• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest लंगड़ी घोड़ी

xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

mastmast123

Active Member
802
1,443
124
सुपर्ब, रजनी को राजू को ऐसे ही ललचना चाइये, अपनी चूत का पागल बनाना चाहिए, मगर चूत देना तो दूर दर्शन भी नहीं देना चाहिए,, जब तक राजू गिदगीड़ाये नहीं, फिर एक जोरदार तरीके से उसे surprise करे और उसका मन भर दे, दूर रहकर, सिर्फ दर्शन दे मगर चुदये नहीं, जब तक राजू पूरी तरह शराब छोड़कर शरीफ न बन जाए, लेकिन फिर भी उसको तरसाती रहे,, बहुत मज़ा आयेगा, दोनों घर मे अकेले हैं मगर फिर भी राजू चोद नहीं पा रहा है, भले ही दोनों पूरे नंगें सारी रात घर में घूमते रहे, क्योंकि राजू रजनी का आज्ञाकारी है और जब तक दीदी permission नहीं देगी वो उसे छुयेगा भी नही चाहे उसका लंड कितना खडा हो कितना भी उत्तेजना मे फटे
 

parkas

Well-Known Member
30,432
65,725
303
अगले दिन सुबह रजनी सोकर उठी तो देखा कि राजू पहले ही उठ गया था लेकिन अभी भी बेड पर ही लेटा हुआ था। रजनी को देखते ही वो उठकर बैठ गया और बोला:"

" दीदी मैंने श्याम को काम से निकाल दिया है, मैने उस पर कितना भरोसा किया और उसने आपकी इज्जत पर ही हाथ डाल दिया नमक हराम कहीं का।

रजनी को खुशी हुई कि कम से कम उसके भाई के अंदर अभी कुछ तो स्वाभिमान बचा हुआ है और थोड़ी सी कोशिश करने पर ये फिर से सुधर कर अपनी जिंदगी शुरू कर सकता है। रजनी उसके पास ही बैठ गई और बोली:"

" अच्छा किया तुमने, बहुत अच्छा किया। ऐसे लोगो को यही सजा मिलनी चाहिए।

राजू बार बार रजनी के ब्लाउस में झांकने की कोशिश कर रहा था लेकिन आज सभी बटन बंद होने और सीने पर दुपट्टा होने से उसे कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। राजू बोला:"

" दीदी मैं तो उसे पुलिस के हवाले भी कर देता लेकिन फिर उसकी बीवी और बच्चो का ख्याल आ गया बस इसलिए छोड़ दिया।

रजनी से राजू की हरकत छिपी नहीं थी कि वो बार बार उसके ब्लाउस मे झांक रहा है। रजनी ने फिर भी राजू को प्यारी सी स्माइल दी और बोली:"

" अच्छा किया। वो जेल जाता तो उसके बच्चे भूखे मर जाते। वैसे राजू तुझे पता हैं उससे मेरी लड़ाई दारू की वजह से शुरू हुई थी। मैं उससे बोतले छीन रही थी और वो देना नही चाहता था। बस इसी छीना झपटी में वो कब राक्षस बन गया मुझे पता ही नहीं चला। तुम ये दारू छोड़ क्यों नही देते ?

राजू को समझ नही आया कि अब क्या जवाब दे एकदम से लेकिन फिर भी बोला:"

" दीदी बहुत मुश्किल हैं, मैं अपने गम भुलाने के लिए पीता हूं। दारू के पीना कैसे जियूंगा।

रजनी जानती थी कि राजू ऐसा ही कुछ बोलेगा इसलिए उसे समझाते हुए बोली:"

" तुम्हे पता है दारू पी पीकर तुमने ख़ुद को इतना कमजोर कर लिया हैं कि रात ठीक से तुम श्याम का सामना भी नही कर पाए। तुम तो इतने शक्तिशाली थे कि उसके जैसे चार चार लोगो को एक साथ पटक देते।

राजू को रात की बात याद आ गई कि किस तरह श्याम उसका बराबर मुकाबला कर रहा था और रजनी ने उसे लात मारकर उसकी मदद करी थी। ये तो राजू भी जानता था कि वो अब पहले से काफी कमजोर हो गया था और बोला:"

" दीदी बात तो तुम्हारी सच है लेकिन मेरे लिए अब दारू छोड़ना आसान नहीं है।

रजनी:" मैं कौन सा तुम्हे छोड़ने के लिए कह रही हूं। बस कम कर दो और अपने खाने पीने का ख्याल रखो।

बात करते करते अचानक से रजनी का पल्लू अपने आप सरक गया और राजू को उसकी चुचियों के बीच की हल्की सी घाटी नजर आई और उसकी आंखे फिर से चमक उठी और बोला:"

" ठीक हैं दीदी। मैं कोशिश करता हु दारू कम करने की लेकिन आपको मेरी पूरी मदद करनी होगी और मेरा ध्यान रखना होगा।

रजनी ने ध्यान दिया कि राजू की नजरे रात को तरह फिर से उसके सीने पर टिक गई है तो रजनी अंदर ही अंदर फिर से कांप गई लेकिन अपना पल्लू ठीक नही किया और बोली:"

" ठीक है भाई। मैं तो हमेशा तेरे साथ हु। वादा कर कि हफ्ते में दो बार से ज्यादा नहीं पायेगा और तेरी दारू की बॉटल मेरे पास रहेगी ताकि मुझे पता चल सके कि तुम सुधर रहे हो।

राजू:" ठीक हैं दीदी, मैं वादा करता हु लेकिन हफ्ते में दो दिन आप मुझे मना नही करोगी।

रजनी अब बिल्कुल अपने भाई से सट गई और उसके बालो को सहलाती हुई बोली:"

" पक्का तेरी कसम भाई, नही मना करूंगी तुझे। बस खुश लेकिन अपना वादा याद रखना, आज से ही घर के काम शुरू और और ठीक से खाना पीना शुरू।

राजू अपनी दीदी से लिपट गया और सीधे अपना मुंह उसके सीने में घुसा दिया। रजनी समझ गई कि राजू को अब प्यार और दुलार की जरूरत है। रजनी ने भी उसे अपने आंचल में भर लिया और बोली

" है भगवान तेरा कितना एहसान हैं कि मेरा भाई फिर से सुधर रहा है। सच मे भाई मैं आज बेहद खुश हूं।

इतना कहकर रजनी झुकी और खुशी खुशी राजू का गाल चूम लिया तो राजू ने भी खुशी खुशी अपने होंठ अपनी दीदी के गाल पर टिका दिए और एक जोरदार चुम्बन जड़ दिया तो रजनी का तन मन खुशी से भर उठा और बोली:"

" चल अच्छा अब जल्दी से उठ जा और फ्रेश हो जा। मैं तेरे लिए चाय लेकर आती हु।

इतना कहकर रजनी बाहर निकल गई और राजू के लिए नाश्ता तैयार करने लगी। किचन में काफी गर्मी लग रही थी इसलिए अपने ब्लाउस का एक बटन खोल दिया ताकि थोड़ी राहत मिल सके । राजू जल्दी ही आ गया और आज काफी दिन के बाद उसने अपने बालो मे कंघा किया और तेल लगाया। रजनी चाय लेकर आ गई और उसे देखकर बेहद खुश हुई और बोली:"

" ऐसे ही रहा करो बन ठन कर, देखो कितने अच्छे लग रहे हो तुम, बस बाल और दाढ़ी कटा लो तो पूरे हीरो बन जाओगे। अच्छा लो चाय पियो।

रजनी ने उसकी तरफ चाय बढ़ा दी और और राजू चाय पीने लगा। रजनी ने देखा कि कुछ दिनों से राजू के कमरे की टेबल की सफाई नही हुई थी वो बेहद गंदी लग रही थी। रजनी बोली:"

" तुम चाय पियो। तब तक मैं टेबल साफ कर देती हु।

इतना कहकर उसने एक कपड़ा किया और सफाई में जुट गई। टेबल साफ करते करते उसकी साड़ी का पल्लू एक बार फिर से सरक गया और एक बटन खुला होने के कारण उसकी उसकी चुचियों करीब एक चौथाई नजर आने लगी। रजनी इससे बेफिक्र अपना काम कर रही थी और राजू के लिए तो एक बार फिर से खजाना खुल गया था। राजू उसकी चुचियों को देख रहा था और कभी उसके चेहरे को। रजनी इन सबसे बेफिक्र अपने काम मे लगी हुई थी। रजनी के हिलने से उसकी चूचियां थोड़ी थोड़ी हिल रही थी जिससे उसकी चूचियां और ज्यादा खूबसूरत लग रही थी।
रजनी सफाई करते हुए राजू की तरफ देखकर बोली:" देख ना कितनी गंदी हो गई थी। तुझे भी बिलकुल भी एहसास नहीं था।

रजनी को एहसास हुआ कि राजू फिर से उसकी चूचियां देख रहा था और राजू बोला:"

" आगे से ऐसा नहीं होगा दीदी। मैं साफ सफाई का भी पूरा ध्यान रखूंगा। आपको कोई शिकायत का मौका नहीं दूंगा। कमरा मैं खुद ही साफ कर दूंगा ताकि आपको ज्यादा दिक्कत न हो।

रजनी की उम्मीद से ज्यादा बदलवा उसे राजू में लग रहा था। रजनी को शक हुआ कि कहीं राजू इसके जिस्म की और आकर्षित होकर तो ऐसा नहीं कर रहा है। रजनी ने एक प्लान किया और बोली:

" देख ना नीचे से भी टेबल पूरी गंदी है।नीचे से भी साफ कर देती हु इसे। अपनी सफाई तो तुझे होती नही देखो अपने बालो और दाढ़ी को क्या हाल बना रखा हैं और बात करते हो कमरे की सफाई करने की।

इतना कहकर वो नीचे की तरफ झुक गई। रजनी ने जान बूझकर अपनी ब्लाउस को थोड़ा सा नीचे की तरफ किया और अपनी कोहनी से अपनी चुचियों को दबा दिया जिससे उसकी आधे से ज्यादा चूचियां बाहर छलक पड़ी और रजनी उसकी तरफ देखते हुए प्यार से बोली:"

" देख ना राजू तूने क्या हाल बना रखा है अपना, बाल कैसे उल्टे सीधे बढ़ गए है। तुम बाल क्यों नहीं कटा लेते अपने ?

रजनी की चूचियां देखकर राजू पूरी तरह से जोश में आकर उसकी चुचियों को ताड़ते हुए बोला:"

" आप की कसम। आज ही बाल कटा लूंगा आपका हुक्म सिर आंखो पर। रुको मैं सफाई में आपकी मदद करता हु।

राजू ने चाय का कप एक तरफ रखा और रजनी के पास पहुंच गया और टेबल को पकड़ कर एक तरफ से हल्का सा झुका दिया जिससे रजनी को और आगे होना पड़ा और उसकी चूचियों का पैमाना सा छलक पड़ा। रजनी समझ गई कि राजू उसकी चुचियों को पास से देखने के लिए मरा जा रहा है और इसलिए भी उसके पास आया है तो रजनी उसे छेड़ते हुए बोली:"

" तुम चाय पियो न राजू, मैं खुद सफाई कर लूंगी नही तो तुम्हारी चाय ठंडी हो जायेगी।

राजू भला ऐसा नजारा छोड़कर क्यों जाता इसलिए बोला:

" दीदी आप मेरे होते हुए अकेली काम करे तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा।रही बात चाय की तो वो आपसे अच्छी थोड़े हैं दीदी, चाय तो बाद में भी गर्म हो जायेगी।

रजनी स्माइल करते हुए बोली:" अच्छा अब तेरी दीदी तुझे अच्छी भी लगने लगी। तुम ठीक तो हो न भाई ?

राजू रजनी की बात सुनकर थोड़ा सा सकपकाया कि कहीं दीदी उसे ज्यादा न डांट दे और बोला:"

" लगने क्या लगी आप तो हो ही अच्छी दीदी, मेरी दीदी दुनिया की सबसे अच्छी दीदी है।

रजनी समझ गई कि राजू पूरी तरह से उसके जिस्म आकर्षित हो गया है और अब उसकी सारी बात मान लेगा बस उसे जल्दबाजी नहीं करनी है। रजनी एक अंगड़ाई लेते हुए बोली:"

" बहुत बाते करने लगे हो तुम, अच्छा अगर मैं इतनी ही अच्छी हु और इतनी ही फिक्र हैं मेरी तो आज जाकर अपने अच्छे से बाल कटा और घर के काम काज में मेरी मदद कर।

रजनी के अंगड़ाई लेने से उसके ब्लाउस का एक बटन और खुल गया जिससे उसकी चूचियां राजू पर कयामत बनकर टूट पड़ी और राजू पागल सा होते हुए बोला:"

" आपकी कसम दीदी, बालो के साथ दाढ़ी भी कटवा लूंगा आज ही। जैसे आप कहोगी मैं करूंगा आपकी कसम बस मेरा यकीन करो।

रजनी उसकी इस हालत पर अंदर पर अंदर ही मुस्कुरा उठी और बोली:" अच्छा फिर तो तुम दारू पीना भी आज से ही बंद कर दोगे मेरे लिए।

राजू अपनी बहन की चुचियों को देखते हुए बड़ी मुश्किल में फंस गया कि क्या जवाब दे। उसके माथे पर पसीना छलक आया तो रजनी उसकी हालत समझ गई और बोली:"

" डरो मत तुम, दारू बंद मत करो लेकिन ध्यान रखना हफ्ते में दो बार से ज्यादा नहीं। इतना तो कर ही सकते हो न मेरे लिए।

इतनी कहकर वो खड़ी हुई और अपने सीने को पल्लू से ढक लिया। राजू थोड़ा सा निराश हुआ बोला:"

" पक्का दीदी, मैने तो आपको पहले ही प्रॉमिस किया था। मुझे याद रहेगा।

रजनी:" अच्छा चल अब तुम बाल कटाकर आओ। मैं तब तक नहा लेती हू।

राजू बाहर चला गया और रजनी ने चैन की सांस ली क्योंकि आज कई महीने के बाद उसका भाई घर से बहार निकला था। रजनी ने अपनी चुचियों को एक बार ध्यान से देखा और उन्हे प्यार से सहलाया मानो उन्हे धन्यवाद कर रही हो और समझा रही हो कि अभी आगे बहुत काम बाकी है।

रजनी घर के काम में लगी रही और करीब दस बजे तक राजू घर वापिस आया तो उसे देखकर सबसे ज्यादा खुशी रजनी को हुई। राजू के सिर के बाल कट गए थे और दाढ़ी बनने के बाद उसका भाई अब पहले की तरह बेहद सुंदर लग रहा था।

रजनी अपने भाई को फिर से अपनी जिंदगी शुरू करते देखकर खुशी खुशी उसे लिपट गई और उसका गाल चूम कर बोली:"

" भाई मैं बेहद खुश हूं और मैं अपनी खुशी शब्दो में बयान नहीं कर सकती। मेरा भाई वापिस लौट आया है।

राजू भी उससे कसकर लिपट गया और बोला:" ये सब आपने ही किया है दीदी, आप नही होती तो शायद ये सब नहीं होता।

रजनी:" बड़ी होने के नाते मेरा फर्ज हैं कि अपने भाई का ध्यान रखूं। अभी तो शुरुआत हैं भाई और तुम्हे आगे बहुत कुछ करना है जिंदगी मे।

राजू:" हान दीदी मैं आपकी सब उम्मीदों पर खरा साबित होऊंगा। आखिर मेरे सिवा आपका कोई भी नही है, आपने तो एक बहन का फर्ज निभा दिया। अब मैं एक भाई का फर्ज पूरा करूंगा।

रजनी:" मुझे पूरी उम्मीद हैं कि तुम अब आगे शिकायत का कोई मौका नहीं दोगे।

राजू" हान दीदी, आपकी कसम, बिलकुल नहीं दूंगा। अच्छा आज से आप घर ही रहे और खेतो के सारे काम मे शुरू करूंगा फिर से। आपका धूप में रंग भी काले होने लगा है तो शादी में भी दिक्कत आएगी।

रजनी:" अच्छा जी, बहुत बाते करने लगा है। मैं अब शादी नही करने वाली, मैं चली गई तो फिर तुम्हारे खयाल कौन रखेगा भला।

राजू:" अच्छा ठीक हैं, मैं अब खेत में जा रहा हूं, नही तो फिर धूप तेज हो जायेगी।

इतना कहकर राजू अपनी दीदी से अलग हुआ और नौकरों के साथ खेत में चला गया। रजनी बेहद खुश थी और आज उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। वो अच्छे से जानती थी कि उसका भाई उसके जिस्म की और आकर्षित हुआ हैं। जब तक वो पूरी तरह से सुधर नहीं जाता, बदल नही जाता वो उसे ललचाती रहेगी।
Bahut hi shaandar update diya hai Unique star bhai....
Nice and excellent update.....
 

Lutgaya

Well-Known Member
2,159
6,413
159
शानदार अपडेट
खेत से आते ही राजू को दीदी नहाती हुई दिख जाए तो बवाल मच जायेगा।
 

IncestNepal

Member
155
338
63
अगले दिन सुबह रजनी सोकर उठी तो देखा कि राजू पहले ही उठ गया था लेकिन अभी भी बेड पर ही लेटा हुआ था। रजनी को देखते ही वो उठकर बैठ गया और बोला:"

" दीदी मैंने श्याम को काम से निकाल दिया है, मैने उस पर कितना भरोसा किया और उसने आपकी इज्जत पर ही हाथ डाल दिया नमक हराम कहीं का।

रजनी को खुशी हुई कि कम से कम उसके भाई के अंदर अभी कुछ तो स्वाभिमान बचा हुआ है और थोड़ी सी कोशिश करने पर ये फिर से सुधर कर अपनी जिंदगी शुरू कर सकता है। रजनी उसके पास ही बैठ गई और बोली:"

" अच्छा किया तुमने, बहुत अच्छा किया। ऐसे लोगो को यही सजा मिलनी चाहिए।

राजू बार बार रजनी के ब्लाउस में झांकने की कोशिश कर रहा था लेकिन आज सभी बटन बंद होने और सीने पर दुपट्टा होने से उसे कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। राजू बोला:"

" दीदी मैं तो उसे पुलिस के हवाले भी कर देता लेकिन फिर उसकी बीवी और बच्चो का ख्याल आ गया बस इसलिए छोड़ दिया।

रजनी से राजू की हरकत छिपी नहीं थी कि वो बार बार उसके ब्लाउस मे झांक रहा है। रजनी ने फिर भी राजू को प्यारी सी स्माइल दी और बोली:"

" अच्छा किया। वो जेल जाता तो उसके बच्चे भूखे मर जाते। वैसे राजू तुझे पता हैं उससे मेरी लड़ाई दारू की वजह से शुरू हुई थी। मैं उससे बोतले छीन रही थी और वो देना नही चाहता था। बस इसी छीना झपटी में वो कब राक्षस बन गया मुझे पता ही नहीं चला। तुम ये दारू छोड़ क्यों नही देते ?

राजू को समझ नही आया कि अब क्या जवाब दे एकदम से लेकिन फिर भी बोला:"

" दीदी बहुत मुश्किल हैं, मैं अपने गम भुलाने के लिए पीता हूं। दारू के पीना कैसे जियूंगा।

रजनी जानती थी कि राजू ऐसा ही कुछ बोलेगा इसलिए उसे समझाते हुए बोली:"

" तुम्हे पता है दारू पी पीकर तुमने ख़ुद को इतना कमजोर कर लिया हैं कि रात ठीक से तुम श्याम का सामना भी नही कर पाए। तुम तो इतने शक्तिशाली थे कि उसके जैसे चार चार लोगो को एक साथ पटक देते।

राजू को रात की बात याद आ गई कि किस तरह श्याम उसका बराबर मुकाबला कर रहा था और रजनी ने उसे लात मारकर उसकी मदद करी थी। ये तो राजू भी जानता था कि वो अब पहले से काफी कमजोर हो गया था और बोला:"

" दीदी बात तो तुम्हारी सच है लेकिन मेरे लिए अब दारू छोड़ना आसान नहीं है।

रजनी:" मैं कौन सा तुम्हे छोड़ने के लिए कह रही हूं। बस कम कर दो और अपने खाने पीने का ख्याल रखो।

बात करते करते अचानक से रजनी का पल्लू अपने आप सरक गया और राजू को उसकी चुचियों के बीच की हल्की सी घाटी नजर आई और उसकी आंखे फिर से चमक उठी और बोला:"

" ठीक हैं दीदी। मैं कोशिश करता हु दारू कम करने की लेकिन आपको मेरी पूरी मदद करनी होगी और मेरा ध्यान रखना होगा।

रजनी ने ध्यान दिया कि राजू की नजरे रात को तरह फिर से उसके सीने पर टिक गई है तो रजनी अंदर ही अंदर फिर से कांप गई लेकिन अपना पल्लू ठीक नही किया और बोली:"

" ठीक है भाई। मैं तो हमेशा तेरे साथ हु। वादा कर कि हफ्ते में दो बार से ज्यादा नहीं पायेगा और तेरी दारू की बॉटल मेरे पास रहेगी ताकि मुझे पता चल सके कि तुम सुधर रहे हो।

राजू:" ठीक हैं दीदी, मैं वादा करता हु लेकिन हफ्ते में दो दिन आप मुझे मना नही करोगी।

रजनी अब बिल्कुल अपने भाई से सट गई और उसके बालो को सहलाती हुई बोली:"

" पक्का तेरी कसम भाई, नही मना करूंगी तुझे। बस खुश लेकिन अपना वादा याद रखना, आज से ही घर के काम शुरू और और ठीक से खाना पीना शुरू।

राजू अपनी दीदी से लिपट गया और सीधे अपना मुंह उसके सीने में घुसा दिया। रजनी समझ गई कि राजू को अब प्यार और दुलार की जरूरत है। रजनी ने भी उसे अपने आंचल में भर लिया और बोली

" है भगवान तेरा कितना एहसान हैं कि मेरा भाई फिर से सुधर रहा है। सच मे भाई मैं आज बेहद खुश हूं।

इतना कहकर रजनी झुकी और खुशी खुशी राजू का गाल चूम लिया तो राजू ने भी खुशी खुशी अपने होंठ अपनी दीदी के गाल पर टिका दिए और एक जोरदार चुम्बन जड़ दिया तो रजनी का तन मन खुशी से भर उठा और बोली:"

" चल अच्छा अब जल्दी से उठ जा और फ्रेश हो जा। मैं तेरे लिए चाय लेकर आती हु।

इतना कहकर रजनी बाहर निकल गई और राजू के लिए नाश्ता तैयार करने लगी। किचन में काफी गर्मी लग रही थी इसलिए अपने ब्लाउस का एक बटन खोल दिया ताकि थोड़ी राहत मिल सके । राजू जल्दी ही आ गया और आज काफी दिन के बाद उसने अपने बालो मे कंघा किया और तेल लगाया। रजनी चाय लेकर आ गई और उसे देखकर बेहद खुश हुई और बोली:"

" ऐसे ही रहा करो बन ठन कर, देखो कितने अच्छे लग रहे हो तुम, बस बाल और दाढ़ी कटा लो तो पूरे हीरो बन जाओगे। अच्छा लो चाय पियो।

रजनी ने उसकी तरफ चाय बढ़ा दी और और राजू चाय पीने लगा। रजनी ने देखा कि कुछ दिनों से राजू के कमरे की टेबल की सफाई नही हुई थी वो बेहद गंदी लग रही थी। रजनी बोली:"

" तुम चाय पियो। तब तक मैं टेबल साफ कर देती हु।

इतना कहकर उसने एक कपड़ा किया और सफाई में जुट गई। टेबल साफ करते करते उसकी साड़ी का पल्लू एक बार फिर से सरक गया और एक बटन खुला होने के कारण उसकी उसकी चुचियों करीब एक चौथाई नजर आने लगी। रजनी इससे बेफिक्र अपना काम कर रही थी और राजू के लिए तो एक बार फिर से खजाना खुल गया था। राजू उसकी चुचियों को देख रहा था और कभी उसके चेहरे को। रजनी इन सबसे बेफिक्र अपने काम मे लगी हुई थी। रजनी के हिलने से उसकी चूचियां थोड़ी थोड़ी हिल रही थी जिससे उसकी चूचियां और ज्यादा खूबसूरत लग रही थी।
रजनी सफाई करते हुए राजू की तरफ देखकर बोली:" देख ना कितनी गंदी हो गई थी। तुझे भी बिलकुल भी एहसास नहीं था।

रजनी को एहसास हुआ कि राजू फिर से उसकी चूचियां देख रहा था और राजू बोला:"

" आगे से ऐसा नहीं होगा दीदी। मैं साफ सफाई का भी पूरा ध्यान रखूंगा। आपको कोई शिकायत का मौका नहीं दूंगा। कमरा मैं खुद ही साफ कर दूंगा ताकि आपको ज्यादा दिक्कत न हो।

रजनी की उम्मीद से ज्यादा बदलवा उसे राजू में लग रहा था। रजनी को शक हुआ कि कहीं राजू इसके जिस्म की और आकर्षित होकर तो ऐसा नहीं कर रहा है। रजनी ने एक प्लान किया और बोली:

" देख ना नीचे से भी टेबल पूरी गंदी है।नीचे से भी साफ कर देती हु इसे। अपनी सफाई तो तुझे होती नही देखो अपने बालो और दाढ़ी को क्या हाल बना रखा हैं और बात करते हो कमरे की सफाई करने की।

इतना कहकर वो नीचे की तरफ झुक गई। रजनी ने जान बूझकर अपनी ब्लाउस को थोड़ा सा नीचे की तरफ किया और अपनी कोहनी से अपनी चुचियों को दबा दिया जिससे उसकी आधे से ज्यादा चूचियां बाहर छलक पड़ी और रजनी उसकी तरफ देखते हुए प्यार से बोली:"

" देख ना राजू तूने क्या हाल बना रखा है अपना, बाल कैसे उल्टे सीधे बढ़ गए है। तुम बाल क्यों नहीं कटा लेते अपने ?

रजनी की चूचियां देखकर राजू पूरी तरह से जोश में आकर उसकी चुचियों को ताड़ते हुए बोला:"

" आप की कसम। आज ही बाल कटा लूंगा आपका हुक्म सिर आंखो पर। रुको मैं सफाई में आपकी मदद करता हु।

राजू ने चाय का कप एक तरफ रखा और रजनी के पास पहुंच गया और टेबल को पकड़ कर एक तरफ से हल्का सा झुका दिया जिससे रजनी को और आगे होना पड़ा और उसकी चूचियों का पैमाना सा छलक पड़ा। रजनी समझ गई कि राजू उसकी चुचियों को पास से देखने के लिए मरा जा रहा है और इसलिए भी उसके पास आया है तो रजनी उसे छेड़ते हुए बोली:"

" तुम चाय पियो न राजू, मैं खुद सफाई कर लूंगी नही तो तुम्हारी चाय ठंडी हो जायेगी।

राजू भला ऐसा नजारा छोड़कर क्यों जाता इसलिए बोला:

" दीदी आप मेरे होते हुए अकेली काम करे तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा।रही बात चाय की तो वो आपसे अच्छी थोड़े हैं दीदी, चाय तो बाद में भी गर्म हो जायेगी।

रजनी स्माइल करते हुए बोली:" अच्छा अब तेरी दीदी तुझे अच्छी भी लगने लगी। तुम ठीक तो हो न भाई ?

राजू रजनी की बात सुनकर थोड़ा सा सकपकाया कि कहीं दीदी उसे ज्यादा न डांट दे और बोला:"

" लगने क्या लगी आप तो हो ही अच्छी दीदी, मेरी दीदी दुनिया की सबसे अच्छी दीदी है।

रजनी समझ गई कि राजू पूरी तरह से उसके जिस्म आकर्षित हो गया है और अब उसकी सारी बात मान लेगा बस उसे जल्दबाजी नहीं करनी है। रजनी एक अंगड़ाई लेते हुए बोली:"

" बहुत बाते करने लगे हो तुम, अच्छा अगर मैं इतनी ही अच्छी हु और इतनी ही फिक्र हैं मेरी तो आज जाकर अपने अच्छे से बाल कटा और घर के काम काज में मेरी मदद कर।

रजनी के अंगड़ाई लेने से उसके ब्लाउस का एक बटन और खुल गया जिससे उसकी चूचियां राजू पर कयामत बनकर टूट पड़ी और राजू पागल सा होते हुए बोला:"

" आपकी कसम दीदी, बालो के साथ दाढ़ी भी कटवा लूंगा आज ही। जैसे आप कहोगी मैं करूंगा आपकी कसम बस मेरा यकीन करो।

रजनी उसकी इस हालत पर अंदर पर अंदर ही मुस्कुरा उठी और बोली:" अच्छा फिर तो तुम दारू पीना भी आज से ही बंद कर दोगे मेरे लिए।

राजू अपनी बहन की चुचियों को देखते हुए बड़ी मुश्किल में फंस गया कि क्या जवाब दे। उसके माथे पर पसीना छलक आया तो रजनी उसकी हालत समझ गई और बोली:"

" डरो मत तुम, दारू बंद मत करो लेकिन ध्यान रखना हफ्ते में दो बार से ज्यादा नहीं। इतना तो कर ही सकते हो न मेरे लिए।

इतनी कहकर वो खड़ी हुई और अपने सीने को पल्लू से ढक लिया। राजू थोड़ा सा निराश हुआ बोला:"

" पक्का दीदी, मैने तो आपको पहले ही प्रॉमिस किया था। मुझे याद रहेगा।

रजनी:" अच्छा चल अब तुम बाल कटाकर आओ। मैं तब तक नहा लेती हू।

राजू बाहर चला गया और रजनी ने चैन की सांस ली क्योंकि आज कई महीने के बाद उसका भाई घर से बहार निकला था। रजनी ने अपनी चुचियों को एक बार ध्यान से देखा और उन्हे प्यार से सहलाया मानो उन्हे धन्यवाद कर रही हो और समझा रही हो कि अभी आगे बहुत काम बाकी है।

रजनी घर के काम में लगी रही और करीब दस बजे तक राजू घर वापिस आया तो उसे देखकर सबसे ज्यादा खुशी रजनी को हुई। राजू के सिर के बाल कट गए थे और दाढ़ी बनने के बाद उसका भाई अब पहले की तरह बेहद सुंदर लग रहा था।

रजनी अपने भाई को फिर से अपनी जिंदगी शुरू करते देखकर खुशी खुशी उसे लिपट गई और उसका गाल चूम कर बोली:"

" भाई मैं बेहद खुश हूं और मैं अपनी खुशी शब्दो में बयान नहीं कर सकती। मेरा भाई वापिस लौट आया है।

राजू भी उससे कसकर लिपट गया और बोला:" ये सब आपने ही किया है दीदी, आप नही होती तो शायद ये सब नहीं होता।

रजनी:" बड़ी होने के नाते मेरा फर्ज हैं कि अपने भाई का ध्यान रखूं। अभी तो शुरुआत हैं भाई और तुम्हे आगे बहुत कुछ करना है जिंदगी मे।

राजू:" हान दीदी मैं आपकी सब उम्मीदों पर खरा साबित होऊंगा। आखिर मेरे सिवा आपका कोई भी नही है, आपने तो एक बहन का फर्ज निभा दिया। अब मैं एक भाई का फर्ज पूरा करूंगा।

रजनी:" मुझे पूरी उम्मीद हैं कि तुम अब आगे शिकायत का कोई मौका नहीं दोगे।

राजू" हान दीदी, आपकी कसम, बिलकुल नहीं दूंगा। अच्छा आज से आप घर ही रहे और खेतो के सारे काम मे शुरू करूंगा फिर से। आपका धूप में रंग भी काले होने लगा है तो शादी में भी दिक्कत आएगी।

रजनी:" अच्छा जी, बहुत बाते करने लगा है। मैं अब शादी नही करने वाली, मैं चली गई तो फिर तुम्हारे खयाल कौन रखेगा भला।

राजू:" अच्छा ठीक हैं, मैं अब खेत में जा रहा हूं, नही तो फिर धूप तेज हो जायेगी।

इतना कहकर राजू अपनी दीदी से अलग हुआ और नौकरों के साथ खेत में चला गया। रजनी बेहद खुश थी और आज उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। वो अच्छे से जानती थी कि उसका भाई उसके जिस्म की और आकर्षित हुआ हैं। जब तक वो पूरी तरह से सुधर नहीं जाता, बदल नही जाता वो उसे ललचाती रहेगी।
Bahut badhiya bhai
 
Top