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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

Ek number

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कुछ देर की खामोशी के बाद मेरे कानों में कुछ खटपट की आवाज़ें आयी और फिर ......... और फिर कपड़ो की हल्की सरसराहट ....... मैंने एक नजर घड़ी पर डाली रात के 10 बज रहे थे ......

तभी मेरे कानों में दरवाजा खुलने की आवाज़ आयी और प्रतीक इस कमरे में दाखिल हुए अंधेरा देख कर उन्होंने मुझे आवाज़ दी और बोले विकास सो गए क्या मैंने कोई प्रतिक्रिया नही दी और फिर वो दरवाजा बंद कर के बाहर चले गए ........


दो मिनट बाद मैंने उठ कर जल्दी से बैग से अपने वायरलेस इयर बड्स निकाले और उन्हें कनेक्ट कर के एक कान में बड डाला और धीरे से रूम का दरवाजा खोल कर झांका बाहर गैलेरी में सन्नाटा था और मैं बाहर आ गया एक बार गैलेरी के दूसरे सिरे पर बनी सीढ़ियों तक गया और हर कमरे के दरवाजे पर नजर डाली कुल 12 कमरे थे 6-6 दोनो ओर एक दूसरे के सामने और हमारा कमरा आखिरी छोर पर था ।

इन 12 में से 8 कमरे खाली थे दो हमारे थे और दो अन्य बुक थे मैंने दीवार पर लगे हुए स्विच बोर्ड के बटन दबाने शुरू किए और गैलेरी की एक लाइट छोड़ कर जो सीढ़ियों वाले सिरे पर जल रही थी बाकी सब ऑफ कर दी और गैलेरी में लगभग अंधेरा हो गया और मैंने नीचे बैठ कर प्रतीक और नेहा के कमरे के दरवाजे के की होल पर आंख लगा दी छोटा सा कमरा था .......

सामने बाथरूम का दरवाजा नजर आ रहा था ......... नेहा बेड के पास खड़ी अपनी जीन्स उतार रही थी फिर उसने अपना टॉप भी निकाल दिया और ब्रा से फोन निकाल के उसे अजीब सी नजरों से देखा और फिर तकिए के नीचे छुपा दिया और बेड पर लेट गयी फिर उसने ब्रा को उपर सरका कर अपनी दूध जैसी गोरी चुचियाँ बाहर निकाल ली वाकई नेहा बेहद खूबसूरत थी हद से ज्यादा मुझे एक बार अफसोस हुआ कि मैने उसकी बात क्यों नही मान ली ........

उसके निप्पल किसी किसमिस के दाने जैसे लग रहे थे गुलाबी बादामी रंग के उसने एक हाथ से अपनी चुचियों को सहलाया आए दूसरा हाथ अपनी पैंटी में घुसा कर अपनी सैकड़ों बार चुदी हुई चूत सहलाने लगी ....... (आखिर अब उसे वो काम करना था जो उसका काम था जिसमे वो एक्सपर्ट थी)

कुछ मिनट तक वो ऐसे ही अपने अधंनगे बदन से खेलती रही और तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और प्रतीक बाहर आया उसने एक बड़ा तौलिया लपेटा हुआ था ...... पर उसमे उसका खड़ा और बड़ा लंड साफ उभरा हुआ नजर आ रहा था ........

नेहा को यूं अधनंगी लेटी देख कर उसने फौरन अपने लंड को सहलाया और बोला अरे श्वेता तुम यहाँ क्या कर रही कान में लगे हुए बड में मुझे उसकी धीमी लेकिन साफ आवाज़ सुनाई दी .......

प्रतीक की आवाज़ सुनते ही नेहा ने आंख खोल कर उसे देखा और चौंकने और घबराने की शानदार एक्टिंग करते हुए अपनी चुचियाँ हांथो से ढक ली पर लड़की की नंगी चुचियाँ ढकने में कपड़े भी असफल हो जाते हैं तो हाथो की क्या बिसात ........

नेहा ने फिर भी अपनी चुचियाँ छिपाते हुए कहा भैया आप कब आये आज आफिस नही गए क्या .......

प्रतीक ने जैसे ही नेहा के मुह से भैया सुना उसका लंड तौलिए के अंदर उछल कूद करने लगा ........

उसने कहा आज तो मैं आफिस गया ही नही छुट्टी है मेरी लेकिन तुम आज मेरे रूम में कैसे श्वेता.....?

नेहा बोली...... भैया मैं तो रोज ही स्कूल से आ कर आपके कमरे में ही सोती हूँ यहां शांति रहती है आप तो शाम को 6 के बाद ही आते हो इसलिए मैं यहीं आ कर सो जाती हूँ लेकिन मुझे क्या पता आप आज आफिस नही गए हो .......


प्रतीक ने अपना खड़ा लंड तौलिए के ऊपर से मसला और बोला ...... तुम रोज ऐसे ही सोती हो श्वेता जैसे आज सोई हुई थी .......

नेहा ने कहा हां भैया ...... दिन भर ब्रा में कसे हुए दर्द करने लगती हैं इसलिए यहां आते ही कपड़े निकाल देती हूं क्योंकि यहां तो कोई आता ही नही .......


प्रतीक ने कहा सही करती हो मैं भी तो कमरे में आते ही सारे कपड़े निकाल देता हूं सिवा इस तौलिए के ....... और मुस्कुराते हुए बेड पर बैठ गया .......

नेहा ने उठ कर बैठते हुए अपना टॉप पहनने की कोशिश की तो प्रतीक ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला जैसे आराम मिले वैसे रहना चाहिए श्वेता ...... तुम ये ब्रा भी निकाल दो और आराम से बैठो ......

नेहा ने शर्माने की शानदार अभिनय करते हुए कहा ...... हाय भैया आपके सामने शर्म आएगी ना ब्रा उतारने में ........ और अपना मुह हाथो में छिपा लिया .........

प्रतीक बोला तो क्या हुआ मैं तो घर का हूँ ना तुम्हारा बड़ा भाई मैं थोड़े किसी को बताने जा रहा कि मेरी जवान बहन नंगी सोती है अपने भैया के कमरे में ...... और सच तो यही है कि नंगे सोने का अपना ही अलग मज़ा है...........

नेहा बोली ....... लेकिन भैया मुझे तो शर्म आती है आपसे ....... और उसने अपनी आंखों से हाथ हटा के प्रतीक की ओर देखा .........

प्रतीक ने कहा अच्छा एक काम करते हैं आज हम दोनों भाई बहन नंगे हो के सोते हैं मम्मी भी घर पर नही हैं और शाम तक ही आएंगी ....... रही तुम्हारी शर्म की बात तो उसके लिए तुम्हे थोड़ा सा बेशर्म बनना पडेगा मेरी तरह ....... ये कहते हुए प्रतीक ने अपना टॉवल सामने की ओर से खोल दिया और उसका लंड ...... क्या गज्जब लंड था वो 8 इंच का एकदम मोटे आलू जैसा सुपाड़ा गोरा लंड उपर से नीचे तक मोटी मोटी नसें उभरी हुई ........

प्रतीक ने लंड पर हाथ फिराते हुए कहा अब तो ठीक है ना भाई भी नंगा बहन भी नंगी ........ और प्रतीक बेड पर सीधा लेट गया ...... उसका खड़ा खूंटे जैसा लौड़ा झटके लेता हुआ बड़ा खतरनाक और आकर्षक लग रहा था .......

मैं सोचने लगा आज तो नेहा की चूत की खैर नही ....... और फिर मुझे याद निकिता दीदी भी तो इसी मस्त लंड से चुदेंगी और ये याद आते ही मेरा लंड भी झटके लेने लगा ..........

नेहा ने बड़े गौर से प्रतीक का लंड देखा और बोली हाय भैया ये क्या है आपकी लुल्ली धत्त भैया आपको शर्म नही आती अपनी जवान बहन के सामने नंगे होने में और भैया ये इतनी लंबी और बड़ी कैसे हो गयी ........

प्रतीक बोला ये लुल्ली नही लौड़ा है श्वेता और ये बड़ा इसलिए हुआ है क्यों कि इसने तुम्हे नंगी देख लिया है पर तुम उसकी चिंता ना करो ये दिन मे कई बार बड़ा छोटा होता रहता है........

तुम भी लेट जाओ ना...... और नेहा भी प्रतीक के बगल में सीधी लेट गयी ...... प्रतीक ने नेहा की ओर करवट ली ....... और बोला श्वेता भैया तो नंगे हो गए पर तुमने अभी तक कपड़े पहने हुए हैं .......


नेहा बोली उफ़्फ़फ़ भैया एकदम नंगी हो जाऊं क्या आपके सामने ...... प्रतीक बोला और क्या हो जाओ ना......नेहा बोली यानी का आपका भी मन करता है अपनी बहन को नंगी देखने का ...... उफ़्फ़फ़ भैया आप कितने बेशर्म हो ...... अपनी बहन को नंगी देख के कौन अपना लंड बड़ा करता है .......

प्रतीक बोला मुझे लगता हर भाई का लंड खड़ा हो जाएगा आगर उसकी बहन उसके सामने नंगी हो तो ....... अब जल्दी से नंगी हो जाओ श्वेता या फिर मैं ही तुम्हे नंगी कर दूं .........

नेहा ...... थोड़ा घबराते हुए बोली नही नही आप मत करो मैं खुद ही हो जाती हूँ ....... और फिर नेहा बेड पर ही खड़ी हो गयी और अपने हाथ पीछे ले जा कर ब्रा के हुक खोल दिये और उसे अपने जिस्म से निकाल कर फेंक दिया और फिर अपनी तन कर खड़ी सफेद सुडौल चुचियाँ हाथ से सहला कर बोली भैया मैं नंगी होती हूँ तो हवा लगने से मेरे ये बड़े हो जाते हैं.........


प्रतीक बोले हर लड़की के साथ ये होता है इसमे कोई नही बात नही लेकिन तुम्हे इसका नाम नही मालूम क्या ...... नेहा बोली मालूम है ना इसे चूची कहते हैं भैया .......

प्रतीक बोला हां इसे चूची कहते हैं लेकिन ये जो खड़े होते हैं इसे क्या कहते हैं नेहा बोली इसे तो निप्पल कहते हैं प्रतीक बोले वेरी गुड तुम तो सब जानती हो ...... नेहा बोली कहाँ भैया सब कहाँ जानती हो ...... प्रतीक ने लंड को धीरे धीरे सहलाते हुए कहा ok जो नही जानती हो मैं बता दूंगा ना ...... लेकिन पहले पूरी नंगी तो हो जाओ तुम ......


नेहा ने इठलाते हुए अपनी पेंटी थोड़ी सी सरकाई उसकी चुत का एकदम ऊपरी हिस्सा नजर आने लगा ...... प्रतीक की आंखों में चमक बढ़ गयी ........

वो प्यासी नजरो से नेहा का नंगा सपाट पेट उसकी गहरी नाभि और उसकी चिकनी मुलायम टांगो और मोटी गदराई जांघो को देखते हुए अपने सूखे होंठो पर जीभ फिराने लगे ........... और बोले श्वेता जल्दी से नंगी हो ना ....... और नेहा थोड़ा सा शर्माते और मुस्कुराते हुए बोली aaahhh भैया बहन को नंगी देखने के लिए इतना क्यों तड़प रहे हो ........

प्रतीक बोले ......... क्यों कि ना जाने कब से तरस रहा था मैं तुम्हे नंगी देखने के लिए........ सारा दिन तेरी ब्रा में कसे चूचे और लैगी या जीन्स में फंसे हुए तेरी गदराई गांड़ देख देख कर मेरा लंड तड़पता रहता था जब तुम झुक कर झाड़ू या खड़े खड़े झाड़ू लगाती थी तो रोज सुबह तुम्हारी फूली हुई मस्त चुंचिया मेरे लंड को सख्त कर देती थी ........ और जब झुक कर पोंछा लगाती थी तो तुम्हारी उभरी हुई फूली और मोटी गांड़ देख कर मेरे लंड और मुह में पानी आ जाता था ....... फिर अक्सर मैं बाथरूम में तेरी उतारी हुई पैंटी और ब्रा सूंघ कर और चाट कर लंड को शान्त करता था ........और मेरी बड़ी चाहत थी अपनी बहन को नंगी देखने जो आज जा के पूरी हुई ..........

लेकिन तुम पता नही क्यों मुझे इतना तड़पा रही है और जल्दी से नंगी नही हो रही .......

नेहा ने फिर से इठलाते हुए अपनी गांड़ और कमर मटकाई और बोली हाय भैया मैं आपकी बहन हूँ शर्म आती है आपके सामने नंगी होने में ...... मैं एक काम करती हूं दूसरी ओर घूम कर नंगी हो जाती हूँ और नेहा बड़ी चालाकी से अपनी गांड़ प्रतीक की ओर घुमा कर खड़ी हो गयी ......

नेहा ने एक बार मुड़ के प्रतीक की ओर देखा प्रतीक किसी भूखे कुत्ते जैसा नेहा की ब्लू कलर की छोटी सी कच्छी में फँसे उसके गोरे चूतड़ देख कर लंड सहला रहा था....... नेहा ने एक बार अपने चूतड़ों को शेक किया और फिर थोड़ा सा टांग फैला के खड़ी हुई और अपनी पैंटी नीचे सरकाते हुए पंजो तक ले जा कर झुक कर खड़ी हो गयी .........

उफ़्फ़फ़ उसकी नंगी गांड़ खुले हुए चूतड़ उनके बीच की गहरी दरार और बीच मे कैसे हुए उभारदार गांड़ के छेद को देख कर प्रतीक के साथ साथ मेरा मुह में भी पानी आ गया और मेरा लंड एकदम से उछल पड़ा मैंने उसे मुट्ठी में भर के दबाते हुए ...... जोर से मसल दिया ...... और अंदर नजरें जमा दी........

प्रतीक की तो जैसे सांस ही थम गई वो नजारा देख कर और नेहा अपना रण्डीपन दिखाते वैसे ही गांड़ खोले खड़ी रही और फिर पीछे से घुमा कर बोली उफ़्फ़फ़ भैया इतने गौर से क्या देख रहे हो .......प्रतीक बोला बस देख रहा हूँ मेरी नंगी बहन कितनी खूबसूरत और सेक्सी लग रही है दिल करता है बस ऐसे ही देखता रहूं हमेशा सारी उम्र ........

नेहा बोली पर मुझे तो बड़ी शर्म आ रही है ऐसे अपने भैया के सामने अपनी गांड़ खोलने में मैं और नेहा ने अपने पैरों से पैंटी निकाल कर प्रतीक के चेहरे पर फेंक दी ....... और बोली लो भैया हो गयी मैं भी नंगी पूरी हो गयी आपकी चाहत.........

प्रतीक ने वो छोटी सी ब्लू पैंटी ले कर उसे सूंघा और बोले उफ़्फ़फ़ कितनी मस्त खुशबू है तेरी ......... नेहा बोली छी आप पैंटी क्यों सूंघ रहे हो मेरी गंदी है वो ...... और प्रतीक ने वो पैंटी उलट कर उसका चूत वाला हिस्सा चाट लिया और बोले ........ ऊऊम्म्म्म कितना अच्छा स्वाद और गंध है तेरी चूत का श्वेता ........ मज़ा आ गया......

नेहा बोली भैया आपको मेरी चूत इतनी पसन्द है तो पैंटी क्यों चाट रहे हो मेरी ....... प्रतीक बोले इसलिए कि तुझे बहोत शर्म आ रही है मेरे साथ वरना मेरा तो दिल कर रहा है की ........

नेहा ........ आहह भैया क्या दिल कर रहा है आपका बोलो ....... प्रतीक.......मेरा दिल कर रहा है कि इस प्यारी गुलाबी चिकनी बुर को ही चाट लूं ........ कितनी रसीली है तेरी बुर श्वेता ..........

नेहा ....... उफ़्फ़फ़ भैया बुर भी कोई चाटने की चीज होती है क्या ....... प्रतीक ...... श्वेता तुझे नही पता तेरे जैसी जवान खूबसूरत लड़की का तो एक एक अंग चूसने चाटने लायक होता है .... .. नेहा ...... भैया आपकी बातें सुन कर पता नही मुझे क्या हो रहा है......... मेरी बुर में अजीब सी गुदगुदी हो रही है .........

प्रतीक ने अपना एक हाथ नेहा के नंगे सपाट पेट पर रख कर सहलाते हुए कहा ...... लगता है मेरी बहन की बुर चुदने के लिए गरम हो रही है ........ नेहा भी करवट ले कर प्रतीक के नंगे बदन से कस के लिपट गयी और प्रतीक ने नेहा को बाहों में भर कर जोर से दबोच लिया नेहा की नरम चुचियाँ प्रतीक की छाती के नीचे दब कर पिचक सी गयीं ........ नेहा भी बहोत गरम हो चुकी थी और प्रतीक का मस्त मोटा लंड देख कर और इतनी अश्लील बातें कर के उसकी चूत भी गीली हो कर रसीली हो गयी थी ...........


प्रतीक ने नेहा की आंखों में देखते हुए उसके रसीले लिपस्टिक से रंगे होंठ अपने मुह में दबा लिए और उसके अधरों का रस पीने लगा कई मिनट तक वो लगातार नेहा के होंठ बारी बारी से चूसता रहा और उसका हाथ नेहा की नंगी पीठ को सहलाता हुआ उसके बड़े गद्देदार नरम चूतड़ों को मसलने लगा .......नेहा उसकी बाहों में सिसकने लगी ...... और अपने होंठ प्रतीक की गिरफ्त से छुड़ा कर बोली भैया क्या मुझे चोदना चाहते हो .......

प्रतीक ...... आहह श्वेता हां मैं कब से तुझे चोदना चाहता था रोज तेरे नाम की मुठ मार के तेरी पैंटी में लंड का माल निकाल देता था ......... नेहा बोली ...... ओहहह भैया आपका ये मस्त लंड देख कर मेरी भी बुर एकदम चुदासी हो गयी है देखो न कितना रस छोड़ रही है और नेहा ने प्रतीक का हाथ पकड़ कर अपने चूतड़ से सरकाते हुए अपनी बिना झांट वाली चिकनी नंगी बुर पर रख दिया ....... प्रतीक ने नेहा की बुर मुट्ठी में भर कर जोर से भींच दी और बोला उफ़्फ़फ़ श्वेता कितनी रसीली बुर है तेरी जी कर रहा तेरी बुर का सारा रस चूस कर पी जाऊं ....... और इसी के साथ प्रतीक ने अपनी मिडल फिंगर नेहा की गीली बुर में झटके से पेल दी .......

नेहा सिसिया कर प्रतीक से चिपक गयी और उसके गाल और कान पर जीभ फिराते हुए फुसफुसाई........ आहह भैया तो चूस लो ना अपनी बहन की बुर का रस खा लो मेरी चूत को जी भर के आहह ऊम्म्म्म.......

प्रतीक ने अपनी उंगली तेजी से नेहा की बुर में चलाते हुए कहा हां श्वेता आज जी भर के खाऊंगा तेरी बुर और गांड़ को रानी ...... एक काम कर आजा मेरे मुह पर बैठ कर चटवा दे मुझे अपनी रसीली बुर .......

और ये सुनते ही नेहा एकदम से उठ खड़ी हुई प्रतीक की उंगली उसकी चूत से बाहर निकल गयी और प्रतीक ने नेहा को अपनी उंगली दिखाई और फिर उसे मुह में डाल कर चूसने लगा ........

नेहा ने प्रतीक को अपनी उंगली में लगा उसकी बुर का रस चाटते देखा तो वो जल्दी से प्रतीक के सर के दोनो ओर पैर रख कर खड़ी हुई और फिर मूतने के अंदाज़ में बैठ गयी ...... नेहा की गोरी गांड़ के बंद दरवाजे खुले और प्रतीक को उसकी गुलाबी चूत जो रस छोड़ कर चिपचिपी हो रही थी और गांड़ का कसा हुआ भूरा छेद दिखने लगा ........

प्रतीक ने वो नज़ारा देख कर अपने होंठो को जीभ फिरा कर गीला किया और फिर सर को ऊपर उठाते हुए अपने होंठ नेहा की बुर पर चिपका दिए ...... नेहा के गले से एक जोरदार सिसकी निकली ...... aaahhhh भैया चूस लो अपनी बहन की बुर का रस पी जाओ भैया .......


और प्रतीक अपनी जीभ निकाल कर नेहा की बुर की दरार और गुलाबी फांको को चाटने लगा ........ कुछ देर तक रगड़ रगड़ कर बुर चाटने के बाद प्रतीक बोला ...... श्वेता अपने हाथ से बुर फैला कर चटवाओ ना और नेहा ने दोनो हाथो से बुर की दरार को फैला दिया ....... और प्रतीक ने जीभ नुकीली करते हुए अंदर तक घुसा दी और घुमा घुमा कर चाटने लगा ....... नेहा अपनी गांड़ को हिलाते हुए सिसियाते हुए अपनी बुर प्रतीक के मुह पर घिसने लगी और बोली ...... हाय भैया और अंदर डाल दो अपनी जीभ चोद दो अपनी बहन की बुर अपनी जीभ से ऊफफ भैया कुछ निकलने वाला है मेरी बुर से aaaahh ........

नेहा गर्म हो कर झरने के कगार पर आ चुकी थी उसकी आंखें बंद हो गयी थीं बदन अकड़ रहा था और उसने अपने हाथ अपनी चुत से हटा कर अपने निप्पल को पकड़ लिया था और उन्हें हौले हौले मसलते हुए अपनी चूत तेजी से प्रतीक के मुह पर रगड़ रही थी ......... नेहा के मुह से आवाज़ें निकलने लगी ...... आहह भैया चाट लो अपनी बहन की बुर चूस लो मेरी बुर का सारा रस मुझे पता होता आप इतने मज़े दोगे तो कब की नंगी हो कर आपके मुह पर अपनी बुर रख देती भैया aaaahhhh ऊफफफ भैया हाआय्य्य्य्य्य री गयी मैं ...... और नेहा के बदन को झटके लगने लगे वो झरने लगी और गहरी सांस लेते हुए अपनी बुर से प्रतीक के मुह में खट्टा मीठा रस टपकाने लगी प्रतीक ने भी उसकी पूरी बुर में भर कर जोर से चूसनी शुरू कर दी और एक एक बूंद रस चूसने के बाद उसने अपनी जीभ को बुर से निकाल कर गांड़ के हाईवे पर घुमाना शुरू कर दिया वो नेहा की गांड़ की दरार को ऊपर से नीचे तक चाटने लगा और फिर नेहा की गांड़ के कसे हुवे छेद को चूमने लगा ......

2 मिनट में ही नेहा की हालत फिर से खराब होने लगी ...... और वो बोली ऊफफ भैया आप कितना मज़े देते हो ...... मैंने बड़ी देर कर दी आपको बहोत तड़पाया है ...... प्रतीक बोले अभी कोई देर नही हुई है श्वेता और जितना तड़पाया है तुमने मुझे आज उतने ही मज़े भी तो दे रहे हो ....... चलो अब तुम भी मेरे लंड को खुश कर दो उसे प्यार कर के ........

ये सुन कर नेहा प्रतीक के सीने पर लेट गयी और अपना मुह उसने प्रतीक के खूंटे जिसे खड़े लंड पर झुका दिया ....... इस तरह 69 पोजीशन में आने से नेहा की गांड़ और अच्छे से फैल कर खुल गयी और प्रतीक में जीभ को उसकी गांड़ के छेद में चुभोते हुए उसकी गांड़ चाटनी शुरू कर दी ...... और नेहा ने प्रतीक का गर्म लंड अपने ठंडे हाथो में थाम लिया ऑयर सहलाने लगी ........

नेहा एक हाथ से लंड को मुठियाते हुए दूसरे हाथ से प्रतीक के आंड़ मसल रही थी और फिर उसने अपने सुर्ख होंठ प्रतीक के सुपाड़े पर रख दिये ....... और उसे चूम लिया नेहा के होंठो को अपने लंड पर महसूस करते ही प्रतीक एकदम से गनगना गया और अपनी कमर उचका कर गप्प से अपना लंड नेहा के मुह में पेल दिया .......

मोटा सुपाड़ा मुह में घुसते ही नेहा ने लंड को जड़ से पकड़ा और अपना सर ऊपर नीचे हिलाते हुए लंड से अपना मुह चोदने लगी ...... प्रतीक नेहा की गांड़ को जीभ से कुरेदते हुए अपनी कमर को ऊपर पुश करते हुए नेहा के मुह में लंड पेलते हुए चोद रहा था.........

और मैं इन सब हद से ज्यादा कामुक दृश्यों को देख कर अपने भन्नाए हुए लौड़े को मसलने में लगा हुआ था .......

कुछ देर तक ऐसे ही एक दूसरे की गांड़ और लंड का स्वाद लेने के बाद ....... प्रतीक बोला ..... श्वेता अब बस कर ना वरना तेरे मुह में निकाल दूंगा ....... नेहा ने लंड मुह से निकाल के थूक से भीगे हुए लंड को मुठियाते हुए कहा aaahhh भैया पिला दो ना अपनी बहन को अपने लौड़े का गरम रस ....... प्रतीक बोला ...... उफ़्फ़फ़ पिला दूंगा लेकिन पहले मुझे अपनी बहन की कसी हुई बुर में लंड डालना है ....... चोदना है मुझे श्वेता तुम्हारी बुर को अपने मोटे लंड से .......

नेहा तेजी से लंड पर हाथ चलाते हुए बोली हाय्य्य्य भैयाआआआ ....... इतने मोटे लंड से तो मेरी बुर फट जाएगी बड़ा दर्द होगा मेरी बुर को ......... प्रतीक ने नेहा के चूतड़ मसलते हुए कहा ...... ना श्वेता मैं बड़े प्यार से चोदूगा तेरी बुर ....... धीरे धीरे पेलूँगा अपना लंड तेरी बुर में उफ़्फ़फ़ .......

और फिर नेहा प्रतीक के ऊपर से उठी और उसके बगल में लेट कर अपनी टांगे फैला कर बोली आओ भैया पेल दो अपना लोड़ा अपनी बहन की बुर में चोद लो अपनी बहन श्वेता को ....... बन जाओ बहनचोद ....... और प्रतीक ने नेहा की टांगों के बीच पोजिशन लेते हुए अपना सुपाड़ा उसके चूत की दरार पर रख दिया ....... और सुपाड़े को दरार पर रगड़ने लगा .......

नेहा भले ही रण्डी थी लेकिन इस टाइम वो पूरी मस्ती में इस रोल को एन्जॉय कर रही थी और उसने नीचे से गांड़ उछाल कर लंड को चूत में लेने की कोशिश की और उसकी कोशिश सफल हुई ....... प्रतीक का मोटा सुपाड़ा उसकी चुत के छेद को फैलाता हुआ अंदर समा गया और नेहा मज़े से गनगना कर बोली ...... हाय्य्य्य भैयाआआआ घुस गया आपका लंड आपका मेरी बुर में ........


प्रतीक से भी अब बर्दाश्त नही हो रहा था सो उन्होंने नेहा के ऊपर लेटते हुए अपनी हथेलियां उसके दोनो ओर टिका कर अपनी गांड़ को पूरी तेज से आगे धकेलते हुए पूरा लंड एक बार मे नेहा की चूत में हचक के पेल दिया और नेहा तेजी से सिसियाते हुए बोली ......... उफ़्फ़फ़ भैया पूरा घुस गया दर्द हो रहा मेरी बुर में प्लीज रुक जाइये ....... लेकिन प्रतीक के लिए अब रुकना नामुमकिन था उसने अपनी कमर को गति देते हुए लंबे लंबे शॉट मारने शुरू कर दिए और उसका 8 इंच का लंड नेहा की बुर की दीवारों को बेदर्दी से रौंदता हुआ अंदर बाहर होने लगा ...... नेहा की बुर काफी पानी छोड़ रही थी और उसकी चिकनाई में फिसलता हुआ लंड किसी पिस्टन की तरह सटासट उसकी बुर में गति पकड़ता जा रहा था ........

और फिर नेहा भी नीचे से अपनी गांड़ उछालते हुए बोली aaahhh चोदो और चोदो कस कस के चोदो मेरी बुर राजा बड़ा मस्त लंड है तुम्हारा पेल दो पूरा ....... और प्रतीक पूरी ताकत से अपना लंड पेलते हुए नेहा को चोदने लगा ......

प्रतीक ने नीचे झुक के नेहा को होंठ चूसने शुरू कर दिए और अपनी जीभ के नेहा के मुह में डाल कर चाटते हुए तगड़े धक्के लगाने लगा आए बोला ....... ले खा लंड श्वेता चुद साली और चुद आज तेरी चुत का भोसड़ा बना दूंगा चोद चोद के भोसड़ी वाली ....... aaahhh उफ़्फ़फ़ ........

नेहा ने अपनी गुलाबी रसीली जीभ प्रतीक की जीभ पर फिराई और फिर उसे होंठो में दबा के चूस लिया....... और अपने हाथों से अपने निप्पल मसलते हुए सिसियाने लगी ........ हां भैया बना दो मेरी बुर का भोसड़ा चोद डालो अपनी बहन को भर द अपने लंड का पानी अपनी बहन की बुर में aaaaahhhh भैयाआआआ मैं गयी फिर से और इसी के साथ उसके बदन को झटके लगे वो कांपने लगी और उसकी बुर से रस के छींटे उड़ने लगे प्रतीक ने और तेजी से धक्के लगाते हुए नेहा की बुर का रस अपने लंड पर महसूस किया और फिर उसने भी तेजी से 8-10 करारे शॉट लगाए और जड़ तक लंड नेहा की चूत में पेल कर अपने लंड का गरम माल उसकी बुर में भरने लगा और वो नेहा के नंगे बदन पर निढाल हो कर गिर गया और नेहा अपनी बुर को सिकोड़ते हुए उसके लंड का माल अपनी बुर से चूसने लगी ...........।
Nice update
 

Radika Thakur

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गहरी नींद में जाते ही मेरे दिमाग मे इन दिनों चल रही घटनाओं का अक्स उभरने लगा और मैं सपनो की दुनिया मे डूब गया मैंने देखा उस घर मे जिसमे विनय रानी को चोद रहा था उसी घर मे विनय और निकिता दीदी गए हुए हैं और विनय रानी जैसे ही निकिता दीदी को कपड़े उतार कर नंगी कर देता है और सपने में ही निकिता दीदी को नंगी देख कर मेरा लंड बेकाबू हो कर खड़ा हो गया और मैं नींद में ही अपना लंड पकड़ कर दबाते हुए सहलाने लगा आगे मैंने देखा कि निकिता दीदी रानी की तरह ही विनय की पैंट खोल कर उसका लंड चूसने लगी और वो दीदी की कसी हुई चुचियाँ मसलते हुए उनके निप्पल रगड़ते हुए जोर से धक्के देते हुए अपना लंड दीदी के मुह में घुसाने लगा दीदी किसी पोर्न स्टार जैसे उसका लंड मुठियाते हुए अपने गुलाबी रसीले होंठो में भर कर चूस रही थी और फिर कुछ देर बाद दीदी उठी और सोफे पर झुकते हुए अपनी गांड़ पीछे की ओर उभार दी मैंने कभी निकिता दीदी को गलत नजर से नही देखा था ना ही उनके बारे में कुछ गलत सोचा था लेकिन सपनो पर किसी का बस कहाँ चलता है आज सपने में मेरी प्यारी दीदी एकदम नंगी उस विनय के आगे झुकी हुई थी और विनय ने पीछे आ कर दीदी की कमर पकड़ कर अपना लंड उनकी कसी हुई गुलाबी चूत पर रख कर के झटका दिया और लंड दीदी की बुरमे समाता चला गया और फिर वो तेज झटके मार मार कर दीदी को चोदने लगा और दीदी भी मस्ती में भरी कर सिसकते हुए उसके लंड के धक्कों का आनंद लेने लगी कोई 10 मिनट तक उन्हें चोदने के बाद विनय ने अपना लंड उनकी बुर से निकाला और वो विनय के सामने बैठ गयी और अपनी बुर से निकला विनय का लंड फिर से चूसने लगी दीदी जीभ निकाल निकाल कर विनय का लौड़ा चाट रही थी और फिर विनय के लौड़े से तेज धार के साथ वीर्य टपकने लगा दीदी का गोरा मासूम चेहरा विनय के गाढ़े वीर्य से लथपथ होने लगा उनके होंठो गालों माथे नाक हर जगह वीर्य की बूंदें चमक रही थी और इसी के साथ नींद में ही मेरे लंड ने भी पिचकारी मार दी पहली बार मुझे स्वप्नदोष का आंनद मिल गया ......
लेकिन मेरे झड़ते ही सपना टूट गया नींद खुल गयी और मुझे थोड़ा सा बुरा महसूस हुआ नींद में ही सही पर दीदी को ऐसी हालत में देख कर मुझे बड़ी बेचैनी होने लगी फिर सर को झटक कर उसे एक बुरा सपना समझ कर मैं बिस्तर से उतरा बाथरूम जा कर खुद को साफ किया और पानी पी कर वापस आ के लेट गया जल्दी ही फिर से मुझे नींद आ गयी और फिर सुबह कोई मुझे हिलाते हुए जगा रहा था आंखे मिचमिचाते हुए खोली तो देखा निकिता दीदी नहा कर अपनी कॉलेज की ड्रेस(गुलाबी कुर्ते और सफेद सलवार में) बिना दुपट्टे के मुझ पर झुकी मुझे जगा रही थी और आंखे खुलते ही मेरी नजर सबसे पहले कुर्ते के गले से झांक रही उनकी दूध सी गोरी मुलायम और मांसल चूचियों पर पड़ी और वो नजारा देख कर मेरे लंड में जरा सी हरकत भी हुई मैंने फौरन खुद को सम्हालते हुए दीदी के चेहरे पर नजर डाली तो दीदी मुस्कुराते हुए बोली आज कॉलेज नही जाना क्या विकी मैंने जल्दी से अपना फोन निकाल कर टाइम देखा 7:35 मैंने फोन बिस्तर पर फेंक कर कहा आज तो हर हालत में जाना है दीदी आज तो सारी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन करना है मुझे आज के बाद इस विनय नाम की समस्या को तुम्हारी जिंदगी से हमेशा के लिए दूर करना है ।
मेरी बात सुन कर दीदी के चेहरे पर थोड़ी चिंता की लकीरें उभर आईं उन्हें लगा होगा कि ये 19 साल का लड़का उस दबंग रईस बाप के बिगड़ैल लड़के से सामने भला क्या कर पायेगा , दीदी ने मेरी आँखों मे देखते हुए सवाल किया विकी वो पिक हैं उसके पास मैंने कहा आप एकदम चिंता ना करो दीदी वो अब आपके साथ कुछ भी बुरा नही कर पायेगा आपकी और अपने परिवार की इज्जत से बढ़ कर कुछ भी नही मेरे लिए उसकी रक्षा के लिए मैं अपनी जान लगा दूंगा एकदम बेफिक्र रहो आप ये सुन कर दीदी एकदम से मेरे सीने पर लेट सी गयी और मुझे बाहों में भर कर बोली ..... ओह मेरा भाई सच मे बड़ा हो गया है और एकदम जिम्मेवार और समझदार भी मैं तो तुझे बच्चा ही समझती थी ......
दीदी जिस तरह से मेरे सीने से चिपकी हुई थी उनकी नरम गोले मेरे छाती में मुझे महसूस हो रहे उनकी नरमी और गरमी मेरे दिल की धड़कने बढ़ा रही थी ।
मैंने कहा दीदी अब उठो भी मैं इतना भी बड़ा नही हुआ कि आपका सारा वजन बर्दाश्त कर लूं कितनी भारी हो आप मेरी तो सांस रुक रही है .......
ये सुन कर दीदी ने थोड़ा नखरे से मेरी ओर देखा और तुनक कर बोली अच्छा बच्चू मैं भारी हूँ और गुस्से से एक मुक्का मेरी बांह पर मार दिया मैं हाय हाय करने लगा और बोला क्या ज़माना आ गया है लोगों की मदद करो और बदले में मार खाओ दीदी ने इस बार गुस्सा नही किया और मेरे मज़ाक पर मुस्कुराती हुई बोली तू ना बहोत बदमाश होता जा रहा है दिन ब दिन मैंने कहा वाह बदमाशी आप करो और बदमाश मैं होता जा रहा हूँ अच्छी जबरदस्ती है ।
ये सुन कर दीदी उदास हो गईं और सर झुकाते हुए बोली तू भी ताने मार ले मम्मी पापा की तो सुनती ही रहती हूं आजकल मैंने जल्दी से दीदी का चेहरा अपनी हथेलियों में भरते हुए कहा दीदी मैंने बस मज़ाक में कही वो बात ताना नही मारा ना अच्छा सॉरी अब से नही करूंगा ऐसा मज़ाक ..... अब मुझ पर रहम करो मुझे उठने दो या मेरा दम निकलने के बाद ही छोडोगी मुझे दीदी हंसते हुए उठ गयीं और जाते जाते बोली आज के बाद कभी गले नही लगाउंगी तुझे मोटी हूँ ना और भारी भी कहीं किसी दिन तेरी हड्डी वड्डी टूट गयी तो और जीभ निकाल कर मुझे चिढ़ाते हुए बाहर चली गईं .......
मैं फटाफट बिस्तर से उठ कर बाथरूम में घुस गया और फ्रेश होते हुए मेरे मन मे ख्याल आया कि अब से पहले मेरा और दीदी का रिश्ता बहुत औपचारिक था पर इस विनय वाली घटना के बाद हम थोड़ा सा तो नजदीक आये ही हैं और दीदी के साथ ये नजदीकी मुझे अच्छी भी लग रही थी।
जल्दी जल्दी नहा धो कर ड्रेस पहन कर मैं रेडी हुआ और नाश्ते की टेबल पर पहुंचा पापा बैठे अखबार पढ़ रहे थे वो नाश्ता कर चुके थे दीदी नाश्ता कर रही थीं और मेरे बैठते ही वो मुझे देख कर मुस्कुरा दी तभी मम्मी मेरा भी नाश्ता ले आयी और मैं भी जल्दी जल्दी नाश्ता निपटाने लगा ।

पापा ने अखबार रखते हुए रोज की तरह मुझे कुछ हिदायतें दी और फिर 200 रुपये मुझे देते हुए बोले बाइक में पेट्रोल डलवा लियो और वो आफिस निकल गए ।
हमने भी नाश्ता खत्म किया और अपने अपने बैग ले कर बाहर आ गए बाइक उठाई और कॉलेज की ओर चल पड़े ...... घर से थोड़ी दूर आ कर मैंने बाइक रोकी और संजय को कॉल की उसने फौरन ही कॉल रिसीव की मैंने कहा बोल बे आज का क्या प्लान है वो बोला तू स्कूल आ जा मैं वही इंतजार कर रहा हूँ तेरा फिर चाचा के पास चलते हैं ..... मैंने कहा ठीक है पर यार मैं ये चाहता हूं दीदी को कहीं थाने वगैरह ना जाना पड़े एक तो लड़की को ले कर थाने जाना ही सही नही लग रहा मुझे दूसरा अगर किसी ने हम तीनों को वहां आते जाते देखा तो फालतू में चार तरह की बातें होंगी और अगर पापा को ये सब पता चला तो वो मेरी खाल उधेड़ देंगे कि मैंने उनसे ये सब क्यों छुपाया मेरी बात सुन कर वो बोला ठीक है मैं एक बार चाचा से बात कर के तुझे बताता हूँ कि आगे क्या करना है उसने कॉल काट दी।


मैंने बाइक स्टार्ट की और दीदी के कॉलेज की ओर चल पड़ा तभी अगले चौराहे पर बुलेट लगा कर खड़ा हुआ विनय हमे दिखाई दिया उसे देखते ही मेरी झांट सुलग उठी वो बड़ी तीखी नजरो से मुझे घूर रहा था हांलाकि मैंने हेलमेट लगा रखा था उसे देख कर दीदी घबरा सी गयी उसकी कल वाली धमकी की वजह से उन्होंने मेरी शर्ट को कस के मुट्ठी में पकड़ लिया वो थोड़ा घबरा रही थीं मैंने उन्हें हिम्मत देते हुए कहा दीदी आप टेंशन ना लो कल से ये आपको अपने आसपास नजर नही आएगा दीदी ने अपना सर पीछे से मेरे कंधे पर रख दिया मानो कह रही हों अब तो बस तेरा ही सहारा है ।

उधर विनय ने बाइक स्टार्ट की और मेरी बाइक के पीछे पीछे आने लगा मैंने कहा दीदी तुम आराम से बैठी उसकी ओर देखो भी नही और यूँ रियेक्ट करो मानो तुम्हे उसकी कोई परवाह ही नही है।
दीदी अब थोड़ा रिलैक्स हो कर बैठ गईं और फिर मैंने बाइक एकदम उनके कॉलेज गेट के सामने रोकी तभी संजय का कॉल आ गया उसने कहा चाचा कह रहे हैं कि मैं बस दीदी से एक लिखित शिकायत ले लूं जिसमे वो लिख दें कि विनय सिंह ने उन्हें बहला फुसला कर उनसे दोस्ती की और फिर एक दोस्त के घर ले जा कर वहां उन्हें कोल्ड ड्रिंक में कोई नशीली चीज पिला कर उनकी गंदी तस्वीरें लेली और बाद में उन्हीं तस्वीरों के दम पर उसने उन्हें ब्लैकमेल कर के उनके साथ गलत काम किया और अब उन्हें बार बार वहीं बुलाता है और मना करने पर उन्हें जान से मारने की और बदनाम करने की धमकी देता है नीचे दीदी के साइन करवा लेना बस फिर तू आजा और हम चाचा के पास चलते हैं। मैंने कहा ठीक है ।

फिर मैंने दीदी को सब समझाया और उन्होंने कॉपी निकाल कर एक पन्ने पर पूरी कंप्लेन लिखी और नीचे साइन कर के मुझे देते हुए बोली विकी उन pic का ध्यान रखना प्लीज वो परेशान थीं मैंने कहा दीदी तुम सीधा अंदर जाओ एकदम परेशान ना हो मैं शाम को तुम्हे यहीं मिलूंगा दीदी बोली अपना ख्याल रखना विकी और फिर सर झुकाए हुए कॉलेज के गेट के अंदर चली गयी गेट पर दो सिक्योरिटी गार्ड होते हैं इसलिए विनय ने अपनी बुलेट थोड़ा आगे ले जा कर रोकी थी वो वही खड़े खड़े हमे घूरने लगा था अचानक मुझे शरारत सूझी और मैंने उसे वापस घूरते हुए उसे आंख मार दी अपनी मिडल फिंगर उसे दिखा दी 🖕ये देख कर वो अपनी बाइक स्टैंड पर लगा कर मेरी ओर बढ़ने लगा पर मैने जल्दी बाइक स्टार्ट की और यू टर्न मार कर एक्सीलेटर खींचते हुए दौड़ा दी और सीधा अपने स्कूल पहुंच कर रुका वहां संजय मेरा इंतजार कर रहा था।

उसने बाइक पर बैठते हुए पूछा कंप्लेन ले ली मैंने कहा हां जेब मे है फिर हम सीधा दारागंज पुलिस चौकी पहुंचे अंदर जा कर हम संजय के चाचा (राजेश सिंह) से मिले संजय ने उनके पैर छुए और मैंने भी लपक कर उनके पैर छू लिए उन्होंने एक बार मुझे ऊपर से नीचे तक देखा फिर बोले आओ मेरे साथ हमे ले कर वो एक केबिन में आये हमे बिठा कर एक हवलदार को चाय लाने का आर्डर दिया और फिर मुझसे पूछा कि क्या प्रॉब्लम है मैंने कम शब्दों में अपनी और दीदी की सारी समस्या उन्हें बताई वो सर हिलाते हुए सब सुनते रहे फिर उन्होंने वो कंप्लेन मांगी और उसे ले कर पढ़ने लगे पढ़ने के बाद वो बोले कि चिंता ना करो तुम उस लौंडे के खिलाफ काफी सामान है अपने पास इतने में तो वो उसे ऐसा पेलेंगे की वो दोबारा हमारे परिवार का नाम भी लेने से डरेगा उनकी बात से मेरे मन को काफी तसल्ली मिली पर मैंने कहा चाचा वो मेरी दीदी की कुछ गलत तस्वीरें भी हैं उसके पास उन्होंने कहा परेशान मत हो यार मैं उसका फोन जब्त कर के तुम्हे दे दूंगा जो चाहो करना उसका चाहो तो तालाब में फेंक देना या आग लगा देना अब खुश मैंने कहा पर अगर उसने वो pic कहीं और भी सेव किये हों तो ...... दीदी की और मेरे परिवार की इज्जत का सवाल है .....
ये सुन कर वो थोड़ी गंभीरता से बोले लगता है अभी तुमने पुलिस का असली चेहरा नही देखा है मैं सब दिखाऊंगा आज तुम्हे तुम बस अब सब मुझ पर छोड़ दो फिर वो बोले एक बात बताओ सिर्फ अपना काम बनाना है उस से पीछा छुड़ाना है या उस पर चार्ज लगा कर क़ानूनी कार्यवाई भी करना चाहते हो.....?.
मैंने कहा चाचा मैं बस चाहता हूं कि वो मेरी दीदी के जीवन से हमेशा के लिए दूर हो जाये हमारे आसपास भी ना फटके हमे नजर भी ना आये हमारा नाम भी ना ले और वो pic उसके पास ना रहें बाकी कुछ नही चाहते हम हां आप चाहो तो अपना कुछ जुगाड़ देख लो आखिर आप इतनी मदद कर रहे मेरी ......
मेरी बात सुन कर वो हंसते हुए बोले संजू तेरा दोस्त बहोत होशियार है सही है उसका दिमाग ठिकाने करने के बाद कुछ वसूलता हूँ उसके बाप से सुना है बहोत दो नंबर का पैसा है उसके पास संजय खींसे निपोरते हुए बोला चाचू उसमे से 10% मेरा कमीशन हेहेहे .....
राजेश चाचा बोले तू भी कम होशियार नही है बेटा अब अपने चाचा से कमीशन लेगा संजय ने कहा तो क्या हुआ आप वसूली भी तो लम्बी करोगे तभी हवलदार चाय ले आया और हम सब चाय पीने लगे ।

चाचा हवलदार से बोले ऐसा करो सज्जन सिंह को भेज दो मेरे पास वो जी साहब बोल कर बाहर चला गया फिर वो चाय पीते हुए बोले ऐसा करो उस लौंडे का पता और फ़ोन नंबर दो मुझे मैं उसे उठवाता हूँ मैंने एक कागज पर उसका एड्रेस और नंबर लिख दिया तभी सज्जन सिंह अंदर आया और सलाम ठोंक कर खड़ा हो गया मैंने देखा ये एक छह फुट से भी लंबा मजबूत बदन का पुलिसिया था चेहरे पर कठोरता और बड़ी बड़ी मुछे उसे काफी खतरनाक बना रही थीं चाचा ने वो कागज उसे थमाते हुए कहा ये लौंडा एक घण्टे में यहां चाहिए मुझे साले को घसीट कर लाओ और हां इस से कुछ कड़ी पूछ्ताछ होगी सारी तैयारी करो वो जी सर बोल कर चला गया चाचा बोले तुम लोग यहीं बैठो मैं कुछ काम निपटा लेता हूँ और वो भी निकल गए मैं और संजय बातचीत करने लगे।

कोई 50 मिनट बाद बाहर से कुछ आवाज़ें आयी तो हमने केबिन की जाली से झांक कर देखा सज्जन सिंह और उसके साथ एक और हवलदार विनय को गर्दन से पकड़ा कर खींचते हुए ले कर आ रहे थे और वो काफी उछलकूद कर रहा था तभी सज्जन सिंह ने उसके चूतड़ों पर एक जोर की लात मारी वो जमीन पर लुढ़क गया उसके घुटने छील गए और खून रिसने लगा उसने जलती हुई आंखों से सज्जन सिंह को देखते हुए कहा जानता है मैं कौन हूँ तेरी वर्दी ना उतरवा दी तो कहना ये सुन कर सज्जन सिंह ने उसे दो लातें और जमा दी और बोला मादरचोद वो बाद कि बात है अभी तो तू यहां थाने में है अकेला और मेरे रहमोकरम पर मैं जितनी चाहे तेरी दुर्गति कर सकता हूँ कौन रोकेगा मुझे ये बात उसकी बुद्धि में घुसी और वो चुपचाप एक कोने में बैठ कर अपनी चोट सहलाने लगा उसने फोन निकाल कर किसी को कॉल लगानी चाही पर सज्जन सिंह ने फुर्ती से उसका फोन छीन कर अपनी जेब मे डाल लिया और बोला जब तक साहब नही आ जाते चुप कर के बैठ जा वरना इस बार ये डंडा तेरी गांड़ में घुसा दूंगा ......

ये सुन कसर विनय की सारी अकड़ ढीली हो गयी और वो चुपचाप बैठ गया उसकी ये हालात और बेज्जती देख कर मेरा मन खुश हो गया और मुझे लगा काश दीदी भी ये सब देख पाती तो मुझ पर कितना गर्व करती।
थोड़ी देर में चाचा की जीप थाने में दाखिल हुए वो नीचे उतरे तो सज्जन सिंह ने विनय की ओर इशारा करते हुए कहा सर ये रहा आपका कबूतर ।


चाचा विनय के पास पहुंचे और उसे बालों से पकड़ कर खड़ा किया और दांत पीसते हुए बोले क्यों बे मादरचोद सुना है तू बड़े रईस बाप की औलाद है और तुझे लड़कियों की नंगी तस्वीरें लेने का बड़ा शौक है और तू ब्लैकमेलिंग का धंधा भी करता है ये सुन कर विनय के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी पर उसने हिम्मत करते हुए किसने कहा ऐसा ये सब झूठ है आपके पास कोई सबूत है या यूं ही मुझे थाने बुला कर वर्दी का रौब झाड़ रहे हो और इस तरह मुझे यहां बुलाने का क्या मतलब है मुझे अभी अपने पापा और वकील से बात करनी है मैं केस करूंगा तुम पर मानहानि का ......
उसकी बात सुन कर राजेश चाचा उसे घूरने लगे और बोले सुन लौंडे मैं सिफारिश से पुलिस में भर्ती नही हुआ हूँ पढ़ लिख कर एग्जाम दे कर ट्रेनिंग ले कर सेलेक्ट हुआ हूँ कानून कायदा सब जानता हूँ और तुझे सबूत चाहिए ना उन्होंने जेब से दीदी की कंप्लेन निकाली और उसे विनय के आंखों के आगे लहराते हुए बोले सबसे पहले ये शिकायत पढ़ जो एक लड़की ने की है ...... विनय ने वो पेपर लिया और पढ़ने लगा पढ़ते पढ़ते उसका चेहरा लटक गया चाचा ने उसके हाथ से वो पेपर लिया और बोले सज्जन सिंह एफ आई आर दर्ज करो इसके खिलाफ ..... सज्जन सिंह वो पेपर ले कर आफिस की ओर चल दिया विनय ने खुद को बहोत हिम्मती दिखाते हुए हंस कर कहा मेरा वकील दो मिनट में मेरी बेल करा देगा मेरे पापा मेरे लिए अच्छे से अच्छा वकील करेंगे और उनकी पहुंच बहुत ऊपर तक है इंस्पेक्टर तुम्हे जल्दी ही अपनी गलती का पछतावा होगा ......
चाचा ने उसकी बात सुन कर ठहाका लगाया और फिर उसके पास जा कर अपना मोबाइल फोन निकाल कर उस पर वो वीडियो प्ले की जिसमे वो बीयर शॉप के सामने दीदी के बारे में कबूल कर रहा था कि उसके पास उनके न्यूड पिक हैं जिनके दम पर वो दीदी को ब्लैकमेल करेगा वो देखते ही उसके चेहरे पर चिंता का भाव छा गए वो समझ चुका था कि वो फंस चुका है इसके बाद तो वकील भी उसे शायद ही बचा सके वो वीडियो खत्म होते ही चाचा ने अगले वीडियो प्ले कर दिया जिसमे वो रानी के साथ नंगा हो कर ग्रुप सेक्स करता दिख रहा था चाचा ने कहा सिर्फ तुझे ही नंगी pic लेने का शौक नही है इस बार तेरा दांव तुझी पर पड़ गया है बहनचोद इतने सबूत काफी हैं या और दिखाऊँ बाकी रही सही कसर लड़की का बयान पूरी कर देगा जो मैं मजिस्ट्रेट के सामने दिलवा दूंगा अब बोल ???
विनय के पास अब बोलने के लिए कुछ नही था वो सर झुका कर खड़ा हो गया तभी चाचा ने कहा अपना फोन दे विनय ने बताया उसका फोन सिपाही के पास है तो चाचा ने सज्जन सिंह को बुला कर उससे विनय का फोन लिया और उससे पूछा कि लड़कियों के न्यूड पिक इसी में हैं ना ..... उसने कोई जवाब नही दिया तो चाचा ने कहा सज्जन सिंह इसे टॉर्चर रूम में ले चलो ये ऐसे नही बताने वाला कुछ सज्जन सिंह ने विनय के बाल पकडे और उसे खींचते हुए अंदर एक कमरे में ले गया ।
मैं और संजय भी धीरे से बाहर आ गए और उस कमरे के दरवाजे से चुपके से अंदर झांकने लगे अंदर एक दीवार पर दो हुक लगे हुए थे दो फीट की दूरी पर उनमें मजबूत रस्सियां बंधी हुई थीं सज्जन सिंह के साथ एक और तगड़ा सिपाही था उन दोनों ने विनय के हाथ उन रस्सियो में कस कर बांध दिए और सज्जन सिंह एक बांस का बढ़िया डंडा ले कर खड़ा हो गया।
कमरे में एक कुर्सी भी थी चाचा उस पर बैठ गया टांग पर टांग रख कर और बोले सुन बे लौंडे इस कमरे में अच्छे अच्छों का मूत निकल जाता है अब मैं जो भी सवाल पूछुं उसका एक बार मे एकदम सही जवाब दे देना वरना तेरे कपड़े खराब होंगे और यहां सफाई करनी पड़ेगी .......
बोल तेरे इसी फोन में हैं ना लड़कियों के नंगे pic उसने कोई जवाब नही दिया और सज्जन सिंह के पूरी ताकत से डंडा उसकी टांगो पर जमा दिया मैंने जल्दी से अपना मोबाइल निकाला और ये सीन रिकार्ड करने लगा संजय ने मेरे कान में कहा ये मत कर चाचा गुस्सा करेंगे मैंने कहा यार उन्हें बताना ही मत संजय मुझे घूरने लगा मैंने उसके सामने हाथ जोड़ दिए और धीरे से कहा की ये देख के दीदी को थोड़ी खुशी होगी उसने फिर कुछ नही कहा।

उधर टांग डंडे की भरपूर चोट पड़ते ही विनय चीखने लगा और बिलबिलाते हुए बोला मैं बताता हूँ सब बताता हूँ पर मारो मत..... चाचा ने हंसते हुए बस एक डंडे में सारी अकड़ ठंडी हो गयी तेरी मुझे तो लगा था 10-20 डंडे आराम से झेल लेगा तो रईस बाप की बिगड़ी औलाद अब बोल जल्दी से विनय बोला हां इसी फोन में है चाचा ने कहा पासवर्ड बोल ये सुन कर मुझे फिक्र हो गयी कि कहीं वो फोन खोल कर देखने ना लगें मेरी दीदी की नंगी तस्वीरें पर उन्होंने ऐस कुछ नही किया ........ और दूसरा सवाल पूछा किस किस को भेजी ये pic विनय ने कराहते हुए कहा किसी को नही भेजी सर कसम से किसी को नही दिखाया कभी सिर्फ अपने लिए रखी थी ।
चाचा ने पूछा कहीं और किसी फोन या लैपटॉप में इनकी कॉपी है?
उसने सर हां में हिलाते हुए कहा हां मेरे लैपटॉप में है इनकी कॉपी ये सुन कर चाचा ने विनय का फोन निकाला और बोले अपने बाप का नंबर बता उसने नंबर बताया और चाचा ने उसी के फोन से उसके बाप को कॉल की ।
कॉल रिसीव होते ही विनय के बाप ने पूछा क्या बात है ......
चाचा ने बताया कि वो दारागंज चौकी से इंस्पेक्टर राजेश सिंह बोल रहे हैं उनका लड़का विनय इस समय पुलिस हिरासत में है उस पर गंभीर चार्ज लगे हैं अगर वो उसकी सलामती चाहते हैं तो जल्दी से उसका लैपटॉप ले कर चौकी आ जाएं वरना उसकी जिंदगी झंड हो जाएगी ये सुन कर विनय के बाप ने सबसे पहले चाचा को आने पैसे और रुतबे की धौंस दी जवाब में चाचा बोले सुन तू ज्यादा से ज्यादा मेरा ट्रांसफर करवा सकता बाकी इसके अलावा मेरी झांट नही उखाड़ सकता तू पर उसके पहले मैं मीडिया बुला कर वो सारे सबूत जो तेरे बेटे के खिलाफ हैं मेरे पास उन्हें पब्लिक कर दूंगा फिर तेरे बेटे को दुनिया की कोई ताकत नही बचा सकती और तेरे बेटे की जिंदगी के साथ तेरी इज्जत और रुतबा सब मिट्टी में मिल जाएगा खत्म हो जाएगा तेरा सारा एम्पायर ....... समझा ............... इसलिए ये गर्मी दिखाना बंद कर और जितनी जल्दी हो सके इस लौंडे का लैपटॉप ले कर आजा अभी कुछ गुंजाइश है इसके बचने की ....... इतना कह कर उन्होंने फोन काट दिया ।
दोपहर के 12 बज रहे थे चाचा ने घड़ी देखी और बाहर आने के लिए उठे मैंने झट से अपना फोन जेब मे डाल लिया विनय की ठुकाई का वीडियो था अब मेरे पास और हम वापस उसी केबिन में आ कर बैठ गए दो मिनट में चाचा भी आ गये और बोले चलो बच्चो लंच कर लो तब तक इसका बाप भी आ जायेगा और फिर सब मामला सुलझ जाएगा .......।
Bhai khud hi mje lega bhen k
 

Golu_nd

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neeRaj@RR

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अपडेट हाजिर है दोस्तों कल एक शादी अटेंड करने की वजह से एक ही अपडेट दे पाया और आज भी एक शादी अटेंड करनी है फिर भी कोशिश होगी कि शाम तक एक अपडेट और दे पाउँ ....... प्रयास कैसा लगा अपने विचार कॉमेंट के माध्यम से जरूर दें , और जिन दोस्तों ने कॉमेंट किये हैं और मैं उनके कॉमेंट का रिप्लाई नही दे सका उनसे माफी मांगता हूं समय का अभाव है अपडेट का ही टाइम नही निकल रहा 🙏 पर सभी के कॉमेंट के लिए शुक्रिया साथ बने रहिये आगे बहोत धमाल होने वाला है इन सब जे जीवन मे
 

neeRaj@RR

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मेरा दिमाग इस समय उत्तेजना से सनसना रहा था ....... प्रतीक जो अब तक मुझे एकदम सीधे सादे इंसान लग रहे थे उनका ये सेक्सी अवतार देख कर मैं हैरान था ...... लेकिन मेरे मन मे ये खुशी भी थी कि वो दीदी से प्यार करते हैं और दीदी सेक्स के मामले में हमेशा खुश और संतुष्ट रहेंगी .........

कुछ देर बाद प्रतीक नेहा के ऊपर से उठे और अपने कपड़े पहनने लगे ...... नेहा ने भी उठ अपनी ब्रा पैंटी उठाते हुए प्रतीक से कहा ...... आज तो सच मे मज़ा आ गया बहोत दिनों बाद इतनी मस्त चुदाई हुई मेरी ....... प्रतीक मुस्कुरा दिए और बोले थैंक्स नेहा मेरी इस चाहत को पूरा करने के लिए ........ और उन्होंने अपने कपड़े पहन कर जेब से 50000 की गड्डी निकाल कर नेहा को दी पैसे पा कर नेहा की खुशी और भी बढ़ गयी उसने पैसे अपने पर्स में रखे और बोली मैं अब रुकूँ या जाऊं ......?

प्रतीक बोले विकास से पूछ लो और वो बेड पर लेट गए ...... नेहा कपड़े पहन चुकी थी और बाहर आने लगी मैं जल्दी से भाग कर अपने कमरे में आ गया और दरवाजा बंद कर के लेट गया ......

2 मिनट बाद ही डोर नॉक हुआ और मैंने जा कर दरवाजा खोला ....., नेहा मुस्कुराती हुई अंदर आ गयी और बोली सुना सब ..... मैंने हां में सर हिला दिया ...... वो बोली अब मुझे और क्या करना है ......... मैंने कहा बस तुम्हारा काम खत्म तुम जा सकती हो ......,

उसने घड़ी देखी साढ़े 11 बज रहे थे और बोली काफी रात हो गयी है अगर तुम्हे प्रॉब्लम ना हो तो मैं यही रुक जाऊं सुबह चली जाऊंगी ......

मैंने कहा ठीक है ..... और दरवाजा बंद कर लिया ...... नेहा बेड पर लेट गयी और मैं भी लाइट ऑफ कर के उसके बगल में लेट गया .......

कुछ देर बाद वो बोली वो सब सुन कर भी तुम्हारा मूड नही बना .......? मैंने कहा बना तो था पर मैंने मुठ मार ली ....... नेहा बोली ह्म्म्म वैसे तुम चाहो तो मेरे साथ सेक्स कर लो पेमेंट ले चुकी हूं मैं ...... मैंने कहा अब नींद आ रही है पता नही क्यू नेहा मुझे अच्छी तो लग रही थी पर उसके साथ सेक्स करने का मन नही हो रहा था .......

फिर हम सो गए ....... सुबह 7 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने नेहा को जगाया वो उठी और फ्रेश होने चली गयी ....... मैं प्रतीक वाले रूम में आया देखा तो वो नहा कर तैयार थे ....... मुझे देखते ही बोले ...... अब निकलते हैं यहाँ से मैंने कहा हां मैं बस नहा लूं फिर वापस चला जाये ...... वो बोले ठीक है मैं टिकट का इंतजाम करता हूँ ......

मैं वापस अपने रूम में आया और नेहा के निकलते ही बाथरूम में घुस गया आधे घंटे में मैं भी तैयार था नेहा जा चुकी थी ....... प्रतीक ने बताया कि साढ़े 10 बजे हमारी फ्लाइट है लखनऊ की ....... हमने रूम में ही नाश्ता किया और फिर सारा सामान बैग में डाल कर हमने चेकआउट कर लिया ......

और एयरपोर्ट के लिये निकल पड़े रास्ते मे यमुना के पुल से गुजरते हुए वो पिस्तौल और बचे हुए कारतूस मैंने नदी में फेंक दिए ........

10 बजे हम एयरपोर्ट पहुंचे और फिर फ्लाइट पकड़ कर 1 बजे हम वापस प्रतीक के घर पहुंच गए .......

घर पहुंच कर हम सब ने साथ मे लंच किया श्वेता ने मज़ेदार खाना बनाया था खाना खा कर प्रतीक बोले विकास तुम आराम करो थके होगे कल से भागदौड़ में लगे हो ...... मैं थोड़ी देर के लिए आफिस हो आता हूँ ......

मैं ऊपर उनके रूम में गया चेंज किया और लोअर बनियान पहन कर लेट गया ..... और दीदी को कॉल की लेकिन कॉल रिसीव नही हुई शायद वो कॉलेज गयी होंगी .......

मुझे नींद आने लगी थी ..... और मैं सो गया ....... लेकिन सोए हुए मुश्किल से 20-25 मिनट ही हुए थे कि मेरे फोन की घंटी से मेरी नींद खुल गयी देखा तो दीदी का कॉल था ......

मैंने कॉल रिसीव की और ......

दीदी- हेलो विकी ...... कैसा है मेरा भाई .....

मैं- एकदम बढ़िया आप बताओ क्या हो रहा .....

दीदी- कुछ नही बस नीचे थी मम्मी के पास फोन ऊपर ही पड़ा आ कर देखा तो तेरी कॉल मिस हुई थी ....... और बताओ कहाँ हो .......

मैं- प्रतीक के घर पर हूँ आपको कॉल की रिसीव नही हुई तो सो गया था ........

दीदी- ओह सॉरी मैंने डिस्टर्ब कर दिया तुमने .......

मैं- कोई नही दीदी ...... मेरा मन कर रहा था आपसे बात करने का नही हो पाई तो लेट गया और नींद आने लगी .......


दीदी- अब तो बता दो कल वहां क्या कैसे हुआ ......

फिर मैंने उन्हें कल दिल्ली में घटी सारी घटना विस्तार से बताई ........ सिवा नेहा और जीजा के बीच हुई चुदाई और जीजा जी की श्वेता के प्रति चाहत के .......

ये सुन कर की रेलवे ट्रैक पर किस तरह मेरी भी जान मुश्किल में पड़ गयी थी दीदी रोने लगी ...... और बोली विकास इतना खतरा क्यों उठाया तूने अगर तुझे कुछ हो जाता तो मेरा क्या होता मैं कैसे जीती तेरे बगैर ......

मैंने हंसते हुए कहा कैसे हो जाता मुझे कुछ आपका प्यार हमेशा मेरे साथ है मेरी रक्षा करने के लिए ...... दीदी बोली वापस कब आ रहे हो जल्दी आओ ना ...... एक हफ्ता हो चुका है हमे ......

मैंने उनकी बात समझी तो मेरा भी लंड सर उठाने लगा हमे मस्ती किये एक हफ्ते से ज्यादा हो चुका था और मैंने दीदी से वादा किया था कि हफ्ते में एक बार .......

दीदी हंसते हुए बोली विकी जितना तूने किया है मेरी खातिर उसके बदले में कुछ गिफ्ट तो मिलना चाहिए तुम्हे....... मैंने कहा दीदी आपका प्यार है ना सबसे बड़ा तोहफा ...... दुनिया मे कितने भाई अपनी बहन से ऐसा प्यार पाना चाहते होंगे लेकिन किसे मिल पाता है प्यार ......., आप इतना प्यार देते हो मुझे इस से बड़ा गिफ्ट क्या होगा मेरे लिए ....... लव यू दीदी ...... ऊऊम्म्म्म

दीदी बोली लेकिन फिर भी विनय नाम के संकट को हमेशा के लिए मेरी जिंदगी से दूर करने के बदले मैं अपनी जान भी तेरे नाम कर दूं तो कम है ......., लेकिन मेरा गिफ्ट तो तुझे लेना ही पड़ेगा विकी ....... कहते हुए दीदी की आवाज़ में थोड़ी ठरक आ गयी थी ........

मैंने कहा ठीक है आपकी जैसी मर्ज़ी और दीदी खुश हो गईं और बोली फिर जल्दी से आजा मेरे पास मैंने कहा ok कल सुबह तक आ जाऊंगा ........

दीदी बोली ok मेरी जान लव यू सो मच ऊम्म्ममम्म और उन्होंने फ़ोन काट दिया .......

मैं फोन रख कर फिर से लेट गया तभी रानी का कॉल आया मैंने उसे भी वो सारी जानकारी दी और विनय की मौत की खबर सुन कर वो भी खुश हो गयी और बोली thanks विकास तुमने मेरे जीवन की सारी परेशानियां दूर कर दी ........ वापस कब आ रहे हो मुझे मिलना है तुमसे मैंने कहा बस कल तक आ जाऊंगा वो बोली ठीक है........

फिर मैं सो गया और शाम 6 बजे श्वेता ने मुझे जगाया और चाय दी ........ इस वक़्त उसने एक प्लाजो और कुर्ती पहनी हुई थी और कसी हुई कुर्ती में उसकी उभारदार चुंचिया देख कर किसी का भी मन डोल जाता फिर बेचारे प्रतीक का क्या कसूर .......


मैंने चाय पीते हुए पूछा प्रतीक अभी नही आये वो बोली बस आते ही होंगे ......., और वो मुड़ कर चल दी उसकी मटकती गांड़ देख कर मेरे दिल की धड़कन बढ़ गयी ...... वाकई श्वेता एक दिलकश और सेक्सी लौंडिया थी .......

मैंने चाय खत्म की तभी प्रतीक आ गए और चेंज कर के मेरे पास बैठ गए और बोले विकास मुझे समझ नही आ रहा मैं तुम्हारा किस तरह से शुक्रिया अदा करूँ ....... तुमने इस सब मे मेरी मदद कर के मुझ पर बहोत बड़ा उपकार किया है .........

मैंने कहा ऐसा क्यों बोल रहे आप मैंने ये सब सिर्फ अपनी दीदी के लिए किया है और उनके लिए मैं कभी भी कुछ भी कर सकता हूँ ..... ये कहते हुए मैं थोड़ा उत्तेजित हो गया था ....... प्रतीक ने मेरी उत्तेजना को भांप लिया और बोले बहोत प्यार करते हो निकिता से ....... मैंने आवेश में कहा बहोत ज्यादा ....... वो मुस्कुरा दिए और बोले वो भी बहोत प्यार करती है तुम्हे .........

प्रतीक बोले चलो चलते हैं मैंने कहा कहाँ ....... वो बोले थकान मिटाने ......, मैंने कहा चलिए और फिर मैं कपड़े बदल कर उनके साथ बाहर आ गया उन्होंने मुझे लखनऊ के मुख्य बाजार में घुमाया मेरे और दीदी के लिए शानदार ड्रेस खरीदी मुझे बियर पिलाई और और एक फाइव स्टार होटल में डिनर कराया .......

डिनर करते हुए मैंने कहा प्रतीक मुझे आज रात वापस जाना है वो बोले यार दो चार दिन तो रुको मैंने कहा नही अगली बार आऊंगा तो रुकूँगा तब दीदी भी होंगी यहाँ ..... वो हंसने लगे और बोले शादी के बाद कैसे रहोगे अपनी दीदी के बिना ......

उनकी बात सुन कर मेरी मुस्कान गायब हो गयी ...... वो मेरी उदासी भांप कर बोले अरे परेशान मत हो यार मैं तुम्हारा एडमिशन यही की किसी अच्छे कॉलेज में करा दूंगा तुम यहीं रहना अपनी दीदी के साथ ......., उनकी बात सुन कर मैं हंस दिया ........

और बोला लोग कहेंगे कि आपको दहेज में साला मिला है और हम दोनों हंसने लगे ........

फिर उन्होंने मोबाइल पर ट्रेन चेक की रात 11 बजे एक ट्रेन थी उन्होंने मुझे बताया तो मैंने कहा बस टिकट बुक कर दो आप उन्होंने एक सेकेंड ac की टिकट बुक कर दी फिर हम घर आ गए .......,

और मैं अपना बैग पैक करने लगा ....... तभी मेरे फोन की घंटी बजी मैंने देखा तो अननोन नंबर से कॉल थी मैंने कॉल रिसीव की तो उधर से एक लकड़ी बोली हेलो विकास .........

मैं - जी आप कौन .....?..

लड़की- मैं प्रीति पहचाना नही क्या ......

मैं- oh प्रीति कैसी हो सॉरी यार नंबर नही था तुम्हारा मेरे पास इसलिए नही पहचान पाया .....,

प्रीति- इसीलिए तो कॉल की ताकि तुम नंबर सेव कर लो मेरा ...... और सुनाओ क्या हो रहा ......

मैं-बस वापसी की तैयारी हो रही पापा की तबियत अब कैसी है .......

प्रीति- पापा अब एकदम ठीक हैं इसीलिए मैं भी कल वापस जा रही हूं अगले महीने एग्जाम हैं ......

मैं- कल क्यों आज ही चलो ना मेरे साथ......

प्रीति- अरे यार मैं तो चल दूँ लेकिन मम्मी कहाँ जाने देगी रात में उस दिन ही बहोत डांट पड़ी मुझे रात में आने की वजह से.......

मैं- ह्म्म्म चलो कोई नही फिर मैं तो निकल रहा हूँ एक घंटे में .....

प्रीति- ok bye विकास बनारस पहुंच कर कॉल करूंगी तुम्हे .......

मैं- ok bye .......

फिर मैं बैग ले कर नीचे आया मां जी के पैर छू कर श्वेता को bye बोल कर प्रतीक के साथ स्टेशन आ गया ट्रेन छूटने तक प्रतीक मेरे साथ रहे और फिर ट्रेन चल दी ........

वापसी में कोई खास बात नही हुई मेरे साथ रास्ते मे और मैं सो गया फिर सुबह 4 बजे ट्रेन प्रयागराज पहुंची और मैं एक टैक्सी ले कर घर आ गया ........


टैक्सी वाले के pay कर के मैं घण्टी बजाने वाला था फिर मुझे लगा मम्मी पापा जाग जाएंगे इसलिए मैंने घंटी ना बजा कर दीदी को काल की ..........

लेकिन पूरी घंटी जाने ले बाद भी कॉल रिसीव नही हुई मैंने दोबरा घंटी की और दो रिंग जाने के बाद ही उधर से कॉल काट दी गयी ........ मैं दीदी का इंतजार करने लगा और पूरे 5 मिनट बाद गेट खुला ........ दीदी सामने खड़ी थीं ........ आज उन्होंने हल्के बैगनी कलर की सिल्क की नाइटी पहनी थी ये इतनी पारदर्शी थी कि अंदर से उनका नंगा बदन साफ झलक रहा था इस नाइटी को पहनना ना पहनना एक जैसा था ........ कमर तक लहराते खुले बाल ....... और उनकी नाक देख कर मैं चौंक पड़ा ..... उन्होंने नाक में एक छोटी सी रिंग पहनी हुई थी पहली बार दीदी ने नाक में कुछ पहना था......... और इस रिंग ने उनकी खूबसूरती में चार नही आठ चांद लगा दिए थे ........,

और इस सबके बाद उनकी जानलेवा कातिल मुस्कान वो मंद मंद मुस्कुराती हुई मुझे देखने लगी ....... और मैं तो पलकें झपकना भूल गया ....... दीदी ने खामोशी तोड़ी और बोली क्या हुआ मेरे हीरो ....... अंदर नही आओगे मैं खुद के होश सम्हालता हुआ अंदर आया और ......


दीदी भी गेट लॉक कर के मेरे साथ ऊपर आ गईं ...... रूम में आते ही मैंने बैग रखा और दीदी ......., ने एकदम से मुझे अपनी बाहों में भर लिया ...... कस के ...... हम पूरे 5 मिनट तक ऐसे ही एक दूसरे को बाहों में भरे एक दूसरे के जिस्म की गर्मी को महसूस करते रहे ........

फिर मैंने कहा दीदी छोड़ो अब मुझे चेंज करना है ....... दीदी ने मुझे छोड़ दिया लेकिन बड़ी गौर से देखते हुए मुस्कुराने लगी ...... मैंने कपड़े उतारते हुए पूछा ऐसे क्या देख रही हो दीदी ...... वो बोली देख रही हूं मेरा भाई हीरो से सुपरहीरो होता जा रहा है ....... अभी कुछ दिन पहले मैं कितनी परेशान थी लेकिन जैसे ही तुम्हें मेरी परेशानी के बारे में पता चला तुमने झट से सब सही कर दिया जैसे जादू से और अभी फिर परसों रात की ही तो बात है मैं कितनी परेशान थी क्या क्या नही सोच डाला था और दो ही दिन में सब ठीक कर दिया तुमने जैसे कुछ हुआ ही ना हो ..... ..

मैंने जीन्स और टीशर्ट निकाल दी थी और लोअर ढूंढने लगा लेकिन अलमारी में एक भी लोअर नही दिखा मैंने पूछा दीदी मेरे लोअर कहाँ गए सारे ...... दीदी बोली आज मशीन लगाई थी तो सारे धो डाले फिर सुखा कर बाकी कपड़ो के साथ नीचे ही रख दिये अभी ले आऊंगी दिन में . .......

तब तक ऐसे ही रह लो ना और आंख मार कर मुस्कुरा दी ...... मैं जा कर बेड पर लेट गया 4 बजे थे अभी कुछ और नही किया जा सकता था ...... दीदी ने लाइट ऑफ की और आ कर बगल में लेट गयी ...... मैंने कहा दीदी ......

दीदी- हूंऊऊ

मैं- दीदी आपकी नोज रिंग ...... बहोत मस्त लग रही है .....

दीदी- पसन्द आयी ना तुझे ..... मैं सोच रहा थी पता नही तुम्हें अच्छी लगेगी या नही ????? मैंने कहा मुझे तो आप अच्छी ही लगोगी हर हाल में लेकिन ये पहनने के बाद तो आप सुपर से भी ऊपर लग रही हो ......... दीदी बोली किस करने का मन कर रहा है क्या ....... और वो करवट ले जार मुझ पर झुकती चली गईं उनकी नरम नंगी सी चुंचिया मेरे सीने पर दब गई और उन्होंने अपने रसीले होंठ मेरे होंठो पर रखे और भूखी बिल्ली की तरह चूसने लगी .......

मेरी आँखें बंद हो गईं और मैं उनकी पीठ सहलाते हुए इस अद्भुत आनंद में खो गया ........ जल्दी ही दीदी की रसीली गर्म जीभ मेरे मुह में दाखिल हो गयी ..... उफ़्फ़फ़ मीठा से स्वाद मेरे मुह में घुलने लगा और मैं दीवानों की तरह दीदी की जीभ चूसने लगा ........

5-7 मिनट तक हमारा ये गर्म और रसीला चुम्बन चलता रहा और इतनी देर में मेरा लंड एकदम राकेट हो गया ...... और तभी दीदी ने किस तोड़ते हुए एक हाथ मेरे अंडरवियर में डाल मेरा सख्त लौड़ा अपने नरम हाथो में ले लिया और उसे दबाते हुए बोली विकी मेरी जान तेरी दीदी की इसकी बहोत जरूरत है .......

उनका हाथ लंड पर महसूस कर के मेरे पूरे बदन में एक झुरझुरी हुई ...... मैंने कहा दीदी ऐसा क्या हुआ जो इतनी जरूरत हो गयी आपको .......

दीदी बोली जब से तुम गए हो ....... मैं कॉलेज भी नही गई प्रतीक भी तुम्हारे साथ थे तो उनसे भी ज्यादा बात चीत नही हुई ....... टाइम नही पास हो रहा था मेरा तो बस फोन पर सेक्स स्टोरीज पढ़ी और ढेर सारी पोर्न देखी ताकि चुदाई का पूरा नॉलेज हो जाये ...... और मैं प्रतीक को पूरी तरह से खुश और संतुष्ट कर पाऊं ..... लेकिन वो सब पढ़ और देख कर मैं खुद ही इतनी गरम हो गयी कि कल से मेरी चूत पानी बहाए जा रही है........ और अब मुझे इसकी जरूरत है विकास ........

दीदी अपना हाथ धीरे धीरे मेरे लंड पर चलाना शुरू कर दिया था ........ और मेरा लंड भी जो कल नेहा की चुदाई देखने के बाद से झड़ा नही था वो अपने पूरे रंग में खड़ा हो कर झटके लगा रहा था ....... मैंने कहा दीदी आपकी चूत की प्यास मैं बुझा दूंगा लेकिन उस तरीके से नही जैसे आप चाहती हो .......

मेरी बात सुन कर दीदी तड़प कर बोली तुम मुझसे जरा भी प्यार नही करते ना विकी मैं कब से तुमसे तुम्हारा प्यार मांग रही हूं लेकिन तुम नही दे रहे ...... मैंने कहा अगर आपको ऐसा लगता है तो सही हो होगा .........


मेरी बात सुन कर दीदी ने गहरी सांस ली और बोली जानती हूं मुझे ऐसा नही लगना चाहिए आखिर तुमसे ज्यादा कौन चाहेगा मुझे लेकिन इस चाहत को अधूरी रखने की जिद क्यों पकड़े बैठे हो विकी ........

तुमने मुझे भाई का प्यार दिया दोस्त का प्यार दिया ...... बॉयफ्रेंड जैसा अहसास भी दिया मुझे और मुझे ये सब बहोत अच्छा लगा मैं हमेशा से ऐसा ही केयरिंग और समझदार जीवनसाथी चाहती थी मेरे वश में होता तो मैं प्रतीक की जगह तुमसे शादी कर लेती .......

लेकिन तुम्हारी खुशी के लिए तुम्हारे कहने पर मैं तुम्हारी हर बात मानती आयी अब एक बात मेरी भी मान लो प्लीज विकी ....... बस 3 महीने हैं मेरे पास और मैं इन्हें पूरी शिद्दत से अपने पहले प्यार के साथ जीना चाहती हूं इन पलों को महसूस करना चाहती हूं ........ और तुम्हे अपना ढेर सारा प्यार दे कर तुम्हारा बहोत सारा प्यार पाना चाहता हूं ........ लेकिन तुम हो कि हफ्ते में सिर्फ एक बार जैसी बंदिशें लगा कर मुझे सता रहे हो .......

दीदी की बात सुन कर मैं थोड़ा सा चौंक गया और पूछ बैठा दीदी अगर मैं पहला प्यार हूँ आपका तो विनय ....... दीदी ने मेरी बात काटते हुए कहा वो प्यार नही गलती थी मेरी जीवन की सबसे बड़ी गलती जिसका अहसास मुझे खूब अच्छे से हो चुका है अब कभी उसका नाम भी मत ले लेना मेरे आगे ......... मेरा पहला प्यार सिर्फ तुम हो और मेरा दूसरा प्यार प्रतीक है जिस से मुझे शादी इसलिए करनी पड़ेगी की तुम ऐसा चाहते हो और मैं तुमसे चाह कर भी शादी तो नही कर सकती .......

दीदी की बात सुन कर मुझे उन पर और भी प्यार आया और मैंने एक हाथ उनके फूले हुए मुलायम चूतड़ पर रख कर उसे मसलते हुए कहा ओहहह दीदी मैं आपकी तड़प आपकी चाहत और आपका अपने प्रति प्यार महसूस कर रहा हूँ ....... और आपकी बात से सहमत हूँ ठीक है मैं आज आपको उस बंदिश से आज़ाद कर देता हूँ ....... मेरी बात सुनते ही दीदी ने एकदम से मेरी गर्दन को चूम लिया और जीभ की नोक से मेरी गर्दन को गुदगुदाने लगी ....... और बोली आहह विकी लव यू सो मच ऊऊम्म्म्म्म.....



मैंने कहा लेकिन मेरी कुछ बात आपको भी माननी पड़ेगी दीदी बोली मैंने सब मान की तेरी मैंने कहा पहले सुन तो लो ...... पहली बात आपको मेरे साथ प्रतीक को भी पूरा वक़्त और अटेंशन देनी होगी मैं एकदम नही चाहूंगा कि मेरी वजह से आपका और उनका रिश्ता जुड़ने से पहले ही कमजोर हो या और कोई प्रॉब्लम हो दूसरी बात आप जो चाहो करो ....... लेकिन कभी मुझसे मेरा लंड अपनी चूत में डालने की ज़िद नही करोगी इसके सिवा आप कुछ भी करो मैं नही रोकूंगा बल्कि मैं भी बाकी सब करने के तड़प रहा हूँ ........ ये कहते हुए मैंने दीदी की गांड़ के छेद को नाइटी के ऊपर से उँगली से कुरेद दिया ........ और दीदी सिसक कर मेरे गाल पर जीभ फिराने लगी ...........



दीदी बोली पहली बात तो मैंने मान ली लेकिन दूसरी बात बहोत मुश्किल है मेरे लिए ....... मैंने कहा प्लीज दीदी उस पर सिर्फ प्रतीक का हक़ रहने दो वो पति है तुम्हारा ...... दीदी लंड के सुपाड़े से निकल रहे प्रिकम को उंगली से सुपाड़े पर मलते हुए बोली ........ पर मैं तो तुम्हें भी पति मानती हूं विकी मैंने कहा मानने और होने में फर्क होता है दीदी .......


दीदी ने बड़ी मुश्किल से सर हिला कर मेरी बात का समर्थन किया ...... फिर बोली अच्छा चलो ठीक है लेकिन ये भी मान ली तुम्हारी खुशी के लिए लेकिन आज से अकेले में तुम मुझे दीदी नही निकिता कहोगे मेरा नाम लोगे मुझे अच्छा लगता है तुम्हारे मुह से अपना नाम सुनना ...... दीदी की बात सुन कर मैं मुस्कुरा दिया और बोला ok निक्कू ...... लव यू बेबी और अपनी उंगली की हरकत तेज कर दीदी के गांड़ के छेद पर .......

दीदी ने अपनी कमर उपर उठा कर अपनी नाइटी झटके से ऊपर खींच की और मेरे हाथ और उनकी गांड़ के बीच मौजूद कपड़े का हल्का सा आवरण भी हट गया और वो वापस अपनी नंगी चूत मेरी जांघ से चिपका कर लेट गयीं और बोली ....... विक्की मेरी जान अब जी भर के खेलो मेरी नंगी गांड़ से और मैंने फिर से अपनी उंगली दीदी की गांड़ के छेद पर रख दी ........।
 
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