• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest जिन्दगी ## एक अनाथ की##

Goldybull

Member
225
3,413
123
Update 74
शिवा जब सबके साथ नाश्ता कर रहा था तब सबको शिवा थोड़ा बदला सा लगने लगा था कल के मुकाबले ,उसके बाल जो पहले थोड़े से सुनहरे थे अब कुछ ज्यादा ही घने सुनहरे लग रहे थे उसकी नीली आंखों में भी हल्की सुनहरी चमक दिखाई देती थी सबसे ज्यादा डर नीलो को शिवा के बदलने से लगता था ,उसकी चुत को फिर फटना पड़ता था उसके बदलाव के साथ ,उसकी और सबकी मन की बातों को जानकर हसि आ रही थी ,उसने अपनी माया से सबके मन मे यह खयाल निकाल दिए कि उसमे कुछ बदलाव हुवा है ,यही सब माया का असर हर एक पर किया जो उसको जानता या पहचानता हो ,
शिवा ने नरगिस से कहा ,मेने और कालने अपना काम लगभग खत्म कर दिया है 2 दिनों में एक सॉफ्टवेयर बन जायेगा ,तुम अपनी सॉफ्टवेयर के लिए एक बड़ी सी ऐड पेपर में दो ,जो भी हमारे सॉफ्टवेयर को हैक करेगा उसे हम एक करोड़ इनाम देंगे ,इसकी वजह से सब जगह हमारे सॉफ्टवेयर के बारे में पता चल जाएगा ,आजकल का जमाने में हमे ऐसे ही बातोसे अच्छी पब्लिसिटी मिल जाएगी और बहुत सी बड़ी कंपनियां हम लोगो के सोफ्टवेयर में रुचि दिखाएगी ,तुम आज सनम के साथ जाकर ऐड भी दे देंना और हमारी कंपनी की जो परमिशन हमने दाखिल की थी ,उसको भी देख लेना ,काल के साथ आज में थोड़ा बाहर जाने वाला हु ,हम 2 घण्टे में वापिस आ जाएंगे ,नेत्रा और हिमांनी तुम दोनो भी नरगिस के साथ चली जाना
सब को कम बताकर काल को साथ मे लेकर शिवा निकल गया लेकिन जो काल बनकर शिवा के साथ आया था वी केतकी नही नेत्रा थी जैसा काल ने उन दोनों के मन में पहली बार ही कह दिया था ,कालने शिवा के बाइक पर थोडी दूर जाते ही नेत्रा का रूप ले लिया और बाइक एक जगह लगाकर दोनो भवानीगढ़ के जंगलों में पहुंच गए जहाँ कालने सर्पिणी ,विशाखा के साथ नील और सब भेडियमानव को पहले ही बुला लिया था ,वहा जाकर उसने अश्व कन्या माला और बानी को भी बुला लिया था ,जिन्हें देखकर सब हैरान थे सिवाय काल,विशाखा और सर्पिणी के ,कालने उन दोनों के बारे में सबको बता दिया ,वो सबको जानती ही थी ,
काल ने फिर सबको यह बता दिया कि कल वो सर्पलोक गया था ,उसने उनको सिर्फ अपने परीक्षा के बारे में छोड़कर सब बता दिया ,सबको यह जानकर खुशी हो गईं थी कि दोनो बहनो को अपनी सारी ताकद हासिल होकर वो इच्छाधरि शक्तियों की मालिक बन गई थी ,जिसकी वजह से उनकी ही ताकद बढ़ने वाली थी ,नेत्रा को भी अपनी दोनो सहेलियों के हजारो साल की प्रतीक्षा का दुख पता था उनको अपना पूर्ण स्वरूप मिलने से उसे भी आनंद ही हो रहा था ,
काल ने कहा ,आप सब लोगो को में एक बात बताना चाहता हु ,इस मंदिर के चमत्कारी पथर के बारे में अब पूरी दुनिया मे पता चलने वाला है ,कोहिम को मैने जब मारा था तब मुझे यह पता चला था, इसके बारे में उसको भेडियमानव को सैकड़ों सालों की तकलीफ देते वक्त एक के दिमाग पे काबू करने पर पता चला था ,कोहिम इसको अकेला ही पाना चाहता था ,जिसकी मदद कुछ पाताल के मायावी असुर कर रहे थे ,कोहिम के मरने के बाद मेने वहाँ के सारे काले शक्ति धारक मायावी असरो को मार दिया था ,पर कुछ असुर मेरे काली घाटी के पहुचने से पहले पाताल में चले गए थे ,उनको यह सब बात पता थी ,अब कोहिम के मरने की खबर उनतक जाने के बाद वो अब अपने साथ और ताक़दवर लोगों को मिलाने के लिये चमत्कारी पथर की बात सब जगह पर फैला देंगे ,हमारे लिये अब खतरा बहुत ज्यादा बढ़ने वाला है ,कौन अब यहाँ पर आ धमके पता नही चल सकता ,बहुत सी बड़ी ताकद रखने वालों से हमारा सामना होने वाला है ,हमे अब पहले से ज्यादा सावधान रहना होगा ,में आज यहां मन्दिर के आसपास एक ताक़दवर सुरक्षा कवच लगाने वाला हु ,आप सबके ऊपर भी में एक ताक़दवर सुरक्षा कवच लगाने वाला हु ताकि आप हर खतरे का डट कर सामना कर सके ,आज रात को में माला और बानी के साथ अश्वलोक जाने वाला हु ,वहां पर इन दोनों की ताकद पूरी करके में सुबह तक आ जाऊंगा ,इन दोनों की ताकद अश्वलोक जाकर पूरी होने के बाद ये पहले से 10 गुना ताक़दवर होगी जो हमारे काम मे बहुत मदद आने वाली है ,आज के बाद कोई भी भवानीगढ़ के मंदिर से कही नही जाएगा ,में हमेशा यहा से जुड़ा रहने वाला हु ,यहा कोई भी खतरा आने पर में पलभर में यहा आ जाऊंगा ,बस आज के बाद सब लड़ाई के हमेशा तैयार रहे ,
काल ने अपनी बात खत्म करने के बाद अपनी पूरी ताकद के साथ एक अभेद्य सुरक्षा कवच मंदिर के चारो तरफ लगा दिया उसके बाद उसने हर एक पर अपना ताक़दवर सुरक्षा कवच लगा दिया थोड़ी देर सबको समझाकर नेत्रा को लेकर वो वापस मुंबई आ गया ,जब वो घर जा रहे थे तब नेत्रा ने काल से कहा हमे हिमांनी और केतकी को भी इस काम मे लगा देना चाहिए केतकी की ताकद तो मेरे जितने ही है और उसकी कालीनागिनो की फौज बहुत ही खतरनाक है उसको भी हम इस काम में लगा सकते है ,साथ ही काल को हिमांनी और केतकी से शादी कर लेनी चाहिए ,हिमांनी दुनिया की एकमात्र नीली सर्प है जिसमे बहुत ही बेमिसाल ताकद है जो उसको शादी के बाद ही हासिल होगी ,हिमांनी को अगर उसकी पूरी ताकद मिल गई तो वो अकेली ही किसी भी फौज पर भारी पड़ सकती है ,उसकी आधी ताकद तुमको भी मिलेगी जिसका तुम्हे हर तरह की लड़ाई में फायदा ही होगा ,शिवा ने भी उसकी बात का समर्थन किया और कहा वो जल्द ही दोनोसे शादी कर लेगा ,आज पहले उसे अश्वलोक जाके आने दो ,उसके बाद इन दोनों से शादी कर लूंगा ,
शिवा ने अब सोच लिया था वो मरता मर जायेगा पर इस चमत्कारी पथर को किसी गलत हाथ मे जाने नही देगा ,अगर वो चमत्कारी पथर की परीक्षा में नाकाम भी रहा पर वो अपने मरने से पहले इस चमत्कारी पथर की सुरक्षा इतनी मजबूत कर देगा कि कोई चाहकर भी उस तक नही पोहच सकेगा ,सर्पलोक में हासिल ज्ञान से उसे एक बात पता चल चुकी थी अगर वो इस परीक्षा में नाकाम रहा और उस चमत्कारी पथर ने किसी और को बिना कोई परीक्षा के चुन भी लिया तो उसे हासिल करने के लिये उस चुने हुवे व्यक्ति को भवानीगढ़ के मंदिर में आना ही होगा ,तभी वो पथर उसको हासिल हों सकता है ,और शिवा मंदिर के आसपास ऐसी पवित्र शक्ति का जाल बनाकर रखेगा की कोई भी पापी उसको भेदकर मन्दिर में जा ही ना सके ,शिवा ने अपने आप को एक बड़ी लड़ाई के लिये तैयार करना शुरु कर दिया था ,
शिवा ने काल को घर छोड़ दिया उसे एक बात का अहसास था कि उसके सामने बहुत बड़े खतरे आने वाले है ,उसने अपने हर एक चाहने वाले के ऊपर एक सुरक्षा कवच लगा दिया था ,मुम्बई के घरवालों से लेकर नेत्रा के परिवार वालो के हर व्यक्ति पर अब उसका सुरक्षा कवच था ,यहा तक उसने ज्वाला के पूरे परिवार पर भी सुरक्षा कवच लगा दिया था ,शिवा ने सोच लिया था कि अब वो सब के हर अरमान पूरे करेगा उसकी जिंदगी कब खत्म हो इस बात का उसे पता नहीं था पर सबकी इच्छा वो पूरी करने वाला था और इसकी शुरवात वो अभी शान्ती के इतने महिनो की तलाश को खत्म करके करने वाला था ,नेत्रा को जब उसने घर छोड़ा तब दस बज गये थे उसने अपने मन मे देखा इस वक्त शांति कहा है तब उसको वह उसके घरमे अपने बाथरूम में नहाते हुवे दिख गई उसके मन मे अभी उसी शख्स का ख्याल था जो उसे चोद कर गया था ,शिवा ने सीधा गायब होकर शन्ति के बाथरूम पोहच गया और उसपर अपनी माया का प्रयोग करके समयमनी में ले गया ,शांति पूरी नंगी होकर नहा रहीं थी शावर के नीचे भिगतीं वो कही से 3 जवान लड़कियों की माँ नही लगती थी अपनी 45 साल की उम्र में भी वो एक 35 साल की ही गदराई औरत लगतीं थी,शिवा उसकीं 42 की कड़क चुचिया देख रहा था जिसपे बहता पानी उसकी 32 की कमर को भिगाकर उसके 44 की कातिल गांण्ड पर से नीचे गिर रहा था ,पूजा का और उसका चेहरा एकदम हुबहू मिलता था ,पूजा शांति के जवानी के दिन याद दिलाती थी आखिर उसकी बेटी जो ठहरी ,जिस लड़की से वो मोहब्बत करता था ,आज उसकी ही मा को वो चोदने वाला था
शिवा ने पहले पानी का शॉवर बन्द कर दिया ,शन्ति अपने ख्याल में इतना गुम थीं कि उसको कुछ पता भी नही चला ,
आप मुझे क्यो तलाश कर रही थी ,शिवाने अदृश्य रुप मे ही कहा ,शांति इस आवाज से एकदम बिदक गई और डर कर बोली ,कोंन बोलो,कोंन है यहा पर ,शिवा ने हसकर कहा ,डरिये मत ,में वहीं हु जिसको आप इतने दिनो से तलाश कर रही थी ,आप से मिलने ही में आया हु ,कहीये क्या कहना चाहती थी आप मुझसे ,
में तुमको ,,,,तुम दिखते क्यो नही ,कही तुम कोई भूत तो नही हो ,शन्ति ने डर से कहा ,
मेने कहा ने आप डरिये मत और खुद को मुझसे मत छुपाईये, में पहले भी आपको पूरा नंगा देख चुका हूं और आपको एक बार चोद भी चुका हूं ,में कोई भूत नही हु ,बस मुझमे कुछ शक्तिया है ,जैसे में अदृष्य हो सकता हु ,कहीं भी जा सकता हु ,कोई दरवाजे ,खिड़की ,दीवार के आरपार देख भी सकता हु और उनके आरपार भी जा सकता हु,शिवाने कहा ,
तुम इसान ही हो न ,या कोई और ग्रह के जीव ,शन्ति ,
में इंसान ही हु ,पर कुछ शक्तिया का मालिक,शिवा ,
तुम कैसे इंसान हो ,जो अदृष्य होकर औरत से बिना मर्जी संभोग करते हो ,तुमको शर्म नहीं आतीं ऐसा करते हुए,शांति ने कहा ,
पहेली बात में किसी को उसके मर्जी के बिना नही चोदता,तुम्हारी दोनो देवरानियों की इज्जत मैंने बचाई थी,शायद यह बात उनको भी याद नही होगीं ,चलो तुमको में इस बात का सबुत भी दे देता हूं ,शिवाने यह कहकर उसको निता और सीमा के साथ हुवीं घटना की पूरी वीडियो जो उसने रेकॉर्ड की थी वो दिखा दी ,सीमा और निता की सब हवस भरी हरकते ,उनका चुदने के लिये तड़पना, बाद में उनको किसी अदृष्य व्यक्ति के साथ चुदाई करते देख कर शांति भी गर्म होने लगी थी ,उसका पूरा चेहरा लाल हो गया था ,चुचिया पूरी तनकर कड़क हो गई थी ,चुचिया के बड़े से निप्पल भी तन गये थे और उसकी चुत भी अपना पानी छोड़ रही थी ,जो उसके गीले बदन से समझ नही आ रहा था ,उसकी आंखें भी लाल गलाबी हो गई थी ,उसने कहा ,इनके साथ कौन ऐसा कर सकता है ,और इनकी मदद तुमने की ,लेकिन ,मुझे क्यो नींद में चोदकर चले गए ,मुझे तो किसीने कोई दवाई नही खिलाई थी निता और सीमा की तरह ,
में गलती से तुम्हारे साथ चुदाई कर बैठा था ,इस बात की में आज तुमसे माफी मांगता हूं ,पहली बार ऐसा हुवा था कि मैने किसी को उसकी मर्जी के बिना भोगा हो ,इस बात का आज भी मुझे पछतावा होता है ,तुम जो चाहती हो मुझे सजा दे सकती हो ,और तुम्हारी देवरानियों को साथ जो हुवा उसके पीछे जो है में उसको जल्दी ही ढूंढ लूंगा और फिर शिवा ने शांति को उस रात की पूरी दास्तान सुनाई यह भी बताया की इसमें निता की भाभियों को कैसे ब्लैकमेल करके सब काम करने के लिये मजबूर किया ,सब सुन कर शांति ने कहा ,तुम अनजान होकर हमारे लिये कितना कर रहे हो ,तुम नही होते तो शायद उस दिन मेरी दोनो देवरनिया अपने हवस में अपनी की हुवीं हरकतों से अपनी जान दे देती ,हमारा पूरा परिवार बिखर जाता ,हम किसीको मुह दिखाने के लायक नही रहते ,तुम्हारे इस अहसान के बदले तुमने जो मेरे साथ किया उसको में माफ कर देती हूं ,पर ,तुमने मेरे साथ किये हुवे उस हरकत से में आजतक बैचन रहने लगी हु,मेरा बदन रोज जलता है ,में क्या करूँ इस आग को तुम ही बोलो में क्या करूँ ,इतना कहकर शांति अपने दोनो हाथो में अपना चेहरा छुपाकर जोरजोरसे रोने लगी ,उसकी इतने दिनों की तड़प ,घुटन आज खुलकर बाहर आ गयी थी,उसके बदन को शिवा की चाहत हो गई थी ,जिस अनजान से वो चुदी थी फिर उसके साथ चुदने के लिये वो तडप रहींथी ,पर अपने मुह से वह यह बात नहीं कह पा रही थी ,शिवाने उसको खीच कर अपने बाहो में भर लिया और किसी आशिक की तरह उसे सहलाते हुवे प्यार से चुप कराने लगा ,शन्ति भी किसी बेल की तरह से शिवा से लिपट गईं थी ,उसे बहुत सुकून मिल रहा था उसकी बाहो में आकर ,शिवाने उसके आसु पोछकर कहा ,दर्द मेने दिया था तुमको और दवा भी में ही करूँगा पर तुमको आज एक दर्द और झेलना पड़ेगा जो तुमको सारी तड़प और बैचेनी को खत्म कर देगा ,
इतना कहकर शिवा ने शन्ति के थरथराते होठो को अपने मुह में लेकर बड़े प्यार से उनको चुसने लगा ,शान्ती बस इस मीठे से चुंबन के महसूस करती उसका आनंद लेने लगी ,शिवा ने माया से अपने सारे कपड़े गायब कर दिए और वो नंगा हो गया ,शन्ति को किस करते हुवे उसने शान्ती की बड़ी सी मटकों जैसी गांण्ड को दोनो हाथोसे पकड़ कर दबाने लगा और उसकी चुत को अपने लंड पर दबाने लगा ,शान्ती को अपनी गांण्ड पर शिवा के मजबूत हाथो की पकड़ और चुत पर एक बड़े से गर्म लन्ड का एहसास से एकदम सिहर गई ,उसने भी अपनी बाहों का घेरा शिवा के गर्दन डालकर उसके चुम्बन का साथ देने लगी ,शान्ती के इस गदराई जवानी से शिवा भी गर्म हों रहा था ,शन्ति के ओठो के साथ अब शिवा उसके मुह में जुबान डालकर ऊसकी जीभ को पकड़कर चुसने लगा ,शान्ती को शिवा ने किस करके ही पूरा गर्म कर दिया था ,उसके छाती में शान्ती की बड़ी सी चुचिया दब गई थी और उसके निप्पल खड़े होकर उसको चुभ रहे थे ,शिवा ने शान्ति के होठो छोड़ दिया और नीचे बैठकर उसकी चुत में अपना मुह लगा दिया और उसके झरने से बहते पानी को चुसने लगा ,साथ मे उसने उसके दोनो चुचिया को अपने हाथ ऊपर करके कसकर दबा रहा था ,ऐसी मजबूत पकड़ से चुचिया दबाकर और चुत की चूसाई ने उसके चुत ने अपना पानी शिवाक़े मुह में छोड़ दिया ,उसके हाथ पांव में झड़ंने जान ही नही बची थी ,उसके पाव थरथराने लगे थे ,पर शिवा का मन अभी भरा नही था उसने शन्ति को दीवार की तरफ मुह करके खड़ा किया और उसके शॉवर के पाइप को पकड़ने को कहा ,शिवा का दिल तो उसकी कोरी गांण्ड पे आया था जो कबसे उसको बैचेन कर रही थी ,शिवाने शन्ति के गांण्ड के पास बैठकर उसकी बड़ी सी गांण्ड के को पकड़कर फैला दिया ,जिसके वजहसे उसके गांण्ड का छोटासा लाल छेद शिवा को दिख गया,शिवाने पहली इस गांण्ड से आ रही मदमस्त खुश्बू को मन भर के सूंघने लगा और उसके गांड़ में अपनी जीभ डालकर उसके चुसने और चाटने लगा ,शन्ति अपने गांण्ड के छेद पर हुवे हमले से सीत्कार लगाते हुवे कसमसाई ,और मुह से एक मादक आवाज में बोली ,माँ sssss यह क्यो कर हो तुम ,,,,
शिवा तेजीसे उसकी गांण्ड के छेद को चाटते हुवे अपनी दो अंगलियो से उसकी चुत को चोदने लगा ,पाँच ही मिनीट में शान्ती झड़ंने लगी ,शिवा ने शन्ति की एक टांग अपने हाथ मे पकड़कर उसके चुत में निकलते पानी को चाटने लगा इस बार जब शिवाने उसके चुत के दाने को मुह में लेकर चूसा तो शन्ति के चुतसे एक तेज धार पेशाब की निकल गईं जिसको भी शिवा ने अपने मुह में लेकर पूरा पी गया ,शन्ति अब बुरी तरह थरथर कापने लगी थी ,शिवा ने उसको थामा नही होता तो वो कबसे नीचे गिर गईं होती ,उसका चेहरा, चुचिया, सब एकदम लाल हो गए थे ,शिवा ने फिर शॉवर चालू कर दिया और उसके नीचे शन्ति को लेकर पानी मे भीगता कुछ देर उसके होठो को चूसने लगा ,दोनो के बदन को अच्छी तरह साफ करके, उसे अपनी बाहों में उठाकर वैसाही गीले बदन से बिस्तर पर ले आया ,उसने शन्ति को पीठ के बल लिटाकर उसके दोनो टांगो को अच्छे से फैला दिया और शन्ति के चुत के छेद पर अपने बड़े से लन्ड का टोपा भिड़ा दिया ,शान्ती के कान के पास जाकर शिवा ने धीरे से कहा ,थोडी देर दर्द सहन करना होगा पर उसके बाद तुम हवा में उड़ने लगोगी ,
शन्ति पहले भी अच्छे से चुदी हुवीं थी उसको सब बातें पता थी ,पर उसकी चुत पर जिस लन्ड को वो महसूस कर रही थी वो कोई मामूली लंड नही लग रहा था ,अब तक सिर्फ वो दो ही लन्ड से चुदी थी ,वो भी इसके सामने एकदम मामूली ही थे ,शांति अपने आप को मजबूत करती ,अपने चुत पर होने वाले इस भीषण लन्ड के हमले के लिये तैयार होने लगी थी ,शिवाने अपने मुह को शान्ति के होठो से जोड़कर एक जबरदस्त हमले से अपने लन्ड को शान्ति के तीनों बच्चों को पैदा करनी वाली चुत को फाड़ता हुवा 1/3 अंदर घुसा दिया ,शान्ती को 3 बच्चे पैदा करने पर इतना दर्द नही हुवा था उतना दर्द आज हो रहा था ,वो अपने दर्द से गला फाड़कर चिल्लाने लगी पर शिवाने उसके दर्द की परवाह किये बैगर और दो धक्कों में उसके चुत में जड़ तक अपना 15 इंच का मूसल घुसा दिया ,उसके चुत को बुरी तरह फाड़ दिया था शिवाने ,शान्तिं का रो रो कर बुरा हाल था ,अपने आप को कोसती ,वो शिवा के नीचे तड़फड़ा रही थी ,पर शिवा रुकने का नाम नही ले रहा था ,वो शान्ति की चुचिया दबादबाकर उसके होठो को चूसता उसके चुत में दनादन अपने लन्ड को ठोक रहा था और उसको अपने लंड के माप की बना रहा था 10 मिनीट तक शिवा के नीचे उसके लंड से अच्छी तरह अपनी चुत की कुटाई के बाद शन्ति भी अपनी गांण्ड उठाउठकर उसका साथ देने लगीं थी ,उसकी चुत इस दौरान एक बार झड जाने उसके चुत में चिकनाई आ गईं थी ,शिवा के साथ इसी पोझ में 3 बार झड़ंने के बाद शिवा ने उसे घोडी बनाकर एक ही बार मे अपना लंड उसकी चुत में पूरा उतार दिया ,शान्ती को इतना चुदने के बाद भी बहुत तेज दर्द हुवा था ,शिवा को शान्ती को चोदते हुवे ऐसा लग रहा था मानो वो पूजा को ही चोद रहा हों,उसके लन्ड में एक अलग ही हलचल मची हुवीं थीं ,शान्ती के तीसरे बार पानी छोडते वक्क्त शिवाने भी शान्तिं के चुत में अपना लंड अंदर तक दबाते हुवे उसकी चुत की इतनी सेवा का फल ,अपनी गरम और गाढ़ी मलाई भरभर के देने लगा ,शन्ति के चुत ने आज तक अपनी चुत में इतना गर्म और गाढ़ा माल ,वो भी उसके चुत को पूरा भरने के बाद भी ,उसके चुत के होठो से नीचे बहता पहली बार महसूस कर रही थी , शांति के इतने दिनो की तड़प ,बैचेनी आज पूरी तरह खत्म हो गईं थी ,उसके पूरे बदन को जलाने वाला ताप एक सुखद दर्द के मीठे अहसास में उसके पूरे बदन में फैल गया था ,शान्ती को शिवाने दो बार और जमके चोदा ,जिसमे उसके चुत को ही वो अपना माल खिलाते रहा ,शांति की चुत इस भीषण चुदाई से पूरी सूज गईं थी ,आज शिवा ने अगर उसकी गांड़ मारी तो वो दस दिन बेड से उठ नही सकतीं थी ,शिवा ने शांति को कपड़े पहनकर ,चुत में दवा लगाकर ,एक पेनकिलर दी और आराम करने को कहा, उसने शान्ती से इतना हीं कहा तीन दिन तक तुम आराम करो ,उसके बाद तुम्हारी छोटी सी गांण्ड को भी बड़ा बना देंगे ,शान्ती शिवा की इस बात से शर्मा गई थी ,शिवा उसको समयमनी से बाहर लेकर आया ,समयमनी में बस 6 घण्टे हीं उसने बिताए थे ,मतलब धरती के 15 मिनीट ,उसके बाद उसने 2 घण्टे यानी सर्पलोक के दस दिन का समय मंदा के साथ मीठे प्यार में बिताकर दोपहर 12,:30 को अपने घर लौट आया ,उसने हिमांनी और केतकी के साथ भी पूरी बात की उनको भी पहले नेत्रा ने सब समझा दिया था,दोनो उसका साथ देने को तैयार थी ,केतकी ने शिवा से कहा उसको शिवा के साथ एक बार पाताल जाना है ,वहां पर शिवा को अपने काम मे मदद मिले ऐसा कुछ है ,शिवा ने कहा कल हम पाताल जाएंगे तुम तैयार रहना ,केतकी ने कहा हम दोनों को ही जाना होगा ,शिवा ने यह बात भी मान ली ,रात के बारा बजे तक शिवा ने सुनीता ,ज्वाला,निता ,सर्पिणी ,विशाखा ,सब भेड़ियेऔरत को खुश कर दिया इस बीच वो 2 बार सर्पलोक भी जाके आया था ,रात को12 बजे वो अश्व कन्या माला और बानी के साथ हिमालय के हजोरो मिल नीचे बसे अश्वलोक पहुच गया ,जहा समय की गति बहुत ही धीमी यानी धरती के 1 घण्टे मतलब अश्वलोक 10 दिन होते थे ,अश्वलोक में पहुचने से पहले काल ने भी माला और बानी की तरह अश्व मानव का रूप लिया था ,पहले शिवा सिर्फ किसी इंसान का हीं रूप यानी मर्द या औरत बन सकता था पर इच्छाधारी बनने के बाद वो कोई भी रूप ले सकता था इंसान ,जानवर,पंछी कोई भी रूप अब काल ले सकता था ,अश्वलोक की समस्या बहुत ही विचित्र हो गईं थी ,अश्वलोक का हर अश्व पुरूष हजारो सालो से नपुंसक बन गए थे ,इसी समस्या का हल ढूंढने माला और बानी के साथ काल अश्वलोक आया था ।
 

Mr. Nobody

Active Member
1,517
5,271
143
Fabulous update
Update 74
शिवा जब सबके साथ नाश्ता कर रहा था तब सबको शिवा थोड़ा बदला सा लगने लगा था कल के मुकाबले ,उसके बाल जो पहले थोड़े से सुनहरे थे अब कुछ ज्यादा ही घने सुनहरे लग रहे थे उसकी नीली आंखों में भी हल्की सुनहरी चमक दिखाई देती थी सबसे ज्यादा डर नीलो को शिवा के बदलने से लगता था ,उसकी चुत को फिर फटना पड़ता था उसके बदलाव के साथ ,उसकी और सबकी मन की बातों को जानकर हसि आ रही थी ,उसने अपनी माया से सबके मन मे यह खयाल निकाल दिए कि उसमे कुछ बदलाव हुवा है ,यही सब माया का असर हर एक पर किया जो उसको जानता या पहचानता हो ,
शिवा ने नरगिस से कहा ,मेने और कालने अपना काम लगभग खत्म कर दिया है 2 दिनों में एक सॉफ्टवेयर बन जायेगा ,तुम अपनी सॉफ्टवेयर के लिए एक बड़ी सी ऐड पेपर में दो ,जो भी हमारे सॉफ्टवेयर को हैक करेगा उसे हम एक करोड़ इनाम देंगे ,इसकी वजह से सब जगह हमारे सॉफ्टवेयर के बारे में पता चल जाएगा ,आजकल का जमाने में हमे ऐसे ही बातोसे अच्छी पब्लिसिटी मिल जाएगी और बहुत सी बड़ी कंपनियां हम लोगो के सोफ्टवेयर में रुचि दिखाएगी ,तुम आज सनम के साथ जाकर ऐड भी दे देंना और हमारी कंपनी की जो परमिशन हमने दाखिल की थी ,उसको भी देख लेना ,काल के साथ आज में थोड़ा बाहर जाने वाला हु ,हम 2 घण्टे में वापिस आ जाएंगे ,नेत्रा और हिमांनी तुम दोनो भी नरगिस के साथ चली जाना
सब को कम बताकर काल को साथ मे लेकर शिवा निकल गया लेकिन जो काल बनकर शिवा के साथ आया था वी केतकी नही नेत्रा थी जैसा काल ने उन दोनों के मन में पहली बार ही कह दिया था ,कालने शिवा के बाइक पर थोडी दूर जाते ही नेत्रा का रूप ले लिया और बाइक एक जगह लगाकर दोनो भवानीगढ़ के जंगलों में पहुंच गए जहाँ कालने सर्पिणी ,विशाखा के साथ नील और सब भेडियमानव को पहले ही बुला लिया था ,वहा जाकर उसने अश्व कन्या माला और बानी को भी बुला लिया था ,जिन्हें देखकर सब हैरान थे सिवाय काल,विशाखा और सर्पिणी के ,कालने उन दोनों के बारे में सबको बता दिया ,वो सबको जानती ही थी ,
काल ने फिर सबको यह बता दिया कि कल वो सर्पलोक गया था ,उसने उनको सिर्फ अपने परीक्षा के बारे में छोड़कर सब बता दिया ,सबको यह जानकर खुशी हो गईं थी कि दोनो बहनो को अपनी सारी ताकद हासिल होकर वो इच्छाधरि शक्तियों की मालिक बन गई थी ,जिसकी वजह से उनकी ही ताकद बढ़ने वाली थी ,नेत्रा को भी अपनी दोनो सहेलियों के हजारो साल की प्रतीक्षा का दुख पता था उनको अपना पूर्ण स्वरूप मिलने से उसे भी आनंद ही हो रहा था ,
काल ने कहा ,आप सब लोगो को में एक बात बताना चाहता हु ,इस मंदिर के चमत्कारी पथर के बारे में अब पूरी दुनिया मे पता चलने वाला है ,कोहिम को मैने जब मारा था तब मुझे यह पता चला था, इसके बारे में उसको भेडियमानव को सैकड़ों सालों की तकलीफ देते वक्त एक के दिमाग पे काबू करने पर पता चला था ,कोहिम इसको अकेला ही पाना चाहता था ,जिसकी मदद कुछ पाताल के मायावी असुर कर रहे थे ,कोहिम के मरने के बाद मेने वहाँ के सारे काले शक्ति धारक मायावी असरो को मार दिया था ,पर कुछ असुर मेरे काली घाटी के पहुचने से पहले पाताल में चले गए थे ,उनको यह सब बात पता थी ,अब कोहिम के मरने की खबर उनतक जाने के बाद वो अब अपने साथ और ताक़दवर लोगों को मिलाने के लिये चमत्कारी पथर की बात सब जगह पर फैला देंगे ,हमारे लिये अब खतरा बहुत ज्यादा बढ़ने वाला है ,कौन अब यहाँ पर आ धमके पता नही चल सकता ,बहुत सी बड़ी ताकद रखने वालों से हमारा सामना होने वाला है ,हमे अब पहले से ज्यादा सावधान रहना होगा ,में आज यहां मन्दिर के आसपास एक ताक़दवर सुरक्षा कवच लगाने वाला हु ,आप सबके ऊपर भी में एक ताक़दवर सुरक्षा कवच लगाने वाला हु ताकि आप हर खतरे का डट कर सामना कर सके ,आज रात को में माला और बानी के साथ अश्वलोक जाने वाला हु ,वहां पर इन दोनों की ताकद पूरी करके में सुबह तक आ जाऊंगा ,इन दोनों की ताकद अश्वलोक जाकर पूरी होने के बाद ये पहले से 10 गुना ताक़दवर होगी जो हमारे काम मे बहुत मदद आने वाली है ,आज के बाद कोई भी भवानीगढ़ के मंदिर से कही नही जाएगा ,में हमेशा यहा से जुड़ा रहने वाला हु ,यहा कोई भी खतरा आने पर में पलभर में यहा आ जाऊंगा ,बस आज के बाद सब लड़ाई के हमेशा तैयार रहे ,
काल ने अपनी बात खत्म करने के बाद अपनी पूरी ताकद के साथ एक अभेद्य सुरक्षा कवच मंदिर के चारो तरफ लगा दिया उसके बाद उसने हर एक पर अपना ताक़दवर सुरक्षा कवच लगा दिया थोड़ी देर सबको समझाकर नेत्रा को लेकर वो वापस मुंबई आ गया ,जब वो घर जा रहे थे तब नेत्रा ने काल से कहा हमे हिमांनी और केतकी को भी इस काम मे लगा देना चाहिए केतकी की ताकद तो मेरे जितने ही है और उसकी कालीनागिनो की फौज बहुत ही खतरनाक है उसको भी हम इस काम में लगा सकते है ,साथ ही काल को हिमांनी और केतकी से शादी कर लेनी चाहिए ,हिमांनी दुनिया की एकमात्र नीली सर्प है जिसमे बहुत ही बेमिसाल ताकद है जो उसको शादी के बाद ही हासिल होगी ,हिमांनी को अगर उसकी पूरी ताकद मिल गई तो वो अकेली ही किसी भी फौज पर भारी पड़ सकती है ,उसकी आधी ताकद तुमको भी मिलेगी जिसका तुम्हे हर तरह की लड़ाई में फायदा ही होगा ,शिवा ने भी उसकी बात का समर्थन किया और कहा वो जल्द ही दोनोसे शादी कर लेगा ,आज पहले उसे अश्वलोक जाके आने दो ,उसके बाद इन दोनों से शादी कर लूंगा ,
शिवा ने अब सोच लिया था वो मरता मर जायेगा पर इस चमत्कारी पथर को किसी गलत हाथ मे जाने नही देगा ,अगर वो चमत्कारी पथर की परीक्षा में नाकाम भी रहा पर वो अपने मरने से पहले इस चमत्कारी पथर की सुरक्षा इतनी मजबूत कर देगा कि कोई चाहकर भी उस तक नही पोहच सकेगा ,सर्पलोक में हासिल ज्ञान से उसे एक बात पता चल चुकी थी अगर वो इस परीक्षा में नाकाम रहा और उस चमत्कारी पथर ने किसी और को बिना कोई परीक्षा के चुन भी लिया तो उसे हासिल करने के लिये उस चुने हुवे व्यक्ति को भवानीगढ़ के मंदिर में आना ही होगा ,तभी वो पथर उसको हासिल हों सकता है ,और शिवा मंदिर के आसपास ऐसी पवित्र शक्ति का जाल बनाकर रखेगा की कोई भी पापी उसको भेदकर मन्दिर में जा ही ना सके ,शिवा ने अपने आप को एक बड़ी लड़ाई के लिये तैयार करना शुरु कर दिया था ,
शिवा ने काल को घर छोड़ दिया उसे एक बात का अहसास था कि उसके सामने बहुत बड़े खतरे आने वाले है ,उसने अपने हर एक चाहने वाले के ऊपर एक सुरक्षा कवच लगा दिया था ,मुम्बई के घरवालों से लेकर नेत्रा के परिवार वालो के हर व्यक्ति पर अब उसका सुरक्षा कवच था ,यहा तक उसने ज्वाला के पूरे परिवार पर भी सुरक्षा कवच लगा दिया था ,शिवा ने सोच लिया था कि अब वो सब के हर अरमान पूरे करेगा उसकी जिंदगी कब खत्म हो इस बात का उसे पता नहीं था पर सबकी इच्छा वो पूरी करने वाला था और इसकी शुरवात वो अभी शान्ती के इतने महिनो की तलाश को खत्म करके करने वाला था ,नेत्रा को जब उसने घर छोड़ा तब दस बज गये थे उसने अपने मन मे देखा इस वक्त शांति कहा है तब उसको वह उसके घरमे अपने बाथरूम में नहाते हुवे दिख गई उसके मन मे अभी उसी शख्स का ख्याल था जो उसे चोद कर गया था ,शिवा ने सीधा गायब होकर शन्ति के बाथरूम पोहच गया और उसपर अपनी माया का प्रयोग करके समयमनी में ले गया ,शांति पूरी नंगी होकर नहा रहीं थी शावर के नीचे भिगतीं वो कही से 3 जवान लड़कियों की माँ नही लगती थी अपनी 45 साल की उम्र में भी वो एक 35 साल की ही गदराई औरत लगतीं थी,शिवा उसकीं 42 की कड़क चुचिया देख रहा था जिसपे बहता पानी उसकी 32 की कमर को भिगाकर उसके 44 की कातिल गांण्ड पर से नीचे गिर रहा था ,पूजा का और उसका चेहरा एकदम हुबहू मिलता था ,पूजा शांति के जवानी के दिन याद दिलाती थी आखिर उसकी बेटी जो ठहरी ,जिस लड़की से वो मोहब्बत करता था ,आज उसकी ही मा को वो चोदने वाला था
शिवा ने पहले पानी का शॉवर बन्द कर दिया ,शन्ति अपने ख्याल में इतना गुम थीं कि उसको कुछ पता भी नही चला ,
आप मुझे क्यो तलाश कर रही थी ,शिवाने अदृश्य रुप मे ही कहा ,शांति इस आवाज से एकदम बिदक गई और डर कर बोली ,कोंन बोलो,कोंन है यहा पर ,शिवा ने हसकर कहा ,डरिये मत ,में वहीं हु जिसको आप इतने दिनो से तलाश कर रही थी ,आप से मिलने ही में आया हु ,कहीये क्या कहना चाहती थी आप मुझसे ,
में तुमको ,,,,तुम दिखते क्यो नही ,कही तुम कोई भूत तो नही हो ,शन्ति ने डर से कहा ,
मेने कहा ने आप डरिये मत और खुद को मुझसे मत छुपाईये, में पहले भी आपको पूरा नंगा देख चुका हूं और आपको एक बार चोद भी चुका हूं ,में कोई भूत नही हु ,बस मुझमे कुछ शक्तिया है ,जैसे में अदृष्य हो सकता हु ,कहीं भी जा सकता हु ,कोई दरवाजे ,खिड़की ,दीवार के आरपार देख भी सकता हु और उनके आरपार भी जा सकता हु,शिवाने कहा ,
तुम इसान ही हो न ,या कोई और ग्रह के जीव ,शन्ति ,
में इंसान ही हु ,पर कुछ शक्तिया का मालिक,शिवा ,
तुम कैसे इंसान हो ,जो अदृष्य होकर औरत से बिना मर्जी संभोग करते हो ,तुमको शर्म नहीं आतीं ऐसा करते हुए,शांति ने कहा ,
पहेली बात में किसी को उसके मर्जी के बिना नही चोदता,तुम्हारी दोनो देवरानियों की इज्जत मैंने बचाई थी,शायद यह बात उनको भी याद नही होगीं ,चलो तुमको में इस बात का सबुत भी दे देता हूं ,शिवाने यह कहकर उसको निता और सीमा के साथ हुवीं घटना की पूरी वीडियो जो उसने रेकॉर्ड की थी वो दिखा दी ,सीमा और निता की सब हवस भरी हरकते ,उनका चुदने के लिये तड़पना, बाद में उनको किसी अदृष्य व्यक्ति के साथ चुदाई करते देख कर शांति भी गर्म होने लगी थी ,उसका पूरा चेहरा लाल हो गया था ,चुचिया पूरी तनकर कड़क हो गई थी ,चुचिया के बड़े से निप्पल भी तन गये थे और उसकी चुत भी अपना पानी छोड़ रही थी ,जो उसके गीले बदन से समझ नही आ रहा था ,उसकी आंखें भी लाल गलाबी हो गई थी ,उसने कहा ,इनके साथ कौन ऐसा कर सकता है ,और इनकी मदद तुमने की ,लेकिन ,मुझे क्यो नींद में चोदकर चले गए ,मुझे तो किसीने कोई दवाई नही खिलाई थी निता और सीमा की तरह ,
में गलती से तुम्हारे साथ चुदाई कर बैठा था ,इस बात की में आज तुमसे माफी मांगता हूं ,पहली बार ऐसा हुवा था कि मैने किसी को उसकी मर्जी के बिना भोगा हो ,इस बात का आज भी मुझे पछतावा होता है ,तुम जो चाहती हो मुझे सजा दे सकती हो ,और तुम्हारी देवरानियों को साथ जो हुवा उसके पीछे जो है में उसको जल्दी ही ढूंढ लूंगा और फिर शिवा ने शांति को उस रात की पूरी दास्तान सुनाई यह भी बताया की इसमें निता की भाभियों को कैसे ब्लैकमेल करके सब काम करने के लिये मजबूर किया ,सब सुन कर शांति ने कहा ,तुम अनजान होकर हमारे लिये कितना कर रहे हो ,तुम नही होते तो शायद उस दिन मेरी दोनो देवरनिया अपने हवस में अपनी की हुवीं हरकतों से अपनी जान दे देती ,हमारा पूरा परिवार बिखर जाता ,हम किसीको मुह दिखाने के लायक नही रहते ,तुम्हारे इस अहसान के बदले तुमने जो मेरे साथ किया उसको में माफ कर देती हूं ,पर ,तुमने मेरे साथ किये हुवे उस हरकत से में आजतक बैचन रहने लगी हु,मेरा बदन रोज जलता है ,में क्या करूँ इस आग को तुम ही बोलो में क्या करूँ ,इतना कहकर शांति अपने दोनो हाथो में अपना चेहरा छुपाकर जोरजोरसे रोने लगी ,उसकी इतने दिनों की तड़प ,घुटन आज खुलकर बाहर आ गयी थी,उसके बदन को शिवा की चाहत हो गई थी ,जिस अनजान से वो चुदी थी फिर उसके साथ चुदने के लिये वो तडप रहींथी ,पर अपने मुह से वह यह बात नहीं कह पा रही थी ,शिवाने उसको खीच कर अपने बाहो में भर लिया और किसी आशिक की तरह उसे सहलाते हुवे प्यार से चुप कराने लगा ,शन्ति भी किसी बेल की तरह से शिवा से लिपट गईं थी ,उसे बहुत सुकून मिल रहा था उसकी बाहो में आकर ,शिवाने उसके आसु पोछकर कहा ,दर्द मेने दिया था तुमको और दवा भी में ही करूँगा पर तुमको आज एक दर्द और झेलना पड़ेगा जो तुमको सारी तड़प और बैचेनी को खत्म कर देगा ,
इतना कहकर शिवा ने शन्ति के थरथराते होठो को अपने मुह में लेकर बड़े प्यार से उनको चुसने लगा ,शान्ती बस इस मीठे से चुंबन के महसूस करती उसका आनंद लेने लगी ,शिवा ने माया से अपने सारे कपड़े गायब कर दिए और वो नंगा हो गया ,शन्ति को किस करते हुवे उसने शान्ती की बड़ी सी मटकों जैसी गांण्ड को दोनो हाथोसे पकड़ कर दबाने लगा और उसकी चुत को अपने लंड पर दबाने लगा ,शान्ती को अपनी गांण्ड पर शिवा के मजबूत हाथो की पकड़ और चुत पर एक बड़े से गर्म लन्ड का एहसास से एकदम सिहर गई ,उसने भी अपनी बाहों का घेरा शिवा के गर्दन डालकर उसके चुम्बन का साथ देने लगी ,शान्ती के इस गदराई जवानी से शिवा भी गर्म हों रहा था ,शन्ति के ओठो के साथ अब शिवा उसके मुह में जुबान डालकर ऊसकी जीभ को पकड़कर चुसने लगा ,शान्ती को शिवा ने किस करके ही पूरा गर्म कर दिया था ,उसके छाती में शान्ती की बड़ी सी चुचिया दब गई थी और उसके निप्पल खड़े होकर उसको चुभ रहे थे ,शिवा ने शान्ति के होठो छोड़ दिया और नीचे बैठकर उसकी चुत में अपना मुह लगा दिया और उसके झरने से बहते पानी को चुसने लगा ,साथ मे उसने उसके दोनो चुचिया को अपने हाथ ऊपर करके कसकर दबा रहा था ,ऐसी मजबूत पकड़ से चुचिया दबाकर और चुत की चूसाई ने उसके चुत ने अपना पानी शिवाक़े मुह में छोड़ दिया ,उसके हाथ पांव में झड़ंने जान ही नही बची थी ,उसके पाव थरथराने लगे थे ,पर शिवा का मन अभी भरा नही था उसने शन्ति को दीवार की तरफ मुह करके खड़ा किया और उसके शॉवर के पाइप को पकड़ने को कहा ,शिवा का दिल तो उसकी कोरी गांण्ड पे आया था जो कबसे उसको बैचेन कर रही थी ,शिवाने शन्ति के गांण्ड के पास बैठकर उसकी बड़ी सी गांण्ड के को पकड़कर फैला दिया ,जिसके वजहसे उसके गांण्ड का छोटासा लाल छेद शिवा को दिख गया,शिवाने पहली इस गांण्ड से आ रही मदमस्त खुश्बू को मन भर के सूंघने लगा और उसके गांड़ में अपनी जीभ डालकर उसके चुसने और चाटने लगा ,शन्ति अपने गांण्ड के छेद पर हुवे हमले से सीत्कार लगाते हुवे कसमसाई ,और मुह से एक मादक आवाज में बोली ,माँ sssss यह क्यो कर हो तुम ,,,,
शिवा तेजीसे उसकी गांण्ड के छेद को चाटते हुवे अपनी दो अंगलियो से उसकी चुत को चोदने लगा ,पाँच ही मिनीट में शान्ती झड़ंने लगी ,शिवा ने शन्ति की एक टांग अपने हाथ मे पकड़कर उसके चुत में निकलते पानी को चाटने लगा इस बार जब शिवाने उसके चुत के दाने को मुह में लेकर चूसा तो शन्ति के चुतसे एक तेज धार पेशाब की निकल गईं जिसको भी शिवा ने अपने मुह में लेकर पूरा पी गया ,शन्ति अब बुरी तरह थरथर कापने लगी थी ,शिवा ने उसको थामा नही होता तो वो कबसे नीचे गिर गईं होती ,उसका चेहरा, चुचिया, सब एकदम लाल हो गए थे ,शिवा ने फिर शॉवर चालू कर दिया और उसके नीचे शन्ति को लेकर पानी मे भीगता कुछ देर उसके होठो को चूसने लगा ,दोनो के बदन को अच्छी तरह साफ करके, उसे अपनी बाहों में उठाकर वैसाही गीले बदन से बिस्तर पर ले आया ,उसने शन्ति को पीठ के बल लिटाकर उसके दोनो टांगो को अच्छे से फैला दिया और शन्ति के चुत के छेद पर अपने बड़े से लन्ड का टोपा भिड़ा दिया ,शान्ती के कान के पास जाकर शिवा ने धीरे से कहा ,थोडी देर दर्द सहन करना होगा पर उसके बाद तुम हवा में उड़ने लगोगी ,
शन्ति पहले भी अच्छे से चुदी हुवीं थी उसको सब बातें पता थी ,पर उसकी चुत पर जिस लन्ड को वो महसूस कर रही थी वो कोई मामूली लंड नही लग रहा था ,अब तक सिर्फ वो दो ही लन्ड से चुदी थी ,वो भी इसके सामने एकदम मामूली ही थे ,शांति अपने आप को मजबूत करती ,अपने चुत पर होने वाले इस भीषण लन्ड के हमले के लिये तैयार होने लगी थी ,शिवाने अपने मुह को शान्ति के होठो से जोड़कर एक जबरदस्त हमले से अपने लन्ड को शान्ति के तीनों बच्चों को पैदा करनी वाली चुत को फाड़ता हुवा 1/3 अंदर घुसा दिया ,शान्ती को 3 बच्चे पैदा करने पर इतना दर्द नही हुवा था उतना दर्द आज हो रहा था ,वो अपने दर्द से गला फाड़कर चिल्लाने लगी पर शिवाने उसके दर्द की परवाह किये बैगर और दो धक्कों में उसके चुत में जड़ तक अपना 15 इंच का मूसल घुसा दिया ,उसके चुत को बुरी तरह फाड़ दिया था शिवाने ,शान्तिं का रो रो कर बुरा हाल था ,अपने आप को कोसती ,वो शिवा के नीचे तड़फड़ा रही थी ,पर शिवा रुकने का नाम नही ले रहा था ,वो शान्ति की चुचिया दबादबाकर उसके होठो को चूसता उसके चुत में दनादन अपने लन्ड को ठोक रहा था और उसको अपने लंड के माप की बना रहा था 10 मिनीट तक शिवा के नीचे उसके लंड से अच्छी तरह अपनी चुत की कुटाई के बाद शन्ति भी अपनी गांण्ड उठाउठकर उसका साथ देने लगीं थी ,उसकी चुत इस दौरान एक बार झड जाने उसके चुत में चिकनाई आ गईं थी ,शिवा के साथ इसी पोझ में 3 बार झड़ंने के बाद शिवा ने उसे घोडी बनाकर एक ही बार मे अपना लंड उसकी चुत में पूरा उतार दिया ,शान्ती को इतना चुदने के बाद भी बहुत तेज दर्द हुवा था ,शिवा को शान्ती को चोदते हुवे ऐसा लग रहा था मानो वो पूजा को ही चोद रहा हों,उसके लन्ड में एक अलग ही हलचल मची हुवीं थीं ,शान्ती के तीसरे बार पानी छोडते वक्क्त शिवाने भी शान्तिं के चुत में अपना लंड अंदर तक दबाते हुवे उसकी चुत की इतनी सेवा का फल ,अपनी गरम और गाढ़ी मलाई भरभर के देने लगा ,शन्ति के चुत ने आज तक अपनी चुत में इतना गर्म और गाढ़ा माल ,वो भी उसके चुत को पूरा भरने के बाद भी ,उसके चुत के होठो से नीचे बहता पहली बार महसूस कर रही थी , शांति के इतने दिनो की तड़प ,बैचेनी आज पूरी तरह खत्म हो गईं थी ,उसके पूरे बदन को जलाने वाला ताप एक सुखद दर्द के मीठे अहसास में उसके पूरे बदन में फैल गया था ,शान्ती को शिवाने दो बार और जमके चोदा ,जिसमे उसके चुत को ही वो अपना माल खिलाते रहा ,शांति की चुत इस भीषण चुदाई से पूरी सूज गईं थी ,आज शिवा ने अगर उसकी गांड़ मारी तो वो दस दिन बेड से उठ नही सकतीं थी ,शिवा ने शांति को कपड़े पहनकर ,चुत में दवा लगाकर ,एक पेनकिलर दी और आराम करने को कहा, उसने शान्ती से इतना हीं कहा तीन दिन तक तुम आराम करो ,उसके बाद तुम्हारी छोटी सी गांण्ड को भी बड़ा बना देंगे ,शान्ती शिवा की इस बात से शर्मा गई थी ,शिवा उसको समयमनी से बाहर लेकर आया ,समयमनी में बस 6 घण्टे हीं उसने बिताए थे ,मतलब धरती के 15 मिनीट ,उसके बाद उसने 2 घण्टे यानी सर्पलोक के दस दिन का समय मंदा के साथ मीठे प्यार में बिताकर दोपहर 12,:30 को अपने घर लौट आया ,उसने हिमांनी और केतकी के साथ भी पूरी बात की उनको भी पहले नेत्रा ने सब समझा दिया था,दोनो उसका साथ देने को तैयार थी ,केतकी ने शिवा से कहा उसको शिवा के साथ एक बार पाताल जाना है ,वहां पर शिवा को अपने काम मे मदद मिले ऐसा कुछ है ,शिवा ने कहा कल हम पाताल जाएंगे तुम तैयार रहना ,केतकी ने कहा हम दोनों को ही जाना होगा ,शिवा ने यह बात भी मान ली ,रात के बारा बजे तक शिवा ने सुनीता ,ज्वाला,निता ,सर्पिणी ,विशाखा ,सब भेड़ियेऔरत को खुश कर दिया इस बीच वो 2 बार सर्पलोक भी जाके आया था ,रात को12 बजे वो अश्व कन्या माला और बानी के साथ हिमालय के हजोरो मिल नीचे बसे अश्वलोक पहुच गया ,जहा समय की गति बहुत ही धीमी यानी धरती के 1 घण्टे मतलब अश्वलोक 10 दिन होते थे ,अश्वलोक में पहुचने से पहले काल ने भी माला और बानी की तरह अश्व मानव का रूप लिया था ,पहले शिवा सिर्फ किसी इंसान का हीं रूप यानी मर्द या औरत बन सकता था पर इच्छाधारी बनने के बाद वो कोई भी रूप ले सकता था इंसान ,जानवर,पंछी कोई भी रूप अब काल ले सकता था ,अश्वलोक की समस्या बहुत ही विचित्र हो गईं थी ,अश्वलोक का हर अश्व पुरूष हजारो सालो से नपुंसक बन गए थे ,इसी समस्या का हल ढूंढने माला और बानी के साथ काल अश्वलोक आया था ।
. Fabulous update
 

Nevil singh

Well-Known Member
21,150
52,934
173
Waiting bhai
Update 74
शिवा जब सबके साथ नाश्ता कर रहा था तब सबको शिवा थोड़ा बदला सा लगने लगा था कल के मुकाबले ,उसके बाल जो पहले थोड़े से सुनहरे थे अब कुछ ज्यादा ही घने सुनहरे लग रहे थे उसकी नीली आंखों में भी हल्की सुनहरी चमक दिखाई देती थी सबसे ज्यादा डर नीलो को शिवा के बदलने से लगता था ,उसकी चुत को फिर फटना पड़ता था उसके बदलाव के साथ ,उसकी और सबकी मन की बातों को जानकर हसि आ रही थी ,उसने अपनी माया से सबके मन मे यह खयाल निकाल दिए कि उसमे कुछ बदलाव हुवा है ,यही सब माया का असर हर एक पर किया जो उसको जानता या पहचानता हो ,
शिवा ने नरगिस से कहा ,मेने और कालने अपना काम लगभग खत्म कर दिया है 2 दिनों में एक सॉफ्टवेयर बन जायेगा ,तुम अपनी सॉफ्टवेयर के लिए एक बड़ी सी ऐड पेपर में दो ,जो भी हमारे सॉफ्टवेयर को हैक करेगा उसे हम एक करोड़ इनाम देंगे ,इसकी वजह से सब जगह हमारे सॉफ्टवेयर के बारे में पता चल जाएगा ,आजकल का जमाने में हमे ऐसे ही बातोसे अच्छी पब्लिसिटी मिल जाएगी और बहुत सी बड़ी कंपनियां हम लोगो के सोफ्टवेयर में रुचि दिखाएगी ,तुम आज सनम के साथ जाकर ऐड भी दे देंना और हमारी कंपनी की जो परमिशन हमने दाखिल की थी ,उसको भी देख लेना ,काल के साथ आज में थोड़ा बाहर जाने वाला हु ,हम 2 घण्टे में वापिस आ जाएंगे ,नेत्रा और हिमांनी तुम दोनो भी नरगिस के साथ चली जाना
सब को कम बताकर काल को साथ मे लेकर शिवा निकल गया लेकिन जो काल बनकर शिवा के साथ आया था वी केतकी नही नेत्रा थी जैसा काल ने उन दोनों के मन में पहली बार ही कह दिया था ,कालने शिवा के बाइक पर थोडी दूर जाते ही नेत्रा का रूप ले लिया और बाइक एक जगह लगाकर दोनो भवानीगढ़ के जंगलों में पहुंच गए जहाँ कालने सर्पिणी ,विशाखा के साथ नील और सब भेडियमानव को पहले ही बुला लिया था ,वहा जाकर उसने अश्व कन्या माला और बानी को भी बुला लिया था ,जिन्हें देखकर सब हैरान थे सिवाय काल,विशाखा और सर्पिणी के ,कालने उन दोनों के बारे में सबको बता दिया ,वो सबको जानती ही थी ,
काल ने फिर सबको यह बता दिया कि कल वो सर्पलोक गया था ,उसने उनको सिर्फ अपने परीक्षा के बारे में छोड़कर सब बता दिया ,सबको यह जानकर खुशी हो गईं थी कि दोनो बहनो को अपनी सारी ताकद हासिल होकर वो इच्छाधरि शक्तियों की मालिक बन गई थी ,जिसकी वजह से उनकी ही ताकद बढ़ने वाली थी ,नेत्रा को भी अपनी दोनो सहेलियों के हजारो साल की प्रतीक्षा का दुख पता था उनको अपना पूर्ण स्वरूप मिलने से उसे भी आनंद ही हो रहा था ,
काल ने कहा ,आप सब लोगो को में एक बात बताना चाहता हु ,इस मंदिर के चमत्कारी पथर के बारे में अब पूरी दुनिया मे पता चलने वाला है ,कोहिम को मैने जब मारा था तब मुझे यह पता चला था, इसके बारे में उसको भेडियमानव को सैकड़ों सालों की तकलीफ देते वक्त एक के दिमाग पे काबू करने पर पता चला था ,कोहिम इसको अकेला ही पाना चाहता था ,जिसकी मदद कुछ पाताल के मायावी असुर कर रहे थे ,कोहिम के मरने के बाद मेने वहाँ के सारे काले शक्ति धारक मायावी असरो को मार दिया था ,पर कुछ असुर मेरे काली घाटी के पहुचने से पहले पाताल में चले गए थे ,उनको यह सब बात पता थी ,अब कोहिम के मरने की खबर उनतक जाने के बाद वो अब अपने साथ और ताक़दवर लोगों को मिलाने के लिये चमत्कारी पथर की बात सब जगह पर फैला देंगे ,हमारे लिये अब खतरा बहुत ज्यादा बढ़ने वाला है ,कौन अब यहाँ पर आ धमके पता नही चल सकता ,बहुत सी बड़ी ताकद रखने वालों से हमारा सामना होने वाला है ,हमे अब पहले से ज्यादा सावधान रहना होगा ,में आज यहां मन्दिर के आसपास एक ताक़दवर सुरक्षा कवच लगाने वाला हु ,आप सबके ऊपर भी में एक ताक़दवर सुरक्षा कवच लगाने वाला हु ताकि आप हर खतरे का डट कर सामना कर सके ,आज रात को में माला और बानी के साथ अश्वलोक जाने वाला हु ,वहां पर इन दोनों की ताकद पूरी करके में सुबह तक आ जाऊंगा ,इन दोनों की ताकद अश्वलोक जाकर पूरी होने के बाद ये पहले से 10 गुना ताक़दवर होगी जो हमारे काम मे बहुत मदद आने वाली है ,आज के बाद कोई भी भवानीगढ़ के मंदिर से कही नही जाएगा ,में हमेशा यहा से जुड़ा रहने वाला हु ,यहा कोई भी खतरा आने पर में पलभर में यहा आ जाऊंगा ,बस आज के बाद सब लड़ाई के हमेशा तैयार रहे ,
काल ने अपनी बात खत्म करने के बाद अपनी पूरी ताकद के साथ एक अभेद्य सुरक्षा कवच मंदिर के चारो तरफ लगा दिया उसके बाद उसने हर एक पर अपना ताक़दवर सुरक्षा कवच लगा दिया थोड़ी देर सबको समझाकर नेत्रा को लेकर वो वापस मुंबई आ गया ,जब वो घर जा रहे थे तब नेत्रा ने काल से कहा हमे हिमांनी और केतकी को भी इस काम मे लगा देना चाहिए केतकी की ताकद तो मेरे जितने ही है और उसकी कालीनागिनो की फौज बहुत ही खतरनाक है उसको भी हम इस काम में लगा सकते है ,साथ ही काल को हिमांनी और केतकी से शादी कर लेनी चाहिए ,हिमांनी दुनिया की एकमात्र नीली सर्प है जिसमे बहुत ही बेमिसाल ताकद है जो उसको शादी के बाद ही हासिल होगी ,हिमांनी को अगर उसकी पूरी ताकद मिल गई तो वो अकेली ही किसी भी फौज पर भारी पड़ सकती है ,उसकी आधी ताकद तुमको भी मिलेगी जिसका तुम्हे हर तरह की लड़ाई में फायदा ही होगा ,शिवा ने भी उसकी बात का समर्थन किया और कहा वो जल्द ही दोनोसे शादी कर लेगा ,आज पहले उसे अश्वलोक जाके आने दो ,उसके बाद इन दोनों से शादी कर लूंगा ,
शिवा ने अब सोच लिया था वो मरता मर जायेगा पर इस चमत्कारी पथर को किसी गलत हाथ मे जाने नही देगा ,अगर वो चमत्कारी पथर की परीक्षा में नाकाम भी रहा पर वो अपने मरने से पहले इस चमत्कारी पथर की सुरक्षा इतनी मजबूत कर देगा कि कोई चाहकर भी उस तक नही पोहच सकेगा ,सर्पलोक में हासिल ज्ञान से उसे एक बात पता चल चुकी थी अगर वो इस परीक्षा में नाकाम रहा और उस चमत्कारी पथर ने किसी और को बिना कोई परीक्षा के चुन भी लिया तो उसे हासिल करने के लिये उस चुने हुवे व्यक्ति को भवानीगढ़ के मंदिर में आना ही होगा ,तभी वो पथर उसको हासिल हों सकता है ,और शिवा मंदिर के आसपास ऐसी पवित्र शक्ति का जाल बनाकर रखेगा की कोई भी पापी उसको भेदकर मन्दिर में जा ही ना सके ,शिवा ने अपने आप को एक बड़ी लड़ाई के लिये तैयार करना शुरु कर दिया था ,
शिवा ने काल को घर छोड़ दिया उसे एक बात का अहसास था कि उसके सामने बहुत बड़े खतरे आने वाले है ,उसने अपने हर एक चाहने वाले के ऊपर एक सुरक्षा कवच लगा दिया था ,मुम्बई के घरवालों से लेकर नेत्रा के परिवार वालो के हर व्यक्ति पर अब उसका सुरक्षा कवच था ,यहा तक उसने ज्वाला के पूरे परिवार पर भी सुरक्षा कवच लगा दिया था ,शिवा ने सोच लिया था कि अब वो सब के हर अरमान पूरे करेगा उसकी जिंदगी कब खत्म हो इस बात का उसे पता नहीं था पर सबकी इच्छा वो पूरी करने वाला था और इसकी शुरवात वो अभी शान्ती के इतने महिनो की तलाश को खत्म करके करने वाला था ,नेत्रा को जब उसने घर छोड़ा तब दस बज गये थे उसने अपने मन मे देखा इस वक्त शांति कहा है तब उसको वह उसके घरमे अपने बाथरूम में नहाते हुवे दिख गई उसके मन मे अभी उसी शख्स का ख्याल था जो उसे चोद कर गया था ,शिवा ने सीधा गायब होकर शन्ति के बाथरूम पोहच गया और उसपर अपनी माया का प्रयोग करके समयमनी में ले गया ,शांति पूरी नंगी होकर नहा रहीं थी शावर के नीचे भिगतीं वो कही से 3 जवान लड़कियों की माँ नही लगती थी अपनी 45 साल की उम्र में भी वो एक 35 साल की ही गदराई औरत लगतीं थी,शिवा उसकीं 42 की कड़क चुचिया देख रहा था जिसपे बहता पानी उसकी 32 की कमर को भिगाकर उसके 44 की कातिल गांण्ड पर से नीचे गिर रहा था ,पूजा का और उसका चेहरा एकदम हुबहू मिलता था ,पूजा शांति के जवानी के दिन याद दिलाती थी आखिर उसकी बेटी जो ठहरी ,जिस लड़की से वो मोहब्बत करता था ,आज उसकी ही मा को वो चोदने वाला था
शिवा ने पहले पानी का शॉवर बन्द कर दिया ,शन्ति अपने ख्याल में इतना गुम थीं कि उसको कुछ पता भी नही चला ,
आप मुझे क्यो तलाश कर रही थी ,शिवाने अदृश्य रुप मे ही कहा ,शांति इस आवाज से एकदम बिदक गई और डर कर बोली ,कोंन बोलो,कोंन है यहा पर ,शिवा ने हसकर कहा ,डरिये मत ,में वहीं हु जिसको आप इतने दिनो से तलाश कर रही थी ,आप से मिलने ही में आया हु ,कहीये क्या कहना चाहती थी आप मुझसे ,
में तुमको ,,,,तुम दिखते क्यो नही ,कही तुम कोई भूत तो नही हो ,शन्ति ने डर से कहा ,
मेने कहा ने आप डरिये मत और खुद को मुझसे मत छुपाईये, में पहले भी आपको पूरा नंगा देख चुका हूं और आपको एक बार चोद भी चुका हूं ,में कोई भूत नही हु ,बस मुझमे कुछ शक्तिया है ,जैसे में अदृष्य हो सकता हु ,कहीं भी जा सकता हु ,कोई दरवाजे ,खिड़की ,दीवार के आरपार देख भी सकता हु और उनके आरपार भी जा सकता हु,शिवाने कहा ,
तुम इसान ही हो न ,या कोई और ग्रह के जीव ,शन्ति ,
में इंसान ही हु ,पर कुछ शक्तिया का मालिक,शिवा ,
तुम कैसे इंसान हो ,जो अदृष्य होकर औरत से बिना मर्जी संभोग करते हो ,तुमको शर्म नहीं आतीं ऐसा करते हुए,शांति ने कहा ,
पहेली बात में किसी को उसके मर्जी के बिना नही चोदता,तुम्हारी दोनो देवरानियों की इज्जत मैंने बचाई थी,शायद यह बात उनको भी याद नही होगीं ,चलो तुमको में इस बात का सबुत भी दे देता हूं ,शिवाने यह कहकर उसको निता और सीमा के साथ हुवीं घटना की पूरी वीडियो जो उसने रेकॉर्ड की थी वो दिखा दी ,सीमा और निता की सब हवस भरी हरकते ,उनका चुदने के लिये तड़पना, बाद में उनको किसी अदृष्य व्यक्ति के साथ चुदाई करते देख कर शांति भी गर्म होने लगी थी ,उसका पूरा चेहरा लाल हो गया था ,चुचिया पूरी तनकर कड़क हो गई थी ,चुचिया के बड़े से निप्पल भी तन गये थे और उसकी चुत भी अपना पानी छोड़ रही थी ,जो उसके गीले बदन से समझ नही आ रहा था ,उसकी आंखें भी लाल गलाबी हो गई थी ,उसने कहा ,इनके साथ कौन ऐसा कर सकता है ,और इनकी मदद तुमने की ,लेकिन ,मुझे क्यो नींद में चोदकर चले गए ,मुझे तो किसीने कोई दवाई नही खिलाई थी निता और सीमा की तरह ,
में गलती से तुम्हारे साथ चुदाई कर बैठा था ,इस बात की में आज तुमसे माफी मांगता हूं ,पहली बार ऐसा हुवा था कि मैने किसी को उसकी मर्जी के बिना भोगा हो ,इस बात का आज भी मुझे पछतावा होता है ,तुम जो चाहती हो मुझे सजा दे सकती हो ,और तुम्हारी देवरानियों को साथ जो हुवा उसके पीछे जो है में उसको जल्दी ही ढूंढ लूंगा और फिर शिवा ने शांति को उस रात की पूरी दास्तान सुनाई यह भी बताया की इसमें निता की भाभियों को कैसे ब्लैकमेल करके सब काम करने के लिये मजबूर किया ,सब सुन कर शांति ने कहा ,तुम अनजान होकर हमारे लिये कितना कर रहे हो ,तुम नही होते तो शायद उस दिन मेरी दोनो देवरनिया अपने हवस में अपनी की हुवीं हरकतों से अपनी जान दे देती ,हमारा पूरा परिवार बिखर जाता ,हम किसीको मुह दिखाने के लायक नही रहते ,तुम्हारे इस अहसान के बदले तुमने जो मेरे साथ किया उसको में माफ कर देती हूं ,पर ,तुमने मेरे साथ किये हुवे उस हरकत से में आजतक बैचन रहने लगी हु,मेरा बदन रोज जलता है ,में क्या करूँ इस आग को तुम ही बोलो में क्या करूँ ,इतना कहकर शांति अपने दोनो हाथो में अपना चेहरा छुपाकर जोरजोरसे रोने लगी ,उसकी इतने दिनों की तड़प ,घुटन आज खुलकर बाहर आ गयी थी,उसके बदन को शिवा की चाहत हो गई थी ,जिस अनजान से वो चुदी थी फिर उसके साथ चुदने के लिये वो तडप रहींथी ,पर अपने मुह से वह यह बात नहीं कह पा रही थी ,शिवाने उसको खीच कर अपने बाहो में भर लिया और किसी आशिक की तरह उसे सहलाते हुवे प्यार से चुप कराने लगा ,शन्ति भी किसी बेल की तरह से शिवा से लिपट गईं थी ,उसे बहुत सुकून मिल रहा था उसकी बाहो में आकर ,शिवाने उसके आसु पोछकर कहा ,दर्द मेने दिया था तुमको और दवा भी में ही करूँगा पर तुमको आज एक दर्द और झेलना पड़ेगा जो तुमको सारी तड़प और बैचेनी को खत्म कर देगा ,
इतना कहकर शिवा ने शन्ति के थरथराते होठो को अपने मुह में लेकर बड़े प्यार से उनको चुसने लगा ,शान्ती बस इस मीठे से चुंबन के महसूस करती उसका आनंद लेने लगी ,शिवा ने माया से अपने सारे कपड़े गायब कर दिए और वो नंगा हो गया ,शन्ति को किस करते हुवे उसने शान्ती की बड़ी सी मटकों जैसी गांण्ड को दोनो हाथोसे पकड़ कर दबाने लगा और उसकी चुत को अपने लंड पर दबाने लगा ,शान्ती को अपनी गांण्ड पर शिवा के मजबूत हाथो की पकड़ और चुत पर एक बड़े से गर्म लन्ड का एहसास से एकदम सिहर गई ,उसने भी अपनी बाहों का घेरा शिवा के गर्दन डालकर उसके चुम्बन का साथ देने लगी ,शान्ती के इस गदराई जवानी से शिवा भी गर्म हों रहा था ,शन्ति के ओठो के साथ अब शिवा उसके मुह में जुबान डालकर ऊसकी जीभ को पकड़कर चुसने लगा ,शान्ती को शिवा ने किस करके ही पूरा गर्म कर दिया था ,उसके छाती में शान्ती की बड़ी सी चुचिया दब गई थी और उसके निप्पल खड़े होकर उसको चुभ रहे थे ,शिवा ने शान्ति के होठो छोड़ दिया और नीचे बैठकर उसकी चुत में अपना मुह लगा दिया और उसके झरने से बहते पानी को चुसने लगा ,साथ मे उसने उसके दोनो चुचिया को अपने हाथ ऊपर करके कसकर दबा रहा था ,ऐसी मजबूत पकड़ से चुचिया दबाकर और चुत की चूसाई ने उसके चुत ने अपना पानी शिवाक़े मुह में छोड़ दिया ,उसके हाथ पांव में झड़ंने जान ही नही बची थी ,उसके पाव थरथराने लगे थे ,पर शिवा का मन अभी भरा नही था उसने शन्ति को दीवार की तरफ मुह करके खड़ा किया और उसके शॉवर के पाइप को पकड़ने को कहा ,शिवा का दिल तो उसकी कोरी गांण्ड पे आया था जो कबसे उसको बैचेन कर रही थी ,शिवाने शन्ति के गांण्ड के पास बैठकर उसकी बड़ी सी गांण्ड के को पकड़कर फैला दिया ,जिसके वजहसे उसके गांण्ड का छोटासा लाल छेद शिवा को दिख गया,शिवाने पहली इस गांण्ड से आ रही मदमस्त खुश्बू को मन भर के सूंघने लगा और उसके गांड़ में अपनी जीभ डालकर उसके चुसने और चाटने लगा ,शन्ति अपने गांण्ड के छेद पर हुवे हमले से सीत्कार लगाते हुवे कसमसाई ,और मुह से एक मादक आवाज में बोली ,माँ sssss यह क्यो कर हो तुम ,,,,
शिवा तेजीसे उसकी गांण्ड के छेद को चाटते हुवे अपनी दो अंगलियो से उसकी चुत को चोदने लगा ,पाँच ही मिनीट में शान्ती झड़ंने लगी ,शिवा ने शन्ति की एक टांग अपने हाथ मे पकड़कर उसके चुत में निकलते पानी को चाटने लगा इस बार जब शिवाने उसके चुत के दाने को मुह में लेकर चूसा तो शन्ति के चुतसे एक तेज धार पेशाब की निकल गईं जिसको भी शिवा ने अपने मुह में लेकर पूरा पी गया ,शन्ति अब बुरी तरह थरथर कापने लगी थी ,शिवा ने उसको थामा नही होता तो वो कबसे नीचे गिर गईं होती ,उसका चेहरा, चुचिया, सब एकदम लाल हो गए थे ,शिवा ने फिर शॉवर चालू कर दिया और उसके नीचे शन्ति को लेकर पानी मे भीगता कुछ देर उसके होठो को चूसने लगा ,दोनो के बदन को अच्छी तरह साफ करके, उसे अपनी बाहों में उठाकर वैसाही गीले बदन से बिस्तर पर ले आया ,उसने शन्ति को पीठ के बल लिटाकर उसके दोनो टांगो को अच्छे से फैला दिया और शन्ति के चुत के छेद पर अपने बड़े से लन्ड का टोपा भिड़ा दिया ,शान्ती के कान के पास जाकर शिवा ने धीरे से कहा ,थोडी देर दर्द सहन करना होगा पर उसके बाद तुम हवा में उड़ने लगोगी ,
शन्ति पहले भी अच्छे से चुदी हुवीं थी उसको सब बातें पता थी ,पर उसकी चुत पर जिस लन्ड को वो महसूस कर रही थी वो कोई मामूली लंड नही लग रहा था ,अब तक सिर्फ वो दो ही लन्ड से चुदी थी ,वो भी इसके सामने एकदम मामूली ही थे ,शांति अपने आप को मजबूत करती ,अपने चुत पर होने वाले इस भीषण लन्ड के हमले के लिये तैयार होने लगी थी ,शिवाने अपने मुह को शान्ति के होठो से जोड़कर एक जबरदस्त हमले से अपने लन्ड को शान्ति के तीनों बच्चों को पैदा करनी वाली चुत को फाड़ता हुवा 1/3 अंदर घुसा दिया ,शान्ती को 3 बच्चे पैदा करने पर इतना दर्द नही हुवा था उतना दर्द आज हो रहा था ,वो अपने दर्द से गला फाड़कर चिल्लाने लगी पर शिवाने उसके दर्द की परवाह किये बैगर और दो धक्कों में उसके चुत में जड़ तक अपना 15 इंच का मूसल घुसा दिया ,उसके चुत को बुरी तरह फाड़ दिया था शिवाने ,शान्तिं का रो रो कर बुरा हाल था ,अपने आप को कोसती ,वो शिवा के नीचे तड़फड़ा रही थी ,पर शिवा रुकने का नाम नही ले रहा था ,वो शान्ति की चुचिया दबादबाकर उसके होठो को चूसता उसके चुत में दनादन अपने लन्ड को ठोक रहा था और उसको अपने लंड के माप की बना रहा था 10 मिनीट तक शिवा के नीचे उसके लंड से अच्छी तरह अपनी चुत की कुटाई के बाद शन्ति भी अपनी गांण्ड उठाउठकर उसका साथ देने लगीं थी ,उसकी चुत इस दौरान एक बार झड जाने उसके चुत में चिकनाई आ गईं थी ,शिवा के साथ इसी पोझ में 3 बार झड़ंने के बाद शिवा ने उसे घोडी बनाकर एक ही बार मे अपना लंड उसकी चुत में पूरा उतार दिया ,शान्ती को इतना चुदने के बाद भी बहुत तेज दर्द हुवा था ,शिवा को शान्ती को चोदते हुवे ऐसा लग रहा था मानो वो पूजा को ही चोद रहा हों,उसके लन्ड में एक अलग ही हलचल मची हुवीं थीं ,शान्ती के तीसरे बार पानी छोडते वक्क्त शिवाने भी शान्तिं के चुत में अपना लंड अंदर तक दबाते हुवे उसकी चुत की इतनी सेवा का फल ,अपनी गरम और गाढ़ी मलाई भरभर के देने लगा ,शन्ति के चुत ने आज तक अपनी चुत में इतना गर्म और गाढ़ा माल ,वो भी उसके चुत को पूरा भरने के बाद भी ,उसके चुत के होठो से नीचे बहता पहली बार महसूस कर रही थी , शांति के इतने दिनो की तड़प ,बैचेनी आज पूरी तरह खत्म हो गईं थी ,उसके पूरे बदन को जलाने वाला ताप एक सुखद दर्द के मीठे अहसास में उसके पूरे बदन में फैल गया था ,शान्ती को शिवाने दो बार और जमके चोदा ,जिसमे उसके चुत को ही वो अपना माल खिलाते रहा ,शांति की चुत इस भीषण चुदाई से पूरी सूज गईं थी ,आज शिवा ने अगर उसकी गांड़ मारी तो वो दस दिन बेड से उठ नही सकतीं थी ,शिवा ने शांति को कपड़े पहनकर ,चुत में दवा लगाकर ,एक पेनकिलर दी और आराम करने को कहा, उसने शान्ती से इतना हीं कहा तीन दिन तक तुम आराम करो ,उसके बाद तुम्हारी छोटी सी गांण्ड को भी बड़ा बना देंगे ,शान्ती शिवा की इस बात से शर्मा गई थी ,शिवा उसको समयमनी से बाहर लेकर आया ,समयमनी में बस 6 घण्टे हीं उसने बिताए थे ,मतलब धरती के 15 मिनीट ,उसके बाद उसने 2 घण्टे यानी सर्पलोक के दस दिन का समय मंदा के साथ मीठे प्यार में बिताकर दोपहर 12,:30 को अपने घर लौट आया ,उसने हिमांनी और केतकी के साथ भी पूरी बात की उनको भी पहले नेत्रा ने सब समझा दिया था,दोनो उसका साथ देने को तैयार थी ,केतकी ने शिवा से कहा उसको शिवा के साथ एक बार पाताल जाना है ,वहां पर शिवा को अपने काम मे मदद मिले ऐसा कुछ है ,शिवा ने कहा कल हम पाताल जाएंगे तुम तैयार रहना ,केतकी ने कहा हम दोनों को ही जाना होगा ,शिवा ने यह बात भी मान ली ,रात के बारा बजे तक शिवा ने सुनीता ,ज्वाला,निता ,सर्पिणी ,विशाखा ,सब भेड़ियेऔरत को खुश कर दिया इस बीच वो 2 बार सर्पलोक भी जाके आया था ,रात को12 बजे वो अश्व कन्या माला और बानी के साथ हिमालय के हजोरो मिल नीचे बसे अश्वलोक पहुच गया ,जहा समय की गति बहुत ही धीमी यानी धरती के 1 घण्टे मतलब अश्वलोक 10 दिन होते थे ,अश्वलोक में पहुचने से पहले काल ने भी माला और बानी की तरह अश्व मानव का रूप लिया था ,पहले शिवा सिर्फ किसी इंसान का हीं रूप यानी मर्द या औरत बन सकता था पर इच्छाधारी बनने के बाद वो कोई भी रूप ले सकता था इंसान ,जानवर,पंछी कोई भी रूप अब काल ले सकता था ,अश्वलोक की समस्या बहुत ही विचित्र हो गईं थी ,अश्वलोक का हर अश्व पुरूष हजारो सालो से नपुंसक बन गए थे ,इसी समस्या का हल ढूंढने माला और बानी के साथ काल अश्वलोक आया था ।
Wonderfull update bhai
 

Goldybull

Member
225
3,413
123
Pata nahi kisi ne notice kiya ya nahi but last kuch updates mein mujhe ek baat khatak rahi hai

Jis se mujhe yeh lag raha hai ki writer thodi si mistake mein chal raha hai

Woh ese ki Prithvi Singh Shiva(urf Vijay urf Kaal) ki sachayi janta hai ki woh Naresh ka pota hai uskk yeh bhi malum hai ki Naresh hi Vijay hai jani ki Shiva ka dada hai

To kuch updates pehle writer bhai ne dikhaya ki Prithvi Singh aur Naresh mein sulah ho chuki hai to is hisab se Prithvi ki bata dena chahiye the ki SHiva Naresh ka pota hai woh mara nahi zinda hai

Pata nahi bymistake writer se koi chukk hui hai ya kuch aur socha hoga writer ne agar chukk hui hai to writer abhi bhi sahi kar sakta hai

Aur agar kuch aur socha hai to Naresh ahr Prithvi ki dosti ka scene galat dikhaya hai


Yeh bs meri thinking hai jo mujhe khatki hai pata nahi aur kisi ne dhayan diya ya nahi


Aur ek baat jis hisab ka role pehle Nargis Sanam Zareen chachi Neelo aur bakki ki 3no ladki ka role pehle jesa damdar nahi raha

Jese jese nayi ladkio ke role ate ja rahe hai vese vese purani aurto aur ladkio ke role madham padte ja rahe hai jani ki pehle wali conversations nahi dikha rahe writer bhai

Bakki shayad unho ne kuch socha hoga
Wait and watch ,कहानी एक बार पढ़ लो दोस्त ,कुछ बाते समझ जाओगे,कुछ आगे पता चलेगी
 
Last edited:

Nevil singh

Well-Known Member
21,150
52,934
173
Bahad shaandaar kahani hai mitr
Jo aapko achha lage vo likho bhai

Duniya kare sawal to hum kya jawaab de

Sabhi ki ichhayen to hum puri nahi kar sakte na
Aap chalte rahe mitr kaarvan aap ke sath chal raha hai
Abhi toh aapki dushri kahani bhi line me hai
Kush rahiye
Chintamukt rahiye
Suno sabki
Karo man ki
Man hi humara sabse achha margdarshak karta hai

Intjaar rahega bhai aapki kahani ke agle padav ashv lok ki yatra ka varanan karne waali nayi update ka
 
Top