chapter 2
साम 7 बजे
ट्रेन तेजी से अपनी मंजिल की तरफ जा रही थी अभय अभी भी अपनी यादों मे खोया हुवा था पायल अभी भी अभय को ही देखे जा रही थी पायल का भाई को भी पता था उसकी बेहन को अभय से प्यार हो गया है
बिपिन अपनी बेहन पायल के कान मे धीरे से दीदी ऐसे ही देखने से काम नही चलेगा कुछ बातें करो नही तो कल सुबह हम अपने मंजिल पे पहोच जायेंगे फिर आप हिलाती रेह जाना
बिपिन ने अपनी बेहन से जो बात कही को सिर्फ लरको को लिये थी ना की लरकी के लिये अपनी भाई की बात सुन समझ पायल गुस्से से बिपिन के कान को पकर मोर के बिपिन को देख तुमने किया कहा बिपिन को एहसास होता है की उससे गलती कर दी है बिपिन पायल को देख रोने वाली सूरत बना के दीदी मे तो नादान बच्चा हु मुह से निकल गया प्लेस माफ कर दो ना
पायल अपने पापा मम्मी को देखती है दोनों बातें करने मे लगे थे पायल इसी का मोक्का उठा के बिपिन के पेट पे दे मारती है बिपिन पेट पकरे दर्द मे मर गया पायल बिपिन को देख आगे से ध्यान देना नही तो टांगे भी तोर दुगी बिपिन पायल को देख दर्द भरी आवाज मे जी दीदी अब तो गलती से भी गलती नही करुगा पायल बिपिन को देख मुस्कुराते हुवे अच्छा है
पायल फिर अभय को मुस्कुराते हुवे देखने लगती है अभय अभी भी सब से अलग खिरकी से बाहर देख अपनी दुनिया मे गुम था
पायल अपनी दोनों मुठी को कस हिम्मत कर अभय को देख कर अभय को पुकारति है अभय
अभय अपनी यादो मे खोया जरूर था लेकिन उसकी नजरे कान बहोत तेज थे पायल की आवाज सुन अभय पायल की तरफ अपनी नजरे कर प्याल को देख किया है
पायल अभय को देख डर और शर्मा भी जाती है पायल मन मे डर मत पायल यही मोका है नही तो बाद मे पता नही हम मिले ना मिले
पायल ये सोच हिम्मत कर के अभय को देख वो वो मुझे ये पूछना था की आप कहा रेहते है पायल मन मे पेहली बार मुझे किसी लरके से पता पूछना पर रहा है और मेरी भी फट रही है अब समझ मे आया लरके कियु लरकियो से बातें करने मे दिल का हाल केहने मे डरते है उनकी कितनी फटती होगी समझ मे आ रहा है
अभय - पायल को देखता है फिर नॉर्मल तरीके से लालपुर गाव मे रेहता हु
पायल - अभय की बात सुन बहोत खुश हो जाती है पायल अभय को देख खुश होते हुवे किया सच्ची मे आप लालपुर के रेहने वाले है
अभय - अजीब चेहरा बना के जैसे पायल उसका दिमाग खा रही हो हा मे लालपुर का रेहने वाला हु फिर अभय खिरकी से बाहर नजारे देखने मे लग जाता है
पायल अभय को अजीब चेहरा बनाते हुवे उसका मुह बन जाता है पायल मन मे कितना भाव खा रहा है साली किस्मत भी मेरी ऐसी है वो लरका मुझे पसंद आया तो मुझपे ध्यान ही नही दे रहा है तभी पायल को किसी के हंसने की आवाज सुनाई देती है पायल देखती है तो बिपिन था जो अपने मुह पे हाथ रखे हसे जा रहा था
पायल अपने भाई को अपने उपर हस्ता देख पायल का गुस्सा आसमान छु जाता है पायल अपने भाई के आखो मे गुस्से से देख मेरे छोटे भाई को इतनी हसी कियु आ रही है
बिपिन - पायल को गुस्से मे देख उसकी फट जाती है बिपिन डरते हुवे कापति आवाज मे वो दीदी मे तो बस ऐसे हि हस रहा था
पायल - बिपिन कि आखो मे देख अपना मुक्का बिपिन को दिखाते हुवे बताता है या
बिपिन - पायल के मुक्के को हाथो से पकर पायल को देख डरते हुवे दीदी दीदी मे ऐसा मत करो बताता हु ना दरसल आप इतनी खूबसूरत हो कई लरके आपके आगे पीछे लगे रेहते थे मेने देखा भी है लेकिन आज बिपिन को फिर हसी आ जाती है बिपिन हसी रोक नही पाता और मुह पे हाथ रख हसने लगता है
पायल - अपने भाई को इस तरह से अपने उपर हस्ता देख और गुस्से से आ जाती है पायल एक जोरदार मुक्का बिपिन के पेट मे दे मारती है
बिपिन कि हसी गायब हो जाती है बिपिन पेट पकर मर गया बिपिन पायल को देख दर्द मे मै आपका छोटा प्यारा भाई हु कोई ढोल नही जब देखो तक मुझे बजाती रहती हो
पायल - अपने बालों को हवा मे उराते हुवे बिपिन को देख मेरे मजे लोगे को ऐसे ही पिटोगे समझ गये मेरे छोटे भाई पायल फिर अभय को देख एक ये है जो अपनी दुनिया मे खोया रेहता है अरे सामने उसके इतनी खूबसूरत हॉट लरकी बैठी है ये ना की देखे मजे ले पता नही कहा खोया है
( पास्ट )
अभय को किड्नेपर् तेजी से वेन से निकल जाते है और आसा विनय अदिति को पता भी नही था अभय के साथ किया हुवा है
आसा अभय के कमरे मे जाती है तो अभय नही था आसा फिर अदिति विनय के पास जाती है अदिति विनय अभी भी पढाई कर रहे थे
अदिति विनय अपनी मा को देखते है अंदर आते हुवे
विनय - आसा को देख किया हुवा मा आप परेसान लग रही हो
आसा - विनय को देख चिंता करते हुवे अदिति विनय को देख वो बेटा मेने अभय के कमरे मे जाके देखा लेकिन अभय अपने कमरे मे नही है मुझे लगा अभय तुम लोगो के साथ होगा लेकिन अभय यहा भी नही है बेटा पता नही कियु मेरा दिल घबरा रहा है अभय हमेसा समय का पक्का है उसे तो अभी तक आ जाना चाहिये था
दरसल अभय 12 बजे निकला था और अभी 2 बज रहे थे सभी को पता था अभय ज्यादा से ज्यादा 1 घंटे मे घर लौट आता है और यही वजह थी की आसा की बात सुन विनय अदिति को भी थोरि टेंसन होने लगती है
विनय खरा होके आसा को देख मा आप चिंता मत करो मे जाके देखता हु हो सकता है अभय को उसके दोस्तो से रोक लिया होगा मे जाकर उसे लेकर आता हु
आसा - विनय को देख परेसान होते हुवे ठीक है बेटा जाके उसे लेके आ जब अभय मुझसे जायदा देर दूर रेहता है तो मुझे घबराहट होने लगती है
विनय - जाते हुवे आप चिंता मत करो मा मे अभी गया और अभी अभय को लेके आया विनय फिर निकल जाता है अभय को लाने
अदिति - आसा के पास जाके अपनी मा को नीचे बैठा के आसा को देख मा तुम बेकार मे चिंता कर रही हो भाई कोई छोटा बचा नही है होगे अपने दोस्तो के साथ बड़े भाई गये है जल्दी ही उन्हें लेके आ जायेंगे
आसा - अदिति को देख तुमने सही कहा लेकिन किया करू अभय को एक घंटे मे एक बार चेहरा नही देखती हु तो दिल बेचैन होने लगता है
अदिति - आसा को सांत करते हुवे समझ गई मेरी मा जब भाई आ जायेंगे तो उसे अपनी पल्लू से बांध कर रख लेना ठीक है
आसा को अदिति की बात पे हसी आ जाती है
आसा - अदिति को हस्ते हुवे तुम भी ना
वही विनय को अच्छे से पता था अभय के दोस्त कोन कोन है और अभय कहा जाता है और अभी कहा होगा इस लिये विनय सीधा खेतो के बीच पीपल के पेर के पास जाके देखता है तो विनय को अभय के दो दोस्त बातें करते हुवे दिखाई देते है लेकिन विनय को अभय दिखाई नही देता
विनय दोनों के पास पहुँचता है दोनों दोस्त विनय को को देखते है
अभय के दोनों दोस्त एक का नाम टीनू दूसरे का नाम लखन
टीनू - विनय को देख अरे विनय भाई आप यहा कैसे
विनय चारों तरफ नजर दोराता है लेकिन कही आस पास विनय को अभय दिखाई नही देता विनय को भी अब अंदर ही अंदर घबराहट होने लगती है
विनय - टीनू को देख अरे मे अभय को बुलाने आया था अभी अभय घर नही आया है
विनय की बात सुन टीनू लखन दोनों हैरानी से विनय को देख किया कहा
विनय दोनों को इतना हैरान होता देख विनय को और घबराहट होने लगती है
विनय - दोनों को देख थोरे चिंता मे तुम दोनों इतने हैरान कियु हुवे
टीनू - विनय को देख भईया इस लिये कियुंकी अभय तो एक घंटे पेहले ही घर के लिये निकल गया था
लखन - विनय को देख हा टीनू सही केह रहा है विनय भईया आप को तो पता ही है अभय अपने टाइम का पक्का है सही समय पे हर चीज करता है अभय आया था और हमने बातें की थोरा खेले फिर अभय अपने टाइम पे घर निकल गया था
दोनों की बात सुन विनय की सासे फूलने लगती है विनय दोनों को देख घबराते हुवे अभय अभी तक घर नही आया है
टीनू लखन जो भी अब अभय की चींता होने लगती है
टीनू - खरा होते हुवे विनय को देख अगर अभय घर नही गया है तो अभी वो है कहा
लखन - खरा होते हुवे कही वो मुकेश या राकेश के घर तो नही गया है ना
विनय - दोनों को देख मुझे नही पता मुझे बहोत घबराहट हो रही है कही अभय को कुछ
टीनू - विनय को देख भईया ऐसी बातें कियु कर रहे है हम है ना आप अभय के बाकी दोस्तो के पास जाके देखो हम दोनों मुकेश राकेश के घर जाके देखते है
विनय - दोनों को देख ठीक है तुम दोनों का सुक्रिया
टीनू लखन विनय भाई अभय हमारा सबसे अच्छा दोस्त है तो उसके लिये हम कुछ भी करेगे फिर टीनू लखन अभय को ढूढने निकल परते है
विनय बाकी अभय के जो दोस्त थे इनके घर की तरफ निकल परता ह
विनय बहोत घबराया हुवा था बहोत टेशन मे था
विनय चलते हुवे मन मे मेरा भाई कभी भी इतनी देर घर से बाहर नही रेहता लेकिन आज 2 घंटे हो गये अभय को घर से निकले मेरे भाई कहा है तू देख मेरा दिल घबरा रहा है अगर तु मजाक कर रहा है हमसे लुका छुपी खेल रहा है तो ऐसा मत कर मेरे भाई घर आजा
( 30 मिनट बाद) अभय के घर पे
30 मिनट को चुके थे आसा की नजर बार बार दरवाजे की तरफ जा रही थी आसा इस उमीद मे बैठी बार बार दरवाजे की तरफ देख रही थी की विनय अभय को लेके आया की नही लेकिन ना विनय आया था ना अभय
आसा की चिंता बेचैनी घबराहट और बढ़ जाती है आसा के मन मे ना चाहते हुवे भी बुरे बुरे ख्याल आने लगते है
आसा - बेचैनी से अदिति को देख अदिति बेटा अभी तक विनय अभय को लेकर कियु नही आया है
अदिति अपनी मा की बातो को सुन अपनी मा को सांत करते हुवे दिलासा देते हुवे
अदिति - अरे मा मुझे लगता है विनय भाई अभय भाई दोनों बातें करते हुवे आ रहे होगे बस दोनों थोरि देर मे आ जायेंगे आप बेकार मे ही चिंता कर रही है
आसा - अदिति को देख किया करू बेटी दिल नही मान रहा
( 1 घंटे बाद )
विनय पुरे बेचैन घबराते हुवे अपने घर के पास पहुचता है तो देखता है उसकी मा बेहन दरवाजे के पास ही बाहर बैठे दोनों का इंतज़ार कर रही है
विनय - अपनी मा बेहन को देख नजरे नीचे किये हुवे घबराते हुवे मन मे मेने हर जगह अभय को ढूढ़ लिया लेकिन अभय मुझे कही भी नही मिला अब मे मा बेहन को किया जवाब दुगा कहा हे मेरे भाई प्लेस आजा देख तेरे इंतज़ार मे सब का किया हाल हो रखा है प्लेस उपर वाले मेरे भाई को कुछ नही हुवा हो उसे जल्दी घर भेज देना प्लेस
आसा अदिति दोनों की नजर विनय पे जाती है लेकिन दोनों विनय को अकेला आता देख फिर दोनों की बैचैनी बढ़ जाती है
विनय हतास उदास दुखी अपनी मा बेहन के पास जाके खरा हो जाता है
आसा - विनय को देख घबराते हुवे बेचैनी से विनय को देख बेटा तु अकेला आया है अभय कहा है आसा आस पास बेचैनी से अभय को ढूढने लगती है
अदिति - भी घबराते हुवे बेचैनी से भाई मा ने कुछ पूछा है भाई कहा है बोलिये ना मेरा जी बहोत घबरा रहा है प्लेस भाई
विनय - नजरे उपर कर अपनी मा बेहन को देख माफ करना मा चोटकी मेने हर जगह अभय को दुधा लेकिन अभय मुझे कही नही मिला
विनय की बात सुन आसा अदिति दोनों की एक पल के लिये सासे दिल की धारकन रुक जाती है
आसा विनय के पास जाके विनय के दोनों कंधे को पकर विनय को देख कापते होठो से तुमने क्या कहा फिर से बोल विनय अपनी मा को रोने वाले चेहरे के साथ मा मुझे अभय कही नही मिला
तभी सरक पे एक औरत भागते गिरते रोते हुवे चिलाते हुवे अपने बेटे को आवाज लगा के पुकार रही होती है अपने बेटे को ढूढ़ रही होती है
औरत की आवाज सुन आसा विनय अदिति तीनों उस औरत की तरफ देखते है औरत भागते हुवे चिलाते हुवे मेरे लाल कहा है तू देख बाहर आजा मुझे इतना कियु सताता है ये केहते हुवे औरत फिर नीचे आसा के सामने ही गिर परती है
औरत को घुटने पे चोट भी गई थी लेकिन उसे दर्द की परवाह नही थी उसे अपने बेटे को ढूधना था
आसा को रहा नही जाता है आसा औरत के पास जाके उस औरत को उठाते हुवे दीदी हुवा किया है किया आप अपने बेटे को ढूध रही है
औरत आसा के उमर की ही थी औरत का पूरा चेहरा आसु से भरा हुवा था
औरत - आसा को देख रोते हुवे मेरा लाल घर से बाहर केह कर गया था वो अपने दोस्तो के पास जा रहा है लेकिन 4 घंटे हो गये अभी तक घर नही लोटा है मेने अपने बेटे के सभी दोस्तो के घर जाके देखा पूछा लेकिन सभी केह रहे वो तो बहोत पेहले ही घर चला गया था लेकिन मेरा बेटा तो घर आया ही नही है
बस यही सुनना था की आसा की बची हुई हिम्मत जवाब दे जाती है आसा को चक्कर आने लगते है आसा नीचे गिरने लगती है तभी विनय ये देख चिलाते हुवे मा और जल्दी से जाके विनय मा को पकर लेता है आसा नीचे गिरने से बच जाती है लेकिन आसा बेहोस हो चुकी थी
औरत जो रो रही थी वो ये सब देख हैरान होते हुवे आसु वाले चेहरे से विनय को देख बेटा तुम्हारी मा बेहोस कियु हो गई है कुछ हुवा है किया विनय औरत को देख अंदर चलिये मे सब बताता हु
विनय अदिति को देखता है अदिति तो पथर् बनी खरी थी विनय अदिति को आवाज देते हुवे अदिति अदिति होस मे आयो मेरी मदद करो मा को अंदर ले जाने मे
विनय की बात सुन अदिति होस मे आती है और आखो मे आसु लिये जल्दी से जाके अपनी मा को पकर लेती है फिर दोनों मिलकर आसा को कमरे मे लाके बिस्तर पे सुला देते है फिर विनय पानी लाके आसा के चेहरे पे पानी छीरक्ता है तब जाके आसा होस मे आती है
आसा होस मे आते ही जोर जोर से रोते हुवे मेरा बेटा बेटा बेटा कहा है आसा पागलो की तरह अभय को पुकारने लगती है विनय अदिति दोनों के आखो से आसु नीचे तप तप गिर रहे थे विनय जल्दी से आसा को गले लगा के रोते हुवे सांत होजाओ मा अभी रोने का समय नही है हमे पता लगाना होगा अभय कहा है प्लेस मा आप सांत हो जाइये विनय की बात सुन आसा थोरा सात होती है लेकिन आसु रुकने का नाम नही ले रहे थे
औरत ये सब देख इतना समझ जाती है की यहा भी वही हुवा है तो औरत भी अपना सर पकरे जोर जोर से रोना सुरु कर देती है
विनय औरत को देखते हुवे प्लेस आप भी सांत हो जाइये अभी हमे जल्दी से पुलिस के पास जाना चाहिये विनय की बात सुन आसा औरत सांत हो जाते है उन्हें भी विनय की बात समझ मे आ जाती है
( परजेंट )
रात 10 बजे
ट्रेन मे बैठे सभी यात्री का ये समय खाने पीने का होता है तो कई लोग अपना खाना निकाल खाने मे लगे थे ट्रेन तेजी से अपनी मंजिल की तरफ बढ़ रही थी
पायल और उनके पापा भाई खाना निकाल रहे थे पायल की मा बिपिन को प्लेट मे खाना देते हुवे जा अभय बेटे को दे दे बिपिन मा को देख ठीक है मा तभी बिपिन के हाथो से प्लेट जायेब हो जाता है और गायेब करने वाली पायल थी
बिपिन पायल को देख मुस्कुराते हुवे वाह दीदी वाह आज पेहली बार देख हु एक लरकी लरके को पटाने मे लगी हुई है लेकिन लरका तो घास दाल ही नही रहा आज पता चला हम लरको को कितनी प्रॉब्लम होती है किसी लरकी से बात की सुरुवात करने मे दिल की बात केहने मे
पायल - बिपिन को गुस्से से देख ज्यादा चपर् चपर् मत कर नही तो तेरी दात् तोर दूंगी
बिपिन - अपने मुह को बचाते हुवे हा हा सच बातें करवी ही होती है
पायल घूर के बिपिन को देखती है तो बिपिन डर के दूसरी तरफ देखने लगता है
पायल - फिर अभय को प्यार से देखते हुवे अभय के पास जाके अभय को देख अभय जी ये लीजिये मा ने आपके लिये खाना दिया है खा लीजिये
पायल की आवाज सुन अभय पायल को देखता है पायल अभय के सामने खरी थी थोरा झुकी हुई थी अभय पायल के चेहरे को देख जब थोरा नीचे देखता है तो अभय को पायल के दो बड़े उजले चुचे झाकते हुवे पायल ये देख मुस्कुराते हुवे अब तो जरूर इसको कुछ कुछ होने लगेगा कोई भी लरका इस से बच नही सकता है लेकिन तभी फिर पायल के अरमा आसु मे बेह जाते है

दिपु जल्दी से खाने की प्लेट लेते हुवे धीरे से सुक्रिया करते हुवे खाना खाने लगता है पायल का फिर मोय मोय हो जाता है पायल अभय को देख इस मिटी का बना है ये पायल मुह फुला के अपनी सीट पे जाके बैठ जाती है और मुह फुलाये अभय को देखने लगती है
अभय को पता था की अगर वो खाना नही लेता तो सभी उसे जोर जबरदस्ती खाना खिला कर ही मानते इस लिये अभय ने बिना दिमाग पागल किये जल्दी से खाना ले लिया था
अभय एक हाथो से प्लेट पकर दूसरे हाथो से रोटी तोर खाये जा रहा था अभय 4 साल बाद घर का खाना खा रहा था अंदर मे अभय के कई इमोसन जाग रहे थे लेकिन अभय उसे बाहर आने नही देता
पायल मुह फुलाये अभय को देखे जा रही थी ये देख बिपिन खाने की एक प्लेट पायल को देते हुवे दीदी ये लीजिये और खाते हुवे जितना देखना है देखते रहिये पायल बिपिन को देख प्लेट लेते हुवे चल अपना काम कर बिपिन खाना खाते हुवे मेरी तो कोई इज़त ही नही है
अभय खाना खा लेता है तो पायल ये देख अरे और चाहिये तो अभय बीच मे रोकते हुवे पायल को देख नही मेरा हो गया थैंक्स खाना बहोत अच्छा था पायल मुस्कुराते हुवे अभय को देख चलिये आप कुछ तो बोले खाने के बहाने अभय पायल को देखता है फिर अपने उपर वाले सीट पे जाके लेत जाता है पायल अभय को देख अरे यार किया करू मे इसका बिपिन भी खाना खाने को बाद उपर वाले सीट पे जाके लेत जाता है
पायल भी थोरि देर बाद खाना खाके उपर बिपिन के आखो मे गुस्से से देखती है बिपिन पायल को देख हद है यार दीदी बिपिन बेचारा नीचे उतर आता है पायल मुस्कुराते हुवे बिपिन को देख मेरा अच्छा भाई पायल फिर उपर वाली सीट पे अभय की चेहरे की तरफ अपना चेहरा कर लेत जाती है और अभय को देखने लगती है अभय पायल की आखो मे देखता है पायल अभय की आखो मे
अभय - पायल को देख दिल तो कर रहा है यही घोरी बना के इसकी इतनी चुदाई करू की इसकी सारी गर्मी ही निकल जाये हद है यार पीछे ही पर गई है चिपकु कही की
अभय फिर दूसरी तरफ चेहरा कर आखे बंद कर लेता है पायल ये देख थोरा उदास हो जाती है
पायल - फिर मुस्कुराते हुवे कोई बात नही मेरे गाव के बगल वाले गाव मे ही तो रेहता पायल अभय को देख पीछा नही छोरुगी चुड़ैल की तरह पीछे परी रहूगी
पायल ये केह मुस्कुराते हुवे वो भी अपनी आखे बंद कर लेती है
( पास्ट )
( लालपुर पुलिस इस्टेशन )
लालपुर इस्टेशन की इन चार्ज इंस्पेक्टर नीतिका सिन्हा
नीतिका सिन्हा - उमर 35 - साल - इसके दो रूप है वर्दी बिना नीतिका बहोत ही संस्कारी मीठी बातें करने वाली अपने पति बच्चो का ख्याल रखने वाली एक हाउस वाइफ लेकिन वर्दी मे नीतिका कराइम् करने वालो के लिये मौत से कम नही है खास कर रेप मडर करने वालो को के लिये रेप मडर किडनैपिंग जैसे केस मे नीतिका पूरी जान लगा देती है अपनी पूरी इमानदार बहोत ही खूबसूरत हॉट दो बच्चे है
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बेटी - मीका सिन्हा - 16 साल - बेटा - जीत सिन्हा - 15 साल - बाकी आगे जैसे कहानी जायेगी आपको पता चलते जायेगा
विनय अपनी मा बेहन और उस औरत के साथ पुलिस इस्टेशन आती है अंदर जाते ही आसा और वो औरत रोते हुवे पुलिस वालो से गुहार लगाने लगती है
विनय - आसा को पकर मा सांत हो जाओ प्लेस रोने से कुछ नही होगा मुझे भी अपने भाई से बहोत प्यार है लेकिन अभी थोरा सांत रहिये
अदिति का भी बहोत ही बुरा हाल था अदिति बार बार अपने भाई को याद कर आसु बहाये जा रही थी
सोर सारबा सुन नीतिका बाहर आके देखती है तो आसा बाकी सभी को परेसन रोते हुवे बुरी हालत मे पाती है
नीतिका - सभी के पास जाके सभी को देख किया हुवा है आप लोग रो कियु रहे है कुछ हुवा है तो बताये हम है आपकी मदद करने के लिये
आसा - नीतिका के पैर पे गिरते हुवे मैडम मेरे बेटे को कैसे भी ढूढ़ कर वापस ला दीजिये प्लेस वो मेरा जिगर का टुकरा है आसा ये केहते हुवे जोर जोर से रोये जा रही थी
नीतिका - आसा को उठाते हुवे देखिये जो भी अंदर जाके बात करते है लेकिन पेहले आप सांत हो जाइये ठीक है
नीतिका फिर सभी को अंदर लेके जाती है ऑफिस मे फिर सभी को कुर्सी देती है सभी को बैठाती है पानी पीने के लिये देती है जब आसा सब सांत होते है तब नीतिका पूछना सुरु करती है
नीतिका - ठीक है बताइये बात किया है
विनय - मैडम मे बताता हु विनय सुरु से लेकर सब बता देता है
नीतिका - विनय की बात सुन औरत को देख आप सब एक साथ है
औरत - नीतिका को देख नही मेडम
औरत भी अपनी सारी कहानी बता देती है
सभी की बात सुनने के बाद नीतिका सभी को देख ये एक किडनैपिंग है
नीतिका की बात सुन आसा विनय अदिति औरत सब की हालत और बुरी हो जाती है
आसा - नीतिका को देख रोते हुवे मैडम लेकिन मेरे बेटे ने किसी का किया बिगरा है जो कोई मेरे बेटे का किडनैपिंग करेगा हम तो अमीर भी नही है
औरत - नीतिका को देख रोते हुवे सही कहा दीदी ने हम तो गरीब है और मेरा बचा तो अभी 15 साल का होने वाला था
नीतिका - सभी को देख कर बात ये है की हाल ही मे कई केस आये है किडनैपिंग के ये बाकी दूसरे गाव से भी बच्चे को किडनैपिंग किया गया है और मुझे लगता है ये किडनैपिंग कोई पैसे या बदला लेने के लिये नही किया गया है बल्कि कुछ और बात है
कई गाव से 15 या 17 के बच्चे को किडनैपिंग किया गया है वजह तो पता है और जो वजह हो सकती है वो सही है या गलत ये केह नही सकती हमारे उपर के सीनियर दूसरे गाव के इंस्पेक्टर हम सब मिल कर इसका पता लगाने वाले है चिंता मत कीजिये जल्दी ही हम उन किडनैपिंग करने वालो को पकर लेगे बच के जायेंगे कहा फिल्हाल आप लोग अपना नाम पता रिपोर्ट लिखवा दीजिये जैसे ही हमे कुछ पता चलेगा हम बता देगे
आसा औरत रोते हुवे प्लेस मैडम कैसे भी कर के हमारे बच्चो को डुंढ निकालिये
नीतिका - सभी को देख आप सभी चिंता मत कीजिये जमीन आसान एक कर दुगी मे सभी को डुंढने मे
आसा अपना रिपोट लिखवा देती है नाम बता सब
औरत का नाम - मिनिता सिन्हा - उमर 39 - बहोत ही खूबसूरत भरा हवा बदन
पति - भोला सिन्हा - उमर 41 साल -
बेटी कोमल सिन्हा - 19 साल - समझ लो उपर से नीचे तक मा पे गई है
बेटा - विजय सिन्हा - 18 साल - हैंडसम है लेकिन थोरा बेवकूफ भी इसी का किडनैपिंग हुवा है अभय के साथ
( याद रहे ये उमर पर्जेंट का है पास्ट मे सभी की उमर 4 साल घटा दो उतना होगा )
रिपोर्ट लिखवाने के बाद विनय अपनी मा बेहन मिनिता सभी दुखी अपने घर इस उमीद पे आते है की सायद पुलिस वाले इनके बेटे को डुंढ निकालेेंगे
सभी के जाते ही नीतिका अपने सर पे मुक्के से धीरे धीरे मारते हुवे आस पास मे भी बच्चे को किडनैप किया गया है एक साथ मे इतने बच्चे को कियु किया वजह होगी मेरे दिमाग मे तू कई वजह आ रही है लेकिन दिल केह रहा है कुछ और बात है
नीतिका बाहर आके अपने टीम को रेडी कर आ जाती है अभय के घर पुरे गाव मे ये बात फैल गई थी की फलाना के लरके को किडनैप कर लिया गया है बहोत सारे लोग पुलिस वाले किया कर रहे है देखने आये थे
नीतिका क्राइम सीन पे आके कुछ कुलू दुधने की कोसिस करती है ताकि आगे जाच करने मे आसानी हो लेकिन नीतिका को कुछ नही मिलता नीतिका पास पास के लोगो से भी पुचतास करती है लेकिन उसका भी कोई फायेदा नही होता
नीतिका बीच सरक पे खरी होकर चारों तरफ नजर दोराति है जब सामने देखती है आगे तो मैन रोड दिखाई देता है अभय के गाव से ईट की सरक सीधा मैन रोड से जाके मिलती थी नीतिका मैन रोड पे जाके देखती है तो नीतिका को एक cctv केमरा दिखाई देता है
नीतिका - अपने एक साथी से cctv केमरे को देखते हुवे जाव और 12 से 2 बजे के बीच का cctv फोटेग वीडियो निकलवा कर लाओ कोई गारी गुजरी है 12 से 2 के बीच
थोरि देर बाद नीतिका को फोटो वीडियो मिलती है जिसमे साफ साफ 12 से 2 के बीच एक वेन जाते हुवे दिखती है लेकिन उस वेन पे कोई नंबर नही था नीतिका को इतना यकीन हो जाता है इसी वेन मे अभय विजय को किडनैप कर के ले जाया गया है
निकिता - अपनी मुठी कसते हुवे कम से कम कुछ तो मिला सायद इससे हम उन लोगो के पास पहोच पाये
विनय भी वही था सब कुछ देख रहा था आखो मे आसु ते लेकिन वो भी कुछ कर नही सकता था रोने के अलावा
वही अभय को होस आता आ चुका था लेकिन अभय की आखे बंधी थी मुह पे टेप चिपका था हाथ पैर भी बंदे थे गारी तेजी से चल रही थी तो अभय को इतना तो पता चल जाता है की उसे कही ले जाया जा रहा है लेकिन कहा कियु किया करेगे उसके साथ ये सोच अभय डर से कापने लगता है मौत का डर सब को लगता है अभय को भी था अभय को सिर्फ कुछ लोगो की बात करने की आवाज और आस पास कई चलती गारियो की आवाज सुनाई से रही थी
एक एक दिन गुजरने लगते है 10 दिन हो जाते है लेकिन नीतिका को कुछ हाथ नही लगता नही कुछ पता चलता है आसा मिनिका की बची हुई आसा भी टूट कर चूर हो जाती है
आसा की हालत इस 10 दिनों के बहोत खराब हो जाती आसा खाना छोर चुकी थी रोज अभय के याद मे ना सो पाती थी ना खाना खा पाती थी वही हाल विनय अदिति का भी था
अदिति को अपने भाई के साथ बिताये पल याद आते ही जोर जोर से रोना सुरु कर देती थी अदिति भी बहोत खाना सही से ना खाने की वजह से कमजोर होती जा रही थी
विनय घर का बरा लरका था और संझदार भी विनय अपनी मा बेहन की हालत देख दोनों को कसम देखे खाना पीना पे ध्यान देने के लिये केहता है तब जाके आसा अदिति कुछ खाने लगते है
5 दिन बाद आसा की हालत बहोत खराब हो जाती है कमजोरी से विनय जल्दी से आसा को होस्पिटल लेके जाता है 4 दिन अच्छे से इलाज होने के बाद आसा टिक होती है डॉक्टर विनय को अपनी मा के खाने पीने और ज्यादा टेंसन ना लेने के लिये केहता है
विनय मा को लेकर घर आ जाता है साम के 3 बज रहे थे
विनय अपनी मा के पास बैठा था अदिति भी थी
विनय - आसा को देख मा ये किया है हा मे जानता हु आपको अभय के दूर जाने से कितना दर्द मे है में भी अपने भाई को बहोत याद करता हु मेरे मे भी रोज उसकी याद मे रोता हु उसे हर पल याद करता हु लेकिन उसी के साथ अपने उपर ध्यान भी देता हु खाना ना खाने से टेंसन लेने से अभय आ नही जायेगा मा समझिये हम भी है यहा पे मे अदिति हमारे बारे भी तो सोचिये आप ही हार मान जायेगी तो हमारा किया होगा मा
आसा बिस्तर पे दूसरी तरफ चेहरा कर लेत रोये जा रही थी
आसा - विनय की तरफ देख रोते हुवे मुझे अपने लाल की बहोत याद आती है बेटा रोज सुबह मे जाके उसे उठाती थी तो मुझसे केहता था मा आपकी मीठी आवाज सुने बिना मेरी नींद नही टूटती है आपका सुंदर चेहरा देख कर मेरा पुरा दिन अच्छा जाता है लेकिन लेकिन मेरा लाल अब कैसे कैसे वो सुबह उठता होगा कहा है कैसा है मुझे कुछ नही पता मुझे कुछ नही पता ( तु लौट के आजा मेरे लाल ) आसा फिर जोर जोर से रोने लगती है
आसा को रोता देख आसा की बात सुन अदिति विनय भी रोने लग जाते है
अदिति - रोते हुवे भाई आप कहा चले गये भाई अपनी गुरिया को छोर के आप के बिना एक पल जिया नही जाता भाई आप के साथ मस्ती करना आपके साथ लराइ करना बहोत याद आती है भाई प्लेस आ जाओ अपनी गुरिया को ऐसे मत रोलाओ आप मेरी आखो मे एक बूंद आसु नही देख पाते थे ना लेकिन आज आप ही अपनी गुरिया को बहोत रुला रहे हो भाई आजाओ भाई प्लेस कहा है आप आपकी गुरिया आपको पुकार रही है
विनय - आसा अदिति को चुप करवाते हुवे आसा को देख मा अदिति को देखो मुझे देखो अगर आप हिम्मत हार जायेगी तो हमारा किया होगा हम आपके बिना कैसे जियेंगे मा सोचिये कैसे जियेंगे आपके बिन
आसा को विनय की बात समझ मे आती है रोने से सब सही नही हो जायेगा आसा को समझ मे आता है जो चला गया चला गया लेकिन जो पास मे है अगर ऐसे ही करती रही तो उन्हें भी खो देगी
आसा - विनय को देख रोते हुवे ठीक है बेटा मे आज से अच्छे से अपने उपर ध्यान दूंगी तुम लोग भी अपने पढाई पे ध्यान देना ठीक है
विनय अपनी मा की बात सुन राहत मिलती है 5 दिन और गुजर जाती है आसा खाने पे ध्यान और अपने बच्चो यानी विनय अदिति पे ध्यान देने लगती है लेकिन जब कोई नही होता था तो अभय को याद कर जोर जोर से रोने लगती थी
आसा - अकेले कमरे मे बिस्तर पे लेते हुवे मेरे लाल तुझे मे कैसे भूल जाऊ कैसे तेरे बिना आराम से अपनी जिंदगी गुजारु तेरे बिना ये जिंदगी मुझे बहोत भारी लग रही है मेरे लाल तु जहा भी है अगर एक मा की पुकार सुन रहा है तो तुझे लौट के आना होगा अपनी मा के पास
दूर कही एक कमरे मे अभय सोया हुवा था तभी अभय जोर से मा पुकारते हुवे उठ कर बैठ जाता है अभय का चेहरा पसीने से गिला था अभय जोर जोर से सासे लेते हुवे मा मे आऊगा आपके पास लौट कर आपका लाल आपके पास जायेगा चाहे मुझे उसके लिये कुछ भी करना परे बस आप मेरा इंतज़ार कीजिये मा
विजय अभय को देख भाई आप ठीक तो है ना अभय विजय को देख हा मे ठीक हु
आज के लिये इतना ही

