अध्याय --- 3 --- जनम कुंडली (मेरी जिंदगी की पहली incest feelings) ------
घर में हम सबसे ज्यादा करीब अपनी मम्मी के होते है क्योकि मम्मी ही हमारी हर गलती को नजर अंदाज कर देती है।
इस अध्याय में आप लोगो को मै अपनी जिंदगी की पहली incest feelings बताना चाहता हू कैसे मै एक 35 साल का mature आदर्श वादी, समझदार लड़का जिसकी उसकी पसंद की लड़की से शादी होने वाली है फिर भी मेरे दिल में incest feelings आ रही है।
"क्या ये मेरा फर्ज है या कर्ज"
मेरे मम्मी पापा बोले हमारी तरफ से रिश्ता पक्का है बस कुंडली की फॉर्मलिटी पूरी कर के शादी की तारीख आप को बता देगे। मै, कुसुम, और हमारे परिवार के लोग सभी खुश थे।
मै मम्मी और पापा घर आ गए, रात के आठ बज गए थे, मेरे पापा मुझसे बोले बेटा एक बार फिर सोच लो कुसुम अच्छी लड़की है पर उसकी सयानी बेटी को घर में साथ में रखने में हमे कोई परेशानी नही है पर जब तुम्हारे बच्चे होंगे तो तुम उस फूल सी बच्ची को उतना प्यार दे पाओगे। इतने में मेरी मम्मी बीच में बोल पड़ी आप टेंसन मत लो आराम करो सो जाओ। सुबह गुरु माता के पास कुंडली लेकर चलना है। पापा बोले तुम दोनो जाना क्योकि मै दो तीन दिन के लिए बाहर जा रहा हू। मम्मी फिर बोली आप को कौन जबरदस्ती ले जा रहा है आप को जहाँ जाना है जाओ। मम्मी के डाइलोग सुनकर पापा चुप हो गए और हॉल में बेड पर जाकर लेट गए और tv देखने लगे। मम्मी मुझसे बोली बेटा तुम भी टेंसन मत लो तुम्हारे पापा तो बुढ़े हो गए है उनसे कुछ होता तो है नहीं बस अपनी सलाह देते रहते है। मैने मम्मी से कहा ठीक है गुड नाइट।
मै अपने रूम में आकर लेट गया, मै अपनी मम्मी पापा के बारे में सोचने लगा क्योकि मै जब 18 साल का था तब से मम्मी पापा को प्यार से बातें करते हुए नही देखा है हमेशा मेरी मम्मी पापा से चिडी सी रहती है। पापा मम्मी की खिट खिट से बचने के लिए 10 सालों से हॉल में अकेले सोने लगे है।
मैने एक बार पापा से पूछा था क्योकि मम्मी से पूछने की मेरी हिम्मत नही थी। तो पापा बोले बेटा जब मेरी शादी हुई थी तब मेरी उम्र 33 थी और तेरी मम्मी की 18 और हमारी उम्र में दोगुने का अंतर है। हम दोनों की उम्र का ये अंतर ही हमारे बीच अनबन की वजह है आज तेरी मम्मी 48 मै 68 का हू और वो मुझे बुढा बोलती है जो की मै हू। तो मुझे बुरा नही लगता है।इसलिए हमेशा शादी में लड़के लड़की उम्र में ज्यादा अंतर नही होना चाइये। बांकी जब तेरी शादी हो जायेगी और तू बुढा हो जायेगा तेरी भी यही हालत होगी। तब समझ जायेगा। मै मम्मी पापा के बारे में सोचता हुआ सो गया।
सुबह 8 बजे के करीब मै और मम्मी तैयार होकर निकलने वाले थे। हमारे यहा ज्यादातर मेरी मम्मी की उम्र की औरते हाफ शर्ट और मेडी (long स्कर्ट) जो की पेटीकोट की तरह होता है और एक शाल जो की रुमाल के साइज से थोड़ी बड़ी होती है, पहनती है। मेरी मम्मी भी सफेद हाफ शर्ट और मेडी और ऊपर से एक छोटी सी शाल लेकर चलने के लिए तैयार थी मेरी मम्मी ने अपने बदन को maintain करके रखा था और थोड़ी फैशन भी करती थी जिससे जब भी मै और मम्मी कही बाहर जाते तो लोग मेरी मम्मी को मैरी बड़ी बहन मुझे छोटा भाई समझते थे। तभी मेरे पापा बेचारे बोल पड़े बेटा गाड़ी धीरे चलाना ये सुनकर मम्मी फिर बोल पड़ी नही रॉकेट की तरह चलायेगा आप तो बूढ़े हो गए है आपका तो मुह चलता है बस शरीर का जरूरी अंग तो हिलता भी नही।
मै बोला अब आप लोगो को शांत करने के लिए मुझे क्या करना पड़ेगा। पापा हँसे और मुझे जाने का इशारा कर के घर के अंदर चले गए।
मै और मम्मी अपनी discover bike पर बैठकर गुरु माता के घर की ओर चल दिये। मैने रास्ते में मम्मी से पूछा आप पापा पर इतना गुस्सा क्यो हो। तो मम्मी बोली जब तेरी शादी कुसुम हो जायेगी और वो दो महीने अपने मायके में रहेगी और तुझे गरम गरम खाना नही मिलेगा तब तुझे पता चलेगा। मुझे हंसी आ गयी थोड़ी देर बाद हम गुरु माता के घर पहुँच गए। गुरु माता 60 साल की एक महिला है जो की बहुत ही ज्ञानी ज्योतिष है, हम बाहर बैठे रहे थोड़ी देर बाद गुरु माता के कमरे में बैठ गये। हमने दीदी को प्रणाम किया उन्हे सब दीदी बोलते है। फिर मम्मी ने दीदी को मेरी और कुसुम की कुंडली दिखाई, दीदी ने पहले कुसुम की कुंडली देखी। कुछ देर देखने के बाद दीदी ने बोलना शुरू किया।
दीदी बोली कुसुम बहुत ही भाग्यशाली लड़की है, इसको घर और ससुराल में सभी प्यार करते है। इसका बचपन जरूर गरीबी में बीता पर इसकी ससुराल पैसे वाली होगी। मै और मम्मी दोनों बहुत खुश होने लगे। इसके बच्चे बड़े संस्कारी और मम्मी पापा को हमेशा ख़ुशी देंगे। कुसुम कभी भी किसी को दुखी नही देख सकती है। फिर दीदी ने कुसुम कि कुंडली के ग्रहों को देखना शुरु किया और बताने लगी इसकी दो शादी के योग है ये सुनकर मै बोला हा दीदी ये सच है अभी इसकी दूसरी शादी मेरे साथ होने वाली है। दीदी ने मेरी तरफ देखा और कहा क्या ये लड़की तुम्हे पसंद है, तुम्हारे बीच संबंध कैसे है। मैने पूछा मतलब तो दीदी बोली इसकी कुंडली में शुक्र ग्रह बहुत हल्का है और उस पर शनि का साया है। मुझे कुछ समझ नही आ रहा था। मैने कहा दीदी में समझा नही। दीदी बोली एक अच्छे ज्योतिष भी एक अच्छे डॉक्टर की तरह कभी भी कोई बात छिपाता नही है।
दीदी बोली शुक्र ग्रह काम वासना का प्रतीक है मतलब इस लड़की की कुंडली में पति का सुख और प्यार नही है मै सोच में पड़ गया। तो मेरी मम्मी बोली दीदी कोई तरीका तो होगा इस दोष को खतम करने का दीदी बोली हाँ ये लड़की रोज पति व्रत पूजा करे तो इसका शुक्र भारी हो सकता है और शनि की छाया हट सकती है और इसे पति के साथ सहवास के दोरान संभोग सुख की प्राप्ति होने लगी। पर ये पूजा नियमित जीवन भर करनी पड़ेगी। और अगर इसने पूजा को शुरू करने के दिन से एक भी दिन छोड़ना नही है चाहे कितनी तबियत खराब हो, घर के बाहर हो या कोई भी समस्या हो पूजा करनी ही पड़ेगी। पूजा से पति का प्यार बढ़ता ही जायेगा और वैसे भी ये पूजा करने में ज्यादा समय नही लगता है।
फिर मेरी मम्मी ने मेरी कुंडली दे दी। दीदी मेरी कुंडली को बहुत ध्यान से देखने के बाद दीदी बोली इसमें ग्रहों की स्थिति बहुत ही खराब है। ज्यादातर ग्रह एक दूसरे के घर में एक साथ बैठे है और एक दूसरे को कष्ट दे रहे है। मम्मी बोली दीदी आप ठीक से बताइये। तो दीदी ने कहा इसका मंगल और शनि एक साथ सातवे घर में है जिससे ये मंगली है और इसकी शादी का योग नही है अगर होगी भी तो बहुत उम्र में और उस पर भी संकट है। ये सुनकर मेरी मम्मी मेरी तरफ देखने लगी उनकी आँखों में आँसू आ गए और वो उठकर कमरे से बाहर चली गयी। मम्मी को मैने रोकने की कोशिश की तो दीदी ने मुझे टोक दिया और बोली अभी जाने दो मै तुम्हे जो बताने वाली हू वो शायद उनके सामने बोलना ठीक नही रहेगा। मैने कहा आप बताइये दीदी।
दीदी बोली तुम्हारा शुक्र और बुध ग्रह एक साथ बैठा है जिससे तुम्हारी सेक्स लाइफ को effect हो रही है। मैने कहा मतलब। दीदी बोली तुम एक से ज्यादा महिला और लड़कियों के साथ संभोग करोगे और एक दिन ऐसा भी होगा की तुम्हारा पुरुष और किन्नर या हिजडा के साथ भी संभोग होगा। जिससे तुम्हारी कुंडली में तुम्हे गुप्त रोग भी होने की स्थिति दिख रही है।
एक कहावत है पाँव के नीचे से जमीन खिसखना पर मेरी तो गांड के नीचे से जमीन खिसक गयी थी।
ये सुनकर
मै टेंसन में आ गया मैने कहा दीदी मेरी उम्र 35 की हो गयी अभि तक मैने किसी लड़की को ठीक से kiss तो छोड़ो छुआ तक नही है और आप एक से ज्यादा लड़कियों की बोल रही हो मुझे अभी तक एक भी नही मिली। ऊपर से पुरुष के साथ संभोग बता रही है। आप से कोई भूल हो रही है। दीदी बोली बेटा मै अपने मन से कुछ नही बता रही हू ये तुम्हारी कुंडली के ग्रह की स्थिति बता रही है। इसमें मै साफ साफ परस्त्री गमन और समान लिंग आकर्षण दिख रहा है।
दीदी ने दोबारा मुझसे मेरी जनम तारीख और समय पूछकर मुझे कंप्यूटर में मेरी कुंडली दिखाते हुए बोली ध्यान से देखो तुम्हारी कुंडली की 6 घर में बुध, शुक्र, राहु एक साथ है।बुध ग्रह बुद्धि, शुक्र ग्रह शक्ति, को दर्शाता है लेकिन राहु इन दोनों के साथ है जो की क्रिया के समय तुम्हारी बुद्धि खराब कर देगा और कामोत्तेजना के समय तुम्हारी बुद्धि काम नही करेगी और किसी के साथ संभोग करने के लिए आतुर हो जाओगे चाहे वो पुरुष ही क्यो ना हो। मै तुम्हारे मम्मी पापा को बहुत सालों से जानती हू वो आकर advise लेते रहे है और मेरी बात अगर झूठी निकली तो मै ये ज्योतिष का काम बंद कर दूँगी। तुम्हारी मर्जी मानो या ना मानो।
तभी मेरी मम्मी वापस आ गयी और दीदी के सामने हाथ जोड़कर बैठ गयी और बोली दीदी आप कोई उपाय बताये मेरे एक ही बेटा है इसकी शादी नही हुयी तो हमारा वंश कैसे चलेगा। दीदी बोली तो आप इसकी कोर्ट मैरिज कर दीजिये क्योकि कोर्ट मैरिज शास्तरो के हिसाब से मान्य नही है पर कानून के हिसाब से ठीक है। शादी की रसम् एक पूजा की तरह होती है तो वो कुंडली के हिसाब से होना मुश्किल है कुछ भी अनहोनी हो सकती है। मेरी मम्मी बोली नही दीदी हम रीति रिवाज से शादी करना चाहते है।
दीदी कुछ देर सोचने की बाद बोली मै आपको एक पूजा करने को बताऊंगी जिसे आप और आपको बेटे को एक साथ करना पड़ेगा और उस पूजा को पूरे विश्वास और लगन के साथ बिना किसी विघ्न के संपन करना है। जिससे इसका मंगल दोष तो मिट जायेगा और शादी में कोई संकट नही होगा।
मैने कहा कैसी पूजा दीदी, तो वो बोली नाड़ी पूजा बच्चे का जब जनम होता है तो अपनी मम्मी के पेट की नाड़ी से उसकी नाड़ी जुड़ी होती है जब डॉक्टर मम्मी और बच्चे की नाड़ी काटते है और बच्चे को मम्मी की नाड़ी सी अलग कर देते है नाड़ी कटने के समय ही सौरमंडल में घूम रहे ग्रहों की स्थिति पर बच्चे की कुंडली में ग्रहों की स्थिति बन जाती है। और नाड़ी कटने का समय ही हकीकत में जनम का समय माना जाता है। मै इस पूजा से आपके बेटे की कुंडली में स्थित शनि और मंगल ग्रह को अलग कर दूँगी जिससे दोनों का असर ठीक हो जाएगा और इसकी शादी में होने वाली रुकावट खतम हो जायेगी। मेरी मम्मी बोली बिना मुझसे पूछे बोली हम तैयार है।
दीदी बोली ठीक है फ़िर मै आपको पूजा का सामान लिखा देती हू और आप चतुर्दशी को अपने घर में सुबह दस बजे मेरा इंतजार करे। अभी आप जाए। मैने कहा दीदी आपकी फीस तो मम्मी मुझ पर चिलायी बेटे दीदी किसी से कोई पैसा नही लेती।
और हम अपने घर की ओर चल दिये, मै और मम्मी दोनों ही शांत थे। मेरे दिमाग में बस गुरु माता की पुरुष के साथ संभोग भी वाली बात सोचकर टेंसन की कारण सिर दर्द होने लगा था। मैने मम्मी को गुरु माता के घर के बाहर थोड़ा रुकने को बोला और मै अकेला वापस गुरु माता के पास आ गया।
मैने दीदी से धीरे से कहा इस पूजा के बाद मेरी राहु, बुध और शुक्र ग्रहों की स्थिति भी ठीक हो जायेगी जो आप मेरी संभोग के बारे में बता रही थी। तो दीदी बोली नही बेटा ये पूजा सिर्फ मंगल और शनि की शांति के लिए है जिससे तुम्हारे विवाह में कोई संकट ना हो। मैने कहा तो आप उसकी भी पूजा करवा दीजिये तो वो बोली सब कुछ इंसान के हाथ में नही होता है जो नियति और किस्मत में है वो होकर ही रहेगा।
हम हमेशा अपने भविष्य और आगे जिंदगी में क्या होने वाला है ये जानने के लिए हमेशा किसी ना किसी ज्योतिष और ज्ञानी के पास जाते है। पर ये नही सोचते है कि भविष्य जानने के बाद उसके बारे में सोचकर अपना present या वर्तमान भी खराब करलेते है l और वो ही सब सोचने लगते है जो हमे उस ज्योतिष और ज्ञानी ने बताया था। हमारा दिल, दिमाग, मन, में वो ही सब चलता रहता है।
"ठीक वैही ही जैसे ये हम जानते है की हम सब को एक ना एक दिन मरना है, लेकिन अगर कोई कह दे कि तीन महीने बाद मरना है तो उस दिन से तीन महीने तक हम रोज हर दिन घुट घुट कर मरते है"
ठीक ऐसी ही हालत मेरी होना शुरू हो गयी थी। मुझे रास्ते में हर आने जाने वाले स्त्री और पुरुष को देखकर वासना भरे विचार आने लगे थे। तभी रास्ते में मुझे एक लगभग बीस साल का लड़का पेशाब करते हुए दिखा ना जाने क्यो मेरे अंदर से उसको देखने की ललक होने लगी मेरी मोटरसाइकल जैसे जैसे उसके करीब पहुँच रही थी मेरी उत्तेजना बढ़ रही थी। मै उससे आगे निकल गया और साइड ग्लास में उसको देखता रहा वो लड़का पेशाब करने के बाद अपना लंड हिलाता हुआ अपनी पेंट में अंदर कर रहा था। मेरा लंड खड़ा होने लगा था। मै आगे निकल गया और आधे घँटे बाद अपने घर पहुँच गए।