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Incest मेरी माँ, बहने और उनका परिवार

Who do you suggest Raj should fuck first?

  • Shweta

    Votes: 56 74.7%
  • Soniya

    Votes: 19 25.3%

  • Total voters
    75

Premkumar65

Well-Known Member
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143
मैंने कहा - चाची आपके दुद्दू भी सुन्दर हैं।
चाची - हाँ माँ के तो तूने चूस चूस के और बड़े कर दिए हैं।
न जाने फिर माँ के मन में क्या आया वो बोली - सही कर रहा है। इसके सुन्दर और गोल भी है। चल जरा गोलाई नाप।
चाची बोली - जाने दो न फैसला हो तो गया है।
माँ- ना अब नाप ही रहा है तो ठीक से नपे। कह कर माँ चाची के ब्लाउज का हुक खोलने लगी। कुछ क्षण तो चाची ने ना नुकुर की फिर उन्होंने माँ को अपने हुक खोलने दिया और खुद माँ के ब्लॉउस का हुक खोल दिया। दोनों ने एक दुसरे के ब्लाउज को उतार दिया।
अब दो टॉपलेस अप्सराएं मेरी तरफ मुँह करके खड़ी थी और अपने मुम्मे दबवाने के लिए तैयार थीं। दबवाना ही तो था नाप जोख तो एक बहाना था। ना जाने दोनों क्या सोच कर रखीं थी।
मैं दोनों को देख रहा था। माँ के बड़े बड़े बूब्स के सामने चाची के बूब्स थोड़े छोटे थे। पर माँ सही कह रही थी। चाची अब भी पुरे शेप में थी। गाओं का काम काजू शरीर था। भरे भरे गोल चुचे थोड़े से भी नहीं लटके थे। वैसे तो वो भी माँ की तरह ब्रा नहीं पहनती थी। पर उनके चुचे अब भी पुरे तने हुए थे। निप्पल माँ से छोटे थे पर गहरे काले थे। उनके ओरोला की गोलाई माँ के लगभग बराबर ही थी।
पर माँ तो कमाल थी या यूँ कहें माल थी। मुम्मे मस्त बड़े बड़े। बिना ब्रा के ऐसे हिलते थे जैसे भूकंप ला दें। कम से कम मेरे दिल में तो ला ही देती थी। वैसे तो वो मेरे सामने टॉपलेस होने में संकोच नहीं करती थी पर आज गजब ही ढा रही थी। उनके निप्पल एक इंच से भी ज्यादा। जैसे गाय का थन । मैंने ही चूस चूस कर निकाले थे। जैसे कोई सितार भी बजा सकता हो। एक कपडे का क्लिप आराम से लटक सकता था।
मेरा सबसे पसंदीदा काम माँ को चौपाया बना कर बछड़े जैसे उनके दूध पीना था। उसके बाद मैं ग्वाला बन कर उन्हें दूहता था। इस लिए उनके मुम्मे थोड़े लटक भी गए थे और निप्पल भी लम्बे बड़े हो गए थे। एक बार जब सरला दी की शादी नहीं हुई थी तभी की बात है मैं माँ के कमरे में सोया था और रात में उन्होंने मुझे दुध पिलाया था। माँ सुबह जब उठी तो उन्होंने ब्लाउज का ऊपर का हुक गलती से खुला छोड़ दिया था। सरला दीदी जब उठ कर किचन में गई और माँ की हालत देख कर बोली - अरे मेरी माँ कितना लटक गए हैं तेरे मुम्मे। ब्रा पहना करो शेप में रहेंगे। लटक गए हैं जैसे पेड़ से पका हुआ कटहल लटका है।
माँ - अरे मुझ बुढ़िया के अब नहीं लटकेंगे तो कब लटकेंगे। क्या शेप में रहना। तुम सही ढंग से रहो सही साइज की ब्रा पहनो अभी शादी होनी है तुम्हारी। तुम भी तो अक्सर बिना ब्रा के घूमती हो।
सरला दी - पर मेरे लटके तो नहीं है।
माँ - शादी हो जाने दे फिर तेरा मियां दबा दबा कर बड़ा कर देगा। बाद में बच्चे पैदा होने के बाद बाप और बच्चा दोनों खींच खींच कर लटका देंगे।
सरला दी - जैसे तुम्हारा बच्चा खींच खींच कर बड़ा कर रहा है।
माँ - चुप। कुछ भी मन में आये तो बोलती है।
खैर वर्तमान पर आते हैं। मेरे हाथ में इंची टेप और सामने दो जोड़ी मुम्मे। देख कर मेरा लौड़ा पैजामे से बाहर आने को तैयार था। मुझे समझ नहीं आ रहा था की लंड एडजस्ट करूँ या फिर नपाई करूँ।
Sahi jaa rahe ho bachwa....!
 

Premkumar65

Well-Known Member
2,865
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143
अगले दिन जब मैं सुबह उठा तो माँ और चाची किचन में काम कर रही थी। दोनों ने पेटीकोट और ब्लॉउस पहना हुआ था। दूर से ही देख कर समझ आ रहा था की उन्होंने निचे कुछ भी नहीं पहना है। मैं पहुँच कर बोला - क्या हो रहा है ?
माँ - तेरे लिए कुछ बादाम और ड्राई फ्रूट शेक बना रहे है । कल तूने बड़ी मेहनत जो की।
चाची सुन कर शर्मा गई। मैंने उनको पीछे से जकड लिया और अपना लंड उनके गांड में घुसाते हुए बोला - कल तो बड़ा उचक उचक कर चुद रही थी। आज नई नवेली दुल्हन की तरह शर्मा रही हो।
चाची - छोडो मुझे , रात इतनी ली फिर भी मन नहीं भरा। मेरा तो बदन दुःख रहा है। जाकर माँ से लिपटो।
छोड़ने के लिए तो कह रही थी पर पीछे से अपना गांड भी मेरे लंड पर धकेली जा रही थी। कत्तई चुदासी माल थी मेरी चाची भी।
मैंने भी उन्हें छोड़ने के बजाय और जोर से जकड़ लिया और साथ ही अपने दोनों हाथो से उनके मुम्मे पकड़ लिए। मैं उनके मुम्मे दबा रहा था और वो अपने गांड को पीछे धकेल कर मेरे लंड को अंदर लेने की कोशिश में लगी थी।
हम दोनों को ऐसे देख माँ ने कहा - लल्ला तेरे हाथ में दुधारू गाय आई है दूह ले तो ताजा दूध शेक में डाल दूँ। उनकी बात सुनकर मैंने चाची के ब्लाउज को खोल दिया और आगे जाकर उनके मुम्मे ऐसे खींचने लगा जैसे वो सच में गाय हो और मैं उनका दूध निकाल रहा हूँ।
चाची - आह आह आह राजआज मैं सच की गाय थोड़े ही हूँ क्यों ऐसे थन से लटका है।
मै - अरे चाची तेरे थन नहीं दुहूँगा तो माँ की साइज के कैसे होंगे ? वैसे भी तुम्हारे चूचक उनके जैसे करने हैं न
चाची - अरे खींचने भर से थोड़े ही हो जायेगा। दुध भी तो होना होगा न।
माँ - कर ले दूसरा बच्चा , आ जायेगा तेरे थनों में भी दूध। राज को भी तब ताजे दूध का शेक बना कर देंगे।
चाची - क्यों इस बुढ़िया को माँ बनाने पर तुली हो जिज्जी। आह आह आह। कहाँ तो मेरी बिटिया के बच्चे देने की उम्र है ऑर्टम मुझे ही माँ बना रही हो।
मैं - कहो तो तुम माँ बेटी दोनों के कोख में एक साथ बच्चा दाल दूँ। कल रात तुमने श्वेता को भी दिलाने का वादा किया था।
चाची - वो तो चुदाई के नशे में मैं न जाने क्या क्या बक रही थी।
माँ - कोई नहीं तू राजी हो जा
चाची - अरे श्वेता क्या सोचेगी ? दुनिया क्या बोलेगी की इस उम्र में माँ बानी है। वैसे भी इनका खड़ा होता तो है नहीं बच्चा क्या देंगे।
मैं अब चाची के पेटीकोट की डोरी खोल चूका था और निचे से उनकी चूत चाटने में लग गया था। चाची सिसस्कारियाँ लेने लगीं।
चाची - स्स्स्सस्स्स्स , क्या मस्त चूसता है रे। चाट ले , तेरे छूने भर से पनिया जाती है मेरी चूत। वो जो छोटा ला लटक रहा है न उसे भी चूस। खा जा उसे। जब से तेरा लंड लिया है रोती रहती मेरी चूत तेरी याद में। पोछ दे उसके आंसू पी जा। आह आह आह ससससस जिज्जी क्या मस्त लौंडा पैदा किया है। कहा से सिखाया है तुमने इसे चूसना। आह आह
चाची की हालत देख माँ भी चुदासी हो गईं। शेक बनाना भूल वो अपने कमर को शेक करने लग गईं। उन्होंने ने भी अपना ब्लाउज खोल दिया और खुद से ही अपने चूचक उमेठने लगी। अब उन दोनों को इस हालत में देख मेरे लंड ने जवाब दे दिया था। अब उसे कोई न कोई जगह चाहिए था माल उड़ेलने को। मैं तुरंत उठा और चाची के पीछे जाकर अपने लंड को उनकी चूत पर सेट किया और एक ही झटके में अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया।
चाची - अरे मार डाला रे। अबे चोदू मैं भाग थोड़े ही रही थी। आराम से डालता। फाड़ डाला तूने मेरी चूत।
मैं - अभी कहाँ चाची , ये तो शुरुआत है। तुम्हारी चिकनी चूत इतनी पनिया चुकी थी की मेरा लंड एकदम से चला गया और तुम हो की चिल्ला रही हो
चाची - आह रआआआअज , जिज्जीीीी , मार ले मेरी ले ले।
मैं एकदम रेस के घोड़े की तरह चाची की चूत में लंड के सहारे दौड़ लगा रहा था। कल रात ही झड़ा था मेरे आने में थोड़ी देर लग रही थी। चाची को लगा ये तो उनके लिए घातक हो जायेगा। उन्होंने मुझे जल्दी झड़ाने के लिए फिर से बोलना शुरू किया।
चाची - स्स्स्सस्स्स्स आह आह आह क्या जानवर की तरह चोदता है तू। सुधा और सरला तो फिर भी संभाल लेंगी मेरी श्वेता का क्या होगा
उसकी तो फट ही जाएगी। जीजजी आप माँ बनने के लिए बोल रही थीं न मैं तैयार हूँ। कम से कम पेट में बच्चा रहेगा तो ये चोदू मुझ पर नजर तो नहीं रखेगा। बना दे राज मुझे माँ बना दे। अपना ताजा दूध पिलाऊंगी फिर। बेटा देना। जब वो बड़ा हो जायेगा तो तो तुम दोनों भाई अरे नहीं तुम दोनों बाप बेटे मेरी एक साथ लेना। आह आह आह। मैं तो आ गई रे। कब आएगा तू।
चाची अब मेरी बहनो का नाम लेकर बोलने लगी - सुधा आ जा तू भी भाई से चुद कर माँ बन जा। तेरे मर्द में दम नहीं है। तेरा भाई मामा भी बनेगा बाप भी।
न जाने माँ को क्या सुझा बोली - उससे पहले बहनचोद बनेगा। बहन की लेगा मेरा लड़का। सबकी लेगा , सबकी चूत का भोसड़ा बनाएगा।
मेरा दूध पिया है इसने। सबको माँ बनाएगा। पेल दे इस रंडी को राज इसको आज अपना बीज दे ही दे।
माँ और चाची की इतनी उत्तेजक बात सुनकर आखिर मेरे लंड ने खुशी से अपना पूरा का पूरा माल चाची के अंदर उड़ेल दिया। हम दोनों थक चुके थे। तब माँ ने शेक बनाया और हम सब वहीँ किचन में निचे जमीन पर बैठ कर पीने लगे। मेरे सामने दो दो मस्त गायें अपना थान लेकर बैठी थी और हाथ में दूध , फलों और ड्राई फ्रूट से बना शेक था। मुझे सच में ताकत की जरूरत थी। लग रहा था जैसे अंदर से सारा माल निचोड़ लिया हो।
शेक ख़त्म करके मैं वहीँ माँ के गोद में सर रख कर लेट गया। माँ के मुम्मे मेरे सामने लटक रहे थे। मैं उनका दीवाना भला शांत कैसे रहता। मैंने उनके दो इंच के चूचक को मुँह में भर कर चूसने लगा। उस पर चाची बोली - दूध का दीवाना है ये तो। इसका बस चले तो दिन भर थन से लटका ही रहे।
सुनकर माँ हंसने लगी। दोनों दरअसल मेरी दीवानी हो चुकी थी। मैं माँ के लाड में तो था ही अब चाची का भी पूरा प्यार मिल रहा था।
Woww do do MILF mil gai hain chodne ko.
 

Raj Kumar Kannada

ಸಂದರ್ಭದ ಕಾಮ
832
964
94
अगले दिन जब मैं सुबह उठा तो माँ और चाची किचन में काम कर रही थी। दोनों ने पेटीकोट और ब्लॉउस पहना हुआ था। दूर से ही देख कर समझ आ रहा था की उन्होंने निचे कुछ भी नहीं पहना है। मैं पहुँच कर बोला - क्या हो रहा है ?
माँ - तेरे लिए कुछ बादाम और ड्राई फ्रूट शेक बना रहे है । कल तूने बड़ी मेहनत जो की।
चाची सुन कर शर्मा गई। मैंने उनको पीछे से जकड लिया और अपना लंड उनके गांड में घुसाते हुए बोला - कल तो बड़ा उचक उचक कर चुद रही थी। आज नई नवेली दुल्हन की तरह शर्मा रही हो।
चाची - छोडो मुझे , रात इतनी ली फिर भी मन नहीं भरा। मेरा तो बदन दुःख रहा है। जाकर माँ से लिपटो।
छोड़ने के लिए तो कह रही थी पर पीछे से अपना गांड भी मेरे लंड पर धकेली जा रही थी। कत्तई चुदासी माल थी मेरी चाची भी।
मैंने भी उन्हें छोड़ने के बजाय और जोर से जकड़ लिया और साथ ही अपने दोनों हाथो से उनके मुम्मे पकड़ लिए। मैं उनके मुम्मे दबा रहा था और वो अपने गांड को पीछे धकेल कर मेरे लंड को अंदर लेने की कोशिश में लगी थी।
हम दोनों को ऐसे देख माँ ने कहा - लल्ला तेरे हाथ में दुधारू गाय आई है दूह ले तो ताजा दूध शेक में डाल दूँ। उनकी बात सुनकर मैंने चाची के ब्लाउज को खोल दिया और आगे जाकर उनके मुम्मे ऐसे खींचने लगा जैसे वो सच में गाय हो और मैं उनका दूध निकाल रहा हूँ।
चाची - आह आह आह राजआज मैं सच की गाय थोड़े ही हूँ क्यों ऐसे थन से लटका है।
मै - अरे चाची तेरे थन नहीं दुहूँगा तो माँ की साइज के कैसे होंगे ? वैसे भी तुम्हारे चूचक उनके जैसे करने हैं न
चाची - अरे खींचने भर से थोड़े ही हो जायेगा। दुध भी तो होना होगा न।
माँ - कर ले दूसरा बच्चा , आ जायेगा तेरे थनों में भी दूध। राज को भी तब ताजे दूध का शेक बना कर देंगे।
चाची - क्यों इस बुढ़िया को माँ बनाने पर तुली हो जिज्जी। आह आह आह। कहाँ तो मेरी बिटिया के बच्चे देने की उम्र है ऑर्टम मुझे ही माँ बना रही हो।
मैं - कहो तो तुम माँ बेटी दोनों के कोख में एक साथ बच्चा दाल दूँ। कल रात तुमने श्वेता को भी दिलाने का वादा किया था।
चाची - वो तो चुदाई के नशे में मैं न जाने क्या क्या बक रही थी।
माँ - कोई नहीं तू राजी हो जा
चाची - अरे श्वेता क्या सोचेगी ? दुनिया क्या बोलेगी की इस उम्र में माँ बानी है। वैसे भी इनका खड़ा होता तो है नहीं बच्चा क्या देंगे।
मैं अब चाची के पेटीकोट की डोरी खोल चूका था और निचे से उनकी चूत चाटने में लग गया था। चाची सिसस्कारियाँ लेने लगीं।
चाची - स्स्स्सस्स्स्स , क्या मस्त चूसता है रे। चाट ले , तेरे छूने भर से पनिया जाती है मेरी चूत। वो जो छोटा ला लटक रहा है न उसे भी चूस। खा जा उसे। जब से तेरा लंड लिया है रोती रहती मेरी चूत तेरी याद में। पोछ दे उसके आंसू पी जा। आह आह आह ससससस जिज्जी क्या मस्त लौंडा पैदा किया है। कहा से सिखाया है तुमने इसे चूसना। आह आह
चाची की हालत देख माँ भी चुदासी हो गईं। शेक बनाना भूल वो अपने कमर को शेक करने लग गईं। उन्होंने ने भी अपना ब्लाउज खोल दिया और खुद से ही अपने चूचक उमेठने लगी। अब उन दोनों को इस हालत में देख मेरे लंड ने जवाब दे दिया था। अब उसे कोई न कोई जगह चाहिए था माल उड़ेलने को। मैं तुरंत उठा और चाची के पीछे जाकर अपने लंड को उनकी चूत पर सेट किया और एक ही झटके में अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया।
चाची - अरे मार डाला रे। अबे चोदू मैं भाग थोड़े ही रही थी। आराम से डालता। फाड़ डाला तूने मेरी चूत।
मैं - अभी कहाँ चाची , ये तो शुरुआत है। तुम्हारी चिकनी चूत इतनी पनिया चुकी थी की मेरा लंड एकदम से चला गया और तुम हो की चिल्ला रही हो
चाची - आह रआआआअज , जिज्जीीीी , मार ले मेरी ले ले।
मैं एकदम रेस के घोड़े की तरह चाची की चूत में लंड के सहारे दौड़ लगा रहा था। कल रात ही झड़ा था मेरे आने में थोड़ी देर लग रही थी। चाची को लगा ये तो उनके लिए घातक हो जायेगा। उन्होंने मुझे जल्दी झड़ाने के लिए फिर से बोलना शुरू किया।
चाची - स्स्स्सस्स्स्स आह आह आह क्या जानवर की तरह चोदता है तू। सुधा और सरला तो फिर भी संभाल लेंगी मेरी श्वेता का क्या होगा
उसकी तो फट ही जाएगी। जीजजी आप माँ बनने के लिए बोल रही थीं न मैं तैयार हूँ। कम से कम पेट में बच्चा रहेगा तो ये चोदू मुझ पर नजर तो नहीं रखेगा। बना दे राज मुझे माँ बना दे। अपना ताजा दूध पिलाऊंगी फिर। बेटा देना। जब वो बड़ा हो जायेगा तो तो तुम दोनों भाई अरे नहीं तुम दोनों बाप बेटे मेरी एक साथ लेना। आह आह आह। मैं तो आ गई रे। कब आएगा तू।
चाची अब मेरी बहनो का नाम लेकर बोलने लगी - सुधा आ जा तू भी भाई से चुद कर माँ बन जा। तेरे मर्द में दम नहीं है। तेरा भाई मामा भी बनेगा बाप भी।
न जाने माँ को क्या सुझा बोली - उससे पहले बहनचोद बनेगा। बहन की लेगा मेरा लड़का। सबकी लेगा , सबकी चूत का भोसड़ा बनाएगा।
मेरा दूध पिया है इसने। सबको माँ बनाएगा। पेल दे इस रंडी को राज इसको आज अपना बीज दे ही दे।
माँ और चाची की इतनी उत्तेजक बात सुनकर आखिर मेरे लंड ने खुशी से अपना पूरा का पूरा माल चाची के अंदर उड़ेल दिया। हम दोनों थक चुके थे। तब माँ ने शेक बनाया और हम सब वहीँ किचन में निचे जमीन पर बैठ कर पीने लगे। मेरे सामने दो दो मस्त गायें अपना थान लेकर बैठी थी और हाथ में दूध , फलों और ड्राई फ्रूट से बना शेक था। मुझे सच में ताकत की जरूरत थी। लग रहा था जैसे अंदर से सारा माल निचोड़ लिया हो।
शेक ख़त्म करके मैं वहीँ माँ के गोद में सर रख कर लेट गया। माँ के मुम्मे मेरे सामने लटक रहे थे। मैं उनका दीवाना भला शांत कैसे रहता। मैंने उनके दो इंच के चूचक को मुँह में भर कर चूसने लगा। उस पर चाची बोली - दूध का दीवाना है ये तो। इसका बस चले तो दिन भर थन से लटका ही रहे।
सुनकर माँ हंसने लगी। दोनों दरअसल मेरी दीवानी हो चुकी थी। मैं माँ के लाड में तो था ही अब चाची का भी पूरा प्यार मिल रहा था।
Super❤️
 

urc4me

Well-Known Member
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Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
 
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