Ajju Landwalia
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दोस्तों, पहले मैंने अपडेट 7 को तस्वीरों के साथ पोस्ट किया था, लेकिन किसी कारणवश तस्वीरें अपलोड नहीं हो पाईं। इसलिए मैं अब अपडेट को तस्वीरों के साथ फिर से पोस्ट कर रही हूँ, क्योंकि मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है कि तस्वीरें पोस्ट में और कामुकता जोड़ती हैं।
गलती के लिए खेद है
राजू ने हाथों में ढेर सारा तेल लिया और सरिता की मखमली गुंदाज जांघों को आराम आराम से मस्त सहलाने लगा. सरिता को भी बहुत अच्छा अहसास होने लगा. वो अपनी दोनों आंखें बंद करके मजा ले रही थीं. सरिता का इस तरह का मादक जिस्म देखकर राजू का लंड अपने पूरे आकार में आ गया था.सरिता आंखें बंद करके राजू के हाथ से मालिश का मस्त आनन्द लेने में लग गईं. सरिता की गोरी सुडोल जाँघे देख राजू के मुँह में पानी आ गया और वो सोचने लगा की उफ्फ ये गोरा बदन, ये कामुक अदाएं, ये बड़े कोमल रसीले स्तन, क्या जवानी है मालकिन की …ऐसी कामुक महिला मिल जाए तो पूरी रात रंगीन हो जाए, पूरा बदन मसल मसल के चूसने चाटने में मजा आ जाएगा .
इसी बीच सरिता की नाइटी जांघों से कूल्हे तक ऊपर चढ़ गई थी. नाइटी के कमर तक सरकते ही राजू को नंगी फुली हुई चूत दिखायी दी ..राजू को पता नहीं था की मालकिन ने पैंटी जानभुझ निकाल रखी थी या पहनती ही नहीं थीं. नीचे राजू का लंड अपना फन उठाने लगा. सरिता की चूत देख राजू घबरा गया और उसके हाथ कांपने लगे।
क्या हुआ..तू ऐसा कांप क्यों रहा है। तू तो ऐसा कांप रह रहा है जैसे तूने सांप का बिल देख लिया हो...सरिता के मुँह से ये सुन राजू झेंप गया और कुछ नहीं बोला. वैसे सच सच बोल तुझे पसंद आयी या नहीं …वैसे ये सच में सांप का बिल है.... तेरे काले लम्बे और मोटे सांप के लिए बिल. जानता है तू जब से मैंने तुझे रिशा को ठोकते हुए देखा है… तब से तेरी मर्दानगी मेरे ज़हन से निकल ही नहीं रही। सरिता की आँखें सीधे पजामे में तंबू बना रहे लंड की ओर झाँक रही थी
धीरे से वो राजू के कान के पास आकर बोली —
“इतना सख़्त और तगड़ा नज़ारा मैंने कभी नहीं देखा… ये किसी और औरत के लिए नहीं, सिर्फ़ मेरे लिए बना है।”इतना कह कर उसने राजू का लंड पजामे के ऊपर से ही पकड़ कर मसल दिया. राजू के मुँह से आह .. निकल गई
राजू का मजबूत जिस्म और पजामे के ऊपर बने लंड के उभार देख कर सरिता का जिस्म सुलगने लगा ..उसके होंठ काँप रहे थे, हाथ धीरे-धीरे राजू के सीने से नीचे तक सरक रहे थे। वो खुद पर क़ाबू नहीं रख पा रही थी।
“ तेरे जैसे मर्द को छूने का ख्वाब मैंने बहुत बार देखा है… आज वो ख्वाब पूरा करना है।” इतना कह सरिता की उँगलियाँ राजू की कमर के पास टिक गईं, मानो वहीं से उसकी साँसें बंध गई हों। उसने जल्दी से राजू के पजामे का नाडा खोल नीचे खिसका दिया. राजू अब केवल अंडरवियर में था और लंड का उभार अब पहले से भयानक लग रहा था। ऐसा लग रहा था मानो लंड अंडरवियर फाड़
कर बाहर निकल आएगा
सरिता की आँखों में अब कोई हिचकिचाहट नहीं थी, बस भूख थी जो पूरी तरह राजू की मर्दानगी पर टिकी थीं। वो धीरे से बोली
तेरे अंदर जो ताक़त है, वो मैंने किसी और में कभी महसूस नहीं की। जितने जोश और बेरहमी से तू रिशा को पेल रहा था वही जोश और मर्दंगी मैं भी महसूस करना चाहती हूं
आज मैं इसे पूरी तरह अपना बनाकर ही चैन लूँगी।” इतना कहकर सरिता ने अपने नर्म होंठ राजू के होठों पर रख दिए और अपना हाथ नीचे राजू के अंडरवियर में घुसा उसका लंड पकड़ लिया। उसकी गर्म साँसें राजू को उत्तेजीत कर रही थी. वो राजू के लंड पर हाथ फेरते हुए फुसफुसाई —“तुम्हारा यह जोश… यही तो मुझे चाहिए था। आज रात मैं खुद को पूरी तरह तुम्हारे हवाले कर दूँगी।”
उसकी बातें सुनकर राजू का भी लहू खौल उठा।
वासना के वशीभूत होकर सरिता अपने हाथों से खुद अपने ही मम्मे मसलने लगी. फिर सरिता ने राजू का एक हाथ पकड़ कर अपनी चूची पर रख दिया और बोली...राजू इन्हें अपने हाथों से मसल के देख। सरिता दो दो मर्दों से चुदी हुई थी. उसके मम्मे रिशा के मुकाबले मांसल थे.
राजू ने झट से सरिता के नरम गोल चूचो को अपने हाथों में दबा लिया और उन्हें बेदर्दी से मसलने लगा। इतने नरम मुलायम चूचे उसने आज तक नहीं देखे थे। धीरे से उसने अपने मुँह में नीचे लिया और सरिता की एक चुची को अपने मुँह में भर लिया और दूसरे हाथ से दूसरी चुची की घुंडी मसलने लगा. उफ्फ्फ..राजू बस ऐसे ही चूस। बड़ा तंग करती है ये कमिनी चुचिया मुझे। आज इनकी सारी अक्कड़ ख़तम कर दे. राजू को भी सरिता की गोलाईया चूसने में बड़ा मजा आ रहा था। कभी वो एक मम्मे को चूसता और कभी दूसरा.
धीरे-धीरे वो मम्मो को चूसता हुआ नीचे की तरफ जाने लगा। सरिता की कमर से होते हुए वो सरिता की नंगी चूत तक जा पाहुंचा.
राजू का एक हाथ पकड़ सरिता ने अपनी चूत के ऊपर रख दिया और बोली देख कैसी गीली हुई पड़ी है तेरी मालिकिन की चूत. एक बार अपनी जीभ से चाट कर इस निगोड़ी चूत का भी रस चख कर देख। देख कैसे पानी बह रही है तेरी मर्दानगी देख कर. सरिता आज खुल कर सेक्स का मजा लेना चाहती थी
राजू का डर भी अब ख़तम हो चूका था। वो समझ चुका था कि रिशा की तरह सरिता भी जवानी की आग में जल रही है और चुदने को बेकरार है . उसने भी और देर ना करते हुए सरिता की टांगों को खोल सरिता की टपकती हुई चूत को अपनी मुट्ठी में भर कर दबा लिया.
सरिता की चूत का मुंह रिशा की चूत से हल्का ज्यादा खुला था लेकिन सरिता की चूत रिशा से ज्यादा फूली हुई और मजेदार लग रही थी. ज्यादा देर ना करते हुए उसने अपने होठों को सरिता की तपती हुई चूत के ऊपर रख दिया... होठों का स्पर्श पाते ही सरिता तड़प उठी। तपती हुई चूत पर राजू की गरम सांसें जैसे आग में घी का काम कर रही थी. राजू की जीभ सरिता की चूत के कामरस से भीगी फाँको पे चलने लगी. कमरे का सन्नाटा अब सिर्फ़ सरिता की कराहों और उन दोनों की तेज चलती हुई साँसों से भर चुका था। सरिता मस्ती से करहाती हुई राजू का सर अपनी चूत पर दबाने लगी.....चाट राजू. चाट …आज इस चूत का सारा रस पी जा.
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Gazab ki update he arushi_dayal Ji
Raju ki to mauj hone wali he......
Keep posting dear