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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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हो जाइए तैयार
आगामी अपडेट्स के लिए

राज - अनुज और रागिनी
Hard-core threesome
बहुत जल्द

Gsxfg-IAX0-AAa-Jnh
(सिर्फ पनौती न लगे बस 😁)
 
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नमस्कार दोस्तो
अपडेट देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ
कारण ये है कि आज सुबह ही मै अपने रूम पर आया हूँ और सफ़र की थकान थी तो सो गया था ।

एक और जरुरी बात आज भी मै अपडेट नही दे पाऊन्गा क्योकि अपडेट भी लिखा नही है और मेरे कमरे पिछ्ले तीन दिन से साफ नही है तो सारा टाईम वही जाने वाला है और आज खाना भी खुद ही बनाना पडेगा क्योकि सैटरडे संडे लॉकडाउन से सभी रेस्तराँ बन्द ही है । 😁😁😁

कल दोपहर तक कोसिस रहेगी की आप सभी के इंतजार का फल मीठा करने की ।
आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद अपना सपोर्ट बनाये रखें और मज़े करे ।
ok bro and waiting for next updates
 

Anuj.Sharma

New Member
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नमस्कार दोस्तो
अपडेट देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ
कारण ये है कि आज सुबह ही मै अपने रूम पर आया हूँ और सफ़र की थकान थी तो सो गया था ।

एक और जरुरी बात आज भी मै अपडेट नही दे पाऊन्गा क्योकि अपडेट भी लिखा नही है और मेरे कमरे पिछ्ले तीन दिन से साफ नही है तो सारा टाईम वही जाने वाला है और आज खाना भी खुद ही बनाना पडेगा क्योकि सैटरडे संडे लॉकडाउन से सभी रेस्तराँ बन्द ही है । 😁😁😁

कल दोपहर तक कोसिस रहेगी की आप सभी के इंतजार का फल मीठा करने की ।
आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद अपना सपोर्ट बनाये रखें और मज़े करे ।

ok bhai pahle aap settled ho jao uske baad ke mega update de dena …

🤣💐💐💐
 

Nevil singh

Well-Known Member
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नमस्कार दोस्तो
अपडेट देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ
कारण ये है कि आज सुबह ही मै अपने रूम पर आया हूँ और सफ़र की थकान थी तो सो गया था ।

एक और जरुरी बात आज भी मै अपडेट नही दे पाऊन्गा क्योकि अपडेट भी लिखा नही है और मेरे कमरे पिछ्ले तीन दिन से साफ नही है तो सारा टाईम वही जाने वाला है और आज खाना भी खुद ही बनाना पडेगा क्योकि सैटरडे संडे लॉकडाउन से सभी रेस्तराँ बन्द ही है । 😁😁😁

कल दोपहर तक कोसिस रहेगी की आप सभी के इंतजार का फल मीठा करने की ।
आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद अपना सपोर्ट बनाये रखें और मज़े करे ।
Ok bhai
Intjaar rahega
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Update 48

मामी की दो बार जोरदार चुदाई करने के बाद हम दोनो किचन मे खाना खाने चले गये जहा मौसी बर्तन खाली कर रही थी ।

मामी - अरे दीदी रहने दो अभी मै कर दूँगी
मौसी - कोई बात नही है भाभी ये मेरा भी घर तो है
मामी - हा दीदी , वो मै इसलिये कह रही थी कि अभी मैने और राज ने खाना नही खाया ,,, कबसे काम कर रहे थे ।

मौसी - हा पता है छोटी ने बताया मुझे थोडी देर पहले इसलिये तुम दोनो का खाना मैने टेबल पर ल्गा कर ढक दिया है और गीता बबिता के लिए भी थोडा खाना रख दिया है ।

मामी - हा वो लोग भी आती होगी स्कूल से
मै - चलो मामी खाते है बहुत भूख लगी है ।

फिर हम लोग खाना खाने के लिए बैठ गये , बीच बीच मे मै मामी को छेड़ता और मामी मौसी की तरफ इशारा करते हुए चुप रहने को कहती ।
फिर मै खाना खा कर अपने रूम मे चला गया क्योकि थकान बहुत थी ।

कमरे मे कोई नही था शायद मा उठ गयी हो , फिर मै आराम से बिस्तर पर लेट गया और जेब से मोबाइल निकाल लिया ।

मोबाइल का लॉक खोला था मामी की खीची हुई तस्वीर सामने आ गई, मै मुस्कराया और फ़ोटो को एक सेफ़ जगह सेव कर दिया ।
इस समय तक मेरे मोबाईल पर दीदी के 14 मिस्काल और 6 मैसेज थे जिसमे 4 मसेज मे सिफ गुस्से वाली एमोजी थी ।
बाकी 3 मिस्काल कोमल के थे और 2 मैसेज भी थे । जिसमे वो बता रही थी कि आज 3 बजे के बस से वो घर वापस जा रही है ।

मै झट से समय देखा तो अभी 5 मिंट कम थे । मै फुर्ती से उठा और चप्पल पहना तुरंत घर से निकल गया ।
जैसे ही गेट क्रॉस करके आगे हुआ तो तेज़ी से गाव के बाहर के सरकारी स्कूल की तरफ दौड़ते हुए जाने लगा ।
कारिब 3 मिंट मे मै स्कूल से करीब 20 मीटर पहले तक पहूच गया लेकिन आस पास कोई नही था । ना कोई बस ना कोमल और उसकी मा सिर्फ सन्नाटा
मैने घड़ी देखी तो तीन बजकर दो मिंट हो गये थे ।
मै निराश होकर पलट कर घर जाने लगा । तभी मेरे कानो मे स्कूल के छुट्टी वाली घंटी की आवाज आई और दुसरी तरफ एक बस होर्न बजाते हुए मेन रोड पर आ गई ।

बस की होर्न सुनते ही मै पल्टा तो देखा उससे कुछ लोग उतर रहे थे और वही स्कूल के पास सड़क के किनारे लगे पीपल के पेड़ के निचे से उठ कर कोमल और उसकी मा बस की तरफ जाने लगे ।
जैसे ही मेरी नजर उन दोनो पर गयी मै खुशी से पागल हो गया ।
इधर मै उन दोनो की तरफ बढ़ता उससे पहले स्कूल के बच्चे तेज़ी से बाहर आने लगे कुछ ही पलो मे पुरा रास्ता और ग्राउंड बच्चो से भर गया । कोमल वापस मेरे आँखो से ओझल होने लगी
मै बेचैन होकर बस की तरफ भागा ये बीस मीटर की दुरी जैसे 100 मीटर की हो गयी ।
ना आगे बढ़ने का दाव ना कोई रास्ता दिख रहा था
जब तक मै मेन सड़क तक पहूच पाता बस निकलने लगी और काफी ज्यादा स्कूली बच्चे भी उसी बस मे चढ़ गये जिससे बस पूरी भर गयी। मै खिडकी दर खिडकी दिवानो की तरह कोमल को खोजता रहा लेकिन वो नही दिखी और आखिरकार बस निकल गयी।
मै एक बार फिर से निराश हताश होकर वापस घूम गया गाव की तरफ तभी एक स्कूल गाड़ी होर्न बजाते हुए तेज़ी से मेरे बगल से गुजरी । मुझे तेज होर्न से इतना गुस्सा आया और मै झट से एक पत्थर उठाया और मारने के लिए बस की तरफ हाथ फेरा ही था की सामने करिब 50 मीटर दुरी पर मुझे कोमल बैग लेकर वापस गाव की तरफ अपनी मा के साथ जाते हुए दिखी ,, और वो गाड़ी उन दोनो को भी होर्न देते हुए आगे बढ़ गयी । तेज होर्न से कोमल मे झट से अपने कान ढक लिये थे ।

और मै कोमल को देख कर तेज़ी से भागा कुछ ही पलो मे उसके बगल मे खड़ा उनको निहारे जा रहा था । हरे रंग की चूड़ीदार सूट सलवार मे गजब की लग रही थी ।

विमला - अरे राज बेटा तुम यहा
मै चौका अब इन्हे क्या बोलू की मै किस लिये आया था और वही कोमल मुह पर हाथ रखे मुस्कुरा रही थी ।
विमला - बताओ बेटा क्या हुआ ,,तुम यहा कैसे

मै - मै वो ,,,,वो वो ,,,,,हा वो नाना की तबीयत नही ठीक है ना तो नाना के एक दोस्त आने वाले थे उनको देखने , 3 बजे के बस से उन्ही को लेने आया था
विमला - अच्छा तो वो कहा है
मै - अरे वो दुसरी बस से आयेंगे जो अभी लेट है ।
विमला - हा बेटा लेट हो गयी हम लोगो से खुद
मै - हा मौसी आप लोग वापस क्यू आ गये

विमला - अरे बेटा स्कूल से छुट्टी हुई तो बच्चे जल्दी जल्दी बस मे चढ़ गये और हमे जगह ही नही मिली , और तो और अब कोई बस भी नही है तो चमनपुरा तक जाये

मै - फिर तब
विमला - अब क्या करूगी बेटा वापस घर जा रही थी , आज घर पर भी कोई नही है , इसका मामा भी चला गया है अपनी मेहरारू को लेने
मै - हा चलिये मै भी उधर ही चलता हू
विमला - वैसे चाचा जी को क्या हुआ है
मै - अब उम्र है मौसी तो बीपी की समस्या है ,
विमला - अच्छा
मै - चलो मौसी आप भी हमारे यहा ही चलो ,,इसी बहाने आप मेरे नाना से हाल चाल भी ले लेना और मै तो कहता हू आज हमारे यहा ही रुको कल हम सब साथ मे चलेंगे घर हिहिहिही
मै ये बोल कर एक नजर कोमल की तरफ देखा तो वो बस मुस्कुराये जा रही थी ।
विमला - अरे नही नही बेटा ऐसे कैसे रुक जायेंगे
मै - आप चल रहे हो या मा को फोन लगाऊ हिहिहिही
विमला - ठीक है बेटा चल वैसे भी घर की चाभी इसका मामा लेके चला गया है ।
मै - हमम ठीक है आओ च्लते है ,,चलो कोमल

फिर विमला मौसी आगे आगे चलने लगी और मै कोमल से

मै - लाओ ये बैग मुझे देदो
कोमल - नही ठीक है ज्यादा भारी नही है
मै - क्यू भारी भरकम रहेगा तभी उठाने दोगी हा ,,, मजदूर थोडी हू हिहिहिही
कोमल - ठीक है बाबा लेलो
फिर मै कोमल के हाथ से बैग लिया और हम घर की तरफ जाने लगे ।

हम तीनो लोग घर पहुचे और मै उनहे गेस्ट रूम मे ले गया ।
मैने उन्हे सोफे पर बिथाया और बोला अभी आता हू जैसे ही मै बाहर की तरफ का रुख करता की मौसी और मामी कमरे मे पानी लेके आ गयी ।

अरे मौसी मामी आप लोग मै भी पानी लेने ही आ रहा था ।
विमला - अरे इसकी क्या जरुरत है राज बेटा हम लोग बाहरी थोडी है
मौसी - घर की होकर भी एक बार मिलने नही आई महारानी

मामी ने मीठा और पानी का ट्रे टेबल पर रखा और सामने बेड पर बैठ गयी और उनके एक बगल मे मौसी बैठ गयी दुसरे बगल मे मै खुद

विमला मौसी के बातो का जवाब देते हुए - ऐसे ना कहिये दीदी मै तो जब भी आती हू सुनीता भाभी से जरुर मिलती हू आप ही नही होती है ।

इधर ये लोग बाते करने मे लगे थे और मै कोमल को बार बार इशारे से बाहर आने को बोल रहा था , बदले मे वो ना ना करके इशारे मे ये कहती की कैसे सबके सामने जाऊ ।

उसकी भी बात ठीक थी क्योकि मामी और मौसी ने तो जैसे सवालो की लड़ी लगायी थी उसपे , क्या कर रही थी ,कैसे पढाई हो रही है , उसके साथ क्या सिख रही हो , आगे क्या करना है ।

मै सोचा ऐसे नही काम चलेगा
मै झट से उठा - मामी मै मा को बुला कर लाता हू
और मै कमरे से बाहर निकल कर अपने रूम की तरफ जाते हुए मोबाइल से कोमल को मैसेज किया कि वो बाथरूम का बहाना बनाकर बाहर आये ।
ना जाने क्यू मै इतना तडप रहा था कोमल के लिए उसकी तरफ एक अजिब सा खिचाव मह्सूस होता मुझे
मै जल्द ही अपने कमरे की तरफ गया तो मा अपने सुबह धुले कपडे स्त्री कर रही थी । मैने मा को बताया की विमला मौसी आई है और उनके साथ गेस्ट रूम की तरफ वापस आने लगा तभी बरामदे मे मौसी के साथ कोमल आती दिखी
जब हमारी मुलाकात हुई तो मौसी मुझसे बोली

मौसी - राज बेटा , जरा कोमल को बाथरूम की तरफ लिवा के चले जाओ
मौसी के पहल से मै और कोमल मुस्कुराये
मै - ठीक है मौसी , आओ चलो कोमल

फिर हम दोनो बाथरूम के तरफ निकल गये और मौसी मा के साथ गेस्ट रूम मे चली गयी ।

कोमल - क्या हुआ राज मुझे बाहर क्यू बुलाया
मै - बस ऐसे ही बात करने के लिए
कोमल - हा लेकिन सब लोग क्या सोचेंगे
मै हस्ते हुए - यही की तुम बाथरुम गयी हो हिहिहिही
कोमल मुस्करा कर- तुम बाज नही आओगे अपनी हरकतो से ,,,और इतना ही मन था तो तब फोन क्यू नही उठाया जब मै बार बार फोन किये जा रही थी।
मै - सॉरी यार वो मै मामी के साथ काम करने मे ल्गा था , लेकिन समय से आ गया था बस स्टैंड पर , और मुझे लगा
कोमल - क्या लगा
मै - मुझे लगा कि तुम चली गई
कोमल - कैसे जा सकती थी मै मेरा दोस्त जब उछल उछल कर खिडकी दर खिडकी मुझे खोज रहा था हिहिहिही

मै - मतलब तुम मुझे देख रही थी और बताया भी नही ।
कोमल - देख रही थी मेरा दोस्त मेरे लिए कितना तडप सकता है
मै - मै टुट गया था यार की बिना मिले तुम चली गयी
कोमल - ओहो ये तडप , कही प्यार तो नही
मै - नही यार तुम भी ना , मै तो बस ये सोच कर दुखी हुआ की कही तुम्हे बुरा ना लगे
कोमल - नही मै जानती थी कि तुम कही बिजी होगे तभी फोन नही उठाए हो ।
इधर हम दोनो बाते करते हुए बाथरूम तक पहुच गये

मै - जाओ मंजिल आ गई तुम्हारी
कोमल - अरे मुझे नही जाना तुम बोले इसिलिए मै आ गई
मै - अरे अब आई हो तो कर लो जो भी थोडा बहुत हो हिहिहिही
कोमल - तुम पागल हो , तुम ऐसी बाते कैसे कर लेटे हो यार कुछ तो लिहाज करो मै एक लड्की हू
मै - मैने पहले भी बोला था न कि मै दोस्तो से एकदम फ्रैंक होता हू
कोमल - ओह्ह्ह ऐसा क्या जी
मै - बिल्कुल जी , तो चले वापस या फिर
कोमल - नही नही चलो वापस
फिर हम लोग वापस गेस्ट रूम की तरफ जाने लगे कि तभी गीता बबिता भागते हुए मेरे पास आने लगी।

गीता - हाय भैया
बबिता - हेलो भैया
मै - हैलो मेरी गुडिया और मीठी , तुम दोनो कब आये
बबिता - हम तो उसी गाड़ी से आये जिसे मारने के लिए आप पत्थर उठा लिये थे हीहीहि
मै - उस गाड़ी मे आये तुम लोग , कितना तेज चला रहा था
बबिता - हिहिहिही हमे तो मज़ा आता है ना
गीता - भैया आप सादी कर रहे हो क्या
मै - नही तो किसने कहा
बबिता - तो फिर इनको लेके अकेले मे बात करने क्यू आये
मेरी और कोमल दोनो की हसी छूट गई

मै - अरे ये मेरी दोस्त है गुडिया और इनकी मम्मी का घर भी इसी गाव में है
गीता - अच्छा मतलब गर्लफ्रेंड है ना , हेलो भाभी मै गीता और ये बबिता

कोमल खिलखिला कर हँस पड़ी
मै - अरे नही मीठी ये सिर्फ दोस्त है मेरे साथ पढ़ती हैं और इनका नाम कोमल है
कोमल - और तुम दोनो मुझे दीदी बुलाओ भाभी नही हिहिहिहिही

बबिता - सॉरी भाभी ,,,अह मतलब दीदी हीहीहि
गीता - हा सॉरी कोमल दिदी
कोमल मुस्कराकर - कोई बात नहीं तुम दोनो मेरी छोटी बहन जैसी हो तो सॉरी कहने की जरूरत नही है ।

मै - समझ गये ना अब चलो और ध्यान रहे भाभी मत बुलाना चाहे कोमल आंटी बुला लेना
दोनो मेरी बाते सुन कर खिलखिला कर हँस पड़ी वही कोमल ने एक कोहनी से मेरे बाजू पर जोर से मारा की मेरी आह्ह निकल गयी ।

गीता - कोमल दिदी आप भी चलो ना आज हमारे साथ घुमने
कोमल - मै लेकिन कहा
बबिता - हमारे ट्यूबवेल पर , हम रोज जाते
गीता - आप भी चलो ना दीदी मज़ा आयेगा

कोमल - ठीक है बाबा पहले मा से पुछ लू तब ना
वो दोनो खुशी से कूदते फादते निकल गये छत की तरफ

कोमल - कितनी प्यारी बहने है तुम्हारी
मै - हा दोनो बहुत भोली है
कोमल - हा देखो ना मुझे तो अपनी भाभी बनाने का पुरा मन बना लिया था हिहिहिही
मै - हा और तुमने बेचारियो का दिल तोड़ दिया हहाहाहा
कोमल - छीई गंदे , अच्छा ये बताओ वहा ट्यूबवेल की तरफ क्या है

मै - कुछ नही हम वहा बस नहाने जाते है , एक बड़ा सा हाता है उसी मे
कोमल - फिर मै क्या करूंगी जाकर
मै - तुम भी नहा लेना यार इसमे क्या है
कोमल - धत्त मै नही नहाने वाली बाहर वहा
मै - अरे वहा कोई नहीं होता है बस हम 4 लोग ही होगे
कोमल - हा तो तुम भी होगे वहा न , तो मै कैसे नहा सकती हू
मै - क्यू मेरे सामने नहाने मे शर्म आयेगी क्या हिहिहिही
कोमल - और नही तो क्या , और तुम्हे नही आयेगी जैसे मेरे सामने नहाते
मै - मै क्यू शर्माने ल्गा भला तुमसे , तुम ने तो सब कुछ देख रखा है पहले से ही मेरा अब बचा ही क्या जो छिपा सकू हाहाहाहाहा

कोमल मुस्कुरा कर गुस्सा दिखाते हुए - बदमाश बहुत पिटूंगि तुम्हे
कोमल - यार तुम हमेशा वही सब बाते क्यू करते हो बार बार
मै - मुझे मेरा दोस्त शर्माता हुआ बहुत अच्छा लगता है ना इसिलिए हिहिहिही
कोमल - धत्त अब चलो कमरे मे मा से परमिशन लेलू

फिर हम लोग कोमल की मा को बोलकर चारो साथ मे निकल गये ट्यूबवेल के लिए ।


अब देखते हैं कि आगे क्या होने वाला है
कहानी कैसी चल रही है इस बारे मे खुल कर अपनी राय दे । आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
धन्यवाद
 
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