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Incest मेरी माँ, बहने और उनका परिवार

Who do you suggest Raj should fuck first?

  • Shweta

    Votes: 56 74.7%
  • Soniya

    Votes: 19 25.3%

  • Total voters
    75

Vikash007

हम तेरे दीवाने हैं
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738
93
Super
 

urc4me

Well-Known Member
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31,858
258
Romanchak update Pratiksha agle rasprad update ki
 

RK5022

Member
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मैं कमरे में पहुँच कर चाची का इंतजार करने लगा। चाची कुछ देर बाद ट्रे में एक बड़ा गिलास दूध का और एक कटोरी में गरम सरसों का तेल लेकर आई। मैं उनके बेड पर एक लुंगी और बनियान में लेटा हुआ था। चाची ने ट्रे बेड के बगल में रखे टेबल पर रखा और अपनी साडी मेरे सामने उतार दी। वो सिर्फ पेटीकोट और ब्लॉउस में थी।
उन्होंने मुझसे कहा - चल दूध पी ले फिर मालिश कर दू।
मैंने कहा - अपने वाले पिलाओ न।
चाची - वो भी दूंगी , पहले ये तो पी ले।
मैं झट से पूरा गिलास एक ही बार में खाली कर गया। अब चाची मेरे बगल में तेल की कटोरी लेकर बैठ गई। उन्होंने मेरी लुंगी ऊपर कर दी और मेरे पैरों की मालिश करने लगीं। वो सिर्फ ब्लाउज में थी तो जब झुक कर मालिश करती तो उनके मुम्मे एकदम लटक कर बाहर आने को बेताब हो जाते। एक दो बार मैंने उन्हें पकड़ने की कोशिश की तो चाची हैट जाती। एक तरह से वो मुझे रिझा रही थी।
उन्होंने पैरों की मालिश के बाद मुझे बनियान उतारने को कहा।
मैंने कहा - चाची आप वैसे ही मालिश करो न जैसे वहां घर पर किया था।
चाची - कैसे बाबू ?
मैं - बदन से बदन लगा कर।
चाची - धत्त। मेरे बदन में भी तेल लग जायेगा।
मैं - सही तो है। तुम्हारी भी मालिश हो जाएगी।
चाची - मालिश करेगा या फिर तू चोदेगा।
मैं - चोदूगा तो वैसे भी।
चाची - तू बहुत बदमाश हो गया है। ठीक है। बनियान तो उतार।
मैं झट से बनियान उतार कर उल्टा लेट गया। चाची ने अपना ब्लाउज उतार दिया। उन्होंने मेरे पीठ पर खूब सारा तेल उड़ेल दिया और अपने पैर मेरे कमर के दोनों तरफ करके मेरे कमर पर बैठ गई। फिर उन्होंने खुद को झुकाया और अपने मुम्मे मेरे कमर के बस थोड़े ऊपर सटाते हुए उसे मेरे पीठ से रगड़ते हुए मेरे गर्दन के पास तक ले आईं। फिर उन्होंने अपने बदन मेरे बदन से रगड़ते हुए नीचे की तरफ किया। चाची के नरम नरम मुम्मे मेरी पीठ पर रगड़ खाते हुए मेरे मालिश कर रहे थे। मुझे तो लग रहा था जैसे मेरे पीठ पर दो गरम सॉफ्ट बॉल ऊपर नीचे किये जा रहे हों। चाची के निप्पल भी इस रगड़े से तन गए थे। वो मालिश के साथ साथ सिसकारियां भी लेर रही थी।
चाची - आह , बाबू कैसा लग रहा है ? मालिश ठीक है न
मैं - आह चाची बदन दर्द तो ख़त्म हो गया है। अब तो दर्द कहीं और हो रहा है।
चाची - बता न कहा दर्द हो रहा है। वहां भी मालिश कर दूंगी।
मैं - अब तो बस लंड में हो रहा है चाची।
चाची - चल उसकी भी मालिश कर दू।
चाची ने मुझे सीधा कर दिया और फिर से मेरे कमर के ऊपर आ गई। उन्होंने मेरे लंड को अपनी चूत की फैंको के बीच कर लिया और मेरे लंड को बिना चूत के अंदर डाले ही अपनी कमर आगे पीछे करने लगीं। उन्होंने अपने चूत से मेरे लंड की मालिश करनी शुरू कर दी थी।
मैंने उनके लटके हुए मुम्मो को अपने हाथो में ले लिया और उन्हें दबाने लगा।
चाची - आह आह , कैसा लग रहा है लल्ला। दर्द कुछ कम हुआ ?
मैं - हाँ चाची। मजा आ रहा है। दर्द काम हो रहा है। कमाल की मालिश करती हो तुम भी। पहले वहां क्यों नहीं किया ?
चाची - मौका ही नहीं मिला अभी तक बिटवा। अब देखना कितना ख्याल रखूंगी तुम्हारा। आह आह। जरा तुम भी मेरे मुम्मो की मालिश करो जरा दबाओ। वहां से आने के बाद किसी मरद ने हाथ नहीं लगाया है।
मैं - जरूर चाची। तुम्हारे मुम्मे तो स्पंज की तरह हैं। क्या कहते हैं स्पंजी रसगुल्ला। खा लूँ क्या ?
चाची - तेल लगा है अभी। कल खाना। अभी तो बस हाथ से दबा कर रस निकालो। आह आह थोड़ा निगोड़ी चुचकों को भी खींचो न
मैंने उनके निप्पल उमेठने शुरू कर दिए। अब चाची की चूत पानी छोड़ रही थी। मेरा भी प्री कम आ चूका था। हम दोनों अब चुदाई का असली खेल शुरू करने वाले ही थे।
चाची - लल्ला दर्द काम हुआ।
मैं - हाँ। ख़त्म है ,
चाची - पर मेरी चूत तो कराह रही है।
मैं - तो इंजेक्शन ले लो न। मेरा सिरिंज तैयार है।
चाची - लेना ही पड़ेगा।
चाची अबकी उल्टा हो गई। उनकी पीठ मेरी तरफ हो गई। उन्होंने अबकी अपने कमर को थोड़ा ऊपर उठाया और है से मेरे लंड को अंदर ले लिया।
चाची - हाय रे राज। तेरा गधे जैसा लंड अंदर आग लगा देता है।
चाची अब मेरे ऊपर उछलने लगी थी और मैं उनके भारी भरकम गांड को दबा रहा था।
चाची - आह आह। क्या मस्त लौंडा है रे तेरा। कोई भी इसे लेकर पगला जायेगा। बेवक़ूफ़ ही होगा जो इसे देख कर नहीं चुदने से रुक जाये।
मैं - कहाँ चाची। तुम्हारी बिटिया चुदने को तैयार ही नहीं है।
चाची - वो भी चुड़ेग। जल्दी ही चुदेगी। पर कोई संभाल कर लेना उसकी। फट जाएगी वरना।
मैं - आह आह तुम्हारे सामने ही लूंगा। तुम ही संभाल कर लिवाना।
चाची - हाँ। ले लेना उसकी। बहनचोद तो तू है ही। इससससस आह आह।
चाची ने स्पीड बढ़ा ली थी। हम दोनों अपने चरम पर आने वाले थे।
तभी चाची ने बोला - वैसे तेरे लिए दुलारी भी तैयार है।
मैं - दुलारी को तो देखा नहीं पर रजनी मस्त माल है।
चाची - हाँ और कुंवारी भी है। कल ही फाड़ दे उसकी।
मैं - देगी क्या ?
चाची - एक बार दिखा दे ब। कूद कर लेगी।
अब मेरा लंड पानी छोड़ने वाला था।
मैं - चाची स्पीड बढ़ाओ। मेरा माल आने वाला है।
चाची ने कूदने की स्पीड बढ़ा दी। कमरे में हमारी आहों के अलावा पलंग की चीं चा की आवाज भी तेज हो गई। कुछ ही झटको में हम दोनों खलाश हो गए। चाची एकदम से मेरे पैरों की तरफ झुक गई।
तभी कमरे के ब्याह भी हमें एक आह सी सुनाई पड़ी।
मैंने कहा - कौन है ?
चाची उठ कड़ी हो गईं। किसी के भागने की आवाज आई। मैंने चाची से कहा - चाचा ने तो नहीं देख लिया हमें।
चाची - नहीं। उन्हें शख्त हिदायद दे राखी है जब तक तू है अंदर कदम भी नहीं रखेंगे। वैसे भी दरवाजा बंद है।
फिर मैं बाहर वैसे ही नंग धडंग निकल पड़ा। चाची भी बिना कपडे के निकल पड़ी।
मैंने कहा - छत से कोई चोर तो नहीं आया था।
चाची ने कुछ देर सोचा और फिर दरवाजे के पास पड़ी पैंटी देखि। उठा कर मुझे देते हुए कहा - तेरी बहन देख रही थी हमारी चुदाई।
मुझे भी मस्ती सूझी। मैंने उनके हाथ से पैंटी ली और श्वेता के कमरे की तरफ चल पड़ा। जल्दीबाजी में वो अपने कमरे का दरवाजा बंद करना भूल गई थी। कमरे में घुसते ही मैंने लाइट जला दी। मैंने देखा श्वेता जगी हुई थी और उसने अपना सलवार बस ऐसे ही चढ़ा रखा था। बल्कि कुरता भी उसमे फंसा हुआ था। जल्दीबाजी में वो कपडे भी नहीं पहन पाई थी। उसने अपनी आँखे जबरदस्ती भींची हुई थी।
मैं उसके पास गया और उसके गाल को सहला कर बोला - तेरी पैंटी रख लू।
उसने झट से आँखे खोल ली और मेरे हाथ से अपनी पैंटी खींच ली। उसने फिर मुझे नंगा देख आँखे बंद कर लिया।
श्वेता - तुम बड़े बद्तमीज हो। रात में लड़की के कमरे में ऐसे नंगे चले आये।
मैं - तुम बहुत शरीफ हो अपनी माँ की चुदाई देख रही थी।
श्वेता - तुम दोनों शोर ही इतना कर रहे थे। नींद खुल गई।
मैं - अब मजा आएगा तो शोर होगा ही। पर तुम्हारी गीली चाढ़ि देख कर लग रहा है मजा तुम्हे भी खूब आया है।
श्वेता - भागो यहाँ से। सोने दो।
चाची ने कहा - चलो मेरी बेटी को परेशान मत करो।
श्वेता - हाँ हाँ जाओ माँ चोद लो चोदू लाल।
मैं - एक बार फिर से बोलो चला जाऊंगा।
श्वेता - जाओ अपनी माँ चोद लो , चाची चोद लो चोदू।
मैंने झुक कर उसके गाल पर एक पप्पी दी और कहा - जल्दी तुम्हे भी चोदूंगा।
श्वेता - भागो , अभी माँ चोद लो।
मैंने जाते जाते कहा - फिल्म देखनी हो तो सीधे थिएटर के अंदर आना। चोरु छुपे मत देखना। हम देखने के पैसे नहीं लेंगे।
मैं और चाची हँसते हुए वापस उनके कमरे में चले गए।
उस रात चाची ने मुझसे फिर अपनी चूत भी चटवाई और एक राउंड कुतिया बन कर मुझसे चुदवाया। चाची की हवस देख लग रहा था की बहुत दिनों बाद चुद रही थी।
हम दोनों रात कब सोये मुझे पता भी नहीं चला। पर सुबह मेरी नींद बच्चे के रोने की आवाज से खुली।
Ye dono jodi bahut cute hai
 

Mass

Well-Known Member
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Bhai, Holi ki Hardik Shubhkaamnaayein..
Update kaa intezaar hain..
Maine bhi aaj update post kiya hain..ek baar us par bhi nazar daal dijiye..Comments kaa intezaar rahega. thanks.

tharkiman
 
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