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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

Tiger 786

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मैंने कार रोकी और बाहर आया ...... इस वक़्त मेरे मन मे एक खलबली सी मची थी ........ गेट बंद कर के मुख्य दरवाजा खोल कर मैं ड्राइंग रूम में आया पर पूरे घर मे सन्नाटा पसरा पड़ा था ....... मैं आंगन में आया और देखा श्वेता के कमरे का दरवाजा बंद था ...... और अंदर कोई हलचल नही थी दो मिनट मैं वही खड़ा रहा और फिर वापस बाहर आ गया ......

मैं ड्राइंग रूम में भी कुछ देर रुका रहा फिर ऊपर अपने कमरे में आ गया यहां भी श्वेता कहीं नजर नही आई ....... मैंने फोन निकाल कर श्वेता का नंबर डायल किया ........ घण्टी गयी और बस दो रिंग के बाद श्वेता की आवाज़ मेरे कान में गूंजी ....... हेलो कौन ....?

उसके पास मेरा नंबर नही था ......

मैंने शरारत करने की सोची ...... और जेब से रुमाल निकाल कर माइक को कवर कर के आवाज़ थोड़ी भारी कर के बोला ......
तुम श्वेता बोल रही हो ना .....?

श्वेता- हां पर आप कौन .....?

मैं- मैं वही बोल रहा हूँ जिसकी कल रात पार्टी में बेज्जती हुई थी और अपनी इस बेज्जती का बदला मैं जरूर लूंगा उस लौंडे को तो मैं जान से मार दूंगा ....... जिसने तुम्हारे सामने मेरी इज्जत का जनाजा निकाला था ......

श्वेता ये सुनते ही भड़कते हुए बोली ...... ओ दो कौड़ी के इंसान कल इतना पिट के भी तुझे अक्ल नही आई और तेरी इतनी हिम्मत की तू मुझे कॉल कर एक धमकी दे रहा है साले मर्द है तो उसी से भिड़ आ के जिसने कल तेरी मरम्मत की थी ....... लेकिन मुझे लगता है अभी तेरी मरम्मत में कुछ कमी रह गयी थी ...... तू एक बार और आजा यहां फिर देख वो क्या हाल करता है तेरा पिछली बार तो तू अपने पैरों पर चल कर गया था लेकिन इस बार स्ट्रेचर पर जाएगा ........

मैं- ओहहह बड़ा यकीन है तुम्हें उस कल के लौंडे पर लेकिन मेरे पास गन है एक गोली अंदर और भेजा बाहर .......

श्वेता- चीखते हुए रुक साले तेरी ऐसी की तैसी ...... अभी पुलिस को कॉल करती हूं शाम तक तू अपनी गन समेत जेल में ना दिखा तो मेरा नाम बदल देना साला हरामी कुत्ता गोली मारेगा मेरे विकास को ...... अभी तेरी औकात बताती हूँ तुझे .......


मेरे विकास को ...... ये तीन शब्द मेरे दिल मे उतर गए ........

लेकिन उसका बाकी का गुस्सा और डायलॉग सुन के मेरी हंसी छूट गयी और मैं जोर जोर से हंसने लगा ......

उसने फिर बड़े ताव में बोल बड़ी हंसी आ रही तुझे हरामखोर तेरी सारी हंसी बन्द करती हूं मैं तू देखता जा अब मैं क्या करती हूं ......

मैंने जल्दी से रुमाल हटा कर अपनी रियल वॉइस में कहा अरे अरे मेरी लेडी डॉन मैं हूँ विकास ...... पुलिस मत बुलाना मुझे डर लग रहा है .......

वो चौंक कर बोली विकास ये तुम हो मैंने कहा हां बस एक छोटा सा प्रैंक कर रहा था ...... वो गुस्से से बोली कितने गंदे हो तुम डरा दिया था मुझे ...... मैंने कहा अच्छा ..... पर तुम तो कहीं से भी डरी हुई नही लग रही थी ....... उल्टा मैं डर गया था तुम्हारा गुस्सा देख के ......

वो इस बार थोड़ा प्यार से बोली तो गुस्सा नही आएगा क्या कोई तुम्हारे बारे में उल्टा सीधा बोलेगा तो ...... मैंने कहा इतना प्यार करती हो क्या मुझसे ....... वो चुप हो गयी ...... मैंने कहा अच्छा ये बताओ हो कहाँ तुम मुझे कंपनी देने का वादा कर के रोक लिया और खुद गायब हो ......

वो बोली मैं तो अपने रूम में ही हूँ इंतजार कर रही थी कि तुम आओगे यहीं पर ...... मैंने कहा आया तो था कमरे के दरवाजे तक लेकिन फिर वापस लौट आया ...... वो बोली हां देखा था मैने आंगन में खड़े खोपड़ी खुजा रहे थे फिर चले गए ....... अंदर क्यों नही आये.......

मैंने कहा एक जवान अकेली लड़की के कमरे में घुसना ये मेरी आदत नही ..... ओहहो बड़े शरीफ हो मैंने कहा तुम्हें कोई शक है मेरी शराफत पे ....... वो हंस कर बोली शरीफ लोग जवान लड़कियों की पैंटी नही चुराते ....... और मेरी बोलती बंद हो गयी ........ 10 सेकेंड की खामोशी के बाद वो खिलखिला कर हंसी और बोली क्या हुआ डर गए मैंने कहा यार अब गुनाह तो हो ही गया मुझसे जो चाहे सज़ा दे दो .......

वो शोखी से बोली मुजरिम सामने आए तो सज़ा सुनाऊं या सारा मुकदमा फोन पर ही चलेगा मैंने कहा तुम ही आ जाओ न ऊपर मुझे डर लग रहा है कहीं अपने कमरे में बुला के तुम ........ वो बोली क्या ...... बात तो पूरी करो ......

मैंने कहा मेरा रेप ना कर दो........ वो खिलखिला कर हंस दी और बोली इतना डरते हो मुझसे ....... फिर शादी कैसे करोगे मुझसे ......? मैंने कहा वो तो कर लूंगा बड़े आराम से ..... उसने कहा चलो ठीक है मैंने रोका है तो मैं ही आती हूँ ....... और उसने फोन काट दिया और कुछ ही पलों में वो मेरे कमरे में आई थोड़ी शरमाई सी कुछ घबराई सी .......

वो आ के बेड के पास खड़ी हो गयी मैंने कहा बैठो श्वेता वो बैठ गयी ........ अभी भी उसने वही जीन्स और ढीला सा टॉप पहना हुआ था वो बैठ गयी सर झुका के मैंने कहा दीदी और जीजू तो वहां एन्जॉय कर रहे होंगे ....... और हम यहां बस timepass कर रहे ........ कह के मैंने श्वेता के हाथ पर हाथ रखा और उसका हाथ पकड़ के खींच लिया अपनी ओर वो खींची हुई चली आयी और मेरे सीने से लगा गयी ........

मैंने दोनो हथेलियों में उसका चेहरा थाम लिया और उसकी आँखों मे देखने लगा चश्मे के अंदर उसकी गहरी आंखों में झांकते हुए मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिये और वो सिसक कर मुझे चूमने लगी बेतहाशा ........ हमारे होंठ आपस मे गुंथे हुए थे और जैसे हममें कॉम्पटीशन चल रहा थे कौन किसके होंठ ज्यादा से ज्यादा चूस सकता है ....... ये मुकाबला चलता रहा और मैंने श्वेता को कंधों से पकड़ कर बेड पर लिटा दिया और मेरे हाथ उसकी बांहों से गुजरते हुए उसके सीने की ओर बढ़ने लगी ........

श्वेता के दिल धड़कने मुझे सुनाई दे रही थीं ........ और फिर मेरे हाथ उसकी तनी हुए कसी और सख्त चुचियों पर घूमने लगी और आखिर मैंने उसकी चुचियाँ मुट्ठी में भर कर मसल दीं और उसने तड़प कर अपनी जीभ मेरे मुह में घुसा दी ........ हमारी जीभ आपस मे टकराने लगी और श्वेता की चुचियाँ कुछ देर मसलने बाद मेरी गिरफ्त उसके छोटे मटर के दाने जैसे फूल रहे निप्पल्स पर बढ़ गयी और मैं उसे चुटकी में भर कर मसलते हुए उसकी जीभ चाटने लगा ......

मेरा लंड एकदम ताव में था और मैंने श्वेता एक हाथ पैंट के ऊपर से अपने खडे लंड पर रखते हुए उसे जोर से दबा दिया और श्वेता एकदम से मुझसे लिपट गयी और मेरे लंड को मुट्ठी में भरने की कोशिश करने लगी ....... पर जीन्स में कैद होने की वजह से वो ऐसा कर ना सकी .........

मैंने अब अपना के हाथ श्वेता के टॉप में नीचे की ओर से डालते हुए उसके नंगे पेट को सहलाते हुए अपने हाथ को ऊपर उसकी ब्रा में कसी चुचियों की बढ़ाना शुरू कर दिया और जल्द ही उसकी ब्रा के कप समेत उसकी चूची मेरी मुट्ठी में थी ........ और दूसरे हाथ से मैंने अपनी ज़िप खोलते हुए अपने लंड को अंडरवियर की कैद से आज़ाद कर दिया ........

नंगे गर्म सख्त लंड की गर्मी अपने हाथ मे महसूस कर के श्वेता ने मेरे होंठो से ध्यान हटा कर नीचे लंड को देखा और खड़े लंड को देखते ही वो एकदम से घबरा सी गयी ....... और अपना हाथ हटा लिया ......

मैंने एक बार फिर से उसका हाथ लंड पर रखते हुए कहा डरो मत ये कुछ नही करेगा ........ और इस बार उसने हिम्मत कर के लंड को मुट्ठी में पकड़ लिया ...... मैंने उसके हाथ पर हाथ रख कर उसे हाथ को ऊपर नीचे करते हुए लंड से खेलना सिखाया और उसने अपने हाथ की नीचे सरकाते हुए लंड की स्किन खोल दी .......

गुलाबी मोटे सुपाड़े को वो बड़े गौर से देख रही थी ...... मैंने कहा श्वेता इसे प्यार करोगी ...... वो ना में सर हिलाने लगी ..... मैंने कहा कर के देखो ना अच्छा लगेगा ...... वो फिर भी कुछ नही बोली ....... तो मैंने अपना हाथ पीछे उसकी पीठ पर ले जाते हुए उसकी ब्रा के हुक खोल दिये ......., उसकी चुचियों पर झूलती ब्रा में हाथ घुसा कर उसकी नंगी चुचियाँ पकड़ ली और हल्के हल्के से दबाने लगा मसलने लगा ......

और आखिर में मैंने उसे बेड पर लिटाते हुए झुक कर उसकी एक निप्पल पर जीभ फिरा दी वो सिसक उठी और आंखे बंद कर के अपने कड़े निप्पल पर मेरी जीभ की हरकत को महसूस करते हुए अपनी जांघे भींचने लगी ....... मैंने बारी बारी से दोनो निप्पल को चाटते हुए एक हाथ नीचे ले कर जीन्स के ऊपर से उसकी चूत को दबोच लिया उसने एकदम से अपनी गांड़ ऊपर उठायी और बोली aaahhhhh विकास .......

मैं समझ गया ये एकदम गरम है और झड़ने के कगार पर है ....... मैंने एक निप्पल को होंठो में दबा कर चूसना शुरू कर दिया और उसकी जीन्स का बटन खोल दिया उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली प्लीज मत करो ना मुझे शर्म आती है .......

मैंने कहा कुछ भी ना करूँ ......? वो चुपचाप मेरी ओर देखने लगी ....... मैंने फिर पूछा जाऊं मैं ...... उसने कहा नाराज़ हो गए ...... मैंने कहा एकदम नही ...... वो बोली विकास सॉरी पर मैं अभी इसके लिए तैयार नही हूँ ........ मैंने कहा कोई नही और मैंने वापस उसकी जीन्स के बटन बंद कर दिया और अपना लंड अंदर कर के कपड़े सही करते हुए बैठ गया उसके पास .......

उसने सर झुका कर कहा सॉरी विकास मैंने तुम्हारा मूड खराब कर दिया ....... मैंने कहा एकदम नही यार तुम मुझे प्यार करती हो ये बहोत है रही बात सेक्स की तो वो तो एक ना दिन होना ही है ....... उसने कहा अगली बार मैं नही रोकूंगी तुम्हे ........

उसने अपनी ब्रा ठीक करते हुए कहा विकास मैं कुछ पूछना चाहती हूं ...... मैंने कहा हां पूछो ना ......

श्वेता- समझ नही आ रहा कैसे कहूँ .....

मैं- एकदम रिलैक्स हो कर आराम से कहो यार मैं दोस्त हूँ तुम्हारा .........

श्वेता- तुम अपनी दीदी को कितना प्यार करते हो .....?

मैं- बहोत ज्यादा ...... जितना तुमसे करता हूँ शायद उतना ही .......

श्वेता- सिर्फ बहन के नजरिये से या कुछ और भी है तुम्हारे मन में ........

मैं- वो मेरी बहन तो है ही पर उससे बढ़ कर वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी हैं इसीलिए हम हर एक टॉपिक पर खुल कर बात कर लेते हैं ..... और हमारा कुछ भी नही छिपा है एक दूसरे से ........

श्वेता- वो तो मैं देख रही हूं तुम दोनों को बॉन्डिंग लेकिन मैं ये जानना चाहती हूं कि इसके अलावा भी तुम अपनी दीदी से कुछ और चाहते हो क्या.....?

मैं- साफ साफ पूछो ना क्या पूछना चाहती हो .....?

श्वेता- मेरा मतलब की तुम उनसे सेक्स करना चाहते हो ......

मैं- सब से पहले तुम हमारे रिश्ते को हमारे प्यार को समझ लो और फिर उसे शुरू से ....... विनय वाली घटना से ले कर दिल्ली में जो कुछ हुआ वो सब उसे बताता चला गया सिवा इसके कि हमने शादी की है और सेक्स भी कर चुके हैं ....... यहाँ तक कि मैंने उसे ये भी बता दिया कि मैं और दीदी अक्सर ओरल सेक्स कर लेते हैं एक दूसरे के साथ .......

वो शांति से सब सुनती रही और जब मैं चुप हुआ तो बोली सच मे विकास भाभी किस्मत वाली हैं जो उन्हें इतना प्यारा और समझदार भाई मिला ....... मैंने कहा सॉरी श्वेता मैं तुमसे प्यार करता हूँ मगर मैं दीदी से भी उतना ही प्यार करता हूँ ....... और तुम्हें इस से कोई प्रॉब्लम हो तो अभी बोल दो क्यों कि मैं दीदी के प्रति अपना प्यार कभी कम नही कर सकता .....

वो बोली नही मुझे कोई प्रॉब्लम नही है वैसे भाभी भी तुम्हे बहोत प्यार करती हैं ....... एक बात बताऊं वो तो तुम्हारे साथ सेक्स भी कर लेंगी अगर तुम चाहो तो .....(उसने इस अंदाज में ये कहा मानो कोई बहोत राज़ की बात बता रही हो) और मैंने भी ये सुन कर हैरान होने की एक्टिंग की और बोला ......

ये शायद ठीक नही होगा श्वेता इसीलिए मैंने कभी उनसे ये इच्छा जाहिर नही की हांलाकि शायद मैं ऐसा चाहता हूं पर ठीक है उनका जितना प्यार मुझे मिल रहा है वो भी काफी है .......

और श्वेता ने मेरे गले लगते हुए कहा विकास तुम बहोत अच्छे हो मुझे तुम्हारी ये सच बोलने की आदत बड़ी पसन्द आयी ...... कुछ भी नही छिपाया तुमने सब बता दिया साफ साफ ....... बिना डरे की इस सब के बारे में जान कर मेरा क्या रिएक्शन होगा ......

मैंने कहा झूठ बोलने से कोई फायदा नही था कभी कभी ना तो ये सच तुम्हारे सामने आ ही जाता ...... और शायद उस दिन तुम मुझे माफ़ ना करती इस सब के लिए श्वेता बोली सही कह रहे हो अगर मुझे किसी और तरीके से ये पता चलता तो शायद मैं बर्दाश्त ना कर पाती पर तुमने और भाभी ने ही सब बता दिया मुझे तो अब मुझे स्वीकार है तुम्हारा ये प्यार भरा रिश्ता ......

मैंने श्वेता के गाल को चूम कर कहा thanks श्वेता तुम जितनी खबसूरत हो उतनी ही समझदार भी ....... श्वेता ने मुस्कुरा कर रहा अच्छा जी मक्खन लगा रहे हो मैंने कहा होने वाली बीवी को मक्खन तो लगाना ही पड़ेगा तभी अगली बार कुछ भला होगा मेरा आज तो सूखा सूखा गुजारा करना पड़ रहा है ........

वो कुछ सोचते हुए बोली विकास मेरी एक रिक्वेस्ट है ....... मैंने कहा बोलो यार तुम रिक्वेस्ट मत करो आर्डर दो फिर देखो मैं कैसे हर बात मानता हूँ तुम्हारी ...... वो बोली मैं चाहती हूं जब हम दोनों पहली बार सेक्स करें तो मेरी भाभी और आपकी प्यारी दीदी भी हमारे साथ मौजूद हों ....... और आप उनके साथ भी सेक्स करें उन्हें भी उनका प्यार हासिल हो और मुझे मेरा मतलब हम तीनों को .......

मैंने उसकी आँखों मे देखते हुए कहा ..... क्या सच मे तुम ऐसा चाहती हो ....... मुझे दीदी के साथ देख कर तुम्हें कोई तकलीफ नही होगी ....... उसने कहा मुझे कभी किसी और के साथ देख कर तुम्हें तकलीफ होगी क्या......? मैंने कहा ये परिस्थितियों पर निर्भर होगा अगर तुम किसी को पसन्द करती हो उसके साथ समय बिता कर तुम्हें खुशी होती है तो तुम्हारी खुशी के लिए मुझे वो कबूल होगा लेकिन अगर तुम मुझसे छुपा कर झूठ बोल कर ऐसा कुछ करोगी तो जरूर मुझे तकलीफ होगी .........

वो बोली बस ऐसे ही जब मैं कह रही हूं तो मुझे क्यों तकलीफ होगी ....... और फिर तुम भाभी जितना ही प्यार मुझे भी करते हो ना बस ....... मैंने कहा ठीक है पर दीदी से इस बारे में मैं कोई बात नही करूंगा ये काम तुम्हे ही करना होगा वो बोली ठीक है मैं कर लुंगी .......

बातों बातों में काफी टाइम बीत गया था 6 बजे मुझे माँ जी को लेने जाना था सो मैं गाड़ी ले कर मंदिर चला आया और माँ जी को ले कर वापस घर आ गया ...... माँ जी मुझसे बड़ी खुश थीं और ढेरों आशीर्वाद देने लगी ...... मैं वहीं उनके पास बैठ कर बातें करने लगा ....... और श्वेता किचन में रात के खाने की तैयारी करने लगी ........

8 बजे तक दीदी जीजू भी आ गए और वो दोनो काफी खुश और रिलैक्स दिख रहे थे ....... फिर रात के खाने के बाद सब अपने अपने कमरों में चले गए कल हमे निकलना था ........ ।

इस रात कुछ खास नही हुआ और अगली सुबह एकदम सवेरे 5 बजे किसी ने मुझे जगाया मैं उठ कर बैठ गया तो देखा श्वेता थी उसने मुझे गुड मॉर्निंग बोला और मेरे पास बैठ कर अपना हाथ मेरे लोअर पर रख कर मेरा लंड जो कि हर सुबह खड़ा ही होता है सहलाने लगी ....... मैंने उसकी गुड मॉर्निंग का जवाब दिया और उसकी इस हरकत पर थोड़ा हैरान होते हुए पूछा ये क्या है जान ........

वो मुस्कुरा कर बोली मुझे भाभी ने भेजा है मैंने कहा किसलिये वो बोली तुम्हारे इसको प्यार करने के लिए ....... मैंने कहा पर कल तो तुम घबरा रही थी और बोल रही थी अगली बार ...... वो बोली हां पर कल रात मैंने भाभी को सब बताया ...... हमारे बीच जो हुआ वो भी और हमारी जितनी बातें हुईं वो भी ....... मैंने कहा फिर ...... वो बोली फिर क्या भाभी ने मुझे समझाया कि जब किसी का मूड बना हो तो उसे रोकना या मना नही करना चाहिए ......

इसलिए मैं सुबह सुबह आ गयी कि जाने से पहले ज्यादा नही तो एक बार इसे थोड़ा सा प्यार ही कर लूं ....... मैं उसकी नादानी पर मुस्कुरा दिया मैंने कहा थोड़ा सा यानी कल की तरह आज भी सारा दिन मैं तड़पता रहूं तुम्हारी याद में ....... मैंने कहा देखो जब करना पूरा प्यार करना ये आधे अधूरे से बस प्यास बढ़ती है .......

वो कुछ उदास सी हो कर बोली सॉरी विकास कल के लिए ....... मैंने कहा कोई नही यार मैं समझता हूं तुम एक लड़की हो और पहली बार के लिए खुद को तैयार करने में समय लगता है वो बोली तुम सच मे बहोत अच्छे हो विकास ........ अच्छा एक काम तो कर दो मेरे लिए ...... मैंने कहा बोलो उसने कहा मुझे एक बार इससे वो निकाल कर दिखाओ .......

मैंने जान बूझ कर अंजान बनते हुए कहा किस से क्या निकाल कर दिखाऊँ ...... वो लंड को मुट्ठी में दबा कर इस से वो निकलता है ना सेक्स के टाइम ...... मैंने कहा तुम्हें इसका नाम नही पता ...... वो बोली पता है ...... मैंने कहा फिर ये वो क्या कर रही हो साफ साफ बोलोगी तो दिखाऊंगा ....... वो हकलाते हुए बोली मुझे अपने ल लंड से वो रस निकाल कर दिखाओ न .......

मैंने कहा ठीक है दिखाता हूँ लेकिन मुझे भी कुछ देखने को मिले तो मुझे भी अच्छा लगेगा ...... उसने कहा क्या देखना है बोलो ...... मैंने कहा एक काम करते हैं हम दोनों ही कपड़े निकाल देते हैं और फिर मैं तुम्हे मुठ मार कर अपने लंड का रस निकाल कर दिखाऊंगा ......

ठीक है ना ...... उसने बड़ी मुश्किल से हां में सर हिलाया मैंने कहा चलो फिर शुरु हो जाओ और मैंने अपनी बनियान निकाल कर फेंक दी वो उठी और कमरे का दरवाजा बंद कर के वापस आ गयी उतनी देर में मैं लोअर भी उतार चुका था और अंडी में मेरा खड़ा लंड उभरा हुआ नजर आ रहा था ....... उसने बेड के पास आ कर अपनी नाइटी खोलते हुए निकाल कर बेड पर डाल दी और मेरे लंड के उभार को देखते हुए ब्रा खोलने लगी .......

मैंने उसके नंगे दूधिया चिकने जिस्म को देखते हुए अपना अंडरवियर सरकाते हुए खड़ा लंड बाहर निकाला और उसे मुठियाने लगा ....... उसने बड़े गौर से लंड को देखते हुए अपनी ब्रा भी निकाल कर रख दी और फिर पैंटी में उंगलियां फंसा कर उसे भी नीचे सरकाते हुए टांगो से निकाल दिया ......

वो एकदम नंगी हो चुकी थी और मैं उसकी चूत देखता ही रह गया ......... घनी रेशमी झांटो से भरी अनचुदी कुंवारी चूत के लिप्स आपस मे एकदम चिपके हुए थे ...... मैं उसकी चूत देख कर अपने होंठो पर जीभ फिराते हुए तेजी से लंड पर हाथ चलाने लगा और फिर मैने बेड पर पड़ी उसकी पैंटी उठा ली और उसे अपनी नाक पर रख कर सूंघते हुए मुठ मारने लगा ........

वो मुस्कुराते हुए मेरी हरकतें देख रही थी ........ मैंने कहा श्वेता प्लीज अपनी बुर खोल कर दिखाओ ना ...... वो बोली कैसे मैंने उसे बेड पर चौपाया बनने को बोला और वो बेड पर चढ़ कर झुकते हुए अपनी गांड़ उभार कर घोड़ी बन गयी अब उसकी चूत के साथ गांड़ की दरार और छेद भी मुझे साफ नजर आ रहा था इतनी खूबसूरत गांड़ देख कर मेरे मुह में पानी औए सुपाड़े पर प्रिकम की बूंदें आ गयी ........

मैंने एक हाथ से उसकी नंगे चूतड़ सहलाते हुए मुठ मारनी जारी रखी और बोला उफ़्फ़फ़फ़ श्वेता बहोत खूबसूरत हो तुम ....... love you मेरी जान ...... उसने गर्दन मोड़ कर मुझे देखा और मुस्कुरा कर बोली ....... love you to विकास ....... मैंने कहा दीदी होती तो मेरे लंड का रस चूस कर पी जाती वो कभी मुझे लंड का रस जमीन पर नही गिराने देती हैं ......

उसने हैरानी से कहा इसे पिया भी जाता है क्या मैंने कहा हां लड़कियां तो बहोत पसन्द करती हैं लंड का रस पीना ...... वो बोली ह्म्म्म तो मैं भी try कर लूं क्या आज मैंने कहा जैसी तुम्हारी मर्ज़ी पर फिलहाल तो मेरा दिल तुम्हारी गांड़ के इस नन्हे से छेद पर आ गया है ....... और मैंने झुक कर श्वेता की गांड़ पर अपने होंठ रख दिये वो मेरे होंठो की गर्मी अपनी गांड़ पर बर्दाश्त नही कर पाई और उसके मुह से एक तेज aaahhh निकली .......... और मैं तेजी से उसकी गांड़ के छेद को जीभ से कुरेदते हुए अपने लंड को मुठियाने लगा ........ श्वेता उत्तेजित हो कर तेजी से सिसिया रही थी .......

मुझे लगा वो झड़ने वाली है उसका बदन अकड़ने लगा था और वो अपनी गांड़ मेरे मुह पर दबाते हुए आहें भर रही थी मैंने अपने दूसरे हाथ को उसकी चूत पर रखा और उसकी झांटो को सहलाते हुए चूत की दरार में उंगली फिराई उसकी चूत में काफी नमी थी ...... और मैंने जीभ को गांड़ से फिराते हुए उसकी चूत की दरार तक का सफर तय करने दिया और फिर उसकी चूत के बंद होंठो को जीभ से खोलने की कोशिश करने लगा ........ बस 8-10 चूत पर जीभ फिराते ही वो कांपने लगी और बोली aaahhhhh विकास ....... उफ़्फ़फ़फ़ ससीईईईईई उसकी चूत के होंठ फड़फड़ाये और कुछ खट्टी कसैली बूंदे मुझे अपनी जीभ पर महसूस हुई मैं उस रस को चाट चाट कर पीने लगा और दो मिनट बाद जब मैने उसकी बुर से छलकी एक एक बूंद को गले से नीचे उतार लिया तब मैं बेड से नीचे उतरा मैं भी अब झड़ना चाहता था कल से मेरा लंड अनगिनत बार खड़ा हो चुका था पर हर बार उसे मायूसी ही मिलती थी ......

श्वेता ने मुड़ कर मुझे देखा मैंने कहा श्वेता इधर बैठो सीधी हो कर मेरे सामने और वो उठ कर बेड पर पैर लटका कर बैठ गयी ....... मैं उसके पास आ गया और उसके चेहरे के ठीक सामने अपना लंड तेजी से मुठियाने लगा वो गौर से लंड को देख रही थी मैंने कहा श्वेता एक बार मुह में लो ना इसे...... और उसने अपना मुह खोलते हुए सुपाड़े को मुह में दबा लिया और जीभ को उस पर फिराने लगी ........

मेरा आंड़ सिकुड़ने लगे ....... मैंने कहा aaahhhhhh श्वेता लो मेरी जान पी लो मेरे लौड़े का रस और इसी के साथ मेरे सुपाड़े से फव्वारे की तरह वीर्य की बारिश होने लगी ........ श्वेता ने चौंकते हुए पीछे हटना चाहा पर मैंने एक हाथ से उसके सर को पकड़ लिया और पहली दो फुहारे उसके मुह में मारने के बाद अगली सारी फुहारे उसके गोर मासूम चेहरे पर और उसके चश्मे के ग्लास पर मेरा वीर्य बहता हुआ उसके गाल पर टपकने लगा आखिरी बूंदे उसके गुलाबी होंठो पर टपकाने के बाद मैंने उसे छोड़ा और देखा तो वो मुह फुलाये हुए मुझे देख रही थी उसके मुह में मेरा वीर्य था उसने इशारे से पूछा इसका क्या करूँ मैंने कहा टेस्ट अच्छा लगा हो तो पी लो ........ उसने मुह में भरे हुए वीर्य को गुटक लिया और गहरी सांस ले कर बोली ....... कितना गरम और चिपचिपा था ...... फिर वो अपना चश्मा उतार कर बोली इसे भी गंदा कर दिया तुमने मुझे कुछ दिख नही रहा ये लगा के मैंने कहा एक काम करो चाट के साफ कर लो इसे ......

और वो सच मे चश्मे के शीशे पर जीभ फिराते हुए उस पर से मेरा वीर्य चाटने लगी ........ चश्मा साफ कर के उसने एक ओर रख दिया और उठ कर बाथरूम में चली गयी दो मिनट बाद वो अपना चेहरा साफ कर के आयी और अपने कपड़े पहनने लगी मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए 5:40 हो रहे थे ...... वो कपड़े पहन कर मेरे पास आई और मुझे गले लग कर बोली thanks viky you are so sweet love you so much ......

मैंने उसके होंठ चूम लिए और वो बोली अब मैं जाती हूँ सबके उठने का समय हो रहा ...... फिर वो कमरे से निकल गई और मैं वापस लेट गया ....... फिर 8 बजे तक नहा कर मैं भी नीचे आ गया ...... सबके साथ नाश्ता किया और प्रतीक ऑफिस जाने लगे तो मैंने उनके पैर छुए और कहा आप तो अब शाम को ही आओगे हम लोग निकल जाएंगे तब तक .......

वो बोले ठीक है पर दोपहर का खाना खा कर आराम से जाना ....... मां जी बोली मैं वैसे भी ऐसे नही जाने दूंगी इन दोनों को ........ और फिर प्रतीक चले गए ....... दीदी और श्वेता वहीं बैठ कर बातें करने लगी ....... और मैं ऊपर चला आया ...... दोपहर में 2 बजे दीदी ने कॉल किया कि आओ खाना खा लो मैं नीचे आया सबने खाना खाया ....... और फिर 3 बजे हम मां जी के पैर छू कर वहां से निकल पड़े .......
वापस प्रयागराज की ओर ......।

रास्ते मे दीदी ने मुझे अपनी और श्वेता की सारी मस्ती के बारे में बताया और ये भी की वो भी मानसिक रूप से हमारे रिश्ते को स्वीकार कर चुकी है बस एक बार हमारी ग्रुप में चुदाई हो गयी तो सब सही हो जाएगा ....... मैंने कहा thanks दीदी मेरे लिए कितना कर रही हो तुम .....

वो मुस्कुरा कर बोली तुम्हारे लिए नही जान हमारे लिए अपने लिए ....... फिर उन्होंने ये भी बताया कि कल शाम जब प्रतीक उन्हें ले कर गया था तो वो अपने एक फ्रेंड के फ्लैट पर ले गया जहां उन्होंने एक घन्टे जम के चुदाई का मज़ा लिया ....... मैंने कहा सही है शादी से पहले ही सुहागरात सुहागदीन सब मना लो वो बोली शादी तो हो चुकी है मेरी पहले ही ....... और गले मे पहने हुए मंगलसूत्र को पकड़ लिया ........ ऐसे ही बातें करते हुए हमारा रास्ता कट रहा था .......।
Bohot badiya update
 

A.A.G.

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मैंने कार रोकी और बाहर आया ...... इस वक़्त मेरे मन मे एक खलबली सी मची थी ........ गेट बंद कर के मुख्य दरवाजा खोल कर मैं ड्राइंग रूम में आया पर पूरे घर मे सन्नाटा पसरा पड़ा था ....... मैं आंगन में आया और देखा श्वेता के कमरे का दरवाजा बंद था ...... और अंदर कोई हलचल नही थी दो मिनट मैं वही खड़ा रहा और फिर वापस बाहर आ गया ......

मैं ड्राइंग रूम में भी कुछ देर रुका रहा फिर ऊपर अपने कमरे में आ गया यहां भी श्वेता कहीं नजर नही आई ....... मैंने फोन निकाल कर श्वेता का नंबर डायल किया ........ घण्टी गयी और बस दो रिंग के बाद श्वेता की आवाज़ मेरे कान में गूंजी ....... हेलो कौन ....?

उसके पास मेरा नंबर नही था ......

मैंने शरारत करने की सोची ...... और जेब से रुमाल निकाल कर माइक को कवर कर के आवाज़ थोड़ी भारी कर के बोला ......
तुम श्वेता बोल रही हो ना .....?

श्वेता- हां पर आप कौन .....?

मैं- मैं वही बोल रहा हूँ जिसकी कल रात पार्टी में बेज्जती हुई थी और अपनी इस बेज्जती का बदला मैं जरूर लूंगा उस लौंडे को तो मैं जान से मार दूंगा ....... जिसने तुम्हारे सामने मेरी इज्जत का जनाजा निकाला था ......

श्वेता ये सुनते ही भड़कते हुए बोली ...... ओ दो कौड़ी के इंसान कल इतना पिट के भी तुझे अक्ल नही आई और तेरी इतनी हिम्मत की तू मुझे कॉल कर एक धमकी दे रहा है साले मर्द है तो उसी से भिड़ आ के जिसने कल तेरी मरम्मत की थी ....... लेकिन मुझे लगता है अभी तेरी मरम्मत में कुछ कमी रह गयी थी ...... तू एक बार और आजा यहां फिर देख वो क्या हाल करता है तेरा पिछली बार तो तू अपने पैरों पर चल कर गया था लेकिन इस बार स्ट्रेचर पर जाएगा ........

मैं- ओहहह बड़ा यकीन है तुम्हें उस कल के लौंडे पर लेकिन मेरे पास गन है एक गोली अंदर और भेजा बाहर .......

श्वेता- चीखते हुए रुक साले तेरी ऐसी की तैसी ...... अभी पुलिस को कॉल करती हूं शाम तक तू अपनी गन समेत जेल में ना दिखा तो मेरा नाम बदल देना साला हरामी कुत्ता गोली मारेगा मेरे विकास को ...... अभी तेरी औकात बताती हूँ तुझे .......


मेरे विकास को ...... ये तीन शब्द मेरे दिल मे उतर गए ........

लेकिन उसका बाकी का गुस्सा और डायलॉग सुन के मेरी हंसी छूट गयी और मैं जोर जोर से हंसने लगा ......

उसने फिर बड़े ताव में बोल बड़ी हंसी आ रही तुझे हरामखोर तेरी सारी हंसी बन्द करती हूं मैं तू देखता जा अब मैं क्या करती हूं ......

मैंने जल्दी से रुमाल हटा कर अपनी रियल वॉइस में कहा अरे अरे मेरी लेडी डॉन मैं हूँ विकास ...... पुलिस मत बुलाना मुझे डर लग रहा है .......

वो चौंक कर बोली विकास ये तुम हो मैंने कहा हां बस एक छोटा सा प्रैंक कर रहा था ...... वो गुस्से से बोली कितने गंदे हो तुम डरा दिया था मुझे ...... मैंने कहा अच्छा ..... पर तुम तो कहीं से भी डरी हुई नही लग रही थी ....... उल्टा मैं डर गया था तुम्हारा गुस्सा देख के ......

वो इस बार थोड़ा प्यार से बोली तो गुस्सा नही आएगा क्या कोई तुम्हारे बारे में उल्टा सीधा बोलेगा तो ...... मैंने कहा इतना प्यार करती हो क्या मुझसे ....... वो चुप हो गयी ...... मैंने कहा अच्छा ये बताओ हो कहाँ तुम मुझे कंपनी देने का वादा कर के रोक लिया और खुद गायब हो ......

वो बोली मैं तो अपने रूम में ही हूँ इंतजार कर रही थी कि तुम आओगे यहीं पर ...... मैंने कहा आया तो था कमरे के दरवाजे तक लेकिन फिर वापस लौट आया ...... वो बोली हां देखा था मैने आंगन में खड़े खोपड़ी खुजा रहे थे फिर चले गए ....... अंदर क्यों नही आये.......

मैंने कहा एक जवान अकेली लड़की के कमरे में घुसना ये मेरी आदत नही ..... ओहहो बड़े शरीफ हो मैंने कहा तुम्हें कोई शक है मेरी शराफत पे ....... वो हंस कर बोली शरीफ लोग जवान लड़कियों की पैंटी नही चुराते ....... और मेरी बोलती बंद हो गयी ........ 10 सेकेंड की खामोशी के बाद वो खिलखिला कर हंसी और बोली क्या हुआ डर गए मैंने कहा यार अब गुनाह तो हो ही गया मुझसे जो चाहे सज़ा दे दो .......

वो शोखी से बोली मुजरिम सामने आए तो सज़ा सुनाऊं या सारा मुकदमा फोन पर ही चलेगा मैंने कहा तुम ही आ जाओ न ऊपर मुझे डर लग रहा है कहीं अपने कमरे में बुला के तुम ........ वो बोली क्या ...... बात तो पूरी करो ......

मैंने कहा मेरा रेप ना कर दो........ वो खिलखिला कर हंस दी और बोली इतना डरते हो मुझसे ....... फिर शादी कैसे करोगे मुझसे ......? मैंने कहा वो तो कर लूंगा बड़े आराम से ..... उसने कहा चलो ठीक है मैंने रोका है तो मैं ही आती हूँ ....... और उसने फोन काट दिया और कुछ ही पलों में वो मेरे कमरे में आई थोड़ी शरमाई सी कुछ घबराई सी .......

वो आ के बेड के पास खड़ी हो गयी मैंने कहा बैठो श्वेता वो बैठ गयी ........ अभी भी उसने वही जीन्स और ढीला सा टॉप पहना हुआ था वो बैठ गयी सर झुका के मैंने कहा दीदी और जीजू तो वहां एन्जॉय कर रहे होंगे ....... और हम यहां बस timepass कर रहे ........ कह के मैंने श्वेता के हाथ पर हाथ रखा और उसका हाथ पकड़ के खींच लिया अपनी ओर वो खींची हुई चली आयी और मेरे सीने से लगा गयी ........

मैंने दोनो हथेलियों में उसका चेहरा थाम लिया और उसकी आँखों मे देखने लगा चश्मे के अंदर उसकी गहरी आंखों में झांकते हुए मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिये और वो सिसक कर मुझे चूमने लगी बेतहाशा ........ हमारे होंठ आपस मे गुंथे हुए थे और जैसे हममें कॉम्पटीशन चल रहा थे कौन किसके होंठ ज्यादा से ज्यादा चूस सकता है ....... ये मुकाबला चलता रहा और मैंने श्वेता को कंधों से पकड़ कर बेड पर लिटा दिया और मेरे हाथ उसकी बांहों से गुजरते हुए उसके सीने की ओर बढ़ने लगी ........

श्वेता के दिल धड़कने मुझे सुनाई दे रही थीं ........ और फिर मेरे हाथ उसकी तनी हुए कसी और सख्त चुचियों पर घूमने लगी और आखिर मैंने उसकी चुचियाँ मुट्ठी में भर कर मसल दीं और उसने तड़प कर अपनी जीभ मेरे मुह में घुसा दी ........ हमारी जीभ आपस मे टकराने लगी और श्वेता की चुचियाँ कुछ देर मसलने बाद मेरी गिरफ्त उसके छोटे मटर के दाने जैसे फूल रहे निप्पल्स पर बढ़ गयी और मैं उसे चुटकी में भर कर मसलते हुए उसकी जीभ चाटने लगा ......

मेरा लंड एकदम ताव में था और मैंने श्वेता एक हाथ पैंट के ऊपर से अपने खडे लंड पर रखते हुए उसे जोर से दबा दिया और श्वेता एकदम से मुझसे लिपट गयी और मेरे लंड को मुट्ठी में भरने की कोशिश करने लगी ....... पर जीन्स में कैद होने की वजह से वो ऐसा कर ना सकी .........

मैंने अब अपना के हाथ श्वेता के टॉप में नीचे की ओर से डालते हुए उसके नंगे पेट को सहलाते हुए अपने हाथ को ऊपर उसकी ब्रा में कसी चुचियों की बढ़ाना शुरू कर दिया और जल्द ही उसकी ब्रा के कप समेत उसकी चूची मेरी मुट्ठी में थी ........ और दूसरे हाथ से मैंने अपनी ज़िप खोलते हुए अपने लंड को अंडरवियर की कैद से आज़ाद कर दिया ........

नंगे गर्म सख्त लंड की गर्मी अपने हाथ मे महसूस कर के श्वेता ने मेरे होंठो से ध्यान हटा कर नीचे लंड को देखा और खड़े लंड को देखते ही वो एकदम से घबरा सी गयी ....... और अपना हाथ हटा लिया ......

मैंने एक बार फिर से उसका हाथ लंड पर रखते हुए कहा डरो मत ये कुछ नही करेगा ........ और इस बार उसने हिम्मत कर के लंड को मुट्ठी में पकड़ लिया ...... मैंने उसके हाथ पर हाथ रख कर उसे हाथ को ऊपर नीचे करते हुए लंड से खेलना सिखाया और उसने अपने हाथ की नीचे सरकाते हुए लंड की स्किन खोल दी .......

गुलाबी मोटे सुपाड़े को वो बड़े गौर से देख रही थी ...... मैंने कहा श्वेता इसे प्यार करोगी ...... वो ना में सर हिलाने लगी ..... मैंने कहा कर के देखो ना अच्छा लगेगा ...... वो फिर भी कुछ नही बोली ....... तो मैंने अपना हाथ पीछे उसकी पीठ पर ले जाते हुए उसकी ब्रा के हुक खोल दिये ......., उसकी चुचियों पर झूलती ब्रा में हाथ घुसा कर उसकी नंगी चुचियाँ पकड़ ली और हल्के हल्के से दबाने लगा मसलने लगा ......

और आखिर में मैंने उसे बेड पर लिटाते हुए झुक कर उसकी एक निप्पल पर जीभ फिरा दी वो सिसक उठी और आंखे बंद कर के अपने कड़े निप्पल पर मेरी जीभ की हरकत को महसूस करते हुए अपनी जांघे भींचने लगी ....... मैंने बारी बारी से दोनो निप्पल को चाटते हुए एक हाथ नीचे ले कर जीन्स के ऊपर से उसकी चूत को दबोच लिया उसने एकदम से अपनी गांड़ ऊपर उठायी और बोली aaahhhhh विकास .......

मैं समझ गया ये एकदम गरम है और झड़ने के कगार पर है ....... मैंने एक निप्पल को होंठो में दबा कर चूसना शुरू कर दिया और उसकी जीन्स का बटन खोल दिया उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली प्लीज मत करो ना मुझे शर्म आती है .......

मैंने कहा कुछ भी ना करूँ ......? वो चुपचाप मेरी ओर देखने लगी ....... मैंने फिर पूछा जाऊं मैं ...... उसने कहा नाराज़ हो गए ...... मैंने कहा एकदम नही ...... वो बोली विकास सॉरी पर मैं अभी इसके लिए तैयार नही हूँ ........ मैंने कहा कोई नही और मैंने वापस उसकी जीन्स के बटन बंद कर दिया और अपना लंड अंदर कर के कपड़े सही करते हुए बैठ गया उसके पास .......

उसने सर झुका कर कहा सॉरी विकास मैंने तुम्हारा मूड खराब कर दिया ....... मैंने कहा एकदम नही यार तुम मुझे प्यार करती हो ये बहोत है रही बात सेक्स की तो वो तो एक ना दिन होना ही है ....... उसने कहा अगली बार मैं नही रोकूंगी तुम्हे ........

उसने अपनी ब्रा ठीक करते हुए कहा विकास मैं कुछ पूछना चाहती हूं ...... मैंने कहा हां पूछो ना ......

श्वेता- समझ नही आ रहा कैसे कहूँ .....

मैं- एकदम रिलैक्स हो कर आराम से कहो यार मैं दोस्त हूँ तुम्हारा .........

श्वेता- तुम अपनी दीदी को कितना प्यार करते हो .....?

मैं- बहोत ज्यादा ...... जितना तुमसे करता हूँ शायद उतना ही .......

श्वेता- सिर्फ बहन के नजरिये से या कुछ और भी है तुम्हारे मन में ........

मैं- वो मेरी बहन तो है ही पर उससे बढ़ कर वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी हैं इसीलिए हम हर एक टॉपिक पर खुल कर बात कर लेते हैं ..... और हमारा कुछ भी नही छिपा है एक दूसरे से ........

श्वेता- वो तो मैं देख रही हूं तुम दोनों को बॉन्डिंग लेकिन मैं ये जानना चाहती हूं कि इसके अलावा भी तुम अपनी दीदी से कुछ और चाहते हो क्या.....?

मैं- साफ साफ पूछो ना क्या पूछना चाहती हो .....?

श्वेता- मेरा मतलब की तुम उनसे सेक्स करना चाहते हो ......

मैं- सब से पहले तुम हमारे रिश्ते को हमारे प्यार को समझ लो और फिर उसे शुरू से ....... विनय वाली घटना से ले कर दिल्ली में जो कुछ हुआ वो सब उसे बताता चला गया सिवा इसके कि हमने शादी की है और सेक्स भी कर चुके हैं ....... यहाँ तक कि मैंने उसे ये भी बता दिया कि मैं और दीदी अक्सर ओरल सेक्स कर लेते हैं एक दूसरे के साथ .......

वो शांति से सब सुनती रही और जब मैं चुप हुआ तो बोली सच मे विकास भाभी किस्मत वाली हैं जो उन्हें इतना प्यारा और समझदार भाई मिला ....... मैंने कहा सॉरी श्वेता मैं तुमसे प्यार करता हूँ मगर मैं दीदी से भी उतना ही प्यार करता हूँ ....... और तुम्हें इस से कोई प्रॉब्लम हो तो अभी बोल दो क्यों कि मैं दीदी के प्रति अपना प्यार कभी कम नही कर सकता .....

वो बोली नही मुझे कोई प्रॉब्लम नही है वैसे भाभी भी तुम्हे बहोत प्यार करती हैं ....... एक बात बताऊं वो तो तुम्हारे साथ सेक्स भी कर लेंगी अगर तुम चाहो तो .....(उसने इस अंदाज में ये कहा मानो कोई बहोत राज़ की बात बता रही हो) और मैंने भी ये सुन कर हैरान होने की एक्टिंग की और बोला ......

ये शायद ठीक नही होगा श्वेता इसीलिए मैंने कभी उनसे ये इच्छा जाहिर नही की हांलाकि शायद मैं ऐसा चाहता हूं पर ठीक है उनका जितना प्यार मुझे मिल रहा है वो भी काफी है .......

और श्वेता ने मेरे गले लगते हुए कहा विकास तुम बहोत अच्छे हो मुझे तुम्हारी ये सच बोलने की आदत बड़ी पसन्द आयी ...... कुछ भी नही छिपाया तुमने सब बता दिया साफ साफ ....... बिना डरे की इस सब के बारे में जान कर मेरा क्या रिएक्शन होगा ......

मैंने कहा झूठ बोलने से कोई फायदा नही था कभी कभी ना तो ये सच तुम्हारे सामने आ ही जाता ...... और शायद उस दिन तुम मुझे माफ़ ना करती इस सब के लिए श्वेता बोली सही कह रहे हो अगर मुझे किसी और तरीके से ये पता चलता तो शायद मैं बर्दाश्त ना कर पाती पर तुमने और भाभी ने ही सब बता दिया मुझे तो अब मुझे स्वीकार है तुम्हारा ये प्यार भरा रिश्ता ......

मैंने श्वेता के गाल को चूम कर कहा thanks श्वेता तुम जितनी खबसूरत हो उतनी ही समझदार भी ....... श्वेता ने मुस्कुरा कर रहा अच्छा जी मक्खन लगा रहे हो मैंने कहा होने वाली बीवी को मक्खन तो लगाना ही पड़ेगा तभी अगली बार कुछ भला होगा मेरा आज तो सूखा सूखा गुजारा करना पड़ रहा है ........

वो कुछ सोचते हुए बोली विकास मेरी एक रिक्वेस्ट है ....... मैंने कहा बोलो यार तुम रिक्वेस्ट मत करो आर्डर दो फिर देखो मैं कैसे हर बात मानता हूँ तुम्हारी ...... वो बोली मैं चाहती हूं जब हम दोनों पहली बार सेक्स करें तो मेरी भाभी और आपकी प्यारी दीदी भी हमारे साथ मौजूद हों ....... और आप उनके साथ भी सेक्स करें उन्हें भी उनका प्यार हासिल हो और मुझे मेरा मतलब हम तीनों को .......

मैंने उसकी आँखों मे देखते हुए कहा ..... क्या सच मे तुम ऐसा चाहती हो ....... मुझे दीदी के साथ देख कर तुम्हें कोई तकलीफ नही होगी ....... उसने कहा मुझे कभी किसी और के साथ देख कर तुम्हें तकलीफ होगी क्या......? मैंने कहा ये परिस्थितियों पर निर्भर होगा अगर तुम किसी को पसन्द करती हो उसके साथ समय बिता कर तुम्हें खुशी होती है तो तुम्हारी खुशी के लिए मुझे वो कबूल होगा लेकिन अगर तुम मुझसे छुपा कर झूठ बोल कर ऐसा कुछ करोगी तो जरूर मुझे तकलीफ होगी .........

वो बोली बस ऐसे ही जब मैं कह रही हूं तो मुझे क्यों तकलीफ होगी ....... और फिर तुम भाभी जितना ही प्यार मुझे भी करते हो ना बस ....... मैंने कहा ठीक है पर दीदी से इस बारे में मैं कोई बात नही करूंगा ये काम तुम्हे ही करना होगा वो बोली ठीक है मैं कर लुंगी .......

बातों बातों में काफी टाइम बीत गया था 6 बजे मुझे माँ जी को लेने जाना था सो मैं गाड़ी ले कर मंदिर चला आया और माँ जी को ले कर वापस घर आ गया ...... माँ जी मुझसे बड़ी खुश थीं और ढेरों आशीर्वाद देने लगी ...... मैं वहीं उनके पास बैठ कर बातें करने लगा ....... और श्वेता किचन में रात के खाने की तैयारी करने लगी ........

8 बजे तक दीदी जीजू भी आ गए और वो दोनो काफी खुश और रिलैक्स दिख रहे थे ....... फिर रात के खाने के बाद सब अपने अपने कमरों में चले गए कल हमे निकलना था ........ ।

इस रात कुछ खास नही हुआ और अगली सुबह एकदम सवेरे 5 बजे किसी ने मुझे जगाया मैं उठ कर बैठ गया तो देखा श्वेता थी उसने मुझे गुड मॉर्निंग बोला और मेरे पास बैठ कर अपना हाथ मेरे लोअर पर रख कर मेरा लंड जो कि हर सुबह खड़ा ही होता है सहलाने लगी ....... मैंने उसकी गुड मॉर्निंग का जवाब दिया और उसकी इस हरकत पर थोड़ा हैरान होते हुए पूछा ये क्या है जान ........

वो मुस्कुरा कर बोली मुझे भाभी ने भेजा है मैंने कहा किसलिये वो बोली तुम्हारे इसको प्यार करने के लिए ....... मैंने कहा पर कल तो तुम घबरा रही थी और बोल रही थी अगली बार ...... वो बोली हां पर कल रात मैंने भाभी को सब बताया ...... हमारे बीच जो हुआ वो भी और हमारी जितनी बातें हुईं वो भी ....... मैंने कहा फिर ...... वो बोली फिर क्या भाभी ने मुझे समझाया कि जब किसी का मूड बना हो तो उसे रोकना या मना नही करना चाहिए ......

इसलिए मैं सुबह सुबह आ गयी कि जाने से पहले ज्यादा नही तो एक बार इसे थोड़ा सा प्यार ही कर लूं ....... मैं उसकी नादानी पर मुस्कुरा दिया मैंने कहा थोड़ा सा यानी कल की तरह आज भी सारा दिन मैं तड़पता रहूं तुम्हारी याद में ....... मैंने कहा देखो जब करना पूरा प्यार करना ये आधे अधूरे से बस प्यास बढ़ती है .......

वो कुछ उदास सी हो कर बोली सॉरी विकास कल के लिए ....... मैंने कहा कोई नही यार मैं समझता हूं तुम एक लड़की हो और पहली बार के लिए खुद को तैयार करने में समय लगता है वो बोली तुम सच मे बहोत अच्छे हो विकास ........ अच्छा एक काम तो कर दो मेरे लिए ...... मैंने कहा बोलो उसने कहा मुझे एक बार इससे वो निकाल कर दिखाओ .......

मैंने जान बूझ कर अंजान बनते हुए कहा किस से क्या निकाल कर दिखाऊँ ...... वो लंड को मुट्ठी में दबा कर इस से वो निकलता है ना सेक्स के टाइम ...... मैंने कहा तुम्हें इसका नाम नही पता ...... वो बोली पता है ...... मैंने कहा फिर ये वो क्या कर रही हो साफ साफ बोलोगी तो दिखाऊंगा ....... वो हकलाते हुए बोली मुझे अपने ल लंड से वो रस निकाल कर दिखाओ न .......

मैंने कहा ठीक है दिखाता हूँ लेकिन मुझे भी कुछ देखने को मिले तो मुझे भी अच्छा लगेगा ...... उसने कहा क्या देखना है बोलो ...... मैंने कहा एक काम करते हैं हम दोनों ही कपड़े निकाल देते हैं और फिर मैं तुम्हे मुठ मार कर अपने लंड का रस निकाल कर दिखाऊंगा ......

ठीक है ना ...... उसने बड़ी मुश्किल से हां में सर हिलाया मैंने कहा चलो फिर शुरु हो जाओ और मैंने अपनी बनियान निकाल कर फेंक दी वो उठी और कमरे का दरवाजा बंद कर के वापस आ गयी उतनी देर में मैं लोअर भी उतार चुका था और अंडी में मेरा खड़ा लंड उभरा हुआ नजर आ रहा था ....... उसने बेड के पास आ कर अपनी नाइटी खोलते हुए निकाल कर बेड पर डाल दी और मेरे लंड के उभार को देखते हुए ब्रा खोलने लगी .......

मैंने उसके नंगे दूधिया चिकने जिस्म को देखते हुए अपना अंडरवियर सरकाते हुए खड़ा लंड बाहर निकाला और उसे मुठियाने लगा ....... उसने बड़े गौर से लंड को देखते हुए अपनी ब्रा भी निकाल कर रख दी और फिर पैंटी में उंगलियां फंसा कर उसे भी नीचे सरकाते हुए टांगो से निकाल दिया ......

वो एकदम नंगी हो चुकी थी और मैं उसकी चूत देखता ही रह गया ......... घनी रेशमी झांटो से भरी अनचुदी कुंवारी चूत के लिप्स आपस मे एकदम चिपके हुए थे ...... मैं उसकी चूत देख कर अपने होंठो पर जीभ फिराते हुए तेजी से लंड पर हाथ चलाने लगा और फिर मैने बेड पर पड़ी उसकी पैंटी उठा ली और उसे अपनी नाक पर रख कर सूंघते हुए मुठ मारने लगा ........

वो मुस्कुराते हुए मेरी हरकतें देख रही थी ........ मैंने कहा श्वेता प्लीज अपनी बुर खोल कर दिखाओ ना ...... वो बोली कैसे मैंने उसे बेड पर चौपाया बनने को बोला और वो बेड पर चढ़ कर झुकते हुए अपनी गांड़ उभार कर घोड़ी बन गयी अब उसकी चूत के साथ गांड़ की दरार और छेद भी मुझे साफ नजर आ रहा था इतनी खूबसूरत गांड़ देख कर मेरे मुह में पानी औए सुपाड़े पर प्रिकम की बूंदें आ गयी ........

मैंने एक हाथ से उसकी नंगे चूतड़ सहलाते हुए मुठ मारनी जारी रखी और बोला उफ़्फ़फ़फ़ श्वेता बहोत खूबसूरत हो तुम ....... love you मेरी जान ...... उसने गर्दन मोड़ कर मुझे देखा और मुस्कुरा कर बोली ....... love you to विकास ....... मैंने कहा दीदी होती तो मेरे लंड का रस चूस कर पी जाती वो कभी मुझे लंड का रस जमीन पर नही गिराने देती हैं ......

उसने हैरानी से कहा इसे पिया भी जाता है क्या मैंने कहा हां लड़कियां तो बहोत पसन्द करती हैं लंड का रस पीना ...... वो बोली ह्म्म्म तो मैं भी try कर लूं क्या आज मैंने कहा जैसी तुम्हारी मर्ज़ी पर फिलहाल तो मेरा दिल तुम्हारी गांड़ के इस नन्हे से छेद पर आ गया है ....... और मैंने झुक कर श्वेता की गांड़ पर अपने होंठ रख दिये वो मेरे होंठो की गर्मी अपनी गांड़ पर बर्दाश्त नही कर पाई और उसके मुह से एक तेज aaahhh निकली .......... और मैं तेजी से उसकी गांड़ के छेद को जीभ से कुरेदते हुए अपने लंड को मुठियाने लगा ........ श्वेता उत्तेजित हो कर तेजी से सिसिया रही थी .......

मुझे लगा वो झड़ने वाली है उसका बदन अकड़ने लगा था और वो अपनी गांड़ मेरे मुह पर दबाते हुए आहें भर रही थी मैंने अपने दूसरे हाथ को उसकी चूत पर रखा और उसकी झांटो को सहलाते हुए चूत की दरार में उंगली फिराई उसकी चूत में काफी नमी थी ...... और मैंने जीभ को गांड़ से फिराते हुए उसकी चूत की दरार तक का सफर तय करने दिया और फिर उसकी चूत के बंद होंठो को जीभ से खोलने की कोशिश करने लगा ........ बस 8-10 चूत पर जीभ फिराते ही वो कांपने लगी और बोली aaahhhhh विकास ....... उफ़्फ़फ़फ़ ससीईईईईई उसकी चूत के होंठ फड़फड़ाये और कुछ खट्टी कसैली बूंदे मुझे अपनी जीभ पर महसूस हुई मैं उस रस को चाट चाट कर पीने लगा और दो मिनट बाद जब मैने उसकी बुर से छलकी एक एक बूंद को गले से नीचे उतार लिया तब मैं बेड से नीचे उतरा मैं भी अब झड़ना चाहता था कल से मेरा लंड अनगिनत बार खड़ा हो चुका था पर हर बार उसे मायूसी ही मिलती थी ......

श्वेता ने मुड़ कर मुझे देखा मैंने कहा श्वेता इधर बैठो सीधी हो कर मेरे सामने और वो उठ कर बेड पर पैर लटका कर बैठ गयी ....... मैं उसके पास आ गया और उसके चेहरे के ठीक सामने अपना लंड तेजी से मुठियाने लगा वो गौर से लंड को देख रही थी मैंने कहा श्वेता एक बार मुह में लो ना इसे...... और उसने अपना मुह खोलते हुए सुपाड़े को मुह में दबा लिया और जीभ को उस पर फिराने लगी ........

मेरा आंड़ सिकुड़ने लगे ....... मैंने कहा aaahhhhhh श्वेता लो मेरी जान पी लो मेरे लौड़े का रस और इसी के साथ मेरे सुपाड़े से फव्वारे की तरह वीर्य की बारिश होने लगी ........ श्वेता ने चौंकते हुए पीछे हटना चाहा पर मैंने एक हाथ से उसके सर को पकड़ लिया और पहली दो फुहारे उसके मुह में मारने के बाद अगली सारी फुहारे उसके गोर मासूम चेहरे पर और उसके चश्मे के ग्लास पर मेरा वीर्य बहता हुआ उसके गाल पर टपकने लगा आखिरी बूंदे उसके गुलाबी होंठो पर टपकाने के बाद मैंने उसे छोड़ा और देखा तो वो मुह फुलाये हुए मुझे देख रही थी उसके मुह में मेरा वीर्य था उसने इशारे से पूछा इसका क्या करूँ मैंने कहा टेस्ट अच्छा लगा हो तो पी लो ........ उसने मुह में भरे हुए वीर्य को गुटक लिया और गहरी सांस ले कर बोली ....... कितना गरम और चिपचिपा था ...... फिर वो अपना चश्मा उतार कर बोली इसे भी गंदा कर दिया तुमने मुझे कुछ दिख नही रहा ये लगा के मैंने कहा एक काम करो चाट के साफ कर लो इसे ......

और वो सच मे चश्मे के शीशे पर जीभ फिराते हुए उस पर से मेरा वीर्य चाटने लगी ........ चश्मा साफ कर के उसने एक ओर रख दिया और उठ कर बाथरूम में चली गयी दो मिनट बाद वो अपना चेहरा साफ कर के आयी और अपने कपड़े पहनने लगी मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए 5:40 हो रहे थे ...... वो कपड़े पहन कर मेरे पास आई और मुझे गले लग कर बोली thanks viky you are so sweet love you so much ......

मैंने उसके होंठ चूम लिए और वो बोली अब मैं जाती हूँ सबके उठने का समय हो रहा ...... फिर वो कमरे से निकल गई और मैं वापस लेट गया ....... फिर 8 बजे तक नहा कर मैं भी नीचे आ गया ...... सबके साथ नाश्ता किया और प्रतीक ऑफिस जाने लगे तो मैंने उनके पैर छुए और कहा आप तो अब शाम को ही आओगे हम लोग निकल जाएंगे तब तक .......

वो बोले ठीक है पर दोपहर का खाना खा कर आराम से जाना ....... मां जी बोली मैं वैसे भी ऐसे नही जाने दूंगी इन दोनों को ........ और फिर प्रतीक चले गए ....... दीदी और श्वेता वहीं बैठ कर बातें करने लगी ....... और मैं ऊपर चला आया ...... दोपहर में 2 बजे दीदी ने कॉल किया कि आओ खाना खा लो मैं नीचे आया सबने खाना खाया ....... और फिर 3 बजे हम मां जी के पैर छू कर वहां से निकल पड़े .......
वापस प्रयागराज की ओर ......।

रास्ते मे दीदी ने मुझे अपनी और श्वेता की सारी मस्ती के बारे में बताया और ये भी की वो भी मानसिक रूप से हमारे रिश्ते को स्वीकार कर चुकी है बस एक बार हमारी ग्रुप में चुदाई हो गयी तो सब सही हो जाएगा ....... मैंने कहा thanks दीदी मेरे लिए कितना कर रही हो तुम .....

वो मुस्कुरा कर बोली तुम्हारे लिए नही जान हमारे लिए अपने लिए ....... फिर उन्होंने ये भी बताया कि कल शाम जब प्रतीक उन्हें ले कर गया था तो वो अपने एक फ्रेंड के फ्लैट पर ले गया जहां उन्होंने एक घन्टे जम के चुदाई का मज़ा लिया ....... मैंने कहा सही है शादी से पहले ही सुहागरात सुहागदीन सब मना लो वो बोली शादी तो हो चुकी है मेरी पहले ही ....... और गले मे पहने हुए मंगलसूत्र को पकड़ लिया ........ ऐसे ही बातें करते हुए हमारा रास्ता कट रहा था .......।
nice update..!!
yeh sala pratik toh nikita ko chod bhi liya lekin apna vikas shweta seal khol bhi nahi paya abhi tak aur wapas aa gaya..!! vikas ko kitna bura laga hoga jiske sath shaadi ki woh hi kisi aur se chudwa rahi hai..!! kahi aisa na ho ki pratik shweta ki aage pichhe se seal khol de..yeh haq toh sirf apne vikas ka hai..!!
 
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मैंने कार रोकी और बाहर आया ...... इस वक़्त मेरे मन मे एक खलबली सी मची थी ........ गेट बंद कर के मुख्य दरवाजा खोल कर मैं ड्राइंग रूम में आया पर पूरे घर मे सन्नाटा पसरा पड़ा था ....... मैं आंगन में आया और देखा श्वेता के कमरे का दरवाजा बंद था ...... और अंदर कोई हलचल नही थी दो मिनट मैं वही खड़ा रहा और फिर वापस बाहर आ गया ......

मैं ड्राइंग रूम में भी कुछ देर रुका रहा फिर ऊपर अपने कमरे में आ गया यहां भी श्वेता कहीं नजर नही आई ....... मैंने फोन निकाल कर श्वेता का नंबर डायल किया ........ घण्टी गयी और बस दो रिंग के बाद श्वेता की आवाज़ मेरे कान में गूंजी ....... हेलो कौन ....?

उसके पास मेरा नंबर नही था ......

मैंने शरारत करने की सोची ...... और जेब से रुमाल निकाल कर माइक को कवर कर के आवाज़ थोड़ी भारी कर के बोला ......
तुम श्वेता बोल रही हो ना .....?

श्वेता- हां पर आप कौन .....?

मैं- मैं वही बोल रहा हूँ जिसकी कल रात पार्टी में बेज्जती हुई थी और अपनी इस बेज्जती का बदला मैं जरूर लूंगा उस लौंडे को तो मैं जान से मार दूंगा ....... जिसने तुम्हारे सामने मेरी इज्जत का जनाजा निकाला था ......

श्वेता ये सुनते ही भड़कते हुए बोली ...... ओ दो कौड़ी के इंसान कल इतना पिट के भी तुझे अक्ल नही आई और तेरी इतनी हिम्मत की तू मुझे कॉल कर एक धमकी दे रहा है साले मर्द है तो उसी से भिड़ आ के जिसने कल तेरी मरम्मत की थी ....... लेकिन मुझे लगता है अभी तेरी मरम्मत में कुछ कमी रह गयी थी ...... तू एक बार और आजा यहां फिर देख वो क्या हाल करता है तेरा पिछली बार तो तू अपने पैरों पर चल कर गया था लेकिन इस बार स्ट्रेचर पर जाएगा ........

मैं- ओहहह बड़ा यकीन है तुम्हें उस कल के लौंडे पर लेकिन मेरे पास गन है एक गोली अंदर और भेजा बाहर .......

श्वेता- चीखते हुए रुक साले तेरी ऐसी की तैसी ...... अभी पुलिस को कॉल करती हूं शाम तक तू अपनी गन समेत जेल में ना दिखा तो मेरा नाम बदल देना साला हरामी कुत्ता गोली मारेगा मेरे विकास को ...... अभी तेरी औकात बताती हूँ तुझे .......


मेरे विकास को ...... ये तीन शब्द मेरे दिल मे उतर गए ........

लेकिन उसका बाकी का गुस्सा और डायलॉग सुन के मेरी हंसी छूट गयी और मैं जोर जोर से हंसने लगा ......

उसने फिर बड़े ताव में बोल बड़ी हंसी आ रही तुझे हरामखोर तेरी सारी हंसी बन्द करती हूं मैं तू देखता जा अब मैं क्या करती हूं ......

मैंने जल्दी से रुमाल हटा कर अपनी रियल वॉइस में कहा अरे अरे मेरी लेडी डॉन मैं हूँ विकास ...... पुलिस मत बुलाना मुझे डर लग रहा है .......

वो चौंक कर बोली विकास ये तुम हो मैंने कहा हां बस एक छोटा सा प्रैंक कर रहा था ...... वो गुस्से से बोली कितने गंदे हो तुम डरा दिया था मुझे ...... मैंने कहा अच्छा ..... पर तुम तो कहीं से भी डरी हुई नही लग रही थी ....... उल्टा मैं डर गया था तुम्हारा गुस्सा देख के ......

वो इस बार थोड़ा प्यार से बोली तो गुस्सा नही आएगा क्या कोई तुम्हारे बारे में उल्टा सीधा बोलेगा तो ...... मैंने कहा इतना प्यार करती हो क्या मुझसे ....... वो चुप हो गयी ...... मैंने कहा अच्छा ये बताओ हो कहाँ तुम मुझे कंपनी देने का वादा कर के रोक लिया और खुद गायब हो ......

वो बोली मैं तो अपने रूम में ही हूँ इंतजार कर रही थी कि तुम आओगे यहीं पर ...... मैंने कहा आया तो था कमरे के दरवाजे तक लेकिन फिर वापस लौट आया ...... वो बोली हां देखा था मैने आंगन में खड़े खोपड़ी खुजा रहे थे फिर चले गए ....... अंदर क्यों नही आये.......

मैंने कहा एक जवान अकेली लड़की के कमरे में घुसना ये मेरी आदत नही ..... ओहहो बड़े शरीफ हो मैंने कहा तुम्हें कोई शक है मेरी शराफत पे ....... वो हंस कर बोली शरीफ लोग जवान लड़कियों की पैंटी नही चुराते ....... और मेरी बोलती बंद हो गयी ........ 10 सेकेंड की खामोशी के बाद वो खिलखिला कर हंसी और बोली क्या हुआ डर गए मैंने कहा यार अब गुनाह तो हो ही गया मुझसे जो चाहे सज़ा दे दो .......

वो शोखी से बोली मुजरिम सामने आए तो सज़ा सुनाऊं या सारा मुकदमा फोन पर ही चलेगा मैंने कहा तुम ही आ जाओ न ऊपर मुझे डर लग रहा है कहीं अपने कमरे में बुला के तुम ........ वो बोली क्या ...... बात तो पूरी करो ......

मैंने कहा मेरा रेप ना कर दो........ वो खिलखिला कर हंस दी और बोली इतना डरते हो मुझसे ....... फिर शादी कैसे करोगे मुझसे ......? मैंने कहा वो तो कर लूंगा बड़े आराम से ..... उसने कहा चलो ठीक है मैंने रोका है तो मैं ही आती हूँ ....... और उसने फोन काट दिया और कुछ ही पलों में वो मेरे कमरे में आई थोड़ी शरमाई सी कुछ घबराई सी .......

वो आ के बेड के पास खड़ी हो गयी मैंने कहा बैठो श्वेता वो बैठ गयी ........ अभी भी उसने वही जीन्स और ढीला सा टॉप पहना हुआ था वो बैठ गयी सर झुका के मैंने कहा दीदी और जीजू तो वहां एन्जॉय कर रहे होंगे ....... और हम यहां बस timepass कर रहे ........ कह के मैंने श्वेता के हाथ पर हाथ रखा और उसका हाथ पकड़ के खींच लिया अपनी ओर वो खींची हुई चली आयी और मेरे सीने से लगा गयी ........

मैंने दोनो हथेलियों में उसका चेहरा थाम लिया और उसकी आँखों मे देखने लगा चश्मे के अंदर उसकी गहरी आंखों में झांकते हुए मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिये और वो सिसक कर मुझे चूमने लगी बेतहाशा ........ हमारे होंठ आपस मे गुंथे हुए थे और जैसे हममें कॉम्पटीशन चल रहा थे कौन किसके होंठ ज्यादा से ज्यादा चूस सकता है ....... ये मुकाबला चलता रहा और मैंने श्वेता को कंधों से पकड़ कर बेड पर लिटा दिया और मेरे हाथ उसकी बांहों से गुजरते हुए उसके सीने की ओर बढ़ने लगी ........

श्वेता के दिल धड़कने मुझे सुनाई दे रही थीं ........ और फिर मेरे हाथ उसकी तनी हुए कसी और सख्त चुचियों पर घूमने लगी और आखिर मैंने उसकी चुचियाँ मुट्ठी में भर कर मसल दीं और उसने तड़प कर अपनी जीभ मेरे मुह में घुसा दी ........ हमारी जीभ आपस मे टकराने लगी और श्वेता की चुचियाँ कुछ देर मसलने बाद मेरी गिरफ्त उसके छोटे मटर के दाने जैसे फूल रहे निप्पल्स पर बढ़ गयी और मैं उसे चुटकी में भर कर मसलते हुए उसकी जीभ चाटने लगा ......

मेरा लंड एकदम ताव में था और मैंने श्वेता एक हाथ पैंट के ऊपर से अपने खडे लंड पर रखते हुए उसे जोर से दबा दिया और श्वेता एकदम से मुझसे लिपट गयी और मेरे लंड को मुट्ठी में भरने की कोशिश करने लगी ....... पर जीन्स में कैद होने की वजह से वो ऐसा कर ना सकी .........

मैंने अब अपना के हाथ श्वेता के टॉप में नीचे की ओर से डालते हुए उसके नंगे पेट को सहलाते हुए अपने हाथ को ऊपर उसकी ब्रा में कसी चुचियों की बढ़ाना शुरू कर दिया और जल्द ही उसकी ब्रा के कप समेत उसकी चूची मेरी मुट्ठी में थी ........ और दूसरे हाथ से मैंने अपनी ज़िप खोलते हुए अपने लंड को अंडरवियर की कैद से आज़ाद कर दिया ........

नंगे गर्म सख्त लंड की गर्मी अपने हाथ मे महसूस कर के श्वेता ने मेरे होंठो से ध्यान हटा कर नीचे लंड को देखा और खड़े लंड को देखते ही वो एकदम से घबरा सी गयी ....... और अपना हाथ हटा लिया ......

मैंने एक बार फिर से उसका हाथ लंड पर रखते हुए कहा डरो मत ये कुछ नही करेगा ........ और इस बार उसने हिम्मत कर के लंड को मुट्ठी में पकड़ लिया ...... मैंने उसके हाथ पर हाथ रख कर उसे हाथ को ऊपर नीचे करते हुए लंड से खेलना सिखाया और उसने अपने हाथ की नीचे सरकाते हुए लंड की स्किन खोल दी .......

गुलाबी मोटे सुपाड़े को वो बड़े गौर से देख रही थी ...... मैंने कहा श्वेता इसे प्यार करोगी ...... वो ना में सर हिलाने लगी ..... मैंने कहा कर के देखो ना अच्छा लगेगा ...... वो फिर भी कुछ नही बोली ....... तो मैंने अपना हाथ पीछे उसकी पीठ पर ले जाते हुए उसकी ब्रा के हुक खोल दिये ......., उसकी चुचियों पर झूलती ब्रा में हाथ घुसा कर उसकी नंगी चुचियाँ पकड़ ली और हल्के हल्के से दबाने लगा मसलने लगा ......

और आखिर में मैंने उसे बेड पर लिटाते हुए झुक कर उसकी एक निप्पल पर जीभ फिरा दी वो सिसक उठी और आंखे बंद कर के अपने कड़े निप्पल पर मेरी जीभ की हरकत को महसूस करते हुए अपनी जांघे भींचने लगी ....... मैंने बारी बारी से दोनो निप्पल को चाटते हुए एक हाथ नीचे ले कर जीन्स के ऊपर से उसकी चूत को दबोच लिया उसने एकदम से अपनी गांड़ ऊपर उठायी और बोली aaahhhhh विकास .......

मैं समझ गया ये एकदम गरम है और झड़ने के कगार पर है ....... मैंने एक निप्पल को होंठो में दबा कर चूसना शुरू कर दिया और उसकी जीन्स का बटन खोल दिया उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली प्लीज मत करो ना मुझे शर्म आती है .......

मैंने कहा कुछ भी ना करूँ ......? वो चुपचाप मेरी ओर देखने लगी ....... मैंने फिर पूछा जाऊं मैं ...... उसने कहा नाराज़ हो गए ...... मैंने कहा एकदम नही ...... वो बोली विकास सॉरी पर मैं अभी इसके लिए तैयार नही हूँ ........ मैंने कहा कोई नही और मैंने वापस उसकी जीन्स के बटन बंद कर दिया और अपना लंड अंदर कर के कपड़े सही करते हुए बैठ गया उसके पास .......

उसने सर झुका कर कहा सॉरी विकास मैंने तुम्हारा मूड खराब कर दिया ....... मैंने कहा एकदम नही यार तुम मुझे प्यार करती हो ये बहोत है रही बात सेक्स की तो वो तो एक ना दिन होना ही है ....... उसने कहा अगली बार मैं नही रोकूंगी तुम्हे ........

उसने अपनी ब्रा ठीक करते हुए कहा विकास मैं कुछ पूछना चाहती हूं ...... मैंने कहा हां पूछो ना ......

श्वेता- समझ नही आ रहा कैसे कहूँ .....

मैं- एकदम रिलैक्स हो कर आराम से कहो यार मैं दोस्त हूँ तुम्हारा .........

श्वेता- तुम अपनी दीदी को कितना प्यार करते हो .....?

मैं- बहोत ज्यादा ...... जितना तुमसे करता हूँ शायद उतना ही .......

श्वेता- सिर्फ बहन के नजरिये से या कुछ और भी है तुम्हारे मन में ........

मैं- वो मेरी बहन तो है ही पर उससे बढ़ कर वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी हैं इसीलिए हम हर एक टॉपिक पर खुल कर बात कर लेते हैं ..... और हमारा कुछ भी नही छिपा है एक दूसरे से ........

श्वेता- वो तो मैं देख रही हूं तुम दोनों को बॉन्डिंग लेकिन मैं ये जानना चाहती हूं कि इसके अलावा भी तुम अपनी दीदी से कुछ और चाहते हो क्या.....?

मैं- साफ साफ पूछो ना क्या पूछना चाहती हो .....?

श्वेता- मेरा मतलब की तुम उनसे सेक्स करना चाहते हो ......

मैं- सब से पहले तुम हमारे रिश्ते को हमारे प्यार को समझ लो और फिर उसे शुरू से ....... विनय वाली घटना से ले कर दिल्ली में जो कुछ हुआ वो सब उसे बताता चला गया सिवा इसके कि हमने शादी की है और सेक्स भी कर चुके हैं ....... यहाँ तक कि मैंने उसे ये भी बता दिया कि मैं और दीदी अक्सर ओरल सेक्स कर लेते हैं एक दूसरे के साथ .......

वो शांति से सब सुनती रही और जब मैं चुप हुआ तो बोली सच मे विकास भाभी किस्मत वाली हैं जो उन्हें इतना प्यारा और समझदार भाई मिला ....... मैंने कहा सॉरी श्वेता मैं तुमसे प्यार करता हूँ मगर मैं दीदी से भी उतना ही प्यार करता हूँ ....... और तुम्हें इस से कोई प्रॉब्लम हो तो अभी बोल दो क्यों कि मैं दीदी के प्रति अपना प्यार कभी कम नही कर सकता .....

वो बोली नही मुझे कोई प्रॉब्लम नही है वैसे भाभी भी तुम्हे बहोत प्यार करती हैं ....... एक बात बताऊं वो तो तुम्हारे साथ सेक्स भी कर लेंगी अगर तुम चाहो तो .....(उसने इस अंदाज में ये कहा मानो कोई बहोत राज़ की बात बता रही हो) और मैंने भी ये सुन कर हैरान होने की एक्टिंग की और बोला ......

ये शायद ठीक नही होगा श्वेता इसीलिए मैंने कभी उनसे ये इच्छा जाहिर नही की हांलाकि शायद मैं ऐसा चाहता हूं पर ठीक है उनका जितना प्यार मुझे मिल रहा है वो भी काफी है .......

और श्वेता ने मेरे गले लगते हुए कहा विकास तुम बहोत अच्छे हो मुझे तुम्हारी ये सच बोलने की आदत बड़ी पसन्द आयी ...... कुछ भी नही छिपाया तुमने सब बता दिया साफ साफ ....... बिना डरे की इस सब के बारे में जान कर मेरा क्या रिएक्शन होगा ......

मैंने कहा झूठ बोलने से कोई फायदा नही था कभी कभी ना तो ये सच तुम्हारे सामने आ ही जाता ...... और शायद उस दिन तुम मुझे माफ़ ना करती इस सब के लिए श्वेता बोली सही कह रहे हो अगर मुझे किसी और तरीके से ये पता चलता तो शायद मैं बर्दाश्त ना कर पाती पर तुमने और भाभी ने ही सब बता दिया मुझे तो अब मुझे स्वीकार है तुम्हारा ये प्यार भरा रिश्ता ......

मैंने श्वेता के गाल को चूम कर कहा thanks श्वेता तुम जितनी खबसूरत हो उतनी ही समझदार भी ....... श्वेता ने मुस्कुरा कर रहा अच्छा जी मक्खन लगा रहे हो मैंने कहा होने वाली बीवी को मक्खन तो लगाना ही पड़ेगा तभी अगली बार कुछ भला होगा मेरा आज तो सूखा सूखा गुजारा करना पड़ रहा है ........

वो कुछ सोचते हुए बोली विकास मेरी एक रिक्वेस्ट है ....... मैंने कहा बोलो यार तुम रिक्वेस्ट मत करो आर्डर दो फिर देखो मैं कैसे हर बात मानता हूँ तुम्हारी ...... वो बोली मैं चाहती हूं जब हम दोनों पहली बार सेक्स करें तो मेरी भाभी और आपकी प्यारी दीदी भी हमारे साथ मौजूद हों ....... और आप उनके साथ भी सेक्स करें उन्हें भी उनका प्यार हासिल हो और मुझे मेरा मतलब हम तीनों को .......

मैंने उसकी आँखों मे देखते हुए कहा ..... क्या सच मे तुम ऐसा चाहती हो ....... मुझे दीदी के साथ देख कर तुम्हें कोई तकलीफ नही होगी ....... उसने कहा मुझे कभी किसी और के साथ देख कर तुम्हें तकलीफ होगी क्या......? मैंने कहा ये परिस्थितियों पर निर्भर होगा अगर तुम किसी को पसन्द करती हो उसके साथ समय बिता कर तुम्हें खुशी होती है तो तुम्हारी खुशी के लिए मुझे वो कबूल होगा लेकिन अगर तुम मुझसे छुपा कर झूठ बोल कर ऐसा कुछ करोगी तो जरूर मुझे तकलीफ होगी .........

वो बोली बस ऐसे ही जब मैं कह रही हूं तो मुझे क्यों तकलीफ होगी ....... और फिर तुम भाभी जितना ही प्यार मुझे भी करते हो ना बस ....... मैंने कहा ठीक है पर दीदी से इस बारे में मैं कोई बात नही करूंगा ये काम तुम्हे ही करना होगा वो बोली ठीक है मैं कर लुंगी .......

बातों बातों में काफी टाइम बीत गया था 6 बजे मुझे माँ जी को लेने जाना था सो मैं गाड़ी ले कर मंदिर चला आया और माँ जी को ले कर वापस घर आ गया ...... माँ जी मुझसे बड़ी खुश थीं और ढेरों आशीर्वाद देने लगी ...... मैं वहीं उनके पास बैठ कर बातें करने लगा ....... और श्वेता किचन में रात के खाने की तैयारी करने लगी ........

8 बजे तक दीदी जीजू भी आ गए और वो दोनो काफी खुश और रिलैक्स दिख रहे थे ....... फिर रात के खाने के बाद सब अपने अपने कमरों में चले गए कल हमे निकलना था ........ ।

इस रात कुछ खास नही हुआ और अगली सुबह एकदम सवेरे 5 बजे किसी ने मुझे जगाया मैं उठ कर बैठ गया तो देखा श्वेता थी उसने मुझे गुड मॉर्निंग बोला और मेरे पास बैठ कर अपना हाथ मेरे लोअर पर रख कर मेरा लंड जो कि हर सुबह खड़ा ही होता है सहलाने लगी ....... मैंने उसकी गुड मॉर्निंग का जवाब दिया और उसकी इस हरकत पर थोड़ा हैरान होते हुए पूछा ये क्या है जान ........

वो मुस्कुरा कर बोली मुझे भाभी ने भेजा है मैंने कहा किसलिये वो बोली तुम्हारे इसको प्यार करने के लिए ....... मैंने कहा पर कल तो तुम घबरा रही थी और बोल रही थी अगली बार ...... वो बोली हां पर कल रात मैंने भाभी को सब बताया ...... हमारे बीच जो हुआ वो भी और हमारी जितनी बातें हुईं वो भी ....... मैंने कहा फिर ...... वो बोली फिर क्या भाभी ने मुझे समझाया कि जब किसी का मूड बना हो तो उसे रोकना या मना नही करना चाहिए ......

इसलिए मैं सुबह सुबह आ गयी कि जाने से पहले ज्यादा नही तो एक बार इसे थोड़ा सा प्यार ही कर लूं ....... मैं उसकी नादानी पर मुस्कुरा दिया मैंने कहा थोड़ा सा यानी कल की तरह आज भी सारा दिन मैं तड़पता रहूं तुम्हारी याद में ....... मैंने कहा देखो जब करना पूरा प्यार करना ये आधे अधूरे से बस प्यास बढ़ती है .......

वो कुछ उदास सी हो कर बोली सॉरी विकास कल के लिए ....... मैंने कहा कोई नही यार मैं समझता हूं तुम एक लड़की हो और पहली बार के लिए खुद को तैयार करने में समय लगता है वो बोली तुम सच मे बहोत अच्छे हो विकास ........ अच्छा एक काम तो कर दो मेरे लिए ...... मैंने कहा बोलो उसने कहा मुझे एक बार इससे वो निकाल कर दिखाओ .......

मैंने जान बूझ कर अंजान बनते हुए कहा किस से क्या निकाल कर दिखाऊँ ...... वो लंड को मुट्ठी में दबा कर इस से वो निकलता है ना सेक्स के टाइम ...... मैंने कहा तुम्हें इसका नाम नही पता ...... वो बोली पता है ...... मैंने कहा फिर ये वो क्या कर रही हो साफ साफ बोलोगी तो दिखाऊंगा ....... वो हकलाते हुए बोली मुझे अपने ल लंड से वो रस निकाल कर दिखाओ न .......

मैंने कहा ठीक है दिखाता हूँ लेकिन मुझे भी कुछ देखने को मिले तो मुझे भी अच्छा लगेगा ...... उसने कहा क्या देखना है बोलो ...... मैंने कहा एक काम करते हैं हम दोनों ही कपड़े निकाल देते हैं और फिर मैं तुम्हे मुठ मार कर अपने लंड का रस निकाल कर दिखाऊंगा ......

ठीक है ना ...... उसने बड़ी मुश्किल से हां में सर हिलाया मैंने कहा चलो फिर शुरु हो जाओ और मैंने अपनी बनियान निकाल कर फेंक दी वो उठी और कमरे का दरवाजा बंद कर के वापस आ गयी उतनी देर में मैं लोअर भी उतार चुका था और अंडी में मेरा खड़ा लंड उभरा हुआ नजर आ रहा था ....... उसने बेड के पास आ कर अपनी नाइटी खोलते हुए निकाल कर बेड पर डाल दी और मेरे लंड के उभार को देखते हुए ब्रा खोलने लगी .......

मैंने उसके नंगे दूधिया चिकने जिस्म को देखते हुए अपना अंडरवियर सरकाते हुए खड़ा लंड बाहर निकाला और उसे मुठियाने लगा ....... उसने बड़े गौर से लंड को देखते हुए अपनी ब्रा भी निकाल कर रख दी और फिर पैंटी में उंगलियां फंसा कर उसे भी नीचे सरकाते हुए टांगो से निकाल दिया ......

वो एकदम नंगी हो चुकी थी और मैं उसकी चूत देखता ही रह गया ......... घनी रेशमी झांटो से भरी अनचुदी कुंवारी चूत के लिप्स आपस मे एकदम चिपके हुए थे ...... मैं उसकी चूत देख कर अपने होंठो पर जीभ फिराते हुए तेजी से लंड पर हाथ चलाने लगा और फिर मैने बेड पर पड़ी उसकी पैंटी उठा ली और उसे अपनी नाक पर रख कर सूंघते हुए मुठ मारने लगा ........

वो मुस्कुराते हुए मेरी हरकतें देख रही थी ........ मैंने कहा श्वेता प्लीज अपनी बुर खोल कर दिखाओ ना ...... वो बोली कैसे मैंने उसे बेड पर चौपाया बनने को बोला और वो बेड पर चढ़ कर झुकते हुए अपनी गांड़ उभार कर घोड़ी बन गयी अब उसकी चूत के साथ गांड़ की दरार और छेद भी मुझे साफ नजर आ रहा था इतनी खूबसूरत गांड़ देख कर मेरे मुह में पानी औए सुपाड़े पर प्रिकम की बूंदें आ गयी ........

मैंने एक हाथ से उसकी नंगे चूतड़ सहलाते हुए मुठ मारनी जारी रखी और बोला उफ़्फ़फ़फ़ श्वेता बहोत खूबसूरत हो तुम ....... love you मेरी जान ...... उसने गर्दन मोड़ कर मुझे देखा और मुस्कुरा कर बोली ....... love you to विकास ....... मैंने कहा दीदी होती तो मेरे लंड का रस चूस कर पी जाती वो कभी मुझे लंड का रस जमीन पर नही गिराने देती हैं ......

उसने हैरानी से कहा इसे पिया भी जाता है क्या मैंने कहा हां लड़कियां तो बहोत पसन्द करती हैं लंड का रस पीना ...... वो बोली ह्म्म्म तो मैं भी try कर लूं क्या आज मैंने कहा जैसी तुम्हारी मर्ज़ी पर फिलहाल तो मेरा दिल तुम्हारी गांड़ के इस नन्हे से छेद पर आ गया है ....... और मैंने झुक कर श्वेता की गांड़ पर अपने होंठ रख दिये वो मेरे होंठो की गर्मी अपनी गांड़ पर बर्दाश्त नही कर पाई और उसके मुह से एक तेज aaahhh निकली .......... और मैं तेजी से उसकी गांड़ के छेद को जीभ से कुरेदते हुए अपने लंड को मुठियाने लगा ........ श्वेता उत्तेजित हो कर तेजी से सिसिया रही थी .......

मुझे लगा वो झड़ने वाली है उसका बदन अकड़ने लगा था और वो अपनी गांड़ मेरे मुह पर दबाते हुए आहें भर रही थी मैंने अपने दूसरे हाथ को उसकी चूत पर रखा और उसकी झांटो को सहलाते हुए चूत की दरार में उंगली फिराई उसकी चूत में काफी नमी थी ...... और मैंने जीभ को गांड़ से फिराते हुए उसकी चूत की दरार तक का सफर तय करने दिया और फिर उसकी चूत के बंद होंठो को जीभ से खोलने की कोशिश करने लगा ........ बस 8-10 चूत पर जीभ फिराते ही वो कांपने लगी और बोली aaahhhhh विकास ....... उफ़्फ़फ़फ़ ससीईईईईई उसकी चूत के होंठ फड़फड़ाये और कुछ खट्टी कसैली बूंदे मुझे अपनी जीभ पर महसूस हुई मैं उस रस को चाट चाट कर पीने लगा और दो मिनट बाद जब मैने उसकी बुर से छलकी एक एक बूंद को गले से नीचे उतार लिया तब मैं बेड से नीचे उतरा मैं भी अब झड़ना चाहता था कल से मेरा लंड अनगिनत बार खड़ा हो चुका था पर हर बार उसे मायूसी ही मिलती थी ......

श्वेता ने मुड़ कर मुझे देखा मैंने कहा श्वेता इधर बैठो सीधी हो कर मेरे सामने और वो उठ कर बेड पर पैर लटका कर बैठ गयी ....... मैं उसके पास आ गया और उसके चेहरे के ठीक सामने अपना लंड तेजी से मुठियाने लगा वो गौर से लंड को देख रही थी मैंने कहा श्वेता एक बार मुह में लो ना इसे...... और उसने अपना मुह खोलते हुए सुपाड़े को मुह में दबा लिया और जीभ को उस पर फिराने लगी ........

मेरा आंड़ सिकुड़ने लगे ....... मैंने कहा aaahhhhhh श्वेता लो मेरी जान पी लो मेरे लौड़े का रस और इसी के साथ मेरे सुपाड़े से फव्वारे की तरह वीर्य की बारिश होने लगी ........ श्वेता ने चौंकते हुए पीछे हटना चाहा पर मैंने एक हाथ से उसके सर को पकड़ लिया और पहली दो फुहारे उसके मुह में मारने के बाद अगली सारी फुहारे उसके गोर मासूम चेहरे पर और उसके चश्मे के ग्लास पर मेरा वीर्य बहता हुआ उसके गाल पर टपकने लगा आखिरी बूंदे उसके गुलाबी होंठो पर टपकाने के बाद मैंने उसे छोड़ा और देखा तो वो मुह फुलाये हुए मुझे देख रही थी उसके मुह में मेरा वीर्य था उसने इशारे से पूछा इसका क्या करूँ मैंने कहा टेस्ट अच्छा लगा हो तो पी लो ........ उसने मुह में भरे हुए वीर्य को गुटक लिया और गहरी सांस ले कर बोली ....... कितना गरम और चिपचिपा था ...... फिर वो अपना चश्मा उतार कर बोली इसे भी गंदा कर दिया तुमने मुझे कुछ दिख नही रहा ये लगा के मैंने कहा एक काम करो चाट के साफ कर लो इसे ......

और वो सच मे चश्मे के शीशे पर जीभ फिराते हुए उस पर से मेरा वीर्य चाटने लगी ........ चश्मा साफ कर के उसने एक ओर रख दिया और उठ कर बाथरूम में चली गयी दो मिनट बाद वो अपना चेहरा साफ कर के आयी और अपने कपड़े पहनने लगी मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए 5:40 हो रहे थे ...... वो कपड़े पहन कर मेरे पास आई और मुझे गले लग कर बोली thanks viky you are so sweet love you so much ......

मैंने उसके होंठ चूम लिए और वो बोली अब मैं जाती हूँ सबके उठने का समय हो रहा ...... फिर वो कमरे से निकल गई और मैं वापस लेट गया ....... फिर 8 बजे तक नहा कर मैं भी नीचे आ गया ...... सबके साथ नाश्ता किया और प्रतीक ऑफिस जाने लगे तो मैंने उनके पैर छुए और कहा आप तो अब शाम को ही आओगे हम लोग निकल जाएंगे तब तक .......

वो बोले ठीक है पर दोपहर का खाना खा कर आराम से जाना ....... मां जी बोली मैं वैसे भी ऐसे नही जाने दूंगी इन दोनों को ........ और फिर प्रतीक चले गए ....... दीदी और श्वेता वहीं बैठ कर बातें करने लगी ....... और मैं ऊपर चला आया ...... दोपहर में 2 बजे दीदी ने कॉल किया कि आओ खाना खा लो मैं नीचे आया सबने खाना खाया ....... और फिर 3 बजे हम मां जी के पैर छू कर वहां से निकल पड़े .......
वापस प्रयागराज की ओर ......।

रास्ते मे दीदी ने मुझे अपनी और श्वेता की सारी मस्ती के बारे में बताया और ये भी की वो भी मानसिक रूप से हमारे रिश्ते को स्वीकार कर चुकी है बस एक बार हमारी ग्रुप में चुदाई हो गयी तो सब सही हो जाएगा ....... मैंने कहा thanks दीदी मेरे लिए कितना कर रही हो तुम .....

वो मुस्कुरा कर बोली तुम्हारे लिए नही जान हमारे लिए अपने लिए ....... फिर उन्होंने ये भी बताया कि कल शाम जब प्रतीक उन्हें ले कर गया था तो वो अपने एक फ्रेंड के फ्लैट पर ले गया जहां उन्होंने एक घन्टे जम के चुदाई का मज़ा लिया ....... मैंने कहा सही है शादी से पहले ही सुहागरात सुहागदीन सब मना लो वो बोली शादी तो हो चुकी है मेरी पहले ही ....... और गले मे पहने हुए मंगलसूत्र को पकड़ लिया ........ ऐसे ही बातें करते हुए हमारा रास्ता कट रहा था .......।
Short but sex update
 

CKP

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मैंने कार रोकी और बाहर आया ...... इस वक़्त मेरे मन मे एक खलबली सी मची थी ........ गेट बंद कर के मुख्य दरवाजा खोल कर मैं ड्राइंग रूम में आया पर पूरे घर मे सन्नाटा पसरा पड़ा था ....... मैं आंगन में आया और देखा श्वेता के कमरे का दरवाजा बंद था ...... और अंदर कोई हलचल नही थी दो मिनट मैं वही खड़ा रहा और फिर वापस बाहर आ गया ......

मैं ड्राइंग रूम में भी कुछ देर रुका रहा फिर ऊपर अपने कमरे में आ गया यहां भी श्वेता कहीं नजर नही आई ....... मैंने फोन निकाल कर श्वेता का नंबर डायल किया ........ घण्टी गयी और बस दो रिंग के बाद श्वेता की आवाज़ मेरे कान में गूंजी ....... हेलो कौन ....?

उसके पास मेरा नंबर नही था ......

मैंने शरारत करने की सोची ...... और जेब से रुमाल निकाल कर माइक को कवर कर के आवाज़ थोड़ी भारी कर के बोला ......
तुम श्वेता बोल रही हो ना .....?

श्वेता- हां पर आप कौन .....?

मैं- मैं वही बोल रहा हूँ जिसकी कल रात पार्टी में बेज्जती हुई थी और अपनी इस बेज्जती का बदला मैं जरूर लूंगा उस लौंडे को तो मैं जान से मार दूंगा ....... जिसने तुम्हारे सामने मेरी इज्जत का जनाजा निकाला था ......

श्वेता ये सुनते ही भड़कते हुए बोली ...... ओ दो कौड़ी के इंसान कल इतना पिट के भी तुझे अक्ल नही आई और तेरी इतनी हिम्मत की तू मुझे कॉल कर एक धमकी दे रहा है साले मर्द है तो उसी से भिड़ आ के जिसने कल तेरी मरम्मत की थी ....... लेकिन मुझे लगता है अभी तेरी मरम्मत में कुछ कमी रह गयी थी ...... तू एक बार और आजा यहां फिर देख वो क्या हाल करता है तेरा पिछली बार तो तू अपने पैरों पर चल कर गया था लेकिन इस बार स्ट्रेचर पर जाएगा ........

मैं- ओहहह बड़ा यकीन है तुम्हें उस कल के लौंडे पर लेकिन मेरे पास गन है एक गोली अंदर और भेजा बाहर .......

श्वेता- चीखते हुए रुक साले तेरी ऐसी की तैसी ...... अभी पुलिस को कॉल करती हूं शाम तक तू अपनी गन समेत जेल में ना दिखा तो मेरा नाम बदल देना साला हरामी कुत्ता गोली मारेगा मेरे विकास को ...... अभी तेरी औकात बताती हूँ तुझे .......


मेरे विकास को ...... ये तीन शब्द मेरे दिल मे उतर गए ........

लेकिन उसका बाकी का गुस्सा और डायलॉग सुन के मेरी हंसी छूट गयी और मैं जोर जोर से हंसने लगा ......

उसने फिर बड़े ताव में बोल बड़ी हंसी आ रही तुझे हरामखोर तेरी सारी हंसी बन्द करती हूं मैं तू देखता जा अब मैं क्या करती हूं ......

मैंने जल्दी से रुमाल हटा कर अपनी रियल वॉइस में कहा अरे अरे मेरी लेडी डॉन मैं हूँ विकास ...... पुलिस मत बुलाना मुझे डर लग रहा है .......

वो चौंक कर बोली विकास ये तुम हो मैंने कहा हां बस एक छोटा सा प्रैंक कर रहा था ...... वो गुस्से से बोली कितने गंदे हो तुम डरा दिया था मुझे ...... मैंने कहा अच्छा ..... पर तुम तो कहीं से भी डरी हुई नही लग रही थी ....... उल्टा मैं डर गया था तुम्हारा गुस्सा देख के ......

वो इस बार थोड़ा प्यार से बोली तो गुस्सा नही आएगा क्या कोई तुम्हारे बारे में उल्टा सीधा बोलेगा तो ...... मैंने कहा इतना प्यार करती हो क्या मुझसे ....... वो चुप हो गयी ...... मैंने कहा अच्छा ये बताओ हो कहाँ तुम मुझे कंपनी देने का वादा कर के रोक लिया और खुद गायब हो ......

वो बोली मैं तो अपने रूम में ही हूँ इंतजार कर रही थी कि तुम आओगे यहीं पर ...... मैंने कहा आया तो था कमरे के दरवाजे तक लेकिन फिर वापस लौट आया ...... वो बोली हां देखा था मैने आंगन में खड़े खोपड़ी खुजा रहे थे फिर चले गए ....... अंदर क्यों नही आये.......

मैंने कहा एक जवान अकेली लड़की के कमरे में घुसना ये मेरी आदत नही ..... ओहहो बड़े शरीफ हो मैंने कहा तुम्हें कोई शक है मेरी शराफत पे ....... वो हंस कर बोली शरीफ लोग जवान लड़कियों की पैंटी नही चुराते ....... और मेरी बोलती बंद हो गयी ........ 10 सेकेंड की खामोशी के बाद वो खिलखिला कर हंसी और बोली क्या हुआ डर गए मैंने कहा यार अब गुनाह तो हो ही गया मुझसे जो चाहे सज़ा दे दो .......

वो शोखी से बोली मुजरिम सामने आए तो सज़ा सुनाऊं या सारा मुकदमा फोन पर ही चलेगा मैंने कहा तुम ही आ जाओ न ऊपर मुझे डर लग रहा है कहीं अपने कमरे में बुला के तुम ........ वो बोली क्या ...... बात तो पूरी करो ......

मैंने कहा मेरा रेप ना कर दो........ वो खिलखिला कर हंस दी और बोली इतना डरते हो मुझसे ....... फिर शादी कैसे करोगे मुझसे ......? मैंने कहा वो तो कर लूंगा बड़े आराम से ..... उसने कहा चलो ठीक है मैंने रोका है तो मैं ही आती हूँ ....... और उसने फोन काट दिया और कुछ ही पलों में वो मेरे कमरे में आई थोड़ी शरमाई सी कुछ घबराई सी .......

वो आ के बेड के पास खड़ी हो गयी मैंने कहा बैठो श्वेता वो बैठ गयी ........ अभी भी उसने वही जीन्स और ढीला सा टॉप पहना हुआ था वो बैठ गयी सर झुका के मैंने कहा दीदी और जीजू तो वहां एन्जॉय कर रहे होंगे ....... और हम यहां बस timepass कर रहे ........ कह के मैंने श्वेता के हाथ पर हाथ रखा और उसका हाथ पकड़ के खींच लिया अपनी ओर वो खींची हुई चली आयी और मेरे सीने से लगा गयी ........

मैंने दोनो हथेलियों में उसका चेहरा थाम लिया और उसकी आँखों मे देखने लगा चश्मे के अंदर उसकी गहरी आंखों में झांकते हुए मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिये और वो सिसक कर मुझे चूमने लगी बेतहाशा ........ हमारे होंठ आपस मे गुंथे हुए थे और जैसे हममें कॉम्पटीशन चल रहा थे कौन किसके होंठ ज्यादा से ज्यादा चूस सकता है ....... ये मुकाबला चलता रहा और मैंने श्वेता को कंधों से पकड़ कर बेड पर लिटा दिया और मेरे हाथ उसकी बांहों से गुजरते हुए उसके सीने की ओर बढ़ने लगी ........

श्वेता के दिल धड़कने मुझे सुनाई दे रही थीं ........ और फिर मेरे हाथ उसकी तनी हुए कसी और सख्त चुचियों पर घूमने लगी और आखिर मैंने उसकी चुचियाँ मुट्ठी में भर कर मसल दीं और उसने तड़प कर अपनी जीभ मेरे मुह में घुसा दी ........ हमारी जीभ आपस मे टकराने लगी और श्वेता की चुचियाँ कुछ देर मसलने बाद मेरी गिरफ्त उसके छोटे मटर के दाने जैसे फूल रहे निप्पल्स पर बढ़ गयी और मैं उसे चुटकी में भर कर मसलते हुए उसकी जीभ चाटने लगा ......

मेरा लंड एकदम ताव में था और मैंने श्वेता एक हाथ पैंट के ऊपर से अपने खडे लंड पर रखते हुए उसे जोर से दबा दिया और श्वेता एकदम से मुझसे लिपट गयी और मेरे लंड को मुट्ठी में भरने की कोशिश करने लगी ....... पर जीन्स में कैद होने की वजह से वो ऐसा कर ना सकी .........

मैंने अब अपना के हाथ श्वेता के टॉप में नीचे की ओर से डालते हुए उसके नंगे पेट को सहलाते हुए अपने हाथ को ऊपर उसकी ब्रा में कसी चुचियों की बढ़ाना शुरू कर दिया और जल्द ही उसकी ब्रा के कप समेत उसकी चूची मेरी मुट्ठी में थी ........ और दूसरे हाथ से मैंने अपनी ज़िप खोलते हुए अपने लंड को अंडरवियर की कैद से आज़ाद कर दिया ........

नंगे गर्म सख्त लंड की गर्मी अपने हाथ मे महसूस कर के श्वेता ने मेरे होंठो से ध्यान हटा कर नीचे लंड को देखा और खड़े लंड को देखते ही वो एकदम से घबरा सी गयी ....... और अपना हाथ हटा लिया ......

मैंने एक बार फिर से उसका हाथ लंड पर रखते हुए कहा डरो मत ये कुछ नही करेगा ........ और इस बार उसने हिम्मत कर के लंड को मुट्ठी में पकड़ लिया ...... मैंने उसके हाथ पर हाथ रख कर उसे हाथ को ऊपर नीचे करते हुए लंड से खेलना सिखाया और उसने अपने हाथ की नीचे सरकाते हुए लंड की स्किन खोल दी .......

गुलाबी मोटे सुपाड़े को वो बड़े गौर से देख रही थी ...... मैंने कहा श्वेता इसे प्यार करोगी ...... वो ना में सर हिलाने लगी ..... मैंने कहा कर के देखो ना अच्छा लगेगा ...... वो फिर भी कुछ नही बोली ....... तो मैंने अपना हाथ पीछे उसकी पीठ पर ले जाते हुए उसकी ब्रा के हुक खोल दिये ......., उसकी चुचियों पर झूलती ब्रा में हाथ घुसा कर उसकी नंगी चुचियाँ पकड़ ली और हल्के हल्के से दबाने लगा मसलने लगा ......

और आखिर में मैंने उसे बेड पर लिटाते हुए झुक कर उसकी एक निप्पल पर जीभ फिरा दी वो सिसक उठी और आंखे बंद कर के अपने कड़े निप्पल पर मेरी जीभ की हरकत को महसूस करते हुए अपनी जांघे भींचने लगी ....... मैंने बारी बारी से दोनो निप्पल को चाटते हुए एक हाथ नीचे ले कर जीन्स के ऊपर से उसकी चूत को दबोच लिया उसने एकदम से अपनी गांड़ ऊपर उठायी और बोली aaahhhhh विकास .......

मैं समझ गया ये एकदम गरम है और झड़ने के कगार पर है ....... मैंने एक निप्पल को होंठो में दबा कर चूसना शुरू कर दिया और उसकी जीन्स का बटन खोल दिया उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली प्लीज मत करो ना मुझे शर्म आती है .......

मैंने कहा कुछ भी ना करूँ ......? वो चुपचाप मेरी ओर देखने लगी ....... मैंने फिर पूछा जाऊं मैं ...... उसने कहा नाराज़ हो गए ...... मैंने कहा एकदम नही ...... वो बोली विकास सॉरी पर मैं अभी इसके लिए तैयार नही हूँ ........ मैंने कहा कोई नही और मैंने वापस उसकी जीन्स के बटन बंद कर दिया और अपना लंड अंदर कर के कपड़े सही करते हुए बैठ गया उसके पास .......

उसने सर झुका कर कहा सॉरी विकास मैंने तुम्हारा मूड खराब कर दिया ....... मैंने कहा एकदम नही यार तुम मुझे प्यार करती हो ये बहोत है रही बात सेक्स की तो वो तो एक ना दिन होना ही है ....... उसने कहा अगली बार मैं नही रोकूंगी तुम्हे ........

उसने अपनी ब्रा ठीक करते हुए कहा विकास मैं कुछ पूछना चाहती हूं ...... मैंने कहा हां पूछो ना ......

श्वेता- समझ नही आ रहा कैसे कहूँ .....

मैं- एकदम रिलैक्स हो कर आराम से कहो यार मैं दोस्त हूँ तुम्हारा .........

श्वेता- तुम अपनी दीदी को कितना प्यार करते हो .....?

मैं- बहोत ज्यादा ...... जितना तुमसे करता हूँ शायद उतना ही .......

श्वेता- सिर्फ बहन के नजरिये से या कुछ और भी है तुम्हारे मन में ........

मैं- वो मेरी बहन तो है ही पर उससे बढ़ कर वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी हैं इसीलिए हम हर एक टॉपिक पर खुल कर बात कर लेते हैं ..... और हमारा कुछ भी नही छिपा है एक दूसरे से ........

श्वेता- वो तो मैं देख रही हूं तुम दोनों को बॉन्डिंग लेकिन मैं ये जानना चाहती हूं कि इसके अलावा भी तुम अपनी दीदी से कुछ और चाहते हो क्या.....?

मैं- साफ साफ पूछो ना क्या पूछना चाहती हो .....?

श्वेता- मेरा मतलब की तुम उनसे सेक्स करना चाहते हो ......

मैं- सब से पहले तुम हमारे रिश्ते को हमारे प्यार को समझ लो और फिर उसे शुरू से ....... विनय वाली घटना से ले कर दिल्ली में जो कुछ हुआ वो सब उसे बताता चला गया सिवा इसके कि हमने शादी की है और सेक्स भी कर चुके हैं ....... यहाँ तक कि मैंने उसे ये भी बता दिया कि मैं और दीदी अक्सर ओरल सेक्स कर लेते हैं एक दूसरे के साथ .......

वो शांति से सब सुनती रही और जब मैं चुप हुआ तो बोली सच मे विकास भाभी किस्मत वाली हैं जो उन्हें इतना प्यारा और समझदार भाई मिला ....... मैंने कहा सॉरी श्वेता मैं तुमसे प्यार करता हूँ मगर मैं दीदी से भी उतना ही प्यार करता हूँ ....... और तुम्हें इस से कोई प्रॉब्लम हो तो अभी बोल दो क्यों कि मैं दीदी के प्रति अपना प्यार कभी कम नही कर सकता .....

वो बोली नही मुझे कोई प्रॉब्लम नही है वैसे भाभी भी तुम्हे बहोत प्यार करती हैं ....... एक बात बताऊं वो तो तुम्हारे साथ सेक्स भी कर लेंगी अगर तुम चाहो तो .....(उसने इस अंदाज में ये कहा मानो कोई बहोत राज़ की बात बता रही हो) और मैंने भी ये सुन कर हैरान होने की एक्टिंग की और बोला ......

ये शायद ठीक नही होगा श्वेता इसीलिए मैंने कभी उनसे ये इच्छा जाहिर नही की हांलाकि शायद मैं ऐसा चाहता हूं पर ठीक है उनका जितना प्यार मुझे मिल रहा है वो भी काफी है .......

और श्वेता ने मेरे गले लगते हुए कहा विकास तुम बहोत अच्छे हो मुझे तुम्हारी ये सच बोलने की आदत बड़ी पसन्द आयी ...... कुछ भी नही छिपाया तुमने सब बता दिया साफ साफ ....... बिना डरे की इस सब के बारे में जान कर मेरा क्या रिएक्शन होगा ......

मैंने कहा झूठ बोलने से कोई फायदा नही था कभी कभी ना तो ये सच तुम्हारे सामने आ ही जाता ...... और शायद उस दिन तुम मुझे माफ़ ना करती इस सब के लिए श्वेता बोली सही कह रहे हो अगर मुझे किसी और तरीके से ये पता चलता तो शायद मैं बर्दाश्त ना कर पाती पर तुमने और भाभी ने ही सब बता दिया मुझे तो अब मुझे स्वीकार है तुम्हारा ये प्यार भरा रिश्ता ......

मैंने श्वेता के गाल को चूम कर कहा thanks श्वेता तुम जितनी खबसूरत हो उतनी ही समझदार भी ....... श्वेता ने मुस्कुरा कर रहा अच्छा जी मक्खन लगा रहे हो मैंने कहा होने वाली बीवी को मक्खन तो लगाना ही पड़ेगा तभी अगली बार कुछ भला होगा मेरा आज तो सूखा सूखा गुजारा करना पड़ रहा है ........

वो कुछ सोचते हुए बोली विकास मेरी एक रिक्वेस्ट है ....... मैंने कहा बोलो यार तुम रिक्वेस्ट मत करो आर्डर दो फिर देखो मैं कैसे हर बात मानता हूँ तुम्हारी ...... वो बोली मैं चाहती हूं जब हम दोनों पहली बार सेक्स करें तो मेरी भाभी और आपकी प्यारी दीदी भी हमारे साथ मौजूद हों ....... और आप उनके साथ भी सेक्स करें उन्हें भी उनका प्यार हासिल हो और मुझे मेरा मतलब हम तीनों को .......

मैंने उसकी आँखों मे देखते हुए कहा ..... क्या सच मे तुम ऐसा चाहती हो ....... मुझे दीदी के साथ देख कर तुम्हें कोई तकलीफ नही होगी ....... उसने कहा मुझे कभी किसी और के साथ देख कर तुम्हें तकलीफ होगी क्या......? मैंने कहा ये परिस्थितियों पर निर्भर होगा अगर तुम किसी को पसन्द करती हो उसके साथ समय बिता कर तुम्हें खुशी होती है तो तुम्हारी खुशी के लिए मुझे वो कबूल होगा लेकिन अगर तुम मुझसे छुपा कर झूठ बोल कर ऐसा कुछ करोगी तो जरूर मुझे तकलीफ होगी .........

वो बोली बस ऐसे ही जब मैं कह रही हूं तो मुझे क्यों तकलीफ होगी ....... और फिर तुम भाभी जितना ही प्यार मुझे भी करते हो ना बस ....... मैंने कहा ठीक है पर दीदी से इस बारे में मैं कोई बात नही करूंगा ये काम तुम्हे ही करना होगा वो बोली ठीक है मैं कर लुंगी .......

बातों बातों में काफी टाइम बीत गया था 6 बजे मुझे माँ जी को लेने जाना था सो मैं गाड़ी ले कर मंदिर चला आया और माँ जी को ले कर वापस घर आ गया ...... माँ जी मुझसे बड़ी खुश थीं और ढेरों आशीर्वाद देने लगी ...... मैं वहीं उनके पास बैठ कर बातें करने लगा ....... और श्वेता किचन में रात के खाने की तैयारी करने लगी ........

8 बजे तक दीदी जीजू भी आ गए और वो दोनो काफी खुश और रिलैक्स दिख रहे थे ....... फिर रात के खाने के बाद सब अपने अपने कमरों में चले गए कल हमे निकलना था ........ ।

इस रात कुछ खास नही हुआ और अगली सुबह एकदम सवेरे 5 बजे किसी ने मुझे जगाया मैं उठ कर बैठ गया तो देखा श्वेता थी उसने मुझे गुड मॉर्निंग बोला और मेरे पास बैठ कर अपना हाथ मेरे लोअर पर रख कर मेरा लंड जो कि हर सुबह खड़ा ही होता है सहलाने लगी ....... मैंने उसकी गुड मॉर्निंग का जवाब दिया और उसकी इस हरकत पर थोड़ा हैरान होते हुए पूछा ये क्या है जान ........

वो मुस्कुरा कर बोली मुझे भाभी ने भेजा है मैंने कहा किसलिये वो बोली तुम्हारे इसको प्यार करने के लिए ....... मैंने कहा पर कल तो तुम घबरा रही थी और बोल रही थी अगली बार ...... वो बोली हां पर कल रात मैंने भाभी को सब बताया ...... हमारे बीच जो हुआ वो भी और हमारी जितनी बातें हुईं वो भी ....... मैंने कहा फिर ...... वो बोली फिर क्या भाभी ने मुझे समझाया कि जब किसी का मूड बना हो तो उसे रोकना या मना नही करना चाहिए ......

इसलिए मैं सुबह सुबह आ गयी कि जाने से पहले ज्यादा नही तो एक बार इसे थोड़ा सा प्यार ही कर लूं ....... मैं उसकी नादानी पर मुस्कुरा दिया मैंने कहा थोड़ा सा यानी कल की तरह आज भी सारा दिन मैं तड़पता रहूं तुम्हारी याद में ....... मैंने कहा देखो जब करना पूरा प्यार करना ये आधे अधूरे से बस प्यास बढ़ती है .......

वो कुछ उदास सी हो कर बोली सॉरी विकास कल के लिए ....... मैंने कहा कोई नही यार मैं समझता हूं तुम एक लड़की हो और पहली बार के लिए खुद को तैयार करने में समय लगता है वो बोली तुम सच मे बहोत अच्छे हो विकास ........ अच्छा एक काम तो कर दो मेरे लिए ...... मैंने कहा बोलो उसने कहा मुझे एक बार इससे वो निकाल कर दिखाओ .......

मैंने जान बूझ कर अंजान बनते हुए कहा किस से क्या निकाल कर दिखाऊँ ...... वो लंड को मुट्ठी में दबा कर इस से वो निकलता है ना सेक्स के टाइम ...... मैंने कहा तुम्हें इसका नाम नही पता ...... वो बोली पता है ...... मैंने कहा फिर ये वो क्या कर रही हो साफ साफ बोलोगी तो दिखाऊंगा ....... वो हकलाते हुए बोली मुझे अपने ल लंड से वो रस निकाल कर दिखाओ न .......

मैंने कहा ठीक है दिखाता हूँ लेकिन मुझे भी कुछ देखने को मिले तो मुझे भी अच्छा लगेगा ...... उसने कहा क्या देखना है बोलो ...... मैंने कहा एक काम करते हैं हम दोनों ही कपड़े निकाल देते हैं और फिर मैं तुम्हे मुठ मार कर अपने लंड का रस निकाल कर दिखाऊंगा ......

ठीक है ना ...... उसने बड़ी मुश्किल से हां में सर हिलाया मैंने कहा चलो फिर शुरु हो जाओ और मैंने अपनी बनियान निकाल कर फेंक दी वो उठी और कमरे का दरवाजा बंद कर के वापस आ गयी उतनी देर में मैं लोअर भी उतार चुका था और अंडी में मेरा खड़ा लंड उभरा हुआ नजर आ रहा था ....... उसने बेड के पास आ कर अपनी नाइटी खोलते हुए निकाल कर बेड पर डाल दी और मेरे लंड के उभार को देखते हुए ब्रा खोलने लगी .......

मैंने उसके नंगे दूधिया चिकने जिस्म को देखते हुए अपना अंडरवियर सरकाते हुए खड़ा लंड बाहर निकाला और उसे मुठियाने लगा ....... उसने बड़े गौर से लंड को देखते हुए अपनी ब्रा भी निकाल कर रख दी और फिर पैंटी में उंगलियां फंसा कर उसे भी नीचे सरकाते हुए टांगो से निकाल दिया ......

वो एकदम नंगी हो चुकी थी और मैं उसकी चूत देखता ही रह गया ......... घनी रेशमी झांटो से भरी अनचुदी कुंवारी चूत के लिप्स आपस मे एकदम चिपके हुए थे ...... मैं उसकी चूत देख कर अपने होंठो पर जीभ फिराते हुए तेजी से लंड पर हाथ चलाने लगा और फिर मैने बेड पर पड़ी उसकी पैंटी उठा ली और उसे अपनी नाक पर रख कर सूंघते हुए मुठ मारने लगा ........

वो मुस्कुराते हुए मेरी हरकतें देख रही थी ........ मैंने कहा श्वेता प्लीज अपनी बुर खोल कर दिखाओ ना ...... वो बोली कैसे मैंने उसे बेड पर चौपाया बनने को बोला और वो बेड पर चढ़ कर झुकते हुए अपनी गांड़ उभार कर घोड़ी बन गयी अब उसकी चूत के साथ गांड़ की दरार और छेद भी मुझे साफ नजर आ रहा था इतनी खूबसूरत गांड़ देख कर मेरे मुह में पानी औए सुपाड़े पर प्रिकम की बूंदें आ गयी ........

मैंने एक हाथ से उसकी नंगे चूतड़ सहलाते हुए मुठ मारनी जारी रखी और बोला उफ़्फ़फ़फ़ श्वेता बहोत खूबसूरत हो तुम ....... love you मेरी जान ...... उसने गर्दन मोड़ कर मुझे देखा और मुस्कुरा कर बोली ....... love you to विकास ....... मैंने कहा दीदी होती तो मेरे लंड का रस चूस कर पी जाती वो कभी मुझे लंड का रस जमीन पर नही गिराने देती हैं ......

उसने हैरानी से कहा इसे पिया भी जाता है क्या मैंने कहा हां लड़कियां तो बहोत पसन्द करती हैं लंड का रस पीना ...... वो बोली ह्म्म्म तो मैं भी try कर लूं क्या आज मैंने कहा जैसी तुम्हारी मर्ज़ी पर फिलहाल तो मेरा दिल तुम्हारी गांड़ के इस नन्हे से छेद पर आ गया है ....... और मैंने झुक कर श्वेता की गांड़ पर अपने होंठ रख दिये वो मेरे होंठो की गर्मी अपनी गांड़ पर बर्दाश्त नही कर पाई और उसके मुह से एक तेज aaahhh निकली .......... और मैं तेजी से उसकी गांड़ के छेद को जीभ से कुरेदते हुए अपने लंड को मुठियाने लगा ........ श्वेता उत्तेजित हो कर तेजी से सिसिया रही थी .......

मुझे लगा वो झड़ने वाली है उसका बदन अकड़ने लगा था और वो अपनी गांड़ मेरे मुह पर दबाते हुए आहें भर रही थी मैंने अपने दूसरे हाथ को उसकी चूत पर रखा और उसकी झांटो को सहलाते हुए चूत की दरार में उंगली फिराई उसकी चूत में काफी नमी थी ...... और मैंने जीभ को गांड़ से फिराते हुए उसकी चूत की दरार तक का सफर तय करने दिया और फिर उसकी चूत के बंद होंठो को जीभ से खोलने की कोशिश करने लगा ........ बस 8-10 चूत पर जीभ फिराते ही वो कांपने लगी और बोली aaahhhhh विकास ....... उफ़्फ़फ़फ़ ससीईईईईई उसकी चूत के होंठ फड़फड़ाये और कुछ खट्टी कसैली बूंदे मुझे अपनी जीभ पर महसूस हुई मैं उस रस को चाट चाट कर पीने लगा और दो मिनट बाद जब मैने उसकी बुर से छलकी एक एक बूंद को गले से नीचे उतार लिया तब मैं बेड से नीचे उतरा मैं भी अब झड़ना चाहता था कल से मेरा लंड अनगिनत बार खड़ा हो चुका था पर हर बार उसे मायूसी ही मिलती थी ......

श्वेता ने मुड़ कर मुझे देखा मैंने कहा श्वेता इधर बैठो सीधी हो कर मेरे सामने और वो उठ कर बेड पर पैर लटका कर बैठ गयी ....... मैं उसके पास आ गया और उसके चेहरे के ठीक सामने अपना लंड तेजी से मुठियाने लगा वो गौर से लंड को देख रही थी मैंने कहा श्वेता एक बार मुह में लो ना इसे...... और उसने अपना मुह खोलते हुए सुपाड़े को मुह में दबा लिया और जीभ को उस पर फिराने लगी ........

मेरा आंड़ सिकुड़ने लगे ....... मैंने कहा aaahhhhhh श्वेता लो मेरी जान पी लो मेरे लौड़े का रस और इसी के साथ मेरे सुपाड़े से फव्वारे की तरह वीर्य की बारिश होने लगी ........ श्वेता ने चौंकते हुए पीछे हटना चाहा पर मैंने एक हाथ से उसके सर को पकड़ लिया और पहली दो फुहारे उसके मुह में मारने के बाद अगली सारी फुहारे उसके गोर मासूम चेहरे पर और उसके चश्मे के ग्लास पर मेरा वीर्य बहता हुआ उसके गाल पर टपकने लगा आखिरी बूंदे उसके गुलाबी होंठो पर टपकाने के बाद मैंने उसे छोड़ा और देखा तो वो मुह फुलाये हुए मुझे देख रही थी उसके मुह में मेरा वीर्य था उसने इशारे से पूछा इसका क्या करूँ मैंने कहा टेस्ट अच्छा लगा हो तो पी लो ........ उसने मुह में भरे हुए वीर्य को गुटक लिया और गहरी सांस ले कर बोली ....... कितना गरम और चिपचिपा था ...... फिर वो अपना चश्मा उतार कर बोली इसे भी गंदा कर दिया तुमने मुझे कुछ दिख नही रहा ये लगा के मैंने कहा एक काम करो चाट के साफ कर लो इसे ......

और वो सच मे चश्मे के शीशे पर जीभ फिराते हुए उस पर से मेरा वीर्य चाटने लगी ........ चश्मा साफ कर के उसने एक ओर रख दिया और उठ कर बाथरूम में चली गयी दो मिनट बाद वो अपना चेहरा साफ कर के आयी और अपने कपड़े पहनने लगी मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए 5:40 हो रहे थे ...... वो कपड़े पहन कर मेरे पास आई और मुझे गले लग कर बोली thanks viky you are so sweet love you so much ......

मैंने उसके होंठ चूम लिए और वो बोली अब मैं जाती हूँ सबके उठने का समय हो रहा ...... फिर वो कमरे से निकल गई और मैं वापस लेट गया ....... फिर 8 बजे तक नहा कर मैं भी नीचे आ गया ...... सबके साथ नाश्ता किया और प्रतीक ऑफिस जाने लगे तो मैंने उनके पैर छुए और कहा आप तो अब शाम को ही आओगे हम लोग निकल जाएंगे तब तक .......

वो बोले ठीक है पर दोपहर का खाना खा कर आराम से जाना ....... मां जी बोली मैं वैसे भी ऐसे नही जाने दूंगी इन दोनों को ........ और फिर प्रतीक चले गए ....... दीदी और श्वेता वहीं बैठ कर बातें करने लगी ....... और मैं ऊपर चला आया ...... दोपहर में 2 बजे दीदी ने कॉल किया कि आओ खाना खा लो मैं नीचे आया सबने खाना खाया ....... और फिर 3 बजे हम मां जी के पैर छू कर वहां से निकल पड़े .......
वापस प्रयागराज की ओर ......।

रास्ते मे दीदी ने मुझे अपनी और श्वेता की सारी मस्ती के बारे में बताया और ये भी की वो भी मानसिक रूप से हमारे रिश्ते को स्वीकार कर चुकी है बस एक बार हमारी ग्रुप में चुदाई हो गयी तो सब सही हो जाएगा ....... मैंने कहा thanks दीदी मेरे लिए कितना कर रही हो तुम .....

वो मुस्कुरा कर बोली तुम्हारे लिए नही जान हमारे लिए अपने लिए ....... फिर उन्होंने ये भी बताया कि कल शाम जब प्रतीक उन्हें ले कर गया था तो वो अपने एक फ्रेंड के फ्लैट पर ले गया जहां उन्होंने एक घन्टे जम के चुदाई का मज़ा लिया ....... मैंने कहा सही है शादी से पहले ही सुहागरात सुहागदीन सब मना लो वो बोली शादी तो हो चुकी है मेरी पहले ही ....... और गले मे पहने हुए मंगलसूत्र को पकड़ लिया ........ ऐसे ही बातें करते हुए हमारा रास्ता कट रहा था .......।
Bahut badiya update bro
 

sunoanuj

Well-Known Member
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Wah bahut hi behtarin kahani hai… is plot par bahuton ne try kiya par koi bhi aapke jaise umda nahin likh paya …

Bahut hi jabardast story hai …

👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻🌷🌷🌷
 
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