Luckyloda
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एकदम सही कहा आपने, पहला टारगेट तो कीड़े वाले ही हैं, जिन्होंने कैमरे लगाए हैं, सुने और देखे। और उन का शक कम होवाह कोमल मैम
क्या फील्डिंग सैट की है !!!
तीज की पार्टी के साथ - साथ कीड़े वालों की भी।
इसके साथ मरद का भी भला कबूतरियों के साथ चमचियों का भी भला।
लगता हैं महाकुंभ की तैयारी है। सर्व सर्वानंद प्राप्ति।
सादर
Bahoot bahoot dhanyvaad, aabhaarHamesha ki tarah hi lajawab update....
Woww kahani wapas apne rang me ayegi. Mrs Moitra ke rasgullon ka swaad dekhna hai kaisa hai?जोरू का गुलाम भाग २५१
तैयारी तीज की पार्टी की- तीज प्रिंसेज और निधि
३८,७७, ४८५
( और अब कहानी वापस आ गयी है अपने टाउनशिप में ,और सुनाने वाली मैं
और अगली कुछ पोस्टें थोड़ी सामान्य साइज की और जल्दी भी, और आप सब लोगो को मेगा अपडेट पर पर अब तक इस कहानी के किसी भी पोस्ट से ज्यादा व्यूज, करीब ६० हजार के लिए आभार )
बड़ा मुश्किल होता है असहज होते हुए भी सहज होने की एक्टिंग करने का और जब से कीड़ों का ( बग्स का ) और पूरे घर में लगे कैमरों का पता चला था यही हालत थी। फोन हो, कंप्यूटर हो ये पता था की मैं जो कुछ कर रही हूँ कोई न कोई सुन रहा है, देख रहा है और रिकार्ड भी कर रहा है, लेकिन ऐसे करना है की सुनने, देखने और रिकार्ड करने वाले को ये पता न चले की मुझे पता है,।
लेकिन सबसे ज्यादा मुश्किल होती थी रात में सबसे ज्यादा, ...एकदम ऐसे लगता था जैसे शादी के शुरू के दिनों में कोई खिड़की हल्की सी खुली रह गयी हो, हवा से भी पर्दा हिले और लगे की कोई नंदीदी ननद या जवान होता देवर झाँक रहा है।
पर अब धीरे धीरे दो चार दिन में एक तो आदत हो गयी थी और इन्हे तो और ज्यादा जोश,
जैसे लगे की देख लो, मन भर के देख लो और इन का जोश देख के मैं और जोश में आ के इनकी माँ बहिन गरियाती थी, कई बार खुद इनके ऊपर चढ़ क
लेकिन एक परेशनी और आ गयी थी।
अब मैं घर अकेला नहीं छोड़ना चाहती थी पर गुड्डी भी चली गयी थी अपने बूट कैम्प में , और तीज वाली तैयारी भी होनी थी, जिसमे मिसेज मोइत्रा के साथ खूब मस्ती होनी थी, दिन भर वो लेडीज क्लब में रहती ७-८ घंटे और उसी दिन अपने जिन दोनों रसगुल्लों को इतने दिन से उन्होंने डिब्बे में बंद कर के रखा है , दर्जा नौ में पढ़ने वाली उनकी दोनों छोरियां, मेरे मरद की मुंह बोली सालियाँ, तो मिसेज मोइत्रा को उस दिन क्लब में देर तक रखना इस लिए जरूरी था की मेरा मरद उनकी दोनों कुँवारी बेटियों का रसगुल्लों का रस कस कस के निचोड़ता।
मैंने तो बोला था अगवाड़ा पिछवाड़ा दोनों फाड़ देना स्सालीयो का, बिस्तर से उठें तो दीवार का सहारा लेके, लगे गांड में अभी कोई गुल्ली ठोंकी हुयी है।
और उनकी स्साली रीनू ने तो इन्हे अब पिछवाड़े का पक्का रसिया बना दिया था, इनकी ममेरी बहन गुड्डी के पिछवाड़े चढ़ा चढ़ा के, एक दिन तो मेरी बहन ने अपने जीजू से, इनसे इनकी बहन की २४ घंटे में सात बार गाँड़ मरवाई तो इसलिए मिसेज मोइत्रा की दोनों बेटियों के पिछवाड़े का भी बाजा बजना था। पर उस पार्टी की तैयारी करनी थी और उसके अगले दिन एक और पार्टी थीं तीज प्रिंसेज की, मतलब कुँवारी लड़कियों की जिसमे मिसेज मोइत्रा के दोनों रसगुल्ले भी आते ,
उस टीनेजर्स की पार्टी में लेडीज कम ही थीं पहली बात तो जिनकी बेटियां थीं उन्हें तो नहीं ही आना था और कुछ और भी, तो कुल मिला जुला के १५-२० से ज्यादा नहीं, जिसमे १०-१२ टीनेजर्स और लेडीज में ज्यादातर यंगस्टर्स और सीनियर ग्रुप में मिसेज मोइत्रा की दो ख़ास चमचियाँ और दो चार और।
इस तीज प्रिंसेज की पार्टी में मामला और गर्मागर्म होना था और ऊपर से मिसेज मोइत्रा ने इस पार्टी के लिए गेम्स और डिटेल्स की जिम्मेदारी अपनी दोनों चमचियों को सौंपी थी
Bahut mast party plan ban raha hai. Mujhe to party suru hone ka intezar hai.मीटिंग
और उसी की मीटिंग होनी थी और अब की मीटिंग मैंने अपने घर पर ही रखी थी ज्यादा लोग नहीं थे बस ६ -७ लेडीज। मैं, सुजाता, मिसेज मोइत्रा की दोनों चमचियाँ, मिसेज मोइत्रा की ही उम्र की मिसेज साहनी और हम लोगो के यानी बेबी ग्रुप या बच्ची पार्टी की सुनंदा।
बतलाया तो था आप सब को ' बेबी ग्रुप' या बच्ची पार्टी मतलब वो लेडीज जिनके अभी बच्चे न हों और ज्यादातर की ेज २० से २५ के बीच की, और सीनियर मतलब जिनके बच्चे हों और कई के तो अच्छे खासे बड़े थे, ज्यादातर ३४-२५ से लेकर ४०-४४ वाली।
मुझे मालूम था की मीटिंग में खूब मस्ती होगी, खुल के बातें होब्गी ख़ास तौर से वो दोनों चमचिया और सब कुछ कैमरों में जाएगा, .....जाए तो जाए
देखने वाला भी मजे ले और समझे हम क्या करते हैं.
असल में परेशानी मेरे सोना मोना की है, एकदम बुद्धू बालम, भोला साजन है मेरा।
ये तो मेरी ऐसी मिल गयी तो थोड़ा बहुत और ऊपर से इनकी सास ने मंजू और गीता से मिल के थोड़ा इनका सुधार कर दिया
बची खुची कसर अबकी इनकी साली ने गरिया के, अपने सामने इनसे इनकी बहन की गाँड़ मरवा मरवा के, पक्का कर दिया और अब ये भी समझ गए की नए माल की सिर्फ सील खोलने से काम नहीं चलता, एक बार करने के बाद तो पक्का वो टाँगे सिकोड़ लेगी की अरे एक बार तो ऐसे ही, इसलिए कम से कम दो बार हचक के चोदने के बाद ही नई लौंडिया को चुदाई का चस्का लगता है और फिर वो मरद की ज़िप खुलने के पहले ही अपने शलवार का नाड़ा खोल देती है।
और मैं मिसेज मोइत्रा को दोनों बेटियों को पक्की छिनार, बिन पैसे की रंडी बनाना चाहती थी इसलिए, और ये भी बात सही की लौंडियों की तो छोड़िये, गौने की दुल्हन की भी रात भर मरद से रगड़वाने के बाद भी शरम उतनी नहीं खुलती, जितनी अगले दिन जब ननदें पकड़ के कुछ धोखे से कुछ जबरदस्ती, लहंगा उठा के ;नीचे वाले मुंह; की मुंह दिखाई दिखायी करतीं हैं, और चिढ़ाती हैं, छेड़ती हैं।
और उस के बाद उसी रात से दुल्हन खुद कमर उठा उठा के , चूतड़ उछाल उछाल के सेज का मजा लेती है।
फिर जब वो ननदें अपने गौने के बाद मायके लौटती हैं तो न सिर्फ वही दुल्हन उनका लहंगा उठाती है बल्कि दो दो ऊँगली डाल के देखती है बिल कितनी चौड़ी हुयी।
बस यही मैं चाहती थी तीज प्रिंसेज वाली पार्टी में एकदम ऐसा ही हो। चुद तो वो दोनों मिसेज मोइत्रा की, ' सीधी साधी बेटियां ; एक दिन पहले ही जाएंगी, बस बची खुची शरम लिहाज झिझक उतर जाए।
और हुआ वही मुझे मीटिंग में बोलने की जरूरत ही नहीं पड़ी, सुनंदा, सबसे यंग तो नहीं लेकिन काफी यंग, साल भर ही हुए थे शादी के, बस कुछ महीने पहले खुद टीन से निकल के ट्वेंटी में आयी थी, उसने पूछ लिया, थोड़ा झिझकते, सहमते
" मतलब, ये सब लड़कियां होंगी, …इनके साथ कभी, तो मतलब गेम बनाने में, मजाक करने में टास्क में हम लोगों को थोड़ा '
हम लोगों ने तो किसी तरह मुस्कराहट दबायी,.. लेकिन मिसेज साहनी ने जो उम्र में मिसेज मोइत्रा के ही आसपास की थीं और एकदम मुंहफट हँसते हुए पूछ लिया,
" अरे सुंनंदा साफ़ साफ़ क्यों नहीं पूछती, ये सब चुदी होंगी की नहीं, ....बुर में ऊँगली करने करवाने के लिए, "
और मिसेज साहनी ने अगला सवाल सुजाता से पुछा, सुजाता स्कूल की इंचार्ज थी तो उसे सब लड़कियों की बर्थ डेट क्या जन्म कुंडली तक मालूम थीं
" क्यों सुजाता इनमे से कोई चौदह से कम तो नहीं है "
सुजाता ने जोर से जवाब दिया, " एकदम नहीं " और जब तक वो आगे कुछ और बोलती मिसेज साहनी ने फैसला सुना दिया
" चौदह की हो गयी हैं मतलब पक्की चुदवासी, सब चुद गयी होंगी "
और रही सही कसर चमची नम्बर २ ने पूरी कर दी,
" नहीं चुदी होंगी तो चोद दी जाएंगी,.... सीधे से तो नहीं जबरदस्ती, बिना फाटे बची रहे हम लोगो की बेइज्जती "
"और क्या कल तो रिश्ता ननद भौजाई का होगा, और कौन भौजाई होती है जो ननद की ऊँगली करते समय उसकी उमर देखती है, फटी है की नहीं ये पूछती है, अरे बिन्नो ननद है तो पेली जायेगी। तो रगड़ाई तो होगी सालियों की वो भी जबरदस्त। हम लोगों की तीज पार्टी से भी दो हाथ आगे, स्साली इत्ती कच्ची अमिया कहाँ मिलती हैं "
चमची नंबर तीन बोली।
owww Nidhi bhi apne khel dikhayegi ab. Komal ji aap badi kamaal ki lekhika hain, koi na koi naya tadka daal hi deti hain.निधि
मिसेज साहनी ने मेरे कान में कहा," निधि को मनाना पड़ेगा, लेकिन अगर एक बार वो मान जाये तो उससे अच्छा कोई नहीं ".
मैंने धीरे से कहा, "उससे बोलियेगा मैं फोन करुँगी , मेरा नंबर दे दीजियेगा, बोलियेगा एक मीटिंग के लिए बात करनी है."
मिसेज साहनी मुस्करायीं बोली, "तुम कहोगी तो आ जायेगी, पूरी टाउनशिप में उसके मन में सिर्फ तेरे लिए रिस्पेक्ट है, पर हो सकता है एक दो कंडीशन लगा दे."
मैं उससे एक बार ही मिली थी, कोई स्पोर्ट्स मीट थी,
इनकी कम्पनी ने कुछ स्पांसर किया था तो मैं भी गयी थी प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन में और वहीँ मिली थी, और क्या माल थी , सेक्सी कहना, अंडरस्टेटमेन्ट होगा, एकदम आग लगा देने वाली, सारे लौंडे तो दीवाने ही थे, सो काल्ड अंकल लोगों का भी पेंट टाइट था, लेकिन मुझे बहुत अच्छी लगी। स्पोर्ट्स में कई इवेंट्स में वो फर्स्ट आयी थी।
टाउनशिप से हटाने का एक कारण यह भी था , मिसेज मोइत्रा ने मिस्टर मोइत्रा को बोला था,
"अकेली रहेगी,... तो कालोनी के मर्दो का भी चरित्र भ्र्ष्ट होगा।"
और अब तो उनकी बेटियां, मिसेज मोइत्रा की बेटियां कालोनी के मर्दो के चरित्र भ्रष्ट करवाएंगी,
और सिर्फ कालोनी के मर्दो का ही नहीं, सर्वेट क्वार्टर वालों का, टाउनशिप के बाहर जो झोपड़ियां हैं, दुकाने है उन के मर्दो का भी, मरद तो मरद और वो भी निधि की देखरेख में
मैं तो तैयार थी बल्कि करवाउंगी ही अपने मरद का चरित्र भ्रष्ट, निधि के साथ, और मिसेज मोइत्रा की बेटियों के साथ ये स्साले हैकर लोग कैमरे वाले भी देखेंगे खेल, मेरा मरद ठरकी नहीं है महा ठरकी है।
" ठीक है, निधि की शिकायत एकदम सही है,... कोई भी गुस्सा होगा "
मैं मिसेज साहनी से बोली,
हम लोगों के टाउनशिप में आने के कुछ दिन पहले का ही वाकया था जब मिसेज मोइत्रा के मूत का चिराग जलता था, और उनकी दोनों बेटियों से भी लोग नजर झुका के मैडम कह के बात करते थे,
लेकिन अब निधि उन्ही दोनों को पक्का चूत चटोरी बनाएगी, और मंजू को तो मैंने मिसेज मोइत्रा के घर में घुसा दिया है तो वो तो एक बार निधि का हाथ लग गया दोनों पे तो मंजू, मिसेज मोइत्रा के सामने ही दोनों बेटियों से चटवाएंगी
बाकी लोग कुछ लिस्ट बनाने में बिजी थे और मुझे मिसेज साहनी ने निधि की परेशनियों के बारे में बताया,
" एक तो स्कूल की फ़ीस जहाँ वो है बहुत है, ....दूर भी है लेकिन सबसे बड़ी बात उसने अपनी डैडी को नहीं बताया है की वो निकाल दी गयी है, स्कूल से।
लेकिन उससे ज्यादा परेशानी है पीजी में जहाँ रहती है, एक तो मकान मालिक ने किराया अचानक तिगुना कर दिया है और अगले महीने से बढ़ा किराया न दे पाए तो खाली करे , और वो इसलिए की वो चाहते हैं की स्पोर्ट्स, पढ़ाई छोड़ के बस वो उनके बस को दोस्तों को सब लोगों को इंटरटेन करे, वो उससे हो नहीं सकता। और मिड सेशन में और कहीं पीजी मिलना मुश्किल है फिर ये सब जगह जा के बाँट देगा,
" मैं खुद उससे बात करुँगी, देखिये कोशिश करुँगी मनाने की, आखिर अपनी इस टाउनशिप की बच्ची है। कोई अपनी लड़की है कुछ गड़बड़ करती है तो क्या उसे निकाल देंगे घर से ? वो परेशानी में हो तो मदद नहीं करेंगे, "
मैं दिल से बोल रही थी मिसेज साहनी से।
लेकिन मैं जानती इतना आसान नहीं होगा, स्कूल की इंचार्ज तो चलिए सुजाता है, वो प्रिंसिपल से हाथ पकड़ के काम करवा लेगी, लेकिन तब भी कुछ ग्राउंड तो होना चाहिए , और फिर उसका रहने का,
लेकिन मीटिंग ख़तम होते होते मैंने हल सोच लिया और निधि को आधे घंटे बाद फोन किया, मिसेज साहनी ने उसे मेरा नंबर दे भी दिया था और बोला भी था की मैं बात करना चाहती हूँ .
" साहनी आंटी ने बोला था, मैं आप को फोन करने ही वाली थी, " उसकी खुश खुश आवाज आयी
" पहली बात तो यार मुझे आंटी मत बोलना, और साहनी आंटी को तो हम लोग भी कभी कभार आंटी बोल देते हैं, लेकिन मैं सीधे मुद्दे पर आती हूँ। तुमसे लास्ट टाइम मुलाकात हुयी थी जब तुम तोडफ़ोड़ में लगी थी, मेरा मतलब स्पोर्ट्स के रिकार्ड्स, चार कप तो मैंने ही दिए थे, तो बस, मेरे कुछ काम हैं , तुझे करने हैं पहले हाँ बोल, तो आगे बोलूं "
" आप तो लड़को से भी आगे बढ़ गयीं, वो साल्ले भी पहले हामी भरवाते हैं, " हँसते खिलखिलाते निधी बोली। फिर जोड़ा, "चलिए हाँ अब आगे बोलिये। "
" चल अब तूने हाँ कर दिया है तो पहला काम तेरे स्कूल का है, यार स्पोर्ट्स में एकदम फिसड्डी होता जा रहा है, कुछ दिन में रीजनल कम्पटीशन है, तो तू एक बार फिर से स्कूल में आ जा, पक्का "
" आपको मालुम नहीं क्या, मुझे कैसे निकाला था, अभी भी गार्ड्स को बोल रखा है,... स्कूल में घुस नहीं सकती "
अब उसकी आवाज एकदम ठंडी, उदास हो गयी, जैसे मुस्कराते चाँद की मुश्कें काले बादलों ने जकड़ दी हो, ...चाँदनी को कैद कर दिया हो।
और वह उदासी मुझे भी छू गयी, हलके से मैं बोली, " मालूम है मुझे " फिर हँसते हुए कुछ उसे चिढ़ाते बनावटी गुस्से से कहा,
" अरे यार सालियों से नाक रगड़वाएगी क्या? "
फिर जोड़ा
" कल ही तुझे वो खुद ऑफर लेटर देंगे, स्कूल में ज्वाइन करने के लिए, तुझे कुछ नहीं करना है, ५० % फ़ीस फ्री, स्पोर्ट्स स्कॉलरशिप, और स्पोर्ट्स कैप्टेन, बस और जब ऑफर लेटर मिल जाए तो साइन करना। प्रिंसी खुद तुझे एडमिशन देगी, लेकिन एक काम और है "
अब वह खिलखिला रही थी, " आप सच कह रही हैं न, चलिए दूसरा काम बताइये, अभी मुझे अपने लैंडलॉर्ड से जूझना है, स्साले ने पहले महीने का नोटिस दिया था अब कह रहा है की कल तक , बल्कि आज ही खाली कर दूँ। अब इतनी जल्दी कहाँ ? "
" मैं वही कह रही थी " मैंने आगे बढ़ाई , मिसेज साहनी कह रही थीं, की तुम पीजी पे रहती हो, तो मुझे लगा मैं भी क्यों नहीं फायदा कमाऊं, मेरे यहाँ भी एक कमरा खाली है, मेरी एक ननद आयी थी लेकिन दिल्ली चली गयी है, बस हम दोनों हैं, जो बनेगा खा लेना या जो तू बनाएगी, हम लोग खा लेंगे, उसका कोई इशू नहीं है और यहाँ से तुम्हारा पुराना स्कूल भी पास है "
" और रेंट क्या लेंगी " अब वो थोड़ा सीरियस थी,
" पहले जगह तो देख लो, कुछ दिन रह लो, फिर वो भी सलट लेंगे लेकिन एक काम और है, हम लोगों ने कई सेल्फ हेल्प ग्रुप खोले हैं उसमें हमें एक स्पोर्ट्स की एक्सपर्ट चाहिए, जो टीनेजर हो, गाँव की लड़कियों में स्पोर्ट्स के लिए हफ्ते में एक दिन काम करना होगा, तो मैं तुम्हारा नाम इन्क्ल्यूड करना चाहती हूँ, और हाँ मान लो, पांच ग्रुप में रहोगी तो हर दिन के हिसाब से कुछ हानरेरियम मिलेगा, करीब २०-२५ हजार मंथली, और वो सबसे जरूरी है। "
वो एकदम चुप हो गयी, और फिर एकदम भभक के, ...
बस क्या कहूं और उस ने सब बात बताई।
रात में हम दोनों लोग गए निधि को लाने, और अगले दिन स्कूल भी,
लेकिन रहने के मामले में उन्होंने एक चेंज किया, निधि ही पीछे पड़ गयी थी ( और कारण मैं भी समझती थी जो उसके दर्जन भर चाहने वाले होंगे उन से मिलने के लिए मुश्किल आती ).
रास्ता उसी ने निकाला, जिस का काम रास्ता निकालना है, जिस के हवाले मम्मी ने मुझे कर दिया था।
तय हुआ की संडे तक यानी तीज प्रिंसेज के कांटेस्ट तक तो वो हमारे यहाँ रहेगी, लेकिन उसके बाद एक ट्रांजिट हॉस्टल या बैचलर्स क्वार्टर थे, पांच छ एक साथ, हम लोगो के घर से करीब ५०० -६०० मीटर की दूरी पर, जिस सड़क पर हम लोगों का घर था उसके अंत में, और उसके बाद ही टाउनशिप का बाहरी इलाका शुरू हो जाता था और करीब ४०० -५०० मीटर दूर गीता का घर था और एक स्लम एरिया थी।
तो बस उन्होंने कुछ फोन घनघनाया, कुछ कागज़ चलाये और वो बैचलर अकोमोडेशन इसलिए भी खाली थे की अब कोई बैचलर बचा नहीं था, रेस्ट हाउस की तरह वो यूज नहीं होता था की लोग होटल में रुकना प्रिफर करते थे और वहां किसी के नहीं रहने से कैंटीन भी करीब करीब बंद हो गयी थी।
तो बस उन्होंने एक पॉलिसी बनवा दी की खाली पड़ी रहने से अच्छा है की जिन आफिसर्स के ट्रांसफर्स हो गए हैं और उनके बच्चे, विशेष रूप से लड़कियां यहाँ पढ़ रही हैं तो उन्हें ये अलाट किया जा सकता है लेकिन एडमिन के हेड का परसनल अप्रूवल लगेगा।
एडमिन के हेड वो खुद थे, एप्लिकेशन भी उन्होंने खुद टाइप की और बस निधि ने साइन किया और उसी के सामने अप्रूव लिख के उन्होंने आफिस में भेज दिया। बस तय ये हुआ की निधि रहेगी तो हमारे पास ही, जब चाहे वहां चली जाए लेकिन खाना दोनों टाइम हम लोगो के साथ। ट्रांजिट भी हम तीनो साथ देख के आये और जैसा निधि ने कहा या मैंने कहा आफिस वालों ने बोला की संडे के पहले उस तरह की फर्निशिंग हो जाएगी।
( असल खेल दूसरा था, एम् के मेसेज के बाद डार्क वेब पर पता चल गया था की टोटल सर्वेलेंस का एरिया क्या है, जहाँ कोई भी फोन वो इस्तेमाल करेंगे तो उनकी आवाज से ही टेप हो जाएगा, वो एरिया, उनके घर के पास २०० मीटर तक और आफिस के पास २०० मीटर तक था, और सेटलाइट मैप पर एक रेड सर्किल से बना के एम् ने उन्हें भेजा था, और वो उन्होंने दिमाग में बैठा लिया था। अब उन्हें कम्युनिकेट डार्क वेब के जरिये करना था लेकिन बहुत अर्जेंसी में, दूसरे उस रेड मार्क एरिया के बाहर से और उसे रिपीट नहीं करना था, और उस जगह से उनका कोई पुराना या रोज का वास्ता नहीं होना चाहिए। तो एक अड्डा तो उन्होंने गीता का घर सोच लिया था और अब दूसरा ये ट्रांजिट, इस तरह उन्हें पांच अड्डे कम से काम चाहिए। लेकिन एक बात और थी की उन जगहों पर जाने का कोई परपज होना चाहिए और उन से उन का कुछ कनेक्ट हो। तो गीता तो उनके यहाँ आती जाती है ही, गाजर वाले ने भी उन्हें गीता के साथ देखा था , दूसरे निधि जब ट्रांजिट में रहने लगेगी तो निधि के यहाँ से, क्योंकि उनके फोन के जीपी एस से उन्हें लोकेशन तो मिल जायेगी, लेकिन वो हर जगह हैक नहीं कर सकते तो वो सेफ रहेगा और फिर वहां पांच ट्रांजिट फ्लैट्स से तो निधि के यहाँ से किसी अगल बगल के फ़्लैट में भी जा कर वो डार्क वेब से कम्युनिकेट कर लेंगे )
हाँ एक बात और तय करनी रह गयी थी लेकिन वो भी इनके सामने नहीं हुयी।
पहले फोन पे ही हम दोनों ने सेट कर लिया, वो मुझे क्या कहेगी,
" हे ननद भाभी का रिश्ता अच्छा है " मैं बोली।
" ना , ना आपके मरद का घाटा हो जाएगा, मुझे बहन बना के " वो खिलखिला के बोली।
" अरे इन्हे बहन होने से कुछ नहीं फर्क पड़ेगा, ये हैं ही बहन,... "
" बहनचोद, अरे साफ़ साफ़ कहिये न, " हँसते हुए उसने बात पूरी की और कहा,
" आज कल कौन नहीं होता , लेकिन मैं तो आपको दीदी ही बोलूंगी और एक बार जीजू बनाने के बाद, वो कुछ करें न करें, मैं नहीं छोड़ने वाली ये पहले से बता देती हूँ, नहीं मानेंगे तो चढ़ के रेप कर दूँ, कुछ ज्यादा ही सीधा है आपका मरद, लेकिन एक बार मुझे आने दीजिये "
निधि बोली और मेरी छोटी बहन बन गयी।
इन्हे एक साली और मिल गयी, टीनेजर और वो भी घर में।
Ufffff ekdam kamaal ke games lekar aa rahi ho. Ab wait nahin ho raha hai.गेम के कुछ आइडिया
( और अब वापस तीज प्रिंसेस वाली मीटिंग में )
एकदम से माहौल बदल गया, जैसे बादलों को फाड़ के सूरज निकल आया हो। गेम के कुछ आइडियास थे चमची नंबर दो के, पहला था पारसल गेम टाइप
यानी जो पुर्जी निकलेगा वो उन टीन कांटेस्टेंट को करना होगा, और हम सब जानते थे वो क्या होगा, स्ट्रिप टीज से लेकर बगल में बैठी लड़की के डीप किस से शुरू हो के कुछ भी और जितना डेयरिंग हो उतना हम सब देखने वालियों के लिए अच्छा,
लेकिन उसमे क्या क्या होगा , सुजाता ने डिटेल जानना चाहा लेकिन मैंने रोक दिया
" अरे अब निधि आ रही है इन सब में वो बहुत तेज है तो उसकी भी राय ले सकते हैं " मैंने राय दी।
"एकदम " मिसेज साहनी ने हामी भरी और जोड़ा ' कल शाम को मैं उसे चार बजे बुला लेती हूँ और आप भी आ जाओ " उन्होंने दोनों चमचियों को दावत दी और दोनों ने तुरंत हामी भर दी।
और ये फैसला हो गया की फर्स्ट राउंड में क्योंकि निधि और उसकी सहेलियां नान कंटेस्टेंट रहेंगी, वो पार्टिसिपेट नहीं करेंगी बल्कि गेम कंडक्ट करवाएंगी।
दूसरे राउंड का आइडिया भी चमची नंबर दो का था, लेडीज रेसलिंग का और इसमें लास्ट राउंड में निधि और उसकी सहेलियां भी पार्टसिपेट कर सकती थीं लेकिन उन्हें प्वाइंट नहीं मिलना था।
मैंने मोबाइल पे अल्टीमेंट सरेंडर की कुश्ती के वीडियो दिखाए और तय हो गया की दो ग्रुप होंगे और मिसेज मोइत्रा की जुड़वा बेटिया अलग अलग ग्रुप में होंगी। फैसला दो राउंड में होगा, फर्स्ट राउंड में एक कंटेस्टेंट को दूसरे के कपडे उतरवाने होंगे, जो पहले नंगी हो गयी वो वह रांउड हार गयी। मैच का ड्रेस होगा सिर्फ एक खूब छोटी सी ब्रा और थांग। अगर दोनों में किसी के कपडे नहीं उतरे तो प्वाइंट के बेस पे फैसला। और दूसरे राउंड में दोनों बिना कपडे के और टारगेट होगा ऊँगली करने का, जितनी बार ऊँगली किया उतने प्वाइंट और झाड़ देने पे बोनस प्वाइंट। इस राउंड में भी हम लोगों का ग्रुप में एक जूरी पैनल होगा जो अंतिम फैसला करेगा।
और गीता ने जो गेम्स सजेस्ट किये थे वो पहले ही जुड़ गए थे, स्टैप ऑन वाले डिलडो पे कंडोम को चढ़ाना, उसके बाद उसे सक करना, बियर गज्लिंग और वेट टी शर्ट और भी जो कुछ उसने बताया था
मैंने तय कर लिया था कल जब निधि आएगी तो उस समय गीता को भी बुला लूंगी और हम सब मिल के गेम्स और अवार्ड क्लोज कर लेंगे।
असल में विनर्स तो तय ही थीं, जैसे क्वीन में ओवरआल क्वीन तो मिसेज मोइत्रा को ही होना था उसी तरह इस कांटेस्ट में भी उनकी दोनों लड़कियों को जीतना था। मिसेज मोइत्रा ने किसी से ये बात कही नहीं थी लेकिन मन में उनके क्या था ये हम सब लेडीज क्लब वाली जानती थीं। दूसरी बात अब वो दोनों मेरे मुंहबोली छोटी बहन हो गयी थी और उससे बढ़ के मेरा सोना मोना उन दोनों की कच्ची चूत फाड़ने वाला था और सिर्फ एक बार नहीं तो ये तय था लेकिन गेम के मजे तो हम सब लेने वाले थे और सबसे मजेदार गेम चमची नंबर दो ने बताया फाइनल राउंड का
और मान गयी मैं मिसेज मोइत्रा की दोनों चमचियों को, इत्ता मस्त रगड़ाई का प्लान तो मैं भी नहीं सोच सकती थी और इसमें दोनों चमचियों का मिला जुला प्लान था क्योंकि अबकी चमची नंबर १ बोली,
देखिये अगर निधि और उसकी सहेलियों को छोड़ भी दें तो एक दर्जन लड़कियां तो होंगी ही, तो बस फाइनल राउंड में ४, दो ग्रुप होंगे तो दोनों ग्रुप से दो दो ,
और मैं बिन बोले समझ गयी की इसलिए मिसेज मोइत्रा की दोनों कबूतरियां अलग अलग ग्रुप्स में रहेंगी, दोनों रसगुल्ले अलग अलग ग्रुप्स से आएंगे और दो लड़कियां और,
चमची नंबर २ ने आगे की बात सम्हाली और जिस तरह से वो रस ले ले के बोल रही थी, मैं समझ गयी की बताने में इतना मजा आ रहा है तो कच्ची कलियों के साथ उसे कितना मजा आएगा। यही तो मैं चाहती थी, जम के रगड़ाई हो, न सिर्फ दोनों रसगुल्लों की बल्कि सब छोरियो की। उन्होंने बात साफ़ की
Going to be very very interesting Party.इनाम
और मेरे चेहरे पे मुस्कराहट नाच गयी।
कुछ इनाम का जुगाड़ इन्होने किया था .
अपनी साली और सास के लिए दो कच्ची चूते और एक रसीला भोंसड़ा जिससे दोनों चूते निकली हों फ्री में थोड़े मिलने वाला था, दो सबसे सिक्योर फोन सालियों के लिए और एक आई पेड इन्क्रिप्शन के साथ सास के लिए। लेकिन वो सीक्रेट था असली खेल कुछ और था।
मैंने थोड़ी देर सुजाता, सुनंदा, मिसेज साहनी और दोनों चमचियों को बोलने दिया। मिसेज साहनी एकदम मिसेज मोइत्रा की नक़ल उतारते हुए बोलीं,
" मेरी बेटियां तो दोनों अभी छोटी बच्चियां हैं। "
और सब लोग खिलखिला के हंस पड़े।
छोटी तो थीं दोनों,...
लेकिन इतनी छोटी भी नहीं और उस तीज प्रिंसेज फंक्शन के पहले तो उनका छोटा संकरा छेद मेरे मरद का मूसल फाड् फाड़ के बड़ा कर देने वाला था की,... कम से कम थूक वूक लगा के हम लोगों की उँगलियाँ जरूर उन दोनों के अंदर घुस जातीं।
" बच्चियां तो खिलौनों से खेलती हैं " सुंनदा भी हँसते हुए बोली। अब धीरे धीरे उस की भी झिझक दूर हो रही थी और हँसते हुए मैंने भी उस की बात में जोड़ते हुए कहा
" और बड़ी होती बच्चियों के लिए ये खिलौने कैसे रहेंगे "
मैंने अपना आई फोन खोल के एक स्ट्रैप ऑन लगाए मोटे डिलडो के साथ एक औरत की पिक दिखायी और सबके मुंह से एक चीख निकल गयी।
" हे असली दिखाओ न " चमची नंम्बर १ बोलीं और दूसरी ने जोड़ा
" हाँ ये सही खिलौना है और निधि रहेगी तो उन बच्चियों को खिलौने से खेलना भी सिखा देगी "
मिसेज साहनी ने भी कुछ जोड़ा लेकिन तब तक मैं चली गयी थी,
और काठमांडू से रीनू जो गुड्डी के लिए सेक्स ट्वायज लायी थी उसमे से कुछ ले के आयी, बट प्लग, डिलडो, वाइब्रेटर और भी बहुत कुछ।
सब की सब खुश,
लेकिन सबसे खुश दोनों चमचियाँ थीं क्योंकि सबसे ज्यादा वो दोनों मिसेज मोइत्रा की बेटियों की रगड़ाई करना चाहती थीं.
पर सुजाता ने एक सही सवाल खड़ा कर दिया
" ये सब तो इम्पोर्टेड लग रहे हैं और इस्तेमाल किये हुए। उन सबों को तो एकदम नए पैक्ड देने होंगे और इण्डिया में तो एक तरह से बैन ही हैं तो कैसे और अब बस दो तीन दिन ही बचे हैं "
सब का मुंह लटक गया।
लेकिन मैंने पहले ही ये सिचुएशन एन्टिसिपेट कर ली थी,.. इसलिए मैं धीरे से बोली
" पहले ये बताइये ये खिलौने सही हैं की नहीं, इनाम के लिए बाकी जुगाड़ मैं कर लूंगी"
मिसेज साहनी ने एक काम की बात बोली,
" मेरे ख़याल से ये तो हर लड़की की जरूरत हैं तो जितनी बालिकाएं हिस्सा ले रही हैं सबको एक एक तो कम से कम पार्टिसिपेंट प्राइज मिलनी चाहिए और निधि और उसकी सहेलियों को भी "
और इस बात पे सब लोग तैयार थे , बल्कि सुजाता ने कहा की निधि और उसकी सहेलियों को हम स्पेशल गेस्ट का दर्जा देके, भले ही वो नॉन कंटेस्टेंट होंगी, एक स्पेशल प्राइज भी साथ में दें। "
और मिसेज साहिनी ने तुरंत हाँ कर दी और फिर दोनों चमचियों ने भी।
इनाम का मामला तय हो गया और फिर मिस तीज प्रिंसेज को अवार्ड कैसे दिया जाएगा ये सब भी, लेकिन सब अभी बता दूंगी तो कांटेस्ट के लिए क्या बचेगा।
हाँ चलिए ये बता देती हूँ की उन खेल खिलौनों का जुगाड़ कैसे हो गया था।
हुआ यह की कल इनकी एक सप्लायर से मीटिंग थीं, उसी में सुजैन भी आयी थी।
सुजैन हम लोगो के ही उम्र की आस पास, और उसकी कम्पनी तीज और लेडीज क्लब के फंक्शन की तीन चार मेजर स्पांसर में से एक थी, उसे हम लोगों ने टीनेजर लड़कियों के इम्पवारमेंट के लिए जो एन जी ओ बनाया था उसमें भी जोड़ लिया था।
मिलना तो उसे मिसेज मोइत्रा से था लेकिन वो अभी आयी नहीं तो मेरे पास आयी , मिसेज मोइत्रा और उनकी दोनों छोरियों की बात चली और फिर तीज प्रिंसेज की तो उसी ने आइडिया दिया की इन कच्ची कलियों को अब मोमबत्ती और गाजर से आगे बढ़ा के अडल्ट ट्वायज का मजा देना चाहिए,
और मैंने वही परेशानी रखी, एक तो बुक्स में दिखा नहीं सकते, दूसरे इण्डिया में मिलते नहीं और फिर टाइम भी बहुत कम है।
सुजैन के पास हर चीज का इलाज था, बोली,
बुक्स में हेल्थ और फिटनेस के नाम से दिखा देंगे आखिर सब जानते हैं औरतें मसाजर का कैसे इस्तेमाल करती हैं लेकिन बिकते कैसे हैं। दूसरी बात काठमांडू में आराम से मिल जाते हैं और सुजैन की इस बात से मुझे याद आया की आखिर रीनू भी तो गुड्डी के लिए सब खेल खिलौने वहीँ से लायी थी।
लेकिन अभी भी सवाल था टाइम का और उस का इलाज भी सुजैन के पास था। काठमांडू से बनारस के लिए ढेर सारी फ्लाइट्स आती हैं बस किसी फ्लाइट की एयरहोस्टेस के साथ, और वो बनारस जा रही थी एक दो दिन के लिए वहीँ कलेक्ट कर लेगी और उसे फिर एक दो दिन में वापस आना था यहाँ।
खेल था मिसेज मोइत्रा का।
हम लेडीज क्लब के आफिस बियर्स ने एक रूल बना रखा था की किसी कम्पनी से क्लब के लिए, फंक्शन्स के लिए भले जो ले लें , पर अपने लिए कुछ भी नहीं लेंगे लेकिन हम लोगों ने मिसेज मोइत्रा को एक्सेप्शन में रखा था। इसलिए कोई कम्पनी से आता था तो हम उसे मिसेज मोइत्रा से मिलने को जरूर कहते थे, जिससे उन्हें अपनी इम्पोर्टेंस का अंदाज होता रहे और वो क्लब के प्रोग्राम में भाग लें।
तो बस सुजैन को एक दो दिन में मिसेज मोइत्रा से मिलने और उन्हें कुछ गिफ्ट देने आना था तो वो सेक्स ट्वायज वो ले आती।
कल ही हम दोनों ने ढेर सारे वाइब्रेटर, डिलडो,बेन व बॉल्स,
ऐनल बिड्स, बट्ट प्लग सब काठमांडू में आर्डर कर दिए थे।
इसलिए अब तीज प्रिंसेज के अवार्ड्स का भी मामला सुलट गया था।
तीज प्रिंसेज की पार्टी के बारे में अब करीब करीब सब तय हो गया था तो सुजाता ने हम लोगो की पार्टी की बात छेड़ी। बात सुजाता ने ही शुरू की, कुछ मुस्कराते कुछ छेड़ते