- गलत - 1
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मेरा नाम राहुल मिश्रा है ...इस वक़्त मेरा उमर 23 साल का है .. मेरा अभि अभी 6 महीने पेहेले सादी हो चुका है..
में प्रेम बिबाह किया.. निधि त्रिपाठी अब मेरी धरम पत्नी निधि मिश्रा बन चुकी.. इस वक़्त निधि की उमर 19 साल चल रही है..
निधि मेरी सगी मौसी पदमिनि त्रिपाठी की एक लौटी बेटी.. सिर्फ एक छोटी सी गलती से हम दोनों की प्रेम लीला हमारे बुजुर्ग के सामने आ गेया..
निधि की बिस्तर के नीचे कुछ प्रेम पत्र (निधि ओर मेरा) मेरी माँ रुक्मिणी ओर मौशी पदमिनि के हाथ लग चुका था..
हम दोनों के माँ ने जब हम दोनों के प्यार का love लेटर पढ़े तब दोनो खुस होकर हम दोनों का सादी कर दिए..
पदमिनि मौशी की सिर्फ एक बेटी थी.. ओर मेरी माँ की हम दोनों भाई बेहेन थे..
मेरी बड़ी बेहेन राधिका पिछले 7 साल से शादी करके आपनी ससुराल पर रहती है..
राधिका दिदि के पति अशोक जीजा जी दुबई में एक अच्छे जब के अधिकारों थे..
अशोक जीजू हर साल 2 बार छूटी बिताने केलिए इंडिया आते थे..
अशोक जीजू के आछे नौकरी के वज़ा से पापा ने अशोक जीजू के साथ राधिका दिदि की शादी करवा दिए..
राधिका दिदि से अशोक जीजू उमर में पूरे 10 साल बड़े थे .
इस वक़्त राधिका दिदि 25 साल की थी.. पिछले 7 साल से राधिका दिदि सादी करके भी राधिका दिदि अभी तक माँ नहीं बन पा रही थी..
पता नहीं क्यों ? पर मुझे लगता है इस 10 साल की लम्बे उमर का फैसला.. उपर से अशोक जीजू जब घर आते है तब सिर्फ 7/8 दिन के छूटी के वाज़ा से राधिका दिदि माँ नहीं बन पा रही थी..
ये मेरा पर्सनल सोच था.. पर हक़ीक़त मुझे नहीं पता.. राधिका दिदि की इस हालत का ज़िमेदारी माँ हमेसा पापा को बोलती थी..
पर जब मेरा सादी हो गेया तब घर पर फिर से खुसी आने लगी..अब राधिका दिदि को लेकर माँ और पापा के बीच घर पर झगड़ा बन्द हो चुकी थी..
पर जब राधिका दिदि आपनी ससुराल से कभी कभार हमारे पास आती थी .तब पापा ओर माँ के बीच फिर से झगड़ा सुरु हो जाती थी..
निधि ओर मेरे सेक्स लाइफ काफी ज़ोरदार से होने लगी.. पर पिछले 6 महीने से निधि एक बार भी गर्भवती नहीं हुई थी .
अब आहिस्ता आहिस्ता घर पर सभी के मन मे डर पैदा होने लगा था..कहीं हम दोनों भाई बेहेन के वाज़ा से अशोक जीजू ओर निधि की ज़िंदगी बर्बाद तो नहीं ही गेई ?
पर सचाई कुछ और था.. फिलहाल निधि गर्भवती होने नहीं चाहती थी.. इशिलिये निधि आपनीं सुरख्या खुद करती थी..
मतलब निधि गर्भनिरोधक गोली खा रही थी.. एक दिन राधिका दिदि ने निधि को गर्भनिरोधक गोली खाते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया..
राधिका दिदि को निधि ने खड़े खड़े चूतिया बना दिया.
निधि - दिदि ..अचुअली राहुल भैया..
तब राधिका ने हस कर निधि की गाल पर हल्की सी थापड़ मार कर - बेसरम लड़की.. राहुल अब तेरा पति है ..
निधि हस कर - सॉरी दिदि.. बचपन से आदत जो पड़ चुकी है..
राधिका हस कर - हाँ बोल..तू कुछ बोलने वाली थी ?
निधि - राहुल भैया.. ओ सॉरी.. राहुल जी हर महीने मेरी मासिक पीरियड रुकवा देते है.. पर मुझे अभी कोई बचा नहीं चाइए.. इशिलिये में किसी को बिना बताए ये दबाई खा रही थी..
फिर राधिका आपने ससुराल चली गेई.. राधिका दिदि की ससुराल लगभग 15 किलोमीटर दूरी पर थी ..
कुछ महीने बाद अचानक राधिका दिदि ओर उसकी सासु माँ घर पर आ गेई.. तब पता चला कि अशोक जीजू 2 महीने के बाद इंडिया आने वाले है..
कुछ पुरानी बुजुर्ग महिला के बात पर राधिका दिदि को उसकी सासूमाँ हमारे घर पर छोड़ कर चली गेई थी..
बुजुर्ग महिलाओ के मानना है ..*** मंदिर पर एक पूजा करने से राधिका दिदि की बांझ का साया हट जाएगी..
ओर संजोग से वही मंदिर हमारे गांव में था.. रोज़ एक महीने तक सुबह सुबह मंदिर जा कर पूजा करने से राधिका दिदि माँ बन जाएगी..
ये बात कुछ बूढ़ी पुराने औरत का दाबा थी.. राधिका दिदि की सासूमाँ के आगे मेरी माँ भीगी बिल्ली थी.. आखिरकार जमाई बाबू की माँ जो थी ..
राधिका दिदि ओर निधि के बीच काफी जमती थी.. ओर तो ओर निधि ओर राधिका दिदि की सकल 19/20 मिलती है ..
जब से राधिका दिदि घर पर आई है तब से निधि मेरे हाथ नहीं आती थी..
क्यों कि राधिका दिदि ने आते ही निधि की गर्भनिरोधक गोली को फेंक कर निधि को बुरा भला बोल चुकी थी..
निधि के पास गर्भनिरोधक गोली नहीं थी.. इशिलिये निधि मुझसे चुदाई ना करने केलिए दूर भाग रही थी..
निधि जान बूझकर सारा दिन माँ और दिदि के साथ रहती थी.. ओर रात को राधिका दिदि को बुला कर मेरे बेडरूम पर सुला देती थी..
राधिका दिदि मेरे बिस्तर पर मेरे जगह सोने से.. मुझे मजबूरन हल में सोना पड़ा..
इस तरह 4/5 दिन गुज़र गेया.. भला में कैसे मेरे लन्ड को सांत करूँ ? मुठ मार कर आपने सेहद की खराब करना मेरे मन मे नहीं था .
अब में आप सभी को मेरे लन्ड के बारे में बतादूँ.. मेरा लन्ड 9 इंच का लम्बा है.. ओर मोटाई तो पूछो मत..
मेरा भयंकर लन्ड का ताकत सिर्फ निधि की चुत बता सकती है..पेहेले 15 दिन तक निधि ठीक से चल नहीं पाई.. पर निधि की चुत को दिन रात चोद चोद कर में निधि को पूरा औरत बनाने के बाद निधि ठीक ठाक से चलने फिरने लगी..
अचानक चुदाई बन्द होने से में निधि को उपर गुसा हो कर निधि से बात चीत करना बंद करदीआ..
मेरा इस बरताप से निधि की अंदर आत्मा को ठेस पहोंची.. निधि उसकी गलती मान लो..
दूसरे दिन हम सब हमारे गांव के मंदिर में गए थे.. दिदि की नाम से पूजा पाठ होने लगा.
दिदि की पेर भारी होने केलिए माँ और दिदि.. दोनो मंदिर के आगे गिड़गिड़ाने लगे..
माँ और दिदि की दर्द भरी आवाज़ से निधि की अंदर आत्मा हिल चुकी थी..
निधि मेरे पास खड़ी हो कर मंदिर में बैठे भगवान को - मुझे माफ़ करदो भगवान.. में नादान हूँ.. जवानी की सुख को बरकरार रखने केलिए में गर्भनिरोधक गोली खा रही थी..अब मेरी आँख खुल चुकी है प्रभु.. आज के बाद में कभी पाप नहीं करूंगी..
में - आपने पति से दूर रह कर पुण्य करना कोई तुमसे सीखे..
तब निधि हस कर मेरे कमर पर चिमटी काटकर - आज से आपको बराबर प्यार मिलेगा..
तब पुजारी जी ने राधिका दिदि को प्रसाद दिया..
पुजारी - चिंता मत कर पुत्री..इस मंदिर से कोई खाली हात नहीं लौटी.. मुझे पूरा बिस्वास है.. तेरी कोख अबस्य पूरी होगी..
गांव वालों को दिदि की गौद भरने केलिए मंदिर में बड़ा सा भोजन देकर फिर हम सब घर वापस आ गए..
दिन के थकावट से हम सब थक चुके थे.. पर साला मेरा लन्ड सक्तिमान की तरह नाधि की चुत को फाड़ने केलिए तयार था..
मेरा भूका चेहेरे को देख कर निधि खुद ब खुद मुझसे चुदवाने केलिए मेरे पास आई..
जब हम हमारे कमरे पर गए तब राधिका दिदि मेरे जगह मेरे बिस्तर पर सो चुकी थी..
राधिका दिदि को देख कर मेरा दिमाग फटने लगा.. में गुसे से कमरे से बाहर निकल गेया..
निधि मुज़रिम की तरह मेरे पीछे पीछे भगति हुई मुझसे माफी मांगने लगी.. पर बिचारि निधि की क्या गलती है....
में गुसे से - निधि तू जा..
निधि मेरे चेहेरे को चूमते हुए - नाराज़ हो ?
में दुखी मन से - निधि पूरे 7 दिन से मेरा लन्ड का नस फट जा राहा है..
निधि - कुछ देर के बाद में आपके पास आती हूँ.. हम इस हल में प्यार करेंगे..
में - पागल है क्या ? इस खुले हल में ? माँ और पापा आ जाएंगे तो इज़्ज़त का कचरा हो जाएगा..
निधि भी गुसे से - आप हमारे कमरे पर चलिए ..
में दर्द भरे आवाज़ में - अंदर दिदि सोई है .
निधि थोड़ा सोच कर - में पास वाली सोफे के उपर सो जाती हूँ.. आज हम सोफे के उपर सेक्स करेंगे ..
में - अगर दिदि उठ गेई तो ?
निधि - कमरे में अंधेरा है.. हम बिना आवाज़ किये सेक्स करेंगे.. वेसे में आपकी पत्नी हूँ.. अगर दिदि उठ भी जाएगी तो सरम से भाग जाएगी ..ओर काल से हमारे कमरे पर पैर नहीं रखेगी..
में भी कुछ सोच कर- ठीक है ...में एक घंटे के बाद आता हूँ..
फिर निधि चली गेई.. निधि जाकर सीधा राधिका दिदि के बगल में बिस्तर पर सो कर गुसे से राधिका दिदि की हरकत को सोच कर दुखी मन से थोड़ा लेट गेई..
कुछ ही देर में निधि को नींद आ गेई.. दिन भर की अचानक कामकाज से निधि वही राधिका दिदि की बगल में सो गेई..
राधिका अचानक उठ कर टॉयलेट के अंदर जा कर पिसाब करके नींद में वही सोफे के उपर सो गेई..
कुछ देर के बाद में यानी राहुल दबे पेर कमरे के अंदर घुस गेया..
कमरे में फूल अंधेरा था.. राहुल बिना सोचे समझे सीधा सोफे के उपर जाकर राधिका दिदि के बगल में बैठ गेया..
राधिका ओर निधि की एक खराब आदत थी ..दोनो रात को बिना चडी में सोते थे..
राहुल सीधा हाथ को लेकर राधिका दिदि की झांटो भरी चुत के उपर रख दिया..
राधिका नींद में सोई थी.. लेकिन राहुल निधि समझ कर राधिका दिदि की चुत को सहला राहा था...
कुछ देर के बाद राहुल आपने चेहेरे को राधिका दिदि की चुत के पास ले गेया..
निधि की चुत की खुशबू ओर राधिका की चुत की खुसबू के बीच अलग टाइप की मेहेक थी..
पर राहुल समझने लगा..सायद बिना चुदाई से निधि की चुत की खुशबू बदल गेई होगी..
बार बार राधिका दिदि की चुत की खुशबू से राहुल का लन्ड बिकराल रूप लेने लगा..
राहुल बिना सोचे समझे एक उंगली राधिका दिदि की चुत के अंदर घूसा दिया..
जैसे ही उंगली राधिका दिदि की चुत के अंदर दाखिल हुआ.. वेसे ही राधिका दिदि की नींद खुल गेई.. पर राधिका कुछ समझ नहीं पाई..
राधिका दिदि अभी अभी सुबह वालो मंदिर के घटना को सपनो में देख रही थी..
मंदिर का वो पुजारी राधिका को गर्भवती होना का आश्रीबाद दे रहे थे.. तभी अचानक राधिका की नींद खुल गेई .
राधिका आधी नींद ओर आधी होस में सोचने लगी.. सायद ये मंदिर के आश्रीबाद से हो राहा है.. सायद भगवान मुझे माँ बनाने केलिए आधी रात में मेरे पास देवदूत को भेजे है..
इधर राहुल राधिका दिदि की कसि हुई चुत को महसूस करके आपने मन मे - 5/6 दिन चुदाई क्या बन्द करदी.. चुत तो कुवारों लड़की की तरह टाइट हो गेई..
इतना सोच कर राहुल फाटक से राधिका दिदि की चुत को भूके बचे की तरह चूमने लगा..
राधिका कभी भी आपनीं चुत को अशोक त्रिबेदि से नहीं चुसवाई थी ..
लन्ड चूसना या चुत चाटना अशोक त्रिबेदि को पसंद नहीं था . राधिका को भी ये सब गंदा लग रही थी..
पर आज रात के अंधेरे में राहुल ने जो चुत चुसाई कर राहा था.. इस चुत चुसाई से राधिका की दिमाग के अंदर सारे नस फटने को तयार हो चुके थे..
राधिका स्वर्ग में उड़ रही थी.. राधिका आपने मन मे राहुल को भगबान के भेजे हुए देव दूत समझ रही थी..
राधिका सेक्स के नशे में अंधी हो कर फाटक से राहुल का 9 इंच का लन्ड को मुठी में भर कर.. हैरान ओर परेसान से सोच रही थी..
राधिका आपनीं मन मे - इतना बड़ा लन्ड इस दुनिया मे किसी इंसान का नहीं हो सकता..इस लन्ड के सामने मेरे पति अशोक त्रिबेदि के लन्ड तो छोटा चूहा है.. ये ज़रूर देव लोक का सिद्ध पुरुष है..
एहि सोच कर राधिका भी राहुल के लन्ड को आपने मुँह के अंदर भर कर चूसने लगी..
निधि की लन्ड चुसाई सबसे अच्छी थी.. पर आज निधि ऐसे लन्ड क्यों चूस रही है.. एहि सोच कर राहुल राधिका दिदि के मुँह से लन्ड निकल कर..लन्ड को सीधा राधिका दिदि की चुत के दोनो ढकन के बीच रख दिया..
राधिका कुछ समझ पति.. उस से पेहेले लन्ड राधिका दिदि की चुत को फाड़ कर 4 इंच तक घुस चुका था....
राधिका को थोड़ा दर्द हुई.. सायद राधिका की चुत की गहराई इतनी थी..
राधिका देवदूत समझ कर आपनीं दर्द को झेलने की कोसिस करने लगी..
राहुल भी समझने लगा..5/6 दिन चुदाई बन्द होने से निधि की चुत आपने आप टाइट हो गेई..
राहुल बिना समय गबाये दूसरा झटका फिर तीसरा प्रहार ओर अंत मे सोफे के ऊपरी हिसा को पकड़ कर करारा धके से लन्ड को पूरा जड़ तक घूसा दिया..
जैसे ही राहुल का मोटा सुपाड़ा राधिका दिदि की बच्चेदानी के अंदर घूसा.. वेसे ही राधिका की आंख ज़रूरत से ज्यादा चौड़ी हो गेई..
राधिका की सांस कुछ सेकंड केलिए रुक चुकी थी.. राहुल भी निधि समझ कर राधिका दिदि की दोनो चूची को आपने मुँह के अंदर घूसा कर.. राधिका दिदि की 25 साल की चिकनी मुलायम चूची के रस को निचोड़ने लगा..
राहुल बिना रुके निधि समझ कर राधिका दिदि को ज़मीन के उपर सुला कर चुदाई सुरु कर दिया..
कुछ 5 मिनट तक राहुल का खतरनाक लन्ड को राधिका दिदि बड़ी मुश्किल से झेलने लगी .
पर कुछ ही समय के बाद राधिका को भी ज़रूरत से ज्यादा मज़ा आने लगी..
उस रात के अंधेरे में राहुल ने राधिका दिदि को निधि समझ कर चुदाई करता राहा.. इस बीच राधिका 2 बार झड़ चुकी थी .
फिर राहुल निधि समझ कर राधिका की दोनो पेर को आपने कंधे के ऊपर चढ़ा कर फिर से सोफे के उपर सुला कर खतरनाक प्रहार देने लगा..
5/6 दिन से राहुल का लन्ड पानी नहीं छोड़ा था.. कुछ देर के बाद राहुल राधिका दिदि को आपने ओर खींच कर आपने मोटे सुपडे को बच्चेदानी की अंदरूनी किनारे में घूसा कर लम्बे लम्बे पिचकारी छोड़ने लगा...
एक के बाद एक लंबे पिचकारी से राधिका दिदि की 25 साल की बच्चेदानी की मटकी.. राहुल के सफेद दही से भरने लगी..
आखिर बून्द तक बिज़्ज़ छोड़ने के बाद राहुल आहिस्ते आहिस्ते राधिका दिदि की दोनो पेर को आपने कंधे से उतार कर सोफे के उपर रख दिया..
राहुल का खतरनाक लन्ड अब सिकुड़ कर आहिस्ता आहिस्ता बाहर निकल गेया..
जैसे ही राहुल जाने को खड़ा हुआ.. वेसे ही राधिका ने राहुल को देवदूत समझ कर आपनीं हाथो से राहुल के हाथ को पकड़ कर रोक लिया..
राहुल हस्ते हस्ते रुक गेया.. उसी रात राहुल ने पूरे 3 बार राधिका दिदि की बच्चेदानी के अंदर आपना मर्दाना रस को छोड़ कर हल में आकर सो गेया..
Awesome story bhai,
bhai aapka yaha tahe dil se swagat hai,
maine aapki story xp par padhi thi,
mujhe bahot khushi hui ki aapne yaha new story start ki hai,
ab dekhte hai ki aage kya hota hai