• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

Sanju@

Well-Known Member
4,209
17,277
143
UPDATE 80


अगली सुबह 6 बजे मेरी निद खुली और मै फ्रेश होकर बाहर हाते मे आया और फिर सड़क पर निकल गया ।

तभी मुझे आगे सरोजा जी बस स्टैंड की तरफ जाती दिखी
उनकी कसे लोवर मे झोल देते चुतडो ने उनका परिचय 50 मिटर की दुरी से ही दे दिया था और मै एक कातिल मुस्कान के साथ दौड़ कर उनके बराबर मे जोगिंग करने लगा


सरोजा को जब आभास हुआ कि कोई उन्के बगल मे है तो वो गरदन घुमा कर मुझे देखी और मुस्कुरा कर आगे चल दी

आज वो बस स्टैंड से आगे चमनपुरा मे प्रवेश होने वाले पुलिया तक गयी और मै उन्के साथ वहा तक गया

वहा मै अपनी सांसे बराबर करने लगा लेकिन सरोजा पर कोई फर्क नही था वो नोर्मल अपने बॉडी को स्ट्रेच कर रही थी


मै हाफते हुए - गुड मोरनिग सरोजा जी

सरोजा हस कर - ओहो आज काफी दिन बाद दिखे कहा थे

मै - वो नये घर के काम मे व्यस्त था अब यही चौराहे वाले घर पर रहता हू ना

सरोजा - ओह्ह्ह अच्छा है
मै थोडा उनकी तारिफ मे - वैसे मानना पडेगा आपके जितना रेस लगा पाना मेरे बस का नही है

सरोजा ह्स कर - हिहिही अरे बाबू रोज करोगे तो तूम्हारा भी आदत हो जायेगा

मै मस्ती भरे अंदाज मे - अब आपका साथ पाने के लिए आदत बनाना ही पडेगा हिहुही

सरोजा शर्मा के इधर उधर देखती है - तुम भी ना एक नं के पागल हो , शर्म नही आती अपने से बड़ी औरत के साथ फलर्ट करते हुए

मै हस कर - इसमे शर्म कैसा हिम्मत चाहिये हिहिहिही

सरोजा एक शर्म भरी मुस्कान के साथ - चलो ठीक है मेरा हो गया , मै जाती हू

मै - वैसे अपने इस एनर्जी का राज तो बता दिजीये

सरोजा मुस्कुरा के - इस बारे मे जानना है तो कभी मेरे मार्ट मे आना , ऑफ़िस पर वही बताऊंगी हिहिहिही

मै खुशी से - हा जी क्यू नही आप जहा कहे वहा आ जाऊ

सरोजा हस कर वापस जोगिंग करते हुए निकल गयी और मै भी और मै भी घर के लिए निकल गया । फिर नहा धो के चाय नाश्ता कर दुकान पे निकल गया ।

ऐसे ही एक दो दिन का समय बीता और हमने शॉपिंग की सारी लिस्ट बना ली और ब्ज्त तैयार कर लिया ।
फिर एक दिन समय निकाल कर पहुच गये सरोजा कॉमप्लेक्स
सरोजा कॉमप्लेक्स पहुच कर मा और दीदी किचन मे सामान मे लग गये और मै उनको आने का बोल कर निकल गया सरोजा जी के ऑफ़िस की ओर

2nd फ्लोर पर एक कॉर्नर पर उनका ऑफ़िस था जिसके दरवाजे पर उनके नाम का बोर्ड लिखा था ।
मै एक बार दरवाजा खटखटाया तो किसी स्टाफ ने दरजावा खोला और सरोजा जी ने ऑफ़िस की चेयर पर बैठे बैठे एक नजर दरवाजे पर मुझे देखा तो बोली

सरोजा - अरे बाबू तुम ,, आओ आओ

फिर मै कमरे मे गया जहा सरोजा एक हल्के गुलाबी रंग की साडी पहने हुए चेयर पर बैठी थी मुझे देख कर उठ गयी और सोफे पे बैठने का निमंत्रण दिया


फिर हम दोनो ने सोफे पर बैठे और सरोजा जी ने उस स्टाफ को दो कॉफी लाने को बोला ।
सरोजा - क्या बात है आज बडे स्मार्ट लग रहे हो
मै हस कर - सोचा जब आपसे मिलना है तो थोडा टिपटॉप होकर जाऊ ताकि आप भी मेरे उपर ध्यान दे

सरोजा मेरी बात से हस दी
मै - वैसे आप भी बहुत खुबसूरत लग रही है और ये पिंक साड़ी काफी खिल रही है आप पर हर जगह से


सरोजा चौक कर - क्या मतलब हर जगह से

मै हस कर - कुछ नही आप अच्छे लग रहे हो यही कह रहा हू

सरोजा हस कर - मै जानती हू तुम कितनी गहरी बाते बोल जाते हो और तुमको लगता है मुझे पता नही पडेगा
मै उनकी बातो को और मजे से घुमा कर बोलता हुआ - वैसे कितना गहरा मह्सुस करती है आप मेरी बातो का

सरोजा शर्मा कर ह्स्ते हुए - बदमाश बहुत पिटूंगी तुमको

मै हस कर - मै क्या गलत बोला
सरोजा हस कर - तुम ना एक नं के चालू हो हिहिही

मै ह्स कर - और आप एक नं की हसिन और खुबसूरत है हिहिहिही

सरोजा अपने लटके बाल कानो मे खोसते हुए - और क्या क्या हू मै बताना तो

मै शरारती मुस्कान से - अभी जितना देखा है उतना ही बता दिया बाकी का क्या बताऊ

सरोजा शर्मा कर - धत्त पागल, अब क्या कपडे निकालू तब तारिफ करोगे हिहिही

मै हस कर - अब तारिफ तो उनकी ही की जा सकती है ना जिनको देखा हो छुआ हो मह्सूस किया हो

सरोजा मेरी बातो से निश्ब्द होकर सोफे की कुशेन से मुझे मारते हुए - बहुत गन्दे हो तुम हिहिहिही शर्म नही आती ऐसी बाते करते हुए मुझसे

मै ह्स कर - जब आपको सुनने मे नही आती तो मुझे कहने मे क्या शर्म हिहिही

इधर सरोजा कुछ बोलती तब तक दरवाजा पर खटखट हुई और सरोजा खडे होकर दरवाजा खोलने जाते हुए बोली - तुमको तो अभी बताती हू

फिर एक स्टाफ दो काफी लेके आया और सरोजा ने उसको जाने का बोल कर दरवाजे को लॉक कर दिया और काफी टेबल पर रख कर बैठ गयी

मै हस कर - दरवाजा क्यू लॉक कर दिया कही मेरे साथ कुछ करने वाले तो नही ना


सरोजा हस कर - हा तुम्हारी इज्ज्त लुटने वाली हू
मै बाहे फैला कर - फिर देर कैसा आजाओ ना

सरोजा शर्मा कर हसते हुए -बदमाश कही के चलो काफी पीयो
फिर हमने काफी पी और हम काफी समय तक गप्पे लड़ाए
अब सरोजा मुझसे काफी खुल गयी थी और मेरे मन मे काफी सारे विचार आने लगे थे क्योकि मुझे बस पहल की जरुरत थी और सरोजा मना नही करती पर मै कोई जल्दीबाजी नही करना चाहता था इसिलिए मैने जल्दी काफी खतम की

मै - चलिये ठीक है अब मै चलता हू मा और दीदी खोज रहे होगे मुझे

तभी सरोजा मन गिरा कर - अरे यार इत्नी जल्दी अभी तो आये हो

मै हस कर - सारी बाते एक ही मुलाकात मे कर लेंगी क्या हिहिहिही चलिये मै चलता हू बाय

सरोजा - रुको राज एक मिंट

फिर सरोजा ने ड्रावर से मुझे एक 40% less का कुपन दिया और अपना विजिटिंग कार्ड दिया जिसपे उसका नं था ।

मै खुश होके - अरे वाह,,थैंक यू जी मा तो खुश हो जायेगी

सरोजा सीरियस होकर भरी आँखो से मेरे गाल को चूम कर - थैंक्स टू यू राज ,,मेरे साथ समय बिताने के लिए
मै उसकी भरी आन्खे देख कर चिंतित भाव से - अरे अरे आप रो क्यू रही है , मै कौन सा बहुत दुर हो जब मन हो बुला लिजीये और अभी नं है मेरे पास अब तो हमेशा परेसान करूँगा आपको हिहिहिही

मेरी बाते सुन सरोजा ह्स दी जिससे उसकी आखे छलक गयी
मै झट से रुमाल से उन्के गाल साफ किया - ओहो क्यू इत्ना महगा मेकअप खराब कर रही है

सरोजा ह्स्ते हुए - धत्त मै मेकअप नही लगाती ये नेचुरल स्किन है पागल

मै अचरज के भाव मे - अगर यहा की स्किन इतनी मुलायम है तोओओओ
फिर उनको देखते हुए एक कातिल मुस्कान छेद दी जिसका मतलब सरोजा समझ गई और मेरे सीने पर मुक्का मारते हुए बोली - धत्त गन्दे अब जाओ
ये बोल कर वो घूम कर अपने चेयर की तरफ जाने को हुई तो मै झट से उनका हाथ पकड कर अपनी तरफ खिचा और कमर मे हाथ फेरते हुए उनके होठो को अपने होठो मे भर लिया

सरोजा इसके लिए तैयार नही थी इसिलिए मेरे होठो ने स्पर्श से वो आखे बडी किये मुझे देखने लगी और मैने बडी कामुकता से उस्के मोटे होठो से मैरुन लिपस्टिक हटानी शुरु कर दी

जल्द ही सरोजा ने भी मेरा साथ देना शुरु कर दिया
तभी दरवाजे पे खटखट हुई और हम अलग हो गये ।
मै बिना कुछ बोले मुह साफ कर कमरे से बाहर निकल गया ।

और शॉपिंग एरिया मे आकर एक गहरी सांस ली फिर मा के पास चला गया ।

फिर उनके साथ सारे सामान की खरीदारि कर सरोजा के दिये कुपन से बिल पे किया और फिर सामान काफी ज्यादा और वजन वाला था एक auto मे समान लाद कर हम सब घर चले गये ।
रात मे खाने के बाद सब अपने अपने कमरे मे चले गये सोने लेकिन मुझे निद कहा । रात के 10 बज रहे थे

अभी भी मुझे सरोजा के बदन की खुस्बु और उसके मुलायम होठो का स्पर्श पागल किये हुए था और वो पल सोच सोच कर मेरे लण्ड मे कसाव बढ़ रहा था ।

तभी मुझे उन्के विज़िटिंग कार्ड का ध्यान आया और मैने झट से नं डायल कर सरोजा के पास काल लगा दिया

दो रिंग के बाद ही फोन उठा और सरोजा की मनमोहक आवाज आई जिसको सुन कर मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई

सरोजा - हेलो कौन
मै चुप रहा
सरोजा थोडा गुस्से के भाव मे - अरे कौन है भई बोलो तो हेल्लो

मै एक सहमे आवाज मे - म म मै बोल रहा हू राज
मेरी आवाज सुन कर सरोजा भी शांत होकर बोली - ओह्ह राज तूम हो
फिर एक बार हमारे कालिन्ग पर खामोशी छा गई
सरोजा - कहो कैसे याद किया खाना पिना हुआ

मै थोडा संकोची भाव से - ह हा हा हो गया और आपका

सरोजा ह्स कर - अरे तुम ऐसे क्यू बात कर रहे हो अभी दोपहर मे बडे जोश मे थे

मै सरोजा की दिल्कस बात सुन कर की वो नाराज नही है तो मै अपने मस्ती भरे अंदाज मे बोला - जोश मे तो अब भी हू कहो तो दिखा दू हिहिहुही

सरोजा हस के - अच्छा जी दिखाना तो तुम्हारा जोश हिहिहिही

मै झट से अपना लोवर निचे कर अपना खड़ा लण्ड बाहर निकाल कर उसकी एक अच्छी से तस्वीर निकाली और सरोजा के वॉटसआप पर भेज दी

मै हस कर - अपना व्हाटसअप खोलिये देखिये मैने भेजा है अपना जोश

सरोजा हस के - मतलब
मै हस के - अरे देखिये देखिये

थोडी देर मे सरोजा की आवाज आई - छिईईई गंदे लडके ये क्या भेजा है हमम्म

मै हस के - क्यू है ना मोटा और बड़ा मेरा जोश
सरोजा हस कर - भक्क गन्दे कही के

मै ह्स के - क्यू पसंद नही आया
सरोजा शर्म से - तूम ना ,, रखो फोन मै तुमसे बात नही करने वाली अब बहुत गन्दे हो ,,

मै हस के - हा जान रहा हू क्यू फोन रख रही हो आप
सरोजा - अच्छा जी बताओ तो क्यू

मै हस के - फोन रखने के बाद शायद आप मेरे जोश को देख कर पसीना पसीना होने जा रही हो ।

सरोजा - धत्त पागल ,, ऐसा कुछ नही है मै बाद मे बात करती हू कोई बुला रहा है ,,चलो बाय गुड नाइट

मै ह्स के - हा बाय गुड नाइट
फिर फोन कट गया और मै मुस्काराता हुआ सरोजा के साथ के सपने बुनते हुए सो गया ।

रात के करीब साढे 12 बजे मेरा मोबाईल रिंग हो रहा था जिससे मेरी निद खुली और मैने फोन देखा तो सरोजा का ही फोन आ रहा था

मै थोडा सोचा की इत्नी रात मे सरोजा फिर से फोन कर रही है

मै झट से उठ के बैठा और फोन रिसीव कर हैल्लो बोला की उधर से एक मादक सिसकी भरी आवाज आई

सरोजा बड़ी ही कामुक आवाज मे कसमसाते हुए बोली - राआआज्ज्ज सो गये हो क्या

मै सरोजा की आवाज से थोड़ा आवाक रह गया और उसकी कामुक भरे शब्द मेरे लण्ड मे तनाव करने लगे
मै हड़बड़ा कर - न न नही तो बताईए क्या बात है , अभी सोयी नही आप

सरोजा लडखती जुबान मे - ओह्ह्ह मेरे प्यारे राआअज तूमने तो मुझ पे जादू कर दिया है अह्ह्ह मा उम्म्ंम्ं

मुझे समझते देर नही लगी की हो ना हो सरोजा ने ड्रिंक किया है
मै - क्या हुआ सरोजा जी आप ऐसे क्यू बोल रही है मैने क्या किया

सरोजा नशे मे लडखडाती जुबान से - तूम्हे पता है तालाक के बाद मैने किसी मर्द का लण्ड नही देखा था और आज्ज्ज्ज तुमने अपना लण्ड दिखा कर मेरे अन्दर की आग को भड़का दिया है राज अह्ह्ह्ह

मै घबडाहट से थूक गटकते हुए - ये आप क्या कह रही है सरोजा जी आपने कही ड्रिंक तो नही की ना

सरोजा ह्स के - हा राज की है मैने ड्रिंक लेकिन वो नशा तुमहारे नशे के आगे बेकार है राआआज्ज्ज आओ ना चोद दो मुझे अह्ह्ह देखो ना कबसे अपनी चुत रगड़ कर झड़ रही हू अह्ह्ह देखो ना फिर से झडने वाली हू मै अह्ह्ह राजज मुझे चोद दो ना अपने मोटे लण्ड से प्लीज राज अह्ह्ह मा अह्ह्ह आह्ह उफ्फ्फ घुसा दो मेरी चुत मे इसको अह्ह्ह

मै घबडाहट से पसिना पसीना हुए सोच रहा था कि कही मैने सरोजा की आग भडका कर कोई गलती तो नही की कही मेरे लिए मुसीबत न बन जाये ये

इधर फोन पर सरोजा मेरा नाम लेके झड़ते हुए शांत हो गयी और थोडी देर बाद मै भी फोन काट कर एक गहरे विचार मे खो गया और कब सो गया पता ही नही चला।

अगली सुबह मै 6 बजे उठा और जोगिंग के लिए गया लेकिन कही भी मुझे सरोजा नही दिखी तो मै भी वापस घर लौट आया और नहा धो कर नासता किया फिर दुकान पर चला गया ।

पुरा समय मै रात वाली घटना को लेके सोचता रहा और डर के मारे सरोजा को फोन तो क्या एक मैसेज करने की हिम्मत नही हुई ।

ऐसे ही मै दोपहर मे दुकान मे गहरी सोच मे बैठा था कि मा खाना लेके आई और मुझे सोच मे देख कर

मा - अरे बेटा क्या हुआ क्या सोच रहा है

मै चौक कर - नही नही मा कुछ नही ,
मा - तो चल हाथ मुह धुल के आ और खाना खा ले फिर पापा के लिए खाना लेते जाना

मै पापा के पास जाने को लेके थोडा सोच मे पड गया जिसको मा भी देख रही थी ।

मा मुस्कुरा कर मेरे बालो मे हाथ फेरते हुए - तू होली वाली बात को लेके परेशान है ना कि पापा के सामने कैसे जायेगा

मै - हम्म्म मा
मा - चिंता ना कर तेरे पापा बात करेंगे तुझसे इस बारे मे

मै संकोची होकर - लेकिन
मा मुस्कुरा कर - लेकिन वेकिन छोड और तू खाना खा ले फिर हम दोनो

मै खुशी से मा को हग कर बोला - सच मे मा
मा हा मे सर हिलाती है और फिर मै जल्दी से खाना खा कर खतम किया और थोडा दुकान का शटर गिरा के मा की जबरदस्त चुदाई की और खुशी मन से खाना लेके पापा के पास निकल गया


रास्ते भर मै सोचता रहा की पापा का सामना कैसे करूँगा और आने वाली परिस्थिती के लिए खुद को तैयार कर मै खाना लेके पापा के पास गया जो दुकान मे बैठे थे

मै एक दबी आवाज मे - पापा खाना
पापा की नजर जैसे मुझ पर गयी वो खुश हुए लेकिन मुझे नजरे चुराता देख उनको अपनी गलती याद आई और बोल शांत होकर बोले - बेटा खाना अन्दर रख दे मै आता हू ।

मै घबडाहट से आजाद हूआ कि अब उन्के सामने नही जाना पडेगा और मै झट से खाना रेस्टरूम मे रखा और वापस निकल ही रहा था कि पापा सामने आ गये ।

उनको सामने देख के पता नही क्यू मेरी फटने लगी और मै फिर से नजारे चुरा कर जाने को हुआ तभी

पापा - राज बेटा आओ बैठो मुझे कुछ बात करनी है
मेरी तो घिग्गी बन्ध गयी और थूक गटकते हुए वही खड़ा रहा ।
मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज हो गया था थी जिसका असर मेरे चेहरे पर हो रहा था ।

लेकिन पापा के चेहरे पर एक मुस्कान थी जिससे मुझे थोडी राहत हुई

पापा - अरे खडे क्यू हो आओ बैठो , लो ये पानी पीयो

फिर मैने ग्लास पापा के हाथ से लिया और गटागट पानी खतम कर एक गहरी सास ली
पापा मुस्कुराते हुए मुझे एक तस्वीर अपने पर्स से निकाल कर दिखाते है , जिसमे उनके जवानी की तस्वीर थी और उनके कन्धे पर हाथ रखे मेरे स्व. दादाजी थे ।

मै दादाजी की तस्वीर देख कर खुश हुआ
तो पापा मुस्कुराते हुए बोले - जानते हो बेटा मै और बाऊजी बहुत अच्छे दोस्त थे

मै पापा की बातो से मुस्कुराया
पापा - तू यकीन नही मनोगे बेटा
वो बहुत अच्छे शायर भी थे और मुझे प्यार मुहब्बत की शायरिया सिखाते थे । लेकिन मुझे इनसब में कोई रुचि नही होती थी

मै पापा की बाते सुन कर हस रहा था लेकिन कोई खास रिएक्ट नहीं कर रहा था ।
पापा भी इस बात को बखूबी नोटिस कर रहे थे ।

पापा - पता है बेटा आज उनके साथ रहने और समय बिताने का नतिजा है कि मै एक बेहतर जीवन जी रहा हू ,, उनके साथ बिताये समय के अनुभव से मैने बहुत कुछ सिखा और वो भी मुझे बहुत प्यार से समझाते थे चाहे कोई भी टोपिक हो ।

मै पापा की बाते ध्यान से सुन रहा था ।
पापा ठहरते हुए शब्दो मे - बेटा देख मै अब ज्यादा बातो को घुमा नही सकता ,,,मै चाहता हू कि तू होली वाले दिन की बात को लेके मेरे बारे कोई गलत ख्याल ना लाये ।

मै पापा की बात सुन कर थोडा अनकॉमफ़ोर्ट मह्सूस करने लगा

पापा मुझे समझाते हुए - देख बेटा मै भी चाहता हू तू भी तेरे मन मे जो भी बात है बेझिझक मुझसे कह जैसा मै मेरे बाऊजी से कह देता था । अब तू बड़ा हो गया है और तेरे मन में कही न कही मुझको लेके कोई बात जरुर चल रही होगी ।

पापा ने अपनी बात खतम की और थोडा सन्नाटा छाया रहा तो मै एक गहरी सांस ली और हिम्मत कर बोला - नही पापा ऐसी कोई बात नही ,,मुझे आपसे कोई शिकायत नही है और वो तो गलती मेरी थी मै बिना बोले उस दिन कमरे मे आ गया था हा लेकिन मुझे थोडा सा अजीब लगा जब छ्त पर आपको देखा तो

इतना बोल कर मै चुप हो गया और पाप के बोलने का इन्तेजार करने लगा ।

पापा थोडा गंभीर भाव मे मुझे सम्झाते हुए - दरअसल बेटा वो उपर छ्त पर जो हुआ उसमे मेरी गलती नहीं थी ,,वो मै तेरे मा के साथ लगा था और अचानक से कब तेरी चाची आ गयी और तेरी मा को समझ नही आया कि क्या करे तो झट से उसने तेरी चाची को खिच लिया कि कही वो किसी को बता न दे और अनजाने तेरे चाची का मुह तेरे मा के स्तन पर चला गया और फिर बाकी तू जानता ही है ।


मै पापा के सफाई देने के तरीके पर मुझे हसी आ रही थी लेकिन मै उसको मुह मे दबा कर ब्स मुस्कुरा रहा था

पापा मुझे मुस्कुराता देख खुद को थोडा हल्का मह्सूस किया और बोले - तो अब कोई झिझक नही है ना तेरे मन मे बेटा

मै मुस्कुराकर - जी नही पापा
पापा ह्स्ते हुए - शाबाश !! आ चल अब खाना खाते है

मै - नही नही पापा आप खाओ मै खा के आया हू
पापा - अच्छा ठीक है तू बैठ मै तेरे लिए जूस मगवा देता हू

मै ह्स कर - अरे नही नही पापा रहने दो

पापा खडे होकर - अरे बैठ भई शर्मा तो ऐसे रहा है जैसे बाप के आगे नही ससुर के आगे बैठा हो हाहाहाहह

मै पापा की बात सुन कर हसने लगा और वो बाहर किसी नौकर को एक जूस लाने को कहा और वापस आकर खाना खाने बैठ गये ।
मै वही बैठा रहा है

पापा - तब और बताओ बेटा कुछ
मै अचरज के भाव मे - क्या पूछिये पापा

पापा खाना खाते हुए - तब और बताओ हमारी होने वाली बहू से कब मिलवा रहे हो

मै शर्मा कर - जब कोई रहेगी तब ना मिलवाउँगा हिहिहिही

पापा चौकाने के भाव से - धत्त मतलब इतनी उम्र मे तुने कुछ नही किया

मै हस कर ना मे सर हिलाया
पापा - अरे जब मै तुझसे छोटा था तभी बाऊजी के पास मेरे कारनामो की शिकायते पहुचने लगी थी हिहिहिही

मै हस कर उत्सुकता से - कैसे कारनामे पापा
पापा हस कर - अरे वही सब कही इस खेत मे पकड़ा जाता किसी के साथ तो कोई अपनी बिटिया से मुझे दुर रखने की सलाह देने बाऊजी के पास आता

मै हस कर - फिर दादा जी क्या बोलते थे हिहिही

पापा हस कर - बाऊजी तो मेरे पक्के दोस्त थे और वो मुझे सम्झाते की ये सब कैसे छिप छिपा कर करना चाहिए हाहहहह

मै चौकने के भाव मे ह्स कर - भ्क्क्क सच मे
पापा ह्सते हुए - हा भई, लेकिन मेरी आदत तब बिगड़ चुकी थी फिर हार मान कर बाऊजी ने मेरे लिए रिश्ता देख कर तेरी मा से शादी करवा दी

मै थोडा मुस्कुरा कर शर्माने लगा
पापा मुझे छेड़ने के अंदाज मे - वैसे एक बात पूछू राज बेटा

मै खुशी से मुस्कुरा कर - जी पापा बोलिए
पापा - तुझे कैसी लडकिया पसंद है

मै समझ गया कि पापा धीरे धीरे अब मेरे तरफ बातो को घुमाने वाले है और मै भी उन्के साथ खुल कर शादी से पहले की उनकी सारी चतपति बाते और मस्तियो के बारे मे जानना चाहता था ।


मै थोडा शर्म से भाव मे - मतलब मै समझा नही पापा

पापा हस कर - अरे मेरे कहने का मतलब है तुझे कैसी औरत पन्सद है ,, तेरी मा कैसी भरी हुई या तेरे दीदी जैसे जवान बदन वाली


पापा ने मा और दीदी की चर्चा छेड़ कर मेरे तन मे एक सिहरन सी दौडा दी थी ।
मै संकोचवश कुछ बोल नही पा रहा था लेकिन मेरा पुरा मन था कि मै पापा को ये बताऊ की मै कैसे उन्के साथ मिल कर मा को चोदना चाहता था ।


पापा मुझे खोया हुआ देख के - क्या हुआ बेटा कुछ गलत तो नही ना पुछ लिया मैने

मै हलका सा हस कर - न न नही पापा ऐसा नही ,,लेकिन

पापा - लेकिन क्या बोलो बेटा , मुझसे ना शर्माओ , मै चाहता हू कि तुम भी मेरे साथ अपने दिल की बाते करो और नयी नयी चीज़ो के बारे मे जानो समझो ,आखिर तुम अब बडे हो रहे हो


मै मुस्कराकर - जी पापा , वैसे देखने मे तो दोनो अच्छी लगती है आखिर वो मेरी मा और बहन है ना

पापा हस कर - अरे बेटा एक भाई और बेटा बन कर नही एक मर्द बन के बताओ कि तुमको मौका मिले तो तुम किसके साथ समय बिताना चाहोगे अपनी मा के साथ या बहन के साथ
मै थोडी हिम्मत कर लड़खते शब्दो मे - वो मुझे वैसे मा ज्यादा अच्छी लगती है
ये बोल कर मै गरदन घुमा कर मुस्कुरा कर शर्माने लगा

पापा मेरे जवाब को तब्ज्जो देते हुए - अरे वाह जनाब पसंद तो आपकी बहुत बढिया है लेकिन क्या आप बतायेंगे कि आपने अपनी मा को क्यू चुना

मै शर्मा के ह्स्ते हुए - बस ऐसे ही पापा, मा मुझे अच्छी लगती है । उनकी स्किन बहुत मुलायम है और वो मुझे बहुत प्यार करती है और उनके

अब तक पापा खाना खा चुके थे और हाथ साफ करते हुए
पापा - और और ,, आगे बोलो बेटा

मै शर्मा कर - वो मा के बडे बडे दूध अच्छे ल्गते है मुझे

मै जानता था कि पापा मुझसे यही सब सुनना चाहते हैं पर मै इतना जल्दी खुलना नही चाहता था ।

पापा एक गहरी सास लेते हुए अपनी पैंट मे उभरे लण्ड को सेट करते हुए - आह्ह बेटा बात तो तेरी सही है ,,,तेरी मा के मोटे दूध है ही कमाल के ,,,मजा आ जाता है चुस के


मै पापा की बात सुन कर उत्तेजित हो रहा था लेकिन अपनी भावनाये रोक कर खुद को जान बुझ के शर्म से आच्ल से ढका हुआ था

पापा मुझे टटोलते हुए - बेटा तेरा मन नही करता कि तू फिर से तेरी मा के मोटे दूध पिए

मै पापा की बात सुन के सच मे चौक गया और मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई और मुझे समझ नही आ रहा था कि मै क्या जवाब दू इसका


मुझे चुप देख के पापा बोले - क्या हुआ बेटा बोल ना

मै मुस्कुरा कर - धत्त नही , वो मम्मी है मेरी , आप भी न हिहिहिही

पापा - अरे बेटा मा के दूध पर पहला तक तो तेरा ही है हाहाहाहा , वैसे तेरी मर्जी

पापा - अब से तू मुझे अपना दोस्त समझ और कुछ भी पुछना हो जानना हो तो हिचक ना करना

मै खुश होकर - जी पापा ,,अब मै जाऊ मा को वापस घर जाना है ना

पापा हस कर - अरे हा हा बेटा तू निकल ये टीफिन मै शाम को लेते आऊगा

फिर मै वहा से निकल पुराने घर की तरफ चल दिया और रास्ते भर पापा के साथ बिताये पलो को याद कर उत्तेजित होकर मुस्कुरा रहा था ।

फिर मै
दुकान पहुच कर मा से सारी बाते शेयर की और मा को बोला कि पापा को हमारे बारे ना बताये क्योकि मै पापा के तरीके से मजा लेना चाहता हू
और फिर हम दोनो आने वाले समय के लिए सपने बुनने लगे

जारी रहेगी
READ AND REVIEW
बहुत ही शानदार अपडेट हैं
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
6,336
17,768
174
UPDATE 81



मै पापा के वहा से वापस मा पास आया और उनको सारी बाते बताई । फिर हमारे बीच उनसब को लेके एक मस्ती भरी चर्चा के बाद मा खाने के टिफ़िन लेके घर निकल गयी और मै वही दूकान मे बैठ कर काम करने लगा ।

शाम को 3.30 बजे तक अनुज आया तो मै उसको बिठा कर निकल गया कोचिंग के लिए और शाम मे अनुज को खुद दुकान बंद करके घर आने को बोल दिया ।

चुकि 15 दिन बाद से मेरे एक्जाम भी सुरु होने वाले थे तो मै पढाई मे थोडा ध्यान देने लगा था ।

फिर शाम की कोचिंग के लिए मुझे वही अपने नये घर के बगल मे चंदू के घर पर ही जाना था और मै समय से पहुचा और क्लास अटैंड की फिर समय से घर चला गया और मा को बताया कि मेरा एक्जाम का टाईम टेबल आ गया है और दो हफ्ते बाद से मेरी परीक्षा है तो मै थोडा पढाई करना चाहता हू , आप प्लीज कुछ दिन के लिए दुकान के काम काज देख लिजीये


मा खुशी से - अरे कोई बात नही बेटा उसकी चिन्ता ना कर ,,वैसे भी अनुज की 9वी की परिक्षा पूरी हो गयी है तो वो अब फ्री है और मै उसके साथ दुकान देख लुंगी तू पढाई पर ध्यान दे


फिर मै चाय नास्ता कर उपर दीदी के साथ पढने चला गया । चुकी एग्ज़ाम आ रहे थे तो दीदी ने मस्ती करने के लिए साफ मना कर दिया था पढाई पर ध्यान देने को बोला और 8 बजे करीब मा ने हमे आवाज दी और फिर हम सब खाना खाने बैठ गये ।
पापा और अनुज भी आ गये थे
फिर हम सब ने खाना खाया और फिर पापा को भी पता चला की दो हफते बाद से हमारे एग्ज़ाम सुरु होने को है

खाने के बाद हम सब अपने कमरो मे चले गये ।
मै भी अपने क्मरे मे गया और लेट कर मोबाइल चलाने लगा ।
चेक किया तो देखा कोमल के 3 मिसकाल और 2 मैसेज आये थे । इसका मतलब था कि वो घर आ गयी थी ।

फिर मैने उसको कॉल किया और उससे हाल चाल लिया साथ एग्ज़ाम के बारे मे भी डिसकशन हुआ फिर उसने फोन रख दिया ।

मै भी बिंदास सोने के मूड मे था कि तभी एक मैसेज बिप हुआ जिसे देख कर मेरे दिल की धडकनें तेज हो गयी । ये सरोजा जी का मेसेज था

सरोजा - नाराज हो क्या राज
मै उनका मैसेज देखते ही कल रात की सारी घटनाये मन मे ताजा कर ली

फिर एक आत्मविश्वास के साथ उनको फोन किया

फोन पर :

मै - ह ह हैलो गुड इवनिंग
सरोजा - हाय राज गुड इवनिंग
मै - कैसी है आप , डिनर हुआ
सरोजा - हम्म्म्म और तुम्हारा

मै - हा मेरा हो गया और बताईये
सरोजा - राज वो मै कल रात के लिए तुमसे सॉरी बोलना चाहती हू , मैने नशे मे पता नहीं क्या क्या बोल दिया होगा तुमको

मै ह्स कर - मुझे सारा याद कहो तो बताऊ हिहिहिहिही

सरोजा शर्म से हस कर - धत्त पागल,, तुम तो फ़ोरमैलिटी जैसे चीजो को जैसे समझते ही नही हो ,,सीधा मुह पर ही बोल देते हो

मै हस कर - नही मुझे लगा शायद आप नशे मे थी तो आपको याद नही होगा तो क्यू ना मै आपकी मदद कर दू हिहिहिहिही

सरोजा - धत्त नही चाहिये मुझे मदद तुम्हारी
मै ह्स कर - कोई बात नही जी जाने दिजीये और बताईये

सरोजा थोडा संकोचवश- वो राज मै तुमसे मिलना चाहती हू ,, तुम फ्री हो इधर कभी
मै थोडा सरोजा से मजे लेने मूड मे - वैसे तो मेरे एग्ज़ाम आ रहे है लेकिन अब आप बुला रही है तो मै मना कैसे कर सकता हू

सरोजा हस कर - अरे अरे नही इतना जरुरी भी नही है , तुम पढाई करो और परीक्षा के बाद ही मिल लेंगे
क्योकि मुझे भी कल शाम तक दिल्ली के लिए नीकलना है , शादियो के सीजन आ रहे है तो नये collection के सिलसिले मे ,,, ओके चलो अभी बाय
मै - अरे कहा चली जी
सरोजा इतरा कर - सोने जा रही जी
मै ह्स के - मै भी आऊ जी
सरोजा इतरा के - ना ना जी
हिहिहिही रखो पागल कही के बाय गुड नाइट

मै ह्स कर - हा बाय गुड नाइट

फिर मैने फोन रखा और सो गया ।

फिर ऐसे ही समय बीता। धीरे धीरे हमारे परीक्षा के दिन करीब आ गये और हम सब ने जी तोड़ पढाई की और 4 अप्रैल को मेरा पहला एग्ज़ाम था ।
मै बडे सवेरे उठा और जल्दी से फ्रेश हुआ और नहाने के बाद आज मन हुआ कि एक लोटा जल सूरज दादा को भी दे ही दू । जैसा की आम परीक्षा के दिनो मे ही बच्चो को भगवान याद आते है बिल्कुल उसी तरह मुझे भी मन हुआ और मै जल देने छ्त पर गया और एक बार गायत्री मंत्र का जाप खतम कर वापस दरवाजे की ओर जा ही रहा था कि तभी मेरी नजर बगल के काजल भाभी के मकान पर गयी जहा काजल भाभी की सास नहा कर एक बाल्टी मे कपडे लेके आई थी और छ्त पर बने अरगन पर डाल रही थी ।

आह्ह क्या नजारा था ,, उनकी सास का बदन अभी भी भिगा ही था और वो बिना ब्लाउज के सिर्फ सारी को उपर से लपेटे हुए थी और उनकी नंगी पिठ पीछे से साफ दिख रही थी और वो फिर जैसे ही बाल्टी से कपडे लेने के लिए झुकी उनकी भारी गाड़ यू फैल कर सामने आई जिससे मेरा लण्ड टनटना गया और मुझे उसे पैन्त के उपर से दबाना पडा ।

फिर वही कपड़े डालने के बाद उन्होने अपनी साडी अपने छातियो से अलग की और उनकी मोटी मोटी ब्ड़ी चुची लटकी हुई दिख गयी और फिर उन्होने वही अरगन से एक सुखा हुआ ब्लाउज उतार कर पहन लिया और फिर बालटी लेके निचे चली गयी ।

मै भी एक गहरी सास लेके - आह्ह्ह लग रहा है कि आज का पेपर मस्त होने वाला है ।
फिर मै खुश होकर निचे आया और चाय नास्ता कर तैयार हुआ और 7 बजे तक चंदू मेरे घर अपनी साइकिल से आया । फिर मैने मा के पैर छुए और निकल गया एग्ज़ाम के लिए चंदू की साइकिल पर पीछे बैठ कर ।

रास्ते मे
चंदू - भाई मुझे तो बहुत डर लग रहा है पता नही कैसा सवाल आयेगा

मै पीछे से ही उसके सर पर अपने पटरी से मारते हुए - साले फत्तू मत बन , जो होता है अच्छे के लिए होता है ।

मै - अभी एग्ज़ाम के सवाल को छोड और रास्ते मे चल रही मस्त आईटम को देख आह्ह क्या मस्त गाड़ हिल रही है इसकी हय्य्य उम्म्ंम मा कसम मन हो रहा है खा जाऊ यार ,,अभी से इतनी मोटी गाड़

फिर हम दोनो उसको क्रॉस करते है और मैं साम्ने से उसकी मोटी उभरी हुई छातियो को देखता हू

चंदू - अबे साले वो सरला है नारायणपुर गाव वाली ,,तुने उसका चेहरा नही देखा

मै हस कर - साले तू उसका चेहरा देख रहा था हिहिहिही
फिर मैं वापस घूम कर उसका चेहरा देखता हू

मै - अरे हा रे ये तो सरला है ,,ये तो मेरे साथ 8 तक पढ रही थी । सालि कितनी गदरा गयी है । लग रहा है कोई मस्त चोद रहा है इसे

चंदू हस कर - भाई कोई और नही बल्कि इसका बापू ही इसको रोज रगड़ के चोद रहा है

मै चिढ़ कर - भाग साले तू कुछ भी बकता है और तुझे जैसे सब पता है

चंदू - अरे भाई पुरा नारारनपुर जानता है इनलोगो के बारे मे लेकिन सब चुप रहते है

मै - तुने देखा है
चंदू - नही भाई मै कहा
मै - फिर चुप कर बहस नही ,,साले वो देख कित्नी मस्त मस्त गाड़ वाली लड़कियाँ आई है ।

मै खुशी जाहिर करते हुए - आज तो दिन ही बन गया भाई उम्म्ं मुझे तो लेगी मे कसी हुई जांघो वाली माले मस्त लगती है अह्ह्ह क्या नजारा है भाई

चंदू - अबे माल छोड और आ जल्दी से रोल नं मिला कर कमरा देख ले रहे है
फिर हमने जल्दी से बोर्ड से अपना रोल नं मिलाया और अलग अलग कमरो मे निकल गये ।

इधर मै अपने एग्ज़ाम वाले कमरे मे घुसा
आहह कमरा पुरा मस्त काफी सारे परफ्युम की मिली जुली खुस्बु से महक रहा था और जहा नजर जा रही थी एक से एक हसिन माल दिख रही थी और कुछ तो भाभी टाइप की शादीशुदा थी जिनकी हाल ही मे शादी हूई थी और मस्त चुदवाने से उनका जिस्म निखर गया था ।
आह मेरे जैसे हवसी और चोदू इन्सान के लिए जन्न्त से कम नही था वो एग्ज़ाम का कमरा । ये नजारो को देख कर मैने तो प्लानिंग कर ली अगले सीजन से पक्का कालेज आना है और एक दो बढिया गदराया हुआ माल पटाना है ।

खैर मै जैसे तैसे अपनी सीट खोज कर रोल नं मिलाते हुए बैठ गया अपनी जगह और अभी 15 मिंट बाकी थे परीक्षा शुरु होने मे । इसलिए मै इधर उधर देख रहा था कि मेरे आगे पीछे कौन बैठा है लेकिन मेरे बगल वाली सित अब भी खाली थी तो मै लपक कर रोल नं वाली कागज को सीट पर चिपकी थी उसका नाम पढा और उस पर लिखा था सरला यादव

नाम को देखते ही मेरी आंखे ब्ड़ी हो गयी कि कही ये वही तो नही जिसको रास्ते मे ताड़ते हुए जा रहा था
मै बस दुआ करने लगा कि वो ना क्योकि जब मैने उसके पीछे से उसको कमेंट किया "अभी से इतनी मोटी गाड़ है आह्ह" तो मुझे डर लग रहा था कि कहो वो सुनी ना हो और मैने एक बार उसको मुड कर भी देखा था तो कही वो मुझे पहचान ना रही हो ।


खैर मै इन्ही ख्यालो मे डुबा था कि मुझे किसी आवाज ने जगाया
मै नजर उठाई तो वो सरला ही थी , छोटा कद लेकिन भरा हुआ जिस्म , मोटी जान्घे जो लाल लेगी मे कसी हुई थी और सिने पर मोटी चुचिया पीली कुर्ती मे उभरी हुई थी । हालाकी सरला का शकल कुछ खास नही था लेकिन उसके गदराये जिस्म का आकर्षण जबरजस्ट था ।

मै उसको देख कर थूक गटकते हुए चेहरे पे बनावती मुस्कान लाते हुए - अरे सरला तुम , यहा कैसे

वो भी मेरे मुस्कान को देख कर मुह बनाते हुए इतरा कर बोली - साइड हटिये मुझे उधर जाना है

मुझे सरला का ये तुनक कर जवाब देना कुछ समझ नही आया और मै चुपचाप खड़ा हुआ और वो दुसरी तरफ चली गयी और मै वापस बैठते हुए ।

मै वापस बेशर्मी से दाँत दिखाते हुए - हिहिही अरे सरला लग रहा है कि तुम मुझे पहचानी नही मै राज हू । याद है हम क्लास 8th तक साथ मे पढे थे

सरला मुह बना कर - हा याद है और मैने तुम्हे तभी पहचान लिया था जब तुम रास्ते मे मेरी तारिफ कर रहे थे ।

मै सरला के तीखे तेवर भरे जवाब से सकपका गया और जिसका डर था मुझे वही हुआ

मै कुछ बोलता उस्से पहले ही सरला वापस से अपना भड़ास निकालने लगी - तुमको शर्म नही आई राज ऐसे शब्द बोलते हुए , मै तो हमेशा तुम्हे एक अच्छा और जिम्मेदार लड़का समझती थी लेकिन तुम भी बाकियो के जैसे हो


मै सरला के दूतकार भरे लफ्जों से खुद बहुत शर्मिंद्गी मह्सुस करने लगा और एक दबे स्वर मे सरला को सॉरी बोला
इससे पहले हमदोनो के बीच कोई बातचित होती उससे पहले ही परीक्षा की घंटी बजी और पेपर बटने शुरु हुए और फिर हम दोनो अपने एग्ज़ाम मे व्यस्त हो गये ।

पेपर पढने बाद मैने लिखना शुरु किया और धीरे धीरे 2 घन्टे बीत गये और इस दौरान मेरी हिम्मत ही नही हुई कि मै सरला के तरफ कोई ताक झाक करू

आखिरी के 30 मिंट से पहले ही मेरे सारे सवाल हल हुए और मैने पेन बंद कर साइड मे रख कर मै उनका रिवीजन करने लगा । जिसे सरला बडे गौर से देख रही थी और तभी वो बोली


सरला - तुम्हारा हो गया क्या
मै उस्से ज्यादा बात करने मे हिचक मह्सूस कर रहा था तो- हममं हो गया

सरला हस कर - अरे भाव ना खाओ यार ब्स ऐसे ही खाली हुए ही तो पुछ रही हू

मै सरला के ऐसे व्यव्हार की उम्मिद नही थी क्योकि सरला को मै बचपन से जानता था वो एक स्वाभिमानी लड्की थी और बिना कोई स्वार्थ के ऐसे मीठी बाते करना मुझे शक हुआ लेकिन फिर भी मैने सामान्य होकर ही जवाब दिया

मै इत्मीनान से उसकी ओर मुह कर - हा बोलो जी

सरला हस कर हिचक दिखाते हुए अपना पेपर मेरे तरफ कर एक प्रश्न पर उन्ग्ली रख्ते हुए - ये वाला तुमने किया क्या

और वो मुस्कुराने लगी

मै समझ गया कि उसको मेरी मदद की जरुरत है तो मैने हा मे सर हिलाया और उसके बोलने से पहले ही अपनी उत्तर पुस्तिका का वो पेज खोल कर उसकी तरफ रख दिया और वो झट से 4 5 नजर मे उतर लिख कर

सरला मुस्करा कर - हो गया थैंक यू
मै सिरिअस मोड मे - हमम ओके
फिर मैने वाप्स से सारे सवाल देखे और फिर आखिरी घंटी का इन्तजार किया ।

फिर पेपर जमा कर मै बाहर निकला और सामने चंदू मिला और उसका रोना शुरु , यार थोडा समय कम पड गया और ये वाले सवाल का ये लिखा है सही होगा की नही

मै उसको गालिया देते हुए बाहर लेके आया और फिर हम दोनो निकल गये घर
रास्ते मे मैने डर के मारे और किसी लडकी को लेके कोई कमेंट बाजी नही की
घर आकर मैने खाना खाया और फिर थोडी देर सो गया और फिर शाम को उठने के बाद फिर से पढाई मे लग गया क्योकि अगला पेपर दो दिन बाद था इसिलिए इस दौरान मैने वापस से अपना ध्यान पढाई मे लगाया
रात मे नोर्माली कोमल और निशा से बात हुई वो सिर्फ एग्ज़ाम को लेके ही , सबकी फटी हुई थी एग्ज़ाम को लेके तो क्या कोई बात करता और मेरा खुद वही हाल था तो मैने भी पढाई मे ही ध्यान दिया


दो दिन बाद मेरे दुसरे परीक्षा का दिन आया और फिर उसी तरह मेरे दिन की शुरुवात हुई और सुबह मे काजल भाभी की सास के दर्शन हुए फिर 7 बजे तक चंदू आया और हम दोनो निकल गये ।

फिर रास्ते मे सरला मिली आज उसने मरून टीशर्ट और क्रीम कलर लॉन्ग स्कर्ट पहना हुआ था जिसमे उसकी गाड़ और भी हिल रही थी , वही टीशर्ट मे चुचो का कसाव ऐसा की थूक गटकने की नौबत आ जाये ।

खैर इस बार मैने कोई कमेंटबाजी नही की और सीधा निकल गया
आगे जाने पर
चंदू- अबे आज तो सरला और भी गच्च लग रही है यार

मै - हा हा चल आगे देख के चला ,,, देखा मैने सालि को

चंदू - भाई मेरा तो मूड हो गया है इसको चोदने का
मै चिढ़ कर - हा तो जा चोद ले जा

चंदू - क्या हुआ भाई आज तेरा मूड सही नही है

मै इरिटेट होने के भाव मे - नही यार ऐसा कुछ नही है छोड जाने दे । चल अपने अपने कमरे मे जाते है बाद मे मिलते है

फिर हम दोंनो अपने अपने एग्ज़ाम कमरे मे आ गये
थोडी ही देर में सरला आई और मै से बिना कूछ बोले खड़ा हुआ और वो दुसरी ओर चली गयी ।

सरला ह्स्ते हुए - गुड मॉर्निंग राज
मै उसको इग्नोर करने के अंदाज मे - हा कुछ कहा तुमने

सरला हस कर - मैने कहा गुड मॉर्निंग
मै भी फारमैलिटी करते हुए - हा गुड मॉर्निंग फिर वापस से ऐसे ही इधर उधर ताक झाक करने लगा

सरला को अह्सास था कि मै उससे बात करने के मूड मे नही हू

सरला थोडी मेरे तरफ ख्स्की तो मै चौका और उसकी ओर देखा
सरला मुस्कुरा कर - क्या यार तुम उस दिन की बात को इतना सिरिअस ले रहे हो कि अब बात भी नही कर रहे हो

मै खुद को नोर्मल दिखाता हुआ - नही ऐसी बात नही है सरला , और उस दिन के लिए मुझे बहुत अजिब फिल हो रहा है

सरला मुस्कुरा कर - कोई बात नहीं राज , हो जाता है कभी कभी , अब तुमने जो देखा वो मुह से निकल गया होगा

मै सरला की ऐसी बाते सुन कर थोडा खुद को शांत किया

सरला - यार तुम मेरे बचपन के दोस्त हो और एक छोटी सी बात को लेके बैठ गये हो । ये नही है कि मिले है इतने समय बाद तो कोई बात करे


मै थोडा मुस्कुरा कर - ठीक है तो बताओ फिर 8th के बाद कहा गायब हो गयी थी हा

सरला - वो मै मामा के यहा से पढने चली गयी थी और तुम

मै - मै तो शुरु से यही हू , वैसे बुरा न मानो एक बात पूछू

सरला हस कर - हा क्यू नही

मै - क्लास 8th तक तुम इतनी दुबली पतली थी फिर अचानक से भैस कैसे हो गयी हिहिही

सरला मेरी बात सुन कर अपने पटरी से मेरे सर पर हल्के से मारते हुए - भक्क पागल , इतनी भी मोटी नही हू कि मुझे भैस बुलाओ तुम , हा थोडा असर तो हुआ है


मै एक नजर सरला के चुचो को घुर कर टीशर्ट के उपर से दिख रहे उसके ब्रा का शेप देख थूक गटकते हुए - थोडा असर इतना नही होता

सरला मेरे बातो का मतलब समझ गयी और बोली - भक्क गंदे ,,तुम नही सुधर सकते मतलब

फिर हम दोनो हसने लगे और फिर एग्ज़ाम के पेपर बटने शुरु हुए
आज फिर मैने उसकी थोडी मदद की और हमने 20 मिंट पहले ही सारे प्रश्न हल कर लिये ।

फिर सरला - वैसे तुम्हारी पढाई तो पहले की तरह तेज ही है
मै ह्स कर - हा और तुम अभी बुधु हो हिहिही

सरला मेरी बातो से शर्मा के हसने लगी
मै ह्स कर - तब शादी कब तक कर रही
सरला चौक कर - शादी वो भी अभी से
मै हस कर - हा वो कोने मे देखो सुधा बैठी है उसकी शादी तो हो गयी ।

सरला हस कर - मैने कौन सा उसके जैसा किसी के साथ भागी हू कि मेरे बापू इतनी जल्दी मेरी शादी करवा देंगे

मै चौकते हुए - मतलब
सरला दबी हुई आवाज मे - अरे तुमको पता नही है पिछ्ले साल स्कूल खुलने के बाद वो पास के गाव के लडके के ही साथ भागी थी और बडे शहर मे पकड़ी गयी

मै - फिर क्या हुआ
सरला - फिर क्या उन दोनो की शादी कर दी गयी

मै - लेकिन फिर भी उसकी उम्र कम है अभी
सरला मुह दबा कर हस कर - हा लेकिन और कोई रास्ता नही था , उस समय वो पेट से थी तो

मै चौक कर एक नजर सुधा पर डाला लेकिन वो अपने पेपर मे बिजी थी - ओह्ह

सरला - तुम बताओ तुम कब कर रहे है शादी
मै हस कर - अभी कहा , अभी तो दिदी की शादी होनी है इसि साल फिर दो साल बाद कही मेरी होगी

सरला हस कर - और कोई गर्लफ्रेंड होगी ना
मै शर्माने के भाव मे - मुझे कौन पसन्द करेगा और कोई किया होता तो मैने उस दिन तुम्हारी तारिफ क्यू करता हिहिहिही सॉरी
सरला मेरी बातो से झेप गयी और मुह फेर के हसने लगी
मै मौका देख कर - वैसे सच मे तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नही है

सरला ह्स्ते हुए ना मे सर हिलाया

मै भी हस कर - यार यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि बिना बॉयफ्रेंड के

सरला शर्मा के - जैसा तुम सोच रहे हो वैसा कुछ नही है ,अब मेरी बॉडी ऐसे ही है तो मै क्या करू

मै आगे कुछ बोलता उससे पहले ही पेपर जमा होने लगे और फिर मै उसको बाय बोल कर निकल गया ।

रास्ते मे मै और चंदू घर की ओर निकले और मुझे ध्यान आया कि अगर सरला का कोई बॉयफ्रेंड नही है तो कही वो सच मे अपने बापू से तो नही

मै कुछ सोचा और फिर
मै - चंदू घर नही जाना है सीधा पुलिया की ओर चल बाग मे
चनदू - अरे लेकिन उधर क्या करने भाई भूख लग रही है

मै - भोस्डी के चल चुप चाप

और फिर हम दोनो टाउन के बाहर पुलिया के पास एक बाग की ओर चले गये। जहा उसी बाग के बीच से एक कच्ची सड़क सरला के गाव नारायनपुर को जाती थी


जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
6,336
17,768
174
Kamaal update bhai.... Bilkul sahi disha mein ja rahe hain baap bete.....
Waise chhote bhai ke bare mein kya socha hai.
Shaandaar update bhai
Fantastic update bro.. humme to shadishuda beti Sonal ka intezar hai kab tak apne papa aur bhai, sasur,chacha,mama,,,,,,,,,,k nichhe aayega

93788196-013-9a1d
Nice Update...
Fantastic update waiting for next
Nice update
Ni

सरोजा जी भी लाइन में लग गयी है मगर ठाकुर परिवार के साथ रिश्तों की वजह से राज शायद पहल ना करें । आखिरकार पापा ने राज के साथ दोस्ती का आगाज़ कर ही दिया । बहुत ही सुंदर अपडेट ।
Awesome update mitr
Achchha update tha bhai...... bt ek baat samajh nhi aayi jb baap bete se uski maa ko cudwa chuka h or beta baap or bua k samne apni maa ko chod chuka hai to fir aisa kyu dika rhe ho k abhi baap ko pta nhi h k beta apni maa ko chode to kaisa lagega.... Waiting for next
Pratiksha agle update ki
चलो जी, मम्मी जी का सैंडविच भी बनने वाला है पापा और राज के बीच में, लेकिन लगता है सरोजा का नंबर पहले लग जाएगा... इंतज़ार रहेगा भाई
Fantastic update
Bahut sahi bhai ji
Dost waiting for next update
Waiting for next update

आप सभी की प्रतिक्रियाओं के लिए धन्यवाद दोस्तो
अपडेट पोस्ट कर दिया गया
पढ कर अपना रेवियू जरूर दे
आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
धन्यवाद
 
  • Like
Reactions: Tiger 786 and Naik

Sachin24

New Member
97
311
53
UPDATE 81



मै पापा के वहा से वापस मा पास आया और उनको सारी बाते बताई । फिर हमारे बीच उनसब को लेके एक मस्ती भरी चर्चा के बाद मा खाने के टिफ़िन लेके घर निकल गयी और मै वही दूकान मे बैठ कर काम करने लगा ।

शाम को 3.30 बजे तक अनुज आया तो मै उसको बिठा कर निकल गया कोचिंग के लिए और शाम मे अनुज को खुद दुकान बंद करके घर आने को बोल दिया ।

चुकि 15 दिन बाद से मेरे एक्जाम भी सुरु होने वाले थे तो मै पढाई मे थोडा ध्यान देने लगा था ।

फिर शाम की कोचिंग के लिए मुझे वही अपने नये घर के बगल मे चंदू के घर पर ही जाना था और मै समय से पहुचा और क्लास अटैंड की फिर समय से घर चला गया और मा को बताया कि मेरा एक्जाम का टाईम टेबल आ गया है और दो हफ्ते बाद से मेरी परीक्षा है तो मै थोडा पढाई करना चाहता हू , आप प्लीज कुछ दिन के लिए दुकान के काम काज देख लिजीये


मा खुशी से - अरे कोई बात नही बेटा उसकी चिन्ता ना कर ,,वैसे भी अनुज की 9वी की परिक्षा पूरी हो गयी है तो वो अब फ्री है और मै उसके साथ दुकान देख लुंगी तू पढाई पर ध्यान दे


फिर मै चाय नास्ता कर उपर दीदी के साथ पढने चला गया । चुकी एग्ज़ाम आ रहे थे तो दीदी ने मस्ती करने के लिए साफ मना कर दिया था पढाई पर ध्यान देने को बोला और 8 बजे करीब मा ने हमे आवाज दी और फिर हम सब खाना खाने बैठ गये ।
पापा और अनुज भी आ गये थे
फिर हम सब ने खाना खाया और फिर पापा को भी पता चला की दो हफते बाद से हमारे एग्ज़ाम सुरु होने को है

खाने के बाद हम सब अपने कमरो मे चले गये ।
मै भी अपने क्मरे मे गया और लेट कर मोबाइल चलाने लगा ।
चेक किया तो देखा कोमल के 3 मिसकाल और 2 मैसेज आये थे । इसका मतलब था कि वो घर आ गयी थी ।

फिर मैने उसको कॉल किया और उससे हाल चाल लिया साथ एग्ज़ाम के बारे मे भी डिसकशन हुआ फिर उसने फोन रख दिया ।

मै भी बिंदास सोने के मूड मे था कि तभी एक मैसेज बिप हुआ जिसे देख कर मेरे दिल की धडकनें तेज हो गयी । ये सरोजा जी का मेसेज था

सरोजा - नाराज हो क्या राज
मै उनका मैसेज देखते ही कल रात की सारी घटनाये मन मे ताजा कर ली

फिर एक आत्मविश्वास के साथ उनको फोन किया

फोन पर :

मै - ह ह हैलो गुड इवनिंग
सरोजा - हाय राज गुड इवनिंग
मै - कैसी है आप , डिनर हुआ
सरोजा - हम्म्म्म और तुम्हारा

मै - हा मेरा हो गया और बताईये
सरोजा - राज वो मै कल रात के लिए तुमसे सॉरी बोलना चाहती हू , मैने नशे मे पता नहीं क्या क्या बोल दिया होगा तुमको

मै ह्स कर - मुझे सारा याद कहो तो बताऊ हिहिहिहिही

सरोजा शर्म से हस कर - धत्त पागल,, तुम तो फ़ोरमैलिटी जैसे चीजो को जैसे समझते ही नही हो ,,सीधा मुह पर ही बोल देते हो

मै हस कर - नही मुझे लगा शायद आप नशे मे थी तो आपको याद नही होगा तो क्यू ना मै आपकी मदद कर दू हिहिहिहिही

सरोजा - धत्त नही चाहिये मुझे मदद तुम्हारी
मै ह्स कर - कोई बात नही जी जाने दिजीये और बताईये

सरोजा थोडा संकोचवश- वो राज मै तुमसे मिलना चाहती हू ,, तुम फ्री हो इधर कभी
मै थोडा सरोजा से मजे लेने मूड मे - वैसे तो मेरे एग्ज़ाम आ रहे है लेकिन अब आप बुला रही है तो मै मना कैसे कर सकता हू

सरोजा हस कर - अरे अरे नही इतना जरुरी भी नही है , तुम पढाई करो और परीक्षा के बाद ही मिल लेंगे
क्योकि मुझे भी कल शाम तक दिल्ली के लिए नीकलना है , शादियो के सीजन आ रहे है तो नये collection के सिलसिले मे ,,, ओके चलो अभी बाय
मै - अरे कहा चली जी
सरोजा इतरा कर - सोने जा रही जी
मै ह्स के - मै भी आऊ जी
सरोजा इतरा के - ना ना जी
हिहिहिही रखो पागल कही के बाय गुड नाइट

मै ह्स कर - हा बाय गुड नाइट

फिर मैने फोन रखा और सो गया ।

फिर ऐसे ही समय बीता। धीरे धीरे हमारे परीक्षा के दिन करीब आ गये और हम सब ने जी तोड़ पढाई की और 4 अप्रैल को मेरा पहला एग्ज़ाम था ।
मै बडे सवेरे उठा और जल्दी से फ्रेश हुआ और नहाने के बाद आज मन हुआ कि एक लोटा जल सूरज दादा को भी दे ही दू । जैसा की आम परीक्षा के दिनो मे ही बच्चो को भगवान याद आते है बिल्कुल उसी तरह मुझे भी मन हुआ और मै जल देने छ्त पर गया और एक बार गायत्री मंत्र का जाप खतम कर वापस दरवाजे की ओर जा ही रहा था कि तभी मेरी नजर बगल के काजल भाभी के मकान पर गयी जहा काजल भाभी की सास नहा कर एक बाल्टी मे कपडे लेके आई थी और छ्त पर बने अरगन पर डाल रही थी ।

आह्ह क्या नजारा था ,, उनकी सास का बदन अभी भी भिगा ही था और वो बिना ब्लाउज के सिर्फ सारी को उपर से लपेटे हुए थी और उनकी नंगी पिठ पीछे से साफ दिख रही थी और वो फिर जैसे ही बाल्टी से कपडे लेने के लिए झुकी उनकी भारी गाड़ यू फैल कर सामने आई जिससे मेरा लण्ड टनटना गया और मुझे उसे पैन्त के उपर से दबाना पडा ।

फिर वही कपड़े डालने के बाद उन्होने अपनी साडी अपने छातियो से अलग की और उनकी मोटी मोटी ब्ड़ी चुची लटकी हुई दिख गयी और फिर उन्होने वही अरगन से एक सुखा हुआ ब्लाउज उतार कर पहन लिया और फिर बालटी लेके निचे चली गयी ।

मै भी एक गहरी सास लेके - आह्ह्ह लग रहा है कि आज का पेपर मस्त होने वाला है ।
फिर मै खुश होकर निचे आया और चाय नास्ता कर तैयार हुआ और 7 बजे तक चंदू मेरे घर अपनी साइकिल से आया । फिर मैने मा के पैर छुए और निकल गया एग्ज़ाम के लिए चंदू की साइकिल पर पीछे बैठ कर ।

रास्ते मे
चंदू - भाई मुझे तो बहुत डर लग रहा है पता नही कैसा सवाल आयेगा

मै पीछे से ही उसके सर पर अपने पटरी से मारते हुए - साले फत्तू मत बन , जो होता है अच्छे के लिए होता है ।

मै - अभी एग्ज़ाम के सवाल को छोड और रास्ते मे चल रही मस्त आईटम को देख आह्ह क्या मस्त गाड़ हिल रही है इसकी हय्य्य उम्म्ंम मा कसम मन हो रहा है खा जाऊ यार ,,अभी से इतनी मोटी गाड़

फिर हम दोनो उसको क्रॉस करते है और मैं साम्ने से उसकी मोटी उभरी हुई छातियो को देखता हू

चंदू - अबे साले वो सरला है नारायणपुर गाव वाली ,,तुने उसका चेहरा नही देखा

मै हस कर - साले तू उसका चेहरा देख रहा था हिहिहिही
फिर मैं वापस घूम कर उसका चेहरा देखता हू

मै - अरे हा रे ये तो सरला है ,,ये तो मेरे साथ 8 तक पढ रही थी । सालि कितनी गदरा गयी है । लग रहा है कोई मस्त चोद रहा है इसे

चंदू हस कर - भाई कोई और नही बल्कि इसका बापू ही इसको रोज रगड़ के चोद रहा है

मै चिढ़ कर - भाग साले तू कुछ भी बकता है और तुझे जैसे सब पता है

चंदू - अरे भाई पुरा नारारनपुर जानता है इनलोगो के बारे मे लेकिन सब चुप रहते है

मै - तुने देखा है
चंदू - नही भाई मै कहा
मै - फिर चुप कर बहस नही ,,साले वो देख कित्नी मस्त मस्त गाड़ वाली लड़कियाँ आई है ।

मै खुशी जाहिर करते हुए - आज तो दिन ही बन गया भाई उम्म्ं मुझे तो लेगी मे कसी हुई जांघो वाली माले मस्त लगती है अह्ह्ह क्या नजारा है भाई

चंदू - अबे माल छोड और आ जल्दी से रोल नं मिला कर कमरा देख ले रहे है
फिर हमने जल्दी से बोर्ड से अपना रोल नं मिलाया और अलग अलग कमरो मे निकल गये ।

इधर मै अपने एग्ज़ाम वाले कमरे मे घुसा
आहह कमरा पुरा मस्त काफी सारे परफ्युम की मिली जुली खुस्बु से महक रहा था और जहा नजर जा रही थी एक से एक हसिन माल दिख रही थी और कुछ तो भाभी टाइप की शादीशुदा थी जिनकी हाल ही मे शादी हूई थी और मस्त चुदवाने से उनका जिस्म निखर गया था ।
आह मेरे जैसे हवसी और चोदू इन्सान के लिए जन्न्त से कम नही था वो एग्ज़ाम का कमरा । ये नजारो को देख कर मैने तो प्लानिंग कर ली अगले सीजन से पक्का कालेज आना है और एक दो बढिया गदराया हुआ माल पटाना है ।

खैर मै जैसे तैसे अपनी सीट खोज कर रोल नं मिलाते हुए बैठ गया अपनी जगह और अभी 15 मिंट बाकी थे परीक्षा शुरु होने मे । इसलिए मै इधर उधर देख रहा था कि मेरे आगे पीछे कौन बैठा है लेकिन मेरे बगल वाली सित अब भी खाली थी तो मै लपक कर रोल नं वाली कागज को सीट पर चिपकी थी उसका नाम पढा और उस पर लिखा था सरला यादव

नाम को देखते ही मेरी आंखे ब्ड़ी हो गयी कि कही ये वही तो नही जिसको रास्ते मे ताड़ते हुए जा रहा था
मै बस दुआ करने लगा कि वो ना क्योकि जब मैने उसके पीछे से उसको कमेंट किया "अभी से इतनी मोटी गाड़ है आह्ह" तो मुझे डर लग रहा था कि कहो वो सुनी ना हो और मैने एक बार उसको मुड कर भी देखा था तो कही वो मुझे पहचान ना रही हो ।


खैर मै इन्ही ख्यालो मे डुबा था कि मुझे किसी आवाज ने जगाया
मै नजर उठाई तो वो सरला ही थी , छोटा कद लेकिन भरा हुआ जिस्म , मोटी जान्घे जो लाल लेगी मे कसी हुई थी और सिने पर मोटी चुचिया पीली कुर्ती मे उभरी हुई थी । हालाकी सरला का शकल कुछ खास नही था लेकिन उसके गदराये जिस्म का आकर्षण जबरजस्ट था ।

मै उसको देख कर थूक गटकते हुए चेहरे पे बनावती मुस्कान लाते हुए - अरे सरला तुम , यहा कैसे

वो भी मेरे मुस्कान को देख कर मुह बनाते हुए इतरा कर बोली - साइड हटिये मुझे उधर जाना है

मुझे सरला का ये तुनक कर जवाब देना कुछ समझ नही आया और मै चुपचाप खड़ा हुआ और वो दुसरी तरफ चली गयी और मै वापस बैठते हुए ।

मै वापस बेशर्मी से दाँत दिखाते हुए - हिहिही अरे सरला लग रहा है कि तुम मुझे पहचानी नही मै राज हू । याद है हम क्लास 8th तक साथ मे पढे थे

सरला मुह बना कर - हा याद है और मैने तुम्हे तभी पहचान लिया था जब तुम रास्ते मे मेरी तारिफ कर रहे थे ।

मै सरला के तीखे तेवर भरे जवाब से सकपका गया और जिसका डर था मुझे वही हुआ

मै कुछ बोलता उस्से पहले ही सरला वापस से अपना भड़ास निकालने लगी - तुमको शर्म नही आई राज ऐसे शब्द बोलते हुए , मै तो हमेशा तुम्हे एक अच्छा और जिम्मेदार लड़का समझती थी लेकिन तुम भी बाकियो के जैसे हो


मै सरला के दूतकार भरे लफ्जों से खुद बहुत शर्मिंद्गी मह्सुस करने लगा और एक दबे स्वर मे सरला को सॉरी बोला
इससे पहले हमदोनो के बीच कोई बातचित होती उससे पहले ही परीक्षा की घंटी बजी और पेपर बटने शुरु हुए और फिर हम दोनो अपने एग्ज़ाम मे व्यस्त हो गये ।

पेपर पढने बाद मैने लिखना शुरु किया और धीरे धीरे 2 घन्टे बीत गये और इस दौरान मेरी हिम्मत ही नही हुई कि मै सरला के तरफ कोई ताक झाक करू

आखिरी के 30 मिंट से पहले ही मेरे सारे सवाल हल हुए और मैने पेन बंद कर साइड मे रख कर मै उनका रिवीजन करने लगा । जिसे सरला बडे गौर से देख रही थी और तभी वो बोली


सरला - तुम्हारा हो गया क्या
मै उस्से ज्यादा बात करने मे हिचक मह्सूस कर रहा था तो- हममं हो गया

सरला हस कर - अरे भाव ना खाओ यार ब्स ऐसे ही खाली हुए ही तो पुछ रही हू

मै सरला के ऐसे व्यव्हार की उम्मिद नही थी क्योकि सरला को मै बचपन से जानता था वो एक स्वाभिमानी लड्की थी और बिना कोई स्वार्थ के ऐसे मीठी बाते करना मुझे शक हुआ लेकिन फिर भी मैने सामान्य होकर ही जवाब दिया

मै इत्मीनान से उसकी ओर मुह कर - हा बोलो जी

सरला हस कर हिचक दिखाते हुए अपना पेपर मेरे तरफ कर एक प्रश्न पर उन्ग्ली रख्ते हुए - ये वाला तुमने किया क्या

और वो मुस्कुराने लगी

मै समझ गया कि उसको मेरी मदद की जरुरत है तो मैने हा मे सर हिलाया और उसके बोलने से पहले ही अपनी उत्तर पुस्तिका का वो पेज खोल कर उसकी तरफ रख दिया और वो झट से 4 5 नजर मे उतर लिख कर

सरला मुस्करा कर - हो गया थैंक यू
मै सिरिअस मोड मे - हमम ओके
फिर मैने वाप्स से सारे सवाल देखे और फिर आखिरी घंटी का इन्तजार किया ।

फिर पेपर जमा कर मै बाहर निकला और सामने चंदू मिला और उसका रोना शुरु , यार थोडा समय कम पड गया और ये वाले सवाल का ये लिखा है सही होगा की नही

मै उसको गालिया देते हुए बाहर लेके आया और फिर हम दोनो निकल गये घर
रास्ते मे मैने डर के मारे और किसी लडकी को लेके कोई कमेंट बाजी नही की
घर आकर मैने खाना खाया और फिर थोडी देर सो गया और फिर शाम को उठने के बाद फिर से पढाई मे लग गया क्योकि अगला पेपर दो दिन बाद था इसिलिए इस दौरान मैने वापस से अपना ध्यान पढाई मे लगाया
रात मे नोर्माली कोमल और निशा से बात हुई वो सिर्फ एग्ज़ाम को लेके ही , सबकी फटी हुई थी एग्ज़ाम को लेके तो क्या कोई बात करता और मेरा खुद वही हाल था तो मैने भी पढाई मे ही ध्यान दिया


दो दिन बाद मेरे दुसरे परीक्षा का दिन आया और फिर उसी तरह मेरे दिन की शुरुवात हुई और सुबह मे काजल भाभी की सास के दर्शन हुए फिर 7 बजे तक चंदू आया और हम दोनो निकल गये ।

फिर रास्ते मे सरला मिली आज उसने मरून टीशर्ट और क्रीम कलर लॉन्ग स्कर्ट पहना हुआ था जिसमे उसकी गाड़ और भी हिल रही थी , वही टीशर्ट मे चुचो का कसाव ऐसा की थूक गटकने की नौबत आ जाये ।

खैर इस बार मैने कोई कमेंटबाजी नही की और सीधा निकल गया
आगे जाने पर
चंदू- अबे आज तो सरला और भी गच्च लग रही है यार

मै - हा हा चल आगे देख के चला ,,, देखा मैने सालि को

चंदू - भाई मेरा तो मूड हो गया है इसको चोदने का
मै चिढ़ कर - हा तो जा चोद ले जा

चंदू - क्या हुआ भाई आज तेरा मूड सही नही है

मै इरिटेट होने के भाव मे - नही यार ऐसा कुछ नही है छोड जाने दे । चल अपने अपने कमरे मे जाते है बाद मे मिलते है

फिर हम दोंनो अपने अपने एग्ज़ाम कमरे मे आ गये
थोडी ही देर में सरला आई और मै से बिना कूछ बोले खड़ा हुआ और वो दुसरी ओर चली गयी ।

सरला ह्स्ते हुए - गुड मॉर्निंग राज
मै उसको इग्नोर करने के अंदाज मे - हा कुछ कहा तुमने

सरला हस कर - मैने कहा गुड मॉर्निंग
मै भी फारमैलिटी करते हुए - हा गुड मॉर्निंग फिर वापस से ऐसे ही इधर उधर ताक झाक करने लगा

सरला को अह्सास था कि मै उससे बात करने के मूड मे नही हू

सरला थोडी मेरे तरफ ख्स्की तो मै चौका और उसकी ओर देखा
सरला मुस्कुरा कर - क्या यार तुम उस दिन की बात को इतना सिरिअस ले रहे हो कि अब बात भी नही कर रहे हो

मै खुद को नोर्मल दिखाता हुआ - नही ऐसी बात नही है सरला , और उस दिन के लिए मुझे बहुत अजिब फिल हो रहा है

सरला मुस्कुरा कर - कोई बात नहीं राज , हो जाता है कभी कभी , अब तुमने जो देखा वो मुह से निकल गया होगा

मै सरला की ऐसी बाते सुन कर थोडा खुद को शांत किया

सरला - यार तुम मेरे बचपन के दोस्त हो और एक छोटी सी बात को लेके बैठ गये हो । ये नही है कि मिले है इतने समय बाद तो कोई बात करे


मै थोडा मुस्कुरा कर - ठीक है तो बताओ फिर 8th के बाद कहा गायब हो गयी थी हा

सरला - वो मै मामा के यहा से पढने चली गयी थी और तुम

मै - मै तो शुरु से यही हू , वैसे बुरा न मानो एक बात पूछू

सरला हस कर - हा क्यू नही

मै - क्लास 8th तक तुम इतनी दुबली पतली थी फिर अचानक से भैस कैसे हो गयी हिहिही

सरला मेरी बात सुन कर अपने पटरी से मेरे सर पर हल्के से मारते हुए - भक्क पागल , इतनी भी मोटी नही हू कि मुझे भैस बुलाओ तुम , हा थोडा असर तो हुआ है


मै एक नजर सरला के चुचो को घुर कर टीशर्ट के उपर से दिख रहे उसके ब्रा का शेप देख थूक गटकते हुए - थोडा असर इतना नही होता

सरला मेरे बातो का मतलब समझ गयी और बोली - भक्क गंदे ,,तुम नही सुधर सकते मतलब

फिर हम दोनो हसने लगे और फिर एग्ज़ाम के पेपर बटने शुरु हुए
आज फिर मैने उसकी थोडी मदद की और हमने 20 मिंट पहले ही सारे प्रश्न हल कर लिये ।

फिर सरला - वैसे तुम्हारी पढाई तो पहले की तरह तेज ही है
मै ह्स कर - हा और तुम अभी बुधु हो हिहिही

सरला मेरी बातो से शर्मा के हसने लगी
मै ह्स कर - तब शादी कब तक कर रही
सरला चौक कर - शादी वो भी अभी से
मै हस कर - हा वो कोने मे देखो सुधा बैठी है उसकी शादी तो हो गयी ।

सरला हस कर - मैने कौन सा उसके जैसा किसी के साथ भागी हू कि मेरे बापू इतनी जल्दी मेरी शादी करवा देंगे

मै चौकते हुए - मतलब
सरला दबी हुई आवाज मे - अरे तुमको पता नही है पिछ्ले साल स्कूल खुलने के बाद वो पास के गाव के लडके के ही साथ भागी थी और बडे शहर मे पकड़ी गयी

मै - फिर क्या हुआ
सरला - फिर क्या उन दोनो की शादी कर दी गयी

मै - लेकिन फिर भी उसकी उम्र कम है अभी
सरला मुह दबा कर हस कर - हा लेकिन और कोई रास्ता नही था , उस समय वो पेट से थी तो

मै चौक कर एक नजर सुधा पर डाला लेकिन वो अपने पेपर मे बिजी थी - ओह्ह

सरला - तुम बताओ तुम कब कर रहे है शादी
मै हस कर - अभी कहा , अभी तो दिदी की शादी होनी है इसि साल फिर दो साल बाद कही मेरी होगी

सरला हस कर - और कोई गर्लफ्रेंड होगी ना
मै शर्माने के भाव मे - मुझे कौन पसन्द करेगा और कोई किया होता तो मैने उस दिन तुम्हारी तारिफ क्यू करता हिहिहिही सॉरी
सरला मेरी बातो से झेप गयी और मुह फेर के हसने लगी
मै मौका देख कर - वैसे सच मे तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नही है

सरला ह्स्ते हुए ना मे सर हिलाया

मै भी हस कर - यार यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि बिना बॉयफ्रेंड के

सरला शर्मा के - जैसा तुम सोच रहे हो वैसा कुछ नही है ,अब मेरी बॉडी ऐसे ही है तो मै क्या करू

मै आगे कुछ बोलता उससे पहले ही पेपर जमा होने लगे और फिर मै उसको बाय बोल कर निकल गया ।

रास्ते मे मै और चंदू घर की ओर निकले और मुझे ध्यान आया कि अगर सरला का कोई बॉयफ्रेंड नही है तो कही वो सच मे अपने बापू से तो नही

मै कुछ सोचा और फिर
मै - चंदू घर नही जाना है सीधा पुलिया की ओर चल बाग मे
चनदू - अरे लेकिन उधर क्या करने भाई भूख लग रही है

मै - भोस्डी के चल चुप चाप

और फिर हम दोनो टाउन के बाहर पुलिया के पास एक बाग की ओर चले गये। जहा उसी बाग के बीच से एक कच्ची सड़क सरला के गाव नारायनपुर को जाती थी


जारी रहेगी
Nice update dost... Sarla bhi aayegi line me 😂😅
 
Last edited:
Top