उन्होंने चादर इस तरह डाल दी जैसे कोई मम्मी अपने बेटे को दूध पिला रही हो।
मुझे पता नहीं चला हम कब मेरी आँख लग गयी।
मेरी सास भी मुझे गोद में लिए बैठे हुए सो रही थी।
सुबह के साढ़े पांच बजने थे, मुझे अपने ससुर की आवाज सुनाई दी। मै सास की गो में से उठा तो वो भी जाग गयी, और उन्होंने पूछा क्या हुआ बेटा, मैने कहा पापा आवाज दे रहे है, तो उन्होंने ससुर से पूछा क्या हुआ वो आँख बंद किये हुए थे। वो बोले टॉयलेट जाना है। मेरी सास ने ससुर को पकड़कर टॉयलेट ले गयी। मैने कुसुम को एक गुड मॉर्निंग मैसेज डाल दिया। मै आधा जगा सा बैठा हुआ वार्ड को देखने लगा।
ससुर के बेड के बगल वाली हसीन भाभी भी बैठी हुयी मुझे देख रही थी, उनके गोद में बच्चा सो रहा था, मै और भाभी शायद दोनों एक जैसी हालत में थे हम दोनों ही मजबूरी में हॉस्पिटल मे अपनी रात खराब कर चुके थे। भाभी का makeup फीका पड़ गया था और उनके चेहरे की चमक कम हो गयी थी।
उनका बच्चा फिर से जाग गया और रोने लगा तो भाभी ने रात की तरह मेरी ओर मुह करके मुझे दूधो के दर्शन कराते हुए बच्चे को दूध पिलाने लगी। बच्चा रो रहा था और भाभी के स्तनों के निप्पल को मुह में नही ले रहा था। भाभी उसके मुह में जबरदस्ती निप्पल को डाल रही थी। ऐसे करने से उनके स्तनों में से दूध की पिचकारी बच्चे के मुह और उनके हाथो पर चल रही थी। बच्चा चुप नही हो रहा था। तो भाभी ने उसको बेड पर लिटा दिया और अपने दोनों स्तनों को खोले हुए उस पर चिल्लाते हुए बोली। पीले दूध नही तो मै किसी और को पिला दूँगी। (भाभी का इशारा मेरी तरफ था) मै भाभी की बात और उनके दूध दर्शन करके पुरा जाग गया और मैने हल्की सी smile दे दी। पर बच्चे के रोने की वजह से रोमांटिक माहौल नही बन पा रहा था। तभी में हिम्मत करके भाभी के पास चला गया और भाभी को बोला बच्चे को पोट्टी आ रही होगी और आप दूध पिला रही है। भाभी मुझे smile देते हुए बोली आपको बड़ा अनुभव है। भाभी के स्तनों को मैने पास से देखा वो मेरी पत्नी कुसुम से बड़े और भारी भरे हुए थे, भाभी के स्तनों की ठीक से खिचाई, दबाई, और निचोड़ा नही गया था। उनके स्तनों के निप्पल चूड़ी के आकार के गोल और भूरे थे। उनकी स्तनों की निबोली एक इंच की बड़ी और मोटी थी। मैने लगभग दो मिनिट तक भाभी पूरे स्तनों का मुआयना किया। भाभी अपने स्तनों को मुझे बड़े इत्मिनान से दिखा रही थी। पर बच्चा रो कर रंग में भंग कर रहा था।
फिर भाभी ने बच्चे की चड्डी उतार दी। और बच्चे ने ढेर सारी पोट्टी कर दी थी, जिसकी बदबु से मेरा पूरा रोमांस छू हो गया और मै दूर होकर ससुर के बेड पर बैठ गया। पीछे से मेरा साला रिंकू हाथ में बैग लेकर आकर मेरे पास खड़ा हो गया। मैने उससे पूछा तुम क्यो आये वो बोला आपके और मम्मी पापा के लिए नास्ता चाय लाया हू।
वो भाभी अपने बच्चे को लेकर टॉयलेट चली गयी।
मेरे सास ससुर भी आ गए सास ने रिंकू से बैग लिया और चाय नास्ता निकालकर ससुर और मुझे देने लगी। और मुझसे कहा बेटा आज तो जूली ने रिकॉर्ड तोड़ दिया सुबह छे बजे ये सब बना दिया। रिंकू बोला जूली दीदी सुबह पांच बजे जग गयी थी और मुझे भी जगाकर बोली ये नास्ता जीजाजी को दे आ पर मै ही अब छे बजे आया हू।
सास हस्ती हुई बोली वाह क्या जीजा साली का प्यार, है जो लड़की आठ बजे जगती थी वो पांच बजे जग गयी। वाह वाह कमाल है। हम सब हसने लगे।
आधे घंटे बाद ससुर मुझसे बोले बेटा डॉक्टर तो दस बजे आयेंगे जब तक तुम और मम्मी नहा धोकर आ जाओ, और खाना बन गया होगा वो भी ले आना। यहाँ रिंकू है ही अपने पापा के पास। मैने कहा ठीक है और गाड़ी पर सास को बैठाकर ससुराल की ओर चल दिया।
मेरी ससुराल हॉस्पिटल से आधे घंटे का रास्ता था, सुबह की ठंडी हवा से मेरे अंदर ताजगी आ गयी थी। सास के बड़े बड़े थन जैसी स्तन मेरी पीठ पर सटे हुए थे, जिससे मेरा रोम रोम मचल रहा था। मै सोच रहा था बाइक बनाने वाले ने क्या चीज बनाई है वो incest sex lover रहा होगा क्योकि बाइक पर बैठाकर हम अपनी परिवार की मम्मी, दीदी भाभी के मदमस्त स्तनों का स्पर्श बड़ी ही आसानी कर सकते है।
पांच मिनिट बाद हम घर पहुँच गए।
मैने गाड़ी खड़ी की मै और सास एक दूसरे को देखकर smile देते हुए अंदर चले गए। मैने सास से कहा मम्मी मै पहला ऐसा लड़का हू जो शादी के दस दिन में अपनी ससुराल तीसरी बार आया हू वो भी अपनी पत्नी के बिना। मै और सास हसने लगे।
सास ने जूली को आवाज देते हुए कहा बेटी जल्दी से कुछ नास्ता और बना दे जब तक तेरे जीजा नहा धोकर आते है। जूली मुझे देखकर ख़ुशी के मारे फूल कर कुप्पा हो गयी।
मै आपको पहले ही बता चुका हू मेरी ससुराल में एक कमरा, किचिन, छोटा सा आंगन जिसमें लैट्रिन बाथरूम बना हुआ है, आगन में ही नल लगा है और नहाने धोने के लिए ड्रम मे पानी भरा रहता है।
मैने बाथरूम में बाल्टी में पानी भर दिया और बोला मम्मी पहले लैट्रिन करके आता हू।
लैट्रिन बाथरूम attach थे, मै लैट्रिन करके बाहर आया और तोलियां से हाथ पोछने लगा तभी मेरी सास बोली बेटा तुम पांच मिनिट बाद नहा लेना मै लैट्रिन करके आती हू।
आप लोगो को तो पता ही होगा जब प्रैशर बनता है तो सब भूल जाते है यही हाल मेरी सास का था। मैने कहा मै आंगन में नहा लेता हू आप आराम से लैट्रिन जाये।
मैने आंगन में कपड़े उतारकर सफेद सूती चड्डी पहने खड़े होकर नहाने लगा।
मैने एक बाल्टी पानी अपने ऊपर डाल ली और साबुन लगाने लगा। मेरी नजर सामने खड़ी मेरी साली जूली पर पड़ी उसका मुह खुला था और आँखे फटी थी वो मेरे जिस्म को निहार रही थी और कल्पना में डूबी थी।
मै जूली को अपने जिस्म को निहारते हुए देखकर उत्तेजित होने लगा था मेरा लंड चड्डी में खड़ा हो गया था। और मै जूली को आगोश में लेने के लिए उसकी ओर चल पड़ा।
अचानक मेरी वासना टूटी और मैंने अपने कदम वापस खींच लिये। अन्दर से बाथरूम का दरवाजा खुलने की आवाज आई।
मेरी सास लैट्रिन करके बाथरूम से बाहर आ गयी। मैने जल्दी जल्दी नहाया और कपड़े पहनकर कमरे में बैठ गया। मेरी सास ने जूली से कहा जीजा को नास्ता दे दे बेटी जब तक मै नहाकर आती हू और अपने ब्लाउस पेटीकोट लेकर बाथरूम में घुस गयी।
मै अपना मोबाइल देखने लगा क्योकि कुसुम का गुड मॉर्निंग मैसज का reply नही आया था। शायद अभी तक कुसुम ने मैसजे पढ़ा नही था।
जूली मेरे पास आकर खड़ी हो गयी।
मैने बिना उसे देखे पूछा क्या हुआ।
“नाश्ता लाई हूँ !”
मैने जूली की तरफ देखा, तो कुसुम को भूल गया और कहा वहीं रख दे !” जूली की आवाज ही मुझे सेक्सी लगने लगी थी।
जूली मेरे सामने ढीली tshirt और लोवर में खड़ी थी उसके दोनों हाथ उसकी लोवर के चूत वाले हिस्से पर थे। जैसे अपनी मुट्ठी बन्द कर के अपनी चूत दबा ली हो।
“क्या हो गया जूली? बड़ी बेताब लग रही हो?” मैने उसे चूत दबाते देख कर पूछ लिया।
“वो बोली बस जीजू, कुछ देख लिया था और अब उसे लेने की इच्छा होने लगी है।”
उसका इशारा मेरे लंड को नहाते हू देखने से था।
मै उसका इशारा समझ गया
मैने कहा
“हमें बताओ, हमारी साली को क्या चाहिये? हम देंगे !”
वो बोली
“बस जीजू आप ही दे सकते हो !” और मुझे एक रहस्मयी मुस्कान से देखने लगी।
मैने अन्दर चडडी नहीं पहने थी। क्योकि मेरी चड्डी नहाने से गीली होकर सूख रही थी। और अपने ससुर का पजामा पहनकर बैठा था। पाजामा लण्ड की जगह से उभरा हुआ था। मैंने जूली को अपना लण्ड को निहारते हुये पकड़ लिया। । सच पूछो तो मै भी जूली को ही निहार रहा था।
मै जूली से चिपक कर बैठ गया। उसने भी कसर नहीं छोड़ी ! वो मेरी जांघों से सट कर मेरे लिये चाय निकालने लगी। तभी उसकी एक बांह मेरी कमर से लिपट गई और वो मुझे प्यार करने लगी। मेरी नजरें तो अब बदल चुकी थी, मैंने मौके का फ़ायदा उठाया। मैंने उसके होंठों पर चूम लिया।
भला वो कहाँ पीछे रहती, उसने तो अपने होंठ मेरे होंठों से ही चिपका दिये।
मैं तो अपने होश ही खो बैठा। मुझे एक सुनहरा अवसर मिल रहा था। मैंने मौका हाथ से जाने नहीं दिया। इस पार या उस पार ! बस मेरा नन्हा सा नासमझ दिमाग यही सोच पाया।
जूली ने मेरे पजामे में हाथ डाल दिया, मेरे कड़क लण्ड को पकड़ लिया।
मै हतप्रभ सा रह गया। मुझे भी शायद लण्ड पर एक मीठा सा सुखद अहसास होने लगा।
मै बोला
“जूली, तुम कितनी प्यारी हो, कितनी मस्त हो !” मेरे स्वर में वासना का पुट था।
मेरे हाथ उसकी गदरायी भरी हुयी छातियों के उभार पर आ गये। जूली ने भी अपने संतरो जैसे उरोज मेरे सामने की ओर कर दिये। जूली की चूचियाँ मैने धीरे से सहला दी। उसके मुख से एक सिसकारी निकल पड़ी।
जूली सिसकरिया लेते हुए बोली
“जीजू, मैंने आपका लण्ड देख लिया था, बस वही चाहिये !” उसने वासना से भर कर कहा।
मेरा लण्ड ऊपर-नीचे कर के मुठ सी मारने लगी।
मुझे सामने अलमारी में रखी कुसुम की पूरी फैमिली तस्वीर पर पड़ी तो।
मुझे ना जाने क्यो ये गलत लगने लगा मैने उससे कहा
“देख जूली, मजाक नहीं करना, माना कि जीजा साली का रिश्ता ऐसा ही होता है, पर बस मजाक को मजाक ही रहने दे।”
जूली के नासमझ दिमाग को एक झटका सा लगा। वो बोली जीजू आप सही तो कह रहे है, आप तो दीदी के लिये बने है, मैं यह क्या करने लगी थी। उसे बड़ी शर्मिन्दगी सी हुई। वो अपना चेहरा छुपा कर कमरे से भाग गयी।
मेरी सास भी नहाकर पेटीकोट ब्लाउस पहनकर कमरे में आ गयी और साड़ी पहनने लगी। सास के अंदर शायद अब शर्म कम हो गयी थी, उनके ब्लाउस में से स्तनों का आकार बड़ा और सुडॉल् लग रहा था।वो मुझसे बोली बेटा मै बाजार से सब्जी लेकर आती हू तुम क्या खाओगे। मैने कहा जो आपको ठीक लगे।
तभी मेरे मोबाइल पर मेरे पापा का फोन आने लगा मैने उनसे बात की वो बोले हम लोग हॉस्पिटल आ रहे समधी जी को देखने और कुसुम ने खाना भी बना दिया नौ बजे तक पहुँच जायेंगे।
मैने अपनी सास को बताया और कहा आप भी चाय नास्ता कर लो हम भी निकलते है आठ बज गए है। सास ने जूली को आवाज दी और चाय मांगने लगी वो किचिन में थी, जूली चाय लेकर आई। उसके हाथ पर रुमाल बंधा हुआ था, मेरी सास ने पूछा हाथ में क्या हो गया। वो बोली भिंडी काटते हुए कट गया।
मैं और जूली एक दूसरे को देख रहे थे हम दोनों की नजरो में एक दूसरे से बहुत से सवाल थे जिसके जबाब हम दोनों के होंठो के पास नही थे।
सास ने चाय नास्ता किया और हम हॉस्पिटल के लिए निकल पड़े जाते जाते कुसुम ने मुझे एक चिठी दी मैने चिठ्ठी खोलकर पढ़ी उसमें लिखा था।
"खून से लिख रही हू स्याही मत समझना,
आपकी प्यारी साली हू पराई मत समझना'"
जूली ने सच्ची में अपने खून से लिखा था।
मैने जूली से कहा जल्दी मिलेंगे अपना ख्याल रखना।
जूली शायराना अन्दांज में बोली " इंतजार रहेगा आपका"
मैने जूली की आँखों में प्यार और आँसू देखकर थोड़ा सोच में था और अपनी सास के महकते हुए बदन के स्पर्श और मुलायम स्तनों की छुअन को भूलकर मैं फुल स्पीड में गाड़ी चला कर हॉस्पिटल पहुँच गया।
वार्ड में साफ सफ़ाई हो रही थी मरीज के attndar बाहर खड़े थे, मैने इधर उधर देखा तो वो हसीन भाभी अपने बच्चे को गोद में लिए खिला रही थी उसकी मम्मी या सास जो भी हो वो भी वही थी। मेरी सास उनके पास जाने लगी तो मैं भी चल दिया। वो भाभी के बच्चे को दूर से इशारे से खिलाने लगा। वो भाभी तो एक्सपर्ट थी वो बच्चे को मेरी गोद में देने लगी मैने अपने हाथ बच्चे को गोद लेने के लिए बढ़ाये तो भाभी ने जानबूजकर अपने स्तनों का स्पर्श करा दिया।
और मेरी आँखों में देखते हुए बच्चे के गाल पर ऐसे kiss करने लगी की जैसे मुझे kiss कर रही हो भाभी की साँसों की हवा मेरे गाल पर महसूस हो रही थी। मेरी सास भाभी के साथ वाली महिला से बातें करने लगी।
भाभी के बच्चे को मैने गोद में लिया हुआ था, भाभी मेरी तरफ देखते हुए बच्चे को तोतली आवाज में खेलते हुए बोली दूध पीना हो तो बोलो , ऐसे देखते ही रहेगा क्या। मै भाभी का इशारा समझ रहा था।
वार्ड की सफाई हो गयी थी और हम अंदर वार्ड में चले गए। मेरा साला रिंकू और मेरे ससुर बेड पर बैठे थे, वो ठीक दिख रहे थे, रिंकू हमें देखकर खड़ा हो गया। मै और सास बेंच पर बैठ गए। मैंने कहा डॉक्टर आये तो रिंकू बोला अभी नही। मै वार्ड के दरवाजे की तरफ देखने लगा।
पांच मिनिट बाद वार्ड के दरवाजे पर
मेरे सामने लाल रंग की चमकदार साड़ी में तीखे नैन नक्ष लिए, माथे पर लाल रंग की बड़ी सी बिंदिया, आंखों में गहरा काला काजल, कानों में लहराती हुई बालियाँ और खुली हुई लहराती जुल्फें, स्लिम सपाट चिकना पेट में गोल गहरी नाभि, कमर में आधा साड़ी से दबाये हुए रेडमी नोट मोबाइल, नागिन जैसी लेहरति हुयी चाल, मदमस्त करते हुए मटकते हुए नितंब, हाथो में खनकती हुई चूड़िया, एक मदमस्त नवयौवना चली आ रही थी।
जिस मरीज के बेड के पास से वो गुजर रही थी, वो लेटां हुआ मरीज बेड पर बैठ जाता। जो मरीज के attandar उन्हे कुछ खिला पिला रहे थे वो attandar अपने हाथ मरीज के मुह की जगह आँख और नाक में घुसा रहे थे। वार्ड में ड्यूटी दे रही नर्स एकाएक अपनी ड्यूटी भूलकर बस उसे है देख रही थी।
वो साक्षात गजगमिनी, कमायानी, और सौंदर्य की देवी सीधी मेरे पास आकर खड़ी हो गयी और बोली बस बहुत हो गया। अब नयन सुख मिल गया हो तो थोड़ा खिसक जाइये।
मै उसकी आवाज सुनकर एकदम से बोल पडा ओ तेरी ये तो मेरा माल है, (कुसुम)। मेरी बात सुनकर मेरे सास, ससुर, साला बड़ी जोर से हस पड़े। मेरी सास ने मेरी पीठ पर प्यार से एक चपत लगा दी और बोली बेटा माल क्या बोल रहा है, तेरी पत्नी है कुसुम।
कुसुम मुझे घूर के देख रही थी उसने मेरी जांघ पर नोच दिया। तभी मेरे मम्मी पापा खाने का सामान लेकर आ गए। मै और कुसुम बेंच से उठकर बेड के दूसरी तरफ बैठ गए। जहा वो हसीन भाभी बैठी थी।
दोनों समधी आपस में हालचाल पूछते हुए बात करने लगे। मेरे ससुर कुसुम को बड़े ही प्यार से देख रहे थे, उनके चेहरे पर बहुत खुशी झलक रही थी।
क्योकि मेरे ससुर ने कुसुम को पिछले 18 सालों में एक अंदर से दुखी विधवा लड़की के रूप मे देखा था, यहाँ तक की कुसुम की पहली शादी के बाद भी वो दुखी और नीरस नजर आती थी। लेकिन मुझसे शादी के बारह दिन बाद कुसुम को आज देख रहे थे। जो पूरी तरह से खुश, सज संवरकर श्रृंगार किये हुए उनके सामने हस्ती हुई बैठी थी।
"" बहुत सी लड़किया शादी के पहले सादा सिंपल रहती है, लेकिन शादी के बाद एकदम से उनका रंग, रूप, अदा, फैशन करने का तरीका बदल जाता है, वो सेक्सी, हॉट, बोल्ड हो जाती है, जिन्हे हम सेक्सी और हसीन भाभी कहते है.
अगर आप लोगो को ये देखना हो तो कुछ दिनों बाद राखी का त्यौहार रक्षाबंधन आने वाला है तो आप हसीन नयी शादी हुई लड़की को देख लेना""
मेरी पत्नी कुसुम भी शादी के बाद हॉट सेक्सी फैशनेबल हो गयी थी।
थोड़ी देर बाद डॉक्टर आये और ससुर को डिस्चार्ज दे दिया। हम अपने सामान की पैकिंग करने लगे। एक सुंदर गोरी सी नर्स आई और मुझसे बोली आप मेरे साथ अंदर कैबिन में चलिए, मैने कुसुम को छेड़ते हुए कहा मैडम ये मुझे अपने साथ अंदर कैबिन में ले जा रही है, परमिशन दे दीजिये। वो नर्स हसने लगी। कुसुम चिढ़ते हुए बोली वो दवाई देने के लिए ले जा रही है, आई बात समझ में।
मेरी और कुसुम की हसी मजाक देखकर वो हसीन भाभी कुसुम से बोली ये आपके कौन है। कुसुम बोली ये मेरे पतिदेव है,
वो भाभी बोली ओह तो ये आपके पति है, कुसुम बोली क्यो आपको भी अंदर कैबिन में ले जाना है,
भाभी--- नही नही
कुसुम --- तो इसमें आह भरने की कोनसी बात है ।
कुसुम मुझसे बोली अब आप यहा क्यो बैठे है।
मैने कहा मै बैठकर ये सोच रहा मै किसके साथ कैबिन में अंदर जाऊ।
मेरा जवाब सुनकर नर्स, भाभी, और मै तीनो हँसने लगे।
कुसुम का पारा गरम वो उठी और अपना मोबाइल कमर में घुसेड़कर नर्स से बोली चलिए और मेरी बाँह पकड़कर मुझे अपने साथ ले जाने लगी।
हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर मेरे मम्मी पापा अपने घर, और सास ससुर, साला अपने घर, ऑटो में बैठकर निकल गए।
मैने कुसुम से कहा मैडम आपको कहा ले जाना है, वो आँख दिखाते हुए मेरे बाप यहाँ से चलो पहले फिर बताती हू।
मैने कुसुम को बैठाया और फिल्मी हीरो की तरह एक किक मारी कुसुम मेरी पीठ पर चिपक गयी। हम दोनों हस्ते हुए बाहर रोड पर आ गए। कुसुम बोली मुझे पापा के घर जाना है और उस जूली की बच्ची को दो थप्पड़ लगाने है, उसकी वजह से पापा को हॉस्पिटल में admit होना पड़ा।
मैंने कहा अब माफ कर दो उसे गलती हो गयी थी। कुसुम बोली तुम उसके वकील मत बनो शांति से गाड़ी चलाओ।
थोड़ी देर कुसुम बोली हॉस्पिटल में रात भर बड़ी अच्छी गुजरी होगी उस भाभी के साथ। मैने कहा नही ना, मन तो कर रहा था पर तुम्हारे डर से हिम्मत नही हुई। कुसुम बोली अच्छा जी।
मै कुसुम को खुश करने लिए गाना गाते हुए गाड़ी चलाने लगा।
वैसे भी "सारे शहर में आप सा कोई नही कोई नही। " हम दोनों ससुराल पहुँच गये।
कुसुम ने पहले सास ससुर से इधर उधर की बात की फिर जूली को लेकर घर की छत पर चली गयी मै भी पीछे पीछे चला गया।
वो जूली को समझाते होते हुए बोली घर की लड़की मोबाइल पर किसी लड़के से बात करती है तो उसके मम्मी और बहन को पता रहता है पर उसे कुछ बोलते नही है, इसका मतलव ये नही है कि तुम कुछ भी करो।
छोटी बच्ची नही हो तुम आइंदा कोई भी गलती मत करना समझी।
मैने बीच में बोल दिया वो आजकल की लड़कियों को फेसबुक ने बिगाड़ दिया है। फेसबुक पर मेरी प्यारी जूली उस लड़के की बातो में फस गयी थी अब वो फेसबुक use ही नही करेगी मै इसकी जिम्मेदारी लेता हू।
कुसुम हस्ते हुए मुझसे बोली प्रोफेसर साहब आपका फेसबुक तो में आज रात को logout करूँगी। अब घर चले हम दोनों को ड्यूटी पर भी जाना है। हम तीनो हसने लगे। मैने जूली के गाल पर प्यार से हाथ फेरा, उसने मेरे हाथो को हल्के से चूम लिया।
मै और कुसुम अपने घर आ गए और मैने पूछा रिंकी कहा है।
कुसुम वो तो स्कूल गयी है। और मै अपने कॉलेज पढ़ाने चला गया।
शाम को अपने दोस्त से मिला उसने पूछा और अरुण साहब कैसी कट रही है रातें कुसुम भाभी के साथ।
उसको मैने अपने कुसुम के बीच हुआ दुखड़ा सुनाया वो बोला बांकी सब ठीक है पर तुम अपनी wife को थोड़ा change over dose दो मतलब रात में कुछ नया try करो। मै समझ गया और मेडिकल से mango flavor condom लेकर घर चला गया।
रात को खा पीकर अपने कमरे में कुसुम का इंतजार करने लगा।
थोड़ी देर बाद कुसुम कमरे में आई। मै उसे देखते ही रह गया उसने एक हलकी नीला रंग की एक नाइटी मैक्सी पहन रखी थी। जो उसके घुटनो के ऊपर तक तक थी। उसकी मोटी झंघे चमक रही थी। उसके चूतर बड़े बड़े तरबूज की तरह नाईटी में से अलग से बहार निकल रहे थे। उसके दूध एक दम बड़े फूले ऊंचे लग रहे थे। नाइटी ट्रांसपेरेंट थी जिसे उसके निप्पल एकदम नुकीले बहार की और तने हुए थे। में ये रूप देखकर टेंशन में आ गया। मैंने सोचा आज तो कुछ नया try करे बिना काम नहीं चलेगा। तबी कुसुम ने स्माइल देते हुए पुछा क्यो कया हुआ कैसे लगी ड्रेस मेंने कहा सेक्सी लेडी वाह। मैंने पूछा ये कहा से मिली वो बोली माल में से खरीदी है। मैंने कहा कितने की है वो बोली 1750 रुपये की है। मैने कहा इतनी मेहगी।
वो बोली अपनी पत्नी को तोहफा में ही दे दो। मैंने कहा ठीक है मैडम पर आज आपका इरादा कुछ ठीक नहीं लग रहा है। वो बोली हा आज तो हमारी ये हनीमून वाली रात समझो मेंने कहा मुझ गरीब को क्यों मारना चाह रही हो। वो हंसी और मेरे पास आकार बिस्तर पर बैठ गई और अपने होठों को मेरे होठों पर रख कर किस करने लगी। में भी शुरू हो गया हम दोनो एक दोसरे को किस करने लगे वो अपनी जीभ से मेरी जीभ पकड़ने लगी, मेरे होठों को काटती, चूसती, फिर में उसके दूध को दबाता हुआ उसे नाइटी से बाहर निकाल लिया। और जोश आ गया में दूध दबा कर पीने लगा। वो बोली आहिस्ता से ज्यादा जोर से मत दबाओ आराम से पियो। वो भी जोश में थी मेरे पीठ को कस कर पकडकर मेरी गरदन और कान पर किस, करते हुए दांतो से काट रही थी। फिर मेने उसे नाभी पर किस करते हुए उसे योनि पर आ गया मैंने देखा उसमें योनि में से लार सी टपक रही है।
पर मुजे अच्छा लगा और में उसकी योनि को चाटने लगा। वो जोर जोर से आहें भर रही थी। मैंने उसकी योनि की त्वचा को अपनी उनग्लियान से खोला और उसमे अपनी जीभ घुसा दी। वो और जोश में आ गई। मेरा लिंग चड्डी में से मैंने बहार निकाला था। कुसुम ने मुझे ऊपर खीच लिया में उसके ऊपर आ गया। वो मुझसे ज्यादा ताकत वाली थी उसने एकदम से मुजे पलट दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे निपल्स को दांतों से काटने लगी। मुझे बड़ा ही मजा रहा था। मैंने कहा मेरे छाती में बाल है आराम से करो वो बोली ये मेरा जंगल है और मैं उसकी रानी और मेरी नाभी को किस करते हुए मेरे लिंग पर पहुच गयी।
मेने झाँटे नहीं बनायी थी। वो बोली ये काट लिया करो मुह में जाति है। और मेरा लिंग सूघंती हुई लिंग को मुह में रख लिया मुझे ऐसा लगा जैसे उसे लिंग नहीं कोई कुल्फी नजर आ रही हो।
लिंग को एकदम मुह के अंदर तक ले गई। 1 मिनट तक रखी रही। में समज गया ये बहुत प्यासी है। लिंग को छोडने का नाम ही नहीं ले रही है।
दोस्तो मेने एक बात नोटिस की जो लेडी या लड़की सिंपल और सादा रहती वो सेक्स के मामले में कुछ ज्यादा ही सक्रिय होती है। मुझे मेरे लिंग में अकडन सी महसूस होने लगी थी। शायद मेरा वीर्य निकलने वाला था। तबी में उठा और पेशाब करने चला गया मेरा लिंग तना हुआ था। में मन में सोच रहा था आज कुसुम की प्यास बिना बुझाए लिंग ढीला हो जाता तो उससे बुरा लगता है। में वापस कमरे में आया हम दोनो नंगे थे 11:30 बजे चुक थे मेरा लिंग ढिला हो चुका था।
कुसुम मुझसे आकार मुझसे चिपक गई। में उसके निपल्स को शेहला रहा था। उसने कहा अब शुरे करे। मैंने कहा सोच लो वो बोली करो ना सोचना क्या है। उसने मेरे लिंग को पकडकर हलके से दबा दिया। मेरा लिंग टाइट होना लगा था। तबी उसकी नजर कंडोम पर पड़ी वो बोली ये भी लाए थे। मेने कहा हा। वो कंडोम का पैकेट देख कर बोली ये मैंगो क्यों छपा है इस पर मैंने कहा ये फ्लेवर है। वो बोली मतलब मेने कहा इसको लिंग में पहनने के बाद लिंग चूसोगी तो पता चलेगा।
उसने कहा वाह क्या बात है। और उसने पैकेट में एक कंडोम निकला उसमे से आम की महक आ रही थी। फिर उसने कहा ये लगाओ ना। मैंने अपने लिंग पर कंडोम चड्ढा लिया कुसुम ने मेरे लिंग के ऊपर तक कंडोम की रबर चड्ढा दी।
और धीरे से मुह में रख लिया मैंने कहा क्यों कैसा लगा, उसने कहा स्वाद तो आ रहा है। मैने कहा ठीक तो फिर।
वो लिंग को धीरे धीरे चाटने, चुसने लगी। फिर मेने सोचा कही ऐसे ही चुसने से विर्या ना निकल जाए।
तो मैंने कहा कुसुम आज कुछ नया करे वो बोली क्या, मैने उसके नितंबो का सेहलाते हुए उसकी गांड की तरफ इशारा किया। वो मेरा इशारा समझ गयी वो मुझे चूमते हुए सेक्सी कातिलाना अंदाज में बोली जो भी करना है बस शुरू करो।
आप लोग सोच रहे हैं मेरी पत्नी कुसुम एक चुदॆल टाइप की लड़की हैं। तो मैं आपको बताना चाहता हूं। हर लड़की कुसुम की तरह ही होती है। हर लड़की की सेक्स इच्छा कुसुम की तरह ही होती है। लेकिन लड़की की जब शादी हो जाती है तो वो अपनी सेक्स इच्छा दबा लेती और पति की इच्छा से सेक्स करती है। कुछ पति मेरी तरह अपनी पत्नी की इच्छा की कदर करता है। लेकिन कुछ सिर्फ अपनी इच्छा के हीसब से सेक्स करते हैं। पत्नी इसलिय कुछ नहीं बोलती क्यूंकि उसके पति उसे चुदैल न समझे।
अगर आपको ट्रस्ट नहीं है तो आप गर्लफ्रेंड बनाये फिर उसके साथ सेक्स करिए तो आप समझ जाएंगे आपकी गर्लफ्रेंड भी अपने शरीर के तीनो छेदो में सेक्स करने के लिए तैयार हो जाती है। आज कल लड़के और लड़कियां लव मैरिज करना पसंद करते हैं कयो की लव मैरिज में शादी से पहले ही कपल जिस्म के तीनो छेदों का भोग कर लेते हैं। वो ओरल सेक्स, एनल सेक्स, और योनि सेक्स का पूरा मजा लेते है। पर जब ऐसे कपल शादी करते हैं तो उनकी शादी लंबी नहीं चलती है। कयकी शादी के पहले ही पत्नी को ओरल सेक्स, गुदा सेक्स की आदत पड जाति है पर पति केवल योनि संभोग ही करता है। जिससे अक्सर झगड़ा होने लगता है। आप लोगो ने सुना होगा लव मैरिज जब टूटती है तो अक्सर लड़की एक ही वजह बताती है की मेरी शादी के बाद अब पहले जैसा प्यार नहीं रहा। मतलब पहले की तरह सेक्स लाइफ नहीं रही।
मै कुसुम का अंदाज देखकर खुश हो गया और कुसुम को vasline की शीशी देकर बोला इसे लगा लो। उसने vasline निकल कर अपनी अगुली में लेकर अपनी टांगे चोड़ी कर अपनी गुदा में लगाने लगी। मेरा लिंग एक दम तना हुआ था। फिर घोड़ी की स्टाइल में बैठ गई। में जमीन पर खड़ा होकर उसकी गुदा में लिंग घुसाने लगा टोपा गया ही था की वो जोर से चिल्लाई में रुक गया मैंने कहा क्या हुआ वो बोली रेहन दो दर्द हो रहा है। मेने कहा ठिक है।
फिर वो शांत थी में कंडोम को निकलने ही वाला था की वो बोली एक बार ट्राई और करे। मैंने कहा ठीक है। फिर मैंने अपने हाथों से बहुत सारी vasline लेकर उसकी गुदा में लगा दी। और उगली से अंदर बहार कर के होल को देखने लगा। थोड़ी देर उन्गली करने के बाद में पुचा अब करू वो बोली हा। फ़िर मैंने लिंग उसकी गुदा में डालकर हिलने लगा। 5-6 मिनट धीरे-धीरे हिलते हुए मेरा वीर्य निकल गया और मैंने धीरे से अपना लिंग निकला तो कुसुम की गुदा में से टट्टी भी निकलनॆ लगी। मेरे लिंग भी टट्टी से खराब हो गया था।
कुसुम बोली ये क्या हुआ हम दोनो की हंसी छूट गई.कमरे में बदबू भर गई। वो धीरे से उठी और चूतर टेढे करते हुए चल रही थी। मेने पुचा ये चाल को क्या हुआ ऐसे टेढ़ी क्यो चल रही हो। वो कराहती हुई बोली आप ने जो गांड मार दी मेरी.मुजे इतनी हसी आई क्या बताउ। फिर सब साफ करने के बाद हम दो नंगे ही एक दोसरे से चिपक कर सोने लगे। वो अपना बंद आंखों से ही मुझसे बोली अब दोबारा नहीं करेंगे। मेने पुचा क्यो क्या हुआ। उसने कहा ऐसा लग रहा है जैसा अभी भी कुछ गुदा में फसा हुआ हो, मैंने कहा मतलब तो वो बोली मतल जब टट्टी करते है और टट्टी अटक जाए। में कैसे बताउ में तुम्हारे को कुछ अजीब सा लग रहा है पाद भी एकदम से निकल रहा है जैसा हवा गुब्बारे में से निकल जाती है।
मैंने कहा दर्द भी हो रहा है क्या वो बोली दर्द तो इतना नहीं है। पूरी गुदा चिकनी सी है। कुछ रिस रहा हो। मैंने कहा vasline की वजह से ऐसी चिकनी लग रही होगी। मैंने कहा ये बताओ कि मजा आया की नहीं वो बोली मजा तो आया ऐसा लगा जैसा गुदा में गुदगुदी हो रही थी। मैंने कहा योनि में और गुदा में कुछ अंतर था वो बोली योनि में ऐसा महसूस होता जैसा कुछ नरम सी रॉड अंदर जाति रहे। लेकिन गुदा में ज्यादा अंदर लेने पर उतना मजा नहीं होता। मेने पुचा ज्यदा मजा किसमे आया वो बोली मुझे नहीं पता सोने दो। मैंने कहा बस ये बताओ तुम् खुश हो, उसने कहा मैं खुश हूँ। और मुझे किस करते हुए टाइट हग करते हुए सोने लगी।
हमारी गुदा सेक्स लाइफ की शुरुआत हो गई थी। अब हम सप्ताह में एक बार गुदा सेक्स करते हैं। आप में बहुत से लोग अविवाहित होंगे में उन्हें बताना चाहता हूं। की मैरिड लाइफ में सेक्स वीक में 1-2 बार ही होता है। क्यूंकी लाइफ में जिम्मेदारी ज्यादा हो जाती है।
जारी है.......