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Incest पापा का इलाज [Erotica, Romance and Incest]

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Do you want all characters of the stories to fuck each other or only Anurag should fuck the ladies?

  • Yes - I love everyone to be fucked by everyone

    Votes: 50 40.0%
  • No - I love the love between Anurag, Naina and Varsha. That should be kept sacred

    Votes: 27 21.6%
  • No- Only the Hero should have all the fun

    Votes: 48 38.4%

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sunoanuj

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Next update kab tak aane ki sambhawna hai mitr tharkiman
 
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tharkiman

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वर्षा जब नहाकर ड्राइंग रूम में पहुंची तो देखा अनुराग किसी से बात कर रहे थे। वर्षा को देख कर उन्होंने कहा - लो वर्षा से बात करो।
उसने इशारे से पुछा - कौन है ?
अनुराग - लता दी।
वर्षा ने फ़ोन लिया और म्यूट करके पुछा - मैंने मालिश किया है ये बता तो नहीं दिया ?
अनुराग - नहीं।
वर्षा - ठीक है।

वर्षा फ़ोन लेकर डाइनिंग टेबल पर बैठ गई और फ़ोन स्पीकर पर लेकर बोली - हाँ बुआ , अब आपकी तबियत कैसी है ?
लता - ठीक है। खाना बना लिया ?
वर्षा - हाँ, बस रोटी सेकनी है।
लता - आज अनु की मालिश तो नहीं हुई होगी।
वर्षा ने कहा - नहीं।
लता - ये ठीक नहीं है। तू कर देती।
वर्षा - मैंने कहा था। पर पता नहीं आपने क्या जादू किया है , कह रहे थे दीदी आएंगी तभी करवाऊंगा।
लता - मालिश में क्या जादू ?
वर्षा - जादू आपके अंदाज में है लगता है। कह रहे थे मेरी सुलेखा के बाद लता दी से ही मालिश करवाने में मजा आता है।
अनुराग आश्चर्य से वर्षा की तरफ देख रहे थे की वो क्या मजे ले रही है।
लता - तू कहाँ ये ? अनु के सामने तो ये सब बकवास नहीं कर रही?
वर्षा - मैं अपने कमरे में हूँ। वो तो बेटू के साथ खेल रहे हैं ,
लता - ठीक है। सच में अनु ये कह रहा था या तू मजे ले रही है ?
वर्षा - कसम से। मैंने कहा तो कहे तुझसे नहीं होगा। दीदी के हाथों में जादू है। बदन का दर्द भाग जाता है। क्या करती हैं। हाथ से ही करती है न या मम्मी की तरह बदन से बदन लगा कर।
लता - चुप। बहुत बोलने लगी है। भाई है वो मेरा। सुलेखा बीवी थी , वो चाहे मालिश करे या मालिश करते करते चुद जाए, उसकी मर्जी।

न ही वर्षा को न ही अनुराग को ये उम्मीद थी की लता चुदाई वाली बात सीधे सीधे बोल देगी। पर वर्षा ने और मजे लेने को सोचा।

उसने कहा - बदन से मालिश भले न करें पर लगता है बदन दिखा जरूर देती हैं आप ?
लता - अब नीचे बैठ करुँगी तो कुछ तो दिखेगा ही।
वर्षा - कुछ या बहुत कुछ। मालिश करते करते क्या दिखाती थी आप ?
लता - क्या बोल रही है ?
वर्षा - भोली मत बनो। उन्होंने मालिश तो नहीं करवाई पर तुम्हे मिस बहुत कर रहे थे। पक्का तुम्हारे दर्शन को तरस रहे हैं।
लता - तू ही कर देती फिर अपना दिखा के ? दूध तो देती ही है , अपना थन भी दिखा देती।

अब वर्षा की चाल उलटी पड़ गई थी। पर लता की इस बात से वो चिढ सी गई। वो भूल गई की उसका बाप यहीं बैठा है। लता भी लड़ने के मूड में आ गई थी। या हो सकता है इतनी गरम बात से दोनों गरम हो गई हो। खैर इन दोनों की बात कंटिन्यू थी पर अनुराग की हालत ख़राब थी।

लता आगे बोली - दिखा देती तो बछड़े की तरह पीता। क्या पता अपनी प्यास बुझाते बुझाते तेरी प्यास भी बुझा देता।
वर्षा - आप बुझा लेती क्या ?
लता - मेरी प्यास बुझाने को तेरे फूफा हैं पर दे तो ले लुंगी।
वर्षा - वो तो पता है तभी मालिश के बाद बाथरूम में एक घंटे आप नहाती हैं। वो भी पक्का आपके नाम की मारते होंगे।
लता - वो तो तेरे नाम की भी मारता होगा।
वर्षा - एक ये हैं नाम की मारते हैं और एक मेरा भडुआ मर्द है , साला अपनी माँ के अंचल में छुपा रहता है।

लता ने वर्षा के दुखती राग पर हाथ रख दिया था। वर्षा दुखी हो गई। लता को फ़ोन पर समझ तो नहीं आया क्या हुआ पर इधर ना जाने वर्षा क्यों रोने लगी। उसे अपनी बेबसी पर रोना आ गया था। जिसे पहले प्यार करती थी वो उसकी तरफ देखता भी नहीं है। और अब अपने पिता से प्यार कर बैठी जिसका कोई अंजाम नहीं है। वो रोने लगी। उसके रोने की आवाज सुन लता समाजः नहीं पाई। वो वर्षा वर्षा की आवाज लगाती रही। अनुराग को भी समझ नहीं आया की अचानक से क्या हुआ है। वो उठकर वर्षा के पास आये और उसको बाहों में भर लिया। वर्षा पापा पापा कहके लिपट गई। लता को जब लगा की अनुराग भी वहां है तो उसने आवाज दिया - अनु , क्या हुआ वर्षा को ?
अनुराग - कुछ नहीं दीदी। आप फ़ोन रखो बाद में बात करते हैं।

अनुराग ने वर्षा को बाँहों में भर लिया। वर्षा उसके बाँहों में पिघलने लगी। दोनों के शरीर की गर्मी बढ़ती जा रही थी और अंदर प्यास। अनुराग ने वर्षा के माथे को किस करना चाहा पर दोनों के होठ मिल गए। दोनों ने एक दुसरे को किस करना शुरू कर दिया।

तभी वर्षा का बेटा वहां आ गया उसे लगा की उसकी माँ को कुछ हो गया है। वो भी दोनों के पास आकर रोने लगा। उसके रोने की आवाज सुन दोनों को होश आया। अनुराग को अहसास हुआ की उसके कदम बहक रहे थे। वो उठकर अपने कमरे में चले गए। वर्षा ने भी अपने बेटे को गोद में लिया और अपने कमरे में चली गई। दोनों अंदर ही अंदर जल रहे थे पर कुछ कर नहीं सकते थे।
 

Ek number

Well-Known Member
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वर्षा जब नहाकर ड्राइंग रूम में पहुंची तो देखा अनुराग किसी से बात कर रहे थे। वर्षा को देख कर उन्होंने कहा - लो वर्षा से बात करो।
उसने इशारे से पुछा - कौन है ?
अनुराग - लता दी।
वर्षा ने फ़ोन लिया और म्यूट करके पुछा - मैंने मालिश किया है ये बता तो नहीं दिया ?
अनुराग - नहीं।
वर्षा - ठीक है।

वर्षा फ़ोन लेकर डाइनिंग टेबल पर बैठ गई और फ़ोन स्पीकर पर लेकर बोली - हाँ बुआ , अब आपकी तबियत कैसी है ?
लता - ठीक है। खाना बना लिया ?
वर्षा - हाँ, बस रोटी सेकनी है।
लता - आज अनु की मालिश तो नहीं हुई होगी।
वर्षा ने कहा - नहीं।
लता - ये ठीक नहीं है। तू कर देती।
वर्षा - मैंने कहा था। पर पता नहीं आपने क्या जादू किया है , कह रहे थे दीदी आएंगी तभी करवाऊंगा।
लता - मालिश में क्या जादू ?
वर्षा - जादू आपके अंदाज में है लगता है। कह रहे थे मेरी सुलेखा के बाद लता दी से ही मालिश करवाने में मजा आता है।
अनुराग आश्चर्य से वर्षा की तरफ देख रहे थे की वो क्या मजे ले रही है।
लता - तू कहाँ ये ? अनु के सामने तो ये सब बकवास नहीं कर रही?
वर्षा - मैं अपने कमरे में हूँ। वो तो बेटू के साथ खेल रहे हैं ,
लता - ठीक है। सच में अनु ये कह रहा था या तू मजे ले रही है ?
वर्षा - कसम से। मैंने कहा तो कहे तुझसे नहीं होगा। दीदी के हाथों में जादू है। बदन का दर्द भाग जाता है। क्या करती हैं। हाथ से ही करती है न या मम्मी की तरह बदन से बदन लगा कर।
लता - चुप। बहुत बोलने लगी है। भाई है वो मेरा। सुलेखा बीवी थी , वो चाहे मालिश करे या मालिश करते करते चुद जाए, उसकी मर्जी।

न ही वर्षा को न ही अनुराग को ये उम्मीद थी की लता चुदाई वाली बात सीधे सीधे बोल देगी। पर वर्षा ने और मजे लेने को सोचा।

उसने कहा - बदन से मालिश भले न करें पर लगता है बदन दिखा जरूर देती हैं आप ?
लता - अब नीचे बैठ करुँगी तो कुछ तो दिखेगा ही।
वर्षा - कुछ या बहुत कुछ। मालिश करते करते क्या दिखाती थी आप ?
लता - क्या बोल रही है ?
वर्षा - भोली मत बनो। उन्होंने मालिश तो नहीं करवाई पर तुम्हे मिस बहुत कर रहे थे। पक्का तुम्हारे दर्शन को तरस रहे हैं।
लता - तू ही कर देती फिर अपना दिखा के ? दूध तो देती ही है , अपना थन भी दिखा देती।

अब वर्षा की चाल उलटी पड़ गई थी। पर लता की इस बात से वो चिढ सी गई। वो भूल गई की उसका बाप यहीं बैठा है। लता भी लड़ने के मूड में आ गई थी। या हो सकता है इतनी गरम बात से दोनों गरम हो गई हो। खैर इन दोनों की बात कंटिन्यू थी पर अनुराग की हालत ख़राब थी।

लता आगे बोली - दिखा देती तो बछड़े की तरह पीता। क्या पता अपनी प्यास बुझाते बुझाते तेरी प्यास भी बुझा देता।
वर्षा - आप बुझा लेती क्या ?
लता - मेरी प्यास बुझाने को तेरे फूफा हैं पर दे तो ले लुंगी।
वर्षा - वो तो पता है तभी मालिश के बाद बाथरूम में एक घंटे आप नहाती हैं। वो भी पक्का आपके नाम की मारते होंगे।
लता - वो तो तेरे नाम की भी मारता होगा।
वर्षा - एक ये हैं नाम की मारते हैं और एक मेरा भडुआ मर्द है , साला अपनी माँ के अंचल में छुपा रहता है।

लता ने वर्षा के दुखती राग पर हाथ रख दिया था। वर्षा दुखी हो गई। लता को फ़ोन पर समझ तो नहीं आया क्या हुआ पर इधर ना जाने वर्षा क्यों रोने लगी। उसे अपनी बेबसी पर रोना आ गया था। जिसे पहले प्यार करती थी वो उसकी तरफ देखता भी नहीं है। और अब अपने पिता से प्यार कर बैठी जिसका कोई अंजाम नहीं है। वो रोने लगी। उसके रोने की आवाज सुन लता समाजः नहीं पाई। वो वर्षा वर्षा की आवाज लगाती रही। अनुराग को भी समझ नहीं आया की अचानक से क्या हुआ है। वो उठकर वर्षा के पास आये और उसको बाहों में भर लिया। वर्षा पापा पापा कहके लिपट गई। लता को जब लगा की अनुराग भी वहां है तो उसने आवाज दिया - अनु , क्या हुआ वर्षा को ?
अनुराग - कुछ नहीं दीदी। आप फ़ोन रखो बाद में बात करते हैं।

अनुराग ने वर्षा को बाँहों में भर लिया। वर्षा उसके बाँहों में पिघलने लगी। दोनों के शरीर की गर्मी बढ़ती जा रही थी और अंदर प्यास। अनुराग ने वर्षा के माथे को किस करना चाहा पर दोनों के होठ मिल गए। दोनों ने एक दुसरे को किस करना शुरू कर दिया।

तभी वर्षा का बेटा वहां आ गया उसे लगा की उसकी माँ को कुछ हो गया है। वो भी दोनों के पास आकर रोने लगा। उसके रोने की आवाज सुन दोनों को होश आया। अनुराग को अहसास हुआ की उसके कदम बहक रहे थे। वो उठकर अपने कमरे में चले गए। वर्षा ने भी अपने बेटे को गोद में लिया और अपने कमरे में चली गई। दोनों अंदर ही अंदर जल रहे थे पर कुछ कर नहीं सकते थे।
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वर्षा जब नहाकर ड्राइंग रूम में पहुंची तो देखा अनुराग किसी से बात कर रहे थे। वर्षा को देख कर उन्होंने कहा - लो वर्षा से बात करो।
उसने इशारे से पुछा - कौन है ?
अनुराग - लता दी।
वर्षा ने फ़ोन लिया और म्यूट करके पुछा - मैंने मालिश किया है ये बता तो नहीं दिया ?
अनुराग - नहीं।
वर्षा - ठीक है।

वर्षा फ़ोन लेकर डाइनिंग टेबल पर बैठ गई और फ़ोन स्पीकर पर लेकर बोली - हाँ बुआ , अब आपकी तबियत कैसी है ?
लता - ठीक है। खाना बना लिया ?
वर्षा - हाँ, बस रोटी सेकनी है।
लता - आज अनु की मालिश तो नहीं हुई होगी।
वर्षा ने कहा - नहीं।
लता - ये ठीक नहीं है। तू कर देती।
वर्षा - मैंने कहा था। पर पता नहीं आपने क्या जादू किया है , कह रहे थे दीदी आएंगी तभी करवाऊंगा।
लता - मालिश में क्या जादू ?
वर्षा - जादू आपके अंदाज में है लगता है। कह रहे थे मेरी सुलेखा के बाद लता दी से ही मालिश करवाने में मजा आता है।
अनुराग आश्चर्य से वर्षा की तरफ देख रहे थे की वो क्या मजे ले रही है।
लता - तू कहाँ ये ? अनु के सामने तो ये सब बकवास नहीं कर रही?
वर्षा - मैं अपने कमरे में हूँ। वो तो बेटू के साथ खेल रहे हैं ,
लता - ठीक है। सच में अनु ये कह रहा था या तू मजे ले रही है ?
वर्षा - कसम से। मैंने कहा तो कहे तुझसे नहीं होगा। दीदी के हाथों में जादू है। बदन का दर्द भाग जाता है। क्या करती हैं। हाथ से ही करती है न या मम्मी की तरह बदन से बदन लगा कर।
लता - चुप। बहुत बोलने लगी है। भाई है वो मेरा। सुलेखा बीवी थी , वो चाहे मालिश करे या मालिश करते करते चुद जाए, उसकी मर्जी।

न ही वर्षा को न ही अनुराग को ये उम्मीद थी की लता चुदाई वाली बात सीधे सीधे बोल देगी। पर वर्षा ने और मजे लेने को सोचा।

उसने कहा - बदन से मालिश भले न करें पर लगता है बदन दिखा जरूर देती हैं आप ?
लता - अब नीचे बैठ करुँगी तो कुछ तो दिखेगा ही।
वर्षा - कुछ या बहुत कुछ। मालिश करते करते क्या दिखाती थी आप ?
लता - क्या बोल रही है ?
वर्षा - भोली मत बनो। उन्होंने मालिश तो नहीं करवाई पर तुम्हे मिस बहुत कर रहे थे। पक्का तुम्हारे दर्शन को तरस रहे हैं।
लता - तू ही कर देती फिर अपना दिखा के ? दूध तो देती ही है , अपना थन भी दिखा देती।

अब वर्षा की चाल उलटी पड़ गई थी। पर लता की इस बात से वो चिढ सी गई। वो भूल गई की उसका बाप यहीं बैठा है। लता भी लड़ने के मूड में आ गई थी। या हो सकता है इतनी गरम बात से दोनों गरम हो गई हो। खैर इन दोनों की बात कंटिन्यू थी पर अनुराग की हालत ख़राब थी।

लता आगे बोली - दिखा देती तो बछड़े की तरह पीता। क्या पता अपनी प्यास बुझाते बुझाते तेरी प्यास भी बुझा देता।
वर्षा - आप बुझा लेती क्या ?
लता - मेरी प्यास बुझाने को तेरे फूफा हैं पर दे तो ले लुंगी।
वर्षा - वो तो पता है तभी मालिश के बाद बाथरूम में एक घंटे आप नहाती हैं। वो भी पक्का आपके नाम की मारते होंगे।
लता - वो तो तेरे नाम की भी मारता होगा।
वर्षा - एक ये हैं नाम की मारते हैं और एक मेरा भडुआ मर्द है , साला अपनी माँ के अंचल में छुपा रहता है।

लता ने वर्षा के दुखती राग पर हाथ रख दिया था। वर्षा दुखी हो गई। लता को फ़ोन पर समझ तो नहीं आया क्या हुआ पर इधर ना जाने वर्षा क्यों रोने लगी। उसे अपनी बेबसी पर रोना आ गया था। जिसे पहले प्यार करती थी वो उसकी तरफ देखता भी नहीं है। और अब अपने पिता से प्यार कर बैठी जिसका कोई अंजाम नहीं है। वो रोने लगी। उसके रोने की आवाज सुन लता समाजः नहीं पाई। वो वर्षा वर्षा की आवाज लगाती रही। अनुराग को भी समझ नहीं आया की अचानक से क्या हुआ है। वो उठकर वर्षा के पास आये और उसको बाहों में भर लिया। वर्षा पापा पापा कहके लिपट गई। लता को जब लगा की अनुराग भी वहां है तो उसने आवाज दिया - अनु , क्या हुआ वर्षा को ?
अनुराग - कुछ नहीं दीदी। आप फ़ोन रखो बाद में बात करते हैं।

अनुराग ने वर्षा को बाँहों में भर लिया। वर्षा उसके बाँहों में पिघलने लगी। दोनों के शरीर की गर्मी बढ़ती जा रही थी और अंदर प्यास। अनुराग ने वर्षा के माथे को किस करना चाहा पर दोनों के होठ मिल गए। दोनों ने एक दुसरे को किस करना शुरू कर दिया।

तभी वर्षा का बेटा वहां आ गया उसे लगा की उसकी माँ को कुछ हो गया है। वो भी दोनों के पास आकर रोने लगा। उसके रोने की आवाज सुन दोनों को होश आया। अनुराग को अहसास हुआ की उसके कदम बहक रहे थे। वो उठकर अपने कमरे में चले गए। वर्षा ने भी अपने बेटे को गोद में लिया और अपने कमरे में चली गई। दोनों अंदर ही अंदर जल रहे थे पर कुछ कर नहीं सकते थे।
बहुत हि शानदार अपडेट हैं
और बहुत हि जानदार लेखनी है आपकी
 
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