UPDATE 55
रूम से बाहर निकल कर मै नाना के कमरे मे गया ।
जहा नाना मेरे , मा , कोमल और विमला मौसी के लिए कपडे और मिठाई दिये ।
नाना - बेटा तु मेरा नं अपने मोबाइल से सेट कर ले और आते रहना ठीक है
मै हा मे सर हिलाया
फिर बारी बारी से नाना ने सबको कपडे दिये और आशीर्वाद दिया ।
इसीबिच मे सोनल दीदी का फोन आने लगा
मै फोन उठाकर बाहर आगया ।
फोन पर
दिदि - हाय्य मेरे हीरो आज तो फ़र्स्ट रिंग में ही फोन उठा लिया
मै - हा सोचा अपनी डार्लिंग को अब ज्यादा परेसान नही करना है
दीदी - तो चले आओ ना भाई जल्दी से आज तुम्हारे लिए कुछ सरप्राइज है हीहीहि
मै खुश होकर - क्या सच मे दीदी
दीदी - हम्म्म्म
मै - ठीक है मै 12 बजे तक आ जाऊंगा दीदी ओक्के
दीदी - ठीक है चल मै जा रही हू खाना बनाने
मै - ओके बाय
फिर मै फोन रखा और देखा कि मै तो बात करते करते छत पर आ गया
जैसे ही पीछे वाले सीढ़ी से निचे जाने को हुआ तो देखा रज्जो मौसी आगन मे अपना साडी निकाल कर ब्लाउज पेतिकोट मे नहाने के लिए बाथरुम में जाने वाली थी ।
मै झट से मोबाईल को जेब में डाला और तेज़ी से सीढ़ी से नीचे उतर गया और मौसी के पीछे ही बाथरूम मे घूम गया ।
मौसी को पता ही नही की मै उनके पीछे हू
जब वो पल्टी तो चौक गयी
मौसी - अरे बेटा तू है क्या इसमे ,, सॉरी मै बगल वाले बाथरुम में चली जा रही हू
मै मौसी की मोटी कमर मे हाथ डाल कर उन्के पहाड़ जैसे उठे चुतडो पर हाथ फेरते हुए कहा ( धीमी आवाज मे क्योकि बाथरूम मे आवाज गूज रही थी ) - कही जाने की जरुरत नही है मौसी जल्दी से वादा पुरा करो
मौसी मुस्कुराई धीरे से बोली - हा ठीक है लेकिन यहा नही ,तू कमरे मे चल मै झट से नहा कर आती हू क्योकि बगल वाले बाथरुम मे विमला नहा रही है
मै मौसी की गाड़ को मसला और गाल पर चुम्मा देके बोला - ठीक है जल्दी आओ तब तक मै मस्त तेल लगा लण्ड को खड़ा कर रहा हू , बहुत समय से आपकी मोटी गाड़ मे घुसा नही हू
मौसी हस्ते हुए - बदमाश अभी परसो रात मे क्या किया था हा ,,अब जा मै आती हू
मै चुपचाप निकल गया और ताक झाक करते हुए मौसी के कमरे मे घुस गया ।
कमरे मे एक गुलाबी रंग की साडी और उसका ब्लाउज पेतिकोट बेड पर रखा था और पेतिकोट के निचे से एक सफेद रंग की ब्रा की पट्टी नजर आई तो मैने उसे खीचा जिसके साथ एक हल्के आसमानी रंग की पैंटी भी आ गई ।
क्या मुलायम पैंटी थी हाथ मे आते ही लण्ड कडक होने लगा और मुझसे रहा ना गया तो मै उसे अपने नाक पर लगा कर सूंघने लगा
अह्ह्ह क्या मादक खुस्बु थी मौसी के पैंटी , मेरे मुह मे पानी आने लगा और एक अजब सी मदहोसी छाने लगी । ना जाने क्यू उस पैंटी को मै अपने चेहरे और गरदन पर फेरने लगा और फिर भी मुझसे ना रहा गया तो मैने उसे जीन्स के उपर से ही लण्ड पर घुमाने लगा जिससे मेरे आड़ो में एक सिहरन सी होने लगी और मेरा लण्ड जीन्स मे बहुत ज्यादा कसने लगा । जब मुझे दर्द का आभास हुआ तब मेरी तंद्रा टूटी और मुझे लगा कि मै तो ऐसे ही दरवाजा खोले मौसी की सिर्फ़ पैंटी से इतना ज्यादा नशे मे खो गया था ।
फिर मेरे चेहरे पर एक कातिल मुस्कान आई और मैने वो पैंटी जेब मे रख ली ।
और जीन्स निकाल कर मौसी का इंतजार करने ल्गा ।
थोडी देर बाद मौसी आई तो वो मैक्सि डाले हुई थी और उन्के
मोटे भिगे हुए चुचे मक्सि से चिपके हुए थे और मौसी की हिलोर मारती कमर मे एक गजब का नशा था ।
वही मौसी की नजर जब मेरे लटके हुए लण्ड पर गई तो वो मुस्कुरा कर बोली - लग रहा है मेरा लल्ला आज मेरे तरबूजो को सच मे फाड ही देगा
मै भी लण्ड को पकडे हुए - आज ऐसा फाड़ना है मौसी की याद करोगी ।
मै आगे बढ़ते हुए मौसी के करीब गया और उनकी गाड़ पर हाथ फेरा
मौसी मेरी हरकत से मुस्कुरा कर - बेटा दरवाजा तो बन्द कर दे
मै भी लपक कर दरवाजा बंद कर दिया और जैसे ही घुमा तो देखा मौसी ने निचे से मैक्सि उपर कर दी और उनके हाथ सर मे लपेटे तौलिये और मैक्सि के साथ फस गई । वो मदद के लिए मुझे आवाज दे रही है ।
मै मौसी के नंगे ताजे भिगे बदन को देख कर उत्तेजित हो गया
अभी भी उनके बालो का पानी रिस कर उनकी चुचियो को गिला कर रहा था । उनकी हल्के झाटो वाली चुत अभी भी भीगी हुई थी जिसे देख कर मेरा मुह वापस पानी से भरने लगा और मैने उनकी कमर से जांघो की जड़ो मे हाथ फेरने लगा
मौसी - ओह्ह्ह लल्ल्ला पहले मेरे हाथ तो छूडा
मै बिना कुछ बोले मजबुर मौसी का फायदा उठा कर मज़े ले रहा था ।
धीरे धीरे मेरे हाथ उनके चुत के दाने पर चले गए और मौसी छटपटाने लगी ।
मौसी - आह्ह बेटा उम्म्ंमममं ऑफफ़फ्फ
इधर मौसी कोसिस करके अपना चेहरा बाहर निकाल ली लेकिन उनके हाथ अब भी क्रॉस होकर सर मे फसे थे ।
मै मौसी को पकड कर बिस्तर तक ले गया और उनकी एक टांग उठा कर बिस्तर पर रख दिया और खुद घुटनो के बल बैठ कर उनकी चुत को सूंघने लगा ।
कितनी मादक खुसबू थी चुत की ओर मुझसे रहा न गया तो मै भी जीभ निकाल कर गरदन उठाया और लपालप चुत पर फेरने लगा जैसे कोई साड़ एक गाय की चुत को सूंघ कर अपनी लम्बी जीभ उसकी चुत पर चलाता है ।
जिससे मौसी के पैर कापने लगे
मौसी - बेटा प्लीज रहम कर हाथ मे बहुत दर्द हो रहा है
मै मुस्कुरा कर खड़ा हुआ और चुत की पानी लगी जीभ मौसी के होठो पर फेरते हुए उनके मैक्सि को बाहर निकाल कर हाथ आजाद कर दिये और उनके झूलते चुचो पर झपट पडा । नहाने के बाद मौसी के चुचे और भी मुलायम लग रहे थे और बदन से साबुन की भीनी भीनी सी खुशबू मुझमे और जोश ला रही थी ।
मै मौसी को चुचे को मुह मे भर कर अपने दोनो हाथ पीछे ले गया और उनके गदरायी चुतडो पर फेरने लगा ।
मौसी दोनो हाथो से मेरे सर को अपने चुचो पर दबाते हुए सिस्क रही थी ।वही मेरा खड़ा लण्ड मौसी के जांघो मे रगड़ खा रहा था
जल्द ही मौसी ने मुझे अलग किया और मेरे कदमो मे आकर मेरे लण्ड को अपने गले मे उतारने लगी ।
मुझे एक अलग ही ठंडक का एहसास हुआ और मै मौसी के सर को पकडे मुह मे पेल्ने ल्गा । मै झड़ना नही चाहता था इसिलिये मै मौसी के मुह से कुछ ही देर मे लण्ड को निकाल लिया
मौसी उम्मीद भरी नजरो से मुझे देखा मानो पूछ रही हो की क्या हुआ आखिर क्यू उनका मनपसंद खिलौना छीन लिया उनसे
मै मौसी के पास से हटा और दरख्त पर रखी हुई तेल की शिशि लेके आया तब मौसी के चेहरे पर मुस्कान आई और वो खड़ी हो गयी ।
मै - मौसी कुतिया बन जाओ आप अब
मौसी - ओह्ह्ह मेरे लल्ल्ला आज कुतिया की तरह पेलेगा क्या
मै - हा मौसी आज आपकी गाड़ अपना माल भरूँगा
मौसी - ला ये शीशी मुझे दे आज तेरे इस मुसल को मै लेपुंगी
मै मुस्कुरा कर तेल की शीशी मौसी को देदी
मौसी पहले बेड पर बैठ गई और मुझे मेरा लण्ड पकड कर अपने पास किया और फिर से उसे चूसा । फिर शीशी से ढेर सारा तेल मेरे सुपाडा पर गिराया और दोनो हाथो से मेरे लण्ड पर मलने लगी ।
वो मेरे आड़ो को भी मसल रही थी और मेरे चमडी को ज्यदा से ज्यादा नीचे खीचती जबतक मेरी आह ना निकल जाती ।
अच्छे से तेल मे मेरे लण्ड को चभोड़ लेने के बाद मौसी बिस्तर के बीच मे घोड़ी बन गयी और जांघो को फैला कर गाड़ के पाटो को खोल दिया जिस्से उनका भूरे रंग का सिकुड़ा हुआ गाड़ का मोटा छेद दिखने लगा ।
मै भी मुह की लार गटकते हुए बेड पर चढ़ कर उनके गाड़ के सामने खड़ा हो गया और एक पैर उठा कर उसके मोटे अंगुठे से मौसी के गाड़ की छेद को छूआ और वापस चुत तक रगड़ कर ले गया ।
फिर मै पैर निचे कर थोडा सा झुक कर दोनो हाथो से मौसी की कमर को थामा और अपना घुटना मोड कर उनके भोस्दे कर रगड़ने लगा
मौसी - अह्ह्ह बेटा क्या कर रहा है ,, टांग से ही चोदेगा क्या मुझे
मै घुटने को मौसी की फुली और पिचपिचाती चुत पर दबाते हुए - मन तो कर रहा है कि अभी अपना घुटना आपके भोद्से मे डाल दू मौसी ,,, कितना मुलायम भोस्डा है मौसी आपका अह्ह्ह
फिर मै तेल की शिसी को उठाया और मौसी के गाड़ छेद पर टिप टिप टिप टिप टिप टिप टिप कर लगातार बूद बूद करके गिराने लगा और अंगूठे से तेल को मौसी की गाड़ ले जाने लगा ।
मौसी सिसकती रही और मेरा अंगूथा तेल को उसकी गाड़ मे ले जाता रहा
फिर मैने अपना अंगुथा मौसी की गाड से निकाला और सुपाड़े को मौसी के गाड़ की छेद पर रखा ।
मेरे लण्ड का वजन अपनी सुराख पर पाते ही मौसी की सांसे तेज हो गयी और मै भी देर ना करते हुए लण्ड को पकड कर गाड़ मे सुपाडा घुसेड़ दिया
मौसी - अह्ह्ह बेटा अह्ह्ह मा मर गई रे हाय्य्य्य लल्ला कितना मोटा है रे तेरा अह्ह्ह मा
मै - आज सच मे मुझे भी लग रहा है मौसी की रोज से मोटा है
मै धीरे धीरे आगे बढ़ाते हुए लण्ड को मौसी के गाड़ की जड़ मे ले गया
मौसी अब सिर्फ तेज सासे ले रही थी और मै धीरे धीरे धक्के तेज करते हुए गाड़ मे लण्ड पेलने लगा ।
मौसी का दर्द मुझे भी मह्सूस हो रहा था
क्योकि जब मै लण्ड को उनके गाड़ की गहराई मे ले जाता तो वो गाड़ को सिकोड़ लेती और जब मै वापस लण्ड खिचता अब वो उसे ढिला कर देती
मै तेज़ी से मौसी को गलिया बकते हुए चोदने लगा और चट्ट चट्ट उनके तरबुजो को चपाट लगाता रहा
जल्द ही मौसी ने मुझे अपने गिरफ्त मे ले लिया और अब वो मज़े से मेरे मोटे लण्ड को लेने लगी
मौसी - आह्ह बेटा मज़ा आ रहा है बहुत दिन से गाड़ मे नही लिया तो सिकुड़ गया था अह्ह्ह
मै - क्यू मौसी रात मे नाना ने नही पेला क्या गाड़ मे
मौसी - नही बेटा वो कहा कुछ कर पाते है मुझे ही कूदना पड़ता है अह्ह्ह ओह्ह्ह उम्म्ंम्ं
मै - आपको मज़ा आता है ना नाना से चुदवा कर अह्ह्ह
मौसी - आह्ह उम्म्ंम हा लल्ल्ला वो ही तो मेरी सील तोड़े थे उन्मममं अह्ह्ह बहुत मज़ा आता है और तेरे साथ भी आता है अह्ह्ह
मै - फिर तो आप ससुराल मे भी बहुत लंड खाई होगी न मौसी
मौसी - अह्ह्ह नही रे ,,,सब लार टपकाटे है लेकिन मै घास नही देती ,, मेरा बेटा काफी है मेरे लिये वहा अह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं
मै - मौसी मै आपको रमन भैया से चुदते हुए देखना चाहता हू अह्ह्ह
मौसी - बस देखेगा ही चोद भी लेना रे ,, मै भी दो लण्ड एक साथ ले लुंगी इह्ह्ह अह्ह्ह और तेज और तेज्ज़्ज़्ज़्ज़ अह्ह्ह्ह
मै मौसी को गाड़ को पकडे धक्के ल्गाते हुए - तो क्या आप कभी भी दो लण्ड से नही चुदी
मौसी - उम्म्ंम नही बेटा लेकिन चुद्ना चाहती हू अह्ह्ह
मै - ठीक है मौसी जल्द ही आऊंगा मै आपके यहा तो मै और रमन भैया मिल के आपके भोस्दे और गाड़ मे एक साथ पेलेंगे अह्ह्ह मेरा आ रहा है अह्ह्ह
मौसी - भर दे बेटा मेरी गाड़ मे रस अपना अह्ह्ह मै तो कबकी झड़ गई दो लण्ड से चुद्ने का सोच कर उह्ह्ह आअह्ह्ह
मै मेरे लण्ड को मौसी के गाड़ की जड़ ले गया और मौसी गाड़ थामे माल उगलने लगा , फिर मौसी क उपर ही गिर कर हाफने लगा ।
थोडी समय बाद हम अलग हुए और मै अपना कपड़ा पहन लिया ।
लेकिन मौसी को देखा तो वो अपना बदन साफ कर इधर उधर कुछ खोज रही थी
मै ह्स्ते हुए - क्या खोज रही हो मौसी
मौसी मुझे हस्ता देखा तो समझ गई- जल्दी दे मुझे मेरी पैंटी
मै मौसी की गाड़ पर चट्ट से मार कर - आपको क्या जरुरत है पैंटी पहनने की मौसी , वैसे भी अभी हमारे जाने के बाद मामा और रात मे नाना सब चोदन्गे ही ना हिहिहिही
मौसी मुस्कुराई- धत्त बदमाश , क्या करेगा ले जाकर उसको
मै - उसमे रोज मूठ मारुंगा
मौसी पेतिकोट का नाड़ा बान्धते हुए - क्यू छोटी तो रहेगी ना घर पर फिर
मै - हा लेकिन जब आपकी याद आयेगी तब इसे मा को पहना कर चोदूँगा
मौसी - तू पागल है चल अब बाहर जा मै आती हू
फिर मै मौसी को एक किस्स कर बाहर निकल गया 9:30 हो गये । मा , कोमल , विमला मौसी सब तैयार हो गये थे और फिर मौसी आई ।
फिर हम सब से विदा हुए और चारो निकल गए बस स्टैंड के लिए ।
हमारा समान एक नौकर लेके पहुच बस स्टॉप तक और हमारे लिये 4 सीट भी बुक ही गयी थी ।
फिर हम सब बस मे बैठ कर निकल गए घर के लिए ।
देखते है दोस्तो कोमल , विमला और अपनी मा के साथ ये बस का सफ़र राज के लिए कैसा होगा या कोई नया रोमांच समय ने राज के लिए तैयार रखा है ।
आपके महत्त्वपूर्ण सुझाव और प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
पढ कर कमेंट जरुर करे ।