ये पायल भी ना अपने पापा का कांड
करवाकर कर भी दम लेगी
एक से एक जादुई पंक्तियां है..
पायल खड़ी हो कर अपने माथे का पसीना पोंछती है. फिर दोनों हाथो को उठा के अपने बालों को पीछे ले जा कर बाँधने लगती है. रमेश की नज़र पायल की की बगलों पर पड़ती है. टॉप की छोटी बांहों से बगल के हलके काले रेशमी बाल दिख रहे है और निचे पसीने से गीला धब्बा. ये नज़ारा देख के रमेश का लंड और सक्त हो जाता है. वो पायल के पास जाता है. नज़रें पायल की बगलों पर है. पायल को समझने में देर नहीं लगती की पापा की नज़रें कहाँ है. वो वैसे ही हाथो से बालों को ठीक करते हुए खड़ी है.
रमेश : (पायल के पास जा कर एक लम्बी साँसे लेते हुए) पायल बेटी...ये खुशबू कहाँ से आ रही है? कौनसा परफ्यूम लगाया है?
पायल समझ जाती है की पापा किस खुशबू की बात कर रहे है. वो परफ्यूम सिर्फ कॉलेज जाते वक़्त लगाती थी. अब जब कॉलेज बंद हो गया था तो उसने दो दिनों से कोई परफ्यूम नहीं लगाया था.
पायल : (नखरा दिखाते हुए) हाँ पापा ....लगाया है. लेकिन मैं आपको उसका नाम नहीं बताउंगी. वो परफ्यूम तो आप भी इस्तेमाल करते हो. देखती हूँ की आप पहचान पाते हो या नहीं?
रमेश : (मुस्कुराते हुए) ये तो तुमने मुझे दुविधा में डाल दिया बिटिया. खैर...अब तुम मुझे परखना ही चाहती हो तो ठीक है, देखते है....
रमेश अपना सर पायल की टॉप के करीब ला कर जोर से सांस लेते है. २-३ बार साँसे लेने के बाद.
रमेश : यहाँ तो कुछ पता नहीं चल रहा पायल. तुम अपनी बगलों में ज्यादा परफ्यूम लगाती हो ना?
पायल : जी पापा....पसीने भी तो वही ज्यादा आता है ना....
रमेश : हाँ पायल बेटी...और तुझे तो और भी ज्यादा पसीने आता है. देख तो तेरी बगलों के निचे की टॉप कैसी भीगी पड़ी हैं. चलो...कोई बात नहीं. मैं अभी सूंघ के बताता हूँ की कौनसा परफ्यूम है.
रमेश अपनी नाक पायल की बाएं बगल की तरफ ले जाता है. पायल भी अपना हाथ और ऊपर उठा देती है.
रमेश : (जोर से सांस खींच कर) हम्म....!! खुशबू तो अच्छी है पायल लेकिन ये तेरे टॉप की बाहं सब खेल बिगाड़ रही है. इसकी वजह से मैं ठीक तरह से खुशबू नहीं ले पा रहा हूँ. तेरे पास कोई बिना बाहं वाली टॉप नहीं हैं क्या?
पायल : है तो पापा...लेकिन वो मैं सिर्फ सोते वक़्त ही पहनती हूँ...
जादुई पंक्तिया।।।।