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Incest रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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दिलावर जी आपकी कहानी बहुत बढिया चल रही हे कम पेजों में ज्यादा अपडेट , पर आपकी कहानी में मेरे विचार से इमेज या gif की जरूरत तो मुझे तो नही लगती आपकी कहानी प्लेटफार्म काफी व्रहद और परफेक्ट हे कहानी लिखते रहिये धन्यवाद
 

dilavar

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रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - ८२

अबतो देवायतभी सहेरमे सब कुछ सेट करके वहा कीसीको पार्टनरमे रखकर वापस गांवमे आ गयाथा ओर देवायत ओर भानुने मीलकर किशनका पुरा कारोबार सम्हाल लीयाथा.. इसी बीच मंजु ओर देवायत समय समयपे मीलते रहे.. ओर पती पत्नीका हर सुख भोगते रहे.. इस बातका पता अब नीर्मलाकोभी चल गयाथा.. ओर उसने इस बारेमे राजीवसे बात करली.. ओर मंजुसे मीलकर अपनी गलतीको मानली.. फीर नीर्मलाने मंजुकी सादी राजी खुसीसे देवायतके साथ करवानेका फैसला करलीया....अब आगे

तब मंजुने देवायतको फोन करके सारी बात बतादी ओर दोनोने सादी करनेका फैसला करलीया.. तब दुसरे दिनही सुबह किशनके फोनकी रींग बज उठी ओर वो खुस होते बाते करने लगा.. तभी देवायत समज गयाकी ये राजीवअंकलका फोन हे.. ओर दोनोके बीच सादीकी बातभी होगइ.. अ‍ेक महीनेके बादकी तारीख भी पकी करली.. तब विमला भी बहुत खुस होगइ.. ओर दोनोके घरपे सादीकी तैयारीया सुरु होगइ..

इसी बीच ना मंजुको पता चलाकी उनमे कुछ शक्तिया आचुकी हे.. जो बाबाने स्थापीत कीथी ओर नाही देवयातको पता चलाकी उनके लींगमे जडी बुटीकी वजहसे कीतना बडा बदलाव आचुका हे.. दोनोके अंदर बहुतही आकर्सण आचुका था.. मंजु कीसी अप्सराकी तरह दीखने लगीथी.. उनके चहेरेपे काफी नीखार आ चुकाथा.. तो अब देवायतभी कामदेवकी तराह दीखने लगाथा..

उनको देखते कोइभी लडकी हो या ओरत उनकी ओर आकर्शीत होने लगी थी.. सब मनही मन देवायतको पानेकी कामना करने लगी थी.. सभी ओरते देवायतके अ‍ेकही इसारेसे उनके नीचे लेटनेको तैयार रहेती थी.. ओर देवायतभी उनका फायदा उठाने लगा.. कोइभी ओरत या लडकी सामनेसे आती तो उनकी हर इच्छा पुरी करदेता.. वो अबतक कइ ओरतो ओर लडकीयोको चुद चुकाथा..

इस बातपे उनकी मां विमलाभी अन्जान नही थी.. उनकोभी देवायतके व्यक्तीत्वपे अभीमान होने लगाथा.. ओर वो अ‍ेक राजाकी फेमीलीहे तो देवायतका सबपे हक बनता हे यही सोचते वो देवायतपे गर्व करती रही.. ओर खुदभी देवायतके व्यक्तीत्वसे प्रभावीत हो चुकी थी.. लेकीन देवायत उनका बेटा था.. तो कुछ मर्यादा माननेको मजबुरथी.. जबभी देवायतको देखकर उतेजीत होजाती तब वो किशनसे जमकर चुदाइ करवा लेती..

उधर जबसे देवायत नीर्मलासे बात करके आया तबसे वो नीर्मलाके घर कभी नही गया.. देवायत ओर मंजु हर दीन फोनपे ही बात करते रहे.. ओर मंजुभी आयेदिन सहेरमे जाकर देवायतसे उनके बंगलेपे मीलती रही.. ओर दोनो वहा मीया बीवीकी तराह पुरे दिन साथमे रहेते ओर जमकर चुदाइ करते.. अब मंजुके सरीरमेभी काफी बदलाव आ चुकाथा.. उनका सरीर अब काफी भरावदार दीखने लगाथा.. जैसे कोइ सादीसुधा ओरत दिखती हो..

तो दुसरी ओर नीर्मलानेभी सादीके कामके लीये अपनी छोटी विधवा बहेन चंदाकोभी अपने घर बुला लीयाथा.. जो उनकी सादीके बाद तीन सालमेही बच्चेको जन्म देकर विधवा हो गइथी.. तो दुसरी ओर सृतीभी अपनी डोक्टरकी पढाइ कर चुकीथी.. तब देवायतने उनकेही मकानपे बने अ‍ेक आलीसान बील्डीगंमे अपने दोस्तको कहेकर सृतीको क्लीनीकके लीये रेन्टपे जगह दीलवादी.. ओर सृतीने वही अपनी लेडीसके लीये क्लीनीक खोलदी थी.. ओर मंजुने अपनी सादीमे सृतीकोभी जल्द घरपे आनेका नीमंत्रण दे दीया..

ये सब माहोल देखते भावनाभी सदमेसे बहार आगइ थी.. ओर उसने सुसाइडका विचार त्याग दीयाथा.. लेकीन उनके दीलसे आजभी देवायत बहार नही नीकल पाया.. उनका बोयफ्रेन्ट नहीतो जीजाजी ही सही.. यही सोचकर वो आजभी देवायतको इमेजींग करते उंगलीसे अपने आपको सांत करती थी.. अ‍ेकको छोडके सभी खुस थे.. बस वो अ‍ेक नीर्मला थी.. जो बहारसे खुस होनेका दीखावा कर रहीथी.. ओर अंदरसे अपने आपको कोस रही थी.. उनको अब देवायतकी कमी महेसुस होने लगी थी..

क्युकी वो देवायतके बारेमे काफी कुछ सोच चुकीथी.. नीर्मलाको देवायतकी अ‍ेक अ‍ेक बात सही लगी.. ओर उनको अपनी गलतीका अहेसास हो चुकाथा.. जब वो ओर राजीव सोने चले जाते तब कभी कभी राजीव उनको प्यार करने लगता.. तब वो राजीवकी जगाह देवायतको इमेजींग करती ओर दोनो चुदाइ करते.. तब यही सोचतीकी वो देवायतसे चुदवा रही हे.. जब वो राजीवसे प्यासी रेह जाती..

तब उसे होस आताकी वो केवल देवायतके सपने देख रही हे.. जब राजीव नीर्मलाको चोदकर उसे प्यासी रखके सो जाता तब वो नंगीही पडी रेहती ओर आंसु बहाते देवायतके बारेमे सोचने लगती.. लेकीन अब बहुत देर होचुकी थी.. वो रातमे करवटे बदल बदलके मनमे सीर्फ अपनी गलतीको कोसती रहेती.. अबतो हर रात यही सब सोचते वो नींदकी आगोसमे चली जाती..

ओर आखीर वो वक्तभी आगया.. जब किशन ओर विमला देवायतकी बारात लेके आये.. तब भानु देवायतकी सादीमे खुब नाचा.. तो सरलाभी सजधजके बारतमे आइथी.. तब चंदाने भी पहेली बार देवायतको देखा ओर उनका व्यक्तीत्व उनका सरीर सब देखके विधवा होनेके बावजुदभी चंदाका दील मचलने लगा.. उनकी दिलकी धडकन बढ गइ.. ओर वो बार बार देवायतको ही देखती रही..

तब उनको नही पताथाकी अ‍ेक दिन उनकी भांजी मंजुलाके कहेनेपेही वो देवायतकी बीवी होजायेगी.. आज कइ महीनोके बाद उनकी चुतमे हलचल तेज होगइ.. उनकी चुत देवायतको देखते लगातार पानी छोडने लगीथी.. जैसे अपने यारको पहेचान गइहो.. ओर वो बार बार बाथरुममे जाने लगी.. ओर दो तीन बारतो अपनी चुतमे उंगली डालकर अपने आपको सांत कर चुकी थी..

तबभी नीर्मलाकी हिंमत नही हुइकी वो कीसीके सामने जाये.. ना वो किशनसे तो नाही विमलासे तो नाही देवायतसे फेइस कर पाइ.. ओर उसने सादीका सब कार्य अपनी बहेन चंदासे करवाया.. वो सीर्फ अ‍ेकही बार राजीवके साथ कन्यादान देने बहार आइ.. तब विमलाने उसे देखा.. ओर वो सोक्ट होगइ.. क्युकी नीर्मला आजभी अ‍ेक अप्सराकी तराह सजधजके आइथी ओर वो पहेलेसेभी ज्यादा खुबसुरत होगइ थी..

लेकीन नीर्मलाने अ‍ेकबारभी सर उठाके कीसीके सामने नही देखा.. तब मंजुके पास सृती ओर चंदाभी सजधजके बैठीथी.. जब नीर्मलाने मंजुका कन्यादान करलीया तब वो वापस अंदर रुममे चली गइ.. ओर उनकी आंखोमे आंसु रुके नही रुकते थे.. कन्यादान देते समय वो बार बार नजर उठाके देवायतकी ओर देखती रही.. तब उनकी आंओमे देवायतको पस्च्यातापके भाव साफ दीख रहे थे.. जीसे देखते देवायतभी अ‍ेक पलके लीये वीचलीत होगया था.. उनको तब नीर्मलापे बडी तरस आने लगीथी..

लेकीन उसनेभी अपने आपको बडी मुस्कीलसे सम्हाल लीया.. अब उसने अकेलेमे नीर्मलासे कभी नही मीलनेकी ठानली.. तो दुसरी ओर चंदाभी देवायतकी ओर आकर्शीत होते अपने कपडे चेन्ज करके आगइ.. आज ब्लेक सारीमे वो कयामत लग रहीथी.. सभी मर्द चंदाको ही देखते रहे.. तो चंदा देवायतको लुभानेकी पुरी कोसीस करनेमे लगी हुइथी.. ओर बार बार देवायतके साथ मस्ती मजाक करते अपने जलवे दीखाते ईधर उधरका कामुक इसारा कर रहीथी.. उन इसारोको देवायतभी भली भांती जान चुकाथा..


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ओर मनही मन चंदाकी ओर ढलने लगाथा.. अबतो देवायतका लंडभी चंदाको देकर बगावतपे उतर आयाथा.. जबभी चंदा देवायतके साथ हसी मजाक करती तब देवायतका लंड पेन्टके अंदरही तांडव मचाते खडा होने लगता.. तो दुसरी ओर चंदाभी देवायतको लुभानेमे पुरी तराह कामयाब हो चुकीथी.. इधर सृती ओर भावनाभी देवायतके साथ जीजु जीजु करते हसी मजाक करती रही..

सृती ओर भावनाभी देवायतसे काफी प्रभावीत हो चुकीथी.. देवायतभी सृतीको भली भांती जानता था.. वो पहेली बार सृतीके घरही तीन दिन रुकाथा ओर वही आश्रममे सादी करके सृतीके घरपे मंजुके साथ सुहागरात मनाते पहेली बार मंजुसे फीजीकल हुआथा.. इसीलीये वोभी सृतीके साथ हसी मजाक करता रहा..

ओर सृती ओर चंदा देवायतसे काफी खुल चुकीथी.. ओर जीजा साली वाली मजाक पे उतर आयेथे.. तब विमला सब देखतीही रही.. उनको अ‍ेक अ‍ेक परीको देखके ज्वेलेसी फील होने लगी.. इनकोतो पताही नही थाकी सब लडकीया उनके बेटे देवायतके पीछे इतनी पागल होगी.. तब पहेली बार वो देवायतकी ओर गौरसे देखने लगी..

तब देवायत उनको बहुतही हेन्डसम ओर आकर्सीत दीखने लगा.. ओर वो सरमा गइ.. तब लखन पुनम ओर लता भी काफी बडे दीख रहेथे ओर मंजुके साथ भाभी भाभी कहेते मजाक करते रहे.. कहेते हेना लडकीया जल्दी बडी होजाती हे.. तब पुनम ओर लताभी टीनेजर हो चुकी थी..

लखन ओर पुनम दोनोही सहेरमे रहेकर अपनी पाइ कर रहेथे.. फीरतो फेरे हुअ‍े तो पुनम लता ओर लखनने दोनोके उपर खुब फुल बरसाये.. तो दुसरी ओर राजीव किशन दोनोही बहुत खुस होते अ‍ेक दुसरेके साथ बाते करते रहे.. इसी तराह देवायत ओर मंजुकी सादी संपन होगइ..

तब सृती ओर चंदाने देवायतको पर्सनल मीलके अपने घर आनेका बहुत आग्रह कीया.. तो देवायतनेभी दोनोके आग्रहको सहज स्वीकार करलीया तब दोनोही खुस होगइ तो मंजुभी सरमाकर हसती रही.. जब बिदाइकी बारी आइ.. तब नीर्मला मंजुको गले लगाकर खुब रोइ..

ओर धीरेसे उसे माफ करनेको कहेते देवायतकोभी उसे मांफ करनेको कहेने लगी.. फीर मंजु भावना सृती ओर उनकी चंदामौसीको मीलकेभी खुब रोइ.. तब चंदाने दोनो हसबन्ड वाइफको घरपे खानेके लीये आनेका न्योता दे दीया.. तब देवायतभी उनके साथही था.. जब जानेका समय हुआ तब नीर्मलाने आंसु बहाते देवायतकी ओर देखा.. ओर देवायतकी ओर दोनो हाथ जोडलीये.. तब देवायतके आंखसेभी आंसु टपक गये ओर वो जटसे बहार नीकल गया..

उस रातभी देवायत ओर मंजुने अ‍ैसी ही सुहागरात मनाइ जैसी पहेली बार सृतीके घर सादी करके मनाइथी.. दोनोही पहेली बार मील रहेथे तब सृतीने कैसे मंजुका अ‍ेक दुल्हनकी तराह शींगार कीयाथा.. ओर खुद शींगार करके तैयार होेकर कीसी अप्सरासे कम नही लग रहीथी..

वो बार बार नैन चुराते चोर नजरसे देवायतके पेन्टके उभारको देख रहीथी.. तब अ‍ेक बार देवायतका भी मन बहेक गयाकी वो सृतीको अभीके अभी यही पटकके चोदले.. ओर आजभी सृतीनेही मंजु चंदा ओर भावुको तैयार कीयाथा ओर खुदभी परी लग रही थी..


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जब देवायत देर रात अपने रुममे गया.. तब पहेली सुहागरातकी तराह मंजु बेडके बीच बैठीथी लेकीन तबकी अंजु ओर अबकी मंजुमे सीर्फ इतना फर्कथा की तब वो कुआरी कलीथी.. ओर आजकी मंजु कलीसे फुल बन चुकीथी ओर बहुतही मेच्योर होकर चुदाइके मामलेमे बहुतही अनुभवी हो गइथी.. ना जाने दोनो कीतनी बार चुदाइ कर चुकेथे लीकीन देवायत आजभी मंजुको चोदताहे तो अ‍ैसाही लगता हे वो मंजुको पहेली बार चोद रहा हे..

तब मंजुको नही पताथाकी उनके अंदर कइ शक्तिया वीद्यमान होचुकी हे.. मंजु पीछले जन्मकी तराह इस जन्ममेभी हर बारकी चुदाइके बाद जबभी नहाती अपना कौमार्य फीरसे कुआरी लडकीकी तराह वापस पालेती.. ओर इस बातसे मंजु अंजान थी.. इसीलीये जबभी मंजु चुदवाती तब कुआरी कलीकी तराह चीखती चीलाती.. जैसे पहेली बार चुदाइ करवा रही हो... ओर देवायत बेडपे आगया ओर बेठेही मंजुका घुंघट उठाने लगा.. तब मंजुने उसे हसते हुअ‍े हाथ जटकते रोक लीया..


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देवायत : (हसते) बेबी क्या हुआ..? अ‍ैसा क्यु कर रही हो..?

मंजुला : (हसते) अ‍ेक बार मेरे साथ सुहागरात मना चुके हो.. फीरभी नही पता की पहेले बीवी दुघ पीलाती हे ओर बादमे बीवीको बडीया गीफ्ट देनी पडती हे.. तब जाके बीवीकी मुह दीखाइ होती हे.. लीजीये दुघ पीजीये.. ओर पहेले मेरी गीफ्ट दीजीये.. फीर आप मुजे छु सकते हे.. वरना आज अ‍ैसेही सोजाइअ‍े..

देवायत : (हसते) मंजु अ‍ैसा थोडी चलता हे..? हम कहा पहेली बार सुहागरात मना रहेहे.. येतो..दुसरी..

मंजुला : (जुठा गुसा करते) हां हां पता हे.. आपने तबभी मुजे कोइ गीफ्ट नही दीयाथा.. लेकीन आज अ‍ैसेही मेरा मुह देखनेको नही मीलेगा.. लीजीये पहेले दुध पीलीजीये.. फीर लाइअ‍े मेरी गीफ्ट..

कहेते मंजुने घुंघटमेसे ही अ‍ेक दुधका ग्लास नीकाला ओर देवायतको पीलाने लगी जेसेही आधा ग्लास रेह गया तो मंजुने ग्लास वापस खीच लीया ओर खुद पीने लगी.. फीर ग्लासको साइडमे रख दीया ओर वापस सही बैठ गइ.. तब देवायतभी सब तैयारी करके आयाथा.. ओर उसने मुस्कराते हुअ‍े जेबसे अ‍ेक डायमंड नेकलेस नीकाला.. जो उनकी मां विमलाने उसे मंजुको देनेके लीये दीयाथा.. ओर देवायतने बोक्ष उनके हाथपे रख दीया तब मंजुने खुद घुंघट हटा दीया ओर खुस होकर मुस्कराते देखने लगी..

जैसेही डायमंड सेटको देखा तो उनकी आंख चौडी होगइ ओर खुसीसे देवायतसे बाहोमे लीपट पडी.. तब देवायतभी हसने लगा.. ओर मंजुको कसके बाहोमे भीच लीया.. तब मंजुके मुहसे आउच.. नीकल गया.. ओर मंजुने बोक्षमेसे सेट नीकालके देवायतके हाथोमे थमा दीया.. ओर आंखोके इसारोसे अपने गलेमे पहेनानेको कहेने लगी.. तब देवायतने हसते सेट मंजुके गलेमे पहेना दीया ओर मंजुकी ओर देखने लगा तो मंजु गलेसे सेटको हाथोमे लेकर देखने लगी ओर मुस्कराती रही.. तब देवायत बेडसे उतर गया..

मंजुला : (देवायतको देखते) अरे आप कहा जा रहे हे..? क्यु उतर गये..?

देवायत : (फटाफट अपने कपडे नीकालते) यहा मेरा फटा जा रहा हे ओर तुजे सेट देखनेकी पडी हे आजतो तु गइ.. बहुत नखरे करलीये.. चल फटाफट अपने सब कपडे नीकाल.. कीतना तडपायेगी मुजे..?

मंजुला : (जोरोसे हसते भागनेकी तैयारीमे) अरे आज मे थोडी नीकालुंगी.. हें..हें..हें.. आज आपको जरुरत हे खुद ही नीकाल लीजीये.. हें..हें..हें..

कहेते मंजुभी जोरोसे हसती हुइ दुसरी ओरसे बेडसे उतर गइ ओर भागनेके लीये इधर उधर देखने लगी तब देवायत पेन्ट नीकालतेही बेडपे चड गया ओर मंजुको पकडने उनके पीछे भागने लगा.. तो मंजुभी जोरोसे हसती हुइ बेडके आसपास इधर उधर भागने लगी ओर हसती रही..

तब बेडके बीच उपरसे नीकलते देवायतने मंजुको दबोच लीया.. तो मंजु जोरोसे हसते उनसे छुटनेकी नाकाम कोसीस करने लगी.. तब देवायतने पीछेसे बाहोमे जकडते उनको दोनो बुब्स मसल दीये ओर मंजु चीखते जटसे आगे पलट गइ ओर बाहोमे समा गइ..

तभी देवायत उसे गोदमे उठालेता हे ओर बेडपे जाके पटक देता हे ओर नंगाही उनके उपर लेट जाता हे तब मंजु हसते हुअ‍े देवायतको जोरोसे अपनी बाहीमे भीच लेती हे.. ओर देवायतकी आंखोमे अ‍ेक नजरसे देखते उनके चहेरेको पागलोकी तराह चुमने लगती हे.. ओर दोनोके होंठ मील जातेहे तब मंजु आंधी आंख चडाके मदहोस होने लगती हे ओर देवायत उनकी सारी हटाके ब्लाउस उचा कर लेता हे..

ओर ब्रा उपर करते बुब्सको बहार नीकाल लेता हे.. तब उनके गोरे बुब्स बहारकी ओर जांकने लगे.. तब मंजु सरमके मारे पानीपानी होने लगी.. ओर देवायत अपना मुह सीधा बुब्सपे लगाते उनकी नीपलको चुसने लगता हे.. तब मंजु अपनी दोनो आंख बंध करते देवायतके सरको बुब्सपे दबाके उनके सरको सहेलाने लगती हे.. ओर सीसकारीया करते कामाग्नीमे जलने लगती हे..

मंजुला : सीससइइइ बस..बस..बस.. जानु पहेले कपडे नीकालदो खराब होजायेगे.. सुबह माजी देख लेगीतो..

देवायत : मंजुउउउ... देखने दो.. मंजु आज मुजे मत रोको.. मुजसे रहा नही जाता.. समाले मुजे तेरी अंदररर.. मंजु आज पुरी रा तुजे सोने नही दुगा..

मंजुला : (मदहोसीमे) हंममम बुच..बुचच.. हां.. आजाओ.. समा.. जाओ.. मुजमे.. इइइइ सीइइइइ आज मंजु आपको पृर्ण समर्पीत होगइ हे.. ओर अब मेरा ये तन.. मन.. धन.. सब आपका हो चुका हे..

तभी देवायत बेडपे बेठ जाता हे ओर मंजुका हाथ खीचके उसेभी बीठा देता हे फीर मंजुकी आंखोमे देखते उनके सब कपडे फटाफट नीकालने लगता हे तब मंजुभी कपडे नीकालनेमे साथ देने लगती हे.. क्युकी मंजुभी काफी गरम हो चुकीथी तो उनकोभी देवायतसे मीलन करनेकी बहुत जल्दी थी.. कुछही देरमे दोनो बीलकुल नंगे होजाते हे तब मंजु सरमाते नंगी होगइ.. वो अबभी पुरे शींगारमे थी.. ओर बेडके बीच बीलकुल नंगी होकर बैठ गइ..


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तभी देवायत उसे प्यारसे कंधेसे पकडकर पीठके बल सुलाने लगता हे.. तो मंजुभी पीठके बल लेट जाती हे ओर देवायतभी उन पर जुकते लेट जाता हे ओर मंजुके बुब्स चुमते मसलने लगता हे तब मंजु मदहोसीमे देवायतके सरको सहेलाने लगी.. तभी देवायत चुमते चुमते धीरेसे अ‍ेक हाथ नीचे लेजाते उनकी चुतपे रख देता हे ओर सहेलाने लगता हे.. तब मंजु मदहोसीमे मचलने लगी.. तो देवायतने धीरेसे अ‍ेक उंगली उनकी चुतमे घुसादी ओर बुब्स चुमते चुतके दानोको उंगलीसे खरोदने लगा..

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तब मंजु पागल जैसी होने लगी.. फीर देवायत चुमते चुमते नीचेकी ओर सरकने लगा ओर मंजुकी चुतमे उंगलीसे चोदने लगा.. तो मंजु जोरोसे सीसकारीया करने लगी.. तभी देवायत सीधाही मंजुकी चुतपे मुह लगाते हमला कर देता हे.. तब मंजु छटपटाते चदर पकडके तडपने लगती हे.. ओर देवायत उनकी चुतमे जीभ डालके थोडी देर चाटने लगता हे ओर अचानक जीभको चुतमे घुसा दीया ओर उनकी चुतके भगन्साको छेडने लगा.. तब मंजु पागल जैसी होगइ.. ओर बीन पानी मछलीकी तराह छटपटाने लगी..

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तभी उसने हाथ लंबा करते देवायतके बालको पकडलीया ओर अपने उपर खीचके चडाने लगी.. तब देवायत मंजुके होठोको अपनी गीरफ्तमे ले लेता हे.. ओर दोनो वाइल्ड कीस करने लगते हे.. तब मंजुने देवायतको जोरोसे अपनी बाहोमे भीच लीया ओर अपनी कमरको जटके देने लगी.. तब उनकी चुतसे अ‍ेक फवारा नीकल गया.. देवायतने उसे बीना चोदेही जडा दीया.. तब मंजुकी सांसे तेज चल रहीथी ओर वो सरमके मारे देवायतसे नजरे चुराने लगी.. तो देवायत अपना लंड मुठीमे पकडते उनके पैरके बीच बैग गया..

मंजुला : (धीरेसे सरमाते) जानु प्लीज.. धीरेसे डालना.. आज आपका ये.. कुछ ज्यादा ही बडा ओर मोटा दीख रहा हे.. क्या कोइ गोली बोली तो नही खाइ..? मुजेतो डर लग रहा हे.. हमारी वो पहेली सुहागरातमे आपनेतो मुजे बेहोस ही करदीया था.. बाबु इनमे कुछ नही होगानां..?

देवायत : नही बेबी.. अ‍ैसा दर्द सीर्फ अ‍ेकही बार होता हे.. बार बार नही.. अब तुजे कुछ नही होगा.. तु क्यु इतना डर रही हे..? हम पहेली बार थोडीना कर रहे हे..

मंजुला : जानु आपसे अ‍ेक बात कहु..? मुजे वो दर्द हर बार होता हे.. जबभी हम फीजीकल होतेहे तब हर बार मे वोही दर्द महेसुस करती हु.. जब हम दोनो पहेली बार मीलेथे तब हुआ था.. क्या मुजमे कोइ प्रोबलेमतो नही होगीनां..?

देवायत : (चुतपे लंड घीसते) नही मंजु.. अ‍ैसा कुछ नही होगा फीरभी तुजे आसंकायेहे तो अ‍ेक बार सृतीके साथ चली जाना.. ओर उसे अच्छी तराह दीखा देना..

अ‍ेक बारतो देवायतभी अपने लंडकी ओर नजर डालके देख लेता हे.. तब उनकोभी अपना लंड पहेलेसे बडा ओर मोटा लगने लगा.. लेकीन अभी मंजुके सामने इन बातोको कहेना उचीत नही समजा.. ओर देवायत मंजुकी चुतमे थोडा लंड फसाके उनपे जुक जाता हे ओर लीपलोक करलेता हे.. तब मंजुभी उनको बाहोमे भीच लेती हे ओर देवायत अपनी कमरको अ‍ेक जोरोका जटका लगा देता हे तब मंजु जोरोसे चीख पडी..

तो लीपलोककी वजहसे चीख देवायतके मुहमे ही दब गइ.. ओर मंजुकी आंखोसे आसुओकी धाराये बहेने लगी.. तभी देवायतने लीपलोक छोड दीया ओर मंजुकी ओर देखा तो मंजु बेहोस हो चुकीथी.. वो आंख बंध करके बेसुध्ध होकर पडीथी.. तब देवायत हाथके बल उचा होगया.. ओर मंजुको कमर हीलाते बेहोसीकी हालतमे ही जोरोसे चोदने लगा.. तबकी मंजुको होसमे ज्यादा तकलीफ ना रहे.. ओर देवायत जोरोसे चोदने लगा तब मंजुके दोनो बुब्स उछलते रहे..


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देवायतने आज मंजुको दुसरी बार बेहोस कर दीयाथा.. वो अपनी पहेली सुहागरातमे भी बेहोस हो चुकीथी.. इसके बाद वो कइ बार देवायतसे चुद चुकीथी.. लेकीन उनको हर बार अ‍ेक कुआरी लडकीकी तराह ही दर्द होताथा.. ओर आजभी वही हुआ.. वास्तमे मंजुमे वो बदलाव बाबाकी दी हुइ शक्तिके बादही आयाथा..

जो मंजु इनको नही पहेचान पाइ.. ओर देवायत उनको चोदताही रहा.. तब थोडीही देरके बाद मंजु दर्दके मारे अपना मुह बीगाडने लगी.. तब देवायत लंडको जडतक घुसाके रुक गया ओर मंजुपे जुकते उनके होंठ ओर बुब्स चुमने लगा..

मंजु : (होंसमे आतेही सीनेपे मुका मारते) कीतने कमीनेहो.. आजभी बेहोसीमे मुजे चोद लीया.. चलो अब सुरु होजाओ.. अब दर्द नही हे.. लगता हे आजतो आप पुरी गीफ्ट वसुल करेगे.. हें..हें..हें..

कहेते दोनोही चुदाइ करते हस पडे.. ओर देवायत मंजुके गलेको चुमते धीरे धीरे सोट मारते मंजुको चोदने लगा तो मंजुभी फीरसे मदहोसीमे छागइ.. ओर सीसकारीया करते देवायतके सरको सहेलाते चुदाइमे साथ देने लगी.. उसने अपने दोनो पैर फैला दीये ओर आंख बंध करते चुदाइका मजा लेने लगी.. मंजु उनकी अ‍ैसीही धमाकेदार चुदाइ तो चाहती थी.. इस चुदाइके लीये वो कीसीभी हदतक जानेको तैयार थी..

चाहे इस चुदाइके लीये उनको अपनी मम्मी पापाका घरही क्यु ना छोडना पडे.. उनकोतो बस देवायतका दमदार ओर तगडा लंडही चाहीयेथा.. जो अभी आंख बंध करके देवायतसे मजेसे चुदवा रहीथी.. तब उनको नही पताथाकी उनकी मम्मी नीर्मलाभी यही तगडे लंडसे कइ बार चुदवा चुकीथी.. ओर आजभी इसी लंडके लीये वो तरस रही हे.. जो उनकी अ‍ेक गलतीने खुदको इस दमदार लंडसे अलग करदीया था..


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इस सुहागरात मे मंजु चीखती रही.. चीलाती रही.. फीरभी देवायत उनको आज छोडनेके मुडमे नही था.. अबतक मंजु तीन बार जड चुकीथी फीरभी आज देवायत जडनेका नामही नही ले रहाथा.. वोतो बस हाथके बल मंजुकी चुदाइ कीयेही जा रहाथा.. तब मंजुकोभी देवायतके लंड लेनेको मुस्कील होने लगा..वोभी चाहतीथी की देवायत उनकी चुतको जल्द अपने गाढे पानीसे भरदे.. तभी देवायतने अपनी चोदनेकी स्पीड बढादी..

तो मंजुने अपने दोनो पैर मौडलीये ओर देवायतके कंधोको बाजुसे पकडलीये.. तो देवायत उनके लंडको मंजुकी चुतमे जडतक घुसाके उनके तनसे चीपकनेकी कोसीस करता हे.. ओर वो मदहोसीमे कमरको जडका देते कांपने लगा.. तभी मंजुको अपनी बच्चेदानीपे देवायतका गरम रस महेसुस हुआ.. ओर वोभी उतेजनामे कांपने लगी.. उनका मुह खुलाही रेह गया.. मानो वो कीसी स्वर्गमे चली गइ हो.. ओर वोभी कांपते हुअ‍े देवायतके साथ जडने लगी.. तब देवायत जडते ही मंजुके सीनेपे ढेर होगया..


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तब दोनोही पसीनेसे पुरे भीग चुकेथे.. तब मंजु देवायतकी पीठ सहेलाते अ‍ेसेही सीथील पडी रही.. दोनोका कामरस अपनी जगाह बनाते मंजुकी चुतसे नीकलते बहारकी ओर टपकने लगा.. लेकीन आज मंजुको अभी भी अपनी चुतमे देवायतका लंड सख्त महेसुस हो रहाथा.. ओर उनको आस्चर्यभी हो रहाथा.. तभी उनको बाबाने दी हुइ जडी बुटीकी याद आगइ.. जो देवायतको सृतीके घर उनकी पहेली सुहागरातमे ही दुधमे मीलाकर देदी थी.. तब उनके चहेरेपे सरमके मारे हसी आगइ.. ओर मनही मन खुस होने लगी....

कन्टीन्यु
 
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dilavar

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दिलावर जी आपकी कहानी बहुत बढिया चल रही हे कम पेजों में ज्यादा अपडेट , पर आपकी कहानी में मेरे विचार से इमेज या gif की जरूरत तो मुझे तो नही लगती आपकी कहानी प्लेटफार्म काफी व्रहद और परफेक्ट हे कहानी लिखते रहिये धन्यवाद
thenks
 

Mahesh007

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Sayed flacbac ka last he ya abhi aur baki he vandna ki taraf aur dr sruti ki taraf story chalegi
 
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