एकदम सही कहा आपने, जितनी शर्म लिहाज इन टीनेजर्स की पहले ख़तम हो जाय, ऐन मौके पे उतनी कम परेशानी होगीWah aage ki pat katha likhi ja rahi hai.
Haan baat sahi hai jab bolne main itna sarmaye gi to chudwane main kitna sarmayegi.
Suru suru main to guddi ka wahi haal tha.par ab
और गुड्डी की भी आपने एकदम सही कही, पहले वह भी बहुत बिदकती थी , लेकिन गर्माते गर्माते, एकदम तैयार हो गयी
तीन पार्टी के बाद के हफ्ते के लिए और मैंने जैसे इस भाग के अंत में कहा था एक तीर से तीन शिकार
एक तीर से लेकिन जिसका सबसे ज्यादा शिकार हो रहा था उसे हवा भी नहीं थी, की उसकी गर्दन कैसे काटी जा रही थी।
और वो सबसे बड़ा शिकार हो रहा था, जो दुष्ट पापी मेरे फोन की बात सुन रहा था और मेरे साजन की नौकरी और कम्पनी दोनों के पीछे पड़ा था। उन्होंने जब से ये बताया था, मुझे रिपोर्ट पढ़वाई थी जिसमे इनके सर्वेलेंस वालों का शक था की ये ठरकी आदमी हैं और जो कम्पनी इनकी एक्वायर होने से बची उसमे इनके हाथ होने के चांस कम हैं लेकिन क्योंकि और किसी पर शक की सुई नहीं घूम रही थी तो अगले दस पंद्रह दिन इनका जबरदस्त सरवायलंस हो रहा था और लगे हाथ मेरा भी फोन हैक हो गया था, घर में इंच इंच पे कैमरे लगे थे, कुछ ये आफिस की बात करे कोई ऐसी हरकत हो तो उनके ऊपर शक हो जाता
और मैं उन दुष्टों का इलाज समझ गयी थी, उन्ही के फोन उन्ही के कैमरे से उनका पिछवाड़ा लाल करना था, और यही दिखाना था की ये लड़का ठरकी नहीं महा ठरकी है, कच्ची कलिया हों, बड़ी उम्र की औरतें हों किसी को नहीं छोड़ता, अपनी बहनों को भी नहीं
और एक बार कुछ शक कम होता तो शायद सर्वेलेंस भी कम हो जाता और इनका कंम्पनी बचने वाला काम भी चल निकलता
तो असली और पहला शिकार वही थे, मुझे कुछ भी करके अपने मरद को महाठरकी दिखाना था
दूसरी परेशानी, मेरी अगले हफ्ते पांच दिन वाली छुट्टी थी, तो मेरा मरद तरसता क्या, और खुद तो वो शिकार कर नहीं पाता। एक गुड्डी थी तो वो दिल्ली में कोचिंग में जूझ रही थीं, तो ममेरी न सही फुफेरी बहन सही
और तीसरा शिकार ननद और उसकी माँ , ननद पे मरद चढाने का मजा ही और है लेकिन अभी मिस्ड कॉल्स मेरा इन्तजार कर रहे थे तीज पार्टी को लेकर भी बहुत काम फैला था।
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