- 154
- 982
- 94
Ye meri pahali or kalpanik kahani h agar kuch galti hi jaye to maaf karna
Congratulations for new story shuru kro broYe meri pahali or kalpanik kahani h agar kuch galti hi jaye to maaf karna
Good start of the story. Hope you continue writing and try to give a longer update.Update 1
मैं (राजू) - गांव मैं अपने पिता के साथ खेती करता हूं देखने में अपने पिता की तरह ही एक औसत इंसान हूं।
मेरे पिता जिनका इस कहानी है कोई ज्यादा काम नहीं है इसलिए इनका परिचय जरूरी नहीं।
मम्मी (रूपा) - अगर इन्हें गांव की सबसे सुंदर औरत का जाए तो कोई गलत नहीं होगा तीखे नैन गोरे गाल गुलाबी होंठ, हल्की सी मोटी है लेकिन इतना भी नहीं कि उसे मोटा घोषित करती है।
मुझे बचपन से ही पढ़ाई में कोई ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी इसीलिए 12 के बाद मैंने अपनी पढ़ाई छोड़ दीया और पापा के साथ अपने खेत में काम करने लगा, पहले तो मेरे इस फैसले का घरवालों ने बहुत विरोध किया मम्मी ने तो चप्पलों से पिटाई भी की क्योंकि वह लोग चाहते थे कि मैं पढ़े लिखे के एक समझदार इंसान बनु, गांव में लोगों के लिए एक पढ़ा लिखा गवार भी समझदार ही कहलाता है, मेरे परिवार की भी यही सोच थी।
लेकिन मैंने अपनी सूझबूझ से उनकी इस सोच को बदल दिया, नई तरह की खेती करना पोल्ट्री फार्म खोलना गाय का एक बड़ा तबेला यह सब मैं नहीं 1 साल के अंदर ही बना दिया जिसे मम्मी पापा की नाराजगी थोड़ी कम हो गई लेकिन पूरी तरह नही वे लोग आज भी मुझे नहीं पड़ने के कारण कभी कबार ताने भी देते हैं।
Thanks bhaiकहानी की शुरुवात बढ़िया है। नियमित अंतराल से कहानी को आगे बढ़ाते रहे और भाग थोड़ा बड़ा करें।
Thanks bhaiGood start of the story. Hope you continue writing and try to give a longer update.