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Incest मेरी माँ, बहने और उनका परिवार

Who do you suggest Raj should fuck first?

  • Shweta

    Votes: 56 74.7%
  • Soniya

    Votes: 19 25.3%

  • Total voters
    75

Mahesh007

Well-Known Member
3,351
5,770
158
मैं सोच रहा था की समय रुक जाये। वो ऐसे ही मेरे बाहों में लिपटी रहे। ये पानी हम दोनों केअंदर के आग को ऐसे ही जलाये रखे।
पर समय कहाँ रुकता है। हम एक दुसरे में खोये हुए थे की गेट पर चाची की आवाज आई - दरवाजा खोलो। तुम दोनों को भूख नहीं लगी है क्या ?
चाची की आवाज सुन श्वेता थोड़ा नर्वस हुई। मैंने कहा - उन्हें सब पता है। घबरा क्यों रही हो। ये कपडे भी उन्होंने ही दिए हैं।
श्वेता ने मुझसे कहा - कुछ भी हो।
उसकी चेन बंद नहीं हो रही थी मैंने उसके चेन बंद किया और खुद बाहर आकर अंडरवियर पहन कर गेट खोलने चला गया। चची ने मुझे गीला देखा तो कहा - अभी तक नहाये नहीं।
श्वेता अब भी पानी में ही थी। चाची ने हँसते हुए कहा - मेरे दोनों जवान बच्चो ने तो पानी में आग लगा दिया होगा। नहाना हो गया हो तो बाहर निकलो और कपडे बदल खाना खा लो।
मैंने चाची से कहा - आप भी आओ न।
चाची - नहीं लल्ला। हम घर से नाहा करआये हैं। कपडे भी नहीं ले आये हैं।
श्वेता पानी से निकल कर कमरे में जाने लगी । उसकी पैंटी वहीँ किनारे पड़ी थी। चाची ने कहा - पैंटी तो लेती जा।
श्वेता - अपने लल्ला को दे दो। मैं वो अब थोड़े ही पहनूंगी। उसमे उसने मुठ मारा है।
चाची ने उसकी और देखा और फिर पैंटी में लगे बचे खुचे मेरे माल को। फिर मेरी तरफ देख कर बोली - मुझे तो लगा अब तक चोद लिए होंगे इसको।
मैं - अगर चोदा होता तो ये यहीं गिरी पड़ी होती। ऐसे गांड लहरा कर ठुमक नहीं रही होती ।
श्वेता अंदर से बोली - गांड है तो ठुमक रही हूँ। तुम अपनी चाची को ही चोद लो।
मैं - वो तो जब चहुँ चोदूँगा , तुम्हारी चूत में खुजली काहे हो रही है।
श्वेता - इतना बड़ा लंड तो खुजली करेगा ही।
चाची - तो षंड करवा लेती खुजली। कब तक ऊँगली करेगी।
श्वेता - मेरी चूत , मेरी खुजली और मेरी ऊँगली। तुम्हारे गांड में क्यों दर्द हो रहा है।
चाची - एक डैम रंडियों वाली भाषा बोल रही हो।
श्वेता चेंज करके बाहर आ गई और बोली - मुझे रंडी ही तो बनाना चाह रही थी न।
ये सुन मैं और चाची एकदम शॉकेड रह गए। चाची के आँख में आंसू आ गए और मुझे भी गुस्सा आ गया। गुस्से में कपडे बदलते हुए मैंने कहा - ये क्या बकवास है ?
श्वेता को लग गया उससे गलती हो गई है। उसने कहा - सॉरी। मैं तो मस्ती में बोल रही थी।
चाची के आँख में आंसू थे। उन्होंने कहा - तुझसे कोई जबरदस्ती नहीं है। घर में जिसने भी राज के साथ सम्बन्ध बनाया ख़ुशी ख़ुशी बनाया। तुम्हे उसके साथ सेक्स करने को न मैंने कभी जोर लगाया न उसने कोई जबरदस्ती की। आज भी मौका था पर मुठ ही मारा उसने। तुम इतनी घटिया बात कैसे बोल सकता हो। क्या हम तुम्हे रंडी बनाना चाहते हैं ?
श्वेता ने चाची को किस किया और बोली - मुझे माफ़ कर दो माँ। मैं तो बस मूड में थी। तुम मुझे रंडी थोड़े ही बनाना चाहोगी। बस राज को बहनचोद बनाओगी।
मेरी तरफ देख वो बोली - क्यों बहनचोद ?
मैं समझ गया आज वो एकदम मस्ती भरी मूड में थी। मैंने चाची से कहा - हाँ पर ये बहन तो देने को तैयार ही नहीं है। अब चाची ही छोड़नी पड़ेगी।
चाची ने हम दोनों को देखा फिर बोली - चलो पहले खाना खाओ। ताकत होगी तब चोद पाओगे।
हम दोनों के लिए उन्होंने खाना निकला जिसे हम दोनों खाने लगे। तब तक चाची ने हमारे कपडे धोये। कुछ देर हमने फिर वहां और बिताया और घर की तरफ चल पड़े।
 

Ek number

Well-Known Member
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15,861
173
मैं सोच रहा था की समय रुक जाये। वो ऐसे ही मेरे बाहों में लिपटी रहे। ये पानी हम दोनों केअंदर के आग को ऐसे ही जलाये रखे।
पर समय कहाँ रुकता है। हम एक दुसरे में खोये हुए थे की गेट पर चाची की आवाज आई - दरवाजा खोलो। तुम दोनों को भूख नहीं लगी है क्या ?
चाची की आवाज सुन श्वेता थोड़ा नर्वस हुई। मैंने कहा - उन्हें सब पता है। घबरा क्यों रही हो। ये कपडे भी उन्होंने ही दिए हैं।
श्वेता ने मुझसे कहा - कुछ भी हो।
उसकी चेन बंद नहीं हो रही थी मैंने उसके चेन बंद किया और खुद बाहर आकर अंडरवियर पहन कर गेट खोलने चला गया। चची ने मुझे गीला देखा तो कहा - अभी तक नहाये नहीं।
श्वेता अब भी पानी में ही थी। चाची ने हँसते हुए कहा - मेरे दोनों जवान बच्चो ने तो पानी में आग लगा दिया होगा। नहाना हो गया हो तो बाहर निकलो और कपडे बदल खाना खा लो।
मैंने चाची से कहा - आप भी आओ न।
चाची - नहीं लल्ला। हम घर से नाहा करआये हैं। कपडे भी नहीं ले आये हैं।
श्वेता पानी से निकल कर कमरे में जाने लगी । उसकी पैंटी वहीँ किनारे पड़ी थी। चाची ने कहा - पैंटी तो लेती जा।
श्वेता - अपने लल्ला को दे दो। मैं वो अब थोड़े ही पहनूंगी। उसमे उसने मुठ मारा है।
चाची ने उसकी और देखा और फिर पैंटी में लगे बचे खुचे मेरे माल को। फिर मेरी तरफ देख कर बोली - मुझे तो लगा अब तक चोद लिए होंगे इसको।
मैं - अगर चोदा होता तो ये यहीं गिरी पड़ी होती। ऐसे गांड लहरा कर ठुमक नहीं रही होती ।
श्वेता अंदर से बोली - गांड है तो ठुमक रही हूँ। तुम अपनी चाची को ही चोद लो।
मैं - वो तो जब चहुँ चोदूँगा , तुम्हारी चूत में खुजली काहे हो रही है।
श्वेता - इतना बड़ा लंड तो खुजली करेगा ही।
चाची - तो षंड करवा लेती खुजली। कब तक ऊँगली करेगी।
श्वेता - मेरी चूत , मेरी खुजली और मेरी ऊँगली। तुम्हारे गांड में क्यों दर्द हो रहा है।
चाची - एक डैम रंडियों वाली भाषा बोल रही हो।
श्वेता चेंज करके बाहर आ गई और बोली - मुझे रंडी ही तो बनाना चाह रही थी न।
ये सुन मैं और चाची एकदम शॉकेड रह गए। चाची के आँख में आंसू आ गए और मुझे भी गुस्सा आ गया। गुस्से में कपडे बदलते हुए मैंने कहा - ये क्या बकवास है ?
श्वेता को लग गया उससे गलती हो गई है। उसने कहा - सॉरी। मैं तो मस्ती में बोल रही थी।
चाची के आँख में आंसू थे। उन्होंने कहा - तुझसे कोई जबरदस्ती नहीं है। घर में जिसने भी राज के साथ सम्बन्ध बनाया ख़ुशी ख़ुशी बनाया। तुम्हे उसके साथ सेक्स करने को न मैंने कभी जोर लगाया न उसने कोई जबरदस्ती की। आज भी मौका था पर मुठ ही मारा उसने। तुम इतनी घटिया बात कैसे बोल सकता हो। क्या हम तुम्हे रंडी बनाना चाहते हैं ?
श्वेता ने चाची को किस किया और बोली - मुझे माफ़ कर दो माँ। मैं तो बस मूड में थी। तुम मुझे रंडी थोड़े ही बनाना चाहोगी। बस राज को बहनचोद बनाओगी।
मेरी तरफ देख वो बोली - क्यों बहनचोद ?
मैं समझ गया आज वो एकदम मस्ती भरी मूड में थी। मैंने चाची से कहा - हाँ पर ये बहन तो देने को तैयार ही नहीं है। अब चाची ही छोड़नी पड़ेगी।
चाची ने हम दोनों को देखा फिर बोली - चलो पहले खाना खाओ। ताकत होगी तब चोद पाओगे।
हम दोनों के लिए उन्होंने खाना निकला जिसे हम दोनों खाने लगे। तब तक चाची ने हमारे कपडे धोये। कुछ देर हमने फिर वहां और बिताया और घर की तरफ चल पड़े।
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Ek number

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श्वेता भी बाहर निकल कर ट्यूबवेल के पास पहुंची। वो हौदे के किनारे पेअर लटका कर बैठ गई। मैं भी उसके पास आया। उसने कहा - गेट लगा दो।
मैं गेट बंद करने चला गया। उसने चाचा को फ़ोन करके बोला - बाउजी कोई इधर आएगा तो नहीं।
चाचा - नहीं। तुम नहा लो।
वो अंदर जाने लगी तो मैंने कहा - अरे सूट में अंदर जाओगी तो क्या मजा आएगा। चेंज कर लो। चाची ने फ्रॉक भेजा है।
वो उठ कर अंदर चली गई। मैंने वहीँ अपना पेंट शर्ट और बनियान उतार दिया और बैठ गया। श्वेता अंदर से एक छोटे से फ्रॉक में आई। फ्रॉक शायद उसके स्कूल टाइम की थी पर फिर आई थी। उसने अंदर ब्रा नहीं पहना था। ये उसके उभरे हुए निप्पल से जाहिर था। फ्रॉक घुटने से ऊपर तक थी। और फ्रॉक में पीछे एक लम्बी चेन थी जो एकदम कमर तक थी।
मैंने उसे देखते ही कहा - एकदम स्कूल गर्ल लग रही हो।
श्वेता शर्माते हुए बोली - थोड़ी टाइट है। पर नहाने के लिए ठीक है।
वो भी मेरे बगल में आकर बैठ गई। हम दोनों पेअर चला रहे थे और हाथो से पानी फेंक रहे थे। मैअंडरवियर में बड़ी मुश्किल से अपने लंड को खड़ा होने से रोक पा रहा था।
श्वेता - उसे फ्री रहने दो। क्यों दबा रहे हो।
मैं - छोड़ दिया तो अजगर की तरह निकल जायेगा फिर कोई छेद ढूंढेगा घुसने के लिए।
श्वेता - थी न एक पहाड़ोंवाली उसके पास भी छेद था। घुसा लेते। मौका तो दिया था। समय लगा उसे कन्विंस करने में पर तुम्हारे अजगर के कारनामे सुनकर तैयार थी।
मैं - लगता है कुछ ज्यादा ही सुना दिया था तुमने। डर गई थी।
श्वेता - तुम जैसे चोदू से डर कर जाएगी कहा।
मै - वो तो ठीक है। पर अभी क्या करु।
श्वेता हँसते हुए बोली - वो क्या कहते हैं अपना हाथ जगत ~~।
कहकर वो ट्यूबवेल के हौदे में कूद पड़ी और मेरे तरफ पानी फेंकने लगी। मैं भी कूद पड़ा। अब हम दोनों कमर से ऊपर तक के बड़े से टैंक में एक दुसरे के ऊपर पानी डाल रहे थे। बीच में मैंने एक डुबकी भी लगाई। मेरा देखा देखि श्वेता ने भी डुबकी लगाई। जैसे ही हम दोनों ऊपर की तरफ आये, मेरी निगाहें श्वेता के सीने पर अटक गई। उसका फ्रॉक पूरा भीग चूका था और बिना ब्रा के उसके गीले गीले मुम्मे दिख रहे थे। उसका निप्पल भींगने की वजह से बाहर की और निकल आया था। उसे देख मेरा लंड एक बार और जोर मारने लगा।
मुझे अपने तरफ घूरते हुए श्वेता बोली - तुम लड़कों की यही दिक्कत है या तो बूब्स घुरोगे या बम।
मैं - अब जो घूरने के चीज है वो तो घूरेंगे ही। उस पर से जब ये सामान तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की की हो।

मैं धीरे धीरे पानी में ही उसकी तरफ बढ़ने लगा। श्वेता की धड़कन तेज हो गई। उसने मुझे रोकने की कोशिश भी नहीं की। उसे मेरे अगले कदन का इंतजार था। उसके बिलकुल पास पहुँच कर मैंने अचानक से डुबकी ले ली। डुबकी थोड़ी झटके से ली थी तो उसका फ्रॉक पानीके बहाव से ऊपर तक उठ गया। मुझे पानी के अंदर से उसके गोर जांघों के बीच में सफ़ेद गीली पैंटी के अंदर छुपी चूत का शेप दिखाई दिया। फ्रॉक के हटते ही उसे मेरी हरकत का पता चल गया। उसने कहा - बड़े गंदे हो तूम।
मैं - लो मैं तबसे चड्ढी में घूम रहा हूँ और तुम्हारी चड्ढी देख ली तो बुरा मान गई।
उसे समझ आ गया की मैंने क्या देखा है। उसने मेर और पानी डालना फिर से शुरू कर दिया। अबकी मैं तेजी से उसके बिलकुल करीब पहुँच गया और उसे बाहों में भर के उसके होठो पर होठ रख दिए । एक पल को वो चौंकी पर फिर उसने भी बदले में मुझे किस करन शुरू कर दिया। हम दोनों कुछ देर तक एक दुसरे के होठों में खोये रहे। जब अलग हुए तो मैं झटके लेने लगा। वो अचानक से डर गई।
बोली - क्या हुआ ?
मैंने हँसते हुए कहा - सुपर चार्ज हो गया हूँ। पानी में करंट आने लगा।
वो भी हंस पड़ी। मेरा लैंड बेकाबू हो चूका था और मैं बार बार उसे एडजस्ट करने की कोशिश कर रहा था। ये देख उसने दोबारा कहा - कर लो न खुद से ?
मैंने कहा - क्या कर लू ?
श्वेता - मास्टरबेट कर लो
मैंने कहा - ये क्या होता है ? मुझे अंग्रेजी नहीं आती। देशी में समझाओ।
श्वेता - मुठ मार लो।
लगता था उसे मेरे लंड को खुले में देखने की तमन्ना थी। उस रात उसने मुझे नंगा देखा तो था पर झटके में।
मैंने कहा - इतनी चिंता है तो तुम्ही कर दो।
श्वेता - ना बाबा मुझसे ये उम्मीद न रखो।
मैं - फिर तुम ऊँगली करो मैं मुठ मरूंगा। दोनों खुद को खुश कर लेते है।
श्वेता - मेरे अंदर आग नहीं लगी है।
मैं - वो तो तुम्हारी बहती चूत से ही पता चल रहा है।
श्वेता - तुम्हे कैसे मालूम मेरी चूत बाह रही है।
मैंने मजाक में कहा - पानी पीला सा दिखने लगा है।
उसने नीचे देखा , फिर समझ गई मैंने मजाक किया है। उसने फिर मुझे जीभ चिढ़ा दिया।
अब सच में मुझसे बर्दास्त नहीं हो रहा था। मुझे लंड को शांत करना ही था। मैंने पानी में ही अपना अंडरवियर उतार दिया और उसे किनारे फेंक दिया। अब मैं पूरी तरह से नंगा था। मैंने उसे कहा - थोड़ा पास आओ न। कुछ ऐसा बोलो मजा आ जाये।
श्वेता को भी ना जाने क्या सुझा। उसने अपनी पैंटी उतार दी और मेरे मुँह पर फेंक कर कहा - अब शायद मदद मिले।
मैंने उसकी पैंटी को अपने नाक से लगाया। उसकी खुशबु लेने के बाद मैंने उसे अपने लंड पर लपेट लिया। श्वेता की चूत न सही पैंटी ही।
मैंने मुठ मारना शुरू कर दिया। अब श्वेता ने डुबकी लगा ली। मेर आँखे बंद थी। मैं कल्पना में खोया हुआ था। तभी श्वेता पानी के अंदर से ही तैरते हुए मेरे एकदम करीब आई और निकल कर मेरे कान में हौले से बोली - किसकी ले रहे हो ? मुनमुन की या माँ की ?
मैंने आँखे खोल दी। श्वेता अब थोड़ी दूर थी। उसने अपने फ्रॉक का चेन खोल लिआ था और अपना एक मुम्मे को बाहर करके उसे अपने ही हाथो से दबा रही थी। उसका दूसरा हाथ नीचे चूत में अंदर बाहर हो रहा था।
श्वेता - उफ़फ तुमने मुझे भी खराब कर दिया। देखो कितनी बेशरम हो गई हूँ मैं।
मैं मुठ मारना भूल उसे देख रहा था। उसने मुझे देखा और कहा - रुक क्यों गए। समझ लो मैं चुद रही हूँ। मेरा चोदू भाई जो अब तक अपने दोनों सगी बहनो को चोद चूका है तीसरी को भी चोद रहा है। आह। कितना बड़ा लंड है तुम्हारा। मैं नहीं ले पाऊँगी उसे अंदर।
मैं - मेरी प्यारी बहन , जब सुधा दी की कुंवारी चूत ने ले लिया तो तुम भी ले लोगी। बस तैयार तो हो जाओ।
श्वेता - कल मुनमुन को चोद लेना। तुम्हारे लंड के कारनामे सुन कर उसके चूत में हलचल हो रही है। आज रात वो सो नहीं पायेगी। वैसे सोयी तो मैं भी नहीं हूँ।
मैं - एक बार चुद जाओ , थक कर ऐसी नींद आएगी की पूछो मत।
श्वेता - आह आह। तुम्हारा हुआ की नहीं। मेरी चूत तो बाह रही है।
मैं - बस होने वाला है। एक बार अपने मुम्मे चूम लेने दो।
श्वेता - तुम बुद्धू हो।
मैं समझ गया की उसने अपने मुम्मे निकाले ही क्यों हैं। मैं वैसे ही मुठ मारते मारते उसके पास पहुँच गया। उसने अपना हाथ हटा लिया था और मेरा सर पकड़ अपने मुम्मे पर लगा दिया। उसके निप्पल जैसे ही मेरे मुँह में आये उत्तेजना की एक बाढ़ सी आई और हम दोनों एक साथ एक दुसरे का नाम लेते हुए जोरदार तरीके से स्खलित हो गए। स्खलन के बाद श्वेता मुझसे लिपट गई। वो भूल गई की मैं नंगा हूँ। मैंने उसके नरम उम्मे के एहसास के साथ साथ उसकी नंगे जांघो और चूत को भी कुछ हद तक फील कर पा रहा था। मेरा हाथ उसके नंगे पीठ को सहला रहा था। हम दोनों उसी अवस्था में एक दुसरे से लिपटे रहे। कोई भी दुसरे को छोड़ना नहीं चाह रहा था। मैं सोच रहा था की समय रुक जाये। वो ऐसे ही मेरे बाहों में लिपटी रहे। ये पानी हम दोनों केअंदर के आग को ऐसे ही जलाये रखे।
Superb update
 

RK5022

Member
492
531
93
Ye ladki cute bhi hai aur hot bhi, araam se milan karwana dono ka bhai time lekar, jabardast update
 
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