Update 3
ललित नवीन की बात सुन उसे थोड़ा राहत मिलती है और फिर वह भी एक बनावटी स्माइल देकर हसने लगता है।
इधर कोमल एक बार पूरी क्लास पर अपनी नजर दौड़ती है और फिर प्रजेंटी लेने लगती है और उसके बाद वह अपना सब्जेक्ट इंग्लिश पढ़ाने लगती है।
अब आगे –
कोमल अपनी क्लास को खत्म कर चली जाती है हां जाने से पहले वह एक बार हिमानी के बारे जरूर पूछती है।
कोमल–रीतू हिमानी नही दिख रही है, क्या आज वह स्कूल नही आई है? क्या कोई प्राब्लम है?
रीतू–मैम उसने मुझे आज ना आने के बारे में कुछ भी नही बताया था।
कोमल–ओ अच्छा (थोड़ा उदास होते हुए) दरसल हिमानी कोमल की पसंददिदा स्टूडेंट थी और हो भी क्यूं ना हिमानी एक ऐसा कैरेक्टर जो ढूढने से भी नही मिलता और कोमल की फेवरेट होने का एक और रीजन था क्यूंकि कोमल हिमानी में अपना बचपना देखती थी हिमानी पूरी क्लास में सबसे सुंदर लड़की थी और इसके साथ ही वह पढ़ने में भी बहुत तेज़ भी किसी जमाने में कोमल भी उसी की तरह अपने क्लास की सबसे सुंदर लड़की हुआ करती थी और पढ़ाई में तो उसने हमेशा टॉप किया था लेकिन एक बात थी जो इन दोनो में थोड़ा अलग था और वो ये जहां हिमानी बहुत ही शांत स्वभाव की लड़की थी वही कोमल चुलबुली हुआ करती थी और इसी कारण वह अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों काफी चर्चित हुआ करती थी। खैर उसके बाद कोमल बाहर निकल जाती है और उसके निकलते ही रजत अपनी सीट बदल देता है ऐसा वो रोजाना करता था वो कोमल के लिए आगे बैठता और जैसे ही उसकी क्लास खत्म होती तो वो अपनी पसंददीदा जगह पर ही जाकर बैठता और उसकी पसंदीदा जगह उस क्लास की लास्ट बेंच थी जिस पर दो लड़के हमेशा बैठे होते और वो भी रजत के आने का ही इंतजार किया करते।
चिराग और चीनू ये दो लड़के रजत के बेस्ट फ्रेंड थे ये दोनो भी एक साधारण परिवार से ही आते थे इनके परिवार का विवरण तब ही दिया जाएगा जब उसकी जरूरत होगी।
रजत–अबे चोमू कल तू प्ले ग्राउंड क्यूं नही आया हम सब तेरा ही इंतजार कर रहे थे साले तेरी वजह से ही हम कल का मैच हार गए और वो मादरचोद बाजपेई साले को खेलने को नही मिला तो जान बुझ कर कैचेज छोड़ रहा था उसके जैसा मक्कार आदमी नही देखा अरे भाई हम लोग कोई मजे के लिए तो नही खेल रहे थे आखिर कल टूर्नामेंट था लेकिन बहन चोद को खेलने को नही मिला तो फील्डिंग में गद्दारी कर गया।
चिराग–मैं तो तेरे से पहले ही कह रहा था इस मादरचोद बाजपेई और रघू पे भरोसा नही कर सकते तूने देखा नही रघु की बोलिंग कितनी गंदी थी साला हर एक ओवर में पिट रहा था।
रजत–अब क्या करे ये सब इन जनाब की वजह से हुआ अगर ये आया होता तो बोलिंग ये संभालता और फील्डिंग हम दोनो वैसे अभी तक तूने बताया नही तू आया क्यूं नही था।
चीनू–यार कल लड़के वाले दीदी को देखने आए थे जिसकी वजह से नही आ सका मैं तो तुम लोगो को भी बुलाना चाहता था लेकिन मुझे पता था कल का क्रिकेट इंपॉर्टेंट है इसलिए फिर मैने तुम दोनो को नही बुलाया लेकिन अगर मुझे मालूम होता मेरा होना इतना जरूरी है तो फिर मैं कैसे भी करके आने की पूरी कोशिश करता।
अभी ये सभी आपस में बाते कर ही रहे थे की रागिनी मैम अंदर आ जाती है रागिनी मैम इस स्कूल की दूसरी बोल्ड टीचर इनकी तारीफ जितनी की जाए उतना ही कम है और आज तो शायद ये अपनी क्लास लेने नही बल्कि बच्चो की गांड़ फाड़ने आई थी क्यूंकि आज उसने एक ब्लैक कॉलर की साड़ी पहनी हुई थी और उसके साथ ही स्लीवलेस ब्लैक ब्लाउज जिसमे वो बिल्कुल काम वासना से लिपटी कोई अप्सरा नजर आ रही थी इसकी चूचियां कोमल की चुचियों से बड़ी थी और इसका जिस्म भी थोड़ा गदराया भी था और इसका सबसे आकर्षक अंग इसकी हाहाकारी गांड़ जो बाहर को निकली हुई थी और जब ये चलती तो वह ऐसे हिलती जैसे "रज्जो का कोठा"
रागिनी मैथ की टीचर थी उसके आते ही पूरी क्लास में खामोशी छा जाती है और सब उसे ही ताड़ने लगते है अभी कुछ देर पहले ही जो लण्ड थोड़े बहुत ढीले पड़े होंगे वो एक बार फिर से अपना सर उठाने लगे और फिर आज की तरह सारे लड़के रागिनी के गदराए जिस्म को देख वह कोमल के जिस्म से तुलना करने लगे वह सभी अपने मन में दोनो को नंगा कर सोचने लगे की कौन सबसे मस्त दिखता होगा ओबियस ज्यादा वोट तो कोमल के ही पछ में गिरने वाले थे पर अभी शायद रागिनी को देखने की जरूरत सभी को थी मानो जैसे वो कोई अमृत दश्य हो जिसे देखने से सुकून मिलता हो हां सही कहां सुकून ही तो मिलता है देखने वाले को भी और दिखाने वाले को भी
यहां अपना रजत भी कैसे शांत रहता वो भी आंखे फाड़े अपनी रागिनी मैम के जलवे देख हैरान था रागिनी के आगे की घुराली लटे उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे रागिनी जिसकी उम्र अभी 25 वर्ष थी वह खुद भी किसी भी तरह से टीचर नही बल्कि उनकी ही क्लास की कोई सहछात्रा ही दिख रही थी।
इधर जब रागिनी ने देखा की क्लास के सारे ही लड़के बस उसे ही ताड़ रहे है तो वो अंदर ही अंदर बहुत खुश हो जाती है और अपने मन सोचने लगती है।
वाह रागिनी देख ये लड़के कैसे तुछे ताड़ रहे है देख रही है इनकी नजरे तेरे किन किन को अब तक तो ना जाने कितनी बार नंगा कर चुके होंगे और फिर रागिनी एक बार नवीन और रजत को अच्छी तरह से देखती है तो पाती है की वो दोनो भी बस उसे ही घूरे जा रहे थे जिसे देख रागिनी अंदर ही अंदर सिहर जाती है और उसके चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान आ जाती है।
इसके कुछ देर बाद रागिनी अपना सब्जेक्ट रिवीजन करवाती है आज उसका मन पढ़ाने में बिल्कुल भी नही था वह पहले लड़कियों के पास जाकर उन्हें कुछ क्वेश्चन देती है जिन्हे उनको सॉल्व करना था और उसके बाद वो कुछ क्वेश्चन लडको को देती है क्वेश्चन दोनो ही पछ के हार्ड थे जिनको आसानी से तो नहीं सोल्ब किया जा सकता था लेकिन कुछ बच्चे थे जो पढ़ने में थोड़ा होशियार थे जिन्होंने जल्द ही उन सभी क्वेश्चन के हल जल्दी से खोज निकाले नवीन जिसको ये क्वेश्चन नही आते थे लेकिन उसने रागिनी का दिल जीतने के लिए चीटिंग करली और इधर रजत उसके भी 2 ही क्वेश्चन सॉल्व हुए थे जब रागिनी सभी की नोटबुक चेक करने को उनके पास जाती और झुककर उनकी नोटबुक देखती तो उसकी चूचियां नीचे को लटक जाती और रागिनी के बड़े क्लीवेज से उसके चूचियों की बड़ी सी घाटी अच्छे से दिखने लगती लेकिन रागिनी तो अच्छे से जानती थी और वह तो खुद ऐसा ही चाहती थी वह बस चोर नज़रों से उनकी नजरों को देखती और फिर झूठा गुस्सा दिखाते हुए आगे बढ़ जाती ऐसे ही जब वह नवीन के पास आई तब नवीन ने भी अपनी नजरे उसकी चूचियों में ही गड़ा दिया और वह उसकी चुचियों को घूरते हुए अपने होंठो पर जीभ फेरने लगा जिसे देख रागिनी बस शांती से कभी कभी उसकी नजरों को देखती वह अभी नवीन के लिए थोड़ा परेशान थी उसने नवीन पर अपना गुस्सा तो जाहिर नही किया क्यूंकि वह जानती थी नवीन एक बड़ी हस्ती है और उसे ऐसे डायरेक्ट ओफेंड करना सही नहीं था इसके बाद वह वहां से रजत की ओर आती है और रजत की टेबल के पास आके खड़ी हो जाती है।
वही रजत को जैसे आभास होता है तो वह भी अपनी गर्दन उठाने लगता है लेकिन अभी वह अपनी गर्दन उठा कर रागिनी की नजरों से मिलाता उससे पहले ही उसकी नजर एक जगह पर आके ठहर गई दरसल रागिनी जब नवीन के पास से आई तो उसकी साड़ी उसके पेट से हट गई और उसकी गहरी नाभी दिखने लगी जो अभी रजत की बिल्कुल आंखो के सामने और उसके बहुत ही करीब थी जिसे देख वह बुत ही बन गया वही चिराग और चीनू अभी अपनी नोटबुक में लगे हुए थे वो दोनो ही डरे से लग रहे थे और इसीलिए अपनी नजरे ऊपर नही कर पा रहे थे वो जानते थे की अगर उन दोनो ने मैम से नजरे मिलाई तो मैम जरूर उनसे पूछ बैठेंगी जबकि अगर वो ऐसे ही बैठे रहे तो मैम उनको छोड़ आगे बढ़ जाएगी।
लेकिन यहां तो शीन ही अलग था रजत रागिनी की नाभी में ऐसे खो गया था जैसे वह गहरे संदर में उतर गया हो और जब रागिनी ने रजत की नजरों का पीछा किया तो उसके चेहरे पर हैरानी के साथ मुस्कान आए बिना रह ना पाई और मन में सोचने लगी।
रागिनी (अपने मन में) ये भी नहीं रजत मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी और देखो तो कैसे मेरे नंगे पेट को देख रहा है मतलब ये भी सभी की तरह ही है।
रजत (अपने मन में) यार ये मैम को भगवान ने कितना मस्त बनाया है देखो तो कोई इनकी खूबसूरती पर नजर ना लगा सके इसलिए भगवान ने मैम की कमर पर काला तिल भी दे दिया ये कितना खूबसूरत है काश मैम अपनी कमर में कमर चैन और पहन ले तो कितनी मस्त दिखे।
इधर जब रागिनी रजत की नजरों को बर्दाश्त नहीं कर पाती तो वह वहां से हट कर फिर से लड़कियों की ओर बढ़ जाती है और उनकी नोटबुक चेक करने चली जाती है लेकिन फिर अचनाक ही वह एक बार मुडकर देखती है तो पाती है की रजत अपनी नोटबुक में झुकापड़ा है जिसे देख रागिनी अपने सर पर हल्के से हांथ मारती है और हस पड़ती है और उसके मुंह से बस इतना ही निकलता है (बुद्धू)
और फिर ऐसे ही पूरा दिन निकल जाता है स्कूल की लीव के बाद कोमल और रजत फिर से एक ही स्कूटी में बैठकर अपने घर की ओर निकल पड़ते है।