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Adultery किस्से अलग अलग चुदाई के

rajan2907

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हैल्लो दोस्तों, ये मेरा नया थ्रेड है इसपर आपको छोटी छोटी कहानियां पड़ने के लिए मिलेंगी उनमें कुछ मेरी होंगी कुछ अन्य साइट से ली गई अगर लेखक का नाम पता होगा तो वह भी आपसे शेयर करूँगा ये कहानी भी अन्य साइट से है लेखक की जानकारी नहीं है


"मुंहबोली बहन की चुदाई"

मेरा नाम राज है और आज में जो कहानी आप सभी लोगों को सुनाने जा रहा हूँ, वो मेरी एक सच्ची कहानी है. दोस्तों सबसे पहले तो में आप लोगों को थोड़ा अपने बारे में बता दूँ कि में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मुझे सभी सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है. मेरी लम्बाई ठीक-ठाक है और मेरा शरीर भी दिखने में अच्छा लगता है. में एकदम फिट हूँ और अगर दूसरी चीज़ो की बात करे तो मेरा लंड 8 इंच लंबा है और 3 इंच मोटा है, जो कि किसी भी लड़की, भाभी या आंटी को संतुष्ट करने के लिए अकेला ही बहुत है और मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है और अब में अपनी कहानी को शुरू करता हूँ.


दोस्तों, यह कहानी मेरे और मेरी पड़ोसन के बारे में है जिसकी मैंने जमकर चुदाई की. वैसे दोस्तों वो दिखने में बहुत ही सुंदर है और वो मुझसे एक साल छोटी है करीब 22 साल, उसका नाम प्रिया है और में उसके बारे में क्या बताऊँ वो बहुत सेक्सी है, एकदम साफ रंग ऊपर से जब वो टी-शर्ट पहनती है तो उसके गोल गोल बूब्स देखकर तो में बिल्कुल ही पागल हो जाता हूँ और कभी कभी जब वो गहरे गले की टी-शर्ट पहनती थी और में अपनी बालकनी में खड़ा होता था तो में तो बस उसके बड़े बड़े बूब्स की लाइन ही देखता रहता था और उसकी गोल गांड के तो क्या कहने?

में जब भी उसकी गांड को देखता तो मेरा मन करता था कि बस उसी समय उसके कपड़े उतारकर उसे चोदना शुरू कर दूँ, लेकिन यह सब मुमकिन नहीं हो पता था, तो मुझे उसकी चुदाई करने की सारी तड़प अपनी गर्लफ्रेंड पर उतारनी पड़ती या मजबूरी में मुठ मारनी पड़ती थी, लेकिन उससे बुरी बात तो यह थी कि वो अब मुझे भैया बोलने लगी थी, जो मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था, लेकिन दोस्तों अगर कोई लड़की आपको भाई बोलती है तो उसका सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि आप उससे कभी भी जब मर्ज़ी हो मिलने जा सकते हो और उसे कहीं भी बुला सकते हो और अगर सब कुछ ठीक रहा तो आप कभी भी उसे चोद भी सकते हो और आपके ऊपर किसी को शक भी नहीं होगा.


दोस्तों जब से वो जवान हुई थी में तो उसे चोदने के सपने देखने लगा और में दिन रात उसके बारे में सोचने लगा. में उसके बारे में सोच सोचकर एकदम पागल होने लगा था, लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि अगर मैंने कुछ किया तो उसका रिज़ल्ट क्या होगा? फिर भी में तो कभी कभी थोड़ी थोड़ी कोशिश करता रहता था, जैसे कि जब में उसके घर जाता था तो उसके साथ बैठने की कोशिश करता था. उसके हाथ पर अपना हाथ रख देता था या उसे घूरता रहता था, लेकिन उसकी तरफ से कभी भी कोई ऐसा जवाब नहीं आया कि जिससे मुझे लगे कि वो भी मुझसे चुदना चाहती है, लेकिन मुझे उससे क्या लेना, मुझे तो बस उसे चोदना था?

एक दिन हुआ यह कि में अपने कॉलेज के पेपर की तैयारी कर रहा था और में उस समय कॉलेज के आखरी साल में था, उस वक़्त प्रिया भी अपने दूसरे साल के पेपर की तैयारी कर रही थी. वो अक्सर मेरे पास अपनी समस्या लेकर आती रहती और में उसकी मदद किया करता था. में कई बार मज़ाक मज़ाक में उसे पढ़ाते वक़्त उसके बूब्स और गांड पर हाथ मार दिया करता था, लेकिन वो मुझे कभी कुछ नहीं बोलती थी, शायद वो मुझे अपना भैया समझती थी.

फिर हुआ यह कि प्रिया के पापा का ऑफिस दिल्ली के बाहर है और इसलिए वो हर रोज अप-डाउन करने की बजाए कभी कभी वहीं पर रुक जाते है और घर नहीं आते और फिर हमारे पेपर शुरू होने के ठीक एक हफ़्ता पहले एक दिन प्रिया की मम्मी हमारे घर पर आई और उन्होंने बोला कि उनके भाई मतलब प्रिया के मामा की तबीयत अचानक से बहुत खराब हो गई है और उन्हे और उनके पति को वहां पर जाना पड़ रहा है और वो प्रिया को अपने साथ नहीं ले जा सकते, क्योंकि उसके पेपर शुरू होने वाले थे और फिर उन्होंने बोला कि आप लोग प्लीज उसका ध्यान रखना और कभी कभी राज को प्रिया के पास भेज देना ताकि वो उसे पढ़ा दे और उस वजह से प्रिया को अकेलापन भी महसूस नहीं होगा. तो में एक तरफ खड़ा खड़ा यह सारी बातें सुन रहा था और मन ही मन बहुत खुश हो रहा था, अब मुझे लग रहा था कि शायद अब में प्रिया को चोदने का अपना ख्वाब पूरा कर सकता हूँ.

तो अगले दिन जब में कॉलेज से वापस आया तो में बहुत खुश था, क्योंकि में जानता था कि आज प्रिया घर पर एकदम अकेली है और आज मेरे पास पूरा मौका है उसे चोदने का, लेकिन में अब भी यही सोच रहा था कि में यह सब कैसे करूँगा? और फिर सोचते सोचते शाम पड़ गई और तब तक प्रिया भी घर पर आ चुकी थी तो मैंने मम्मी से बोला कि आप प्रिया और मेरा खाना पेक कर दो में उसके साथ ही खा लूँगा. तो मम्मी ने बोला कि ठीक है. दोस्तों प्रिया मुझे हमेशा भैया बोलती थी तो इसलिए हम पर कोई भी ऐसे शक नहीं कर सकता था और फिर उसके बाद रात को 9 बजे मैंने खाना पेक करके प्रिया के घर की घंटी बजाई और जब उसने दरवाजा खोला तो में तो बस उसे देखता ही रह गया. उसने आज एक बहुत छोटी सी स्कर्ट, एकदम टाईट टी-शर्ट पहन रखी थी.

 

rajan2907

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मैं तो उसकी गोरी गोरी जांघे देखता ही रहा फिर में अंदर गया और में पीछे से उसकी उठी हुई स्कर्ट में से उसकी जांघे झाँकने लगा, लेकिन कुछ ज्यादा नज़र नहीं आ रहा था और अब में उसके बूब्स को घूरने लगा जो उस टी-शर्ट में एकदम सेक्सी लग रहे थे. फिर मैंने प्रिया को खाना दिया और उसे प्लेट में डालकर लाने को बोला और में टीवी चलाकर बैठ गया. मैंने टीवी पर सारे चेनल चला दिए, लेकिन किसी पर भी कोई सेक्सी फिल्म नहीं आ रही थी तो मैंने टीवी को बंद कर दिया. फिर प्रिया ने पूछा कि भैया आपने टीवी क्यों बंद कर दिया? तो मैंने बोला कि उस पर कुछ नहीं आ रहा था और मैंने उससे पूछा.

में : और बता क्या चल रहा है?

प्रिया : सब मस्त है भैया आप बताओ आपका क्या हाल है, क्या पेपर की तैयारी हो गई?

में : नहीं यार, मेरा तो आज कल कहीं मन ही नहीं लगता.

प्रिया : क्यों भैया ऐसा क्या हुआ?

में : पता नहीं यार, आज कल कहीं दिल नहीं लगता, पता नहीं क्या बात है?

प्रिया : क्या में बताऊ भैया आपको क्या हुआ है?

में : हाँ जल्दी बताओ?

प्रिया : शायद आपको कोई पसंद आ गया है और यह सब प्यार में ही होता है. (वो मंद मंद मुस्कुरा रही थी)

में : हाँ शायद तू बिल्कुल सही कह रही है, आजकल तो में बस उसके ही सपने देखता रहता हूँ और हमेशा उसी के बारे में सोचता रहता हूँ.

प्रिया : वो कौन है भैया प्लीज मुझे भी बताओ ना?

में : कोई नहीं है तू अपना खाना खा और पढ़ाई कर.

प्रिया : नहीं भैया मुझे नहीं पढ़ना, प्लीज पहले आप मुझे बताओ ना कौन है?

में : अच्छा तू खाना खा ले जब हम पढ़ने लगेंगे तो में तुझे पक्का बताऊंगा.

प्रिया : क्या पक्का वादा?

में : हाँ पक्का वादा.

प्रिया : फिर ठीक है.

फिर उसके बाद प्रिया वहां से उठी और चली गई और फिर थोड़ी देर बाद प्रिया ने मुझसे बोला कि वो नहाने जा रही है. तो मैंने उससे बोला कि ठीक है, लेकिन थोड़ा जल्दी आ जाना फिर हम पढ़ना शुरू कर देंगे. तब मैंने मन ही मन सोचा कि आज में इसको सब सच सच बता दूँगा और अगर सब ठीक रहा तो आज इसकी जमकर चुदाई भी कर दूँगा और फिर मैंने भी अपने घर पर जाकर बोल दिया कि आज में लेट ही आऊंगा, क्योंकि मुझे आज प्रिया को पढ़ना है.

मम्मी ने मुझसे बोला कि तो तू वहीं पर सो जाना और अब मेरे तो जैसे लॉटरी लग गई, मैंने मम्मी को झट से हाँ बोल दिया और जल्दी से वापस प्रिया के घर चला गया और उसके बाद में सीधा प्रिया के रूम में कुछ किताब लेने के लिए चला गया, उसका दरवाजा खुला हुआ था और मैंने बस अभी तक हल्का सा दरवाजा खोला था और मेरी नज़र जब रूम में पड़ी तो में तो पूरी तरह से हिल गया. मैंने अंदर की तरफ देखा कि प्रिया सिर्फ़ एक टावल को लपेटकर खड़ी हुई थी और शायद वो कुछ ढूंड रही थी. में तो बस पीछे से उसकी गोरी गोरी जांघे देखने लगा और उसकी गांड भी बहुत बाहर की तरफ निकली हुई थी, कसम से अब तो में और भी पागल होता जा रहा था और मेरा लंड भी अब पूरा खड़ा हो चुका था और मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि में अब क्या करूं?

तभी मैंने देखा कि उसने अलमारी में से अपनी एक काली कलर की ब्रा-पेंटी निकाली जो की बहुत सेक्सी थी और देखकर लग रहा था कि शायद वो वहीं पर चेंज करेगी, लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया बल्कि वो तो बाथरूम की तरफ जाने लगी थी तो मुझसे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने दरवाजा खोला और जानबूझ कर उसके रूम में ग़लती से अंदर जाने की एक्टिंग करने लगा. तो वो अचानक से डर गई और मैंने उसे देखते ही सॉरी बोला.

प्रिया बोली कि भैया अपने तो मुझे डरा ही दिया था. मैंने उससे कहा कि में कुछ किताब लेने अंदर आया था. में उसके हाथ की तरफ देख रहा था, उसके हाथ में उसकी ब्रा और पेंटी थी. जब उसने इस बात पर गौर किया तो उसने झट से अपनी ब्रा-पेंटी को अपनी गांड के पीछे छुपा लिया. मेरा तो बस मन कर रहा था कि उसको यहीं पर लेटाकर चूमना, चाटना शुरू कर दूँ और अब वो भी थोड़ा शरमाने लगी थी, क्योंकि वो मेरे सामने सिर्फ़ एक टावल में खड़ी हुई थी. तो मैंने उससे बोला कि शरमाने की कोई बात नहीं है तुम जाकर चेंज कर लो, में बाहर तुम्हारा इंतजार करता हूँ. यह बात सुनकर उसने मुझे स्माइल दी और जैसे ही वो बाथरूम की तरफ चलने लगी तो अचानक उसका टावल अलमारी के हेंडल में अटक गया और एक ही झटके में वो टावल उसके शरीर से अलग हो गया और जो मैंने उसके बाद देखा.

दोस्तों वो में आपको शब्दो में भी बया नहीं कर सकता, क्योंकि वो ठीक मेरे सामने एकदम नंगी खड़ी हुई थी और उसके मोटे मोटे बूब्स मेरे सामने थे, जिन्हे में पूरा दिन रात चूसने के सपने देखता था और उसकी गुलाबी चूत देखकर तो में पागल ही हो गया और मेरा लंड भी अब मेरी पेंट फाड़कर बाहर आने लगा था. तो उसने मेरे लंड के बड़ते हुए आकार को महसूस कर लिया था और फिर करीब 30 सेकिंड तक उसे समझ में नहीं आया कि वो अब क्या करे? उसके बाद जब वो थोड़ा झुककर टावल उठाने लगी तो तब तक बहुत देर हो चुकी थी में सीधा उसके पास गया और उसे अपने गले से लगा लिया और बोला कि प्रिया में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो में तुम्हारे बिना नहीं जी सकता. तो उसने अपने आपको मुझसे छुड़वाया और अपना टावल उठाकर लपेट लिया और बोला कि नहीं भैया ऐसा नहीं हो सकता क्या आप पागल हो गए हो और यह आप क्या बोल रहे हो?

फिर मैंने बोला कि में जो भी बोल रहा हूँ वो सब सच बोल रहा हूँ. उसने बोला कि अगर किसी को पता चल गया तो सब क्या बोलेंगे? तो मैंने कहा कि किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा और किसी को बताएगा भी कौन? यह बात हम दोनों के बीच में ही रहेगी. तो उसने बोला कि नहीं भैया प्लीज आप ऐसा मत सोचो, यह सब बिल्कुल ग़लत है. फिर मैंने बोला कि इसमे कुछ ग़लत नहीं है और फिर मैंने धीरे धीरे उसको अपनी तरफ खींचना शुरू कर दिया.

पहले तो वो मेरा विरोध करती रही, लेकिन जब मैंने ज़बरदस्ती अपने होंठो को उसके होंठो पर रखे तो थोड़ी ही देर बाद वो जोश में आकर मेरा साथ देने लगी और मुझे भी अब लगा कि लोहा गरम हो गया है तो मैंने भी धीरे धीरे उसका टावल खींचना शुरू कर दिया, पहले तो वो मेरा हाथ हटाती रही लेकिन जब मैंने उसे खींचकर बेड पर लेटाया और उसके गुलाबी होंठो को चूसने लगा तो वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और फिर मैंने उसका टावल उसके शरीर से एक बार फिर से अलग कर दिया. अब वो मेरी बाहों में बिल्कुल नंगी पड़ी थी. में उसकी चूत देखकर पागल हुआ जा रहा था. फिर में एक हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा और में एक हाथ उसकी चूत पर रखकर उसे मसलने लगा.

फिर वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई और सिसकियों की आवाजें निकालने लगी, लेकिन में उसके होंठो को लगातार चूसता रहा जिसकी वजह से उसकी आवाज़ बाहर नहीं निकली और फिर मैंने उसके बूब्स को चूसना शुरू किया और मैंने बहुत बार उसके निप्पल पर भी काटा जिससे वो एकदम मचल जाती थी और फिर में धीरे धीरे चूमते चाटते नीचे जाने लगा. उसका पेट कांप रहा था और उसे भी अब सेक्स चड़ने लगा था और उसके बाद मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया.

फिर मैंने देखा कि अभी तक उसकी आँखे बंद थी और उसने मेरे लंड को नहीं देखा था. फिर मैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया और मैंने देखा कि वो अभी तक पूरी तरह से वर्जिन थी, शायद उसने आज तक अपनी चूत में उंगली भी नहीं की थी. फिर मैंने अपनी जीभ के साथ उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया, वो पूरे मज़े के साथ हवा में उछलने लगी और आवाज़े निकालने लगी प्लीज भैया ऐसा मत करो अहाहहह आईईई, लेकिन कुछ देर बाद ही वो मुझसे कहने लगी अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह बहुत मज़ा रहा उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह प्लीज थोड़ा और अंदर करो प्लीज भैया और अंदर अह्ह्हह्ह्ह्ह.

उसके मुहं से यह आवाज़े सुनकर मुझमें भी अब जोश आ गया और में अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगा. तो वो बोलने लगी कि भाई अह्ह्ह्ह मुझे कुछ हो रहा है आऐईईई अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो अआह्ह्ह रहा प्लीज भैया रूको, लेकिन में नहीं रुका और उसकी चूत को लगातार चूसता, चाटता रहा और उसी वक़्त वो झड़ गई और उसने अपना सारा माल अपनी चूत से बाहर निकाल दिया. तो मैंने एक टिश्यू पेपर लेकर उसकी चूत को साफ किया और फिर मैंने अपना लंड अपने हाथ में पकड़ा और उससे बोला कि अब जानेमन तुम्हारी बारी है और मैंने उसे इशारे में अपना लंड चूसने को बोला.

पहले उसने साफ साफ मना किया, लेकिन मैंने उसे बहुत देर तक समझाया और उससे थोड़ी सी ज़बरदस्ती की और उसके मुहं में अपना लंड डाल दिया और फिर वो भी बड़े मज़े से मेरा लंड चूसने लगी. दोस्तों में क्या बताऊँ में तो उस समय जैसे सातवें आसमान पर था, वो मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे मानो कोई छोटा बच्चा आईसक्रीम खा रहा होता है. वो अपनी पूरी जीभ को मेरे लंड के टोपे पर घुमा रही थी और थोड़ी ही देर के बाद में भी झड़ गया. वो लंड पर से अपना मुहं हटाना चाहती थी, लेकिन मैंने मजबूती से उसका सर पकड़ लिया और सारा माल उसके मुहं में ही निकाल दिया और फिर बाद में उसने उसे थूक दिया.

फिर हम एक दूसरे के साथ ऐसे ही नंगे लेटे हुए थे और वो फिर से मेरे लंड को अपने हाथों से दोबारा सहलाने, दबाने लगी. तो में भी झट से समझ गया कि अब यह मुझसे चुदना चाहती है और अब आज मेरा भी सपना पूरा होने वाला था.

फिर उसने थोड़ी देर मेरा लंड सहलाया और वो तनकर खड़ा हो गया. फिर मैंने उसके दोनों पैरों को खोलकर अपने पेट पर घुमा दिया और उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया और एक तेल की बोतल अपने पास रख ली, लेकिन वो अब बहुत डर रही थी और बोल रही थी कि भैया प्लीज रहने दो हम फिर कभी कर लेंगे, आपका लंड बहुत बड़ा है यह मेरे अंदर नहीं जाएगा, लेकिन में कहाँ मानने वाला था?

मैंने तेल की बोतल खोली और उसकी चूत को पूरा तेल के साथ भर दिया ताकि लंड आसानी से अंदर चला जाए और थोड़ा सा तेल अपने लंड पर भी लगा लिया और फिर उसके बाद मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत के मुहं पर रखकर एक ज़ोरदार धक्का मारा और उसके मुहं से एक बहुत तेज़ चीख निकली आअहहह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह्ह्ह मर गई, इसे बाहर निकालो प्लीज, नहीं तो में मर जाउंगी, प्लीज भैया ऊईइइइईईईई माँ, भैया प्लीज मुझ पर थोड़ा तरस खाओ, प्लीज अह्ह्हह्ह्ह इसे बाहर निकालो, लेकिन में कहाँ रुकने वाला था और मैंने एक और धक्का लगा दिया जिसकी वजह से वो और बहुत तेज़ छटपटाने लगी, उसने छूटने की बहुत कोशिश की लेकिन मैंने उसे अपने पैरों के साथ जकड़ लिया था और उसके मुहं पर अपना मुहं रखा था ताकि उसकी आवाज़ बाहर ना निकल सके.

फिर में थोड़ी देर तक एक जगह पर रुका रहा और मैंने नीचे की तरफ देखा तो उसकी चूत में से खून निकल रहा था, शायद वो वर्जिन थी और यह उसकी पहली चुदाई थी इसलिए खून चूत से बाहर निकला होगा और थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए और जब उसकी आवाज़ कम हो गई तो मैंने उसके मुहं से अपना मुहं हटा लिया और उसकी चूत में पूरे ज़ोरदार धक्के मारने लगा और अब उसे भी मज़ा आने लगा था वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. हमारी आवाज़े पूरे कमरे में गूँज रही थी और में उससे बोल रहा था कि प्रियंका में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और मैंने हमेशा से तुम्हे ऐसे ही चोदना चाहता था.

प्रियंका भी बोल रही थी कि हाँ भैया में भी आपसे बहुत प्यार करती हूँ और अब उसकी सिसकियाँ भी बड़ने लगी थी और वो बोल रही थी कि भैया थोड़ा और ज़ोर से करो अह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ आज इसमें पूरा अंदर डाल दो अपना लंड उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ हाँ बहुत मज़ा आ गया, भैया प्लीज आज मुझे अपनी बना लो और हमेशा मुझे ऐसे ही चोदते रहना. तो में भी बोलने लगा कि मेरी रानी तू बिल्कुल भी फ़िक्र मत कर, में अब दिन रात एक करके तुझे चोदूंगा और तेरी चूत को शांत करूंगा, में तुझे अपनी रानी बनाकर रखूंगा.

फिर करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद एक तेज धक्के के साथ हम दोनों एक एक करके झड़ गये. मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया और में बहुत थककर एकदम निढाल होकर उसके ऊपर गिर गया और अब उसके शरीर के साथ साथ उसकी चूत भी ढीली हो गई थी और वो मेरी तरफ देखकर मुझे स्माइल दे रही थी और फिर मैंने थोड़ी देर बाद उठकर उसे एक किस किया और एक कपड़ा लेकर उसकी चूत और अपने लंड से खून को साफ किया और उसके बाद मैंने उस रात उसे तीन बार और चोदा, लेकिन उसके बाद में अब तक में उसे पता नहीं कितनी बार चोद चुका हूँ और हर बार में उसे एक नई स्टाईल में चोदता हूँ, वो हर बार मेरी चुदाई से बहुत खुश हो जाती है.
 
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अपडेट का इंतजार है कब तक आएगा
 

Adirshi

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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hind section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 7000 words (Story ke words count karne ke liye is tool ka use kare — Characters Tool) . Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. Aap XForum ke sarvashreshth lekhakon mein se ek hain. aur aapki kahani bhi bahut acchi chal rahi hai. Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain. hum jaante hain ki aapke paas samay ki kami hai lekin iske bawajood hum ye bhi jaante hain ki aapke liye kuch bhi asambhav nahi hai.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske alawa aapko apna thread apne section mein sticky karne ka mouka bhi milega taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab ke liye ye ek behtareen mouka hai XForum ke sabhi readers ke upar apni chhaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.. Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunehra avsar hai apni kalpanao ko shabdon ka raasta dikha ke yahan pesh karne ka. Isliye aage badhe aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 25th February tak open rahega is dauraan aap apni story post kar sakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.



Story se related koi doubt hai to iske liye is thread ka use kare — Chit Chat Thread

Kisi bhi story par apna review post karne ke liye is thread ka use kare — Review Thread

Rules check karne ke liye is thread ko dekho — Rules & Queries Thread

Apni story post karne ke liye is thread ka use kare — Entry Thread

Prizes
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Winner 1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 500 Rupees + Award + 2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership
Best Supporting Reader Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership
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