Suman Varma
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Sasuma sexy ho to kaun nahin excited hoga?Update 06
"राहुल... राहुल..." में आवाज सुन के जैसे होस में आया और हड़बड़ाते हुए डर के मारे यहां वहा माउस हिलाने लगा... तभी मैने देखा ये तो मेरा दोस्त ही था तब जाके मुझे राहत की सास आई...
"क्या बे किस के सपने देख रहा है.." मेने मुस्करा के कहा "किसी के नही वो बस थकान है थोड़ी" वो फट से बोला "लगता है भाभी रात के काफी काम करवा रही हैं" और वो हस दिया.... ये सुन के मुझे पता नहीं क्यों रश्मि की याद नही आई और मेरी आखों के आगे मेरी सासुमा आ गई..
कुछ देर बाद रश्मि का कॉल आया की हमे उसके मायके जाना हैं वहा उसकी कसिन शादी थी जो में तो पूरी तरह से भूल ही गया था और सायद रश्मि और सासुमा भी... अच्छा था थी शादी रात को थी तो हम अभी भी जा सकते थे.. मेने अपने बॉस से बात की और जल्दी निकल गया ऑफिस से...
में रास्ते में ही था कि मुझे रश्मि का कॉल आया.. "सुनिए ना वो में क्या बोल रही हूं आप वो आप...वो..." रश्मि हिचकिचा रही थी..."बोलो ना गुड़िया क्या चाइए आप को" मेने धीमे से कहा... "जी वो निप्पल कवर्स लाने थे.." वो एक बार में बोल दी... मुझे हल्का सा गुस्सा आ गया लेकिन मैने बड़े प्यार से कहा "आप को क्या करना है उनका मेने कहा था था ना पिछली बार इतने छोटे छोटे ब्लाउज मुझे अच्छे नहीं लगते.. आप को पता है ना आप को कोई जरा भी देखे मुझे अच्छा नहीं लगता फिर भी" मेने कठोर होके कहा... "नही नही.. मेरे लिए नही वो मम्मी को चाइए" ये सुन के मेरा लिंग एक दम से खड़ा हो गया और में जैसे खो सा गया कही... "ठीक है में ले आलूंगा"
में घर पहुंचा और बैग उसके हाथ में धमा दिया...और में अपने कमरे में नहाने चला गया.. जैसे में बाहर आया मेरे होस उड़ गया... पूरे बदन में जैसे करंट दौड़ उठा.... मेरा लिंग पूरी तरह से खड़ा हो गया और टॉवल में एक तब्बू सा हो गया..
मेरे बिल्कुल आगे मेरी सास एक काले पेटीकोट में खड़ी हुई थी उनके एक हाथ में उनका काला ब्लाउज लटक रहा था.. उनके निप्पल पे वही निप्पल कवर लगे हुए थे.. उनके स्तन हल्के हल्के लटके हुए थे.. लेकिन मेरी रश्मि के स्तनों से काफी बड़े मालूम हो रहे थे.. सासुमा शर्म से पानी पानी हो चुकी थी.. सासुमा मां का ये रूप देख में जैसे वही के वही जम सा गया.. मेरी आंखे फड़ी की फटी रह गई.. ये नजारा मेरी आखों के आगे कुछ सेकेंड ही रहा..
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सासुमा को जैसे ही इस बात का अहसास हुआ कि में उन्हें देख चुका हु वो एक दम से चिल्ला उठी जैसे कोई भयानक शेर या साप देख लिया हो.. और वो अपने आप को छुपाने लेगी.. लेकिन मेरी नजर उनके दूध जैसे गोरे बदन से एक बार भी नही हटी.. उनके चूचे जैसे उछल कूद कर रहे थे जब वो यहां कहा अपने आप को छुपाने के लिए कुछ खोज रही थी.. लेकिन हाए मेरी सासुमा की किस्मत इन्हे कुछ मिल नही रहा था.. या वो इस हालत में नहीं थी की इनके पास ही बिछी हुए चादर को अपने जिस्म पे लपेट देती..
पता नही मुझे क्या हुआ की उनकी और आगे बड़ा.. दोस्तो में पता दू में भी उपर से नंगा था और बस एक टॉवल में अपने लिंग को बाहर आने से छुपा के रखा हुआ था...
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सासुमा ने अपने हाथ से खुद के बड़े बड़े स्तनों को ढकने की नाकाम कोशिश की आखिर इतने बड़े और सुडोल स्तन कैसे उनके पतले और कोमल हाथों में समा जाते.. इतने बड़े स्तन को तो सिर्फ एक मर्द ही अपनी बाहों में छुपा सकता था.. में उनके पास पहुंच गया तो वो शर्म से दूसरी और हो है.. अब सासुमा को कोन समझता की उनके स्तन कुछ हद तक चुप गई थे लेकिन उनकी मक्खन सी चिकनी गोरी पीठ तो पूरी तरह से नंगी थी..
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सासुमाकी कमर ही काफी थी किसी का पानी निकालने के लिए.. मेरी तो हालत ऐसी थी जैसे पहली बार किसी औरत को बिना ब्लाउज के देख रहा था.. सायद क्यों की ये मेरी सास थी...
ये सब देख...दिल हो गया था की अभी के अभी यही पे पटक के चोद दूं लेकिन मैने खुद को संभाला उनके हाथ से गिर चुके उनके ब्लाउज को उठा के बोला.."लीजिए.. मेने उनकी और हाथ आगे जिस से ब्लाउज उनकी गोरी गोरी त्वचा से हल्का हल्का चुने लगा.. मेने देखा सासुमा जैसे मेरे डर से काप रही थी.. मुझे बुरा लगा की मेरी वजह से सासुमा इतना गभरा गई है.. "वो मुझे पता नहीं था आप यहा.." मेने खुद को संभाला और फिर से कहा "आप बाथरूम के चली जाओ कही रश्मि ने हमे देख लिया तो.." और मैने इतना कहा और उसी और मुंह कर आगे चला गया.. और जैसे ही सासुमा को लगा कि में नहीं देख रहा वो अपना ब्लाउज मेरे हाथ से ले ली और भाग के बाथरूम में घुस गई...
में कपड़े पहन के नीचे चला आया.. कुछ देर में दोनों सज धज के नीचे आ गई.. पता नही कैसे मेरी शर्म अब जैसे कहा गायब हो गई में दोनो को बड़े प्यार से देख रहा था.. सासुमा मेरी और देख के शर्म से पानी पानी हो रही थी..
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न जाने मुझे क्या सूझा मेने रश्मि को पकड़ के अपनी और खींचा और उसके गुलाबी होंठ को अपने मुंह से लगा दिया..
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और उसे अपनी बांहों में उठा के बाहर निकल गया.. मेरी सास हैरानी से हमें देख रही थी.. रश्मि पानी पानी हो गई थी अपनी मां के आगे ये सब होने से.. मेने रश्मि को कार के आगे रख के उसके गालों को चूम के कहा "मेरी प्यारी गुड़िया रानी" और हम शादी के लिए निकल गई..
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कुछ देर बाद में खुद को गाली देने लगा कि साले ये सब क्या कर रहा है.. और अपना ध्यान कही पूरी तरह ड्राइविंग पे लगाने लगा... लेकिन पता नही कैसे बार बार मेरी नजर सासुमा की स्लीव लैस ब्लाउज पे चली जाती और मुझे उनके स्तन याद आ जाते...
कुछ इस तरह सासुमा के स्तन बाहर आने को तैयार थे...
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Mast Sasuma hai.Update 07
हम शादी में रात के 8 बजे शादी वाली वाले घर पे पहुंच गई.. कई बुड्ढे मेरी सास को ही घूर रहे थे ये देख के मुझे पता नहीं बड़ा गुस्सा आ रहा था... में सासुमा को जितना हस हस के बात करते देखता किसी से मेरा खून खोल रहा था...
मेने देखा एक 60+ का बुड्ढा काफी देर से सासुमा को घूर रहा था जैसे खा जायेगा.. सासुमा के ठुमके देख देख मेरी तरफ बैठे कुछ बुड्ढे आपस में कॉमेंट पास किए जा रहे थे.."देखो तो कितनी गर्म औरत है.." दूसरा बोला "लगता है ब्रा भी नहीं पहनी प्यारी" वही एक और बोल पड़ा "आप को बड़ा पता है ले चुके हो क्या हा हा" पहला बुड्ढा बोल उठा "हमारे नसीब में ऐसी सुंदरी कहा भाई.."
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मेरे सबर का बान टूट गया मेरा दिल हुआ की इन सब का मुंह तोड़ दू लेकिन में कोई हंगामा खड़ा नही करना चाहता था.. में उठा और सासुमा की और चल दिया.. वो अपनी मोटी मोटी गांड़ को हिला हिला के ठुमके लगाए जा रही थी.. एक तो इतना छोटा ब्लाउज था और वो भी पीछे से पूरा खुला.. ऐसा लगता था जैसे ब्रा पहन रखी हो...
में उनकी करीब गया और उनके कान एम कहा "सासुमा मेरे साथ आओ.." और वो भी मेरे साथ चल दी.. में उन्हें पार्किंग में ले आया..."क्या हुआ दामादजी" वो सहज होकर बोली...
"आप को शर्म नही आती इसे.. अपनी उम्र का तो लिहाज कीजिए" मेने गुस्से से कहा....
वो मुस्करा के मेरी आखों में देखते हुए बोली "क्यों क्या हुआ"
"आप को अच्छे से पता हे क्या हुआ आप जान बुझ के ऐसा की ना.. आप को पता है ना मुझे अच्छा नहीं लगता कोई.."
में आगे नही बोल पाया...
"देखिए दामादजी आप ने रश्मि को तो अपनी बातो में फसा के उसकी आजादी चीन ली लेकिन में आप की बीवी नही हू की आप का कोई हक है समझे आप.. मुझे भी हक है खुस रहने का"
मेने सासुमा को कंधो से पकड़ लिया.. और उनकी आखों में देख के कहा "बीवी नही हो लेकिन मेरे होने वाले बच्चे की मां जरूर हो.. और में नही देख सकता उसे कोई आंख उठा के भी देखे समझी आप"
कुछ देर हम दोनो एक दूसरे को देखते रहे और पता नही कब कैसे मेरे होठ उनके गुलाबी होठों पे आ गई.. ऐसा लगा जैसे वक्त थम सा गया हो.. हम दोनो के बीच की चिंगारी जैसे आग पकड़ ली और में उनके होठों को चूसने लगा.. वो भी कुछ जैसे यही पल के इंतजार में थी.. में कैसे यही उनको अपनी बना लेने की फिराक में था.. मेने उनके गले को बड़ी बेरहमी से चूमा और काट भी लिया..
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तभी मेरी बीवी का काल आया और मुझे होश आया.. हम दोनो एक दूसरे से अलग हुए और.. वो अपने बाल और सारी सही की और हम वापस उस और लोट आई..
जहा रश्मि थी...
"आर आप कहा थे यहां सब लोग पूछ रहे हैं" रश्मि ने कहा...
"वो मेरा फोन कार में छूट था..." सासुमा ने मेरा खामोश मुंह देख फट से जवाब दिया...
सासुमा की हाजिर जवाबी देख मेरा दिल हुआ जैसे रश्मि के सामने ही मेरे बच्चे की होने वाली मां को चूम लूं...
"मां ये क्या आप के गले पे क्या हुआ कुछ लगा है क्या" रश्मि ने सासुमा के गले पे दिख रहे निशान को देख के कहा जो मेरे ज्यादा चूसने और काटने से हो गया था.. सासुमा तो पानी पानी हो गई.. लेकिन थी भी एक परिवक्व औरत मेरी और मुस्करा के देख बोली.. "वो कोई कीड़ा लग था बेटी.. बड़ी मुस्किल से हटाया मेने नही तो सारा खून चूस लेता"
में तो अपनी सास को देखते ही गया केसे एक संस्कारी औरत इतना खुल गई.. जैसे ही हम जाने लगे स्टेज की और में सास के पीछे पीछे जाने लगा और बार बार उनकी खुली कमर पे हाथ फेरने लगा.. आह क्या मखन जेसी मुलायम थी सासुमा..
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"राहुल... राहुल..." में आवाज सुन के जैसे होस में आया और हड़बड़ाते हुए डर के मारे यहां वहा माउस हिलाने लगा... तभी मैने देखा ये तो मेरा दोस्त ही था तब जाके मुझे राहत की सास आई...
"क्या बे किस के सपने देख रहा है.." मेने मुस्करा के कहा "किसी के नही वो बस थकान है थोड़ी" वो फट से बोला "लगता है भाभी रात के काफी काम करवा रही हैं" और वो हस दिया.... ये सुन के मुझे पता नहीं क्यों रश्मि की याद नही आई और मेरी आखों के आगे मेरी सासुमा आ गई..
कुछ देर बाद रश्मि का कॉल आया की हमे उसके मायके जाना हैं वहा उसकी कसिन शादी थी जो में तो पूरी तरह से भूल ही गया था और सायद रश्मि और सासुमा भी... अच्छा था थी शादी रात को थी तो हम अभी भी जा सकते थे.. मेने अपने बॉस से बात की और जल्दी निकल गया ऑफिस से...
में रास्ते में ही था कि मुझे रश्मि का कॉल आया.. "सुनिए ना वो में क्या बोल रही हूं आप वो आप...वो..." रश्मि हिचकिचा रही थी..."बोलो ना गुड़िया क्या चाइए आप को" मेने धीमे से कहा... "जी वो निप्पल कवर्स लाने थे.." वो एक बार में बोल दी... मुझे हल्का सा गुस्सा आ गया लेकिन मैने बड़े प्यार से कहा "आप को क्या करना है उनका मेने कहा था था ना पिछली बार इतने छोटे छोटे ब्लाउज मुझे अच्छे नहीं लगते.. आप को पता है ना आप को कोई जरा भी देखे मुझे अच्छा नहीं लगता फिर भी" मेने कठोर होके कहा... "नही नही.. मेरे लिए नही वो मम्मी को चाइए" ये सुन के मेरा लिंग एक दम से खड़ा हो गया और में जैसे खो सा गया कही... "ठीक है में ले आलूंगा"
में घर पहुंचा और बैग उसके हाथ में धमा दिया...और में अपने कमरे में नहाने चला गया.. जैसे में बाहर आया मेरे होस उड़ गया... पूरे बदन में जैसे करंट दौड़ उठा.... मेरा लिंग पूरी तरह से खड़ा हो गया और टॉवल में एक तब्बू सा हो गया..
मेरे बिल्कुल आगे मेरी सास एक काले पेटीकोट में खड़ी हुई थी उनके एक हाथ में उनका काला ब्लाउज लटक रहा था.. उनके निप्पल पे वही निप्पल कवर लगे हुए थे.. उनके स्तन हल्के हल्के लटके हुए थे.. लेकिन मेरी रश्मि के स्तनों से काफी बड़े मालूम हो रहे थे.. सासुमा शर्म से पानी पानी हो चुकी थी.. सासुमा मां का ये रूप देख में जैसे वही के वही जम सा गया.. मेरी आंखे फड़ी की फटी रह गई.. ये नजारा मेरी आखों के आगे कुछ सेकेंड ही रहा..
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सासुमा को जैसे ही इस बात का अहसास हुआ कि में उन्हें देख चुका हु वो एक दम से चिल्ला उठी जैसे कोई भयानक शेर या साप देख लिया हो.. और वो अपने आप को छुपाने लेगी.. लेकिन मेरी नजर उनके दूध जैसे गोरे बदन से एक बार भी नही हटी.. उनके चूचे जैसे उछल कूद कर रहे थे जब वो यहां कहा अपने आप को छुपाने के लिए कुछ खोज रही थी.. लेकिन हाए मेरी सासुमा की किस्मत इन्हे कुछ मिल नही रहा था.. या वो इस हालत में नहीं थी की इनके पास ही बिछी हुए चादर को अपने जिस्म पे लपेट देती..
पता नही मुझे क्या हुआ की उनकी और आगे बड़ा.. दोस्तो में पता दू में भी उपर से नंगा था और बस एक टॉवल में अपने लिंग को बाहर आने से छुपा के रखा हुआ था...
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सासुमा ने अपने हाथ से खुद के बड़े बड़े स्तनों को ढकने की नाकाम कोशिश की आखिर इतने बड़े और सुडोल स्तन कैसे उनके पतले और कोमल हाथों में समा जाते.. इतने बड़े स्तन को तो सिर्फ एक मर्द ही अपनी बाहों में छुपा सकता था.. में उनके पास पहुंच गया तो वो शर्म से दूसरी और हो है.. अब सासुमा को कोन समझता की उनके स्तन कुछ हद तक चुप गई थे लेकिन उनकी मक्खन सी चिकनी गोरी पीठ तो पूरी तरह से नंगी थी..
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सासुमाकी कमर ही काफी थी किसी का पानी निकालने के लिए.. मेरी तो हालत ऐसी थी जैसे पहली बार किसी औरत को बिना ब्लाउज के देख रहा था.. सायद क्यों की ये मेरी सास थी...
ये सब देख...दिल हो गया था की अभी के अभी यही पे पटक के चोद दूं लेकिन मैने खुद को संभाला उनके हाथ से गिर चुके उनके ब्लाउज को उठा के बोला.."लीजिए.. मेने उनकी और हाथ आगे जिस से ब्लाउज उनकी गोरी गोरी त्वचा से हल्का हल्का चुने लगा.. मेने देखा सासुमा जैसे मेरे डर से काप रही थी.. मुझे बुरा लगा की मेरी वजह से सासुमा इतना गभरा गई है.. "वो मुझे पता नहीं था आप यहा.." मेने खुद को संभाला और फिर से कहा "आप बाथरूम के चली जाओ कही रश्मि ने हमे देख लिया तो.." और मैने इतना कहा और उसी और मुंह कर आगे चला गया.. और जैसे ही सासुमा को लगा कि में नहीं देख रहा वो अपना ब्लाउज मेरे हाथ से ले ली और भाग के बाथरूम में घुस गई...
में कपड़े पहन के नीचे चला आया.. कुछ देर में दोनों सज धज के नीचे आ गई.. पता नही कैसे मेरी शर्म अब जैसे कहा गायब हो गई में दोनो को बड़े प्यार से देख रहा था.. सासुमा मेरी और देख के शर्म से पानी पानी हो रही थी..
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न जाने मुझे क्या सूझा मेने रश्मि को पकड़ के अपनी और खींचा और उसके गुलाबी होंठ को अपने मुंह से लगा दिया..
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और उसे अपनी बांहों में उठा के बाहर निकल गया.. मेरी सास हैरानी से हमें देख रही थी.. रश्मि पानी पानी हो गई थी अपनी मां के आगे ये सब होने से.. मेने रश्मि को कार के आगे रख के उसके गालों को चूम के कहा "मेरी प्यारी गुड़िया रानी" और हम शादी के लिए निकल गई..
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कुछ देर बाद में खुद को गाली देने लगा कि साले ये सब क्या कर रहा है.. और अपना ध्यान कही पूरी तरह ड्राइविंग पे लगाने लगा... लेकिन पता नही कैसे बार बार मेरी नजर सासुमा की स्लीव लैस ब्लाउज पे चली जाती और मुझे उनके स्तन याद आ जाते...
कुछ इस तरह सासुमा के स्तन बाहर आने को तैयार थे...
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