पहले अध्याय का छठवाँ भाग
बहुत ही बेहतरीन और शानदार महोदय,
विशेष अपने आपको बहुत चालाक समझता है, उसे ऐसा क्यों लगता है कि वही एक है इस दुनिया में जो बहुत समझदार है बाकी सब तो नीरा मूर्ख है। विशेष ने चाल तो बहुत बढ़िया चली लेकिन उसका मंसूबा पूरा ही नहीं हुआ और किसी ने उसे उसके मंसूबे सहित इस दुनिया से रुखसत कर दिया।।
कहानी में तो नया मोड़ आ चुका है। जिस निशांत की हत्या करके अपनी पत्नी रूपा को उसके हत्या के आरोप में विशेष फंसाना चाहता था, उसी निशांत की किसी अन्य व्यक्ति ने हत्या कर दी साथ ही निशांत को भी टपका दिया। विशेष तो यही चाहता था कि रूपा के ऊपर अदालत में निशांत की हत्या का मुकदमा चल और उसे सजा मिले, लेकिन इसे नहीं पता था कि एक दिन ऐसा भी आवेगा कि रूपा के खिलाफ न्यायालय में मुकदमा तो चलेगा लेकिन उसकी ही हत्या के आरोप में, विशेष की लिखी हुई डायरी ने रूपा के लिए संजीवनी बूटी की काम किया और उसी डायरी के आधार पर रूपा को बाइज्जत बरी कर दिया गया।।
मुझे लगता है इस हत्या में 2 व्यक्ति शामिल हैं एक व्यक्ति वो जिसकी बीवी के साथ निशांत ने मुंह काला किया है जब उसने निशांत को मारा होगा तब विशेष बीच मे आ गया होगा, सुबूत मिटाने के लिए उस व्यक्ति को विशेष को भी मारना पड़ा। दूसरी खुद रूपा हो सकती है, जिसे विशेष की सच्चाई का पता चल गया होगा इसलिए उसने उन दोनों की हत्या कर दी होगी।।