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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

neeRaj@RR

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घर आ कर मैंने चाय पी थोड़ी थकान सी लग रही थी ऐसी जबरदस्त चुदाई के बाद तो मैं अपने कमरे में जा कर सो गया फिर रात का खाना खा कर रोज की तरह मैं कमरे में आ गया ...... कुछ देर बाद दीदी कमरे में दाखिल हुए और लाइट ऑफ कर के मेरे बगल में आ कर लेट गयीं ...... मैंने पूछा दीदी आपने प्रतीक को कॉल किया या नही एक भी बार ...... दीदी बोली अभी तो नही की ...... मैंने कहा आपको उन्हें कॉल करनी चाहिए ..... दीदी ने बोला हां सोच तो रही थी मैं फोन ले कर आई हूं ....... उन्होंने फोन दिखाया मुझे ...... मैंने कहा मुझे भी सुननी हैं तुम लोगों की बातें वो बोली पति पत्नी की पर्सनल बातें सुनना गंदी बात है मैंने कहा बस बातें सुनने को कहा है तुम्हारी सुहागरात देखने को नही कह रहा दीदी हंसते हुए बोली अगर तुम कहो तो वो भी दिखा दूंगी तुम्हे ........ और प्रतीक का नंबर डायल करते हुए स्पीकर ऑन कर दिया ........
बस दो बार ट्रिन ट्रिन की आवाज़ हमारे कानो में पड़ी और फोन रिसीव हो गया मानो प्रतीक को पता था कॉल आने वाला है .......और प्रतीक की आवाज़ हमारे कानो में पड़ी .......
प्रतीक- हेलो निकिता मेरी जान कैसी हो .....
दीदी- ठीक हूँ आप कैसे हैं ......
प्रतीक- ( शरारत से ) मेरी तो हालत खराब है जब से आपके घर से आया हूँ किसी काम मे दिल नही लग रहा बस आपकी ही तस्वीर दिख रही चारो ओर ....... मैं बस आपके फोन का ही इंतजार कर रहा था मुझे लग रहा था आप फोन करेंगी जरूर
दीदी- अच्छा जी ऐसा क्या कर दिया मैंने ...... और आप भी कर सकते थे कॉल मैंने मना तो नही किया था .....
प्रतीक- मेरा दिल चुरा लिया है यार तुमने बस लगता है तुम्हे भगा कर ले आऊं अपने घर और खूब ढेर सारा प्यार करूँ तुम्हे ......
दीदी- अच्छा ...... ऐसा कुछ किया तो मेरे पापा और भाई आपको डंडे मार मार के सीधा कर देंगे और दीदी हंसने लगी ......
प्रतीक- अरे नही यार ऐसा कर नही सकता पर मेरे बस में होता तो करता जरूर...... लेकिन तुम्हे मैं लीगल तरीके से ब्याह कर अपनी दुल्हन बना कर लाऊंगा अपने पास .......
दीदी- बोली बस यही एक रास्ता है आपके पास मुझे पाने का .......
अब दीदी की झिझक खत्म होने लगी थी और वो सामान्य तरीके से प्रतीक से बातें कर रही थी ......
उन दोनों ने कोई आधे घंटे तक ढेर सारी बातें की और आखिर में दीदी ने कहा ......
दीदी- अब सो जाइये आप कल आफिस नही जाना क्या फिर सारा दिन वहां ऊंघते रहेंगे .....
प्रतीक- ठीक है मैं सो जाता हूँ लेकिन पहले अपना वादा पूरा करो......
दीदी- कौन सा वादा मैंने कब वादा किया
प्रतीक- इतनी जल्दी भूल गयी सुबह ही तो किया था.....
दीदी- अच्छा वो ......
प्रतीक - हां हां वही .....
दीदी- आई लोव यू .....
प्रतीक - ये तो अधूरा है .....
दीदी- क्यों....
प्रतीक- मेरा नाम मिसिंग है.....
दीदी- ओह ..... कैसे लूं आपका नाम .....
प्रतीक- बड़े आराम से इतना भी मुश्किल नही है मेरा नाम एकदम आसान है बोलो प्रतीक......
दीदी- प्रतीक ....
प्रतीक- अब पूरा एक साथ बोलो.....
दीदी- आई लव यू प प प्र ..... प्रतीक .....
प्रतीक- उफ़्फ़फ़ नाम आई लव बोलने में इतनी शर्म नाम लेने में इतनी शर्म तो बाकी सब कैसे लोगी ......
दीदी- और क्या लेना पड़ेगा ....
प्रतीक - बहोत कुछ ..... जैसे कि मेरी किस्सी मेरा हग और उसके बाद भी काफी सारी चीजें ......
दीदी उसकी बातों का अर्थ समझ कर मुस्कुराते हुए बोली ....... मुझे नही पता ...... तब की तब देखी जाएगी ...... अब तो आप सो जाओ......
प्रतीक-ok जान गुड नाईट लव यू सो मच निकी .......
दीदी-लव यू प्रतीक गुड नाईट ......
प्रतीक- ऊऊम्म्म्म
दीदी- उम्म्म
और फोन कट गया ......
दीदी ने फोन तकिए के नीचे रखते हुए कहा पागल .....
मैंने कहा आप हो ही ऐसी सबको पागल कर देने वाली ......
फिर दीदी ने मेरी बांह का तकिया लगाया और मेरे सीने से लिपट कर सो गयीं जल्दी ही मुझे भी नींद आ गयी ......
अगली सुबह हम अपने अपने स्कूल कॉलेज गए मैं दीदी को छोड़ कर अपने स्कूल गया संजय मिला तो वो गांड़ फुलाये बैठा था मैंने कहा क्या हुआ लोड़ू वो बोला भोसड़ी के तू तो बात ही मत कर साले सिर्फ काम के समय तुझे मेरी याद आती बाकी अकेले अकेले मज़े मार तू ....... मैंने कहा ऐसा नही है मेरी जान ......

फिर मैंने उसे दीदी की सगाई की बात बताई सुन कर वो खुश हो गया और मुझे बधाई दी मैंने कहा अब बोल ये काम जरूरी था या तेरे लौड़े का इंतजाम वो बोला हेहेहे कोई नही यार लेकिन अब और मत इंतजार करवा मुझे जल्दी से इंतजाम कर दे मेरा ........

मैंने कहा भाई अब फ्री हो गया हूँ तो करता हूँ तेरा जुगाड़ बस थोड़ा टाइम दे दे फिर शाम को छुट्टी के समय मैं दीदी को ले कर घर की ओर चल दिया रास्ते मे मैंने अपने लिए एक बढ़िया सा मोबाइल खरीदा क्यों कि विनय का फ़ोन ले कर मैं घूमना नही चाहता था क्यों कि उसमे दीदी के pic थे जिन्हें मैं डिलीट नही करना चाहता था ......

मेरे घर पहुंचते ही रानी का कॉल आया उसने कुछ देर तो ऐसे ही नार्मल बातें की फिर वो मुझसे जीजा के बारे में पूछने लगी ...... उनका नाम वो कहाँ रहते हैं क्या करते हैं ...... उसकी बातें सुन कर मुझे थोड़ा अजीब लगा की इसे उनमें इतना इंटरेस्ट क्यों है पर मैंने ज्यादा ध्यान नही दिया इस ओर .......

उससे बात करते हुए मैंने कहा रानी मुझे एक हेल्प चाहिए तुम्हारी वो बोली हां बोलो ना तुम्हारे लिए तो जान भी हाजिर है ..... मैंने नही नही जान नही चाहिए वो असल मे मेरा एक बहोत जिगरी दोस्त है ...... इतना कह कर मैं चुप हो गया मुझे समझ नही आ रहा था किसे उस से डायरेक्ट किसी से चुदवाने को कह दूं ........

रानी बोली तो क्या हुआ दोस्त को ...?
मैंने कहा वो बात ये है कि उसने आज तक सेक्स नही किया ...... रानी बोली तो तुम ये चाहते हो कि मैं उसके साथ सेक्स करूँ ...... मैंने झिझकते हुए कहा हां यही बात है ...... मुझे लगा वो गुस्सा ना हो जाये पर उसने कहा ठीक है मैं तो पहले ही कह चुकी हूं तुम्हारे लिए जान हाजिर फिर ये चूत क्या चीज है लेकिन सिर्फ एक बार ...... मैंने कहा ठीक है ।

उसने कहा कब और कहाँ मिलना है ये बता देना मुझे मैंने कहा ठीक है मैं बता दूंगा .....

फिर रोज की तरह रात में मैं अपने कमरे में आ गया और अपना नया फोन निकाल के उसमे सिम डाल कर उसे स्टार्ट किया विनय का फोन मैंने अपनी अलमारी में सहेज कर उसके लैपटॉप के साथ रख दिया .......

थोड़ी देर में दीदी भी आ गईं और आज उन्होंने ब्लैक कलर की नाइटी पहनी थी खुले बालों में वो बेहद खूबसूरत लग रही थीं .......

कमरे में आ कर उन्होंने बेड पर बैठ कर दो तीन सेल्फी ली ......

मैं गौर से उन्हें देखने लगा ...... वो मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बोली क्या हुआ विकी मैंने कहा आज तो आप बड़ी प्यारी लग रही हूं वो हंस कर बोली अब मुझे प्यार करने वालो की गिनती बढ़ती जा रही है ना दिन ब दिन इसलिए ........

फिर उन्होंने बताया शाम को प्रतीक का कॉल आया था वो कह रहा था कि उसे रोज मेरी दो तीन तस्वीरें चाहिए ताकि उन्हें देख के उसके दिन कट सकें .......

फिर उन्होंने वो सेल्फी प्रतीक को व्हाट्सएप्प कर दीं .....

और एक मिनट बाद ही प्रतीक का कॉल आ गया दीदी ने बेड पर लेटते हुए कॉल रिसीव की और फ़ोन स्पीकर पर डाल दिया .......

प्रतीक- हेलो जान ऊफफ तुम तो कयामत लग रही हो यार आज इस ब्लैक नाइटी में बेहद खूबसूरत लग रही हो....

दीदी- आपको तो मैं हर ड्रेस में मैं खूबसूरत ही लगती हूँ......

प्रतीक - अब तुम हो ही खूबसूरत तो लगोगी ही मेरी जान ...... अच्छा ये बताओ तुम कब मुझे यूँ आप कहोगी ......

दीदी- फिर क्या कहूँ आपको.....

प्रतीक - कुछ भी कह लो चाहो तो गालियां दे लो लेकिन आप मत कहो ......

दीदी- धत्त मैं क्यों गाली दूँ आपको ......

प्रतीक - अरे मैं ये नही कह रहा हूँ गाली दो पर आप भी मत कहो ......

दीदी- वही तो पूछ रही हूं फिर क्या कहूँ.....

प्रतीक- मेरा नाम तो मालूम है तुम्हे जान बस वही कहो ना ......

दीदी- ठीक है प्रतीक ......

प्रतीक- पता है आज मम्मी ने पंडित जी को बुलवाया था और हमारी कुंडली दिखाई और पंडित जी ने बताया कि हमारे सारे गुण मिलते हैं ......

दीदी- अच्छा पर मुझमें तो कोई गुण हैं ही नही .....

प्रतीक- तो मैं कौन सा बड़ा गुणवान हूँ ...... इसीलिए तो पंडित जी ने कहा हमारे गुण मिलते हैं और फिर इस बात पर दोनो जोर से हसने लगे ......

दीदी- फिर भी अपने बारे में कुछ बताओ प्रतीक ......

प्रतीक- अरे क्या बताऊँ निकी अपने बारे में कुछ है ही नही अभी तो बस सुबह उठो तैयार हो के आफिस सारा दिन वहां ढेर सारा काम शाम को वापस घर और खा पी कर सो जाना बस यही मेरी लाइफ है ......

दीदी- ये तो बड़ी बोरिंग लाइफ है यार ..... आप की कुछ एंटरटेनमेंट नही करते आप ....

प्रतीक- संडे को करता हूँ ना थोड़ा बहोत.....

दीदी- क्या करते हैं बताइए ना ......

प्रतीक- तुम गुस्सा तो नही करोगी ना.....

दीदी- ऐसा करते हो .....?

प्रतीक- पहले वादा करो गुस्सा नही करोगी......

दीदी- ok मैं गुस्सा नही करूंगी बताओ तो सही .....

प्रतीक- संडे को मैं देर तक सोता हूँ फिर नहा कर नाश्ता कर के फिर से सो जाता हूँ फिर दोपहर का खाना नही खाता हूं घर के कुछ पेंडिंग काम निपटाता हूँ और शाम को अपने दोस्तों के पास जाता हूँ ......
हमारा एक अड्डा है हम चार- पांच दोस्त हर संडे को वहीं इकट्ठे होते हैं फिर बियर पार्टी होती है हमारी छोटी सी और फिर हम सब सात बजे तक घर निकल जाते हैं फिर उस दिन मैं खुद ही खाना बनाता हूँ घर पर और खा पी कर मैं एक मूवी देखता हूँ और सो जाता हूँ बस ।

दीदी- हंसते हुए पर इसमे गुस्सा होने वाली बात कौन सी थी ....?

प्रतीक- वो बियर वाली .....

दीदी- हंसते हुए अरे तो क्या हो गया हफ्ते में एक दिन अगर थोड़ी मौज मस्ती कर ली ...... इसमे कोई क्यों गुस्सा करेगा भला.....

प्रतीक- पता नही यार पर एक दो दोस्तों की शादी हो गयी है तो वो अपनी बीवी से छुपा कर पीते हैं ......

दीदी- देखो प्रतीक मैं वैसी लड़की नही हूँ मैं कभी आपको किसी चीज के लिए रोकने टोकने वाली नही हूँ बस आपको अपना भला बुरा समझना होगा और हां आपको कुछ भी मुझसे छुपा कर करने की जरूरत नही है जो भी करिये मेरे सामने करिये मेरे साथ करिये और खुल कर करिये ......

प्रतीक- ओहहह मेरी जान तुम जितनी खूबसूरत हो उस से कही ज्यादा समझदार हो ...... सच मे तुम्हारी इस बात से मेरा दिल खुश हो गया ..... मैं वादा करता हूँ जान कभी भी तुमसे छुपा कर कुछ नही करूंगा ...... और कभी भी लिमिट से ज्यादा कुछ नही करूंगा ......

दीदी- गुड बॉय मेरी ओर देख कर मुस्कुराते हुए बोली पर मेरे घर वाले तो मुझे बेवकूफ कहते हैं .....

प्रतीक- आयं तुम्हारे घर वाले कौन हैं .कौन मेरी बीवी को बेवकूफ कहता है .....?

दीदी- एक तो विकास है यही मुझे बेवकूफ समझता है .....

प्रतीक- पर वो तो तुम्हारा है भाई है भाई घरवाला कैसे हो गया तुम्हारा घरवाला तो मैं हूँ ......

प्रतीक की ये दोअर्थी बात सुन कर मैं हंस दिया आए दीदी भुनभुनाते होती बोली मैंने कब कहा वो मेरा घरवाला है ......

प्रतीक ने दीदी को छेड़ते हुए कहा मेरा साला मेरी बीवी का घरवाला और मैं बाहरवाला ......

दीदी भी उनकी छेड़खानी समझ रही थीं और उन्हें मज़ा आ रहा था तो वो उन्हें चिढ़ाती हुई बोली ...... तो अभी तो तुम बाहरवाले ही हो ना अभी कौन सा मेरी शादी हो गयी है तुमसे ...... अभी तो विकास ही मेरा घरवाला है ......

ऐसे ही हंसी मजाक भरी बातें चलती रही उनके बीच ...... और फिर दोनो एक दूसरे को goodnight बोल कर किस्सी विस्सी दे कर bye बोल कर फोन रख दिये ........

फिर दीदी ने लाइट ऑफ कर दी और मेरी बाहों में आ कर लिपट गयीं मुझसे और बोली ओ मेरे घरवाले ..... सो गए क्या ..... मैंने हंसते हुए कहा नही अब सोऊंगा ना अपनी घरवाली के साथ ......

और फिर मैं दीदी को बाहों में भर कर सो गया ......।
 

NEHAVERMA

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घर आ कर मैंने चाय पी थोड़ी थकान सी लग रही थी ऐसी जबरदस्त चुदाई के बाद तो मैं अपने कमरे में जा कर सो गया फिर रात का खाना खा कर रोज की तरह मैं कमरे में आ गया ...... कुछ देर बाद दीदी कमरे में दाखिल हुए और लाइट ऑफ कर के मेरे बगल में आ कर लेट गयीं ...... मैंने पूछा दीदी आपने प्रतीक को कॉल किया या नही एक भी बार ...... दीदी बोली अभी तो नही की ...... मैंने कहा आपको उन्हें कॉल करनी चाहिए ..... दीदी ने बोला हां सोच तो रही थी मैं फोन ले कर आई हूं ....... उन्होंने फोन दिखाया मुझे ...... मैंने कहा मुझे भी सुननी हैं तुम लोगों की बातें वो बोली पति पत्नी की पर्सनल बातें सुनना गंदी बात है मैंने कहा बस बातें सुनने को कहा है तुम्हारी सुहागरात देखने को नही कह रहा दीदी हंसते हुए बोली अगर तुम कहो तो वो भी दिखा दूंगी तुम्हे ........ और प्रतीक का नंबर डायल करते हुए स्पीकर ऑन कर दिया ........
बस दो बार ट्रिन ट्रिन की आवाज़ हमारे कानो में पड़ी और फोन रिसीव हो गया मानो प्रतीक को पता था कॉल आने वाला है .......और प्रतीक की आवाज़ हमारे कानो में पड़ी .......
प्रतीक- हेलो निकिता मेरी जान कैसी हो .....
दीदी- ठीक हूँ आप कैसे हैं ......
प्रतीक- ( शरारत से ) मेरी तो हालत खराब है जब से आपके घर से आया हूँ किसी काम मे दिल नही लग रहा बस आपकी ही तस्वीर दिख रही चारो ओर ....... मैं बस आपके फोन का ही इंतजार कर रहा था मुझे लग रहा था आप फोन करेंगी जरूर
दीदी- अच्छा जी ऐसा क्या कर दिया मैंने ...... और आप भी कर सकते थे कॉल मैंने मना तो नही किया था .....
प्रतीक- मेरा दिल चुरा लिया है यार तुमने बस लगता है तुम्हे भगा कर ले आऊं अपने घर और खूब ढेर सारा प्यार करूँ तुम्हे ......
दीदी- अच्छा ...... ऐसा कुछ किया तो मेरे पापा और भाई आपको डंडे मार मार के सीधा कर देंगे और दीदी हंसने लगी ......
प्रतीक- अरे नही यार ऐसा कर नही सकता पर मेरे बस में होता तो करता जरूर...... लेकिन तुम्हे मैं लीगल तरीके से ब्याह कर अपनी दुल्हन बना कर लाऊंगा अपने पास .......
दीदी- बोली बस यही एक रास्ता है आपके पास मुझे पाने का .......
अब दीदी की झिझक खत्म होने लगी थी और वो सामान्य तरीके से प्रतीक से बातें कर रही थी ......
उन दोनों ने कोई आधे घंटे तक ढेर सारी बातें की और आखिर में दीदी ने कहा ......
दीदी- अब सो जाइये आप कल आफिस नही जाना क्या फिर सारा दिन वहां ऊंघते रहेंगे .....
प्रतीक- ठीक है मैं सो जाता हूँ लेकिन पहले अपना वादा पूरा करो......
दीदी- कौन सा वादा मैंने कब वादा किया
प्रतीक- इतनी जल्दी भूल गयी सुबह ही तो किया था.....
दीदी- अच्छा वो ......
प्रतीक - हां हां वही .....
दीदी- आई लोव यू .....
प्रतीक - ये तो अधूरा है .....
दीदी- क्यों....
प्रतीक- मेरा नाम मिसिंग है.....
दीदी- ओह ..... कैसे लूं आपका नाम .....
प्रतीक- बड़े आराम से इतना भी मुश्किल नही है मेरा नाम एकदम आसान है बोलो प्रतीक......
दीदी- प्रतीक ....
प्रतीक- अब पूरा एक साथ बोलो.....
दीदी- आई लव यू प प प्र ..... प्रतीक .....
प्रतीक- उफ़्फ़फ़ नाम आई लव बोलने में इतनी शर्म नाम लेने में इतनी शर्म तो बाकी सब कैसे लोगी ......
दीदी- और क्या लेना पड़ेगा ....
प्रतीक - बहोत कुछ ..... जैसे कि मेरी किस्सी मेरा हग और उसके बाद भी काफी सारी चीजें ......
दीदी उसकी बातों का अर्थ समझ कर मुस्कुराते हुए बोली ....... मुझे नही पता ...... तब की तब देखी जाएगी ...... अब तो आप सो जाओ......
प्रतीक-ok जान गुड नाईट लव यू सो मच निकी .......
दीदी-लव यू प्रतीक गुड नाईट ......
प्रतीक- ऊऊम्म्म्म
दीदी- उम्म्म
और फोन कट गया ......
दीदी ने फोन तकिए के नीचे रखते हुए कहा पागल .....
मैंने कहा आप हो ही ऐसी सबको पागल कर देने वाली ......
फिर दीदी ने मेरी बांह का तकिया लगाया और मेरे सीने से लिपट कर सो गयीं जल्दी ही मुझे भी नींद आ गयी ......
अगली सुबह हम अपने अपने स्कूल कॉलेज गए मैं दीदी को छोड़ कर अपने स्कूल गया संजय मिला तो वो गांड़ फुलाये बैठा था मैंने कहा क्या हुआ लोड़ू वो बोला भोसड़ी के तू तो बात ही मत कर साले सिर्फ काम के समय तुझे मेरी याद आती बाकी अकेले अकेले मज़े मार तू ....... मैंने कहा ऐसा नही है मेरी जान ......

फिर मैंने उसे दीदी की सगाई की बात बताई सुन कर वो खुश हो गया और मुझे बधाई दी मैंने कहा अब बोल ये काम जरूरी था या तेरे लौड़े का इंतजाम वो बोला हेहेहे कोई नही यार लेकिन अब और मत इंतजार करवा मुझे जल्दी से इंतजाम कर दे मेरा ........

मैंने कहा भाई अब फ्री हो गया हूँ तो करता हूँ तेरा जुगाड़ बस थोड़ा टाइम दे दे फिर शाम को छुट्टी के समय मैं दीदी को ले कर घर की ओर चल दिया रास्ते मे मैंने अपने लिए एक बढ़िया सा मोबाइल खरीदा क्यों कि विनय का फ़ोन ले कर मैं घूमना नही चाहता था क्यों कि उसमे दीदी के pic थे जिन्हें मैं डिलीट नही करना चाहता था ......

मेरे घर पहुंचते ही रानी का कॉल आया उसने कुछ देर तो ऐसे ही नार्मल बातें की फिर वो मुझसे जीजा के बारे में पूछने लगी ...... उनका नाम वो कहाँ रहते हैं क्या करते हैं ...... उसकी बातें सुन कर मुझे थोड़ा अजीब लगा की इसे उनमें इतना इंटरेस्ट क्यों है पर मैंने ज्यादा ध्यान नही दिया इस ओर .......

उससे बात करते हुए मैंने कहा रानी मुझे एक हेल्प चाहिए तुम्हारी वो बोली हां बोलो ना तुम्हारे लिए तो जान भी हाजिर है ..... मैंने नही नही जान नही चाहिए वो असल मे मेरा एक बहोत जिगरी दोस्त है ...... इतना कह कर मैं चुप हो गया मुझे समझ नही आ रहा था किसे उस से डायरेक्ट किसी से चुदवाने को कह दूं ........

रानी बोली तो क्या हुआ दोस्त को ...?
मैंने कहा वो बात ये है कि उसने आज तक सेक्स नही किया ...... रानी बोली तो तुम ये चाहते हो कि मैं उसके साथ सेक्स करूँ ...... मैंने झिझकते हुए कहा हां यही बात है ...... मुझे लगा वो गुस्सा ना हो जाये पर उसने कहा ठीक है मैं तो पहले ही कह चुकी हूं तुम्हारे लिए जान हाजिर फिर ये चूत क्या चीज है लेकिन सिर्फ एक बार ...... मैंने कहा ठीक है ।

उसने कहा कब और कहाँ मिलना है ये बता देना मुझे मैंने कहा ठीक है मैं बता दूंगा .....

फिर रोज की तरह रात में मैं अपने कमरे में आ गया और अपना नया फोन निकाल के उसमे सिम डाल कर उसे स्टार्ट किया विनय का फोन मैंने अपनी अलमारी में सहेज कर उसके लैपटॉप के साथ रख दिया .......

थोड़ी देर में दीदी भी आ गईं और आज उन्होंने ब्लैक कलर की नाइटी पहनी थी खुले बालों में वो बेहद खूबसूरत लग रही थीं .......

कमरे में आ कर उन्होंने बेड पर बैठ कर दो तीन सेल्फी ली ......

मैं गौर से उन्हें देखने लगा ...... वो मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बोली क्या हुआ विकी मैंने कहा आज तो आप बड़ी प्यारी लग रही हूं वो हंस कर बोली अब मुझे प्यार करने वालो की गिनती बढ़ती जा रही है ना दिन ब दिन इसलिए ........

फिर उन्होंने बताया शाम को प्रतीक का कॉल आया था वो कह रहा था कि उसे रोज मेरी दो तीन तस्वीरें चाहिए ताकि उन्हें देख के उसके दिन कट सकें .......

फिर उन्होंने वो सेल्फी प्रतीक को व्हाट्सएप्प कर दीं .....

और एक मिनट बाद ही प्रतीक का कॉल आ गया दीदी ने बेड पर लेटते हुए कॉल रिसीव की और फ़ोन स्पीकर पर डाल दिया .......

प्रतीक- हेलो जान ऊफफ तुम तो कयामत लग रही हो यार आज इस ब्लैक नाइटी में बेहद खूबसूरत लग रही हो....

दीदी- आपको तो मैं हर ड्रेस में मैं खूबसूरत ही लगती हूँ......

प्रतीक - अब तुम हो ही खूबसूरत तो लगोगी ही मेरी जान ...... अच्छा ये बताओ तुम कब मुझे यूँ आप कहोगी ......

दीदी- फिर क्या कहूँ आपको.....

प्रतीक - कुछ भी कह लो चाहो तो गालियां दे लो लेकिन आप मत कहो ......

दीदी- धत्त मैं क्यों गाली दूँ आपको ......

प्रतीक - अरे मैं ये नही कह रहा हूँ गाली दो पर आप भी मत कहो ......

दीदी- वही तो पूछ रही हूं फिर क्या कहूँ.....

प्रतीक- मेरा नाम तो मालूम है तुम्हे जान बस वही कहो ना ......

दीदी- ठीक है प्रतीक ......

प्रतीक- पता है आज मम्मी ने पंडित जी को बुलवाया था और हमारी कुंडली दिखाई और पंडित जी ने बताया कि हमारे सारे गुण मिलते हैं ......

दीदी- अच्छा पर मुझमें तो कोई गुण हैं ही नही .....

प्रतीक- तो मैं कौन सा बड़ा गुणवान हूँ ...... इसीलिए तो पंडित जी ने कहा हमारे गुण मिलते हैं और फिर इस बात पर दोनो जोर से हसने लगे ......

दीदी- फिर भी अपने बारे में कुछ बताओ प्रतीक ......

प्रतीक- अरे क्या बताऊँ निकी अपने बारे में कुछ है ही नही अभी तो बस सुबह उठो तैयार हो के आफिस सारा दिन वहां ढेर सारा काम शाम को वापस घर और खा पी कर सो जाना बस यही मेरी लाइफ है ......

दीदी- ये तो बड़ी बोरिंग लाइफ है यार ..... आप की कुछ एंटरटेनमेंट नही करते आप ....

प्रतीक- संडे को करता हूँ ना थोड़ा बहोत.....

दीदी- क्या करते हैं बताइए ना ......

प्रतीक- तुम गुस्सा तो नही करोगी ना.....

दीदी- ऐसा करते हो .....?

प्रतीक- पहले वादा करो गुस्सा नही करोगी......

दीदी- ok मैं गुस्सा नही करूंगी बताओ तो सही .....

प्रतीक- संडे को मैं देर तक सोता हूँ फिर नहा कर नाश्ता कर के फिर से सो जाता हूँ फिर दोपहर का खाना नही खाता हूं घर के कुछ पेंडिंग काम निपटाता हूँ और शाम को अपने दोस्तों के पास जाता हूँ ......
हमारा एक अड्डा है हम चार- पांच दोस्त हर संडे को वहीं इकट्ठे होते हैं फिर बियर पार्टी होती है हमारी छोटी सी और फिर हम सब सात बजे तक घर निकल जाते हैं फिर उस दिन मैं खुद ही खाना बनाता हूँ घर पर और खा पी कर मैं एक मूवी देखता हूँ और सो जाता हूँ बस ।

दीदी- हंसते हुए पर इसमे गुस्सा होने वाली बात कौन सी थी ....?

प्रतीक- वो बियर वाली .....

दीदी- हंसते हुए अरे तो क्या हो गया हफ्ते में एक दिन अगर थोड़ी मौज मस्ती कर ली ...... इसमे कोई क्यों गुस्सा करेगा भला.....

प्रतीक- पता नही यार पर एक दो दोस्तों की शादी हो गयी है तो वो अपनी बीवी से छुपा कर पीते हैं ......

दीदी- देखो प्रतीक मैं वैसी लड़की नही हूँ मैं कभी आपको किसी चीज के लिए रोकने टोकने वाली नही हूँ बस आपको अपना भला बुरा समझना होगा और हां आपको कुछ भी मुझसे छुपा कर करने की जरूरत नही है जो भी करिये मेरे सामने करिये मेरे साथ करिये और खुल कर करिये ......

प्रतीक- ओहहह मेरी जान तुम जितनी खूबसूरत हो उस से कही ज्यादा समझदार हो ...... सच मे तुम्हारी इस बात से मेरा दिल खुश हो गया ..... मैं वादा करता हूँ जान कभी भी तुमसे छुपा कर कुछ नही करूंगा ...... और कभी भी लिमिट से ज्यादा कुछ नही करूंगा ......

दीदी- गुड बॉय मेरी ओर देख कर मुस्कुराते हुए बोली पर मेरे घर वाले तो मुझे बेवकूफ कहते हैं .....

प्रतीक- आयं तुम्हारे घर वाले कौन हैं .कौन मेरी बीवी को बेवकूफ कहता है .....?

दीदी- एक तो विकास है यही मुझे बेवकूफ समझता है .....

प्रतीक- पर वो तो तुम्हारा है भाई है भाई घरवाला कैसे हो गया तुम्हारा घरवाला तो मैं हूँ ......

प्रतीक की ये दोअर्थी बात सुन कर मैं हंस दिया आए दीदी भुनभुनाते होती बोली मैंने कब कहा वो मेरा घरवाला है ......

प्रतीक ने दीदी को छेड़ते हुए कहा मेरा साला मेरी बीवी का घरवाला और मैं बाहरवाला ......

दीदी भी उनकी छेड़खानी समझ रही थीं और उन्हें मज़ा आ रहा था तो वो उन्हें चिढ़ाती हुई बोली ...... तो अभी तो तुम बाहरवाले ही हो ना अभी कौन सा मेरी शादी हो गयी है तुमसे ...... अभी तो विकास ही मेरा घरवाला है ......

ऐसे ही हंसी मजाक भरी बातें चलती रही उनके बीच ...... और फिर दोनो एक दूसरे को goodnight बोल कर किस्सी विस्सी दे कर bye बोल कर फोन रख दिये ........

फिर दीदी ने लाइट ऑफ कर दी और मेरी बाहों में आ कर लिपट गयीं मुझसे और बोली ओ मेरे घरवाले ..... सो गए क्या ..... मैंने हंसते हुए कहा नही अब सोऊंगा ना अपनी घरवाली के साथ ......

और फिर मैं दीदी को बाहों में भर कर सो गया ......।
बहुत बढ़िया,
ऐसे ही चलते रहिये
 

Lib am

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घर आ कर मैंने चाय पी थोड़ी थकान सी लग रही थी ऐसी जबरदस्त चुदाई के बाद तो मैं अपने कमरे में जा कर सो गया फिर रात का खाना खा कर रोज की तरह मैं कमरे में आ गया ...... कुछ देर बाद दीदी कमरे में दाखिल हुए और लाइट ऑफ कर के मेरे बगल में आ कर लेट गयीं ...... मैंने पूछा दीदी आपने प्रतीक को कॉल किया या नही एक भी बार ...... दीदी बोली अभी तो नही की ...... मैंने कहा आपको उन्हें कॉल करनी चाहिए ..... दीदी ने बोला हां सोच तो रही थी मैं फोन ले कर आई हूं ....... उन्होंने फोन दिखाया मुझे ...... मैंने कहा मुझे भी सुननी हैं तुम लोगों की बातें वो बोली पति पत्नी की पर्सनल बातें सुनना गंदी बात है मैंने कहा बस बातें सुनने को कहा है तुम्हारी सुहागरात देखने को नही कह रहा दीदी हंसते हुए बोली अगर तुम कहो तो वो भी दिखा दूंगी तुम्हे ........ और प्रतीक का नंबर डायल करते हुए स्पीकर ऑन कर दिया ........
बस दो बार ट्रिन ट्रिन की आवाज़ हमारे कानो में पड़ी और फोन रिसीव हो गया मानो प्रतीक को पता था कॉल आने वाला है .......और प्रतीक की आवाज़ हमारे कानो में पड़ी .......
प्रतीक- हेलो निकिता मेरी जान कैसी हो .....
दीदी- ठीक हूँ आप कैसे हैं ......
प्रतीक- ( शरारत से ) मेरी तो हालत खराब है जब से आपके घर से आया हूँ किसी काम मे दिल नही लग रहा बस आपकी ही तस्वीर दिख रही चारो ओर ....... मैं बस आपके फोन का ही इंतजार कर रहा था मुझे लग रहा था आप फोन करेंगी जरूर
दीदी- अच्छा जी ऐसा क्या कर दिया मैंने ...... और आप भी कर सकते थे कॉल मैंने मना तो नही किया था .....
प्रतीक- मेरा दिल चुरा लिया है यार तुमने बस लगता है तुम्हे भगा कर ले आऊं अपने घर और खूब ढेर सारा प्यार करूँ तुम्हे ......
दीदी- अच्छा ...... ऐसा कुछ किया तो मेरे पापा और भाई आपको डंडे मार मार के सीधा कर देंगे और दीदी हंसने लगी ......
प्रतीक- अरे नही यार ऐसा कर नही सकता पर मेरे बस में होता तो करता जरूर...... लेकिन तुम्हे मैं लीगल तरीके से ब्याह कर अपनी दुल्हन बना कर लाऊंगा अपने पास .......
दीदी- बोली बस यही एक रास्ता है आपके पास मुझे पाने का .......
अब दीदी की झिझक खत्म होने लगी थी और वो सामान्य तरीके से प्रतीक से बातें कर रही थी ......
उन दोनों ने कोई आधे घंटे तक ढेर सारी बातें की और आखिर में दीदी ने कहा ......
दीदी- अब सो जाइये आप कल आफिस नही जाना क्या फिर सारा दिन वहां ऊंघते रहेंगे .....
प्रतीक- ठीक है मैं सो जाता हूँ लेकिन पहले अपना वादा पूरा करो......
दीदी- कौन सा वादा मैंने कब वादा किया
प्रतीक- इतनी जल्दी भूल गयी सुबह ही तो किया था.....
दीदी- अच्छा वो ......
प्रतीक - हां हां वही .....
दीदी- आई लोव यू .....
प्रतीक - ये तो अधूरा है .....
दीदी- क्यों....
प्रतीक- मेरा नाम मिसिंग है.....
दीदी- ओह ..... कैसे लूं आपका नाम .....
प्रतीक- बड़े आराम से इतना भी मुश्किल नही है मेरा नाम एकदम आसान है बोलो प्रतीक......
दीदी- प्रतीक ....
प्रतीक- अब पूरा एक साथ बोलो.....
दीदी- आई लव यू प प प्र ..... प्रतीक .....
प्रतीक- उफ़्फ़फ़ नाम आई लव बोलने में इतनी शर्म नाम लेने में इतनी शर्म तो बाकी सब कैसे लोगी ......
दीदी- और क्या लेना पड़ेगा ....
प्रतीक - बहोत कुछ ..... जैसे कि मेरी किस्सी मेरा हग और उसके बाद भी काफी सारी चीजें ......
दीदी उसकी बातों का अर्थ समझ कर मुस्कुराते हुए बोली ....... मुझे नही पता ...... तब की तब देखी जाएगी ...... अब तो आप सो जाओ......
प्रतीक-ok जान गुड नाईट लव यू सो मच निकी .......
दीदी-लव यू प्रतीक गुड नाईट ......
प्रतीक- ऊऊम्म्म्म
दीदी- उम्म्म
और फोन कट गया ......
दीदी ने फोन तकिए के नीचे रखते हुए कहा पागल .....
मैंने कहा आप हो ही ऐसी सबको पागल कर देने वाली ......
फिर दीदी ने मेरी बांह का तकिया लगाया और मेरे सीने से लिपट कर सो गयीं जल्दी ही मुझे भी नींद आ गयी ......
अगली सुबह हम अपने अपने स्कूल कॉलेज गए मैं दीदी को छोड़ कर अपने स्कूल गया संजय मिला तो वो गांड़ फुलाये बैठा था मैंने कहा क्या हुआ लोड़ू वो बोला भोसड़ी के तू तो बात ही मत कर साले सिर्फ काम के समय तुझे मेरी याद आती बाकी अकेले अकेले मज़े मार तू ....... मैंने कहा ऐसा नही है मेरी जान ......

फिर मैंने उसे दीदी की सगाई की बात बताई सुन कर वो खुश हो गया और मुझे बधाई दी मैंने कहा अब बोल ये काम जरूरी था या तेरे लौड़े का इंतजाम वो बोला हेहेहे कोई नही यार लेकिन अब और मत इंतजार करवा मुझे जल्दी से इंतजाम कर दे मेरा ........

मैंने कहा भाई अब फ्री हो गया हूँ तो करता हूँ तेरा जुगाड़ बस थोड़ा टाइम दे दे फिर शाम को छुट्टी के समय मैं दीदी को ले कर घर की ओर चल दिया रास्ते मे मैंने अपने लिए एक बढ़िया सा मोबाइल खरीदा क्यों कि विनय का फ़ोन ले कर मैं घूमना नही चाहता था क्यों कि उसमे दीदी के pic थे जिन्हें मैं डिलीट नही करना चाहता था ......

मेरे घर पहुंचते ही रानी का कॉल आया उसने कुछ देर तो ऐसे ही नार्मल बातें की फिर वो मुझसे जीजा के बारे में पूछने लगी ...... उनका नाम वो कहाँ रहते हैं क्या करते हैं ...... उसकी बातें सुन कर मुझे थोड़ा अजीब लगा की इसे उनमें इतना इंटरेस्ट क्यों है पर मैंने ज्यादा ध्यान नही दिया इस ओर .......

उससे बात करते हुए मैंने कहा रानी मुझे एक हेल्प चाहिए तुम्हारी वो बोली हां बोलो ना तुम्हारे लिए तो जान भी हाजिर है ..... मैंने नही नही जान नही चाहिए वो असल मे मेरा एक बहोत जिगरी दोस्त है ...... इतना कह कर मैं चुप हो गया मुझे समझ नही आ रहा था किसे उस से डायरेक्ट किसी से चुदवाने को कह दूं ........

रानी बोली तो क्या हुआ दोस्त को ...?
मैंने कहा वो बात ये है कि उसने आज तक सेक्स नही किया ...... रानी बोली तो तुम ये चाहते हो कि मैं उसके साथ सेक्स करूँ ...... मैंने झिझकते हुए कहा हां यही बात है ...... मुझे लगा वो गुस्सा ना हो जाये पर उसने कहा ठीक है मैं तो पहले ही कह चुकी हूं तुम्हारे लिए जान हाजिर फिर ये चूत क्या चीज है लेकिन सिर्फ एक बार ...... मैंने कहा ठीक है ।

उसने कहा कब और कहाँ मिलना है ये बता देना मुझे मैंने कहा ठीक है मैं बता दूंगा .....

फिर रोज की तरह रात में मैं अपने कमरे में आ गया और अपना नया फोन निकाल के उसमे सिम डाल कर उसे स्टार्ट किया विनय का फोन मैंने अपनी अलमारी में सहेज कर उसके लैपटॉप के साथ रख दिया .......

थोड़ी देर में दीदी भी आ गईं और आज उन्होंने ब्लैक कलर की नाइटी पहनी थी खुले बालों में वो बेहद खूबसूरत लग रही थीं .......

कमरे में आ कर उन्होंने बेड पर बैठ कर दो तीन सेल्फी ली ......

मैं गौर से उन्हें देखने लगा ...... वो मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बोली क्या हुआ विकी मैंने कहा आज तो आप बड़ी प्यारी लग रही हूं वो हंस कर बोली अब मुझे प्यार करने वालो की गिनती बढ़ती जा रही है ना दिन ब दिन इसलिए ........

फिर उन्होंने बताया शाम को प्रतीक का कॉल आया था वो कह रहा था कि उसे रोज मेरी दो तीन तस्वीरें चाहिए ताकि उन्हें देख के उसके दिन कट सकें .......

फिर उन्होंने वो सेल्फी प्रतीक को व्हाट्सएप्प कर दीं .....

और एक मिनट बाद ही प्रतीक का कॉल आ गया दीदी ने बेड पर लेटते हुए कॉल रिसीव की और फ़ोन स्पीकर पर डाल दिया .......

प्रतीक- हेलो जान ऊफफ तुम तो कयामत लग रही हो यार आज इस ब्लैक नाइटी में बेहद खूबसूरत लग रही हो....

दीदी- आपको तो मैं हर ड्रेस में मैं खूबसूरत ही लगती हूँ......

प्रतीक - अब तुम हो ही खूबसूरत तो लगोगी ही मेरी जान ...... अच्छा ये बताओ तुम कब मुझे यूँ आप कहोगी ......

दीदी- फिर क्या कहूँ आपको.....

प्रतीक - कुछ भी कह लो चाहो तो गालियां दे लो लेकिन आप मत कहो ......

दीदी- धत्त मैं क्यों गाली दूँ आपको ......

प्रतीक - अरे मैं ये नही कह रहा हूँ गाली दो पर आप भी मत कहो ......

दीदी- वही तो पूछ रही हूं फिर क्या कहूँ.....

प्रतीक- मेरा नाम तो मालूम है तुम्हे जान बस वही कहो ना ......

दीदी- ठीक है प्रतीक ......

प्रतीक- पता है आज मम्मी ने पंडित जी को बुलवाया था और हमारी कुंडली दिखाई और पंडित जी ने बताया कि हमारे सारे गुण मिलते हैं ......

दीदी- अच्छा पर मुझमें तो कोई गुण हैं ही नही .....

प्रतीक- तो मैं कौन सा बड़ा गुणवान हूँ ...... इसीलिए तो पंडित जी ने कहा हमारे गुण मिलते हैं और फिर इस बात पर दोनो जोर से हसने लगे ......

दीदी- फिर भी अपने बारे में कुछ बताओ प्रतीक ......

प्रतीक- अरे क्या बताऊँ निकी अपने बारे में कुछ है ही नही अभी तो बस सुबह उठो तैयार हो के आफिस सारा दिन वहां ढेर सारा काम शाम को वापस घर और खा पी कर सो जाना बस यही मेरी लाइफ है ......

दीदी- ये तो बड़ी बोरिंग लाइफ है यार ..... आप की कुछ एंटरटेनमेंट नही करते आप ....

प्रतीक- संडे को करता हूँ ना थोड़ा बहोत.....

दीदी- क्या करते हैं बताइए ना ......

प्रतीक- तुम गुस्सा तो नही करोगी ना.....

दीदी- ऐसा करते हो .....?

प्रतीक- पहले वादा करो गुस्सा नही करोगी......

दीदी- ok मैं गुस्सा नही करूंगी बताओ तो सही .....

प्रतीक- संडे को मैं देर तक सोता हूँ फिर नहा कर नाश्ता कर के फिर से सो जाता हूँ फिर दोपहर का खाना नही खाता हूं घर के कुछ पेंडिंग काम निपटाता हूँ और शाम को अपने दोस्तों के पास जाता हूँ ......
हमारा एक अड्डा है हम चार- पांच दोस्त हर संडे को वहीं इकट्ठे होते हैं फिर बियर पार्टी होती है हमारी छोटी सी और फिर हम सब सात बजे तक घर निकल जाते हैं फिर उस दिन मैं खुद ही खाना बनाता हूँ घर पर और खा पी कर मैं एक मूवी देखता हूँ और सो जाता हूँ बस ।

दीदी- हंसते हुए पर इसमे गुस्सा होने वाली बात कौन सी थी ....?

प्रतीक- वो बियर वाली .....

दीदी- हंसते हुए अरे तो क्या हो गया हफ्ते में एक दिन अगर थोड़ी मौज मस्ती कर ली ...... इसमे कोई क्यों गुस्सा करेगा भला.....

प्रतीक- पता नही यार पर एक दो दोस्तों की शादी हो गयी है तो वो अपनी बीवी से छुपा कर पीते हैं ......

दीदी- देखो प्रतीक मैं वैसी लड़की नही हूँ मैं कभी आपको किसी चीज के लिए रोकने टोकने वाली नही हूँ बस आपको अपना भला बुरा समझना होगा और हां आपको कुछ भी मुझसे छुपा कर करने की जरूरत नही है जो भी करिये मेरे सामने करिये मेरे साथ करिये और खुल कर करिये ......

प्रतीक- ओहहह मेरी जान तुम जितनी खूबसूरत हो उस से कही ज्यादा समझदार हो ...... सच मे तुम्हारी इस बात से मेरा दिल खुश हो गया ..... मैं वादा करता हूँ जान कभी भी तुमसे छुपा कर कुछ नही करूंगा ...... और कभी भी लिमिट से ज्यादा कुछ नही करूंगा ......

दीदी- गुड बॉय मेरी ओर देख कर मुस्कुराते हुए बोली पर मेरे घर वाले तो मुझे बेवकूफ कहते हैं .....

प्रतीक- आयं तुम्हारे घर वाले कौन हैं .कौन मेरी बीवी को बेवकूफ कहता है .....?

दीदी- एक तो विकास है यही मुझे बेवकूफ समझता है .....

प्रतीक- पर वो तो तुम्हारा है भाई है भाई घरवाला कैसे हो गया तुम्हारा घरवाला तो मैं हूँ ......

प्रतीक की ये दोअर्थी बात सुन कर मैं हंस दिया आए दीदी भुनभुनाते होती बोली मैंने कब कहा वो मेरा घरवाला है ......

प्रतीक ने दीदी को छेड़ते हुए कहा मेरा साला मेरी बीवी का घरवाला और मैं बाहरवाला ......

दीदी भी उनकी छेड़खानी समझ रही थीं और उन्हें मज़ा आ रहा था तो वो उन्हें चिढ़ाती हुई बोली ...... तो अभी तो तुम बाहरवाले ही हो ना अभी कौन सा मेरी शादी हो गयी है तुमसे ...... अभी तो विकास ही मेरा घरवाला है ......

ऐसे ही हंसी मजाक भरी बातें चलती रही उनके बीच ...... और फिर दोनो एक दूसरे को goodnight बोल कर किस्सी विस्सी दे कर bye बोल कर फोन रख दिये ........

फिर दीदी ने लाइट ऑफ कर दी और मेरी बाहों में आ कर लिपट गयीं मुझसे और बोली ओ मेरे घरवाले ..... सो गए क्या ..... मैंने हंसते हुए कहा नही अब सोऊंगा ना अपनी घरवाली के साथ ......

और फिर मैं दीदी को बाहों में भर कर सो गया ......।
एक दम मस्त अपडेट। रानी अभी भी विनय के साथ मिल कर कोई चल तो नही चल रही है?
 

Raja jani

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घर आ कर मैंने चाय पी थोड़ी थकान सी लग रही थी ऐसी जबरदस्त चुदाई के बाद तो मैं अपने कमरे में जा कर सो गया फिर रात का खाना खा कर रोज की तरह मैं कमरे में आ गया ...... कुछ देर बाद दीदी कमरे में दाखिल हुए और लाइट ऑफ कर के मेरे बगल में आ कर लेट गयीं ...... मैंने पूछा दीदी आपने प्रतीक को कॉल किया या नही एक भी बार ...... दीदी बोली अभी तो नही की ...... मैंने कहा आपको उन्हें कॉल करनी चाहिए ..... दीदी ने बोला हां सोच तो रही थी मैं फोन ले कर आई हूं ....... उन्होंने फोन दिखाया मुझे ...... मैंने कहा मुझे भी सुननी हैं तुम लोगों की बातें वो बोली पति पत्नी की पर्सनल बातें सुनना गंदी बात है मैंने कहा बस बातें सुनने को कहा है तुम्हारी सुहागरात देखने को नही कह रहा दीदी हंसते हुए बोली अगर तुम कहो तो वो भी दिखा दूंगी तुम्हे ........ और प्रतीक का नंबर डायल करते हुए स्पीकर ऑन कर दिया ........
बस दो बार ट्रिन ट्रिन की आवाज़ हमारे कानो में पड़ी और फोन रिसीव हो गया मानो प्रतीक को पता था कॉल आने वाला है .......और प्रतीक की आवाज़ हमारे कानो में पड़ी .......
प्रतीक- हेलो निकिता मेरी जान कैसी हो .....
दीदी- ठीक हूँ आप कैसे हैं ......
प्रतीक- ( शरारत से ) मेरी तो हालत खराब है जब से आपके घर से आया हूँ किसी काम मे दिल नही लग रहा बस आपकी ही तस्वीर दिख रही चारो ओर ....... मैं बस आपके फोन का ही इंतजार कर रहा था मुझे लग रहा था आप फोन करेंगी जरूर
दीदी- अच्छा जी ऐसा क्या कर दिया मैंने ...... और आप भी कर सकते थे कॉल मैंने मना तो नही किया था .....
प्रतीक- मेरा दिल चुरा लिया है यार तुमने बस लगता है तुम्हे भगा कर ले आऊं अपने घर और खूब ढेर सारा प्यार करूँ तुम्हे ......
दीदी- अच्छा ...... ऐसा कुछ किया तो मेरे पापा और भाई आपको डंडे मार मार के सीधा कर देंगे और दीदी हंसने लगी ......
प्रतीक- अरे नही यार ऐसा कर नही सकता पर मेरे बस में होता तो करता जरूर...... लेकिन तुम्हे मैं लीगल तरीके से ब्याह कर अपनी दुल्हन बना कर लाऊंगा अपने पास .......
दीदी- बोली बस यही एक रास्ता है आपके पास मुझे पाने का .......
अब दीदी की झिझक खत्म होने लगी थी और वो सामान्य तरीके से प्रतीक से बातें कर रही थी ......
उन दोनों ने कोई आधे घंटे तक ढेर सारी बातें की और आखिर में दीदी ने कहा ......
दीदी- अब सो जाइये आप कल आफिस नही जाना क्या फिर सारा दिन वहां ऊंघते रहेंगे .....
प्रतीक- ठीक है मैं सो जाता हूँ लेकिन पहले अपना वादा पूरा करो......
दीदी- कौन सा वादा मैंने कब वादा किया
प्रतीक- इतनी जल्दी भूल गयी सुबह ही तो किया था.....
दीदी- अच्छा वो ......
प्रतीक - हां हां वही .....
दीदी- आई लोव यू .....
प्रतीक - ये तो अधूरा है .....
दीदी- क्यों....
प्रतीक- मेरा नाम मिसिंग है.....
दीदी- ओह ..... कैसे लूं आपका नाम .....
प्रतीक- बड़े आराम से इतना भी मुश्किल नही है मेरा नाम एकदम आसान है बोलो प्रतीक......
दीदी- प्रतीक ....
प्रतीक- अब पूरा एक साथ बोलो.....
दीदी- आई लव यू प प प्र ..... प्रतीक .....
प्रतीक- उफ़्फ़फ़ नाम आई लव बोलने में इतनी शर्म नाम लेने में इतनी शर्म तो बाकी सब कैसे लोगी ......
दीदी- और क्या लेना पड़ेगा ....
प्रतीक - बहोत कुछ ..... जैसे कि मेरी किस्सी मेरा हग और उसके बाद भी काफी सारी चीजें ......
दीदी उसकी बातों का अर्थ समझ कर मुस्कुराते हुए बोली ....... मुझे नही पता ...... तब की तब देखी जाएगी ...... अब तो आप सो जाओ......
प्रतीक-ok जान गुड नाईट लव यू सो मच निकी .......
दीदी-लव यू प्रतीक गुड नाईट ......
प्रतीक- ऊऊम्म्म्म
दीदी- उम्म्म
और फोन कट गया ......
दीदी ने फोन तकिए के नीचे रखते हुए कहा पागल .....
मैंने कहा आप हो ही ऐसी सबको पागल कर देने वाली ......
फिर दीदी ने मेरी बांह का तकिया लगाया और मेरे सीने से लिपट कर सो गयीं जल्दी ही मुझे भी नींद आ गयी ......
अगली सुबह हम अपने अपने स्कूल कॉलेज गए मैं दीदी को छोड़ कर अपने स्कूल गया संजय मिला तो वो गांड़ फुलाये बैठा था मैंने कहा क्या हुआ लोड़ू वो बोला भोसड़ी के तू तो बात ही मत कर साले सिर्फ काम के समय तुझे मेरी याद आती बाकी अकेले अकेले मज़े मार तू ....... मैंने कहा ऐसा नही है मेरी जान ......

फिर मैंने उसे दीदी की सगाई की बात बताई सुन कर वो खुश हो गया और मुझे बधाई दी मैंने कहा अब बोल ये काम जरूरी था या तेरे लौड़े का इंतजाम वो बोला हेहेहे कोई नही यार लेकिन अब और मत इंतजार करवा मुझे जल्दी से इंतजाम कर दे मेरा ........

मैंने कहा भाई अब फ्री हो गया हूँ तो करता हूँ तेरा जुगाड़ बस थोड़ा टाइम दे दे फिर शाम को छुट्टी के समय मैं दीदी को ले कर घर की ओर चल दिया रास्ते मे मैंने अपने लिए एक बढ़िया सा मोबाइल खरीदा क्यों कि विनय का फ़ोन ले कर मैं घूमना नही चाहता था क्यों कि उसमे दीदी के pic थे जिन्हें मैं डिलीट नही करना चाहता था ......

मेरे घर पहुंचते ही रानी का कॉल आया उसने कुछ देर तो ऐसे ही नार्मल बातें की फिर वो मुझसे जीजा के बारे में पूछने लगी ...... उनका नाम वो कहाँ रहते हैं क्या करते हैं ...... उसकी बातें सुन कर मुझे थोड़ा अजीब लगा की इसे उनमें इतना इंटरेस्ट क्यों है पर मैंने ज्यादा ध्यान नही दिया इस ओर .......

उससे बात करते हुए मैंने कहा रानी मुझे एक हेल्प चाहिए तुम्हारी वो बोली हां बोलो ना तुम्हारे लिए तो जान भी हाजिर है ..... मैंने नही नही जान नही चाहिए वो असल मे मेरा एक बहोत जिगरी दोस्त है ...... इतना कह कर मैं चुप हो गया मुझे समझ नही आ रहा था किसे उस से डायरेक्ट किसी से चुदवाने को कह दूं ........

रानी बोली तो क्या हुआ दोस्त को ...?
मैंने कहा वो बात ये है कि उसने आज तक सेक्स नही किया ...... रानी बोली तो तुम ये चाहते हो कि मैं उसके साथ सेक्स करूँ ...... मैंने झिझकते हुए कहा हां यही बात है ...... मुझे लगा वो गुस्सा ना हो जाये पर उसने कहा ठीक है मैं तो पहले ही कह चुकी हूं तुम्हारे लिए जान हाजिर फिर ये चूत क्या चीज है लेकिन सिर्फ एक बार ...... मैंने कहा ठीक है ।

उसने कहा कब और कहाँ मिलना है ये बता देना मुझे मैंने कहा ठीक है मैं बता दूंगा .....

फिर रोज की तरह रात में मैं अपने कमरे में आ गया और अपना नया फोन निकाल के उसमे सिम डाल कर उसे स्टार्ट किया विनय का फोन मैंने अपनी अलमारी में सहेज कर उसके लैपटॉप के साथ रख दिया .......

थोड़ी देर में दीदी भी आ गईं और आज उन्होंने ब्लैक कलर की नाइटी पहनी थी खुले बालों में वो बेहद खूबसूरत लग रही थीं .......

कमरे में आ कर उन्होंने बेड पर बैठ कर दो तीन सेल्फी ली ......

मैं गौर से उन्हें देखने लगा ...... वो मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बोली क्या हुआ विकी मैंने कहा आज तो आप बड़ी प्यारी लग रही हूं वो हंस कर बोली अब मुझे प्यार करने वालो की गिनती बढ़ती जा रही है ना दिन ब दिन इसलिए ........

फिर उन्होंने बताया शाम को प्रतीक का कॉल आया था वो कह रहा था कि उसे रोज मेरी दो तीन तस्वीरें चाहिए ताकि उन्हें देख के उसके दिन कट सकें .......

फिर उन्होंने वो सेल्फी प्रतीक को व्हाट्सएप्प कर दीं .....

और एक मिनट बाद ही प्रतीक का कॉल आ गया दीदी ने बेड पर लेटते हुए कॉल रिसीव की और फ़ोन स्पीकर पर डाल दिया .......

प्रतीक- हेलो जान ऊफफ तुम तो कयामत लग रही हो यार आज इस ब्लैक नाइटी में बेहद खूबसूरत लग रही हो....

दीदी- आपको तो मैं हर ड्रेस में मैं खूबसूरत ही लगती हूँ......

प्रतीक - अब तुम हो ही खूबसूरत तो लगोगी ही मेरी जान ...... अच्छा ये बताओ तुम कब मुझे यूँ आप कहोगी ......

दीदी- फिर क्या कहूँ आपको.....

प्रतीक - कुछ भी कह लो चाहो तो गालियां दे लो लेकिन आप मत कहो ......

दीदी- धत्त मैं क्यों गाली दूँ आपको ......

प्रतीक - अरे मैं ये नही कह रहा हूँ गाली दो पर आप भी मत कहो ......

दीदी- वही तो पूछ रही हूं फिर क्या कहूँ.....

प्रतीक- मेरा नाम तो मालूम है तुम्हे जान बस वही कहो ना ......

दीदी- ठीक है प्रतीक ......

प्रतीक- पता है आज मम्मी ने पंडित जी को बुलवाया था और हमारी कुंडली दिखाई और पंडित जी ने बताया कि हमारे सारे गुण मिलते हैं ......

दीदी- अच्छा पर मुझमें तो कोई गुण हैं ही नही .....

प्रतीक- तो मैं कौन सा बड़ा गुणवान हूँ ...... इसीलिए तो पंडित जी ने कहा हमारे गुण मिलते हैं और फिर इस बात पर दोनो जोर से हसने लगे ......

दीदी- फिर भी अपने बारे में कुछ बताओ प्रतीक ......

प्रतीक- अरे क्या बताऊँ निकी अपने बारे में कुछ है ही नही अभी तो बस सुबह उठो तैयार हो के आफिस सारा दिन वहां ढेर सारा काम शाम को वापस घर और खा पी कर सो जाना बस यही मेरी लाइफ है ......

दीदी- ये तो बड़ी बोरिंग लाइफ है यार ..... आप की कुछ एंटरटेनमेंट नही करते आप ....

प्रतीक- संडे को करता हूँ ना थोड़ा बहोत.....

दीदी- क्या करते हैं बताइए ना ......

प्रतीक- तुम गुस्सा तो नही करोगी ना.....

दीदी- ऐसा करते हो .....?

प्रतीक- पहले वादा करो गुस्सा नही करोगी......

दीदी- ok मैं गुस्सा नही करूंगी बताओ तो सही .....

प्रतीक- संडे को मैं देर तक सोता हूँ फिर नहा कर नाश्ता कर के फिर से सो जाता हूँ फिर दोपहर का खाना नही खाता हूं घर के कुछ पेंडिंग काम निपटाता हूँ और शाम को अपने दोस्तों के पास जाता हूँ ......
हमारा एक अड्डा है हम चार- पांच दोस्त हर संडे को वहीं इकट्ठे होते हैं फिर बियर पार्टी होती है हमारी छोटी सी और फिर हम सब सात बजे तक घर निकल जाते हैं फिर उस दिन मैं खुद ही खाना बनाता हूँ घर पर और खा पी कर मैं एक मूवी देखता हूँ और सो जाता हूँ बस ।

दीदी- हंसते हुए पर इसमे गुस्सा होने वाली बात कौन सी थी ....?

प्रतीक- वो बियर वाली .....

दीदी- हंसते हुए अरे तो क्या हो गया हफ्ते में एक दिन अगर थोड़ी मौज मस्ती कर ली ...... इसमे कोई क्यों गुस्सा करेगा भला.....

प्रतीक- पता नही यार पर एक दो दोस्तों की शादी हो गयी है तो वो अपनी बीवी से छुपा कर पीते हैं ......

दीदी- देखो प्रतीक मैं वैसी लड़की नही हूँ मैं कभी आपको किसी चीज के लिए रोकने टोकने वाली नही हूँ बस आपको अपना भला बुरा समझना होगा और हां आपको कुछ भी मुझसे छुपा कर करने की जरूरत नही है जो भी करिये मेरे सामने करिये मेरे साथ करिये और खुल कर करिये ......

प्रतीक- ओहहह मेरी जान तुम जितनी खूबसूरत हो उस से कही ज्यादा समझदार हो ...... सच मे तुम्हारी इस बात से मेरा दिल खुश हो गया ..... मैं वादा करता हूँ जान कभी भी तुमसे छुपा कर कुछ नही करूंगा ...... और कभी भी लिमिट से ज्यादा कुछ नही करूंगा ......

दीदी- गुड बॉय मेरी ओर देख कर मुस्कुराते हुए बोली पर मेरे घर वाले तो मुझे बेवकूफ कहते हैं .....

प्रतीक- आयं तुम्हारे घर वाले कौन हैं .कौन मेरी बीवी को बेवकूफ कहता है .....?

दीदी- एक तो विकास है यही मुझे बेवकूफ समझता है .....

प्रतीक- पर वो तो तुम्हारा है भाई है भाई घरवाला कैसे हो गया तुम्हारा घरवाला तो मैं हूँ ......

प्रतीक की ये दोअर्थी बात सुन कर मैं हंस दिया आए दीदी भुनभुनाते होती बोली मैंने कब कहा वो मेरा घरवाला है ......

प्रतीक ने दीदी को छेड़ते हुए कहा मेरा साला मेरी बीवी का घरवाला और मैं बाहरवाला ......

दीदी भी उनकी छेड़खानी समझ रही थीं और उन्हें मज़ा आ रहा था तो वो उन्हें चिढ़ाती हुई बोली ...... तो अभी तो तुम बाहरवाले ही हो ना अभी कौन सा मेरी शादी हो गयी है तुमसे ...... अभी तो विकास ही मेरा घरवाला है ......

ऐसे ही हंसी मजाक भरी बातें चलती रही उनके बीच ...... और फिर दोनो एक दूसरे को goodnight बोल कर किस्सी विस्सी दे कर bye बोल कर फोन रख दिये ........

फिर दीदी ने लाइट ऑफ कर दी और मेरी बाहों में आ कर लिपट गयीं मुझसे और बोली ओ मेरे घरवाले ..... सो गए क्या ..... मैंने हंसते हुए कहा नही अब सोऊंगा ना अपनी घरवाली के साथ ......

और फिर मैं दीदी को बाहों में भर कर सो गया ......।
भाई बहन और जीजा की छेड़छाड़ बड़ी मस्त है यार।

 
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