चाहती थी।

रात के ११ बजे थे।
मेरी सास अपने मायके गई थी।
ननद थी, पर कहाँ थी और क्या कर रही थी, मुझे कुछ भी नहीं पता।

अचानक मेरे फोन की घंटी बज उठी।
मैं फोन पर जान बूझ कर खुल कर बातें करने लगी।

मेरा ससुर बगल में ही बैठा था; वह सब सुन रहा था।

मैं जो बोल रही थी वही उसे सुनाई पड़ा।
उधर की आवाज़ उसे बिल्कुल नहीं सुनाई पड़ी।

मैंने कहा – हां बोल भोसड़ी की रिया … क्या हुआ?
“अच्छा ऐसी बात है तो फिर पकड़ ले न उसका लंड!”
“अरे कुछ नहीं होगा पगली!”
“अपनी माँ के भोसड़े में भी पेल दे लंड … मोटा लंड सबको पसंद आता है यार!”
“ठीक है, मुझे भी कभी पकड़ा देना!”

फोन बंद हुआ तो ससुर ने पूछा- किसका फोन था बहू रानी?
मैंने कहा- मेरी फूफी की बेटी रिया का फोन था.

“रिया तुमसे खुल कर बात करती है. किसी दिन उसे बुला लो न बहू रानी!”
“हां हां बुला लूंगी। पर तुम क्या करोगे?”

वह उठा और मुझे अपनी बाँहों में भर कर बोला- मैं उसके मुंह से भी गालियां सुनूंगा बहू रानी जैसे मैंने तेरे मुंह से सुनी हैं गालियां। बड़ी प्यारी प्यारी गालियां देती हो तुम रेशमा! तुमने मेरा दिल जीत लिया। तूने तो मेरे लंड में आग लगा दी है रेशमा बहू!

“आग तो तेरी बड़ी बहू लगाती है तेरे लंड में … मैं क्या चीज हूँ?” मैंने मारे जलन के कहा।
“तुम तो उससे ज्यादा खूबसूरत हो, सेक्सी हो और हॉट हो रेशमा!”

“तो क्या करोगे तुम मेरा?”
“रानी बनाऊंगा मैं तुम्हें … रात भर के लिए बीवी बनाऊंगा मैं तुम्हें … तुम्हारे कपड़े उतार कर मैं तुम्हारे साथ नंगा लेटूँगा रेशमा!”

मैंने उसे और ललकारा- तेरे लंड में ताकत है इतनी? कुछ कर पायेगा तेरा लंड?

उसने अपनी लुंगी खोल दी और कहा- लो पहले पकड़ कर देख लो मेरा लंड, बहू रानी … तुम्हें अंदाज़ा हो जाएगा!

लंड तो मादरचोद पहले से ही खड़ा था।
मैंने हाथ बढ़ाकर पकड़ लिया लंड … तो वह और फनफना उठा।

तब मैंने मन में कहा- अब आया बहनचोद मेरे हाथ में ससुर का लंड, जिसके लिए मैं इतने दिनों से तड़प रही थी.

लंड पकड़ते ही मेरे अंदर की रंडी जाग उठी।
मेरी अम्मी जान ने एक बार कहा था- बेटी रेशमा, हर औरत अंदर से एक रंडी होती है उसके मन में गैर मर्दों से चुदवाने की इच्छा जरूर होती है और मौक़ा पाकर वह चुदवा भी लेती है। दुनिया में ऐसी कोई औरत नहीं जो पराये मर्दों से चुदवाना न चाहती हो.

अम्मी जान ने यह भी कहा था कि हर औरत को ग़ैर मर्दों से चुदवाने का हक़ है। मैं भी गैर मर्दों से चुदवाती हूँ। मुझे भी ग़ैर मर्दों के लंड बहुत पसंद हैं।

यह ख्याल आते ही मैंने ससुर का लंड बड़े प्यार और मजबूती से पकड़ लिया; पकड़ कर उसे हिला हिला कर मस्ती करने लगी।
उसने मुझे नंगी करके अच्छी तरह दबोच लिया।

मेरा पूरा नंगा बदन उसने अपने नंगे बदन से चिपका लिया।
लेकिन मैंने उसका लंड नहीं छोड़ा, मैं लंड मुट्ठी में लिए हुए सहलाती रही।

मेरे ससुर का नाम है ताहिर!
वह 48 साल का हट्टा कट्टा गोरा चिट्टा मर्द है।
जैसा मैंने उसके लंड के बारे में सुना था वैसा ही पाया।
मोटा तगड़ा लंड बड़ा शानदार था.
मैं मन ही मन बड़ी खुश हुई और लंड की बड़े प्यार से कई चुम्मियाँ ले लीं; पेल्हड़ भी मजे से चूमे।

मैं मस्ती में चूर हो गयी।
मेरी तमन्ना पूरी हो रही थी।

वह भी भोसड़ी वाला मेरे नंगे जिस्म से खेलने लगा, मेरे मम्मे दबाने लगा, मेरी चूत पर उंगलियां फिराने लगा; मेरे चूतड़ों पर, मेरी गांड पर हाथ फेरने लगा; मेरे गाल, मेरे होंठ चूमने लगा.

फिर बोला- रेशमा बहू, तुम बड़ी बहू से ज्यादा खूबसूरत हो, ज्यादा हसीन हो और ज्यादा अच्छी लंड पकड़ती हो। तुम्हारा जिस्म बड़ा सेक्सी है. मुझे तुम्हारी ही जैसी बहू बेटियों को चोदने में मज़ा आता है जिनका नंगा जिस्म बिल्कुल तुम्हारे नंगे जिस्म की तरह हो.

तब मुझे पक्का मालूम हो गया कि मेरे मादरचोद ससुर को बहू बेटियां चोदने का शौक है।

फिर मैंने उसे नीचे जमीन पर लिटा दिया और अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी।
वह मेरी चूत चपर चपर चाटने लगा और उसका लंड चाटने लगी।

मुझे लंड का टोपा चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा था।
बिना झांट का एकदम चिकना चिकना लंड बड़ा हैंडसम लग रहा था।

कल यह भोसड़ी का लंड मेरी जेठानी के कब्जे में था, आज यह मेरे कब्जे में है।

उत्तेजित वह भी था और उत्तेजित मैं भी थी।

इतने में वह उठा और मेरे बूब्स फिर से मसलने लगा।
मैं भी उसके मरदाने जिस्म का मज़ा लेने लगी।

फिर उसने मुझे नीचे लिटा दिया, मेरी टांगें फैला दीं.
तो उसके सामने मेरी चूत एकदम खुल गयी।

उसने लंड उसी पर टिका दिया और फिर एक ही धक्के में पूरा लंड पेल दिया अंदर!
मैं तो चुदी हुई थी इसलिए दर्द तो हुआ नहीं … पर चिल्ला पड़ी- भोसड़ी के ससुरे … तूने इतना बड़ा लंड पेल दिया मेरी छोटी सी चूत में! तुझे रहम नहीं आया? बहुत बड़ा हरामजादा है तू … तेरी बहन का भोसड़ा … यह मेरी चूत है, तेरी जागीर नहीं … ज़रा संभल कर चोद न … प्यार से चोद न, मज़ा ले ले के चोद! मैं कहीं भागी जा रही हूँ क्या?

फिर वह सच में बड़ी मस्ती से चोदने लगा मुझे!
और मैं भी अपनी चुदाई का भरपूर मज़ा लेने लगी।

इतने में अचानक मेरी ननद एकदम नंगी हमारे सामने गई।
उसे देख कर मैं समझ गई कि वह किसी से लगी हुई थी; किसी के लंड का मज़ा ले रही थी।
पर कौन था यह मुझे मालूम नहीं।

मेरे ससुर ने उसे इस अवस्था में देखा तो उसका मन डोल गया।
उसने ननद का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा तो वह खिंचती चली आई।

ससुर ने उसे चित लिटा कर गच्च से पेल दिया अपना लंड उसकी चूत में!
मैं यह देख कर चकित रह गयी कि एक बाप ने अपनी ही बेटी की चूत में लौड़ा घुसा दिया।
लेकिन फिर सोचा कि यह तो होता ही रहता है हमारे यहाँ!

मेरे मुंह से निकला- ससुर जी यह क्या हो रहा है? यह क्या किया तुमने? मेरी ननद तेरी बेटी है।
वह बोला- मैं तेरी ननद की चूत चोद रहा हूँ बहू रानी! मेरे लंड के सामने जो भी चूत आएगी, उस चूत में मेरा लंड घुस जाएगा. वह कोई भी हो, वह चाहे जिसकी चूत हो … इससे मेरे लंड को कोई फर्क नहीं पड़ता।

तब तक पीछे से आवाज़ आई- हां यार ताहिर, तुम ठीक कह रहे हो। मेरे भी लंड के सामने जो चूत आती है मेरा लंड बे रोक टोक के उसी में घुस जाता है।

मुझे नंगी देख उसने मेरी चूत में लंड पेल दिया बिना कोई देर लगाये!
वह बोला- अब देख न, तेरी बहू की चूत मेरे सामने है तो मैंने लौड़ा पेल दिया तेरी बहू की चूत में, ताहिर!

तब मुझे मालूम हुआ की वह मेरी ननद का ससुर है साहिर।
इसका मतलब की ननद चूत चोदी अपने ससुर से चुदवा रही थी।

साहिर बोला- देख यार ताहिर, मैं तेरी बहू चोद रहा हूँ, तुम मेरी बहू चोद रहे हो. कितना मज़ा आ रहा है। तेरी बहू बड़ा मज़ा दे रही है।

मेरा ससुर बोला- तेरी बहू भी बड़ा मज़ा दे रही है।
ननद बड़ी मस्त होकर अपनी कमर हिला हिला कर चुदवा रही थी।

मज़ा मुझे भी बहुत आ रहा था ननद के ससुर से चुदवाने में!
वह भी बड़ा शातिर बन्दा था चूत चोदने में … खूब हचक हचक कर चोद रहा था; छक्के छुड़ा रहा था वह मेरी चूत में!
मैं समझ गयी आखिर कार मेरी ननद माँ की लौड़ी अपने ससुर के लंड के पीछे पीछे क्यों लगी रहती है.

हम दोनों अगल बगल लेटी हुईं थीं।
मेरा मुंह उसकी गांड की तरफ था और उसका मुंह मेरी गांड की तरफ।
मैं उसकी चुदती हुई चूत देख रही थी और वह मेरी चुदती हुई बुर!

उधर वो दोनों ससुरे एक दूसरे की बहू चोदने का मज़ा ले रहे थे।
पहले दोनों ने अपनी अपनी बहू की चूत चोदी, अब एक दूसरे की चोद रहे हैं।
अम्मी ने सही कहा था कि बेटी रेशमा लंड जब खड़ा होता है तो वह किसी की भी चूत में घुस जाता है फिर वह चाहे बेटी की चूत हो चाहे माँ की चूत! इसी तरह जब चूत जब गर्म हो जाती है, चुदासी हो जाती है तो वह किसी का भी लंड पेलवा लेती है फिर वह लंड चाहे बाप का हो चाहे बेटे का!

उस समय हम दोनों की खूब घपाघप चुदाई हो रही थी; धच्च धच्च, भच्च भच्च, फच्च फच्च आवाज़ें चारों तरफ फ़ैल रहीं थी।

जितनी बेशर्मी से दोनों ससुर चोद रहे थे, उतनी बेशर्मी से हम दोनों बहुएं भी चुदवा रही थीं।

आखिर में हमने जब झड़ते हुए लंड चाटे तो उसका मज़ा ही कुछ और था।
उसके बाद हम सब नंगे नंगे ही बैठ कर सुस्ताने लगे।

लगभग आधे घंटे में फिर दोनों लंड टनटना उठे।
चुदाई फिर शुरू हो गई और फिर रात भर होती रही।

अगले दिन मेरी ननद बोली- अरे रेशमा भाभी जान, तेरी चूत चोदी ननद बड़ी चुदक्कड़ हो गई है।
तब तक उधर से आवाज़ आई- अरे बहू रानी, तेरी ननद की माँ भी भोसड़ी वाली बड़ी चुदक्कड़ है।
यह आवाज़ मेरी सास की थी।

उसने मुझसे पूछा- कैसा लगा तुम्हें अपनी ननद के ससुर का लंड, रेशमा बहू?
मैंने कहा- लंड तो बड़ा जबरदस्त है उसका सासू जी! किसी दिन तेरे भोसड़े में पेलूँगी।

वह बोली- तुम किसी दिन पेलोगी लंड मेरी चूत में … मैं तो आज ही पेलूँगी तेरी चूत में अपने देवर का लंड!

फिर क्या … रात में हम तीनों सास बहू ननद ने एक दूसरे की चूत में लंड पेल पेल कर खूब लिया सामूहिक चुदाई का मज़ा।
 

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
झांटें साफ करवा कर प्यासी चूत चुदवा ली



मेरा नाम जागृति है और मैं 28 साल की हूँ.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है.

पहले मैं खुद के बारे में बता दूँ.
मैं काफी हॉट दिखती हूँ.
लोग मुझे पसंद करते हैं, पर मैं कोई हूर की परी नहीं हूँ.

मैं झूठ बोलकर अपनी कहानी को नकली नहीं बनाना चाहती हूँ.

मैं एक आम लड़की हूँ, बस मेरे ‘आम’ किसी आम लड़की जैसे नहीं हैं.
वे बहुत ही ख़ास हैं!

मैं बड़े गर्व से बताना चाहूँगी कि मेरी ब्रा का साइज़ 36 है.
अगर आपको ब्रा की साइज़ का ज़रा भी अंदाज़ा होगा तो आप समझ चुके होंगे कि मेरे ‘आम’ किसी बड़े खरबूजों से कम नहीं हैं.

अब मैं अपनी निजी जिंदगी के बारे में भी कुछ बता देती हूँ.
मेरी शादी हुए कुछ साल हो गए हैं और मेरे पति काफ़ी बोरिंग इंसान हैं.

उन पर लानत है कि मेरी जैसी लड़की को शादीशुदा होते हुए भी अपनी प्यास बुझाने के लिए यहां वहां जाना पड़ता है.

वैसे तो मेरी रंगरेलियों के कई किस्से हैं.
मैं आपके साथ धीरे धीरे सब शेयर करूँगी.

पर यह एक किस्सा जो आज बता रही हूँ, वह बड़ा ही रोमांटिक हैं और कामुक कर देने वाला वाकिया है.

एक बार मैंने ब्यूटी सैलून की होम सर्विस देने वाले को ऑनलाइन बुक किया था.

मैंने सोचा था कि लड़की आएगी.
पर एक लड़का आ गया.

शुरू में थोड़ा अजीब सा लगा, पर फिर मैंने सोचा कि कई बार यूनिसेक्स सैलून में जाती हूँ तो उधर लड़के ही बेसिक ब्यूटी सर्विसेज देते हैं.
तो अजीब लगने की कोई बात नहीं लगी.

फिर मुझे सिर्फ़ पैडीक्योर और मैनीक्योर ही करवाना था.

मेरे घर पर सिर्फ़ मैं, मेरे पति और मेरे ससुर ही रहते हैं.
उस वक़्त मेरे पति ऑफिस गए हुए थे और मेरे ससुर ड्राइंग एरिया में टीवी देख रहे थे.

अब क्योंकि मुझे ब्यूटी सर्विसेज लेनी थी तो ज़ाहिर था कि उसे मैं अपने रूम में ही ले जाकर सेवा लूँगी.

हमारा घर एक ड्यूप्लेक्स है और मेरा रूम ऊपर की मंजिल में है.
नीचे ड्राइंग एरिया है और मेरे ससुर का कमरा है.

मैं उस लड़के को अपने कमरे में ले गयी.
मेरे ससुर अच्छी पोस्ट से रिटायर्ड हैं और काफ़ी खुले ख्यालों के हैं.
तो उनकी तरफ से कोई प्राब्लम नहीं थी.

मैंने अपने कमरे का दरवाज़ा बंद नहीं किया क्योंकि किसी के आने की कोई उम्मीद थी ही नहीं.
उसने अपना नाम आकाश बताया और सैटअप करना शुरू किया.

वह सामान निकाल रहा था और मैं उसकी तरफ देख नहीं रही थी.
पर मेरा ध्यान उसी की तरफ था क्योंकि काफ़ी अच्छी कद-काठी का था.

मेरे बेडरूम में एक अंजान आदमी का इस तरह होना, वह भी जब मेरे ससुर घर पर थे, मेरे लिए थोड़ा असहज कर देने वाला था.

मैं एक लड़की ब्यूटीशियन के आने की उम्मीद कर रही थी तो मैंने एक आरामदायक वन पीस पहना हुआ था.
इस वन पीस की स्लीव्स बहुत ही छोटी और ढीली थीं ताकि मैनीक्योर के बाद पूरे हाथ पर अच्छे से मसाज ले पाऊं.

साथ ही पैडीक्योर में भी आराम से घुटनों तक मसाज हो जाए.

उस लड़के ने सैटअप जमाया और मुझसे पूछा- मैम, शुरू करें?
मैंने कहा- हां श्योर!

मैं बेड के किनारे पर बैठ गयी.
उसने फ्लोर पर पैडीक्योर मशीन लगा दी थी.

मेरे पैर उठा कर उसने मशीन में रख दिए और मशीन को चालू कर दिया.

तभी उसने अचानक से मेरा गाउन ऊपर उठाया और घुटनों से भी ऊपर कर दिया.
एक लड़के के हाथ यह सब करवाना मुझे काफ़ी अजीब महसूस हुआ.

एकदम से नीचे वाले छेद में गुदगुदी सी होने लगी, पर मैंने सोचा कि यह तो उसका तो रोज़ का ही काम है, क्या शर्माना.

मैं अपनी जांघों को कसके एक दूसरे से चिपकाई हुई थी क्योंकि नीचे पैंटी पहन रखी थी, पैंट्स या ब्लूमर नहीं पहना था.
उसने मुझसे सहज रहने को कहा, पर मैं वैसे ही अपनी टांगों को छिपा कर बैठी रही.

उसने अचानक से मेरी एक टांग उठाई और अपने घुटने पर रख ली.
फिर मेरी टांग में क्रीम लगाने लगा.

अब इस तरह से करने से मेरी जांघें खुल चुकी थीं और मुझे पता था कि उसे मेरी पैंटी दिख रही थी.
यह सोच कर ही मैं थोड़ी गीली होने लगी कि एक आदमी मेरे बेडरूम में मेरी टांग पकड़ कर बैठा है और मेरी पैंटी भी देख पा रहा है.

इतने में उसने दूसरी टांग उठाई और उस पर क्रीम लगा कर दोनों टांगें विपरीत दिशा में फैला कर पैडीक्योर टब के दोनों तरफ रख दीं.
मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि वह मेरी टांगें फैला कर ऑलमोस्ट उनके बीच में बैठा है और मेरी चड्डी देख रहा है.

शायद मेरी चूत को सूंघ भी रहा है और मैं चुपचाप बैठी हूँ.

उसकी हरकतें मुझे अब कुछ ठीक नहीं लग रही थीं.
ऐसा लग रहा था कि उसके दिमाग़ में कुछ चल रहा है.
पर मुझे न जाने क्यों … यह सब कुछ थोड़ा अच्छा भी लग रहा था.

तभी उसने मुझसे पूछा- फुल बॉडी मसाज, फुल बॉडी वैक्सिंग के पैकेज पर काफ़ी डिस्काउंट चल रहा है, आप लेंगी मैम?

यह सुन कर जैसे मैं सुन्न सी हो गयी, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या बोलूं.
तभी उसने एक ऐसी बात कही कि मेरी आँखों के आगे अंधेरा सा छा गया.

‘बिकिनी वैक्स भी फुल बॉडी में इंक्लूडेड है!’
यह सुन कर मुझे लगा कि मैं कहां छुप जाऊं.

मेरी चूत पर काफ़ी घने बाल थे क्योंकि मैंने बहुत दिनों से हेयर रिमूवल नहीं किया था.
पति के साथ चुदाई किए हुए भी दो महीने हो चुके थे.

शायद मेरी पैंटी लाइन से उसने वह बाल देख लिए थे और तभी वह यह कह रहा था.
मैंने एकदम से उससे कह दिया- नहीं, मैं ऐसी सर्विसेज घर पर नहीं ले सकती … क्योंकि मेरे ससुर घर पर हैं.

यह कहने के बाद मुझे लगा कि यह क्या कह दिया मैंने … मैं सीधा मना भी कर सकती थी.
पर मैंने ऐसे कहा, जैसे मुझे उससे कुछ भी करवाने में आपत्ति नहीं होती … अगर मैं घर पर अकेली होती.

उसने कुछ नहीं कहा और बहुत कामुक तरह से मुझे छूते हुए मेरा पैडीक्योर करता रहा.

ऐसा लग रहा था कि वह मुझे उत्तेजित करने की कोशिश कर रहा हो.
मैं हो भी रही थी.

ऊपर से वह बार बार मेरी पैंटी की तरफ भी देख रहा था.

मुझे महसूस हो रहा था कि मैं गीली हो रही हूँ, पर मैं चुपचाप अपने मोबाइल में देखती रही.

उसने पैडीक्योर पूरा किया बस मसाज होना बाकी था.

तभी उसने मैनीक्योर शुरू किया और पहले मेरे एक कंधे की मसाज करने लगा.

यह अजीब था क्योंकि अक्सर मैनीक्योर के बाद मसाज होती है.
पर उसने पहले शुरू कर दी थी.

वह मेरी कोहनियों से ऊपर मेरे कंधों तक आता … फिर अपनी उंगलियां मेरी स्लीव्स के अन्दर तक ले जाता.

फिर मेरी गर्दन पर मसाज करता और अपना हाथ लगभग मेरी छाती तक ले जाता.
ऐसे लग रहा था जैसे वह मुझसे आज्ञा माँग रहा हो कि उसे मम्मे छूने की पर्मिशन दे दी जाए.

मैं चुपचाप मोबाइल ही देख रही थी कि तभी नीचे से आवाज़ आई- जागृति, घर का दरवाज़ा बंद कर लो, मैं स्टेशन जा रहा हूँ.
मुझे याद आया कि मेरे ससुर के दोस्त आज कहीं जाने वाले थे और वह उन्हें ड्रॉप करने जा रहे थे.
यह सुन कर जैसे उस लड़के के हाथों में एक अलग ही जोश आ गया.

इस बार मेरी छाती के और अन्दर हाथ ले जाते हुए उसने धीरे से मेरे कान में कहा- दरवाजा बंद करके आ जाइए, मैम!

उसकी गर्म सांसें जैसे मुझसे कह रही थीं कि वह मेरा पूरा बदन टटोलना चाहता है.

मैं चुपचाप गेट बंद करके आ गयी.
मेरी सांसें अब काफ़ी तेज़ थीं और उसने यह बात नोटिस कर ली थी.

उसने कहा- मेम फुल बॉडी वैक्सिंग ले लो … मैं मसाज कॉंप्लिमेंटरी दे दूँगा.

इस बार उसने मेरे मम्मे छू लिए थे.
बस वह मेरी चूचियों के निप्पल तक नहीं पहुंच पाया था.

मैंने फिटिंग की ब्रा पहनी थी, तो वह मेरे एक दूध की ऊपरी चमड़ी को सहला कर वापस आ गया था.

मेरी चूत अब पहले से फड़फड़ा रही थी.
मैं दिमाग़ से नहीं, अब चूत से ही सोच रही थी.
अंतत: मैंने कह दिया- ठीक है कर दो वैक्सिंग!

यह सुन कर उसने मुझे ब्रा उतरने को कहा ताकि वह अच्छी तरह मसाज दे पाए.
असल में वह मुझे गर्म कर रहा था.

मैंने ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को ढीली करके चूचों से नीचे कर दी.
उस गैर मर्द ने पहली बार मेरी चूचियों पर अपनी उंगलियां फिराईं.

‘आह … मज़ा आ गया … बिल्कुल कड़क हो चुकी थीं.’
बस ऐसा लग रहा था कि मेरी चूचियां वन पीस फाड़ कर बाहर निकल जाएंगी.

मैं चाहती थी कि वह अपने मुँह में लेकर इनको अब चूस ले.

उसने जैसे मेरे दिल की बात सुन ली, उसने मेरे सामने के बटन्स खोल दिए और मुझे शीशे के सामने बैठने को कहा.

शीशे के सामने लाकर उसने कहा- मसाज का आनन्द लेना है तो शरीर को ढीला छोड़ दो और सब खोल दो.

उसके मेरे दोनों दूध सहज भाव से खींच कर बाहर निकाले और उन्हें देख कर हैरान हो गया.
बहुत मुश्क़िल से मेरे पूरे मम्मे बाहर आ पाए थे, दरअसल मेरे ऐसे लग रहे थे मानो दूध फँस गए हों.

इतने बड़े दूध उसने पहले असलियत में देखे नहीं होंगे.
उस पर मेरे निपल्स भी बहुत बड़े बड़े हैं. कड़क होकर जामुन से कम छोटे नहीं लगते हैं.

उसके मुँह से सच में पानी टपकने लगा, पर वह अभी भी ब्यूटीशियन का चोला पहले हुए था.
वह कहने लगा- बाहर से हमेशा पता नहीं चलता कि थैले के अन्दर कितना बड़ा फल है.

मैंने कुछ नहीं कहा.
पर वह शायद मुझे हंसाना चाहता था.

उसने कहा- मैं पहले नीचे की वैक्सिंग कर देता हूँ.
वह फिर से मेरी टांगें फैला कर मेरी पैंटी के बहुत करीब आकर बैठ गया और जोर जोर से सूंघने लगा.

जब तक वैक्स गर्म हो रहा था, उसने मेरी पैंटी बहुत प्यार से उतारी.

उस पर लगे मेरे पानी को देखा और कहा- बहुत सुंदर पैंटी है लेकिन अन्दर की चीज़ इससे भी सुंदर है.
मैं शर्मा गयी और नीचे देखने लगी.

उसने कहा- शीशे में देखती रहिए कि मैं क्या कर रहा हूँ, बाद में शिकायत ना हो.

मुझे दिखा दिखा कर उसके मेरी गीली चूत एक वेट वाइप से पौंछ दी और फ़ुद्दी के ऊपर टिश्यू लगा दिया.

फिर उसने वैक्स लिया और मेरे नीचे लेफ्ट साइड अच्छे से वैक्स लगा दिया.
जब वह वैक्स पर कपड़ा लगा रहा था, मुझे घबराहट हो रही थी क्योंकि मैंने इससे पहले कभी वहां पर वैक्स नहीं करवाई थी.

उसने मुझसे आश्वासन दिया और कहा- कुछ नहीं होगा, आपकी झांटों की सफाई अब मेरी ज़िम्मेदारी है.

यह कर उसने एक झटके से कपड़ा खींच दिया.
मैं जैसे ही दर्द से चिल्लाने वाली थी, उसने अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया और चाटने लगा.

मुझे झांटों के खिंचने से दर्द तो हो रहा था पर उसके चाटने से मुझे इतना सुकून मिला जैसे सालों से सूखी धरती पर बारिश आ गयी हो.
मैंने अपनी दोनों टांगें और ज्यादा फैला दीं और उसे उसके मन की करने दी.

उसने मेरी चूत को चाट चाट कर मुझे ठंडक दे दी और जैसे एक साइड में झांटों के साथ किया था.
वैसे ही उसने दूसरी तरफ भी वैक्स करके झांटें खींच कर चूत चिकनी कर दी और पुन: चाटने लगा.

शायद ही कभी किसी ने मेरी इतनी अच्छी चूत चाटी थी.

दर्द कब गायब हुआ और मज़ा आने लगा … कुछ पता ही नहीं चला.

उसके चाटने से मैं और गीली होने लगी और अब वह मेरी फ़ुद्दी भी चाट रहा था.
मैं कामुक आवाज़ें निकालने लगी थी.

वह बार बार मेरा ध्यान शीशे की तरफ ले जाता ताकि मैं देख पाऊं कि वह क्या कर रहा है.

शीशे में अपनी चूत के साथ सब होता देख कर मैं और भी ज़्यादा गर्म होती गयी.
उसने अपनी जीभ मेरी चूत में डाल डाल कर मुझे गर्म कर दिया.

जैसे वह मेरी चूत को अपने मुँह से ही चोदने की कोशिश कर रहा था.
वह कुछ देर रुक कर मेरी आंखों में देखने लगा और फिर से चूत चाटने लगा.

इस बार उसने धीरे से एक उंगली भी मेरी चूत के अन्दर घुसेड़ दी और दाने को मसलने लगा.

मैं महीनों से नहीं चुदी थी और यह सब मुझे इतना मज़ा दे रहा था कि मुझे कोई याद ही नहीं रहा था कि मैं शादीशुदा हूँ और अपने बेडरूम में एक अंजान मर्द से अपनी चूत चटवा रही हूँ.

अब मैं कराह रही थी- आह आह आकाश … रूको मत प्लीज करते रहो.

उसने ऐसे ही मेरी फ़ुद्दी चाट-चाट कर एक बार मुझे चरम सुख का आनन्द दे दिया.
मैं झड़ गयी और मेरा शरीर ढीला पड़ने लगा.

तभी वह खड़ा हो गया और वापस मेरे पीछे खड़ा होकर मुझे मसाज देने लगा.
अब वह बहुत अच्छी तरह मेरे मम्मे दबा रहा था.

जैसे कोई आम को चूसने से पहले पिलपिला करता है, ठीक वैसे ही वह मेरे दूध मसल रहा था.

मैं मज़े ले रही थी, अपने दूध मसलवाती हुई शीशे में देख रही थी.

वह मेरी चूचियां ऐसे भींच रहा था जैसे उनमें से दूध निकालने की कोशिश कर रहा हो.

उसने मेरे दूध दबा-दबा कर खूब मज़े लिए और मुझे दिए भी.
फिर सामने आकर बैठ गया और मेरे एक दूध को चूसने लगा.

वह मेरे मम्मों पर ऐसे टूट पड़ा था, जैसे कोई भूखा बछड़ा अपनी गाय के थन पर टूट पड़ता है.
उसने हाथों से दबा दबा कर जो मेरी चूचियां चूसी, उससे मैं निहाल हो गई.

पहले एक-एक, फिर दोनों को मिला कर एक साथ चूसीं.
ऐसा लग रहा था कि वह सारा रस पीकर इनको चूसे हुए आम की तरह लटका देगा.

उसने मेरी चूचियां ऐसी लाल की कि कई दिनों तक मुझे उन पर क्रीम लगानी पड़ी.

आख़िर में उसने कहा- हाथ और मुँह से बहुत मसाज दे दी, अब मैं अपना ख़ास यंत्र निकालता हूँ, उससे मैं तुम्हारा बचा हुआ रस निकालूँगा.

वह बेदर्दी मुझे एक भूखी रांड समझ कर अपनी सभ्यता भूल कर तुम तुम्हारी करने लगा था.

सच तो यह है कि बॉस बन कर चूत चुदवाने से ज्यादा मजा एक दासी बन कर चुदवाने में आता है.

चुदाई के वक्त जब मर्द औरत को गाली देकर चोदता है और उसे कुचलता है तभी तृप्ति मिलती है … कम से कम मेरे साथ तो ऐसा ही है.

उसने मुझे खड़ा कर दिया और आगे की तरफ झुका दिया.
फिर अपनी जीन्स की ज़िप खोली और अपने तने हुए फड़फड़ाते लंड को बाहर निकाला.

मैं घूम कर लंड देखा तो लगा कि आज मेरी चूत की खैर नहीं.
फिर उसने मुझे पकड़ कर मेरी चूत में पीछे से अपना लंड पेला तो मेरी आह निकल गई.

उसने एक बार भी मेरी आह कराह पर ध्यान नहीं दिया और वह किसी मदांध सांड की तरह चूत फाड़ता चला गया.
बड़ी लंबी रेस का घोड़ा था वह … देसी भाभी पोर्न चुदाई करते हुए करीब चालीस मिनट के बाद उसने अपना पानी मेरी ड्रेसिंग टेबल पर छोड़ा.

इन 40 मिनट में उसने मुझे झटके मार मार कर मेरे हिलते हुए दूध दिखा दिखा कर और खुद देख कर जो तोड़ा है, उससे मेरी महीनों की सेक्स की प्यास बुझ गई थी.

उसने मेरे बदन का हर एक हिस्सा खोल दिया था.
खड़ा करके, घोड़ी बना कर, कुतिया बना कर … ऐसे अलग अलग आसनों में मेरी गांड पर थप्पड़ मार मार कर और मेरे दूध दबा दबा कर मेरे ही बेडरूम में मुझे चोदा.

उसने उस दिन ड्रेसिंग टेबल पर ही मुझे घोड़ी बना कर मेरी चूत फाड़ दी, बहुत सारा पानी निकाला.

जो सुख मेरे पति ने सालों में नहीं दिया, वह उसने अपनी कुछ घंटों की सर्विस में मुझे दे दिया.

इस घटना ने मेरी चूत की प्यास को जगा दिया था.
अब मेरी फुद्दी अकेली और सूखी नहीं रह सकती थी.

चुदाई के बाद कुछ मिनट तक हम दोनों बेड पर पड़े आराम करते रहे.
फिर उसने एक पेन से मेरे एक दूध पर अपना नाम और दूसरे पर अपना नंबर लिख दिया.
मैं मुस्कुरा दी.

वह मुझे चूम कर वापस चला गया.

उसे मैंने वापस बुलाया या नहीं,
 

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
पति-पत्नी को दिया मां बेटा ने चुदाई का सुख



ओल्ड ऐज सेक्स कहानी में हम पति पत्नी प्रौढ़ हो चले थे पर हमारी तमन्नाएं अभी भी जवान थी. हम केरल में एक हाउस बोट में ठहरे जिसे एक लड़का और उसकी माँ चलाते थे.

मैं और मेरी पत्नी अपनी सेक्स लाइफ से खुश थे.
हम दोनों की उम्र भी 60 और 55 साल है. हम दोनों इस उम्र में भी लगभग हर रोज सेक्स का मजा लेते हैं.
पर हम दोनों की फैंटेसी आज भी ये है कि हम दोनों एक दूसरे के सामने किसी और के साथ लम्बी सेक्स ड्राइव पर जाएं.

हम दोनों को ओरल सेक्स का बहुत शौक है और मुझे अपनी पत्नी की तरह 45 से 55 साल की औरतों में मजा आता है.

पर मेरी पत्नी की फैंटेसी कड़क और लंबे मोटे लंड ही हैं.
उसे 25 से 30 साल के लंड अपनी चूत और गांड में लेने … और मुँह में लेकर चूसने की बड़ी तमन्ना है.

यह ओल्ड ऐज सेक्स कहानी ऐसे ही अपने शौक पूरे करने की कहानी है.

तो हुआ कुछ ऐसा कि इस बार हम दोनों छुट्टियों में केरल चले गए.
वहां वर्कला बीच पर पहुंचे और एक हाउस बोट को अपने लिए बुक कर लिया.

हाउस बोट का मालिक सूर्या था जो 26 साल का जवान लड़का था.
उसका जिस्म कसरती था.
वह लुंगी और बनियान में गजब लगता था.

मेरी पत्नी को वह बहुत अच्छा लग रहा था.
हाउस बोट पर उसकी मदद, उसकी 55 साल की मां उदिति करती थी जो मस्त कांटा माल लगती थी.
उसे देख कर मुझे सिल्क स्मिता की याद आ गई थी.

उन लोगों ने हमारा अच्छा स्वागत किया.
शाम को हम दोनों ने सूर्या को बुलाया और मसाज के लिए पूछा.
तो उसने कहा- मैं और अम्मा आप दोनों को अच्छी मसाज देंगे.

मैंने पत्नी से पूछा तो उसने भी कहा- ठीक है … ट्राई करते हैं.
अब हम दोनों ने उदिति और सूर्या को बुलाया और मसाज शुरू करवाई.

कमरे के एक कोने में सूर्या मेरे साथ और उदिति मेरी पत्नी की मसाज शुरू करने लगी.
जल्द ही मैं ब्रीफ और पत्नी ब्रा पैंटी में आ गई.
कमरे में रोशनी मध्यम हो गई.

सूर्या सिर्फ लुंगी में था और उदिति एक पीली साड़ी में.
उसने कोई ब्लाउज या चोली नहीं पहनी थी.
वह सिर्फ एक साड़ी में थी.

मसाज शुरू हुई.

मैंने कहा- सूर्या यार, आप बहुत कड़क मसाज कर रहे हो, आप मैम की मसाज करो और उदिति जी को मेरे पास भेज दो.
अब उदिति मेरे पास आ गई और सूर्या मेरी पत्नी के पास चला गया.

हमारी मसाज शुरू हो गई.
उदिति जी ने आते ही मेरे निप्पल पर तेल लगाया और वह मुझे सेक्सी नजरों से देख कर मसाज करने लगी.

तभी अचानक वह झुकी और मेरे एक निप्पल को चूसने लगी.
उसकी इस हरकत से मैं सातवें आसमान पर पहुंच गया.

तभी अचानक मेरे पास कुछ गिरा, देखा तो मेरी पत्नी की ब्रा थी.
मतलब अब वहां भी शुरुआत हो गई थी.

अब उदिति ने अपना जलवा दिखाना शुरू किया और अपने वक्ष से अपनी साड़ी को हटा दिया.
आह क्या गजब के बूब्स थे.

अब उसने अपने दोनों बूब्स मेरे चेहरे पर रख दिए और कहा- सर, सूर्या और मैम जो कर रहे हैं, उसे भूल जाओ और मेरे साथ मजे करो … प्यार दो प्यार लो.

तभी मेरे हाथ नीचे हुए और उदिति की साड़ी में घुस गए.
हाथ टच हुए तो पता चला कि उसकी चूत भी क्लीन शेव थी.
कसम से मजा आ गया.

उदिति तो अपनी जीभ और लार से बारी बारी से मेरे दोनों निप्पलों को ऐसे चूस रही थी कि मैं अपने होश में ही नहीं था.

मेरा लंड कुतबमीनार से शर्त लगा रहा था.
वह आदमी के लंड से घोड़े के लंड में बदलता जा रहा था.
लंड फ्रेंची को ऊपर उठा कर उदिति के पेट में ठोकर मार रहा था.

तभी उदिति धीरे धीरे नीचे आने लगी और उसने अपने दांतों से मेरी फ्रेंची की इलास्टिक को पकड़ लिया और उसे नीचे करने लगी.
पर मेरे लौड़े ने उसे नीचे नहीं आने दिया और वह स्पीड ब्रेकर बन गया.

उदिति समझ गई.
उसने अपना एक हाथ मेरी फ्रेंची में डाल दिया और लौड़े को पकड़ कर उसकी औकात में ला दिया.

मैंने अपनी गांड उठा दी और उदिति ने मेरी फ्रेंची उतार कर सूर्या की तरफ फेंक दी.

मेरी फ्रेंची सीधी मेरी पत्नी के चेहरे पर गिरी और मेरी पत्नी ने उसे उठा कर किस किया.
तभी कमरे में मेरी पत्नी की आवाज गूंज पड़ी- वॉव …

उसी समय मुझे भी लगा कि मेरा लंड कुछ गीला गीला लगा सा होने लगा है.
मैंने देखा तो वह उदिति के मुँह में था.

उदिति के नकली दाँत टेबल पर रखे थे और वह मजे से मेरे लंड को चूस और चाट रही थी.
मेरा अब खुद पर कोई कंट्रोल नहीं था और मैं सिर्फ वही कर रहा था जो उदिति चाह रही थी.

तभी अचानक मेरे लंड के सब्र का बांध टूट गया और उदिति के मुँह में वीर्य की बाढ़ आ गई.
पर उदिति नदी के किनारों की तरह टूटी नहीं. वह सारा लंड का पानी पी गई.

अब वह तृप्त हो कर उठी और मैंने देखा कि उसके चेहरे पर वही चमक थी जो एक शेरनी के चेहरे पर पर हिरन का शिकार करने पर होती है.

मैं एक घायल हिरन की तरह पूरी तरह तृप्त होकर आंखें बंद करके पड़ा हुआ था.
कुछ ही पलों में मेरे लंड में फिर से अकड़न आनी शुरू हो गई.

आंखें हल्की से खुलीं, तो देखा उदिति अपनी साड़ी उतार कर नंगी हो गई थी और काम की देवी लग रही थी.
उसने खुद ही अपने सारे शरीर पर तेल लगा लिया था और वह तेल से लथपथ होकर चिकनी हो गई थी.

वह मेरे करीब आई और उसने मुझे भी पूरी तरह से तेल में नहला दिया था.
तब वह मुझ पर चढ़ने को तैयार हो गई थी.
वह मुझे बॉडी टू बॉडी मसाज देने के लिए मेरे ऊपर चढ़ गई.

तभी मेरे पास कुछ गिरा देखा तो वह मेरी पत्नी की पैंटी थी, मतलब वहां सूर्या भी अपना जलवा दिखा रहा था.
वह कामदेव बन कर मेरी पत्नी को अपने कड़क लंड से तृप्त कर रहा था.

पर मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था क्योंकि पूर्ण नग्न उदिति अपनी चुत की गर्मी मेरे लंड को दे रही थी.

वह बॉडी टू बॉडी मसाज करती हुई मेरे लौड़े को अपनी चुत की गर्मी दे रही थी.

उदिति के बूब्स मेरे निप्पलों पर कयामत ढा रहे थे … और उसकी चूत मेरे लौड़े का चुम्बन व मर्दन कर रही थी.

हम दोनों की जीभें नागिन और नाग की तरह एक दूसरे से लिपट कर रसपान कर रही थीं.
अचानक उदिति ने करवट ले ली.

अब वह नीचे थी और मैं अपना कड़क लंड लेकर उसके ऊपर पर चढ़ गया था.
तभी अचानक मुझे अपनी गांड में कुछ अजीब महसूस हुआ. जब हाथ गांड पर ले जाकर देखा, तो वह उदिति के हाथ की तेल में डूबी उंगली थी.

उसकी उंगली मेरी गांड में जाने के लिए दस्तक दे रही थी.
उसी समय उदिति ने धीरे से मेरे कान में कहा- साहब इसका भी अलग मजा है, लो न!

मैंने सब कुछ भूल कर उसके गाल पर काट लिया.
वह आउच कर के हंस दी.

अब मैंने भी धीरे से अपनी एक उंगली से उसके बैक डोर पर दस्तक देनी शुरू कर दी.
तभी वह उठी और मुझे उल्टा करके मेरी गांड चाटने लगी और अपनी जीभ को मेरी गांड के छेद में डाल कर चाटने लगी.

जब मेरी गांड बिल्कुल गीली हो गई तो वह उठी और अपनी एक चूची के निप्पल को, जो एकदम कड़क हो गया था … मेरी गांड के छेद पर रख कर चूची से धक्का मारने लगी.
मैंने कहा कि उदिति अब ये क्या?

तो वह प्यार से बोली- साहब, मैं अपनी चूची से आपकी गांड मार रही हूं, कैसा लगा?
कसम से मजा आ गया था.

उससे गांड चटवा कर और उसकी चूची से गांड मरवा कर समझो जन्नत का मजा आ रहा था.
Xxx ओल्ड ऐज सेक्स करते हुए मुझसे रहा न गया और मैंने उसे 69 में आने के लिए कहा.

वह आ गई.
मैंने उसकी चिकनीई चुत पर मुँह लगाया और चुत की नमकीन चाशनी को चाटने लगा.

वह भी मेरे लंड को जीभ से चाट रही थी और मेरे अंडों पर अपनी जुबान का जादू दिखा रही थी.

उसी वक्त मुझे मेरी बाजू से मेरी बीवी की गालियां सुनाई देने लगीं ‘पेल न मादरचोद … क्यों तड़फा रहा है.’
बदले में उधर से सूर्या की हंसी की आवाज आई और अगले ही पल मेरी बीवी की चीख सुनाई दी- आह मां के लौड़े ने फाड़ दी चुत … आह कमीने धीरे चोद न … फाड़ कर बच्चा ही निकालेगा क्या?

सूर्या ने कुछ जवाब नहीं दिया और वह धकापेल मेरी बीवी की चुत की मां चोदने लगा.

उधर से अपनी बीवी की चुदाई की आवाज सुन मुझसे भी न रहा गया और मैंने उदिति को थपथपा कर इशारा किया तो वह पलट कर सीधी हो गई.

मैंने उसे अपने लंड के ऊपर आने का कहा.
वह चुत में लंड को सैट करने लगी और एक ही झटके में मेरे लंड को अपनी चुत में खाकर आह करती हुई बैठती चली गई.

पूरा लंड उदिति की चुत में जाकर फंस गया था.
उसके दोनों दूध मेरे मुँह के सामने लटक रहे थे.

मैंने एक आम अपने मुँह में भरा और चूसने लगा.
उसकी चूचियों को चूसने में बड़ा मजा आ रहा था.

तभी उसने झुके रह कर ही अपनी गांड हिलाना शुरू कर दी और वह अपनी चुत में मेरे लंड की रगड़ का सुख लेने लगी.
मैं भी उसकी एक चूची को चूस रहा था और दूसरी को मसल रहा था.

हम दोनों की चुदाई अब अपनी तेज रफ्तार पर आने लगी थी.

मेरी सांसें तेज तेज चल रही थीं लेकिन वह नाव खेने वाली एक मजबूत रांड थी जो मेरे लौड़े का मलीदा बनाने में जरा सी भी नहीं हाँफ रही थी.

तभी बाजू से मेरी बीवी की आह आह की आवाज आई और उसके मुँह से निकला- आह मैं झड़ गई सूर्या … आह जरा थम जा!
सूर्या ने शायद मेरी बीवी को चोदना रोक दिया था.

मैंने आवाज लगा कर अपनी बीवी से पूछा- क्या हुआ डार्लिंग … क्या जलेबी शीरा पी गई?

वह हंस कर बोली- नहीं, अभी तो जलेबी तड़फ रही है शीरा पीने को … हलवाई शीरा पिला ही नहीं रहा है मेरी जान!
उसकी इस बात से मुझे तो हंसी आई ही, मेरे साथ उदिति की मुक्त हंसी ने भी वातावरण को खुशमिजाज बना दिया था.

अब मैंने उदिति को घोड़ी बनने के लिए कहा.
वह झट से चौपाया बन गई और मैं पीछे से उसकी चुत में अपना लंड ठांस कर धकापेल में लग गया.

वह Xxx ओल्ड ऐज सेक्स का मजा लेती हुई आह आह कर रही थी और उसकी मादक कराहों से मेरे लौड़े को और ज्यादा उत्तेजना मिल रही थी.

मैं उसकी पीठ पर चढ़ कर अपने हाथों से उसकी दोनों चूचियों को मसलता हुआ चुत में लंड सटासट चलाने लगा था और वह किसी कुतिया के जैसे मेरे लंड के प्रहारों को झेलती हुई मस्ती से चुदवा रही थी.

कुछ ही क्षण बाद मेरे लंड से धार निकलने को हुई तो मैंने उदिति से पूछा.
वह अन्दर आने के लिए ही बोली.

मैंने झटकों की रफ्तार बढ़ाई और उदिति की चुत में ही झड़ गया.

मुझे झड़े हुए कुछ ही पल हुए थे कि उधर से मेरी बीवी की चुत में भी सूर्या के लंड का पानी टपक गया था.
वह भी आह आह कर रही थी.
 

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
जवान ताई और भतीजे की चुदाई कहानी- 1



नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम दीपक है और मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ.
मेरी उम्र अभी 20 साल है और मेरा शरीर भी औसत ही दिखाई देता है.
मेरा कद 6 फुट है.

मेरे लंड का साइज भी ठीक है.
यह हमारे भारतीय मर्दों के औसत जितना ही है.
नाप में बताऊं तो यह साढ़े पांच इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा है.

मुझे पूरा विश्वास है कि इससे मैं किसी भी औरत या लड़की को आराम से ठंडा या संतुष्ट कर सकता हूँ.

मेरी सेक्स कहानी की नायिका मेरी ताई जी 38 साल की हैं.
उनका नाम अंजुमन है.
वे मेरे ताऊ जी की दूसरी बीवी हैं इसलिए उनकी उम्र इतनी कम है.

ये ताई जी और काफ़ी बोल्ड हैं.
वे एक सुडौल और भरे शरीर की मालकिन हैं.
उन्हें कोई एक बार देख ले, तो मैं दावे से कह सकता हूँ कि वह इंसान बिना मुठ मारे नहीं रह पाएगा.

उनके शरीर की बात करूँ, तो उनके पपीते जैसे थन 34-डी नाप के एकदम गोरे हैं. उन पर काले जामुन जैसे टंके हुए उनके निप्पल उनके मम्मों की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं.
ताई जी की गांड का साइज़ 38 इंच का है. जब वे अपनी गांड मटका कर चलती हैं, तो बड़े से बड़े सूरमा का लंड खड़ा हो जाता है. उनकी क़मर भी भारी लचकती है.

उनकी आंखें एकदम झील की तरह गहरी और रंगत में काली हैं. मेरा तो उनमें डूब जाने को मन करता है.
कुल मिला कर ताई जी इस उम्र में एकदम 25-26 की लगती हैं.

मेरे ताऊ जी राजस्थान से बाहर काम करते हैं.
हालांकि उनके (पहली ताई से) 3 बच्चे हैं. वे सब अपनी दूसरी माँ के साथ ही रहते हैं.

ताऊ के बेटे पप्पू की उम्र भी मेरे जितनी ही है. हम दोनों में काफ़ी बनती है और हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझते हैं.

वह मेरा भाई कम दोस्त ज्यादा है.
हम दोनों साथ में कई बार मुठ भी मार चुके हैं.
वह मेरा लंड सहला देता है और मैं उसका.

हम दोनों काफ़ी अच्छे दोस्त हैं और ताई भी मुझे अपने बेटे जितना ही प्यार करती हैं.
मैं ताई जी के घर जाता रहता हूँ.

अभी तक मेरे मन में ताई को लेकर कोई गलत विचार नहीं आया था.
एक दिन की बात है, जब मैं उनके घर गया था और उनके बेटे को आवाज लगा रहा था, तो वह कोई जवाब नहीं दे रहा था.

मैंने उसे घर में हर जगह ढूंढा, वह मुझे कहीं नहीं मिला.

फिर जब मैं वापस घर जाने के लिए निकलने को हुआ, तो उसके घर के बाथरूम से गाने की आवाज सुनाई दी.
यह ताई की आवाज थी.

मैं बड़े ध्यान से उनकी आवाज को सुनने लगा और जब मन नहीं माना, तो मैंने दरवाजे की झिरी से झांक कर देखा.
अन्दर मेरी अंजुमन ताई पूरी नंगी थीं और नहाती हुई अपने मम्मों को साबुन से मल रही थीं.

वे अपने ही मजे में गाना गाती हुई आराम से नहा रही थीं.
उन्होंने अपने बाथरूम का भी दरवाजा बंद नहीं किया था.

शायद उस दिन वे घर पर अकेली होंगी तभी आराम से नंगी होकर नहा रही थीं.

मेरा तो दिमाग ही सुन्न पड़ गया था.
मैंने पहली बार किसी के पपीते देखे थे वह भी अपनी ताई जैसी मस्त औरत के.

मेरा तो लौड़ा पूरा एकदम नब्बे डिग्री पर खड़ा हो गया.

मैं आराम से दरवाजे की एक साईड होकर उन्हें देखने लगा.
हॉट इंडियन आंटी को देख मेरे मुँह से लार टपकने लगी थी. मेरे अन्दर सेक्स लव की मिलीजुली भावना जागृत हो रही थी.

पता नहीं बाद में उनको या तो आभास हुआ या उन्होंने देख लिया कि शायद उन्हें कोई देख रहा है.
उन्होंने दरवाजा खींच कर बंद कर लिया.

मेरी तो गांड फटने लगी, मुझे लगा कि आज तो मर गए.
मैं दबे पांव वहां से भाग आया और सीधा अपने घर में आकर अपने कमरे में बैठ गया.

तब मुझे लगा कि आज तो पापा या मम्मी से गांड पर फटके ज़रूर पड़ने वाले हैं.
मुझे यह भी लगने लगा था कि शायद ताई ने मुझे देख लिया है और वे मेरे घर पर यह सब बता देंगी.
बस इसी बात को सोच कर मेरी गांड फटने लगी कि यह क्या हो गया.

उसके बाद पता नहीं, कब मेरी आंख लगी और मैं सो गया.

शाम को जब मेरी आंख खुली तो मैंने उठ कर चाय पी और पुनः ताई के घर चला गया.
उधर उनके बेटे के पास गया तो कोई दिक्कत नहीं थी, सब पहले जैसा ही था.

यह सब देख कर मेरी जान में जान आई.

उसके बाद मैं और उनका बेटा क्रिकेट खेलने के लिए चले गए.
फिर रात को वापस आकर खाना खाया और मैं अपने कमरे में आ गया.

उधर बैठ कर मैं फ़ोन चलाने लगा.

फोन तो क्या ही चला रहा था, मेरे दिमाग में वही दोपहर वाली बात चल रही थी और मुझे ताई के बड़े बड़े दूध मेरी आंखों के सामने आ रहे थे.

मैं आंखें बंद करके ताई के बारे में सोचने लगा.
उनके दूध याद करते हुए अपने लंड को मुठ मार कर झाड़ दिया और सो गया.
उस दिन मेरे लंड ने पानी भी बहुत ज्यादा उगला था.

उसके बाद पता नहीं कब मेरी आंख लगी और मैं सो गया.
रात को करीब 3 बजे फिर से मेरी आंख खुली. मैं मूतने चला गया, पानी पीकर वापस आया और लेट गया.

नंगी ताई जी फिर से मेरी आंखों के सामने आने लगीं मतलब मेरी दिमाग़ में बस अब वे ही घूम रही थीं.
फिर से मुझको लंड झाड़ कर शांत करना पड़ा.

मैं कब सो गया, कुछ पता ही न चला.
सीधे सुबह ही आंख खुली तो मेरी ताई ही मुझे उठाने आई थीं.

आंख खुलते ही मैंने उन्हें देखा तो मैं सोच में पड़ गया.

तभी ताई बोलीं- सुबह सुबह ऐसा क्या सोच रहा है?
मैंने कहा- कुछ नहीं, बस ऐसे ही!

ताई मुझे उठा रही थीं तो उनकी नजर सीधे मेरे बॉक्सर पर पड़ी. मेरे बॉक्सर में मेरे लंड के पानी के छींटे थे रात वाले … और उस वक्त भी लंड एकदम खड़ा था.

मैंने जल्दी से उसे ठीक किया और बाथरूम में चला गया.
उधर लंड को मूत कर ढीला किया और बाहर आ गया.

बाद में ताई ने बताया- तुम्हारी मम्मी आज मंदिर गयी हैं. तुम जल्दी से नहा लो, मैं तुम्हारे लिए खाना बना देती हूँ.
मैं जल्दी से नहा लिया और नाश्ता करके अपने दोस्तों के साथ चला गया.

उस दिन मेरा मन नहीं लग रहा था और मेरे दिमाग़ में ताई के ही ख्याल आ रहे थे.
जब मुझसे न रहा गया तो मैं अपने दोस्तों से बोला- मुझे कुछ काम याद आ गया है. मैं घर जा रहा हूँ.

मैं वहां से सीधे ताई के घर चला गया.
उस समय भी ताई नहा रही थीं.

अब मैंने तरकीब लगाई और मन में ठान लिया था कि अब तो ताई को अपने लंड के नीचे लाना ही है.

अब मैं भी रोज उसी समय ताई के घर चला जाता, तब वे नहाने जातीं.

बाद में धीरे धीरे मैंने उनके शरीर को घूरना चालू कर दिया था.

ताई को भी सब समझ में आने लगा था कि मैं उनके शरीर को घूरने लगा हूँ.
वे भी मुझसे हंस कर बातें करने लगी थीं.
कभी वे अपने ब्लाउज को आगे कर देतीं, कभी अपनी गांड को मटकाती हुई चलने लगतीं.

उनकी इन हरकतों की वजह से अब मुझे भी लगने लगा था कि ताई को नीचे लाने में अब ज़्यादा समय नहीं लगेगा.

एक दिन मैं उनके घर उनके बेटे के पास गया हुआ था.
उनका बेटा उस वक्त घर में नहीं था.
ताई उस समय धूप में बैठ कर कपड़े धो रही थीं.

मैंने ताई से पूछा- पप्पू कहां है?
तो उन्होंने बताया कि वह तो अपनी नानी के यहां गया हुआ है.
यह सुनकर मैं वापस जाने लगा.

ताई ने मुझे रोक लिया और बोलीं- रुक यहां बैठ जा, थोड़ी देर मेरे से भी बात कर ले.
मेरे तो मन में लड्डू फूटने लगे थे.
मैं भी यही चाहता था तो मज़े से खटली पर बैठ गया.

ताई और मैं बातें करने लगे.

अंजुमन ने मुझसे कहा कि अब तो तू बड़ा होन लगा है रे … लगता है अब तेरे मम्मी पापा से कहकर तेरी शादी करानी पड़ेगी.
तो मैंने पूछा- ताई जी एक बात बताओ कि ऐसा क्या हुआ जो आज आप मुझसे ऐसे कह रही हो!

ताई हंसने लगीं और बोलीं- मैं तो बस ऐसे ही कह रही थी.
मैं भी हंसने लगा.

फिर थोड़ी देर यही सब बातें हुईं.
बाद मैं मैंने दिमाग़ के घोड़े दौड़ाने चालू किए कि आज सही टाइम है. आज ताई को नीचे लाया जा सकता है.

मैंने पूछ लिया- ताई, आपने मेरी शादी की बात क्यों कही?
वे मुस्कुरा कर बोलीं- बस ऐसे ही … उस दिन जब मैं तुझे उठाने तुम्हारे कमरे में गयी थी, तब तुम्हारे बॉक्सर पर सफ़ेद दाग लगे थे, तब मैंने सोचा कि अब तुम्हारी शादी जल्दी ही करानी पड़ेगी.
यह कह कर ताई हंसने लगीं.

मेरा मुँह शर्म से लाल हो गया और मैंने अपने सर को नीचे कर लिया.
ताई फिर से हंसने लगीं और बोलीं- कोई बात नहीं, इस उम्र में सबके साथ ऐसा होता है. तू कोई अनोखा नहीं है.

मैंने ऊपर देखा और हिम्मत करते हुए सीधा ही ताई से बोल दिया- ताई क्या आप भी ऐसा करती थीं?
तो ताई बोलीं- हां, मैं भी जवानी में करती थी. मैंने भी जवानी में कई बॉयफ़्रेंड बनाए हैं और उनके लंड को शांत किया है. अपनी चूत की गर्मी से कइयों के लंड का पानी निकाला है.

मैं तो ताई को देखता ही रह गया कि वह तो बिंदास सब कुछ साफ साफ बोली जा रही थीं और लंड चूत जैसे शब्दों को इस्तेमाल करने में उन्हें कोई हिचक या संकोच नहीं था.
मैंने पूछ लिया- ताई, अब भी आपको ताऊ जी के साथ मज़े आते हैं!

ताई ने बताया- तेरे ताऊ जी पहले तो मुझे एकदम से संतुष्ट कर देते थे लेकिन अब उनकी सुगर की बीमारी की वजह से उनका खड़ा होना बंद हो गया है. मैंने जैसे तैसे खड़ा करती भी हूँ, तो वह पेलते ही झड़ जाते हैं. अब तो मुझे अपने हाथ से काम निकालना पड़ता है.
यह कहती हुई ताई उदास सी हो गईं.

मैंने कह दिया- ताई मुझे बुला लिया करो, मैं आपका सारा दुख दूर कर दूंगा.
यह कह कर मैं हंसने लगा.

ताई भी बोलीं- हां मुझे पता है कि जब मैं नहाने जाती हूँ, तब तू मेरे बाथरूम में तांक-झांक करता है.
मैं हंसने लगा और ताई भी!

मैंने पूछा- ताई हाथ से मज़ा पूरा मिल जाता है?
उन्होंने कहा- कहां पूरा मज़ा, जो बात लंड में है … वह हाथ में कहां. पहले तो मैं चूत में मूली, खीरा भी ले लेती थी, पर हाथ दुःख ने लगता है … इसी लिए आज कल हाथ से ही काम चलाती हूँ.

मैंने भी ये सब सुना तो ज़्यादा समय ना गंवाते हुए उनके बूब्स पर हाथ रख दिया और उनके होंठों से अपने होंठों को मिला दिया.

एक बार तो ताई को यह समझ में नहीं आया.
वे मुझे हटाने लगीं.

पर बाद में उनको पता चल गया था कि मैं आज हटने वाला नहीं था तो वे ढीली हो गईं.

मैंने बिना रुके अपना काम चालू रखा और उनके होंठों को चूसता चला गया.
बाद में अंजुमन भी धीरे धीरे नर्म पड़ने लगीं और उनके होंठों ने भी मेरे होंठों पर अपनी कसाव बढ़ा लिया.

हम दोनों अपने आप में खोने लगे.
अब ताई ने अपने हाथ में लगाम ले ली थी.
वे मेरे होंठों को खाने लगी थीं.

उनके मुँह से गर्म सिसकारियां निकलने की बजाए मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थीं.
अंजुमन ने अपने होंठों को हटाते हुए मुझसे कहा- चलो कमरे में चलते हैं.

मैंने फिर होंठों से होंठों को लगा दिया और उन्हें चूम कर हम दोनों कमरे में पहुंच गए.
उधर चुंबन चालू हुआ, तो उनके हाथ मेरी पीठ को सहला रहे थे और मेरे हाथ उनकी पीठ को.

ऐसे ही काम-क्रीड़ा में लगभग दस मिनट से ज़्यादा हो गया था.
उनकी लार मेरे मुँह में और मेरी लार उनके मुँह में जा रही थी.
हम दोनों एक दूसरे को खा जाना चाहते थे क्योंकि उनको चुदाई किए हुए काफ़ी टाइम हो गया था.

मेरा तो ये पहली बार वाला मामला ही था.
आग दोनों तरफ से लगी थी.

अंजुमन ने पूछा- कैसा लग रहा है?
मैंने कहा- अभी तो बड़ी सनसनी हो रही है. जब अन्दर पेलूँगा, तो न जाने क्या होगा?
वे बोलीं- कुछ नहीं होगा. बस तुम मेरे मुताबिक चलते चलो. सब अच्छा ही होगा.

दोस्तो, मैंने अपनी अंजुमन ताई की चुत को किस तरह से चोदा और उनके साथ क्या क्या हुआ, वह सब मैं आपको अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग में बताने वाला हूँ.
 
Last edited:
  • Like
Reactions: hotshot

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
जवान ताई और भतीजे की चुदाई कहानी- 2



दोस्तो, मैं दीपक आपको अपनी अंजुमन ताई की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
जवान ताई पर भतीजे का दिल आया
में अब तक आपने जाना था कि मैं अंजुमन को चूमते हुए और उनके दूध मसलते सहलाते हुए उन्हें कमरे में ले गया था.

अब आगे मस्त आंटी फक स्टोरी:

कमरे में आ जाने के बाद मैंने अंजुमन के ब्लाउज को खोलना चालू कर दिया था और उन्होंने मेरी शर्ट को.

उनके 34-डी के दूध जो अब तक ब्रा में कैद दिख रहे थे. उनके दोनों चूचों के बीच की वह कामुक लकीर यानि क्लीवेज मानो मेरी जान ले रही थी.

मेरे से अब और इंतजार नहीं हो रहा था.
मैंने उनकी ब्रा खोल कर मम्मों को भी आज़ाद कर दिया था. ब्रा को उतार कर फेंक दिया.
अब मेरे सामने अंजुमन के दोनों पपीते लटक रहे थे.
उन पर लगे काले जामुन जैसे दाने मुझे खाने को आमंत्रित कर रहे थे.

मैंने भी देर ना करते हुए एक को मुँह में भर लिया और दूसरे को हाथ से सहलाने लगा.
उनके मुँह से ‘आह उह आह.’ जैसी आवाज ने वासना भरा वातावरण बनाना चालू कर दिया था.

मैं अंजुमन के एक दूध को चूसते हुए उनके दूसरे दूध के जामुन के दाने को भी मसल रहा था.
मुझे तो आज पता चला कि जिस स्वर्ग के सुख की बात कही जाती है, वह यही है.

अब मैं उनके पपीतों को छोड़ कर उनके गले को किस करने लगा.
फिर गले से होते हुए उनकी पीठ पर आ गया.

अगर आपको किसी औरत या लड़की को गर्म करना है, तो आप उसके संवेदनशील बिंदुओं पर चुंबन करो; वह चुदने के लिए अपने आप तैयार हो जाएगी.

अब मैं उनकी पीठ से होता हुआ उनकी कान की लौ को किस करने लगा.
इससे तो अंजुमन पागल सी हो गयी थीं और उनके मुँह से अजीब अजीब सी आवाजें आने लगी थीं ‘आह आह मुँह ममम ससस.’

मैंने उनके पेटीकोट के नाड़े को झटके से खोल दिया और अंजुमन का पेटीकोट नीचे सरक गया.

मेरे सामने अंजुमन एक लाल कलर की पैंटी में हो गई थीं.
उनकी पैंटी पर चुत वाली जगह पर पानी का धब्बा बना हुआ था.
मैं समझ गया कि अंजुमन एक बार निकल गयी हैं.

मैंने देर न करते हुए अंजुमन को बेड पर गिरा दिया और उनके पैरों से पैंटी को खींच कर अलग कर दिया.

आज मेरे सामने जन्नत थी.
एकदम लाल तो नहीं थी, थोड़ी सांवाली चुत थी.
पर उसे सामने देख कर मेरे लंड में और ज्यादा उत्तेजना महसूस हो रही थी.

उनकी चूत में से पानी की बूंदें निकल कर चुत पर मोतियों की तरह चमक रही थीं.

चुत से पानी की कुछ बूंदें टपक भी रही थीं, जिस वजह से चुत और भी ज़्यादा खूबसूरत लग रही थी.
मैंने देर न करते हुए उनकी चूत में मुँह लगा दिया और उसको किसी पागल कुत्ते की तरह चाटने लगा.

जैसे बिल्ली को कहीं दूध मिल जाए, तो वह जीभ निकाल निकाल कर दूध को चाटती है, बिल्कुल वैसे ही मैं लपर लपर करता हुआ चुत चाट रहा था.

अंजुमन जोर जोर से सिसकारियां ले रही थीं- आ आह ऊ उई आह बुझा दे मेरी आग मेरे लाल … आह.
वे अपनी चूत को उठा कर आगे पीछे भी करने लगी थीं और मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने भी लगी थीं.
साथ ही वे जोर जोर से सिसकारियां ले रही थीं.

कुछ देर बाद अंजुमन के मुँह से कुछ ज्यादा तेज स्वर में आवाजें निकलने लगीं और उनकी अकड़न उनकी उत्तेजना को बयान करने लगी थी- इस्सस उम्म आह आह ओऊ ओ मर गई आह मैं मर गई!

वह एकदम से आसमान की सैर करने लगी थीं.

मुझसे भी नहीं रहा जा रहा था.
मैं अपने पूरे वेग से चुत चाटने के काम में लगा रहा.

अब तो मैं एक हाथ से उनके एक आम को भी दबा रहा था और दूसरे हाथ से उनकी चूत में उंगली डाल कर उनके दाने को रगड़ रहा था.
वे इस सबसे बेड पर पागलों की तरह सर पटक रही थीं और कह रही थीं- अब चोद दे मुझे … मादरचोद अब मुझसे नहीं रहा जाता है … ये सब तो बाद में कर लेना … मैं कहीं भागी थोड़ी ना जा रही हूँ.

यह सुनते ही मैंने उनकी चूत को छोड़ दिया और खुद अपने सारे कपड़े उतार दिए.

मेरा लंड तो पहले से ही एकदम लोहे के रॉड की तरह सख्त हो गया था.
उस पर पानी की बूंदें चमक रही थीं. लंड का सुपारा एकदम लाल हो गया था.

मैंने खुद आज से पहले तक अपने लौड़े को ऐसा कभी नहीं देखा था.

मैंने अंजुमन से कहा- यार अंजुमन, एक बार इसे चूस दो ना!
अंजुमन ने बिना किसी संकोच के मेरे लंड को पकड़ा और मुँह में लेकर चूसने लगीं.

वे लंड चूसने में एकदम खिलाड़ी थीं. उनके हाथों से मेरे टट्टे भी धन्य हो गए थे.

मैं अपनी आंखें बंद करके लंड चुसवाने का मजा ले रहा था.

तकरीबन पांच मिनट बाद मेरा लंड झड़ गया और अंजुमन मेरा पूरा पानी पी गईं उन्होंने एक बूंद भी बर्बाद नहीं होने दी.

उन्होंने किसी गन्ने के जैसे मेरे पूरे लंड को चूस साफ कर दिया और अपने थूक से लौड़े को चिकना भी कर दिया.
अंजुमन चटखारा लेती हुई बोलीं- वाह रे … तेरे लंड का पानी तो बड़ा मस्त है.
इस बात पर मैं भी हंस दिया और वे भी खिलखिलाने लगीं.

मुझे तो अभी भी ये एक सपने की तरह ही लग रहा था. मेरा लंड अब मुरझा गया था.
अब मैं अंजुमन को फिर किस करने लगा था.

कुछ ही देर तक अंजुमन के साथ चूमाचाटी और दूध सहलाने का खेल करते करते लंड में फिर से जान आ गयी.
अब अंजुमन ने कहा- चल अब जल्दी से मेरी चूत की गर्मी को मटा दे. मुझे भी लंड लिए हुए काफ़ी टाइम हो गया है. ये सब बाद में कर लेना, मैं यहीं हूँ.

मैंने भी देर न करते हुए अंजुमन के पैर खोल दिए और मस्त आंटी फक का मजा लेने उनकी टांगों के बीच में आ गया.
मैंने अपने लंड की नोक से उनकी चूत के दाने को घिसना शुरू कर दिया.
उनके मुँह से मधुर ध्वनि आने लगी.

जैसे ही मैंने लंड अन्दर डालने की कोशिश की तो मेरा लंड चूत के मुँह पर ही रुक गया.
लंड ने अन्दर जाने से मना कर दिया था.

मैंने एक दो बार और क़ोशिश की, पर फिर भी चूत के अन्दर नहीं जा रहा था.

अंजुमन की चुदाई बहुत दिनों से नहीं हुई थी तो उनकी चूत की फांकें कसी हो गयी थीं.
उसी वजह से लंड को चूत के अन्दर जाने में दिक्कत हो रही थी.

मैं भी कहां हार माने वाला था.
मैंने किसी तरह लंड के सुपारे को फांकों में फंसाया और एक जोरदार झटका लगा दिया.

मेरा आधा लंड उनकी चूत को फाड़ते हुए अन्दर घुसता चला गया

अंजुमन की चुत चिर सी गई और उन्होंने दर्द से तड़फ कर जोर से कहा- आह आह ई … मेरी जान लेगा क्या … आराम से कर न … बहुत दिन बाद लंड ले रही हूँ चूत में … आराम आराम से अन्दर डाल!

मैं धीरे धीरे करने लगा.
वे बुदबुदा रही थीं- आह अभी ऐसे ही धीरे धीरे पेल … थोड़ी देर बाद जैसे मन करे, वैसे चोद लेना अपनी अंजुमन को!

मैंने कहा- मेरा पहली बार है मेरी जान. मुझसे आराम आराम से नहीं होगा … ऐसा करो आप ही ऊपर आ जाओ और आप ही अपने हिसाब से लंड को अन्दर बाहर कर लो.

अंजुमन बोलीं- अभी नीचे से ही कर लेती हूँ.
वे यह कहती हुई गांड मटकाने लगीं और खुद ही नीचे से अपनी चूत उठा उठा कर लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगीं.

ताई सिसकारियां भी ले रही थीं- आह उई आह आह!

थोड़ी देर ऐसे ही मजा लेने के बाद मैंने कमान वापस अपने हाथ में ले ली और अंजुमन ताई की चूत में लंड को जोर जोर से आगे पीछे करने लगा.

तब उनके मुँह से मस्ती भरी आह निकलने लगी.

आज पहली बार मुझे अंजुमन की चुत का मजा मिल रहा था.
इतने दिन तो बस हाथ से माल निकाल रहा था.

आज पता चला कि चूत में कितनी गर्मी होती है और कैसे लंड को सिर्फ चुत में ही चैन मिलता है.

मैंने धीरे धीरे अपने धक्के तेज करने शुरू कर दिए थे.
साथ में मैं उनके चूचों को भी मसल रहा था और उनके होंठों को भी चूस रहा था.

मैंने चुदाई की गति बढ़ा दी थी तो उन्होंने कहा- आह धीरे धीरे धक्के मार न … मैंने पूरे 6 महीने बाद चूत में लंड लिया है.

मैंने उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया और धक्के मारता रहा.

अब अंजुमन ने भी नीचे से अपनी कमर को तेज तेज हिलाना शुरू कर दिया था.

दस मिनट की चुदाई के बाद अंजुम हार मान गईं और उन्होंने जबाब दे दिया.
वे थोड़ी शांत पड़ गईं.

मेरा तो एक बार पानी निकल चुका था तो मेरा अभी इतनी जल्दी नहीं होने वाला था.

अंजुमन की आह आह की आवाज ने गति पकड़ी तो मैंने भी अपनी चुदाई की गति को थोड़ा और तेज कर दिया.

अब जैसे ही अंजुमन की चूत में मेरा लंड जाता, उनकी चूत में पानी की चिकनाहट से आराम से लंड अन्दर बाहर होने लगा था.
पूरे कमरे में फच फच की आवाज आने लगी थी. साथ ही शरीर से शरीर टकराने से पट पट फच फच का शोर भी गूंजने लगा था.

मुझे तो मानो स्वर्ग ही मिल गया था.

अंजुमन एक बार झड़ कर वापस चार्ज हो गयी थीं.
उन्होंने कहा- अब तू लेट जा, मैं तेरे ऊपर आकर सवारी करती हूँ.

मैंने झट से लंड निकाला और एक ओर लेट गया.
अंजुमन मेरे ऊपर आकर लंड पर सवार होकर सवारी करने लगीं.
मैं उनके बड़े बड़े चूचों से खेलने लगा. एक को मुँह में लेकर चूस रहा था, तो दूसरे को हाथ से मसल रहा था.

बीच बीच में मैं अपने हाथ से उनकी चुत की मदनमणि यानि दाने को भी रगड़ रहा था.
सच में आज मुझे बड़ा मजा आ रहा था.

जिन भाइयों ने ऐसा किया है, उन्हें ही ऐसे आनन्द का पता होगा … या उन औरतों को पता होगा, जिनके मर्द उनकी चुत की मदनमणि को और चूची को चूसते हुए चुदाई का मजा लेते हैं.

कोई दस मिनट के बाद अंजुमन थक गई तो मैंने उनको लंड से नीचे उतारा और घोड़ी बनने को कहा.
वे तुरंत घोड़ी बन गईं.

मैं पीछे से उनकी चुत में लंड चलाने लगा.
साथ ही पीछे से उनकी गांड पर थप्पड़ मार मार कर इलाका लाल कर दिया.
मैंने उनके मम्मों को भी मार मार कर लाल कर दिया था.

तकरीबन 20 मिनट की चुदाई में मुझे लगने लगा मानो मेरे पैरों में कुछ हो रहा है.
मेरे पैरों में चीटियां सी रेंगने लगी थीं, तो मैंने कहा- अंजुमन, मैं आने वाला हूँ.

अंजुमन ने कहा- बस दो मिनट ओर रुक जा … मैं भी झड़ने वाली हूँ, हम दोनों साथ में ही झड़ेंगे.
मैंने ओके कह दिया.

फिर 5-7 झटके देने के बाद मैंने कहा- अंजुमन पानी कहां निकालूं?
अंजुमन ने कहा- मेरी चूत को ही भर दे आज … बड़े दिन बाद इस खाई में पानी जाएगा. इस कुएं में तो बरसों पहले तेरे ताऊ जी का पानी गया था. आज इसे फिर से भर दे और मुझे हरी कर दे.

इतना सुनते ही मेरे लंड ने अंजुमन की चूत में पिचकारी छोड़ दी.
आज कई दिन बाद मेरे लंड से इतना पानी निकला था.

जब मैं मुठ मारता था तो मेरे लंड से 3-4 बूंद निकल कर रुक जाती थीं.

आज तो पता नहीं कितनी बूंदें आई होंगी … मुझे खुद नहीं पता.
उसके बाद मैं उनके ऊपर ही गिरा पड़ा रहा.

थोड़ी देर बाद मेरा लंड मुरझा कर उनकी चूत से निकल गया.
उनकी चूत का पानी और मेरा पानी दोनों एक साथ उनकी जांघों से होकर निकल रहा था.
मेरी तो आंखें बंद ही हो गयी थीं.

बाद में अंजुमन ने मुझे किस किया और कहा- इतना मजा मुझे कभी नहीं आया. आज तेरी वजह से मैं 3 बार झड़ी हूँ. तूने मुझे फिर से हरी कर दिया है. अब से तू मेरा दूसरा पति बन गया है.

उसके बाद हम दोनों ने किस किया और अंजुमन ने मेरे लंड चूस कर एकदम साफ कर दिया.
तब अंजुमन बाथरूम में चली गईं और खुद को साफ करके आ गईं.

बाद में उन्होंने मुझे कुछ ड्राई फ़्रूट्स दिए.
मैंने कपड़े पहने और ड्राई फ़्रूट्स खाकर अपने घर आ गया.

आज मैं दो बार झड़ा था और अंजुमन ताई तीन बार झड़ी थीं.

आज का दिन मेरी ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत दिन था क्योंकि मैंने पहली बार चूत ली थी वह भी अपनी अंजुमन की!

उसके बाद जब भी हमें मौका मिलता तो हम दोनों सेक्स के खेल में लग जाते थे.
अब अंजुमन काफ़ी खुश रहने लगी हैं.

फिर एक दिन अंजुमन ने बताया कि वह पेट से हैं.
मेरी तो गांड ही फट कर हाथ में आ गयी थी.

आपको मेरी यह एकदम सच्ची सेक्स कहानी कैसी लगी.
 
Top