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Incest जवानी के अंगारे ( Completed)

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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Shandar update
 
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Luckyloda

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थॅंक्स

गर्म लड़की किस्मत वालो को मिलती है, लाइफ की आधी खुशी तो ऐसे ही मिल जाती है

पता नही आप सभी को ऐसी लड़की मिली है या नही, पर कहानी के माध्यम से इस अनु को अपना ही समझो
:)
Kismat se mila hai aisa ehsaas.. .


Bahanchod pahle mana karti rahti h....


Par jaise hi hath lagao.....



1 min m chudne ke liye bechain ho jati hai.... sweet sixt**n se bhog rha hu usko
....


Abhi to only 3 year hi huye hai......



Bhut hot h yaaar
 

Seema3284

❣️Desi long detailed roleplay ❤️❤️ shy queen
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उसने हाथ नीचे करके उनके खड़े हुए लॅंड को सहलाया, जो इस वक़्त पेंट को फाड़कर बाहर आने के लिए आतुर था
मन तो उसका कर रहा था की उनके लॅंड के दर्शन कर ले
पर सर ने उसके हाथ को वहीं रोक दिया
शायद उन्हे पता था की एक बार वो साँप बाहर आ गया तो उसे संभालना मुश्किल हो जाएगा
वो उसकी चूत मारे बिना अंदर नही जाएगा फिर
और चूत मारने के लिए ये स्थान बिल्कुल भी सही नही था

अनु उनके लॅंड को बाहर तो नही निकाल पाई पर उपर से हाथ लगाकर उसे उसकी लंबाई और मोटाई का अंदाज़ा ज़रूर मिल गया
ये मोटे खीरे जैसा लॅंड कैसे घुसेगा उसकी नन्ही सी चूत में
रोमांच के साथ डर भी लग रहा था उसे
पर इतना तो पता था उसे भी
बाद में मज़ा बहुत आता है

इसलिए उस बार-2 के मज़े के लिए इस एक बार के दर्द से तो निपटना ही पड़ेगा
पर अभी तो वो पल शायद काफ़ी दूर था
अभी के लिए तो इस मौके मे मिल रहे मज़े को ही एंजाय करना चाहती थी वो

पर उसकी एंजाय्मेंट पर ब्रेक लग गया जब उसे दूर कॉरिडर से पीयून चाय की ट्रे लेकर आता हुआ दिख गया
वो छिटककर सुधीर सर की गोद से उतर गयी और जल्दी से उसने अपनी शर्ट पहन ली और जाकर सामने वाली सीट पर पहले की तरह बैठ गयी

सर भी अपनी हालत दरुस्त करके चश्मा लगाकर लॅपटॉप स्क्रीन पर देखकर कुछ बोलने लगे जैसे अनु को कुछ समझा रहे हो
पर अनु का ध्यान तो अपनी शर्ट पर था
बटन लगाते हुए उसके हाथ काँप रहे थे
मुश्किल से 4 बटन लगा पाई थी की पीयून अंदर आ गया और दोनो के सामने चाय रख दी

अनु के चेहरे का रंग उड़ा हुआ था, उसके उपर के 4 बटन खुले थे अभी तक, वो तो आख़िरी मौके पर उसने अपने हाथों से सामने वाले हिस्से को कस कर पकड़ लिया ताकि वो पीयून उसका खुला गला ना देख पाए
पीयून ने जाते-2 उसके चेहरे को देखा भी ,शायद उसे कुछ शक सा हो रहा था
पर तभी सर ने उससे पूछा : “क्या हुआ बिनोद, खड़े क्यों हो अभी तक…जाओ अपना काम करो..”
वो बेचारा सर की हल्की डांट सुनकर उल्टे पैर चलता बना

उसके जाते ही दोनो के चेहरे पर गहरी मुस्कान आ गयी
इस रोमांच भरे पलों में उन्होने जिस बेबाकी से वो सब किया था शायद उसे सोचकर हंस रहे थे
सर कुछ और कर पाते इससे पहले ही उनके मोबाइल की घंटी बज उठी
ये शेफाली का कॉल था
अनु की मॉम का

और अनु के सामने तो वो उससे बात कर नहीं सकते थे
इसलिए उसे एक्सक्यूज़ मी बोलकर वो कमरे से बाहर निकल आए
सुधीर : “हेलो…हाय , कैसी हो…”

शेफाली : “मैं तो ठीक हूँ पर आप शायद मुझे भूल गए एक ही दिन में ..”
सुधीर ने अंदर बैठी अनु को देखा जो उन्हे ही देखकर उनके अंदर आने का वेट कर रही थी
सुधीर : “मैं भी बस आपके बारे में ही सोच रहा था अभी…”
शेफाली : “अच्छा …वो कैसे”
सुधीर : “वो मैं अभी स्कूल में ही था और सोच रहा था की काश तुम अभी यहाँ आ जाती, मेरी गोद में बैठ कर अपना टॉप उतारती और मैं तुम्हारे रसीले बूब्स को चूसता , तुम्हारे होंठों को चबा जाता”

वो ठीक वैसा ही बोल रहे थे जैसा उन्होने अभी कुछ देर पहले शेफाली की बेटी अनु के साथ किया था

सुधीर सर की गर्म बाते सुनकर शेफाली तड़प उठी : “उम्म्म्मम…..क्यों ऐसी बातें करके मुझे तडपा रहे हो…पता है कल शाम से मुझे हर पल वही सब याद आ रहा है जो पार्किंग लॉट में जो हुआ था….काश मैं इस वक़्त तुम्हारे सामने होती तो वही सब करती जो तुमने कहा, इन्फेक्ट वहीं टेबल के नीचे घुसकर तुम्हे एक बार फिर से सक्क करती…”




अपने लॅंड की सकिंग के नाम से ही सुधीर का लॅंड फिर से तन्ना उठा.
शेफाली : “अब मुझसे रहा नही जा रहा, तुम एक काम करो, किसी तरह भी मिलने का प्रोग्राम बनाओ, एंड फक्क मी प्लीज़…..फ़क्क मी….”

आग इतनी भड़क रही थी उसके अंदर की वो चुदाई की भीख माँगने लगी सुधीर से
वो बोले : “तुम फ़िक्र ना करो मेरी जान, इसका भी जल्दी ही इंतज़ाम करता हूँ …बस तुम मेरे हिसाब से वो सब करते जाओ…”
और फिर सिर उसे कुछ समझाने लगे

और फिर फोन रखने के बाद वो अंदर आ गये
अंदर अनु अलग से परेशान हो रही थी, की इस वक़्त कौनसी सौतन का फ़ोन आ गया जो उन्हें कमरे से बहार जाकर बात करनी पड़ रही है
उन्होंने ये बेशक़ीमती समय फोन पर नष्ट कर दिया था
स्कूल बंद करने का समय हो चला था अब
इसलिए पीयून एक बार फिर से आता हुआ दिखाई दिया
अभी के लिए कुछ और हो नही सकता था
पर पीयून की नज़रों में आए बिना , आज से ज़्यादा मज़ा कल कैसे मिल सकता है, ये जान चुके थे दोनों
पर अभी तो सर को शेफाली की चूत के उद्घाटन का प्लान बनाना था
उसे और देर तक तड़पाकर वो हाथ आई हुई इस हीरोइन को खोना नही चाहते थे
अगला दिन काफी मजेदार होने वाला था

शेफाली जिस अदा से बोल रही रहा नही जा रहा
कैसे भी मिलने का प्रोग्राम बनाओ एंड फक्क मि प्लीज फक्क्क
Ohhhh एकदम जैसे अंदर से बोल रही।।।।

Damn बहुत गर्म
 

Ajju Landwalia

Well-Known Member
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उसने हाथ नीचे करके उनके खड़े हुए लॅंड को सहलाया, जो इस वक़्त पेंट को फाड़कर बाहर आने के लिए आतुर था
मन तो उसका कर रहा था की उनके लॅंड के दर्शन कर ले
पर सर ने उसके हाथ को वहीं रोक दिया
शायद उन्हे पता था की एक बार वो साँप बाहर आ गया तो उसे संभालना मुश्किल हो जाएगा
वो उसकी चूत मारे बिना अंदर नही जाएगा फिर
और चूत मारने के लिए ये स्थान बिल्कुल भी सही नही था

अनु उनके लॅंड को बाहर तो नही निकाल पाई पर उपर से हाथ लगाकर उसे उसकी लंबाई और मोटाई का अंदाज़ा ज़रूर मिल गया
ये मोटे खीरे जैसा लॅंड कैसे घुसेगा उसकी नन्ही सी चूत में
रोमांच के साथ डर भी लग रहा था उसे
पर इतना तो पता था उसे भी
बाद में मज़ा बहुत आता है

इसलिए उस बार-2 के मज़े के लिए इस एक बार के दर्द से तो निपटना ही पड़ेगा
पर अभी तो वो पल शायद काफ़ी दूर था
अभी के लिए तो इस मौके मे मिल रहे मज़े को ही एंजाय करना चाहती थी वो

पर उसकी एंजाय्मेंट पर ब्रेक लग गया जब उसे दूर कॉरिडर से पीयून चाय की ट्रे लेकर आता हुआ दिख गया
वो छिटककर सुधीर सर की गोद से उतर गयी और जल्दी से उसने अपनी शर्ट पहन ली और जाकर सामने वाली सीट पर पहले की तरह बैठ गयी

सर भी अपनी हालत दरुस्त करके चश्मा लगाकर लॅपटॉप स्क्रीन पर देखकर कुछ बोलने लगे जैसे अनु को कुछ समझा रहे हो
पर अनु का ध्यान तो अपनी शर्ट पर था
बटन लगाते हुए उसके हाथ काँप रहे थे
मुश्किल से 4 बटन लगा पाई थी की पीयून अंदर आ गया और दोनो के सामने चाय रख दी

अनु के चेहरे का रंग उड़ा हुआ था, उसके उपर के 4 बटन खुले थे अभी तक, वो तो आख़िरी मौके पर उसने अपने हाथों से सामने वाले हिस्से को कस कर पकड़ लिया ताकि वो पीयून उसका खुला गला ना देख पाए
पीयून ने जाते-2 उसके चेहरे को देखा भी ,शायद उसे कुछ शक सा हो रहा था
पर तभी सर ने उससे पूछा : “क्या हुआ बिनोद, खड़े क्यों हो अभी तक…जाओ अपना काम करो..”
वो बेचारा सर की हल्की डांट सुनकर उल्टे पैर चलता बना

उसके जाते ही दोनो के चेहरे पर गहरी मुस्कान आ गयी
इस रोमांच भरे पलों में उन्होने जिस बेबाकी से वो सब किया था शायद उसे सोचकर हंस रहे थे
सर कुछ और कर पाते इससे पहले ही उनके मोबाइल की घंटी बज उठी
ये शेफाली का कॉल था
अनु की मॉम का

और अनु के सामने तो वो उससे बात कर नहीं सकते थे
इसलिए उसे एक्सक्यूज़ मी बोलकर वो कमरे से बाहर निकल आए
सुधीर : “हेलो…हाय , कैसी हो…”

शेफाली : “मैं तो ठीक हूँ पर आप शायद मुझे भूल गए एक ही दिन में ..”
सुधीर ने अंदर बैठी अनु को देखा जो उन्हे ही देखकर उनके अंदर आने का वेट कर रही थी
सुधीर : “मैं भी बस आपके बारे में ही सोच रहा था अभी…”
शेफाली : “अच्छा …वो कैसे”
सुधीर : “वो मैं अभी स्कूल में ही था और सोच रहा था की काश तुम अभी यहाँ आ जाती, मेरी गोद में बैठ कर अपना टॉप उतारती और मैं तुम्हारे रसीले बूब्स को चूसता , तुम्हारे होंठों को चबा जाता”

वो ठीक वैसा ही बोल रहे थे जैसा उन्होने अभी कुछ देर पहले शेफाली की बेटी अनु के साथ किया था

सुधीर सर की गर्म बाते सुनकर शेफाली तड़प उठी : “उम्म्म्मम…..क्यों ऐसी बातें करके मुझे तडपा रहे हो…पता है कल शाम से मुझे हर पल वही सब याद आ रहा है जो पार्किंग लॉट में जो हुआ था….काश मैं इस वक़्त तुम्हारे सामने होती तो वही सब करती जो तुमने कहा, इन्फेक्ट वहीं टेबल के नीचे घुसकर तुम्हे एक बार फिर से सक्क करती…”




अपने लॅंड की सकिंग के नाम से ही सुधीर का लॅंड फिर से तन्ना उठा.
शेफाली : “अब मुझसे रहा नही जा रहा, तुम एक काम करो, किसी तरह भी मिलने का प्रोग्राम बनाओ, एंड फक्क मी प्लीज़…..फ़क्क मी….”

आग इतनी भड़क रही थी उसके अंदर की वो चुदाई की भीख माँगने लगी सुधीर से
वो बोले : “तुम फ़िक्र ना करो मेरी जान, इसका भी जल्दी ही इंतज़ाम करता हूँ …बस तुम मेरे हिसाब से वो सब करते जाओ…”
और फिर सिर उसे कुछ समझाने लगे

और फिर फोन रखने के बाद वो अंदर आ गये
अंदर अनु अलग से परेशान हो रही थी, की इस वक़्त कौनसी सौतन का फ़ोन आ गया जो उन्हें कमरे से बहार जाकर बात करनी पड़ रही है
उन्होंने ये बेशक़ीमती समय फोन पर नष्ट कर दिया था
स्कूल बंद करने का समय हो चला था अब
इसलिए पीयून एक बार फिर से आता हुआ दिखाई दिया
अभी के लिए कुछ और हो नही सकता था
पर पीयून की नज़रों में आए बिना , आज से ज़्यादा मज़ा कल कैसे मिल सकता है, ये जान चुके थे दोनों
पर अभी तो सर को शेफाली की चूत के उद्घाटन का प्लान बनाना था
उसे और देर तक तड़पाकर वो हाथ आई हुई इस हीरोइन को खोना नही चाहते थे
अगला दिन काफी मजेदार होने वाला था

Wow Ashok Bhai

Aag hi laga di in updates ne.................Ab Maa aur Beti dono hi ek dusre ke sautan ban gayi he............

Gazab ki updates he Bhai

Keep Posting
 
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Ashokafun30

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Wow Ashok Bhai

Aag hi laga di in updates ne.................Ab Maa aur Beti dono hi ek dusre ke sautan ban gayi he............

Gazab ki updates he Bhai

Keep Posting
thanks
but isko sautan nahi kahenge
baaki aane wala waqt hi batayega kaun kiska kya hai
keep reading
next update will come soon.
 

Ashokafun30

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Kismat se mila hai aisa ehsaas.. .


Bahanchod pahle mana karti rahti h....


Par jaise hi hath lagao.....



1 min m chudne ke liye bechain ho jati hai.... sweet sixt**n se bhog rha hu usko
....


Abhi to only 3 year hi huye hai......



Bhut hot h yaaar
bade harami ho beta :sanskar:
 

Ashokafun30

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स्कूल बंद करने का समय हो चला था अब
इसलिए पीयून एक बार फिर से आता हुआ दिखाई दिया
अभी के लिए कुछ और हो नही सकता था
पर पीयून की नज़रों में आए बिना , आज से ज़्यादा मज़ा कल कैसे मिल सकता है, ये जान चुके थे दोनों
पर अभी तो सर को शेफाली की चूत के उद्घाटन का प्लान बनाना था
उसे और देर तक तड़पाकर वो हाथ आई हुई इस हीरोइन को खोना नही चाहते थे
अगला दिन काफी मजेदार होने वाला था

स्कूल से निकलकर अनु ने ऑटो लिया और घर की तरफ चल दी
पूरे रास्ते वो रह रहकर अपने बूब्स सहला रही थी, उनमे हो रही चुभन उससे अब बर्दाश्त नही हो रही थी
मन तो कर रहा था की इस ऑटो वाले को रुकने के लिए बोले और उसे पीछे बुलाकर अपने नन्हे बूब्स उसे चूसने के लिए दे डाले
इस वक़्त तो उसे अपने बूब्स चुसवाने लिए बस एक मर्द चाहिए था
फिर चाहे वो कोई भी हो
इस सैक्स की ललक ने उसे एक रंडी जैसा सोचने पर मजबूर कर दिया था

अभी तो उसने लॅंड लिया नही था किसी का
वो ले लेगी तो क्या कारनामे करेगी, ये सोचकर ही उसकी चूत में अजीब सी कसमसाहट होने लगी
ये आज पहली बार हुआ था उसके साथ
सर के साथ थी तब भी ऐसी फीलिंग आई थी नीचे से

शायद अभी तक जो आग उपर यानी उसके जवानी के अंगारो में लगी हुई थी, वो फैलकर नीचे तक आ चुकी थी
उसे ऐसा लग रहा था जैसे सैंकड़ो चींटियां उसकी चूत की दीवारों पर रेंग रही है
पर ये फीलिंग थी बड़ी ही मजेदार
क्योंकि एक अजीब सा गीलापन था इसमें
गाड़ा रास निकल कर अंदर ही अंदर घूम रहा था
जाँघो को भींचती तो फ़च की आवाज़ निकलती और एक रेशमी सा एहसास मिलता पूरे शरीर को
इसलिए जाँघो को आपस में रगड़ने में भी उसे एक नशे की प्राप्ति हो रही थी

ऑटोवाला : “मेडम….ओ मेडम….कहाँ उतरना है, आपका इंदिरपुरम तो आ गया….”
मैं जैसे सपने से जागी
“उम्म्म…ओह्ह ……वो….वो बस थोड़ा और आगे, वो रेड लाइट के बाद जो मॉल है, वहीं उतार देना साइड में ….”

मैं शर्म से लाल हुए जा रही थी उसे पैसे देते हुए भी
क्योंकि वो घूर कर मुझे उपर से नीचे तक देख रहा था
शायद जान चुका था की मैने ब्रा नही पहनी है और उपर से मैं जिस अंदाज से अपनी छाती और जांघे मसल रही थी उसे थोड़ा बहुत डाउट हो गया था की मैं खुद से ही मज़े ले रही थी
पर स्कूल ड्रेस में देखकर शायद वो कोई कदम उठाने से डर रहा था..

मैने भी चेंज वापिस लिया और तेज कदमो से चलती हुई घर पहुँची, लॉक खोला और रोजाना की तरह अपने कमरे में जाते-2 अपने सारे कपड़े निकाल फेंके
और पूरी नंगी होकर जब मेरी उंगलिया मेरी चिपचिपी चूत में उतरी तो ज़ोर से चिल्ला पड़ी मैं




“ओह………सुधीईईईईईर सर्ररर…………..य्आआआआआआआआररर्ररर…..कितना मज़ा आ रहा था……… उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़…… क्या सकककक करते हो आअप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प……… देखो…..ये देखो…..अभी तक आपनी थूक लगी है इसपर……….आआआआआआआहह कााआआआअशह….आप यहां होते अभी…….खााआआआआअ जाआअती अभी आपकेकए……लॅंड को………….चूऊऊऊस लेती आपका लोढ़ा ….”

वो ज़ोर -2 से अपनी चूत में उंगलियों को पंप किये जा रही थी….और तब तक करती रही जब तक उछल-2 कर पानी की बौछारें बाहर ना गिरने लगी




आज जैसी वो पहले कभी नही झड़ी थी

वो नोट कर रही थी की जैसे-2 वो जवान हो रही है, सैक्स के प्रति बढ़ रही उसकी रूचि के कारण उसे झड़ने में ज़्यादा आनंद की अनुभूति हो रही है
उसके शरीर का एक-2 अंग किसी मर्दाना दबाव को महसूस करना चाहता था
ताकि वो मदमस्त होकर, अपनी आँखे बंद करके उस मर्दन का मज़ा ले सके
अपनी चूत से निकले चिपचिपे पानी को अपनी उंगलियों से इकट्ठा करके वो धीरे-2 अपने शरीर पर मल रही थी
जैसे शरीर को चिकना रखने के लिए कोई बॉडीलॉशन लगा रही हो
अपने बूब्स पर
गर्दन पर
चेहरे पर
और जब उसे नाक पर रगड़ा तो ऐसा महसूस हुआ जैसे अपनी सांसो पर भी उसने उस मनमोहक सी गंध का पैगाम लिख दिया है
अपने ही अंदर से निकली अंगूरी शराब के नशे ने उसकी आँखों का रंग गुलाबी कर दिया
और अपने ही घी में चुपड़ी हुई अनु कब नींद के आगोश में पहुँच गयी, उसे भी नही पता चला




शाम को जब उसकी नींद खुली तो मॉम के आने का वक़्त हो चुका था
वो नहा धोकर तैयार हुई और खाना खाने के बाद दोनो माँ बेटियों ने पिछली 2 रातों की तरह एक दूसरे को खूब चूमा चाटा
अनु की तो प्यास आज सुधीर सर ने भड़का दी थी और शेफाली आज प्यासी ही रह गयी थी
इसलिए दोनों अपनी प्यास एक दूसरे से बुझा रहे थे

अब तो शेफाली ने उस ऐप का इस्तेमाल करना भी बंद कर दिया था
सुधीर सर से चुदे बिना वो अभी किसी और से मिलना नही चाहती थी
वैसे भी सुधीर सर उसे काफ़ी पसंद आ रहे थे
जवान भी है वो
कुँवारा भी और स्कूल में पढ़ाता है तो उसे भी अपनी इज़्ज़त की उतनी ही परवाह है जितनी शेफाली को अपनी इज्जत की है
इसलिए कोई रिस्क या परेशानी नही थी उनके साथ अफेयर करने में

अगले दिन नहाते वक़्त अनु ने अपनी चूत के बाल अच्छे से सॉफ कर लिए क्योंकि उसने निशा से सुना था की मर्दों को चिकनी चूत चाटने में ज़्यादा मज़ा आता है यानी अब वो सुधीर सर से अपनी चूत चटवाना चाहती थी
पर स्टाफ रूम में रहते हुए वो कैसे हो पाएगा ये सोचने वाली बात होगी
पर देखा जाएगा, जब सर का लॅंड चूसा जा सकता है तो उसकी चूत भी वहीं चूसी जाएगी
तैयार होकर वो मॉम को बाय बोलकर स्कूल के लिए निकल गयी

आज वो पहले से ज़्यादा चहक रही थी
क्लास में निशा ने उसे दबोच लिया और उसकी खुशी का कारण पूछा तो उसने कल वाली बात पूरे विस्तार से बता डाली
क्योंकि शुरू से ही दोनों अपनी बातें एक दूसरे से नहीं छुपाते थे
निशा की तो चूत ही पनिया गयी वो सब सुनकर
सुधीर सर का लॅंड उन्ही के स्टाफ रूम में चूस्कर आई थी उसकी सहेली
उसका बस चलता तो उसे ऑस्कर दे डालती इस पर्फॉर्मेन्स के लिए

निशा : “यार…..तो कितनी लक्की है, सर का मोटा लॅंड चूसने में कितना मज़ा आया होगा ना…..यार, मेरा भी मन कर रहा है उनका चूसने का….”

उसकी बात सुनकर अनु हैरानी से उसे देखते हुए बोली : “अच्छा जी, अब तेरा भी मन कर रहा है, तू तो पहले से ही पूरे मज़े लेकर बैठी है अपने बाय्फ्रेंड से “

निशा : “कौन….वो संजू…..ओ हेलो, वो कोई मेरा बाय्फ्रेंड नही है, वो तो बस मज़ा लेने का एक ज़रिया है, ये मेरी कोई उम्र है भला बाय्फ्रेंड बनाने की “

ओह्ह तो वो शुरू से ही क्लियर है इस रिलेशनशिप को लेकर
ये सब जो वो संजू के साथ कर रही थी वो सिर्फ़ अपनी जवानी के मज़े लेने के लिए
वैसे ठीक भी था, अभी तो हमारी जवानी की शुरुवात है
यही मौका है हर तरह के एक्सपीरियन्स लेने का
बाय्फ्रेंड के चक्कर में एक पर ही टीके रहने में कोई फ़ायदा नही है

निशा : “हेलो, कहाँ खो गयी तू…..”
मैं : “नही वो बस ऐसे ही….मैं सोच रही थी की जब वो तेरा बाय्फ्रेंड नही है तो क्या मैं भी…..”

निशा का चेहरा खिल उठा, वो बोली : “वो तो मैं पहले ही समझ गयी थी , उस दिन तेरे घर जब पहली बार उसने मुझे फक किया था…वो जिस तरह से तुझे देख रहा था, तेरे नंगे बूब्स को छू रहा था, मुझे भी लग रहा था की वो तुझमे इंटरेस्टेड है, पर शायद मुझसे डर लग रहा था उसे, पर अब मुझे मेरे हिस्से का आनंद मिल चुका है तो तू क्यों पीछे रहे, आख़िर यू आर माय बेस्ट फ्रेंड, अब जल्द ही तेरी भी सेट्टिंग करवाती हू उसके साथ, अभी तो वो 2 दिन के लिए अपने गाँव गया है, उसकी रिश्तेदारी में कोई मर गया है, तो अपनी माँ को लेकर गया है, जैसे ही आएगा, प्रोग्राम बनाते है तेरे घर का…”

प्रोग्राम के नाम से ही अनु की चूत की चींटियां फिर से रेंगने लगी
निशा : “पर मेरी भी एक शर्त है, तू अपना हो जाने के बाद मेरी भी हेल्प करेगी सुधीर सर के साथ…..”

साली, कितनी कमीनी है, दोस्ती का नाम लेकर अदला बदली का खेल ख़ेल कर रही है
खैर, कोई बात नही, मुझे भी तो डबल मज़ा मिलेगा
सुधीर सर के बाद संजू का
इसलिए मैने भी मुस्कुरा कर हां कर दी

पर मेरी मुस्कुराहट थोड़ी देर में ही गायब हो गयी जब मुझे पता चला की आज सुधीर सर की तबीयत खराब थी, इसलिए वो स्कूल नही आए
मेरे तो सारे प्लान चोपट हो गये
मैने आज के लिए क्या-2 सोचा था
अपनी पुस्सी सर से सक्क करवाउंगी, उनके लॅंड को चूसूंगी
पर सब धरा का धरा रह गया

ये सर भी ना, अपना ध्यान नही रख सकते क्या
मेरा तो सारा मूड ही ऑफ हो गया
मैने भी तबीयत खराब का बहाना बनाकर शॉर्ट लीव ली और घर की तरफ चल दी
मन तो कर रहा था की सुधीर सर के घर जाकर उन्हे अच्छे से कूट डालूं
इतना गुस्सा आ रहा था
ऐसे ही मन ही मन कूड़ती हुई अपने घर पहुँच गयी
घर पहुँचकर देखा तो मैं हैरान रह गयी
सर की कार मेरे घर के बाहर खड़ी थी

ये कैसे हुआ, क्यों हुआ, अनु को कुछ पता नही चल पा रहा था

असल में हुआ ये था की एक दिन पहले जब सुधीर सर अनु के साथ स्टाफ रूम में अपना लॅंड चुसवा कर निकले थे तो शेफाली का कॉल आया था, जिससे सुधीर ने बाहर जाकर बात की थी

और शेफाली को अपने लॅंड के लिए तड़पता देखकर उनके दिमाग में ये प्लान आया था की अगले दिन वो स्कूल से छुट्टी कर लेंगे, और शेफाली को भी ऑफीस से छुट्टी लेने की सलाह दी थी उन्होने, ताकि अनु के घर आने से पहले वो अच्छे से चुदाई का आनंद ले सके शेफाली के घर पर

इसलिए अनु के स्कूल जाते ही शेफाली ने सुधीर को अपने घर की लोकेशन भेज दी, वो तो पहले से ही उसी एरिया में चक्कर लगा रहे थे , लोकेशन मिलते ही वो 10 मिनट में वहां पहुँच गये

शेफाली ने कल रात एक नाईटी पहनी हुई थी , जिसे रात को अनु ने उतार दिया था
सुधीर सर ने जब बेल बजाई तो उसने सोचा की ऐसे ही नंगी चली जाए बाहर पर फिर कुछ सोचकर उसने वो नाईटी पहन ही ली
वैसे उसे पहनना और ना पहनना एक ही बात थी
पारदर्शी होने की वजह से उसके अंदर का एक-2 अंग सॉफ दिखाई दे रहा था सुधीर को


 
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