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Adultery एक चौथाई इश्क एक तिहाई बदला

कहानी का पहला भाग खत्म हों गया तो पुराने पाठक अब ये बताइए , कहानी का कौन सा भाग शुरू करूं ?


  • Total voters
    28
  • Poll closed .

parkas

Well-Known Member
32,177
69,150
303
#गताँक से आगे

उस दीवार पर सिर्फ अजिंक्य और अजिंक्य से आशी की मुलाकात की तस्वीरे थी। हर एक मुलाकात की तस्वीरे थी । कुछ तस्वीरे ऐसी भी थी जिनका खुद अजिंक्य को भी पता नहीं था कि वो कब ली गई है । न जाने क्या सोच कर उठा और दीवार के नीचे लगी अलमारी खोला । और आश्चर्य दुगुना हो गया । वही जमीन पर बैठ गया और उसमे रखे समान देखने लगा । अजिंक्य के द्वारा दिए पहले पीले फूल से ले कर उसकी आखिरी सफेद शर्ट तक वहा थी । वो टिफिन था जिसमे वो आशी के लिए खाना लाया था ,वो चॉकलेट्स जो वो आशी के लिए ले जाता था , वो कान का झुमका भी था जो कभी रोड किनारे से खरीदा था ,यहां तक कि वो चाय के डिस्पोजल कप भी रखे थे जिसमे आशी के साथ अजिंक्य ने चाय पी थी । हर एक चीज रखी हुई थी जिसके वजह से अजिंक्य हैरानी के समुद्र में डूबता जा रहा था । तभी आशी बाथरूम से बाहर आई । एकदम नग्न अवस्था में थी। बदन पर पानी की बूंदे अभी भी ठहरी हुई थी । हल्के घुंघराले बाल गीले थे । गुलाबी होंठो पे पानी चमक रहा था । चूचियों पर दांत के निशान अभी तक थे । कमर का जानलेवा कटाव और हल्के बाल वाली चूत जिसके होंठ अब खुल चुके थे । अजिंक्य को ऐसे दीवार और अलमीरा के सामने बैठ आशी मुस्कुरा उठी और आ कर अजिंक्य के गोद में बैठ गई और उसके होंठ चूम लिए ।

अजिंक्य - तुम मुझसे शुरू से ही इतना प्यार करती थी। और मैं बेवकूफ कभी इस चीज को समझ नही पाया ।

आशी : नही न बाबू ,तुम बेवकूफ नहीं ,तुम बस मेरी जान हो । मै तुम्हारे लिए पागल हूं । तुम्हारे प्रेम में पागल हूं । तुम्हारे इश्क में मर भी सकती हूं दुबारा और अब किसी को भी मार सकती हूं

अजिंक्य के आंखो में आशी के ऐसी बातें सुन कर आंसू आ गए थे फिर भी वो आशी को ठीक से अपने झांघों के ऊपर से अपने लंड के ऊपर बैठा हुआ बोला

" बस अब कोई नही मरेगा , बस मरेंगे वो सब जिनके वजह से हमे भुगतना पड़ा है । हम बस प्यार करेंगे और खुश रहेंगे ।"

ये कह कर अजिंक्य आशी को चूमने लगा । पहले ऊपर वाले होंठ को चूसा फिर नीचे वाले होंठ को चूसने और काटने लगा ।आशी के होंठ सूज गए थे अजिंक्य केनाइस होंठ चुसाई से ।लेकिन फिर भी वो किस करते रहे । धीरे से अजिंक्य के गले में चूमने चाटने लगा और कहीं कहीं धीरे से काट भी देता था। और आशी के मुंह से सिर्फ कामुक आवाज़ें ही निकल रही थी । फिर आशी ने अजिंक्य का सर अपनी चूंचियों को तरफ धकेला तो अजिंक्य इशारा समझ गया । वहीं जमीन पर आशी को लिटा कर उसकी चूंचियों पर झुक गया । एक हाथ से एक चुचीनौर निप्पल को मसल रहा था और दूसरी चूंची के निप्पल को चूस रहा था । आशी की आवाज अब थोड़ा तेज होने लगी थी । आशी के धीरे से अजिंक्य के कानो में कहा " अब चोदो मुझे "

ये सुनते ही अजिंक्य उठा और अपनी शर्ट और पैंट निकाल कर नंगा हो गया और आशी को डॉगी स्टाइल में करके उसके पीछे आ कर पहले अपने लंड पर thook लगाया और फिर थूक ले कर आशी की चूत में लगाया। आशी की चूत तो पहले से पानी छोड़ रही थी तो वो चिकनी हो गई थी । लंड को चूत के मुहाने पे टिकाया और एक झटके में जड़ तक लंड अंदर डाल दिया । आशी की जोरदार चीख निकली ।चीख इतनी जोर की थी शायद पूरे घर में सुनाई दे होगी। फिर अजिंक्य जल्दी जल्दी मगर पूरी ताकत से धक्के मारने में लगा गया । वहीं आशी बस अब मजे से धक्के लगव रही थी । कुछ देर में उनका पानी छूट गया और दोनो वही जमीन पर पड़े हांफने लगे । कुछ देर में जब दोनो की सांसे ठीक हुई तो दोनो उठ कर बिस्तर पर लेट गए एक दूसरे से चिपक कर ।

अजिंक्य : एक बात बताओ आशी

आशी : हम्म्म पूछो

अजिंक्य : पहले तो तुम इतनी अमीर नही थी । इन सालों में ऐसा क्या हुआ जो तुम इतनी अमीर हो गई ।

आशी : बाबू दो साल नही सिर्फ ९ महीने ।

अजिंक्य : हां ठीक है ९ महीने । ऐसा क्या छुपा खजाना पा लिया

आशी : मेरी जान तुम भूल गए शायद मैं एक यक्षणी हू । और ये मेरा काम ही है । जो मुझे साधता है मैं उसे हर रोज कुछ मात्रा में स्वर्ण और काम सुख देती हू । पर यहां तो मैं खुद इस जिस्म और इस आत्मा से जुड़ गई हूं तो मेरा तो ये करना बनता ही है । लेकिन अब इन सब पर आपका सिर्फ आपका अधिकार है मेरी सरकार ।

अजिंक्य : हम्म्म अच्छा ।

आशी : और आज रात तैयार रहना । आज रात हम तंत्र संभोग करेंगे और मैं तुम्हे अपनी शक्ति का कुछ अंश भी दूंगी ।

अजिंक्य : नही बाबू मुझे कुछ नही चाहिए ,बस तुम मिल गई । अब किसी चीज की जरूरत नही ।

आशी : अब तो मैं आपके साथ मरणोपरांत भी रहूंगी और मैं आपकी हू तो मेरी हर एक वस्तु पर आपका अधिकार है । और मेरा आपके ऊपर ।

अजिंक्य : अच्छा ये छोड़ो , अब आगे क्या करना है । हम अपना बदला कैसे लें ।

आशी : सरकार ,कदम धीमे धीमे बढ़ाओगे तो बदला लेने में मजा आयेगा । यूं एकदम तेजी से बढ़ोगे तो सब खराब हो जायेगा । पहले उनकी शक्तियों ,उनकी पहुंच उनके रसूख को खत्म करना है हमे ।उसके बाद जब वो एकदम अकेले हो जायेंगे तब उन्हें मारेंगे ।

अजिंक्य : बाबू मानना पड़ेगा तुम् में दिमाग बहुत तगड़ा है ।

और ये कह कर अजिंक्य ने वापस आशी के होंठो पर किस कर दी और उसकी चूत में एक उंगली डाल कर धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा ।




to be continued
Nice and lovely update....
 

A.A.G.

Well-Known Member
9,638
20,452
173
#गताँक से आगे

उस दीवार पर सिर्फ अजिंक्य और अजिंक्य से आशी की मुलाकात की तस्वीरे थी। हर एक मुलाकात की तस्वीरे थी । कुछ तस्वीरे ऐसी भी थी जिनका खुद अजिंक्य को भी पता नहीं था कि वो कब ली गई है । न जाने क्या सोच कर उठा और दीवार के नीचे लगी अलमारी खोला । और आश्चर्य दुगुना हो गया । वही जमीन पर बैठ गया और उसमे रखे समान देखने लगा । अजिंक्य के द्वारा दिए पहले पीले फूल से ले कर उसकी आखिरी सफेद शर्ट तक वहा थी । वो टिफिन था जिसमे वो आशी के लिए खाना लाया था ,वो चॉकलेट्स जो वो आशी के लिए ले जाता था , वो कान का झुमका भी था जो कभी रोड किनारे से खरीदा था ,यहां तक कि वो चाय के डिस्पोजल कप भी रखे थे जिसमे आशी के साथ अजिंक्य ने चाय पी थी । हर एक चीज रखी हुई थी जिसके वजह से अजिंक्य हैरानी के समुद्र में डूबता जा रहा था । तभी आशी बाथरूम से बाहर आई । एकदम नग्न अवस्था में थी। बदन पर पानी की बूंदे अभी भी ठहरी हुई थी । हल्के घुंघराले बाल गीले थे । गुलाबी होंठो पे पानी चमक रहा था । चूचियों पर दांत के निशान अभी तक थे । कमर का जानलेवा कटाव और हल्के बाल वाली चूत जिसके होंठ अब खुल चुके थे । अजिंक्य को ऐसे दीवार और अलमीरा के सामने बैठ आशी मुस्कुरा उठी और आ कर अजिंक्य के गोद में बैठ गई और उसके होंठ चूम लिए ।

अजिंक्य - तुम मुझसे शुरू से ही इतना प्यार करती थी। और मैं बेवकूफ कभी इस चीज को समझ नही पाया ।

आशी : नही न बाबू ,तुम बेवकूफ नहीं ,तुम बस मेरी जान हो । मै तुम्हारे लिए पागल हूं । तुम्हारे प्रेम में पागल हूं । तुम्हारे इश्क में मर भी सकती हूं दुबारा और अब किसी को भी मार सकती हूं

अजिंक्य के आंखो में आशी के ऐसी बातें सुन कर आंसू आ गए थे फिर भी वो आशी को ठीक से अपने झांघों के ऊपर से अपने लंड के ऊपर बैठा हुआ बोला

" बस अब कोई नही मरेगा , बस मरेंगे वो सब जिनके वजह से हमे भुगतना पड़ा है । हम बस प्यार करेंगे और खुश रहेंगे ।"

ये कह कर अजिंक्य आशी को चूमने लगा । पहले ऊपर वाले होंठ को चूसा फिर नीचे वाले होंठ को चूसने और काटने लगा ।आशी के होंठ सूज गए थे अजिंक्य केनाइस होंठ चुसाई से ।लेकिन फिर भी वो किस करते रहे । धीरे से अजिंक्य के गले में चूमने चाटने लगा और कहीं कहीं धीरे से काट भी देता था। और आशी के मुंह से सिर्फ कामुक आवाज़ें ही निकल रही थी । फिर आशी ने अजिंक्य का सर अपनी चूंचियों को तरफ धकेला तो अजिंक्य इशारा समझ गया । वहीं जमीन पर आशी को लिटा कर उसकी चूंचियों पर झुक गया । एक हाथ से एक चुचीनौर निप्पल को मसल रहा था और दूसरी चूंची के निप्पल को चूस रहा था । आशी की आवाज अब थोड़ा तेज होने लगी थी । आशी के धीरे से अजिंक्य के कानो में कहा " अब चोदो मुझे "

ये सुनते ही अजिंक्य उठा और अपनी शर्ट और पैंट निकाल कर नंगा हो गया और आशी को डॉगी स्टाइल में करके उसके पीछे आ कर पहले अपने लंड पर thook लगाया और फिर थूक ले कर आशी की चूत में लगाया। आशी की चूत तो पहले से पानी छोड़ रही थी तो वो चिकनी हो गई थी । लंड को चूत के मुहाने पे टिकाया और एक झटके में जड़ तक लंड अंदर डाल दिया । आशी की जोरदार चीख निकली ।चीख इतनी जोर की थी शायद पूरे घर में सुनाई दे होगी। फिर अजिंक्य जल्दी जल्दी मगर पूरी ताकत से धक्के मारने में लगा गया । वहीं आशी बस अब मजे से धक्के लगव रही थी । कुछ देर में उनका पानी छूट गया और दोनो वही जमीन पर पड़े हांफने लगे । कुछ देर में जब दोनो की सांसे ठीक हुई तो दोनो उठ कर बिस्तर पर लेट गए एक दूसरे से चिपक कर ।

अजिंक्य : एक बात बताओ आशी

आशी : हम्म्म पूछो

अजिंक्य : पहले तो तुम इतनी अमीर नही थी । इन सालों में ऐसा क्या हुआ जो तुम इतनी अमीर हो गई ।

आशी : बाबू दो साल नही सिर्फ ९ महीने ।

अजिंक्य : हां ठीक है ९ महीने । ऐसा क्या छुपा खजाना पा लिया

आशी : मेरी जान तुम भूल गए शायद मैं एक यक्षणी हू । और ये मेरा काम ही है । जो मुझे साधता है मैं उसे हर रोज कुछ मात्रा में स्वर्ण और काम सुख देती हू । पर यहां तो मैं खुद इस जिस्म और इस आत्मा से जुड़ गई हूं तो मेरा तो ये करना बनता ही है । लेकिन अब इन सब पर आपका सिर्फ आपका अधिकार है मेरी सरकार ।

अजिंक्य : हम्म्म अच्छा ।

आशी : और आज रात तैयार रहना । आज रात हम तंत्र संभोग करेंगे और मैं तुम्हे अपनी शक्ति का कुछ अंश भी दूंगी ।

अजिंक्य : नही बाबू मुझे कुछ नही चाहिए ,बस तुम मिल गई । अब किसी चीज की जरूरत नही ।

आशी : अब तो मैं आपके साथ मरणोपरांत भी रहूंगी और मैं आपकी हू तो मेरी हर एक वस्तु पर आपका अधिकार है । और मेरा आपके ऊपर ।

अजिंक्य : अच्छा ये छोड़ो , अब आगे क्या करना है । हम अपना बदला कैसे लें ।

आशी : सरकार ,कदम धीमे धीमे बढ़ाओगे तो बदला लेने में मजा आयेगा । यूं एकदम तेजी से बढ़ोगे तो सब खराब हो जायेगा । पहले उनकी शक्तियों ,उनकी पहुंच उनके रसूख को खत्म करना है हमे ।उसके बाद जब वो एकदम अकेले हो जायेंगे तब उन्हें मारेंगे ।

अजिंक्य : बाबू मानना पड़ेगा तुम् में दिमाग बहुत तगड़ा है ।

और ये कह कर अजिंक्य ने वापस आशी के होंठो पर किस कर दी और उसकी चूत में एक उंगली डाल कर धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा ।




to be continued
nice update..!!
aashi ka beintaha pyaar dekhkar ajinkya ki aankhon se aansu aagaye..ab ajinkya kabhi ashi ko akele nahi chhodega..ajinkya ki achhayi idhar dikh jati hai ki usko koi shakti nahi chahiye aashi se bas aashi ka sath chahiye..ab dekhte hai yeh tantra sambhog kya chiz hai..!! ajinkya ke dil ko dukh pahoch raha hoga ki kyun usne pehle hi aashi ka pyaar accept nahi kiya..agar karta toh aaj uske maa baap zinda hote..lekin ab kar hi kya sakte hai ab sabka hisaab hoga..!! unn 3 saalo me se 2 saal ke baad aashi ke andar yakshini aagayi thi lekin aashi ke paas paise aane ka reason samajh nahi aaya..!!
 
Last edited:

Innocent_devil

Evil by heart angel by mind 🖤
980
2,407
139
waiting for next update..!!
Kisi update me maine ye clear kiya tha k koi saadhak agar yakshini siddh kar leta hai to yakshini use daily kuch gold aur kaam sukh deti hai .

Par yaha yakshini khud ashi ki aatma se bandh chuki hai to wo ashi ko kya kuch nahi de sakti hai . Bas ye ameeri yakshini ke wajah se aayi hai
 

Innocent_devil

Evil by heart angel by mind 🖤
980
2,407
139
#गताँक से आगे

" नही , रुको रुको मुझे मत मारो प्लीज "

सामने से अजिंक्य को ४ आदमी घेर में खड़े थे ,सभी के हाथ में बेसबॉल वाला स्लैगर था । अजिंक्य को जगह जगह चोट लगी हुई थी ,खून बह रहा था

" तुझे जान से मार देंगे , इस बार तुझे पानी में नही फेंकेंगे , काट कर जमीन में गाड़ देंगे हाहहहह "

एक आदमी के हंसने के साथ ही बाकी लोग भी हंसने लगे और धीरे धीरे। वो लोग आगे बढ़ने लगे और अजिंक्य अपने कदम पीछे हटाने लगा ।लेकिन पीछे जाता भी कहा ,उसकी पीठ दीवार से लगी । तभी उसको एक तेज दर्द की लहर महसूस हुई पेट में ,उसके पेट में हाथ लगाया तो वहां एक लंबे फल वाला चाकू था ,जो दूसरे आदमी ने घुसाया हुआ था । आदमी ने चाकू को पेट के अंदर ही मोड़ा और बाहर निकाल लिया , बाहर आते ही चाकू के साथ अजिंक्य की आतें बाहर आ गई और साथ में देर सारा खून , अजिंक्य बैठ चुका था नीचे । तभी तीसरे आदमी ने एक रॉड अजिंक्य के पसली पर मार दी , लगा की अब अजिंक्य की मौत हो जाएगी । पर अभी तक मरा नहीं था ।
अजिंक्य मन में सोचा

" मेरी शक्तियां क्यू नही काम कर रही ,क्या हुआ इन्हे । मै ध्यान भी नही लगा पा रहा हू "

इतना सोच ही रहा था कि पीठ में कुछ तेज दर्द महसूस हुआ , दूसरे आदमी ने वापस अपना चाकू अजिंक्य की पीठ में घुसा दिया था ।

पहला आदमी : इसको ऐसे नही मारना है ,मालकिन ने कहा है कि मरने के पहले ये मौत के लिए तड़पे

दूसरा आदमी : हां सही कहा , इसकी लुगाई को ले कर आ

फिर दो आदमी चले जाते है और घसीट कर आशी का शरीर ले आते है । अजिंक्य ने अपनी डूबती आंखो से देखा कि ये हैवान आशी को घसीट कर ला रहे है । जगह जगह से आशी के बदन से खून रिस रहा था । उसकी सांसे भी डूब रही थी अब । उन आदमियों ने ला कर आशी के बदन को अजिंक्य के सामने रख दिया । अजिंक्य घिसट कर आशी के पास पहुंचा। ,और उसके गाल थपथपाने लगा

अजिंक्य : बाबू उठो उठो ,देखो मैं अजिंक्य ,मै तुम्हे कुछ नही होने दूंगा ,मै अभी तुम्हे हॉस्पिटल ले चलता हूं ।

अजिंक्य खड़ा होने लगा तो उन चारो में से एक आदमी ने अजिंक्य को लात मार कर वापस गिरा दिया । अजिंक्य घुटनो के बल बैठ उनके सामने हाथ जोड़ कर रोते हुए बोला

" प्लीज मुझे हॉस्पिटल ले जाने दो , ये मर जायेगी , प्लीज मै तुम्हारे सामने हाथ जोड़ता हू । जो कहोगे वो करूंगा । प्लीज ले जाने दो "

चारों आदमी हंस रहे थे , उनमें से एक ने फिर अजिंक्य को लात मार कर गिरा दिया

" प्लीज मुझे जाने दो । एक बार हॉस्पिटल ले जाने दो , मै वादा करता हू ,में वापस आऊंगा तुम मुझे जान से मार देना । पर प्लीज मुझे इसे बचा लेने दो प्लीज हाथ जोड़ता हू तुम लोगो के "

अजिंक्य बेतहाशा रो रहा था । उन चारो में से एक आदमी आगे बढ़ा ,आशी के जिस्म की ओर । अपना लंबे फल वाला चुका निकाला और चाकू का अगला सिरा आशी की चूत में अंदर तक डाला , आशी दर्द के वजहबसे बहुत चिल्लाई , उसकी चीख इस शांत मौसम में बहुत दूर तक गई होगी । और इसके साथ अजिंक्य भी चिल्लाया और उठने लगा तो बाकी के आदमियों ने उसे पकड़ लिया । पहला आदमी अपना चाकू धीरे धीरे ऊपर ला रहा था । उसका चाकू चूत से अंदर से काटता हुआ ऊपर तक आ रहा था । और ऐसे करते हुए कुछ ही देर में वो आदमी अपना चाकू आशी के गले तक ले आया । आशी एक बार और चिल्ला कर मर गई । अजिंक्य उसकी लाश को पकड़ कर रो रहा था । दहाड़े मार रहा था । उसके आंसू अब खून बन कर निकल रहे थे । आज वो अपना सब कुछ खो दिया था । तभी एक गोली के शोर ने सबको अपनी ओर खींचा। और गोली जा कर लगी सीधे अजिंक्य के दिल में । अजिंक्य अपना सीना पकड़ कर लेटता चला गया और बोलता रहा

" इसे खत्म मत समझना अंशुल ,मै वापस आऊंगा । और तुम्हारे प्यार खानदान को तड़पा कर मारूंगा ,जैसे मैं आज तड़पा हू ,मै वापस आऊंगा , i will be back motherfuckers , i will be back "
 

parkas

Well-Known Member
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#गताँक से आगे

" नही , रुको रुको मुझे मत मारो प्लीज "

सामने से अजिंक्य को ४ आदमी घेर में खड़े थे ,सभी के हाथ में बेसबॉल वाला स्लैगर था । अजिंक्य को जगह जगह चोट लगी हुई थी ,खून बह रहा था

" तुझे जान से मार देंगे , इस बार तुझे पानी में नही फेंकेंगे , काट कर जमीन में गाड़ देंगे हाहहहह "

एक आदमी के हंसने के साथ ही बाकी लोग भी हंसने लगे और धीरे धीरे। वो लोग आगे बढ़ने लगे और अजिंक्य अपने कदम पीछे हटाने लगा ।लेकिन पीछे जाता भी कहा ,उसकी पीठ दीवार से लगी । तभी उसको एक तेज दर्द की लहर महसूस हुई पेट में ,उसके पेट में हाथ लगाया तो वहां एक लंबे फल वाला चाकू था ,जो दूसरे आदमी ने घुसाया हुआ था । आदमी ने चाकू को पेट के अंदर ही मोड़ा और बाहर निकाल लिया , बाहर आते ही चाकू के साथ अजिंक्य की आतें बाहर आ गई और साथ में देर सारा खून , अजिंक्य बैठ चुका था नीचे । तभी तीसरे आदमी ने एक रॉड अजिंक्य के पसली पर मार दी , लगा की अब अजिंक्य की मौत हो जाएगी । पर अभी तक मरा नहीं था ।
अजिंक्य मन में सोचा

" मेरी शक्तियां क्यू नही काम कर रही ,क्या हुआ इन्हे । मै ध्यान भी नही लगा पा रहा हू "

इतना सोच ही रहा था कि पीठ में कुछ तेज दर्द महसूस हुआ , दूसरे आदमी ने वापस अपना चाकू अजिंक्य की पीठ में घुसा दिया था ।

पहला आदमी : इसको ऐसे नही मारना है ,मालकिन ने कहा है कि मरने के पहले ये मौत के लिए तड़पे

दूसरा आदमी : हां सही कहा , इसकी लुगाई को ले कर आ

फिर दो आदमी चले जाते है और घसीट कर आशी का शरीर ले आते है । अजिंक्य ने अपनी डूबती आंखो से देखा कि ये हैवान आशी को घसीट कर ला रहे है । जगह जगह से आशी के बदन से खून रिस रहा था । उसकी सांसे भी डूब रही थी अब । उन आदमियों ने ला कर आशी के बदन को अजिंक्य के सामने रख दिया । अजिंक्य घिसट कर आशी के पास पहुंचा। ,और उसके गाल थपथपाने लगा

अजिंक्य : बाबू उठो उठो ,देखो मैं अजिंक्य ,मै तुम्हे कुछ नही होने दूंगा ,मै अभी तुम्हे हॉस्पिटल ले चलता हूं ।

अजिंक्य खड़ा होने लगा तो उन चारो में से एक आदमी ने अजिंक्य को लात मार कर वापस गिरा दिया । अजिंक्य घुटनो के बल बैठ उनके सामने हाथ जोड़ कर रोते हुए बोला


" प्लीज मुझे हॉस्पिटल ले जाने दो , ये मर जायेगी , प्लीज मै तुम्हारे सामने हाथ जोड़ता हू । जो कहोगे वो करूंगा । प्लीज ले जाने दो "

चारों आदमी हंस रहे थे , उनमें से एक ने फिर अजिंक्य को लात मार कर गिरा दिया

" प्लीज मुझे जाने दो । एक बार हॉस्पिटल ले जाने दो , मै वादा करता हू ,में वापस आऊंगा तुम मुझे जान से मार देना । पर प्लीज मुझे इसे बचा लेने दो प्लीज हाथ जोड़ता हू तुम लोगो के "

अजिंक्य बेतहाशा रो रहा था । उन चारो में से एक आदमी आगे बढ़ा ,आशी के जिस्म की ओर । अपना लंबे फल वाला चुका निकाला और चाकू का अगला सिरा आशी की चूत में अंदर तक डाला , आशी दर्द के वजहबसे बहुत चिल्लाई , उसकी चीख इस शांत मौसम में बहुत दूर तक गई होगी । और इसके साथ अजिंक्य भी चिल्लाया और उठने लगा तो बाकी के आदमियों ने उसे पकड़ लिया । पहला आदमी अपना चाकू धीरे धीरे ऊपर ला रहा था । उसका चाकू चूत से अंदर से काटता हुआ ऊपर तक आ रहा था । और ऐसे करते हुए कुछ ही देर में वो आदमी अपना चाकू आशी के गले तक ले आया । आशी एक बार और चिल्ला कर मर गई । अजिंक्य उसकी लाश को पकड़ कर रो रहा था । दहाड़े मार रहा था । उसके आंसू अब खून बन कर निकल रहे थे । आज वो अपना सब कुछ खो दिया था । तभी एक गोली के शोर ने सबको अपनी ओर खींचा। और गोली जा कर लगी सीधे अजिंक्य के दिल में । अजिंक्य अपना सीना पकड़ कर लेटता चला गया और बोलता रहा

" इसे खत्म मत समझना अंशुल ,मै वापस आऊंगा । और तुम्हारे प्यार खानदान को तड़पा कर मारूंगा ,जैसे मैं आज तड़पा हू ,मै वापस आऊंगा , i will be back motherfuckers , i will be back "
Nice and lovely update....
 
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