Next time I will try. Koi aur Kami lag Rahi ho to wo bhi bta do. Tabhi achi story likh paaunga.Vai maaf karna,,but apke update mai mazaa nehi ayaa...kyunki Maa ko itni jaldi sex nehi karna tha...yadij sex Kiya toh sex mai foreplay,,oral sex acchi tarah se hone chaiye thaa...but kya kare app writer ho mai nhii
Aur koi kamii nehi hai bro...bass Maa gharelu desi type sanskari aurat honi chahiye...aur beta se itnaa vi daldi na pat jayee wo vi chudai keiliye...aur third party ko Matt ghusana story mai,,,kyun ki story incest se adultery ho jayega... ThankyouNext time I will try. Koi aur Kami lag Rahi ho to wo bhi bta do. Tabhi achi story likh paaunga.
Nice update broअगले दिन हम पूरे जोश और उत्साह से कॉलेज गए। हस्त मैथुन के बाद मन में जो कुंठा थी अब वह खत्म हो गई। वापस घर आकर हम रात को बेड पर दोनो बैठे बात कर रहे थे तभी मम्मी सोने से पहले हमारे कमरे में आकर हमे दूध दिया।
मम्मी – और कोई काम है तो बताओ नही तो मैं सोने जा रही हूं।
मैं – मम्मी क्या आप आज फिर से वो कर दोगी।
मम्मी मेरी बात समझ गई और हमारे पास आकर कहने लगी।
मम्मी – देखो बेटा में जानती हु कि हस्त मैथुन करना चाहिए और इसमें तुमको मजा आता है ,पर रोज करने की आदत खराब होती है। ये तुम्हारे शरीर और मन दोनो को नुकसान देगी। अब तुम दोनो मेरी बात मानकर फिर से अपने आप पर संयम रखना सीखो और पढ़ाई पर ध्यान दो।
मैं और सूरज – ठीक है मम्मी आप जैसा कहेंगी हम वैसा ही करेंगे। इस बार हम अच्छे मार्क्स से पास होंगे।
मम्मी – शबाश बेटा मुझे तुम दोनो से यही उम्मीद थी। अगर तुम दोनो अच्छे नंबर से पास हुए तो मैं तुम दोनो को जरूर खुश करूंगी।
मैं – मम्मी अगर आप फिर से हमे खुश करेंगी तो हम जरूर अच्छे नंबर से पास होंगे। क्यों सूरज।
सूरज – हां मम्मी।
एक महीने बाद हमारे पेपर शुरू हो गए। हमने जमकर मेहनत की और इस बार अच्छे से पेपर दिए। रिज़ल्ट का दिन करीब आया मन में डर और उत्सुकता का भाव उमड़ने लगा। यदि हम अच्छे नंबर से पास नही हुए तो हमे कुछ नही मिलने वाला। रिज़ल्ट के दिन हमने अपना रिजल्ट चेक किया तो हमे यकीन नही हुआ। सूरज ने पहला और मैने दूसरा स्थान प्राप्त किया। हम जल्दी घर जाकर मम्मी को यह गुड न्यूज देना चाहते थे।
मैं – मम्मी कहा हो आप।
मम्मी – हां बेटा कैसा रहा तुम दोनो का रिजल्ट।
मै – हम दोनो ने कॉलेज में टॉप किया है।
मम्मी – सच मे बेटा। मुझे यकीन था तुम दोनो अच्छे नंबर से पास होंगे। आज रात तुम दोनो को तुम्हारा इनाम मिलेगा। तुम दोनो ने पढ़ाई के साथ साथ अपने उपर अच्छा नियंत्रण रखा।
मैं – मम्मी अभी कर दीजिए ना।
मम्मी – जब इतने दिन रुके तो क्या कुछ घंटे और नही रुक सकते। अगर इतनी ही जल्दी है तो खुद अपने हाथ से कर लो।
मैं – नही मम्मी आप के हाथो से अलग मजा आता है। क्यूं सही कहा ना सूरज।
सूरज – हां मम्मी। पर मेरी एक इच्छा थी क्या आप उसे पूरी कर सकती है मम्मी।
मम्मी – कैसी इच्छा बेटा । मैं अपने बच्चे की हर इच्छा पूरी करूंगी।
सूरज – मम्मी क्या आप अच्छी तरह तैयार हो सकती है जैसे शादी में होती है।
मम्मी को सूरज की बात पर हंसी आ गई।
मम्मी – ओह तो मेरे बच्चे को मुझे सजा संवरा देखना है। ठीक है बेटा ।
सूरज – मम्मी आज आप घर का कोई काम मत करो आप पार्लर हो आओ।
मम्मी – अरे बेटा में घर पर तैयार हो जाऊंगी।
मैं – नही मम्मी सूरज सूरज सही कह रहा है आप पार्लर जाकर अच्छे से तैयार हो जाओ।
फिर मम्मी पार्लर के लिए निकल गई। मम्मी ने फेशियल , फुल बॉडी वैक्सिंग , मेनीक्योर और पेडीक्योर कराया। मम्मी ने अपने हाथो में कोहनी तक मेहंदी भी लगवाई। मम्मी को पार्लर में पांच घंटे लगे। फिर घर आकर उन्होंने उन्होंने अपने कमरे में अच्छी सी हरे रंग की सारी पहनी। आज फिर मम्मी ने सोलह श्रृंगार कर मोहिनी रूप धारण किया। दो घंटे बाद भी मम्मी कमरे से बाहर नही निकली।
मैं – मम्मी और कितना टाइम लगेगा।
मम्मी – बस थोड़ी देर और बेटा। तुम अपने कमरे में बैठो मैं थोड़ी देर में आई।
मैं और सूरज अपने बेड पर लेट मम्मी के आने का इंतजार कर रहे थे। हम दोनो आंख बंद कर मम्मी के ख्यालों में डूबे हुए थे। तभी पायल की एक छनकार से हमारी आंखे खुली हमारे सामने मम्मी खड़ी थी। मम्मी के चेहरे का सौंदर्य किसी को मोहित कर ले ऐसा तेज और चमक लिए हुए था। पूरे सोलह श्रृंगार के साथ मम्मी कामदेवी लग रही थी। आंखों में काली घटाओं सा काजल, कानो में झुमके, नाक मे नथ , होंटो की लाल लालिमा शहद सा रस टपका रही थी। हमे इस तरह घूरता देख मम्मी शरमा गई। मम्मी ने अपने दोनो हाथो को क्रॉस कर हमारे चेहरे के सामने लाकर अपनी हरी चूड़ियां से भरे हाथो को एक दूसरे से बजाकर खनखाया।
मम्मी – कहां खो गए।
मैं – मम्मी आप तो स्वर्ग से उतरी अप्सरा लग रही है।
मम्मी – चल झूठे कुछ भी बोलता है इतनी भी सुंदर नही में।
सूरज – हर सुंदर लड़की यही बोलती है मम्मी। क्योंकि उसे पता होता है को वो सुंदर लग रही है और अपनी और तारीफ सुनना चाहती है। पर आज आपकी जितनी तारीफ करो उतनी कम है। हमारे पास तो आपकी सुंदरता को बयां कर सके ऐसे कोई शब्द ही नहीं।
मम्मी – ओह मेरे बच्चो क्या में तुम दोनो को इतनी अच्छी लगती हु। शायद ही कोई प्रेमी अपनी प्रेमिका को ऐसे बोल पाता है।
मम्मी की आखों में आंसू आ जाते है।
मैं और सूरज अपने हाथो से मम्मी के आसू पूछते है। मम्मी आप से सुंदर कोई नही है। और हम दोनो मम्मी के गालों पर दोनो और से किस कर देते है।
मम्मी – ओह मेरे बेटे। (सूरज की आखों में देखते हुए बोलती है।)
मम्मी और सूरज के चेहरे एक दूसरे के काफी करीब थे। सूरज मम्मी के होंटो को देख रहा था। उसका मन मम्मी के होंटो का रस पीने का कर रहा था पर उसमे आगे बढने की हिम्मत नही थी। मम्मी उसकी आंखो में अपने लिए अपार वासना को देख सकती थी। तेज और गरम सांसे एक दूसरे के चेहरे पर टकरा रही थी। सूरज के हॉट थोड़े खुले हुए थे जैसे मम्मी से अपने मूंह में अपने होटों का रस गिराने के लिए कह रहा हो। अचानक मम्मी सूरज के होंटो पर अपने रसीले होंटो को रख देती है और चुम्बन करने लगी है। सूरज एकदम से दंग रह जाता है पर कुछ देर बाद सूरज भी अपने होंटो से मम्मी के होंटो का रसपान करने लगता है। दोनो किसी प्रेमी युगल की तरह एक दूसरे के होंटो को चूस रहे थे जैसे बरसो से प्यासे हो। मम्मी ने किस करते हुए सूरज के पजामे में हाथ डालकर अपने हाथ में उसके खड़े लन्ड को पकड़ कसकर दबाती है। पकड़ थोड़ी कठोर होने के कारण सूरज को दर्द का अनुभव होता है जिससे वह चीखने के लिए थोड़ा अपना मूंह खोलता है पर मम्मी अपने होंटो से उसके होंटों को कस कर बीच चुंबन में लिप्त रहती है और उसकी चीख को निकलने से रोकती है। दो मिनट बाद मम्मी चुंबन तोड़ती है और जब मुझे देखते हुए पाती है तो मेरे सर को पकड़ मेरे होंटो पर अपने होंटों को रख देती है। मैं मम्मी के होंटो को पागलों की तरह चूसने लगता हु। कभी नीचे का हॉट तो कभी उपर का। मम्मी को जब लगा की मेरी सांसे उखड़ रही है तो खुद से पीछे हट जाती है।
मम्मी – सब्र कर बेटा में कंही भागी नही जा रही। आज रात मन चाहे उतना मुझे भोग। आज में सिर्फ तुम दोनो की हूं। चलो जल्दी से अपने कपड़े उतारो और बेड पर लेट जाओ।
सूरज और में तेजी से सारे कपड़े निकाल बेड पर नंगे लेट जाते है।
मैं – मम्मी आप भी अपने कपड़े निकाल दो ना प्लीज़।
मम्मी – में न बाबा ना अगर मैने अपने कपड़े निकाल दिए तो तुम लोग तो मुझे नोच ही खाओगे।
सूरज – नही मम्मी हम आपकी इजाजत के बिना आपको हाथ भी नहीं लगाएंगे।
फिर मम्मी खड़ी होकर अपने साड़ी निकाल देती है।
मैं – मम्मी प्लीज ये ब्लाउज और पेटीकोट भी निकाल दीजिए।
सूरज – हां मम्मी प्लीज।
कुछ देर सोचने के बाद मम्मी अपना ब्लाउज और पेटीकोट भी खोल देती है। अब मम्मी हमारे सामने बस ब्रा और पेंटी में थी। मम्मी का शरीर संगमरमर की तरह चमक रहा था। मोटे और फूले हुए स्तन , हाथो में मेहंदी और हरी चूड़ियां मम्मी को और भी कामुक बना रही थी।
और कटोरी में तेल लेकर हमारे लन्ड पर मालिश करने लगती है। कुछ ही देर में हमारे लन्ड तेल में सरोबार होकर पूरा मोटा और लंबा हो जाता है। मम्मी हमारे अंडकोष पर भी अच्छी तरह तेल मलती है जोकि एक महीने से जमा वीर्य के कारण फूलकर मोटे हो गए थे। तेल मलती हुए हुए हम दोनो की आंखे बंद थी बस मुंह से सिसकारियां निकल रही थी। मम्मी ने हमारे लन्ड की चमड़ी को पीछे खींच कर उसका टोपा बाहर निकाल लिया और उसे अच्छे से तेल लगाने लगी। लन्ड का टोपा एक गुलाबी मशरूम की तरह चमक रहा था। अचानक मम्मी ने मेरे लन्ड के टोपे पर अपनी जीभ फिराई और मेरी एक जोर से आह... निकल गई।
मैं – आह... मम्मी बस ऐसे ही करते रहिए।
मम्मी ने कुछ ही देर में पूरे टोपे को मूंह में लेकर चूसने लगी। उधर सूरज मम्मी को ये सब करते देख रहा था। कुछ देर बाद मम्मी ने सूरज के लन्ड को भी मूंह में ले लिया और एक साथ हम दोनो के लन्ड को चूसने चाटने लगी। बीच बीच में हमारे अंडकोष को चाटती तो कभी उन पर अपने दांत गड़ाकर काट लेती। मम्मी के कटने पर हमारी जोर से चीख भी निकल जाती। पर हमे मजा भी आ रहा था। फिर मम्मी उठी और हमारे बीच में आकर लेट गई। हम दोनो ने मम्मी को अपने बीच लेकर उन्हें भींच लिया। मम्मी कभी सूरज के तो कभी मेरे होंटों को चूस रही थी। सूरज ने इसी बीच मम्मी के ब्रा का हुक खोल उसे निकाल दिया। मम्मी के दोनो स्तन आजाद हो गए और हम भूखे बच्चो की तरह उन पर टूट पड़े। उन्हे मूंह में लेकर कभी चूसते तो कभी हाथ में लेकर भींच देते। मम्मी मदहोश होती जा रही थी। सूरज ने कुछ देर बाद मम्मी की पेंटी भी निकल दी। और मम्मी की योनि को चाटने लगा। मम्मी एक अलग ही दुनिया में पहुंच गई। मम्मी की आंखे बंद थी। मम्मी का अब अपने उपर कोई नियंत्रण नहीं था। कुछ देर बाद मम्मी चिल्लाई।
मम्मी – बच्चो अपने तगड़े लन्ड को मेरी चूत में डालो। में महीनो से प्यासी हुं मेरी प्यास बुझा दो।
फिर सूरज खड़ा हुआ और मम्मी के कूल्हों के नीचे एक तकिया लगाया जिससे मम्मी की चूत उभरकर उपर की और आ गई। सूरज मम्मी की टांगो के बीच में आया और अपने एक हाथ में थोड़ा तेल लेकर अपने लन्ड को चिकना किया और कटोरी से बहुत सारा तेल मम्मी की चूत में उड़ेल दिया और झट से अपना लन्ड मम्मी को चूत में पेल दिया। जैसे ही सूरज ने अपना लन्ड पेला वैसे ही मम्मी की चूत से तेल की धार पच से बाहर आई और उसके लन्ड को चिकना कर दिया। मम्मी ने जोर से चीखते हुए अपने मुट्ठी में तकिए को भींच लिया। इस आवाज से सूरज भी रुक गया उसे लगा मम्मी को काफी दर्द हुआ है पर मम्मी बोलती है सूरज बेटा चोदो मुझे और ऐसा चोदो कि मैं दर्द से बिलख जाऊ। उसके बाद सूरज मम्मी पर लेट जाता है और अपने दोनो हाथ मम्मी की कांख के नीचे से लेजा कर कंधे पकड़ लेता है और जोर जोर से अपने कूल्हे आगे पीछे कर मम्मी को किसी कुत्ते की तरह चोदने लगता है। बीच बीच में सूरज मम्मी के होंटो को अपने होंटो में भींच लेता है। सूरज इतने तेज धक्के लगा रहा थी हर धक्के में मम्मी पूरी हिल आगे की और खिसक जाती पर सूरज ने कंधे से मम्मी को पकड़ स्थिति में बनाए रखा। मम्मी की ऐसी जोरदार चूदाई से आंखे बाहर आ गई। आधे घंटे तक चोदने के बाद भी सूरज थका नही था अचानक मम्मी का बदन कांपा और मम्मी ने अपनी चूत से कामरस का फव्वारा छोड़ दिया। सूरज ने अपना लन्ड निकाला और मम्मी की सांस को सामान्य होने दिया। सूरज मुझसे बोला रोहन आज मेरा मम्मी को चोदने का सपना पूरा हो गया तुम भी मम्मी का भोग करो आखिर तुम्हारी मम्मी पर तुम्हारा पहला हक है। सूरज की जोरदार चूदाई से मम्मी अभी भी बिस्तर पर लेटी लेटी हांफ रही थी। मैने मम्मी से पूछा मम्मी अगर आप ठीक है तो क्या में आपके साथ सेक्स कर सकता हु। मम्मी अपनी जोरदार चूदाई से थोड़ा थक गई थी पर वो मुझे मना नहीं करना चाहती थी। मम्मी भी आज पूरी रात के लिए तैयार थी उन्होंने भी कहा हां बेटा आज में सिर्फ तुम्हारी हूं तुम जितना चाहो मुझे चोदो। मुझे पता था कि आज मेरे दोनो घोड़े जी भर के मेरी चूदाई करेंगे इसके लिए में पहले से ही मानसिक रूप से तैयार थी। मैं ये सुन काफी उत्तेजित हो जाता हूं। मम्मी आप भी किसी घोड़ी से कम नहीं हो। मैं उठकर मम्मी की टांगो के बीच आता हु और अपना लन्ड मम्मी की चूत पर सेट करता हु। मैं एक धक्का लगाता हूं पर चूत के पानी की चिकनाहट के कारण मेरा लन्ड फिसल रहा था। मेरी इस हरकत से मम्मी को हंसी आ जाती है। फिर मम्मी अपना हाथ बढ़ाकर मेरा लन्ड पकड़ लेती है और चूत पर सेट कर धक्का लगाने के लिए बोलती है। एक हल्के धक्के के साथ मैं अपना आधा लन्ड ठेल देता हु। मम्मी की आह निकल जाती है। मैं थोड़ा रुक जाता हूं। मम्मी आंख खोलकर मेरी और देखती है और आंख झपकाकर आगे बढ़ने का इशारा करती है। मैं एक और जोरदार धक्के से अपना पूरा लन्ड मम्मी की चूत में पेल देता हु। मम्मी की चूत किसी गरम भट्टी की तरह सुलग रही थी पर चिकनाहट से सरोबार होने के कारण मुझे धक्के लगाने में ज्यादा दिक्कत नही हो रही थी। मैं भी सूरज की तरह मम्मी के उपर लेट कर चोदने लगा जैसे कोई अपनी बीवी को चोद रहा हो। मुझे अंदर से मम्मी की चूत फडकती हुईं महसूस हो रही थी। मैं भी आधे घंटे तक मम्मी को जबरदस्त तरीके से चोदता रहा। मम्मी एक बार फिर से झड़ने के कगार पर पहुंच गए और अपनी दोनो टांगो और हाथो को मेरी कमर के चारो ओर लपेट मुझे जोर से कस झड़ने लगी। मम्मी की चूत से किसी फाउंटेन की तरह पानी निकल रहा था। इस बीच में हल्के धक्के लगाता रहा। कुछ देर बाद मम्मी ने अपने हाथ पांव की जकड़ खोली तो मैं उनसे अलग हुआ। मम्मी बुरी तरह हाँफ रही थी। जब मम्मी की सांस में सांस आई तो हमारी और देखकर बोली मुझे गर्व है अपने घोड़ों पर जो मेरे दो बार झड़ने के बाद भी नही झड़े। एक घंटे की घमासान चूदाई के कारण मम्मी पसीना पसीना हो चुकी थी। मैने मम्मी की हालत देख उन्हे आराम से सोने के लिए बोला। मम्मी ने जब हमारे लन्ड को अभी भी खड़े देखा तो हमारे लन्ड को एक एक हाथ में लेकर बोली आज जब तक मैं अपने घोड़ों को शांत नही कर दूंगी तब तक नही सोने वाली। सूरज आधे घंटे से अपनी बारी का इंतजार कर रहे है और यदि अब उसे मन कर दूंगी तो मुझे बुरा लगेगा। मम्मी अगर सूरज फिर से आपकी चूदाई करेगा तो मुझे फिर से आपको चोदने के लिए इंतजार करना पड़ेगा।
मम्मी – तुम दोनो एक काम करो तुम दोनो मुझे एक साथ चोदो।
मैं – पर मम्मी एक साथ कैसे।
मम्मी – तुम दोनो में से एक नीचे लेट जाओ में उसके उपर और एक फिर मेरे उपर से कर ले। आज तुमको भी पता चल जाएगा कि मैं कितनी दमदार घोड़ी हूं तुम दोनो का लन्ड एक साथ झेल सकती हु।
फिर सूरज बेड पर लेट गया। मम्मी उसके उपर अपने हाथो और घुटनों के बल थोड़ा सहारा लेते हुए घोड़ी बन गई। नीचे से सूरज ने मम्मी की चूत में अपने मोटा लन्ड डाल दिया। अब मम्मी ने मुझे पीछे से अपना लन्ड डालने के लिए बोला। में मम्मी के पीछे जाकर देखा तो उन्होंने अपने कूल्हों को थोड़ा अपर उठा लिया जिससे उनकी चूत मुझे दिखाई देने लगी। एक लन्ड पहले से ही अंदर होने के कारण अंदर डालने की जगह ही नहीं बन पा रही थी तो मम्मी ने मुझे अपने लन्ड पर तेल लगाने के लिए बोला मैंने अपने लन्ड को अच्छी तरह तेल लगाकर चिकना किया फिर सूरज ने अपना लन्ड थोड़ा नीचे की तरफ खींचा तो मैंने अपना लन्ड भी चूत में डालने की कोशिश की। थोड़ी कोशिश के बाद लन्ड का टोपा अंदर चला गया और साथ ही मम्मी की चीख भी निकल गई। मम्मी चिल्लाई बेटा रुको मत अंदर डालो। फिर मैने एक जोरदार धक्का लगाया और पूरा तेल से लथपथ लन्ड मम्मी की चूत को चीरता हुआ सट से अंदर घुस गया। अब मम्मी की चूत में मेरा और सूरज का लन्ड एक साथ घुसा हुआ था। मम्मी की चूत की त्वचा बुरी तरह खींच गई थी। फिर धीरे धीरे हमने धक्के लगाना शुरू किया। मम्मी को काफी दर्द हो रहा था बीच बीच में मम्मी सूरज के होंटो को कस अपनी आवाज दबा देती। धीरे धीरे हमने स्पीड बढ़ा दी। चूत चोदते समय हमारे लन्ड एक दूसरे से रगड़ खा रहे थे जिससे एक अलग ही मजा आ रहा था। मम्मी की चूत बहुत तेज फड़क रही थी। कुछ देर में हम दोनो के लन्ड और भी पत्थर की तरह सख्त हो गए, अंडकोष में वीर्य उबलने लगा। हम दोनो ने मम्मी से पूछा मम्मी हमारा निकलने वाला है तो मम्मी बोली बेटा अंदर ही निकाल दो। हम दोनो ने तेज धक्के लगाना शुरू किया और एक साथ मम्मी की चूत में गरम वीर्य की पिचकारियां उड़ेलने लगे। वीर्य की गरमाहट से मम्मी एक बार फिर झड़ने लगी। महीने से जमा वीर्य उड़ेलने के बाद में मम्मी की पीठ पर लुढ़क गया और हम तीनो वैसे ही सो गए।
Nice update brotherअगले दिन हम पूरे जोश और उत्साह से कॉलेज गए। हस्त मैथुन के बाद मन में जो कुंठा थी अब वह खत्म हो गई। वापस घर आकर हम रात को बेड पर दोनो बैठे बात कर रहे थे तभी मम्मी सोने से पहले हमारे कमरे में आकर हमे दूध दिया।
मम्मी – और कोई काम है तो बताओ नही तो मैं सोने जा रही हूं।
मैं – मम्मी क्या आप आज फिर से वो कर दोगी।
मम्मी मेरी बात समझ गई और हमारे पास आकर कहने लगी।
मम्मी – देखो बेटा में जानती हु कि हस्त मैथुन करना चाहिए और इसमें तुमको मजा आता है ,पर रोज करने की आदत खराब होती है। ये तुम्हारे शरीर और मन दोनो को नुकसान देगी। अब तुम दोनो मेरी बात मानकर फिर से अपने आप पर संयम रखना सीखो और पढ़ाई पर ध्यान दो।
मैं और सूरज – ठीक है मम्मी आप जैसा कहेंगी हम वैसा ही करेंगे। इस बार हम अच्छे मार्क्स से पास होंगे।
मम्मी – शबाश बेटा मुझे तुम दोनो से यही उम्मीद थी। अगर तुम दोनो अच्छे नंबर से पास हुए तो मैं तुम दोनो को जरूर खुश करूंगी।
मैं – मम्मी अगर आप फिर से हमे खुश करेंगी तो हम जरूर अच्छे नंबर से पास होंगे। क्यों सूरज।
सूरज – हां मम्मी।
एक महीने बाद हमारे पेपर शुरू हो गए। हमने जमकर मेहनत की और इस बार अच्छे से पेपर दिए। रिज़ल्ट का दिन करीब आया मन में डर और उत्सुकता का भाव उमड़ने लगा। यदि हम अच्छे नंबर से पास नही हुए तो हमे कुछ नही मिलने वाला। रिज़ल्ट के दिन हमने अपना रिजल्ट चेक किया तो हमे यकीन नही हुआ। सूरज ने पहला और मैने दूसरा स्थान प्राप्त किया। हम जल्दी घर जाकर मम्मी को यह गुड न्यूज देना चाहते थे।
मैं – मम्मी कहा हो आप।
मम्मी – हां बेटा कैसा रहा तुम दोनो का रिजल्ट।
मै – हम दोनो ने कॉलेज में टॉप किया है।
मम्मी – सच मे बेटा। मुझे यकीन था तुम दोनो अच्छे नंबर से पास होंगे। आज रात तुम दोनो को तुम्हारा इनाम मिलेगा। तुम दोनो ने पढ़ाई के साथ साथ अपने उपर अच्छा नियंत्रण रखा।
मैं – मम्मी अभी कर दीजिए ना।
मम्मी – जब इतने दिन रुके तो क्या कुछ घंटे और नही रुक सकते। अगर इतनी ही जल्दी है तो खुद अपने हाथ से कर लो।
मैं – नही मम्मी आप के हाथो से अलग मजा आता है। क्यूं सही कहा ना सूरज।
सूरज – हां मम्मी। पर मेरी एक इच्छा थी क्या आप उसे पूरी कर सकती है मम्मी।
मम्मी – कैसी इच्छा बेटा । मैं अपने बच्चे की हर इच्छा पूरी करूंगी।
सूरज – मम्मी क्या आप अच्छी तरह तैयार हो सकती है जैसे शादी में होती है।
मम्मी को सूरज की बात पर हंसी आ गई।
मम्मी – ओह तो मेरे बच्चे को मुझे सजा संवरा देखना है। ठीक है बेटा ।
सूरज – मम्मी आज आप घर का कोई काम मत करो आप पार्लर हो आओ।
मम्मी – अरे बेटा में घर पर तैयार हो जाऊंगी।
मैं – नही मम्मी सूरज सूरज सही कह रहा है आप पार्लर जाकर अच्छे से तैयार हो जाओ।
फिर मम्मी पार्लर के लिए निकल गई। मम्मी ने फेशियल , फुल बॉडी वैक्सिंग , मेनीक्योर और पेडीक्योर कराया। मम्मी ने अपने हाथो में कोहनी तक मेहंदी भी लगवाई। मम्मी को पार्लर में पांच घंटे लगे। फिर घर आकर उन्होंने उन्होंने अपने कमरे में अच्छी सी हरे रंग की सारी पहनी। आज फिर मम्मी ने सोलह श्रृंगार कर मोहिनी रूप धारण किया। दो घंटे बाद भी मम्मी कमरे से बाहर नही निकली।
मैं – मम्मी और कितना टाइम लगेगा।
मम्मी – बस थोड़ी देर और बेटा। तुम अपने कमरे में बैठो मैं थोड़ी देर में आई।
मैं और सूरज अपने बेड पर लेट मम्मी के आने का इंतजार कर रहे थे। हम दोनो आंख बंद कर मम्मी के ख्यालों में डूबे हुए थे। तभी पायल की एक छनकार से हमारी आंखे खुली हमारे सामने मम्मी खड़ी थी। मम्मी के चेहरे का सौंदर्य किसी को मोहित कर ले ऐसा तेज और चमक लिए हुए था। पूरे सोलह श्रृंगार के साथ मम्मी कामदेवी लग रही थी। आंखों में काली घटाओं सा काजल, कानो में झुमके, नाक मे नथ , होंटो की लाल लालिमा शहद सा रस टपका रही थी। हमे इस तरह घूरता देख मम्मी शरमा गई। मम्मी ने अपने दोनो हाथो को क्रॉस कर हमारे चेहरे के सामने लाकर अपनी हरी चूड़ियां से भरे हाथो को एक दूसरे से बजाकर खनखाया।
मम्मी – कहां खो गए।
मैं – मम्मी आप तो स्वर्ग से उतरी अप्सरा लग रही है।
मम्मी – चल झूठे कुछ भी बोलता है इतनी भी सुंदर नही में।
सूरज – हर सुंदर लड़की यही बोलती है मम्मी। क्योंकि उसे पता होता है को वो सुंदर लग रही है और अपनी और तारीफ सुनना चाहती है। पर आज आपकी जितनी तारीफ करो उतनी कम है। हमारे पास तो आपकी सुंदरता को बयां कर सके ऐसे कोई शब्द ही नहीं।
मम्मी – ओह मेरे बच्चो क्या में तुम दोनो को इतनी अच्छी लगती हु। शायद ही कोई प्रेमी अपनी प्रेमिका को ऐसे बोल पाता है।
मम्मी की आखों में आंसू आ जाते है।
मैं और सूरज अपने हाथो से मम्मी के आसू पूछते है। मम्मी आप से सुंदर कोई नही है। और हम दोनो मम्मी के गालों पर दोनो और से किस कर देते है।
मम्मी – ओह मेरे बेटे। (सूरज की आखों में देखते हुए बोलती है।)
मम्मी और सूरज के चेहरे एक दूसरे के काफी करीब थे। सूरज मम्मी के होंटो को देख रहा था। उसका मन मम्मी के होंटो का रस पीने का कर रहा था पर उसमे आगे बढने की हिम्मत नही थी। मम्मी उसकी आंखो में अपने लिए अपार वासना को देख सकती थी। तेज और गरम सांसे एक दूसरे के चेहरे पर टकरा रही थी। सूरज के हॉट थोड़े खुले हुए थे जैसे मम्मी से अपने मूंह में अपने होटों का रस गिराने के लिए कह रहा हो। अचानक मम्मी सूरज के होंटो पर अपने रसीले होंटो को रख देती है और चुम्बन करने लगी है। सूरज एकदम से दंग रह जाता है पर कुछ देर बाद सूरज भी अपने होंटो से मम्मी के होंटो का रसपान करने लगता है। दोनो किसी प्रेमी युगल की तरह एक दूसरे के होंटो को चूस रहे थे जैसे बरसो से प्यासे हो। मम्मी ने किस करते हुए सूरज के पजामे में हाथ डालकर अपने हाथ में उसके खड़े लन्ड को पकड़ कसकर दबाती है। पकड़ थोड़ी कठोर होने के कारण सूरज को दर्द का अनुभव होता है जिससे वह चीखने के लिए थोड़ा अपना मूंह खोलता है पर मम्मी अपने होंटो से उसके होंटों को कस कर बीच चुंबन में लिप्त रहती है और उसकी चीख को निकलने से रोकती है। दो मिनट बाद मम्मी चुंबन तोड़ती है और जब मुझे देखते हुए पाती है तो मेरे सर को पकड़ मेरे होंटो पर अपने होंटों को रख देती है। मैं मम्मी के होंटो को पागलों की तरह चूसने लगता हु। कभी नीचे का हॉट तो कभी उपर का। मम्मी को जब लगा की मेरी सांसे उखड़ रही है तो खुद से पीछे हट जाती है।
मम्मी – सब्र कर बेटा में कंही भागी नही जा रही। आज रात मन चाहे उतना मुझे भोग। आज में सिर्फ तुम दोनो की हूं। चलो जल्दी से अपने कपड़े उतारो और बेड पर लेट जाओ।
सूरज और में तेजी से सारे कपड़े निकाल बेड पर नंगे लेट जाते है।
मैं – मम्मी आप भी अपने कपड़े निकाल दो ना प्लीज़।
मम्मी – में न बाबा ना अगर मैने अपने कपड़े निकाल दिए तो तुम लोग तो मुझे नोच ही खाओगे।
सूरज – नही मम्मी हम आपकी इजाजत के बिना आपको हाथ भी नहीं लगाएंगे।
फिर मम्मी खड़ी होकर अपने साड़ी निकाल देती है।
मैं – मम्मी प्लीज ये ब्लाउज और पेटीकोट भी निकाल दीजिए।
सूरज – हां मम्मी प्लीज।
कुछ देर सोचने के बाद मम्मी अपना ब्लाउज और पेटीकोट भी खोल देती है। अब मम्मी हमारे सामने बस ब्रा और पेंटी में थी। मम्मी का शरीर संगमरमर की तरह चमक रहा था। मोटे और फूले हुए स्तन , हाथो में मेहंदी और हरी चूड़ियां मम्मी को और भी कामुक बना रही थी।
और कटोरी में तेल लेकर हमारे लन्ड पर मालिश करने लगती है। कुछ ही देर में हमारे लन्ड तेल में सरोबार होकर पूरा मोटा और लंबा हो जाता है। मम्मी हमारे अंडकोष पर भी अच्छी तरह तेल मलती है जोकि एक महीने से जमा वीर्य के कारण फूलकर मोटे हो गए थे। तेल मलती हुए हुए हम दोनो की आंखे बंद थी बस मुंह से सिसकारियां निकल रही थी। मम्मी ने हमारे लन्ड की चमड़ी को पीछे खींच कर उसका टोपा बाहर निकाल लिया और उसे अच्छे से तेल लगाने लगी। लन्ड का टोपा एक गुलाबी मशरूम की तरह चमक रहा था। अचानक मम्मी ने मेरे लन्ड के टोपे पर अपनी जीभ फिराई और मेरी एक जोर से आह... निकल गई।
मैं – आह... मम्मी बस ऐसे ही करते रहिए।
मम्मी ने कुछ ही देर में पूरे टोपे को मूंह में लेकर चूसने लगी। उधर सूरज मम्मी को ये सब करते देख रहा था। कुछ देर बाद मम्मी ने सूरज के लन्ड को भी मूंह में ले लिया और एक साथ हम दोनो के लन्ड को चूसने चाटने लगी। बीच बीच में हमारे अंडकोष को चाटती तो कभी उन पर अपने दांत गड़ाकर काट लेती। मम्मी के कटने पर हमारी जोर से चीख भी निकल जाती। पर हमे मजा भी आ रहा था। फिर मम्मी उठी और हमारे बीच में आकर लेट गई। हम दोनो ने मम्मी को अपने बीच लेकर उन्हें भींच लिया। मम्मी कभी सूरज के तो कभी मेरे होंटों को चूस रही थी। सूरज ने इसी बीच मम्मी के ब्रा का हुक खोल उसे निकाल दिया। मम्मी के दोनो स्तन आजाद हो गए और हम भूखे बच्चो की तरह उन पर टूट पड़े। उन्हे मूंह में लेकर कभी चूसते तो कभी हाथ में लेकर भींच देते। मम्मी मदहोश होती जा रही थी। सूरज ने कुछ देर बाद मम्मी की पेंटी भी निकल दी। और मम्मी की योनि को चाटने लगा। मम्मी एक अलग ही दुनिया में पहुंच गई। मम्मी की आंखे बंद थी। मम्मी का अब अपने उपर कोई नियंत्रण नहीं था। कुछ देर बाद मम्मी चिल्लाई।
मम्मी – बच्चो अपने तगड़े लन्ड को मेरी चूत में डालो। में महीनो से प्यासी हुं मेरी प्यास बुझा दो।
फिर सूरज खड़ा हुआ और मम्मी के कूल्हों के नीचे एक तकिया लगाया जिससे मम्मी की चूत उभरकर उपर की और आ गई। सूरज मम्मी की टांगो के बीच में आया और अपने एक हाथ में थोड़ा तेल लेकर अपने लन्ड को चिकना किया और कटोरी से बहुत सारा तेल मम्मी की चूत में उड़ेल दिया और झट से अपना लन्ड मम्मी को चूत में पेल दिया। जैसे ही सूरज ने अपना लन्ड पेला वैसे ही मम्मी की चूत से तेल की धार पच से बाहर आई और उसके लन्ड को चिकना कर दिया। मम्मी ने जोर से चीखते हुए अपने मुट्ठी में तकिए को भींच लिया। इस आवाज से सूरज भी रुक गया उसे लगा मम्मी को काफी दर्द हुआ है पर मम्मी बोलती है सूरज बेटा चोदो मुझे और ऐसा चोदो कि मैं दर्द से बिलख जाऊ। उसके बाद सूरज मम्मी पर लेट जाता है और अपने दोनो हाथ मम्मी की कांख के नीचे से लेजा कर कंधे पकड़ लेता है और जोर जोर से अपने कूल्हे आगे पीछे कर मम्मी को किसी कुत्ते की तरह चोदने लगता है। बीच बीच में सूरज मम्मी के होंटो को अपने होंटो में भींच लेता है। सूरज इतने तेज धक्के लगा रहा थी हर धक्के में मम्मी पूरी हिल आगे की और खिसक जाती पर सूरज ने कंधे से मम्मी को पकड़ स्थिति में बनाए रखा। मम्मी की ऐसी जोरदार चूदाई से आंखे बाहर आ गई। आधे घंटे तक चोदने के बाद भी सूरज थका नही था अचानक मम्मी का बदन कांपा और मम्मी ने अपनी चूत से कामरस का फव्वारा छोड़ दिया। सूरज ने अपना लन्ड निकाला और मम्मी की सांस को सामान्य होने दिया। सूरज मुझसे बोला रोहन आज मेरा मम्मी को चोदने का सपना पूरा हो गया तुम भी मम्मी का भोग करो आखिर तुम्हारी मम्मी पर तुम्हारा पहला हक है। सूरज की जोरदार चूदाई से मम्मी अभी भी बिस्तर पर लेटी लेटी हांफ रही थी। मैने मम्मी से पूछा मम्मी अगर आप ठीक है तो क्या में आपके साथ सेक्स कर सकता हु। मम्मी अपनी जोरदार चूदाई से थोड़ा थक गई थी पर वो मुझे मना नहीं करना चाहती थी। मम्मी भी आज पूरी रात के लिए तैयार थी उन्होंने भी कहा हां बेटा आज में सिर्फ तुम्हारी हूं तुम जितना चाहो मुझे चोदो। मुझे पता था कि आज मेरे दोनो घोड़े जी भर के मेरी चूदाई करेंगे इसके लिए में पहले से ही मानसिक रूप से तैयार थी। मैं ये सुन काफी उत्तेजित हो जाता हूं। मम्मी आप भी किसी घोड़ी से कम नहीं हो। मैं उठकर मम्मी की टांगो के बीच आता हु और अपना लन्ड मम्मी की चूत पर सेट करता हु। मैं एक धक्का लगाता हूं पर चूत के पानी की चिकनाहट के कारण मेरा लन्ड फिसल रहा था। मेरी इस हरकत से मम्मी को हंसी आ जाती है। फिर मम्मी अपना हाथ बढ़ाकर मेरा लन्ड पकड़ लेती है और चूत पर सेट कर धक्का लगाने के लिए बोलती है। एक हल्के धक्के के साथ मैं अपना आधा लन्ड ठेल देता हु। मम्मी की आह निकल जाती है। मैं थोड़ा रुक जाता हूं। मम्मी आंख खोलकर मेरी और देखती है और आंख झपकाकर आगे बढ़ने का इशारा करती है। मैं एक और जोरदार धक्के से अपना पूरा लन्ड मम्मी की चूत में पेल देता हु। मम्मी की चूत किसी गरम भट्टी की तरह सुलग रही थी पर चिकनाहट से सरोबार होने के कारण मुझे धक्के लगाने में ज्यादा दिक्कत नही हो रही थी। मैं भी सूरज की तरह मम्मी के उपर लेट कर चोदने लगा जैसे कोई अपनी बीवी को चोद रहा हो। मुझे अंदर से मम्मी की चूत फडकती हुईं महसूस हो रही थी। मैं भी आधे घंटे तक मम्मी को जबरदस्त तरीके से चोदता रहा। मम्मी एक बार फिर से झड़ने के कगार पर पहुंच गए और अपनी दोनो टांगो और हाथो को मेरी कमर के चारो ओर लपेट मुझे जोर से कस झड़ने लगी। मम्मी की चूत से किसी फाउंटेन की तरह पानी निकल रहा था। इस बीच में हल्के धक्के लगाता रहा। कुछ देर बाद मम्मी ने अपने हाथ पांव की जकड़ खोली तो मैं उनसे अलग हुआ। मम्मी बुरी तरह हाँफ रही थी। जब मम्मी की सांस में सांस आई तो हमारी और देखकर बोली मुझे गर्व है अपने घोड़ों पर जो मेरे दो बार झड़ने के बाद भी नही झड़े। एक घंटे की घमासान चूदाई के कारण मम्मी पसीना पसीना हो चुकी थी। मैने मम्मी की हालत देख उन्हे आराम से सोने के लिए बोला। मम्मी ने जब हमारे लन्ड को अभी भी खड़े देखा तो हमारे लन्ड को एक एक हाथ में लेकर बोली आज जब तक मैं अपने घोड़ों को शांत नही कर दूंगी तब तक नही सोने वाली। सूरज आधे घंटे से अपनी बारी का इंतजार कर रहे है और यदि अब उसे मन कर दूंगी तो मुझे बुरा लगेगा। मम्मी अगर सूरज फिर से आपकी चूदाई करेगा तो मुझे फिर से आपको चोदने के लिए इंतजार करना पड़ेगा।
मम्मी – तुम दोनो एक काम करो तुम दोनो मुझे एक साथ चोदो।
मैं – पर मम्मी एक साथ कैसे।
मम्मी – तुम दोनो में से एक नीचे लेट जाओ में उसके उपर और एक फिर मेरे उपर से कर ले। आज तुमको भी पता चल जाएगा कि मैं कितनी दमदार घोड़ी हूं तुम दोनो का लन्ड एक साथ झेल सकती हु।
फिर सूरज बेड पर लेट गया। मम्मी उसके उपर अपने हाथो और घुटनों के बल थोड़ा सहारा लेते हुए घोड़ी बन गई। नीचे से सूरज ने मम्मी की चूत में अपने मोटा लन्ड डाल दिया। अब मम्मी ने मुझे पीछे से अपना लन्ड डालने के लिए बोला। में मम्मी के पीछे जाकर देखा तो उन्होंने अपने कूल्हों को थोड़ा अपर उठा लिया जिससे उनकी चूत मुझे दिखाई देने लगी। एक लन्ड पहले से ही अंदर होने के कारण अंदर डालने की जगह ही नहीं बन पा रही थी तो मम्मी ने मुझे अपने लन्ड पर तेल लगाने के लिए बोला मैंने अपने लन्ड को अच्छी तरह तेल लगाकर चिकना किया फिर सूरज ने अपना लन्ड थोड़ा नीचे की तरफ खींचा तो मैंने अपना लन्ड भी चूत में डालने की कोशिश की। थोड़ी कोशिश के बाद लन्ड का टोपा अंदर चला गया और साथ ही मम्मी की चीख भी निकल गई। मम्मी चिल्लाई बेटा रुको मत अंदर डालो। फिर मैने एक जोरदार धक्का लगाया और पूरा तेल से लथपथ लन्ड मम्मी की चूत को चीरता हुआ सट से अंदर घुस गया। अब मम्मी की चूत में मेरा और सूरज का लन्ड एक साथ घुसा हुआ था। मम्मी की चूत की त्वचा बुरी तरह खींच गई थी। फिर धीरे धीरे हमने धक्के लगाना शुरू किया। मम्मी को काफी दर्द हो रहा था बीच बीच में मम्मी सूरज के होंटो को कस अपनी आवाज दबा देती। धीरे धीरे हमने स्पीड बढ़ा दी। चूत चोदते समय हमारे लन्ड एक दूसरे से रगड़ खा रहे थे जिससे एक अलग ही मजा आ रहा था। मम्मी की चूत बहुत तेज फड़क रही थी। कुछ देर में हम दोनो के लन्ड और भी पत्थर की तरह सख्त हो गए, अंडकोष में वीर्य उबलने लगा। हम दोनो ने मम्मी से पूछा मम्मी हमारा निकलने वाला है तो मम्मी बोली बेटा अंदर ही निकाल दो। हम दोनो ने तेज धक्के लगाना शुरू किया और एक साथ मम्मी की चूत में गरम वीर्य की पिचकारियां उड़ेलने लगे। वीर्य की गरमाहट से मम्मी एक बार फिर झड़ने लगी। महीने से जमा वीर्य उड़ेलने के बाद में मम्मी की पीठ पर लुढ़क गया और हम तीनो वैसे ही सो गए।