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Incest मेरी बीवियां, परिवार..…और बहुत लोग…

Should I include a thriller part in the story or continue with Romance only?

  • 1) Have a thriller part

    Votes: 26 50.0%
  • 2) Continue with Romance Only.

    Votes: 29 55.8%

  • Total voters
    52

Mass

Well-Known Member
11,000
23,273
229
अरे वाह भाई


मजा आ गया........लिखते रहो और सौतन को जल्दी ले आओ.................
haha...सही कहा मैडम. हाँ सौतन जल्दी ही आने वाली और कहानी में कामुकता और बढ़ेगा :)

Btw, maine ek poll create kiya hai. Pls vote as per your prefernce. Will take story forward accordingly.

Funlover
 
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Hindi m tum bta do inka matlab
1) kahani mein thoda thrill/रोचक banaaya jaaye
2) कहानी में सिर्फ रोमांस ही हो
 
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Already vote kar diya hai Mass bhai....
Sure, Thanks parkas bhai...i cannot see who has voted which option. it just gives the nos...so, want to wait for 1-2 days and see the result. Accordingly will plan.

parkas
 
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Rajizexy

❣️and let ❣️
Supreme
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54,172
354
19th Update:

वसु: चलो मैं निकलती हूँ और अपनी nighty पेहेन के अपनी गांड मटकाते हुए और अपने चेहरे पे एक हसी के साथ अपने कमरे में चली जाती है मन में ये सोच के की जिस काम के लिए वो यहाँ आयी थी... वो काम हो गया है……

अब आगे..

अगली सुबह सब लोग फ्रेश हो कर अपना काम करते रहते है. मनोज ऑफिस चले जाता है लेकिन जाने से पहले वो वसु को कहता है की एक बार मीना से मिल ले. वसु भी मनोज से कहती है की वो ऑफिस से आने से पहले ही वो अपने घर चले जायेगी और सब का ख्याल रखना और उसे ये भी कहती है की अगले महीने होली है तो वो होली मनाने उसके घर आये.

मनोज: अभी मैं कह नहीं सकता. छूट मिलेगी तो ज़रूर आऊंगा.

वसु: देख लो... अगर तुम सब आओगे तो अच्छा लगेगा. वैसे भी शादी के बाद पहली होली रहेगी.

मनोज: ठीक है दीदी, मैं कोशिश करता हूँ..

वसु फिर सुबह नाश्ता करने के बाद अपने घर निकलने के लिए तैयार हो जाती है. और जैसे मनोज ने कहा था वो जाने से पहले मीना से मिलती है जो किचन में काम कर रही थी. मीना वसु को देख कर... दीदी आप एक बार मेरे कमरे में आना तो वसु भी मीना के साथ उसके कमरे में चली जाती है.

कमरे में पहुंच कर मीना बिस्तर पे बैठ जाती है और वसु भी उसके साथ बिस्तर पे बैठ जाती है और मीना की तरफ देखती है तो वो थोड़ा शर्मा जाती है लेकिन कुछ नहीं कहती. वसु उससे पूछती है की उसने उसे वहां क्यों बुलाया है (वसु जानती थी की मीना ने उसे वहां क्यों बुलाया था) मीना थोड़ा हिचखिचाती है और धीरे से कहती है की कल रात हम दोनों ने बात की है और वो मान गए है. वसु भी समझ जाती है की ये थोड़ा नाज़ुक मामला है तो वो भी हाँ में सर हिला देती है लेकिन कहती है…

वसु: देखो मुझे पता है ये तुम दोनों के लिए पहले थोड़ा कठिन होगा लेकिन ऊपर वाले पे भरोसा रखो. सब ठीक हो जाएगा. मैं एक और बात कहना चाहती हूँ.

मीना क्या?

वसु: यही की कोशिश तुम्हे ही करनी है.

मीना मतलब?

वसु: मतलब ये की जब तुम वहां आओगी तो तुम्हे ही दीपू को अपनी अदाओं से रिझाना होगा और उसे अपने थोड़े करीब लाना होगा. ऐसा मत करना की आते ही तुम सीधा दीपू के ऊपर चढ़ जाओ. उसे बहुत झटका लगेगा और समझ में भी नहीं आएगा... क्यूंकि तुम उसकी मामी हो. जैसे तुम राज़ी हुई वैसे ही तुम उसे राज़ी करो और फिर तुम्हे भी वो ख़ुशी मिलेगी जो शायद मनोज ने ना दिया हो.

मीना मैं तो राज़ी हो गयी हूँ बूत माँ को कैसे समझाऊँ?

वसु: उनको समझाने की ज़रुरत नहीं है. मैंने कल उनसे बात कर ली है और वो भी बात मान गयी है मेरे समझाने से. तुम उनकी चिंता मत करो.

वसु फिर मीना को अपनी बाहों में लेकर उसके कान में धीरे से कहती है की वो भी जल्दी ही दादी बनना चाहती. मीना ये बात सुनकर शर्मा जाती है तो वसु भी प्यार से उसका माथा चूम लेती है और फिर दोनों कमरे से बाहर आ जाते है.

फिर वसु भी अपने घर जाने के लिए तैयार हो जाती है और अपने माँ बाप से बात कर के उनका आशीर्वाद लेकर जाने के लिए होती है तो वो देखती है की कविता बहुत दुखी थी जो वो समझ सकती थी. वसु उसको देखती है और कहती है

वसु: माँ जी एक बार कमरे में आना... मुझे आपसे कुछ बात करनी है. कविता को समझ नहीं आता तो वो भी वसु के साथ उसके कमरे में जाती है. दरवाज़ा बंद कर के वसु कविता को अपनी बाहों में लेकर उसकी आँखें में देखते हुए कहती है तुम दुखी क्यों हो??

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कविता: तू तो चली जा रही है ना..और रोज़ रात को खूब मस्ती करोगी मेरे दीपू के साथ. बुरा मत मानना की दीपू को मैंने “मेरे” कहा है. वसु ये बात सुनकर हस देती है लेकिन कुछ नहीं कहती.

वसु: इसमें क्या है... अगले महीने होली है ना तो तुम सब आ जाओ और फिर खूब मजे करेंगे और हाँ जाने से पहले तुम्हारे लिए मेरी तरफ से ये... और ऐसा कहते हुए अपने होंठ उसके होंठों से जोड़ देती है और एक हाथ से उसकी चूची दबाती है तो दुसरे हाथ से उसकी गांड को मसल देती है. कविता हहह करती है तो वसु उसकी जीभ को अपने मुँह में लेकर पूरा रस निचोड़ लेती है और अपना रस भी उसके मुँह में छोड़ देती है और २ मिन बाद अलग होती है.

वसु:अब ठीक. इसको याद करते हुए अपने आप को गरम रखना और उसको आँख मार देती है. अब अपने आंसूं पोछ लो और चलो बाहर .

कविता: सुन मैं देखना चाहती हूँ की जल्दी से तेरी गोद में एक नन्हा मुन्हा आ जाए. वसु ये बात सुनकर थोड़ा शर्मा जाती है लेकिन कहती है की उसका तो पता नहीं लेकिन मैं ये भी चाहती हूँ की तुम जल्दी ही नानी बन जाओ. ठीक है और दोनों फिर हस्ते हुए बाहर आ जाते है.

वसु फिर अपने घर निकल जाती है और दोनों मीना और कविता के मन में ढेर साड़ी बातें छोड़ के जाती है की आगे क्या और कैसे होने वाला है.

२- ३ घंटे बाद वसु अपने घर पहुँच जाती है. उस वक़्त दोपहर हो गया था. घर में दिव्या और निशा थे. दीपू अपने काम के लिए निकल गया था. वसु को वापस देख कर दोनों बहुत खुश हो जाते है.

निशा: क्यों माँ.. नानी के घर गयी थी लेकिन एक बार भी फ़ोन नहीं किया.

वसु: बेटा थोड़ा काम था तो मुझे समय नहीं मिला तो तुझे फ़ोन नहीं कर पायी. दिव्या: वैसे दीदी वहां क्यों गयी थी और क्या काम आ गया था?

निशा: क्या काम था? वसु को लगता है की वहां की बात अभी निशा को बताना सही है है तो वो कुछ बहाना बना कर उस बात को फिलहाल निशा से टाल देती है और फिर अपने कमरे में जाकर आराम करने लगती है.

वसु बिस्तर पे लेटी रहती है तो फिर वहां दिव्या भी आ जाती है और उसके बगल में सो जाती है. वसु दिव्या को देख कर तूने तो ये २ दिन बहुत मजे किये होंगे ना.

दिव्या:क्या दीदी तुम भी.. २ दिन से उसने ठीक से सोने भी नहीं दिया. खूब पेला मुझे. मैं थोड़ा मना करती भी रही लेकिन जनाब कहाँ सुनने वाला था. कल दोपहर को ऑफिस से जल्दी आ गया था तो दोपहर में ही १ घंटे खूब चोदा और फिर रात को तो तुम्हे भी पता चल गया ना. फ़ोन पे तुमसे बात कर रहा था और मेरी ले रहा था.

वसु: लेकिन तुझे मजा भी तो बहुत आया होगा ना.

दिव्या: हां दीदी दर्द के साथ बहुत मजा भी आया और उसी को याद करते हुए देखो ना.. और ऐसा कहते हुए वो वसु का हाथ अपने चूची पे रख कर देखो कैसे मेरे निप्पल भी तन गए है और मेरी पैंटी भी पूरी गीली हो गयी है. वसु भी दिव्या की तरफ देखती है तो उसकी आँखों में भी बहुत वासना नज़र आया तो वो झुक कर दिव्या के होंठ चूम लेती है जिसमें दिव्या भी उसका पूरा साथ देती है.

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दोनों एक दुसरे के होंठ चूसते हुए अपने हाथ को भी काम में लाते है और फिर दोनों ही जल्दी ही नंगी हो कर एक दुसरे को मजा देते है. दोनों से रहा नहीं जाता तो दोनों ही जल्दी से 69 पोजीशन में आकर दोनों एक दुसरे की चूत चाटते हुए दोनों एक दुसरे को थोड़ा शांत करते है और दोनों जल्दी ही झड जाते है.

दिव्या: अच्छा किया जो तुमने मेरा अभी पानी निकल दिया. आज रात को तो मैं जल्दी ही सो जाऊँगी. तुम ही अपने पति को संभाल लेना आज और हस देती है और फिर थोड़ी देर बाद दोनों ऐसी ही घर की बातें करते है.

वसु: अच्छा सुन तुझे एक बात बतानी है.

दिव्या: बोलो ना दीदी क्या बात है.

वसु: बात ये है की शायद तेरी एक और सौतन आने वाली है.

दिव्या ये बात सुनकर एकदम चक्र जाती है और पूछती है की कौन?

वसु: मैं अभी तो बता नहीं सकती लेकिन कुछ दिनों में तुझे ही पता चल जाएगा. अगले महीने होली है तो मैंने उन सब को यहां आने को कहा है तो शायद वो लोग यहां आएंगे.

दिव्या: फिर भी बताओ ना..

वसु: अरे थोड़ा सबर रख. जैसे मैंने कहा तुझे ही पता चल जाएगा. अब और ज़्यादा बात नहीं. दोनों थक गए है तो आराम करते है.. वैसे भी रात को आज सोने में समय लग जाएगा. वसु उसे आँख मार देती है और फिर दोनों सो जाते है.

वहीँ दीपू और दिनेश अपने काम में थोड़ा बिजी रहते है और अपने दूकान में क्या कमी है और क्या चाहिए और अपने बिज़नेस को कैसे आगे बढ़ाना है यही सब सोचते हुए काम करते है और ऋतू से भी इस बारे में बात करते है.

दीपू आज थोड़ा जल्दी घर जाना चाहता था क्यूंकि वसु जो घर आ गयी थी. दीपू: यार दिनेश आज मैं थोड़ा जल्दी घर जा रहा हूँ... माँ आ गयी है नानी के घर से. दिनेश उसकी टांग खींचते हुए.. बोल ना बीवी घर आ गयी है तो जाना है और हस देता है. दीपू: दीपू भी उसी लय में जवाब देते हुए..साले जब तेरी शादी तो तू तो अपना बिज़नेस भी भूल जाएगा और बीवी के साथ ही चिपका रहेगा.. और वो भी हस देता है. दोनों ही ऐसी मजाक बातें करते रहते है और फिर दीपू भी आज जल्दी घर निकल जाता है.

दीपू जब घर आता है तो तब तक वसु भी उठ जाती है लेकिन दीपू वसु को देख कर एक मस्त सीटी मारता है क्यूंकि वो इतनी सेक्सी लग रही थी की उसको देख सीटी मारे बिना नहीं रह सका.

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होठों पे लाल लिपस्टिक, एकदम टाइट ब्लाउज जिसमें से उसकी चूचियां बाहर आने को तड़प रही हो. साडी इतना नीचे बाँधा की उसकी गोल और गहरी नाभि भी नज़र आ रही थी और उसे देख कर कहता है की रात तक रहना मुश्किल है और वो देखता है की फिलहाल वहां पर कोई नहीं है तो जाकर वसु को अपनी बाहों में लेकर एक ज़बरदस्त किस उसके होंठों पे करता है जिसमें वसु भी उसका साथ देती है. २ min बाद दोनों अलग होते है तो वसु कहती है.. क्या कर रहा है.. दिव्या और निशा भी घर में ही है. इतने में निशा भी आ जाती है और कहती है क्या चल रहा है..

दीपू: तू देख नहीं रही है... मैं अपनी बीवी के साथ हूँ. जब तेरी शादी होगी ना तो तू दिनेश को शायद ऑफिस भी नहीं आने देगी.. रोज़ उसे अपने बाहों में छुपा रखेगी और हस देता है तो निशा भी ये बात सुनकर शर्मा जाती है. वसु भी इस बात पे हस देती है और दीपू को अलग कर देती है.

फिर सब मिलकर चाय पीते है तो दीपू वसु से पूछता है की वो नानी के घर क्यों गया था.

निशा: मैंने भी माँ से पुछा था तो कुछ नहीं बताया.

वसु: अरे ऐसे ही कुछ छोटा मोटा काम था तो बुलाया था मुझे. इस बात पे और ज़्यादा बात नहीं होता और फिर पूरा शाम और रात ऐसे ही गुज़र जाता है.

रात को खाना खाने के बाद वसु और दिव्या किचन और घर साफ़ कर के कमरे में आते है तो दीपू उनका ही इंतज़ार कर रहा था. दिव्या दीपू को देख कर कहती है की आज उसे परेशान ना करे और २ दिन से उसका मूसल वो झेल रही है और बहुत थक भी गयी है. दीपू हस देता है और कहता है की थका देता है लेकिन मजे भी तो देता है ना. दिव्या भी हाँ कहती है लेकिन आज उसे बक्शने को कहती है.

इतने में वसु भी अपनी गांड मटकाते हुए बिस्तर पे दीपू के पास आती है और कहती है की आज दिव्या को सो जाने दो. दीपू उसे बाहों में भर लेता है और कहता है की शाम से तुमने मेरा लंड खड़ा कर के रखा है. आज तो तुम्हारी पूरी कसरत निकाल दूंगा. क्यों क्या कहती हो?

वसु: ठीक है और फिर दिव्या को देख कर उसे भी दीपू के पास बुलाती है तो दिव्या भी दीपू से सात के सो जाती है. वसु दोनों से: सुनो मुझे तुम दोनों से कुछ बात करनी है जो मैं निशा के सामने नहीं करना चाहती थी. वसु की सीरियस tone सुन कर दोनों उसकी तरफ देखते है की शायद मामला कुछ गड़बड़ है.

दीपू: क्या हुआ?

वसु: यही की मैं वहाँ क्यों गयी थी बताना चाहती हूँ और उससे ज़्यादा की उसने वहां क्या कहा है...

वसु फिर दोनों को वहाँ जाने की बात बताती है और कैसे मीना को लोगों ने insult किया है बाँझ बोल कर और वो कितना दुखी है.

दीपू: हम्म्म... बात तो सही है. उसके साथ अच्छा नहीं हुआ है.

वसु: मैंने उन्हें इस बात को सुलझाने के लिए उपाय भी बताया है.

दिव्या: क्या उपाय?

वसु दीपू की तरफ देखती है और उसके लंड को पकड़ कर.. इस मूसल को काम पे लगा और बताना की ये क्या क्या कर सकता है. दीपू को थोड़ा एहसास होता है की वसु क्या कहना चा रही है लेकिन फिर भी पूछता है की उसे क्या करना है.

वसु: अरे मेरे बुद्धू पतिदेव तुझे ही मीना को वो सुख देना है जो मनोज नहीं दे पा रहा है और तुझे ही उसे माँ बनाना है.

वसु की ये बात सुनकर दोनों चकरा जाते है ख़ास कर के दिव्या जो अपने मुँह पे हाथ रख कर कहती है... क्या कह रही हो दीदी? ये कैसे हो सकता है? मनोज कैसे मानेगा?

वसु: ये वैसे ही हो सकता है जैसे की उसने हम दोनों से शादी कर के अपनी बीवियां बनाया है. रिश्ते में तो हम इसके माँ और मौसी है लेकिन अब इसकी पत्नियां है.

दीपू हस देता है और कहता है की मनोज कैसे मानेगा?

वसु: मैंने दोनों से बात की है और फिर आज सुबह यहां आने से पहले मीना ने बताया की उन दोनों ने इस बात पे बात की है और वो भी तैयार है और उसे आँख मार देती है.

वसु: एक और बात.. मैंने मीना से कह दिया है की पहल उसको ही करना है और वो ही तुझे रिझाये. ऐसा मर करना की मैंने तुम्हे ये बात बतायी है तो उसे देखते ही उस पर छड़ जाओ. वो फिर वासना का खेल जो जाएगा जो मैं नहीं चाहती. ठीक है?

दीपू: हम्म्म... बात तो तुम्हारी सही है.

वसु: वैसे भी मैंने तुझे बताया था ना की जब तू छोटा था तो बाबा ने क्या कहा था? तू बहुत बच्चों का बाप बनने वाला है और तेरी और भी बीवियां होगी. शायद उनकी बात सच हो रही है. वो लोग अगले महीने होली पे शायद यहां आएंगे. देखते है फिर क्या होता है.

दिव्या दीपू के छाती पे एक मुक्का मार कर.. तेरे तो मजे ही मजे है. वैसे तू मुझे कब माँ बना रहा है?

दीपू: तुम कहो तो आज ही करता हूँ. तुम ही कहती हो की थक जाती हो तो मैं क्या करून और दिव्या के होंठ चूम लेता है. दीपू दोनों को देख कर.. जल्दी ही मुझे बाप बनना है. तुम लोगों को माँ नहीं बनना है क्या?

दोनों वसु और दिव्या एक साथ: हाँ.

वसु: मैं चाहती हूँ की पहले दिव्या पेट से हो जाए. क्यूंकि अगर दोनों एक साथ हो गए तो फिर तेरे इस मूसल को कौन संभालेगा? दोनों पेट से एक साथ हो गए तो तुझे काफी दिन सूखा रहना पड़ेगा.

दीपू: दोनों की तरफ देख कर.. अगर चूत नहीं है तो क्या हुआ? दोनों की गांड तो मैं मार ही सकता हूँ ना. दोनों ये बात सुनकर एकदम शर्मा जाते है.

वसु: वैसे दिव्या के साथ मीना भी पेट से हो जायेगी तो उसे भी अच्छा लगेगा.

दिव्या: उसको फिर से प्यार से मारते हुए.. तू बहुत बिगड़ रहा है. दीपू दिव्या का हाथ पकड़ कर अपने लंड पे रखते हुए.. अगर ये बिगड़ गया है तो इसे संभालना तुम्हारा ही काम है ना...

दिव्या: आज तो दीदी ही इसे संभालेगी. मैं तो सो रही हूँ और वो हट कर बगल में सोने की कोशिश करती है. दीपू वसु को अपनी गोद में बिठा लेता है और कहता है दिव्या से पहले तुझे कर दूँ तो... और ऐसा कहते हुए दीपू वसु के होंठ चूमता है तो वसु भी उसका साथ देती है.

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५ मं तक दोनों एक दुसरे का रस निचोड़ कर आदान प्रदान करते है. जब दोनों अलग होते है तो गहरी सांसें लेने लगते है.

दीपू वसु की आँखों में देख कर: मुझे तुम्हारे दूध पीना है.

वसु: फिलहाल तो इसमें दूध नहीं आता लेकिन ये लो और अपना ब्लाउज निकल कर अपना एक चूची उसके मुँह में दे देती है जिसे दीपू बड़े चाव से पीना लगता है.

दीपू एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसते रहता है तो दुसरे हाथ से दुसरे चूची को ज़ोर से दबाता है. वसु को भी बहुत मजा आ रहा था और आंहें भरते हुए ही अपना पानी छोड़ देती है और पहली बार झड जाती है. और फिर थोड़ी देर बाद दीपू वसु को पूरा नंगा कर के बिस्तर पे लिटा था है और फिर उसकी कमर नाभि जांघ को चूमते हुए एकदम गीली और रसीली चूत पे आता है जो पहले से ही पानी बहा रही थी.

दीपू: आज तो पूरा पानी पी जाऊँगा...

वसु: पी जाओ ना... तुम्हारे लिए ही तो ये पानी बह रहा है. और फिर दीपू भी बड़ी शिददत से वसु की चूत चाटता है ऊपर से नीचे तक और जब वो अपनी जीब उसकी गांड की छेद पे लाता है तो वसु को एकदम से झुरझुरी होती है और अपना हाथ वसु के सर के ऊपर रख कर उसे अपनी चूत पे पूरा दबा देती है. दीपू भी मस्त हो कर उसकी चूत को चूसते रहता है और एक हाथ से उसकी चूची को भी दबाते रहता है.

५- ७ min तक दीपू वसु को बहुत मजा देता है जिसमें वसु पता नहीं कितना पानी निकालती है जिसे दीपू पूरा पी जाता है. दीपू: चलो अब अपने मूसल को तैयार करो ताकि अभी तुम्हारी सेवा कर सके और जैसा तुमने कहा था आगे जा कर मीना की भी सेवा करने वाला है और आँख मार देता है.

वसु भी फिर बड़ी शिददत से दीपू का पूरा लंड एक बार में ही पूरा जड़ तक ले लेती है और दीपू तो मानो जन्नत में पहुँच गया था. वसु भी लंड को मस्त चूसती है और अपने थूक से उसे पूरा गीला कर देती है जो एक सांप की तरह पूरा खडा हो गया था और पूरे जोश में दिख रहा था. ऐसा सांप जिसे अब बिल में घुसने के सिवा और कोई चारा नहीं था. वसु दीपू के खड़े लंड को देख कर वो भी थोड़ा दर जाती है की इतना बड़ा और खतरनाक लग रहा है.

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दीपू फिर बिस्तर पे लेटते हुए ही वसु को अपने लंड पे बिठा लेता है और एक फक की आवाज़ से उसका लंड पूरा एक ही बार में चूत की जड़ तक घुसा देता है. वसु भी आह्ह आह्ह करते हुए लंड पे बैठ जाती है और फिर ऊपर नीचे होने लगती है और दीपू भी उसकी मस्त और तानी हुई चूचियां को पकड़ कर दबाते हुए उसे चोदते रहता है. वसु को भी इसमें बहुत मजा आ रहा था और वो भी ज़ोर ज़ोर से आंहें भर्ती रहती है.

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काफी देर तक उसे ऐसे चोदने के बाद उसे घोड़ी बना देता है और पूरा लंड फिर से एक बार में ही पूरा घुसा देता है. वसु की तो जैसे जान ही निकल गयी थी.

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दीपू झुक कर उसकी चुकी दबाते हुए चोदने लगता है. इस चुदाई में अब बिस्तर पे भी हलचल होती है जिससे दिव्या की नींद टूट जाती है और वो पलट कर दोनों को देखती है तो वो भी उत्तेजित हो जाती है.

दिव्या दीपू से: क्यों रे अब तक लगे हो.. तकरीबन एक घंटा हो गया है और तू तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है.

वसु को देखते हुए... दीदी बताया था ना आज तुम्हारी हड्डी पसली एक कर देगा. वसु भी अब पूरे पसीने में थी और दिव्या को देख कर कहती है.. चुप कर.. ये एक घंटे से लगा हुआ है और तुझे मजा आ रहा है. चल इधर एक बार मेरे पास आ.. दिव्या उठ कर वसु के पास जाती है तो वसु उसको पकड़ कर उसके होंठ चूमती है और उसकी जीभ को लेकर अपने मुँह में ले लेती है. अब दिव्या भी गरम हो रही थी और वो भी वसु का साथ देती है. दीपू उन दोनों को देख कर और बावला हो जाता है और तेज़ तेज़ वसु को चोदने लगता है. वसु की तो अब जैसे जान ही निकल रही थी.

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वसु भी थक जाती है तो इस बार दीपू दिव्या को अपने नीचे लेता है और अब वो उसे चोदने लग जाता है. वसु बेचारी बगल में लेट कर अपनी सांसें संभालने में लगी रहती है. १० मं तक दिव्या को मस्त चोदने में ना जाने कितनी बार दिव्या भी झड जाती है और फिर दीपू भी नज़दीक आ जाता है और कहता है की उसका भी होने वाला है. दिव्या: हमें आज तुम्हारा रस पीना है. कुछ दिन और ठहर जाओ... हम दोनों के अंदर डालने के लिए. फिर दोनों वसु और दिव्या दीपू का लंड मुँह में लेकर चूसते है और देखते ही देखते दीपू भी अपना पानी निकाल लेता है और दोनों के मुँह में भर देता है जिसे वो बड़ी चाव से पी लेते है. कुछ बूंदे उनकी चूचियों भी गिर जाता है तो दोनों एक दुसरे की चुकी को चूसते हुए वो भी निगल लेते है और फिर तीनो थक हार के बिस्तर पे लुढ़क जाते है.

उनको पता नहीं होता लेकिन निशा भी बाहर दरवाज़े पे खड़ी हो कर उनकी आवाज़ें सुनती है और अपनी चूत मसलते हुए सोचती है... जल्दी ही मेरी शादी भी हो जाए और दिनेश भी मुझे ऐसे ही चोदे....

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वहीँ दूसरी तरफ मीना सोते हुए सोचती है की जब वो वहां जायेगी तो सब कैसे होगा... और कविता भी वसु के साथ बिताये पल को याद करते हुए अपनी चूत मसलती है और सोचती है जब वो वहां जायेगी तो दीपू, वसु और दिव्या से कैसे नज़रें मिलाएगी और क्या होगा....
Super dupr sexyyy gazab update
💦💦💦💦💦
👌👌👌👌
💯💯💯
Lagta hai Kavita bhi shamil hone wali hai love game mein.
Awesome writing skills ✅
 

Mass

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Super dupr sexyyy gazab update
💦💦💦💦💦
👌👌👌👌
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Lagta hai Kavita bhi shamil hone wali hai love game mein.
Awesome writing skills ✅
Sahi farmaaya hai Madam...btw, maine ek poll create kiya hai. Pls vote. Thank you.

Rajizexy
 

Napster

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Thank for the wonderful feedback Bhai. Maine ek poll create kiya hai. Pls vote and let me know your preference.

Napster
व्होट कर दिया हैं भाई
कुछ रोमांचकता भी कहानी में जुड जायें तो फिर सोने पे सुहागा वाला काम हो जायेगा
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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