- 29,932
- 28,168
- 304
भाग ~6
~~~~~~~~~~~~~~~
~~~~~~~~~~~~~~~
डॉक्टर रोमेश अपनी क्लीनिक में मरीजों को देख रहे थे, तभी इंस्पेक्टर राकेश ने उनकी क्लीनिक में प्रवेश किया। रमेश ने उन्हें बैठने को कहा और अपने मरीज को देखते हुए बोला, "नमस्कार इंस्पेक्टर साहब, कैसे आना हुआ..?"
इस्पेक्टर ने कहा, "आप मरीज को देख ले, फिर बात करते हैं।"
रोमेश ने कहा, "ठीक है।"
उस समय क्लीनिक पर तीन चार पेशेंट ही थे। शीघ्र ही उन्हें निपटा कर रमेश ने उनसे पूछा, "क्या लेंगे सर, चाय या कॉफी....?"
इंस्पेक्टर राकेश ने कहा, "वैसे तो मैं इस समय ड्यूटी पर हूं, लेकिन एक चाय मिल जाएगी, तो अच्छा होगा..।"
"ओके सर।" रोमेश ने अपनी असिस्टेंट से तीन चाय बनाने को कहा।
'हां, अब बताइए इंस्पेक्टर। क्या बात है..?"
इंस्पेक्टर ने कहा, "आपके पास कल रात राजन आया था न..?"
"हां सर, आया था। शाम को.? कोई बात हो गई क्या..?"
"किसलिए आया था वह.?"
"सर, डॉक्टरी का पेशा है मेरा। जब राजन मेरे पास आया तो दर्द से बहुत परेशान था। उसने मेरे से कहा, कि उसका अपनी लवर से झगड़ा हो गया है किसी बात पर और उसने गुस्से में आकर उसके सीने को काट खाया..! तो मैंने उसकी मरहम पट्टी की..?
अब आप तो इंस्पेक्टर है सर। आप ये प्यार मोहब्बत की बातों को भला क्या समझेंगे..? अब दिल तो सर सीने में ही होता है न..? तो लड़की अगर किसी बात पर गुस्सा गई तो, जख्म तो उसने दिल में ही देना था, पर उसके दांतों के निशान दिल तक कहां पहुंच पाते..? इसलिए सीने को ही उसने जख्मी कर दिया।" डॉक्टर ने मुस्कुराते हुए कहा, "वैसे प्यार में इतनी बेदर्दी से नहीं पेश आना चाहिए था उसे..!"
"कमाल की बात है ..! फिर राजन ने क्या किया..?"
"राजन क्या करता..? उसने उसका साथ हमेशा के लिए छोड़ दिया..! और तब मेरे भी उससे यही कहा, कि ऐसी लड़की का साथ तो छोड़ देना ही अच्छा है। आज सीने पर वार किया..! कल कहीं और वार कर देगी, तो क्या होगा..! इस उम्र में मोहब्बत और प्यार तो सभी करते हैं, किंतु प्यार में क्रूरता नहीं होनी चाहिए..!"
"सही कहा आपने। फिर यहां से कितने बजे गया वो..?"
" रात 11:30 बजे यहां से गया वो..! लेकिन सर बात क्या है..? क्या वो अपने घर नहीं पहुंचा..? या कोई और मामला है..?"
"जी हां, दरअसल जिस लड़की को राजन ने कहा है , कि उसने छोड़ दिया उसे हमेशा के लिए , उसने उस लड़की की हत्या कर दी है..!'
"ओह नो..! इतनी बड़ा क्राइम, और उसने मुझे बताया भी नहीं..! अगर मुझे मालूम होता, तो मैं उसी समय आपको फोन कर उसी समय उसे आपकी सुपुर्दगी में दे देता..! इंस्पेक्टर साहब, मोहब्बत और प्यार अपनी जगह है, लेकिन यह खून खराबा बिल्कुल सही नहीं है..! यह प्यार में अंधापन बहुत गलत है। मोहब्बत प्यार में एक दूसरे का राजी होना बहुत जरूरी होता है। वैसे इस समय कहां है..?"
उसी को ढूंढ रहे हैं हम लोग..! मैं आज उसके घर गया था, और तब वो घर पर ही था। लेकिन वो हम सबको धोखा देकर बाथरूम के रोशनदान को तोड़कर वहां से फरार हो गया। और इसीलिए मैं यहां आया था, कि शायद वह आपसे मिलने इधर आये, क्योंकि कल शाम उसकी लोकेशन आपके यहाँ की थी। कल जब वो आपके यहां जख्मी हालत में आया था , आपको उसी समय पुलिस को बताना चाहिए था..!"
"सर, जैसा कि उसने आकर बताया मेरे को, उससे मैं तो क्या, कोई भी यह अंदाज नहीं लगा सकता था, कि ये कोई पुलिस का केस है..! क्योंकि इस तरह जख्मी हालत में अक्सर पेशेंट हमारे पास आते रहते हैं। तो कहां तक हम लोग पुलिस को इनफॉर्म करेंगे रहेंगे..? सर, जब तक किसी मरीज को देखकर जब पक्का ये अनुमान नहीं होता कि यह पुलिस केस है ,तब तक, हम लोग पुलिस को इन्फॉर्म नहीं करते..! अब राजन ने यहाँ आकर जिस अंदाज में अपनी बात बताई, उससे बिल्कुल भी हमें शक नहीं हुआ, कि राजन झूठ बोल रहा है..! मेरे ख्याल से या एक सामान्य सा केस था , क्योंकि पति पत्नी के झगड़े में या प्यार मोहब्बत के केस में प्रेमी प्रेमिकाओं के झगड़े में इस तरह की बातें अक्सर हो जाती है और अधिकतर इस तरह के मामले आपस में ही निपट जाते हैं ..!"
तभी चाय बन कर आ गई। इंस्पेक्टर ने चाय पीते हुए कहा, " बहुत खुशी हुई आपसे मिलकर है।" फिर उन्होंने डॉक्टर को थैंक्स कहा और सचेत करते हुए, कि राजन का जब भी कोई फोन आए या उसकी तरफ से कोई सूचना मिले तो तुरंत उसे इन्फॉर्म करें । यह कह कर इंस्पेक्टर वहां से चला गया।
इंस्पेक्टर इतनी देर में ये तो समझ गयाथा, कि डॉक्टर की कोई गलती नहीं है और न डॉक्टर ने उससे कोई बात ही छुपाई है। राजन ने हीं डॉक्टर से झूठ बोला था और अस्पताल से अपनी मरहम पट्टी करा के चला गया था।
फिर उसने सोचा, कि राजन के पास पैसे रुपए तो है नहीं, इसलिये कहीं न कहीं तो वो जाएगा ही और किसी न किसी से तो वो मदद मांगेगा ही। और ये भी हो सकता है अपने घर पर ही वो फोन करें..! तो आगे की कार्यवाही भी अब इसी पर निर्भर करेगी..! वैसे बिना पैसे रुपए के कब तक वो छुपता रहेगा..? राजन के एटीएम कार्ड का नंबर और कुछ अन्य डिटेल इंस्पेक्टर ने फोन से पता कर लिया था और इंतजार कर रहा था, किसी के फोन का. ! किसी नये सुराग के पता चलने का..!
एंजल....कैसी हो जू.....पहला अपडेट धमाकेदार रहा....राजन ने झाड़ियों में कमला का फायदा उठाना चाहा लेकिन कमला के ना मानने पर कमला का गमला ईंट से फोड़ दिया.....क्या कमला आगे चल कर चुड़ैल बनेगी....क्या वो राजन के साथ साथ उस चौकीदार से भी बदला लेगी जिसने उसके साथ कुछ भी नहीं किया....अगले अपडेट का इंतेज़ार
....एक बढ़िया अपडेट सुपर राइटिंग स्किल के साथ
यानी आम के आम और गुठलियों के भी दाम