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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Update 49

शाम करीब 4 बजे हम चारो घर से ट्यूबवेल के लिए निकल गये । गीता बबिता कल की तरह ही टीशर्ट कैफ्री मे थी वही कोमल ने अपने कपडे बदल कर एक ढीला प्लाजो और कुर्ती पहने हुए थी साथ मे गले मे एक हल्का दुपट्टा लपेटे थी ।
रास्ते मे गीता बबिता दोनो कोमल को वही बाते बता रही थी जो मै कल सुन चुका था ।
मै उन सब की बाते सुनते हुए सबसे पीछे चल रहा था ।
तभी मेरा मोबाइल रिंग हुआ और जब मैने फोन देखा तो मेरी फट गई
क्योकि सोनल दीदी फोन कर रही थी
अब तो मुझे समझ नही आ रहा था कि क्या बोलू और फोन कटने से पहले उठाना नही तो क्या होता मुझे भी नही प्ता
खैर हिम्मत करके मै फोन उठा कर हेल्लो कहा ही था
उधर से तेज आवाज मे गाली के साथ दीदी का भाषण शुरू हो गया और जब वो शांत हुई तब
दीदी - अब बोल बोलता क्यू नही
मै - सॉरी दीदी लेकिन आप बोलने दो तब ना ,,मै मामी के साथ काम करवा रहा था और मोबाइल चार्ज मे लगा था ।
अभी को गीता ने मुझे लाकर दिया है

दीदी - हा ठीक है और सुन कल आ रहा है ना
मै - हा दीदी पक्का अब रखु
दिदी - कुछ काम है बात नही कर सकता क्या थोडी देर भाई
मै - वो मै थोडा बाहर खेतों की तरफ आया था ना

इसिबिच कोमल ने मुझे फोन पर बात करते देखा तो बोली - क्या हुआ राज चलो ना जल्दी
लेकिन कोमल की आवाज सुनते ही दीदी वापस से भडक गयी
दीदी - वो कौन थी जरा बता तो , मिल गई ना कोई तुझे वहा , मेरा शक सही था मतलब , तू भी सबकी तरह है बस मज़े लेना जानता है , जा अब उसी के साथ रह मुझसे बात मत करना
मै - अरे अरे रुको यार वो कोमल है तुम्हारी क्लासमेट
दिदी चौक कर - कोमल , वो वहा कैसे
मै - तुम खुद बात कर लो और मेरा पिछा छोडो

फिर मैने कोमल को फोन दिया और वो दोनो बाते करने लगी और तब तक बात खतम नही हुई तब तक हम ट्यूबवेल पहुंच नही गये । फिर कोमल ने वापस मुझे फोन दिया

फोन पर
मै - हो गया बात , हो गयी तसल्ली
दीदी - सॉरी ना भाई नाराज न हो आई लव यू ना
मै - मक्खन ना लगाओ , कल आता हू तब देखता हू कि कितना याद आ रही है
मै - अब रखो फोन बाय
दीदी - बस बाय और कुछ नहीं
मै मुस्कुरा कर- ठीक है आई लव यू टू
दीदी - और चुम्मा
मै - सब मै ही दू कुछ अपने होने वाले पति से भी माग लिया करो
दीदी - वो आया था और लेके गया भी हीहीहि
मै - मै भी कल आकर हिसाब बराबर कर लेता हूं उम्म्म्म्म्म्म्माआआआह्ह्ह अब बाय
दीदी ह्स्ते हुए - हा बाय


इधर हम तीनो ट्यूबवेल पहुच गये थे । ट्यूबवेल पहूच कर बबिता ने झोले से चाभी निकाला और मोटर चालू कर दिया । कुछ ही समय मे हाते मे पानी भरना शुरू हो गया ।

कोमल - अरे वाह ये सच मे बहुत मज़ेदार जगह है , कितना शांत है यहा और कोई आता जाता भी नही है
गीता - आप भी आओ नहा लो दिदी
कोमल एक नजर मुझे देखी क्योकि मै एक कातिल मुस्कान से उसे देखे जा रहा था
कोमल - अरे नही नही तुम लोग नहाओ मुझे नही नहाना है
गीता - ठीक है दीदी अगर मन हो तो आजाना
बबिता - अरे भैया आप तो आओ
मै - तुम लोग चलो मै आता हू

फिर बबिता गीता वैसे ही कपड़े पहने हाते मे कूद गये । मुझे तो डर था कही ये लोग कल की तरह आज भी कपडा ना निकाल दे
उधर गीता बबिता पानी मे मस्ती करने लगी जिसे देख कर कोमल खिलखिला कर हस रही थी
मै अपने कन्धे से उसके कंधे पर हल्का धक्का देकर बोला - क्यू चल रही हो ना फिर नहाने

कोमल शर्मा कर - तुम पागल हो क्या जी , मै कैसे यहा पर वो भी तुम्हारे सामने
मै - ठीक है फिर मै जा रहा हू
कोमल मुस्कुराते हुए - हा जाओ

मै झट से अपना लोवर टीशर्त निकाल कर अंडरवियर मे आ गया , मुझे देख कर कोमल ने मुह फेर कर मुस्कुराने लगी ।

मै धीरे से बोला - अब क्या शर्मा रही हो सब देखा हुआ है तुमने
उससे पहले वो कुछ रियक्ट कर पाती मै छपाक से पानी मे कूद गया और गीता बबिता के साथ पानी मे मस्ती करने लगा । थोडी देर बाद कोमल ने बबिता को आवाज दी

कोमल - बबिता सुनो जरा
और बबिता हाते के किनारे पर जाकर खड़ी होकर कोमल की बात सुनने लगी
कोमल बहुत धीरे धीरे बबिता से कुछ कह रही थी बदले मे बबिता इशारे से एक तरफ हाथ कर के कुछ बता रही थी । फिर ना जाने क्या हुआ की बबिता ने मुझे आवाज दी

मै - हा गुडिया बोलो
बबिता - भैया आप दीदी के साथ वहा लिपस्टिक वाले बाग मे चले जाओ
मै - वहा क्यू जाना है कोमल
बबिता - वो दिदी को बाथरूम जाना है और उतना दुर हम लोग ऐसे कैसे जाये

मै एक नजर कोमल को देखा तो वो दुसरे तरफ मुह किये खड़ी थी
पीछे से उसकी उभरी हुई गाड़ की गोलाई कुर्ती के उपर से भी दिख रही थी । मै खुश हुआ और झट से बाहर निकल गया । मै पुरा भीग हुआ था साथ मेरा अंडरवियर भी मेरे आधे खडे लण्ड से चिपका हुआ था ।

कोमल ने एक नजर मुझे देखा और बोली - ऐसे ही च्लोगे क्या

मै - मुझे कोई दिक्कत नही है चलो
फिर हम दोनो मुस्कुराकर आगे बढ़ गये ।
थोडी दुर आगे आने के बाद
मै - तुमको बाथरूम जाना था तो मुझे भी बोल सकती थी ना
कोमल कुछ नही बोली ब्स मुस्कुराती रही
फिर हम लिपस्टिक के बाग मे आ गये जो करीब 5 6 बीघे मे फैल हुआ था । ये बाग भी मेरे नाना का था ।

मै - जाओ जल्दी से आओ मै यही हू
कोमल मे एक नजर उस घने बाग को देखा तो उसकी हिम्मत नहीं हुई की वो अन्दर जाये
कोमल - राज मै अन्दर कैसे जाऊ कितना डरावना है
मै - तो फिर यही बाहर कर लो मै दुसरी तरफ देख रहा हू

कोमल के पास कोई चारा नही था सिवाय मेरी बात मानने का
कोमल थोडा झिझक कर - ठीक है तुम थोडा उधर देखो और मेरे तरफ मत घुमना
मै - ठीक है लेकिन जल्दी करना , एक तरफ ज्यादा देखने से मेरी गरदन मे दर्द होने लगता है
कोमल हस्ते हुए - हा ठीक है पहले उधर घूमो
फिर मै कोमल की तरफ पीठ करके घूम गया
इस बीच मुझे घासो की खस खस सुनाई दी और फिर एक मधुर संगीत, जिससे पता चलने लगा की कोमल मुत रही थी । ये सोच कर की कोमल अपनी मुलायम गोरी गाड़ फैलाये मेरे पीछे ही मुत रही है, इस उत्तेजना ने मेरे लण्ड मे नयी हलचल भर दी और मेरा लण्ड तन गया ।
करीब तीन मिंट होने को आये और अब तक कोमल के मुतने की आवाज भी बन्द हो चुकी थी ।
मै - अरे कितना समय लगेगा जी मेरा गरदन दर्द हो रहा हो
कोमल थोदा परेसान आवाज मे - राज मेरा प्लाजो ये एक झाड़ मे फस गया है , तुम घुमना मत प्लीज ,,बस एक मिंट थोडा रुको ना
मै खुश हो गया चलो इसी बहाने कुछ दर्शन हो जायेगा
मै - थोडा जल्दी करो कोमल देखो कोई आये ना इस तरफ
मेरी बात सुन कर कोमल और हडबड़ा गयी
कोमल - ये निकल नही रहा है राज ,
मै थोडा सा गरदन घुमा कर - मै कुछ मदद करु
कोमल चौक कर - नही , ब्स एक मिंट रुको ना
मै - कोमल समझो मुझे हैल्प करने दो ,, अगर कोई हम दोनो कोई ऐसे देख लिया तो बहुत गड़बड हो जायेगी ।
कोमल डर से मजबुर होकर - ठीक है ,,,आओ
मै एक शैतानी मुस्कान से घुमा तो देखा कि कोमल सीधा खड़ी है और उसने फुल वाली काले रंग की लॉन्ग पैंटी पहनी हुई थी , और उसने ब्लैक प्लाजो का दाहिना हिस्सा पकड़ा हुआ जो उसके घुटनो तक टगा हुआ था और बाया साइड जो बगल के एक झाड़ से फसा हुआ था
उसकी गोरी गोरी जान्घे और पिंडलियों पर हल्के बाल थे ।
कोमल मुझे खुद को ऐसा घुरता देख बोली - जल्दी करो राज प्लीज
मै झट से कोमल के बाई तरफ गया जिस तरफ का प्लाजो झाड़ में फसा हुआ था । मै कोमल के प्लाजो को पकड कर हल्का हल्का निकालने लगा
कोमल - जरा आराम से राज फटे नही ,
मै बडे आराम से उसका प्लाजो निकाला - हो गया अब पहन लो
कोमल ने झट से घूम कर प्लाजो उपर चढा लिया
कोमल - चलो राज अब
मै - क्या चलो कोई थैंक्स वैंकस नही मिलेगा क्या
कोमल इतरा कर- हा थैंक यू
मै सोचा इससे बात कैसे आगे बढ़ाऊ कुछ तो ऐसा करू जिस्से ये मुझसे सेक्स वाली बाते करे
मै - रुको थोडा मै भी फ्रेश हो लू
ये बोलकर मै जहा था वही खड़ा होकर झट से अपना लण्ड बाहर निकाला और एक तेज धार से मूतने लगा
कोमल इससे पहले कुछ बोल समझ पाती उसकी नजरे मेरे धार देते मोटे टोपेदार लण्ड पर रुक गयी और आवाज गले मे ही ।
कोमल को चौकन्ना देख मै उसकी खिचाई करने के मूड मे बोला - अरे अरे क्या कर रही हो उधर देखो
कोमल जैसे ही मेरी आवाज सुनी शर्मा गयी और पलट गयी ।
कोमल मुस्कुरा कर - तुम बता नही सकते थे क्या
मै मुत कर लण्ड झाड़ कर अंडरवियर मे रख दिया और बोला - अरे तुम को भी तो चाहिये ना की देख ली तो घूम जाना चाहिए,,,तुम तो नजरे गडाये ऐसे देख रही थी कि जैसे कितना पसंद हो गया हो

कोमल मुस्कुरा कर - भक्क पागल , ऐसी बात नही है वो तो बस
मै - क्या बताओ ना
कोमल मुस्कुरा कर - कुछ नही
मै - बताओ ना, तुम भी इतना शर्माती हो ना
कोमल - वो मै इतना बड़ा नही देखा था कभी इसलिये , और लड्की हू मै शर्माना हक है मेरा
मै बात उधेरते हुए - क्या सच मे तुमको बड़ा दिखता है मेरा
कोमल थोडा झिझक कर - हा मैने ऐसा पहले नहीं देखा था
मै थोडा मजाक मे - तो मुझसे पहले किसका देखा था हाह्हाह्हा
कोमल हस्ते हुए मुझे मारने आती है मै थोडा सा दौड़ आगे हुआ
कोमल खीझ कर - तुमको सच मे पीट दूँगी मै
मै हसते हुए - अभी तुम्ही तो बोली ना की इससे बड़ा नही देखी ,,इसका मतलब इससे पहले किसी का देखी हो

कोमल - हा तो राह चलते नजर पड़ जाती है , तुम लोगो की तो आदत है खड़ा होकर कहो भी शुरू हो जाने की

मै थोडा उसकी खिचाई करते हुए - वैसे मै कभी ध्यान नही दिया कि तुम भी सुन्दर हो यार
कोमल हस्ते हुए - अच्छा जी बड़ी मेहरबानी जो हमे इस काबिल समझा
मै - हा सच मे असली खुबसूरती अंदर ही छिपी होती है हिहिहिही
कोमल समझ गई की मै क्या बात कर रहा हू - तुम मेरी खीचाई कर रहे हो या तारिफ
मै - अभी तक देखा ही क्या जो तारिफ करू , कोमल के सामने उसको ताड़ते हुए कहा
कोमल शर्मा कर - तुम ना पिटोगे मुझसे और ये तुम्हारा ऐसे ही रहता है क्या
कोमल मेरे अंडरवियर मे लण्ड से बने टेन्ट को देख कर बोली
मै - हा कभी कभी क्यू
कोमल थोडा अजीब सा मुह बना कर - दर्द नही होता
मै ह्स्ते हुए - होता है तो तेल से मालिश कर लेता हू ना आराम हो जाता है
कोमल - हम्म्म ये बात
मै - वैसे दर्द तो अभी भी हो रहा है
कोमल थोडा फ़िकर के भाव मे - तो मालिश कर लो
मै - लेकिन यहा तेल कहा मिलेगा
कोमल थोडा उत्सुकता से मानो वो मेरे लण्ड को देखने को बेचैन हो - तो वैसे ही सहला लो ना निकाल कर ,, इतना कसा हुआ पहनते भी तो ये
मै सोचा कोमल क्या सच मे इंटरेस्ट ले रही है
मै थोडा सा मुह बना कर - लेकिन कहा , वहा तो गीता बबिता होगी ना
कोमल थोडा उत्सुकता से - ऐसा करो यही खडे होकर कर लो यहा कोई है नही और वो लोग भी दुर ही है अभी
मै भी मौके का फायदा उठा कर झट से वापस लण्ड निकाला सच मे बहुत आराम मिला क्योकि कोमल के साथ कामुक बाते करने से मै बहुत उत्तेजित मह्सुस कर रहा था ।

एक बार फिर से कोमल के सामने लण्ड को थामा और इस बार चमडी आगे पीछे कर हिलाने ल्गा
मै जानबुझ कर ऐसे आवाजे करने ल्गा जिससे कोमल को लगे की मुझे थोडी राहत मिल रही है
कोमल को मानो सच मे मेरी फ़िकर महसूस हो रही थी
कोमल - क्या हुआ राज दर्द ज्यादा तो नही है ना
मै - हा वो काफी समय से अंदर था ना बाहर निकालने से अचानक दर्द बढ़ गया है अह्ह्ह ,,,मैं लगातार लण्ड की चमडी आगे पीछे किये जा रहा था
कोमल - तब क्या करोगे राज ऐसा करो घरो चलते है वही मालिश कर लेना
मुझे भी खुले मे कुछ करने मे डर लग रहा था तो मै बोला - हा सही कह रही हो कोमल ,,
कोमल - हा चलो
मै थोडा सा परेसानी का भाव लाते हुए - कोमल क्या तुम इसे अंदर कर दोगी ,,, मै दोनो हाथ से अपने अंडरवियर की लास्टीक को फैलाये हुए था और मेरा लण्ड का सुपादा उसी लास्टीक पर टिका हुआ था
कोमल थोडा हिचकी लेकिन मुझे परेसान देख वो थोडा सा हिम्मत करके मेरे लण्ड के सुपाडे को दो उंगलियो से पकड कर उठाना चाहा तो गिर गया
और मै जान बुझ कर आह्ह निकाला
कोमल - सॉरी सॉरी
फिर इस बार कोमल ने बीच से मेरे लण्ड को थामा
कोमल - ओह गॉड, ये तो कितना तप रहा है राज
मै - हा अब डालो इसे इस्स्स्स
कोमल ने जल्दी से लण्ड को मेरे अंडरवियर मे डाला और फिर हम ट्यूबवेल की तरफ निकल गये ।
कोमल को सच मे मेरे लिए फ़िकर देख कर मुझे थोडा अजीब सा ल्गा कि क्या इतनी अच्छी लडकी का फायदा उठाना सही होगा ।
वही कोमल के मन मे काफी सवाल थे जो वो मुझे पुछ रही थी और मै उसको घर पर बात करने का बोल कर टाल दिया क्योकि बातो ही बातो मे हम ट्यूबवेल तक आ चुके थे ।
जहा गिता बबिता नहा कर कपडे बदल लिये थे और हमारा इन्तेजार कर रहे थे ।

गीता - क्या भैया हम कबसे यहा इंतजार कर रहे है
कोमल - सॉरी गीता
बबिता - भैया चलो आप कपड़े पहन लो बुआ ने आपके मोबाईल पर फोन किया था घर बुला रही है ।

मेरा अंडरवियर लगभग सुख चूका था तो मैने झटपट मे अपने कपड़े पहन लिये और फिर हम लोग निकल गये घर की तरफ ।


देखते है दोस्तो आगे क्या होने वाला है।
क्या राज कोमल के लिए अपनी हवस को बढ़ाएगा या फिर कोमल का साथ कही उसके जीवन मे नये बदलाव लाने वाला है ???
आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा , पढ कर अपनी राय अवश्य दें।
धन्यवाद
 
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