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Incest कर्ज और फर्ज - एक कश्मकश

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manu@84

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और अगर मै बहक गई तो ….”

उसकी बातो का इशारा मैं समझ सकता था,

मैं भी गहरे सोच में डूब चुका था..

“मुझे नही पता ….”

मैं बस इतना ही बोल पाया …

उसने प्यार से निहारते हुए मेरे होठो पर अपने होठो को रख दिया ..

थोड़ी देर बाद
“जान अब मुझे तुम्हारी गांड चोदनी है!!” मैंने कहा।

“आप ठरकी हो ये तो पता था लेकिन इतने हो ये नही पता था,इन पोर्न वेबसाइट्स और कहानियों ने अपका दिमाग खराब कर रखा है..”वो गुस्से में थी लेकिन होठो में मुस्कान लेकर ..

“ठीक है आओ चोद लो पतिदेव!” कुसुम बोली

फिर मैं बहुत खुश हो गया था। मैं अपनी खूबसूरत और सेक्सी बीवी की गांड चोदने जा रहा था। और इस बार मैं उसे उल्टा पेट के बल लिटा दिया। कुसुम की कमर के नीचे मैंने 2 मोटे तकिया लगा दिए। अब उसके पुट्ठे और गांड उपर आ गये थे। मैं लेट गया और उसके सफ़ेद पुट्ठो को सहलाता रहा। फिर मैं हाथ से दबाने लगा। मेरी खूबसूरत बीवी के पुट्ठे माशाअल्ला है मैं उसके पुट्ठे को किस कर रहा था और चाट रहा था। कुछ देर तक उसका चुम्बन लेने के बाद मैंने कुसुम के गोल मटोल पुट्ठे खोल दिए। सामने उसकी गांड थी। मैं जीभ लगाकर चाटने लगा। कुसुम “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….”


की आवाज निकाल रही थी। मैं जल्दी जल्दी उसकी चिकनी और कसी गांड पीने लगा। कुसुम को अलग तरह का सुख और नशा मिल रहा था। 15 मिनट तक मैंने अपनी बीबी की गांड पी। कुसुम पेट के बल लेटी हुई थी।


कुसुम खुद ही doggy sytle में आ गयी। उसने खुद की अपनी गांड के छेद में तेल लगा दिया और जल्दी जल्दी ऊँगली करने लगी। मुझे ये देखकर बहुत अच्छा लग रहा था। कुसुम जल्दी जल्दी अपनी गांड में ऊँगली कर रही थी। मैं अपने 9” के लंड को फेट रहा था। कुसुम का सिर बेड पर था और उसने अपनी गांड पीछे से उठा रखी थी। फिर मुझे बहुत जोर की वासना चढ़ गयी थी। मैंने अपने सीधे हाथ की दो ऊँगली में ढेर सारा तेल लगा लिया और कुसुम की गांड में डाल दी। “…..ही ही ही……अ अ अ अ.अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” वो चीख पड़ी।

फिर मैं पीछे से जल्दी जल्दी उसकी गांड में ऊँगली करने लगा। उफ्फ्फ! कितना कसा छेद था मेरी खूबसूरत बीबी की सेक्सी गांड का। मुझे बहुत कसावट मिल रही थी। मुझे भरपूर मजा मिल रहा था। कुसुम doogy style में बनी हुई थी। आज पहली बार वो अपनी गांड चुदाने जा रही थी। धीरे धीरे मैं गांड में अपनी ऊँगली भीतर तक डालने लगा।

दूसरे हाथ की ऊँगली मैं कुसुम की चूत में करने लगा। इससे उसको बहुत आनंद आ रहा था। उसे भरपूर मजा मिल रहा था। मैं इस समय उसकी रसीली चूत और कसी गांड दोनों में ऊँगली कर रहा था। जब चिकनाहट कम हो जाती थी मैं उसकी गांड में थूक देता था। फिर मै खड़ा हो गया और मैंने आपनी बीबी की गांड में अपना लंड डाल दिया। मेरे लंड में तेल लगा हुआ था। इस वजह से वो आराम से अंदर घुस गया था। धीरे धीरे मैं अपनी बीबी के साथ डीप ऐनल सेक्स करने लगा।

तभी मेरा फोन बजने लगा, कुसुम देखो जरा किसका फोन है रात के बारह बजे किसकी सेजवानी में परेशानी हो गयी????

आपकी मम्मी का फोन है, ओह आह मम्मी ??? में सिसकरिया लेते हुए बोला।

चुप करो वो आपकी मम्मी है, मै फोन पिक करती हूँ जरा रुक जाओ, आह आह

हैलो मम्मी आह आह आह ओह उ शि सी सी।

हैलो कुछ तो बोलो और फोन disconnet हो गया।

क्या हुआ कुसुम???

मम्मी हमारी कामुक सिसकरिया सुनकर फोन काट दी, कल सुबह गाली खाने के लिए रेडी रहना पड़ेगा। और जब मैने आपसे रुकने को बोला तब भी आप और जोर से पेलने में लगे थे। मम्मी के नाम से आप को कुछ ज्यादा ही जोश आ रहा था क्या?????

कुसुम “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…मेरी गांड फट गयी!! ओह्ह” इस तरह से चीख रही थी। मुझे अच्छा लग रहा था। हम दोनों बेड पर रासलीला कर रहे थे। मैं खड़े होकर अपनी बीबी की गांड चोद रहा था। दोस्तों मैं समझता था की गांड में कभी लंड नही जाएगा। पर मैं पूरी तरह से गलत था। आज तो मेरा 9” का लंड आराम से अंदर घुस गया था। मैं झुककर किसी कुत्ते की तरह अपनी बीबी की गांड मार रहा था। कुसुम कामुक किलकारियाँ निकाल रही थी। उसकी बड़ी बड़ी चूची नीचे को लटक रही थी। सेक्स के नशे में मैं उसके गोल मटोल पुट्ठो पर कई चांटे चट चट करके मार दिए। कुसुम के सफ़ेद गोरे पुट्ठे पर मेरी ऊँगली गुलाबी रंग की छप गयी। फिर मैं उसके साथ ऐनल सेक्स करने लगा।


वो “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की कामुक आवाजे निकाल रही थी। मेरा लंड उसकी गांड में जल्दी जल्दी और बड़ी आसानी से फिसल रहा था। मैंने अपना बाया हाथ उसकी चूत के दाने पर रख दिया और जल्दी जल्दी उसके चूत के दाने को सहलाने और घिसने लगा। कुसुम को आज परम सुख मिल रहा था। मैं जल्दी जल्दी बेड पर खड़े होकर अपनी बीबी की गांड चोद रहा था। आधे घंटे की गरमा गर्म चुदाई के बाद

हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की कामुक आवाजे निकाल रही थी। मेरा लंड उसकी गांड में जल्दी जल्दी और बड़ी आसानी से फिसल रहा था। मैंने अपना बाया हाथ उसकी चूत के दाने पर रख दिया और जल्दी जल्दी उसके चूत के दाने को सहलाने और घिसने लगा। कुसुम को आज परम सुख मिल रहा था। मैं जल्दी जल्दी बेड पर खड़े होकर अपनी बीबी की गांड चोद रहा था। आधे घंटे की गरमा गर्म चुदाई के बाद मैंने अपना माल उसकी गांड में ही छोड़ दिया। मेरा लंड अब बाहर आ गया। हम दोनों के पसीने छूट गये। कुसुम मेरी उपर लेट गयी और “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हममममअहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” बोलकर गहरी और लम्बी सांसे ले रही थी। साफ था की आज मैंने कसके उसकी गांड चोद ली थी। वो अब भी अपनी गांड के छेद को सहलाये जा रही थी। कुसुम के माथे पर ही पसीना छूट गया था। उसकी पीठ पर ही काफी पसीना आ गया था। उसकी गांड कल्ला गयी थी।


“क्यों मजा आया जान ऐनल सेक्स में????” मैंने पूछा

“ अरुण!! आज तो तुमने मेरी माँ चोद दी” कुसुम बोली।
धीरे धीरे उसकी साँसे तेज से धीरे होनी लगी। मैं उसकी रसीली चूचियों को सहलाने लगा। कुछ देर तक हम दोनों सुस्ताते रहे।

मैने कहा कुसुम मेरी जान अब तुम अपनी sexual fantasy बताओ???

मेरे होठो को चूमते हुए कुसुम बोली अब आपकी जान में जान नही बची है अपनी sexual fantasy बताने की। उधार रही।

हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर सो गये।

अगली सुबह

“गुड मॉर्निंग बेबी “

सुबह सुबह जब नींद खुली तो ये प्यारी सी आवाज मेरे कानो में आई.. कुसुम का खिला हुआ चहरा मेरे आंखों के सामने था,वो मुझसे लिपट गई उसके बाल भीगे हुए थे और शरीर से हल्के इत्र की खुश्बू आ रही थी ,

"यार कुसुम, देखो क्या हाल बना लिया तुमने अपना , जब मैं मना कर रहा था उस तरह से करने के लिए तब तो तुमने थप्पड़ मार कर मुझे करने के लिए उकसाया , अब देखो ये क्या हाल हो गया है " मैने कुसुम को लंगड़ाते हुए चलते देखकर कहा ,

"आप चुप करिये जी ! एक सुहागन अगर अपने रूम से लंगड़ाते हुए ना निकली तो उसका सुहाग किस काम का " कुसुम के गालो की लाली और आँखों की थकावट बता रही थी की रात के प्यार का नशा अभी तक उसके ऊपर चढ़ा हुआ था |

“कल जो भी हुआ उसके लिए सॉरी जान ,शायद मैं ज्यादा पी गई थी “उसने मुझसे सटते हुए कहा

“लेकिन बहुत एक्साइटिंग था,कसम से कल का सेक्स मैं कभी नही भूलूंगी “

मैं कुसुम के कमर को और जोरो से अपने ओर खिंचने लगा,वो मेरे आंखों में देख रही थी ,

मैं भी हँस पड़ा ,

“सच में आपको गुस्सा नही आया ??”

“आया ना,लेकिन मजा भी आया ,ये वैसे ही था जैसा तुमने हमारी सुहागरात वाली रात को कहा था,की दर्द तो हुआ लेकिन मजा भी आया,तो बात इसपर डिपेंड है की ज्यादा गुस्सा आया की मजा ”

हम दोनो ही हँसने लगे ..


उसे तैयार होते हुए देखकर ना जाने कितने सवाल मेरे मन में आ रहे थे,मैं यही सोच रहा था की आज वो ऑफिस में राज का सामना कैसे करेगी,या राज शायद आज उसपर और भी ज्यादा लाइन मारेगा..

वो रोज से ज्यादा खूबसूरत लग रही थी और जाते हुए उसने मुझे जो शैतानी मुस्कान दी थी उससे लगा था की कुछ तो होने वाला था,

कुसुम मै क्या तुम्हे ऑफिस छोड़ने चलु??
मैने हस्ते हुए पूछा।

नही यार तुम आराम करो, हा फ्रेश होकर मम्मी से फोन कर पूछ लो क्या सब्जी लाना है घर जाते हुए खरीद कर लेते जाना, कुसुम ये बोल कर ऑफिस के लिए निकल गयी।

मै भी फ्रेश होकर होटल से घर के लिए निकल गया ।

उधर घर में मम्मी खुद को शीशे में निहार रही थी | क्या मै बूढी हो रही हूँ? अपने चेहरे को गौर से देखते हुए, चेहरे के एक एक हिस्से की गौर से जाँच करते हुआ, जैसे कोई खूबसूरत औरत अधेड़ हो जाने के बाद खुद की खूबसूरती का जायजा लेती है | वो अभी भी जवान है और किसी भी मर्द के होश उडा देने में सक्षम है, ये मुझे भी पता है लेकिन कल रात अपने सगे बेटे और बहू की संभोग करते हुए कामुक सिसकियों की आवाज फोन में सुनकर कुछ ऐसा हुआ जिसने गंभीरतापूर्वक विचार करने पर मजबूर कर दिया, पहली बार मम्मी को अहसास हुआ की अब वो जवानी की दहलीज से फिसलना शुरू कर चुकी है |

50 साल की खूबसूरत मेरी मम्मी बाथरूम से नहाकर बाहर निकलती है और तेजी से खुद के नंगे बदन को तौलिये से लपेट लेती है, लेकिन आईने तक आते आते तौलिया फिसल जाता है | खुद को नंगे आईने में देखते हुए अपनी हल्की भूरी चूची को रगड़ने लगती है, कुछ ही सेकंडो में मम्मी चुचियाँ कड़ी हो जाती है, वो अपने उरोजो को अपने हाथ में लेकर प्यार से मसलती है, और मम्मी के शरीर में कामसुख की एक लहर दौड़ जाती है |

मम्मी को पता है वो उत्तेजित होती है और सेक्स चाहिए | एक खूबसूरत कामुक अधेड़ उम्र की औरत के लिए उच्च चरित्र का जीवन जीना आसान नहीं होता | उसके सामाजिक दायरे में किसी भी भद्र पुरुष की तरफ वो कभी आकर्षित नहीं हुई सिवाय अपने बेटे के, जिसका नाम अरुण है | समाज में मम्मी को लोग बेहद उच्च चरित्र की महिला मानते है और काफी सम्मान भी देते है | मम्मी ने भी इस गरिमा को बनाकर रखा हुआ है, अपने बेटे अरुण को छोड़कर आजतक किसी और पुरुष के लिए मम्मी मन में कभी विचार नहीं आया, हालाँकि वो अपने बेटे अरुण को भी वो अपने दिल की बात ये सोच कर नहीं बता पाई, कि पता नहीं क्या सोचेगा |


मै बाजार से सब्जी लेकर घर पहुँचा।
मम्मी चाय पी रही थी, मुझे देखकर उन्होंने कोई reaction नही दिया, थोड़ी देर बाद मैने पूछा मम्मी और चाय है क्या ???
वो शांत रही, मै किचिन अपने लिए चाय ग्लास में लेकर वापस मम्मी के पास आकर बैठ गया।

इंतजार करता रहा मम्मी कुछ बोले पर वो खामोश रही, तो मैने ही फिर से पूछा क्या हुआ मम्मी आप इतनी चुप सी क्यों हो???


मम्मी थोड़े गुस्से में सच हलक में अटक गया है, उसे बाहर कैसे निकालू???

कैसा सच मम्मी???

कड़वा सच

मुझे कुछ समझ नही आ रहा है आप क्या बोल रही हो???

बेटा अरुण पिछले दो तीन दिनों में हम दोनों के बीच जो बातें हुयी कैसे तुमने मुझे अपनी बीवी की तरह प्यार से बात की, मेरे ब्रा पैंटी धोये, और भी जो हमारे बीच हुआ वो भूल जा, बेटा वो गलत था और मै भी तुझे रोकने की वजह उकसा रही थी।

""शायद कल रात अपने सगे बेटे और बहू की संभोग करते हुए कामुक सिसकियों की आवाज फोन में सुनकर कुछ ऐसा हुआ जिसने गंभीरतापूर्वक विचार करने पर मजबूर कर दिया, कि मम्मी अपने बेटे के साथ जो कर रही थी, और जो करने की सोच रही थी वो गलत है ""


एक मम्मी अपने शादी शुदा बेटे के उसकी बीवी के रहते हुए उसकी बीवी बनने की सोच भी कैसे सकती है, मुझे माफ कर दे बेटा। मै बहक गयी थी।

मै मम्मी के आँखों के आँसू पौछते हुए बोला मम्मी इसमें गलती आपकी नही मेरी थी, मै आपसे माफी मांगता हू।

हम दोनों अब आगे से कोई भी ऐसा काम नही करेंगे जिससे आपको अपने पति के सामने और मुझे अपनी पत्नी के सामने शर्मिंदा होना पड़े।

थोड़ी देर बाद मम्मी किचिन में खाना बनाने चली गई,

मै आराम से वेबसाइट में कुछ स्टोरी पड़ने लगा,मुझे उससे कुछ आइडियाज मिले की कैसे एक पति अपने पत्नी के पास काम के वक्त फोन करता है ,मुझे खुद पर हँसी भी आ रही थी की मैं ये क्या पागलपन करने में लगा हुआ हु…

लेकिन फिर भी मैंने कुसुम को काल लगाया ..

“मैं उसे ऑफिस टाइम में तब ही फोन करता था जब मुझे बाहर जाना होता या कोई इम्पार्टेंट काम होता ,

“हैलो आज इस वक्त सब ठीक तो है ना
“बस सोच रहा था की आज राज का क्या रिएक्शन रहा होगा..”वो चुप तो थी लेकिन उसकी हल्की हँसी की आवाज मेरे कानों में पड़ रही थी ,

“आप सच में पगला गए हो ,चलो आपको तो कोई काम है नही लेकिन मेरे पास बहुत काम होता है ,”

“अरे मेरी जान कुछ तो बताओ “

“क्या …? क्या बताऊँ बस साला अजीब से घूर रहा था और पास आने की बात करने की कोशिस कर रहा था लेकिन मैंने उसे कोई चांस नही दिया ,अब वो अपना काम कर रहा है और मैं अपना और आप भी अपना काम करो , लेकिन अब अपनी बीवी की जासूसी करने में मत लग जाओ “वो खिलखिलाई और मैंने भी उसे प्यार से लव यू बोलकर फोन रख दिया,लेकिन जाने अनजाने कुसुम ने मेरे दिमाग में एक दूसरे आईडिया को जन्म दे दिया था, ""कुसुम की जासूसी ….""

मेरे दिमाग में बहुत सारे सवाल उथल पुथल कर रहे थे कि आखिर मै अपनी बीवी की जासूसी करने की शुरुआत कैसे करू???

इसी उधेड़बुन में मै खाना खा कर नीचे आ गया और एक मोबाइल शॉप पर चला गया। मैने एक हेडफोन खरीद कर उससे पूछा एक मोबाइल में दो whatsup, fb, isnta चल सकते है, वो बोला हा।

किसी और का व्हाट्स up चलाना है,
वो हस्ते हुए बोला अपनी बीवी का????
हाहाहा हाहाहा हाहाहा

मै भी हँस गया।

वो बोला हा, आप paraell space मे wahtsup fb insta जो भी चाहे download करे और अपनी बीवी का मोबाइल no. डालकर otp से चालू कर ले। उनके सारे मैसेज pics, वीडियो आप के मोबाइल में आने लगेगे।

मै बहुत खुश हो गया और उसको एक vimal की तंबाकू खिला कर कुसुम के मना करने के बाद भी उसे ऑफिस से लेने चला गया।

आधे घंटे ऑफिस के बाहर इंतजार करने के बाद कुसुम आ गयी और बोली आप कैसे टपक पड़े। मै बोला फ्री था time पास नही हो रहा तो तुम्हे लेने आ गया।

मै उसे बैठा कर घर की ओर चल दिया। मैने उससे पूछा कैसा रहा ऑफिस में आज का दिन।

वो बोली मस्त,

ऑफिस में सभी अपने-अपने काम में व्यस्त थे. मैं भी अपने काम में लग गयी. तभी मेरी नजर sdm साहब के साथ बात करते हुए राज पे पड़ी. वो भी मुझे घूर-घूर के देख रहा था.

थोड़ी देर हम एक दूसरे को चोर निगाहों से देखते रहे. फिर मैंने अपनी नज़र हटाली. Sdm साहब अपने cabin में चले गए। एक बजे लंच की शुरुवात हो गयी. सब उठ कर कैंटीन में जाने लगे, मैं मेरी कलिग रोशनी के साथ कैंटीन एक कोने में खड़ी रह कर सब देख रही थी और लंच करने के लिए बैठने के लिए कुर्सी को ढूंढ रही थी. तभी मेरे सामने हाथ में कुर्सी को लाते हुए. देखा तो वही राज था.

“शायद इसे ढूंढ रही है आप”- कुर्सी की तरफ इशारा करते हुए वो बोला.
मैं- “अअ.. हाँ!. इसे ही ढूंढ रही थी. थैंक यू.” और उसे स्माइल दी.

राज – आप कमाल की खूबसूरत हैं.
मैं- थैंक यू.
राज - आपके शानदार हुस्न का राज क्या है??
मैं- शायद आप गलत नंबर डायल कर रहे है.
राज – तो आप ही दीजिये अपना सही नंबर.
मैं- मैं शादीशुदा हूँ.
राज – तो क्या? शादी शुदा लोग क्या मोबाइल नहीं इस्तेमाल करते?

मुझे गुस्सा तो बहुत आया पर रोशनी बोली कुसुम ये ऐसा ही है, सबके साथ flirt करता है। और इतना तो चलता है।

मै बोली mr राज ये पंतरे मुझ पर मत चलाना और फिर हम वापस अपने काम में लग गये।

कुसुम मेरे पीठ से पूरी तरह लिपट कर बोली एक बात कहु

मै हाँ बोलो

“जान सच में वो बहुत हैंडसम है ,आज उसके साथ ही लंच किया मजा आ गया ,पूरे ऑफिस की लडकिय उसकी दीवानी है .. मै सोच रही हु .........



जारी है......
 

Battu

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और अगर मै बहक गई तो ….”

उसकी बातो का इशारा मैं समझ सकता था,

मैं भी गहरे सोच में डूब चुका था..

“मुझे नही पता ….”

मैं बस इतना ही बोल पाया …

उसने प्यार से निहारते हुए मेरे होठो पर अपने होठो को रख दिया ..

थोड़ी देर बाद
“जान अब मुझे तुम्हारी गांड चोदनी है!!” मैंने कहा।

“आप ठरकी हो ये तो पता था लेकिन इतने हो ये नही पता था,इन पोर्न वेबसाइट्स और कहानियों ने अपका दिमाग खराब कर रखा है..”वो गुस्से में थी लेकिन होठो में मुस्कान लेकर ..

“ठीक है आओ चोद लो पतिदेव!” कुसुम बोली

फिर मैं बहुत खुश हो गया था। मैं अपनी खूबसूरत और सेक्सी बीवी की गांड चोदने जा रहा था। और इस बार मैं उसे उल्टा पेट के बल लिटा दिया। कुसुम की कमर के नीचे मैंने 2 मोटे तकिया लगा दिए। अब उसके पुट्ठे और गांड उपर आ गये थे। मैं लेट गया और उसके सफ़ेद पुट्ठो को सहलाता रहा। फिर मैं हाथ से दबाने लगा। मेरी खूबसूरत बीवी के पुट्ठे माशाअल्ला है मैं उसके पुट्ठे को किस कर रहा था और चाट रहा था। कुछ देर तक उसका चुम्बन लेने के बाद मैंने कुसुम के गोल मटोल पुट्ठे खोल दिए। सामने उसकी गांड थी। मैं जीभ लगाकर चाटने लगा। कुसुम “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….”


की आवाज निकाल रही थी। मैं जल्दी जल्दी उसकी चिकनी और कसी गांड पीने लगा। कुसुम को अलग तरह का सुख और नशा मिल रहा था। 15 मिनट तक मैंने अपनी बीबी की गांड पी। कुसुम पेट के बल लेटी हुई थी।


कुसुम खुद ही doggy sytle में आ गयी। उसने खुद की अपनी गांड के छेद में तेल लगा दिया और जल्दी जल्दी ऊँगली करने लगी। मुझे ये देखकर बहुत अच्छा लग रहा था। कुसुम जल्दी जल्दी अपनी गांड में ऊँगली कर रही थी। मैं अपने 9” के लंड को फेट रहा था। कुसुम का सिर बेड पर था और उसने अपनी गांड पीछे से उठा रखी थी। फिर मुझे बहुत जोर की वासना चढ़ गयी थी। मैंने अपने सीधे हाथ की दो ऊँगली में ढेर सारा तेल लगा लिया और कुसुम की गांड में डाल दी। “…..ही ही ही……अ अ अ अ.अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” वो चीख पड़ी।

फिर मैं पीछे से जल्दी जल्दी उसकी गांड में ऊँगली करने लगा। उफ्फ्फ! कितना कसा छेद था मेरी खूबसूरत बीबी की सेक्सी गांड का। मुझे बहुत कसावट मिल रही थी। मुझे भरपूर मजा मिल रहा था। कुसुम doogy style में बनी हुई थी। आज पहली बार वो अपनी गांड चुदाने जा रही थी। धीरे धीरे मैं गांड में अपनी ऊँगली भीतर तक डालने लगा।

दूसरे हाथ की ऊँगली मैं कुसुम की चूत में करने लगा। इससे उसको बहुत आनंद आ रहा था। उसे भरपूर मजा मिल रहा था। मैं इस समय उसकी रसीली चूत और कसी गांड दोनों में ऊँगली कर रहा था। जब चिकनाहट कम हो जाती थी मैं उसकी गांड में थूक देता था। फिर मै खड़ा हो गया और मैंने आपनी बीबी की गांड में अपना लंड डाल दिया। मेरे लंड में तेल लगा हुआ था। इस वजह से वो आराम से अंदर घुस गया था। धीरे धीरे मैं अपनी बीबी के साथ डीप ऐनल सेक्स करने लगा।

तभी मेरा फोन बजने लगा, कुसुम देखो जरा किसका फोन है रात के बारह बजे किसकी सेजवानी में परेशानी हो गयी????

आपकी मम्मी का फोन है, ओह आह मम्मी ??? में सिसकरिया लेते हुए बोला।

चुप करो वो आपकी मम्मी है, मै फोन पिक करती हूँ जरा रुक जाओ, आह आह

हैलो मम्मी आह आह आह ओह उ शि सी सी।

हैलो कुछ तो बोलो और फोन disconnet हो गया।

क्या हुआ कुसुम???

मम्मी हमारी कामुक सिसकरिया सुनकर फोन काट दी, कल सुबह गाली खाने के लिए रेडी रहना पड़ेगा। और जब मैने आपसे रुकने को बोला तब भी आप और जोर से पेलने में लगे थे। मम्मी के नाम से आप को कुछ ज्यादा ही जोश आ रहा था क्या?????

कुसुम “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…मेरी गांड फट गयी!! ओह्ह” इस तरह से चीख रही थी। मुझे अच्छा लग रहा था। हम दोनों बेड पर रासलीला कर रहे थे। मैं खड़े होकर अपनी बीबी की गांड चोद रहा था। दोस्तों मैं समझता था की गांड में कभी लंड नही जाएगा। पर मैं पूरी तरह से गलत था। आज तो मेरा 9” का लंड आराम से अंदर घुस गया था। मैं झुककर किसी कुत्ते की तरह अपनी बीबी की गांड मार रहा था। कुसुम कामुक किलकारियाँ निकाल रही थी। उसकी बड़ी बड़ी चूची नीचे को लटक रही थी। सेक्स के नशे में मैं उसके गोल मटोल पुट्ठो पर कई चांटे चट चट करके मार दिए। कुसुम के सफ़ेद गोरे पुट्ठे पर मेरी ऊँगली गुलाबी रंग की छप गयी। फिर मैं उसके साथ ऐनल सेक्स करने लगा।


वो “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की कामुक आवाजे निकाल रही थी। मेरा लंड उसकी गांड में जल्दी जल्दी और बड़ी आसानी से फिसल रहा था। मैंने अपना बाया हाथ उसकी चूत के दाने पर रख दिया और जल्दी जल्दी उसके चूत के दाने को सहलाने और घिसने लगा। कुसुम को आज परम सुख मिल रहा था। मैं जल्दी जल्दी बेड पर खड़े होकर अपनी बीबी की गांड चोद रहा था। आधे घंटे की गरमा गर्म चुदाई के बाद

हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की कामुक आवाजे निकाल रही थी। मेरा लंड उसकी गांड में जल्दी जल्दी और बड़ी आसानी से फिसल रहा था। मैंने अपना बाया हाथ उसकी चूत के दाने पर रख दिया और जल्दी जल्दी उसके चूत के दाने को सहलाने और घिसने लगा। कुसुम को आज परम सुख मिल रहा था। मैं जल्दी जल्दी बेड पर खड़े होकर अपनी बीबी की गांड चोद रहा था। आधे घंटे की गरमा गर्म चुदाई के बाद मैंने अपना माल उसकी गांड में ही छोड़ दिया। मेरा लंड अब बाहर आ गया। हम दोनों के पसीने छूट गये। कुसुम मेरी उपर लेट गयी और “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हममममअहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” बोलकर गहरी और लम्बी सांसे ले रही थी। साफ था की आज मैंने कसके उसकी गांड चोद ली थी। वो अब भी अपनी गांड के छेद को सहलाये जा रही थी। कुसुम के माथे पर ही पसीना छूट गया था। उसकी पीठ पर ही काफी पसीना आ गया था। उसकी गांड कल्ला गयी थी।


“क्यों मजा आया जान ऐनल सेक्स में????” मैंने पूछा

“ अरुण!! आज तो तुमने मेरी माँ चोद दी” कुसुम बोली।
धीरे धीरे उसकी साँसे तेज से धीरे होनी लगी। मैं उसकी रसीली चूचियों को सहलाने लगा। कुछ देर तक हम दोनों सुस्ताते रहे।

मैने कहा कुसुम मेरी जान अब तुम अपनी sexual fantasy बताओ???

मेरे होठो को चूमते हुए कुसुम बोली अब आपकी जान में जान नही बची है अपनी sexual fantasy बताने की। उधार रही।

हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर सो गये।

अगली सुबह

“गुड मॉर्निंग बेबी “

सुबह सुबह जब नींद खुली तो ये प्यारी सी आवाज मेरे कानो में आई.. कुसुम का खिला हुआ चहरा मेरे आंखों के सामने था,वो मुझसे लिपट गई उसके बाल भीगे हुए थे और शरीर से हल्के इत्र की खुश्बू आ रही थी ,

"यार कुसुम, देखो क्या हाल बना लिया तुमने अपना , जब मैं मना कर रहा था उस तरह से करने के लिए तब तो तुमने थप्पड़ मार कर मुझे करने के लिए उकसाया , अब देखो ये क्या हाल हो गया है " मैने कुसुम को लंगड़ाते हुए चलते देखकर कहा ,

"आप चुप करिये जी ! एक सुहागन अगर अपने रूम से लंगड़ाते हुए ना निकली तो उसका सुहाग किस काम का " कुसुम के गालो की लाली और आँखों की थकावट बता रही थी की रात के प्यार का नशा अभी तक उसके ऊपर चढ़ा हुआ था |

“कल जो भी हुआ उसके लिए सॉरी जान ,शायद मैं ज्यादा पी गई थी “उसने मुझसे सटते हुए कहा

“लेकिन बहुत एक्साइटिंग था,कसम से कल का सेक्स मैं कभी नही भूलूंगी “

मैं कुसुम के कमर को और जोरो से अपने ओर खिंचने लगा,वो मेरे आंखों में देख रही थी ,

मैं भी हँस पड़ा ,

“सच में आपको गुस्सा नही आया ??”

“आया ना,लेकिन मजा भी आया ,ये वैसे ही था जैसा तुमने हमारी सुहागरात वाली रात को कहा था,की दर्द तो हुआ लेकिन मजा भी आया,तो बात इसपर डिपेंड है की ज्यादा गुस्सा आया की मजा ”

हम दोनो ही हँसने लगे ..


उसे तैयार होते हुए देखकर ना जाने कितने सवाल मेरे मन में आ रहे थे,मैं यही सोच रहा था की आज वो ऑफिस में राज का सामना कैसे करेगी,या राज शायद आज उसपर और भी ज्यादा लाइन मारेगा..

वो रोज से ज्यादा खूबसूरत लग रही थी और जाते हुए उसने मुझे जो शैतानी मुस्कान दी थी उससे लगा था की कुछ तो होने वाला था,

कुसुम मै क्या तुम्हे ऑफिस छोड़ने चलु??
मैने हस्ते हुए पूछा।

नही यार तुम आराम करो, हा फ्रेश होकर मम्मी से फोन कर पूछ लो क्या सब्जी लाना है घर जाते हुए खरीद कर लेते जाना, कुसुम ये बोल कर ऑफिस के लिए निकल गयी।

मै भी फ्रेश होकर होटल से घर के लिए निकल गया ।

उधर घर में मम्मी खुद को शीशे में निहार रही थी | क्या मै बूढी हो रही हूँ? अपने चेहरे को गौर से देखते हुए, चेहरे के एक एक हिस्से की गौर से जाँच करते हुआ, जैसे कोई खूबसूरत औरत अधेड़ हो जाने के बाद खुद की खूबसूरती का जायजा लेती है | वो अभी भी जवान है और किसी भी मर्द के होश उडा देने में सक्षम है, ये मुझे भी पता है लेकिन कल रात अपने सगे बेटे और बहू की संभोग करते हुए कामुक सिसकियों की आवाज फोन में सुनकर कुछ ऐसा हुआ जिसने गंभीरतापूर्वक विचार करने पर मजबूर कर दिया, पहली बार मम्मी को अहसास हुआ की अब वो जवानी की दहलीज से फिसलना शुरू कर चुकी है |

50 साल की खूबसूरत मेरी मम्मी बाथरूम से नहाकर बाहर निकलती है और तेजी से खुद के नंगे बदन को तौलिये से लपेट लेती है, लेकिन आईने तक आते आते तौलिया फिसल जाता है | खुद को नंगे आईने में देखते हुए अपनी हल्की भूरी चूची को रगड़ने लगती है, कुछ ही सेकंडो में मम्मी चुचियाँ कड़ी हो जाती है, वो अपने उरोजो को अपने हाथ में लेकर प्यार से मसलती है, और मम्मी के शरीर में कामसुख की एक लहर दौड़ जाती है |

मम्मी को पता है वो उत्तेजित होती है और सेक्स चाहिए | एक खूबसूरत कामुक अधेड़ उम्र की औरत के लिए उच्च चरित्र का जीवन जीना आसान नहीं होता | उसके सामाजिक दायरे में किसी भी भद्र पुरुष की तरफ वो कभी आकर्षित नहीं हुई सिवाय अपने बेटे के, जिसका नाम अरुण है | समाज में मम्मी को लोग बेहद उच्च चरित्र की महिला मानते है और काफी सम्मान भी देते है | मम्मी ने भी इस गरिमा को बनाकर रखा हुआ है, अपने बेटे अरुण को छोड़कर आजतक किसी और पुरुष के लिए मम्मी मन में कभी विचार नहीं आया, हालाँकि वो अपने बेटे अरुण को भी वो अपने दिल की बात ये सोच कर नहीं बता पाई, कि पता नहीं क्या सोचेगा |


मै बाजार से सब्जी लेकर घर पहुँचा।
मम्मी चाय पी रही थी, मुझे देखकर उन्होंने कोई reaction नही दिया, थोड़ी देर बाद मैने पूछा मम्मी और चाय है क्या ???
वो शांत रही, मै किचिन अपने लिए चाय ग्लास में लेकर वापस मम्मी के पास आकर बैठ गया।

इंतजार करता रहा मम्मी कुछ बोले पर वो खामोश रही, तो मैने ही फिर से पूछा क्या हुआ मम्मी आप इतनी चुप सी क्यों हो???


मम्मी थोड़े गुस्से में सच हलक में अटक गया है, उसे बाहर कैसे निकालू???

कैसा सच मम्मी???

कड़वा सच

मुझे कुछ समझ नही आ रहा है आप क्या बोल रही हो???

बेटा अरुण पिछले दो तीन दिनों में हम दोनों के बीच जो बातें हुयी कैसे तुमने मुझे अपनी बीवी की तरह प्यार से बात की, मेरे ब्रा पैंटी धोये, और भी जो हमारे बीच हुआ वो भूल जा, बेटा वो गलत था और मै भी तुझे रोकने की वजह उकसा रही थी।

""शायद कल रात अपने सगे बेटे और बहू की संभोग करते हुए कामुक सिसकियों की आवाज फोन में सुनकर कुछ ऐसा हुआ जिसने गंभीरतापूर्वक विचार करने पर मजबूर कर दिया, कि मम्मी अपने बेटे के साथ जो कर रही थी, और जो करने की सोच रही थी वो गलत है ""


एक मम्मी अपने शादी शुदा बेटे के उसकी बीवी के रहते हुए उसकी बीवी बनने की सोच भी कैसे सकती है, मुझे माफ कर दे बेटा। मै बहक गयी थी।

मै मम्मी के आँखों के आँसू पौछते हुए बोला मम्मी इसमें गलती आपकी नही मेरी थी, मै आपसे माफी मांगता हू।

हम दोनों अब आगे से कोई भी ऐसा काम नही करेंगे जिससे आपको अपने पति के सामने और मुझे अपनी पत्नी के सामने शर्मिंदा होना पड़े।

थोड़ी देर बाद मम्मी किचिन में खाना बनाने चली गई,

मै आराम से वेबसाइट में कुछ स्टोरी पड़ने लगा,मुझे उससे कुछ आइडियाज मिले की कैसे एक पति अपने पत्नी के पास काम के वक्त फोन करता है ,मुझे खुद पर हँसी भी आ रही थी की मैं ये क्या पागलपन करने में लगा हुआ हु…

लेकिन फिर भी मैंने कुसुम को काल लगाया ..

“मैं उसे ऑफिस टाइम में तब ही फोन करता था जब मुझे बाहर जाना होता या कोई इम्पार्टेंट काम होता ,

“हैलो आज इस वक्त सब ठीक तो है ना
“बस सोच रहा था की आज राज का क्या रिएक्शन रहा होगा..”वो चुप तो थी लेकिन उसकी हल्की हँसी की आवाज मेरे कानों में पड़ रही थी ,

“आप सच में पगला गए हो ,चलो आपको तो कोई काम है नही लेकिन मेरे पास बहुत काम होता है ,”

“अरे मेरी जान कुछ तो बताओ “

“क्या …? क्या बताऊँ बस साला अजीब से घूर रहा था और पास आने की बात करने की कोशिस कर रहा था लेकिन मैंने उसे कोई चांस नही दिया ,अब वो अपना काम कर रहा है और मैं अपना और आप भी अपना काम करो , लेकिन अब अपनी बीवी की जासूसी करने में मत लग जाओ “वो खिलखिलाई और मैंने भी उसे प्यार से लव यू बोलकर फोन रख दिया,लेकिन जाने अनजाने कुसुम ने मेरे दिमाग में एक दूसरे आईडिया को जन्म दे दिया था, ""कुसुम की जासूसी ….""

मेरे दिमाग में बहुत सारे सवाल उथल पुथल कर रहे थे कि आखिर मै अपनी बीवी की जासूसी करने की शुरुआत कैसे करू???

इसी उधेड़बुन में मै खाना खा कर नीचे आ गया और एक मोबाइल शॉप पर चला गया। मैने एक हेडफोन खरीद कर उससे पूछा एक मोबाइल में दो whatsup, fb, isnta चल सकते है, वो बोला हा।

किसी और का व्हाट्स up चलाना है,
वो हस्ते हुए बोला अपनी बीवी का????
हाहाहा हाहाहा हाहाहा

मै भी हँस गया।

वो बोला हा, आप paraell space मे wahtsup fb insta जो भी चाहे download करे और अपनी बीवी का मोबाइल no. डालकर otp से चालू कर ले। उनके सारे मैसेज pics, वीडियो आप के मोबाइल में आने लगेगे।

मै बहुत खुश हो गया और उसको एक vimal की तंबाकू खिला कर कुसुम के मना करने के बाद भी उसे ऑफिस से लेने चला गया।

आधे घंटे ऑफिस के बाहर इंतजार करने के बाद कुसुम आ गयी और बोली आप कैसे टपक पड़े। मै बोला फ्री था time पास नही हो रहा तो तुम्हे लेने आ गया।

मै उसे बैठा कर घर की ओर चल दिया। मैने उससे पूछा कैसा रहा ऑफिस में आज का दिन।

वो बोली मस्त,

ऑफिस में सभी अपने-अपने काम में व्यस्त थे. मैं भी अपने काम में लग गयी. तभी मेरी नजर sdm साहब के साथ बात करते हुए राज पे पड़ी. वो भी मुझे घूर-घूर के देख रहा था.

थोड़ी देर हम एक दूसरे को चोर निगाहों से देखते रहे. फिर मैंने अपनी नज़र हटाली. Sdm साहब अपने cabin में चले गए। एक बजे लंच की शुरुवात हो गयी. सब उठ कर कैंटीन में जाने लगे, मैं मेरी कलिग रोशनी के साथ कैंटीन एक कोने में खड़ी रह कर सब देख रही थी और लंच करने के लिए बैठने के लिए कुर्सी को ढूंढ रही थी. तभी मेरे सामने हाथ में कुर्सी को लाते हुए. देखा तो वही राज था.

“शायद इसे ढूंढ रही है आप”- कुर्सी की तरफ इशारा करते हुए वो बोला.
मैं- “अअ.. हाँ!. इसे ही ढूंढ रही थी. थैंक यू.” और उसे स्माइल दी.

राज – आप कमाल की खूबसूरत हैं.
मैं- थैंक यू.
राज - आपके शानदार हुस्न का राज क्या है??
मैं- शायद आप गलत नंबर डायल कर रहे है.
राज – तो आप ही दीजिये अपना सही नंबर.
मैं- मैं शादीशुदा हूँ.
राज – तो क्या? शादी शुदा लोग क्या मोबाइल नहीं इस्तेमाल करते?

मुझे गुस्सा तो बहुत आया पर रोशनी बोली कुसुम ये ऐसा ही है, सबके साथ flirt करता है। और इतना तो चलता है।

मै बोली mr राज ये पंतरे मुझ पर मत चलाना और फिर हम वापस अपने काम में लग गये।

कुसुम मेरे पीठ से पूरी तरह लिपट कर बोली एक बात कहु

मै हाँ बोलो

“जान सच में वो बहुत हैंडसम है ,आज उसके साथ ही लंच किया मजा आ गया ,पूरे ऑफिस की लडकिय उसकी दीवानी है .. मै सोच रही हु .........



जारी है......
भाई यदि कुसुम को अब आखिर में आप कैरेक्टरलैस दिखाना चाहते है या राज या SDM से सेट करवाना चाहते है तो प्लीज पहले से बता दे ताकि हम यह स्टोरी यही छोड़ दे। पहले भी जुली सगाई के टाइम यह मुद्दा उठा था तब आपने कहा था कि कुसुम वैसी नही है। शुरू से उसे खुद्दार, स्वाभिमानी और चरित्रवान बताया और अब फिर से आपकी कोशिश कुछ और दिख रही है। यदि ऐसा है तो कृपया अभी बता दे आगे टाइम खराब कर अपना मज़ा खराब नही करना और इस स्टोरी को यही छोड़ दे।
 

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और अगर मै बहक गई तो ….”

उसकी बातो का इशारा मैं समझ सकता था,

मैं भी गहरे सोच में डूब चुका था..

“मुझे नही पता ….”

मैं बस इतना ही बोल पाया …

उसने प्यार से निहारते हुए मेरे होठो पर अपने होठो को रख दिया ..

थोड़ी देर बाद
“जान अब मुझे तुम्हारी गांड चोदनी है!!” मैंने कहा।

“आप ठरकी हो ये तो पता था लेकिन इतने हो ये नही पता था,इन पोर्न वेबसाइट्स और कहानियों ने अपका दिमाग खराब कर रखा है..”वो गुस्से में थी लेकिन होठो में मुस्कान लेकर ..

“ठीक है आओ चोद लो पतिदेव!” कुसुम बोली

फिर मैं बहुत खुश हो गया था। मैं अपनी खूबसूरत और सेक्सी बीवी की गांड चोदने जा रहा था। और इस बार मैं उसे उल्टा पेट के बल लिटा दिया। कुसुम की कमर के नीचे मैंने 2 मोटे तकिया लगा दिए। अब उसके पुट्ठे और गांड उपर आ गये थे। मैं लेट गया और उसके सफ़ेद पुट्ठो को सहलाता रहा। फिर मैं हाथ से दबाने लगा। मेरी खूबसूरत बीवी के पुट्ठे माशाअल्ला है मैं उसके पुट्ठे को किस कर रहा था और चाट रहा था। कुछ देर तक उसका चुम्बन लेने के बाद मैंने कुसुम के गोल मटोल पुट्ठे खोल दिए। सामने उसकी गांड थी। मैं जीभ लगाकर चाटने लगा। कुसुम “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….”


की आवाज निकाल रही थी। मैं जल्दी जल्दी उसकी चिकनी और कसी गांड पीने लगा। कुसुम को अलग तरह का सुख और नशा मिल रहा था। 15 मिनट तक मैंने अपनी बीबी की गांड पी। कुसुम पेट के बल लेटी हुई थी।


कुसुम खुद ही doggy sytle में आ गयी। उसने खुद की अपनी गांड के छेद में तेल लगा दिया और जल्दी जल्दी ऊँगली करने लगी। मुझे ये देखकर बहुत अच्छा लग रहा था। कुसुम जल्दी जल्दी अपनी गांड में ऊँगली कर रही थी। मैं अपने 9” के लंड को फेट रहा था। कुसुम का सिर बेड पर था और उसने अपनी गांड पीछे से उठा रखी थी। फिर मुझे बहुत जोर की वासना चढ़ गयी थी। मैंने अपने सीधे हाथ की दो ऊँगली में ढेर सारा तेल लगा लिया और कुसुम की गांड में डाल दी। “…..ही ही ही……अ अ अ अ.अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” वो चीख पड़ी।

फिर मैं पीछे से जल्दी जल्दी उसकी गांड में ऊँगली करने लगा। उफ्फ्फ! कितना कसा छेद था मेरी खूबसूरत बीबी की सेक्सी गांड का। मुझे बहुत कसावट मिल रही थी। मुझे भरपूर मजा मिल रहा था। कुसुम doogy style में बनी हुई थी। आज पहली बार वो अपनी गांड चुदाने जा रही थी। धीरे धीरे मैं गांड में अपनी ऊँगली भीतर तक डालने लगा।

दूसरे हाथ की ऊँगली मैं कुसुम की चूत में करने लगा। इससे उसको बहुत आनंद आ रहा था। उसे भरपूर मजा मिल रहा था। मैं इस समय उसकी रसीली चूत और कसी गांड दोनों में ऊँगली कर रहा था। जब चिकनाहट कम हो जाती थी मैं उसकी गांड में थूक देता था। फिर मै खड़ा हो गया और मैंने आपनी बीबी की गांड में अपना लंड डाल दिया। मेरे लंड में तेल लगा हुआ था। इस वजह से वो आराम से अंदर घुस गया था। धीरे धीरे मैं अपनी बीबी के साथ डीप ऐनल सेक्स करने लगा।

तभी मेरा फोन बजने लगा, कुसुम देखो जरा किसका फोन है रात के बारह बजे किसकी सेजवानी में परेशानी हो गयी????

आपकी मम्मी का फोन है, ओह आह मम्मी ??? में सिसकरिया लेते हुए बोला।

चुप करो वो आपकी मम्मी है, मै फोन पिक करती हूँ जरा रुक जाओ, आह आह

हैलो मम्मी आह आह आह ओह उ शि सी सी।

हैलो कुछ तो बोलो और फोन disconnet हो गया।

क्या हुआ कुसुम???

मम्मी हमारी कामुक सिसकरिया सुनकर फोन काट दी, कल सुबह गाली खाने के लिए रेडी रहना पड़ेगा। और जब मैने आपसे रुकने को बोला तब भी आप और जोर से पेलने में लगे थे। मम्मी के नाम से आप को कुछ ज्यादा ही जोश आ रहा था क्या?????

कुसुम “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…मेरी गांड फट गयी!! ओह्ह” इस तरह से चीख रही थी। मुझे अच्छा लग रहा था। हम दोनों बेड पर रासलीला कर रहे थे। मैं खड़े होकर अपनी बीबी की गांड चोद रहा था। दोस्तों मैं समझता था की गांड में कभी लंड नही जाएगा। पर मैं पूरी तरह से गलत था। आज तो मेरा 9” का लंड आराम से अंदर घुस गया था। मैं झुककर किसी कुत्ते की तरह अपनी बीबी की गांड मार रहा था। कुसुम कामुक किलकारियाँ निकाल रही थी। उसकी बड़ी बड़ी चूची नीचे को लटक रही थी। सेक्स के नशे में मैं उसके गोल मटोल पुट्ठो पर कई चांटे चट चट करके मार दिए। कुसुम के सफ़ेद गोरे पुट्ठे पर मेरी ऊँगली गुलाबी रंग की छप गयी। फिर मैं उसके साथ ऐनल सेक्स करने लगा।


वो “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की कामुक आवाजे निकाल रही थी। मेरा लंड उसकी गांड में जल्दी जल्दी और बड़ी आसानी से फिसल रहा था। मैंने अपना बाया हाथ उसकी चूत के दाने पर रख दिया और जल्दी जल्दी उसके चूत के दाने को सहलाने और घिसने लगा। कुसुम को आज परम सुख मिल रहा था। मैं जल्दी जल्दी बेड पर खड़े होकर अपनी बीबी की गांड चोद रहा था। आधे घंटे की गरमा गर्म चुदाई के बाद

हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की कामुक आवाजे निकाल रही थी। मेरा लंड उसकी गांड में जल्दी जल्दी और बड़ी आसानी से फिसल रहा था। मैंने अपना बाया हाथ उसकी चूत के दाने पर रख दिया और जल्दी जल्दी उसके चूत के दाने को सहलाने और घिसने लगा। कुसुम को आज परम सुख मिल रहा था। मैं जल्दी जल्दी बेड पर खड़े होकर अपनी बीबी की गांड चोद रहा था। आधे घंटे की गरमा गर्म चुदाई के बाद मैंने अपना माल उसकी गांड में ही छोड़ दिया। मेरा लंड अब बाहर आ गया। हम दोनों के पसीने छूट गये। कुसुम मेरी उपर लेट गयी और “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हममममअहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” बोलकर गहरी और लम्बी सांसे ले रही थी। साफ था की आज मैंने कसके उसकी गांड चोद ली थी। वो अब भी अपनी गांड के छेद को सहलाये जा रही थी। कुसुम के माथे पर ही पसीना छूट गया था। उसकी पीठ पर ही काफी पसीना आ गया था। उसकी गांड कल्ला गयी थी।


“क्यों मजा आया जान ऐनल सेक्स में????” मैंने पूछा

“ अरुण!! आज तो तुमने मेरी माँ चोद दी” कुसुम बोली।
धीरे धीरे उसकी साँसे तेज से धीरे होनी लगी। मैं उसकी रसीली चूचियों को सहलाने लगा। कुछ देर तक हम दोनों सुस्ताते रहे।

मैने कहा कुसुम मेरी जान अब तुम अपनी sexual fantasy बताओ???

मेरे होठो को चूमते हुए कुसुम बोली अब आपकी जान में जान नही बची है अपनी sexual fantasy बताने की। उधार रही।

हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर सो गये।

अगली सुबह

“गुड मॉर्निंग बेबी “

सुबह सुबह जब नींद खुली तो ये प्यारी सी आवाज मेरे कानो में आई.. कुसुम का खिला हुआ चहरा मेरे आंखों के सामने था,वो मुझसे लिपट गई उसके बाल भीगे हुए थे और शरीर से हल्के इत्र की खुश्बू आ रही थी ,

"यार कुसुम, देखो क्या हाल बना लिया तुमने अपना , जब मैं मना कर रहा था उस तरह से करने के लिए तब तो तुमने थप्पड़ मार कर मुझे करने के लिए उकसाया , अब देखो ये क्या हाल हो गया है " मैने कुसुम को लंगड़ाते हुए चलते देखकर कहा ,

"आप चुप करिये जी ! एक सुहागन अगर अपने रूम से लंगड़ाते हुए ना निकली तो उसका सुहाग किस काम का " कुसुम के गालो की लाली और आँखों की थकावट बता रही थी की रात के प्यार का नशा अभी तक उसके ऊपर चढ़ा हुआ था |

“कल जो भी हुआ उसके लिए सॉरी जान ,शायद मैं ज्यादा पी गई थी “उसने मुझसे सटते हुए कहा

“लेकिन बहुत एक्साइटिंग था,कसम से कल का सेक्स मैं कभी नही भूलूंगी “

मैं कुसुम के कमर को और जोरो से अपने ओर खिंचने लगा,वो मेरे आंखों में देख रही थी ,

मैं भी हँस पड़ा ,

“सच में आपको गुस्सा नही आया ??”

“आया ना,लेकिन मजा भी आया ,ये वैसे ही था जैसा तुमने हमारी सुहागरात वाली रात को कहा था,की दर्द तो हुआ लेकिन मजा भी आया,तो बात इसपर डिपेंड है की ज्यादा गुस्सा आया की मजा ”

हम दोनो ही हँसने लगे ..


उसे तैयार होते हुए देखकर ना जाने कितने सवाल मेरे मन में आ रहे थे,मैं यही सोच रहा था की आज वो ऑफिस में राज का सामना कैसे करेगी,या राज शायद आज उसपर और भी ज्यादा लाइन मारेगा..

वो रोज से ज्यादा खूबसूरत लग रही थी और जाते हुए उसने मुझे जो शैतानी मुस्कान दी थी उससे लगा था की कुछ तो होने वाला था,

कुसुम मै क्या तुम्हे ऑफिस छोड़ने चलु??
मैने हस्ते हुए पूछा।

नही यार तुम आराम करो, हा फ्रेश होकर मम्मी से फोन कर पूछ लो क्या सब्जी लाना है घर जाते हुए खरीद कर लेते जाना, कुसुम ये बोल कर ऑफिस के लिए निकल गयी।

मै भी फ्रेश होकर होटल से घर के लिए निकल गया ।

उधर घर में मम्मी खुद को शीशे में निहार रही थी | क्या मै बूढी हो रही हूँ? अपने चेहरे को गौर से देखते हुए, चेहरे के एक एक हिस्से की गौर से जाँच करते हुआ, जैसे कोई खूबसूरत औरत अधेड़ हो जाने के बाद खुद की खूबसूरती का जायजा लेती है | वो अभी भी जवान है और किसी भी मर्द के होश उडा देने में सक्षम है, ये मुझे भी पता है लेकिन कल रात अपने सगे बेटे और बहू की संभोग करते हुए कामुक सिसकियों की आवाज फोन में सुनकर कुछ ऐसा हुआ जिसने गंभीरतापूर्वक विचार करने पर मजबूर कर दिया, पहली बार मम्मी को अहसास हुआ की अब वो जवानी की दहलीज से फिसलना शुरू कर चुकी है |

50 साल की खूबसूरत मेरी मम्मी बाथरूम से नहाकर बाहर निकलती है और तेजी से खुद के नंगे बदन को तौलिये से लपेट लेती है, लेकिन आईने तक आते आते तौलिया फिसल जाता है | खुद को नंगे आईने में देखते हुए अपनी हल्की भूरी चूची को रगड़ने लगती है, कुछ ही सेकंडो में मम्मी चुचियाँ कड़ी हो जाती है, वो अपने उरोजो को अपने हाथ में लेकर प्यार से मसलती है, और मम्मी के शरीर में कामसुख की एक लहर दौड़ जाती है |

मम्मी को पता है वो उत्तेजित होती है और सेक्स चाहिए | एक खूबसूरत कामुक अधेड़ उम्र की औरत के लिए उच्च चरित्र का जीवन जीना आसान नहीं होता | उसके सामाजिक दायरे में किसी भी भद्र पुरुष की तरफ वो कभी आकर्षित नहीं हुई सिवाय अपने बेटे के, जिसका नाम अरुण है | समाज में मम्मी को लोग बेहद उच्च चरित्र की महिला मानते है और काफी सम्मान भी देते है | मम्मी ने भी इस गरिमा को बनाकर रखा हुआ है, अपने बेटे अरुण को छोड़कर आजतक किसी और पुरुष के लिए मम्मी मन में कभी विचार नहीं आया, हालाँकि वो अपने बेटे अरुण को भी वो अपने दिल की बात ये सोच कर नहीं बता पाई, कि पता नहीं क्या सोचेगा |


मै बाजार से सब्जी लेकर घर पहुँचा।
मम्मी चाय पी रही थी, मुझे देखकर उन्होंने कोई reaction नही दिया, थोड़ी देर बाद मैने पूछा मम्मी और चाय है क्या ???
वो शांत रही, मै किचिन अपने लिए चाय ग्लास में लेकर वापस मम्मी के पास आकर बैठ गया।

इंतजार करता रहा मम्मी कुछ बोले पर वो खामोश रही, तो मैने ही फिर से पूछा क्या हुआ मम्मी आप इतनी चुप सी क्यों हो???


मम्मी थोड़े गुस्से में सच हलक में अटक गया है, उसे बाहर कैसे निकालू???

कैसा सच मम्मी???

कड़वा सच

मुझे कुछ समझ नही आ रहा है आप क्या बोल रही हो???

बेटा अरुण पिछले दो तीन दिनों में हम दोनों के बीच जो बातें हुयी कैसे तुमने मुझे अपनी बीवी की तरह प्यार से बात की, मेरे ब्रा पैंटी धोये, और भी जो हमारे बीच हुआ वो भूल जा, बेटा वो गलत था और मै भी तुझे रोकने की वजह उकसा रही थी।

""शायद कल रात अपने सगे बेटे और बहू की संभोग करते हुए कामुक सिसकियों की आवाज फोन में सुनकर कुछ ऐसा हुआ जिसने गंभीरतापूर्वक विचार करने पर मजबूर कर दिया, कि मम्मी अपने बेटे के साथ जो कर रही थी, और जो करने की सोच रही थी वो गलत है ""


एक मम्मी अपने शादी शुदा बेटे के उसकी बीवी के रहते हुए उसकी बीवी बनने की सोच भी कैसे सकती है, मुझे माफ कर दे बेटा। मै बहक गयी थी।

मै मम्मी के आँखों के आँसू पौछते हुए बोला मम्मी इसमें गलती आपकी नही मेरी थी, मै आपसे माफी मांगता हू।

हम दोनों अब आगे से कोई भी ऐसा काम नही करेंगे जिससे आपको अपने पति के सामने और मुझे अपनी पत्नी के सामने शर्मिंदा होना पड़े।

थोड़ी देर बाद मम्मी किचिन में खाना बनाने चली गई,

मै आराम से वेबसाइट में कुछ स्टोरी पड़ने लगा,मुझे उससे कुछ आइडियाज मिले की कैसे एक पति अपने पत्नी के पास काम के वक्त फोन करता है ,मुझे खुद पर हँसी भी आ रही थी की मैं ये क्या पागलपन करने में लगा हुआ हु…

लेकिन फिर भी मैंने कुसुम को काल लगाया ..

“मैं उसे ऑफिस टाइम में तब ही फोन करता था जब मुझे बाहर जाना होता या कोई इम्पार्टेंट काम होता ,

“हैलो आज इस वक्त सब ठीक तो है ना
“बस सोच रहा था की आज राज का क्या रिएक्शन रहा होगा..”वो चुप तो थी लेकिन उसकी हल्की हँसी की आवाज मेरे कानों में पड़ रही थी ,

“आप सच में पगला गए हो ,चलो आपको तो कोई काम है नही लेकिन मेरे पास बहुत काम होता है ,”

“अरे मेरी जान कुछ तो बताओ “

“क्या …? क्या बताऊँ बस साला अजीब से घूर रहा था और पास आने की बात करने की कोशिस कर रहा था लेकिन मैंने उसे कोई चांस नही दिया ,अब वो अपना काम कर रहा है और मैं अपना और आप भी अपना काम करो , लेकिन अब अपनी बीवी की जासूसी करने में मत लग जाओ “वो खिलखिलाई और मैंने भी उसे प्यार से लव यू बोलकर फोन रख दिया,लेकिन जाने अनजाने कुसुम ने मेरे दिमाग में एक दूसरे आईडिया को जन्म दे दिया था, ""कुसुम की जासूसी ….""

मेरे दिमाग में बहुत सारे सवाल उथल पुथल कर रहे थे कि आखिर मै अपनी बीवी की जासूसी करने की शुरुआत कैसे करू???

इसी उधेड़बुन में मै खाना खा कर नीचे आ गया और एक मोबाइल शॉप पर चला गया। मैने एक हेडफोन खरीद कर उससे पूछा एक मोबाइल में दो whatsup, fb, isnta चल सकते है, वो बोला हा।

किसी और का व्हाट्स up चलाना है,
वो हस्ते हुए बोला अपनी बीवी का????
हाहाहा हाहाहा हाहाहा

मै भी हँस गया।

वो बोला हा, आप paraell space मे wahtsup fb insta जो भी चाहे download करे और अपनी बीवी का मोबाइल no. डालकर otp से चालू कर ले। उनके सारे मैसेज pics, वीडियो आप के मोबाइल में आने लगेगे।

मै बहुत खुश हो गया और उसको एक vimal की तंबाकू खिला कर कुसुम के मना करने के बाद भी उसे ऑफिस से लेने चला गया।

आधे घंटे ऑफिस के बाहर इंतजार करने के बाद कुसुम आ गयी और बोली आप कैसे टपक पड़े। मै बोला फ्री था time पास नही हो रहा तो तुम्हे लेने आ गया।

मै उसे बैठा कर घर की ओर चल दिया। मैने उससे पूछा कैसा रहा ऑफिस में आज का दिन।

वो बोली मस्त,

ऑफिस में सभी अपने-अपने काम में व्यस्त थे. मैं भी अपने काम में लग गयी. तभी मेरी नजर sdm साहब के साथ बात करते हुए राज पे पड़ी. वो भी मुझे घूर-घूर के देख रहा था.

थोड़ी देर हम एक दूसरे को चोर निगाहों से देखते रहे. फिर मैंने अपनी नज़र हटाली. Sdm साहब अपने cabin में चले गए। एक बजे लंच की शुरुवात हो गयी. सब उठ कर कैंटीन में जाने लगे, मैं मेरी कलिग रोशनी के साथ कैंटीन एक कोने में खड़ी रह कर सब देख रही थी और लंच करने के लिए बैठने के लिए कुर्सी को ढूंढ रही थी. तभी मेरे सामने हाथ में कुर्सी को लाते हुए. देखा तो वही राज था.

“शायद इसे ढूंढ रही है आप”- कुर्सी की तरफ इशारा करते हुए वो बोला.
मैं- “अअ.. हाँ!. इसे ही ढूंढ रही थी. थैंक यू.” और उसे स्माइल दी.

राज – आप कमाल की खूबसूरत हैं.
मैं- थैंक यू.
राज - आपके शानदार हुस्न का राज क्या है??
मैं- शायद आप गलत नंबर डायल कर रहे है.
राज – तो आप ही दीजिये अपना सही नंबर.
मैं- मैं शादीशुदा हूँ.
राज – तो क्या? शादी शुदा लोग क्या मोबाइल नहीं इस्तेमाल करते?

मुझे गुस्सा तो बहुत आया पर रोशनी बोली कुसुम ये ऐसा ही है, सबके साथ flirt करता है। और इतना तो चलता है।

मै बोली mr राज ये पंतरे मुझ पर मत चलाना और फिर हम वापस अपने काम में लग गये।

कुसुम मेरे पीठ से पूरी तरह लिपट कर बोली एक बात कहु

मै हाँ बोलो

“जान सच में वो बहुत हैंडसम है ,आज उसके साथ ही लंच किया मजा आ गया ,पूरे ऑफिस की लडकिय उसकी दीवानी है .. मै सोच रही हु .........



जारी है......
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भाई यदि कुसुम को अब आखिर में आप कैरेक्टरलैस दिखाना चाहते है या राज या SDM से सेट करवाना चाहते है तो प्लीज पहले से बता दे ताकि हम यह स्टोरी यही छोड़ दे। पहले भी जुली सगाई के टाइम यह मुद्दा उठा था तब आपने कहा था कि कुसुम वैसी नही है। शुरू से उसे खुद्दार, स्वाभिमानी और चरित्रवान बताया और अब फिर से आपकी कोशिश कुछ और दिख रही है। यदि ऐसा है तो कृपया अभी बता दे आगे टाइम खराब कर अपना मज़ा खराब नही करना और इस स्टोरी को यही छोड़ दे।

Sach me yaar... Story ko lamba khichne ke liye hero ke biwi ko hi character less dikhana koi logical baat nahi lagati lekhak bhai saahab.

Ye story Incest kam Cuckold and Adultery jyada lag rahi hai... Kusum jab dekho tab har kisi ki fantasy ban jaati hai aur ye kaisa chutiya jaisa pati wala character build up kar rahe ho jo apni biwi ki har baat ko ek chutiye ki tarah maan le raha hai. Pehle job karne ke liye jidd karke sdm ke yaha aa jana fir yaha aake gair mardo ke bich khud ko paros dena kisi chutiyapa aur bekaar ki fantasy bhar hi pratit ho rahi hai.

Majaak chal raha hai kya dance floor pe pati drink lene gaya aur koi gair mard aakar biwi ko daboch kar groping kar raha hai aur miya biwi ko jaise koi farak hi nahi pad raha hai. Aaram se Kusum ko character less and Arun ko cuckold bana diya waah bhai waah.

Dost iss tarah se chor ulta kotwal pe chadhne wali biwi jami nahi bhai.

Please iss story ko incest category se hatakar Adultery section me move kar do.
 
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manu@84

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भाई यदि कुसुम को अब आखिर में आप कैरेक्टरलैस दिखाना चाहते है या राज या SDM से सेट करवाना चाहते है तो प्लीज पहले से बता दे ताकि हम यह स्टोरी यही छोड़ दे। पहले भी जुली सगाई के टाइम यह मुद्दा उठा था तब आपने कहा था कि कुसुम वैसी नही है। शुरू से उसे खुद्दार, स्वाभिमानी और चरित्रवान बताया और अब फिर से आपकी कोशिश कुछ और दिख रही है। यदि ऐसा है तो कृपया अभी बता दे आगे टाइम खराब कर अपना मज़ा खराब नही करना और इस स्टोरी को यही छोड़ दे।
बहुत बहुत शुक्रिया bittu bhai अपने विचार रखने के लिए,
जुली की sagai ke samay bhi mene aapko bataya tha ki KUSUM ko cheretrless nhi dikha raha hu. Bas aapka manobhaav usko galat samajh rahe h.

Arun jo अत्यधिक umr me shadi hone ki wajh se uski porn wagera dekhkar uttejna aana ek bimaari si ho gayi hai. Or wo apni patni KUSUM ko jab is tarah dekhta h to use wo usme apni patni ek kisi film ki हीरोइन tarah lagti hai or wo uttejit hota h.

KUSUM un ladkiyo me se jo ladko ke majaak ko serious nhi leti or na hi chidhti hai, balki unko unhi ke hissab se jabab dekar apna matlab nikaalti hai. Aisi ladkiya aajkal har office or college me milegi.

थोड़ा धर्य रखे कहानी को और रिंकीया के पापा को असली रंग मे आने दे और इसी तरह अपने सुझाव देते रहे धन्यवाद
 
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manu@84

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Sach me yaar... Story ko lamba khichne ke liye hero ke biwi ko hi character less dikhana koi logical baat nahi lagati lekhak bhai saahab.

Ye story Incest kam Cuckold and Adultery jyada lag rahi hai... Kusum jab dekho tab har kisi ki fantasy ban jaati hai aur ye kaisa chutiya jaisa pati wala character build up kar rahe ho jo apni biwi ki har baat ko ek chutiye ki tarah maan le raha hai. Pehle job karne ke liye jidd karke sdm ke yaha aa jana fir yaha aake gair mardo ke bich khud ko paros dena kisi chutiyapa aur bekaar ki fantasy bhar hi pratit ho rahi hai.

Majaak chal raha hai kya dance floor pe pati drink lene gaya aur koi gair mard aakar biwi ko daboch kar groping kar raha hai aur miya biwi ko jaise koi farak hi nahi pad raha hai. Aaram se Kusum ko character less and Arun ko cuckold bana diya waah bhai waah.

Dost iss tarah se chor ulta kotwal pe chadhne wali biwi jami nahi bhai.

Please iss story ko incest category se hatakar Adultery section me move kar do.
बहुत बहुत शुक्रिया bhaalekar bhaau. मी तुमी sangito..... एक कहावत है... मुलगी शिखली तरक्की झाली... KUSUM ab duniya daari सीख चुकी हैं और तरक्की के रास्ते पर चल रही हैं।


जुली की sagai ke samay bhi mene aapko bataya tha ki KUSUM ko cheretrless nhi dikha raha hu. Bas aapka manobhaav usko galat samajh rahe h.

Arun jo अत्यधिक umr me shadi hone ki wajh se uski porn wagera dekhkar uttejna aana ek bimaari si ho gayi hai. Or wo apni patni KUSUM ko jab is tarah dekhta h to use wo usme apni patni ek kisi film ki हीरोइन tarah lagti hai or wo uttejit hota h.

KUSUM un ladkiyo me se jo ladko ke majaak ko serious nhi leti or na hi chidhti hai, balki unko unhi ke hissab se jabab dekar apna matlab nikaalti hai. Aisi ladkiya aajkal har office or college me milegi.

थोड़ा धर्य रखे कहानी को और रिंकीया के पापा को असली रंग मे आने दे और इसी तरह अपने सुझाव देते रहे धन्यवाद
 
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