Muhammadkuffar
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Tune likha hai kuch kabhi ??Bakwas
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Tune likha hai kuch kabhi ??Bakwas
Sahi kaha aapne writter ko haame motivate karna chahiye na kee abuse...Esac ek mehanti writer hai...Tune likha hai kuch kabhi ??
Dhdam dhdam kar ke pela hai bete ne age kya hoga pata nahiगुड्डू ~ क्यों नहीं मेरे होने वाले बच्चो की माँ तुझे नहीं चोदूंगा तो किसे चोदूंगा मेरी जान और उसने मेरी गर्दन पकड़ कर अपने धक्के की रफ़्तार और बढ़ा दी।
मैं ~ हाआं हाआंआआ ऐसे ही चोदिये अपनी कुतीया को गुड्डू जी बहुत दर्द हो रहा है पर उससे ज्यादा मजा आ रहा है। आपके लंड ने मेरी चूत को चीर कर रख दिया है
गुड्डू ~ क्यू जब मैं निकला था तो तेरी चूत चीरी नहीं थी?
मैं ~ वो तो हर औरत की चिरती है जब बच्चा होता है पर फिर कुछ दिनो में सही हो जाती है गुड्डू जीइइइइ.... और कस के चोदिये न उउउउम..... बड़ा मजा आआआ रहा है जब मैं आप के बच्चे पेदा करूंगी और जब वो बाहर आएंगे तब भी मेरी चूत चिरेगी आआआआआ.... मेरा फिर से आने वाला है, गुड्डू जीइइइइइ, आपके अलावा कभी आपके पापा तक ने कभी भी एक दिन में दो बार नही झड़ाया मुझे लेकिन आप ने मेरी चूत से पानी निकाल निकाल कर.... मुझे पागल बना दिया हैह्ह्ह...
गुड्डू ~ आज का दिन याद रख ले श्रद्धा बस बाकी सब भूल जा कि कब चुदी थी और मेरी टांगे फिर से खोल कर ताबड़ तोड़ चोदने लगा मेरी मुंह से बार चिंखे निकल रही थी।
गुड्डू ~ आआह्ह्ह्ह...मेरी मां श्रद्धा...
मैं ~ आआआआआआह्ह्ह्ह.... जानु...क्या लंड है आपका..शशश... एकदम गहराइयो तक जा रहा है...शहहह...
गुड्डू ~ तेरी चूत भी सबसे मस्त है...आह्ह्ह्ह क्या मजा देती है....पूरी लाइफ चोदू तो भी मन नहीं भरेगा...
इसी तरह हम मां बेटा बाकी का पूरा दिन यूंही जानवरो की तरह चुदाई करते रहे। सुबह से दोपहर तो हमे छत पर ही हो गई थी लेकिन अब रूम में रास लीला करते हुए हमे शाम हो चुकी थी। इस बीच मैं कितनी बार झड़ी मैं गिनती भूल चुकी हूं और गुड्डू भी मेरी बच्चेदानी में ओर 2 बार अपना गरम गरम माल छोड़ कर उसे लबालब भर चुका था। हम पागल हो चुके थे और इस बीच में गुड्डू का लौड़ा एक भी बार मेरी चूत से बाहर नही आया था।
मैं ~ आआआह्हह्हह्ह मैं फिर से झंडने वाली हूं जानू और अब आप भी एक बार ओर झड़ जाओ। मै थक गई हूंऊऊऊऊऊऊ .... मुझ मैं ताकत नही बची।
गुड्डू ~ बस थोड़ी देर और मम्मी बस मैं भी आने वाला हूं।
और हम ऐसे ही फिर से झड़ने वाले होते है और तभी मुझे सुनाई देता है...कि हमारे घर के मैन डोर की कुंडी खुली....मतलब मेरे सास ससुर वापस आ गए है।
लेकिन मेरी सिसकारियां अब मेरे काबू में नही थी तो मेरे मुंह से आवाज ना आए इसलिए गुड्डू ने मेरे मुंह में उसके बेड पर पड़ी हुई उसकी एक गंदी चड्डी को इस तरह घुसा दिया जिससे मेरे मुंह से आवाज न आ सके.....और चुदाई जारी रखी।
गुड्डू ~ फुसफुसाते हुए....आआहहहहह मैं झड़ने वाला हूं मम्मी..आहहहह...
हम दोनो के लंड और चूत के रस से पलंग और उसकी बेडशीट भीग रही थी और पच पच की आवाज़ आ रही थी... इतनी लंबी चुदाई की वजह से दोनो पसीने से भीग चुके थे...
गुड्डू ~ आह्ह्ह्ह...बस थोड़ी देर और श्रद्धा ...आह्ह्ह्ह मैं झड़ने वाला हूं...आह्ह्ह्ह...और पलंग हमारी चुदाई से जोर जोर से हिलाने लगा.. .
तभी मैं गांड उछाल उछाल के झड़ने लगी और वाइब्रेट करने लगी...पर गुड्डू की चड्डी मुंह में थी तो आवाज नहीं आ रही थी... पर गुड्डू की गंध वाली गंदी चड्डी को सूंघते हुए अपने दांतों के बीच भींच रही थी....
और थोड़ी देर में गुड्डू का भी ज्वालामुखी फट गया मेरी चूत में.... और मेरी आंखें फट गई...जैसे ही उसके मुसल लोड़े के वीर्य की धारा मेरी बच्चेदानी में बहने लगी... क्युकी मेरी बच्चेदानी पहले ही उसके वीर्य से लबालब भरी थी पर इस नई धार के कारण मेरी बच्चे दानी किसी पानी के गुब्बारे की तरह फूलने लगी।
गुड्डू~ अह्ह्ह्हह्ह....श्रद्धा...हां अह्ह्ह्हह्ह...लो मेरा रस अपनी चूत में...आहाह्ह्ह्ह....निचोड़ रही है तेरी चूत मुझे....आह्ह्ह्ह।
और ऐसे ही वीर्य की आखरी बूंद तक मेरी कोख में भर कर गुड्डू अपना लोड़ा तकरीबन 5 - 6 घंटे की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मेरी चूत से बाहर निकाल लेता है जिसके कारण मेरी चूत से पलक्क की आवाज़ आती है।
गुड्डू मेरे ही करीब उसी पलंग पर लेट गया और मैं बेसुध सी जीभ बाहर निकाल कर कुतीया की तरह ज़ोर ज़ोर से हांफने लगी।
तभी मेरी सास ने आवाज़ दी "श्रद्धा... ओ श्रद्धा बहु" लेकिन मेरे कानों तक उनकी आवाज़ नही आ रही थी मेरे दिमाग में आज हुई चूत चुदाई के मज़े और थकान के कारण अंधेरा छा चुका था न मेरा शरीर और न दिमाग अब ठीक से काम कर रहा था।
कोई जवाब न पाकर मेरी सास फिर आवाज़ लगाती है "अरी श्रद्धा बहु..... कहां है"। इस पर गुड्डू मेरी और देखता है और उसे मेरी हालत का अंदाज़ा हो जाता है इसीलिए वो खुद अपनी दादी को जवाब देता है " हां दादी कहिए क्या हुआ?"
सास ~ गुड्डू बेटा, तेरी मां कहां है?
गुड्डू ~ वो...दादी वो ...उनकी तबियत खराब थी तो वो दावा ले कर गहरी नींद में सो गईं है। आप मुझे बताइए क्या काम है।
सास ~ तबियत खराब हो गई??? अभी तो सुबह बिलकुल ठीक थी।
गुड्डू ~ दादी वो ... पता नही कैसे अचानक ही..
सास ~ अच्छा ठीक है कोई बात नही। आज मैं खाना बना दूंगी उसे आराम करने दे। वैसे भी बिचारी दिन भर घर का काम ही करती है।
गुड्डू ~ (मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए) हां दादी आपने सही कहा.. मम्मी सच में बहुत मेहनत करती है ...
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TO be continue....
Thanks dost, Aap jese readers agar kisi writer ko mil jae toh uska Kaam safal ho jaata hai. Ye aap logo ki sachhi appreciation hi toh hai jisse hame yakin hota hai log hamare kaam ko padh rahe hai. Aapne jis tarah apne shabdo me baat kahi hai uske liye thanks again.Bahut hee badhiya ji sabase badhiya hai aap kee lagan aur devnagari fonts me likhana aap mere sabase favorites writter hai sir
Mr.mrs patel ke story bhee aap ne jis kadhar re-create.kee thee vo too good thank