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इधर श्रेया के घर में….. चल रहे रोमांस को देखकर सभी पागल हुए जा रहे थे। जेन तो पानी-पीते और बाथरूम जाते-जाते परेशान थी, वही हाल बाकियों का भी था। श्रेया से जब रहा नहीं गया तब वो कहने लगी…. "ये तो अपनी रास लीला में लगता है लीन रहेंगे और कुछ बात करने वाले नहीं। इनके रंग में भंग मै ही डालती हूं। जाती हूं अभी दोनो के पास।"
इधर श्रेया को कुछ समझ में नहीं आ रहा था और उधर दोनो के रोमांस में कोई तब्दीली नहीं नजर आ रही थी। ऐमी डायनिंग टेबल पर बैठी गौर से अपस्यु का चेहरा देख रही थी। अपस्यु उसे सीने से लगाते हुए कहने लगा…. "खुलकर जीने का मज़ा ही कुछ और है।"..
ऐमी, अपस्यु से अलग होती मुस्कुराती हुई उसे देखने लगी… "आज ऐसा लग रहा है कि हम अपनी सोच में बेवकूफ थे। लेकिन जो बीत गया उसे जाने दो और जाकर तुम नहाकर आओ।"
अपस्यु:- तुम भी साथ चल रही हो क्या?
ऐमी, अपस्यु को धक्के देकर दूर हटती… "शाम को जब लौटेंगे तब देखते है, अभी जाओ नहा लो, जबतक मै किशोर को बुला लेती हूं। आज घर का काम करवा लेते है।"..
अपस्यु:- सारे काम 2 बजे तक खत्म कर लेना अभी कह देता हूं।
ऐमी:- हां ठीक है मैंने सुन लिया अब तुम जाओ।
अपस्यु चला गया और उसे जाते देख ऐमी मुस्कुराती हुई किशोर को कॉल लगा दी। अभी वो किशोर से बात करके कॉल रखी ही थी कि बेल बजने लगी। ऐमी दरवाजा खोलकर देखी तो बाहर श्रेया खड़ी थी…. "अपस्यु नहीं है क्या?"
ऐमी:- क्यों वो नहीं रहता तो तुम घर में नहीं आती क्या?
श्रेया, पूरी तरह चौंकती…. "क्या?"
ऐमी, हंसती हुई…. "मज़ाक कर रही थी आओ अंदर। कई बार आंटी के साथ देखी हूं तुम्हे, इसलिए थोड़ा सा मज़ाक।"
श्रेया अंदर आती हुई… "तुमसे कभी ठीक से मुलाकात नहीं हुई, लेकिन अच्छे से जानती हूं तुम्हे।"
ऐमी:- जी इस ज़र्रे नवाजी का शुक्रिया। (कामिनी जानती तो कल कुछ ढंग के लोग भेजती, इतने कमजोर प्लेयर को कॉन्ट्रैक्ट तूने दिया की तेरा खून करने का मन करता है)
श्रेया:- अपस्यु नहीं है क्या ? (देखने से लगता नहीं कि ये इतनी बड़ी फाइटर होगी। अपने फिगर को क्या मेंटेन किया है। तब उस अपस्यु की नजर इसपर से हटती नहीं। पहले इसे अपस्यु से थोड़ा दूर करना होगा, तब मुझे इनके बीच जगह मिलेगी)..
ऐमी:- कहां खो गई, मै कब से पूछ रही हूं, कुछ लोगी क्या?
श्रेया:- सॉरी कुछ सोच रही थी, इसलिए ध्यान नहीं दी। नहीं मुझे कुछ नहीं चाहिए, बस अपस्यु से थोड़ी बात करनी थी।
ऐमी:- नहाने गया है थोड़ी देर में आ जाएगा.. (और तू कामिनी जल्दी से भाग जाना बात करके, क्योंकि ये वक़्त सिर्फ हम दोनों का है)
श्रेया से और बात करना ऐमी को उबाऊ सा लगने लगा इसलिए वो श्रेया को हॉल में बिठाकर किचेन में चली गई। तकरीबन 15 मिनट बाद अपस्यु हॉल में आया… "हेल्लो श्रेया"..
श्रेया:- हेय अपस्यु, क्या हो रहा है?
अपस्यु:- अपनी होने वाली बीवी के साथ हूं, वो भी अकेले तो होना क्या है, खट्टे-मीठे पल का मज़ा उठा रहे है।
श्रेया:- यहां पूरी कॉलोनी सदमे में है और तुम रोमांस में लगे हो।
अपस्यु:- ना तो मै पुलिस हूं और ना ही जो मरे उनमें से किसी को जानता, सो क्या फर्क पड़ता है।
श्रेया:- कमाल है, मै उसी लड़के से आज मिल रही हूं क्या, जो कुछ दिन पहले एक किसी अनजान के शव को नंगे पाऊं कांधा दे रहा था।
अपस्यु:- अखबार और न्यूज में ऐसे खबरे रोज आती हैं, क्या हर खबर के लिए तुम्हारी ऐसी ही भावना होती है। सामान्य सी बात है यार, जिसे नहीं जानते उसके लिए क्या कर सकते है। सुबह सुना मैंने भी, अफ़सोस तो कर लिया अब क्या चाहती हो छाती पीट लूं…
अपस्यु अपनी बात समाप्त ही किया था ठीक उसी वक़्त किशोर दरवाजे पर खड़ा होकर बेल बजाने लगा।… "ऐमी दरवाजे पर देखो शायद किशोर आया हुआ होगा।"…. ऐमी दरवाजा खोलती… "आइए सर"..
जैसे ही किशोर अंदर आया श्रेया की आखें बड़ी हो गई। हालाकि किशोर को श्रेया के बारे में नहीं पता था, लेकिन श्रेया किशोर के बारे में सब जानती थी। दिल्ली का एथिकल हैकर जो अपने सिक्योरिटी सिस्टम के लिए मशहूर था।
ऐमी:- किशोर सर वेलकम…
किशोर, ऐमी के सर पर एक हाथ मारते….. "कितनी बार तुमसे कहा है की ये बोरिंग नाम से मत पुकारा कर। कॉल में रेक्स।"..
अपस्यु दूर से ही… "ऐसा भी क्या फैशन किशोर भईया.. ये तो.. सेक"..
अपस्यु आधे पर ही था तो… "देखो अपस्यु अगर वो नाम बोला तो मै यहां से चला जाऊंगा।".. किशोर हड़बड़ी में अपनी बात कहते हुए अपस्यु के पास पहुंचा।
अपस्यु:- ठीक है नहीं कहता, कुछ लोगे आप?
किशोर:- काम बहुत परे है, क्या करना है वो बता। वहीं रेगुलर चेक करूं की कहीं कोई तेरी जासूसी तो नहीं कर रहा या आज कोई नई मांग है।
ऐमी:- हां सिक्योरिटी अलार्म भी चाहिए जो मोबाइल पर नोटिफिकेशन दे। कल का केस तो पता ही होगा यहां अपार्टमेंट में क्या हुआ है। कब कौन कहां से दुश्मनी निकालने आए किसे पता।
श्रेया:- ठीक है अपस्यु मैं चलती हूं।
"अरे श्रेया कहां जा रही हो। बैठो थोड़े गप्पे मारेंगे। किचेन का काम लगभग खत्म है।"…… ऐमी अपनी बात कहती, हंसती हुई अपस्यु के ओर देखने लगी।
श्रेया:- नहीं जाने दो, वैसे भी तुम्हारे होने वाले पतिदेव कह ही चुके हैं कि आज वो अकेले तुम्हारे साथ खट्टे-मीठे पल बांट रहा है।
श्रेया गेट तक बड़े आराम से निकली और बड़ी तेजी के साथ अपने फ्लैट में गई। बाकी लोगों को सर्विलेंस से सब खबर लग चुकी थी कि अपस्यु के यहां कौन आया है, अब बस सबको भेद खुलने का डर था।
श्रेया की साथी जेन और सादिक अपने अपने शब्दो में चिंता जाहिर करते हुए पूछने लगे….. "हम तो अपस्यु को नॉन टेक्निकल समझते थे, लेकिन इसके पास टैक्निकल टीम भी है।"..
श्रेया, जोर जोर हंसती हुई…. "जानती हो उसमे और हम सब में क्या फर्क है?"
श्रेया की पूरी टीम एक साथ… "वो शिकार है और हम शिकारी।"..
श्रेया:- नहीं, हम बेवकूफ शिकारी है और वो चालाक शिकार। कम से कम उन्हीं दोनो से तो कुछ सीख लेते। कल रात इतने शिकार किए उसने, लेकिन पुलिस को देखकर जरा भी पैनिक नहीं हुए और एक तुमलोग हो, एक लीगल हैकर क्या घुसा उसके घर में, पैनिक हो गए।
"सर्विलेंस पर रहो, यदि ये किशोर इसके साथ है, इसका मतलब इसे शुरू से पता है कि हम कौन है, फिर तो कोई गम ही नहीं, डायरेक्ट डील करेंगे, लेकिन नतीजा निकालने से पहले आराम से सर्विलेंस पर रहो, पूरे दिन में एक यही तो काम का आदमी आया है।
इधर श्रेया के जाने के बाद…. "अपस्यु, बेबी किशोर भईया को अपना काम करने दो, जबतक हम घर से होकर आते है। वैभव और पापा से मिल लेते है। कल से नहीं मिले।"..
अपस्यु, घूरती नज़रों से… "ऐमी देखो मुझे तुम ऐसे जान बूझकर परेशान नहीं करो, हम कहीं नहीं जा रहे।"
ऐमी, अपनी घूरती नजर अपस्यु पर डालती…. "तुम चल रहे हो और इस बात पर कोई बहस नहीं होगी। जाओ चेंज करके आओ।"..
अपस्यु छोटा सा मुंह बनाए अपने कपडे बदल कर आया।… "दरवाजे और कार की चाबी तो लेते आओ बेबी, श्रेया को देते चलते है, आने में देर हो गई तो।"..
दोनो थोड़े ही देर में श्रेया के दरवाजे पर पहुंचे, श्रेया के हाथ में सारी चाबियां देते हुए अपस्यु कहने लगा… "मेरे घर में कुछ काम हो रहा है श्रेया, प्लीज तुम थोड़ा देख लेना, हमे अभी ऐमी के घर जाना है।"
श्रेया:- ओय तुम दोनो झूठे हो, जा रहे हो रोमांस करने कहीं बाहर और मुझे जबरदस्ती काम दे रहे।
अपस्यु, श्रेया के दोनो गाल खिंचते…. "प्लीज अपने दोस्त की मदद कर दो, और वैसे भी मैंने सच कहा था। ऐमी खडूस हो गई है, रोमांस ना करूं मैं इसलिए बहाने से मुझे घर से बाहर ले जा रही है।
ऐमी गुस्से में अपस्यु का हाथ खींचकर ले जाने लगी और उन दोनों को देखकर श्रेया हंसने लगी। दोनो ऐमी की कार से जैसे ही अपार्टमेंट से बाहर निकले… "क्या हुआ ऐमी।"..
ऐमी:- आरव अभी-अभी किडनैप हुआ है।
अपस्यु:- हम्मम ! और कोई जानकारी।
ऐमी:- सिंगल बीप साउंड भेजा है, मतलब केवल वही किडनैप हुआ है, लावणी नहीं।
अपस्यु:- चलो फिर स्वागत कि तैयारी करते है।
ऐमी:- क्यों नहीं सर, वैसे भी कल के एक्शन ने बहुत निराश किया था, शायद आज कुछ टक्कर के लोग मिले। चलो जरा दुश्मन की जानकारी निकाली जाए।
अपस्यु और ऐमी दोनो ही अपने तीसरे फ्लैट पहुंचे जहां पुरा वर्क शॉप था इनका। ऐमी तुंरत अपने कंप्यूटर के साथ लग गई। सभी जानकारी पुख्ता करने लगी। कुछ बधाएं थी इसलिए ऐमी ने पल्लवी को गोवा एयरपोर्ट पर नजर दिए रहने के लिए बोली। इधर जबतक अपस्यु पुरा बैग तैयार कर चुका था, उसमे सारे जरूरत के प्रयाप्त समान के साथ अपने नए सेल रिप्लेसमेंट लिक्वड (cell replacement liquid) के इंगेजेक्शन बैग में डालकर तैयार हो गया।
ऐमी अब भी कंप्यूटर पर नजर बनाए थी। अपस्यु उसके कंधे से लगकर गाल को चूमते…. "क्या पता चला ऐमी।"..
ऐमी, अपस्यु के ओर मुड़कर अपस्यु के होंठ को चूमती…. "हाई टेक प्रोफेशनल, 12 लोगों की एक टीम है। अभी से 10 मिनट पहले एक प्राइवेट प्लेन में गोवा से दिल्ली के लिए उड़ान भरे है।
अपस्यु, भी ऐमी के होंठ को चूमते…. "जो भी है उसे हमारे बारे में सब पता है और शायद कोई सौदा करना चाहते है।"..
ऐमी:- चलो कम से कम आज मुंह छिपाकर तो नहीं लड़ना होगा।..
ऐमी अपना लैपटॉप बैग में पैक करके दोनो आराम से कार में जकार बैठ गए और बस इंतजार, इंतजार, इंतजार… तकरीबन डेढ़ घंटे बाद… "बेबी तैयार हो जाओ, वो लोग पहुंच गए।"
अपस्यु:- कौन से रास्ते पर है ऐमी।
ऐमी:- जिस हिसाब से ट्रैफिक लाइट को हैक करके अपनी तस्वीरें गायब करते चल रहे है, उस हिसाब से तो लग रहा है कि ये लोग अपने पसंदीदा रास्ते पर होंगे।
अपस्यु कार पूरी रफ्तार से भागते हुए… "ऐमी, पल्लवी भाभी अभी सर्वर पर थी क्या बैठी।"..
ऐमी:- हां वही बैठी है।
अपस्यु, पल्लवी को कॉल लगाया… "जी कहिए।"..
अपस्यु:- कुछ नहीं आपसे बात ही नहीं करनी मुझे।
तकरीबन 2 मिनट बाद पल्लवी प्राइवेट लाइन से कॉल लगाती… "आरव को कुछ समय पहले दिल्ली लाया गया है। मै और जेके थोड़े ऑफिशियल काम में फसे है, जल्द ही फ्री होकर हम भी ज्वाइन करेंगे। हमारे आने का इंतजार करना। ऐसा ना हो आने से पहले ही सारा एक्शन खत्म हो जाए।
अपस्यु:- भाभी, वो तो परिस्थिति तय करेगी ना। फिलहाल मैं कुछ कहता हूं ध्यान से सुनना और जल्द से जल्द जवाब देना, अभी हम दोनों ही दिल्ली उत्तराखंड के हाईवे पर है। अब ध्यान से सुनना, 12 लोगों की एक टीम जो काफी हाई टेक है और काफी योजनाबद्ध। दिल्ली और उत्तराखंड के बीच कहां जाकर हमसे डील कर सकते है।
तकरीबन 5 मिनट बाद पल्लवी एक लोकेशन साझा करती हुई कहने लगी…. "जिस हिसाब से तुमने उनका ब्योरा दिया है, उस हिसाब से तुम्हारे साथ डील वो भेजे गए पते पर ही करने वाले है। इस जगह में कंप्यूटर इंजीनियरिंग की हाई सिक्यूरिटी है ,जो आज ही सुबह की गई है।..
ऐमी, अपस्यु का चेहरा देखती हुई मंद मंद मुस्कुराने लगी। अपस्यु उसके सर पर एक हाथ मारते हुए… "मै जान रहा हूं तुम क्या सोच रही हो।"..
ऐमी:- अच्छा बताओ मै क्या सोच रही हूं?
अपस्यु:- यही ना की जिसके टेक्नोलॉजी हमने चोरी किए। जिसके ट्रेनिंग मॉड्यूल हमने चुराया, आज वो हमारे सामने होगा वो भी इस बात से अनजान।
ऐमी:- नाह ! मै तो एक्साइटेड हूं यह सोचकर, क्या होगा जब तुम एक एक्सपेरिमेंटल बेबी से भिरोगे, जो तुम्हारा मौसेरा भाई है।
अपस्यु:- फिलहाल तो उसने आरव को उठाकर एक दुश्मन की तरह दस्तक दिया है, तो उससे उसी की भाषा में मिलना है, आगे वक़्त की मर्जी। और हां कुछ रिश्ते आपके माता पिता के जाने के बाद ही चले जाते है, इसलिए वो मेरा भाई नहीं है।..
लोकेशन मिलने के बाद दोनो बस 5 मिनट में अंदर वहां थे। ऐमी वहां के सारे सिक्यूरिटी सिस्टम भेदने के बाद दोनो अंदर पहुंचे। जैसे ही वहां का सुरक्षा चक्र भेदा गया, वैसे ही किडनैपर को खबर लग गई की उसकी जगह पर घुसपैठ हुई है।…